• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery पडोसन की मोहब्बत (adla badli)

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 7
********


राजेश ट्रेकिंग की पूरी तैयारी से था पर मैंने जान बूझ कर लेदर के जूते पेहन लिए थे. मंकी पॉइंट पहुचने के बाद जब दिव्या को पता चला की हमको पहाड़ के ऊपर जाना है तो वो थोडा परेशान हुई तभी राजेश बोला "जो सबसे पहले ऊपर कदम रखेगा उसके लिए कुछ इनाम रखना चाहिए क्यों मनीष."

मैं बोला "हम सब २५०० रुपये मिलाते है और जो सबसे पहले ऊपर पहुचेगा उसे ये १०००० रुपये मिलेंगे."

राजेश ने कहा "बहुत अच्छी बात है. लो मेरे और दिव्या के ५००० रुपये."

मैंने पैसे लेकर उसमे ५००० और मिला कर दिव्या को रखने के लिए दे दिए. मैंने रेणुका किनारे ले जाकर बोला "देखो मैं तो लेदर शूज पहने हूँ तो तेज़ी से नहीं चढ़ पाऊँगा पर तुम ट्रैकिंग वाले कपडे पहने हो. जल्दी से चढ़ जाना. इनाम तुम्हे ही मिलना चाहिए."

फिर हमने काउंट डाउन शुरू किया और चारो ऊपर चढ़ने लगे. सबसे तेज़ी से रेणुका चढ़ रही थी फिर राजेश उसके पीछे मैं और सबसे बाद में दिव्या थी. देखते ही देखते रेणुका और राजेश मेरी नजरो से ओझल हो गए तो मैं थोडा रुक कर दिव्या का वेट करने लगा. ५ मिनट बाद दिव्या नज़र आई. मुझे रुका देख आकर बोली "क्या हुआ, शर्त नहीं जीतनी क्या?".

मैंने बोला "इन जूतों में तो नहीं जीत पाऊँगा. अब तो बीवी का ही सहारा है."

"मुझे पहले पता होता तो मैं हाई हील न पहनती. स्पोर्ट शूज पहनती. इनमे पहाड़ चढ़ना तो बहुत मुश्किल है." दिव्या मेरे बराबर आ कर बोली. अब हम दोनों ने साथ साथ चढना शुरू कर दिया.

उधर रेणुका पहले तो तेज़ तेज़ चढ़ी फिर जब थक कर थोडा धीमे हुई तो राजेश उसके बराबर आ गया और बातें करते करते उसके साथ चलने लगा और जैसे वो लोग पहाड़ी पर पहुचने वाले थे राजेश ने अचानक रेणुका को पीछे से कमर में हाथ डाल कर उठा लिया और चलने लगा.

रेणुका बोली "अरे ये क्या कर रहे है. मुझे नीचे उतारिये"

राजेश बोला "उतार दूंगा पर पहाड़ी पर पहुचने के बाद ताकि सबसे पहले मेरे कदम ही ऊपर पड़ी फिर तुम्हारे."

रेणुका के लाख कहने के बाद भी राजेश ने उसे नीचे नहीं उतारा और रेणुका भी इस डर से की कही वो गिर न जाए सिर्फ मुह से ही कहती रही. रेणुका को इस तरह बाँहों में भरने से राजेश का लंड खड़ा हो गया और रेणुका की गांड में चुभने लगा.

रेणुका समझ गयी की उसे क्या चुभ रहा है और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया. जब पहाड़ी पर पहुच कर राजेश ने रेणुका को धीरे धीरे नीचे उतारा तो उसने अच्छे से रेणुका की चून्चियो का मजा भी ले लिया और अपना कड़क लंड अच्छे से रेणुका की गांड की दरार में रगड़ दिया.

नीचे उतर कर रेणुका थोडा गुस्सा दिखाते हुए बोली "ये गलत बात है"

"प्यार और जंग में सब जायज है मेरी जान और यहाँ तो प्यार भी है और जंग भी." राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा.

रेणुका ने सोचा की अब वो राजेश से बात ही नहीं करेगी लेकिन ऊपर के हसीं नज़ारे देख कर रेणुका ज्यादा देर गुस्सा न रह सकी और राजेश ने जब उससे कहा "सच में यहाँ से नीचे का नज़ारा कितना सुंदर दिख रहा है." तो वो बोल पड़ी "शायद मैं आज पहली बार इतनी उचाई पर आई हूँ".

राजेश बोला "अरे अगर मेरे साथ रहोगी तो देखना कैसी कैसी उचाईयों पर ले चलूँगा तुम्हे."

राजेश की द्विअर्थी बात सुन कर रेणुका फिर से झेप गयी.

इधर मैं और दिव्या धीरे धीरे ऊपर जा रहे थे. मैं सोच रहा था की कल राजेश ने रेणुका को किस कर लिया था और मैं अभी तक दिव्या का सिर्फ हाथ ही पकड़ पाया हूँ तभी ऊपर वाले ने मेरी सुनी और दिव्या का पैर फिसल गया.

मैंने फ़ौरन दिव्या को पकड़ा. इसी चक्कर में दिव्या की गुदाज चूंची मेरे हाथ में आ गयी और मैंने उसे कस कर दबा दिया. दिव्या को समझ नहीं आया की ये मैंने जान बूझ कर किया या उसको गिरने से बचाने में अपने आप हो गया तो वो कुछ नहीं बोली पर दिव्या का पैर मुड़ने से उसके पैर में मोच आ गयी थी.

दिव्या मुझसे बोली "अब मैं तो ऊपर नहीं जा पाऊँगी." और वो पर्स से फोन निकाल कर राजेश को मिलाने लगी. थोड़ी कोशिश के बाद मुझसे बोली "मेरे मोबाइल में नेटवर्क भी नही है. तुम अपने फोन से राजेश को फोन करो." नेटवर्क मेरे फोन में भी नहीं था. तो वो बोली "मैं सामने चट्टान पर बैठती हूँ. तुम ऊपर जाकर राजेश को नीचे भेज दो."

मैंने दिव्या को बोला "देखिये आपको इस वीराने में अकेला तो नहीं छोड़ सकता. गाड़ी की चाभी तो आप ही के पास है. आप मेरा सहारा लेकर नीचे चलिए और गाडी में बैठ कर आराम कीजिये. वहाँ से मैं राजेश भाई को फोन कर दूंगा."

दिव्या ने मेरा सहारा लेकर खड़े होने की कोशिश की लेकिन उसको दर्द ज्यादा हो रहा था. वो गाडी की चाभी मुझे देकर बोली "मुझसे चला नहीं जायेगा. गाडी की मेडिकल किट में एक स्प्रे होगा. आप जाकर ले आओ."

"हमको नीचे जाने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और मैं यहाँ आपको अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगा." इतना बोल कर मैंने दिव्या को अपनी गोद में उठा लिया और नीचे जाने लगा. दिव्या बोली "अरे मैं गिर जाऊंगी. मुझे नीचे उतारिये."

मैंने कहा "बस नीचे पहुच कर उतार दूंगा. आप अपने हाथ मेरे गले में डाल लीजिये और थोडा सब्र कीजिये."

मैं तेज़ी से नीचे उतरने लगा और दिव्या गिरने के डर से मेरे गले में हाथ डालकर मेरे सीने से लग गयी. उसकी चून्चिया मेरे सीने में गड रही थी और मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर था और दूसरा उसकी गदराई गांड पर. दिव्या का मुह शर्म से लाल हो रहा था पर वो कर भी क्या सकती थी. करीब २० मिनट में हम कार के पास पहुच गए और मैंने दिव्या को पीछे की सीट पर लिटा दिया.

लिटाने के बाद मैंने दिव्या के होठो पर एक किस कर लिया. दिव्या मुझे हैरानी से देखने लगी. मैंने वही डायलॉग मार दिया जो राजेश ने रेणुका को बोला था. मैंने कहा "माफ़ कीजिये दिव्या जी लेकिन इतना हुस्न इतने नज़दीक से देख कर मुझसे रहा नहीं गया."

दिव्या नाराजगी से कुछ नहीं बोली और राजेश को फ़ोन मिलाने लगी. मुझे पता था की फोन नहीं मिलेगा क्योंकि नीचे तो नेटवर्क था लेकिन ऊपर राजेश और रेणुका के फोन में तो नेटवर्क होगा ही नहीं तो मैं तसल्ली से डिक्की में दवाई ढूढ़ने लगा. मुझे स्प्रे के साथ आयोडेक्स भी मिल गया. मैं दिव्या के पैरो के पास बैठ गया और उसके पैर अपनी गोद में रख कर आयोडेक्स लगाने लगा. दिव्या बोली "तुम रहने दो. मुझे दो. मैं अपने आप लगा लूंगी."

मैंने कहा "आप लेटी रहिये. मुझ पर गुस्सा फिर कभी निकाल लीजियेगा. अभी मुझे मालिश करने दीजिये."

दिव्या चुप हो गयी और मैं उसके पैर की अच्छे से मालिश करने लगा. मालिश करते करते मेरा लंड खड़ा हो गया और दिव्या के पैर में लगने लगा. जब दिव्या को ये महसूस हुआ तो वो बोली "अब रहने दो. काफी आराम है. पर राजेश का फोन नहीं लग रहा."

मैंने मालिश करना बंद कर दिया. मैंने देख लिया था की मोच ज्यादा नहीं है और थोड़ी देर में ठीक हो जाएगी.

"अब सिवाय यहाँ उन लोगो का इंतज़ार करने के और चारा भी क्या है." मैंने दिव्या से कहा और उसके पैर और जांधे सहलाने लगा. दिव्या कुछ नहीं बोली. वो समझ चुकी थी की जब तक राजेश वापस नहीं आता तब तक मैं इतनी छूट तो लूँगा ही.

जब काफी देर हम उपर नहीं पहुचे तो रेणुका बोली "ये लोग अभी तक नहीं आये. हमको जाकर देखना चाहिए."

राजेश को यूं तो रेणुका के साथ बहुत मज़ा आ रहा था पर उसने भी मन में सोचा की कही मैं रास्ते में दिव्या के साथ कुछ ज्यादा हरकतें तो नहीं करने लगा तो वो लोग वापस नीचे आने लगे. वापसी के समय में भी राजेश ने रेणुका से काफी छेड़छाड़ की.

रेणुका और राजेश जब नीचे पहुचे तो उन्होंने देखा की हम दोनों कार में बैठे है. मैंने उन्हें बताया की दिव्या के पर में मोच आ गयी है तो अब कही और जाने की बजाय हमें होटल जाना चाहिए.

राजेश बोला "हां वैसे भी होटल पहुचते पहुचते शाम ही हो जाएगी" और हम वापस होटल लौट आये.

होटल पहुचते पहुचते दिव्या काफी ठीक हो गयी और राजेश का सहारा लेकर अपने रूम में चली गयी..

हम भी अपने कमरे में लौट आये. थोड़ी देर तक रेणुका मुझे बताती रही की ऊपर के नज़ारे बहुत खूबसूरत थे फिर रेणुका नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी तो मैंने कमरे के अन्दर का दरवाजा अनलॉक करके खटखटाया.

राजेश ने भी फ़ौरन दरवाजा खोल दिया तो मैंने बोला की मेरा बाथरूम बिजी है क्या आपका यूज़ कर लूं. राजेश ने फ़ौरन बोला हाँ हाँ आ जाओ. मैं उनके कमरे में घुस गया. दिव्या ने कपडे चेंज कर लिए थे और एक शोर्ट नाईटी पहन ली थी और बेड पर बैठ कर लैपटॉप पर कुछ काम कर रही थी.

अचानक मुझे देख कर वो परेशान हो गयी. मैं फौरन बाथरूम में घुस गया और राजेश और दिव्या की बात सुनने लगा.

दिव्या राजेश के ऊपर नाराज़ हो रही थी की क्यों उसने मुझे कमरे में आने दिया. पहले उसको बता देता तो वो कपडे बदल लेती. मैंने थोड़ी देर उनकी बातें सुनी और फिर बाथरूम से बाहर आ गया.

दिव्या मुझे देखकर चुप हो गयी. मैंने राजेश से कहा की अब कहीं बाहर जाने का प्लान तो नहीं है. राजेश बोला "अभी दिव्या के पैर में हल्का सा दर्द है तो आज तो कही नहीं जायेंगे. डिनर भी यही कर लेंगे. बाकी कल देखा जायेगा."

मैंने राजेश से धीरे से कहा "तो आप और दिव्या मेरे रूम में आ जाओ. यहीं पार्टी करते है." राजेश ने दिव्या से बोला "चलो यार थोड़ी देर मनीष के कमरे में बैठते है." दिव्या बोली "आप जाओ. मैं कपडे बदल कर आती हूँ."

मैंने कहा "अरे भाभी कपडे मत बदलिए. रूम में ही तो है. चलिए ऐसे ही चलिए. चलिए आइये."

राजेश ने भी कहा तो दिव्या वही शोर्ट नाईटी पहन कर राजेश के साथ मेरे रूम में आ गई.

मैं स्कॉच की बोतल तो घर से ले कर आया था. मैंने फोन करके सोडा बर्फ और कुछ स्नेक्स भी कमरे में मंगवा लिए थे. तब तक रेणुका भी नहा कर निकल आयी.

वो शायद अपने कपडे नहीं ले गयी थी तो उसने सिर्फ बाथरोब पहना था. रूम में दिव्या और राजेश को देखकर वो चौंक गयी और वापस बाथरूम में घुस गयी. रेणुका को बाथरोब में देख कर राजेश की तो आंखे बाहर निकल आयी.

रेणुका ने बाथरूम के अंदर से मुझसे इशारे से कपडे मांगे. मैंने उसकी शोर्ट नाईटी उसे दे दी. उसने मुझे नाराजगी से देखा तो मैंने धीरे से बोला "यार कही जाना तो है नहीं. यही पहन लो. देखो दिव्या भी तो नाईटी पहने है. जल्दी से पहन कर आ जाओ. दिव्या बोर हो रही है"

रेणुका बोली "पर राजेश?"

"कुछ नहीं होता यार. जल्दी से आ जाओ." मैंने कहा तो रेणुका वो ड्रेस पहन कर बाहर आ गयी और बेड पर बैठ गयी. मेरा और राजेश का मकसद यही था की आज हम थोड़े बेतकल्लुफ हो जाये और दिव्या और रेणुका की शर्म थोड़ी कम हो जाये.

मैं रेणुका के साथ बेड पर बैठ गया और राजेश और दिव्या सामने सोफे पर. हमने बोतल खोल ली और पेग लगाने लगे. रेणुका और दिव्या आपस में बात करने लगी. दोनों ही शार्ट नाईट ड्रेस में कयामत लग रही थी. मैं और राजेश टीशर्ट और बरमूडा में थे और उनकी टाँगे ताड़ रहे थे.

राजेश ने रेणुका और दिव्या से भी पीने के लिए कहा तो उन्होंने स्कॉच पीने से मना कर दिया और बियर मंगाने को बोला. मैंने फोन करके बियर का एक पाईंट मंगवा लिया. मैं और राजेश आज मूड में थे तो हमने वेटर को बोल दिया की पाईंट में आधी बियर और आधी व्हिस्की रखना.

करीब १० मिनट में दोनों औरतों का ड्रिंक भी आ गया और अब दिव्या और रेणुका भी हमारा साथ देने लगी. दिव्या बोली "ये बियर थोड़ी अजीब सी लग रही है." मैंने बोला "स्ट्रोंग है शायद इसीलिए. आप कहे तो लाइट मंगवा दूं."

"नहीं ठीक है. रेणुका तुम्हे तो कोई दिक्कत नहीं है..." दिव्या ने रेणुका से पूछा. रेणुका ने तो जिंदगी में कुल ८-१० बार पी होगी तो उसको कुछ पता नहीं चल रहा था. उसने कहा की मुझे तो ठीक लग रही है और दोनों ने अपना अपना गिलास खाली कर दिया. मैंने फिर से उनके गिलास भरे और वापस फोन करके कुछ स्नैक्स और बियर लाने को बोला.

थोड़ी देर बाद जब वेटर स्नेक्स और बियर लेकर आया तो मैं और राजेश दोनों दरवाजे पर चले गए. मैंने राजेश को बियर पकड़ाते हुए कहा "अब आप रेणुका के बगल में बेड पर आ जाओ और मैं दिव्या के बगल में बैठूंगा."

राजेश बोला "यार गड़बड़ न करो. बात तो इनको थोडा बेशर्म करने की हुई थी. तुम ज्यादा जल्दी कर रहे हो."

मैंने कहा "ज्यादा सोचो मत. अभी तो बस एन्जॉय करो. अगर इन्होने मना किया तो हम वापस जगह पर आ जायेंगे फिर जो होगा देखेंगे."

राजेश बोला "यार एन्जॉय तो ठीक है लेकिन थोडा डर भी लग रहा है लेकिन तुम कहते हो तो चलो."

हम जब वापस आये तो राजेश बियर टेबल पर रख कर रखकर रेणुका के साथ बेड पर बैठ गया और मैं आकर दिव्या के साथ सोफे पर बैठ गया. अब तक बियर में मिली व्हिस्की ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था तो रेणुका और दिव्या ने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया.

रेणुका ने अपना गिलास खाली करके टेबल पर रख दिया. राजेश और मैंने भी अपने गिलास खाली कर दिए थे. मैं अपने और राजेश के लिए पेग बनाने लगा और राजेश रेणुका और
दिव्या के गिलास में बियर भरने लगे. रेणुका बोली "नहीं नहीं अब और नहीं. मुझे नशा चढ़ गया है"

राजेश बोला "अरे अभी तो बियर मंगवाई है तुम लोगो के लिए और पीते तो इसीलिए है की नशा हो वरना पीने का क्या फायदा. चलो ये गिलास तो ख़तम करो." राजेश ने ये कहते कहते गिलास उठाया और रेणुका के मुह में लगा दिया.

रेणुका ने एक सिप लिया और बोली "बस अब और नहीं."

राजेश बोला "देखो मैं अपने हाथो से पिला रहा हूँ तुम मना नहीं कर सकती." और दुबारा रेणुका को बियर पिलाने लगा. इसी बीच उसने अपना दूसरा हाथ रेणुका के कंधे पर रख दिया पर रेणुका कुछ नहीं बोली.

********
to be continued ...
 

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 8
********


मैंने दिव्या का गिलास उठा कर उसकी तरफ बढाया और कहा "देखो भाभी आपके पति मेरी बीवी को अपने हाथो से पिला रहे है. अब तो आपको भी मेरे हाथो से पीनी पड़ेगी."
दिव्या भी अब खासे नशे में थी. मुस्कुरा कर बोली "मैंने कब मना किया है." मैंने फौरन गिलास दिव्या के मुह में लगा दिया. दिव्या ने एक सिप लिया और गिलास अपने हाथ में ले लिया. मैंने अपना हाथ दिव्या के कंधे पर डाल दिया पर उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया बस चुपचाप अपनी बियर पीती रही.

उधर राजेश ने पूरा गिलास रेणुका को पिला कर खाली कर दिया था. राजेश ने खाली गिलास टेबल पर रखा और अपना हाथ रेणुका की जांघ पर रख दिया.

रेणुका ने राजेश की तरफ देखा पर कुछ नहीं बोली. राजेश का दूसरा हाथ अब कंधे से उतर कर रेणुका की कमर सहला रहा था.

मैंने भी अपना हाथ थोडा बढाया और दिव्या के कंधे के नीचे उसकी चूंची पर रख दिया और हलके हलके सहलाने लगा.

सच तो ये था की हम चारो ही अच्छे खासे नशे में थे पर ये नशा सिर्फ शराब का नहीं बल्कि वासना का था. राजेश ने अपना पेग उठाया और एक सिप लेकर रेणुका से कहा "अच्छा मेरे कहने से जरा एक बार ये भी तो पीकर देखो."

रेणुका बोली "नहीं नहीं कॉकटेल नहीं." अब उसको क्या पता जो वो इतनी देर से पी रही थी वो कॉकटेल ही था. पर राजेश भी कहा मानने वाला था. वो बोला "अच्छा एक सिप. मेरी खातिर. प्लीज." और अपना जूठा गिलास उसने रेणुका के होठो से लगा दिया और जबरदस्ती रेणुका के मुह में शराब भर दी.

रेणुका ने थोड़ी सी तो पी ली लेकिन पहली बार उसने नीट शराब चखी थी तो मुह में बची बाकी शराब वो नहीं पी रही थी तो उसने उसे थूकने के लिए एक खाली गिलास उठाया. राजेश ने उससे वो गिलास ले लिया और बोला "देखो शराब ऐसे वेस्ट नहीं करते. समझी. तुम्हे नहीं पीनी तो मेरे मुंह में डाल दो, मैं पी लूँगा." और ये कह कर उसने अपने होठ रेणुका के होठो से चस्पा कर दिए."

दरअसल अब जो हो रहा था वो अपने आप हो रहा था. हमने भी ऐसा नहीं सोचा था की हम उसी दिन इतने आगे बढ़ जायेंगे. रेणुका भी अब तक काफी गरम हो गयी थी. उसने भी अपने मुह की शराब राजेश के मुह में डाल दी.

राजेश शराब गटकते हुए बोला "वाह भाई मनीष. तुम्हारी बीवी के मुह में जाने के बाद तो शराब मीठी हो गयी." रेणुका ये सुन कर शर्मा गयी. उसे अब इस बात से कोई दिक्कत नहीं थी की कोई गैर आदमी उसके पति के सामने उसे चूम रहा था. अब राजेश ने धीरे धीरे रेणुका को सहलाना शुरू कर दिया इधर मैं भी दिव्या की चून्चिया कस कर दबाने लगा और उसके बदन से खेलने लगा. दोनों औरतें नशे में मस्त थी तो दोनों ने कोई एतराज नहीं किया.

फिर राजेश ने मेरी तरफ देखा तो मैंने हल्का सा सर हिला कर उसे आगे बढ़ने का इशारा किया. राजेश ने मेरा इशारा पाते ही रेणुका की गर्दन पर अपने होठ रख दिए और उसे चूमना शरू कर दिया. रेणुका के मुह से हलकी सी सिसकी निकल गयी और इसी के साथ मैंने दिव्या की चूंची को कस कर दबा दिया. "आह्ह्ह" दिव्या के मुह से आवाज निकली और वो मेरी तरफ अपनी मदभरी आँखों से देखने लगी. मैंने भी फ़ौरन अपने होठ दिव्या के होठो पर रख दिए.

अब हम चारो जिस मक़ाम पर थे वह से लौटने का कोई रास्ता नहीं था. ये समझ कर राजेश ने अपना बरमूडा और टीशर्ट उतार दिया और अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाल कर रेणुका के हाथो में थमा दिया. पहले तो रेणुका ने शर्मा कर लंड छोड़ दिया लेकिन जब राजेश ने दुबारा रेणुका का हाथ अपने लंड पर रखा तो रेणुका धीरे धीरे उसका लंड मुठीयाने लगी.
राजेश ने रेणुका की नाईटी उसके कंधो से खिसका दी. रेणुका ने ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसकी चुन्ची पूरी तरह बाहर आ गयी.

राजेश रेणुका के पीछे जाकर उसे चूमने लगा और उसकी चून्चिया दबाने लगा. मैंने भी अब अपने कपडे उतार दिए और दिव्या को अपने लंड की तरफ झुकाया. दिव्या मेरा इशारा समझ गयी और मेरा लंड मुह में लेकर चूसने लगी.

आज मेरा कई महीनो पुराना सपना पूरा हो गया था. मैं मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया. उधर राजेश ने रेणुका की नाईटी पूरी उतार दी और अपना अंडरवियर भी उतार दिया. अब राजेश पूरा नंगा होकर रेणुका से लिपट गया. रेणुका ने राजेश को पीछे हटाया तो राजेश रेणुका के नंगे सीने को घूरने लगा जिससे रेणुका शर्मा गई. राजेश ने रेणुका से अपना लंड चूसने के लिए कहा.

रेणुका बिना कोई नखरा किये बेड से उतर कर नीचे बैठ गयी और उसने राजेश के लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे जड़ तक चूसने लगी. इधर राजेश की बीवी मेरा लंड चूस रही थी और मैं सीधा बैठ कर रेणुका की गोरी पीठ और उसके गांड के बीच की दरार को देख रहा था.

राजेश मेरी बीवी के आकर्षक भरे हुए शरीर को देखकर समझ नहीं पा रहा था कि वो पहले रेणुका की चून्चियो का मजा ले या उसकी मोटी गांड का, उसकी गोरी जांघ पर जीभ फिराए या फिर उसके खुबसूरत चेहरे को चूमे. तब उसने रेणुका को बेड के ऊपर बुला कर डॉगी पोजीशन में खड़ा कर दिया और उसकी मोटी गोरी गांड को अपने हाथों से चौड़ा कर अपने मुंह को गांड के छेद में घुसा दिया और जीभ से रेणुका की गांड का चोदन करने लगा.

मेरी बीवी मस्ती से पागल हो गयी क्योंकि मैंने कभी उसके साथ ऐसे नहीं किया था और जोर जोर से सिस्कारिया भरने लगी. उसकी आवाज से दिव्या मेरा लंड चूसना छोड़ कर उसे देखने लगी. तभी रेणुका फिर से मुड़ी और मुझे आश्चर्यचकित करते हुए रेणुका ने अपनी दोनों चून्चियो के बीच में राजेश का लंड डाला और साइड में से दबाकर ऊपर नीचे करने लगी. अब मैंने दिव्या की नाईटी भी उतार दी और उसके बदन को चूमने लगा.

थोड़ी देर तक दिव्या की चूंची चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया और राजेश की बीवी मेरा लंड चूसने लगी उधर राजेश ने भी अपना लंड मेरी बीवी के मुह में दे दिया और हम दोनों एक दुसरे की बीवियों का मुख चोदन करने लगे.

रेणुका बहुत अच्छे से राजेश का लंड चूस रही थी तो अब राजेश से रहा नहीं गया और उसने रेणुका को बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर जानवरों की तरह टूट पड़ा. वो अब रेणुका की चून्चियो को अपने दोनों हाथों के बीच में दबाकर जानवरों की तरह मसलने लगा और एक-एक करके मुंह से चूसने लगा.

मैंने देखा कि रेणुका का हाथ उसकी चूत पर था और वो अपने दाने को अपने हाथों से रगड़ने लगी थी. तभी राजेश ने अपनी दो उंगलिया रेणुका की चूत में पैवस्त कर दी और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा. अब रेणुका से रहा नहीं गया और वो झड़ने लगी. राजेश ने मेरी बीवी की चूत पर अपना मुह जमा दिया और रेणुका का सारा पानी चाट चाटकर साफ करने लगा.

रेणुका मस्ती में पागल हो रही थी. उसने राजेश से कहा "बस अब डाल दो" राजेश ने रेणुका की चूत के पानी से अपने लंड को चिकना किया और अपना सुपाडा रेणुका की चूत पर टिका कर रगड़ने लगा. रेणुका की आँखे मस्ती से बंद हो गयी. क्या राजेश मेरी बीवी को पूरी तरह संतुष्ट कर पायेगा ये सोच कर मैंने पहली बार गौर से राजेश का लंड देखा. उसका लंड मेरे लंड जितना मोटा तो नहीं था हाँ लेकिन आधा इंच बड़ा रहा होगा.

राजेश अभी भी अपना लंड रेणुका की चूत के ऊपर रगड़ रहा था.

रेणुका से अब रहा नहीं जा रहा था तो रेणुका ने राजेश का लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर लगा दिया. रेणुका की बैचनी समझ कर राजेश ने हल्का सा धक्का मारा और अपना लंड मेरी बीवी की चूत में डाल दिया.

रेणुका ने राजेश की कमर को पकड़ कर उस पर अपने नाखून गाड़ दिए और राजेश की कमर को अंदर की तरफ खींचने लगी जैसे कि वह चाहती हो कि राजेश का लंड जड़ तक उसकी चूत में उतर जाए. राजेश ने एक धक्का और मार कर रेणुका की इच्छा पूरी की और अपना लंड जड़ तक रेणुका की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा.

अपनी बीवी को अपने सामने चुदते देख अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दिव्या को गोद में उठाया और बेड पर रेणुका के बगल में लिटा दिया और अपना लंड दिव्या की चूत में डाल दिया और उसे जोर जोर से चोदने लगा. दिव्या भी पूरी तरह मस्त हो गयी थी. उसने मस्ती में आकर रेणुका को अपनी तरफ खींचा और अपने सुलगते हुए होठ रेणुका के होठो पर रख दिए.

हम दोनों एक दुसरे की बीवियों को एक ही बिस्तर पर एक दुसरे के सामने चोद रहे थे और हमारी बीवियां एक दुसरे को चूम रही थी.


मैं दिव्या को बहुत आराम से चोद रहा था क्योंकि मैं उसे बहुत देर तक चोदना चाहता था पर राजेश पूरी रफ़्तार से रेणुका को चोद रहा था. करीब २० मिनट चोदने के बाद रेणुका फिर से झड़ने लगी और राजेश से बोली "आःह्ह्ह अब थोड़ी देर रुकिए."

राजेश ने रेणुका बात मानी और अपना लंड रेणुका की चूत से निकाल लिया. रेणुका की चूत के पानी से गीला राजेश का लंड अभी भी पूरा खड़ा हुआ था और चमक रहा था. राजेश ने मेरी तरफ देखा और मुझे इशारे से कहा की मैं नीचे होकर दिव्या को ऊपर कर दूं.

मैं दिव्या की चूत में लंड डाले डाले पलट गया और दिव्या मेरे ऊपर आ गयी. अब वो मस्ती से मेरे ऊपर उछल उछल कर मुझे चोद रही थी. तभी राजेश दिव्या के पीछे आया और अपनी बीवी को उसने मेरे ऊपर झुकाया और दिव्या की गांड में अपना लंड डाल दिया.

दिव्या को इसकी उम्मीद नहीं थी. रेणुका के पानी से चिकना राजेश का लंड दिव्या की गांड में आधा घुस गया. दिव्या के मुह से एक चीख से निकली लेकिन मैंने फ़ौरन उसके होठ अपने होठो से बंद कर दिए. राजेश ने एक धक्का और मार कर पूरा लंड दिव्या की गांड में डाल दिया और हौले हौले अपनी बीवी की गांड मारने लगा.

मैंने अब दिव्या के होठो को आजाद कर दिया था. दिव्या नाराज़ होकर राजेश से बोली "अरे क्या कर रहे हो, मैं कोई रंडी नहीं, तुम्हारी बीवी हूँ."

राजेश धक्के लगाते हुए बोला "सॉरी जानेमन, रेणुका थक गयी थी और तुम्हे इस तरह मनीष से चुदते देख मुझसे रहा नहीं गया."

अब मैंने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए. दिव्या मस्ती में आते हुए बोली "आःह्ह्ह सारे मर्द हरामी ह्ह्ह्ह होते है. अरे दुसरे की बीवी का इतना हाइए मर गईईईई ख्याल है की उसके मना करते ही अपनीईईईईईई बीवीईई की गांड आह्ह्ह्ह मारने आआअ गएईई"

दिव्या के मुह से ऐसी बात सुन कर हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए और जोर जोर से उसे चोदने लगे. मुझे अपना लंड दिव्या की चूत के अंदर राजेश के लंड से रगड़ता हुआ महसूस हो रहा था. राजेश का भी शायद यही हाल था. करीब १०-१५ मिनट के बाद हम तीनो लगभग एक साथ झड गए. ३-४ मिनट तो हम ऐसे ही पड़े रहे फिर हम अलग अलग हुए. दिव्या भी इस डबल चुदाई से एकदम पस्त हो गयी थी तो उठ कर अपने कमरे में चली गयी. मैंने देखा की रेणुका तो वैसे ही नंगी सो गयी है.

राजेश बोला "यार मन तो था की रात भर रेणुका को चोदता लेकिन रेणुका तो सो गयी."

मैंने कहा "यार पी भी तो इसने सबसे ज्यादा है. एक काम करो आप यही रेणुका के साथ सो जाओ और मैं दिव्या के साथ सो जाऊँगा. अगर रात को मौका लगा तो एक राउंड और लगा लेना." राजेश ने हामी भरी और रेणुका के साथ लेट गया.

मैं राजेश के कमरे में आ गया और देखा की दिव्या भी बेड पर नंगी लेटी है और सो रही है. दिव्या की आज पहली बार आगे पीछे से एक साथ चुदाई हुई थी तो वो भी काफी थक गयी थी. मैं दिव्या से चिपक कर लेट गया और सो गया. मैंने और राजेश ने भी दारू तो पी ही थी और थके तो हम दोनों भी थे तो रात में हम दोनों की नींद भी नहीं खुली.

********
to be continued ...
 
Last edited:

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 9
********

सुबह सबसे पहले रेणुका की आँख खुली.

रेणुका को अपने बदन में एक मीठा मीठा दर्द महसूस हुआ. अचानक उसने देखा की उसके बगल में राजेश पूरा नंगा सो रहा है और वो खुद भी पूरी नंगी है. अब रेणुका को रात की पूरी बात याद आ गयी. वो उठी और उसने अपनी नाईटी पहनी और मुझे ढूनने के लिए राजेश के कमरे में आई.

उसने देखा की मैं और दिव्या पूरे नंगे एक दुसरे से चिपक कर सो रहे है. उसने धीरे से मुझे हिलाया. मैंने आँखे खोली तो रेणुका ने मुझे होटल रूम की बालकनी में आने का इशारा किया और खुद बालकनी में चली गयी. रेणुका के चेहरा देख कर मैं समझ गया था की वो नाराज़ भी है और टेंशन में भी है.

मैं जल्दी से उठातो दिव्या हल्का सा कुनमुनाई पर फिर करवट बदल कर सो गयी. मैंने उसके नंगे बदन पर चादर डाल दी और खुद टीशर्ट बरमूडा पहन कर बालकनी में आ गया. मेरे कुछ बोलने से पहले ही रेणुका चिल्लाई"शर्म नहीं आती. ये कल क्या किया तुम लोगो ने."

"यार थोड़ी मस्ती हो गयी. नाराज़ मत हो." मैंने रेणुका को समझाया पर वो और नाराज़ हो गयी और बोली "मस्ती? इतने गंदे काम को तुम मस्ती कह रहे हो? मैंने तुमसे पहले ही कहा था की वो मुझे लाइन मारता है तो तुमने कहा की मेरे और अपनी बीवी के होते हुए वो क्या कर लेगा. देखो उसने तुम दोनों के सामने ही सब कुछ तो कर लिया पर तुम्हे क्या? तुम खुद भी तो उसकी बीवी के साथ लगे हुए थे."

"मैं तुम्हारा गुस्सा समझ रहा हूँ लेकिन हम सब नशे में थे. अब जो हो गया जाने दो." मैंने रेणुका को गले लगाते हुए कहा.

" अरे एक गैर आदमी तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी को चोद दिया और तुम कहते हो जाने दो?" रेणुका गुस्से से बोली.

"यार तो क्या हो गया? क्या अब तुम मेरी बीवी नहीं रही? तुम मेरी बीवी थी, हो और हमेशा रहोगी और मैं तुम्हे ऐसे ही प्यार करता रहूँगा" मैंने बोला.

"तुमसे तो मैं घर चल कर बात करूंगी फिलहाल उस आदमी को मेरे कमरे से बाहर निकालो." रेणुका ने मुझे धमकाया.

"भाई अगर इतना ही बुरा लग रहा था तो तुम कल रात को ही मना कर देती. कल तो तुम कुछ बोली नही और आज मुझ पर चढ़ रही हो." मैं भी अब थोडा नाराज होकर बोला.

"अरे मैं तो इतने नशे में थी की सही गलत का कुछ होश ही नही था पर तुम्हे तो राजेश को रोकना चाहिए था पर उल्टा तुम तो उसकी बीवी के साथ खुद ही लग गए. मुझे तो लगता है की तुम्हारा और राजेश का पहले से ही कुछ ऐसा करने का प्लान था और तभी तुम मुझे यहाँ लाये थे." रेणुका बोली.

"नहीं जानू! समझा करो. मैंने भी तो काफी पी ली थी और नशे में मुझे लगा की तुम राजेश के साथ काफी एन्जॉय कर रही हो इसीलिए मैंने राजेश को नहीं रोका." मैंने रेणुका से पुछा.

"ओफ्फो तुम तो पागल की तरह बात कर रहे हो. मैं बाथरूम जा रही हूँ तब तक राजेश को कमरे से बाहर निकालो. मुझे इतनी शर्म आ रही है न जाने वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा." रेणुका बोली.

"शर्म की क्या बात? और उसकी बीवी ने भी तो मुझसे चुदवाया है तो वो तुम्हारे बारे में कुछ गलत नही सोच सकता. और वो तुमसे प्यार भी तो करता है. जाओ तुम बाथरूम जाओ. मैं
राजेश को जगाता हूँ." मैंने रेणुका से कहा.

"अजीब आदमी हो. अपनी बीवी को बोल रहे हो की दूसरा आदमी तुमसे प्यार करता है. खैर अब जो हुआ सो हुआ लेकिन फ़ौरन वापस चलने का इन्तेजाम करो. मुझे अब राजेश का सामना नहीं करना" ये कह कर रेणुका बाथरूम में चली गयी.

मैंने जाकर राजेश को जगाया. राजेश उठा तो मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया और उसे कपडे पहन कर बालकनी में आने को बोला. राजेश कपडे पहन कर बाहर आ गया. उसने पुछा "क्या हुआ? रेणुका कहा है."

मैंने बोला "रेणुका बाथरूम में है और बहुत हंगामा कर रही है."

वो बोला "यार नाराज़ तो शायद दिव्या भी बहुत होगी पर हमे इन दोनों को समझाना होगा."

"भाई रेणुका तो नहीं समझ रही. कह रही है की वापस चलो." मैंने राजेश को बताया.

राजेश बोला "यार अभी तो मजा आना शुरू भी नहीं हुआ था. एक काम करो तुम अभी कुछ मत करो और उससे कह दो की टैक्सी कल मिलेगी और फिर तैयार होकर मुझे बाहर मिलो."

रेणुका नहा कर निकली और राजेश को न देख कर थोड़ी शांत हुई. मैं भी फटाफट तैयार हुआ और रेणुका को ये बोलकर की टैक्सी लेने जा रहा हूँ बाहर आ गया. राजेश मेरा बाहर इंतज़ार कर रहा था. वो मुझसे बोला "यार भड़क तो दिव्या भी बहुत गयी है पर मुझे एक आईडिया आया है."

मैंने पुछा "कैसा आईडिया?"

"चलो मेरे साथ मार्किट चलो फिर बताता हूँ" और मैं राजेश के साथ मार्केट चल दिया. रस्ते में राजेश ने मुझे सब कुछ समझा दिया. फिर हम दोनों ने बाजार जाकर २ मंगलसूत्र खरीदे और लौट कर होटल के पास वाले मंदिर जाकर पुजारी से बात की. राजेश ने पुजारी को सब समझा कर ५००० रुपये दिए और फिर हम दोनों होटल आ गए.

पहले राजेश मेरे कमरे में गया और बेल बजाई. रेणुका ने सोचा की मैं हूँ तो उसने दरवाजा खोल दिया. सामने राजेश को देखकर उसे कुछ समझ नहीं आया. वो सिर्फ इतना ही बोल पाई की आप जाइये यहाँ से. राजेश ने रेणुका से कहा "मानता हूँ की कल जो हुआ वो गलत हुआ इसीलिए तुमसे कुछ बात करनी है. जरा मेरे साथ चलो."

रेणुका राजेश को देखकर समझ नहीं पा रही थी की क्या करे. राजेश ने रेणुका का हाथ पकड़ा और फिर से बोला "मेरा यकीन करो. मेरे साथ चलो." रेणुका ने दरवाजा लॉक किया और राजेश के साथ चल पड़ी. राजेश रेणुका को उसी मंदिर में ले गया. रेणुका को कुछ समझ नहीं आ रहा था. राजेश ने पंडित को इशारा किया और पंडित ने रेणुका और राजेश को एक साथ खड़ा करके कुछ मन्त्र पढ़े. फिर उसने एक थाली राजेश की तरफ बढाई और राजेश ने थाली से सिंदूर उठाकर रेणुका की मांग भर दी. पंडित बोला "आपका विवाह संपन्न हुआ. आज से आप दोनों पति पत्नी है." और ये बोलकर वो मंदिर के अंदर चला गया. राजेश ने फ़ौरन जेब से मंगलसूत्र निकाल कर रेणुका को पहना दिया और बोला "अब तो तुम खुश हो न. अब तो जो कल रात हुआ वो गलत नहीं है."

रेणुका अभी भी सन्न थी की ये क्या हुआ. उसे लगा था की राजेश कल जो हुआ उसका प्रायश्चित करने के लिए उसे मंदिर लाया था वो बोली "ये क्या मजाक है? जो कल हुआ वो भी गलत था और जो अभी हुआ वो भी गलत है. आपको मुझे बताना चाहिए था की आप मुझे यहाँ क्यों लाये है. मैं पहले से ही शादीशुदा हूँ तो दूसरी शादी कैसे कर सकती हूँ?"

"जब मर्द ३-४ शादियाँ कर सकता है तो औरत क्यों नहीं कर सकती. अब से तुम मेरी भी बीवी हो समझी. चलो वापस होटल चलो." और मनीष रेणुका को लेकर वापस होटल की तरफ चल पड़ा. उसने मुझे मेसेज कर दिया की हम वापस आ रहे है अब तुम दिव्या को लेकर दुसरे रस्ते से मंदिर पहुचो. रस्ते भर रेणुका कुछ नहीं बोली और होटल पहुचकर अपने कमरे में चली गयी.

दिव्या भी काफी नाराज़ थी पर मैं उसे किसी तरह माफ़ी मांग कर मंदिर ले आया और पंडित जी ने मेरी शादी भी राजेश की बीवी से वैसे ही करवा दी जैसे मेरी बीवी की राजेश से करवाई थी. मैंने भी दिव्या की मांग भर दी.

दिव्या मेरे ऊपर कुछ भड़की पर मैंने राजेश को फ़ोन किया और दिव्या के सामने ही उसे बता दिया की मैंने दिव्या से शादी कर ली है. अब दिव्या समझ गयी की ये सब राजेश की रजामंदी से हुआ है तो अब वो चुप हो गयी और हम होटल लौट आये.

मैंने दिव्या को उसके रूम में छोड़ा और राजेश को लेकर बाहर आ गया. मैंने राजेश को बोला की दिव्या चुप है पर पता नही मानी या नहीं मानी. राजेश ने मुझे बोला की दिव्या को तो मैं आज रात में मना लूँगा. तुम भी थोड़ी हिम्मत दिखाओ क्योंकि रेणुका भी अभी नही मानी है. तुम उसको बोल दो की टैक्सी परसों मिलेगी. आज तुम दोनों आराम करो और कल मैं फिर तुम लोगो से घूमने चलने को कहूँगा. कल दिन भर साथ रहेंगे तो शाम तक उसे मना ही लेंगे."

"हम्म्म. ठीक है. अब आप भी अपने रूम में रहो और मेरी नयी बीवी के साथ ऐश करो. मैं रेनुका को बोलता हूँ." मैंने राजेश को बोला और अपने कमरे में आ गया.

"कहाँ चले गए थे. इतनी देर लगा दी." उसने मुझसे पुछा. मैंने देखा की उसने राजेश का पहनाया मंगलसूत्र अभी उतारा नहीं था और मांग में सिन्दूर भी भरा हुआ था लेकिन उसने मुझसे मंदिर जाने वाली कोई बात नहीं बताई.

"क्या बताऊ तुमको. टैक्सी के चक्कर में बहुत परेशान हो गया. यहाँ कुछ ट्रांसपोर्ट की हड़ताल हो गयी है तो हमको परसों से पहले टैक्सी नहीं मिलेगी तो मैंने परसों सुबह टैक्सी लाने के लिए बोल दिया है." मैंने रेणुका को बताया.

"अरे टैक्सी नहीं है तो हम बस से चले चलते." रेणुका बोली.

"तुम्हे तो पता है की बस में मेरी तबियत ख़राब हो जाती है लेकिन फिर भी मैं बस अड्डे भी गया था लेकिन जब हड़ताल है तो बस भी कहाँ से मिलेगी... एक दिन की तो बात है और मैंने टैक्सी के लिए एडवांस भी दे दिया है." मैंने रेणुका से झूठ बोल दिया. रेणुका ने मुह बनाया और वापस बिस्तर में घुस गयी. उसकी थकान शायद उतरी नहीं थी तो वो फिर से सो गयी. उस दिन हम चारों कहीं बाहर नहीं निकले. खाना पीना सब रूम में ही हुआ. रेणुका ने भी मेरे साथ दो पेग मारे लेकिन जब मैंने रेणुका को चोदने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया.

********
to be continued ...
 

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 10
********


अगले दिन सुबह राजेश ने मेरे रूम में फोन किया. मैंने फ़ोन उठाया तो राजेश बोला "हाँ तो क्या हुआ फिर?"

मैंने कहा "फिलहाल तो रेणुका सो रही है. मैंने उसे बोल दिया है की हम कल जायेंगे. आप बताइए दिव्या का मूड कैसा है."

"उसे अब कोई दिक्कत नहीं थी और जो थी वो मैंने दूर कर दी तो दिव्या तो एकदम कूल है. अभी नहा रही है. तुम भी रेणुका को जगा लो और नहा धोकर नीचे आ जाओ. कही घूमने चलते है." राजेश बोला. मुझे जान कर अच्छा लगा की कम से कम एक औरत तो शांत है. मैंने रेणुका को जगाया और बताया की राजेश और दिव्या हमें साथ घूमने के लिए बुला रहे हैं.
रेणुका बोली "अब मुझे उनके साथ कहीं नहीं जाना. उनसे कह दो की मेरी तबियत ख़राब है."

"ठीक है. मैं उनसे कह देता हूँ की तुम्हारी तबियत ख़राब है तो हम दोनों नहीं जायेंगे लेकिन कही फिर वो दोनों अपना प्रोग्राम कैंसिल करके तुम्हे देखने यहाँ न आ जाये." मैंने रेणुका से कहा.

"तुम एक काम करो. तुम तैयार हो जाओ और उनके साथ चले जाओ और उनसे कह दो की मैं सो रही हूँ तो नहीं जाऊंगी. और नीचे जाकर मेरे लिए नाश्ता यहीं पर भिजवा देना" रेणुका बोली.

मैंने कहा "ठीक है. देखता हूँ"

"देखता हूँ नहीं. तुम चले ही जाओ." रेणुका बोली तो मैं नहा कर ब्रेकफास्ट करने नीचे चला गया. वहां मुझे दिव्या मिल गयी. उसने एक बहुत सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वो बहुत माल लग रही थी.

Meena-Images-10.jpg

Divya - Rajesh wife

मैंने उससे कहा "बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान."

वो हंस कर बोली "पराई औरतों से ऐसे बात करते है"

"पराई? अरे भूल गयी कल हमारी शादी हुई है. तुम मेरी बीवी हो हाँ कल हमारी सुहागरात नहीं हुई लेकिन वो तो हमने परसों ही मना ली थी."

दिव्या हसने लगी और फिर मुझसे ऐसे बात करने लगी जैसे की कुछ हुआ ही न हो. हम दोनों साथ साथ ब्रेकफास्ट करने लगे. मैंने सोचा चलो कम से कम ये तो मान गयी वरना पंडित वाले ५००० पूरे पानी में चले जाते.

मैंने उससे पुछा "राजेश कहाँ है?"

"नहा रहा है. मुझे भूख लगी थी तो मैं खाने आ गयी. कल रात राजेश ने बहुत मेहनत करवाई है मुझसे. तुम्हारी बीवी समझ कर चोद रहा था." दिव्या मुस्कुरा कर बोली. "सही तो समझ रहा था" कह कर मैंने भी उस पर प्यार से एक नज़र डाली. तब तक राजेश भी आ गया और उसने पुछा "तैयार हो गए? रेणुका कहाँ है?"

"वो जाने से मना कर रही है. बोल रही है की तबियत ख़राब है." मैंने बताया.

"कोई बात नहीं. मेरी तबियत भी कुछ गड़बड़ लग रही है. एक काम करो तुम दिव्या को लेकर कौसानी चले जाओ. अभी जाओगे तो दोपहर तक पहुचोगे. वहां मैंने मेरे नाम से होटल के २ रूम बुक करवाये है. तुम एक रूम कैंसल करके रात में वही रुक जाना और कल वापस आ जाना. मैं भी एक दिन रेस्ट कर लूं." राजेश गाडी का चाभी मुझे देता हुआ बोला.

"पर मैंने रेणुका को बोला है की कल सुबह हम वापस जायेंगे. मैं रेणुका को नाश्ता देकर आता हूँ और पूछ भी लेता हूँ वरना वो और नाराज़ हो जाएगी." मैंने राजेश से बोला.

"तुम जाओ यार. अब रेणुका को मेरे ऊपर छोड़ दो. उसका नाश्ता मैं भिजवा दूंगा और समझा भी दूंगा.".राजेश बोला.

मैंने राजेश से कहा "देखिये कोई जबरदस्ती मत कीजियेगा. कही वो ज्यादा नाराज़ न हो जाए."

"कैसी बात कर दी भाई तुमने. तुम चिंता मत करो. जाओ एन्जॉय विथ योर न्यू वाइफ." राजेश बोला.

दिव्या भी मुझसे बोली "अरे अब चलो भी."

दिव्या के कहने पर मैं इंकार कर ही नहीं सकता था. मैं फ़ौरन उसका हाथ पकड़ कर निकल पड़ा. उधर राजेश ने दो प्लेटो में नाश्ता लगवाया और वेटर के साथ रेणुका के पास कमरे में पहुच गया.

अब तक रेणुका भी नहा कर रेडी हो गयी थी और नाश्ते का वेट कर रही थी. वेटर ने डोर नॉक किया तो रेणुका ने दरवाजा खोला. सामने राजेश को देख कर वो चौंक गयी. राजेश ने वेटर से नाश्ता अन्दर रखने को बोला और खुद भी अन्दर आ गया. वेटर ट्रे रख कर चला गया. राजेश ने डोर बंद कर लिया. रेणुका को राजेश के सामने काफी शर्म आ रही थी. उसे याद आ रहा था की कैसे राजेश ने इसी कमरे में उसे चोदा था और कैसे वो उस रात राजेश का लंड चूस रही थी और कल राजेश ने उसकी मांग भर कर उसे मंगलसूत्र भी तो पहना दिया था. उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे.

राजेश ने रेणुका से पुछा "अब तबियत कैसी है तुम्हारी".

"ठीक है. मनीष कहाँ है." रेणुका ने बोला.

"दिव्या को कौसानी जाना था और मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही तो मैंने मनीष को रिक्वेस्ट की की वो दिव्या को कौसानी घुमा लाये. वो जाना नहीं चाहता था. कह रहा था की तुम्हारी तबियत भी कुछ ठीक नहीं है तो मैंने बोल दिया की मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा तब कही वो जाने के लिए माना." राजेश बोला.

रेणुका को बहुत गुस्सा आया क्योंकि उसने साफ़ साफ़ कह दिया था की वो राजेश के सामने नहीं जाना चाहती और मनीष उसे राजेश के भरोसे छोड़ कर चला गया फिर उसने सोचा की उसने ही तो मनीष को जाने के लिए बोला था. लेकिन जब राजेश रुक रहा था तो उसे भी रुकना चाहिए था. "नाश्ता कर लो." राजेश ने उसे बोला तो वो अपने खयालो से बाहर आई.

"कुछ कहा आपने" रेणुका ने पुछा.

"मैंने कहा की नाश्ता कर लो. मैंने भी नहीं किया सोचा की साथ में करेंगे." राजेश बोला और रेणुका का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ सोफे पर बिठा दिया और रेणुका चुपचाप क्रीम टोस्ट खाने लगी. थोड़ी क्रीम रेणुका के मुह पर लग गई.

राजेश उसे चुपचाप खाते हुए देख रहा था. उसने आगे बढ़ कर रेणुका के होठो पर लगी क्रीम अपने हाथ से साफ़ करके चाट ली और फिर बोला "ये पनीर पकोड़ा भी खाओ."

"नहीं मुझे पसंद नहीं" रेणुका बोली.

राजेश ने एक पकोड़ा उठाया और आधा खाकर बोला "अरे ये तो बहुत टेस्टी है. खाकर तो देखो." और उसने अपना जूठा पकोड़ा रेणुका की तरफ बढ़ा दिया. "प्लीज खाओ न" राजेश ने फिर से इसरार किया. रेणुका ने बेमन से वो पकोड़ा खा लिया. वो चाहती थी की जल्दी से नाश्ता ख़तम हो और राजेश बाहर जाए. राजेश ने इसी तरह काफी सारी चीजे अपने हाथो से रेणुका को खिलाई और रेणुका ने भी बिना ना नुकुर किये खा ली. आखिर में राजेश ने जूस का गिलास उठाया और रेणुका के मुह से लगा दिया.

रेणुका ने एक सिप ले लिया फिर राजेश ने भी उस गिलास से एक सिप ले लिया और बोला "लोग कहते है की एक दुसरे का जूठा खाने से पति पत्नी का प्यार बढ़ता है" और फिर उसे रेणुका की तरफ बढ़ा दिया. रेणुका ने कुछ नहीं कहा बस एक सिप ले लिया. वो और राजेश एक ही गिलास से जूस पीते रहे.

जूस ख़तम करके रेणुका ने राजेश से कहा "अब आप अपने कमरे में जाइये. मुझे थोडा रेस्ट करना है और आप भी तो कह रहे थे की आपकी तबियत ठीक नहीं है तो आप भी थोडा रेस्ट करिए."

राजेश बोला "वैसे मेरी तबियत तो तुम्हारे साथ ब्रेकफास्ट करके ही ठीक हो गयी है पर तुम रेस्ट करो. मैं जाकर थोडा टीवी देखता हूँ. कुछ चाहिए तो मुझे फोन कर देना"

रेणुका को लग रहा था की राजेश अब उसको अपनी बीवी बोल कर परेशान करेगा तो राजेश के जाने पर रेणुका ने चैन की सांस ली. उसने रूम सर्विस को बुला कर रूम क्लीन करवाया और कपडे बदल कर मनीष की एक ढीली सी शर्ट पहन ली और सोने के मूड से बेड में घुस गयी.

तभी राजेश बीच वाला दरवाजा खोल कर उसके रूम के अंदर आ गया और बोला "मेरे रूम में टीवी कुछ प्रॉब्लम कर रहा है. तुम आराम करो. मैं यही बैठ कर थोड़ी देर टीवी देखता हूँ." राजेश ने टीवी ओन किया और सोफे पर बैठ कर देखने लगा. वो कपडे चेंज करके बरमूडा टीशर्ट में आ गया था. अब रेणुका कहती भी तो क्या कहती तो वो आंखे बंद करके लेट गयी. काफी देर लेटने के बाद भी जब उसे नींद नहीं आई. तभी उसे लगा की राजेश भी बेड पर बैठ गया है तो उसने आँखे खोली.

राजेश बोला "उधर से टीवी देखने में दिक्कत हो रही थी अगर तुम चाहो तो मेरे रूम में जाकर रेस्ट कर सकती हो"

"नहीं ठीक है" रेणुका बोली क्योंकि वो चादर से बाहर कैसे निकलती. उसने सिर्फ एक शर्ट और पेंटी पहनी थी और नीचे कुछ नहीं पहना. उसने चादर ठीक से दबा लिया और राजेश के साथ ही टीवी देखने लगी.

राजेश ने बार बार चैनल चेंज कर रहा था. अचानक एक जगह ओरिजिनल सिन नाम की एक फिल्म आ रही थी. राजेश ने रेणुका से पुछा "ये फिल्म देखी है"

रेणुका बोली "नहीं"

"मैंने भी नही देखी. चलो देखते है" राजेश बोला. राजेश जानता था की रेणुका कल की चुदाई के कारण थोड़ी सी असहज है. वो फिल्म राजेश की पहले भी देखी हुई थी और वो जानता था की उसमे काफी सारे सेक्सी सीन है. उसने सोचा शायद रेणुका उसके साथ ऐसी सेक्सी फिल्म देख कर थोड़ी सहज हो जाए.

रेणुका को फिल्म अच्छी लग रही थी तो वो ध्यान से फिल्म देख रही थी की अचानक फिल्म में अंजेलीना जोली का नूड सीन आ गया जिसमे वो अंतोनियो से चुदवा रही है.

रेणुका ने देखा की राजेश की नज़र उसी की तरफ है तो रेणुका ने नज़रे झुका ली और उसके गाल शर्म से लाल हो गए. राजेश मौका देख कर रेणुका के पास आ गया और उसने अपना हाथ रेणुका की छाती पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा. रेणुका वापस टीवी देखने लगी. सीन अभी भी चल रहा था. उसकी आँखों में वासना के लाल डोरे तैरने लगे. रेणुका ने सोचा की जब मनीष को कोई एतराज़ नहीं है तो क्यों न राजेश से एक बार और चुदवा लिया जाए और वैसे भी मनीष ही तो राजेश को यहाँ छोड़ कर गया है. तब तक राजेश के ऊपर चढ़ गया और रेणुका के चेहरे को पकड़ कर चूमने लगा.

अब भी रेणुका के मन में कहीं न कहीं ये चल रहा था की ये गलत हो रहा है. उसने राजेश को अपने से अलग किया पर राजेश ने रेणुका को अपनी बाँहों में ले लिया.

रेणुका ने राजेश से कहा “आप यह क्या कर रहे है. छोड़िये मुझे."

राजेश बोला “छोड़िये नहीं चोदिये बोलो जानेमन जैसे उस दिन चोदा था."

राजेश ने रेणुका की चादर हटा दी और देखा की उसने सिर्फ एक शर्ट पहनी है तो उसे खीच कर अपनी गोद में बिठा लिया. राजेश रेणुका की जाघों पर हाथ फेरने लगा. रेणुका राजेश का मुकाबला कहाँ कर सकती थी?

रेणुका ने फिर से कहा “उस दिन जो हुआ वो ठीक नहीं था."

राजेश ने कहा “क्या गलत था उसमे. एक पति अपनी पत्नी को चोद रहा था और मैं जानता हूँ की मेरी नयी नवेली बीवी अभी भी मुझसे चुदना चाहती है"

रेणुका को लगा की कैसे राजेश ने उसके मन की बात समझ ली और वो खामोश हो गयी. रेणुका का पके स्तनों और फूली हुई निप्पलोँ का स्पर्श राजेश को पागल कर रहा था. रेणुका के निप्पल एकदम कड़क हो गए थे जिससे राजेश समझ गया था की रेणुका मुह से जो भी कहे उसके मन में कुछ और है.

रेणुका ने महसूस किया की राजेश का लण्ड फुलता जा रहा है जो की उसके पिछवाड़े में टक्कर मार रहा है. वो जानती थी की अब राजेश उसे चोदे बगैर नहीं छोड़ेगा और वो मानसिक रूप से इसके लिए तैयार भी थी लेकिन फिर भी उसने आखिरी कोशिश की.

उसने राजेश से कहा “आप अपने रूम में जाइये. देखिये यह ठीक नहीं है. मैं एक शादी शुदा औरत हूँ”

“तो क्या शादी के बाद जिंदगी ख़त्म हो जाती है. मैं भी तो शादीशुदा हूँ और मेरी शादीशुदा बीवी तुम्हारे शादीशुदा पति के साथ क्या कर रही होगी ये तो तुम जानती ही हो और भूलो मत कल हमारी भी तो शादी हुई है" राजेश ने बोला.

रेणुका अपनी नज़रे झुका के बोली “ऐसे थोड़ी न होता है. मनीष ही मेरा पति है. कल जो आपने किया उससे ही क्या हमारी शादी हो जाएगी" रेणुका बोली.

राजेश बोला "मैंने कब कहा की मनीष तुम्हारा पति नही है मैंने तो ये कहा था की अब से तुम्हारे दो पति है और अगर तुम्हे मंदिर की शादी पर भरोसा नहीं है तो अभी चलो, कोर्ट में चल मैं तुमसे कानूनी शादी कर लेता हूँ पर अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता." राजेश की बात सुनकर रेणुका ने नज़रे झुका ली.

राजेश ने रेणुका का चेहरा ऊपर उठाया और आँखों में आँखें डाल कर बोला “रेणुका मैं जानता हूँ तुम भी मेरे लण्ड के लिए तरस रही हो पर मैं तुम पर कोई जबरदस्ती नहीं करूंगा. में तुम्हारे मुंह से “हाँ या ना” सुनना चाहता हूँ. बोलो हाँ या ना?”

रेणुका ने राजेश की आँखों में आँखें मिलाई और फिर अपनी गर्दन झुका दी और कुछ नहीं बोली. उसने सोचा की उसके नजरें झुकाने से राजेश समझ जाएगा की उसे चुदवाने में कोई आपत्ति नहीं थी पर राजेश रेणुका के मुह से हाँ कहलवाना चाहता था. वो रेणुका की झिझक ख़तम करना चाहता था. पर रेणुका शर्मा रही थी वो अपने मुंह से कहाँ हाँ कहने वाली थी.

राजेश ने फिर उसकी गर्दन ऊपर की और तीखी नजर से देखा तो रेणुका ने शरमाते हुए कहा “आप मेरी तरफ ऐसे मत देखिये क्योंकि मैं हाँ नहीं कहूँगी लेकिन आपको कुछ करने से रोकूंगी भी नही.”

********
to be continued ...
 

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 11
********


ये एक तरह से रेणुका की हाँ ही थी. राजेश अब तक काफी उत्तेजित हो गया था. वो रेणुका की बाँहें पकड़ कर उन्हें हिलाते हुए बोला “साली राँड़ बड़े नखरे कर रही थी और यह दिखाने की कोशिश कर रही थी की तू बड़ी सती सावित्री है पर मैं जानता था की तेरी चूत मेरे लण्ड के लिये मचल रही है. आज मैं तुझे न सिर्फ चोदुँगा बल्कि चोद चोद कर तेरी छोटी सी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.”

राजेश के मुह से ऐसी बातें सुन कर रेणुका का चेहरा शर्म से लाल हो गया. किसी और जगह कुछ अलग परिस्थिति में ऐसी भाषा सुनकर शायद रेणुका गुस्से से तिलमिला उठती पर राजेश की ऐसी गन्दी गालियाँ सुनकर रेणुका की काम वासना और भड़क उठी.

राजेश ने रेणुका की शर्ट उतार दी और नीचे झुक कर उसके बदन से पेंटी भी अलग कर दी और उसे बिस्तर पर लिटा दिया. रेणुका जो सुबह तक राजेश का सामना भी नहीं करना चाहती थी इस वक़्त राजेश के सामने बेड पर पूरी नंगी पड़ी थी. रेणुका ने शर्म के मारे एक हाथ की हथेली से अपनी चूत और दूसरे हाथ से अपने दोनों स्तनों को ढकने की नाकाम कोशिश की.

उसकी यह कोशिश देख कर राजेश मुस्कराया और बोला “साली राँड़. परसों मुझसे चुदवाने में तो कुतिया को ज़रा सी भी शर्म नहीं आ रही थी और अब मैं तुझे चोदने जा रहा हूँ तो शर्माती है. अब तो तू मेरी बीवी है फिर भी शर्मा रही है? सुन मैं अपनी बीवी के साथ वाइल्ड सेक्स करता हूँ, गाली देकर चोदता हूँ और मेरी बीवी भी गाली देकर चुद्वाती है. समझी"

पहले भी राजेश ने रेणुका को नंगा किया था पर तब दिव्या और मनीष भी कमरे में थे. आज पहली बार वो रेणुका का नंगा बदन अकेले में दिन की रौशनी में देख रहा था. उसकी आँखें रेणुका के नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक ताकती ही रही.

उसकी आँखें पहले तो रेणुका की चून्चियो पर पड़ीं जो इतनी बड़ी होने के बाद भी एकदम कड़क थी और तने हुए निप्पलों से सजी हुई थी. राजेश ने हाथ बढ़ाया और रेणुका के दोनों स्तनों को दोनों हाथों में पकड़ा और बोला, “साली तेरे इस कमसिन और इतने खूबसूरत बदन पर अगर मेरी नियत बिगड़ी तो मेरा क्या दोष है बोल”

फिर राजेश ने रेणुका की नाभि में अपनी उंगली डाली और उस छेद में उंगली घुमाते हुए रेणुका की छोटी सी चूत को आँखे गडा कर ताकने लगा. फिर राजेश ने धीरे से रेणुका के बदन को ऊपर उठाया और उसे बिस्तर पर पलट दिया. अब रेणुका की नंगी गाँड़ उसकी नजरो के सामने थी. राजेश रेणुका के बगल में लेट गया और अपना हाथ रेणुका की करारी गाँड़ पर फिराने लगा.

अचानक उसने रेणुका की गांड पर जोर से एक थप्पड़ मारा तो रेणुका की चीख निकल गयी और रेणुका की गांड लाल हो गयी.

रेणुका संभलती उससे पहले ही राजेश ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली घुसा दी. रेणुका उत्तेजना के मारे सिहर उठी. रोमांच से उसके बदन के रोयें खड़े हो गए.

काफी देर तक राजेश मेरी बीवी की गाँड़ और गर्दन और पीठ की खाई को सहलाता रहा फिर उसने दुबारा रेणुका को सीधा किया और उसकी चूत को बड़े गौर से देखने लगा. रेणुका शर्म से पानी पानी हो रही थी. इतनी गहराई से उसके बदन को मैंने भी कभी नहीं देखा था. अब राजेश ने अपना एक हाथ रेणुका की चूची पर और दुसरा हाथ उसकी चूत पर रख दिया. राजेश ने सुबह ही सोच लिया था की इस बार वो रेणुका को ऐसे गाली दे देकर रंडियों की तरह चोदेगा की उसकी सारी शर्म दूर कर देगा जिससे वो दुबारा कभी भी नखरे न करे.

थोड़ी देर रेणुका को ताकने के बाद राजेश बोला“साली कुतिया हटा अपने हाथों को और खोल दे अपनी टाँगों को. अब मैं तुझे अपने इस लम्बे लण्ड से चोदुँगा. अब लेटी हुई क्या कर रही है. चल उठ मेरे लण्ड को बाहर निकाल.”

ऐसा कह कर राजेश ने रेणुका को बैठा दिया. रेणुका ने राजेश का बरमूडा खीच कर नीचे कर दिया और राजेश का लंड झटके से बाहर आ गया. राजेश ने अपनी टीशर्ट भी निकाल फेंकी. अब रेणुका के सामने राजेश पूरी तरह नंगा खड़ा हो था. रेणुका ने पहली बार पूरे होश में किसी पराये मर्द का पूरा कड़क और फुला हुआ लण्ड देखा था. राजेश का लण्ड अच्छा खासा लंबा था जिसे देख कर रेणुका की आँखों में एक लाली छा गयी. उसके लण्ड पर फैली हुई नसें उत्तेजना के कारण फड़क रही थीं.

राजेश ने रेणुका का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो रेणुका ने राजेश के लण्ड को मुठ्ठी में लेकर लण्ड की ऊपर वाली चमड़ी को हलके से बड़े प्यार से उसके लंड पर सरकाने लगी. फिर राजेश ने रेणुका का सर पकड़ा और वह अपने लण्ड को उसके मुंह के पास ले गया और जैसे ही रेणुका ने अपना मुंह खोला राजेश ने लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसका मुह चोदने लगा.

कुछ समय तक राजेश मेरी बीवी के मुंह को चोदता रहा. रेणुका के मुंह में दर्द होने लगा तो वो पीछे हट गयी और राजेश का लण्ड उसने मुंह से निकाल दिया तो राजेश बोल पड़ा“साली रंडी लण्ड चूसने में थक गयी. मनीष का लण्ड तो अच्छी तरह से चूसती होगी तू”

रेणुका ने राजेश की और देखा और बोली “मुह दर्द करने लगा चूसते चूसते. अब आप मेरी चूत को भी चूसिये" यह कह कर उसने अपनी टांगें खोली और राजेश को चूत चूसने के लिए उकसाया. अचानक रेणुका को लगा की आज तक कभी उसने अपने पति को भी इस तरह बेशर्मी से चूत चाटने को नहीं बोला था. कभी जिंदगी में उसे ऐसी गन्दी गालीयाँ किसी नहीं दी थी पर आज उसे मज़ा आ रहा था. वो खुद अपने इस बर्ताव से हैरान थी.

वो अपने पॉंव फर्श पर लटका कर बिस्तर पर लेट गयी और अपनी चूत राजेश को चूसने के लिए छोड़ दी. राजेश उसकी टाँगों के बिच आया और उसकी जाँघों को थोड़ा चौड़ा कर के बैठ गया. उसने रेणुका की चूत को ध्यान से एकदम करीब से देखा और अपना मुंह उसकी चूत से सटा दिया.

उसकी चूत की सबसे नाजुक जगह पर राजेश अपनी जीभ की नोक से चाटने लगा और चूत के होठोँ को अपनी जीभ से रगड़ कर रेणुका को उकसाने लगा.

रेणुका अंदर ही अंदर पागल हो रही थी फिर राजेश ने हलके से उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं और उसे उँगलियों से चोदने लगा.

अब रेणुका सब्र नहीं कर पा रही थी. जैसे जैसे राजेश ने उँगलियों से चोदने की रफ़्तार बढ़ाई रेणुका उससे लण्ड से चोदने के लिए मिन्नतें करने लगी. रेणुका ने उससे कहा “राजेश अब सब हो गया. अब जल्दी करो."

राजेश ने अपनी उंगलिया अंदर बाहर करते हुए कहा "कुतिया जब तक तू अपने मुह से साफ़ साफ़ नहीं बोलेगी तब तक मैं कुछ नहीं करूंगा."

अब रेणुका की बर्दाश्त से बाहर था. वो चिल्लाई "मैं तुम्हारा लण्ड लेना चाहती हूँ. मुझे अब तुम्हारे इस मोटे लम्बे लण्ड से मेरी चूत की भूख और प्यास मिटानी है. तुम जल्दी ही मेरे ऊपर चढ़ जाओ और तुम्हारा लण्ड मेरी चूत में पेलना शुरू करो. अब ठीक है या और कुछ साफ़ साफ़ बोलू."

पर राजेश ने एक ना सुनी. वह उँगलियों से तेज रफ़्तार से रेणुका की चुदाई करता रहा. राजेश ने थोड़ी देर और उँगलियों से रेणुका को चोदना जारी रखा तो रेणुका झड़ने लगी. उसने राजेश का हाथ पकड़ लिया और बोली "बस करो. आह्ह्ह्ह राजेश. गजब हो गया यार. आह… उफ़…. ओह…" रेणुका बिस्तर पर ही ढेर हो गयी.

राजेश ने अपनी उंगलियां रेणुका की चूत में से निकाल ली. उसकी उंगलियां रेणुका की मलाई से पूरी तरह लबालब थीं. राजेश ने एक उंगली खुद चाटी और एक उंगली रेणुका के मुंह में डाल दी.

रेणुका ने अपनी ही चूत के रस को चाट लिया. उसकी साँसे फूल रही थी और छाती तेजी से ऊपर निचे हो रही थी जिससे दोनों चून्चिया इधर उधर हिल रही थी. राजेश ने उन्हें अपनी हथेलियों में दबोच लिया और उन्हें कस के दबाने और मसलने लगा.

थोड़ी देर बिस्तर पर पड़े रहने के बाद रेणुका की साँसों की तेज रफ़्तार थोड़ी धीमी हुई. वो अभी भी राजेश का लंबा और मोटा लण्ड मेरी चूत में डलवाने के लिए बेकरार थी. अब राजेश उसकी दोनों टाँगों के बीच आ गया. उसने रेणुका की टाँगें अपने कंधे पे रखीं और अपना लण्ड उसकी चूत के छेद पर रख दिया. रेणुका ने उसके लण्ड को अपनी उँगलियों में पकड़ा और अपनी चूत पर रगड़ने लगी और राजेश को इशारा किया की अपना लण्ड वह उसकी चूत में डाल दे.

राजेश ने एक धक्का मारा और उसका लण्ड रेणुका की फड़कती चूत में घुस गया. रेणुका के मुह से एक कराह निकल गयी तो राजेश ने अपना लण्ड बाहर निकाला और एक और धक्का दे कर उसे फिर मेरी बीवी की चूत में घुसेड़ दिया.


धीरे धीरे राजेश ने अपना पूरा लण्ड रेणुका की चूत में घुसेड़ दिया और हौले हौले धक्के लगाने लगा. राजेश के बड़े अंडकोष रेणुका की चूत और गाँड़ पर “छप छप” थपेड़ मार रहे थे. जैसे ही राजेश ने चोदने के रफ़्तार तेज की रेणुका का बदन राजेश के धक्कों से तेजी से हिलने लगा.

राजेश में टिकने की क्षमता देख कर रेणुका हैरान रह गयी. कम से कम आधे घंटे तक राजेश ने उसे अच्छी तरह चोदा. रेणुका को राजेश के लण्ड की चुदाई से इतनी उत्तेजना हो रही थी की वो राजेश से पहले ही दुबारा झड़ने वाली थी. रेणुका ने नीचे से ही ऊपर की ओर धक्का मारना शुरू किया. राजेश ने जब यह देखा तो उसने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी. रेणुका कामोन्माद की चरम सीमा पार कर चुकी थी और झड़ने लगी. साथ साथ ही उसे महसूस हुआ की उसकी चूत में गरम गरम वीर्य का फौव्वारा छूटा और उसकी चूत राजेश के वीर्य से से भर गयी.

अपना माल छोड़ कर राजेश मेरी बीवी के ऊपर ही निढाल होकर गिर गया. रेणुका ने राजेश को अपने ऊपर से हटाया और वो बाथरूम की तरफ चली गयी. ५ मिनट राजेश ऐसे ही पड़ा रहा फिर उसने अपना फ़ोन उठाया और मेरा नंबर मिला दिया.

इधर मैं और दिव्या कौसानी पहुच गए थे. हमे ५ घंटे लग गए थे. बीच बीच में बारिश भी हो रही थी. आधे रस्ते कार दिव्या ने ड्राइव की थी और अभी मैं चला रहा था तो मैंने दिव्या से पुछा "बताइए कहा चलेंगी."

दिव्या ने कहा "पहले होटल ही चलते है. थोडा रेस्ट कर लेते है."

मैंने भी सोचा की इन पहाड़ो को देखने से पहले दिव्या के उन्नत उरोजो के दर्शन करने चाहिए. दिव्या के पास होटल की सब डिटेल्स थी तो हम दोनों सीधे होटल पहुच गए.

हम दोनों रूम में पहुचे ही थे की मेरे पास राजेश का फोन आ गया. राजेश बोला "पहुच गए तुम लोग"

मैंने कहा "हाँ. बारिश की वजह से काफी टाइम लग गया. उधर का क्या हाल है."

"बढ़िया है. वैसे भी अब वो मेरी भी बीवी बन गयी है तो मनाना थोडा आसान था. एक बार चुद चुकी है तुम्हारी बीवी मुझसे लेकिन अभी थोडा और समझाना पड़ेगा. तुम शाम को रेणुका को फोन करके बोल देना की बारिश की वजह से आने जाने का रास्ता बंद हो गया है और रास्ता खुलने में दो दिन लगेगे और तुम लोग तभी वापस आओगे." राजेश ने बोला.

"बहुत अच्छा. अब फोन रखिये तो मैं भी आपकी बीवी के साथ सुहागरात मना लूं" मैंने राजेश से कहा.

"अरे अब वो तुम्हारी बीवी भी है तो जैसा तुम चाहो करो बस तुम शाम को रेणुका को फ़ोन कर देना." राजेश ने ये कह कर फोन काट दिया और बाथरूम की तरफ गया. उसने देखा की रेणुका ने दरवाजा लॉक नहीं किया है तो वो बाथरूम में घुस गया. रेणुका अब शावर लेने जा रही थी. उसने राजेश को देख कर चौंक गयी और बोली "अरे आप दुसरे बाथरूम में जाओ न. मुझे नहा तो लेने दो."

राजेश ने कुछ नहीं बोला और शावर जेल उठा कर रेणुका के बदन पर लगाने लगा. फिर राजेश ने एक हाथ से शावर ऑन कर दिया. शावर से ठंडा पानी निकलते ही रेणुका राजेश से चिपक गई और बोली "उफ्फ्फ क्या करते है आप... इतना ठंडा पानी है."

"क्या आप आप लगा रखा है. मुझे जानू बुलाया करो मेरी जान" राजेश ने रेणुका को बाहों में लेते हुए कहा और उसे रगड़ रगड़ कर साबुन लगाने लगा.

रेणुका ने भी राजेश का लंड पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया.राजेश ने रेणुका के होंठ चूसना शुरू कर दिया. रेणुका के बदन में गर्मी आने लगी. वो भी राजेश को डीप स्मूच कर रही थी.

फिर रेणुका नीचे बैठ कर राजेश के लंड पर साबुन मलने लगी. धीरे धीरे उसका लंड एकदम टाइट हो गया. अब रेणुका राजेश के लंड के सुपाडे पर जीभ फेरने लगी.

राजेश को बहुत अच्छा लगा की रेणुका १ ही दिन में पूरी चुदक्कड़ बन गयी. रेणुका राजेश का लंड दस मिनट तक चूसती रही. राजेश का लंड फनफ़ना गया और वो रेणुका को चोदने के लिए बेचैन होने लगा. वो रेणुका की चूत में दो उंगली डाल के अन्दर बाहर करने लगा. उसकी चूत गीली हो चुकी थी.

अब राजेश ने रेणुका को खड़ा किया और खुद नीचे बैठते हुए रेणुका की चूत चूसने लगा.

रेणुका गनगना उठी और बोली "आह.. ऐसे ही चूसो मेरी जान"

थोड़ी देर चूत चूसने के बाद राजेश ने रेणुका की टांग उठाई और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया. रेणुका की चूत में भी पूरी आग लग चुकी थी और राजेश रेणुका को एक गेंद की तरह उछाल उछाल कर चोद रहा था. फच फच.. फट फट की आवाज से बाथरूम ही नहींपूरा होटल का कमरा भी गूंज रहा था. रेणुका मस्ती में चिल्लाने लगी "आआह्ह… आअह्ह क्या मजा आ रहा है जानू… उफ्फ्फ चोदते हो जान…"

राजेश थोड़ी देर पहले ही झड़ा था तो इस बार वो लम्बी पारी खेलने के लिए तैयार था. १५ मिनट ऐसे ही चोदने के बाद उसने रेणुका को दीवार पर हाथ रख कर झुका दिया और पीछे से लंड घुसा कर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.

रेणुका चीखी "आउउइइइ.. माँआआ.. हाय्यय मर गई.."

राजेश ने पीछे से झटके पे झटके देना शुरू किया. फट फट फ्छ्क फच की आवाज गूंजने लगी.रेणुका की सिस्कारिया रुक ही नहीं रही थी. शावर पूरी स्पीड पे पानी फेंक रहा था. काफी देर ऐसे ही चोदने के बाद राजेश ने अपना लंड मेरी बीवी की चूत से बाहर निकाला और उसकी गोरी बेदाग गांड पर अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. कुछ देर वो दोनों शावर में खड़े रहे फिर राजेश ने टावेल से रेणुका का बदन पोछा और उसे गोद में उठा कर वापस रूम में आ गया.

राजेश ने रेणुका को कुछ कपडे देते हुए कहा "मेरी जान मैं तुम्हारे ये ड्रेस लाया था. जल्दी से पहन कर तैयार हो जाओ फिर हम थोडा घूमने चलते है." फिर राजेश भी कपडे पहनने अपने रूम में चला गया.

रेणुका इस दुहरी चुदाई से काफी थक गयी थी फिर भी उसने अपने नए पति को मना करना ठीक नहीं समझा और वो टीशर्ट और हाफ पेंट पहन ली. राजेश भी तब तक कपडे पहन कर आ गया. रेणुका को देख कर सीटी बजाते हुए बोला "हाय क्या माल लग रही हो. जरा पोज़ दो तो एक फोटो ले लू."

रेणुका शर्मा कर पोज़ करने लगी और राजेश ने उसकी फोटो लेकर मुझे भेज दी और लिखा देखो मुझसे चुदने के बाद रेणुका कैसे खिल गयी है.

********
to be continued ...
 

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Update - 12
********


इधर होटल में आकर दिव्या भी बाथरूम में घुस गयी थी. जब वो वापस निकली तो उसने एक मोतियों की माला और पेंटी पहनी हुई थी. कमरे में आकर उसने पेंटी भी उतार दी.

मैंने भी अपने कपडे उतारे और आगे बढ़ कर उसके बूब्स को सहलाने लगा. उसके बूब्स बहुत सॉफ्ट थे. वो आँखे बंद कर के मजे ले रही थी. अब मैंने उसकी दोनों चूचियाँ कसकर पकड़ ली और उनपर अपने होठ रख कर चूसने लगा.

दिव्या भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं उसे किस कर रहा था और वो मेरे लंड से खेल रही थी. मैं दिव्या को गले पर किस करने लगा तो वो मदहोश हो जोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
मैंने दिव्या से पुछा "कल हम चारो के बीच जो हुआ उससे रेणुका तो मुझसे काफी नाराज़ थी. आप राजेश ने नहीं लड़ी."

दिव्या बोली "जब राजेश ने मुझसे कह दिया की उन्हें मुझे तुम्हारे या किसी और के साथ सोने से कोई दिक्कत नहीं है तो मुझे क्या प्रॉब्लम. और वैसे भी ये २-४ साल और है मस्ती के उसके बाद मुझ बुढ़िया को कौन पूछेगा."

मै दिव्या की चूंची चूसते हुए बोला "अरे आज हमारी शादी की सुहागरात है और आज तुमसे वादा करता हूँ की ५० की हो जाओगी तब भी तुमको ऐसे ही चोदुंगा मेरी जान और तुमसे एक बच्चा भी पैदा करूंगा समझी."

अब मैंने अपने कपडे भी उतार दिए और दिव्या को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया. मैंने उसको उल्टा किया और कमर पर किस करने लगा.

ऐसा करते वक्त मेरा लण्ड उसकी गांड के बीच में रगड़ रहा था. उसको भी बड़ा मजा आ रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद वो बहुत कामुक हो गयी और सिसकारियाँ लेकर बेडशीट नोचने लगी. फिर मैंने उसे सीधा किया और उनके बूब्स को मुंह में ले लिया और जोर से चूसने लगा. वो तड़पने लगी और अहहहह अहहहहह आहहहहहह करने लगी.

उसकी दोनों चूचियाँ चूसने के बाद मैंने उसको सिर से लेकर पाँव तक चूमा. मेरे हर किस पर वो मचल रही थी. फिर मैं उनकी जांघों पर किस करने लगा और धीरे धीरे उसकी बिना बालों वाली चूत की तरफ बढ़ा. ये वही चूत थी जिसकी तमन्ना बहुत दिनों से मेरे दिल में थी और कल ये मुझे पहली बार नसीब हुई थी. पर कल तो हम दोनों नशे में थे आज सारा काम होश में होना है. मैं पागलो की तरह दिव्या की चिकनी चूत चूसने लगा.

दिव्या भी मस्ती से अपने हाथ पैर पटकने लगी. फिर अचानक से मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी तो उसके मुंह से अहहहह निकल गयी. कई साल लंड खाने के बाद भी दिव्या की चूत कसी हुई थी. मैं धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा था.

वो जोर जोर से अहहआा स्सस्सस्सस्स अहहहहहह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कर रही थी. थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद दिव्या ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली "अह्ह्ह्ह मनीष अब और मत तड़पाओ…"

लेकिन मुझे तो अभी उसकी चूत का और मजा लेना था तो मैं ६९ पोजीशन में आ गया और अपना मुंह फिर से उसकी टांगो के बीच में लगा दिया.

मेरा लण्ड अब उसके मुंह के सामने थे. मैंने उसकी कमर के नीचे एक पिलो लगा दिया और चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया. दिव्या बहुत ही उत्तेजित हो उठी और मेरे लण्ड को पकड़ हिलाने लगी. फिर उसने भी मेरा लण्ड अपने मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

करीब १० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए. वो मेरा सारा पानी पी गई और उस ने मेरे लण्ड को चाटकर फिर से कड़क कर दिया.अब उसकी चूत में लण्ड डालने की बारी थी. मैं बेड पर खड़ा हो गया और मैंने दिव्या की दोनों टांगो को फैला कर हवा में उठा लिया. फिर मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर लगाया और रगड़ना शुरू कर दिया.

दिव्या एकदम से तड़प उठी और अपनी गांड को उठा कर मेरे लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी. मैंने एक जोरदार धक्का मार कर अपने लण्ड को उसकी चूत के अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लण्ड पूरा एक ही बार में अंदर चला गया. दिव्या के मुह से एक चीख निकल गयी. मैं ताबड़ तोड़ धक्के मार मार कर दिव्या की बुर का बाज़ा बजाने लगा.

दिव्या से बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन मैंने दिव्या की टांगो को कसकर जकड लिया था और मैं उसी पोजीशन में धक्के लगाये जा रहा था. दिव्या बोली "बस करो. मेरी फट जाएगी."

मैंने दिव्या की बात सुन कर उसे वापस लिटा दिया और वापस लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब दिव्या को मजा आ रहा था और वो अहहहहह अहहहहह अहहहह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके मजे ले रही थी. पुरे रूम में फट फट की आवाज़ गूंज रही थी.

दिव्या भी मजे से मेरे लण्ड को अंदर ले रही थी. उसको चोदते हुए मैं उसकी गदराई हुई जांघो को दबा रहा था. कुछ देर में दिव्या का पानी निकल गया तो मैंने उसे पलटा कर पीछे से लंड उसकी चूत में पेल दिया और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

दिव्या की हालत ख़राब होने लगी. वो बोली "बसस्सस्सस्स करो म्मम्ममनीष आःह्ह्ह अब आऔऊर नहीईईईईईईईईईईईईईईइ" लेकिन मैं अब रुक नहीं सकता था. मैंने धक्के लगाने रखे और थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा माल दिव्या की चूत में डाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लेट गया.

मैंने दिव्या से पुछा "कैसा लगा मेरी जान." वो मुस्कुरा कर बोली "जान निकाल दी तुमने तो आज पर मजा आ गया."

मुझे जान कर ख़ुशी हुई की दिव्या को मेरी चुदाई से संतुष्टि हुई थी. मैं दिव्या के नंगे बदन से खेलता रहा और कुछ देर में फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया. मैंने दिव्या को घुटनो के बल बिठाया और वो मेरे लण्ड को मुंह में ले कर चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे कि स्वर्ग में पहुंच गया हु. फिर मैंने उसको आगे की तरफ झुकाया और दुसरे राउंड के लिए उसके पीछे खड़ा हो गया. मैंने अपने लण्ड को पीछे की तरफ से उनकी चूत में लगा दिया और उनकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो भी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी और लण्ड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. मैंने पूरा लण्ड दिव्या की चूत में डाल दिया और उसकी कमर को पकड़ कर धक्के लगाने लगा.

वो फिर से अहहह अहहहह अहहह कर के अपनी कमर को जोर से हिला रही थी. उसके मुंह से ये आवाजे और कामुक लग रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और गांड में डाल दिया.

लंड दिव्या की चूत के रस से भीगा हुआ था इसीलिए आराम से गांड में घुस गया पर दिव्या को काफी दर्द हुआ. वो बोली "आह्ह्ह्ह यार कल राजेश ने भीईईई सूखी ले ली थी और आआअआज तुमने भीईईइ. अह्ह्ह्ह कम से क्क्क्ककमम्मम्म ग्गग्ग्गगांड में क्रीमम्मम्मम्म तो लगा देतेईईईईए."

मैंने कहा "अब तो घुस ही गया है डार्लिंग बस तुम अपनी टाँगे खोल लो." और फिर दिव्या की टाँगे चौड़ी करके एक धक्का और मार दिया.

अब दिव्या कुछ नही बोली तो मैं वापस फुल स्पीड में पिस्टन चलाने लगा.

१० मिनट दिव्या की करारी गांड मारने के बाद मैंने फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया. कुछ देर बाद मैंने लंड निकाला और अपना माल दिव्या की गांड का छेद जो १० के सिक्के के बराबर खुल गया था उसी पर छोड़ दिया.

थोड़ी देर आराम करने के बाद दिव्या अपने कपडे पहनने लगी तो मैंने उसे रोका "क्या हुआ जान, क्या कर रही हो."

"वो बोली चलो थोडा बाहर घूम कर आते है." दिव्या कपडे पहनते हुए बोली.

"अभी घूमने का बहुत टाइम है. राजेश का फोन आया था. हमे यहाँ २-३ दिन रुकना पड़ेगा. समझी जानेमन." मैंने उसका हाथ पकड़ा तो हसने लगी "समझी की अब २-३ दिन तुम चोद चोद कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे."

मैंने हँसते हुए कहा "छी छी स्कूल में बच्चों को ऐसी ही भाषा सिखाती हो"

दिव्या ने वापस कपडे उतारे और मेरे साथ बेड में घुस कर हँसते हुए बोली "मुझे तो खुद ऐसी भाषा नहीं आती थी. तुमने और राजेश ने मुझे ये भाषा सिखाई है."

मैंने और दिव्या ने एक राउंड और खेला फिर हम दोनों ने थोडा आराम किया. रात होते होते दिव्या बोली "अरे थोड़ी देर के लिए तो बाहर चलो." हम दोनों तैयार हुए और होटल के बाहर निकल पड़े.

यहाँ आकर दिव्या एकदम बिंदास हो गयी थी. काफी ठण्ड होने के बावजूद उसने एक बहुत छोटी और ट्रांसपेरेंट ड्रेस पहनी थी जिसमे दिव्या का शरीर बहुत खूबसूरत लग रहा था.

उसकी भरी हुई चूचियां और उसकी गोल मटोल गांड बहुत ही सेक्सी लग रही थी. रास्ते में ज्यादा लोग नहीं थे लेकिन जो थे वो पीछे से उसकी गांड को मटकते हुए बहुत वासना भरी नजरों से देख रहे थे जैसे उसका पिछवाड़ा नंगा करके वहीं चोद लेंगे. उस छोटी और ट्रांसपेरेंट ड्रेस में दिव्या ऐसा चुदाई वाला माल लग रही थी की 20 साल के लड़कों से लेकर 50 साल तक के आदमी दिव्या के शरीर को वासना भरी नजरों से नजरों से घूर रहे थे. दिव्या की ड्रेस जांघों पर सिर्फ वहीं तक आ रही थी जहां से चूत की लाइन शुरू होती है.

होटल से निकल कर हम लोग थोड़ी देर इधर उधर घुमते रहे. रास्ते में हमे कई अंग्रेज जोड़े दिखे. मैंने दिव्या से कहा "कभी कभी सोचता हूँ की इन फिरंगी लडकियों को चोदने में कितना मज़ा आता होगा."

दिव्या ने पुछा "क्यों कभी किसी फिरंगी के साथ किया नहीं."

"अपनी ऐसी किस्मत कहा?" मैं बोला.

दिव्या बोली "मैंने सुना है की इनका लंड भी काफी बड़ा होता है."

"हाँ बड़ा तो होता है लेकिन नीग्रो जितना नहीं." मैंने कहा.

"फिर तो मैं भी बोलूंगी की काश किसी फिरंग से चुदती" दिव्या हँसते हुए बोला.

"तुमको क्या दिक्कत. इनमे से किसी से भी बोलो, अभी तैयार हो जायेगा." मैंने कहा.

इसी तरह की बाते करते हुए हम होटल वापस आ गए. दिव्या बोली "चलो डिनर करते है"

मैंने कहा "पहले बार में चलते है. कुछ पीते है."

हम दोनों होटल के बार में चले गए. दरअसल वो एक पब था जहाँ लोग पी भी रहे थे और नाच भी रहे थे. दिव्या बोली की वो बियर पीयेगी तो मैंने उससे कहा "बियर वीयर में क्या होता है. आज हम लोग स्कॉच पियेंगे." और मैंने हम दोनों के लिए ड्रिंक आर्डर किया और एक किनारे बैठ कर लोगो को डांस करते देखने लगे. वहां का माहौल बहुत ही सेक्सी था. भीड़ ज्यादा नहीं थी लेकिन शराब के नशे में लड़के और लड़कियां चिपक चिपक कर नाच रहे थे. ३-३ पेग पीने के बाद हम दोनों को भी नशा चढ़ गया था.

मैंने दिव्या से कहा की चलिए हम भी थोडा डांस करे और हम दोनों भी नाचने पहुच गए. मैं तो आराम से नाच रहा था पर दिव्या काफी बेपरवाह होकर नाचने लगी. हमारे पास एक खूबसूरत सा फिरंगी आदमी भी नाच रहा था. मैंने देखा की वो आदमी जान बूझ कर नाचते नाचते दिव्या को टच कर रहा था. मुझे ये देख कर बहुत उत्तेजना हुई पर दिव्या उस से थोड़ा अलग हटने लगी. मैंने दिव्या को रोका और आदमी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और हम तीनो डांस करने लगे.

वो आदमी करीब ५०-५२ साल का होगा पर सुंदर था उसकी बॉडी भी काफी अच्छी थी. जब दिव्या उस आदमी की तरफ मुंह करके नाची तो मैं मौका देख कर दिव्या के पीछे की तरफ आ गया और दिव्या से चिपक कर डांस करने लगा. मैंने दिव्या को पीछे से पकड़ लिया और उसको धीरे-धीरे आगे सरका कर उस आदमी के साथ सटा दिया. अब हम दोनों ने दिव्या को बीच में दबा लिया था और दिव्या को बीच में लेकर सैंडविच की तरह सहलाना शुरू किया.

मैंने देखा की काफी लोग वहां खुले आम किस कर रहे है तो मैंने भी दिव्या को पकड़कर किस कर लिया. दिव्या अब शर्मा गयी और हमसे अपने को छुड़ा कर टेबल पर वापस आ गयी. मैं भी उस आदमी को लेकर उस टेबल पर आ गया. मैं उससे बात करने लगा. उसने बताया की वो बेल्जियम से है और फिलहाल यहाँ अकेले घुमने आया है. उसने अपना नाम ब्रैड बताया. मैंने उससे हमारे साथ खाना खाने को बोला तो वो तैयार हो गया. हम तीनो रेस्त्रा में गए और खाना आर्डर किया और खाने लगे. उसने मेरे बारे में पुछा तो मैंने बताया की हम दोनों पति पत्नी है. उसने मुझसे कहा की आपकी पत्नी उम्र में आपसे थोड़ी ज्यादा लगती है तो मैंने कहा की हमारी लव मैरिज है और दिव्या की ये दूसरी शादी. दिव्या की सारे शरीर की रगड़ाई करके अब वह खुल गया था और दिव्या भी उससे खुल गई थी.

फिर वो दिव्या से बोला "You are an amazing lady. Very hot and sexy"

दिव्या के चेहरे पर शर्म से लाली आ गई पर फिर दिव्या बोली "You are also very handsome and I enjoyed dancing with you."

हम दोनों ब्रैड से बातें करते रहे. खाना खाते खाते हमारी अच्छी दोस्ती हो गई. खाना खत्म होने के बाद जब चलने की बारी आई तो मैंने दिव्या से पुछा की क्यों न ब्रैड को कमरे में ले चले पर दिव्या बोली की "नहीं. बस डांस तक ठीक था"

मेरा बहुत मन होने के बाद भी मैंने ब्रैड को बाय किया और वापस रूम की तरफ चल दिए. कुछ माहौल, कुछ शराब का नशा और इन सबके ऊपर एक खूबसूरत अजनबी के बीच सैंडविच डांस का मजा दिव्या को पागल कर रहा था.

मैं और दिव्या दोनों ही बहुत एक्साइटेड थे. मैंने आते ही दिव्या की ड्रेस उतार दी और उसने मेरे कपड़े उतार दिए और एक दूसरे को चाटने लगे. अब मैं नीचे लेट गया और दिव्या ने मेरे ऊपर आकर 69 वाला आसन बनाकर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और अपनी चूत मेरे मुंह के ऊपर रख दी मैंने चूत में जीभ डालकर उसे जोर जोर से चाटने लगा और दिव्या भी मेरा लंड पूरा मुंह में लेकर जोर जोर से चाटने लगी.

उसकी चूत चाटने वजह से बहुत पानी छोड़ रही थी और वह बुरी तरह चुदना चाहती थी पर दिव्या ने मेरा लंड चूसते हुए मेरा पानी निकाल दिया और पूरा पी गयी. दिव्या बोली "जल्दी दुबारा खड़ा करो और मुझे चोदो."

मैंने दिव्या से कहा "मेरी बात मान लेती तो आज तुम्हारी मस्त चुदाई होती. थ्रीसम का मजा और वो भी फिरंग के साथ."

दिव्या सेक्स में पागल हुई जा रही थी मेरी तरफ देख कर बोली "सही में मजा तो आता पर राजेश क्या सोचता."

मैं बोला "राजेश को कैसे पता चलता? और फिर मैं भी तो तुम्हारा पति हूँ तो कुछ हक तो मेरा भी है."

"सही है पहले मेरे पति राजेश ने तुमसे चुदवा दिया और अब तुम पति बन गए हो तो उस गोरे से चुदवाना चाहते हो. लेकिन फिर भी वो आदमी था भी बहुत सही और आज तक मैंने किसी फिरंगी के साथ किया भी नहीं है" दिव्या बोली.

मैंने दिव्या से पुछा "गलती की क्या बात है. अभी बुला लेता हूँ."

दिव्या बोली "अब कहां से आएगा"

मैंने कहा "मैंने उसका रूम नंबर पूछ लिया था. तीन कमरे छोड़ कर उसका रूम है. अभी फोन करता हूँ.."

दिव्या अपनी चूत को अपनी उंगली से रगड़ते हुए बोली "बुला लो उसको. आज मुझे सेंडविच बनवा ही लो. आज जन्नत की सैर हो ही जाये." मैंने ब्रैड के रूम में फ़ोन किया.

उसने फ़ोन उठाया तो मैंने कहा "Hi Brad. This is Manish. Are you Busy right now?"

ब्रैड बोला "Not at all. Just watching TV."

मैंने उससे साफ़ साफ़ बोला "Divya is missing you very much. If you want to fuck her, please come to room no 347."

वो फ़ौरन तैयार हो गया "I will be there in 5 minutes."

उसके आने के एक्साइटमेंट से दिव्या में और मुझ में जोश भर गया. दिव्या अपनी चूत पर अभी उंगली फिरा ही रही थी की ब्रैड ने दरवाजे पर दस्तक दी. दस्तक सुनकर दिव्या उठकर कपड़े पहने की तरफ चली. मैंने मना कर दिया "यार जब चुदाई ही करवानी है तो फिर शर्म कैसी? और वैसे भी वह तुम्हें कपड़ों के ऊपर तो रगड़ ही चुका है और तुम भी उसे कपड़ों के ऊपर रगड़ चुकी हो तो फिर शर्म छोड़ो. तुम उसको नंगा करो तब तक मैं पैग और बनाता हूं. दो दो पैग लगाकर फिर चुदाई शुरू करेंगे."

मैंने दरवाजा खोलकर ब्रैड को अंदर बुला लिया उसका हाथ पकड़ कर डबल बेड के पास लेकर गया और बोला "Now the bitch is yours. Fuck her hard."

उसे देखते ही दिव्या सेक्स से पागल हो गई. दिव्या ने बेड पर से उठ कर तेजी से ब्रैड का हाथ पकड़कर बेड पर खींच लिया और बदहवासी में उसकी कमीज फाड़ दी और उसको ऊपर से नंगा करके उसकी छाती, कमर और पेट पर हाथ फिराने लगी. ब्रैड तो पहले से ही दिव्या के शरीर पर फिदा हो गया था. दिव्या के इस तरह छेड़ने से बहुत बहुत उत्तेजित होने लगा.. दिव्या अब उसके लंड से खेलना चाहती थी. दिव्या ने उसकी पैंट की हुक को खोला और उसके पैंट की चैन को खोल दिया अब दिव्या को बहुत एक्साइटमेंट हो रहा था.

पैंट की चैन खोलने के बाद दिव्या ने पैंट नीचे उतार दी. अंडरवेअर में ब्रैड बहुत सेक्सी लग रहा था उसके गठीले बदन को देख कर दिव्या चेहरा खुशियों से खिल गया. दिव्या उसके सामने अपने घुटनों पर बैठ गयी और अपने दोनों हाथों से ब्रैड की गांड को सहलाने लगी. ब्रैड की गांड को सहलाने के बाद दिव्या ने ब्रैड के लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने शुरु किया. उसके लंड को पकड़ कर दिव्या की सांसे और तेज होने लगी. अब दिव्या से सब्र नहीं हो रहा था. दिव्या ने उसका फिरंगी लंड अंडर वियर से बाहर निकाल लिया.

उसका लंड राजेश और मेरे लंड से काफी बड़ा और ज्यादा मोटा रहा होगा. उसका लंड देखकर दिव्या पागल हो गई और उसकी खुशी देखकर मेरा भी लंड दोबारा से खड़ा हो गया. दिव्या ने ब्रैड का लड बुरी तरह से चाटना शुरू कर दिया था. ब्रैड ने दिव्या को उठाकर 69 का पोज बना लिया और उसकी चूत को चाटने लगा ब्रैड दिव्या की चूचियां दबा रहा था नीचे से और फिर उसकी कमर उसकी गांड सहला रहा था. इसी बीच में मैंने दोनों को एक एक पैग बना कर दे दिया. उन्होंने अपना पैग जल्दी से खत्म करके अपना काम फिर शुरू कर दिया.

दिव्या के शरीर से खेलते हुए ब्रैड को बहुत मजा आ रहा था और मुझे देखते हुए. ब्रैड दिव्या को नंगा देखकर वासना मैं पागल हो गया.

ब्रैड के नंगे शरीर को दिव्या भी बहुत अच्छी तरह भोग रही थी वह ब्रैड के शरीर के हर हिस्से को छेड़ रही थी और जीभ से चाट रही थी और दांतों से काट रही थी. ब्रैड और दिव्या एक दूसरे को पूरा मजा दे रहे थे अब दिव्या और ब्रैड से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. ब्रैड ने दिव्या को बेड पर लिटा दिया और उसकी टांग खोल कर उसकी चूत के मुंह पर अपना लंड लगा दिया.

दिव्या को ब्रैड के खूबसूरत लंड को अंदर लेने की फीलिंग लेते हुए देखना बहुत एक्साइटिंग था जैसे जैसे ब्रैड ने अपना लंड दिव्या की चूत में धीरे धीरे अंदर सरकाया तो दिव्या तड़प उठी और उसने ब्रैड की गांड को पकड़ते हुए उसको अपनी चूत की तरफ खींचा जिससे उसका लंड दिव्या की चूत के और अंदर जाए.

ब्रैड ने धीरे-धीरे सारा लंड दिव्या की चूत के अंदर पहुंचा दिया.

दिव्या अब जन्नत के मजे लेने लगी थी. अब ब्रैड ने चुदाई धीरे-धीरे तेज कर दी थी और अब दिव्या को और मजा आने लगा था. दिव्या ने मेरी तरफ देख कर कहा "बहुत मजा आ रहा है. तुम भी आ जाओ न".

मैंने उसके पास जाकर अपना लंड दिव्या के मुंह में डाल दिया और ब्रैड दिव्या की चूत में अपने लंड से मालिश करता रहा. हम दोनों दिव्या के मुंह और चूत को चोदते रहे. थोड़ी देर चुदाई के बाद ब्रैड ने कहा "Now I need a blowjob too."

तब मैंने दिव्या को घोड़ी बनाया और उसके मुंह के सामने खुद अपना लंड लेकर खड़ा हो गया मैंने पीछे से दिव्या की चूत की चुदाई शुरू कर दी. चूत की चुदाई से दिव्या को मजा आ रहा था और ब्रैड का लंड पीने में उसे और मजा आ रहा था क्योंकि मेरा और राजेश का लंड पीते-पीते काफी टाइम हो गया था. थोड़ा चेंज मिलने उसको भी अच्छा लगा और जब एक नया और बड़ा लंबा लंड चूसने को मिला तो दिव्या बहुत एक्साइटेड हो गई थी और मुझे भी बहुत अच्छा लगा. मैं भी यही चाहता था दिव्या इस चेंज के पूरे मजे ले और खुलकर चुदाई करें और करवाए.

ब्रैड का लंड बड़ा था लेकिन दिव्या फिर भी उसे काफी अंदर ले रही थी और उसके मुंह से लार टपक रही थी. दिव्या को ब्रैड का लंड चाटना इतना अच्छा लग रहा था कि उसका रुकने का मन नहीं कर रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद दिव्या बोली "अब दोनों एक साथ आ जाओ".

तो मैंने और ब्रैड ने कहा "She wants it in her both holes." ब्रैड बेड पर लेट गया और दिव्या उसके ऊपर बैठकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर हिलने लगी उसके बाद दिव्या ब्रैड की छाती के ऊपर अपनी चूचियां रखे लेट गई और उसने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठा लिया जिससे मैं उसकी गांड में लंड डाल सकूं. चुदाई से और चटाई से दिव्या की चूत और गांड बहुत चिकनी हो गई थी तो मैंने उसकी गांड पर लंड रखकर धीरे से धक्का दिया तो लंड अंदर चला गया. हम दोनों ने दिव्या को सेंडविच बनाकर उसकी चूत और गांड की चुदाई शुरू कर दी और दिव्या उचक उचक कर मचलने लगी और चूत और गांड में एक साथ चुदाई के मजे लेने लगी.

कहां उसको दर्द हुआ करता था लेकिन आज वह इतनी एक्साइटेड भी कि खुद ही उछल उछल कर जग रही थी और कह रही थी "मुझे मेरी चूत में और गांड में ऐसे ही चोदो और जोर जोर से चोदो. चोदते रहो कुत्तों चोदो चोदो मुझे खूब चोदो…. कुत्तों मैं तुम्हारी कुतिया हूं... मेरी चूत गांड फाड़ डालो... ऐसे ग़दर माल को ग्रुप में चोदते हुए मुझे और ब्रैड को बहुत मजा आ रहा था और हम दोनों से एक साथ चुदते हुए दिव्या की हवस और मजे का तो कोई ठिकाना ही नहीं था. वो वासना में पागल हुई जा रही थी. थोड़ी देर बाद दिव्या बोली "Now Brad will fuck my ass. I want him in every hole of my body".

ब्रैड बोला "You don't know how sexy you are. If you want I can fuck you all my life. I will not spare any hole of your body. I will fuck your cunt, ass and mouth. I will use you as my slave bitch."

उसके बाद दिव्या मुझसे बोली "साले तुम भी तो चोदो. तुम दोनों मुझे चोदो आज और मुझे चोद चोद कर रंडी बना दो और जहां चाहे वहां चोदो मेरी चूत गांड मे जैसे चाहो मुझे वैसे चोदो … कभी मुंह में कभी कभी गांड में कभी चूत मे जैसे चाहो वैसे चोदो…. …..चाहे मेरी चूत में दोनों लंड एक साथ डाल दो चाहे मेरी गांड में दोनों लंड एक साथ डाल दो… चाहे मेरे मुंह में दोनों लंड एक साथ डाल दो और जगह बदल बदल कर चोदो …..मेरे शरीर का कोई सा हिस्सा ऐसा नहीं बचना चाहिए जहां पर तुम दोनों का लंड ना रगड़ा हो….………मेरा जीवन सफल कर दो आज मुझे चोदकर….………मुझे एक साथ चोद कर पूरी औरत बना दो…..………मेरी चूत मुंह और गांड में एक साथ मजा देकर मुझे औरत होने का संपूर्ण सुख दे दो आज तुम…."

दिव्या की उत्तेजक बातें सुनकर हम एक्साइटेड हो गए और हम उसे आसन बदल-बदल कर कई बार चोदा. तीन बार चोद कर मैं तो बैठ गया लेकिन ब्रैड उस को दो बार और चोदा. दिव्या की चुदाई से ब्रैड का मन ही नहीं भर रहा था उसका तो मन हो रहा था कि वह दिव्या की चूत और गांड सबकुछ फाड़ डाले. जितना मजा दिव्या को और मुझे आज दिव्या की ग्रुप चुदाई में आया इतना मजा तो अकेले अकेले चुदाई करके नहीं आया. आज दिव्या ने भी जी भर के चुदवाया और उसने चुदाई का पूरा मजा लिया. कभी बीच में कभी ऊपर कभी नीचे कभी सेंडविच कभी गांड में कभी दोनों जगह. जबरदस्त चुदाई के बाद दिव्या के होठ, चूत और गांड बहुत सेक्सी लग रही थी. तीनों से ही हम दोनों का भरा हुआ माल टपक रहा था..
हमने रात को ११ बजे चुदाई शुरू की थी और सुबह के ४ बजे तक चलती रही. उसके बाद दिव्या को बीच में लेकर मैं और ब्रैड सो गए. करीब 5 घंटे की नींद लेने के बाद जब हमारी नींद खुली तो हम रात के मजे के बारे में सोच कर फिर एक्साइटेड हो गए और दिव्या ने ब्रैड का लंड पकड़ कर फिर से चूसना शुरू कर दिया और उसने कहा कि मुझे फिर चुदवाना है. हम तो इंतजार कर रहे थे. हमने फिर मिलके चुदाई शुरू कर दी. मैंने एक बार निकाला और इसके बाद मैं बाथरुम में चला गया जबकि ब्रैड ने और भी दो बार चुदाई की. थक तो दिव्या भी गई थी पर वह ब्रैड को पूरा मजा देना चाहती थी इसलिए जब भी जितनी बार थी ब्रैड चोद रहा था वह खुशी खुशी मजा लेकर चुद रही थी.

मुझे दिव्या को ब्रैड से चुद्वाते देख कर बहुत मजा आ रहा था तो मैंने दिव्या से बोला कि हम आपस में तो चुदाई करते ही रहेंगे पर यहाँ तुम ब्रैड के साथ खुलकर चुदो. अब बाकी के २ दिन वह हमारे साथ रहेगा. मैं चाहता हूं कि २ दिन तुम लोग जैसे चाहो वैसे चुदाई करो. दिव्या ने हामी भरी और अगले २ दिन मैंने और ब्रैड ने मिलकर दिव्या को आगे पीछे से खूब बजाया. २ दिन बाद राजेश का फोन आया पर दिव्या ने उससे नहीं बताया की वो मेरे साथ साथ किसी फिरंगी से भी चुदवा रही है. राजेश ने हमको २ दिन रुकने को बोला तो मैंने उससे रेणुका के बारे में पुछा तो उसने कहा की मिल कर बताऊँगा.

पर अगले दिन सुबह सुबह ब्रैड को वापस जाना था तो हमने उसे अलविदा कहा. उसके जाने के बाद दिव्या बोली "यार सच में मजा आ गया. अंग अंग टूट रहा है. क्या चोदता था."

मैंने उससे कहा "राजेश ने एक दो और रुकने को बोला है पर मेरी छुट्टिया ख़तम हो रही है."

दिव्या बोली "छुट्टी तो मेरी भी ख़तम हो गयी है और अब मेरा भी यहाँ मन नहीं लगेगा. राजेश को क्या? चलो हम लोग कल वापस चलते है और राजेश रेणुका को सरप्राइज देते है." हमने ये तय कर लिया. दिन रात दारू और चुदाई से हम दोनों बहुत थके थे तो हम दोनों ने एक साथ नहाया और बिना कपडे पहने ही सो गए.

अगले दिन दिव्या और मैं सुबह जल्दी तैयार हुए. दिव्या ने पूल साइड अपनी एक सेल्फी लेकर राजेश को भेजी ताकि उसे लगे की हम यही है और हम वापस निकल गए.

उधर से राजेश ने भी रेणुका की एक सेक्सी से फोटो भेज दी जिसे देखकर दिव्या थोडा चिढ गयी. वो मुझसे बोली "ये राजेश हमको दो दिन रुकने को क्यों बोल रहा होगा. लगता है वो तुम्हारी बीवी के साथ कुछ ज्यादा ही मजे कर रहा है." मैंने कहा "अभी पहुच कर पता कर लेते है डार्लिंग." दोपहर को हम दोनों होटल पहुच गए. पहले हम दिव्या के रूम में गए. रूम खाली था पर मेरे रूम से कुछ कुछ आवाज़ आ रही थी. हमने बीच का दरवाजा खोला तो देखा की राजेश बुरी तरह से रेणुका को चोद रहा था.

हमने राजेश के रूम में ही इंतज़ार किया. करीब १५ मिनट बाद रेणुका की सिसकिया आनी बंद हो गयी तो हम उस कमरे में गए. राजेश रेणुका के ऊपर पड़ा हांफ रहा था. हमे देखकर वो मुस्कुराया और रेणुका ने चादर से अपने ढकने की कोशिश की पर दिव्या ने चादर उसके हाथ से खीच ली और बोली "अरे जरा मैं भी तो देखूं अपनी सौत का बदन जिसके पीछे राजेश दीवाना है."

राजेश रेणुका के ऊपर से हट गया और बोला "अच्छे से देख लो मेरी जान. रति है रेणुका. देखो ये कसी हुई ऊंची ऊची चून्चिया. ये गहरी नाभि और ये पत्तेदार भुर. वैसे तो तुम भी लाजवाब हो लेकिन रेणुका की बात ही कुछ और है."

राजेश की बात सुनकर रेणुका शर्मा गयी और उसने दिव्या के हाथ से लेकर चादर से अपने को ढक लिया और बाथरूम में घुस गयी और राजेश भी उठ कर कपडे पहनने लगा. वैसे सच में आज राजेश के बगल में अपनी नंगी बीवी को देखकर मुझे भी वो बहुत सेक्सी लग रही थी.

राजेश की बात सुनकर दिव्या बोली "तो ठीक है. अब वापस जाकर मैं तो मनीष के घर में जाकर रहूंगी. तुम रेणुका को अपने साथ रखना."

तब तक रेणुका भी कपडे पहन कर वापस आ गयी तो राजेश बोला की "मुझे कोई ऐतराज नहीं है, रेणुका और मनीष से पूछ लो."

रेणुका बोली "क्या बात हो रही है"

दिव्या बोली "राजेश को तुम इतनी पसंद हो तो अब से तुम रहोगी राजेश के घर में और मैं मनीष के घर में"

मैंने कहा "देखिये हम दोनों आप दोनों से बहुत प्यार करते है इसीलिए नाराज़ न हों. और आप दोनों हम दोनों की बीविया है तो आपको अपने दोनों पतियों का ख्याल रखना है इसीलिए एक हफ्ते दिव्या मेरे साथ रहेगी और एक हफ्ते रेणुका. क्यों राजेश भाई"

राजेश दिव्या को गुस्सा देख कर मजे ले रहा था. वो बोला "मैं तो दिव्या को चिढ़ा रहा था सच तो ये है की मैं दिव्या के बगैर ज्यादा दिन रह ही नहीं सकता इसलिए पूरे हफ्ते अपनी बीवी चोदेंगे और फ्राइडे रात को बीवियां बदल लेंगे. सोमवार की सुबह अपनी बीविया वापस. क्यों रेणुका ठीक है न"

"ठीक तो है लेकिन मुझे तो लखनऊ वापस जाना होगा" रेणुका बोली.

"उसकी फ़िक्र न करो. वो मैं देख लूँगा." मैंने रेणुका को बोला तो वो खुश हो गयी.

अगले दिन हम चारो वापस लौट आये. मैंने अपने घर में बोल दिया की मुझे अकेले काफी दिक्कत हो रही है तो रेणुका यही रहेगी. मम्मी पापा को कोई एतराज़ नहीं था. उसके बाद हम हर वीकेंड अपनी बीविया बदल देते थे और जब किसी एक के पीरियड चल रहे होते तो दूसरी हम दोनों के साथ सोती थी.

बीच बीच में हम फोरसम भी करते थे. मैं ५ साल वहां रहा और इन सालों में हर वीकेंड दिव्या मेरे साथ मेरी बीवी बन कर रही और रेणुका राजेश की बीवी बनकर. हमारी सेक्स लाइफ बेहतरीन थी. हम हर रोज सेक्स करते थे.

फिर मेरा ट्रान्सफर वापस लखनऊ हो गया और मैं और रेणुका वापस लौट आये. उसके बाद मैंने कभी स्वैप नहीं किया लेकिन फिर कभी मैं रेणुका से बोर नहीं हुआ. जब भी उसके लिए मेरा प्यार कम होने लगता मैं याद करता की कैसे राजेश उसे चोदता था और वो मुझे फिर से उतनी ही आकर्षक लगने लगती थी.

समाप्त
********
... The End
 
Last edited:

Krish007

Member
247
1,062
138
Firefox bhai umda story hai jis kisi writer ne ye likhi hai uski lekhni kabile tareef hai
Swaping jaise plot pe bahot kam stories hai iss forum pe iss umda plot me bahot kuch hai likhne ko lekin koi isme dhyan nahi deta
Iss plot pe agar koi long story ho to pls suggest kijiyaga jisme bahot bada group ho 10 15 couple ka aisa kuch aur wo bahot long bhi
 

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,878
143
Firefox bhai umda story hai jis kisi writer ne ye likhi hai uski lekhni kabile tareef hai
Swaping jaise plot pe bahot kam stories hai iss forum pe iss umda plot me bahot kuch hai likhne ko lekin koi isme dhyan nahi deta
Iss plot pe agar koi long story ho to pls suggest kijiyaga jisme bahot bada group ho 10 15 couple ka aisa kuch aur wo bahot long bhi

iss theme par jo bhi story maine abhi tak padhi hai .. unme 2-4 couple tak ke beech ki chemistry he acchi lagti hai .. us-se jyaada mein to bhasad he macch jaati hai .. shayad ek baar is tarah ki story padhne ko mili thi .. english .. acchi likhi thi .. but maza nahi aaya .. aur mera interest beech mein he khatam ho gaya tha ...

baaki sab ka apna taste hota hai .. mere opinion mein to 2 couple ke beech ke intimate emotions ka exchange best hota hai .. us-se jyaada to over the top ho jaata hai ...
 
Last edited:

Krish007

Member
247
1,062
138
Ha wo baat to hai 2 aur 3 couple me juada se jyada chemistry achhi lagegi
Wo baat darsal main ne kuch waqt pahile
Pdf section mein ek purani story padhi
Ved prakash sharma ya surendra mohan ie se ek writer ki ek thriller story thi
"Wo biwiya badalte te the"
Usme kuch jagah thoda bahot swaping ka jiqr hai jisme 5 couples ka exchange hai thoda


Iss scene mujhe aisa laga ki Mujhe ek plot sujha jo aisa hai
Agar kisi school group bahot dino baad bade dino baad milta hai school vke baad unka koi
Contact nahi ab sabka background change hua hai koi afsar hai koi doctor koi kisan koi
Koi mechanic etc etc sabki alag fantacy jinki ab shadiya ho chuki hai
Ab unme se ek ko get together sujha ki sab group members ko ekatha karke ek jagah kisi farmhouse pe kuch di enjoy karenge
Aur uske baad sab apni apni fantacy puri karenge

Main to koi writer nahi aisa apna taste hai to hai koi aise plot pe koi story vhai to sujhaav de
 
Top