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Adultery पडोसन की मोहब्बत (adla badli)

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Update - 1

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दोस्तों, मैं ३६ साल का एक शादी शुदा आदमी हूँ, सरकारी बैंक में नौकरी करता हूँ और लखनऊ में रहता हूँ. मेरा नाम मनीष और मेरी पत्नी का नाम रेणुका है. रेणुका ३२ साल की है और वो एक हाउस वाइफ है. हम मेरे माता पिता के साथ रहते है. मेरी पत्नी बहुत खूबसूरत है. दूधिया रंग, मांसल बदन, लम्बे कमर तक बाल, सुर्ख गुलाबी होंठ, बड़ी-बड़ी काली आँखें, सुराहीदार गर्दन, बड़े-बड़े सख्त उरोज, गहरी नाभि और भरे हुए बड़े-बड़े नितम्ब सब कुछ उसके पास है. वो किसी भी नयी लड़की को आज भी मात देती है लेकिन अब हमारी शादी को १० साल हो गए है तो हमारी सेक्स लाइफ बहुत एक्टिव नहीं थी. रेणुका भी ज्यादातर मेरे ८ साल के बेटे गुड्डू के साथ ही लगी रहती या फिर घर के और कामों में व्यस्त रहती थी. हफ्ते में कभी एक आध बार सेक्स हो जाता था पर वो भी कोई जरूरी नहीं है. कुल मिला कर जिन्दगी एक नीरस ढर्रे पर चल रही थी लेकिन तभी मेरा प्रमोशन हुआ तो मेरा ट्रान्सफर दो साल के लिए नोएडा हो गया.

मैंने और रेणुका ने तय किया की मैं प्रमोशन लेकर फ़िलहाल अकेले ही नोएडा चला जाऊँ क्योंकि दो साल के लिए सारा सामान शिफ्ट करना, बेटे का एडमिशन करवाना झंझट का काम था और मुझे भी लगा की मैं अगर कोशिश करूंगा तो मेरा वापस ट्रान्सफर एक साल में भी हो सकता था इसलिए रेणुका लखनऊ में ही मेरे माता पिता के साथ रहेगी. फिर मैंने अकेले ही नोएडा जाकर नौकरी ज्वाइन कर ली. कुछ दिनों तक मैं बैंक के गेस्ट हाउस में ही रुका और किराये पर मकान देखने लगा. उन्ही दिनों मेरे बचपन के दोस्त का फ़ोन मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा की उसकी बहन नीलम जिनकी शादी नोएडा में ही हुई थी उन्होंने मुझे बुलाया है. मेरे पूछने पर उसने बताया दीदी और जीजा जी अमेरिका जा रहे है और वो चाहते है की जब तक मैं वहां रहूँ तब तक उनके घर में ही रहूँ और घर की देख रेख करता रहूँ.

मैंने सोचा की मुझ अकेले को ज्यादा बड़ा घर मेनटेन करने में बहुत मुश्किल होगी इसीलिए दोस्त को मना कर दिया. दोस्त बोला की यार दीदी ने बुलाया है तो तू एक बार जाकर उनसे बात कर ले फिर मना कर देना. दोस्त की दीदी नीलम भी बहुत कड़क माल थी और उनका घर मेरे बैंक के पास की ही एक पॉश कॉलोनी में था तो शाम को मैं उनके घर चला गया की कुछ नहीं तो दर्शन ही हो जायेंगे.

नीलम दीदी ने वही बात की जो मेरा दोस्त पहले ही मुझे बोल चूका था. मैंने दीदी से कहा की इतना बड़ा घर लेने का मेरा बजट नहीं है. मैं तो दो कमरे का एक फ्लैट देख रहा हूँ तो दीदी बोली की देखो अगर फ्लैट लोगे तो तुमको सारा सामान खरीदना पड़ेगा इसलिए तुम यहीं रहो तो घर की देखभाल भी हो जाएगी और तुम तो मेरे छोटे भाई हो तो किराया तो तुमसे कोई मांग ही नही रहा.

एक दो दिन में बता देना क्योंकि हम इसी हफ्ते जा रहे है और हम घर बंद करके नहीं जाना चाहते. तभी डोर बेल बजी और दीदी ने दरवाजा खोला. दरवाजे पर एक बहुत ही सेक्सी औरत थी. दीदी उसे घर के अन्दर लाई. दीदी ने उससे मेरा परिचय कराया की ये मेरा छोटा भाई है. मैंने उसे हेल्लो कहा. वो ५ मिनट बैठी और फिर दीदी जीजा जी को अगले दिन अपने घर डिनर करने के लिए बुला कर चली गयी.

बचपन से ही बड़ी उम्र की अंटिया और भाभिया मेरी कमजोरी रही है. उस औरत की उम्र भी मुझसे २-३ साल ज्यादा ही रही होगी पर फिगर एकदम परफेक्ट था. रंग गेहूँवा पर एक कमाल की कशिश थी उसमे. खनकती आवाज और बहुत सुन्दर मुस्कान. मुझे तो एक झलक में ही दीवाना बना दिया उसने. उसके जाने के बाद मैंने दीदी से पुछा की ये कौन है तो दीदी ने कहा की ये तुम्हारे जीजा जी के दोस्त की बीवी है. अभी कुछ दिन पहले ही इन्होने हमारे बगल वाला घर ख़रीदा है. हम लोग विदेश जा रहे है तो इन्होने हमारे लिए फेयरवेल डिनर रखा है.

दिव्या को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए थे. मैंने गेस्ट हाउस लौट कर सोचा की बेटा मनीष, इतने सही माल के घर के बगल में रहने का मौका मिल रहा है. ज्यादा कुछ नहीं तो रोज दर्शन ही हो जायेंगे. जो किराये के पैसे बचेंगे उसमे नौकर रख लेना घर की देख भाल के लिए तो मैंने अगले दिन दीदी को फ़ोन किया और उनसे कह दिया की मैं उनके घर में ही रहूँगा.

अगले दिन ही मैं अपने कपडे लेकर दीदी के यहाँ पहुच गया. मुझे लगा की वो मुझे भी अपने साथ पड़ोसियों के यहाँ ले जायेंगे और मेरा उनके यहाँ आना जाना शुरू हो जायेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. २ दिन बाद दीदी और जीजा जी अमेरिका के लिए रवाना हो गए. मैं चाहता था की वो मेरी पड़ोसियों से जान पहचान करवा देते पर ज्यादातर वो मुझे घर के बारे में ही समझाते रहे बस दीदी से केवल इतना पता चला की उनके पडोसी का नाम राजेश छाबड़ा है और वो एक चार्टेड एकाउंटेंट है और उसकी बीवी जिसके चक्कर में मैं यहाँ रहने आया हूँ उसका नाम दिव्या है और वो पास ही के एक मशहूर पब्लिक स्कूल में इंग्लिश टीचर है. उनके एक ही बेटी है जो राजस्थान में कहीं हॉस्टल में रहकर पढ़ रही है.

धीरे धीरे मुझे पता चला की दिव्या सुबह ७.५० पर हमारे घर के सामने से ही स्कूल बस पकडती है तो मैं उसी वक़्त छत पर पहुच जाता था और दिव्या को बस का वेट करते देखता रहता. बस सोमवार से शुक्रवार दिन में वही ५ मिनट ही दिव्या के दर्शन होते थे क्योंकि जब वो लौट कर आती थी तब मैं बैंक में होता था और उसके अलावा वो मुझे कभी दिखाई नहीं देती थी.
न तो वो छत पर आती न ही मोर्निंग या इवनिंग वाक पर जाती पर तभी स्कूल की गर्मी की छुट्टियाँ हो गयी और वो ५ मिनट के दर्शन भी बंद हो गए. मैंने अपनी शादी से पहले अपने मोहल्ले में दो आंटिया पटा रखी थी तो मैं ये तो यही सोच कर आया था की १५ दिन के अन्दर ही दिव्या से दोस्ती कर लूँगा और एक महीने के अंदर ही कम से कम उसे एक बार तो चोद ही लूँगा पर अब ३ महीने बीत चुके थे और मेरी कभी दिव्या से बात भी नहीं हुई.

पहले तो मैं किसी भी तरह दिव्या को हासिल करना चाहता था पर अब मेरे दिल में एक अजीब सी तड़प उठने लगी थी की बस दिव्या की एक झलक भर दिख जाए, बस एक बार बात हो जाये. मेरा हाल कुछ अजीब सा हो गया था जैसे किसी टीनएजर लड़के का किसी लड़की के प्यार में पड़ कर होता है.

करीब १० दिनों तक जब मैंने दिव्या का दीदार नहीं किया तो मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और एकदिन शाम को मैं दिव्या के घर पहुच गया और घंटी बजा दी. ५ मिनट बाद दिव्या ने दरवाजा खोला.

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Divya Chaabra

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to be continued ...
 
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Update - 2
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शायद दिव्या कहीं बाहर जा रही थी. उसने बड़ी सेक्सी ड्रेस पहनी थी. उफ्फ्फ क्या क़यामत लग रही थी दिव्या. पहली बार मैंने उसको इस तरह के कपड़ो में देखा था वरना स्कूल तो वो हमेशा साड़ी या सूट पहन कर जाती थी. मैं तो उसको देख कर मदहोश सा हो गया. सीने में ठण्ड सी पड़ गयी. जब मैं काफी देर कुछ नहीं बोला तो दिव्या ने पूछ ही लिया "जी किस से मिलना है आपको." कानो में जैसे मिश्री घुल गयी. क्या मीठी आवाज़ थी.

मैंने कहा "भाभी जी, मैं आपके बगल वाले घर में रहता हूँ. वो राजेश जी से मिलना था. इनकम टैक्स रिटर्न की बात करनी थी."

"अच्छा हाँ, आपसे उस दिन मुलाकात तो हुई थी. आप नीलम के छोटे भाई है." दिव्या बोली.

"जी. दीदी और जीजा जी यहाँ नहीं है तो घर की देखभाल के लिए मैं यही रह रहा हूँ." मैंने बताया.

"हाँ नीलम कह रही थी की आप यहाँ रहोगे पर राजेश तो अभी ऑफिस ने नहीं लौटे. वो ७ बजे के बाद आपको घर पर मिलेंगे." दिव्या ने कहा.

"ओह अच्छा. मैं फिर कभी आ जाऊँगा." मैंने कहा और वापस घर आ गया.

मुझे तो पता ही था की राजेश सुबह १०.३० बजे निकल कर शाम ७.०० बजे तक आता है इसीलिए तो मैं इस समय गया था और नौकरी करने वालों के टैक्स रिटर्न में क्या होता है मैं तो वो खुद ही भर लेता था. मेरा मकसद तो था दिव्या को अपनी शकल दिखाना वो मैं दिखा आया था. घर आकर मैंने महसूस किया की मेरा लंड दिव्या को देखने भर से ही खड़ा हो गया था. मैं फ़ौरन बाथरूम में गया और दिव्या के नाम से मुठ मारी. बाथरूम से निकला ही था की बीवी का फ़ोन आ गया.

रेणुका ने बताया गर्मी की छुट्टियों में गुड्डू मामा मामी के पास चला गया है तो वो अगले सन्डे को एक हफ्ते के लिए मेरे पास आ रही है. मैंने उससे कहा की मैं उसे लेने स्टेशन आ जाऊँगा. फिर मैं आकर टीवी पर एक इरोटिक थ्रिलर देखने लगा और विस्की पीने लगा. थोड़ी देर बाद मेरे घर की बेल बजी. मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने राजेश खड़ा था.

उसने मेरी तरफ हाथ बढाया और कहा "हाय, मैं राजेश छाबड़ा आपके पड़ोस में रहता हूँ. मेरी बीवी बता रही थी की तुम मुझसे मिलने आये थे."

मैंने राजेश से हाथ मिलाते हुए कहा. "जी जी पर आपने क्यों तकलीफ की. मैं फिर से आ जाता."

राजेश बोला "भाई तुम्हारे जीजा जी मेरे अच्छे दोस्तों में से है तो तकलीफ की तो कोई बात नहीं."

मैंने सोचा की क्यों न राजेश से दोस्ती कर ली जाए तो इनके घर आना जाना शुरू हो जाएगा तो दिव्या को सेट किया जा सकता है. मैंने कहा आइये अन्दर आ जाइये राजेश जी. और राजेश को लेकर अंदर आ गया.

अंदर आकर राजेश ने देखा की विस्की की बोतल खुली हुई है तो वो बोला "डिस्टर्ब कर दिया तुमको."

"नहीं नहीं. बल्कि कंपनी मिल गयी मुझे." मैं बोला और एक गिलास और उठा लिया.

राजेश ने कहा "नहीं नहीं रहने दो."

"क्यों? क्या आप पीते नहीं है." मैंने पुछा.

"भाई पीते तो है मगर बीवी से डरते भी है तो आज रहने दो ये बताओ की क्या काम था." राजेश हँसते हुए बोला.

मैंने कहा "काम तो कुछ ख़ास नहीं था राजेश भाई बस टैक्स रिटर्न भरवाना था."

राजेश बोला "तो अपना फॉर्म १६ और बैंक स्टेटमेंट दे दो. अगर कोई एक्स्ट्रा इनकम है तो वो भी बता दो."

डाक्यूमेंट्स तो मेरे पास पड़े ही थे. मैंने उठा कर राजेश को दे दिए.

राजेश ने फॉर्म १६ देखते हुए राजेश ने मुझसे मेरे ऑफिस के बारे में पुछा और जब मैंने बताया तो वो कहने लगा की "अरे भाई तुम तो बैंक में काम करते हो. यार एक लाकर दिलवा दो."

इत्तेफाक और मेरी किस्मत देखिये की उसी हफ्ते बैंक में ३ लाकर खाली हुए थे. मैंने बोला "क्या बात कर दी आपने. कल ब्रांच आ जाइये. दिलवा दूंगा लाकर."

"सच. मैंने तो कई बार पुछा तुम्हारी ब्रांच में पर वो तो कहते है की लाकर खाली नहीं है." राजेश बोला.

"खाली नहीं होगा तो करवा देंगे. आप टेंशन मत लीजिये. बस कल ३ बजे बैंक आ जाइये." मैंने शेखी मारते हुए कहा.

राजेश काफी खुश हो गया और बोला "ठीक है. मैं कल दिव्या को लेकर आ जाऊँगा. लाकर में उसका नाम भी चाहिए. थैंक्यू."

"अरे इसमें थैंक्यू की क्या बात है. पडोसी पडोसी के कामं नहीं आयेगा तो कौन आयेगा." मैंने बोला.

राजेश ने मेरे पेपर लिए और मुझसे हाथ मिला कर वापस चला गया और मैं अगले दिन बैंक पहुच कर दिव्या का इंतज़ार करने लगा. करीब ३ बजे दिव्या और राजेश दोनों बैंक पहुचे और गार्ड से पूछ कर मेरे केबिन में आ गए. ओफ्फ मैं तो दिव्या को देखता ही रह गया. उस गुलाबी साड़ी में कमाल लग रही थी.

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Divya in pink saree

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to be continued ...
 
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कहानी की शुरुआत तो बढिया ढंग से हुई है । आगे देखते है क्या क्या गुल खिलते है
 
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Update - 3
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मैंने अपना होश संभाला और उन दोनों को बैठने को कहा. उनसे सारे डॉक्यूमेंट और फोटो लेकर जहा दस्तखत की जरूरत थी वो करवाए और उनसे कहा की अब आप लोग जाइए. मैं बाकी फॉर्मेलिटी पूरी करके लाकर की चाभी आपके घर दे जाऊँगा. दरअसल चाभी तो मैं उनको तभी दे सकता था पर मैं उनके घर जाने का सिलसिला शुरू करना चाहता था.

राजेश और दिव्या मुझे थैंक्यू बोल कर चले गए. मैंने उनसे दिव्या के एक एक्स्ट्रा फोटो मांग ली थी जिसे मैंने अपने पर्स में रेणुका की फोटो के ऊपर लगा लिया ताकि रोज उसे देख सकूं.

जब मैंने उनके डाक्यूमेंट्स देखे तो पता चला की राजेश की उम्र ४७ साल है और दिव्या की ४३ साल. मैंने सोचा की दोनों ने काफी मेंटेन किया है. दोनों ही अपनी उम्र से काफी छोटे लगते है. राजेश ४०-४२ का और दिव्या ३७-३८ की.

दो दिन बाद मैंने शनिवार को राजेश को फ़ोन किया और बोला की भाई आपका लाकर खुल गया और चाभी मेरे पास है. आप घर आकर ले लीजियेगा तो राजेश बोला "आज तुम ७.३० बजे मेरे घर आना. डिनर हमारे साथ है आज तुम्हारा."

मैं तो यही चाहता था फ़ौरन तैयार हो गया. शाम को जब मैं वहां पंहुचा तो देखा की राजेश ड्राइंग रूम में अच्छा माहौल बना रखा था. हलकी रोशनी और लाइट म्यूजिक के साथ राजेश ड्रिंक कर रहा था.

मैंने कहा "आज बीवी का डर नहीं है"

तो राजेश बोला "आज तो बीवी ने लाकर मिलने की ख़ुशी में स्पेशल परमिशन दी है भाई. वैसे घर में पीने पर ज्यादा रोक टोक नहीं है. हाँ दिव्या बाहर जाकर पीने से एतराज करती है. कहती है की पीकर गाडी मत चलाओ."

मैं भी राजेश का साथ देने लगा और हम दोनों पीने लगे. तभी राजेश की बेटी वहां आई तो राजेश ने बताया की ये मेरी बेटी सौम्या है, गर्मी की छुट्टियों में घर आई है. सौम्या मुझे नमस्ते करके वापस अंदर चली गयी. इसके बाद हमारी दुनिया भर की बातें होने लगी पर दिव्या नहीं दिखाई दी.

आखिर मैंने पुछ ही लिया "भाभी जी कहा है. दिखाई नहीं दे रही."

तो राजेश बोला "खाना बना रही है तुम्हारे लिए." और राजेश ने दिव्या को आवाज़ लगाई. थोड़ी देर बाद दिव्या भी हमारे साथ आकर बैठ गयी. वो एक फ्राक पहने थी जो शायद उसकी बेटी की साइज़ की थी.

मुझे लगा की घर पर तो ये बहुत बिंदास रहती है पर बाहर साडी या सलवार सूट ही पहनती है. मैंने पहली बार दिव्या की चुन्चियों के साइज़ का अंदाजा लगाने के कोशिश करने लगा. मैं चोरी छुपे दिव्या के मम्मे ताड़ने में लगा था और सोच रहा था की लगते तो रेणुका के बराबर ही है. शायद ३४ DD के होंगे तभी राजेश ने दिव्या से पुछा "वाइन पियोगी डार्लिंग?".

दिव्या बोली "नहीं यार कुछ मन नहीं है. गर्मी से परेशान हो गयी किचन में."

राजेश उठा और फ्रिज से एक बियर कैन लेकर आया और दिव्या को बोला " पियों. अच्छा लगेगा." दिव्या ने कैन लिया और खोल कर पीने लगी.

मैं छोटे शहर का आदमी था. घरेलु औरतो को शराब पीते मैंने कभी देखा नहीं था, मुझे लगा की दिव्या काफी मॉडर्न है तो पूछ बैठा "तो भाभी जी भी पीती है?"

दिव्या बोली "बस कभी कभी वाइन या बियर पी लेती हूँ. हार्ड ड्रिंक तो नहीं लेती और ये भी इन्होने आदत दाल दी है. कहते थे की अकेले पीने में मजा नहीं आता तो इनका साथ देने के लिए बैठ जाती थी."

राजेश बोला "यार मनीष ये बाहर पीने से मना करती है तो मैं कभी कभी घर में ही पीता हूँ और अकेले पीने से अच्छा की दोस्त के साथ पियो और बीवी से अच्छी दोस्त कौन है, बोलो."

मैंने कहा "सही है." मुझे लगा की जब रेणुका यहाँ आयेगी तो मैं भी उसके साथ पी कर देखूँगा.

"आप खाने का क्या करते है मनीष जी, बनाते है या बाहर खाते है?" दिव्या ने पुछा.

"जी मुझे तो बनाना आता नहीं तो बाहर ही खाता हूँ पर आप मुझे आप मत कहिये और सिर्फ मनीष बुलाइए. ६ साल छोटा हूँ आपसे." मैंने दिव्या से कहा.

"ये तुम्हे कैसे पता?" राजेश ने पुछा.

"भाई लाकर के डाक्यूमेंट्स में भाभी की डेट ऑफ़ बर्थ लिखी थी उसी से पता चला की भाभी मुझसे ६ साल बड़ी है और आप १० साल." मैंने जवाब दिया.

"लो दिव्या. ये तो गड़बड़ हो गयी. मनीष को तुम्हारी सही उम्र पता चल गयी." राजेश हँसते हुए बोला.

हम काफी देर ऐसे ही हँसी मजाक करते रहे. राजेश ने मुझसे कहा की कभी कभी हमारे यहाँ भी खाना खा लिया करो. मैंने कहा की फिलहाल तो कल आप मेरे यहाँ खाना खाइएगा.
दिव्या बोली "पर तुमको तो खाना बनाना ही नहीं आता."

"मैं नहीं मेरी पत्नी रेणुका बनाएगी. वो कल आ रही है." मैंने दिव्या को बताया.

"तो आते ही उसे काम में लगा दोगे क्या भाई. एक काम करो कल तुम दोनों का डिनर हमारे साथ. फिर जब वो सेटल हो जाएगी तब उसके हाथ का खाना भी खायेंगे. क्यों दिव्या." राजेश बोला.

"बिलकुल ठीक." दिव्या बोली.

"जैसा आप कहे. कोई आपकी जान पहचान में टैक्सी वाला है क्या कल स्टेशन जाने के लिए." मैंने राजेश से पुछा.

"मैं फोन कर दूंगा. कल सुबह टैक्सी आ जाएगी. परेशान मत हो. चलो खाना खाते है." राजेश बोला.

फिर मैं खाना खाकर अपने घर आ गया. दिव्या की नजदीकी में शाम बहुत अच्छी बीती थी और राजेश से थोड़ी दोस्ती भी हो गयी. रात को मैंने सपने में देखा की मैं दिव्या को पूरा नंगा करके चोद रहा हूँ.

सुबह मैं तैयार होकर घर के बाहर टैक्सी का वेट कर रहा था की तभी राजेश कार लेकर आया और बोला "यार वो टैक्सी वाला धोखा दे गया. चलो मैं चलता हूँ तुम्हारे साथ स्टेशन."

मैंने कहा "आप तकलीफ मत करो, रहने दो. मैं कोई ऑटो ले लूँगा. अभी गाडी आने में १ घंटा है."

राजेश बोला "यार वैसे भी आज सन्डे है तो मैं फ्री ही बैठा था और तुम ही तो कहते हो की पडोसी पडोसी के काम नहीं आयेगा तो कौन आयेगा. चलो बैठो गाडी में. स्टेशन पहुचने में १ घंटा लग ही जायेगा."

मैं राजेश की गाडी में बैठ गया और हम दोनों स्टेशन के लिए निकल गए.

स्टेशन पहुचने पर मुझे सामने ही रेणुका दिख गयी. ट्रेन शायद हमसे पहले ही पहुच गयी थी तो रेणुका स्टेशन से बाहर निकल कर मेरा वेट कर रही थी. उसने एक स्लीव लेस टीशर्ट और लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी. सुन्दर तो मेरी बीवी है ही, इस ड्रेस में वो बहुत सेक्सी भी लग रही थी.

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Renuka - my wife

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to be continued ...
 
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मैंने राजेश से गाडी साइड लगाने को कहा और रेणुका को लेकर गाडी तक आया. मैंने रेणुका से राजेश का परिचय कराया तो रेणुका ने राजेश को नमस्ते किया पर राजेश ने हाथ मिलाने के लिए बढ़ा दिया. रेणुका ने भी हाथ मिला लिया. मैंने देखा की राजेश रेणुका को कुछ ज्यादा ही घूर रहा था. मुझे थोडा बुरा भी लगा की साला मेरी बीवी को ताड़ रहा है. खैर हम सब कार में बैठे और घर के लिए चल पड़े. पूरे रस्ते राजेश रेणुका से चहक चहक कर बातें करता रहा और हम घर पहुच गए. राजेश ने हमे ड्राप किया और शाम को घर आने के लिए याद दिलाया और चला गया.

शाम को रेणुका ने मुझसे पुछा की क्या पहनू तो मैंने उससे कहा "ज्यादा फॉर्मल मत पहनो. कुछ कैसुअल सा पहन लो. पड़ोस में ही तो जाना है."

दरअसल मम्मी पापा के सामने तो रेणुका अपनी मर्जी के कपडे नहीं पहन पाती और उसे वेस्टर्न कपडे पहनना बहुत पसंद है इसीलिए रेणुका फ़ौरन मान गयी और ब्लैक डेनिम के हॉट पेंट के साथ एक कसी हुई ब्लैक टीशर्ट पहन कर आ गयी.

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Renuka

कुछ देर तक तो मैं भी उसे देखता रह गया. रेणुका बोली ऐसे क्या देख रहे हो?

मैंने कहा "सच में बहुत सेक्सी लग रही हो. कहीं राजेश को हार्ट अटैक न पड़ जाए."

"क्या फालतू बात करते हो" रेणुका थोडा नाराज होते हुए बोली.

"क्यों? देखा नहीं था सुबह कैसे तुम्हे घूर रहा था राजेश जैसे खा ही जायेगा." मैंने हँसते हुए कहा.

"देखो ऐसे बेशर्मी की बात करोगे तो मैं नहीं जाऊंगी." रेणुका वापस अन्दर जाने लगी.

"अरे मैं तो मजाक कर रहा था यार. नाराज़ न हो, चलो. वो लोग इंतज़ार कर रहे होंगे." मैंने रेणुका को समझाया और हम दोनों दिव्या के यहाँ पहुच गए.

दिव्या से मैंने रेणुका का परिचय कराया और मैं राजेश के साथ पीने बैठ गया. मैंने राजेश से सौम्या के बारे में पुछा तो वो बोला "अरे आज कल के बच्चे घर पर रहना ही नहीं चाहते. वो आज सुबह ही अपने दोस्तों के साथ वेकेशन टूर पर चली गयी है और वही से कॉलेज लौट जाएगी. केवल १० दिन रही हमारे साथ. जाने दो. अरे लेडीज को भी तो पीने को कुछ दो."

दिव्या और रेणुका एक साथ बैठ कर बातें करने लगे. राजेश ने दिव्या और रेणुका को बियर से भरे गिलास दिए तो रेणुका बोली "मुझे मत दीजिये. मैंने कभी शराब नहीं पी."

"अरे ये शराब नहीं है. बियर है. पी कर तो देखिये." राजेश बोला और गिलास जबरदस्ती रेणुका को पकड़ा दिया. रेणुका ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे से पीने के लिए कहा तो वो धीरे धीरे सिप करके बियर पीने लगी.

दिव्या और रेणुका दोनों बातों में मगन थे पर मैंने गौर किया की राजेश रेणुका को बहुत ताड़ रहा था और बीच बीच में किसी न किसी बहाने से उसके पास जाता था. मैं समझ गया की ये रेणुका की ख़ूबसूरती पर कुछ ज्यादा ही लट्टू हो गया है.

दिव्या और रेणुका ने बियर का गिलास ख़तम किया तो राजेश ने फिर से दोनों का गिलास भर दिया. रेणुका बहुत मना करती रही लेकिन राजेश नहीं माना.

राजेश और मैंने भी आज काफी पी ली थी. थोड़ी देर बाद राजेश ने म्यूजिक लगा दिया और दिव्या के साथ डांस करने लगा. माहौल अच्छा खासा मस्त हो गया था. राजेश ने रेणुका से डांस करने के लिए पुछा पर रेणुका ने मना कर दिया. राजेश का चेहरा उतर गया और मुझे अन्दर से बहुत हसी आई फिर हम सबने खाना खाया और हम घर वापस आ गए.

पता नहीं क्यों पर आज राजेश का रेणुका के लिए आकर्षण देख कर मैं बहुत उत्तेजित था. मैं तो शराब पीता ही रहता था फिर भी मुझे काफी चढ़ी हुई थी. रेणुका तो कभी बियर भी नहीं पीती थी तो उसको ठीक ठाक नशा हो गया. अब रेणुका बहकने लगी थी. घर पहुच कर हम दोनों बेडरूम में पहुचे ही थे की रेणुका मुझे किस करने लगी और मैं भी उसको चूमने लगा. देखते ही देखते हम बिस्तर में घुस कर एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे. आज रेणुका ज्यादा खुल गयी थी शराब का असर जो था. मैंने शादी के इतने सालो तक कभी सेक्स के दौरान रेणुका से गन्दी बात नहीं की थी लेकिन आज मैं नशे में था तो मैंने रेणुका से पूछा "क्या बात है जान. आज बड़ी प्यासी लग रही हो? बहुत आग लगी है क्या चूत में?"

रेणुका भी मस्ती में थी तो उसने बुरा नहीं मन और बोली "हाँ लगी है. बुझा दो नहीं तो कहीं और चली जाऊँगी."

यह सुनते ही मेरे तो लंड में तनाव आ गया. मैंने भी उसे चूमते हुए पूछ लिया "किसके पास जाओगी जानेमन?"

रेणुका अब कुछ नहीं बोली. चुप हो गयी.

मैंने उसको नंगा कर दिया और खुद भी कपडे उतार दिए. रेणुका अब बिस्तर पर बेसुध सी पड़ी थी और नशे में कुछ बड़बड़ाये जा रही थी.

मैंने उसकी टांगों को खोला और उसकी जांघों और चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मेरी बीवी रेणुका मचलने लगी" आह हहहहह ससससस मनीष… अब तड़पा क्यों रहे हो?

लेकिन मैंने उसकी बातों को अनसुना करते हुए उसकी चूत में मुँह डाल दिया और चूसने लगा.

रेणुका मचल उठी: ओह हहहह… मनीष प्लीज़ करो न.

मैंने भी उसको तड़पाना जारी रखा और रेणुका को बोला: तुम्हें कैसा लंड पसंद है?

रेणुका नशे में थी लेकिन चुप हो गयी.

मैंने फिर से उसे उकसाया तो वो बोल पड़ी: मोटा और लंबा…

उसकी बातें मुझे मदहोश करने लगी थी और मेरी बातों ने उसे भी जोश चढ़ा दिया. नशे में तो वो थी ही. पता नही मुझे क्या हुआ. जिस बात से मैंने चिढ रहा था मैंने वही रेणुका से पूछ लिया "आज राजेश बहुत लाईन दे रहा था तुमको. उसे ही बुला दूँ क्या?"

रेणुका बोल पड़ी "किसी को भी बुला दो. राजेश को ही बुला दो"

नशे में मैं रेणुका के उपर चढ़ गया और उसकी चुत में लंड सटा कर उसके कानों में बोला "जान सोचो की अब राजेश छाबड़ा तुम्हे चोद रहा है."

इतना सुनते ही रेणुका ने मुझे कस लिया और किस करने लगी.

मैंने लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया और झटके मारने शुरू कर दिए. उसने हर शॉट में "आह ओह्ह हहहह राजेश… फ़क मी…" बोलना शुरू कर दिया.

उसकी बातें सुन सुन कर मेरा लंड भी टाइट हो गया जिसका पूरा मज़ा अब रेणुका ले रही थी. मेरा हर झटका उसकी चुत के अंदर तक जाता हुआ उसे सातवें आसमान पर ले जा रहा था. मैंने पुछा "क्यों राजेश छाबड़ा का लंड कैसा लगा मेरी बीवी को"

अब रेणुका खुल के बड़बड़ाने लगी "मुझे राजेश से चुदने में मज़ा आ रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो और चोदो मुझे"

ये सुन कर मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी और मैंने धक्को की रफ़्तार को दुगुना कर दिया और देखते ही देखते रेणुका और मैं निढाल हो गये. हम दोनों ही नंगे ही सो गए. करीब २ घंटे बाद मेरी नींद खुली. राजेश वाली बात याद करके मेरा लंड फिर से मस्ती में खड़ा हो गया. अब मैंने उसे रेणुका की गांड के बीच में सटा दिया और उसकी गर्दन में किस करना शुरू कर दिया. रेणुका भी जाग गई और अपनी गांड को हिलाने लगी. हम एक दूसरे के होठों को चूसने लगे. रेणुका ने अपना एक हाथ नीचे किया और मेरे लन्ड को अपनी चुत में फंसा दिया और कमर हिलाने लगी. मैं भी मस्ती में उसकी चुदाई करने लगा.

चुदाई करते करते मैंने रेणुका से कहा "कल रात तो तुम राजेश छाबड़ा से चुदी… मज़ा आया या नहीं?"

अचानक वो रुक गयी और बोली "फिर से कभी ऐसी फालतू बात मत करना"

मैं उसे उकसा रहा था कि वो होश में भी बोले लेकिन वो नाराज़ हो गयी. मैंने लन्ड उसकी चुत से निकाल दिया और उसकी चुत की दरार पर रगड़ने लगा, इसके साथ साथ उसके बूब्स दबाने लगा वो जोश में थी तो लंड निकलने से परेशान हो चली… ऊपर से उसकी चुत के बाहर लन्ड की रगड़ और चूचियों का चूसा जाना उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, वो कहने लगी "मनीष अंदर डालो प्लीज़"

मैंने उसे कस कर गले से चिपका लिया और फिर से चुदाई शुरू कर दी और करीब २० मिनट के बाद हम दोनों झड गए. रेणुका उठ कर बाथरूम चली गयी और मैं सोचने लगा की मैं वैसे तो राजेश की बीवी को भोगना चाहता हूँ लेकिन जब राजेश ने मेरी बीवी को देखा तो मुझे गुस्सा आने लगा. लेकिन जब मैंने रोल प्ले किया तो मुझे इतना मजा क्यों आया.

मैंने उस रात रेणुका को एक बार और चोदा. वो राउंड तो करीब १ घंटे का था. बहुत सालों बाद रेणुका की ऐसी चुदाई मैंने की थी. रेणुका भी बहुत खुश हो गयी.

हनीमून के बाद पहली बार ऐसा हुआ था की रेणुका और मैं अकेले थे तो हमने वो किया जो कभी नहीं किया था. पूरे एक हफ्ते मैंने रेणुका को ढेर सारी ब्लू फिल्मे दिखाई. वाइन और बियर पीना सिखाया और एक बार तो स्कॉच भी पिलाई और फिर उसकी खूब चुदाई की और शादी के बाद पहली बार रेणुका ने मुझे अपनी गांड भी मारने दी.

पर मेरे कई बार कहने पर भी उसने दुबारा रोलप्ले करने से इंकार कर दिया. मैं चाहता था की वो दिव्या बने और मैं उसे चोदु लेकिन बात नहीं बनी फिर भी पहली बार मेरी बीवी सेक्स के मामले में मुझसे इतना खुली थी. अब हम लोग गन्दी बातें कर कर के चुदाई के मजे लेते थे. ये हम दोनों का सेकंड हनीमून हो गया था.

उधर राजेश रोज किसी न किसी बहाने से एक बार रेणुका से मिलने आ ही जाता था. रेणुका को भी अब पता चल चूका था की महाशय उस पर लट्टू हो गए है तो उसने उनको ज्यादा लिफ्ट नहीं दी और मैंने जब दिव्या और राजेश को डिनर के बुलाना चाहा तो रेणुका ने मना कर दिया और एक हफ्ते बाद वापस लखनऊ चली गयी.

जब मैंने रेणुका को ट्रेन में बिठाया तो वो बोली "यहाँ आकर मुझे बहुत मजा आया."

मैंने उससे कहा की "मैंने एक हफ्ते की छुट्टी अप्लाई की हुई है. छुट्टिया मिलते ही मैं घर आऊँगा."

तो वो हँसते हुए बोली "वहाँ आकर तो तुम वैसे ही नीरस हो जाते हो. छुट्टी मिले तो मुझे ही बुला लेना."

ट्रेन चलने लगी तो मैं नीचे उतर आया और घर वापस आ गया. घर के बाहर ही राजेश मिल गए और शिकायत करने लगे की रेणुका जाने से पहले मिली भी नहीं. मैं उनकी ठरक समझ चूका था तो मैंने उनसे कह दिया की जल्दी ही दुबारा आयेगी. हमारी जिन्दगी वापस अपने रूटीन पर आ गयी.

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to be continued ...
 

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मैंने दिव्या के घर अक्सर आना जाना शुरू कर दिया था. काफी बार जब राजेश बाहर होता तो मैं उसके घर पहुच जाता था और बैठकर दिव्या से बाते करता रहता था. एक दिन मैंने दिव्या को इशारो में बता दिया की वो मुझे बहुत पसंद है. दिव्या ने उस समय तो बात को टाल दिया लेकिन फिर वो मुझसे कटने लगी. जब राजेश घर पर नहीं होता तो दिव्या मुझे बाहर से ही रवाना कर देती और राजेश ने मुझे अपने घर बुलाना भी काफी कम कर दिया था.

मैं जितना दिव्या को लाइन मारता उतना ही वो मुझसे कटती थी. मुझे लगा की अगर मैंने ज्यादा खुली कोशिश की तो वो अपने पति से भी कह सकती है. मुझे लगने लगा की मेरे लिए दिव्या को हासिल करना नामुमकिन है. मैं काफी निराश हो गया था.

अब मेरा मन न काम में लग रहा था न ही किसी और चीज में. मैं बैंक से लौट कर घर आता ब्लू फिल्म देखता और शराब पीता. पास के ही ढाबे से मेरे लिए खाना आ जाता और मैं कहा कर सो जाता था.

एक दिन मैं घर में बैठकर एक फिल्म देख रहा था जो की वाइफ स्वैपिंग के बारे में थी. उस फिल्म को देख कर मैंने सोचा की दिव्या को हासिल करने का एक तरीका स्वैपिंग भी हो सकता है. मुझे लगा की राजेश मेरी खूबसूरत बीवी पर लट्टू तो है लेकिन क्या वो स्वैपिंग के लिए मानेगा और अगर वो नहीं माना तो वो मेरी काफी बदनामी भी कर सकता है. मैंने सोचा की एक बार राजेश से वाइफ स्वैपिंग के बारे में बात करके देखनी चाहिए.

यही सब बातें मेरे दिमाग में चल रही थी तभी मुझे एक आईडिया आया. मैंने एक फर्जी ईमेल बनाया और उससे राजेश को मेल किया की अगर आप खूबसूरत जवान लडकियों डेट पर जाना चाहते है तो हम आपको सर्विस दे सकते है.

मैंने एक दो दिन वेट क्या लेकिन राजेश ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन मैंने भी हार नहीं मानी और उसको हर दुसरे दिन एक मेल भेज देता. करीब ६-७ मेल भेजने के बाद भी राजेश का कोई रिप्लाई नही आया. शायद मेरे मेल स्पैम में जा रहे थे या उसने मुझे ब्लाक कर दिया होगा. मुझे लगा की मेरे को भी कोई ऐसी मेल करता तो मैं भी उस पर विश्वास नहीं करता.

तो मैंने हिम्मत करके उसे एक नए नंबर से फ़ोन किया और आवाज बदल कर खुद को उसी फर्जी कंपनी का एग्जीक्यूटिव बताया जिसकी तरफ से मैंने उसे मेल भेजे थे और बोला "आपने हमारी मेल तो पढ़ी ही होंगी."

राजेश पहले तो भड़क गया की ये फालतू के मेल भेजना बंद करो. मेरे पास इस सब कामों के लिए पैसा नहीं है.

मैंने उसको बोला हमारी सर्विस पूरी तरह सिक्योर और फ्री ऑफ़ कास्ट है. हमारी लडकिया कोई रंडिया नहीं है बल्कि अच्छे घरो की लड़कियां है जो बोरियत की वजह से कभी कोई नया एक्सपेरिमेंट करना चाहती है.

राजेश बोला की मुझे पता है की ये मेरा कोई दोस्त है जो मेरा बकरा बना रहा है लेकिन फिर भी बोलो की मुझे क्या करना होगा.

मैंने कहा की मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ. आपका प्रोफाइल हमारे पास है और जैसे ही आपके प्रोफाइल के हिसाब से कोई डिमांड आयेगी हम आपको बताएँगे. राजेश ने ओके बोला और मैंने फोन काट दिया.

मेरी पहली चाल कामयाब हो गयी थी. अब दो दिन बाद मैंने राजेश को मेल किया की एक यंग कपल है. हस्बैंड ३६ साल और वाइफ ३२ साल की. वो आपकी उम्र के कपल से स्वैप करना चाहते है. क्या आप तैयार है.

राजेश ने कोई जवाब नहीं दिया. मैंने अगले दिन फिर से राजेश को वही मेल किया. उसने फिर से कोई जवाब नहीं दिया तब मैंने उसको फिर से फोन किया.

जब राजेश ने फ़ोन उठाया तो मैंने उससे कहा की "आपने हमारी ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया."

राजेश ने कहा "डेटिंग की बात करके तुम स्वैपिंग की बात करने लगे. मुझको वाइफ स्वैपिंग में बिलकुल भी इंटरेस्ट नही है."

मैंने उससे बोला "अरे सर सोचिये आपसे १५ साल कम उम्र की बेहद खूबसूरत लड़की है. मजा आ जायेगा आपको."

राजेश बोला "मेरी बीवी बहुत शरीफ है. वो इस तरह की औरत नहीं है. वो कभी नहीं मानेगी. लेकिन उस लड़की का फोटो मुझे भेज दो फिर सोचता हूँ."

मैंने कहा "नहीं सर. फोटो तो नहीं भेज सकता. किसी की प्राइवेसी का मामला है. आप एक काम कर सकते है. मैं कल शाम को आपकी मीटिंग इंटरेस्टेड पार्टी से फिक्स कर देता हूँ. आप अपनी बीवी की फोटो ले जाना. वो अपनी बीवी की लाएगा. अगर आप को उसकी बीवी पसंद आये और उसको आपकी तो बाकी का अरेंजमेंट हम कर देंगे बस दो रूल है पहला की आप कोड नाम इस्तेमाल करेंगे और जब तक बात फाइनल न हो आप सामने वाली पार्टी से उनका फोन नंबर नाम या कोई और डिटेल नहीं पूछेंगे और न ही अपना बताएँगे और दूसरा की आप कभी भी कोई भी ऑडियो विडियो रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे.

मेरी बात से राजेश को ये भरोसा हो गया की अगर वो मिलने गया भी तो कोई खतरा नहीं है फिर भी वो बोला "मिलने का क्या फायदा. मेरी बीवी नहीं मानेगी. कोई लड़की मेरा साथ चाहती हो तो बताओ"

"वो भी बताएँगे सर पर एक बार मिलने में क्या जाता है. आप कल शाम को ७ बजे ब्लैक शर्ट पहन कर होटल रेड स्क्वायर में चले जाना. आपको अपना नाम अनिल बताना है और सामने वाली पार्टी का नाम विवेक होगा और वो बार में आपका वेट कर रहा होगा. वो भी ब्लैक शर्ट में होगा. देख लीजिये बहुत सुंदर बीवी है अगले की. आप अपनी बीवी से बात करियेगा अगर आपकी बीवी न माने तो मना कर दीजियेगा. मैं आपको कल ८ बजे फ़ोन करूंगा." मैंने ये बोलकर फोन काट कर स्विच ऑफ कर दिया.

अगले दिन शाम को मैं खिड़की के पास बैठ गया और राजेश के घर पर नज़र रखने लगा. करीब ६ बजे राजेश घर से निकला और कार में बैठकर निकल गया. उसने ब्लैक शर्ट पहनी थी. मैं समझ गया की इसको वाइफ स्वैपिंग से कोई तकलीफ नहीं है सिर्फ यही डर है की दिव्या नहीं मानेगी. मैं तो पहले से ही तैयार था. मैं भी होटल की तरफ निकल गया. रस्ते में मैंने सोचा की दांव तो सही पड़ा है.

मैंने होटल पहुच कर देखा तो वो बार में मेरा वेट कर रहा था. मैंने एक वेटर को २०० रुपये दिए और उससे कहा वो सामने जो साहब ब्लैक शर्ट में बैठे है उनसे जाकर पूछना की क्या आपका नाम अनिल है. अगर वो हाँ कहे तो बोलना की विवेक ने आपको रेस्त्रा में बुलाया है.

वेटर ने उसके पास जाकर मेरा मेसेज दिया तो राजेश फौरन उठा और रेस्त्रा की तरफ आने लगा.

अचानक मैं उसके सामने आ गया. मुझे देख कर वो अचानक घबरा गया. बोला "अरे मनीष तुम यहाँ कैसे."

"मनीष नहीं विवेक. आप से ही मिलने आया था अनिल जी." मैंने हँसते हुए बोला.

एक मिनट के लिए तो राजेश को कुछ समझ ही नहीं आया फिर बोला "ओह गॉड, तो दूसरी पार्टी तुम हो. वो साला एग्जीक्यूटिव बोल रहा था की नाम मत बताना, नंबर मत लेना और मेरे पडोसी को ही भेज दिया. यार सुनो तुम गलत मत समझना. मैं तो बस जानने के लिए आ गया था की क्या सच में इंडिया में लोग वाइफ स्वैपिंग करते है."

मैंने कहा "चलिए घर चलते है. रस्ते में बात करेंगे."

राजेश थोडा घबरा गया था. मैंने कहा "परेशान मत होइए. मैं भी जिग्यासावश यहाँ आ गया था. चलिए वापस चलते है."

राजेश कुछ नहीं बोला. हम दोनों पार्किंग में आये और कार में बैठ गए. राजेश ड्राइव करने लगा. वो अभी भी खामोश था. मैं जानना चाहता था की क्या राजेश ने दिव्या से स्वैपिंग के बारे में कुछ बात की है तो मैंने पुछा "क्या दिव्या भाभी को पता है की आप यहाँ स्वैपिंग के लिए आये हो."

"गजब करते हो यार. अभी तो तुमको बताया की यूं ही आ गया और वो भी इसलिए की उस कंपनी के लोगो ने मेल कर करके मुझे परेशान कर दिया था. पागल थोड़े ही हूँ जो बीवी से ऐसी बात करूंगा. तुम क्या अपनी बीवी को बता कर आये थे क्या." राजेश झुंझला कर बोला.

"नहीं उसको कुछ नहीं पता. अगर बोलूँगा तो भी वो मानने वाली नहीं है. पर एक बात बताइए दिव्या भाभी जैसी सेक्सी औरत के घर में होते हुए भी आप बाहर मुह मारने की फिराक में है?" मैंने पुछा.

"क्यों. रेणुका किसी से कम है क्या? तुम भी तो बाहर मुह मारने की कोशिश कर रहे थे." राजेश बोला.

"पर मेरी बीवी तो मेरे साथ नहीं रह रही है. आपकी तो साथ ही है." मैंने बोला.

"यार २० साल हो गए मेरी शादी को. समझे." राजेश बोला.

"जी मेरी शादी को भी लगभग १० साल हो गए है तो मैं तो समझता ही हूँ." मैंने बोला. घर आ गया था. मैंने राजेश से बोला "आइये थोड़ी देर बैठते है."

राजेश ने कार लॉक की और हम दोनों मेरे घर में आकर बैठ गए. मैंने पुछा कुछ लेंगे. तो राजेश ने एक बियर मांगी. मैंने फ्रिज से दो बियर निकाली और साथ बैठ कर पीने लगे. मैंने सोच लिया था की आज तो खुलकर बात करूंगा. अगर बात नहीं भी बनी तो ज्यादा से ज्यादा राजेश-दिव्या से लड़ाई हो जाएगी. बदनामी तो ये कर नहीं पायेगा क्योंकि खुद स्वैपिंग के लिए गया था और बातचीत तो हमारी वैसे ही लगभग बंद हो गयी है.

यही सोच कर मैंने राजेश से पुछा "मान लीजिये मेरी जगह कोई और आदमी होता और उसकी बीवी आपको पसंद आ जाती तो?"

"तो क्या? दिव्या तो नहीं मानने वाली है." राजेश ने सिप लेते हुए कहा.

"और अगर वो मान जाती तो?" मैंने पुछा.

"यार तुम ये सवाल मुझसे क्यों पूछ रहे हो. अगर मेरी जगह कोई और होता और रेणुका मान जाती तो तुम क्या करते" राजेश ने मेरा सवाल मुझ पर ही दाग दिया.

"करता क्या. अगर उसकी बीवी मुझे पसंद होती तो स्वैप कर लेता." मैंने बिंदास होकर कहा.

"लगता है की तुमने पहले भी अदला बदली का खेल खेला है. क्यों?" राजेश ने पुछा.

"कभी नहीं और आपने?" मैंने पुछा.

"भाई मेरी तो इतनी हिम्मत नहीं है की दिव्या से इस तरह की कोई बात करू" राजेश बोला. उसकी बियर ख़तम हो गयी थी तो वो उठने लगा.

मैं समझ गया की अब मुझे सीधी बात ही करनी पड़ेगी. मैं बोला "अरे जा कहाँ रहे है बैठिये तो." राजेश फिर से बैठ गया. मैंने उससे कहा "कल रात को एक अंग्रेजी फिल्म देख रहा था उसमे एक आदमी शादी के कुछ साल बाद अपनी बीवी से बोर हो जाता है और अपने एक दोस्त के साथ अपनी बीवी को बदल लेता है. उसके बाद उसकी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी हो जाती है. कमाल की फिल्मे बनाते है ये हॉलीवुड वाले भी."

राजेश समझ गया की मैं क्या कहना चाहता हूँ. उसने मेरी तरफ देखा और कहा "वो फिल्म की बात है और वो भी विदेशी वहां औरते और मर्द दोनों खुले दिमाग के होते है. यहाँ तो औरत को मर्द अपनी प्रॉपर्टी समझता है."

मैंने राजेश से कहा "देखिये बात तो आप सही कह रहे है पर फिर भी मैं एक बात कहना चाहता हूँ लेकिन पहले आप वादा करो की बात अगर बुरी भी लगे तो मुझसे ही कहोगे किसी और से नहीं कहोगे."

राजेश बोला "मैं समझ रहा हूँ तुम क्या कहना चाहते हो. कहो यार अब तुम्हारी बात का क्या बुरा मानना."

मैंने डरते डरते कहा "क्यों न आप और मैं अपनी बीवियों की अदला बदली करके देखें. हो सकता है की हमें भी मजा आये."

राजेश भड़का नहीं, आराम से बोला "देखो यार ये पॉसिबल नहीं है. मैं अपनी बीवी के साथ खुश हूँ, तुम भी अपनी के साथ खुश रहो. "

मैंने कहा "ठीक है की आप दोनों एक दुसरे से खुश है लेकिन जरा सामने तो देखिये." सामने रेणुका की बड़ी सी फोटो लगी थी. राजेश उसे देखने लगा. "देखिये जरा रेणुका की ये फोटो. सोचिये आपको कितना मजा आयेगा अपने से १५ साल छोटी लड़की के साथ. कितनी सुन्दर है रेणुका. लोग तो उससे बात करने के लिए भी तरसते है." मैंने फिर कहा.

"देखो यार. तुम जब इतना खुल कर बोल रहे हो तो बता देता हूँ की जब से मैंने रेणुका को देखा है उसे पसंद करता हूँ लेकिन दिव्या नहीं मानेगी." राजेश रेणुका की फोटो देखते हुए अपना लंड घिसने लगा.

मैंने उससे पुछा "मतलब आपको स्वैपिंग से कोई एतराज नहीं है."

राजेश बोला "माना की मुझे स्वैपिंग से कोई एतराज़ नहीं है लेकिन ये पॉसिबल नहीं है तो तुम इस बात को भूल जाओ और आगे से इस बारे में किसी से कुछ न कहना."

मैंने कहा "राजेश भाई. बनिए मत. अब आप बोल चुके हैं की आपका लंड मेरी बीवी की चूत के लिए तड़प रहा है."

राजेश बोला "यार सबको दुसरे की बीवियाँ अच्छी लगती है. तुम भी तो दिव्या से फ़्लर्ट कर रहे हो, उसने मुझे खुद बताया है और उस पर तुम्हारी बीवी है ही इतनी खूबसूरत पर इन बातो से क्या फर्क पड़ता है. क्या तुम रेणुका को बोलोगे मेरे साथ सोने के लिए."

मैंने कहा "उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी. मेरे पास एक जबरदस्त आईडिया है."

"कैसा आईडिया" राजेश ने पुछा.

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to be continued ...
 

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मैंने कहा "सुनिए हम दोनों अपनी बीवियों के साथ ५-६ दिनों के लिए किसी हिल स्टेशन चलते है. वहां हम एक दुसरे की बीवियों को पटाने की कोशिश करेंगे. अगर पट गयी तो बढ़िया वरना दोस्ती करके जो बातचीत बंद है वो तो शुरू कर लेंगे फिर यहाँ लौट कर मामला आगे बढ़ाएंगे. मुझे पूरी उम्मीद है की दोनों कुछ दिनों में पट जाएगी."

रेणुका के साथ ६-७ दिन बाहर जाने का नाम सुन कर राजेश के मुंह में पानी आ गया लेकिन फिर वो बोला "यार आईडिया तो अच्छा है लेकिन जब से तुमने दिव्या को लाइन मारना शुरू किया है उसने मुझे बोल रखा है की तुमसे दूर रहूँ. कही कुछ गड़बड़ न हो जाए."

मैंने कहा "जानता हूँ. रेणुका को भी इस बात का शक है की आप उस पर लट्टू है तो हम साथ में नहीं जायेगे और हम अपनी बीवियों से भी कुछ नहीं कहेंगे. अलग अलग जाकर वही मिलेंगे और ऐसे दिखायेंगे जैसे ये एक इत्तेफाक है फिर वहां आप मुझे दिव्या के साथ फ़्लर्ट करने का मौका दीजियेगा और मैं आपको रेणुका के साथ. अगर कुछ नहीं भी हुआ तो भी हम घूम फिर के रिलैक्स होकर वापस आ जायेंगे."

राजेश बोला "हाँ ये हो सकता है. दिव्या भी कई दिनों से कह रही है कहीं घूमने जाने के लिए. फिलहाल उसको स्कूल के कुछ पेपर सेट करने है पर वो तो मैं उससे कह दूंगा की लैपटॉप ले चलो और वही कर लेना लेकिन हम चलेंगे कहाँ?"

मैं बहुत खुश हो गया की राजेश मान गया. मुझे अब दिव्या की चूत बहुत नजदीक दिख रही थी. मुझे भरोसा था की राजेश रेणुका के चक्कर में अपनी बीवी मुझसे जरूर चुदवायेगा.

मैंने कहा "कसौली चलते है. मेरे ख़ास दोस्त का वहां एक बड़ा होटल है. रेणुका को मैं लखनऊ से बुला लेता हूँ और सन्डे को उसे लेकर वहां पहुच जाऊंगा. आप एक दिन पहले दिव्या के साथ सैटरडे को वहां पहुच जाना. मैं रूम बुक करवा कर डिटेल आपको दे दूंगा."

राजेश बोला "ठीक है. चलो होटल बुक करके बता देना और सुनो रेणुका को बोलना की चूत के बाल साफ़ करके आये. मुझे बाल पसंद नहीं है."

"भाई अभी ख्याली पुलाव मत पकाओ. अभी दिल्ली दूर है और हो सकता है की हम दोनों खाली हाथ वापस आ जाये. लेकिन फिर भी चिंता न करो मुझे भी चिकनी चूत ही पसंद है तो रेणुका हमेशा चिकनी ही रहती है. आप भी दिव्या भाभी को ऐसे तैयार करवा के लाना जैसे हनीमून पर ले जा रहे हो. साडी वारी न लेकर जाना. सिर्फ सेक्सी ड्रेस लेकर जाना" मैंने बोला.

राजेश के जाते ही मैंने अपने दोस्त को फोन किया जिसका की कसौली में होटल था. हालचाल लेने के बाद मैंने उससे बोला की मुझे तेरे होटल में साथ के दो कमरे चाहिए. दोनों कमरे अंदर से जुड़े हो तो बहुत अच्छा होगा.

उसने बोला की वो इस वक़्त कसौली में नहीं है लेकिन ऑफ सीजन है तो मेरे कमरों का इंतज़ाम हो जायेगा. मैंने उसे बोला की मेरे दोस्त सैटरडे को पहुचेंगे और मैं सन्डे को. कितने दिन रुकेंगे अभी पता नहीं है. अगले दिन उसने मुझे बुकिंग डिटेल मेल कर दिए और मैंने राजेश को फोन करके होटल डिटेल्स दे दिए.

राजेश बोला "यार उस दिन मैंने नशे में हाँ तो कर दिया था लेकिन अब थोडा डर लग रहा है."

मैंने कहा "देखिये कुछ गड़बड़ नहीं होगी. आप बस शनिवार को वहां पहुच जाइएगा." फिर मैंने रेणुका को फ़ोन किया और उसे आने के लिए बोल दिया. मैंने उसे बताया की मुझे छुट्टी मिल गयी है और हम दोनों सन्डे को हिल स्टेशन चलेंगे. साथ ही मैंने उसे उसके सारे सेक्सी ड्रेस लाने को बोल दिया. २ दिन बाद रेणुका आ गयी.

सैटरडे को रात में मेरे पास राजेश का फोन आया की वो लोग आराम से पहुच गए है. मेरे पूछने पर उसने बताया की उनके रूम और बगल वाले रूम के बीच में एक डोर है जो की लॉक है. मैंने बताया की मैं कल पहुच जाऊँगा और उसी बगल वाले रूम में रहूँगा और उस डोर की चाभी भी ले लूँगा ताकि हम अंदर से ही एक दुसरे के कमरे में आ जा सकें.

मैंने उससे बोला की हमारे पास टाइम कम है तो हम कल से ही कोशिश शुरू कर देंगे. आप दिव्या को लेकर शाम को ६ बजे मुझे होटल के सामने वाली काफी शॉप में मिलना.

अगले दिन मैंने सुबह ४ बजे टैक्सी बुलाई और हम दोनों शाम तक होटल पहुच गए. मौसम बहुत ठंडा नहीं था. थोड़ी देर हमने रेस्ट किया फिर रेणुका को कहा "डार्लिंग जल्दी से एक सेक्सी ड्रेस पहन लो. चलो तुम्हे बढ़िया कॉफ़ी पिला कर लाते है."

जब हम कॉफ़ी शॉप पहुचे तो राजेश और दिव्या दोनों की वहां बैठे थे. इतने दिन बाद आज दिव्या दिखी और वो भी इतनी हॉट ड्रेस में. मेरे तो होश ही उड़ गए.

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Divya

मैंने और राजेश ने एक दुसरे को आश्चर्य से देखने का नाटक किया. और पूछने लगे की आप कब आये, अरे पहले बताते तो साथ ही आ जाते टाइप बाते की. राजेश और दिव्या तो कॉफ़ी पी चुके थे पर वो हमारा साथ देने के लिए रुक गए. फिर मैं और रेणुका कॉफ़ी पीने लगे और राजेश मेरी बीवी के हुस्न को आँखों से पीने लगा.

कॉफ़ी पीकर हम वापस होटल में आ गए. हमने फिर से आश्चर्य का नाटक किया की हम लोग एक ही होटल में अगल बगल के कमरों में रह रहे है. राजेश बोला "अभी हम डिनर के लिए बाहर जायेंगे. तुम दोनों हमारे साथ चलना." फिर हम अपने अपने कमरों में आ गए.

रेणुका मुझसे बोली "कहीं आपने इन्हें बता तो नहीं दिया था की हम यहाँ आने वाले है तो ये पीछे पीछे चले आये."

मैंने कहा "मेरी तो कई दिनों से इनसे मुलाकात ही नहीं हुई और वो हमसे पहले से यहाँ रह रहे है. पर चलो अच्छा है ये लोग मिल गए. कंपनी रहेगी और ये लोग अपनी गाडी से आये है तो हमको हर जगह जाने के लिए टैक्सी नहीं करनी पड़ेगी."

"पर वो राजेश हर समय पर लाइन मारता है." रेणुका बोली.

"अरे तुम हो ही इतनी खूबसूरत की वो बेचारा क्या करे और वैसे भी मेरे और अपनी बीवी के होते हुए वो कर भी क्या सकता है. तुम चिल करो और उससे नार्मल बात किया करो." मैंने रेणुका को बोला.

उधर दिव्या भी राजेश से इसी तरह की बात कर रही थी. "आपने उससे क्यों बोला की हमारे साथ डिनर पर चलना. मैंने आपको बोला है न की वो मेरे साथ फ़्लर्ट करता है." दिव्या ने राजेश को बोला.

"अरे भाई मेरे और अपनी बीवी के सामने वो क्या तुमसे फ़्लर्ट करेगा. मैंने तो उसको इसलिए बोल दिया की कंपनी रहेगी." राजेश ने दिव्या को दिलासा दिया.

थोड़ी देर बाद राजेश ने हमे बुलाया और हम चारो पैदल निकल पड़े. थोड़ी देर घूमने के बाद हम चारो एक रेस्त्रा में पहुचे और खाना खाया.

राजेश ने मुझे पहले ही बता दिया था की दिव्या को फिल्मो का बहुत शौक है और मैंने उसे बता दिया था की रेणुका को घूमने का तो वापसी के समय मैं ज्यादातर दिव्या से फिल्मो पर बात करता रहा और राजेश रेणुका को अपने घूमने के किस्से सुनाता रहा.

मैं और दिव्या बात करते करते थोडा आगे निकल गए तो राजेश ने थोडा घीमे चलना शुरू कर दिया और होटल पहुचने का दूसरा रास्ता ले लिया. वो रास्ता थोडा सुनसान था. रस्ते में अचानक बारिश होने लगी और राजेश और रेणुका पूरे भीग गए. बारिश में रेणुका का हुस्न और खिल गया. अब राजेश से रहा नहीं गया और उसने रेणुका को अपनी बाँहों में भरकर किस कर लिया.

रेणुका राजेश के इस व्यवहार से हक्की बक्की रह गयी. राजेश ने फ़ौरन रेणुका से कहा "मैं बहुत माफ़ी चाहता हूँ पर तुम्हारी खूबसूरती के सामने मैं अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख पाया."

रेणुका ने राजेश से कहा "ये आपने ठीक नहीं किया. चलिए होटल चलिए." राजेश और रेणुका वापस होटल की तरफ चल पड़े लेकिन रस्ते में उनकी कोई और बात नहीं हुई.

रेणुका मन ही मन राजेश से नाराज भी हो रही थी और साथ ही उसके मन में एक गुदगुदी भी हो रही थी की राजेश उसके हुस्न पर किस कदर फ़िदा है. उधर मैं और दिव्या होटल पहुच गए थे और कुछ देर रिसेप्शन पर बैठ कर राजेश और रेणुका का इंतज़ार करते रहे.

जब बारिश रुक गयी तो दिव्या ने कहा "मनीष क्यों न हम वापस चल कर देखे की ये कहा गए. कही राजेश रास्ता तो नहीं भूल गए." मुझे तो पता ही था की राजेश दूसरा रास्ता लेकर आ रहे है लेकिन फिर भी मैं दिव्या के साथ उन दोनों को ढूनने निकल पड़ा और होटल में बोल दिया की अगर राजेश और रेणुका आये तो बोलना की होटल में ही रुके.

हम होटल से निकले और ५ मिनट बाद राजेश रेणुका को लेकर होटल पहुच गया. होटल में उन्हें पता चल गया की हम उन्हें देखने निकले है तो रेणुका अपने कमरे में आ गयी.
राजेश भी रेणुका के साथ कमरे में आ गया. रेणुका थोड़ी असहज हो रही थी तो राजेश बोला "रेणुका, तुम पूरे रस्ते कुछ नहीं बोली क्या मुझसे ज्यादा नाराज़ हो."

रेणुका: नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं.

राजेश: बस तुमसे एक रिक्वेस्ट है की हमारे बीच जो हुआ तुम मनीष को मत बताना.

रेणुका: मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली. आप चिंता मत कीजिये.

ये बात सुनते ही राजेश ने रेणुका को गले से लगा लिया और थैंक्यू बोलने लगा. रेणुका ने राजेश को दूर हटाया और बोली "आप मेरी बात का गलत मतलब न निकाले. मै मनीष को बता कर आप लोगो का झगड़ा नहीं कराना चाहती. अब आप अपने कमरे में जाइए."

राजेश जानता था की अगर इसने मनीष को बोल भी दिया तो कुछ नहीं होगा इसीलिए पर जब तक रेणुका राजेश को अपने से अलग करती तब तक राजेश ने अच्छे से उसका बदन नाप लिया और फिर चुपचाप अपने कमरे में चला गया पर रेणुका को दिमागी और जिस्मानी तौर पर काफी गर्म कर गया.

उधर मैं और दिव्या बाते करते करते वापस रेस्त्रा तक पहुच गए और अब वापस लौट रहे थे. मैंने रस्ते भर दिव्या पर काफी डोरे डाले थे और होटल पहुचने थोडा पहले दिव्या का हाथ पकड़ कर बोला "सच आपके साथ शाम बहुत बेहतरीन बीती. अगर आप मुझे पहले मिल जाती तो आप से ही मैं शादी करता."

दिव्या मेरी बात सुन कर हसने लगी. मैंने सिरियस होते हुए कहा मैं मजाक नहीं कर रहा.

दिव्या भी थोडा सिरियस हो गयी और बोली "मैं तुमसे उम्र में बड़ी हूँ, शादीशुदा हूँ पर फिर भी तुम मुझसे फ़्लर्ट करते रहते हो." मैंने दिव्या को अपनी बाहों में भर लिया और कहा "ये आपकी ग़लतफहमी है. ये फ़्लर्ट नहीं बल्कि आपके लिए मेरा प्यार है और प्यार का उम्र से क्या वास्ता".

दिव्या ने धीरे से खुद को मुझसे अलग किया और वापस चलने लगी. कुछ देर में होटल आ गया और हम अपने अपने कमरों में चले आये.

मैंने और राजेश दोनों ने ही अपने अपने तरीके से दिव्या और रेणुका को एकदम साफ़ साफ़ बता दिया था की हम एक दुसरे को बहुत पसंद करते है. अब तक जो दबा छुपा था वो अब खुल गया था.

आज जो भी हुआ न तो दिव्या ने राजेश को बताया और न रेणुका ने मुझे. अगले दिन सुबह दिव्या होटल के स्विमिंगपूल में स्विमिंग करने जा रही थी तो वो रेणुका को भी अपने साथ ले गयी.

राजेश मौका देख कर मेरे कमरे में आ गया और हमने कल एक दुसरे की बीवियों के साथ हुई बात एक दुसरे को बताई.

मैंने कहा "राजेश भाई मुझे लगता है की हमारा काम बन सकता है. अगर इन दोनों को हमारी बाते बहुत बुरी लगी होती तो हमको जरूर बोलती. अब आज हम लोग एक साथ घूमने चलते है और आज भी आप रेणुका के साथ लगे रहिये और मैं दिव्या के साथ रहूँगा. फिर लौट कर मेरे रूम में हम सब ड्रिंक करेंगे."

"आईडिया तो अच्छा है लेकिन घूमने कहा चलोगे." राजेश बोला.

"मंकी पॉइंट चलते है. अभी सीजन तो है नहीं तो वहां काफी सन्नाटा होगा. गाडी नीचे छोड़ दीजियेगा और हम सब पैदल ऊपर चलेंगे. आप दिव्या को ऐसे कपडे पहनने को बोलना जिससे वो पहाड़ पर न चढ़ पाए और आप ट्रैकिंग शूज पहन लेना." मैंने प्लान समझाया.

"समझ गया तुम रेणुका को ट्रैकिंग के लिए जूते पहना दोगे तो मैं रेणुका के साथ जल्दी जल्दी ऊपर चढ़ जाऊँगा और तुम दिव्या के साथ धीरे धीरे बाकी रस्ते में जिसको जैसा मौका मिले. क्यों ठीक है न." राजेश बोला.

"बिलकुल सही." मैंने राजेश को बोला और हम भी स्विमिंग पूल पर आ गए. रेणुका और दिव्या स्विमिंग सूट में कहर ढा रही थी.

थोड़ी देर एक दुसरे की बीवियों को ताड़ कर हम उन्हें लेकर रूम में वापस आ गए और उन्हें तैयार होने को बोला. जब रेणुका नहाकर तैयार हुई तो मैंने उसे ऐसे कपडे पहनने को बोला ताकि वो ट्रैकिंग कर पाए और खुद भी फटाफट नहाया और हम नाश्ता करने होटल के रेस्त्रा में पहुच गए. राजेश और दिव्या पहले से ही वहां बैठे थे. प्लान के मुताबिक राजेश ने दिव्या को लेदर की कसी हुई स्कर्ट और हाई हील शूज पहनाये थे.

हम दोनों उनके साथ ही बैठ गए. मैंने राजेश से पुछा "किधर जाने का प्लान है?"

"अभी कुछ सोचा नहीं. तुम लोग किधर जा रहे हो." राजेश ने पुछा.

"मंकी पॉइंट सोच रहे है. आप भी चलिए." मैंने बोला.

"चलो ठीक है. जाना तो है ही वहां. तुम्हारे साथ ही चलते है." राजेश बोला और हम नाश्ता करके निकल गए.

जल्दी ही हम मंकी पॉइंट पहुच गए. रेणुका हॉट पैन्ट्स और स्पोर्ट्स शूज में ट्रैकिंग के लिए बिलकुल तैयार थी.

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Renuka - my wife[/img]

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to be continued ...
 
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