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Ek number

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चलिए अब आगे बढ़ते है...................


उसके बाद मुनीम ने वह सब बताया जो उसे बताना चाहिए था। मतलब की सेठजी का ऑफर, उन्होंने मुनीम को सेठानी को और मौक़ा मिले तो रेखा को और उसकी बहुओ को चोदने के सम्मति दे दी है। यह एक प्रकार का अच्छा सौदा है। उसने यह नहीं बताया की उसका और सेठजी का गांड और मुंह का भी रिश्ता बन चूका है।


“यह सौदा आपके लिए अच्छा है मेरे लिए क्या सिर्फ सेठजी का लंड???” मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।

“तो तुम क्या चाहती हो? क्या चाहिए तुम्हे यह भी बता दो?” मुनीम को कैसे भी कर के सुंदरी का सौदा करना था और उसे फ्री करना था ताकि महक की चूत की लालसा उसके मन में थी।

चलो एक बार मैं मान भी लू की सेठजी से मैं चुदवा लू पर फिर क्या? और उसके बाद मुझे और लोगो से भी चुदवाने का मन करे तो…” सुंदरी ने अपना पत्ता फेंका।

लेकिन बाद में उसे लगा की कुछ ज्यादा हो गया है यह सब छुट धीरे धीरे लेनी थी तो उसने अपनी बात टालने के लिए कहा:” आप समजदार हो और जानते भिहो की एक बार औरत ल्न्द्खोर हो जाती है और खास कर अपने पति से छुट पा के तो उसको ज्यादा लंड की जरुरत महसूस होती है। अभी तो मैं तैयार नहीं हु लेकिन आगे जा के सब कुछ हो सकता है, आप को पूरा सोच लेना चाहिए फिर बाद में कुछ भी हो सकता है, और फिर आप मेरी जान ही ले लोगे, डर लगता है ऐसी बाते सोच कर भी।“

देखो रानि ऐसा कुछ होगा नहीं अगर तुम्हे और लंड की जरुरत पड़ेगी तो मुझे कह देना मैं तुम्हारी भोस के बारे में सोचूंगा या फिर अच्छे लंड का बंदोबस्त कर दूंगा ताकि हम खुश रह सके और हां मैं तो तुम्हे चोदुंगा ही।“ मुनीम ने समजाते हुए कहा

“और अपने गाव में सब जानते है की गाव की कोई भी औरत या लड़की बिना चुदवाये कहा रही है, फिर वह तेरी माँ हो या मेरी सब जानते है लेकिंघर की बात घर में कोई कुछ बोलता नहीं, होगी तुम्हारे जैसी कुछ औरते जो अपना माल दूसरो को नहीं देती, अब सौदा कर सकते है, वैसे भी गाव में तुम से ज्यादा अच्छा माल किसी के पास नहीं है, अगर हम चाहे तो यही माल का अच्छे से इस्तमाल करके अपनी पिछली जिंदगी जो सुधर सकते है।“

“यानी की मुजे वेश्या तक बना डालने का प्लान है तुम्हारा? सुंदरी मन ही मन खुश होती हुई। “ हां मैं सब जानती हु मेरी माँ बाहें और सभी के बारे में और तुम्हारी माँ और बाकि लोगो के बारे में भी पर मैंने कभी यह नहीं सोचा था की मुझे वेश्या बन के जीना पड़ेगा।“

“देखो सुंदरी, तुम बात को समजो, यह एक सौदा होगा जिसमे तुम्हार अमाल बेचेंगे और आमदनी होगी लेकिन इस से भी ज्यादा मुझे खिशी है की तुम्हारी चूत को भोसड़ा बन ने का भ मौक़ा मिलेगा बिना रोक टोक तुम चुदवा सकती हो।”

सुनकर सुंदरी काफी खुश हुई और मुस्कुराती हुई बोली: “और कुछ कहना है मेरे पतिदेव?”
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।

यह सवाल मुनीम को अचंबित कर गया और डर के मारे उसने आज का अकस्मात् के बारे में बता दिया की उसने पूनम की चूत को चख के मस्त औरत बना दिया है। हालाकि उसने महक के बारे में कम ही बताया।

“तुमको जब और जिस से चुदवाने का मन करे लेकिन आज रात पूनम को मेरे लंड के नीचे ले आओ..”

अब मुनीम अपनी पत्नी की उपस्थिति में पूनम का आनंद लेना चाहता था।

“क्या… ? तुम पागल हो गए हो....?” वह लगभग चिल्लाई।

वह खुश थी कि अब वह सेठ वगैरह से चुदाई करेगी लेकिन उसने सोचा भी नहीं था कि बदले में उसका इतना मासूम पति अपनी ही बेटी की सहेली को चोदना चाहेगा। उसे पता ही नहीं चल रहा था कि मुनीम ने बेटी को लगभग चोद ही दिया है।

“वो तुम्हारी बेटी के बराबर है…” सुंदरी ने सिर्फ कहने को कहा।

मुनीम ने बात काटते हुए कहा, “जबसे साली को देखा है मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए बेकार है… आज तो मैं उसको चोदूंगा ही… पहले मैं उसकी मां को चोदना चाहता था लेकिन जब तुमसे शादी हुई तो मैं उसको भूल गया.. लेकिन आज पूनम को अपने घर में देख कर मेरा लंड उसकी चूत फाड़ने को तरस रहा है…।”

“तो मुझे चोद कर लंड ठंडा कर लो…मई तो हमेशा के लिए तुम्हारी हूँ।” कहते हुए सुन्दरी ने मुनीम का लंड लूंगी के बाहर निकल कर सहलाने लगी।

“साली क्या मैंने गुनाह किया की तुम को अपने मन की बात बताई? आज तो लंड सच में फूला हुआ है.. उस कुतिया को चोदने के लिए.. मेरी चूत के लिए तो इतना टाइट कभी नहीं हुआ”

सुंदरी ने लंड को कस कर भींच लिया और बोली उसकी चूत तो तुमको नहीं मिलेगी। मुझे ही चोद कर मजा ले लो..” वह भी अब मुनीम की मजा ले रही थी।

सुंदरी ने लंड रिलीज कर दिया और सोचा कि मुनीम उसके ऊपर चढ़ कर चूत में लंड घुसेगा लेकिन मुनीम यह कहता हुए की “सेठ से जल्दी चुदवाओ” उल्टा घूम कर आँखे बंद कर लिया। सुंदरी भी सोने का प्रयास करने लगी।

फिर सुंदरी ने उसके कान में कहा की “मुझे पता है की तुम महक की चूत के पीछे भी पड़े हो।“

मुनीम भी अब मूत गया। “क्या....... साली तुम क्या बक रही हो तुम्हे पता भी है? वह मेरी बेटी है मेरे लंड की पैदाश।“

तो क्या हुआ! चूत तो चूत होती है चाहे किसी की भी हो। यह मुझे मेरी सांस ने कहा था याद है न जब वह मुझे मेरे ससुर से चुदवाने पे तुली हुई थी। और तुम यह भी जानते हो की तुम्हारी ही बहन उसके बाप का लंड ले के माँ बनी हुई है।“

“हा....हा...पता है फिर भी वह मेरी बच्ची है...!” उसने अपनी बात तो कही पर अपनी लालसा छुपा नही सका।

सुंदरी ने मुनीम के सिर पर हाथ घुमाते हुए कहा महक भी लड़की है और उसकी भी चूत है और वह भी चोदने के लायक है पर अभी नहीं समजे! समय को आने दो, मुझे कोई एतराज़ नहीं होगा बहोत सी लडकिया अपने बाप से चुदती है यह गाव ह इन्यारा और अनोखा है और घर में सब चलता है।“

मुनीम खुश हो गया और बोला: “कब समय आएगा सुंदरी?”
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।


********


बने रहिये मेरे साथ और जानेंगे कुछ नया इस कहानी के अगले एपिसोड में।

आशा है की आपको यह एपिसोड पसंद आया होगा।


उम्मीद रख सकती हु न??? आपके कोमेंट की???????
Behtreen update
 

Ajju Landwalia

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चलिए अब आगे चलते है..............



दस मिनट बाद सुंदरी और परम वापस आ गए। उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि उनकी अनुपस्थिति में इतना मासूम मुनीम दोनों लड़कियों को चख चुका है। उन्होंने बातें कीं, खाना खाया और फिर अपने-अपने कमरों में चले गए। सुंदरी मुनीम के पास उसके बेडरूम में चली गई और महक पूनम को अपने साथ ले के, परम के साथ सोने के लिए ले गई। हालाँकि पूनम को परम द्वारा चुदते देखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। यह याद आते ही वह सिहर उठी कि उसके पिता उसे लगभग चोद ही चुके थे, सुपारा तो उसकी चूत का स्वाद ले ही चुका था। उसे अभी भी पापा के लंड के सुपाड़े का अहसास उनकी चूत में था। वह सोच रही थी कि पापा का लंड उसकी चूत में पूरी तरह जाने में कितना समय लेगा।

हालाँकि उसके भाई का लंड उसके पिता के लंड से कम से कम एक इंच लंबा था, लेकिन पिता का सुपाड़ा दोगुना मोटा था और इससे उसे ज़्यादा मज़ा ज़रूर आएगा, उसने सोचा। मैत्री और नीता की अनुवादित रचना है

अपना काम पूरा करने के बाद सुंदरी अपने कमरे में दाखिल हुई और देखा कि मुनीम लेटा हुआ मुस्कुरा रहा है।

वह उसके बगल में लेट गई और बोली,

"क्या बात है, आज बहुत खुश दिख रहे हो!" उसने उसके बालों वाले सीने को सहलाया। मुनीम उन कुंवारी लड़कियों के साथ मज़े करके वाकई बहुत खुश था। पहले तो उसने सुंदरी को चोदने के बारे में सोचा, लेकिन फिर खुद पर काबू रखा क्योंकि वह अपनी ऊर्जा 'पूनम' को फिर से चोदने के लिए जमा करना चाहता था। उसे यकीन था कि वह उसके साथ चुदाई के लिए ज़रूर आएगी। मुनीम सुंदरी की तरफ मुँह करके करवट बदल गया और उसके स्तन सहलाए।

"सेठजी, तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहे है। है क्या! पहले से ही कर रहे थे।"

"क्या बोला?" सुंदरी ने पूछा...

“लगता है की सेठ तुम्हें चोदना चाहता है” मुनीम ने कहा और अपने निपल्स को मसल दिया।

“छी….क्या बोल रहे हो!”

“सच कहते हो!, सेठ ने खुद कहा?”

मुनीम ने जवाब दिया "वो तुम्हे चोदना चाहता है।"

“सुनकर तुम्हें गुस्सा नहीं आया?” छी कोई इतनी आसानी से बात भी कहता है!” सुंदरी शांत रही और बोली "मैं उनसे कितनी छोटी हूं।“

“रानी कोई और बोलता तो मैं उसका गला काट डालता” मुनीम ने उत्तर दिया और कहा कि उसने हमारी बहुत अच्छी देखभाल की है। उन्हों ने कहा अगर सुंदरी सेठजी से चुदवा ले तो परिवार और उसे कोई आपत्ति नहीं होने देगा। शायद यह सच भी है!”

“मैं क्या कोई रंडी या वेश्या हूँ? उस बेटीचोद ने मुझे क्या समजा है?” सुंदरी ने कहा… और वह उससे दूर जाने की कोशिश करने लगी। हालाकि यह बात सुन के उसकी चूत एकदम सिकुड़ गई थी, उसे डर लगा की कही मुनीम को उसके प्रक्रमो के बारे में पता तो नहीं चला! क्या उस की गृहस्ती टूट गई? उसकी छुट से दो बूंद मूत के छुट गए। कही मुनीम उसकी परीक्षा तो नहीं ले रहा! क्या मुनीम को कोई संदेह हो गया है, शंका आ गई है मेरे बारे में या किसी ने कुछ कहा???? बहोत सारे सवाल उसके मस्तिष्क में घुमने लगे और अगर वह अपनी चूत पे कंट्रोल ना करती तो शायद वह वही बेड पर ही मूत जाती। वह सबकुछ कर सकती थी लेकिन मुनीम को भी वह बहोत प्यार करती थी, अपने बच्चो से बहोत प्यार करती थी। वह कभी नहीं चाहती थी की उसका पति उसे छोड़ दे। वह चूत देती थी पर दिल नहीं, दिल से तो वह मुनीम से ही हार चुकी थी।

"नहीं, सुंदरी, तुम बहुत अच्छी हो, मुझे मालूम है कि तुमने किसी को भी दाना नहीं डाला है, लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम सेठजी को खुश कर दो। उनके बहुत एहसान हैं हमारे ऊपर..मैं सेठजी से कहूंगा कि किसी को पता ना चले..।"
मैत्रीपटेल और फनलवर की अनुवादित रचना है

“नहीं, मैं नहीं चुदवाऊंगी..!” सुंदरी ने धीरे से जवाब दिया. दरअसल वह बहुत खुश थी कि उसका पति ऑफर लेकर आया है और अब वह खुलकर सेठजी और दूसरों से चुदाई करवा सकती है।

“प्लीज सुंदरी मान जाओ… सेठजी ने पहली बार कुछ मांगा है.. अपनी जवानी उनको दे दो।”

“तुम मुझे छोड़ना चाहते हो.. मैं एक बड़े सेठ का लंड लुंगी और तुम मुझे घर से बाहर निकाल दोगे…” उसने जवाब दिया।

मुनीम ने सुंदरी के स्तनों को कुचलते हुए कहा, “जो कसम चाहो ले लो.. तुम मेरी रानी बनकर रहोगी…, अब बस जल्दी मौका निकाल कर सेठ का लंड अपनी प्यारी चूत में ले लो.. ।”

नहीं मेरा मन नहीं मान रहा , लगता है की तुम मुज से थक गए हो। क्या मैं तुम्हे रोज चोदने का मौक़ा नहीं देती,क्या तुम को कभी मैंने मन किया है? आज तक मुझे याद है एक दिन भी नहीं गुजरा तुमने मुझे बिना चोदे! यहाँ तक की माहवारी में भी तुमने मेरी गांड मार ली है।“

“सुंदरी, मैंने सपने में भी नहीं सोचा की मैं तुम्हे छोड़ दू। लेकिन सेठजी का भी ख़याल रखना पड़ता है उन्हों ने हमारी जरुरियाते पूरी की है और दावा भी किया है की अगर सुंदरी सेठजी से चुदेगी तो मेरे परिवार को कोई तकलीफ नहीं होने देगा।“ मुनीम ने सफाई पेश की।

और आप मान भी गए! क्या आपको पलगत अहि की मैं इतनी आसानी से मेरा माल उस खडुस को दे दूंगी और वह अपना वीर्यदान मेरी चूत मे करेगा?

नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता मैं सिर्फ तुम्हारी हु। सुंदरी को अब लगा की यह परीक्षा नहीं है पर सच में सेठजी ने उसे ऑफर किया है और वह अब मुझे मना रहा है। फिर भी सोचा की असल बात जान के राजी हो जाउंगी।
नीता और मैत्री की अनुवादित रचना है

“आप मुझे या तो सब सच बताये या फिर सो जाए। ऐसी बेकार की बाते करके मेरा मन भी ख़राब ना करो।“


आपको यह एपिसोड कैसा लगा????


कृपया कोमेंट बोक्स में अपनी राय दीजिये..........

Bahut hi mast update he Funlover Ji

Munim ko kya pata ki sundri seth ke sath sath vinod aur param ka bhi lund le chuki he..........

Keep posting dear
 
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Ajju Landwalia

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उसके बाद मुनीम ने वह सब बताया जो उसे बताना चाहिए था। मतलब की सेठजी का ऑफर, उन्होंने मुनीम को सेठानी को और मौक़ा मिले तो रेखा को और उसकी बहुओ को चोदने के सम्मति दे दी है। यह एक प्रकार का अच्छा सौदा है। उसने यह नहीं बताया की उसका और सेठजी का गांड और मुंह का भी रिश्ता बन चूका है।


“यह सौदा आपके लिए अच्छा है मेरे लिए क्या सिर्फ सेठजी का लंड???” मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।

“तो तुम क्या चाहती हो? क्या चाहिए तुम्हे यह भी बता दो?” मुनीम को कैसे भी कर के सुंदरी का सौदा करना था और उसे फ्री करना था ताकि महक की चूत की लालसा उसके मन में थी।

चलो एक बार मैं मान भी लू की सेठजी से मैं चुदवा लू पर फिर क्या? और उसके बाद मुझे और लोगो से भी चुदवाने का मन करे तो…” सुंदरी ने अपना पत्ता फेंका।

लेकिन बाद में उसे लगा की कुछ ज्यादा हो गया है यह सब छुट धीरे धीरे लेनी थी तो उसने अपनी बात टालने के लिए कहा:” आप समजदार हो और जानते भिहो की एक बार औरत ल्न्द्खोर हो जाती है और खास कर अपने पति से छुट पा के तो उसको ज्यादा लंड की जरुरत महसूस होती है। अभी तो मैं तैयार नहीं हु लेकिन आगे जा के सब कुछ हो सकता है, आप को पूरा सोच लेना चाहिए फिर बाद में कुछ भी हो सकता है, और फिर आप मेरी जान ही ले लोगे, डर लगता है ऐसी बाते सोच कर भी।“

देखो रानि ऐसा कुछ होगा नहीं अगर तुम्हे और लंड की जरुरत पड़ेगी तो मुझे कह देना मैं तुम्हारी भोस के बारे में सोचूंगा या फिर अच्छे लंड का बंदोबस्त कर दूंगा ताकि हम खुश रह सके और हां मैं तो तुम्हे चोदुंगा ही।“ मुनीम ने समजाते हुए कहा

“और अपने गाव में सब जानते है की गाव की कोई भी औरत या लड़की बिना चुदवाये कहा रही है, फिर वह तेरी माँ हो या मेरी सब जानते है लेकिंघर की बात घर में कोई कुछ बोलता नहीं, होगी तुम्हारे जैसी कुछ औरते जो अपना माल दूसरो को नहीं देती, अब सौदा कर सकते है, वैसे भी गाव में तुम से ज्यादा अच्छा माल किसी के पास नहीं है, अगर हम चाहे तो यही माल का अच्छे से इस्तमाल करके अपनी पिछली जिंदगी जो सुधर सकते है।“

“यानी की मुजे वेश्या तक बना डालने का प्लान है तुम्हारा? सुंदरी मन ही मन खुश होती हुई। “ हां मैं सब जानती हु मेरी माँ बाहें और सभी के बारे में और तुम्हारी माँ और बाकि लोगो के बारे में भी पर मैंने कभी यह नहीं सोचा था की मुझे वेश्या बन के जीना पड़ेगा।“

“देखो सुंदरी, तुम बात को समजो, यह एक सौदा होगा जिसमे तुम्हार अमाल बेचेंगे और आमदनी होगी लेकिन इस से भी ज्यादा मुझे खिशी है की तुम्हारी चूत को भोसड़ा बन ने का भ मौक़ा मिलेगा बिना रोक टोक तुम चुदवा सकती हो।”

सुनकर सुंदरी काफी खुश हुई और मुस्कुराती हुई बोली: “और कुछ कहना है मेरे पतिदेव?”
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।

यह सवाल मुनीम को अचंबित कर गया और डर के मारे उसने आज का अकस्मात् के बारे में बता दिया की उसने पूनम की चूत को चख के मस्त औरत बना दिया है। हालाकि उसने महक के बारे में कम ही बताया।

“तुमको जब और जिस से चुदवाने का मन करे लेकिन आज रात पूनम को मेरे लंड के नीचे ले आओ..”

अब मुनीम अपनी पत्नी की उपस्थिति में पूनम का आनंद लेना चाहता था।

“क्या… ? तुम पागल हो गए हो....?” वह लगभग चिल्लाई।

वह खुश थी कि अब वह सेठ वगैरह से चुदाई करेगी लेकिन उसने सोचा भी नहीं था कि बदले में उसका इतना मासूम पति अपनी ही बेटी की सहेली को चोदना चाहेगा। उसे पता ही नहीं चल रहा था कि मुनीम ने बेटी को लगभग चोद ही दिया है।

“वो तुम्हारी बेटी के बराबर है…” सुंदरी ने सिर्फ कहने को कहा।

मुनीम ने बात काटते हुए कहा, “जबसे साली को देखा है मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए बेकार है… आज तो मैं उसको चोदूंगा ही… पहले मैं उसकी मां को चोदना चाहता था लेकिन जब तुमसे शादी हुई तो मैं उसको भूल गया.. लेकिन आज पूनम को अपने घर में देख कर मेरा लंड उसकी चूत फाड़ने को तरस रहा है…।”

“तो मुझे चोद कर लंड ठंडा कर लो…मई तो हमेशा के लिए तुम्हारी हूँ।” कहते हुए सुन्दरी ने मुनीम का लंड लूंगी के बाहर निकल कर सहलाने लगी।

“साली क्या मैंने गुनाह किया की तुम को अपने मन की बात बताई? आज तो लंड सच में फूला हुआ है.. उस कुतिया को चोदने के लिए.. मेरी चूत के लिए तो इतना टाइट कभी नहीं हुआ”

सुंदरी ने लंड को कस कर भींच लिया और बोली उसकी चूत तो तुमको नहीं मिलेगी। मुझे ही चोद कर मजा ले लो..” वह भी अब मुनीम की मजा ले रही थी।

सुंदरी ने लंड रिलीज कर दिया और सोचा कि मुनीम उसके ऊपर चढ़ कर चूत में लंड घुसेगा लेकिन मुनीम यह कहता हुए की “सेठ से जल्दी चुदवाओ” उल्टा घूम कर आँखे बंद कर लिया। सुंदरी भी सोने का प्रयास करने लगी।

फिर सुंदरी ने उसके कान में कहा की “मुझे पता है की तुम महक की चूत के पीछे भी पड़े हो।“

मुनीम भी अब मूत गया। “क्या....... साली तुम क्या बक रही हो तुम्हे पता भी है? वह मेरी बेटी है मेरे लंड की पैदाश।“

तो क्या हुआ! चूत तो चूत होती है चाहे किसी की भी हो। यह मुझे मेरी सांस ने कहा था याद है न जब वह मुझे मेरे ससुर से चुदवाने पे तुली हुई थी। और तुम यह भी जानते हो की तुम्हारी ही बहन उसके बाप का लंड ले के माँ बनी हुई है।“

“हा....हा...पता है फिर भी वह मेरी बच्ची है...!” उसने अपनी बात तो कही पर अपनी लालसा छुपा नही सका।

सुंदरी ने मुनीम के सिर पर हाथ घुमाते हुए कहा महक भी लड़की है और उसकी भी चूत है और वह भी चोदने के लायक है पर अभी नहीं समजे! समय को आने दो, मुझे कोई एतराज़ नहीं होगा बहोत सी लडकिया अपने बाप से चुदती है यह गाव ह इन्यारा और अनोखा है और घर में सब चलता है।“

मुनीम खुश हो गया और बोला: “कब समय आएगा सुंदरी?”
मैत्री और फनलवर की अनुवादित रचना है।


********


बने रहिये मेरे साथ और जानेंगे कुछ नया इस कहानी के अगले एपिसोड में।

आशा है की आपको यह एपिसोड पसंद आया होगा।


उम्मीद रख सकती हु न??? आपके कोमेंट की???????

Bahut hi umda update he Funlover Ji

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Ashiq Baba

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Funlover ji first of all aapko is kahani ke liye bahut bahut dhanyvad aur badhai tatha shubhkamnayen. Ek achhi story gadhi hai. Mai aapka naya pathak hu aur poori story padh chuka hu. Aapki sabse achhi baat ye lagi ki aap jldi jaldi update de rahe hai. Aapne sare character achhe gadhe hai magar story unke anurup utni damdar nahi gadhi ja rahi shayad jaldi jaldi update dene ke chakkar me aisa ho raha hai. Aur aap ghatnayen bhi bahut jaldi jaldi ghataa rahe ho. Sundari jo abhi tak bachche jawan hone tak pativrata thi vo achanak se sabse pahle bina seduce kiye hi apne bete se chudwa di aur fir turant hi agle din seth ji se uske agle din Vinod se. Jaise ki apne kahani me bataya ki Sundari ko Munim roj chodta hai aur Sundari me kabhi usse asantusht hone ka shikayat nahi ki aise me vo dusre mardo ke neeche itni jaldi jaldi kaise ja sakti hai. Apne Sundri ko itna kamuk bhi nahi bataya ki achanak se uski ka mukta bhadak gai ho aur vo dusro mardo ko pasand karne lagi ho. Ye samjh se bahar hai. Isse kahani me vajan kuchh kam ho gaya. Kahani ke hisab se Sundari ke ghar me rupyo paiso ki aisi kami bhi nahi hai. Yahan Sundari main character hai usko aur strong banao. Vinod ke sath wali chudai thoda aur damdar tareeke se pesh karte to lagta ki Sundari usse poori tarah santusht ho gai aur uski chudai ki deewani ho gai sath hi Param bhi is kahani ka mukhya patra hai usko bhi strong kariye jisse Sundari uske sath humbistar hone ke liye hamesha taiyar rahe. Seth ke sath chudai wala scene bahut badhiya likha hai aapne. Aur kahani ko lamba kheechiye matlab ek achha plot hai ye kahani kafi aage tak ja sakti hai. Aisa mindset karke likhoge to ye kahani sabhi ko aur adhik akarshit karegi aur kafi lambi chalegi. Character ke beech hone wale samvad bahut shandar aur ultimate hai. Aisi lekhni yahan bahut kam logo ki hai. Iske liye apki jitni tareef ki jaye kam hai.
Mai Malti Ka Kamuk Sansar kahani ka bahut bada fan hu aur unhe har update par kai kai comment karta hu uske alawa aap dusre writer hai jinhe mai comment kiya hai. Kahaniya to mai bahut sari padh chuka hu magar aap dono ke alawa kisi kahani par comment nahi kiya hai. Latest jo update apne diya hai uska koi jawab ekdam shandar sawar hai Sundari aur Munim ke beech. Aur mujhe lagta hai yahan se kahani kuchh aur rochak mod le le. Jahan ek taraf seth Sundari ko apni parmanent Rakhail banana chahta hai aur uske garbh me apna beej dal kar bachcha paida karna chahta hai wahin uska bada ladka bhi Sundari ko chodne ki ichha rakhta hai. Udhar Munim seth ke paiso ke sath sath Sethani uski beti Rekha aur bahuon ko apni tang ke neeche lana chahta hai, sath hi Sundari Vinod ko pahli chudai se pasand karne lagi hai. Ab uski ichha paiso ke sath sath khullam khulla apne jism ki aag ko aur jyda thanda karana chahti hai iske liye jyda se jyda logo ke sath humbistari hona chahti hai. Ek bahut jordar plot taiyar kiya hai aapne.
Aap to lekhni ke jadugar hai aage ke update kuchh aise likhiye ki Param ko bina bataye bhi Sundari Vinod se chudwati rahe Vinod ko usse pyar ho jay sur vo usse milne ko bechain rahe.
Aap ek bar Malti Ka Kamuk Sansar aur Sapna Ya Hakikat padhe to kuchh chheen wahan se clear ho jayegi
Apke agle updates ka intjar rahega.

Thanks a lot. Keep writing.
 
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