- 135
- 828
- 94






अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
Last edited:
Nice
मैं:- चल अब मुँह फाड़ ओर मुझे अपना भय्या समझकर माल पी मेरा
माधुरी:- मैं क्यों समझू जब भय्या है ही नही यहां पर
मैं:- कमीनी कमरे में तो खूब मुँह फाड़ फाड़ कर लोडा चूस रही थी और अब सती सावित्री बन रही हो,
माधुरी मुस्कुराने लगी तो मै उसके ऊपर जांघ पर बैठ गयी और उसके सीने से अपना सीना मिला कर उसके ऊपर लेट गयी
"अहह भाभी कितना वजन है आपमे"
मैं:- हाँ मेरा वजन तो लगेगा ही जब भय्या ने मोटा लन्ड रखा तुम्हारे मुँह पर तब नही लगा, तब गप्प गप्प चुसने में लगी थी।
माधुरी:- छीईईई भाभिईईई
"माधुरी यार तुम इस टीशर्ट को निकाल दो ताकि मैं तेरी चुचियों को पी सकू फिर माल भी पिलाऊंगी भय्या का गर्म गर्म
माधुरी:- भाभिईईई मुझे पूरा ही बिगाड़ दो कोई कसर रह ना जाये
माधुरी नटखटी गुस्से में बोली
मैं:- माधुरी तुम मेरी जान हो, मैं बस तुम्हे हर सुख से अवगत कराना चाहती हूं जिससे तुम बहुत दूर हो। मुझपर भरोसा रखो जान मैं कुछ गलत नही होने दूंगी बस मेरी बात मान लिया करो
मैं माधुरी के ऊपर से हल्का सा साइड हुई और उसे बैठने दिया जिससे वो टीशर्ट निकाल दे।
उसने टीशर्ट पकड़कर निकालना चाहा तो मैने उसे रोक दिया
"रुको माधुरी मैं अपने हाथों से नंगी करूंगी अपनी ननद को"
मेने उसकी टीशर्ट निकाल कर साइड रखी और उसकी ब्रा में कैद चुची की लकीर दिखने लगी तो मेने माधुरी की पीठ से ब्रा के हुक खोले ओर निकाल दिया।
माधुरी:- भाभी तुम भी निकालो ना मुझे तो नंगा कर दिया। हिसाब बराबर करो खुद भी कपड़े निकालकर
मैं:- अच्छा जी ! ये लो फिर ओर मेने भी ऊपर के कपड़े निकाल दिए। मेने सोनू को गोद मे उठाकर सोफे पर लिटा दिया कहीं हमारी रासलीला में उसकी नींद टूट जाए। सोनू को लिटा कर में बेड पर आई।
अब हम दोनों इस तरह बैठ गए
मेने माधुरी का मुँह पकड़ कर एक दूसरे को किस करने लगे
मैं माधुरी के खुशबूदार मुँह में जीभ घुसाकर उसका जाम पीने लगी मैं माधुरी के होंटो खींच खींच कर पीने लगी।
उसकी खुरदरी जीभ को पीने उसके सलाइवा को शर्बत समझकर अपना गला तर करने लगी। कुछ देर वाइल्ड किसिंग के बाद मेने उसके होंठो को छोड़ा और सांस संभालने लगे।
मेरी मोटी चुचियाँ उसकी एवरेज चुचियों से आपस मे अलग से चिपकने का खेल खेल रही थी।।
मैं माधुरी के चेहरे को देखने लगी जो लाल सुर्ख हो गया था
मेने वीर्ये का ग्लास उठाया और इसी तरह बैठे हुए माधुरी को ग्लास दिखाते हुए "मेरी जान रेडी हो ये मादक जाम पीने हो"
माधुरी ने शर्मीली हंसी के साथ "हम्म"
मैं:-आंखे बंद करो अपनी माधुरी ओर महसूस करो जब तुम अपने भय्या के पैरों में बैठी उसके मोटे लन्ड का पानी पीने के लिए भीख मांग रही थी। सोचो जान तुम्हारे बड़े भय्या अपनी शादीशुदा सरीफ संस्कारी बहन को कैसे अनजाने में रंडी बोल रहे थे मधुरिईईई
ओर मेने दो तीन बून्द वीर्या माधुरी के ऊपरी होंट पर डाल दिया जो धीरे धीरे रिसता हुआ उसके मुँह में गिरने लगा
"जान टेस्ट करके बताओ ना अपने भाई का गर्म वीर्या"
मेने एक हाथ से माधुरी की बाएं चुची को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन चाटने लगी।
"अहह भाभी गर्म नमकीन का स्वाद है भाभिईईई..अहह..धीरे"
मैं उसके चेहरे पर निगाह डालती हुई "जान जीभ निकाल कर होंटो पर लगा वीर्या भी चाट लो ना, कितना मस्त लग रहा है माधुरी तुम्हारे भय्या का वीर्या तुम्हारे होंटो पर
अब चाटो इसे ओर निगल जाओ राहुल के माल को जाननन
माधुरी ने जीभ निकाली और ऊपरी होंठ पर फिरा कर वीर्या समेटा ओर जीभ पर रखा अपने सगे भाई का वीर्या चाट लिया।
मेने दोबारा से उसका मुँह ऊपर की तरफ किया कप का सारा वीर्या उसके मुँह में उड़ेल दिया
"माधुरी रुको पीना मत अभी जब तक मैं ना कहु, अंदर जमा करके रखो माल को
मेने कप बेड पर रखा ओर माधुरी को लेटा कर उसके ऊपर लेट गयी और दोनों हाथों से उसकी चुचियाँ दबाने लगी
"माधुरी जान भय्या का वीर्या पिला कर मैं गलती तो नही कर रही, कल को ये ना हो कि तुम मुझसे मेरा राहुल छीन लो और मेरी सौतन बन जाओ। बहन की गर्म टाइट चुत के आगे राहुल मुझे भाव ही ना दे। कहीं ऐसा तो देखना नही मिलेगा
"कि राहुल अपनी शादीशुदा बहन को गोद मे उठाये रंडियों की तरह चोद रहा हो और तुम कह रही हो "अहह बड़े भय्या पूरा घुस जाओ अपनी संस्कारी बहन की चुत में ओर भोसड़ा बना दो मेरी चुत का अहह राहुल भय्या माधुरी की चुत के मालिक... मेरे ....सैयां... और चोद जोर जोर से मेरे भय्या...
इतना कहकर मेने माधुरी की चुची को पूरा गप्प करके काट लिया जिससे माधुरी ने दर्द से चीखने के लिए मुँह में भरा माल पिया ओर हल्की तेज आवाज में चीख पड़ी। भभीईईईई...मेरी..चुची...मर...गयी।
मेने उसकी चुचियों को पकड़ पकड़कर पीने लगी मैं अब जोश में आ चुकी थी ओर माधुरी को भी गर्म करने का इरादा लेकर अब पेट को चूमने लगी और नीचे जाने लगी।
उसका मुलायम पेट चूमते चाटते हुए मेने बराबर उसकी चुचियाँ मसल रही थी ।
माधुरी अब सिसकने लगी और मेरे बालों को झझोड़ने लगी।
आह्दह..भाभिईईई..क्या..कर..रही..हो...अहहहह अम्मिईईई.....
उसकी नाभि पर पहुंची और माधुरी की आंखों में देखती हुई अपनी जीभ उसकी गोल गहरी नाभि में घुसा दी और इधर उधर घुमाने लगी।
भभीईईईई...गुदगुदी..हो..रही..आआहहहहहहहहह...हटो..ना.....यार..क्या..कर रही हो सिहहहहहहहहहहह
मेने थोड़ी देर उसकी नाभि में जीभ डालकर चाटा ओर उसके पेड़ू को दबाया जो बहुत नर्म था उसको हल्का सा दांतों में दबाया ओर छोड़ दिया।
मैं अब नीचे बढ़ी जहां उसकी लोअर दिखी मेने उसको पकड़ा और हल्का सा नीचे किया तो माधुरी ने मेरे हाथ पकड़ लिया
"भाभिईईई नही ऐसा मत करो"
उसकी बात सुनकर मेने अभी के लिए इरादा बदला और पेट से चूमती हुई ऊपर बढ़ने लगी और एक चुची को पीने लगी जबकि चुची को सहलाने लगी।
माधुरी मुझे लाल सुर्ख मुँह से देखती हुई हल्की हल्की मोअनिंग कर रही थी।
"माधुरी जवाब नही दिया तुमने मेरी बात का जान
माधुरी:- ओह्ह...सिहहहहहहहहहहह किस...बात......का........भाभिईईई....
मैं:- जो अभी बताई मेने तुमने
माधुरी:- मुझे सुना ही नही भभीईईईई अहह..धीरे...धीरे...दबाओ
मैं:- फिर दोबारा बता रही हूँ ध्यान से सुन लेना।
माधुरी:- चुप भाभिईईई मेने सुन लिया सब कुछ। तुम भी यही चाहती हो ना कि मैं भय्या के नीचे आ जाऊं भाभिईईई।
मैं:- बिल्कुल सही समझा माधुरी, मैं तुम्हे असली सुख का मजा देना चाहती हूं जो सिर्फ भय्या भाभी ही दे सकते हैं।
तुम सोच भी नही सकती सगे भाई से चुदकर तुम्हे कितना मजा आएगा जान, अहह सोच कर फुरफुरी आ रही है।
माधुरी:- अच्छा भभीईईईई तुम्हे बड़ा पता है सीहहहह...हहहह
भाभिईईई इतनी गर्म बातें
मैं:- जान मेरा मन है कि तुम भी औलाद पैदा करो, आकाश से तो होने से रहा अपने भय्या को ट्राय करो, देखना कैसे बहन की बच्चेदानी भर देगा मधुरिईईई चोद चोद कर
माधुरी:- अहह भाभिईईई तुम ओर तुम्हारे ये हसीन ख्वाब
मैं:- बिल्कुल जान पूरा करोगी ना जान अपनी भाभी के ख्वाब को
माधुरी:- क्या ख्वाब है भाभिईईई तुम्हारा।
मैं:- तुम्हारे भय्या के बीज से तुम्हे गर्भवती देखना मधुरिईईई।
ओर में माधुरी ने सुनकर मेरे होंटो पर कब्जा जमा लिया और बेहताशा चूमने चुसने लगी। में भी समझ गयी कि माधुरी बिल्कुल तैयार है अपने बड़े का भाई का बिस्तर गर्म करने के लिए।
अहह राहुल तो पागल ही हो जाएगा अपनी शादीशुदा बहन की जवानी चख कर।
थोड़ी देर चूमने के बाद माधुरी ने मुझे छोड़ा और शर्माती हुई साइड में देखने लगी
"ओह्ह देखो तो भय्या के नाम से केसी गर्म हो गयी जो खुद ही मुझे चूमने लगी और अब शर्मा रही हो।
मैं माधुरी के साइड में लेट गयी और करवट लेकर उसकी तरफ देखती हुई
"माधुरी सच बताना तुम भय्या के नाम से गर्म हुई थी ना
माधुरी:- छोड़ो भाभी मुझे शर्म आ रही है
"बताओ ने जान अब खुल के बात करो, मुझे अपनी राजदार सहेली समझो।
माधुरी:- हम्म भाभी एक अलग सी ठीस उठी जब आपने कहा कि में भय्या से गर्भवती हो जाऊं।
मैं:-माधुरी जब तुम सोच कर ही इतनी गर्म हो गयी उस वक़्त कितना मजा आएगा जब तुम्हारा बड़ा भाई अपने बड़े लन्ड से तुम्हे गोद मे उठाये हचक हचक कर चोदेगा। तुम चुदती हुई कहोगी ओहहहहहहहहहहह.......भय्यायययययय.....घुस...जाओ..
अपनी लाडली बहन की चुत में...ओहहह..भय्या...मार..अपने लन्ड से अपनी बहन..को
...उठा..उठा...कर चोद
माधुरी..की..चुत..के..मालिक अहहहह इतना कहते हुए मेने माधुरी के चुत को मुठ्ठी में भर लिया।
"अहहहह..........भाभिईईई........में..री......चुतततत्त्त
"माधुरी चुदवाओगी ना भय्या से अपनी ये गर्म चुत हचक हचक कर मेरी जान ....मैं अब उसकी चुत को कपड़े के ऊपर से ही सहलाती हुई बोली
माधुरी:- हम्म....आह्दह...भाभिईईई
मैं:- क्या कहा दुबारा कहो ना जान...
"हां भाभिईईई"
मैं:- पूरा बोलो ना जान "भय्या से चुदवा कर बच्चा पैदा करना है
माधुरी:- हां करना है बच्चा भाभिईईई मजा आ रहा है करती रहो
भाभी सहलाओ
मैं:- माधुरी तुम्हारी लोअर से हाथ अच्छे से नही घूम रहा क्या में तुम्हारी लोअर निकाल दु
माधुरी:- निकाल दो भाभिईईई पर देखना मत वहाँ, मुझे बहुत शर्म आएगी।
मैं:- ओह्ह मेडम ने मेरी चुत का पानी भी पिया ओर अपनी बारी पर देखने भी ना दो।
मैं उठकर बैठ गयी और माधुरी की लोअर को पकड़ा "माधुरी अपनी कमर उठाओ जरा"
माधुरी ने कमर उठाई और उसकी लोअर को निकाल दिया।
लाल रंग की कच्ची में माधुरी अब मेरे सामने नंगी लेटी थी।
क्या मस्त चिकनी चिकनी जांघ अहह एक दम मख्खन जैसी ओर कच्ची में छिपी हुई उसकी अनमोल चीज जिसको नंगा करना बाकी था। कच्ची पर बड़ा दाग गीला था जो सबूत था कि माधुरी मेरी बातों से पानी बहा रही थी।
मेने माधुरी की टांगों को फैलाया ओर उसके सीने की तरफ मोड़ दिया। टांगो के बीच से माधुरी मेरी तरफ ही देख रही थी।
मेने माधुरी की आंखों में देखते हुए "जान ये भी निकाल दु"
माधुरी:- ओह्ह नो भाभिईईई, मर जाऊंगी शर्म से। तुमने क्या देखना है वहाँ।
मैं:- अपनी जान की चुत देखनी है माधुरी, तुमने मेरी तो देख ली अब मुझे भी तो दिखाओ केसी है माधुरी।
माधुरी:- भाभिईईई शर्म आ रही है आपके सामने।
मैं:- प्लीज माधुरी मेरा दिल मत तोड़ो यार
माधुरी थोड़ा उलझन में " ठीक है भाभी तुम कोनसा मानोगी।
मैं:- देख लू तुम्हारे भय्या की अमानत को माधुरी।
"तुम्हारी बातें तौबह कहाँ कहाँ से निकलती है अब देख लो कह तो दिया।
"माधुरी थोड़ा जोश में बोलो ना कि देख को मेरे भय्या की अमानत को।
माधुरी:- देख लो भाभी भय्या की अमानत को,
मैंने उसकी कच्छी को धीरे धीरे निकाल दिया और कच्छी पानी से चिपकती हुई मुश्किल से निकली।
जिसपर पानी लगा हुआ था।
माधुरी ने आंखे बंद कर ली और मैं उसकी चुत की तरफ निगाहें गाड़ दी जहां फूली फूली चुत जिसकी फांके मोटी मोटी आपस मे चिपकी हुई ओर ढेर सारा पानी।
मेने माधुरी की टांगो को अच्छी तरह पकड़ कर मोड़े रखा माधुरी ने आंखे बंद की हुई थी इस ख्याल से की मैं बस देखूंगी ओर सहलाऊंगी पर मैं ओर मेरा गन्दा दिमाग।
मेने अपना मुँह उसकी चुत की फांको के करीब किया और एक जोरदार सांस अंदर खींची अहहहह....क्या.....गजब......की भीनी भीनी खुशबू मेरे अंदर समा गई। माधुरी की फड़फड़ाती चुत की गर्म खुसबू से मेरी आत्मा तृप्त हो गयी। उसकी चुत के पानी से पूरी चुत भरी हुई थी।
मेने अपनी जीभ को निकाल कर सख्त किया और चुत के निचले सिरे से ऊपर भग्नासे तक के सारे पानी को एक बार मे ही समेटने का इरादा किया। ये काम पल भर में अंजाम देना था कहीं माधुरी हिल जाए।
अच्छी तरह टांगे जकड़ कर मेने अपनी जीभ उसकी चुत के निचले हिस्से पर लगा दी और प्रेसरर डालकर जीभ को फांको में घुसा दिया और ऊपर की तरफ बढ़ गयी।
मैं सारे पानी को समेटती हुई ऊपर जाने लगी ओर भग्नासे तक पहुंच माधुरी की गर्म चुत के पानी को जीभ पर इकट्ठा कर लिया
माधुरी इस चुसाई से कांप गयी और मेरे बालों को पकड़ कर
"आह्दह.....भाभिईईई.....ये क्याययययययायय...बेड से अपना सर एक फुट तक उछाल कर दोबारा गिर गयी।
मेने उसकी टांगो को पकड़े रखा और माधुरी ने मेरे बाल पकड़े हुए थे। वो अभी भी यकीन नही कर पा रही थी के मैं उसकी चुत/चुत का पानी ऐसे चाट जाऊंगी। मुँह में जमा माधुरी की गर्म चुत के नमकीन पानी को में चाट गयी आह्दहहहहह खट्टा सा स्वाद मेरे जेहन में घूम गया। माधुरी की तरफ मुस्कुरा देखा तो वो मुझे मुँह बना कर देख रही थी।
"मस्त नमकीन चुत है माधुरी अहह टेस्टी मजा आ गया"
छीईईई गन्दी कहीं की कहाँ मुँह लगा दिया तुमने, अब हो गया तुम्हारा अब तो सहला दो यार इसको।
मैं:- किसको मेरी बच्ची ?
माधुरी:- जिसको चाट रही हो भाभिईईई
मैं:- सहला कर उतना मजा नही आएगा तू सब्र रख देख कितना मजा देती हूं तुम्हे बस टांगे ऐसे ही रखना फैला कर।
वैसे माधुरी कितनी मस्त चुत है यार इसकी फांके देखो पाव रोटी की तरह
अहहहह तुम्हारे भय्या तो पागल ही हो जाएंगे देखकर
मेने उसकी चुत पर दोबारा जीभ रखकर उसको चाटना शुरू कर दिया और जुबान को चुत के चारो तरफ घुमाती हुई चुत का पानी समेटने लगी।
अहह......भाभिईईई.....आह्दह........ऐसे......हिईईई.......भाभिईईई
मैं उसकी फांको को मुँह में भरकर खींच खींच कर चुसने लगी।
माधुरी मेरे सर पकड़ कर अपनी चुत पर दबाने लगी उसके अति उत्तेजना का अहसास हो रहा था जिससे उसकी सिसकियों तेज हो चली।
में पूरी ईमानदारी से अपनी ननद की कामुक चुत को चूस रही थी।
वास्तव में माधुरी में वो कशिश वो रस था जो किसी को भी पागल बना सकता था। बेशक वो सती सावित्री ओर भोली भाली शादीशुदा लड़की थी पर उसका शरीर मादकता के सारे गुण लिए हुए था
उसके जिस्म तप रहा था और चुत आग के शोले फेंक रही थी।
भाभिईईई......ऐसे....ही....सिहहहहहहहहहहह...चाटो.......अहहहहहहहहहहहह....भाभिईईई
मैं माधुरी की टांगों को छोड़ कर उसकी फांको को फैला कर नुकीली जीभ से चोदने लगी।
मेरी जीभ माधुरी की नमकीन चुत में घुसकर माधुरी की उत्तेजना बढ़ा रही थी। मेने अपने बचे हुए कपड़े निकाले ओर मदरजात नंगी होकर चुत पर मुँह मारती रही।
कुछ देर चुसने के बाद माधुरी का जिस्म कांपने लगा तो मेने उसकी चुत से मुँह हटा लिया और माधुरी में मेरे बाल पकड़ कर अपनी चुत मेरे मुँह से लगा दी।
माधुरी झड़ना चाहती पर मेरे दिमाग मे कुछ और था और मैं अपने बाल छुड़ाकर उठ गई
"भभीईईईई.....क्या....हुआ....चाटो.....ना प्लीज...मेरा कुछ निकलने वाला है भभीईईईई प्लीज......
में माधुरी के बगल में लेट गयी और उसकी चुचियों को सहलानी लगी, माधुरी ने भी मेरी एक चुची को पकड़ लिया ओर जोर से मसलने लगी।
मैं:- मेरी जान मजा आया अपनी गर्म चुत चटवा कर भाभिईईई से
माधुरी:- अहह भाभिईईई बहुत मजा आ रहा था प्लीज करो ना, मेरे अंदर से कुछ निकलने वाला था भाभिईईई
माधुरी का चेहरा अधूरा छोड़ देने की वजह से लाल सुर्ख हो गया था
"इतनी भी क्या जल्दी है मेरी रानी" जरा अपनी मदमस्त चुची तो पिला दे जालिम।
"अहह...पीलो.........भाभिईईई.....पर.....मेरी चुत तो ठंडी करदो बहुत मचल रही है भाभिईईई
"चल अपनी टांगों मोड़ मैं अभी सहला देती हूं।
माधुरी अपनी चुची पर थूक डालो निप्पल के ऊपर।
मेने माधुरी की बाएं चुची को पकड़ कर उसके मुँह के पास कर दिया और माधुरी ने उसपर थूक इकट्ठा करके डाल दिया जो निप्पल पर गिरा।
"ये हुए ना बात मेरिईईई रंडी ननद, मैं तुम्हे रंडी कह सकती हूं ना जान, जब भाई की रंडी हो तो मेरी भी होगी।
मैं उसकी चुत के भग्नासे को मरोड़ कर बोली
"आह्दह भाभिईईई जो बोलो बोल लो पर मेरी तड़प कम कर दो, अहह इतना मजा आ रहा है भाभिईईई बस पूछो मत
"राहुल भय्या की रंडी बनोगी ना माधुरी, उसके मोटे लन्ड से चुदोगी ना रांड, तुझे भय्या की रंडी बनना है ना माधुरी।
"हां.......आँ........भाभिईईई.........बनूंगी.......मैं.......भय्या......की......रंडी.......
मेने माधुरी की थूक से सनी चुची को गप्प से मुँह में भर लिया और उंगली पहली बार उसकी चुत में दाखिल कर दी।
"ओह्ह भभीईईईई..........हां......ऐसे......ही.......ऐसे......ही.....प्यार.....करो......मुझे
"अहह....कितना.....मजा आएगा राहुल को अपनी बहन को रंडी बनाकर चोदने में, माधुरी खूब गालियां देंगे तुझे राहुल.....तुझे रखैल बनाएगा तुम्हारी शादीशुदा चुत में वीर्या डालेगा
माधुरी:- हां भाभिईईई बहुत मजा आएगा आह्दह चोदो मेरी चुत को भाभिईईई
"माधुरिईईई रंडी खा जाएगी मेरे पति को, छीन लेगी मुझसे मेरा पति हरामजादी रंडी। भय्या से चुदवाने का शोक है हां, रंडी तुझे पता है वो तुम जैसी संस्कारी रंडियों को जलील करके चोदता है।
मार मार कर चोदेगा माधुरी तुझे, लौड़े से मारेगा फिर भी चुदोगी भय्या से हां, बता कितना रुपया लेगी भय्या का बिस्तर गर्म करने का रंडी। मुझे राहुल के लिए एक रंडी की चुत दिलानी है बोल ना रंडी छिनाल कितना लेती है बिस्तर गर्म करने का
माधुरी:- भाभिईईई.......इतना......मजा.......कभी......महसूस.......नही किया अहह भभीईईईई उंगली तेज चलाओ मेरी चुत में भाभिईईई
मैं:- बता ना संस्कारी रंडी कितना लेगी भय्या का बिस्तर गर्म करने का, छिनाल एक रात का कितना लेगी बोल ना अपना रेट
माधुरी:- अहह भाभिईईई जो देना है दे देना पर मुझे ठंडा कर दो
मैं:- छिनाल तुझे तो फ्री में चुदना होगा, तुझे सुबह का नास्ता दूंगी रात भर चुदने के बाद।
माधुरी मेरी जान मजा आ रहा है ना गन्दी बातें सुनकर
"हां......भाभिईईई......बहुत.......मजा....आ....रहा......तुम....बहुत ........अच्छी.....हो.......भाभिईईई.......ऐसे......ही......
मजा.......देना......मुझे।
मैं:- रंडी छिनाल अपने भय्या की रखैल बन जाना, कुतिया की तरह नाजायज बच्चे करना। रंडी तुझे तो रात दिन चुदवाऊंगी मेरी माधुरी रंडी
![]()
SandarrAttention Please
अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।