Maverick_Sam bhai kya gazab likhte ho.... aaj hi last update tak padha... aap ke waade ke mutabik.... waqai lode pe se haath nahi hata paya..... aur saath mein hasi bhi khub aayi...ईतनी भोली है गुड़िया मादरचोद के हर कोई बहला फुसला जाता है..सच मे !
रमा: "क्या...!!! तो गुड़िया पर तो गुस्सा फूटा होगा आपका उसके तरन्त बाद..!!"
NP: "मत पूछो रमा...उस दिन तो मेरा पारा चढ़ा हुआ था...गुड़िया मोबाइल चार्जिंग पर लगा कर पड़वा में गयी हुई थी तो मैं डंडा ले कर उसका वेट कर रही थी...उतने में वो कमीना मजीठिया फोन पर फोन कर रहा था क्योके मुझे जाना था उसके क्लीनिक उस दिन...मैं जब बोली मैं नही आऊंगी तब उसने फोन पर उस चटर्जी लड़के के बारे में कुछ नया बताने का बोला अगर मैं क्लीनिक पहुच कर उसका लौड़ा चूस दु तो...मैं भागी-भागी गयी और दो बार अपना पानी मेरे मुंह पर उड़ेलने के बाद वो हरामी मुस्कुराते हुए बोला के गुड़िया भी तीन बार उसके क्लीनिक आयी थी उस चटर्जी लड़के के साथ बच्चा गिरवाने..!!!"
रमा: "ओह... माँ-बेटी दोनों एक लन्ड से गाभिन हुई..बहुत बुरा हुआ भाभी सच मे आपके साथ..!!"
N P: गुस्से में "अरे नही रमा...जब घर आकर मैंने गुड़िया को नंगा करके पीटा तब उसने बताया कि लड़के ने तो केवल एक ही बार उसको प्रेग्नेंट किया...2 बार तो गुड़िया ने उसके बाप का बच्चा गिरवाया हुआ था...!!! उस दिन हम माँ-बेटी दोनों एक दूसरे से लिपट कर रोये और तय किया कि उससे अब कोई रिश्ता नही रखना आगे से..!!!"
ईस्की माँ का...सबको बांटो और हमको डाँटो..???
अपडेट#23
उस गुजराती हरामन की चूत इन सब के बीच बिल्कुल लसलसा गयी थी और जैसे चूतरस तो जैसे कल्लू हलवाई के गुलाबजामुन पर से चाशनी जैसा भ रहा था...रमा देखी और मन्द मन्द मुस्काते हुए बोली
R: "ओहहो देखिये तो भाभी की मुनिया मुई पूरा फर्श गन्दा कर रही है खट्टी-चटनी टपका-टपका के...अभी पोंछा लगाया था वापस से लगाना पड़ेगा....चलिए भाभी उठिए और बाथरूम जा कर पानी उडेलिये अपनी भट्टी में...!!"
निराली भाभी का मुंह ऐसा बन गया जैसे कि बिल्ली के पैर पर रिक्शा चढ़ गया हो...और दयनीय भाव से रमा के आगे आखिरकार गिड़गिड़ाई अपनी लाज को गधे की गाँड़ में डाल कर
NP : "रमा...प्लीज़ यार...मुझे चुदना है इनसे...अब नही रहा जा रहा...पहली बार ऐसा इतने बड़े लन्ड वाला दमदार चोदू मिला है जो पूरी बेरहमी से निचोड़ लें और रगड़ दे...प्लीज़ चुदवा दो मुझे इनसे....तुम्हारे नाम का प्रशाद चढ़ाऊंगी अपने ठाकुर जी को कसम से...पूरे ₹21 का...!!! "
रमा मन ही मन विजयी भावना से मुस्कुराई की चलो ऐसी हरामन ऐसे अपनी खोखली इज़्ज़त को ताक पर रख कर उसके आगे मिन्नतें कर रही चुदने के लिए..!
R: "एक बार चुदाई शुरू होगी तो पीछे तो नही हटोगी भाभी...?? क्या है कि मेरे साहब का असल मे बड़ी देर से निकलता है माल...बताए देती हूं...वरना दोष मुझे ही दोगी की रमा तूने बताया नही..!!"
NP : आशा की किरण देख के खुशी और उतावलेपन से "अरे नही नही रमा...जितना देर निचोड़ेंगे उतना ही अच्छा है मेरा तो...वरना आजकल तो जो मिलता है 2-4 मिनट में ही झड़ जाता है मेरी गरम मुनिया में...चाहे जैसे चोदे ये में ना पीछे हटने वाली कसम से..!!!"
R: एक कुटिल मुस्कान के साथ "हम्म...चाहे जैसे हाँ... सोच लो अभी भी...और अगर पीछे हटी और निकालने को बोली तो क्या दोगी ये बताओ..??"
NP : "अगर जो हार मानी तो तुझे एक नया लहंगा-चोली सिल्वा दूंगी अगले डांडिया से पहले..!! कसम से..!!" ये सुन रमा खुशी से झूम उठी..!
इसकी माँ के लहंगा-चोली में भूत नाचे...इस बन्दरबांट में खुद को चूतिया बनते देख देख मैं भी लौड़ा हिलाते हुए बोल पड़ा
मैं: "अच्छा...रमा को लहंगा चोली और मुझे क्या मिलेगा..???"
NP : इतराते हुए "अरे आपको तो अपनी सबसे बेशकीमती खजाना दे रही हूं...अपनी इज़्ज़त..!!"
गधे की गाँड़....बहनचोद चौराहे के भंडारे में कई बार चल चुकी झूठी पत्तल पर खीचड़ा परोस के खजाना बोल रही मां की लौड़ी...!!
रमा मेरे मुख पर आए हुए फ़टी दूध की चाय जैसी अभिव्यंजना को भांप गयी और तपाक से बोल पड़ी..
R: "हाय हाय भाभी...ऐसा कैसे...आपकी इज़्ज़त तो वो मुयाँ चौकीदार, उसका बेटा, आपके देवर और पता नही कितने दर्जनों में पहले ही बंट चुकी....आखिरकार इतने इज़्ज़तदार घर के मेरे साहब सारी मेहनत करेंगे और उनको आपको हार मनाने पर कुछ सही में बेशकीमती मिलना चाहिए....!!!"
NP: "तो क्या दू बोलो...?? एक काम करती हूं...1 किलो रबड़ी और अपनी गाय का 5 लीटर दूध भिजवाती हु इनको...आखिरकार अपनी मलाई पर मलाई जो खरचेंगे मुझ पर..!" बोल कर खिलखिला के हंस दी बहन की लौड़ी...!
अब ये चूत न हुई ब्लड-बैंक हो गया...जो मलाई के बदले दूध मिलेगा मादरचोद...!
R: "ये तो आप देंगी ही...पर असल इनाम में एक नई चूत दिलाइये इनको तब कुछ बात बनेगी..!!" बोल कर मेरी तरफ देख मुस्काई..
मन ही मन निश्चय कर लिया तभी की 2 हजार की माँ चोद कर कल ही दिलाना है रमा को नई साड़ी और फिनफिने कपड़े वाला जालीदार ब्लाउज़...!! कितना ख्याल रखती है मेरा..!
NP : "हाँ हाँ... क्यो नही...1 नही 2 दिलाऊंगी इनको...एक तो कल ही जेठानी आ रहीं है...जेठ जी रिटायरमेंट के बाद से कुछ नही कर पाते सो बेचारी का हरा-भरा हो जाएगा...कल् ही दिलाती हु...बस थोड़ा गठिया शुरू हुआ है न उनको तो थोड़ा आराम से चढ़ना उन पर..बस पैर थोड़ा देख कर फैलाना..वो अभी पिछले साल ही बवासीर का ऑपरेशन भी करवाया है उन बेचारी ने...!"
अब मादरचोद यही दिन बचा है कि गठिया, बवासीर और पता नही क्या सम्भालता फिरू...कल् को फोड़े-फुंसी भरी बुर वाली भी ले कर आएगी ये बहन की लौड़ी..???
R: "अरे कहा उनको अब इस ढलती उमर में गन्ने की सवारी कराने पर तुली हो भाभी...कम से कम 58-60 की होंगी...उनके तो आधा-एक किलो का लौकी-बैंगन ही अब काम का है...और इनके बेरहम झटकों से कही उन बेचारी के कूल्हे की हड्डी सरक-वरक गयी तो और झेलो फिर...इनके लिए तो करारा जवान माल चाहिए..!"
NP: कुछ सोच कर "हम्म...चलो वो गुप्ताइन की दिलाती हु...वो भी बेचारी अपने देवर के हवाई फायर से ऊब गयी है..!"
हवाई-फायर...ये लौडू की एयरगन तो हर चौक-चौराहे पर प्रसिद्ध है बहनचोद..! अपने बायो-डेटा में लिखवाए फिरता है क्या..???
R: तपाक से "अरे वो तो ऐसे ही लार टपकाती है मेरे साहब को देख कर...कमीनी उस दिन वो दूसरे माले वाली सहेली से बोल भी रही थी सुना मैंने की सुबह अखबार उठाते समय इनके नीले चड्ढ़े के उपर से मोटे लम्बे खीरे जैसा देखा है उन्होंने कई बार अपनी किचन की खिड़की से...! बेशर्म कंही की..और ये भी कम नही है...ये नही की एक अच्छा सा पटरेदार ढीला कच्छा पहना करे... पंहुच जाए हैं उस मुई छोटी सी नीली चड्डी नुमा चीज़ को पहन के जगदिखाई करवाने..!" बोल कर मेरी ओर कुछ हल्के गुस्से से देखी...
अब ये कब हुआ मादरचोद...??? बताता हूं उस गुप्ताइन बहन की लौड़ी को किसी दिन...बहुत शौक हैं ना खिड़की से छुप कर झांकने का...कल सुबह लौड़ा बाहर लटकाए लेता हूं अखबार..!!और वो नीली चड्ढीनुमा चीज़ को बॉक्सर कहते है..!!
R: "वो तो ऐसे ही दे देंगी इनको...दिलाना है तो सही में कुछ बेशकीमती दिलवाओ आप इनको अपनी हार के हर्जाने में..!!"
NP: "अब क्या सील पैक दिलवाऊ इनको...देखो इनका ये कलाई भर मोटा गधे जैसा सामान... फाड़ के खून-खराबा कर डालेंगे किसी कुंवारी को..!!"
R: कुछ गहन चिंतन में सँगलग्न हो कर "हम्म...बात तो सही है आपकी..." मेरे इधर-उधर झूलते मुंह फुलाये बाबूराव को देखते हुए "इनके लिए खेली-खाई ही चाहिए कोई..!"
NP: "वही तो...मेरी मानो जेठानी जी ही सही रहेंगी..4 बच्चे निकाल चुकी है..आराम से ले लेंगी अंदर..!!"
अबे पेलना हैं.....अंदर बैठ कर ताश नही खेलना..!!!
R: "ऐसा है...अब जब आपको इतना ही भरोसा है अपनी कामशक्ति पर भाभी...तो फिर शर्त को थोड़ा और आकर्षक बनाते हैं...!!"
NP: "अरे जल्दी बोल बहन...मैं तैयार हूं...बता..!!"
R: "तो फिर सुनिए...अगर आप हर मान गयी और बस करने के लिए बोलीं....तो फिर 1 किलो रबड़ी और 5 लीटर दूध लेकर गुड़िया को भेज देना..!"
निराली भाभी का यह सुन कर गाँड़ में विस्फोट हो गया....!!!
NP: "अरे नही नही...क्या बोलती हो तुम भी रमा...वो बेचारी कच्ची कली है...और बेटी है मेरी..उसको कैसे...न न न...कल् को शादी होगी उसकी तो उसका पति देख कर ही जान जाएगा अगर ऐसे घोड़े जैसे औज़ार से खेली-खाई हो... कैसी बात करती हो..!!!"
मेरी भी फट ली ये सुन कर...ये रमा के चक्कर मे रहा तो वो पटेल अपनी बीवी और बेटी की चूत फाड़ने को लेकर मेरी गाँड़ में छाता डाल देगा...
R: "अरे तुम सुनो भाभी..ध्यानसे...
1- कोई कच्ची कली नही है अब गुड़िया...3 बार तो तुम्हारी जानकारी में बच्चा गिरवाई है...तुम्हारे पीठ-पीछे 4-5 बार और होगा...
2- तुम्हारी बेटी है तो क्या हुआ...इससे पहले भी तो एक लन्ड से चुदी हो आप माँ-बेटी तो अब कौन सा नया कांड हो जाएगा
3- उसके पति से बोल देना पहले ही कि भाग-दौड़, ऊंची कूद और जिम्नास्टिक सीखी है गुड़िया...बस उसी में फैल गयी ये समझेगा..और फिर फिटकरी हैं ना...खूब घिसना उसकी मुनिया में..उससे वापस टाइट हो जाती है
4- और आखिरी बात...आप जैसी खेली-खाई घोड़ी को कहाँ थका पाएंगे ये बेचारे...और आप ही तो बोली न कि आपकी मुनिया की गर्मी में सब के लौड़े उल्टी कर डालते हैं...तो बस विश्वास रखिये..!
लॉजिकल-रीजनिंग वाला चैप्टर अगर रमा से पढ़ लेता तो ज़्यादा नम्बर आ जाते इसकी मां का..!
रमा की बातों में कुछ खो सी गयी वो चुदासी गुजरातन...कुछ लॉजिक से लगने लगा...पर फिर उसकी ममता हावी होने लगी
NP: "हम्म...नही रमा..फिर भी दिल नही मानता...कुछ और बता न...इनके साथ करके गुड़िया को भेजने में बड़ा अजीब लगेगा...तू समझ न..."
रमा अब थोड़ा उग्र हो कर बोल उठी "वाह...अपनी बिटिया के ठोकु से पिलवा कर खुद गाभिन हो सकती हो भाभी पर अपना निवाला उसके मुंह मे नही डाल सकती...?? ये सब दोगलापन है..!!"
ये बहनचोद...वो शार्क-टैंक वाले अशनीर ग्रोवर वाली लाइन...माँ चोद दी रमा ने तो इस हरामन कि कसम से..!
R: उसी उग्र टोन में "चलिए उठिए अब...जमीन साफ करनी पड़ेगी फिर से...और आप (मेरी ओर देख कर)...देख क्या रहे हैं लन्ड लटकाए....जाईये बाथरूम और हिला के सो जाईये..!!"
कुई कुई कुई...और उठने लगा मैं पूंछ पैरों के बीच दबा के
निराली भाभी मामला बिगड़ते देख तुरन्त सरेंडर हो गयी और हड़बड़ाते हुए बोल पड़ी
NP: "र र रमा...मुझे मंजूर है..."
रमा ने एक कुटिल मुस्कान से मेरी ओर देखा और इसकी माँ का मेरा मन तो किया रमा के चरण धो के पी लू...ऐसा सौदा तो मेरे पुरखे भी नही कर सकते होंगे..!
बाबूराव भी अब अमरेंद्र बाहुबली जैसे जोश में आ कर हिनहिनाने लगे हिन्न हिन्न हिन्न...!!!
tarikh pe Tarikh ........................आने वाला है..
Maverick _sam Bhai, have spent life time reading such stories but let me confess your story is one of a kind, superb. You are doing injustice to all readers by not giving updates. You are the best. Your writing style reminds me of another story long back which was also left incomplete. That story name was "" शुभारम्भ। फटफटी फिर से चल पड़ी। Same Baburao was in that story too & same writing style. Request you to complete thisMaverick_Sam Bhai,
Fir se gayab ho gaye ho............................update to karo story me......
Ya fir dabba Goal.....................