बहुत ही मस्त लाजवाब और शानदार मदमस्त अपडेट है मजा आ गयाहालाकि वह भी अपने घर सेफ तो नहीं थी और नाही सिलपेक ससुराल आई थी, वह भी जानती थी की जो उसका बाप कहलाता है वह दरअसल में उसका बाप नहीं है, पर उसे बाप ने ही उसे चोद दिया था,उसका माल भी अपनी चूत में ले चुकी थी, फिर उसके भाई ने भी अपना लंड उसकी चूत में खाली कर दिया था, पर उनको ज्यादा मौक़ा मिलता उसकी मलाईदार चूत का उस से पहले ही उसकी शादी हो गई।
बस,अभी फिलहाल तो इस से ज्यादा आगे जानने में कोई दिलचश्पी नहीं है।
यहाँ से आगे...................
अब तक उसने किसी और मर्द के साथ सोने के बारे में कभी नहीं सोचा था। दरअसल उसे अब तक कोई मौका ही नहीं मिला था। गुलाबो को लगा कि बड़ाभाई ने उसका हाथ अपनी जाँघों पर खींच लिया है। अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए, बड़ाभाई ने उसका हाथ अपनी जाँघों पर सहलाया। उसने अपना हाथ खींच लिया। यह सिर्फ़ एक लड़की जैसी सहज क्रिया थी। वह बड़ाभाई पर ज़रा भी नाराज़ नहीं थी। उसने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं।
बड़ाभाई ने उसकी तरफ़ देखा और उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान देखी। उसने ड्राइवर, उसके पति और अपने छोटेभाई की तरफ़ देखा, जो किताब पढ़ रहा था।
ड्राइवर जीटी रोड पर गाड़ी चलाने में मग्न था, और आस-पास से कई ट्रक गुज़र रहे थे। बड़ाभाई कुछ मिनट इंतज़ार करता रहा। वह सामने देखता रहा। उसकी नज़र शीशे में ड्राइवर से मिली। बड़ाभाई ने गुलाबो की तरफ़ हाथ बढ़ाया और धीरे से उसकी जाँघों पर रख दिया। गुलाबो इस नए बदलाव से चौंक गई और एक सहज क्रिया की तरह उसका हाथ उसकी जाँघों को सहलाते हुए उसके हाथ पर आ गया। उसने उसका हाथ अपनी जाँघों से हटाने की कोशिश की, लेकिन बड़ाभाई ने अपना हाथ उसकी जाँघों में और अंदर डाल दिया। उसने अपनी आँखें चौड़ी करके विनती की। उसने एक पल के लिए उसे देखा और फिर उसकी जांघों के बीच हाथ डाल दिया। बड़ाभाई को जांघों के अंदरूनी हिस्से की कोमलता महसूस हुई। उसका हाथ उसकी अनदेखी चूत के बिल्कुल पास था। बड़ाभाई जानता था कि वह उसे कार में नहीं चोद सकता। उसने अपना हाथ दोनों जांघों के बीच और अंदर डाला और एक जांघ को अपनी ओर खींच लिया। उसने उसका हाथ हटाने की कोशिश की, लेकिन उसने उसकी जांघों को बहुत मजबूती से पकड़ रखा था।
फिर उसने कुछ ऐसा किया जिसकी गुलाबो ने कभी उम्मीद नहीं की थी। बड़ाभाई उसकी चूत को मजबूती से दबाया। गुलाबो ने तुरंत अपनी जांघें फैला दीं और बड़ाभाई ने एक जांघ को अपनी ओर खींच लिया। अब उसके घुटनों के बीच कम से कम आधा फीट का अंतर था। बड़ाभाई ने उसकी जांघों को घुटने से चूत तक और फिर चूत से घुटने तक कई बार सहलाया। उसमें आगे गाड़ी चला रहे अपने पति से शिकायत करने की हिम्मत नहीं थी कि उसके सेठजी उसकी चूत से खेल रहे हैं। उसने सोचा कि जब वह उसे रोक नहीं सकती, तो क्यों न हार मान ले और आनंद ले। उसने अपने कूल्हे आगे की ओर धकेले और उसका शरीर सीट पर थोड़ा नीचे खिसक गया। बड़ाभाई उसकी जांघों को सहलाते और चूत दबाते रहे, दूसरे हाथ से उन्होंने उसका हाथ खींचकर अपनी जांघों पर रख दिया। उसने हाथ हटाने की कोशिश की, लेकिन मोटा भाई ने उसका हाथ पजामे के ऊपर से ही लंड पर दबाए रखा। उसे महसूस हो रहा था कि लंड फूल रहा है। उसके पास लंड को पकड़कर सहलाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। अब बड़ाभाई ने साड़ी ऊपर करके उसे मोड़ दिया और धीरे से चूत सहलाने लगे। आख़िरकार, वह एक जवान लड़की थी और अपनी चूत को गीला होने से नहीं रोक सकती थी। उसने लंड को ज़ोर से दबाया। उसे महसूस हो रहा था कि उसका पकड़ा हुआ लंड कड़ा ज़रूर है, लेकिन छोटा और उसके पति से भी पतला है। वे एक-दूसरे के लंड और चूत का मज़ा लेते रहे। जब उन्होंने ड्राइवर की गाड़ी ब्रेक लगाने की आवाज़ सुनी, तो वे परेशान हो गए,
“साहब गाड़ी गरम हो गई है! मैं पानी लाता हूँ, आप लोग चाय/पानी पीजिए।” फनलव की रचना।
ड्राइवर ने गाड़ी ब्रेक लगा दी और सड़क के किनारे रुककर बाहर निकला। ड्राइवर ने डिक्की से कंटेनर लिया और कहा कि वो गाड़ी के लिए पानी लेने जा रहा है। उसने दोनों भाइयों को फ्रेश होने और चाय-नाश्ता करने का सुझाव भी दिया। उसकी पत्नी गुलाबो ने उसकी तरफ देखा और नम्रता से मुस्कुराई। वह शरमा गई और अपनी आँखें नीचे कर लीं। बड़ाभाई ने अपने छोटेभाई की तरफ देखा। वह समझ गया कि उसका भाई क्या कहना चाहता है। वह भी गाड़ी से उतर गया। बड़ाभाई ने उसे गुलाबो के लिए कुछ नाश्ता और मिठाई लाने को कहा। अब बड़ाभाई और गुलाबो गाड़ी में पिछली सीट पर अकेले थे। गुलाबो ने इधर-उधर देखा। उसका पति नज़र नहीं आ रहा था।
उसने अपने साथी बड़ाभाई की आँखों में देखा। वह उसे बताना चाहती थी कि उसके साथ जो हुआ है वह सही नहीं है। लेकिन इससे पहले कि वह अपना मुँह खोल पाती, मोटाभाई ने उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठों और गालों को चूम लिया। साथ ही उसके कसे हुए छोटे-छोटे स्तनों को बेरहमी से निचोड़ दिया। उसने गुलाबो को विरोध का कोई मौका नहीं दिया और करीब पांच मिनट तक उसके होठो को चूसता रहा और उसके मम्मे दबाता रहा। गुलाबो ने भी सरेंडर कर दिया। गुलाबो को याद नहीं आया कि उसके पति ने कभी इतने जोर से उसकी चुची दबाई हो। गुलाबो की चूची छोटी-छोटी थी करीब 32 साइज की लेकिन वो बिल्कुल टाइट थी। बड़ाभाई को बहुत मजा आया, कड़क बोबले दबाने मे।
“गुलाबो, तेरा माल बहुत मस्त है। कपडे के ऊपर से बोबला दबाने में इतना मजा है तो नंगी चुचिया दबाने में तो और भी मजा आएगा।”बड़ाभाई ने आंचल को खींचते हुए कहा “रानी, अपनी मस्त-मस्त चुचिया दिखा दे।”
“छी, आप क्या कर रहे हैं, मैं दूसरे आदमी, आपके ड्राइवर की बीबी हूं। आपको मुझसे संपर्क भी नहीं करना चाहिए।” गुलाबो ने अलग हटते हुए कहा।
लेकिन बड़ाभाई को होश कहा था, उसने गुलाबो को खींच कर अपनी गोदी में बिठाया और दोनो हाथो से चुचिया मसलते हुए कहा "रानी, अब शरमाती क्यो हो! कुछ घंटे के बाद तो हम दोनों नंगे मजा मारेंगे और हम तुम्हें जम कर चोदेंगे।।तुझे खुश कर दूंगा।"
बड़ाभाई ने निपल दबाते हुए गुलाबो को चुदाई का निमंत्रण दिया। फनलव रचित कहानी।
जब से बड़ाभाई ने जांघों को सहलाना शुरू किया था तब गुलाबो समझ गई थी कि कि बड़ाभाई का इरादा उसे चोदने का है लेकिन जब बड़ाभाई ने खुलकर चुदाई की बात की तो गुलाबो का पूरा बदन सहर गया और उसे लगा कि उसकी चूत गीली हो गई है और लपालब हो रही है। आख़िर वो 18 साल की जवान औरत थी। इतनी निपल और बोबले दबाने के बादो कोई बुढ़िया भी चुदाई के लिए तैयार हो जाएगी।
अभी तक के लिए बस इतना ही.........................
फिर एक नए एपिसोड के साथ मैं आप सब के सामने समक्ष हो जाउंगी।
जय भारत।
आखिर सेठजी के हरामी बेटों ने अपने तरीके से ड्रायव्हर की कमसीन कली जैसी घरवाली को फसा ही लिया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है