करण आखिरकार लोगो को समझाने में कामयाब हो गया कि उसका शहर जाना जरूरी है क्योंकि उसके ऑफिस के सारे काम छूटे हुए पड़े हैं ।
लेकिन अब समस्या थी करण के खाने की ।
यूं तो वो बाहर भी खा सकता था लेकिन घर में बाहर खाना खाने की परंपरा नहीं थी।
करण: मैं , काम्या और राम्या चल पड़ते हैं शहर और माही, समर दोनो यहीं रह जाएंगे।
काम्या: अरे समर और माही अभी बच्चे हैं और ना ही वो यहां किसी को जानते हैं इसलिए उनके साथ मेरा रहना जरूरी हैं ताकि उन्हें कोई परेशानी ना आए।"
तभी काम्या के मन में एक विचार आया और उसने राम्या से पूछा: तुम्हारी क्लास कब से शुरू हो रही है ?
राम्या: मम्मी मेरी क्लास 2 दिन बाद ही शुरू हो जाएगी और मैं नहीं चाहती कि मेरी पढ़ाई छूटे"
काम्या: तो फिर ठीक है हो गया फाइनल , राम्या आप के साथ शहर जाएगी ताकि आपको खाने की भी समस्या ना रहे और उसकी पढ़ाई भी ठीक से हो सके।
जैसे ही काम्या ने अपनी बात खत्म करी तो राम्या और कारण दोनो की आंखे एक बार मिली और ना जाने क्यों दोनो ही मुस्कुरा दिए ।
दोपहर के बाद करण और राम्या निकल पड़े शहर की तरफ।
दर असल काम्या शहर नहीं जाना चाह रही थी क्योंकि जब से उसने माही की सूजी हुई चूत देखी थी तो रह रह कर उसके मन में एक ही बात आ रही थी कि कितना लंबा और मोटा होगा समर का लंड जिसने माही की चूत का एक रात की चुदाई में ही हुलिया बिगाड़ कर रख दिया । वो कम से कम एक बार लंड के दर्शन करने का लालच अपने मन से नहीं निकाल पा रही थी। हालाकि काम्या जानती थी कि ये सब गलत हैं और उसे ऐसा नहीं सोचना चाहिए क्योंकि समर उसका अपना सगा बेटा है , लेकिन वो अपने दिल के चलते मजबूर थी।
पिछले दो महीने से उसकी चुदाई नहीं हुई थी जिस कारण उसका जिस्म जल रहा था , मादकता उसके हर अंग से टपक रही थी और कल जब से उसने माही की चूत का हाल देखा था तो उसकी चूत में तितलियां मचल रही थी इसलिए वो सही गलत का फैसला भी नहीं कर पा रही थी और सिर्फ अपनी गीली चूत की बात मान रही थी ।
पूरा दिन समर और माही कबीले में घूमते रहे और लोगो से मिलते रहे ।हर कोई उन्हें पूरा मान सम्मान और प्यार दे रहा था। एक रात अच्छे से चुद चुकी माही की प्यास रात चुदाई ना होने के कारण भड़की हुई थी तो समर का लंड तो जैसे पागल ही हो रहा था , समर को जब भी मौका मिलता वो माही की चूचियां दबा देता और उसकी गांड़ पर सहला देता जिससे उनकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी ।
काम्या पूरे दिन उनके ही साथ थी। वो जान बूझकर ऐसे दिखाती की वो उन दोनों को नहीं देख पा रही है और समर और माही इसका पूरा फायदा उठा रहे थे, वो दोनो किस करते, तो कभी माही उसका लन्ड दबा देती तो कभी समर उसकी गांड़ को भींच देता।
और उनकी ये कामुक छेड़ छाड़ देख कर काम्या की चूत भी उछल रही थी, तड़फ रही थी, मचल रही थी, ।
धीरे धीरे रात गहराने लगी और अब घर के अंदर सिर्फ काम्या , माही और समर बच गए थे।
घर में अंदर सिर्फ एक कमरा बना हुए था और बाहर एक गैलरी थी।
काम्या ने अपना बिस्तर बाहर लगा दिया और समर और माही अंदर सोने चले गए तो उन्होंने देखा कि पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ हैं और मस्त परफ्यूम की तेज गंध पूरे कमरे में फैली हुई है उफ्फ माही तो जैसे मदहोश ही हो गई और उसने समर को अपनी बांहों में भर कर अपने होंठो को उसके होंठो से चिपका दिया और चूसने लगी , समर भी कहां पीछे रहने वाला था उसने भी उसके होठ चूसते हुए अपने दोनो हाथ उसकी गांड़ पर ले जाकर जोर जोर से दबाने लगा।
किस करते करते ही दोनो के कपड़े उतरते चले गए और अब दोनो बिल्कुल नंगे थे। जल्दबाजी और पूरी दिन की तड़प की वजह से वो गेट भी बंद करना भूल गए थे।
समर ने उसे अपनी बांहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसकी चूचियां हाथो में भर कर कस कस कर दबाना शुरु कर दिया जिस कारण माही को सुख की अनुभूति होने लगी और उसकी चूत रस बहाने लगी।
समर ने उसकी एक चूची को मुंह में भर चूसना शुरू कर दिया तो माही के मुंह से तेज मादक मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी जी बाहर लेटी काम्या के कानो में पड़ी तो उसके जिस्म में हलचल मच गई। उसकी सांसे भारी होने लगी और आंखे कामवासना से लाल हो गई। उसकी चूचियां अपने आप उपर नीचे होने लगी और प्यास बढ़ने के कारण उसका गला सूखता चला गया।
समर एक हाथ से माही की चूची दबा रहा था तो दूसरी को मुंह में भर कर चूस रहा था जिससे उसकी चूत तड़पने लगी और समर का लंड भी रोड की तरह तन चुका था। लंड पूरा खड़ा होकर नीचे चूत पर अड गया था जिस करण दोनो को बहुत मजा आ रहा था और उनकी सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी।
समर ने माही की चूचियों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया तो माही का मुंह मजे से खुलता चला गया: उफ्फ, आह आह सी सी आई ई री आह खा जाओ, पूरी निचोड़ दो आज ।"
जैसे ही बाहर काम्या ने ये सब सुना तो जोश में आते हुए उसके हाथ अपने आप ही अपनी चूची दबाने लगे और उसकी दोनो जांघें आपस में रगड़ खाने लगी जिसका असर उसकी चूत पर होने लगा ।
अब काम्या भी मस्त हो चुकी थी और उसने एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत में एक उंगली पूरी घुसा दी और सिसकते हुए अंदर बाहर करने लगी ।
उधर अब समर ने अपने तपते होंठ माही की चूत पर झुका दिए और उसकी चूत चाटने लगा जिससे वो पूरी गीली हो जाए ताकि लंड आसानी से घुस जाए।
जैसे ही चूत पर समर के होठं पड़े माही के मुंह से एक तेज आह निकालती चली गई।
माही: आह , मेरी चूत, उफ्फ हाय राम री , कितना अच्छा लग रहा है, मार दो आज मुझे ,जान लेलो मेरी , चाट जाओ सारी चूत :!
माही की सिसकियां सुनकर समर के जोश बढ़ता चला गया और वो अपनी जीभ अंदर घुसा घुसा कर उसकी चूत चूसने लगा ।
काम्या से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और वो उठकर चल पड़ी उनके कमरे की तरफ।
जैसे ही वो गेट पर पहुंची खुशी से उसकी आंखे चमक उठी क्योंकि गेट अच्छा खासा खुला हुआ था और अन्दर जल रही लालटेन की रोशनी में वो दोनो पूरे नंगे साफ नजर आ रहे थे।
समर माही की चूत पर झुका हुआ था और माही ने अपने दोनो हाथो से उसका सिर अपनी चूत में घुसा रखा था ताकि समर अच्छे से उसकी चूत चूस सकें।
समर का शरीर बहुत तगड़ा लग रहा था बिल्कुल किसी सांड की तरह लेकिन एक दम परफेक्ट ।
माही: आह समर अब रहा नहीं जाता, घुसा दो अपना लन्ड मेरी चूत में जान, कल से तड़प रही है।जैसे ही समर उठा तो उसका भयंकर लंड हवा में लहराते हुए काम्या की आंखों के सामने आ गया ।
काम्या का मुंह और चूत दोनो एक साथ खुल गए लंड का आकार देख कर। है भगवान क्या ये सचमुच लंड हैं वो यकीन नहीं कर पा रही थी, कितना लंबा और मोटा है, सुपाड़ा कितना मोटा और लाल सुर्ख हैं, लंड बुरी तरह से खड़ा हुआ था जिस कारण उसकी नसे साफ उभर कर सामने आ रही थी। करण का लंड तो इसके सामने आधा ही लग रहा था काम्या को जबकि करण का लंड अच्छा खासा मोटा और लंबा था, ये माही की चूत में कैसे घूसेगा ये सोच कर ही काम्या की चूत रस छोड़ने लगी।
तभी उसकी नजर लंड में पड़ी हुई गांठो पर गई तो उसके दिल तेजी से धड़क उठा। हाय ये कैसा भालू जैसा लंड हैं मेरे बेटा का, इतनी मोटी गांठ अंदर कैसे घुसती होगी, इसलिए ही माही की चूत इतनी फैल गई है।
लंड तो बिल्कुल फस कर जाता होगा, कितना मजा आता होगा जब गांठ चूत की दीवारों को रगड़ती होगी।
ये सब सोच सोच कर काम्या का बुरा हाल हो चुका था और उसकी चूत से निकले रस के कारण उसकी जांघें पूरी गीली हो चुकी थी।
समर अपना अपना लन्ड माही की मुंह के सामने कर देता हैं तो माही उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी।
समर की आंखे मजे से बंद हो गई और उसने एक धक्का मारकर अपना आधा लंड उसके मुंह से घुसा लिया और माही का मुंह अच्छे से खुलता चला गया और वो लंड को जोर जोर से चूसने लगी।
काम्या बाहर खड़ी थी जहां पूरा अंधेरा था जिस कारण समर और माही को नहीं पता चल रहा था। काम्या ने तपड़ते हुए एक उंगली चूत में घुसा कर अच्छे से रस से गीली करके मुंह मैं डालकर चूसने लगी।
उधर माही अब बेड पर लेट चुकी थी और समर उसकी टांगो के बीच में आ चुका था।
लंड चूसे जाने के कारण आधे से ज्यादा गीला हो गया था और चूत तो जैसे आज नदिया बहा रही थी, माही ने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चूत के छेद पर रखा और नीचे से अपनी गांड़ उठाते हुए एक तेज धक्का लगाया जिससे लंड का मोटा सुपाड़ा चूत को खोलते हुए पूरा अंदर घुस गया।
माही: आह कितना मोटा है , दर्द होता है जब घुसता हैं " और धीरे धीरे अपनी गांड़ उठाते हुए सुपाड़े से ही चुदने लगी।
सुपाड़ा काम्या को साफ उसकी चूत में घुसता हुए दिखाई दिया।काम्या के मुंह से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी चूत में एक उंगली फिर से घुसा कर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
समर से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक तेज धक्का माही की चूत में मारा जिससे आधा लंड उसकी चूत में घुस गया।
माही: आह, नहीं ई ई ई , दर्द होता है उई मा री ।
और माही ने अपने दोनो हाथ उसकी गर्दन पर लपेट दिए मानो दर्द भगाने की कोशिश कर रही हो।
समर माही की सिसकी सुनकर जोश में आ गया और उसने फिर से एक धक्का लगाया तो लंड की मोटी गांठ ने चूत पर जोर डाला लेकिन अंदर नहीं घुस पाई । उफ्फ अभी तक माही की चूत लंड के आकार के हिसाब से नहीं खुल पाई थी।
काम्या माही की सिसकियां सुनकर और जोश में आती जा रही थी और वो उंगली को पूरी जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगी , उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी जिस कारण उंगली आराम से अन्दर बाहर हो रही थी और मजे से काम्या की का शरीर पूरा हिल रहा था।
उधर समर ने आधे लंड से ही उसकी चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए। लंड पूरा फस फस कर धीरे धीरे अन्दर बाहर हो रहा था जिससे माही को दर्द के साथ अब मजा भी आने लगा क्योंकि जैसे ही लंड उसकी चूत कि दीवारों से रगड़ता हुआ अंदर जाता तो माही का मुंह मजे से खुलने लगा।
माही: आह समर , उफ्फ आह कितना अच्छा लगता है लंड , और करो मेरी जान"
और अब तक उसकी चूत कुछ खुल गई थी जिससे समर तेजी से धक्के लगाने लगा, माही भी अपनी गांड़ उपर उठा कर उसका साथ देनी लगी।
अब आधा लंड आराम से घुस रहा था , माही ने समर को इशारा किया कि वो लंड पुर पूरा घुसा दे तो समर ने अपना लंड फिर से पूरा बाहर निकाल कर एक तेज धक्का लगाया लेकिन लंड की मोटी गांठ सुखी हुई होने के कारण अंदर नहीं घुस पाई , दोनो के मुंह से एक आह निकल गई।
समर: लंड पीछे से सूखा हैं पहले इसे गीला करना होगा "
और ऐसा बोलकर उसने एक उंगली माही की चूत में घुसा कर अच्छी से गीली की और उसे लंड पर फेरने लगा ताकि वो पूरा चिकना हो जाय ।
माही ने समर की आंखो में देखते हुए अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाल कर नीचे हाथ से उसके लंड पर मल दिया जिससे अब लंड पूरा चिकना हो चुका था।
अब समर ने लंड को उसकी चूत के मुंह पर लगाया और उसकी एक चूची को मुंह में भर कर एक पूरी ताकत से एक तगड़ा धक्का लगा दिया और माही ने भी अपने दांत भींच कर अपने गांड़ पूरी ताकत से लंड की तरफ उछाली जिससे लंड उसकी चूत को पूरा फाड़ते हुए फिर से अंदर घुस गया और गांठ ने उसकी चूत को पूरी तरह से फैला दिया।
माही: आह , मार गई मेरी चूत, मोटी गांठ भी घुस गई, आह सी री आह ऑफह री आह ।
जैसे ही लंड पुर अंदर घुसा काम्या की आंखे फटी की फटी रह गईं । उफ्फ कितना खौफनाक लंड हैं ये फाड़ कर रख दिया माही की चूत को और गांठ कितनी मोटी और तगड़ी हैं ।उफ्फ कितना दर्द हो रहा होगा उसे, l
उधर माही का मुंह दर्द के मारे खुल और बंद हो रहा था । दर्द बहुत ज्यादा था लेकिन मजा भी आ रहा था थोड़ा थोड़ा।
समर ने हल्का सा अपने लंड को बाहर खींचा तो चूत कि दीवार भी लंड के साथ बाहर को खींचती चली गई और समर ने फिर से अंदर धक्का मार दिया।
माही: आह समर , ऐसे ही करो , "
और माही ने भी अपनी गांड़ उठानी शुरू कर दी, समर ने अपने लंड को ताकत से बाहर खींचा तो गांठ चूत को रगड़ती हुई बाहर निकाल गई जिससे माही को बहुत मजा आया और समर ने फिर से एक ही धक्के में अपना लंड पूरा घुसा दिया जो सीधे माही की बच्चे दानी से टकराया ।
माही: आह , थोड़ा प्यार से करो , अंदर लगता हैं तो दर्द होता है , उफ्फ हाय री लंड ।
समर ने आप हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए और हर धक्के में लंड ज्यादा अंदर घुसता । कुछ धक्कों के बाद चूत लंड के हिसाब से खुल गई तो माही को महसूस हुआ कि अब मजा लेना का नंबर उसका आ गया है
उसने समर को इशारा किया और समर में एक तगड़ा धक्का लगाया तो लंड पुर जड़ तक उसकी चूत में घुसता चला गया।
माही: आह , समर , उफ्फ कितना मजा हैं , चूत री हाय, लोला मेरा लोला , और करो मेरी जान। आज तगड़ी चुदाई करो मेरी"
समर अब पूरी ताकत से लंड को अंदर बाहर करने लगा, माही भी उसका साथ देने लगी अपनी गांड़ उछाल उछाल कर।
दोनो पूरी ताकत से लगे हुए थे, समर ने एक तकिया उसकी गांड़ के नीचे रखा दिया जिससे चूत उभार कर उपर आ गई , समर ने फिर से एक धक्के मारा और लंड पुर अंदर।
माही: आह , और जोर से चोदो , मार दो मेरी चूत आज , रात से तड़प रही थी ,
समर का हर धक्का अब उसकी चूत पर पहले से ज्यादा तेज पड़ रहा था, चूत का बुरा हाल हो चुका था, लेकिन माही पूरी ताकत से चुद रही थी।
माही: आह समर जल्दी करो, तेज करो मुझे चूत में कुछ हो रहा हैं आह री
समर ने पूरी रफ्तार से उसे चोदना शुरू कर दिया और माही भी सिसकते हुए उसका साथ देने लगी।
फ़्च फ़च फ़च की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी, माही को लगने लगा कि उसका जिस्म पूरा कांप रहा है और चूत छूटने वाली हैं तो उसने जोर से अपने दोनो हाथ से समर को कसते हुए अपनी चूत लंड पर उछाल दी और झड़ती चली गई।
माही: आह मर गई मेरी चूत, आह री , ये कैसा मजा हैं, उफ्फ हाय।
काम्या ने जैसे ही माही की सिसकियां सुनी उसने अपने दो उंगलियां एक साथ चूत में घुसा ली और मजे से तड़पते हुए
अंदर बाहर करने लगी और माही के साथ ही काम्या की चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
काम्या: आह उफ़ , समर का लंड , चोद दिया मुझे मा री,
उधर जैसे ही माही का स्खलन बंद हुआ समर ने फिर से धक्के लगाने शुर कर दिए ।
माही: आह बस करो मेरी जान, दर्द होता है ,
लेकिन समर ने उसे उठा कर गान्ड से पकड़ते हुए बेड़ पर घोड़ी बनाकर झुका दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा अन्दर घुसा दिया।
माही: आह , मार ही दोगे क्या आज, क्या दुश्मनी हैं तेरी चूत से "
समर ने अपने दोनो हाथ से माही के बाल पकड़ लिए और पागलों की तरह उसकी चूत पर तगड़े धक्को की बरसात करने लगा ।
माही का चूत फिर से गर्म होने लगी और वो भी अपनी गांड़ हिलाने लगी,
समर के हर धक्के पैर ऐसा लग रहा था मानो वो खुद ही उसकी चूत में पूरा घुस जाना चाहता हो।