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Incest परिवार बिना कुछ नहीं।

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सभी साथ में नाश्ता कर रहे होते हैं ।
करण: अरे समर बेटा कभी अखाड़े में भी आ जाया करो , ये हमारी परम्परा है कि लड़के को पहलवान होना जरूरी होता हैं ।
ये सुनकर राम्या हंसने लगती है और उसका मजाक उड़ाते हुए: है भगवान पहलवान और ये ?? ये कैसा मजाक हैं पापा " ।
ये सुनकर माही और काम्या मुस्कुरा देती हैं जबकि समर का खून खोल जाता है और वो गुस्से से: तू तो चुप कर , कभी आज तक दौड़ में नहीं जीती मुझसे और मुझे बात बता रही हैं और आज जब तेरे पैर में चोट लगी थी तो तुझे में ही गोद में लेकर आया था। " ।
ये सुनते ही राम्या अपना मुंह बना लेती हैं और उसे वो पल याद आ जाता है जब समर ने उसे अपनी गोद में उठाया हुआ था , कैसे उसका लंड खड़ा हो रहा था और उसके नितंबों पर चुभ रहा था। ये सोचते ही उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और मुंह नीचे करके चुपचाप नाश्ता करने लगती हैं ।
करण: बेटा आज रविवार है और दो महीने के बाद कुश्ती प्रतियोगिता होगी , हर साल हमारा ही अखाड़ा जीतता आ रहा है लेकिन इस बार दूसरे अखाड़े वालों ने बाहर से पहलवान बुलाया हैं हमे हराने के लिए, बस इसी बात को लेकर परेशान रहता हूं मैं।
राम्या: मेरे पापा से बड़ा कोई पहलवान हो ही नहीं सकता , आप तो उसे एक मिनट से पहले ही धूल चाटो दोगे" और ऐसा बोलकर वो पापा के दोनो को जोर से दबाती हैं ।
राम्या: देखो मेरी पापा की बॉडी , समर तू तो अभी इनका आधा भी नहीं हैं " और ऐसा बोलकर जोर जोर से हंसते हुए उसका मजाक उड़ाने लगती हैं । सभी हसने लगते है तो समर भी हंस पड़ता हैं।
इसी तरह छेड़छाड़ के साथ उनका नाश्ता खतम होता हैं और करण अखाड़े चला जाता है और राम्या टीवी देखने लगती हैं क्योंकि उसके पैर में अभी दर्द था इसलिए वो हॉल में ही बैठ जाती हैं ।
समर महसूस कर रहा था कि रात से माही कुछ उदास हैं , जैसे ही उसकी मम्मी किचन में जाती हैं समर अपनी बुआ से: बुआ क्या हुआ आप की तबीयत तो ठीक है ?
माही जो अपनी ही सोच में गुम थी अचानक हड़बड़ाते हुए: हा , हा ठीक हूं बिल्कुल ।
समर: बुआ अगर कोई भी दिक्कत हो तो मुझे बताना , मुझे अच्छा नहीं लगता जब आप दुखी होती हो। अब तो पापा भी मान गए हैं आपकी बात, फिर ये उदासी क्यों ?
अब माही उसे क्या बताती कि वो सिर्फ उसकी वजह से ही दुखी है!
माही: नहीं समर सब मेरा इतना खयाल रखते हैं , में दिखी हो ही नही सकती।
तभी काम्या आती हैं और समर को बाजार से कुछ घर का सामान लाने को बोलती हैं और माही को कहती हैं : माही तुम भी इसकी साथ चले जाओ , तुम्हे अच्छे से पता हैं कि घर में किस किस चीज़ की ज़रूरत है और हम कैसी क्वालिटी इस्तेमाल करते हैं।
माही: जी भाभी , आज तो मेरा ब्यूटी पार्लर भी बंद हैं, मै चली जाती हूं इसके साथ ।
और समर अपनी बाइक अपाची बाइक निकालता हैं और अपनी बुआ को बिठाकर बाजार चला जाता है । बाइक पर पीछे बैठी बुआ ऊंचाई पर थी और समर आगे बैठा हुए जिसकी सीट थोड़ी नीचे थी जिस कारण माही का बदन उसके टच हो रहा था।
माही को ना जाने क्यों समर अच्छा लगने लगा था लेकिन उसके मन में कोई पाप नहीं था , और जब से उसने कसम वाली बात सुनी थी उस बहुत प्यार आता था समर पर , उफ्फ कितना सुन्दर हैं समर , चेहरा कितना चॉकलेटी हैं, ।
और भैया इसे पहलवान कैसे बनाएंगे ?
माही ये सब सोच ही रही थी कि तभी सामने से एक ट्रक आता है और वो उन्हें साइड मारकर भाग जाता है ।
समर और माही दूर जाकर गिरते हैं और माही का सिर फट जाता है और खून निकलने लगता है जबकि समर को भी हाथ में चोट लगी थी और उसके हाथ से भी खून बह रहा था। समर अपनी चोट की परवाह ना करते हुए माही को तरफ भागता है और उसे जल्दी से अपनी गोद में उठा लेता हैं और अपनी बाइक को तरफ देखता है ताकि जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल जा सके लेकिन टक्कर के कारण बाइक टूट चुकी थी और स्टार्ट होने की हालत में नहीं थी। समर आने जाने वाली गाड़ियों को लिफ्ट मांगता है लेकिन कोई उसकी हेल्प नहीं करता उधर माही का खून लगातार बह रहा था।
समर उसको गोद में उठाए हुए ही हॉस्पिटल की तरफ भागता हैं , समर के चेहरे से बहता हुआ खून माही के चेहरे पर गिर रहा था ,। दोनो के कपड़े लाल हो चुके थे , समर की सांस फूल चुकी थी लेकिन वो पागलों की तरह भागा जा रहा था, माही की आंखे कभी खुल रही थी तो कभी बंद हो रही थी , उसे बस इतना पता था कि वो समर की बांहों में हैं ।
तभी हॉस्पिटल आ जाता है और समर उसे एडमिट करता है । डॉक्टर चेक करते हैं और बोलते है कि इनका तो काफी खून बह चुका है , इन्हे खून लगाना होगा।
समर तुरंत अपना हाथ आगे कर देता हैं और बोलता हैं कि डाक्टर साहब जितने खून की जरूरत हो ले लो लेकिन बुआ को कुछ नहीं होना चाहिए।
डॉक्टर: अरे तुम्हारा तो पहले ही खून बह रहा है, तुम्हारा खून नही ले सकते हम क्योंकि इससे तुम्हारी जान को खतरा हो सकता है ।
माही की आंखे कमजोरी के कारण बंद हो चुकी थी । वो सुन और समझ तो सब पा रही थी लेकिन बोलने कि हालत में नहीं थी।
समर: आप मेरी फिक्र मत कीजिए और इनका इलाज शुरू करिए। मुझे कुछ नहीं होगा।
और ऐसा बोलकर वो ख़ून देने की लिए लेट जाता है , डॉक्टर के पास भी कोई दूसरा तरीका नहीं था इसलिए वो ना चाहते हुए भी उसका खून लेता है और माही को लगाने लगता हैं।
जैसे जैसे समर के जिस्म से खून निकल रहा था उसका जिस्म ठंडा पड़ता जा रहा था।
तभी माही की हालत में कुछ सुधार होने लगता है खून की वजह से।
ये बात अब तक उनके घर तक पहुंच गई थी कि उनका एक्सिडेंट हुए हैं और पागलों कि तरह दौड़ते हुए करण और काम्या , राम्या सब हॉस्पिटल पहुंच चुके थे।
माही की चेक करने के बाद डाक्टर बोलता है कि अब वो खतरे से बाहर हैं जबकि समर के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उसका बहुत खून बह गया है और कमजोरी की हालत में ज्यादा तेज भागने के कारण उसकी माश पेशिया क्षिथिल पड़ गई है ।
करण: कुछ भी करो डॉक्टर लेकिन मेरे बेटे को बचाओ । पैसा चाहे कितना भी लग जाए लेकिन मेरा बेटा बचना चाहिए।
 

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डॉक्टर: ठीक है मैं कोशिश करता हूं, इसके लिए मुझे एक्सपर्ट की एक टीम बुलानी होगी।
इतना कहकर डॉक्टर अपनी तैयारी में लग जाता है , दूसरी तरफ काम्या और राम्या का बुरा हाल था , उनकी आंखो से लगातार आंसू बहे जा रहे थे। करण उन्हें तसल्ली देता है ।
डाक्टर की टीम आ गई थी और उन्होंने समर का इलाज शुरू कर दिया था , उसे ४ बॉटल खून लगा और थेरेपी दी गई । अंत में डाक्टर की टीम बाहर आती हैं और करण को बोलती हैं कि आपकी बेटा अब खतरे से बाहर हैं , इसे चमत्कार है कहा जाएगा ।
करण, राम्या और काम्या तीनों सुकून की सांस लेते हैं और डाक्टर को बोलते हैं कि क्या वो अपने बेटे को देख सकते हैं ?
डाक्टर: हान , लेकिन वो अभी बेहोश हैं , आप सिर्फ खिड़की से ही देखना।
वो तीनो जाते हैं और वो खिड़की से देखते हैं वो उनका दिल बाहर आता है उसे मशीनों के बीच जकड़ा हुए देखकर जो को उसके शरीर को अभी भी गर्मी वाली थेरेपी से रही थी।
फिर वो माही के कमरे में जाते हैं , माही भी अभी बेहोश थी लेकिन उसकी हालत अब काफी हद तक ठीक थी।
काम्या: है भगवान तेरा लाख लाख शुक्र है कि मेरा बेटा और माही दोनो बच गए।
तभी माही में शरीर में हलचल होती है और वो धीरे से अपनी आंखे खोल देती हैं तो जैसे ही वो सबको देखती हैं उसकी आंखो से आंसू निकाल पड़ते हैं ।
माही: भाभी समर कहां हैं और कैसा हैं वो ?
काम्या: ठीक है अब लेकिन अभी आईसीयू में हैं ।
जैसे जी माही ये सब सुनती हैं उसका दिल भर आता हैं और वो जोर जोर से रोने लगती हैं ।
माही : मुझे बचाने के चक्कर में उसकी ये हालत हुई हैं । है भगवान चाहे मेरी जान ले ले लेकिन समर को कुछ नहीं होना चाहिए।
और ऐसा बोलते हुए फफक फफक कर रो पड़ती है ।
काम्या: चुप कर पगली , ऐसी अशुभ बाते मुंह से नहीं निकालते "!
और उसे अपने गले से लगा लेती हैं ।
माही: भाभी मुझे एक बात समर को देख लेने दो प्लीज़,
काम्या: माही अभी तुम्हारी हालत पूरी तरह से ठीक नहीं है , उसकी फिक्र मत करो वो ठीक है ।
माही जोर जोर से रोते हुए: नहीं प्लीज़ बस एक बार , प्लीज़ प्लीज़ ।
और ऐसा बोलकर फिर से रों पड़ती है ।
काम्या उसे समझाने की पूरी कोशिश करती हैं लेकिन लास्ट में हर जाती हैं और उसे चोरी से लेकर समर के कमरे में आती हैं।
जैसे ही माही समर को देखती हैं उसकी आंखो से फिर से पानी बहने लगता है ।
माही: ये सब मेरी मेरी वजह से हुआ है अगर समर को कुछ हुए तो मैं भी जिंदा नहीं रहूंगी "
और ऐसा बोलकर जोर जोर से रोने लगती हैं , जैसे ही उसके रोने कि आवाज समर के कानों में पड़ती हैं बेहोशी की हालत में भी वो रों पड़ता है और उसकी आंखो से आंसू निकाल पड़ते हैं।
काम्या माही को उसके कमरे में लेकर आती हैं और आराम से लिटा देती हैं ।
जैसे ही डाक्टर समर को चेक करने आते हैं उन्हें उसकी आंखो से बहते हुए आंसू दिखते हैं तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता।
और वो मशीनों कि स्पीड बढ़ा देते हैं ताकि वो जल्दी ठीक हो सके।
डाक्टर करण को अपने पास बुलाते हैं और उसे बताते हैं के उनका बेटा एक दो दिन में ही बिल्कुल ठीक हो जाएगा क्योंकि उसकी मांस पेशियां काम करना शुरू कर चुकी हैं , अभी हमने उसकी आंखो में आंसू देखे हैं और ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
रात होते होते समर को होश आ जाता है और ये देखकर राम्या खुशी से दौड़ती हुई काम्या के पास आती है और उसे बताती है कि भाई को होश आ गया है। जैसे ही माही और काम्या ये सुनते हैं खुशी की लहर उनके चेहरे पर दौड़ जाती हैं और वो दोनों पागलों कि तरह दौड़ती हुई समर के रूम को तरफ आती हैं।
डाक्टर समर को मशीनों से बाहर निकालते है , अब उसके सभी अंग ठीक तरह से काम कर रहे थे बस कमजोरी थी अब।
समर: पापा बुआ कहां हैं ? ठीक तो हैं वो ? इससे पहले कि करण को जवाब देता इतने तक माही और काम्या समर के रूम में आ चुकी थी ।
माही उसे अपने गले लगा लेती हैं और उसके चेहरे पर किस की झड़ी लगा देती हैं ।
और समर भी उसे अपने गले लगा लेता हैं जिसे उसे छोड़ना ही नहीं चाहता हो। उन दोनो का प्यार देखकर करण, राम्या और काम्या की आंखे भर आती हैं और फिर काम्या उन्हें अलग करती हैं ।
काम्या: कितनी खुशी की बात है कि अब सब ठीक हो गया है ।
करण: हम्म । भगवान हमारी खुशियों को किसी की नजर ना लगाएं।
फिर वो माही को उसके करने में ले जाते हैं और समर भी बेड पर पर लेट जाता है और आराम करने लगता है ।
करण डाक्टर से मिलता है तो डाक्टर बोलता हैं कि दोनो ठीक है लेकिन सावधानी को ध्यान में रखते हुए उन्हें आज यहीं रहना दिया जाए।
करण: आप जैसे ठीक समझे । मैं एक नहीं दो दिन बाद जाऊंगा इन्हे घर लेकर ।
और दो दिन कब गुज़र जाते हैं पता ही नहीं चलता। और अब वो दोनो घर आ चुके थे और पूरी तरह से ठीक थे, डाक्टर ने एक क्रीम और ऑयल दिया था समर की बॉडी मसाज के लिए ताकि उसे और फायदा मिल सके। घर का माहौल फिर से खुशनुमा हो चुका था।
 

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उधर दो दिन से ठीक से नहीं से पाने के कारण करण और काम्या को जोर की नींद आ रही थी और वो बिस्तर पर पड़ते ही सो गए जबकि राम्या माही और समर को खाना खिलाती हैं और किचन में चली जाती हैं ताकि बर्तन साफ कर सके।
अब उपर की फ्लोर पर सिर्फ माही और समर रह जाए थे। माही का मन नहीं लग रहा था । उसका समर को देखने का बहुत मन कर रहा था। माही उठती हैं और समर के कमरे में चली जाती हैं और उससे बात करने लगती हैं ।
माही: समर मुझे बहुत खुशी हुई कि तुम जल्दी ठीक हो गए।
समर: बुआ मुझे अपने ठीक होने से ज्यादा इस बात की खुशी हैं कि आप ठीक हो ।
माही : समर लेकिन तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था । मेरी जान बचाने के लिए तुमने अपनी जान खतरे में डाल दी थी । अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो में नहीं जी पाती।
समर को बुआ के ये शब्द सुनकर ना जाने क्यों खुशी होती है और वो बोलता हैं: मुझे कुछ नहीं होगा बुआ और जब तक मैं हूं आपको कुछ नहीं होने दूंगा।
माही जैसे ही उसकी ये लाइन सुनती हैं उसे समर पर बड़ा प्यार आता है और वो आगे बढ़कर उसे गले लगा लेती हैं। समर भी इसे उसे जोर से अपनी बांहों में भर लेता है और अपने सीने से चिपका लेता हैं । दोनो काफी डर तक एक दूसरे के दिल की धड़कन सुनते रहते हैं । ये सिर्फ प्यार था इसमें वासना तो नाम मात्र भी नहीं थी। जैसे ही उनके कानो में राम्या के उपर आने कि आवाज पड़ती हैं वो दोनो तेजी से अलग हो जाते है ।
राम्या अंदर आती हैं और उनसे बात करने लगती हैं । तीनो के बीच खूब हंसी मजाक होता है और थकान के कारण राम्या को भी नींद आने लगती हैं तो वो दोनो को गुड नाईट बोलती हैं और अपने कमरे में चली जाती हैं और घोड़े बेचकर सो जाती हैं।
अब कमरे में माही और समर दोनो बचे थे और दोनो ही एक दूसरे के चेहरे को बड़े प्यार से देख रहे थे।
तभी माही को कुछ याद आता हैं वो वो समर से पूछती हैं कि तुम्हारी वो क्रीम और ऑयल की शीशी कहां हैं जो डाक्टर ने दी थी ? तुम्हारी मसाज भी तो होनी समर।
समर: बुआ वो तो नीचे रखी हैं हॉल में , अब नीचे कौन जाएगा , कल कर लूंगा।
माही गुस्से से उसे आंख दिखाते हुए: अपना मुंह बंद रखो , में लेकर आती हैं , तुम्हे तो कोई फिक्र ही नहीं हैं "
और ऐसा बोलकर वो तेजी से नीचे चली जाती हैं । समर नहीं चाहता था कि अभी उसकी मसाज हो क्योंकि उसके हाथ में अभी दर्द था और वो मसाज कर पाने की हालत में नहीं था।
और वो बिल्कुल नहीं चाहता था कि इसकी बुआ उसकी मसाज करे । इसलिए वो माही के निकालते ही अपना गेट बंद कर लेता है और जोर जोर से खरांटे मारने का ड्रामा करना लगता है ।
जैसे ही माही क्रीम और ऑयल लेकर उपर आती हैं तो उसे पता चला कि समर ने अपना गेट बंद कर लिया है और वो सो गया है उसे अच्छा लगता है । लेकिन इसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसे इतनी जल्दी नींद कैसे आ गई है।
वो उसे आवाज लगाती हैं: समर के बच्चे दरवाजा खोल , " ।
लेकिन समर जानबूझकर कोई जवाब नहीं देता तो माही धीरे से गेट को देखती हैं तो उसे एक हॉल नजर आता है और वो उस पर अपनी आंखे गड़ा देती हैं और चुपचाप देखने लगती हैं।
कुछ देर के बाद समर को लगता है कि माही चली गई है तो वो अपनी आंखे खोल देता है और बैठ जाता है।जैसे ही माही उसे बैठा हुआ देखती हैं तो उसे आवाज लगाती हैं कि बहुत जल्दी उठकर बैठ गया। चल अब ड्रामा बंद कर और जल्दी से दरवाजा खोल ।
समर के पास अब कोई रास्ता नहीं था। वो चुपचाप दरवाजा खोलता है और नजरे नीचे करके खड़ा हो जाता है जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो।
माही : देखो कितना शरीफ बना हुआ खड़ा हैं , मुझे उल्लू बना रह था, रुक अभी मजा चखाती हूं तुझे और ऐसा लेकर समर की तरफ बढ़ती हैं और उसे पकड़ कर बिस्तर पर गिरा देती शिन और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ जाती हैं और बोलती हैं: अभी मजा आया?
समर: प्लीज़ उतर जाओ , अब नहीं करूंगा ।
माही: नहीं मुझे पता है कि तू पक्का शैतान हैं और नहीं सुधरने वाला और आज तो मैं तुझे सबक सीखा कर है रहूंगी।
और ऐसा बोलते हुए उसके दोनो हाथो को पकड़ा लेती हैं और उन्हें जोर से दबा देती हैं
समर: मान जाओ आप नहीं तो आपकी खैर नहीं आज !
माही उसे जीभ दिखा कर चिड़ाते हुए: क्या कर लेगा तू , कुछ नहीं होगा तुझसे।
इतना सुनते ही समर जोर लगाकर उससे अपने दोनो हाथ छुड़ा लेता हैं और उसे अपने ऊपर से हटाते हुए उसे बेड पर गिरा देता है और और खुद उसके उपर आ जाता है और बोलता हैं कि अब बताओ क्या हुआ बस इतना ही दम था क्या ?
माही : अच्छा बाबा मुझे छोड़ दे तू जीत गया , मैं हर गई बस।
समर: बस इतनी जल्दी हार मान ली , अब बोलो ना क्या कर सकती हो?
माही उसके चहेरे को देखती हैं तो उसे उस पर बड़ा प्यार आता है और बोलती हैं कि रुक अभी बताती हूं "
और ऐसा बोलते हुए अपनी गर्दन को उपर उठाते हुए उसके गाल चूम लेती हैं तो समर को एक झटका सा लगता है। उसके गालों पर आज पहली बार किसी के होंठो का एहसास हुआ था और माही की रसीले , नाजुक होंठो की चुभन तो बहुत की बात ही अलग थी।
माही उसे चिढाती हैं कि देख लिया की मैं क्या कर सकती हैं ? और एक बार फिर से उसके गाल चूम लेती हैं ।समर की तो जैसे सांस ही रुक गई थी , उफ्फ कितना प्यारा एहसास था किस का ।
माही: अब बोल ना समर के बच्चे कौन बोलती बंद हो गई "
तभी समर अपने उपर से काबू खो देता है और और वो उसके गलो को चूम लेता हैं दोनो को एक एक करके।
माही समर के लिप्स जैसे ही अपने गाल पर महसूस करती हैं वो शर्म के मारे अपनी आंखे बंद कर लेती हैं और उसकी सांसों की गति बढ़ गई थी जिससे उसकी चूचिया उपर नीचे हो रही थी। करण उसकी आंखे बंद होते ही फिर से उसके गाल चूम लेता है और माही होश में आते हुए उसे पूरी ताकत लगाकर अपने उपर से हटाती हैं और बोलती हैं: बस समर और कितना प्यार करेगा मुझसे। अब आराम से लेट मुझे तेरी मसाज करनी है।
 

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समर को अपने उपर से हटाते हुए वो उसे बेड पर लिटा देती हैं और उसको बोलती हैं कि चल जल्दी अपनी शर्ट उतार । लेकिन समर से हाथ में चोट लगी होने के कारण बटन नहीं खुल पा रहे थे जिसे देख कर माही खुद आगे बढ़ती है और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगती हैं, जैसे ही उसे अपनी छाती पर माही के नाजुक हाथो की कोमल उंगलियों का एहसास होता है उसकी हालत खराब होने लगती हैं और धीरे धीरे माही उसकी शर्ट के सभी बटन खोल देती हैं और फिर एक झटके से उसकी शर्ट को बाहर निकाल देती हैं । समर ने नीचे बनियान नहीं पहना था जिस कारण उसका चोड़ी छाती उसकी माही के आगे नंगी हो जाती हैं और माही की नजरे जैसे ही उसकी छाती पर पड़ती है उसकी दिल की धड़कन बढ़ जाती है । उफ्फ कितनी चोड़ी और एक दम सपाट छाती हैं समर की , और इसकी नजरे जैसे उसकी छाती से हट ही नहीं रही थी।
समर को शर्म महसूस हो रही थी , वो तेजी से बोलता है कि जल्दी से मालिश करो"।
माही जैसे होश में आते हुए अपने दोनो हाथ में क्रीम और ऑयल लेती हैं और अच्छे से मिक्स करके उसके कंधो की मालिश शुरू कर देती है। जैसे ही समर के कंधो पर उसके हाथ पड़ते हैं समर की हालत खराब होने लगती है और माही का भी कुछ ऐसा ही हाल था। फिर वो धीरे धीरे अपने हाथो से उसके पूरे हाथ पर मालिश करने लगती है , जैसे जैसे उसकी उंगलियां समर के जिस्म पर घूम रही थी समर के रोंगटे खड़े हो रहे थे और पूरे जिस्म में कम्पन होना शुरू हो चुका था। उसके दोनो हाथो की उंगलियों को वो अपने दोनो हाथों की उंगलियों में फसाती हैं और अच्छे से उसकी उंगलियों की मसाज करती हैं । फिर अपने दोनों हाथों में फिर से क्रीम लेती हैं और समर की आंखो में देखते हुए अपने दोनों हाथ उसके सीने पैर रख देती हैं और बड़े प्यार से मालिश शुरू कर देती हैं । जैसे ही उसके हाथ समर के सीने पर पड़ते हैं तो समर के मुंह से आह निकल पड़ती हैं जिसे वो बड़ी मुश्किल से दबा लेता है । और माही के लिए तो ये ज़िन्दगी का पहला एहसास था जब उसने किसी मर्द की छाती को छुआ था। उफ्फ कितनी टाइट थी उसकी छाती , लगातार जिम करने और कसरत करने के कारण उसकी छाती में कट पड़ गए और उनकी गोलाई ऐसा लग रही थी मानो किसी लड़की की चूची हो, और छाती पर पिंक रंग के निप्पल जो कि माही के हाथ की रगड़ से खड़े हो थे। माही उसकी पूरी छाती पर हाथ घुमा रही थी जिससे समर के जिस्म में झटके से लग रहे थे और उस बहुत अच्छा लग रहा था। फिर वो नीचे आते हुए उसकी पेट कि मालिश करती हैं और फिर कंधो से लेकर , छाती पेट सब की मालिश करने लगती हैं। समर तो जैसे उसकी उंगलियों के स्पर्श से मस्त हो चुका था। और माही की भी सांसे तेज हो गई थी जिस कारण उसके भारी भरकम चूचियां उपर नीचे हो रही थी जो समर की हालत और खराब कर रही थी जिस कारण उसके लंड अपनी औकात पर आ चुका था।
माही फिर नीचे आते हुए उसकी पैंट के हुक खोल देती हैं और उसे निकाल देती हैं । अब समर सिर्फ ब्लैक रंग के अंडर वियर में आ जाता है जिसमें एक बड़ा उभर साफ नजर आ रहा था जिसने उसकी अंडर वियर को आगे से उठा रखा था। माही के नजर जैसे ही उसके अंडर वियर के उभरे हुए भाग पर पड़ती है उसकी हालत खराब होने लगती हैं और उसकी चूत में हलचल मच जाती हैं । वहीं जैसे ही समर को एहसास होता है कि माही उसके लंड के उभर को देख रही हैं उसका लंड जोश में आ जाता है और उपर नीचे होने लगता है ।
माही फिर उसकी टांग की मालिश शुरू करती हैं और क्रीम उसकी टांग पर मसलने लगती हैं । दोनो को ये एहसास पागल किए दे रहा था। माही ने अपना नाईट सुट पहन रखा था जो इसके जिस्म पर पूरी तरह से कसा हुए था और और हर उभर साफ दिख रहा था। माही उसके बगल में बैठ हुई उसकी टांगो की मालिश कर रही थी और चोरी चोरी उसके लंड के उभर को निहार रही थी। उफ्फ कितना ज्यादा उठा हुए लंड हैं इसका , हाय कितना बड़ा होगा , करण भाई के लंड से काफी लबमऊ और मोटा लग रहा है। फिर माही उसकी जांघो तक हाथ ले जाकर मालिश करने लगती हैं तो समर की आंखे मस्ती से खुल और बंद हो रही थी , उसके की कोई सीमा नहीं थी । माही आगे को होती हैं जिसे उसका हाथ उपर तक जा सके और जैसे जी वो आगे को होती हैं उसकी घुटने समर की टांगो से जुड़ जाए हैं और एक बहुत ही कामुक एहसास दोनो की होता है। माही अब अपना हाथ उपर ले जाए हुए अच्छे से उसकी जांघो को मालिश करने लगती हैं और लंड अब तक किसी लोहे कि तरह टाइट हो चुका था मानो उसका अंडर वियर फाड़ने पर आमादा हो । लंड को उछलता हुए देखकर माही की चूत भी गीली होने लगती है । फिर वो उसकी जांघो की अंदर तक मालिश करने लगती हैं जिससे उसके हाथ उसके टट्टो से टकरा जाते हैं जिससे करण के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलती हैं जिसे माही साफ सुनती हैं । वो और अच्छे से मालिश करने के लिए उसकी दोनो टांगो के बीच में आकर बैठ जाती हैं ताकि वो छाती टांगो से छाती तक साथ मालिश कर सके। जैसे ही वो उसकी टांगो के बीच में आती हैं उसकी नजरे फिर से सबसे पहले उसके कड़क लंड पर पड़ती है जिसे देखते ही उसका जोश बढ़ जाता है और वो मालिश शुरू करती हैं लेकिन समर की दोनो टांगो पर क्रीम लगे होने के कारण उसे कपड़े खराब होने का डर महसूस होता है और वो अपने नाइट सुट को आंखे बंद करके निकाल देती हैं और उसका जिस्म सिर्फ एक लिंगरी में आ गया था जिसकी तनी उसके दोनो कंधो पर थी और बस वो उसकी चूचियों को छुपा आप रही थी और नीचे उसकी गान्ड पर आकर एक पेंटी के रूम में उसकी चूत को छुपा रही थी । असल में इस सेक्सी लिंगरी में उसका जिस्म छुप कम और दिख ज्यादा रहा था। उसकी बड़ी बड़ी ठोस चूचियां बाहर निकालने को बेताब थी और उसकी गान्ड तो जैसे आज पूरे उफान पर थी।
माही अभी उसकी टांगो के बीच में बैठी थी इसलिए समर उसे ध्यान से नहीं देख पा रहा था क्योंकि मजे के कारण उसका मुंह उपर की और उठा हुआ था।
 

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माही अब दोनो हाथो पर क्रीम लेती हैं और उसके पैरो को मालिश शुर करती हैं । धीरे धीरे उसके हाथ उपर की ओर उसकी जांघो तक जाने लगते हैं , जैसे ही उसके हाथ उपर की तरफ बढ़ते हैं वो आगे को हो जाती हैं जिससे उसकी नंगी टांगें समर की नंगी टांगो से टकरा जाती हैं और समर के मुंह से सिसकी निकाल पड़ती है और जैसे ही वो माही की तरफ देखता हैं उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती हैं क्योंकि उसकी पारदर्शी लिंगरी में उसकी मस्त चूचियां उपर नीचे होती हुई साफ दिख रही थी, और उनके निप्पल पूरे तन चुके थे । उफ्फ समर की तो हालत खराब हो चुकी थी , उसका लंड जोश में आकर माही की टांगो पेट पर ठोकर मर रहा था।
लंड कि रगड़ से माही की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और काम रस उसकी जांघो तक आ रहा था। फिर माही आगे बढ़ते हुए अपने दोनो हाथ उसकी छाती पर ले जाती हैं और प्यार से फिराने लगती हैं। इस बार जैसे हो वो आगे हुई गजब हो गया लंड उसकी लिंगरी के उपर से उसकी चूत पर अड गया था। इस एहसास से दोनो पागल हो चुके थे और उनकी अांहे कमरे में गूंज रही थी । अब मालिश जैसे वासना में बदल चुकी थी । एक तरफ माही की प्यासी चूत तो दूसरी तरफ समर की ज़िन्दगी का पहला एहसास।
माही जैसे ही अपने हाथ आगे ले जाती उसकी छाती पर तो लंड पूरी लंबाई में उसकी चूत से रगड़ खा रहा था और उसकी चूत से निकलता हुआ रस लंड को पूरी तरह से भिगो चुका था। माही तो जैसे मजे से पागल हो चुकी थी और समर का लंड जैसे आज लोहे का बन गया था। मालिश तो अब खतम सी हो गई थी क्योंकि वो अब माही दोनो हाथो से उसकी छाती को मसल रही थी और उसके निपल को उंगलियों में लेकर मरोड़ रही थी ।उधर समर भी अपने लंड को नीचे से माही की चूत पर रगड़ रहा था जिससे माही और उत्तेजित हो रही थी । माही तेजी से लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थी जिस करण लिंगरी उसकी चूत के होंठो पर से हट चुकी थी, जैसे ही समर को नंगी चूत का एहसास होता है वो एक हाथ नीचे लाते हुए जैसे ही माही की गांड़ उपर उठती हैं वो तेजी से अंडर वियर को नीचे खिसका देता है और और जैसे ही माही की गांड़ नीचे आती हैं तो नंगा कड़क लंड उसकी नंगी चूत के होंठो को रगड़ देता हैं । जैसे ही माही को नंगे लंड का पहला एहसास अपनी चूत पर होता है वो सिसक पड़ती है और मुंह से सिसकियां लेते हुए अपनी चूत को बुरी तरह से उसके लंड पर रगड़ने लगती हैं जिससे का धैर्य जवाब दे जाता है और वो जोश में आते हुए अपने दोनो हाथ उसके भारी चूतड़ों पर ले जाता है और उन्हें दबाने लगता है । जैसे ही उसके हाथ माही के मस्त गांड़ पर पड़ते हैं माही स्वर्ग में तैरने लगती हैं ।
माही: उफ्फ , आह सी सी आह समर आह , है भगवान कितना मजा आ रहा है ।
माही की चूत से इतना काम रस निकाल चुका था कि समर के लंड का सुपारा पूरी तरह से गीला हो चुका था । माही पागलों की स्पीड से अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ रही थी और समर भी उसके गांड़ को उपर नीचे उठने में सहयोग कर रहा था। इस बारे जैसे ही उसी चूत उपर उठती हैं लंड पुर टाइट होते हुए सीधा खड़ा हो जाता है और जिससे ही चूत पूरी तेजी से नीचे आती है तो सुपाड़ा उसकी चूत के होंठो को फैलाते हुए अंदर दबाव डालता और आधा अन्दर घुस जाता है। जैसे ही सुपाड़ा अंदर घुसता हैं माही की चूत पुट की आवाज से साथ खुल जाती हैं और उसके होंठो से एक दर्द भरी , मस्ती भरी सिसकी निकल जाती हैं और वो समर के छाती पर गिरते हुए अपने होंठ उसके होंठो से जोड़ देती हैं और उसकी चूत का बांध टूट जाता है और उसका रस निकल पड़ता हैं , जैसे ही समर को अपने लंड पर चूत रस का मस्त एहसास होता है उसका भी लंड वीर्य की बौछार कर देता हैं और वो भी दोनो हाथो में उसकी ठोस चूची भरकर दबा देता हैं साथ ही साथ उसके लिप्स को चूसने लगता है । जब तक दोनो को पिचकारी निकालती रहती हैं दोनो एक दूसरे के होंठो को जोर जोर से चूसते रहते हैं और फिर माही इसी हालत में उसकी छाती पर गिर पड़ती है और समर उसे अपनी बांहों में कसकर भर लेता है और दोनो ऐसे ही जाते हैं ।
 
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Vishald

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Very emotional and erotic update.. maja Agaya.
 
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Pta nhi

♥️🖤❤️🖤
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So erotic update bro
 
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