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Adultery पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना

aamirhydkhan

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कहानी "पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना: गौरव कुमार की है

मेरा नाम गौरव कुमार है। मैं, कपूरथला, पंजाब का रहने वाला हूँ। हमारा आड़त का काम है यानी हम किसान और सरकार मे बीच मे फसल का लेंन देंन का काम करते है। अब मे पंजाब से हूँ तो बता दूं के यहा की दो चीजें बहुत मशहूर है, एक पटियाला पेग ओर दुसरी पंजाबन जट्टीयां। हमारा किसानो के साथ आना जाना लगा रहता है तो किसी ना किसी जट्टी के साथ भी बात बन जाती है। आज एसी ही कहानी लेकर आया हूँ। तो कहानी आरंभ करते है।


SARBI
 
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aamirhydkhan

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"पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना" – पार्ट – 6


हेलो दोस्तो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे रितु सरबी को लाला का लण्ड लेने के लिये मनाती है और सरबी भी इसके लिये राजी हो जाती है। रितु फ़ोन पर लाला को सरबी को उसके पास दुकान पर लाने की करती है और शाम होते ही दोनो लाला की तरफ चल देती है। तो आईये कहानी को आगे बढ़ाते है।

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सरबी और रितु दोनो लाला की दुकान की तरफ चल देती है। सरबी ने लाल रन्ग का सूट पहना हुआ है, पैरो मे पायल, दोनो हाथो मे 8-8चूडिया पहने आज उसने अपना शिन्गार किया है। जब वह लाला की दुकान पर पहुंचती है तो रितु लाला को बुलाती है, “राम राम लाला जी”।

लाला आंखे बन्द करके लेटा हुआ था, रितु की अवाज सुनते ही आंखे खोलता है, “अरे राम राम रितु रानी, बडी देर करदी आने मे”।

“हम तो टाईम पर ही है लाला जी लेकिन आप तो अभी से सो रहे है” रितु लाला को बोली।

“अरे सो कहा रहा हू बस एसे ही आराम कर रहा था” इत्ने मे लाला की नज़र सरबी पर पडी, “कया बात है सरबी आज तो पूरी नयी नवेली दुल्हन लग रही है तू” लाला सरबी को छेड़ता हुआ बोला।

“अरे दुल्हन तो लगेगी ही लाला जी आज इसे इस्का दूल्हा जो मिलने वाला है” रितु बोली और हँसने लगी, सरबी भी मुस्कुरा रही थी और उसने रितु को धक्का सा मारा।

“अरे मुझे नही अज के बाद अपने दूल्हे को धक्के मारना” रितु ने सरबी को हन्स्के बोला। लाला की नज़र सरबी पर ही टिकी हुई थी,

“शरमाओ मत सरबी डार्लिंग, बस मजे लो इस जिन्द्गगी के” लाला सरबी को बोला। लाले ने रितु को आंख से सरबी को अन्दर लिजाने का इशारा किया।

रितु भी लाला का इशारा समझ गयी, “आजा सरबी” रितु सरबी को अन्दर ले जाने लगी। सरबी भी रितु के पीछे चली गयी। लाला ने चारो तरफ देखा और दुकान का दरवाजा बंद कर लाईट जला दी। शाम के 7बज रहे थे। रितु सरबी को उसी सुरंग टाइप कमरे मे ले गयी, वहा पर जाके देखा तो लाला ने बिस्त्र पर फूल बिछाये हुए थे और बिस्तर को अच्छे से फूलो से सजाया हुआ था जेसे किसी की सुहागरात का बैड हो।

“देख तो तेरे आने की खुशी मे केसे कमर सजाया है लाले ने” रितु बोली। सरबी भी देख रही थी लेकिन थोडा डर रही थी, “रितु कुछहोगा तो नही ना”।

“कुछ नही होगा सरबी, किसी को पता नही चलेगा बस तू शर्माना मत और मजे ले, ये बैड तो देख लाला, रानी बनज लाला की सरबी और फिर ऐश करना” रितु बोली।

सरबी भी देखे जा रही थी, रितु ने सरबी को कमरे मे पडी एक कुर्सी पर बिठाया, “देख सरबी मजे लेने है तो बिल्कुल मत शर्माना, और किसी बात की चिंता मत कर, बाहर किसी को कानो कान खबर ना होगी” रितु बोल रही थी और सरबी सुने जा रही थी।

“अच्छा मे चलती हू अब” रितु सरबी को बोल कर बाहर दुकान मे आ गयी यहा लाला बेठा था, “कर दिया तैयार जान जट्टी को” रितु को देख लाला बोला।

“एक दम तैयार है लाला अब तो तेरी कमी है उस कमरे मे, दुल्हन बेठी इन्तज़ार कर रही है” रितु बोली।

“अरे तो दूल्हा भी जा रहा है अब, तू इस कमरे मे चली जा” लाला ने रितु को सीढियों के साथ वाला कमरा खोला।

रितु कमरे मे सोने चली गयी और लाला अपनी दुल्हन सरबी के पास चल दिया।

रुम के अन्दर आकर लाला ने कुंडी लगा दी और कमीज उतर कर खूँटे पर टांग दी, लाला अब बनयान और धोती मे था। लाला बैड पर जा बेठा, “यहा आओ सरबी इतनी दूर क़ बेठी हो” लाले ने सरबी पास बुलाया।

सरबी कुर्सी से उठी और लाला की तरफ चल दी, उसके पैरो की पायल से छणछण की अवाज आने लगी। सरबी लाला के पास आके खडी हो गयी। लाले ने सरबी उपर से निचे तक देखा, “अरे शर्मा क़्यो रही हो जान, अब तो तुम मेरि दुल्हन बनने जा रही हो, बेठो यहा” लाला सरबी को बोला। सरबी लाला के पास बेठ गयी लेकिन उसे अब भी शर्म आ रही थी, अज पहली बार वो किसी पराये मर्द के साथ एसे बेठी थी। लाला ने सरबी के चेहरे को उपर उठा अपनी तरफ घुमाया और देखने लगा।


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सरबी भी लाला को देख रही थी, “कितनी सुन्दर हो तुम जट्टी” लाला ने कहा तो सरबी ने शर्मकर नज़रे झुका ली। “

मे तो तुमे जट्टी ही बुलओगा लेकिन तुम मुझे कया कहोगी बोलो” लाला सरबी को बोला।

“लाला जी” सरबी ने हल्की अवाज मे जवाब दिया। “अरे सुना नही मुझे जोर से कहो” लाला बोला।

सरबी ने थोडी उची अवाज मे कहा “लाला जी”। “हाये जान निकाल ली जट्टी तुने तो लाला की” लाला सरबी को बोला।

“मेने जान केसे निकल ली लाला जी आपकी” सरबी ने थोडा शर्माते हुए पुछा।

“अरे ये पुछ केसे नही निकाली जट्टी, तेरा मुस्कुरना, तेरी आंखे का वो नशा, तेरे जिस्म मे दौडती जवानी की बिजली, तेरे प्यारे और छोटे छोटे ये मुम्मे, तेरी वो चुतड्ड मटका के चल्ना और” इस से पहले के लाला कुच और बोलता सरबी ने लाला के मुंह पर हाथ रख उसे चुप करवाया।

सरबी लाला की बाते सुन शर्म से लाहो गयी थी। लाला ने सरबी के हाथ को अपने हाथ मे पकडा और चूम्ते हुए मुंह से हटाया।

लाला सर्बी की आंखो मे देख मर बोला ” बनेगी इस लाला की जान जट्टी, रानी की तरह रखुगा तुमे”।

“हा लाला जी” सरबी बोली, सरबी अब कम शर्मा रही थी लाला से, शायद उसे भी अब लाला के रूप् मे अपनी जवानी का मालिक मिल गया। सरबी के हा बोलते ही लाला ने सरबी को बाहो मे भर कर बैड पर लिटा लिया और उसके उपर आ होंठो को चूमने लगा। सरबी ने लाला के गले मे अपनी बाहो का हार डाल दिया और उसके होंठ चूम्ने लगी। लाला सरबी के होन्य्हो को चूसे जा रहा था और उसके हाथ सरबी के 34 के मुम्मो को मसल रहे थे।


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सरबी लाला के जिसम को सहलाए जा रही थी, उसके मुम्मे लाला के हाथो मे आकर अकड रहे थे और निप्पल कडक हो गये थे। लाला सरबी के होंठ चुस्ते हुए खडा हुआ और कुर्सी पर जाकर बेठ गया। सरबी को समझ नही के लाला ने ऐसा क़्यो किया और वो बिस्तर पेर लेटी लाला को देख रही थी।

“यहा अपने लाला के पास आओ जट्टी” लाला ने सरबी को बुलाया। सरबी भी बिस्तर से उठी और लाला के पास चली गयी, लाला ने सरबी को बाह से पकड खीच लिया और गोद मे बिठा लिया। “अपनी जवानी के दर्शन नही कर्वओगी जट्टी” लाला ने सरबी के मुम्मे म्स्ल्ते हुए कहा।

“तो कारलो ना दर्शन जट्टी की जवानी के लाला जी, अपको रोका किस्ने है” सरबी ने कहा। “रोकने वाला है कौन जान मुझे जब तुम इस लाला की हो गयी हो लेकिन अपनी जवानी के दर्शन तुम खुद कर्वओ मुझे” लाला ने सरबी को गोद से उठाते हुए बोला।

सरबी खडी थी और लाला उसे देख रहा था, एकाएक सरबी ने अपनी कुर्ती उतारनी शुरु करदी। जेसे जेसे सरबी कुर्ती उतर रही थी लाला जट्टी की जवानी देखने के लिये तडप बढ रही थी। सरबी ने कुर्ती उतर दी और लाला के सम्ने सलवार और ब्रा मे खडी थी। जेसे ही सरबी का हाथ सलवार के नाडे पर गया तो लाला बोला “रुको जट्टी”।

लाला उठकर सरबी के पास आकर निचे बेठ गया, और अपने होंठ सरबी की नाभि पर रख दिये। “आह्ह्ह्ह लाला जी” लाला के होंठ सरबी के नाभि पर जाते ही सरबी की सिसकी निकल गयी। लाला सरबी की नाभि को चूम रहा था और उसकी कमर को हाथो से सहला रहा था। धीरे धीरे लाला ने सरबी की सलवार का नाड़ा दाँतो से खींच कर खोल दिया। नाड़ा खुलते ही सलवार जट्टी की टांगों से खिसकती हुई पैरो मे जा गिरी। सरबी अब सिरफ ब्रा और पेंटी मे लाला के सम्ने थी। लाला ने ब्रा के उपर से सरबी की चुत को चूम लिया और हाथो से उसके 36के चूतड़ दबा दिये। “हाये लाला जी”सरबी की सिसकी निकली और उसके हाथ लाला के सर को सहलाने लगे।


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लाला भी सरबी के चूत्डो को दबाते हुए पेंटी के उपर से चूमने लगा। लाला ने सरबी को बैड पर लेटा दिया और उसके उपर आ गया। लाला जट्टी की आंखो मे देख रहा था और फिर उसने अपना मुंह सरबी मुम्मो पर रख दिया। लाला ब्रा के उपर से सरबी के मुम्मे चुस्ने लगा, “आअह्ह्ह लाला जी”सिसकिया लेती सरबी लाला ते जिस्म को श्ल रही थी। लाला ने अपना हाथ सरबी की पीठ पर ले गया और ब्रा की हूक खोल ब्रा निकल कर फेंक दी। “उउफ्फ्फ जट्टी तेरे मुम्मे कित्ने गोरे है दूध जेसे, लेकिन ये इत्ने छोटे क्यो है जान” लाला ने सरबी को देख कर पूछा?


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“क्यो के इन्हे अब तक किसी ने भी अपकी तरह प्यार नही किया लाला जी” सरबी लाला की आंखो मे देख बोली।

“तो आज से लाला रोज जट्टी के मुम्मो को प्यार करेगा” लाला बोला और सरबी का मम्मा मुंह मे डाल चुस्ने लगा।

“हाये लाला जी”सरबी भी सिसकिया लेते हुए लाला से मुम्मे चुस्वने लगी और उसके बदन को सहलाने लगी।

लाला सरबी का पुरा मम्मा मुंह मे डालकर चूस रहा ओर दुसरे मुम्मे को हाथ से दबा रहा था। सरबी भी लाला के निचे पने चुस्वा मजे ले रही थी, आज पहली बार कोई मर्द सरबी के मुम्मो को मुंह मे भर कर चूस रहा था। सरबी आह्ह्ह स्स्सीई हाये लाला जी जेसी आवाजे निकल रही थी। मुम्मे चुस्त हुआ लाला सरबी के पेट को चूम्ने लगा और धीरे धीरे उसके होंठ सरबी की चुत पर आ गये जो अब तक लाला की नज़रो से पेंटी मे छुपी हुई थी।

लाला ने धीरे धीरे सरबी की पेंटी उतार्नी शुरु की और उसे उतर कर निचे फेंक दिया। जेसे ही पेंटी फेंक लाला ने नज़र घुमायी तो दूध जेसी गोरी जट्टी लाला के बिस्तर पर नंगी पडी थी। लाला की नज़रे सरबी की चुत पर आ गयी। सरबी की चुत उसकी टांगो मे बीच छुपी हुई थी, चुत हल्के हल्के बाल थे। लाला ने अपनी बनयान उतार दी और सिर्फ धोती मे आ गया। उसने सरबी की तरफ देख टाँगे खोल्ने का इशारा किया। जेसे ही सरबी ने टाँगे फैलायी तो जट्टी की चुत लाला के सामने आ गयी।

लाला ने एक हाथ से चुत को खोला तो जट्टी की गुलाबी चुत का छेद लाला को साफ दिखाई देने लगा। लाला ने झुक कर अपने होंठो से चुत को चूम लिया। लाला के चुत को चूम्ते ही ज़रबी सिहर उठी उसके बदन मे जेसे हज़ारो वोल्ट का करंट दौडने लगा। लाला ने जीभ से चुत चाटनी शुरु करदी, स्स्सीईईई आह्ह्ह लाला जी कहती हुई जट्टी के हाथो ने लाला को सर से पकड लिया और पागलो की तरह उसे चुत पर दबने लगी।

लाला भी चुत को खोल कर जीभ से चाट रहा था। कभी कभी लाला अपने दाँतो से चुत को हल्का सा काट लेता जिस से सरबी और भी उतेजित हो जाती। आआह्ह्ह्ह लाला जी स्स्सीईई हाये चुस्स लो इसे, सरबी लाला को बोल रही थी। करीब 30मिंट बाद सरबी का जिस्म अकड़ने लगा और उज़्की जवानी का रस्स चुत से रिस्ने लगा, आह्ह्ह्ह लाला जी कहती हुई सरबी झड़ रही थी और लाला उसके रस्स को पिए जा रहा था।

सरबी झड़ कर निढ़ाल हो गयी, और लाला का लण्ड आब धोती मे से खडा होकर सांप की तरह फ़ूकारे मार रहा था।

कहानी
"पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना " जारी रहेगी
 
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"पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना" – पार्ट – 7


हेल्लो दोसतो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे रितु और सरबी लाला की दुकान प्र जाती है और लाला रितु को अलग कमरे मे भेज देता है और खुद सरबी के पास जाता है और उसे नंगी कर उसके मम्मे और चुत चुअता है जिससे सरबी एक बार झड़ गयी है, तो चलिये स्टोरी आगे बढ़ाते है।

सरबी बिस्तर पर लेती हुई थी और उसकी चुत पानी छोड चुकी रही। लाला सरबी को देख धोती के उपर से अपना लण्ड मसले जा रहा, जिस जट्टी को पाने के वह रोज सपने देख्ता था अज वह उसके बिस्तर पर नंगी लेती हुई थी। लाला ने सरबी का हाथ पकडा ओर अपने लण्ड पर रख दिया, “इसे सहलाओ जट्टी”।


सरबी ने लण्ड को हाथ मे पकडा और सहलाने लगी। लाला सरबी के मुम्मे दबा रहा था। लाला ने सरबी उठकर बिस्तर से निचे आने को बोला, और उसके साम्ने खडा हो गया।

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“इसे धोती से बाहर निकालो मेरि जान” लाला सरबी को बोला। सरबी लण्ड को धोती मे देख रही थी और लाला का लंद उसकी उम्मीद से भी बड़ा था। सरबी ने लाला की धोती निकाली, धोती खोलते ही लण्ड सरबी के सामने था और बिल्कुल तना हुआ खडा था। सरबी ने हाथ मे पकड कर लण्ड सहलाना शुरु किया, सरबी के हाथ मे आज पहली बार किसी मर्द का लण्ड आया था वो उसे देखे जा रही थी। लाला ने लण्ड को पकड टोपा सरबी के होंठो पर मसल दिया जिससे सरबी की लिपस्टिक टोपे पर लग गयी।


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लाला ने सरबी को लंड चुस्ने को कहा तो सरबी ने भी बिना हिचकिचाये लण्ड को अपने मुह मे ले लिया और चुस्ने लगी, सरबी पहली बार लण्ड चुस रही थी उसे लण्ड का स्वाद अच्छा लग रहा था और वह लण्ड को जित्ना हो सक्ता मुह मे लेती और चुस्ती। 20-25मिंट लण्ड चुस्वने के बाद लाला ना सरबी को पकड कर खडी किया, “अब इसकी बरी है जट्टी, तैयार है ना ये” लाला सरबी की चुत छूकर बोला।

“हा लाला जी तैयार है”सरबी ने भी आगे से जवाब दिया। लाला ने सरबी को बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टाँगे फैला बीच मे आ गया। सरबी बिस्त्र पर लेटी थी ओर लाला अपना मिसल जेसा लंड लेकर उसकी टांगो के बीच खडा था, लाला के लण्ड का टोपा सरबी की चुत पर था। लाला ने एक हाथ से सरबी की जाँघ को पकडा और दुसरे हाथ से लण्ड को चुत के उपर मसलने लगा। सरबी अब लण्ड लेने के लिये तडप रही थी, और लाला लण्ड को बाहर मसले जा रहा था।

“आह्ह हाये लाला जी डाल दो अब” सरबी तडपती हुई बोली।

“कया डालू जट्टी, ये भी तो बता” लाला बोला। “चुत मे डालो लाला जी” सरबी ने लाला को कहा लेकिन लाला लण्ड को चुत पर मसल रहा था, “पुरा बोल जट्टी, किसका कया और किसके कहा डालू” लाना सरबी को देखते हुए बोला।

सरबी लण्ड लेने के लिये तडप रही थी और बेशर्मी से बोली, “हाये लाला, अपना लंड डालो जट्टी की चुत मे”।



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लाला भी सरबी से यही सुनना चाहता था और उसने चुत को खोला और लंड को सेट करते हुए हल्का सा धक्का मारा जिससे टोपा चुत मे उतर गया। “आअह्ह्ह “सरबी की हल्की सी सिसकी निक्ली।

लाला ने सरबी की जांघो को हाथो मे पकड सेट होकर खड़ गया और एक जोर का धक्का मारा जिस से लंड सरबी की चुत को चीरता हुआ आधा घुस गया, “हाये लाला आअह्ह्ह्ह “सरबी की सिसकी निकल गयी।

लाला ने देर ना करते हुए एक धक्का और मारा और पुरा लंड सरबी की चुत की गहरायी मे डाल दिया, लंड के निचे लटके टट्टे सरबी के चूत्ड़ौ से टकर गये। “हाये मा आह्ह्ह्ह मार दिया लाले ने उउउफ्फ्फ्फ्फ लाला” लंड पुरा चुत मे जाते ही सरबी की चीख निकल गयी जो उस कमरे मे ही गूंज कर रह गयी।


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पहली बार किसी मर्द का लंड सरबी की चुत मे इतनी गहरायी मे गया था, सरबी को दर्द भी हो रहा था लेकिन वह खुश थी क्योके शादी के बाद जिस दर्द के लिये वह 2 साल से तडप रही वह दर्द अज लाला के लंड ने जट्टी को दिया था, लाला के लंड ने आज सरबी को पहली बार उसकी जवानी का अह्सास कराया।

लाला ने जब चुत को देखा तो उसमे से थोडा सा खुन बाहर आया हुआ था, “अरे ये क्या सरबी जट्टी तुमरी चुत से तो खुन निकल रहा है, कुंवारी हो कया अब तक” लाला ने सरबी के चूतड़ सहलाए हुए पुछा। “आह्ह्ह्हहा हाये हा लाला जी स्स्स्स्स्सीईई अज पहली बार आपका लंड गया है इस मे उउउह्ह्ह्ह ” सरबी सिसकिया लेते हुए बोली।

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लाला समझ गया के सुखा नामर्द है और लाला मन ही मन मे खुश हो रहा था क्योके आज उसके लंड ने एक शादीशुदा कुंवारी जट्टी की सील तोड दी थी। लाला ने लंड को हल्के हल्के धक्के मारते हुए सरबी की चुत मे आगे पीछे कर्ने लगा, सरबी भी “आअह्ब्ब्ब स्स्सीई लाला जी”सिसकिया लेती हुई लंड का स्वाद लेने लगी।



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धीरे धीरे लाला ने स्पीड बढा दी और तेज तेज चोदने लगा। लाला के धक्को से सरबी के मुम्मे उछल रहे थेओर सरबी भी “आअऊच्छ लाला जी हये चोदो लाला जी” सियकिया लेते हुए चुदवा रही थी। सरबी की सिसकिया लाले के जोश को और बढा देती, वह और तेजी से लंड अन्दर बाहर करता। लंड के धक्को से पूरे कमरे मे छप छप की अवाज गूंज रही थी, और जेसे जेसे लाला धक्के मारता तो सरबी की पायल भी शोर मचा देती, एसा लगता मानो वह कह रही हो के जट्टी लाले से चुद गयी।

लाला तेज तेज धक्के मारे जा रहा था और सरबी भी बेशर्म होकर अब लाला का लंड ले रही थी। “केसा लग रहा है मेरि जट्टी, मजा तो आ रहा है जट्टी को लाले के लंड से”लाला धक्के मारते हुए सरबी से पुछा।


“आअह्ह्ह्ह मा हायेई ईईस्स्स्स्सीई लाला जी बहुत मजा आ रहा है इस लंड से मुझे उउउउफ्फ्फ्फ्फ”सरबी ने भी बेशर्म होकर जवाब दिया।

करीब पौना घन्टा चुदाई के बैड अब सरबी का जिस्म फर से अकड रहा था तो लाला भी अब मंजिल के करीब था, लाला ने सरबी को पकड कस कर 3-4 धक्के मारे और लंड को सरबी की चुत मे पूरा उतार रुक ज्ञ।

सरबी की चुत भी पानी छोड़ रही थी और लाला की लंड भी सरबी की चुत के अन्दर गहराई मे अपने माल की पिचकारीया मार रहा था। सरबी के चेहरे पर एक खुशी थी, जो लाला की मर्दानगी की वजह से आयी थी। लाला ने सरबी की बाजू को पकडा और उसे बेठ्ने को कहा। सरबी बेठ गयी, लाला का लंड अब भी चुत के अन्दर ही था। लाला सरबी की आंखो मे देख रहा था। लाला के हाथ सरबी की कमर से होए हुए उसकी पीठ पर थे, “केसा लगा जान लाला का लंड” लाला ने सरबी को देखते हुए पूछा।



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“मजा आ गया लाला जी, आपके इस लंड ने मेरे सारे अरमान पूरे कर दिये” सरबी ने लाला को देख जवाब दिया। लाला ने सरबी का जवाब सुन उसके होंठ चूम लिये।

“अभी तो पूरी रात पडी है जान, बस देखती जा केसे लाला जट्टी के अरमान पूरे करता है” लाला बोला और उसने सरबी का मम्मा मुंह मे डाल चुस्ने लगा, आह्ह्ह्ह्ह सरबी की सिसकी निकली ओर उसके हाथ लाला के सर को सहलाने लगे। लाला ने लंड चुत मे से निकाला सरबी की तरफ देखा “चल अब इस लाला की घोड़ी बनजा जान”।

सरबी की शरम अब पूरी तरह से उतर चुकी थी और वह लाला के कहे अनुसार घोड़ी बन गयी। लाला सरबी के चूतड़ देख कर लंड मसल रहा था उसे यक़ीं नही हो रहा था के कभी जिस जट्टी के चूतड़ देख वह उसे घोड़ी बनाने के सपने लेता था वह आज उसके सामने नंगी खडी थी।

लाला लंड को मस्लता हुआ सरबी पास आया और उसके चूतड़ मस्ल्ने लगा। “उउफ्फ सरबी जान, कितने मुलायम चूतड़ है तेरे, कहा छुपा के रखे थे ये लाला से” लाला चूतड़ मसल कर बोला।


“हाये लाला जी, धीरे मसलो बहुत नरम है ये” सरबी बोली।

लाला ने जोर से चूतड़ मसल दिये, “तो इत्ने नरम किसके लिये किये है जान”लाला चूतड़ो को चूम्ते हुए बोला।

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“स्सिसीई अपने लाला के लिये”सरबी सिस्की लेती हुई बोली। लाला का लंड अब तन चुका था, लाला ने अपने लंड को चुत पर मस्ल्ते हुए सेट कर्ने लगा। “तैयार हो मेरि घोड़ी इस घोड़े से चुद्ने के लिये” लाला ने लंड मसले हुए पुछा।

“हा लाला जी आपकी घोड़ी तैयार है” सरबी ने जवाब दिया और आपमे चूतड़ो को लाला के लंड पर दबा दिया।


लाला ने बिना देर किये लंड को चुत पर सटाया और सरबी की कमर को पकड पूरे जोर से धक्का दे मारा। लाला ने एक ही धक्के से इस बार अपना पूरा लंड सरबी को चुत मे उतर दिया, “आअह्ह्भ लाला जी स्स्सिसिस्स्सी” सरबी सिसकी लेती हुई कस्मसाई और लाला के लंड को अपनी चुत मे पूरा समा लिया। लाला ने अब सरबी की कमर पकड धक्के मारने शुरु किये, लाला जब धक्के मारते हुए सरबी ले चूत्ड़ौ से टकराता तो कमरे मे छपछप की अवाज गूंजने लगी। लाला ने अब स्पीड बढा और तेज धक्को के साथ सरबी की चुत चोदने लगा। सरबी भी अपने चूतड़ आगे पीछे कर लाला के लंड मा मजा ले रही थी।

“आअह्ह्ह्ह लाला जी चोद दो अपनी जट्टी को आज आह्ह्ह उउउफ्फ्फ लाला जी”सरबी सिसकिया लेते हुए लाला से घोड़ी बनकर चुदवा रही थी। लाला के धक्को से सरबी के मम्मे उछल रहे थे, “आअह्भ मेरि जान सरबी उउउफ्फ्फ जट्टी अज से तू लाला की जान है”लाला सरबी चोदते हुए बोला।

लाला धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और सरबी “आह्ह्ह्ह हाये लाला जी ममममममं आह्ह उउफ्फ्फ्फ” सिसकिया लेती हुई चुदवा रही थी। इसी तरह चुदायी करते हुए एक घन्टा बीत चुका था, लाला ने अब लंड बाहर निकाला ओर सरबी को बिस्तर पर लेटने को कहा। सरबी बिस्तर टाँगे फैला कर लेट गयी, और लाला सरबी के उपर आ गया। लाला ने हाथ से लंड का टोपा सरबी की चुत पर सेट किया और सरबी की आंखो मे देखते हुए लंड को सरबी की चुत मे धकेल दिया।


“आअह्ह्ह्ह लाला जी स्स्स्स्सीईईई “सरबी की सिसकी निकली और लाला का लंड पुरा चुत मे उतर गया। लाला ने अब हल्के हल्के धक्के मारने शुरु किये। सरबी मे हाथ लाला की पीठ को सहला रहे थे और लाला का सरबी की चुत खोल रहा था। लाला चुत मे धक्के मार रहा था और साथ ही सरबी के होंठ चूमने लगा, उउउम्म्म्माआआ सरबी जान, सरबी भी लाला मे होंठ चूमती निचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर लाला के लंड का मजा लेने लगी।

लाला तेज तेज धक्के मार रहा था, जब भी कभी लाला रुक कर अपना पूरा लंड बाहर निकाल जोर से धक्का मारता तो सरबी की टाँगे हवा मे उछल जाती और सिस्सक कर रह जाती। “आअह्ह्ह्ह्ह लाला जी हाये चोदो मुझे”सरबी लाला की आंखो मे देख रही थी, सरबी की बात सुन्ते ही लाला ने जोर से धक्का मारा जिस से सरबी का पुरा जिस्म् हिल गया।


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सरबी लाला मे निचे लंड के धक्को से उछल रही थी उसकी चूडिया खन खन की आवाजे निकाल रही थी तो पायल छण छण की। लाला के धक्को से पलंग भी हिल्ने लगा था। सरबी अब तक दो बार झड़ चुकी थी और फिरसे उसका जिसम अकड रहा था और लाला भी अब करीब था। लाला ने अब धक्को की स्पीड और बढा दी, आअह्ह्ह्ह स्स्स्सीईई लाला जी सरबी सिसकिया ले रही थी। करीब 10मिंट बाद सरबी की चुत पानी छोड़ने लगी।

लाला ने भी एक जोर का धक्का मारा और सरबी के उपर लेट गया। लाला का लंड भी जट्टी की चुत मे पिचकारीया मार रहा था। सरबी ने लाला को अपनी बाहो मे जकड़ लिया और दोनो एक दुसरे लिपट गये। कुच टाईम बाद लाला सरबी की गालों को चूम्ते हुए उपर उठा और सरबी की आंखो मे देख पुछा, “केसा लगा जट्टी को लाला की दुल्हन बनकर”।

सरबी ने अपने हाथो से लाला के चेहरे को सहलाते हुए कहा, “मजा आया लाला जी, आपने तो आज जट्टी को खुश कर दिया”। लाला ने सरबी के होंठो को चूम लिया, “जान अब तो एसे ही खुश रखुगा तुझे मे”लाला सरबी के होंठ चुस्ने लगा। सरबी भी लाला के सर को सहलाते हुए लाला के होंठ चुम रही थी। दोनो एक दुसरे के होन्ठ चूम रहे थे के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। लाला दरवाजे की तरफ देखकर सरबी को बोला, “मे देखकर आता ही जान”। सरबी ने हा मे सर हिलाया और लाला ने अपना लंड चुत मे से निकाला जो अब तक सरबी की चुत मे था, लाला ने धोती बंधी और जाकर दरवाजा खोला तो रितु सामने खडी थी। “कया हुआ रितु क्यो आधी रात को ही दरवाजा तोड रही हो”लाला बोला। “लाला जी आधीरात कहा, सुबह के 5 बजने वाले है” रितु बोली।


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“कया”लाला ने हैरां होकर रितु को देखा और फिर कमरे मे लगी घड़ी को देखा तो 5ब्ज्ने मे 10मिंट रह्ते थे। लाला और सरबी चुदायी मे इतना खो ग्ये थे के उन्हे टाईम का पाता ही नही चला। “चल तू जा कमरे मे मैं भेजता हू सरबी को”लाला रितु को बोला। “जल्दी भेजिए लाला जी”रितु मुस्कुराती हुई चली ज्ञी। लाला ने दरवाजा लगाया और सरबी साथ आकर लेट गया। सरबी ने अपना सर लाला की छाती पर रखा, “रितु थी लाला जी” सरबी ने पुछा। “हा जान”लाला बोला।

“कया कह रही थी”सरबी ने पुछा। “टाईम बताने आयी थी, 5बजने वाले है जान” लाला बोला। सरबी चौंक कर उठी “5ब्ज्ने वाले है लाला जी”। लाला ने सरबी को पकड लेटाया और उपर आ गया “हा जट्टी क्यो कया हुआ” लाला बोला। “लाला जी जाना है हमे फिर, इस से पहले के कोई हमे इधर से जाता देख ले”। सरबी बोली। “फिर कब आओगी जान” लाला ने पुछा।

“जब आप बुलाओ, लेकिन अभी जाने दिजीये” सरबी बोली। “ठीक है जान” कहते हुए लाला ने सरबी को छोड़, सरबी ने अपने सारे कपडे पहने और जाने लगी तो लाला ने सरबी को पकड लिया “एक चुम्मी तो देती जा जट्टी”। सरबी भी लाला से लिपट गयी और उसके होंठो पर होंठ रख दिये उउउम्माआ,,, अच्छा लाला जी चलती हू। सरबी लाला की किस्स कर कमरे से बाहर निकल गयी, रितु भी बाहर बेठी थी। रितु सरबी को देख आंख मार कर मुस्कराई और फिर दोनो लाला की दुकान से घर को चल दी।

कहानी ""पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना" " जारी रहेगी
 
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Bhai kisi ki caste pe kyu galat likh rha hia story title change karde
 
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"पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां – पार्ट – 4


हेल्लो दोस्तो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हूँ। पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा के सुखा और सरबी शहर आकर रहने लग जाते है और बनवारी लाला उन्हे अपने यहा नौकरी पर रख लेता है। तो चलिये स्टोरी को अब आगे बढ़ाते है।

सुखा और सरबी शहर मे आ ग्ये थे, उन्होने अपना गांव का मकान किराये पर दे दिया और व्हा से अपना जरूरी समान ले अए। दिन मे जब सुखा और सरबी काम पर होते तो घर मे उन्के मा बाबू जी रह जाते। सरबी और रोतू का मकान साथ साथ था तो जब भी मौका मिलता दोनो मिलकर बाते करने लगती। जिस मोहल्ले मे इनके मकान थे व्हा सिर्फ धान्का जात के लोग रह्ते थे, बस अकेली रितु बौरनी और सरबी जट्टी रह्ती थी। धान्के मर्द पहले तो रितु पर डोरे डालते थे लेकिन जब से उन्होने सरबी को देखा था तो वह उसके पीछे पैड ग्ये थे। इन धान्को मे भूरा नाम का एक आदमी था जिसकी उमर 30 साल और रन्ग का काला था। भूरा से सब डरते थे, चारो तरफ उसकी बदमाशी मशहूर थी, पुलिस ठाणे मे भी उसके खिलाफ कई रिपोर्ट दर्ज थी। जब से उसने सरबी को देखा था वह भी सरबी का दीवाना हो गया। भूरा की रितु के पति के साथ अच्छी दोसती थी वह अक्सर उसके पास आया जाया करता था, वही पर से भूरा सरबी को देखता और कबी कबी सुखे को बुला लेता। भूरा सुखे के साथ दोस्ती करना चाह्ता था।

एक दिन जब सुखा कामसे आ रहा था भूरा ने उसे देख लिया और अवाज लगा दी, “ओए सुखे, यहा आ”।

सुखे ने अवाज सुनी भूरा के पास चला गया। “क्या बात है भूरा”, सुखे ने पास जाकर पुछा। “अरे बेठ तो जा फिर बात करते है”, भूरा ने कुर्सी देते हुए कहा।

“और सुना केसा चल रहा है काम, घर मे सब केसे है”।

“काम अच्छा चल रहा है भूरा, और घर मे सब ठीक ठाक”। सुखे ने बेठ्ते हुए जवाब दिया। “रह्ता कहा है तू आजकल दिखायी ही नही देता”। भूरा ने शराब की बोतल निकलते हुए कहा। “दिखायी केसे दू भूरा पुरा दिन काम पर ही निकल जाता है, टाईम का पता ही नही चलता”। सुखे ने कहा।

भूरा ने दो गिलासो मे शराब डाली और सुखे को बोला, “चल फिर उठा सुखे आज तेरी सारी थकान निकल्ता हू”।

“अरे नही भूरा मे पीता नही हू”। सुखा बोला।

“अरे पी ले एक घूंट से कुच नही होने वाला पी ले”। भूरा ने दबाव देते हुए कहा। सुखे ने गिलास उठाया और शराब पी गया। सुखा शराब कम पीता था। “और डालू” भूरा बोला।

“अरे नही, बस बई यही बहुत है”। सुखा बोला। “किसी चीज की जरूरत हो ते बेजिजक मांग लेना सुखे अज से हम दोस्त है”। भूरे ने सुखे से कहा। “हा बिल्कुल भूरा”। सुखा इत्ना कहता हुआ चला गया।

सुखा घर आया तो सरबी खाना बनए बेठी थी, सुखे को आते उसने पानी का ग्लास्स दिया और पुछा, “खाना दू या अभी रुकोगे”।

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“अरे नही सरबी मे आज सेठ जी के यहा से खा के आया हू, मे सोने जा रहा हू”। सुखे ने कहा।

“अच्छा ठीक है तो मे रितु के यहा जा रही हू सोने, वो अकेली है आज घर मे”। सरबी बोली।

“हा जाओ” सुखे ने जवाब दिया। सरबी ने बर्तन रखे और रितु के घर चली गयी। रितु अज अकेली थी क्यो के उसका पति ट्रक पर चला गया थ। सरबी ने अन्दर आते हुए दरवाजा लगा दिया, “रितु कहा है तू”। “हा इस तरफ आ जा सरबी”, रितु ने अन्दर से अवाज लगायी। सरबी आगे चली गयी, वह एक कमरे के दरवाजे से होते हुए आगे दुसरे कमरे मे चली गयी। सरबी कई बार रितु के घर आ चुकी थी लेकिन उसने यह कमर अज पहली बार देखा था। सरबी अन्दर ज्ञी तो रितु बैड पर बेठी थी।

“ये कोनसा कमरा है रितु, बाहर से तो बिल्कुल पता नही चलता, कोई खजाना छुपाती हो क्या यहा” सरबी ने अन्दर आते पुछा।

“क्यो, तुमे क्या लगता है क्या करती हूँ मे इस कमरे मे” रितु सरबी को देख बोली।

“मुझे क्या पता, कमरा तेरा है तू बता”। सरबी ने बेठ्ते हुए कहा।

“कोई ना टाईम आने पे बता दूंगी, वेसे तू बता अज कुछ किया के नही” रितु ने सरबी को छेड़ते हुए पुछा।

“मतलब, क्या करना था अज मुझे”, सरबी ने हैरानी से पुछा।

“अरे बाबा मेरा मतलब सैयां जी के साथ किया के नही” रितु ने सरबी की तरफ हस्कर बोला।

सरबी निराश होते हुए बोली, “उसके साथ क्या करना है मुझे”।

“मतलब तेरा वाला भी मेरे वाले जेसा ही है” रितु ने पुछा।

“तेरे वाले जेसा केसे” सरबी को फिर कुछ समझ नही आया। “अरे यार मतलब नामर्द है, कुछ होता नही क्या उससे” रितु ने पुछा।

“कुच कया होगा अन्दर भी नही जा पाता” सरबी ने सर झुका लिया। रितु समझ गयी के सरबी अब भी कुंवारी ही है। “ओह, माफ करना सरबी, क्या है मे बड़बोली हू तो कुछभी पुछ लेती हू” रितु बोली।

“तुम क्यो माफी मांग रही हो रितु, अब सिक्का तो अपना ही खोटा है” सरबी नार्मल होते हुए बोली।

“अच्छा एक बात पूछू अगर गुस्सा ना करे तो” रितु बोली। “तेरा क्यो गुस्सा करूगी, एक की दो पूँछ”।

सरबी ने कहा। “तेरा दिल नही करता कभी करने का” रितु ने लोहा गरम देख कर हथौड़ा मार दिया।

“क्या करने का, एक तो तू पहेलिया बहुत बुझाती है, खुल कर बोल ना” सरबी बोली।

“अरे मेरा मतलब किसी पराये मर्द को अपने उपर चड़ाया के नही कभी” रितु सरबी को देखकर बोली।

“धत्त, पागल है क्या” सरबी मुस्कुराते हुए बोली।

“अरे बता ना सरबी इत्ना भी क्या शर्मा रही है” रितु बोली।

“हम्म तुम क्या करती हो पहले तुम बताओ” सरबी ने रितु को देखते हुए पूछा।

“मै हम्म, मेरा तो जब दिल करता है तो पराया मर्द चढा लेती हू, वेसे अब जाना पहचाना है पराया भी नही रहा” रितु बेशर्मी से बोली।

सरबी ये सुनकर सुन्न रह गयी, “हाय तुझे शरम नही आती रितु” सरबी चौन्क्ती हुई बोली।

“पहली बार शरम आयी थी लेकिन जब उसके लण्ड ने मजा दिया तो सारी शरम उतर गयी” रितु ने जवाब दिया।

“हाय रितु मे तुमे कितनी शरीफ समझती थी और तू कितनी बेशरम है, ” सरबी अब भी हैरां थी के रितु केसे अपने पति को छोड पराये मर्द की तारीफ किया जा रही थी। लेकिन मन ही मन मे सरबी को भी रितु को बाते सुनकर मजा आ रहा था।

“शरम केसी यार सरबी अब पति से कुछनही होता तो मेरि कया गलती है इसमे, मुझे तो लण्ड का मजा चाहिये ना, तू बता तुझे चाहिये क्या” रितु ने सरबी को कन्धा मारते हुए कहा।

सरबी रितु की बात सुनकर थोडा शर्मा गयी “नही नही रितु मुझे नही चाहिये एसा मजा” सरबी सर झुकाती हुई बोली। “जरा सर तो उठाना सरबी” रितु बोली। “कया हुआ” सरबी रितु को देखते हुए बोली।



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“अरे अरे ये क्या तेरी आंखे तो कुच और ही बोल रही है सरबी” रितु ने सरबी की आंखो मे देखे हुए कहा।

“क्या हुआ, क्या है मेरि आंखो मे” सरबी रितु को देखकर बोली। “अरे होना कया है, तेरी आंखे तो बता रही है उन्हे पराया मरद चाहिये जो इसकी गहराई को नाप सके” रितु ने सरबी को देख सलवार के उपर से उसकी चुत को छूते हुए बोली।

जेसे ही रितु का हाथ सरबी की चुत पर गया सरबी की सिसकी निकल गयी “आह्ह रितु हत ना कया कर रही है”। सरबी रितु की बातो से पुरी गरम हो चुकी थी।

“एक बार हा तो बोल सरबी जेसा कहेगी वेसा मर्द लाके दूंगी” रितु ने सरबी को देखते हुए कहा। सरबी रितु को देख रही थ, “लेकिन किसी को पता चल गया तो”।

“किसी को कानो कान खबर नही होगी, मे भी तो करती ही हूँ, कितनो को पता है मेरे बारे मे”। रितु सरबी को देख बोली। सरबी कुछ नही बोली सिर्फ सर हिला कर रितु को हा मे जवाब दिया।

रितु भी सरबी का जवाब समझ गयी। “हम्म ये हुई ना बात, मे सुबह ही तेरे लिये कोई मर्द देखती हू, तू फ़िकर मत कर तेरी इस दुलारी को कोई कमी नही आने दूंगी”। रितु सरबी की चुत को हाथ लगते हुए बोली।

सरबी भी रितु की बात सुन कर हंस पडी और फिर दोनो सो गयी।


जारी रहेगी

बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां: – पार्ट – 5


हेलो दोस्तो मे गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का अगला पार्ट लेकर। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे भूरा सरबी के करीब आने के लिये सुखा से दोस्ती करता है। वही दुसरी तरफ रितु बातो बातो मे सरबी से सब कुच जान लेती है और उसे पराये मर्द के साथ सोने के लिये मना लेती है। तो चलिये स्टोरी को आगे बढ़ाते है।

सुबह जेसे ही सरबी उठी तो रितु केतली मे चाय लेकर कमरे मे बेठी थी। “अरे सरबी उठ गयी, फ्रेश हो आ फिर चैपी ले आके”। रितु सरबी को देखकर बोली।


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सरबी बाथरूम जाकर फ्रेश होके आ गयी तो रितु ने उसे कप मे चाय देते हुए पुछा, “सरबी रात अच्छी गुजरी ना तंग तो नही हुई”।

“हा रितु रात अची गुजरी, अच्छी नीन्द आयी”। सरबी ने बोल।

“अच्छा, मेने सोचा शायद इसने तंग किया हो तुमे” रितु सरबी की चुत को छूकर बोली।

“ये भला क्यो तंग करेगी मुझे” सरबी थोडा शर्माते हुए बोली।

“अरे हम देर रात पराये मर्दो के बारे मे बात कर रहे थे तो मेने शायद ये मचलने ना लग गयी हो” रितु हस्ते हुये बोली।

“नही, अब तक तो नही मचली” सरबी बोली।

“हम्म मत्लब सम्भावना है के ये मचल सकती है तो क्यो ना इस्क मचलना बन्द किया जए” रितु ने सरबी को देख बोला।

“वो केसे भला” सरबी भी रितु को अब थोडा बेशर्मी से जवाब देने लगी।

“वो एसे सरबी जट्टी, जो ये मांगती है वो इसे दे दिया जाये” रितु ने सरबी को कहा।

“और ये कया मांग रही है” सरबी ने रितु को मुस्कुराते हुये कहा।

“ये मांग रही है एक लण्ड जो जट्टी की चुत को चीरता हुआ यहा तक आ जाये”




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रितु ने सरबी की नाभि पर हाथ रख कर बोला।

“हाये इत्ना बड़ा भी होता है” सरबी ने हैरां होकर रितु को देखा।

“अरे बिलकुल होता है, तुमने नही देखा कया” रितु ने सरबी को देखकर कहा।

“नही” सरबी ने जवाब दिया। दरसल सरबी ने कभी मर्द का लण्ड नही देखा था उसने तो बस अपने पति सुखा की छोटी बच्चो जेसी लुल्ली देखी थी तो उसे यकीं कर्ना मुस्किल था के इतना बड़ा लण्ड भी होता है।

“बोल ना सरबी लेगी कया इतना बड़ा, मजा आ जायेगा” रितु ने सरबी को बोला।

“ले तो लुंगी रितु लेकिन मुझे डर लग रहा है किसी को पता चल गया तो” सरबी हिचकिचाते हुये बोली।

“अरे किसी को पता नही चलेगा, बात हम दोनो के बीच रहेगी, तो अपने वाले से बात कर मे फिर तेरे बारे मे” रितु सरबी को देखते हुये बोली।

“तेरे वाला कौन है बता तो सही मुझे जरा” सरबी ने रितु से पुछा।

“हम्म बुझो तो जानू, तुम भी जानती हो वेसे उसे” रितु से सरबी की तरफ देखते हुये बोला।

“लेकिन मे केसे जानती हू उसे, तुमने कभी मिल्वया तो है नही मुझे” सरबी हैरां थी थी वो रितु वाले मर्द को केसे जानती थी।

“अरे मुझे मिल्वाने की कया जरूरत सरबी, तू खुद ही उस से मिलती है” रितु ने कहा।

“अरे पहेलिया मत बुझा यार रितु साफ साफ बता ना कौन है वो” सरबी ने जोर देकर बोला।

“अपने लाला जी सरबी तू मिलती तो है उनसे” रितु ने सरबी को देखकर जवाब दिया।

सरबी हैरां होकर रह गयी के रितु बनवारी लाल से चुदवाती है। “मतलब तू लाला जी के पास” सरबी बोली।

“हा सरबी, इत्ना बडा है लाला जी का, जब अन्दर जाता है तो बहुत मजा आता है यार” रितु सरबी को अपनी बाजू से नाप् कर बोली। “तुझे भी दिलाओ कया लाला का”। सरबी थोडी परेशान सी हो गयी। रितु ने सरबी की तरफ देखा और बोली, “कया सोच रही है, तुमे कोनसा उस से फ़्री मे चुदवाना है”।

“मतलब” सरबी ने रितु से पुछा। “मतलब ये सरबी जट्टी, देख तू लाला से चुदवयेगी, एक तो तुझे लण्ड का मजा मिलेगा और फर दुसरा यह के तुजे जब ब रुपयो की जरूरत होगी तो उनसे ले लेना और चाहे तो तेरा जो कर्ज वगेरा है ना वो भी साफ करवा लेंना, सोच ले सरबी घाटे का सौदा नही है यह” रितु सरबी को ललचाती हुई बोली।

सरबी भी रितु की बात को सोचने लगी। “अरे बोल ना जल्दी इत्ना भी कया सोच रही है, मे भी तो एसे ही करती हू” रितु ने सरबी को देख कर बोला “और फर एसे लाला का लण्ड भी तो मिलेगा” रितू सरबी की चुत को छूकर बोला।

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“हाये क्या कर रही है” सरबी रितु को मुस्कुराते हुए बोली।

सरबी की मुस्कुराहट को देख रितू समझ गयी के सरबी की हा है। “तो फिर करू मे लाला जी को फ़ोन के जाती आयेगी आज दिन मे”। रितु बोली।

“नही दिन मे नही रितु रात को, सुखा को पता है के अज मुझे काम से छुट्टी है, रात को मे तेरे पास आ जाओगी और हम यहा से चली जायेगी”।

सरबी मे रितु को देखकर बोला। “ठीक है मे रात का बोल दूंगी लाला जी को” रितु बोली।

“अच्छा ठीक है तो मे चलती हू अब रितु” सरबी बोली और जाने लगी।

“ठीक है सरबी लेकिन रात को तैयार रहना आज लाले के लण्ड के लिये” रितु ने पीछे से सरबी को बोला।

“तू भी ना रितु, मे आ नओगी तेरे पास” सरबी बोली और हँसती हुई चली गयी।

सरबी के जाते ही रितु ने लाला बनवारी लाल को फोन लगाया, “ट्रिंग ट्रिंग”।

“हेल्लो” बनवारी लाल ने फ़ोन उठाते हुए बोला।

“राम राम सेठ जी” रितु ने जवाब दिया।

“अरे जान केसी है तू, अज केसे याद कर लिया लाला को” लाला रितु की अवाज पहचान कर बोला।

“अपको कुछ बताना था सेठ जी” रितु ने जवाब दिया।

“कया बताना है जान, बोल तो सही” लाला ने जवाब दिया।

“लाला जी आपकी मुर्गी फंस गयी” रितु हँसते हुए बोली।

“मेरि कौनसी मुर्गी थी जान जो तेरे पास फंस गयी” लाला बोला।

“आपकी मुर्गी सेठ जी, सरबी जिसके आप सपने लेते है” रितु ने जवाब दिया।

“हाये जट्टी, कया बोली जान, कब लेके आ रही है मेरे पास उसे” लाले ने लण्ड मस्ल्ते हुए बोला।

“तैयार रेहना सेठ जी आज रात को ही लेके आ रही हू आपकी दुकान पर” रितु बोली।

“हाय मेरि जान, कुरबान जाओ तेरे पर, ले आ फिर जट्टी को मेरि सेज पर” लाला बोला।

“ले आओगी सेठ जी आज, लेकिन अपना वादा मत भूलियेगा” रितु ने सेठ को उसका खातासाफ करने का वादा याद दिलाया।

“अरे हा जान तू जट्टी को ले आ और तेरा खाता साफ” सेठ ने रितु से कहा।

“ठीक है सेठ जी रखती हू” इत्ना कहकर रीति ने फ़ोन रख दिया। लाला भी खुशी से फूला नही समा रहा था क्यो के जिस जट्टी के वो सपने लेता था वो आज उसके लण्ड के निचे आने वाली थी।


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सरबी को घर के काम करते हुए पता ही नही चला के कब शाम हो गयी और सुखा घर आ गया। सरबी ने सुखे को पानी दिया, “खाना लगाऊ”।

“नही सरबी मे रुक कर खओगा” सुखे ने जवाब दिया। “ठीक है तो फिर रसोई मे से ले लेना, मे आज भी रितु के य्हा जा रही हू” सरबी मे जवाब दिया।

“ठीक है मे खा लुगा” सुखा बोला। सरबी रितु के गजर चली गयी,

“रितु कहा है तू”।

“अरे आ गयी सरबी” रितु कमरे से बहर आकर बोली। सामने लाल रन्ग का सूट पहने सरबी तैयार खडी थी।


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“पूरी तओयर होके आयी है आज तो,, चले” रितु मे सरबी को देखकर बोला। सरबी भी रितु की बातो से गरम थी और लण्ड लेने को मचल रही थी,

” हा चलो” सरबी ने जवाब दिया। रितु ने घर का दरवाजा लगाया और लाले की दुकान की तरफ चल दी।

पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां जारी रहेगी

बहुत ही सुंदर लाजवाब और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां – पार्ट – 6


हेलो दोस्तो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे रितु सरबी को लाला का लण्ड लेने के लिये मनाती है और सरबी भी इसके लिये राजी हो जाती है। रितु फ़ोन पर लाला को सरबी को उसके पास दुकान पर लाने की करती है और शाम होते ही दोनो लाला की तरफ चल देती है। तो आईये कहानी को आगे बढ़ाते है।

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सरबी और रितु दोनो लाला की दुकान की तरफ चल देती है। सरबी ने लाल रन्ग का सूट पहना हुआ है, पैरो मे पायल, दोनो हाथो मे 8-8चूडिया पहने आज उसने अपना शिन्गार किया है। जब वह लाला की दुकान पर पहुंचती है तो रितु लाला को बुलाती है, “राम राम लाला जी”।

लाला आंखे बन्द करके लेटा हुआ था, रितु की अवाज सुनते ही आंखे खोलता है, “अरे राम राम रितु रानी, बडी देर करदी आने मे”।

“हम तो टाईम पर ही है लाला जी लेकिन आप तो अभी से सो रहे है” रितु लाला को बोली।

“अरे सो कहा रहा हू बस एसे ही आराम कर रहा था” इत्ने मे लाला की नज़र सरबी पर पडी, “कया बात है सरबी आज तो पूरी नयी नवेली दुल्हन लग रही है तू” लाला सरबी को छेड़ता हुआ बोला।

“अरे दुल्हन तो लगेगी ही लाला जी आज इसे इस्का दूल्हा जो मिलने वाला है” रितु बोली और हँसने लगी, सरबी भी मुस्कुरा रही थी और उसने रितु को धक्का सा मारा।

“अरे मुझे नही अज के बाद अपने दूल्हे को धक्के मारना” रितु ने सरबी को हन्स्के बोला। लाला की नज़र सरबी पर ही टिकी हुई थी,

“शरमाओ मत सरबी डार्लिंग, बस मजे लो इस जिन्द्गगी के” लाला सरबी को बोला। लाले ने रितु को आंख से सरबी को अन्दर लिजाने का इशारा किया।

रितु भी लाला का इशारा समझ गयी, “आजा सरबी” रितु सरबी को अन्दर ले जाने लगी। सरबी भी रितु के पीछे चली गयी। लाला ने चारो तरफ देखा और दुकान का दरवाजा बंद कर लाईट जला दी। शाम के 7बज रहे थे। रितु सरबी को उसी सुरंग टाइप कमरे मे ले गयी, वहा पर जाके देखा तो लाला ने बिस्त्र पर फूल बिछाये हुए थे और बिस्तर को अच्छे से फूलो से सजाया हुआ था जेसे किसी की सुहागरात का बैड हो।

“देख तो तेरे आने की खुशी मे केसे कमर सजाया है लाले ने” रितु बोली। सरबी भी देख रही थी लेकिन थोडा डर रही थी, “रितु कुछहोगा तो नही ना”।

“कुछ नही होगा सरबी, किसी को पता नही चलेगा बस तू शर्माना मत और मजे ले, ये बैड तो देख लाला, रानी बनज लाला की सरबी और फिर ऐश करना” रितु बोली।

सरबी भी देखे जा रही थी, रितु ने सरबी को कमरे मे पडी एक कुर्सी पर बिठाया, “देख सरबी मजे लेने है तो बिल्कुल मत शर्माना, और किसी बात की चिंता मत कर, बाहर किसी को कानो कान खबर ना होगी” रितु बोल रही थी और सरबी सुने जा रही थी।

“अच्छा मे चलती हू अब” रितु सरबी को बोल कर बाहर दुकान मे आ गयी यहा लाला बेठा था, “कर दिया तैयार जान जट्टी को” रितु को देख लाला बोला।

“एक दम तैयार है लाला अब तो तेरी कमी है उस कमरे मे, दुल्हन बेठी इन्तज़ार कर रही है” रितु बोली।

“अरे तो दूल्हा भी जा रहा है अब, तू इस कमरे मे चली जा” लाला ने रितु को सीढियों के साथ वाला कमरा खोला।

रितु कमरे मे सोने चली गयी और लाला अपनी दुल्हन सरबी के पास चल दिया।

रुम के अन्दर आकर लाला ने कुंडी लगा दी और कमीज उतर कर खूँटे पर टांग दी, लाला अब बनयान और धोती मे था। लाला बैड पर जा बेठा, “यहा आओ सरबी इतनी दूर क़ बेठी हो” लाले ने सरबी पास बुलाया।

सरबी कुर्सी से उठी और लाला की तरफ चल दी, उसके पैरो की पायल से छणछण की अवाज आने लगी। सरबी लाला के पास आके खडी हो गयी। लाले ने सरबी उपर से निचे तक देखा, “अरे शर्मा क़्यो रही हो जान, अब तो तुम मेरि दुल्हन बनने जा रही हो, बेठो यहा” लाला सरबी को बोला। सरबी लाला के पास बेठ गयी लेकिन उसे अब भी शर्म आ रही थी, अज पहली बार वो किसी पराये मर्द के साथ एसे बेठी थी। लाला ने सरबी के चेहरे को उपर उठा अपनी तरफ घुमाया और देखने लगा।


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सरबी भी लाला को देख रही थी, “कितनी सुन्दर हो तुम जट्टी” लाला ने कहा तो सरबी ने शर्मकर नज़रे झुका ली। “

मे तो तुमे जट्टी ही बुलओगा लेकिन तुम मुझे कया कहोगी बोलो” लाला सरबी को बोला।

“लाला जी” सरबी ने हल्की अवाज मे जवाब दिया। “अरे सुना नही मुझे जोर से कहो” लाला बोला।

सरबी ने थोडी उची अवाज मे कहा “लाला जी”। “हाये जान निकाल ली जट्टी तुने तो लाला की” लाला सरबी को बोला।

“मेने जान केसे निकल ली लाला जी आपकी” सरबी ने थोडा शर्माते हुए पुछा।

“अरे ये पुछ केसे नही निकाली जट्टी, तेरा मुस्कुरना, तेरी आंखे का वो नशा, तेरे जिस्म मे दौडती जवानी की बिजली, तेरे प्यारे और छोटे छोटे ये मुम्मे, तेरी वो चुतड्ड मटका के चल्ना और” इस से पहले के लाला कुच और बोलता सरबी ने लाला के मुंह पर हाथ रख उसे चुप करवाया।

सरबी लाला की बाते सुन शर्म से लाहो गयी थी। लाला ने सरबी के हाथ को अपने हाथ मे पकडा और चूम्ते हुए मुंह से हटाया।

लाला सर्बी की आंखो मे देख मर बोला ” बनेगी इस लाला की जान जट्टी, रानी की तरह रखुगा तुमे”।

“हा लाला जी” सरबी बोली, सरबी अब कम शर्मा रही थी लाला से, शायद उसे भी अब लाला के रूप् मे अपनी जवानी का मालिक मिल गया। सरबी के हा बोलते ही लाला ने सरबी को बाहो मे भर कर बैड पर लिटा लिया और उसके उपर आ होंठो को चूमने लगा। सरबी ने लाला के गले मे अपनी बाहो का हार डाल दिया और उसके होंठ चूम्ने लगी। लाला सरबी के होन्य्हो को चूसे जा रहा था और उसके हाथ सरबी के 34 के मुम्मो को मसल रहे थे।


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सरबी लाला के जिसम को सहलाए जा रही थी, उसके मुम्मे लाला के हाथो मे आकर अकड रहे थे और निप्पल कडक हो गये थे। लाला सरबी के होंठ चुस्ते हुए खडा हुआ और कुर्सी पर जाकर बेठ गया। सरबी को समझ नही के लाला ने ऐसा क़्यो किया और वो बिस्तर पेर लेटी लाला को देख रही थी।

“यहा अपने लाला के पास आओ जट्टी” लाला ने सरबी को बुलाया। सरबी भी बिस्तर से उठी और लाला के पास चली गयी, लाला ने सरबी को बाह से पकड खीच लिया और गोद मे बिठा लिया। “अपनी जवानी के दर्शन नही कर्वओगी जट्टी” लाला ने सरबी के मुम्मे म्स्ल्ते हुए कहा।

“तो कारलो ना दर्शन जट्टी की जवानी के लाला जी, अपको रोका किस्ने है” सरबी ने कहा। “रोकने वाला है कौन जान मुझे जब तुम इस लाला की हो गयी हो लेकिन अपनी जवानी के दर्शन तुम खुद कर्वओ मुझे” लाला ने सरबी को गोद से उठाते हुए बोला।

सरबी खडी थी और लाला उसे देख रहा था, एकाएक सरबी ने अपनी कुर्ती उतारनी शुरु करदी। जेसे जेसे सरबी कुर्ती उतर रही थी लाला जट्टी की जवानी देखने के लिये तडप बढ रही थी। सरबी ने कुर्ती उतर दी और लाला के सम्ने सलवार और ब्रा मे खडी थी। जेसे ही सरबी का हाथ सलवार के नाडे पर गया तो लाला बोला “रुको जट्टी”।

लाला उठकर सरबी के पास आकर निचे बेठ गया, और अपने होंठ सरबी की नाभि पर रख दिये। “आह्ह्ह्ह लाला जी” लाला के होंठ सरबी के नाभि पर जाते ही सरबी की सिसकी निकल गयी। लाला सरबी की नाभि को चूम रहा था और उसकी कमर को हाथो से सहला रहा था। धीरे धीरे लाला ने सरबी की सलवार का नाड़ा दाँतो से खींच कर खोल दिया। नाड़ा खुलते ही सलवार जट्टी की टांगों से खिसकती हुई पैरो मे जा गिरी। सरबी अब सिरफ ब्रा और पेंटी मे लाला के सम्ने थी। लाला ने ब्रा के उपर से सरबी की चुत को चूम लिया और हाथो से उसके 36के चूतड़ दबा दिये। “हाये लाला जी”सरबी की सिसकी निकली और उसके हाथ लाला के सर को सहलाने लगे।


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लाला भी सरबी के चूत्डो को दबाते हुए पेंटी के उपर से चूमने लगा। लाला ने सरबी को बैड पर लेटा दिया और उसके उपर आ गया। लाला जट्टी की आंखो मे देख रहा था और फिर उसने अपना मुंह सरबी मुम्मो पर रख दिया। लाला ब्रा के उपर से सरबी के मुम्मे चुस्ने लगा, “आअह्ह्ह लाला जी”सिसकिया लेती सरबी लाला ते जिस्म को श्ल रही थी। लाला ने अपना हाथ सरबी की पीठ पर ले गया और ब्रा की हूक खोल ब्रा निकल कर फेंक दी। “उउफ्फ्फ जट्टी तेरे मुम्मे कित्ने गोरे है दूध जेसे, लेकिन ये इत्ने छोटे क्यो है जान” लाला ने सरबी को देख कर पूछा?


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“क्यो के इन्हे अब तक किसी ने भी अपकी तरह प्यार नही किया लाला जी” सरबी लाला की आंखो मे देख बोली।

“तो आज से लाला रोज जट्टी के मुम्मो को प्यार करेगा” लाला बोला और सरबी का मम्मा मुंह मे डाल चुस्ने लगा।

“हाये लाला जी”सरबी भी सिसकिया लेते हुए लाला से मुम्मे चुस्वने लगी और उसके बदन को सहलाने लगी।

लाला सरबी का पुरा मम्मा मुंह मे डालकर चूस रहा ओर दुसरे मुम्मे को हाथ से दबा रहा था। सरबी भी लाला के निचे पने चुस्वा मजे ले रही थी, आज पहली बार कोई मर्द सरबी के मुम्मो को मुंह मे भर कर चूस रहा था। सरबी आह्ह्ह स्स्सीई हाये लाला जी जेसी आवाजे निकल रही थी। मुम्मे चुस्त हुआ लाला सरबी के पेट को चूम्ने लगा और धीरे धीरे उसके होंठ सरबी की चुत पर आ गये जो अब तक लाला की नज़रो से पेंटी मे छुपी हुई थी।

लाला ने धीरे धीरे सरबी की पेंटी उतार्नी शुरु की और उसे उतर कर निचे फेंक दिया। जेसे ही पेंटी फेंक लाला ने नज़र घुमायी तो दूध जेसी गोरी जट्टी लाला के बिस्तर पर नंगी पडी थी। लाला की नज़रे सरबी की चुत पर आ गयी। सरबी की चुत उसकी टांगो मे बीच छुपी हुई थी, चुत हल्के हल्के बाल थे। लाला ने अपनी बनयान उतार दी और सिर्फ धोती मे आ गया। उसने सरबी की तरफ देख टाँगे खोल्ने का इशारा किया। जेसे ही सरबी ने टाँगे फैलायी तो जट्टी की चुत लाला के सामने आ गयी।

लाला ने एक हाथ से चुत को खोला तो जट्टी की गुलाबी चुत का छेद लाला को साफ दिखाई देने लगा। लाला ने झुक कर अपने होंठो से चुत को चूम लिया। लाला के चुत को चूम्ते ही ज़रबी सिहर उठी उसके बदन मे जेसे हज़ारो वोल्ट का करंट दौडने लगा। लाला ने जीभ से चुत चाटनी शुरु करदी, स्स्सीईईई आह्ह्ह लाला जी कहती हुई जट्टी के हाथो ने लाला को सर से पकड लिया और पागलो की तरह उसे चुत पर दबने लगी।

लाला भी चुत को खोल कर जीभ से चाट रहा था। कभी कभी लाला अपने दाँतो से चुत को हल्का सा काट लेता जिस से सरबी और भी उतेजित हो जाती। आआह्ह्ह्ह लाला जी स्स्सीईई हाये चुस्स लो इसे, सरबी लाला को बोल रही थी। करीब 30मिंट बाद सरबी का जिस्म अकड़ने लगा और उज़्की जवानी का रस्स चुत से रिस्ने लगा, आह्ह्ह्ह लाला जी कहती हुई सरबी झड़ रही थी और लाला उसके रस्स को पिए जा रहा था।

सरबी झड़ कर निढ़ाल हो गयी, और लाला का लण्ड आब धोती मे से खडा होकर सांप की तरह फ़ूकारे मार रहा था।

कहानी "
पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां " जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां – पार्ट – 7


हेल्लो दोसतो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे रितु और सरबी लाला की दुकान प्र जाती है और लाला रितु को अलग कमरे मे भेज देता है और खुद सरबी के पास जाता है और उसे नंगी कर उसके मम्मे और चुत चुअता है जिससे सरबी एक बार झड़ गयी है, तो चलिये स्टोरी आगे बढ़ाते है।

सरबी बिस्तर पर लेती हुई थी और उसकी चुत पानी छोड चुकी रही। लाला सरबी को देख धोती के उपर से अपना लण्ड मसले जा रहा, जिस जट्टी को पाने के वह रोज सपने देख्ता था अज वह उसके बिस्तर पर नंगी लेती हुई थी। लाला ने सरबी का हाथ पकडा ओर अपने लण्ड पर रख दिया, “इसे सहलाओ जट्टी”।


सरबी ने लण्ड को हाथ मे पकडा और सहलाने लगी। लाला सरबी के मुम्मे दबा रहा था। लाला ने सरबी उठकर बिस्तर से निचे आने को बोला, और उसके साम्ने खडा हो गया।

“इसे धोती से बाहर निकालो मेरि जान” लाला सरबी को बोला। सरबी लण्ड को धोती मे देख रही थी और लाला का लंद उसकी उम्मीद से भी बड़ा था। सरबी ने लाला की धोती निकाली, धोती खोलते ही लण्ड सरबी के सामने था और बिल्कुल तना हुआ खडा था। सरबी ने हाथ मे पकड कर लण्ड सहलाना शुरु किया, सरबी के हाथ मे आज पहली बार किसी मर्द का लण्ड आया था वो उसे देखे जा रही थी। लाला ने लण्ड को पकड टोपा सरबी के होंठो पर मसल दिया जिससे सरबी की लिपस्टिक टोपे पर लग गयी।

लाला ने सरबी को लंड चुस्ने को कहा तो सरबी ने भी बिना हिचकिचाये लण्ड को अपने मुह मे ले लिया और चुस्ने लगी, सरबी पहली बार लण्ड चुस रही थी उसे लण्ड का स्वाद अच्छा लग रहा था और वह लण्ड को जित्ना हो सक्ता मुह मे लेती और चुस्ती। 20-25मिंट लण्ड चुस्वने के बाद लाला ना सरबी को पकड कर खडी किया, “अब इसकी बरी है जट्टी, तैयार है ना ये” लाला सरबी की चुत छूकर बोला।

“हा लाला जी तैयार है”सरबी ने भी आगे से जवाब दिया। लाला ने सरबी को बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टाँगे फैला बीच मे आ गया। सरबी बिस्त्र पर लेटी थी ओर लाला अपना मिसल जेसा लंड लेकर उसकी टांगो के बीच खडा था, लाला के लण्ड का टोपा सरबी की चुत पर था। लाला ने एक हाथ से सरबी की जाँघ को पकडा और दुसरे हाथ से लण्ड को चुत के उपर मसलने लगा। सरबी अब लण्ड लेने के लिये तडप रही थी, और लाला लण्ड को बाहर मसले जा रहा था।

“आह्ह हाये लाला जी डाल दो अब” सरबी तडपती हुई बोली।

“कया डालू जट्टी, ये भी तो बता” लाला बोला। “चुत मे डालो लाला जी” सरबी ने लाला को कहा लेकिन लाला लण्ड को चुत पर मसल रहा था, “पुरा बोल जट्टी, किसका कया और किसके कहा डालू” लाना सरबी को देखते हुए बोला।

सरबी लण्ड लेने के लिये तडप रही थी और बेशर्मी से बोली, “हाये लाला, अपना लंड डालो जट्टी की चुत मे”।



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लाला भी सरबी से यही सुनना चाहता था और उसने चुत को खोला और लंड को सेट करते हुए हल्का सा धक्का मारा जिससे टोपा चुत मे उतर गया। “आअह्ह्ह “सरबी की हल्की सी सिसकी निक्ली।

लाला ने सरबी की जांघो को हाथो मे पकड सेट होकर खड़ गया और एक जोर का धक्का मारा जिस से लंड सरबी की चुत को चीरता हुआ आधा घुस गया, “हाये लाला आअह्ह्ह्ह “सरबी की सिसकी निकल गयी।

लाला ने देर ना करते हुए एक धक्का और मारा और पुरा लंड सरबी की चुत की गहरायी मे डाल दिया, लंड के निचे लटके टट्टे सरबी के चूत्ड़ौ से टकर गये। “हाये मा आह्ह्ह्ह मार दिया लाले ने उउउफ्फ्फ्फ्फ लाला” लंड पुरा चुत मे जाते ही सरबी की चीख निकल गयी जो उस कमरे मे ही गूंज कर रह गयी।


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पहली बार किसी मर्द का लंड सरबी की चुत मे इतनी गहरायी मे गया था, सरबी को दर्द भी हो रहा था लेकिन वह खुश थी क्योके शादी के बाद जिस दर्द के लिये वह 2 साल से तडप रही वह दर्द अज लाला के लंड ने जट्टी को दिया था, लाला के लंड ने आज सरबी को पहली बार उसकी जवानी का अह्सास कराया।

लाला ने जब चुत को देखा तो उसमे से थोडा सा खुन बाहर आया हुआ था, “अरे ये क्या सरबी जट्टी तुमरी चुत से तो खुन निकल रहा है, कुंवारी हो कया अब तक” लाला ने सरबी के चूतड़ सहलाए हुए पुछा। “आह्ह्ह्हहा हाये हा लाला जी स्स्स्स्स्सीईई अज पहली बार आपका लंड गया है इस मे उउउह्ह्ह्ह ” सरबी सिसकिया लेते हुए बोली।

लाला समझ गया के सुखा नामर्द है और लाला मन ही मन मे खुश हो रहा था क्योके आज उसके लंड ने एक शादीशुदा कुंवारी जट्टी की सील तोड दी थी। लाला ने लंड को हल्के हल्के धक्के मारते हुए सरबी की चुत मे आगे पीछे कर्ने लगा, सरबी भी “आअह्ब्ब्ब स्स्सीई लाला जी”सिसकिया लेती हुई लंड का स्वाद लेने लगी।




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धीरे धीरे लाला ने स्पीड बढा दी और तेज तेज चोदने लगा। लाला के धक्को से सरबी के मुम्मे उछल रहे थेओर सरबी भी “आअऊच्छ लाला जी हये चोदो लाला जी” सियकिया लेते हुए चुदवा रही थी। सरबी की सिसकिया लाले के जोश को और बढा देती, वह और तेजी से लंड अन्दर बाहर करता। लंड के धक्को से पूरे कमरे मे छप छप की अवाज गूंज रही थी, और जेसे जेसे लाला धक्के मारता तो सरबी की पायल भी शोर मचा देती, एसा लगता मानो वह कह रही हो के जट्टी लाले से चुद गयी।

लाला तेज तेज धक्के मारे जा रहा था और सरबी भी बेशर्म होकर अब लाला का लंड ले रही थी। “केसा लग रहा है मेरि जट्टी, मजा तो आ रहा है जट्टी को लाले के लंड से”लाला धक्के मारते हुए सरबी से पुछा।


“आअह्ह्ह्ह मा हायेई ईईस्स्स्स्सीई लाला जी बहुत मजा आ रहा है इस लंड से मुझे उउउउफ्फ्फ्फ्फ”सरबी ने भी बेशर्म होकर जवाब दिया।

करीब पौना घन्टा चुदाई के बैड अब सरबी का जिस्म फर से अकड रहा था तो लाला भी अब मंजिल के करीब था, लाला ने सरबी को पकड कस कर 3-4 धक्के मारे और लंड को सरबी की चुत मे पूरा उतार रुक ज्ञ।

सरबी की चुत भी पानी छोड़ रही थी और लाला की लंड भी सरबी की चुत के अन्दर गहराई मे अपने माल की पिचकारीया मार रहा था। सरबी के चेहरे पर एक खुशी थी, जो लाला की मर्दानगी की वजह से आयी थी। लाला ने सरबी की बाजू को पकडा और उसे बेठ्ने को कहा। सरबी बेठ गयी, लाला का लंड अब भी चुत के अन्दर ही था। लाला सरबी की आंखो मे देख रहा था। लाला के हाथ सरबी की कमर से होए हुए उसकी पीठ पर थे, “केसा लगा जान लाला का लंड” लाला ने सरबी को देखते हुए पूछा।

“मजा आ गया लाला जी, आपके इस लंड ने मेरे सारे अरमान पूरे कर दिये” सरबी ने लाला को देख जवाब दिया। लाला ने सरबी का जवाब सुन उसके होंठ चूम लिये।

“अभी तो पूरी रात पडी है जान, बस देखती जा केसे लाला जट्टी के अरमान पूरे करता है” लाला बोला और उसने सरबी का मम्मा मुंह मे डाल चुस्ने लगा, आह्ह्ह्ह्ह सरबी की सिसकी निकली ओर उसके हाथ लाला के सर को सहलाने लगे। लाला ने लंड चुत मे से निकाला सरबी की तरफ देखा “चल अब इस लाला की घोड़ी बनजा जान”।

सरबी की शरम अब पूरी तरह से उतर चुकी थी और वह लाला के कहे अनुसार घोड़ी बन गयी। लाला सरबी के चूतड़ देख कर लंड मसल रहा था उसे यक़ीं नही हो रहा था के कभी जिस जट्टी के चूतड़ देख वह उसे घोड़ी बनाने के सपने लेता था वह आज उसके सामने नंगी खडी थी।

लाला लंड को मस्लता हुआ सरबी पास आया और उसके चूतड़ मस्ल्ने लगा। “उउफ्फ सरबी जान, कितने मुलायम चूतड़ है तेरे, कहा छुपा के रखे थे ये लाला से” लाला चूतड़ मसल कर बोला।


“हाये लाला जी, धीरे मसलो बहुत नरम है ये” सरबी बोली।

लाला ने जोर से चूतड़ मसल दिये, “तो इत्ने नरम किसके लिये किये है जान”लाला चूतड़ो को चूम्ते हुए बोला।

“स्सिसीई अपने लाला के लिये”सरबी सिस्की लेती हुई बोली। लाला का लंड अब तन चुका था, लाला ने अपने लंड को चुत पर मस्ल्ते हुए सेट कर्ने लगा। “तैयार हो मेरि घोड़ी इस घोड़े से चुद्ने के लिये” लाला ने लंड मसले हुए पुछा।

“हा लाला जी आपकी घोड़ी तैयार है” सरबी ने जवाब दिया और आपमे चूतड़ो को लाला के लंड पर दबा दिया।


लाला ने बिना देर किये लंड को चुत पर सटाया और सरबी की कमर को पकड पूरे जोर से धक्का दे मारा। लाला ने एक ही धक्के से इस बार अपना पूरा लंड सरबी को चुत मे उतर दिया, “आअह्ह्भ लाला जी स्स्सिसिस्स्सी” सरबी सिसकी लेती हुई कस्मसाई और लाला के लंड को अपनी चुत मे पूरा समा लिया। लाला ने अब सरबी की कमर पकड धक्के मारने शुरु किये, लाला जब धक्के मारते हुए सरबी ले चूत्ड़ौ से टकराता तो कमरे मे छपछप की अवाज गूंजने लगी। लाला ने अब स्पीड बढा और तेज धक्को के साथ सरबी की चुत चोदने लगा। सरबी भी अपने चूतड़ आगे पीछे कर लाला के लंड मा मजा ले रही थी।

“आअह्ह्ह्ह लाला जी चोद दो अपनी जट्टी को आज आह्ह्ह उउउफ्फ्फ लाला जी”सरबी सिसकिया लेते हुए लाला से घोड़ी बनकर चुदवा रही थी। लाला के धक्को से सरबी के मम्मे उछल रहे थे, “आअह्भ मेरि जान सरबी उउउफ्फ्फ जट्टी अज से तू लाला की जान है”लाला सरबी चोदते हुए बोला।

लाला धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और सरबी “आह्ह्ह्ह हाये लाला जी ममममममं आह्ह उउफ्फ्फ्फ” सिसकिया लेती हुई चुदवा रही थी। इसी तरह चुदायी करते हुए एक घन्टा बीत चुका था, लाला ने अब लंड बाहर निकाला ओर सरबी को बिस्तर पर लेटने को कहा। सरबी बिस्तर टाँगे फैला कर लेट गयी, और लाला सरबी के उपर आ गया। लाला ने हाथ से लंड का टोपा सरबी की चुत पर सेट किया और सरबी की आंखो मे देखते हुए लंड को सरबी की चुत मे धकेल दिया।


“आअह्ह्ह्ह लाला जी स्स्स्स्सीईईई “सरबी की सिसकी निकली और लाला का लंड पुरा चुत मे उतर गया। लाला ने अब हल्के हल्के धक्के मारने शुरु किये। सरबी मे हाथ लाला की पीठ को सहला रहे थे और लाला का सरबी की चुत खोल रहा था। लाला चुत मे धक्के मार रहा था और साथ ही सरबी के होंठ चूमने लगा, उउउम्म्म्माआआ सरबी जान, सरबी भी लाला मे होंठ चूमती निचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर लाला के लंड का मजा लेने लगी।

लाला तेज तेज धक्के मार रहा था, जब भी कभी लाला रुक कर अपना पूरा लंड बाहर निकाल जोर से धक्का मारता तो सरबी की टाँगे हवा मे उछल जाती और सिस्सक कर रह जाती। “आअह्ह्ह्ह्ह लाला जी हाये चोदो मुझे”सरबी लाला की आंखो मे देख रही थी, सरबी की बात सुन्ते ही लाला ने जोर से धक्का मारा जिस से सरबी का पुरा जिस्म् हिल गया।

सरबी लाला मे निचे लंड के धक्को से उछल रही थी उसकी चूडिया खन खन की आवाजे निकाल रही थी तो पायल छण छण की। लाला के धक्को से पलंग भी हिल्ने लगा था। सरबी अब तक दो बार झड़ चुकी थी और फिरसे उसका जिसम अकड रहा था और लाला भी अब करीब था। लाला ने अब धक्को की स्पीड और बढा दी, आअह्ह्ह्ह स्स्स्सीईई लाला जी सरबी सिसकिया ले रही थी। करीब 10मिंट बाद सरबी की चुत पानी छोड़ने लगी।


लाला ने भी एक जोर का धक्का मारा और सरबी के उपर लेट गया। लाला का लंड भी जट्टी की चुत मे पिचकारीया मार रहा था। सरबी ने लाला को अपनी बाहो मे जकड़ लिया और दोनो एक दुसरे लिपट गये। कुच टाईम बाद लाला सरबी की गालों को चूम्ते हुए उपर उठा और सरबी की आंखो मे देख पुछा, “केसा लगा जट्टी को लाला की दुल्हन बनकर”।

सरबी ने अपने हाथो से लाला के चेहरे को सहलाते हुए कहा, “मजा आया लाला जी, आपने तो आज जट्टी को खुश कर दिया”। लाला ने सरबी के होंठो को चूम लिया, “जान अब तो एसे ही खुश रखुगा तुझे मे”लाला सरबी के होंठ चुस्ने लगा। सरबी भी लाला के सर को सहलाते हुए लाला के होंठ चुम रही थी। दोनो एक दुसरे के होन्ठ चूम रहे थे के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। लाला दरवाजे की तरफ देखकर सरबी को बोला, “मे देखकर आता ही जान”। सरबी ने हा मे सर हिलाया और लाला ने अपना लंड चुत मे से निकाला जो अब तक सरबी की चुत मे था, लाला ने धोती बंधी और जाकर दरवाजा खोला तो रितु सामने खडी थी। “कया हुआ रितु क्यो आधी रात को ही दरवाजा तोड रही हो”लाला बोला। “लाला जी आधीरात कहा, सुबह के 5बजने वाले है” रितु बोली।


“कया”लाला ने हैरां होकर रितु को देखा और फिर कमरे मे लगी घड़ी को देखा तो 5ब्ज्ने मे 10मिंट रह्ते थे। लाला और सरबी चुदायी मे इतना खो ग्ये थे के उन्हे टाईम का पाता ही नही चला। “चल तू जा कमरे मे मैं भेजता हू सरबी को”लाला रितु को बोला। “जल्दी भेजिए लाला जी”रितु मुस्कुराती हुई चली ज्ञी। लाला ने दरवाजा लगाया और सरबी साथ आकर लेट गया। सरबी ने अपना सर लाला की छाती पर रखा, “रितु थी लाला जी” सरबी ने पुछा। “हा जान”लाला बोला।

“कया कह रही थी”सरबी ने पुछा। “टाईम बताने आयी थी, 5बजने वाले है जान” लाला बोला। सरबी चौंक कर उठी “5ब्ज्ने वाले है लाला जी”। लाला ने सरबी को पकड लेटाया और उपर आ गया “हा जट्टी क्यो कया हुआ” लाला बोला। “लाला जी जाना है हमे फिर, इस से पहले के कोई हमे इधर से जाता देख ले”। सरबी बोली। “फिर कब आओगी जान” लाला ने पुछा।

“जब आप बुलाओ, लेकिन अभी जाने दिजीये” सरबी बोली। “ठीक है जान” कहते हुए लाला ने सरबी को छोड़, सरबी ने अपने सारे कपडे पहने और जाने लगी तो लाला ने सरबी को पकड लिया “एक चुम्मी तो देती जा जट्टी”। सरबी भी लाला से लिपट गयी और उसके होंठो पर होंठ रख दिये उउउम्माआ,,, अच्छा लाला जी चलती हू। सरबी लाला की किस्स कर कमरे से बाहर निकल गयी, रितु भी बाहर बेठी थी। रितु सरबी को देख आंख मार कर मुस्कराई और फिर दोनो लाला की दुकान से घर को चल दी।

कहानी "पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां " जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
लाला ने लगभग कुॅंवारी सरबी को अपने लंड से दमदार तरीके से चोद कर चुदाई का असली मजा करवा दिया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां – पार्ट – 7


हेल्लो दोसतो मे गौरव कुमार स्टोरी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू। पिछ्ले पार्ट मे आपने पढ़ा के केसे रितु और सरबी लाला की दुकान प्र जाती है और लाला रितु को अलग कमरे मे भेज देता है और खुद सरबी के पास जाता है और उसे नंगी कर उसके मम्मे और चुत चुअता है जिससे सरबी एक बार झड़ गयी है, तो चलिये स्टोरी आगे बढ़ाते है।

सरबी बिस्तर पर लेती हुई थी और उसकी चुत पानी छोड चुकी रही। लाला सरबी को देख धोती के उपर से अपना लण्ड मसले जा रहा, जिस जट्टी को पाने के वह रोज सपने देख्ता था अज वह उसके बिस्तर पर नंगी लेती हुई थी। लाला ने सरबी का हाथ पकडा ओर अपने लण्ड पर रख दिया, “इसे सहलाओ जट्टी”।


सरबी ने लण्ड को हाथ मे पकडा और सहलाने लगी। लाला सरबी के मुम्मे दबा रहा था। लाला ने सरबी उठकर बिस्तर से निचे आने को बोला, और उसके साम्ने खडा हो गया।

“इसे धोती से बाहर निकालो मेरि जान” लाला सरबी को बोला। सरबी लण्ड को धोती मे देख रही थी और लाला का लंद उसकी उम्मीद से भी बड़ा था। सरबी ने लाला की धोती निकाली, धोती खोलते ही लण्ड सरबी के सामने था और बिल्कुल तना हुआ खडा था। सरबी ने हाथ मे पकड कर लण्ड सहलाना शुरु किया, सरबी के हाथ मे आज पहली बार किसी मर्द का लण्ड आया था वो उसे देखे जा रही थी। लाला ने लण्ड को पकड टोपा सरबी के होंठो पर मसल दिया जिससे सरबी की लिपस्टिक टोपे पर लग गयी।

लाला ने सरबी को लंड चुस्ने को कहा तो सरबी ने भी बिना हिचकिचाये लण्ड को अपने मुह मे ले लिया और चुस्ने लगी, सरबी पहली बार लण्ड चुस रही थी उसे लण्ड का स्वाद अच्छा लग रहा था और वह लण्ड को जित्ना हो सक्ता मुह मे लेती और चुस्ती। 20-25मिंट लण्ड चुस्वने के बाद लाला ना सरबी को पकड कर खडी किया, “अब इसकी बरी है जट्टी, तैयार है ना ये” लाला सरबी की चुत छूकर बोला।

“हा लाला जी तैयार है”सरबी ने भी आगे से जवाब दिया। लाला ने सरबी को बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टाँगे फैला बीच मे आ गया। सरबी बिस्त्र पर लेटी थी ओर लाला अपना मिसल जेसा लंड लेकर उसकी टांगो के बीच खडा था, लाला के लण्ड का टोपा सरबी की चुत पर था। लाला ने एक हाथ से सरबी की जाँघ को पकडा और दुसरे हाथ से लण्ड को चुत के उपर मसलने लगा। सरबी अब लण्ड लेने के लिये तडप रही थी, और लाला लण्ड को बाहर मसले जा रहा था।

“आह्ह हाये लाला जी डाल दो अब” सरबी तडपती हुई बोली।

“कया डालू जट्टी, ये भी तो बता” लाला बोला। “चुत मे डालो लाला जी” सरबी ने लाला को कहा लेकिन लाला लण्ड को चुत पर मसल रहा था, “पुरा बोल जट्टी, किसका कया और किसके कहा डालू” लाना सरबी को देखते हुए बोला।

सरबी लण्ड लेने के लिये तडप रही थी और बेशर्मी से बोली, “हाये लाला, अपना लंड डालो जट्टी की चुत मे”।



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लाला भी सरबी से यही सुनना चाहता था और उसने चुत को खोला और लंड को सेट करते हुए हल्का सा धक्का मारा जिससे टोपा चुत मे उतर गया। “आअह्ह्ह “सरबी की हल्की सी सिसकी निक्ली।

लाला ने सरबी की जांघो को हाथो मे पकड सेट होकर खड़ गया और एक जोर का धक्का मारा जिस से लंड सरबी की चुत को चीरता हुआ आधा घुस गया, “हाये लाला आअह्ह्ह्ह “सरबी की सिसकी निकल गयी।

लाला ने देर ना करते हुए एक धक्का और मारा और पुरा लंड सरबी की चुत की गहरायी मे डाल दिया, लंड के निचे लटके टट्टे सरबी के चूत्ड़ौ से टकर गये। “हाये मा आह्ह्ह्ह मार दिया लाले ने उउउफ्फ्फ्फ्फ लाला” लंड पुरा चुत मे जाते ही सरबी की चीख निकल गयी जो उस कमरे मे ही गूंज कर रह गयी।


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पहली बार किसी मर्द का लंड सरबी की चुत मे इतनी गहरायी मे गया था, सरबी को दर्द भी हो रहा था लेकिन वह खुश थी क्योके शादी के बाद जिस दर्द के लिये वह 2 साल से तडप रही वह दर्द अज लाला के लंड ने जट्टी को दिया था, लाला के लंड ने आज सरबी को पहली बार उसकी जवानी का अह्सास कराया।

लाला ने जब चुत को देखा तो उसमे से थोडा सा खुन बाहर आया हुआ था, “अरे ये क्या सरबी जट्टी तुमरी चुत से तो खुन निकल रहा है, कुंवारी हो कया अब तक” लाला ने सरबी के चूतड़ सहलाए हुए पुछा। “आह्ह्ह्हहा हाये हा लाला जी स्स्स्स्स्सीईई अज पहली बार आपका लंड गया है इस मे उउउह्ह्ह्ह ” सरबी सिसकिया लेते हुए बोली।

लाला समझ गया के सुखा नामर्द है और लाला मन ही मन मे खुश हो रहा था क्योके आज उसके लंड ने एक शादीशुदा कुंवारी जट्टी की सील तोड दी थी। लाला ने लंड को हल्के हल्के धक्के मारते हुए सरबी की चुत मे आगे पीछे कर्ने लगा, सरबी भी “आअह्ब्ब्ब स्स्सीई लाला जी”सिसकिया लेती हुई लंड का स्वाद लेने लगी।




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धीरे धीरे लाला ने स्पीड बढा दी और तेज तेज चोदने लगा। लाला के धक्को से सरबी के मुम्मे उछल रहे थेओर सरबी भी “आअऊच्छ लाला जी हये चोदो लाला जी” सियकिया लेते हुए चुदवा रही थी। सरबी की सिसकिया लाले के जोश को और बढा देती, वह और तेजी से लंड अन्दर बाहर करता। लंड के धक्को से पूरे कमरे मे छप छप की अवाज गूंज रही थी, और जेसे जेसे लाला धक्के मारता तो सरबी की पायल भी शोर मचा देती, एसा लगता मानो वह कह रही हो के जट्टी लाले से चुद गयी।

लाला तेज तेज धक्के मारे जा रहा था और सरबी भी बेशर्म होकर अब लाला का लंड ले रही थी। “केसा लग रहा है मेरि जट्टी, मजा तो आ रहा है जट्टी को लाले के लंड से”लाला धक्के मारते हुए सरबी से पुछा।


“आअह्ह्ह्ह मा हायेई ईईस्स्स्स्सीई लाला जी बहुत मजा आ रहा है इस लंड से मुझे उउउउफ्फ्फ्फ्फ”सरबी ने भी बेशर्म होकर जवाब दिया।

करीब पौना घन्टा चुदाई के बैड अब सरबी का जिस्म फर से अकड रहा था तो लाला भी अब मंजिल के करीब था, लाला ने सरबी को पकड कस कर 3-4 धक्के मारे और लंड को सरबी की चुत मे पूरा उतार रुक ज्ञ।

सरबी की चुत भी पानी छोड़ रही थी और लाला की लंड भी सरबी की चुत के अन्दर गहराई मे अपने माल की पिचकारीया मार रहा था। सरबी के चेहरे पर एक खुशी थी, जो लाला की मर्दानगी की वजह से आयी थी। लाला ने सरबी की बाजू को पकडा और उसे बेठ्ने को कहा। सरबी बेठ गयी, लाला का लंड अब भी चुत के अन्दर ही था। लाला सरबी की आंखो मे देख रहा था। लाला के हाथ सरबी की कमर से होए हुए उसकी पीठ पर थे, “केसा लगा जान लाला का लंड” लाला ने सरबी को देखते हुए पूछा।

“मजा आ गया लाला जी, आपके इस लंड ने मेरे सारे अरमान पूरे कर दिये” सरबी ने लाला को देख जवाब दिया। लाला ने सरबी का जवाब सुन उसके होंठ चूम लिये।

“अभी तो पूरी रात पडी है जान, बस देखती जा केसे लाला जट्टी के अरमान पूरे करता है” लाला बोला और उसने सरबी का मम्मा मुंह मे डाल चुस्ने लगा, आह्ह्ह्ह्ह सरबी की सिसकी निकली ओर उसके हाथ लाला के सर को सहलाने लगे। लाला ने लंड चुत मे से निकाला सरबी की तरफ देखा “चल अब इस लाला की घोड़ी बनजा जान”।

सरबी की शरम अब पूरी तरह से उतर चुकी थी और वह लाला के कहे अनुसार घोड़ी बन गयी। लाला सरबी के चूतड़ देख कर लंड मसल रहा था उसे यक़ीं नही हो रहा था के कभी जिस जट्टी के चूतड़ देख वह उसे घोड़ी बनाने के सपने लेता था वह आज उसके सामने नंगी खडी थी।

लाला लंड को मस्लता हुआ सरबी पास आया और उसके चूतड़ मस्ल्ने लगा। “उउफ्फ सरबी जान, कितने मुलायम चूतड़ है तेरे, कहा छुपा के रखे थे ये लाला से” लाला चूतड़ मसल कर बोला।


“हाये लाला जी, धीरे मसलो बहुत नरम है ये” सरबी बोली।

लाला ने जोर से चूतड़ मसल दिये, “तो इत्ने नरम किसके लिये किये है जान”लाला चूतड़ो को चूम्ते हुए बोला।

“स्सिसीई अपने लाला के लिये”सरबी सिस्की लेती हुई बोली। लाला का लंड अब तन चुका था, लाला ने अपने लंड को चुत पर मस्ल्ते हुए सेट कर्ने लगा। “तैयार हो मेरि घोड़ी इस घोड़े से चुद्ने के लिये” लाला ने लंड मसले हुए पुछा।

“हा लाला जी आपकी घोड़ी तैयार है” सरबी ने जवाब दिया और आपमे चूतड़ो को लाला के लंड पर दबा दिया।


लाला ने बिना देर किये लंड को चुत पर सटाया और सरबी की कमर को पकड पूरे जोर से धक्का दे मारा। लाला ने एक ही धक्के से इस बार अपना पूरा लंड सरबी को चुत मे उतर दिया, “आअह्ह्भ लाला जी स्स्सिसिस्स्सी” सरबी सिसकी लेती हुई कस्मसाई और लाला के लंड को अपनी चुत मे पूरा समा लिया। लाला ने अब सरबी की कमर पकड धक्के मारने शुरु किये, लाला जब धक्के मारते हुए सरबी ले चूत्ड़ौ से टकराता तो कमरे मे छपछप की अवाज गूंजने लगी। लाला ने अब स्पीड बढा और तेज धक्को के साथ सरबी की चुत चोदने लगा। सरबी भी अपने चूतड़ आगे पीछे कर लाला के लंड मा मजा ले रही थी।

“आअह्ह्ह्ह लाला जी चोद दो अपनी जट्टी को आज आह्ह्ह उउउफ्फ्फ लाला जी”सरबी सिसकिया लेते हुए लाला से घोड़ी बनकर चुदवा रही थी। लाला के धक्को से सरबी के मम्मे उछल रहे थे, “आअह्भ मेरि जान सरबी उउउफ्फ्फ जट्टी अज से तू लाला की जान है”लाला सरबी चोदते हुए बोला।

लाला धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और सरबी “आह्ह्ह्ह हाये लाला जी ममममममं आह्ह उउफ्फ्फ्फ” सिसकिया लेती हुई चुदवा रही थी। इसी तरह चुदायी करते हुए एक घन्टा बीत चुका था, लाला ने अब लंड बाहर निकाला ओर सरबी को बिस्तर पर लेटने को कहा। सरबी बिस्तर टाँगे फैला कर लेट गयी, और लाला सरबी के उपर आ गया। लाला ने हाथ से लंड का टोपा सरबी की चुत पर सेट किया और सरबी की आंखो मे देखते हुए लंड को सरबी की चुत मे धकेल दिया।


“आअह्ह्ह्ह लाला जी स्स्स्स्सीईईई “सरबी की सिसकी निकली और लाला का लंड पुरा चुत मे उतर गया। लाला ने अब हल्के हल्के धक्के मारने शुरु किये। सरबी मे हाथ लाला की पीठ को सहला रहे थे और लाला का सरबी की चुत खोल रहा था। लाला चुत मे धक्के मार रहा था और साथ ही सरबी के होंठ चूमने लगा, उउउम्म्म्माआआ सरबी जान, सरबी भी लाला मे होंठ चूमती निचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर लाला के लंड का मजा लेने लगी।

लाला तेज तेज धक्के मार रहा था, जब भी कभी लाला रुक कर अपना पूरा लंड बाहर निकाल जोर से धक्का मारता तो सरबी की टाँगे हवा मे उछल जाती और सिस्सक कर रह जाती। “आअह्ह्ह्ह्ह लाला जी हाये चोदो मुझे”सरबी लाला की आंखो मे देख रही थी, सरबी की बात सुन्ते ही लाला ने जोर से धक्का मारा जिस से सरबी का पुरा जिस्म् हिल गया।

सरबी लाला मे निचे लंड के धक्को से उछल रही थी उसकी चूडिया खन खन की आवाजे निकाल रही थी तो पायल छण छण की। लाला के धक्को से पलंग भी हिल्ने लगा था। सरबी अब तक दो बार झड़ चुकी थी और फिरसे उसका जिसम अकड रहा था और लाला भी अब करीब था। लाला ने अब धक्को की स्पीड और बढा दी, आअह्ह्ह्ह स्स्स्सीईई लाला जी सरबी सिसकिया ले रही थी। करीब 10मिंट बाद सरबी की चुत पानी छोड़ने लगी।


लाला ने भी एक जोर का धक्का मारा और सरबी के उपर लेट गया। लाला का लंड भी जट्टी की चुत मे पिचकारीया मार रहा था। सरबी ने लाला को अपनी बाहो मे जकड़ लिया और दोनो एक दुसरे लिपट गये। कुच टाईम बाद लाला सरबी की गालों को चूम्ते हुए उपर उठा और सरबी की आंखो मे देख पुछा, “केसा लगा जट्टी को लाला की दुल्हन बनकर”।

सरबी ने अपने हाथो से लाला के चेहरे को सहलाते हुए कहा, “मजा आया लाला जी, आपने तो आज जट्टी को खुश कर दिया”। लाला ने सरबी के होंठो को चूम लिया, “जान अब तो एसे ही खुश रखुगा तुझे मे”लाला सरबी के होंठ चुस्ने लगा। सरबी भी लाला के सर को सहलाते हुए लाला के होंठ चुम रही थी। दोनो एक दुसरे के होन्ठ चूम रहे थे के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। लाला दरवाजे की तरफ देखकर सरबी को बोला, “मे देखकर आता ही जान”। सरबी ने हा मे सर हिलाया और लाला ने अपना लंड चुत मे से निकाला जो अब तक सरबी की चुत मे था, लाला ने धोती बंधी और जाकर दरवाजा खोला तो रितु सामने खडी थी। “कया हुआ रितु क्यो आधी रात को ही दरवाजा तोड रही हो”लाला बोला। “लाला जी आधीरात कहा, सुबह के 5बजने वाले है” रितु बोली।


“कया”लाला ने हैरां होकर रितु को देखा और फिर कमरे मे लगी घड़ी को देखा तो 5ब्ज्ने मे 10मिंट रह्ते थे। लाला और सरबी चुदायी मे इतना खो ग्ये थे के उन्हे टाईम का पाता ही नही चला। “चल तू जा कमरे मे मैं भेजता हू सरबी को”लाला रितु को बोला। “जल्दी भेजिए लाला जी”रितु मुस्कुराती हुई चली ज्ञी। लाला ने दरवाजा लगाया और सरबी साथ आकर लेट गया। सरबी ने अपना सर लाला की छाती पर रखा, “रितु थी लाला जी” सरबी ने पुछा। “हा जान”लाला बोला।

“कया कह रही थी”सरबी ने पुछा। “टाईम बताने आयी थी, 5बजने वाले है जान” लाला बोला। सरबी चौंक कर उठी “5ब्ज्ने वाले है लाला जी”। लाला ने सरबी को पकड लेटाया और उपर आ गया “हा जट्टी क्यो कया हुआ” लाला बोला। “लाला जी जाना है हमे फिर, इस से पहले के कोई हमे इधर से जाता देख ले”। सरबी बोली। “फिर कब आओगी जान” लाला ने पुछा।

“जब आप बुलाओ, लेकिन अभी जाने दिजीये” सरबी बोली। “ठीक है जान” कहते हुए लाला ने सरबी को छोड़, सरबी ने अपने सारे कपडे पहने और जाने लगी तो लाला ने सरबी को पकड लिया “एक चुम्मी तो देती जा जट्टी”। सरबी भी लाला से लिपट गयी और उसके होंठो पर होंठ रख दिये उउउम्माआ,,, अच्छा लाला जी चलती हू। सरबी लाला की किस्स कर कमरे से बाहर निकल गयी, रितु भी बाहर बेठी थी। रितु सरबी को देख आंख मार कर मुस्कराई और फिर दोनो लाला की दुकान से घर को चल दी।

कहानी "पंजाब दियां मस्त रंगीन जट्टीयां " जारी रहेगी
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