Update 12: (उधर अमित और अनीता)
अमित और अनीता जब मीटिंग हाल में पहुंचे तो सब उनका इंतजार कर रहे थे , सब ने उनको विश किया और मीटिंग शुरू करने को वॉल दिया । अनीता बहुत ही सेक्सी लग रही थी , उसको ये था की वो अपने हुस्न के जलवों से सभी इन्वेस्टर्स का को मना लेगी । मीटिंग बढ़िया चल रही थी और अमित की सारी प्रेज़न्टैशन ने सबका दिल जीत लिया था । फर्स्ट हाफ में इनका था सब डिस्कस करने का । फिर लंच टाइम हो गया । लंच टाइम में भी सब अनीता और अमित को प्रैज़ कर रहे थे की हमें आपकी कंपनी में ही इन्वेस्ट करना है । लंच होने के बाद , बाकी लोग अपना अपना कंटेन्ट दिखने लगे जो की बहुत ही सही था इनके लिए । सबके साथ डील्स फाइनल होने लगी थी बस अगले 1-2 दिन की बात और थी , सारे ईन्वेस्ट्मेंट्स फाइनल होनी थी बारी बारी से सबकी पोर्ट्फोलीओ और प्लांस डिस्कस होने थे । उस दिन की मीटिनह खत्म करके अनिल और अनीता अपने कमरे में जाने लगे । अनीता बहुत थक चुकी थी ।
वो लोग अपने कमरे की चाबी ले कर कमरे में गए, अंदर घुसते ही उनको कुछ अजीब सा लगा । कमरा बड़ा ही अच्छा था और सजाय हुआ था , कमरे में छोटा सा स्विमिंग पूल भी था , और अंदर रोमांटिक डेकरैशन की हुई थी , जैसे की किसी हनीमून कपल का कमरा हो । उनको ये अंदाज नहीं था की कमरा हनीमून कपल वाला है , पर अनीता को बड़ा अच्छा लगा । गरम पानी का पूल देख कर तो वो खुश हो गई । उस कमरे का बाथरूम शीशे वाला था जिसमे सब आर पार देखा जा सकता था किसी को नहाते हुए । और कमरे के टेबल पर कुछ सेक्सी सी मैगजीन , और गुलाब के फूल , कान्डम और सेक्सी ड्रेस रखी हुई थी , वो ड्रेस एक नव-विवाहित लड़की के लिए थी जो की बिल्कुल पारदर्शी थी, उसमे से कुछ भी छिपने वाला नहीं था बस सेक्स की अच्छा को बढ़ाने वाले कामुक कपड़े थे ।
दोनों लोग वैसे तो ये सब देख कर हैरान हुए , पर अंदर खुश भी थे ।
अमित बोला : मम्मी शायद उन्होंने हमे हनीमून कपल समझ कर ये वाला कमरा दे दिया है ।
अनित : हाँ बेटा , मुझे भी यही लग रहा है ।
अमित : तो हम कमरा बद लें क्या ?
अनीता : इसमे क्या दिक्कत है , हम ने 2 दिन तो रुकना है , और अभी मैं बहुत थक गई हूँ और मैं पूल के गरम पानी मे रेलेक्स होने जा रही हूँ , तुम भी आ जाओ ।
अमित को थोड़ा अजीब लगा की मम्मी पूल मे तो बिकीनी पहन के जाएगी और उसका लॅंड बार बार खड़ा हो रहा था कल से । अगर कुछ ऐसा वैसा हो गया तो ।
अनीता: सोच क्या रहे हो , सुबह ब्रा पेन्टी में देख तो लिया था मुझे अब नहाने के टाइम क्या दिक्कत है तुम्हें।
(अमित सोच रहा था की क्या बताऊँ मोम देख तो आप को नंगी भी लिया था )
अमित बोला : हाँ ठीक है मोम , अप चलो मैं भी चेंज करके आता हूँ ।
चेंज का नाम सुन कर जब अनीता की नजर बाथरूम पर पड़ी तो देखा की वहाँ तो सब दिख रहा है । अनीता मुस्कुराई और बोली, बेटा बाथरूम मे से भी सब दिख रहा है , वह जा के क्या फायदा यहीं पर कपड़े बदल लेते हैं अलमारी मे से तोलिया ले आओ । इतना बोलते ही अनीता ने अपना टॉप निकाल दिया और ब्रा में अमित के सामने खड़ी हो गई । अमित अपनी मम्मी को देख कर हैरान हो रहा था उर उस का लॅंड खड़ा होने लगा था । फिर उसने सोच जब सुबह मम्मी को खड़ा लॅंड दिख ही गया था तो क्या दिक्कत है । इतने में अनीता ने अपनी जीन्स निकाल दी थी और ब्रा पेन्टी मे हो गई थी । अमित से तोलिया ले कर उसने अपने आगे किया और ब्रा पेन्टी निकाल कर सिर्फ तोलिया लपेट लिया , जो की ऊपर से आधी जे ज्यादा चूचियाँ दिखा रहा था और नीचे बस चुत तक ही था । अमित ये सब देख कर गरम हो रहा था जब उसने अपनी पेंट शर्ट निकली तो उसका लॅंड उसके कछे में से फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो रहा था । अनित ये देख कर हसने लग गई और बोली , देख अपनी मम्मी को देखकर भी इससे रुक नहीं जाता । दूर ही रहना मुझ से कहीं ये अपनी हद पार न कर जाए ।
अमित ने अनीता के मम्मो की तरफ इशारा करते हुए बोला : मम्मी इसका भी क्या कसूर , आप हो ही इतनी खूबसूरत , इसने तो अपना काम करण यही है ।
अनीता : चल कोई बात नहीं बेटा , इसने तो अपना काम करना ही है , बस ये ख्याल रहे की कहीं जाने की जिद न करने लग जाए ।
अमित : वो तो मम्मी , इसकी इसकी मर्जी की बात है , की अपने आप शांत होता है या कहीं जा के , अपने आप हो जाएगा तो सही रहेगा , नहीं तो फिर इसका कुछ करना पड़ेगा ।
अनीता : चल शैतान , 2 दिन में कुछ नहीं होगा इसको, फिर तो अनु मिल जाएगी न तुम्हें , करते रहना शांत।
ये सब बातें करते करते अनीता की चुत भी गीली हो रही थी क्यूंकी 2 दिन से उसने लॅंड नहीं खाया था और अमित का लॅंड जो की अनीता के सामने थे वो बैठने का नाम नहीं ले रहा था कडक होता चल जा रहा था ।
इतने में अनीता ने बिकीनी पहनी , जो की वो साथ लेके आई थी , और वो सिर्फ उसके निप्पल ही कवर कर रही थी , मम्मो की गोलाइयाँ साफ नजर आ रही थी । और पेन्टी भी बस चुत का हिस्सा और चूतड़ों की दरार मे फसी हुई थी ।
अमित अन्डरवेर में अपना खड़ा लॅंड बार बार सेट कर रहा था , जो की सेट हो नहीं रहा था बस कडक हुआ पड़ा था । अमित ने अनीता को देख कर बोल दिया : माँ आप तो सच में मोटी हो , बस हो वहाँ वहाँ से जहां जहां से होना चाहिए ।
अनीता हसने लगी : चल बस अब मुझे घुरना बंद कर और नहाने चल पूल में , मेरे कंधे भी दबा दे थोड़ा रेलेक्स मिलेगा ।
अमित अनीता के पीछे पीछे उसकी मटकती हुई गांड देखते हुए चल रहा था । दोनों लोग को पूल मे नहाने थे छोटा सा पूल था कमरे मे बस बाथ टब से कुछ बड़ा । पहले अमित अंदर उतरा और वो अनीता को हाथ पकड़ कर धीरे धीरे अंदर लेके आ रहा था , अनीता का पैर लैस स्टेप पर फिसल और उसका बैलन्स बिगड़ गया । अमित ने अनीता को बचाने के चक्कर मे पकड़ते पकड़ते उसको पूरा दबोच लिया जिस से अमित के हाथ में उसका मम्मा आ गया और दाब गया और अनीता जा कर अमित की गोदी में गिर गई पूल के अंदर और अमित के लॅंड के ऊपर बैठ गई । इधर अमित का हाथ अनीता के एक मम्मे पर था जो की पूरा उसके हाथ से दब गया था और एक हाथ पीछे पीठ पर । अनीता का मुंह अमित की तरफ था और वो उसकी गोदी में बेठी थी। अमित का लॅंड आगे आ कर अनीता की चुत को छू रहा था और अनीता भी उसको महसूस कर पा रही थी बढ़िया से । अनीता की बिकीनी सफेद होने की वजह से गीली में से उसके निपल अमित को दिखने लगे थे, अनीता के गिरने की वजह से दोनों में एकदम से ये सब हुआ और दोनों एकदूसरे को देख रहे थे , ऊपर अमित के हाथ में अनीता का मम्मा और नीचे से उसका कडक लॅंड उसकी चुत पर दस्तक दे रहा था , दोनों की तंद्रा भंग हुई और अनीता ने कहा – सॉरी बेटा वो मेरा लास्ट स्टेप पर पैर फिसल गया था , तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं हुई न ।
अमित ने अनीता के मम्मे पर से हाथ हटाते हुए बोल : नहीं मम्मी , आप ठीक हो न ।
अनीता : मैं तो ठीक हूँ बेटा, तुम्हारी गोदी में जो बेठी हूँ , तुमने वक्त रहते तुमने मुझे संभाल लिया , वरना चोट लग जाती । इतना कहकर अनीता ने अमित के गाल पर क कर लिया और बोली , मेरा प्यार बेटा ।
इतना कह कर अंत पीछे हुई और अमित के सामने दूसरी तरफ आराम से बैठने लगी तब अनीता ने देखा की उसके मम्मे पर अमित के हाथ का निशान बन गया , एक तो उसके गोरे गोरे चुचे मोटे मोटे रस से भरे, और कोई दबा दे, निशान तो बनने ही थे और ऊपर से वो व्हाइट बिकीनी ब्रा में से अंदर साफ दिख रहे थे । वो देख कर शरमा गई और उसने देखा की अमित उसके मम्मो की तरफ ही देख रहा है , और बोली अमित बेटा – तुम्हारे हाथ तो बहुत सख्त है , मेरे निशान पड़ गया , उसने अपना माम हाथ में लेते हुए अमित को दिखते हुए बोला ।
अमित ने देखा की मम्मे पर उसकी उँगलिया छप गई थी , और बोल सॉरी मम्मी , मेरा ऐसे आपको पकड़ने का कोई इरादा नहीं था बस वो पनि में पैर फिसलने से अप एकदम झुक गई तो करके ये हाथ में आ गया था ।
अनित बोली : इट्स ओके बेटा , मैं समझ सकती हूँ। अब इस पर मालिश करनी पड़ेगी मुझे , ऐसे निशान बन जाएगा उंगलियों का ।
अमित बोल : सोने के टाइम कर लेना मोम, अभी आप रेलेक्स करो ।
इतना बोल कर वो दोनों आपमने सामने बैठ बातें कर रहे थे , अमित का ध्यान अनीता के चूचियों पर था और अनीता के पैरों पर अमित के लॅंड का महसूस हो रहा था । दोनों को पता था की वो दोनों क्या कर रहे हैं । साथ साथ एक दूसरे को देखते हुए बातें कर रहे थे और मुस्कुरा भी रहे थे । अनीता साथ साथ अपने हाथों के अपने कंधे दबा रही थी ।
इतने में अमित बोल : मम्मी आपके कंधों पर खुद क्यूँ दबा रहे हो , अपने अप से इतना सही से होता नहीं है न , मैं कर देता हु ।
अनीता मान गई और अमित के पास आई , वो अमित की तरफ पीठ करके उसके बिल्कुल पास होकर बैठ गई , अब दोनों की टांगें एक तरफ थी और अमित टी तरफ उसकी गोरी गोरी मांसल पीठ थी । अमित को थोड़ा था दूर लग रहा था तो अमित ने अनीता के आगे पेट पर हाथ डाल कर अनित को अपनी तरफ कुछ और खिसका लिया , जिससे अनीता की पीठ पर अमित का लॅंड टच करने लगा और अमित अपने हाथों के अनीता के कंधे दबाने लगा । अनित को अमित के हाथ और लॅंड छूने से अजीब सी सिसकी आ रही थी आह्ह आह्ह सईई , हाँ बेटा ऐसे ही दबाओ । अमित अब पूरे मजे से दबाने लगा था , उसका लॅंड बिल्कुल अनीता के साथ चिपका हुआ था और झटके दे रहा था ।
अमित : मम्मी आपको कैसा लग रहा है ।
अनीता : अभूत सुकून मिल रहा है बेटा बस ऐसे ही करता रह ।
अमित जब कंधों को दबा रहा था तो अनीता की ब्रा की स्ट्रैप पर उसका हाथ जा रहा था , अनीता की आँखें बंद थी , उसके हल्के हल्के स्ट्रैप साइड में कर दिए बिल्कुल कंधों के कॉर्नर पर , और फिर दबाने लगा। इस पर अनीता कुछ नहीं बोली । अनीता की चुत में अजीब से सिरहन मची हुई थी बस अब तो उससे रहा नहीं जा रहा था , उसका मन हो रहा था अपनी चुत सहलाने का । उसने जी तैसे कंट्रोल किया । इशर अमित भी कब के लॅंड पर कंट्रोल करके बैठा था , उसका लॅंड अब दुखने लग गया था इतना खड़ा रह रह कर । अनीता का सर और कंधे दबाते दबाते जो सुने ब्रा के स्ट्रैप साइड मे कीये थे वो कब नीचे चले गए पता नहीं चल , ऊपर से देखने पर अमित को अनीता के मम्मे दिख रहे थे बस ब्रा एक नाममात्र निपल पर अटकी हुई थी , जो की निपल कडक होने की वजह से खड़े हुए थे और ब्रा उन पर खड़ी थी , आधे निप्पल अमित को दिख रहे थे और सब उसक लॅंड दर्द करने लगा था ।
अनीता को शीद हल्की सी नींद आ गई थी सुकून से । अनीता एकदम से उठी और देखा की उसकी ब्रा तो बिल्कुल निकलने वाली थी । उसने बोल बस बेटा हो गया , अब चलते हैं बाहर , कहना भी खाना है हमने ।
अमित बोल ठीक है मम्मी , ये बोल कर अनीता पूल मे से निकल गई , सुकी गांड चुची और चुत साफ दख रहे थे जो की गीले की वजह से चिपक गए थे । अब वो अमित के सामने इतना शरमा नहीं रही थी । अमित जब बाहर आया उसक लॅंड अभी भी वैसे ही खड़ा था । अनीता को देख कर अजीब सा लगा की अमित इतना कितना हॉर्नी हो रहा है की अभी तक उसका लॅंड बैठने का नाम नहीं ले रहा है । अनीता ने ब्रा पेन्टी निकाल का तोलिया लपेट लिया और अमित ने भी तोलिया लपेट लिया , दोनों ने गाउन पहन लिए और खाना ऑर्डर कर दिया । और नीचे दोनों ने भी कुछ नहीं पहन था , न अनीता ने ब्रा पेन्टी और नया अमित ने कच्छा ।
अनीता बोली : बेटा आज तो तूने मेरा दर्द ही दूर कर दिया । मन करता है पूरी बॉडी मसाज ले लूँ तूझ से ।
अमित बोला अप कहो तो सही मम्मी, आपके सारी बॉडी का दर्द दूर कर दूंगा ।
अनीता उसको छेड़ते हुए बोली : बेटा मैं अनु नहीं हूँ, मुझे सिर्फ मसाज ही चाहिए , हाहाहा
अमित : आप जैसे जैसे बोलोगी जहां जहां करने को कहोगी , वैसे वैसे वहीं वहीं ही करूंगा मम्मी , जो हुकूम मेरी माँ ।
अनीता हसने लगी , और नोटिस किया की अमित का ध्यान उसके मम्मो पर ही है कब से । अनीता बोली एक बात बताओ मुझे , अमित बोल - हाँ मम्मी पूछो ।
अनीता कुछ बोलने ही लगी थी की इतने में डोरबेल बज गई और खाना आ गया कमरे में ।
वो बोली चल खाना कहा कर बाद में बातें करते हैं ।
इतने में दोनों खाना खाने लग गए ।
खाना खा कर दोनों बेड पर बैठ गए , वो बेड भी ज्यादा बड़ा नहीं था कपल के लिए बनाया गया जिस से की दोनों ज्यादा पास में सो सकें। दोनों एकदम सट कर बैठे टीवी देख रहे थे, इतने मने अमित को याद आया की अनीता कुछ पूछ रही थी , अमित ने कहाँ मम्मी आप कुछ पूछने वाली थी –
अनीता ने शरमा कर कहा की हाँ वो मैं पूछ रही थी की तुमको एक औरत में सबसे ज्यादा अच्छा क्या लगता है ।
अमित ने कहा : ये कैसा सवाल है माँ ।
अनीता ने कहा : देखो तुम शादी शुदा हो , अच्छे भला अनु के साथ मजे करते हो , और मैं तुम्हारी मम्मी हूँ , हमने दोनों को उस हालत में भी देखा है जिसमे शायद कोई माँ बेटे को बचपन में देखती है । तो हिचकिचाओ मत साफ साफ बताओ ।
अमित ने बोल : पहली बात तो मुझे सबसे अच्छे दूध लगते है , दूध के साथ खेलना, दबाना , चूसना , मुंह में भर भर कर चूसना , और दूसरी चीज वहीं जो हर कोई मर्द चाहता है ।
फिर अनीता ने पलटकर पूछ लिया : मुझ मे क्या अच्छा लगा तुम को जो सुबह से ये कडक कर रखा है ।
अमित ने कान्फिडन्स दिखाते हुए बोल दिया : वही सब आप में अछा लगता है जो मुझे अनु में अच्छा लगता है ।
ये सुन कर अनीता शरम से लाल हो गई और सोचने लगी की तभी कल से मेरे मम्मे गुरे जा रहा है , इसका भी मेरा दूध चूसने और चुत चोदने का मन कर रहा होगा । तभी अनीता ने अपनी चुची की आधा बाहर निकलते हुए कहा देखना अमित तुम्हारे हाथ का निशान ज्यादा तो नहीं लग रहा । वो अब भी लाल था । अमित ने कहा – मम्मी शायद ज्यादा जोर से दब गया था निशान तो अभी अभी है ।
अनीता ने कहा – चल मुजे कोई क्रीम देड़े , मैं लगा लेती हूँ चुची पर ।
अमित चुची शब्द सुन कर चोंक सा गया और उस ने मुसकुराते हुए अनीता के हाथ में क्रीम दे दी । अनीता ने तब तक अपनी पूरी चुची बाहर निकाल ली थी और निप्पल को अपने हाथ से धक रखा था । अनीता ने क्रीम लेते हुए दूसरे हाथ से लगाना शुरू किया । अमित ये सब देख रहा था पर अनीता से सही तरीके से लग नहीं रही थी ।
अमित बोला : मम्मी आपको लगाने में परेशानी हो रही है तो मैं लगा दूँ ।
अनीता भी यही चाह रही थी की अमित खुद पूछे लगाने को, अनीता ने तुरंत हा कर दिया और अमित को अपने पास बुलाया । अमित अनीता के बिल्कुल पास बैठ कर अपने हाथ से अनीता के मम्मे पर क्रीम लगाने लगा और हल्का हल्का दबा कर जिससे की अनीता सिहर उठी , मसाज करने लगा। अनीता का हाथ अब भी अपने निपल पर थे जो की वो अमित से छिपा रही थी और अपनी चुची अपने बेटे के सामने पूरी नंगी नहीं करना चाहती थी । अमित का लॅंड अब भी खड़ा था और अमित से सहन नहीं हो प रहा था। क्रीम लगते लगते डॉनके हाथ आपस में टच हो जाते थे , अमित ने तभी कहा – मम्मी आप अगर ये हाथ हटा लें तो अच्छे से हो जाएगा क्यूंकी निशान पूरे इस पर आगे तक भी है , वो जोर से दब गया था न ।
अनीता बोली : बता तुमको कोई परेशानी न हो तो हटा लेती हूँ । ये बोल कर अनीता ने अपनी चुची से हाथ हत्या लिया और अपनी नंगी चुची अमित के सामने कर दिया , जीसे देख कर दोनों ने आखें मिलाई और मुस्कुराने लगे ।
अमित ने पूरे हाथ में क्रीम लगा कर अच्छे से चुची को मसाज देना शुरू किया और अनीता की आँखें बंद होने लग गई थी । तभी कुछ देर मसलने के बाद अमित बोल की मम्मी आप अकेला कंबल ले कर सो जय इसके ऊपर कुछ पहनोगे तो वो सारा क्रीम उस पर लग जाएगा । अनीता को ये सुन कर सही लगा और मान गई । अनीता ने कंबल कमर तक लिया और गाउन खोल दिया और आधी वो कंबल के अंदर थी मतलब चूचियाँ उसकी अमित के सामने थी , और चुत अंदर थी , उसको ये थे की अब अमित ने नंगा तो देख ही लिया है क्या शरमाना और अमित से पेन्टी मांगने लगी । अमित ने वहाँ से उठा कर होटल वाली जाली वाली पेन्टी दे दी , अनीता ने मुसकुराते हुए वहीं पहन ली की कंबल मे ही तो सोना है । अब अनीता सिर्फ एक पेन्टी पहन कर बैठी थी , और उसकी भारी भरकम मोटी रसीली चूचियाँ अमित के सामने थी । अमित खड़ा था तो अनीता ने बोल बेट एक काम कर ये तेरा सुबह से खड़ा है , इसको जरा रेलेक्स करके आ जा बाथरूम मे से । नहीं तो रात में परेशान करेगा तुझे भी और मुझे भी । और ये बोलकर हसने लगी ।
अमित ने कहा आप साथ हो मम्मी कैसे करू, नहीं तो कब का निकल चुका होता हाथ से । अनीता ने कहा बाथरूम मे जा और मेरी तरफ पीठ करके दूसरी साइड निकाल दे । और ये क्रीम भी साथ ले जा , इस पर लगा लेना , दर्द नहीं होगा फिर रात को । अनीता बड़ी ही स्वाभाविक ऊपर से नंगी ये सब बातें कर रही थी उसको जरा सा भी ये नहीं था की दोनों चूचियाँ बेटा देख रहा है ।
अमित बात मान गया और बाथरूम में जाते अनीता की तरफ पीठ करके खड़ा हो गया और , जिस तरफ अमित का मुंह था उस तरफ मिरर लगा हुआ था तो अनीता अब अमित को नंगा देख सकती थी और पर ज्यादा नहीं , और उसको मूठ मारते हुए देखने लग गई । अमित ने क से कम आधा घंटा मूठ मार के अपना ढेर सर माल सामने वाले मिरर पर पिचकारी छोड़ दी, और अपने लॅंड को अच्छे से पानी मे ढोते हुए अपनी माँ को दिखते हुए निकर पहन कर आ गया । वो अब भी आधा खड़ा था , क्यूनी अनीता नंगी बेठी थी अपनी चूचियाँ हाथ में ले कर चेक कर रही थी और हल्का हल्का अभी भी दबा रहीथी अपने हाथों से और अपनी चुत को भी सहल रही थी जो की बहुत ही ज्यादा रस छोड़ रही थी । अमित का लॅंड देख कर अनीता को और भी जोश चढ़ गया और उसकी चुत पानी छोड़ने लगी थी ।
फिर अमित आ कर बेड पर लेट गया दोनों ने कंबल ले लिया वो भी ऊपर से आधा , अनीता आसमान की तरफ अपनी नंगी चूचियाँ करे लेती हुई थी । इतने मे दोनों ने एक साथ एकदूरसे की तरफ करवट बदली और एकदम से पास आ गए और अनीता के मम्मे अमित के बाजुओं को छूने लगे । दोनों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
अनीता ने कहा आज तो तू खुश होगा, अमित ने पूछ लिया क्यों ?
क्यूंकी आज तुझे अपने मम्मी को करीब से देखने का मौका जो मिल गया । और मुस्कुराने हुए कहने लगी की पता है तू और अमन कितना दूध पीते थे जब छोटे थे , घंटों खेलते रहते थे मेरे दोनों दूध के साथ।
अमित ने बोला : तभी तो अब भी मन करता है की मन भर कर इनको चूसने का , आप से वही वाला प्यार मिले जो बचपन में मिलता था ।
अनीता बोली : बचपन में कितना खेलते थे दूध से , दबा दबा कर दूध पीते थे , पूरा दिन बस तुम दोनों भाइयों को मेरे मम्मे अपने मुंह में चाहिए थे।
अमित : मन तो अब भी कर रहा है , अपना बचपन फिर से जीने का , माँ दूध भले ही नहीं आता , लेकिन बचपन तो वापिस आ जाएगा न ।
अनीता : दूध तो नहीं आता , पर अगर बचपन याद करना है तो बिना दूध के इनको चूसना पड़ेगा और ऐसे ही काम चलना पड़ेगा ।
अमित : कोई बात नहीं मम्मी , बिना दूध के ही सही , इतना बोल कर अमित ने चुची को अपने मुंह में भर लिया और निप्पल चूस लिया ।
ये सब कर अनीता के चुत की गर्मी उसके दिमाग पर चढ़ गई और अनीता ने आगे हो कर अमित के मुह में अपनी चुची और ठूंस दी । अमित ने नजरें मिलते हुए आराम आराम से उसे चूसना शुरू कर दिया । और दूसरी को प्यार से सहलाने लगा । दोनों इतना पास थे की अमित का लॅंड अपनी मम्मी की चुत से टकरा रहा था उर अनीता की भी मजा आ रहा था , क्यूंकी वो झीनी सी पेन्टी मे लॅंड साफ महसूस हो रहा था चुत के दाने पर । अमित ने लॅंड सेट नहीं किया और प्यार से अपनी मम्मी के दूध चूस रहा था । दोनों गरम होते जा रहे थे । अनीता अमित का सर पकड़ कर अपने मम्मो पर दबाने लग गई और साथ साथ कर रही थी सस् आह्ह आह्ह ऊफफ ऊहह ऊहह चूसो अमित और प्यार से चूसो , मेरा बेटा मेरा दूध पी रहा है आज इतने सालों बाद । आह्ह आह्ह ओह्ह ईसशह ,,, उफ्फ़ , इतने मे अनीता की चुत ने पनि छोड़ दिया और वो पेन्टी मे से बाहर आ कर अमित की निकर पर लग गया और कुछ चादर भी गीली हो गई । अमित को निकर पर गीला महसूस हुआ और वो संह गया की मम्मी की चुत का पानी है । अमित अनीता के ऊपर आ कर चूस रहा था जिससे की उसका लॅंड अंदर घुसने को हो गया था , अनीता ने बोल चल बस बेटा अब देर बहुत हो गई है हम सो जाते हैं । दोनों एक दूसरे से चिपक कर सोने लगे तो अनिल का लॅंड ठोकर मार रहा था । अनीता ने कहा : बेटा ये तो मुझे सोने नहीं दे गया , इसको शांत कर ले । अमित ने कहा : अपने भी कर लो , आपको भी कुछ हो रहा है मम्मी। दोनों सीधे लेट गए और अमित ने कंबल के अंदर ही अपना लॅंड निकर से निकाल और मूठ मारने लग गया , उधर अनीता ने अपनी हाथ पेन्टी में दल और चुत को सहलाने लग गई । दोनों मन बेटा सिसकारियाँ ले रहे थे कमरा गूंज रहा था ऊहह…. आह्ह ……ऊफफ….. ऊहह….. फक्क ……फक्क, अमित बुदबुदा रहा था मम्मी आपने मम्मे क्या रसीले हैं मजा आ गया चूस कर , अनीता भी बोल रही थी – हाँ मेरा बेटा , तेरी माँ के मम्मे हमेशा तेरे लिए है , जब मन करे चूस लेना इनको आज के बाद ।। और फिर ……ऊफफ …..आह्ह ,,,,ऊहह की आवाजों से जो की माँ बेटे के मुंह से निकल रही थी । दोनों एकसाथ झड़े और अपने अपने निकर को ऊपर छड़ाया और फिर अमित ने पास आ कर आँखें बंद करके अनीता के होंठों से अपने होंठ लगा लिए, दोनों ने 15-20 मिनट तक जबरदस्त किस किया , किस करते वक्त अमित के हाथ उसके मम्मो को सहल रहे थे और अनीता के हाथ अमित की छातियों पर , दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसे और चबाए और एक दूसरे की तरफ , एक दूसरे से चिपक गए, अमित का लॅंड अनीता ने अपनी टांगों मे ले लिया और दोनों अनगिनत बार झड़ कर थक कर सुकून की नींद सो गए .. .. .. .. .. .. .. ..