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जैसे ही करण कमरे के अंदर कदम रखता है एक तेज परफ्यूम की गंध उसे महसूस होती है और फिर उसकी नजर कमरे के अंदर बेड पर बैठी काम्या पर पड़ती है जो कि नाइट बल्ब की रोशनी में किसी काम देवी की तरह लग रही थी , ये देखकर करण के होंठो पर मुस्कुराहट आ जाती हैं और काम्या शर्म के मारे अपनी आंखे नीचे झुका लेती हैं , तभी करण उस उसे आवाज लगाता है ,
करण: क्या बात है आज बड़ी शर्म आ रही है मेरी जान को ,
काम्या: हटो जी आप क्या जानो शर्म का मतलब ?
करण तिरछी नजरों से देखते हुए: अब सारी रात ऐसे ही शर्माती रहोगी या मेरे पास भी आओगी मेरी बांहों में ??
और ऐसा कहकर वो अपने दोनो हाथ फैला देता है और काम्या दौड़कर उसकी बांहों में समा जाती हैं और उसके गालों पर किस की बरसात करने लगती हैं तो करण भी अपना एक हाथ उसके सिर के पीछे लाते हुए अपने होंठो को उसके रसभरे होंठो पर जैसे ही झुकाता हैं तो काम्या उस तड़पाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम देती हैं और करण के लिप उसके गालों से टकरा जाती हैं और काम्या की हंसी छूट जाती हैं तो करण भी उसे तड़पाने के लिए जोर से उसके गाल पर काट लेता है जिससे काम्या के मुंह से एक तेज सिसकारी निकल जाती हैं ।
काम्या: थोड़ा प्यार से मेरी जान , कहीं भागी नहीं जा रही हूं '
और ऐसा कहकर वो खुद ही अपने गुलाबी होंठ उसके होंठो और रख देती हैं और एक हाथ को उसकी गर्दन के पीछे लाते हुए उसके बालो में उंगली घुमाने लगती हैं तो करण भी उसके होठों पर टूट पड़ता है और उन्हें चूसने लगता है , कभी उपर वाले को चूसता हैं तो कभी नीचे वाले को,
दोनो के दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं और करण अपनी जीभ को उसके होंठ को खोलते हुए उसके मुंह के अंदर घुसा देता है और उसके मुंह का मुयाईना करने के बाद उसकी जीभ को चूसने लगता है ,काम्या जैसे हवा में उड़ने लगी थी और वो भी उसका साथ देते हुए उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाने लगती हैं जिसका असर सीधे करण के लिंग पर पड़ता है और वो अपनी औकात में आने लगता है ,
किस करते करते ही करण अपना एक हाथ पीछे ले जाकर उसके मोटे कठोर नितम्बो की सहलाने लगता हैं और साथ ही साथ हाथ में भर कर दबाने लगता है।
फिर दोनो के सांस जैसे ही उखड़ने लगती हैं तो दोनो सांस लेने के लिए रुकते हैं और फिर से लिप्स चूसना शुरू कर देते हैं , करण का लिंग पूरी तरह से खड़ा था जिसका एहसास काम्या को अपनी चूत पर हो रहा था और उसकी चूत में गीलापन आ जाता है , और वो किस तोड़कर करण के कानों में कहती है कि बेड पर ले चलो मेरी जान , अब सबर नहीं होता , और करण तुरंत उसके अपनी बांहों में किसी गुड़िया की तरह से उठा लेता है और बेड पर ले जाकर लिटा देता है और खुद उसके उपर लेट जाता है और फिर से उसके लिप्स को चूसने लगता है मानो उनमें से को मीठा रस निकल रहा हो, काम्या भी जोश में आते हुए अपने हाथ उसकी कमर पर के जाकर सहलाने लगती हैं और करण नीचे आते हुए अपने प्यास होंठ उसकी गर्दन पर रखा देता है और चूमने लगता है जिससे काम्या की चूत में गीलापन बढ़ने लगता हैं और करण अच्छी तरह से उसकी गरदन चूसने के बाद उसके बूब्स को हाथो में भरकर जोर दबाने लगता है , जो काम्या के सीने में एक मीठा तेज दर्द होने लगता हैं और उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलनी शुरू हो जाती हैं तभी करण जोश में आते हुए उसके उरोजो को जोर से दबा देता है तो काम्या के मुंह से एक दर्द भारी चींख़ निकल जाती हैं और वो शिकायती लहजे में बोलती हैं थोड़ा प्यार से मेरी जान , मारने के इरादा है क्या ?
तभी करण प्यार में आते हुए उसके होंठ चूम लेता हैं और फिर धीरे से अपने हाथ पीछे ले जाए जाते हुए उसका गाउन निकालने लगता हैं और काम्या दोनो हाथ उपर उठा कर उसकी मदद करती है , गाउन के निकलते ही काम्या सिर्फ काले रंग की ब्रा पेंटी में आ जाती हैं जिसमें उसका शरीर गजब लग रहा था, करण उसे ध्यान से जी भर कर देखता है तो पाता है कि ब्रा उसकी चूचियों पर कितनी टाइट हैं ऐसा लग रहा था मानो उन्हें वहां जबरदस्ती कैद कर दिया गया है और ज्यादा कामुक हो जाने की वजह से उसकी चूत गीली हो गई थी जिसकी एहसास उसके गीली पेंटी को देख कर आराम से हो रहा था , करण जोश में आते हुए उसकी ब्रा पेंटी को बाहर निकाल कर फेंक देता है और अपने भी कपड़े निकाल देता है अब उसके जिस्म भी सिर्फ एक अंडरवियर था जो कि आगे से उठा हुआ था ।
करण काम्या के उपर लेट जाता है और उसकी चूचियों को हाथो में भरकर प्यार से दबाने लगता हैं जिससे जोश में आते हुए काम्या अपनी चूत को उसके भयंकर रूप से खड़े हो चुके लिंग पर दबाने लगती है , करण आगे बढ़ते हुए अपने होंठो को उसकी चूचियों पर रखते हुए उन्हें चूसने लगता है तो काम्या के मुंह से आह निकलने लगती हैं
काम्या: आह आह मेरी जान , खा जाओ आज मेरी चूचियों को " देखो कैसे तड़प रही हैं आपके मुंह में आने के लिए " और ऐसा कहकर अपने सीने को उपर की ओर उभार देती हैं जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से करण के मुंह में जाने लगती है और करण भी पागलों की तरह से उसकी चूचियों को चूसने लगता है और दूसरी को हाथ में भरकर दबाने लगता है तो काम्या से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था और वो नीचे से धक्के मारते हुए अपनी चूत को उसके लंड पर पूरी जोर से मारने हैं ,
तभी करण उसके एक निप्पल को मुंह से निकालते हुए दूसरे को चूसने लगता हैं और काम्या पागलों की तरह से सिसकारी लेते हुए मजा लेने लेती हैं ।
जी भर का उसके निप्पल को चूस लेने के बाद करण नीचे आते हुए अपनी जीभ को उसकी नाभि में घुसाने लगता है जिससे काम्या का बदन कांप जाता है और उसे बहुत ज्यादा गुदगुदी होने लगती हैं और वो इधर उधर मचलने लगती हैं लेकिन करण के भारी भरकम शरीर के नीचे दबे होने के कारण वो शांत हो होने पार मजबूर हो जाती हैं तभी करण नीचे आते हुए ध्यान से उसकी चूत को देखा है जो उत्तेजना के कारण पानी पानी हो चुकी थी और बेहद खूबसूरत लग रही है उसकी टाइट चूत जिसके दोनो गुलाबी लिप्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिनमें से काम रस निकल रहा था इतनी प्यारी चूत के दोनो लिप्स को करण अपने हाथो से खोलता हैं तो एक सेक्सी आवाज के साथ चूत के लिप खुल जाते हैं और करण अपना काबू खोते हुए अपने प्यासे होंठो को उसके चूत पर जोड़ देता है ।।।
करण: क्या बात है आज बड़ी शर्म आ रही है मेरी जान को ,
काम्या: हटो जी आप क्या जानो शर्म का मतलब ?
करण तिरछी नजरों से देखते हुए: अब सारी रात ऐसे ही शर्माती रहोगी या मेरे पास भी आओगी मेरी बांहों में ??
और ऐसा कहकर वो अपने दोनो हाथ फैला देता है और काम्या दौड़कर उसकी बांहों में समा जाती हैं और उसके गालों पर किस की बरसात करने लगती हैं तो करण भी अपना एक हाथ उसके सिर के पीछे लाते हुए अपने होंठो को उसके रसभरे होंठो पर जैसे ही झुकाता हैं तो काम्या उस तड़पाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम देती हैं और करण के लिप उसके गालों से टकरा जाती हैं और काम्या की हंसी छूट जाती हैं तो करण भी उसे तड़पाने के लिए जोर से उसके गाल पर काट लेता है जिससे काम्या के मुंह से एक तेज सिसकारी निकल जाती हैं ।
काम्या: थोड़ा प्यार से मेरी जान , कहीं भागी नहीं जा रही हूं '
और ऐसा कहकर वो खुद ही अपने गुलाबी होंठ उसके होंठो और रख देती हैं और एक हाथ को उसकी गर्दन के पीछे लाते हुए उसके बालो में उंगली घुमाने लगती हैं तो करण भी उसके होठों पर टूट पड़ता है और उन्हें चूसने लगता है , कभी उपर वाले को चूसता हैं तो कभी नीचे वाले को,
दोनो के दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं और करण अपनी जीभ को उसके होंठ को खोलते हुए उसके मुंह के अंदर घुसा देता है और उसके मुंह का मुयाईना करने के बाद उसकी जीभ को चूसने लगता है ,काम्या जैसे हवा में उड़ने लगी थी और वो भी उसका साथ देते हुए उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाने लगती हैं जिसका असर सीधे करण के लिंग पर पड़ता है और वो अपनी औकात में आने लगता है ,
किस करते करते ही करण अपना एक हाथ पीछे ले जाकर उसके मोटे कठोर नितम्बो की सहलाने लगता हैं और साथ ही साथ हाथ में भर कर दबाने लगता है।
फिर दोनो के सांस जैसे ही उखड़ने लगती हैं तो दोनो सांस लेने के लिए रुकते हैं और फिर से लिप्स चूसना शुरू कर देते हैं , करण का लिंग पूरी तरह से खड़ा था जिसका एहसास काम्या को अपनी चूत पर हो रहा था और उसकी चूत में गीलापन आ जाता है , और वो किस तोड़कर करण के कानों में कहती है कि बेड पर ले चलो मेरी जान , अब सबर नहीं होता , और करण तुरंत उसके अपनी बांहों में किसी गुड़िया की तरह से उठा लेता है और बेड पर ले जाकर लिटा देता है और खुद उसके उपर लेट जाता है और फिर से उसके लिप्स को चूसने लगता है मानो उनमें से को मीठा रस निकल रहा हो, काम्या भी जोश में आते हुए अपने हाथ उसकी कमर पर के जाकर सहलाने लगती हैं और करण नीचे आते हुए अपने प्यास होंठ उसकी गर्दन पर रखा देता है और चूमने लगता है जिससे काम्या की चूत में गीलापन बढ़ने लगता हैं और करण अच्छी तरह से उसकी गरदन चूसने के बाद उसके बूब्स को हाथो में भरकर जोर दबाने लगता है , जो काम्या के सीने में एक मीठा तेज दर्द होने लगता हैं और उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलनी शुरू हो जाती हैं तभी करण जोश में आते हुए उसके उरोजो को जोर से दबा देता है तो काम्या के मुंह से एक दर्द भारी चींख़ निकल जाती हैं और वो शिकायती लहजे में बोलती हैं थोड़ा प्यार से मेरी जान , मारने के इरादा है क्या ?
तभी करण प्यार में आते हुए उसके होंठ चूम लेता हैं और फिर धीरे से अपने हाथ पीछे ले जाए जाते हुए उसका गाउन निकालने लगता हैं और काम्या दोनो हाथ उपर उठा कर उसकी मदद करती है , गाउन के निकलते ही काम्या सिर्फ काले रंग की ब्रा पेंटी में आ जाती हैं जिसमें उसका शरीर गजब लग रहा था, करण उसे ध्यान से जी भर कर देखता है तो पाता है कि ब्रा उसकी चूचियों पर कितनी टाइट हैं ऐसा लग रहा था मानो उन्हें वहां जबरदस्ती कैद कर दिया गया है और ज्यादा कामुक हो जाने की वजह से उसकी चूत गीली हो गई थी जिसकी एहसास उसके गीली पेंटी को देख कर आराम से हो रहा था , करण जोश में आते हुए उसकी ब्रा पेंटी को बाहर निकाल कर फेंक देता है और अपने भी कपड़े निकाल देता है अब उसके जिस्म भी सिर्फ एक अंडरवियर था जो कि आगे से उठा हुआ था ।
करण काम्या के उपर लेट जाता है और उसकी चूचियों को हाथो में भरकर प्यार से दबाने लगता हैं जिससे जोश में आते हुए काम्या अपनी चूत को उसके भयंकर रूप से खड़े हो चुके लिंग पर दबाने लगती है , करण आगे बढ़ते हुए अपने होंठो को उसकी चूचियों पर रखते हुए उन्हें चूसने लगता है तो काम्या के मुंह से आह निकलने लगती हैं
काम्या: आह आह मेरी जान , खा जाओ आज मेरी चूचियों को " देखो कैसे तड़प रही हैं आपके मुंह में आने के लिए " और ऐसा कहकर अपने सीने को उपर की ओर उभार देती हैं जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से करण के मुंह में जाने लगती है और करण भी पागलों की तरह से उसकी चूचियों को चूसने लगता है और दूसरी को हाथ में भरकर दबाने लगता है तो काम्या से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था और वो नीचे से धक्के मारते हुए अपनी चूत को उसके लंड पर पूरी जोर से मारने हैं ,
तभी करण उसके एक निप्पल को मुंह से निकालते हुए दूसरे को चूसने लगता हैं और काम्या पागलों की तरह से सिसकारी लेते हुए मजा लेने लेती हैं ।
जी भर का उसके निप्पल को चूस लेने के बाद करण नीचे आते हुए अपनी जीभ को उसकी नाभि में घुसाने लगता है जिससे काम्या का बदन कांप जाता है और उसे बहुत ज्यादा गुदगुदी होने लगती हैं और वो इधर उधर मचलने लगती हैं लेकिन करण के भारी भरकम शरीर के नीचे दबे होने के कारण वो शांत हो होने पार मजबूर हो जाती हैं तभी करण नीचे आते हुए ध्यान से उसकी चूत को देखा है जो उत्तेजना के कारण पानी पानी हो चुकी थी और बेहद खूबसूरत लग रही है उसकी टाइट चूत जिसके दोनो गुलाबी लिप्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं जिनमें से काम रस निकल रहा था इतनी प्यारी चूत के दोनो लिप्स को करण अपने हाथो से खोलता हैं तो एक सेक्सी आवाज के साथ चूत के लिप खुल जाते हैं और करण अपना काबू खोते हुए अपने प्यासे होंठो को उसके चूत पर जोड़ देता है ।।।