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Adultery पडोसी भैया बने सैयां

renus

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हैलो दोस्तों, मेरा नाम रेनू है। मेरी उमर 35 साल है। मेरे स्तनों का साइज़ 36″ है, कमर का 24″ है, और गांड का 35″। मेरी इस कहानी में आपको बताऊंगी कि कैसे एक हादसे ने मेरे अंदर की रंडी को जगा दिया।

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बात करीब 2 साल पहले की है। मेरी शादी को 8 साल पूरे हो गए थे। मेरे पति का नाम मनीष है और तब वो 38 साल के थे और मैं 33 की। मनीष का बहुत बड़ा बिजनेस है, और हम बहुत अमीर घराने से तालुक रखते है। मेरे पति ज्यादातर काम से बाहर ही होते है, जिसके कारण मैं कई महीनों तक घर में अकेली रहती हूं। वैसे मेरे पति चुदाई में तो काफी अच्छे है, मगर बहुत ही कम बार मुझे चोदते है। यानि जब वो घर पर होते है तभी। लेकिन जो भी हो, मैं अपने पति से प्यार करती थी, और उनके आने तक उंगलियों से काम चला लेती थी।

हमारे बंगले के पड़ोस के बंगले में एक 48 साल के सज्जन रहते थे। उनसे हमारे अच्छे संबंध थे, और वो मेरे बड़े भाई समान थे। वो भले ही 48 साल के थे, मगर दिखने में और तन्दरूस्ती में वो 40-42 साल के मर्द को भी हरा दे। अब भी रोज व्यायाम करते हैं और बहुत संभल कर खाना खाते हैं। पार्टी में भी वो थोडा सा ही खाते हैं और कभी मैंने उनको 2 पेग से ज्यादा पीते नहीं देखा। उनका नाम राजेश अरोड़ा है। उनकी पत्नी दिव्या तब अपने बेटी के पास अमेरिका गयी हुई थी। उनकी बेटी को बच्चा होने वाला था इसीलिए वो पिछले 2 महीने से अमेरिका में ही थी और राजेश उनको छोड़ कर यहाँ वापस आ गए थे। दिव्या ने बताया था की वो लगभग एक साल के लिए जा रही हैं क्योंकि उनकी बेटी भी नौकरी करती थी और डिलीवरी के बाद उसको ऑफिस ज्वाइन करना था तो बच्चे की देखभाल के लिए दिव्या को वहां रुकना पड़ता।

एक रात मैं और मेरे पति सोए हुए थे, और तभी हमने कुछ धमाके की आवाज़ सुनी। हम जल्दी से उठ गए, और बाल्कनी से देखा तो राजेश जी के बालकनी से कुछ धुआं उठ रहा था। वो बालकनी में खड़े थे। मनीष ने उनसे पुछा की क्या हुआ राजेश जी?

तब वो बोले, “एसी में शोर्ट सर्किट हुआ था, मैंने आग तो बुझा दी लेकिन लाइट चली गयी है, इलेक्ट्रीशियन को फ़ोन कर रहा था लेकिन वो उठा ही नहीं रहा।” ये कह कर वो चुप हो गए। मेरे पति ने उन्हें कहा, “इतनी रात को तो इलेक्ट्रीशियन आने से रहा तो आप हमारे घर आ जाइये, इतनी गर्मी में कैसे रहेंगे? सुबह रिपेयर हो जायेगा”।

राजेश जी अपना घर लॉक करके हमारे यहाँ आ गए। अगले दिन सुबह इलेक्ट्रीशियन आया तो उसने चेक करके बताया, “सर, पूरी लाइन में ही दिक्कत आ गयी है तो पूरी वायरिंग ही बदलनी पड़ेगी। हो सकता है की सारे पंखे, लाइट्स और एसी, फ्रिज वगेरह भी ख़राब हो गया हो। अब दीवार तोड कर दुबारा से पाइप डाल कर नए सिरे से तार डालने होंगे फिर कहीं जाकर बिजली चालू होगी।“

राजेश जी ने इलेक्ट्रीशियन को बोला की “फिलहाल कुछ जुगाड़ करके घर के एक हिस्से में बिजली शुरू कर दो ताकि यहाँ रहने लायक तो हो जाए।“

इलेक्ट्रीशियन बोला, “इसमें फिर से शोर्ट सर्किट का खतरा हो सकता है और घर में आग भी लग सकती है तो फिलहाल आप कहीं और शिफ्ट हो जाये। ज्यादा से ज्यादा 1 महीने के अन्दर मैं यहाँ बिजली चालू कर दूंगा।“
ये सुन कर राजेश जी परेशान हो गए तब मेरे पति ने कहा, “आप परेशान क्यों हो रहे है। इसको आराम से काम करने दीजिये और जब तक सब ठीक नहीं हो जाता आप मेरे घर पर रहेंगे।“

तो राजेश जी ने कहा, “अरे नहीं मनीष, तुमने मुझे रात को रहने के लिये अपने घर में जगह दी बस वो ही काफी है, मैं किसी होटल में शिफ्ट हो जाऊंगा।”

तो मैं बोली, “कैसी बात करते हैं आप। हम लोग क्या गैर हैं? अपना घर होते हुए आप होटल में रहेंगे? हम आपकी एक नहीं सुनेंगे। जब तक सब ठीक नहीं होता आप हमारे साथ ही रहेंगे”

अब ये तय हो गया की राजेश हमारे साथ रहेंगे। इलेक्ट्रीशियन को काम शुरू करने को बोलकर हम तीनो घर आ गए। नाश्ता होने के बाद मनीष अपने ऑफिस निकल गए और राजेश अपने। राजेश जी के कपडे वगेरह उनके घर से मंगवा कर मैंने नीचे गेस्ट रुम में रख दिए। एक हफ्ते बाद उनके घर का काम शुरु हुआ, और मेरे पति को जरुरी काम से 2 महीनों के लिए अमेरिका जाना पड़ा। हम दोनों यानि राजेश जी और मैं अकेले ही घर में रह गए। पहले दो-तीन दिन बिल्कुल सामान्य थे।

फिर एक रात राजेश जी लिविंग रूम में टीवी देख रहे थे। हमारा खाना खा कर हो गया था। मुझे सोने से पहले नहाने की आदत थी, तो मैं हर रात की तरह इस रात भी नहा कर बाहर आई। लेकिन मैंने सोचा कि थोड़ी देर टीवी देखा जाए। तो मैं नीचे गई। मेरे बाल भीगे हुए थे, और मैंने नाइट गाउन पहना हुआ था, जिसके अंदर मैंने कुछ नहीं पहना था, और मेरी फिगर उसमें से साफ झलक रही थी।

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मैं राजेश जी के बगल के सोफा पे जाकर बैठ गई। मुझे देख राजेश जी थोड़े अचम्भित हो गए। हम दोनों बातें कर रहे थे, और उनका ध्यान रह-रह कर मेरी खुली टांगो पर जा रहा था। कुछ देर बाद मैंने देखा कि उनका लंड एक-दम खड़ा हो गया था। मेरी नज़र वहां गई और फिर वहां से हट ही नहीं रही थी। मेरी नज़र उनके लंड पर थी, ये उन्होंने देख लिया और बोले, “रेनू, मुझे माफ कर दो। दिव्या को अमेरिका गए दो महीने से ज्यादा हो गए है, इसलिये मेरी ये हालत है। सॉरी।”

मैंने मन में सोचा की इस उम्र में भी ये सेक्सुअली एक्टिव है लेकिन मैंने उनसे कहा, “अरे नहीं, में समझ सकती हूं।” तभी टीवी पर कंडोम का ऐड आया, और माहौल और भी अजीब हो गया।

राजेश जी ने कहा, “रेनू तुम टीवी देखो, मैं अपने कमरे में सो जाता हूं।” यह कह कर वो उठे तो उनका मोटा लम्बा लंड उनकी लुंगी से बाहर फुदक गया। उनका बड़ा लंड मेरे चहरे के सामने ही था। उन्होंने झट से लंड लुंगी के अंदर डाला, और माफी मांगने लगे। में उनका लंड देख कर गरम हो गई थी। मैंने कहा “क्या आप मुझे अपना लंड फिर से दिखा सकते है?” तो वो बोले, “देखो रेनू ये गलत है।”

तो मैंने कहा, “बस मुझे सिर्फ देखना है”। तो वो झिझकते हुए अपना लंड बाहर निकालने लगे। उनका लंड 8 इंच लम्बा था, और मोटा भी था। लंड देख कर मेरी चूत गीली हो गई, और मेरा हाथ अपने आप उनके लंड को हिलाने लगा। कुछ पल के लिए राजेश जी भी मजा ले रहे थे। फिर होश आने के बाद वो पीछे हो गए। मैं इतनी गरम हो गई थी कि उनका लंड फिर से हाथ में ले लिया। अब वो भी ज्यादा विरोध नहीं कर रहे थे।

राजेश जी बोले, “बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?” मैं उनका लंड हिलाने में मग्न थी, तो मैंने हां में सिर हिलाया। तो वो बोले, “भीगे बालों में तुम बहुत सुंदर लग रही हो।” ये सुन कर मैं खुश हो गई, और उन्हें देख मुस्कुराने लगी।

कुछ पल हिलाने के बाद मैंने उनका लंड धीरे से अपने होठों से चूम लिया। वो बोले, “रेनू अब और ना तड़पाओ इस उम्र में।” ये सुनते ही मैं झट से लंड का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी से और रहा नहीं गया। उन्होंने मेरा सर पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुंह में भर डाला, और मेरे मुंह को जोर-जोर से चोदने लगे।

मेरी तो मानो सांस ही अटक गई थी। बस बीच-बीच में सांस लेने के लिए अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकालते, और फिर मुंह चोदने लगते। ऐसा करीब 15 मिनट चला, और उसके बाद एक जोर के झटके से अपना सारा पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया। उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में रख कर मेरा सिर दबा कर रख दिया, और जब तक मेरी सांस फूल नहीं जाती, तब तक वैसे ही दबाए रखा।

जब उन्होने लंड बाहर निकाला, तब मैं जोर-जोर से हांफने लगी, और उनका पानी पी गई। मैंने देखा कि राजेश जी का लंड अब भी खड़ा ही था। मैंने जल्दी‌ से अपने कपड़े निकाल दिये, और नंगी हो कर सोफे पर अपने पैर फैला कर लेट गई। फिर चूत में उंगली डाल कर उन्हें इशारे करने लगी।

वो भी बिना किसी झिझक के मेरी चूत के सामने खड़े होकर मेरी चूत को देख रहे थे। राजेश जी ने अपना लंड मेरी चूत के उपर थोड़ा रगड़ा, तो मैं पूरी तरह से हवस की दुनिया में खो गई।

मैंने कहा: राजेश भैया प्लीज और मत तड़पाओ, मेरी चूत आपके लंड की भीख मांग रही है।

यह सुन कर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में थोडा अंदर डाला, और मेरी सिस्कारी निकल गई आह्ह। उन्होंने अपना लंड फिरसे बाहर निकाला और एक ही जोर के झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। झटका इतना जोर का था कि मैं वहीं झड़ गई और चीखने लगी आआऊऊईई अरे मर गई आआ।

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कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उन्होंने फिर से धक्के लगाने शुरु कर दिये, और मैं भी मजे से उनसे चुदने लगी आ आ आ करके सिसकियां लेने लगी। कुछ देर बाद उनके धक्के तेज हो गए, और में फिरसे झड़ने की कगार पे थी। उन्होंने एक जोर का झटका लगाया, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। उनके लंड का सारा पानी मेरी चूत में बह गया।

वो मेरे उपर ही लेट गए, और कुछ पल बाद वो उठ गए, और अपना लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला। मैं देख कर हैरान थी, कि उनका लंड अब भी शांत नहीं हुआ था। राजेश जी ने मुझे बड़ी ही आसानी से गोद में उठा लिया, और अपने कमरे में लेकर गए। कमरे में ले जाने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर ऐसे फेंक दिया कि मानो मैं कोई छोटी गुड़िया थी। अब वो भी वासना से भर चुके थे।

वो बिस्तर पर चढ़ गए, और मेरे पैरों को फैलाया, और मेरी चूत में उंगली करने लगे। बाद‌ में वो मेरी चूत को चाटने लगे, और मैं उउउम-उउउम करके मजा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं फिरसे झड़ने वाली थी, तो मैंने उनका सर मेरी चूत में दबा के रखा, और मेरे पैर भी बंद कर दिये। फिर मैं इतनी जोर से झड़ी कि मेरा पूरा शरीर ढीला पड़ गया, और मैं कंपकंपाने लगी।

राजेश जी उठ गए और अपना लंड चूत पर सेट किया, और धक्के देने लगे। करीब आधे घंटे बाद वो फिर मेरी चूत में झड गए। हमने उस रात सुबह 4 बजे तक सेक्स किया, और हम दोनों थकने के बाद खुद बा खुद सो गए। सुबह के 9:30 को मेरी आंख खुली। मैं नींद से उठी तो देखा कि राजेश जी का लंड मेरे चेहरे के सामने था, और मेरी चूत उनके चेहरे के।

मैंने पिछली रात के बारे में सोचा कि मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी और मैंने अपने पति को धोखा दे दिया। मेरे आंखों में आंसू आ गए। मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो लडखड़ा कर गिर गई। मेरे शरीर में जरा भी जान नहीं बची थी। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैं रेंग-रेंग कर रूम से बाहर निकल आई, और सीड़ियों पर लड़खड़ाते हुए चढ़ने लगी।

मैं बाथरुम में गई, और जैसे-तैसे दीवार के सहारे खड़े हो गई, और अपने आप को शीशे में देखा तो मेरे पूरे चेहरे और चून्चियों पर राजेश जी का वीर्य सूख गया था। मेरा पूरा बदन लाल हो गया था, और चूत भी सूझ गई थी। मैं अपने आप को इस तरह देख रोने लगी। बाथ टब में जब गरम पानी भर कर अंदर गई तो शरीर को सुकून महसूस हुआ।

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मैंने अपनी आंखें बंद की तो पिछली रात की हर बात मेरे दिमाग से गुजरती, और मैं झट से अपनी आंखें खोल देती। मैं दो घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल गई, और मेरे कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगी।‌ अब मैं अपने कमरे में ही बैठ कर रो रही थी। थोड़ी देर बाद जब मैं शांत हुई तो नीचे चली गई। नीचे गई तो देखा कि कल रात को पहने हुए कपड़े फर्श पर थे।

करीब 12 बज गए थे, और राजेश जी कहीं नज़र नहीं आए। मैंने उनके कमरे का दरवाजा देखा तो बंद था। मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला तो देखा कि राजेश जी एक कोने में बैठ कर रो रहे थे। मैं अंदर गई तो वो मुझे देख कर बोले, “रेनू मुझे माफ कर दो। मुझसे गलती हो गई। मैं अभी घर छोड कर चला जाता हूं”। मैं कुछ नहीं बोली। फिर वो एक-दम से मेरे पैरों पर गिर पड़े और माफी मांगने लगे।
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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हैलो दोस्तों, मेरा नाम रेनू है। मेरी उमर 35 साल है। मेरे स्तनों का साइज़ 36″ है, कमर का 24″ है, और गांड का 35″। मेरी इस कहानी में आपको बताऊंगी कि कैसे एक हादसे ने मेरे अंदर की रंडी को जगा दिया।

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बात करीब 2 साल पहले की है। मेरी शादी को 8 साल पूरे हो गए थे। मेरे पति का नाम मनीष है और तब वो 38 साल के थे और मैं 33 की। मनीष का बहुत बड़ा बिजनेस है, और हम बहुत अमीर घराने से तालुक रखते है। मेरे पति ज्यादातर काम से बाहर ही होते है, जिसके कारण मैं कई महीनों तक घर में अकेली रहती हूं। वैसे मेरे पति चुदाई में तो काफी अच्छे है, मगर बहुत ही कम बार मुझे चोदते है। यानि जब वो घर पर होते है तभी। लेकिन जो भी हो, मैं अपने पति से प्यार करती थी, और उनके आने तक उंगलियों से काम चला लेती थी।

हमारे बंगले के पड़ोस के बंगले में एक 48 साल के सज्जन रहते थे। उनसे हमारे अच्छे संबंध थे, और वो मेरे बड़े भाई समान थे। वो भले ही 48 साल के थे, मगर दिखने में और तन्दरूस्ती में वो 40-42 साल के मर्द को भी हरा दे। अब भी रोज व्यायाम करते हैं और बहुत संभल कर खाना खाते हैं। पार्टी में भी वो थोडा सा ही खाते हैं और कभी मैंने उनको 2 पेग से ज्यादा पीते नहीं देखा। उनका नाम राजेश अरोड़ा है। उनकी पत्नी दिव्या तब अपने बेटी के पास अमेरिका गयी हुई थी। उनकी बेटी को बच्चा होने वाला था इसीलिए वो पिछले 2 महीने से अमेरिका में ही थी और राजेश उनको छोड़ कर यहाँ वापस आ गए थे। दिव्या ने बताया था की वो लगभग एक साल के लिए जा रही हैं क्योंकि उनकी बेटी भी नौकरी करती थी और डिलीवरी के बाद उसको ऑफिस ज्वाइन करना था तो बच्चे की देखभाल के लिए दिव्या को वहां रुकना पड़ता।

एक रात मैं और मेरे पति सोए हुए थे, और तभी हमने कुछ धमाके की आवाज़ सुनी। हम जल्दी से उठ गए, और बाल्कनी से देखा तो राजेश जी के बालकनी से कुछ धुआं उठ रहा था। वो बालकनी में खड़े थे। मनीष ने उनसे पुछा की क्या हुआ राजेश जी?

तब वो बोले, “एसी में शोर्ट सर्किट हुआ था, मैंने आग तो बुझा दी लेकिन लाइट चली गयी है, इलेक्ट्रीशियन को फ़ोन कर रहा था लेकिन वो उठा ही नहीं रहा।” ये कह कर वो चुप हो गए। मेरे पति ने उन्हें कहा, “इतनी रात को तो इलेक्ट्रीशियन आने से रहा तो आप हमारे घर आ जाइये, इतनी गर्मी में कैसे रहेंगे? सुबह रिपेयर हो जायेगा”।

राजेश जी अपना घर लॉक करके हमारे यहाँ आ गए। अगले दिन सुबह इलेक्ट्रीशियन आया तो उसने चेक करके बताया, “सर, पूरी लाइन में ही दिक्कत आ गयी है तो पूरी वायरिंग ही बदलनी पड़ेगी। हो सकता है की सारे पंखे, लाइट्स और एसी, फ्रिज वगेरह भी ख़राब हो गया हो। अब दीवार तोड कर दुबारा से पाइप डाल कर नए सिरे से तार डालने होंगे फिर कहीं जाकर बिजली चालू होगी।“

राजेश जी ने इलेक्ट्रीशियन को बोला की “फिलहाल कुछ जुगाड़ करके घर के एक हिस्से में बिजली शुरू कर दो ताकि यहाँ रहने लायक तो हो जाए।“

इलेक्ट्रीशियन बोला, “इसमें फिर से शोर्ट सर्किट का खतरा हो सकता है और घर में आग भी लग सकती है तो फिलहाल आप कहीं और शिफ्ट हो जाये। ज्यादा से ज्यादा 1 महीने के अन्दर मैं यहाँ बिजली चालू कर दूंगा।“
ये सुन कर राजेश जी परेशान हो गए तब मेरे पति ने कहा, “आप परेशान क्यों हो रहे है। इसको आराम से काम करने दीजिये और जब तक सब ठीक नहीं हो जाता आप मेरे घर पर रहेंगे।“

तो राजेश जी ने कहा, “अरे नहीं मनीष, तुमने मुझे रात को रहने के लिये अपने घर में जगह दी बस वो ही काफी है, मैं किसी होटल में शिफ्ट हो जाऊंगा।”

तो मैं बोली, “कैसी बात करते हैं आप। हम लोग क्या गैर हैं? अपना घर होते हुए आप होटल में रहेंगे? हम आपकी एक नहीं सुनेंगे। जब तक सब ठीक नहीं होता आप हमारे साथ ही रहेंगे”

अब ये तय हो गया की राजेश हमारे साथ रहेंगे। इलेक्ट्रीशियन को काम शुरू करने को बोलकर हम तीनो घर आ गए। नाश्ता होने के बाद मनीष अपने ऑफिस निकल गए और राजेश अपने। राजेश जी के कपडे वगेरह उनके घर से मंगवा कर मैंने नीचे गेस्ट रुम में रख दिए। एक हफ्ते बाद उनके घर का काम शुरु हुआ, और मेरे पति को जरुरी काम से 2 महीनों के लिए अमेरिका जाना पड़ा। हम दोनों यानि राजेश जी और मैं अकेले ही घर में रह गए। पहले दो-तीन दिन बिल्कुल सामान्य थे।

फिर एक रात राजेश जी लिविंग रूम में टीवी देख रहे थे। हमारा खाना खा कर हो गया था। मुझे सोने से पहले नहाने की आदत थी, तो मैं हर रात की तरह इस रात भी नहा कर बाहर आई। लेकिन मैंने सोचा कि थोड़ी देर टीवी देखा जाए। तो मैं नीचे गई। मेरे बाल भीगे हुए थे, और मैंने नाइट गाउन पहना हुआ था, जिसके अंदर मैंने कुछ नहीं पहना था, और मेरी फिगर उसमें से साफ झलक रही थी।

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मैं राजेश जी के बगल के सोफा पे जाकर बैठ गई। मुझे देख राजेश जी थोड़े अचम्भित हो गए। हम दोनों बातें कर रहे थे, और उनका ध्यान रह-रह कर मेरी खुली टांगो पर जा रहा था। कुछ देर बाद मैंने देखा कि उनका लंड एक-दम खड़ा हो गया था। मेरी नज़र वहां गई और फिर वहां से हट ही नहीं रही थी। मेरी नज़र उनके लंड पर थी, ये उन्होंने देख लिया और बोले, “रेनू, मुझे माफ कर दो। दिव्या को अमेरिका गए दो महीने से ज्यादा हो गए है, इसलिये मेरी ये हालत है। सॉरी।”

मैंने मन में सोचा की इस उम्र में भी ये सेक्सुअली एक्टिव है लेकिन मैंने उनसे कहा, “अरे नहीं, में समझ सकती हूं।” तभी टीवी पर कंडोम का ऐड आया, और माहौल और भी अजीब हो गया।

राजेश जी ने कहा, “रेनू तुम टीवी देखो, मैं अपने कमरे में सो जाता हूं।” यह कह कर वो उठे तो उनका मोटा लम्बा लंड उनकी लुंगी से बाहर फुदक गया। उनका बड़ा लंड मेरे चहरे के सामने ही था। उन्होंने झट से लंड लुंगी के अंदर डाला, और माफी मांगने लगे। में उनका लंड देख कर गरम हो गई थी। मैंने कहा “क्या आप मुझे अपना लंड फिर से दिखा सकते है?” तो वो बोले, “देखो रेनू ये गलत है।”

तो मैंने कहा, “बस मुझे सिर्फ देखना है”। तो वो झिझकते हुए अपना लंड बाहर निकालने लगे। उनका लंड 8 इंच लम्बा था, और मोटा भी था। लंड देख कर मेरी चूत गीली हो गई, और मेरा हाथ अपने आप उनके लंड को हिलाने लगा। कुछ पल के लिए राजेश जी भी मजा ले रहे थे। फिर होश आने के बाद वो पीछे हो गए। मैं इतनी गरम हो गई थी कि उनका लंड फिर से हाथ में ले लिया। अब वो भी ज्यादा विरोध नहीं कर रहे थे।

राजेश जी बोले, “बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?” मैं उनका लंड हिलाने में मग्न थी, तो मैंने हां में सिर हिलाया। तो वो बोले, “भीगे बालों में तुम बहुत सुंदर लग रही हो।” ये सुन कर मैं खुश हो गई, और उन्हें देख मुस्कुराने लगी।

कुछ पल हिलाने के बाद मैंने उनका लंड धीरे से अपने होठों से चूम लिया। वो बोले, “रेनू अब और ना तड़पाओ इस उम्र में।” ये सुनते ही मैं झट से लंड का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी से और रहा नहीं गया। उन्होंने मेरा सर पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुंह में भर डाला, और मेरे मुंह को जोर-जोर से चोदने लगे।

मेरी तो मानो सांस ही अटक गई थी। बस बीच-बीच में सांस लेने के लिए अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकालते, और फिर मुंह चोदने लगते। ऐसा करीब 15 मिनट चला, और उसके बाद एक जोर के झटके से अपना सारा पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया। उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में रख कर मेरा सिर दबा कर रख दिया, और जब तक मेरी सांस फूल नहीं जाती, तब तक वैसे ही दबाए रखा।

जब उन्होने लंड बाहर निकाला, तब मैं जोर-जोर से हांफने लगी, और उनका पानी पी गई। मैंने देखा कि राजेश जी का लंड अब भी खड़ा ही था। मैंने जल्दी‌ से अपने कपड़े निकाल दिये, और नंगी हो कर सोफे पर अपने पैर फैला कर लेट गई। फिर चूत में उंगली डाल कर उन्हें इशारे करने लगी।

वो भी बिना किसी झिझक के मेरी चूत के सामने खड़े होकर मेरी चूत को देख रहे थे। राजेश जी ने अपना लंड मेरी चूत के उपर थोड़ा रगड़ा, तो मैं पूरी तरह से हवस की दुनिया में खो गई।

मैंने कहा: राजेश भैया प्लीज और मत तड़पाओ, मेरी चूत आपके लंड की भीख मांग रही है।

यह सुन कर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में थोडा अंदर डाला, और मेरी सिस्कारी निकल गई आह्ह। उन्होंने अपना लंड फिरसे बाहर निकाला और एक ही जोर के झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। झटका इतना जोर का था कि मैं वहीं झड़ गई और चीखने लगी आआऊऊईई अरे मर गई आआ।

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कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उन्होंने फिर से धक्के लगाने शुरु कर दिये, और मैं भी मजे से उनसे चुदने लगी आ आ आ करके सिसकियां लेने लगी। कुछ देर बाद उनके धक्के तेज हो गए, और में फिरसे झड़ने की कगार पे थी। उन्होंने एक जोर का झटका लगाया, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। उनके लंड का सारा पानी मेरी चूत में बह गया।

वो मेरे उपर ही लेट गए, और कुछ पल बाद वो उठ गए, और अपना लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला। मैं देख कर हैरान थी, कि उनका लंड अब भी शांत नहीं हुआ था। राजेश जी ने मुझे बड़ी ही आसानी से गोद में उठा लिया, और अपने कमरे में लेकर गए। कमरे में ले जाने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर ऐसे फेंक दिया कि मानो मैं कोई छोटी गुड़िया थी। अब वो भी वासना से भर चुके थे।

वो बिस्तर पर चढ़ गए, और मेरे पैरों को फैलाया, और मेरी चूत में उंगली करने लगे। बाद‌ में वो मेरी चूत को चाटने लगे, और मैं उउउम-उउउम करके मजा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं फिरसे झड़ने वाली थी, तो मैंने उनका सर मेरी चूत में दबा के रखा, और मेरे पैर भी बंद कर दिये। फिर मैं इतनी जोर से झड़ी कि मेरा पूरा शरीर ढीला पड़ गया, और मैं कंपकंपाने लगी।

राजेश जी उठ गए और अपना लंड चूत पर सेट किया, और धक्के देने लगे। करीब आधे घंटे बाद वो फिर मेरी चूत में झड गए। हमने उस रात सुबह 4 बजे तक सेक्स किया, और हम दोनों थकने के बाद खुद बा खुद सो गए। सुबह के 9:30 को मेरी आंख खुली। मैं नींद से उठी तो देखा कि राजेश जी का लंड मेरे चेहरे के सामने था, और मेरी चूत उनके चेहरे के।

मैंने पिछली रात के बारे में सोचा कि मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी और मैंने अपने पति को धोखा दे दिया। मेरे आंखों में आंसू आ गए। मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो लडखड़ा कर गिर गई। मेरे शरीर में जरा भी जान नहीं बची थी। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैं रेंग-रेंग कर रूम से बाहर निकल आई, और सीड़ियों पर लड़खड़ाते हुए चढ़ने लगी।

मैं बाथरुम में गई, और जैसे-तैसे दीवार के सहारे खड़े हो गई, और अपने आप को शीशे में देखा तो मेरे पूरे चेहरे और चून्चियों पर राजेश जी का वीर्य सूख गया था। मेरा पूरा बदन लाल हो गया था, और चूत भी सूझ गई थी। मैं अपने आप को इस तरह देख रोने लगी। बाथ टब में जब गरम पानी भर कर अंदर गई तो शरीर को सुकून महसूस हुआ।

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मैंने अपनी आंखें बंद की तो पिछली रात की हर बात मेरे दिमाग से गुजरती, और मैं झट से अपनी आंखें खोल देती। मैं दो घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल गई, और मेरे कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगी।‌ अब मैं अपने कमरे में ही बैठ कर रो रही थी। थोड़ी देर बाद जब मैं शांत हुई तो नीचे चली गई। नीचे गई तो देखा कि कल रात को पहने हुए कपड़े फर्श पर थे।

करीब 12 बज गए थे, और राजेश जी कहीं नज़र नहीं आए। मैंने उनके कमरे का दरवाजा देखा तो बंद था। मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला तो देखा कि राजेश जी एक कोने में बैठ कर रो रहे थे। मैं अंदर गई तो वो मुझे देख कर बोले, “रेनू मुझे माफ कर दो। मुझसे गलती हो गई। मैं अभी घर छोड कर चला जाता हूं”। मैं कुछ नहीं बोली। फिर वो एक-दम से मेरे पैरों पर गिर पड़े और माफी मांगने लगे।
Nice update


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Rajizexy

Punjabi Doc, Rajiii
Supreme
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हैलो दोस्तों, मेरा नाम रेनू है। मेरी उमर 35 साल है। मेरे स्तनों का साइज़ 36″ है, कमर का 24″ है, और गांड का 35″। मेरी इस कहानी में आपको बताऊंगी कि कैसे एक हादसे ने मेरे अंदर की रंडी को जगा दिया।

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बात करीब 2 साल पहले की है। मेरी शादी को 8 साल पूरे हो गए थे। मेरे पति का नाम मनीष है और तब वो 38 साल के थे और मैं 33 की। मनीष का बहुत बड़ा बिजनेस है, और हम बहुत अमीर घराने से तालुक रखते है। मेरे पति ज्यादातर काम से बाहर ही होते है, जिसके कारण मैं कई महीनों तक घर में अकेली रहती हूं। वैसे मेरे पति चुदाई में तो काफी अच्छे है, मगर बहुत ही कम बार मुझे चोदते है। यानि जब वो घर पर होते है तभी। लेकिन जो भी हो, मैं अपने पति से प्यार करती थी, और उनके आने तक उंगलियों से काम चला लेती थी।

हमारे बंगले के पड़ोस के बंगले में एक 48 साल के सज्जन रहते थे। उनसे हमारे अच्छे संबंध थे, और वो मेरे बड़े भाई समान थे। वो भले ही 48 साल के थे, मगर दिखने में और तन्दरूस्ती में वो 40-42 साल के मर्द को भी हरा दे। अब भी रोज व्यायाम करते हैं और बहुत संभल कर खाना खाते हैं। पार्टी में भी वो थोडा सा ही खाते हैं और कभी मैंने उनको 2 पेग से ज्यादा पीते नहीं देखा। उनका नाम राजेश अरोड़ा है। उनकी पत्नी दिव्या तब अपने बेटी के पास अमेरिका गयी हुई थी। उनकी बेटी को बच्चा होने वाला था इसीलिए वो पिछले 2 महीने से अमेरिका में ही थी और राजेश उनको छोड़ कर यहाँ वापस आ गए थे। दिव्या ने बताया था की वो लगभग एक साल के लिए जा रही हैं क्योंकि उनकी बेटी भी नौकरी करती थी और डिलीवरी के बाद उसको ऑफिस ज्वाइन करना था तो बच्चे की देखभाल के लिए दिव्या को वहां रुकना पड़ता।

एक रात मैं और मेरे पति सोए हुए थे, और तभी हमने कुछ धमाके की आवाज़ सुनी। हम जल्दी से उठ गए, और बाल्कनी से देखा तो राजेश जी के बालकनी से कुछ धुआं उठ रहा था। वो बालकनी में खड़े थे। मनीष ने उनसे पुछा की क्या हुआ राजेश जी?

तब वो बोले, “एसी में शोर्ट सर्किट हुआ था, मैंने आग तो बुझा दी लेकिन लाइट चली गयी है, इलेक्ट्रीशियन को फ़ोन कर रहा था लेकिन वो उठा ही नहीं रहा।” ये कह कर वो चुप हो गए। मेरे पति ने उन्हें कहा, “इतनी रात को तो इलेक्ट्रीशियन आने से रहा तो आप हमारे घर आ जाइये, इतनी गर्मी में कैसे रहेंगे? सुबह रिपेयर हो जायेगा”।

राजेश जी अपना घर लॉक करके हमारे यहाँ आ गए। अगले दिन सुबह इलेक्ट्रीशियन आया तो उसने चेक करके बताया, “सर, पूरी लाइन में ही दिक्कत आ गयी है तो पूरी वायरिंग ही बदलनी पड़ेगी। हो सकता है की सारे पंखे, लाइट्स और एसी, फ्रिज वगेरह भी ख़राब हो गया हो। अब दीवार तोड कर दुबारा से पाइप डाल कर नए सिरे से तार डालने होंगे फिर कहीं जाकर बिजली चालू होगी।“

राजेश जी ने इलेक्ट्रीशियन को बोला की “फिलहाल कुछ जुगाड़ करके घर के एक हिस्से में बिजली शुरू कर दो ताकि यहाँ रहने लायक तो हो जाए।“

इलेक्ट्रीशियन बोला, “इसमें फिर से शोर्ट सर्किट का खतरा हो सकता है और घर में आग भी लग सकती है तो फिलहाल आप कहीं और शिफ्ट हो जाये। ज्यादा से ज्यादा 1 महीने के अन्दर मैं यहाँ बिजली चालू कर दूंगा।“
ये सुन कर राजेश जी परेशान हो गए तब मेरे पति ने कहा, “आप परेशान क्यों हो रहे है। इसको आराम से काम करने दीजिये और जब तक सब ठीक नहीं हो जाता आप मेरे घर पर रहेंगे।“

तो राजेश जी ने कहा, “अरे नहीं मनीष, तुमने मुझे रात को रहने के लिये अपने घर में जगह दी बस वो ही काफी है, मैं किसी होटल में शिफ्ट हो जाऊंगा।”

तो मैं बोली, “कैसी बात करते हैं आप। हम लोग क्या गैर हैं? अपना घर होते हुए आप होटल में रहेंगे? हम आपकी एक नहीं सुनेंगे। जब तक सब ठीक नहीं होता आप हमारे साथ ही रहेंगे”

अब ये तय हो गया की राजेश हमारे साथ रहेंगे। इलेक्ट्रीशियन को काम शुरू करने को बोलकर हम तीनो घर आ गए। नाश्ता होने के बाद मनीष अपने ऑफिस निकल गए और राजेश अपने। राजेश जी के कपडे वगेरह उनके घर से मंगवा कर मैंने नीचे गेस्ट रुम में रख दिए। एक हफ्ते बाद उनके घर का काम शुरु हुआ, और मेरे पति को जरुरी काम से 2 महीनों के लिए अमेरिका जाना पड़ा। हम दोनों यानि राजेश जी और मैं अकेले ही घर में रह गए। पहले दो-तीन दिन बिल्कुल सामान्य थे।

फिर एक रात राजेश जी लिविंग रूम में टीवी देख रहे थे। हमारा खाना खा कर हो गया था। मुझे सोने से पहले नहाने की आदत थी, तो मैं हर रात की तरह इस रात भी नहा कर बाहर आई। लेकिन मैंने सोचा कि थोड़ी देर टीवी देखा जाए। तो मैं नीचे गई। मेरे बाल भीगे हुए थे, और मैंने नाइट गाउन पहना हुआ था, जिसके अंदर मैंने कुछ नहीं पहना था, और मेरी फिगर उसमें से साफ झलक रही थी।

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मैं राजेश जी के बगल के सोफा पे जाकर बैठ गई। मुझे देख राजेश जी थोड़े अचम्भित हो गए। हम दोनों बातें कर रहे थे, और उनका ध्यान रह-रह कर मेरी खुली टांगो पर जा रहा था। कुछ देर बाद मैंने देखा कि उनका लंड एक-दम खड़ा हो गया था। मेरी नज़र वहां गई और फिर वहां से हट ही नहीं रही थी। मेरी नज़र उनके लंड पर थी, ये उन्होंने देख लिया और बोले, “रेनू, मुझे माफ कर दो। दिव्या को अमेरिका गए दो महीने से ज्यादा हो गए है, इसलिये मेरी ये हालत है। सॉरी।”

मैंने मन में सोचा की इस उम्र में भी ये सेक्सुअली एक्टिव है लेकिन मैंने उनसे कहा, “अरे नहीं, में समझ सकती हूं।” तभी टीवी पर कंडोम का ऐड आया, और माहौल और भी अजीब हो गया।

राजेश जी ने कहा, “रेनू तुम टीवी देखो, मैं अपने कमरे में सो जाता हूं।” यह कह कर वो उठे तो उनका मोटा लम्बा लंड उनकी लुंगी से बाहर फुदक गया। उनका बड़ा लंड मेरे चहरे के सामने ही था। उन्होंने झट से लंड लुंगी के अंदर डाला, और माफी मांगने लगे। में उनका लंड देख कर गरम हो गई थी। मैंने कहा “क्या आप मुझे अपना लंड फिर से दिखा सकते है?” तो वो बोले, “देखो रेनू ये गलत है।”

तो मैंने कहा, “बस मुझे सिर्फ देखना है”। तो वो झिझकते हुए अपना लंड बाहर निकालने लगे। उनका लंड 8 इंच लम्बा था, और मोटा भी था। लंड देख कर मेरी चूत गीली हो गई, और मेरा हाथ अपने आप उनके लंड को हिलाने लगा। कुछ पल के लिए राजेश जी भी मजा ले रहे थे। फिर होश आने के बाद वो पीछे हो गए। मैं इतनी गरम हो गई थी कि उनका लंड फिर से हाथ में ले लिया। अब वो भी ज्यादा विरोध नहीं कर रहे थे।

राजेश जी बोले, “बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?” मैं उनका लंड हिलाने में मग्न थी, तो मैंने हां में सिर हिलाया। तो वो बोले, “भीगे बालों में तुम बहुत सुंदर लग रही हो।” ये सुन कर मैं खुश हो गई, और उन्हें देख मुस्कुराने लगी।

कुछ पल हिलाने के बाद मैंने उनका लंड धीरे से अपने होठों से चूम लिया। वो बोले, “रेनू अब और ना तड़पाओ इस उम्र में।” ये सुनते ही मैं झट से लंड का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी से और रहा नहीं गया। उन्होंने मेरा सर पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुंह में भर डाला, और मेरे मुंह को जोर-जोर से चोदने लगे।

मेरी तो मानो सांस ही अटक गई थी। बस बीच-बीच में सांस लेने के लिए अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकालते, और फिर मुंह चोदने लगते। ऐसा करीब 15 मिनट चला, और उसके बाद एक जोर के झटके से अपना सारा पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया। उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में रख कर मेरा सिर दबा कर रख दिया, और जब तक मेरी सांस फूल नहीं जाती, तब तक वैसे ही दबाए रखा।

जब उन्होने लंड बाहर निकाला, तब मैं जोर-जोर से हांफने लगी, और उनका पानी पी गई। मैंने देखा कि राजेश जी का लंड अब भी खड़ा ही था। मैंने जल्दी‌ से अपने कपड़े निकाल दिये, और नंगी हो कर सोफे पर अपने पैर फैला कर लेट गई। फिर चूत में उंगली डाल कर उन्हें इशारे करने लगी।

वो भी बिना किसी झिझक के मेरी चूत के सामने खड़े होकर मेरी चूत को देख रहे थे। राजेश जी ने अपना लंड मेरी चूत के उपर थोड़ा रगड़ा, तो मैं पूरी तरह से हवस की दुनिया में खो गई।

मैंने कहा: राजेश भैया प्लीज और मत तड़पाओ, मेरी चूत आपके लंड की भीख मांग रही है।

यह सुन कर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में थोडा अंदर डाला, और मेरी सिस्कारी निकल गई आह्ह। उन्होंने अपना लंड फिरसे बाहर निकाला और एक ही जोर के झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। झटका इतना जोर का था कि मैं वहीं झड़ गई और चीखने लगी आआऊऊईई अरे मर गई आआ।

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कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उन्होंने फिर से धक्के लगाने शुरु कर दिये, और मैं भी मजे से उनसे चुदने लगी आ आ आ करके सिसकियां लेने लगी। कुछ देर बाद उनके धक्के तेज हो गए, और में फिरसे झड़ने की कगार पे थी। उन्होंने एक जोर का झटका लगाया, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। उनके लंड का सारा पानी मेरी चूत में बह गया।

वो मेरे उपर ही लेट गए, और कुछ पल बाद वो उठ गए, और अपना लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला। मैं देख कर हैरान थी, कि उनका लंड अब भी शांत नहीं हुआ था। राजेश जी ने मुझे बड़ी ही आसानी से गोद में उठा लिया, और अपने कमरे में लेकर गए। कमरे में ले जाने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर ऐसे फेंक दिया कि मानो मैं कोई छोटी गुड़िया थी। अब वो भी वासना से भर चुके थे।

वो बिस्तर पर चढ़ गए, और मेरे पैरों को फैलाया, और मेरी चूत में उंगली करने लगे। बाद‌ में वो मेरी चूत को चाटने लगे, और मैं उउउम-उउउम करके मजा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं फिरसे झड़ने वाली थी, तो मैंने उनका सर मेरी चूत में दबा के रखा, और मेरे पैर भी बंद कर दिये। फिर मैं इतनी जोर से झड़ी कि मेरा पूरा शरीर ढीला पड़ गया, और मैं कंपकंपाने लगी।

राजेश जी उठ गए और अपना लंड चूत पर सेट किया, और धक्के देने लगे। करीब आधे घंटे बाद वो फिर मेरी चूत में झड गए। हमने उस रात सुबह 4 बजे तक सेक्स किया, और हम दोनों थकने के बाद खुद बा खुद सो गए। सुबह के 9:30 को मेरी आंख खुली। मैं नींद से उठी तो देखा कि राजेश जी का लंड मेरे चेहरे के सामने था, और मेरी चूत उनके चेहरे के।

मैंने पिछली रात के बारे में सोचा कि मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी और मैंने अपने पति को धोखा दे दिया। मेरे आंखों में आंसू आ गए। मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो लडखड़ा कर गिर गई। मेरे शरीर में जरा भी जान नहीं बची थी। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैं रेंग-रेंग कर रूम से बाहर निकल आई, और सीड़ियों पर लड़खड़ाते हुए चढ़ने लगी।

मैं बाथरुम में गई, और जैसे-तैसे दीवार के सहारे खड़े हो गई, और अपने आप को शीशे में देखा तो मेरे पूरे चेहरे और चून्चियों पर राजेश जी का वीर्य सूख गया था। मेरा पूरा बदन लाल हो गया था, और चूत भी सूझ गई थी। मैं अपने आप को इस तरह देख रोने लगी। बाथ टब में जब गरम पानी भर कर अंदर गई तो शरीर को सुकून महसूस हुआ।

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मैंने अपनी आंखें बंद की तो पिछली रात की हर बात मेरे दिमाग से गुजरती, और मैं झट से अपनी आंखें खोल देती। मैं दो घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल गई, और मेरे कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगी।‌ अब मैं अपने कमरे में ही बैठ कर रो रही थी। थोड़ी देर बाद जब मैं शांत हुई तो नीचे चली गई। नीचे गई तो देखा कि कल रात को पहने हुए कपड़े फर्श पर थे।

करीब 12 बज गए थे, और राजेश जी कहीं नज़र नहीं आए। मैंने उनके कमरे का दरवाजा देखा तो बंद था। मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला तो देखा कि राजेश जी एक कोने में बैठ कर रो रहे थे। मैं अंदर गई तो वो मुझे देख कर बोले, “रेनू मुझे माफ कर दो। मुझसे गलती हो गई। मैं अभी घर छोड कर चला जाता हूं”। मैं कुछ नहीं बोली। फिर वो एक-दम से मेरे पैरों पर गिर पड़े और माफी मांगने लगे।
Sexy👙👠💋 update dear renus
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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हैलो दोस्तों, मेरा नाम रेनू है। मेरी उमर 35 साल है। मेरे स्तनों का साइज़ 36″ है, कमर का 24″ है, और गांड का 35″। मेरी इस कहानी में आपको बताऊंगी कि कैसे एक हादसे ने मेरे अंदर की रंडी को जगा दिया।

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बात करीब 2 साल पहले की है। मेरी शादी को 8 साल पूरे हो गए थे। मेरे पति का नाम मनीष है और तब वो 38 साल के थे और मैं 33 की। मनीष का बहुत बड़ा बिजनेस है, और हम बहुत अमीर घराने से तालुक रखते है। मेरे पति ज्यादातर काम से बाहर ही होते है, जिसके कारण मैं कई महीनों तक घर में अकेली रहती हूं। वैसे मेरे पति चुदाई में तो काफी अच्छे है, मगर बहुत ही कम बार मुझे चोदते है। यानि जब वो घर पर होते है तभी। लेकिन जो भी हो, मैं अपने पति से प्यार करती थी, और उनके आने तक उंगलियों से काम चला लेती थी।

हमारे बंगले के पड़ोस के बंगले में एक 48 साल के सज्जन रहते थे। उनसे हमारे अच्छे संबंध थे, और वो मेरे बड़े भाई समान थे। वो भले ही 48 साल के थे, मगर दिखने में और तन्दरूस्ती में वो 40-42 साल के मर्द को भी हरा दे। अब भी रोज व्यायाम करते हैं और बहुत संभल कर खाना खाते हैं। पार्टी में भी वो थोडा सा ही खाते हैं और कभी मैंने उनको 2 पेग से ज्यादा पीते नहीं देखा। उनका नाम राजेश अरोड़ा है। उनकी पत्नी दिव्या तब अपने बेटी के पास अमेरिका गयी हुई थी। उनकी बेटी को बच्चा होने वाला था इसीलिए वो पिछले 2 महीने से अमेरिका में ही थी और राजेश उनको छोड़ कर यहाँ वापस आ गए थे। दिव्या ने बताया था की वो लगभग एक साल के लिए जा रही हैं क्योंकि उनकी बेटी भी नौकरी करती थी और डिलीवरी के बाद उसको ऑफिस ज्वाइन करना था तो बच्चे की देखभाल के लिए दिव्या को वहां रुकना पड़ता।

एक रात मैं और मेरे पति सोए हुए थे, और तभी हमने कुछ धमाके की आवाज़ सुनी। हम जल्दी से उठ गए, और बाल्कनी से देखा तो राजेश जी के बालकनी से कुछ धुआं उठ रहा था। वो बालकनी में खड़े थे। मनीष ने उनसे पुछा की क्या हुआ राजेश जी?

तब वो बोले, “एसी में शोर्ट सर्किट हुआ था, मैंने आग तो बुझा दी लेकिन लाइट चली गयी है, इलेक्ट्रीशियन को फ़ोन कर रहा था लेकिन वो उठा ही नहीं रहा।” ये कह कर वो चुप हो गए। मेरे पति ने उन्हें कहा, “इतनी रात को तो इलेक्ट्रीशियन आने से रहा तो आप हमारे घर आ जाइये, इतनी गर्मी में कैसे रहेंगे? सुबह रिपेयर हो जायेगा”।

राजेश जी अपना घर लॉक करके हमारे यहाँ आ गए। अगले दिन सुबह इलेक्ट्रीशियन आया तो उसने चेक करके बताया, “सर, पूरी लाइन में ही दिक्कत आ गयी है तो पूरी वायरिंग ही बदलनी पड़ेगी। हो सकता है की सारे पंखे, लाइट्स और एसी, फ्रिज वगेरह भी ख़राब हो गया हो। अब दीवार तोड कर दुबारा से पाइप डाल कर नए सिरे से तार डालने होंगे फिर कहीं जाकर बिजली चालू होगी।“

राजेश जी ने इलेक्ट्रीशियन को बोला की “फिलहाल कुछ जुगाड़ करके घर के एक हिस्से में बिजली शुरू कर दो ताकि यहाँ रहने लायक तो हो जाए।“

इलेक्ट्रीशियन बोला, “इसमें फिर से शोर्ट सर्किट का खतरा हो सकता है और घर में आग भी लग सकती है तो फिलहाल आप कहीं और शिफ्ट हो जाये। ज्यादा से ज्यादा 1 महीने के अन्दर मैं यहाँ बिजली चालू कर दूंगा।“
ये सुन कर राजेश जी परेशान हो गए तब मेरे पति ने कहा, “आप परेशान क्यों हो रहे है। इसको आराम से काम करने दीजिये और जब तक सब ठीक नहीं हो जाता आप मेरे घर पर रहेंगे।“

तो राजेश जी ने कहा, “अरे नहीं मनीष, तुमने मुझे रात को रहने के लिये अपने घर में जगह दी बस वो ही काफी है, मैं किसी होटल में शिफ्ट हो जाऊंगा।”

तो मैं बोली, “कैसी बात करते हैं आप। हम लोग क्या गैर हैं? अपना घर होते हुए आप होटल में रहेंगे? हम आपकी एक नहीं सुनेंगे। जब तक सब ठीक नहीं होता आप हमारे साथ ही रहेंगे”

अब ये तय हो गया की राजेश हमारे साथ रहेंगे। इलेक्ट्रीशियन को काम शुरू करने को बोलकर हम तीनो घर आ गए। नाश्ता होने के बाद मनीष अपने ऑफिस निकल गए और राजेश अपने। राजेश जी के कपडे वगेरह उनके घर से मंगवा कर मैंने नीचे गेस्ट रुम में रख दिए। एक हफ्ते बाद उनके घर का काम शुरु हुआ, और मेरे पति को जरुरी काम से 2 महीनों के लिए अमेरिका जाना पड़ा। हम दोनों यानि राजेश जी और मैं अकेले ही घर में रह गए। पहले दो-तीन दिन बिल्कुल सामान्य थे।

फिर एक रात राजेश जी लिविंग रूम में टीवी देख रहे थे। हमारा खाना खा कर हो गया था। मुझे सोने से पहले नहाने की आदत थी, तो मैं हर रात की तरह इस रात भी नहा कर बाहर आई। लेकिन मैंने सोचा कि थोड़ी देर टीवी देखा जाए। तो मैं नीचे गई। मेरे बाल भीगे हुए थे, और मैंने नाइट गाउन पहना हुआ था, जिसके अंदर मैंने कुछ नहीं पहना था, और मेरी फिगर उसमें से साफ झलक रही थी।

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मैं राजेश जी के बगल के सोफा पे जाकर बैठ गई। मुझे देख राजेश जी थोड़े अचम्भित हो गए। हम दोनों बातें कर रहे थे, और उनका ध्यान रह-रह कर मेरी खुली टांगो पर जा रहा था। कुछ देर बाद मैंने देखा कि उनका लंड एक-दम खड़ा हो गया था। मेरी नज़र वहां गई और फिर वहां से हट ही नहीं रही थी। मेरी नज़र उनके लंड पर थी, ये उन्होंने देख लिया और बोले, “रेनू, मुझे माफ कर दो। दिव्या को अमेरिका गए दो महीने से ज्यादा हो गए है, इसलिये मेरी ये हालत है। सॉरी।”

मैंने मन में सोचा की इस उम्र में भी ये सेक्सुअली एक्टिव है लेकिन मैंने उनसे कहा, “अरे नहीं, में समझ सकती हूं।” तभी टीवी पर कंडोम का ऐड आया, और माहौल और भी अजीब हो गया।

राजेश जी ने कहा, “रेनू तुम टीवी देखो, मैं अपने कमरे में सो जाता हूं।” यह कह कर वो उठे तो उनका मोटा लम्बा लंड उनकी लुंगी से बाहर फुदक गया। उनका बड़ा लंड मेरे चहरे के सामने ही था। उन्होंने झट से लंड लुंगी के अंदर डाला, और माफी मांगने लगे। में उनका लंड देख कर गरम हो गई थी। मैंने कहा “क्या आप मुझे अपना लंड फिर से दिखा सकते है?” तो वो बोले, “देखो रेनू ये गलत है।”

तो मैंने कहा, “बस मुझे सिर्फ देखना है”। तो वो झिझकते हुए अपना लंड बाहर निकालने लगे। उनका लंड 8 इंच लम्बा था, और मोटा भी था। लंड देख कर मेरी चूत गीली हो गई, और मेरा हाथ अपने आप उनके लंड को हिलाने लगा। कुछ पल के लिए राजेश जी भी मजा ले रहे थे। फिर होश आने के बाद वो पीछे हो गए। मैं इतनी गरम हो गई थी कि उनका लंड फिर से हाथ में ले लिया। अब वो भी ज्यादा विरोध नहीं कर रहे थे।

राजेश जी बोले, “बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं?” मैं उनका लंड हिलाने में मग्न थी, तो मैंने हां में सिर हिलाया। तो वो बोले, “भीगे बालों में तुम बहुत सुंदर लग रही हो।” ये सुन कर मैं खुश हो गई, और उन्हें देख मुस्कुराने लगी।

कुछ पल हिलाने के बाद मैंने उनका लंड धीरे से अपने होठों से चूम लिया। वो बोले, “रेनू अब और ना तड़पाओ इस उम्र में।” ये सुनते ही मैं झट से लंड का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी से और रहा नहीं गया। उन्होंने मेरा सर पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुंह में भर डाला, और मेरे मुंह को जोर-जोर से चोदने लगे।

मेरी तो मानो सांस ही अटक गई थी। बस बीच-बीच में सांस लेने के लिए अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकालते, और फिर मुंह चोदने लगते। ऐसा करीब 15 मिनट चला, और उसके बाद एक जोर के झटके से अपना सारा पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया। उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह में रख कर मेरा सिर दबा कर रख दिया, और जब तक मेरी सांस फूल नहीं जाती, तब तक वैसे ही दबाए रखा।

जब उन्होने लंड बाहर निकाला, तब मैं जोर-जोर से हांफने लगी, और उनका पानी पी गई। मैंने देखा कि राजेश जी का लंड अब भी खड़ा ही था। मैंने जल्दी‌ से अपने कपड़े निकाल दिये, और नंगी हो कर सोफे पर अपने पैर फैला कर लेट गई। फिर चूत में उंगली डाल कर उन्हें इशारे करने लगी।

वो भी बिना किसी झिझक के मेरी चूत के सामने खड़े होकर मेरी चूत को देख रहे थे। राजेश जी ने अपना लंड मेरी चूत के उपर थोड़ा रगड़ा, तो मैं पूरी तरह से हवस की दुनिया में खो गई।

मैंने कहा: राजेश भैया प्लीज और मत तड़पाओ, मेरी चूत आपके लंड की भीख मांग रही है।

यह सुन कर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में थोडा अंदर डाला, और मेरी सिस्कारी निकल गई आह्ह। उन्होंने अपना लंड फिरसे बाहर निकाला और एक ही जोर के झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। झटका इतना जोर का था कि मैं वहीं झड़ गई और चीखने लगी आआऊऊईई अरे मर गई आआ।

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कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उन्होंने फिर से धक्के लगाने शुरु कर दिये, और मैं भी मजे से उनसे चुदने लगी आ आ आ करके सिसकियां लेने लगी। कुछ देर बाद उनके धक्के तेज हो गए, और में फिरसे झड़ने की कगार पे थी। उन्होंने एक जोर का झटका लगाया, और हम दोनों एक साथ झड़ गए। उनके लंड का सारा पानी मेरी चूत में बह गया।

वो मेरे उपर ही लेट गए, और कुछ पल बाद वो उठ गए, और अपना लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला। मैं देख कर हैरान थी, कि उनका लंड अब भी शांत नहीं हुआ था। राजेश जी ने मुझे बड़ी ही आसानी से गोद में उठा लिया, और अपने कमरे में लेकर गए। कमरे में ले जाने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर ऐसे फेंक दिया कि मानो मैं कोई छोटी गुड़िया थी। अब वो भी वासना से भर चुके थे।

वो बिस्तर पर चढ़ गए, और मेरे पैरों को फैलाया, और मेरी चूत में उंगली करने लगे। बाद‌ में वो मेरी चूत को चाटने लगे, और मैं उउउम-उउउम करके मजा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं फिरसे झड़ने वाली थी, तो मैंने उनका सर मेरी चूत में दबा के रखा, और मेरे पैर भी बंद कर दिये। फिर मैं इतनी जोर से झड़ी कि मेरा पूरा शरीर ढीला पड़ गया, और मैं कंपकंपाने लगी।

राजेश जी उठ गए और अपना लंड चूत पर सेट किया, और धक्के देने लगे। करीब आधे घंटे बाद वो फिर मेरी चूत में झड गए। हमने उस रात सुबह 4 बजे तक सेक्स किया, और हम दोनों थकने के बाद खुद बा खुद सो गए। सुबह के 9:30 को मेरी आंख खुली। मैं नींद से उठी तो देखा कि राजेश जी का लंड मेरे चेहरे के सामने था, और मेरी चूत उनके चेहरे के।

मैंने पिछली रात के बारे में सोचा कि मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी और मैंने अपने पति को धोखा दे दिया। मेरे आंखों में आंसू आ गए। मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो लडखड़ा कर गिर गई। मेरे शरीर में जरा भी जान नहीं बची थी। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। मैं रेंग-रेंग कर रूम से बाहर निकल आई, और सीड़ियों पर लड़खड़ाते हुए चढ़ने लगी।

मैं बाथरुम में गई, और जैसे-तैसे दीवार के सहारे खड़े हो गई, और अपने आप को शीशे में देखा तो मेरे पूरे चेहरे और चून्चियों पर राजेश जी का वीर्य सूख गया था। मेरा पूरा बदन लाल हो गया था, और चूत भी सूझ गई थी। मैं अपने आप को इस तरह देख रोने लगी। बाथ टब में जब गरम पानी भर कर अंदर गई तो शरीर को सुकून महसूस हुआ।

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मैंने अपनी आंखें बंद की तो पिछली रात की हर बात मेरे दिमाग से गुजरती, और मैं झट से अपनी आंखें खोल देती। मैं दो घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल गई, और मेरे कमरे में जाकर कपड़े पहनने लगी।‌ अब मैं अपने कमरे में ही बैठ कर रो रही थी। थोड़ी देर बाद जब मैं शांत हुई तो नीचे चली गई। नीचे गई तो देखा कि कल रात को पहने हुए कपड़े फर्श पर थे।

करीब 12 बज गए थे, और राजेश जी कहीं नज़र नहीं आए। मैंने उनके कमरे का दरवाजा देखा तो बंद था। मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला तो देखा कि राजेश जी एक कोने में बैठ कर रो रहे थे। मैं अंदर गई तो वो मुझे देख कर बोले, “रेनू मुझे माफ कर दो। मुझसे गलती हो गई। मैं अभी घर छोड कर चला जाता हूं”। मैं कुछ नहीं बोली। फिर वो एक-दम से मेरे पैरों पर गिर पड़े और माफी मांगने लगे।
Nice start 👌 🔥 🔥
 

renus

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मैंने उन्हें खड़े होने के लिए कहा और बोली: बाहर चल कर बात करते है।

बाहर आकर वो मुझे बोले: देखो रेनू, मैं ये घर छोड़ कर चला जाता हूं।

मैं बोली: आप ऐसा मत कीजिये और ऐसा करेंगे तो मैं मनीष को क्या कहूँगी की आप क्यों चले गए? और फिर दोष आपका नहीं है। कल रात पहल मैंने ही की थी।“

वो बोले: रेनू लेकिन गलती मेरी भी उतनी ही है।

तो मैंने कहा: नहीं इसमें गलती मनीष की है जो मुझे हमेशा अकेला छोड़ कर चला जाता है, आखिर मेरी भी कुछ जरूरतें हैं।

राजेश: कुछ ऐसी ही हालत दिव्या के जाने के बाद से मेरी भी थी इसीलिए ये गलती हो गयी। तुम बताओ रेनू मैं इस गलती को सुधारने के लिए क्या करूँ?

मैंने राजेश जी को सामान्य करने के लिए इतरा कर बोला: मैं सोच कर आपको आपकी सजा बताती हूँ तब तक आप मेरा इंतज़ार करिए।

ये कह कर मैं नाश्ता बनाने किचन की तरफ जाने लगी तभी अचानक मेरे घर से कॉल आ गया तो मैं मम्मी से बात करने के लिए वापस अपने रूम में चली गयी।

थोड़ी देर बाद जब मैं वापस बाहर आई तो मैंने देखा की राजेश जी किचन में चाय बना रहे थे।

मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे आप चाय भी बना लेते है। वाह!” तो वो भी मुस्कुराने लगे और बोले, “चाय ही नहीं साथ में नाश्ता भी रेडी है, चलो फटाफट खा लो वरना ठंडा हो जायेगा”

मैं सोचने लगी की मेरी शादी को इतने साल हो गए थे, लेकिन एक बार भी मेरे पति ने मेरे लिये चाय नहीं बनाई, और आज राजेश जी ने मेरे लिये चाय भी बनाई और नाश्ता भी।

राजेश: क्या सोच रही हो रेनू?

मैंने कहा “आपकी सजा सोच रही थी”

“सोच ली?” उन्होंने पूछा।

“हाँ” मैंने कहा “जब तक मनीष वापस नहीं आ जाता आपको मेरा पति बन कर रहना पड़ेगा। बोलिए सजा मंजूर है।“

“मतलब? तुम कहना क्या चाहती हो? मैं कुछ समझा नहीं” राजेश आश्चर्य से बोले। उनको अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ।

“मतलब जब तक मेरा पति नहीं आता आपको उसके बदले मेरी चुदाई करनी होगी। जैसे कल रात को की थी। अब भी नहीं समझे क्या?” मैंने शरारत से कहा।

राजेश जी ने मुझे फिर से पूछा, “क्या तुम सच में तुम्हारे पति आने तक मुझसे चुदना चाहती हो?” इस पर मैं बोली, “अरे हां बाबा, सच में। आप चिंता मत करो, हम दोनों मेरे पति आने तक खुब चुदाई करेंगे।”

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फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर किचन की स्लैब के उपर अपने पैर फैला कर बैठ गई और बोली, “अब चोदोगे नहीं?” दोस्तों मैं अब इस स्थिति में थी कि अगर मुझे कभी भी चोदने के लिये बोला जाए, तो मैं तुरंत मान जाऊं। राजेश जी ने कहा कि, “अभी नहीं, पहले चाय पी कर नाश्ता लेते है, फिर करते है। वैसे तुम्हारे अंदर इतनी हवस भरी होगी, मुझे लगा नहीं था।”

मैंने कहा, “सब आपके लंड का कमाल है। मुझे पसंद आ गया आपका लंड और चोदने का तरीका।”

चाय पीने के बाद मैं राजेश जी की गोद में जाकर बैठ गई, और उन्हें चूमने लगी। वो भी मेरे होंठो को चूसने लगे, और मेरे मम्मों को धीरे-धीरे दबाने लगे। मैंने सिसकारियां लेते हुए कहा, “चलो अब चुदाई का खेल शुरु करते है।”

ये कह‌ कर मैं उठ गई और राजेश जी भी अपना पजामा नीचे खिसका कर लंड बाहर निकाल कर तैयार हो गए। मैंने उनके लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाना शुरु कर दिया, और मैं उनके लंड पर बैठने ही वाली थी कि वो बोले, “रुको रेनू”।

मैंने कहा “क्या हुआ?” तो वो बोले, “तुम्हारी चूत कल की भारी चुदाई की वजह से लाल हो गई है। अगर मैंने तुम्हें फिर चोदा तो तुम्हारी हालत बुरी हो जाएगी।” उनकी ये बात सच तो थी, मगर मुझ पर उनके लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मैं उस बात पर गौर ही नहीं दे पा रही थी।

मैंने कहा, “अरे वो बाद में देख लेंगे, अभी तो बस मुझे आपका लंड मेरी चूत में चाहिये।” वो फिर भी थोड़ा चिंतित थे, तो मैंने ही पहल करने की ठानी। मैं घुटनों के बल बैठ गई, और उनके लंड के टोपे को मेरी जुबान सहलाने लगी। राजेश जी भी सिसकियां ले रहे थे।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनका लंड मुंह में लेना शुरु किया। मैं जान बूझ कर उनका लंड धीरे-धीरे चूस रही थी, ताकि वो पूरी तरह हवस के नशे में डूब जाए। फिर कुछ देर बाद ही वो मेरे बाल सहलाने लगे, और मेरा सर पकड़ कर लंड मेरे मुंह में और अंदर तक डालने लगे।

अब मैंने भी जोर-जोर से उनका लंड चूसना शुरु कर दिया, और थोड़ी ही देर में उनका लंड मेरे मुंह में फुदकने लगा। मैं समझ गई कि ये अब झड़ने वाले थे। मगर मुझे उनका लंड चूत में लेना था। मैंने जल्दी से लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला, तो वो बोले, “अरे रेनू, क्या कर रही हो? मेरा बस निकलने वाला था।” तो मैं बोली, “मुझे आपका लंड चूत में चाहिये।”

उनसे अब मेरी ये छेड़-खानी और बर्दाश्त नहीं हो रही थी। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद में बिठा दिया, और बोले, “अब तो तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूंगा”।

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मैं उनकी ये बात सुन कर खुश हो गई, और जल्दी से उनके लंड पर बैठ गई। मेरी चूत पहले से गीली थी, इसलिये मैं उनका लंड आसानी से ले पाई। उनका लंड अंदर जाते ही मेरी आंखे बंद हो गई, और मेरे चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान आ गई। जैसे कोई तड़पती मछली को पानी मिल जाए, मेरी लंड लेकर बिल्कुल वैसी ही हालत हो गई थी।

राजेश जी सोफे पर बैठे थे, और मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर मेरी चूत चुदवा रही थी। राजेश जी बिल्कुल मजे से सिस्कारियां ले रहे थे, और मैं आअह उउह्ह्ह कर चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट बाद वो मेरी चूत में झड़ गए। मुझे भी बहुत मजा आया, और मैं उनका लंड अंदर लिये ही उनकी गोद में बैठ गई।

मैं हांफते हुए बोली, “बहुत मजा आया पति देव”। तो वो बोले, “अरे अभी तो बहुत मजा आना बाकी है।” ये कह कर मुझे उन्होनें गोद में से उठाया, और सोफा पर लिटा दिया। फिर मेरे उपर चढ़ कर मेरे बूब्स दबाने लगे, और मेरे होंठों को जोर से चूमने लगे। मैं अब फिर से गरम होने लगी, और उनका लंड भी फिर से खड़ा हो गया।

वो उठ गए और मेरी चूत पर अपना लंड सहलाने लगे, और फिर एक ही जोर के झटके से पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी तो चीख निकल गई, “आआऊऊईई। मर गई आअह”। लेकिन वो मुझे जोर-जोर से चोदे जा रहे थे। मैं मिशनरी पोज़ीशन में थी, इसलिये वो मेरी चूत में और अंदर तक लंड डाल पा रहे थे।

उनकी चोदने की स्पीड और बढ़ गई, और फिर वो मेरे बूब्स दबाने लगे। बीच-बीच में वो मेरे बूब्स को जोर से मारते थे, और मुझे उससे बहुत मजा आता था। उन्होंने मेरे बूब्स दबा-दबा कर लाल कर दिये थे। मेरी चूत में भी अब थोड़ा-थोड़ा दर्द होने लगा था। मगर मुझ पर लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मुझे उस दर्द में भी मजा आ रहा था।

मैं उनसे कहने लगी, “और जोर से करो बहुत मजा आ रहा है।” ये सुन कर वो और जोर से मुझे चोदने लगे। ये खेल करीब आधे घंटे तक चला, और फिर वो जब झड़ने वाले थे, तब वो मेरे पेट पर उनका सारा वीर्य छोड़ दिया।

थोड़ा बहुत माल मेरे चेहरे पर और मेरे बूब्स पर भी गिर गया। झड़ने के तुरंत बाद उन्होंने लंड फिर से मेरी चूत में डाला, और मुझे चोदने लगे। मैंने कहा, “मन नहीं भरा?” उस पर उन्होंने कहा कि, “मन तो मेरा तेरी चूत से कभी नहीं भरेगा”। मैं मुस्कुराई और उनको किस्स करने लगी। कुछ देर किस्स करने के बाद उन्होंने मुझे कुतिया बनने को कहा। मैं झट से डॉगी पोजीशन में आ गई, और राजेश जी ने भी झट से अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

लंड चूत के अंदर घुसते ही मेरे मोबाइल की रिंग बजने लगी। मैं इस बात से बहुत गुस्सा हो गई और बोली, “यार अब किसका फ़ोन आ गया!” मैं उठी और फोन की तरफ देखा तो मेरे पति का फ़ोन था। मैं थोड़ा हड़बड़ा गई लेकिन फिर मैंने उनका फ़ोन उठाया।

मैं: हैलो, कैसे हो?

मेरे पति: मैं ठीक हूं बेबी, तुम कैसी हो?

मैं: मैं बिल्कुल ठीक हूं।

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मैं बोलते-बोलते राजेश जी के बगल में जा कर बैठ गई। मैं फ़ोन पर बोल ही रही थी कि राजेश जी ने अपना लंड मेरे हाथ में रखा, और हिलाने का इशारा किया। मैं उनका इशारा समझ गई और उनका लंड हिलाने लगी। मेरे मन में आया, “एक पति से फ़ोन पर बात कर रही हूं, और एक पति का लंड हिला रही हूं”। ये सोच कर मैं मुस्कराने लगी।

पति: क्या हुआ, हँस क्यों रही हो?

मैं: अरे कुछ नहीं, बस तुमसे बात करके अच्छा लगा।

पति: अरे मेरी जान। अच्छा वैसे राजेश जी कैसे है? कोई तकलीफ तो नहीं?

मैंने राजेश जी के तरफ देखते हुए कहा- अरे वो तो बहुत खुश है।

ऐसे ही करीब पांच मिनट बात करने के बाद मैंने काम का बहाना बना कर फ़ोन काट दिया। फ़ोन कटते ही मैं झट से राजेश जी का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी, “अरे फ़ोन रखते ही शुरु हो गई, वाह क्या बात है!”

मैं चुप-चाप मजे से उनका लंड चूसे जा रही थी, और फिर कुछ ही देर में वो मेरे मुंह में झड़ गए, और मैंने भी उनका सारा पानी बड़े आराम से पी लिया। फिर हम दोनों ऐसे ही एक-दूसरे के बगल में बैठे रहे।

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राजेश जी बहुत खुश लग रहे थे। उन्हें खुश देख मुझे भी अच्छा लगा। राजेश जी ने कहा, “वाह! रेनू तूने तो मेरा सारा पानी निकाल दिया। ऐसा लग रहा है जैसे में फिर से जवान हो गया हूं, तुम इतनी हॉट हो कि मेरा मन ही नहीं भरता। मन करता है कि तुम्हें बस चोदते रहूं। या फिर पहले मैं पहलवानी करता था, इसलिये मेरा शरीर आज भी मेरा साथ दे रहा है”।

उनसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। ऐसे लगा के मानो वो मुझे समझ सकते थे। मेरी धड़कन तेज होने लगी, और मैंने झट से बोल दिया, “राजेश जी क्या आप मेरे सच में पति बनेंगे?”

वो ये सुन कर शॉक हो गए और बोले, “रेनू ये तुम क्या कह रही हो? तुम्हें मेरे बारे में ऐसा क्यों लग रहा है?”

मैंने कहा, “आप तो मेरे झूठे पति होने के बाद भी मेरा खयाल रखते है, और मेरे असली पति को तो मेरे लिये टाइम ही नहीं रहता”। ये कह कर मैं उदास हो गई।

राजेश जी हंसे और बोले, “अरे रेनू, कितनी भोली हो तुम। हम दोनों का रिश्ता बस एक-दूसरे के शरीर को खुश रखने तक का ही है। और रही बात तुम्हारे पति की, तो वो तो तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करता है”।

मैंने गुस्से में कहा, “अगर उन्हें मुझसे इतना प्यार है, तो हर बार मुझे छोड़ कर क्यों चले जाते है?”

राजेश जी बोले, “मनीष जब भी मुझसे मिलता है तो तुम्हारे बारे में बहुत बोलता है। वो सारी मेहनत बस तुम्हारे लिये कर रहा है”।

ये बात सुन कर मुझे अच्छा लगा और बुरा भी, कि कैसे मैं अपने पति के प्यार को कम समझ बैठी। लेकिन राजेश जी ने मुझे अच्छे से समझाया और मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ।

हम दोनों काफी देर नंगे ही सोफे पर बैठे थे, और मैंने तो दिन भर कोई कपड़ा ही नहीं पहना था। सच कहूं तो मुझे अब नंगी रहने में ही मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद राजेश जी ने मुझसे खाने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें कहा कि, “मैं अब खाना बनाने के हालत में नहीं हूं”। हम दोनों दिन भर चुदाई के बाद थक गए थे, और पसीने से लथपथ थे। तभी राजेश जी ने कहा, “तुम भी थक गई हो और मैं भी। तो चलो आज होटल में खाना खाते है”।

मैं ये सुन कर बहुत खुश हुई और जल्दी से हां कर दी। बस मैं कपड़े पहनने के लिए उठने ही वाली थी कि राजेश जी का फ़ोन बजा। उन्होंने फ़ोन देखा तो खुश हो गए। दरअसल उनके जिगरी दोस्त का फ़ोन था इसलिए वो खुश हो गए।

फिर क्या, दोस्त जैसे आपस में हँसी-मज़ाक करके बात करते है, वैसे ही उनकी बातें शुरु हो गई। मैं राजेश जी को हसता हुआ देख कर बहुत खुश हुई। क्योंकि शायद घर जलने के हादसे के बाद वो पहली बार इतना मन भर कर हँस रहे थे। तो ये देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा।

मैं तो खैर वैसे ही नंगी राजेश जी को फ़ोन पर बोलते हुए सुन रही थी, और मन में सोच रही कि यार कब खतम होगा इनका बोलना। बाहर खाने भी जाना था।

8:30 बज गए थे। मैं ये सब सोच ही रही थी कि राजेश जी फ़ोन पर बात करते हुए बोले, “अरे अभी? अभी तो मुश्किल है। अच्छा कुछ अर्जेंट बात है? ठीक है फिर।” ये कह कर उन्होंने फ़ोन रख दिया।

मैं: किसका फ़ोन था जी?

राजेश जी: अरे मेरे जिगरी दोस्त का फ़ोन था।

मैं: अच्छा। तो क्या कह रहे थे वो?

राजेश जी: रेनू देखो गुस्सा मत होना। पर मुझे अभी जाना होगा। मेरे सारे दोस्तों ने मुझे मिलने बुलाया है। मुझे जाना ही होगा।

मैं: अरे आप मेरी चिंता मत करिए। जाइये अपने दोस्तों से मिल कर आइये। हम किसी और दिन बाहर खाना खाते है।

राजेश जी: तुम सच में गुस्सा नहीं हो ना?

मैं: गुस्सा तो नहीं हूं, पर नाराज हूं। लेकिन आप भी अपने दोस्तों से मिलने जा रहे है, तो मैं भी कैसे मना करूंगी।

राजेश जी: रेनू तुम कितनी समझदार हो। अब तो हम आज ही बाहर खाना खाएंगे।

मैं (खुश होकर): सच में!?

राजेश जी: हां बाबा, मेरा इन्तज़ार करना।

मैंने राजेश जी के कपड़े लाकर दिये, और वो उन्हें मेरे सामने पहनने लगे। कपड़े पहन कर तैयार होने के बाद वो निकल रहे थे, कि मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनको रोक कर झट से उनके होंठों पर कस के किस किया और बोली, “जल्दी आना”।

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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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मैंने उन्हें खड़े होने के लिए कहा और बोली: बाहर चल कर बात करते है।

बाहर आकर वो मुझे बोले: देखो रेनू, मैं ये घर छोड़ कर चला जाता हूं।

मैं बोली: आप ऐसा मत कीजिये और ऐसा करेंगे तो मैं मनीष को क्या कहूँगी की आप क्यों चले गए? और फिर दोष आपका नहीं है। कल रात पहल मैंने ही की थी।“

वो बोले: रेनू लेकिन गलती मेरी भी उतनी ही है।

तो मैंने कहा: नहीं इसमें गलती मनीष की है जो मुझे हमेशा अकेला छोड़ कर चला जाता है, आखिर मेरी भी कुछ जरूरतें हैं।

राजेश: कुछ ऐसी ही हालत दिव्या के जाने के बाद से मेरी भी थी इसीलिए ये गलती हो गयी। तुम बताओ रेनू मैं इस गलती को सुधारने के लिए क्या करूँ?

मैंने राजेश जी को सामान्य करने के लिए इतरा कर बोला: मैं सोच कर आपको आपकी सजा बताती हूँ तब तक आप मेरा इंतज़ार करिए।

ये कह कर मैं नाश्ता बनाने किचन की तरफ जाने लगी तभी अचानक मेरे घर से कॉल आ गया तो मैं मम्मी से बात करने के लिए वापस अपने रूम में चली गयी।

थोड़ी देर बाद जब मैं वापस बाहर आई तो मैंने देखा की राजेश जी किचन में चाय बना रहे थे।

मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे आप चाय भी बना लेते है। वाह!” तो वो भी मुस्कुराने लगे और बोले, “चाय ही नहीं साथ में नाश्ता भी रेडी है, चलो फटाफट खा लो वरना ठंडा हो जायेगा”

मैं सोचने लगी की मेरी शादी को इतने साल हो गए थे, लेकिन एक बार भी मेरे पति ने मेरे लिये चाय नहीं बनाई, और आज राजेश जी ने मेरे लिये चाय भी बनाई और नाश्ता भी।

राजेश: क्या सोच रही हो रेनू?

मैंने कहा “आपकी सजा सोच रही थी”

“सोच ली?” उन्होंने पूछा।

“हाँ” मैंने कहा “जब तक मनीष वापस नहीं आ जाता आपको मेरा पति बन कर रहना पड़ेगा। बोलिए सजा मंजूर है।“

“मतलब? तुम कहना क्या चाहती हो? मैं कुछ समझा नहीं” राजेश आश्चर्य से बोले। उनको अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ।

“मतलब जब तक मेरा पति नहीं आता आपको उसके बदले मेरी चुदाई करनी होगी। जैसे कल रात को की थी। अब भी नहीं समझे क्या?” मैंने शरारत से कहा।

राजेश जी ने मुझे फिर से पूछा, “क्या तुम सच में तुम्हारे पति आने तक मुझसे चुदना चाहती हो?” इस पर मैं बोली, “अरे हां बाबा, सच में। आप चिंता मत करो, हम दोनों मेरे पति आने तक खुब चुदाई करेंगे।”

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फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर किचन की स्लैब के उपर अपने पैर फैला कर बैठ गई और बोली, “अब चोदोगे नहीं?” दोस्तों मैं अब इस स्थिति में थी कि अगर मुझे कभी भी चोदने के लिये बोला जाए, तो मैं तुरंत मान जाऊं। राजेश जी ने कहा कि, “अभी नहीं, पहले चाय पी कर नाश्ता लेते है, फिर करते है। वैसे तुम्हारे अंदर इतनी हवस भरी होगी, मुझे लगा नहीं था।”

मैंने कहा, “सब आपके लंड का कमाल है। मुझे पसंद आ गया आपका लंड और चोदने का तरीका।”

चाय पीने के बाद मैं राजेश जी की गोद में जाकर बैठ गई, और उन्हें चूमने लगी। वो भी मेरे होंठो को चूसने लगे, और मेरे मम्मों को धीरे-धीरे दबाने लगे। मैंने सिसकारियां लेते हुए कहा, “चलो अब चुदाई का खेल शुरु करते है।”

ये कह‌ कर मैं उठ गई और राजेश जी भी अपना पजामा नीचे खिसका कर लंड बाहर निकाल कर तैयार हो गए। मैंने उनके लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाना शुरु कर दिया, और मैं उनके लंड पर बैठने ही वाली थी कि वो बोले, “रुको रेनू”।

मैंने कहा “क्या हुआ?” तो वो बोले, “तुम्हारी चूत कल की भारी चुदाई की वजह से लाल हो गई है। अगर मैंने तुम्हें फिर चोदा तो तुम्हारी हालत बुरी हो जाएगी।” उनकी ये बात सच तो थी, मगर मुझ पर उनके लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मैं उस बात पर गौर ही नहीं दे पा रही थी।

मैंने कहा, “अरे वो बाद में देख लेंगे, अभी तो बस मुझे आपका लंड मेरी चूत में चाहिये।” वो फिर भी थोड़ा चिंतित थे, तो मैंने ही पहल करने की ठानी। मैं घुटनों के बल बैठ गई, और उनके लंड के टोपे को मेरी जुबान सहलाने लगी। राजेश जी भी सिसकियां ले रहे थे।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनका लंड मुंह में लेना शुरु किया। मैं जान बूझ कर उनका लंड धीरे-धीरे चूस रही थी, ताकि वो पूरी तरह हवस के नशे में डूब जाए। फिर कुछ देर बाद ही वो मेरे बाल सहलाने लगे, और मेरा सर पकड़ कर लंड मेरे मुंह में और अंदर तक डालने लगे।

अब मैंने भी जोर-जोर से उनका लंड चूसना शुरु कर दिया, और थोड़ी ही देर में उनका लंड मेरे मुंह में फुदकने लगा। मैं समझ गई कि ये अब झड़ने वाले थे। मगर मुझे उनका लंड चूत में लेना था। मैंने जल्दी से लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला, तो वो बोले, “अरे रेनू, क्या कर रही हो? मेरा बस निकलने वाला था।” तो मैं बोली, “मुझे आपका लंड चूत में चाहिये।”

उनसे अब मेरी ये छेड़-खानी और बर्दाश्त नहीं हो रही थी। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद में बिठा दिया, और बोले, “अब तो तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूंगा”।

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राजेश जी सोफे पर बैठे थे, और मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर मेरी चूत चुदवा रही थी। राजेश जी बिल्कुल मजे से सिस्कारियां ले रहे थे, और मैं आअह उउह्ह्ह कर चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट बाद वो मेरी चूत में झड़ गए। मुझे भी बहुत मजा आया, और मैं उनका लंड अंदर लिये ही उनकी गोद में बैठ गई।

मैं हांफते हुए बोली, “बहुत मजा आया पति देव”। तो वो बोले, “अरे अभी तो बहुत मजा आना बाकी है।” ये कह कर मुझे उन्होनें गोद में से उठाया, और सोफा पर लिटा दिया। फिर मेरे उपर चढ़ कर मेरे बूब्स दबाने लगे, और मेरे होंठों को जोर से चूमने लगे। मैं अब फिर से गरम होने लगी, और उनका लंड भी फिर से खड़ा हो गया।

वो उठ गए और मेरी चूत पर अपना लंड सहलाने लगे, और फिर एक ही जोर के झटके से पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी तो चीख निकल गई, “आआऊऊईई। मर गई आअह”। लेकिन वो मुझे जोर-जोर से चोदे जा रहे थे। मैं मिशनरी पोज़ीशन में थी, इसलिये वो मेरी चूत में और अंदर तक लंड डाल पा रहे थे।

उनकी चोदने की स्पीड और बढ़ गई, और फिर वो मेरे बूब्स दबाने लगे। बीच-बीच में वो मेरे बूब्स को जोर से मारते थे, और मुझे उससे बहुत मजा आता था। उन्होंने मेरे बूब्स दबा-दबा कर लाल कर दिये थे। मेरी चूत में भी अब थोड़ा-थोड़ा दर्द होने लगा था। मगर मुझ पर लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मुझे उस दर्द में भी मजा आ रहा था।

मैं उनसे कहने लगी, “और जोर से करो बहुत मजा आ रहा है।” ये सुन कर वो और जोर से मुझे चोदने लगे। ये खेल करीब आधे घंटे तक चला, और फिर वो जब झड़ने वाले थे, तब वो मेरे पेट पर उनका सारा वीर्य छोड़ दिया।

थोड़ा बहुत माल मेरे चेहरे पर और मेरे बूब्स पर भी गिर गया। झड़ने के तुरंत बाद उन्होंने लंड फिर से मेरी चूत में डाला, और मुझे चोदने लगे। मैंने कहा, “मन नहीं भरा?” उस पर उन्होंने कहा कि, “मन तो मेरा तेरी चूत से कभी नहीं भरेगा”। मैं मुस्कुराई और उनको किस्स करने लगी। कुछ देर किस्स करने के बाद उन्होंने मुझे कुतिया बनने को कहा। मैं झट से डॉगी पोजीशन में आ गई, और राजेश जी ने भी झट से अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

लंड चूत के अंदर घुसते ही मेरे मोबाइल की रिंग बजने लगी। मैं इस बात से बहुत गुस्सा हो गई और बोली, “यार अब किसका फ़ोन आ गया!” मैं उठी और फोन की तरफ देखा तो मेरे पति का फ़ोन था। मैं थोड़ा हड़बड़ा गई लेकिन फिर मैंने उनका फ़ोन उठाया।

मैं: हैलो, कैसे हो?

मेरे पति: मैं ठीक हूं बेबी, तुम कैसी हो?

मैं: मैं बिल्कुल ठीक हूं।

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मैं बोलते-बोलते राजेश जी के बगल में जा कर बैठ गई। मैं फ़ोन पर बोल ही रही थी कि राजेश जी ने अपना लंड मेरे हाथ में रखा, और हिलाने का इशारा किया। मैं उनका इशारा समझ गई और उनका लंड हिलाने लगी। मेरे मन में आया, “एक पति से फ़ोन पर बात कर रही हूं, और एक पति का लंड हिला रही हूं”। ये सोच कर मैं मुस्कराने लगी।

पति: क्या हुआ, हँस क्यों रही हो?

मैं: अरे कुछ नहीं, बस तुमसे बात करके अच्छा लगा।

पति: अरे मेरी जान। अच्छा वैसे राजेश जी कैसे है? कोई तकलीफ तो नहीं?

मैंने राजेश जी के तरफ देखते हुए कहा- अरे वो तो बहुत खुश है।

ऐसे ही करीब पांच मिनट बात करने के बाद मैंने काम का बहाना बना कर फ़ोन काट दिया। फ़ोन कटते ही मैं झट से राजेश जी का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी, “अरे फ़ोन रखते ही शुरु हो गई, वाह क्या बात है!”

मैं चुप-चाप मजे से उनका लंड चूसे जा रही थी, और फिर कुछ ही देर में वो मेरे मुंह में झड़ गए, और मैंने भी उनका सारा पानी बड़े आराम से पी लिया। फिर हम दोनों ऐसे ही एक-दूसरे के बगल में बैठे रहे।

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राजेश जी बहुत खुश लग रहे थे। उन्हें खुश देख मुझे भी अच्छा लगा। राजेश जी ने कहा, “वाह! रेनू तूने तो मेरा सारा पानी निकाल दिया। ऐसा लग रहा है जैसे में फिर से जवान हो गया हूं, तुम इतनी हॉट हो कि मेरा मन ही नहीं भरता। मन करता है कि तुम्हें बस चोदते रहूं। या फिर पहले मैं पहलवानी करता था, इसलिये मेरा शरीर आज भी मेरा साथ दे रहा है”।

उनसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। ऐसे लगा के मानो वो मुझे समझ सकते थे। मेरी धड़कन तेज होने लगी, और मैंने झट से बोल दिया, “राजेश जी क्या आप मेरे सच में पति बनेंगे?”

वो ये सुन कर शॉक हो गए और बोले, “रेनू ये तुम क्या कह रही हो? तुम्हें मेरे बारे में ऐसा क्यों लग रहा है?”

मैंने कहा, “आप तो मेरे झूठे पति होने के बाद भी मेरा खयाल रखते है, और मेरे असली पति को तो मेरे लिये टाइम ही नहीं रहता”। ये कह कर मैं उदास हो गई।

राजेश जी हंसे और बोले, “अरे रेनू, कितनी भोली हो तुम। हम दोनों का रिश्ता बस एक-दूसरे के शरीर को खुश रखने तक का ही है। और रही बात तुम्हारे पति की, तो वो तो तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करता है”।

मैंने गुस्से में कहा, “अगर उन्हें मुझसे इतना प्यार है, तो हर बार मुझे छोड़ कर क्यों चले जाते है?”

राजेश जी बोले, “मनीष जब भी मुझसे मिलता है तो तुम्हारे बारे में बहुत बोलता है। वो सारी मेहनत बस तुम्हारे लिये कर रहा है”।

ये बात सुन कर मुझे अच्छा लगा और बुरा भी, कि कैसे मैं अपने पति के प्यार को कम समझ बैठी। लेकिन राजेश जी ने मुझे अच्छे से समझाया और मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ।

हम दोनों काफी देर नंगे ही सोफे पर बैठे थे, और मैंने तो दिन भर कोई कपड़ा ही नहीं पहना था। सच कहूं तो मुझे अब नंगी रहने में ही मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद राजेश जी ने मुझसे खाने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें कहा कि, “मैं अब खाना बनाने के हालत में नहीं हूं”। हम दोनों दिन भर चुदाई के बाद थक गए थे, और पसीने से लथपथ थे। तभी राजेश जी ने कहा, “तुम भी थक गई हो और मैं भी। तो चलो आज होटल में खाना खाते है”।

मैं ये सुन कर बहुत खुश हुई और जल्दी से हां कर दी। बस मैं कपड़े पहनने के लिए उठने ही वाली थी कि राजेश जी का फ़ोन बजा। उन्होंने फ़ोन देखा तो खुश हो गए। दरअसल उनके जिगरी दोस्त का फ़ोन था इसलिए वो खुश हो गए।

फिर क्या, दोस्त जैसे आपस में हँसी-मज़ाक करके बात करते है, वैसे ही उनकी बातें शुरु हो गई। मैं राजेश जी को हसता हुआ देख कर बहुत खुश हुई। क्योंकि शायद घर जलने के हादसे के बाद वो पहली बार इतना मन भर कर हँस रहे थे। तो ये देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा।

मैं तो खैर वैसे ही नंगी राजेश जी को फ़ोन पर बोलते हुए सुन रही थी, और मन में सोच रही कि यार कब खतम होगा इनका बोलना। बाहर खाने भी जाना था।

8:30 बज गए थे। मैं ये सब सोच ही रही थी कि राजेश जी फ़ोन पर बात करते हुए बोले, “अरे अभी? अभी तो मुश्किल है। अच्छा कुछ अर्जेंट बात है? ठीक है फिर।” ये कह कर उन्होंने फ़ोन रख दिया।

मैं: किसका फ़ोन था जी?

राजेश जी: अरे मेरे जिगरी दोस्त का फ़ोन था।

मैं: अच्छा। तो क्या कह रहे थे वो?

राजेश जी: रेनू देखो गुस्सा मत होना। पर मुझे अभी जाना होगा। मेरे सारे दोस्तों ने मुझे मिलने बुलाया है। मुझे जाना ही होगा।

मैं: अरे आप मेरी चिंता मत करिए। जाइये अपने दोस्तों से मिल कर आइये। हम किसी और दिन बाहर खाना खाते है।

राजेश जी: तुम सच में गुस्सा नहीं हो ना?

मैं: गुस्सा तो नहीं हूं, पर नाराज हूं। लेकिन आप भी अपने दोस्तों से मिलने जा रहे है, तो मैं भी कैसे मना करूंगी।

राजेश जी: रेनू तुम कितनी समझदार हो। अब तो हम आज ही बाहर खाना खाएंगे।

मैं (खुश होकर): सच में!?

राजेश जी: हां बाबा, मेरा इन्तज़ार करना।

मैंने राजेश जी के कपड़े लाकर दिये, और वो उन्हें मेरे सामने पहनने लगे। कपड़े पहन कर तैयार होने के बाद वो निकल रहे थे, कि मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनको रोक कर झट से उनके होंठों पर कस के किस किया और बोली, “जल्दी आना”।

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sunoanuj

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मैंने उन्हें खड़े होने के लिए कहा और बोली: बाहर चल कर बात करते है।

बाहर आकर वो मुझे बोले: देखो रेनू, मैं ये घर छोड़ कर चला जाता हूं।

मैं बोली: आप ऐसा मत कीजिये और ऐसा करेंगे तो मैं मनीष को क्या कहूँगी की आप क्यों चले गए? और फिर दोष आपका नहीं है। कल रात पहल मैंने ही की थी।“

वो बोले: रेनू लेकिन गलती मेरी भी उतनी ही है।

तो मैंने कहा: नहीं इसमें गलती मनीष की है जो मुझे हमेशा अकेला छोड़ कर चला जाता है, आखिर मेरी भी कुछ जरूरतें हैं।

राजेश: कुछ ऐसी ही हालत दिव्या के जाने के बाद से मेरी भी थी इसीलिए ये गलती हो गयी। तुम बताओ रेनू मैं इस गलती को सुधारने के लिए क्या करूँ?

मैंने राजेश जी को सामान्य करने के लिए इतरा कर बोला: मैं सोच कर आपको आपकी सजा बताती हूँ तब तक आप मेरा इंतज़ार करिए।

ये कह कर मैं नाश्ता बनाने किचन की तरफ जाने लगी तभी अचानक मेरे घर से कॉल आ गया तो मैं मम्मी से बात करने के लिए वापस अपने रूम में चली गयी।

थोड़ी देर बाद जब मैं वापस बाहर आई तो मैंने देखा की राजेश जी किचन में चाय बना रहे थे।

मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे आप चाय भी बना लेते है। वाह!” तो वो भी मुस्कुराने लगे और बोले, “चाय ही नहीं साथ में नाश्ता भी रेडी है, चलो फटाफट खा लो वरना ठंडा हो जायेगा”

मैं सोचने लगी की मेरी शादी को इतने साल हो गए थे, लेकिन एक बार भी मेरे पति ने मेरे लिये चाय नहीं बनाई, और आज राजेश जी ने मेरे लिये चाय भी बनाई और नाश्ता भी।

राजेश: क्या सोच रही हो रेनू?

मैंने कहा “आपकी सजा सोच रही थी”

“सोच ली?” उन्होंने पूछा।

“हाँ” मैंने कहा “जब तक मनीष वापस नहीं आ जाता आपको मेरा पति बन कर रहना पड़ेगा। बोलिए सजा मंजूर है।“

“मतलब? तुम कहना क्या चाहती हो? मैं कुछ समझा नहीं” राजेश आश्चर्य से बोले। उनको अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ।

“मतलब जब तक मेरा पति नहीं आता आपको उसके बदले मेरी चुदाई करनी होगी। जैसे कल रात को की थी। अब भी नहीं समझे क्या?” मैंने शरारत से कहा।

राजेश जी ने मुझे फिर से पूछा, “क्या तुम सच में तुम्हारे पति आने तक मुझसे चुदना चाहती हो?” इस पर मैं बोली, “अरे हां बाबा, सच में। आप चिंता मत करो, हम दोनों मेरे पति आने तक खुब चुदाई करेंगे।”

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फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर किचन की स्लैब के उपर अपने पैर फैला कर बैठ गई और बोली, “अब चोदोगे नहीं?” दोस्तों मैं अब इस स्थिति में थी कि अगर मुझे कभी भी चोदने के लिये बोला जाए, तो मैं तुरंत मान जाऊं। राजेश जी ने कहा कि, “अभी नहीं, पहले चाय पी कर नाश्ता लेते है, फिर करते है। वैसे तुम्हारे अंदर इतनी हवस भरी होगी, मुझे लगा नहीं था।”

मैंने कहा, “सब आपके लंड का कमाल है। मुझे पसंद आ गया आपका लंड और चोदने का तरीका।”

चाय पीने के बाद मैं राजेश जी की गोद में जाकर बैठ गई, और उन्हें चूमने लगी। वो भी मेरे होंठो को चूसने लगे, और मेरे मम्मों को धीरे-धीरे दबाने लगे। मैंने सिसकारियां लेते हुए कहा, “चलो अब चुदाई का खेल शुरु करते है।”

ये कह‌ कर मैं उठ गई और राजेश जी भी अपना पजामा नीचे खिसका कर लंड बाहर निकाल कर तैयार हो गए। मैंने उनके लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाना शुरु कर दिया, और मैं उनके लंड पर बैठने ही वाली थी कि वो बोले, “रुको रेनू”।

मैंने कहा “क्या हुआ?” तो वो बोले, “तुम्हारी चूत कल की भारी चुदाई की वजह से लाल हो गई है। अगर मैंने तुम्हें फिर चोदा तो तुम्हारी हालत बुरी हो जाएगी।” उनकी ये बात सच तो थी, मगर मुझ पर उनके लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मैं उस बात पर गौर ही नहीं दे पा रही थी।

मैंने कहा, “अरे वो बाद में देख लेंगे, अभी तो बस मुझे आपका लंड मेरी चूत में चाहिये।” वो फिर भी थोड़ा चिंतित थे, तो मैंने ही पहल करने की ठानी। मैं घुटनों के बल बैठ गई, और उनके लंड के टोपे को मेरी जुबान सहलाने लगी। राजेश जी भी सिसकियां ले रहे थे।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनका लंड मुंह में लेना शुरु किया। मैं जान बूझ कर उनका लंड धीरे-धीरे चूस रही थी, ताकि वो पूरी तरह हवस के नशे में डूब जाए। फिर कुछ देर बाद ही वो मेरे बाल सहलाने लगे, और मेरा सर पकड़ कर लंड मेरे मुंह में और अंदर तक डालने लगे।

अब मैंने भी जोर-जोर से उनका लंड चूसना शुरु कर दिया, और थोड़ी ही देर में उनका लंड मेरे मुंह में फुदकने लगा। मैं समझ गई कि ये अब झड़ने वाले थे। मगर मुझे उनका लंड चूत में लेना था। मैंने जल्दी से लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला, तो वो बोले, “अरे रेनू, क्या कर रही हो? मेरा बस निकलने वाला था।” तो मैं बोली, “मुझे आपका लंड चूत में चाहिये।”

उनसे अब मेरी ये छेड़-खानी और बर्दाश्त नहीं हो रही थी। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद में बिठा दिया, और बोले, “अब तो तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूंगा”।

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मैं उनकी ये बात सुन कर खुश हो गई, और जल्दी से उनके लंड पर बैठ गई। मेरी चूत पहले से गीली थी, इसलिये मैं उनका लंड आसानी से ले पाई। उनका लंड अंदर जाते ही मेरी आंखे बंद हो गई, और मेरे चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान आ गई। जैसे कोई तड़पती मछली को पानी मिल जाए, मेरी लंड लेकर बिल्कुल वैसी ही हालत हो गई थी।

राजेश जी सोफे पर बैठे थे, और मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर मेरी चूत चुदवा रही थी। राजेश जी बिल्कुल मजे से सिस्कारियां ले रहे थे, और मैं आअह उउह्ह्ह कर चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट बाद वो मेरी चूत में झड़ गए। मुझे भी बहुत मजा आया, और मैं उनका लंड अंदर लिये ही उनकी गोद में बैठ गई।

मैं हांफते हुए बोली, “बहुत मजा आया पति देव”। तो वो बोले, “अरे अभी तो बहुत मजा आना बाकी है।” ये कह कर मुझे उन्होनें गोद में से उठाया, और सोफा पर लिटा दिया। फिर मेरे उपर चढ़ कर मेरे बूब्स दबाने लगे, और मेरे होंठों को जोर से चूमने लगे। मैं अब फिर से गरम होने लगी, और उनका लंड भी फिर से खड़ा हो गया।

वो उठ गए और मेरी चूत पर अपना लंड सहलाने लगे, और फिर एक ही जोर के झटके से पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी तो चीख निकल गई, “आआऊऊईई। मर गई आअह”। लेकिन वो मुझे जोर-जोर से चोदे जा रहे थे। मैं मिशनरी पोज़ीशन में थी, इसलिये वो मेरी चूत में और अंदर तक लंड डाल पा रहे थे।

उनकी चोदने की स्पीड और बढ़ गई, और फिर वो मेरे बूब्स दबाने लगे। बीच-बीच में वो मेरे बूब्स को जोर से मारते थे, और मुझे उससे बहुत मजा आता था। उन्होंने मेरे बूब्स दबा-दबा कर लाल कर दिये थे। मेरी चूत में भी अब थोड़ा-थोड़ा दर्द होने लगा था। मगर मुझ पर लंड का ऐसा नशा चढ़ा था कि मुझे उस दर्द में भी मजा आ रहा था।

मैं उनसे कहने लगी, “और जोर से करो बहुत मजा आ रहा है।” ये सुन कर वो और जोर से मुझे चोदने लगे। ये खेल करीब आधे घंटे तक चला, और फिर वो जब झड़ने वाले थे, तब वो मेरे पेट पर उनका सारा वीर्य छोड़ दिया।

थोड़ा बहुत माल मेरे चेहरे पर और मेरे बूब्स पर भी गिर गया। झड़ने के तुरंत बाद उन्होंने लंड फिर से मेरी चूत में डाला, और मुझे चोदने लगे। मैंने कहा, “मन नहीं भरा?” उस पर उन्होंने कहा कि, “मन तो मेरा तेरी चूत से कभी नहीं भरेगा”। मैं मुस्कुराई और उनको किस्स करने लगी। कुछ देर किस्स करने के बाद उन्होंने मुझे कुतिया बनने को कहा। मैं झट से डॉगी पोजीशन में आ गई, और राजेश जी ने भी झट से अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

लंड चूत के अंदर घुसते ही मेरे मोबाइल की रिंग बजने लगी। मैं इस बात से बहुत गुस्सा हो गई और बोली, “यार अब किसका फ़ोन आ गया!” मैं उठी और फोन की तरफ देखा तो मेरे पति का फ़ोन था। मैं थोड़ा हड़बड़ा गई लेकिन फिर मैंने उनका फ़ोन उठाया।

मैं: हैलो, कैसे हो?

मेरे पति: मैं ठीक हूं बेबी, तुम कैसी हो?

मैं: मैं बिल्कुल ठीक हूं।

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मैं बोलते-बोलते राजेश जी के बगल में जा कर बैठ गई। मैं फ़ोन पर बोल ही रही थी कि राजेश जी ने अपना लंड मेरे हाथ में रखा, और हिलाने का इशारा किया। मैं उनका इशारा समझ गई और उनका लंड हिलाने लगी। मेरे मन में आया, “एक पति से फ़ोन पर बात कर रही हूं, और एक पति का लंड हिला रही हूं”। ये सोच कर मैं मुस्कराने लगी।

पति: क्या हुआ, हँस क्यों रही हो?

मैं: अरे कुछ नहीं, बस तुमसे बात करके अच्छा लगा।

पति: अरे मेरी जान। अच्छा वैसे राजेश जी कैसे है? कोई तकलीफ तो नहीं?

मैंने राजेश जी के तरफ देखते हुए कहा- अरे वो तो बहुत खुश है।

ऐसे ही करीब पांच मिनट बात करने के बाद मैंने काम का बहाना बना कर फ़ोन काट दिया। फ़ोन कटते ही मैं झट से राजेश जी का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। राजेश जी, “अरे फ़ोन रखते ही शुरु हो गई, वाह क्या बात है!”

मैं चुप-चाप मजे से उनका लंड चूसे जा रही थी, और फिर कुछ ही देर में वो मेरे मुंह में झड़ गए, और मैंने भी उनका सारा पानी बड़े आराम से पी लिया। फिर हम दोनों ऐसे ही एक-दूसरे के बगल में बैठे रहे।

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राजेश जी बहुत खुश लग रहे थे। उन्हें खुश देख मुझे भी अच्छा लगा। राजेश जी ने कहा, “वाह! रेनू तूने तो मेरा सारा पानी निकाल दिया। ऐसा लग रहा है जैसे में फिर से जवान हो गया हूं, तुम इतनी हॉट हो कि मेरा मन ही नहीं भरता। मन करता है कि तुम्हें बस चोदते रहूं। या फिर पहले मैं पहलवानी करता था, इसलिये मेरा शरीर आज भी मेरा साथ दे रहा है”।

उनसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। ऐसे लगा के मानो वो मुझे समझ सकते थे। मेरी धड़कन तेज होने लगी, और मैंने झट से बोल दिया, “राजेश जी क्या आप मेरे सच में पति बनेंगे?”

वो ये सुन कर शॉक हो गए और बोले, “रेनू ये तुम क्या कह रही हो? तुम्हें मेरे बारे में ऐसा क्यों लग रहा है?”

मैंने कहा, “आप तो मेरे झूठे पति होने के बाद भी मेरा खयाल रखते है, और मेरे असली पति को तो मेरे लिये टाइम ही नहीं रहता”। ये कह कर मैं उदास हो गई।

राजेश जी हंसे और बोले, “अरे रेनू, कितनी भोली हो तुम। हम दोनों का रिश्ता बस एक-दूसरे के शरीर को खुश रखने तक का ही है। और रही बात तुम्हारे पति की, तो वो तो तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करता है”।

मैंने गुस्से में कहा, “अगर उन्हें मुझसे इतना प्यार है, तो हर बार मुझे छोड़ कर क्यों चले जाते है?”

राजेश जी बोले, “मनीष जब भी मुझसे मिलता है तो तुम्हारे बारे में बहुत बोलता है। वो सारी मेहनत बस तुम्हारे लिये कर रहा है”।

ये बात सुन कर मुझे अच्छा लगा और बुरा भी, कि कैसे मैं अपने पति के प्यार को कम समझ बैठी। लेकिन राजेश जी ने मुझे अच्छे से समझाया और मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ।

हम दोनों काफी देर नंगे ही सोफे पर बैठे थे, और मैंने तो दिन भर कोई कपड़ा ही नहीं पहना था। सच कहूं तो मुझे अब नंगी रहने में ही मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद राजेश जी ने मुझसे खाने के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें कहा कि, “मैं अब खाना बनाने के हालत में नहीं हूं”। हम दोनों दिन भर चुदाई के बाद थक गए थे, और पसीने से लथपथ थे। तभी राजेश जी ने कहा, “तुम भी थक गई हो और मैं भी। तो चलो आज होटल में खाना खाते है”।

मैं ये सुन कर बहुत खुश हुई और जल्दी से हां कर दी। बस मैं कपड़े पहनने के लिए उठने ही वाली थी कि राजेश जी का फ़ोन बजा। उन्होंने फ़ोन देखा तो खुश हो गए। दरअसल उनके जिगरी दोस्त का फ़ोन था इसलिए वो खुश हो गए।

फिर क्या, दोस्त जैसे आपस में हँसी-मज़ाक करके बात करते है, वैसे ही उनकी बातें शुरु हो गई। मैं राजेश जी को हसता हुआ देख कर बहुत खुश हुई। क्योंकि शायद घर जलने के हादसे के बाद वो पहली बार इतना मन भर कर हँस रहे थे। तो ये देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा।

मैं तो खैर वैसे ही नंगी राजेश जी को फ़ोन पर बोलते हुए सुन रही थी, और मन में सोच रही कि यार कब खतम होगा इनका बोलना। बाहर खाने भी जाना था।

8:30 बज गए थे। मैं ये सब सोच ही रही थी कि राजेश जी फ़ोन पर बात करते हुए बोले, “अरे अभी? अभी तो मुश्किल है। अच्छा कुछ अर्जेंट बात है? ठीक है फिर।” ये कह कर उन्होंने फ़ोन रख दिया।

मैं: किसका फ़ोन था जी?

राजेश जी: अरे मेरे जिगरी दोस्त का फ़ोन था।

मैं: अच्छा। तो क्या कह रहे थे वो?

राजेश जी: रेनू देखो गुस्सा मत होना। पर मुझे अभी जाना होगा। मेरे सारे दोस्तों ने मुझे मिलने बुलाया है। मुझे जाना ही होगा।

मैं: अरे आप मेरी चिंता मत करिए। जाइये अपने दोस्तों से मिल कर आइये। हम किसी और दिन बाहर खाना खाते है।

राजेश जी: तुम सच में गुस्सा नहीं हो ना?

मैं: गुस्सा तो नहीं हूं, पर नाराज हूं। लेकिन आप भी अपने दोस्तों से मिलने जा रहे है, तो मैं भी कैसे मना करूंगी।

राजेश जी: रेनू तुम कितनी समझदार हो। अब तो हम आज ही बाहर खाना खाएंगे।

मैं (खुश होकर): सच में!?

राजेश जी: हां बाबा, मेरा इन्तज़ार करना।

मैंने राजेश जी के कपड़े लाकर दिये, और वो उन्हें मेरे सामने पहनने लगे। कपड़े पहन कर तैयार होने के बाद वो निकल रहे थे, कि मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनको रोक कर झट से उनके होंठों पर कस के किस किया और बोली, “जल्दी आना”।

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bahut hi shandaar kahani hai… or update bhi bahut mast diya hai ….

Keep posting…. 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 
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