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Incest परिवार में खुला माहोल

2000yuvaan

Night king
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Update 12: (उधर अमित और अनीता)

अमित और अनीता जब मीटिंग हाल में पहुंचे तो सब उनका इंतजार कर रहे थे , सब ने उनको विश किया और मीटिंग शुरू करने को वॉल दिया । अनीता बहुत ही सेक्सी लग रही थी , उसको ये था की वो अपने हुस्न के जलवों से सभी इन्वेस्टर्स का को मना लेगी । मीटिंग बढ़िया चल रही थी और अमित की सारी प्रेज़न्टैशन ने सबका दिल जीत लिया था । फर्स्ट हाफ में इनका था सब डिस्कस करने का । फिर लंच टाइम हो गया । लंच टाइम में भी सब अनीता और अमित को प्रैज़ कर रहे थे की हमें आपकी कंपनी में ही इन्वेस्ट करना है । लंच होने के बाद , बाकी लोग अपना अपना कंटेन्ट दिखने लगे जो की बहुत ही सही था इनके लिए । सबके साथ डील्स फाइनल होने लगी थी बस अगले 1-2 दिन की बात और थी , सारे ईन्वेस्ट्मेंट्स फाइनल होनी थी बारी बारी से सबकी पोर्ट्फोलीओ और प्लांस डिस्कस होने थे । उस दिन की मीटिनह खत्म करके अनिल और अनीता अपने कमरे में जाने लगे । अनीता बहुत थक चुकी थी ।

वो लोग अपने कमरे की चाबी ले कर कमरे में गए, अंदर घुसते ही उनको कुछ अजीब सा लगा । कमरा बड़ा ही अच्छा था और सजाय हुआ था , कमरे में छोटा सा स्विमिंग पूल भी था , और अंदर रोमांटिक डेकरैशन की हुई थी , जैसे की किसी हनीमून कपल का कमरा हो । उनको ये अंदाज नहीं था की कमरा हनीमून कपल वाला है , पर अनीता को बड़ा अच्छा लगा । गरम पानी का पूल देख कर तो वो खुश हो गई । उस कमरे का बाथरूम शीशे वाला था जिसमे सब आर पार देखा जा सकता था किसी को नहाते हुए । और कमरे के टेबल पर कुछ सेक्सी सी मैगजीन , और गुलाब के फूल , कान्डम और सेक्सी ड्रेस रखी हुई थी , वो ड्रेस एक नव-विवाहित लड़की के लिए थी जो की बिल्कुल पारदर्शी थी, उसमे से कुछ भी छिपने वाला नहीं था बस सेक्स की अच्छा को बढ़ाने वाले कामुक कपड़े थे ।

दोनों लोग वैसे तो ये सब देख कर हैरान हुए , पर अंदर खुश भी थे ।

अमित बोला : मम्मी शायद उन्होंने हमे हनीमून कपल समझ कर ये वाला कमरा दे दिया है ।

अनित : हाँ बेटा , मुझे भी यही लग रहा है ।

अमित : तो हम कमरा बद लें क्या ?

अनीता : इसमे क्या दिक्कत है , हम ने 2 दिन तो रुकना है , और अभी मैं बहुत थक गई हूँ और मैं पूल के गरम पानी मे रेलेक्स होने जा रही हूँ , तुम भी आ जाओ ।

अमित को थोड़ा अजीब लगा की मम्मी पूल मे तो बिकीनी पहन के जाएगी और उसका लॅंड बार बार खड़ा हो रहा था कल से । अगर कुछ ऐसा वैसा हो गया तो ।

अनीता: सोच क्या रहे हो , सुबह ब्रा पेन्टी में देख तो लिया था मुझे अब नहाने के टाइम क्या दिक्कत है तुम्हें।

(अमित सोच रहा था की क्या बताऊँ मोम देख तो आप को नंगी भी लिया था )

अमित बोला : हाँ ठीक है मोम , अप चलो मैं भी चेंज करके आता हूँ ।

चेंज का नाम सुन कर जब अनीता की नजर बाथरूम पर पड़ी तो देखा की वहाँ तो सब दिख रहा है । अनीता मुस्कुराई और बोली, बेटा बाथरूम मे से भी सब दिख रहा है , वह जा के क्या फायदा यहीं पर कपड़े बदल लेते हैं अलमारी मे से तोलिया ले आओ । इतना बोलते ही अनीता ने अपना टॉप निकाल दिया और ब्रा में अमित के सामने खड़ी हो गई । अमित अपनी मम्मी को देख कर हैरान हो रहा था उर उस का लॅंड खड़ा होने लगा था । फिर उसने सोच जब सुबह मम्मी को खड़ा लॅंड दिख ही गया था तो क्या दिक्कत है । इतने में अनीता ने अपनी जीन्स निकाल दी थी और ब्रा पेन्टी मे हो गई थी । अमित से तोलिया ले कर उसने अपने आगे किया और ब्रा पेन्टी निकाल कर सिर्फ तोलिया लपेट लिया , जो की ऊपर से आधी जे ज्यादा चूचियाँ दिखा रहा था और नीचे बस चुत तक ही था । अमित ये सब देख कर गरम हो रहा था जब उसने अपनी पेंट शर्ट निकली तो उसका लॅंड उसके कछे में से फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो रहा था । अनित ये देख कर हसने लग गई और बोली , देख अपनी मम्मी को देखकर भी इससे रुक नहीं जाता । दूर ही रहना मुझ से कहीं ये अपनी हद पार न कर जाए ।

अमित ने अनीता के मम्मो की तरफ इशारा करते हुए बोला : मम्मी इसका भी क्या कसूर , आप हो ही इतनी खूबसूरत , इसने तो अपना काम करण यही है ।

अनीता : चल कोई बात नहीं बेटा , इसने तो अपना काम करना ही है , बस ये ख्याल रहे की कहीं जाने की जिद न करने लग जाए ।

अमित : वो तो मम्मी , इसकी इसकी मर्जी की बात है , की अपने आप शांत होता है या कहीं जा के , अपने आप हो जाएगा तो सही रहेगा , नहीं तो फिर इसका कुछ करना पड़ेगा ।

अनीता : चल शैतान , 2 दिन में कुछ नहीं होगा इसको, फिर तो अनु मिल जाएगी न तुम्हें , करते रहना शांत।

ये सब बातें करते करते अनीता की चुत भी गीली हो रही थी क्यूंकी 2 दिन से उसने लॅंड नहीं खाया था और अमित का लॅंड जो की अनीता के सामने थे वो बैठने का नाम नहीं ले रहा था कडक होता चल जा रहा था ।

इतने में अनीता ने बिकीनी पहनी , जो की वो साथ लेके आई थी , और वो सिर्फ उसके निप्पल ही कवर कर रही थी , मम्मो की गोलाइयाँ साफ नजर आ रही थी । और पेन्टी भी बस चुत का हिस्सा और चूतड़ों की दरार मे फसी हुई थी ।

अमित अन्डरवेर में अपना खड़ा लॅंड बार बार सेट कर रहा था , जो की सेट हो नहीं रहा था बस कडक हुआ पड़ा था । अमित ने अनीता को देख कर बोल दिया : माँ आप तो सच में मोटी हो , बस हो वहाँ वहाँ से जहां जहां से होना चाहिए ।

अनीता हसने लगी : चल बस अब मुझे घुरना बंद कर और नहाने चल पूल में , मेरे कंधे भी दबा दे थोड़ा रेलेक्स मिलेगा ।

अमित अनीता के पीछे पीछे उसकी मटकती हुई गांड देखते हुए चल रहा था । दोनों लोग को पूल मे नहाने थे छोटा सा पूल था कमरे मे बस बाथ टब से कुछ बड़ा । पहले अमित अंदर उतरा और वो अनीता को हाथ पकड़ कर धीरे धीरे अंदर लेके आ रहा था , अनीता का पैर लैस स्टेप पर फिसल और उसका बैलन्स बिगड़ गया । अमित ने अनीता को बचाने के चक्कर मे पकड़ते पकड़ते उसको पूरा दबोच लिया जिस से अमित के हाथ में उसका मम्मा आ गया और दाब गया और अनीता जा कर अमित की गोदी में गिर गई पूल के अंदर और अमित के लॅंड के ऊपर बैठ गई । इधर अमित का हाथ अनीता के एक मम्मे पर था जो की पूरा उसके हाथ से दब गया था और एक हाथ पीछे पीठ पर । अनीता का मुंह अमित की तरफ था और वो उसकी गोदी में बेठी थी। अमित का लॅंड आगे आ कर अनीता की चुत को छू रहा था और अनीता भी उसको महसूस कर पा रही थी बढ़िया से । अनीता की बिकीनी सफेद होने की वजह से गीली में से उसके निपल अमित को दिखने लगे थे, अनीता के गिरने की वजह से दोनों में एकदम से ये सब हुआ और दोनों एकदूसरे को देख रहे थे , ऊपर अमित के हाथ में अनीता का मम्मा और नीचे से उसका कडक लॅंड उसकी चुत पर दस्तक दे रहा था , दोनों की तंद्रा भंग हुई और अनीता ने कहा – सॉरी बेटा वो मेरा लास्ट स्टेप पर पैर फिसल गया था , तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं हुई न ।

अमित ने अनीता के मम्मे पर से हाथ हटाते हुए बोल : नहीं मम्मी , आप ठीक हो न ।

अनीता : मैं तो ठीक हूँ बेटा, तुम्हारी गोदी में जो बेठी हूँ , तुमने वक्त रहते तुमने मुझे संभाल लिया , वरना चोट लग जाती । इतना कहकर अनीता ने अमित के गाल पर क कर लिया और बोली , मेरा प्यार बेटा ।

इतना कह कर अंत पीछे हुई और अमित के सामने दूसरी तरफ आराम से बैठने लगी तब अनीता ने देखा की उसके मम्मे पर अमित के हाथ का निशान बन गया , एक तो उसके गोरे गोरे चुचे मोटे मोटे रस से भरे, और कोई दबा दे, निशान तो बनने ही थे और ऊपर से वो व्हाइट बिकीनी ब्रा में से अंदर साफ दिख रहे थे । वो देख कर शरमा गई और उसने देखा की अमित उसके मम्मो की तरफ ही देख रहा है , और बोली अमित बेटा – तुम्हारे हाथ तो बहुत सख्त है , मेरे निशान पड़ गया , उसने अपना माम हाथ में लेते हुए अमित को दिखते हुए बोला ।

अमित ने देखा की मम्मे पर उसकी उँगलिया छप गई थी , और बोल सॉरी मम्मी , मेरा ऐसे आपको पकड़ने का कोई इरादा नहीं था बस वो पनि में पैर फिसलने से अप एकदम झुक गई तो करके ये हाथ में आ गया था ।

अनित बोली : इट्स ओके बेटा , मैं समझ सकती हूँ। अब इस पर मालिश करनी पड़ेगी मुझे , ऐसे निशान बन जाएगा उंगलियों का ।

अमित बोल : सोने के टाइम कर लेना मोम, अभी आप रेलेक्स करो ।

इतना बोल कर वो दोनों आपमने सामने बैठ बातें कर रहे थे , अमित का ध्यान अनीता के चूचियों पर था और अनीता के पैरों पर अमित के लॅंड का महसूस हो रहा था । दोनों को पता था की वो दोनों क्या कर रहे हैं । साथ साथ एक दूसरे को देखते हुए बातें कर रहे थे और मुस्कुरा भी रहे थे । अनीता साथ साथ अपने हाथों के अपने कंधे दबा रही थी ।

इतने में अमित बोल : मम्मी आपके कंधों पर खुद क्यूँ दबा रहे हो , अपने अप से इतना सही से होता नहीं है न , मैं कर देता हु ।

अनीता मान गई और अमित के पास आई , वो अमित की तरफ पीठ करके उसके बिल्कुल पास होकर बैठ गई , अब दोनों की टांगें एक तरफ थी और अमित टी तरफ उसकी गोरी गोरी मांसल पीठ थी । अमित को थोड़ा था दूर लग रहा था तो अमित ने अनीता के आगे पेट पर हाथ डाल कर अनित को अपनी तरफ कुछ और खिसका लिया , जिससे अनीता की पीठ पर अमित का लॅंड टच करने लगा और अमित अपने हाथों के अनीता के कंधे दबाने लगा । अनित को अमित के हाथ और लॅंड छूने से अजीब सी सिसकी आ रही थी आह्ह आह्ह सईई , हाँ बेटा ऐसे ही दबाओ । अमित अब पूरे मजे से दबाने लगा था , उसका लॅंड बिल्कुल अनीता के साथ चिपका हुआ था और झटके दे रहा था ।

अमित : मम्मी आपको कैसा लग रहा है ।

अनीता : अभूत सुकून मिल रहा है बेटा बस ऐसे ही करता रह ।

अमित जब कंधों को दबा रहा था तो अनीता की ब्रा की स्ट्रैप पर उसका हाथ जा रहा था , अनीता की आँखें बंद थी , उसके हल्के हल्के स्ट्रैप साइड में कर दिए बिल्कुल कंधों के कॉर्नर पर , और फिर दबाने लगा। इस पर अनीता कुछ नहीं बोली । अनीता की चुत में अजीब से सिरहन मची हुई थी बस अब तो उससे रहा नहीं जा रहा था , उसका मन हो रहा था अपनी चुत सहलाने का । उसने जी तैसे कंट्रोल किया । इशर अमित भी कब के लॅंड पर कंट्रोल करके बैठा था , उसका लॅंड अब दुखने लग गया था इतना खड़ा रह रह कर । अनीता का सर और कंधे दबाते दबाते जो सुने ब्रा के स्ट्रैप साइड मे कीये थे वो कब नीचे चले गए पता नहीं चल , ऊपर से देखने पर अमित को अनीता के मम्मे दिख रहे थे बस ब्रा एक नाममात्र निपल पर अटकी हुई थी , जो की निपल कडक होने की वजह से खड़े हुए थे और ब्रा उन पर खड़ी थी , आधे निप्पल अमित को दिख रहे थे और सब उसक लॅंड दर्द करने लगा था ।

अनीता को शीद हल्की सी नींद आ गई थी सुकून से । अनीता एकदम से उठी और देखा की उसकी ब्रा तो बिल्कुल निकलने वाली थी । उसने बोल बस बेटा हो गया , अब चलते हैं बाहर , कहना भी खाना है हमने ।

अमित बोल ठीक है मम्मी , ये बोल कर अनीता पूल मे से निकल गई , सुकी गांड चुची और चुत साफ दख रहे थे जो की गीले की वजह से चिपक गए थे । अब वो अमित के सामने इतना शरमा नहीं रही थी । अमित जब बाहर आया उसक लॅंड अभी भी वैसे ही खड़ा था । अनीता को देख कर अजीब सा लगा की अमित इतना कितना हॉर्नी हो रहा है की अभी तक उसका लॅंड बैठने का नाम नहीं ले रहा है । अनीता ने ब्रा पेन्टी निकाल का तोलिया लपेट लिया और अमित ने भी तोलिया लपेट लिया , दोनों ने गाउन पहन लिए और खाना ऑर्डर कर दिया । और नीचे दोनों ने भी कुछ नहीं पहन था , न अनीता ने ब्रा पेन्टी और नया अमित ने कच्छा ।

अनीता बोली : बेटा आज तो तूने मेरा दर्द ही दूर कर दिया । मन करता है पूरी बॉडी मसाज ले लूँ तूझ से ।

अमित बोला अप कहो तो सही मम्मी, आपके सारी बॉडी का दर्द दूर कर दूंगा ।

अनीता उसको छेड़ते हुए बोली : बेटा मैं अनु नहीं हूँ, मुझे सिर्फ मसाज ही चाहिए , हाहाहा

अमित : आप जैसे जैसे बोलोगी जहां जहां करने को कहोगी , वैसे वैसे वहीं वहीं ही करूंगा मम्मी , जो हुकूम मेरी माँ ।

अनीता हसने लगी , और नोटिस किया की अमित का ध्यान उसके मम्मो पर ही है कब से । अनीता बोली एक बात बताओ मुझे , अमित बोल - हाँ मम्मी पूछो ।

अनीता कुछ बोलने ही लगी थी की इतने में डोरबेल बज गई और खाना आ गया कमरे में ।

वो बोली चल खाना कहा कर बाद में बातें करते हैं ।

इतने में दोनों खाना खाने लग गए ।

खाना खा कर दोनों बेड पर बैठ गए , वो बेड भी ज्यादा बड़ा नहीं था कपल के लिए बनाया गया जिस से की दोनों ज्यादा पास में सो सकें। दोनों एकदम सट कर बैठे टीवी देख रहे थे, इतने मने अमित को याद आया की अनीता कुछ पूछ रही थी , अमित ने कहाँ मम्मी आप कुछ पूछने वाली थी –

अनीता ने शरमा कर कहा की हाँ वो मैं पूछ रही थी की तुमको एक औरत में सबसे ज्यादा अच्छा क्या लगता है ।

अमित ने कहा : ये कैसा सवाल है माँ ।

अनीता ने कहा : देखो तुम शादी शुदा हो , अच्छे भला अनु के साथ मजे करते हो , और मैं तुम्हारी मम्मी हूँ , हमने दोनों को उस हालत में भी देखा है जिसमे शायद कोई माँ बेटे को बचपन में देखती है । तो हिचकिचाओ मत साफ साफ बताओ ।

अमित ने बोल : पहली बात तो मुझे सबसे अच्छे दूध लगते है , दूध के साथ खेलना, दबाना , चूसना , मुंह में भर भर कर चूसना , और दूसरी चीज वहीं जो हर कोई मर्द चाहता है ।

फिर अनीता ने पलटकर पूछ लिया : मुझ मे क्या अच्छा लगा तुम को जो सुबह से ये कडक कर रखा है ।

अमित ने कान्फिडन्स दिखाते हुए बोल दिया : वही सब आप में अछा लगता है जो मुझे अनु में अच्छा लगता है ।

ये सुन कर अनीता शरम से लाल हो गई और सोचने लगी की तभी कल से मेरे मम्मे गुरे जा रहा है , इसका भी मेरा दूध चूसने और चुत चोदने का मन कर रहा होगा । तभी अनीता ने अपनी चुची की आधा बाहर निकलते हुए कहा देखना अमित तुम्हारे हाथ का निशान ज्यादा तो नहीं लग रहा । वो अब भी लाल था । अमित ने कहा – मम्मी शायद ज्यादा जोर से दब गया था निशान तो अभी अभी है ।

अनीता ने कहा – चल मुजे कोई क्रीम देड़े , मैं लगा लेती हूँ चुची पर ।

अमित चुची शब्द सुन कर चोंक सा गया और उस ने मुसकुराते हुए अनीता के हाथ में क्रीम दे दी । अनीता ने तब तक अपनी पूरी चुची बाहर निकाल ली थी और निप्पल को अपने हाथ से धक रखा था । अनीता ने क्रीम लेते हुए दूसरे हाथ से लगाना शुरू किया । अमित ये सब देख रहा था पर अनीता से सही तरीके से लग नहीं रही थी ।

अमित बोला : मम्मी आपको लगाने में परेशानी हो रही है तो मैं लगा दूँ ।

अनीता भी यही चाह रही थी की अमित खुद पूछे लगाने को, अनीता ने तुरंत हा कर दिया और अमित को अपने पास बुलाया । अमित अनीता के बिल्कुल पास बैठ कर अपने हाथ से अनीता के मम्मे पर क्रीम लगाने लगा और हल्का हल्का दबा कर जिससे की अनीता सिहर उठी , मसाज करने लगा। अनीता का हाथ अब भी अपने निपल पर थे जो की वो अमित से छिपा रही थी और अपनी चुची अपने बेटे के सामने पूरी नंगी नहीं करना चाहती थी । अमित का लॅंड अब भी खड़ा था और अमित से सहन नहीं हो प रहा था। क्रीम लगते लगते डॉनके हाथ आपस में टच हो जाते थे , अमित ने तभी कहा – मम्मी आप अगर ये हाथ हटा लें तो अच्छे से हो जाएगा क्यूंकी निशान पूरे इस पर आगे तक भी है , वो जोर से दब गया था न ।

अनीता बोली : बता तुमको कोई परेशानी न हो तो हटा लेती हूँ । ये बोल कर अनीता ने अपनी चुची से हाथ हत्या लिया और अपनी नंगी चुची अमित के सामने कर दिया , जीसे देख कर दोनों ने आखें मिलाई और मुस्कुराने लगे ।


अमित ने पूरे हाथ में क्रीम लगा कर अच्छे से चुची को मसाज देना शुरू किया और अनीता की आँखें बंद होने लग गई थी । तभी कुछ देर मसलने के बाद अमित बोल की मम्मी आप अकेला कंबल ले कर सो जय इसके ऊपर कुछ पहनोगे तो वो सारा क्रीम उस पर लग जाएगा । अनीता को ये सुन कर सही लगा और मान गई । अनीता ने कंबल कमर तक लिया और गाउन खोल दिया और आधी वो कंबल के अंदर थी मतलब चूचियाँ उसकी अमित के सामने थी , और चुत अंदर थी , उसको ये थे की अब अमित ने नंगा तो देख ही लिया है क्या शरमाना और अमित से पेन्टी मांगने लगी । अमित ने वहाँ से उठा कर होटल वाली जाली वाली पेन्टी दे दी , अनीता ने मुसकुराते हुए वहीं पहन ली की कंबल मे ही तो सोना है । अब अनीता सिर्फ एक पेन्टी पहन कर बैठी थी , और उसकी भारी भरकम मोटी रसीली चूचियाँ अमित के सामने थी । अमित खड़ा था तो अनीता ने बोल बेट एक काम कर ये तेरा सुबह से खड़ा है , इसको जरा रेलेक्स करके आ जा बाथरूम मे से । नहीं तो रात में परेशान करेगा तुझे भी और मुझे भी । और ये बोलकर हसने लगी ।

अमित ने कहा आप साथ हो मम्मी कैसे करू, नहीं तो कब का निकल चुका होता हाथ से । अनीता ने कहा बाथरूम मे जा और मेरी तरफ पीठ करके दूसरी साइड निकाल दे । और ये क्रीम भी साथ ले जा , इस पर लगा लेना , दर्द नहीं होगा फिर रात को । अनीता बड़ी ही स्वाभाविक ऊपर से नंगी ये सब बातें कर रही थी उसको जरा सा भी ये नहीं था की दोनों चूचियाँ बेटा देख रहा है ।

अमित बात मान गया और बाथरूम में जाते अनीता की तरफ पीठ करके खड़ा हो गया और , जिस तरफ अमित का मुंह था उस तरफ मिरर लगा हुआ था तो अनीता अब अमित को नंगा देख सकती थी और पर ज्यादा नहीं , और उसको मूठ मारते हुए देखने लग गई । अमित ने क से कम आधा घंटा मूठ मार के अपना ढेर सर माल सामने वाले मिरर पर पिचकारी छोड़ दी, और अपने लॅंड को अच्छे से पानी मे ढोते हुए अपनी माँ को दिखते हुए निकर पहन कर आ गया । वो अब भी आधा खड़ा था , क्यूनी अनीता नंगी बेठी थी अपनी चूचियाँ हाथ में ले कर चेक कर रही थी और हल्का हल्का अभी भी दबा रहीथी अपने हाथों से और अपनी चुत को भी सहल रही थी जो की बहुत ही ज्यादा रस छोड़ रही थी । अमित का लॅंड देख कर अनीता को और भी जोश चढ़ गया और उसकी चुत पानी छोड़ने लगी थी ।

फिर अमित आ कर बेड पर लेट गया दोनों ने कंबल ले लिया वो भी ऊपर से आधा , अनीता आसमान की तरफ अपनी नंगी चूचियाँ करे लेती हुई थी । इतने मे दोनों ने एक साथ एकदूरसे की तरफ करवट बदली और एकदम से पास आ गए और अनीता के मम्मे अमित के बाजुओं को छूने लगे । दोनों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

अनीता ने कहा आज तो तू खुश होगा, अमित ने पूछ लिया क्यों ?

क्यूंकी आज तुझे अपने मम्मी को करीब से देखने का मौका जो मिल गया । और मुस्कुराने हुए कहने लगी की पता है तू और अमन कितना दूध पीते थे जब छोटे थे , घंटों खेलते रहते थे मेरे दोनों दूध के साथ।

अमित ने बोला : तभी तो अब भी मन करता है की मन भर कर इनको चूसने का , आप से वही वाला प्यार मिले जो बचपन में मिलता था ।

अनीता बोली : बचपन में कितना खेलते थे दूध से , दबा दबा कर दूध पीते थे , पूरा दिन बस तुम दोनों भाइयों को मेरे मम्मे अपने मुंह में चाहिए थे।

अमित : मन तो अब भी कर रहा है , अपना बचपन फिर से जीने का , माँ दूध भले ही नहीं आता , लेकिन बचपन तो वापिस आ जाएगा न ।

अनीता : दूध तो नहीं आता , पर अगर बचपन याद करना है तो बिना दूध के इनको चूसना पड़ेगा और ऐसे ही काम चलना पड़ेगा ।
अमित : कोई बात नहीं मम्मी , बिना दूध के ही सही , इतना बोल कर अमित ने चुची को अपने मुंह में भर लिया और निप्पल चूस लिया ।

ये सब कर अनीता के चुत की गर्मी उसके दिमाग पर चढ़ गई और अनीता ने आगे हो कर अमित के मुह में अपनी चुची और ठूंस दी । अमित ने नजरें मिलते हुए आराम आराम से उसे चूसना शुरू कर दिया । और दूसरी को प्यार से सहलाने लगा । दोनों इतना पास थे की अमित का लॅंड अपनी मम्मी की चुत से टकरा रहा था उर अनीता की भी मजा आ रहा था , क्यूंकी वो झीनी सी पेन्टी मे लॅंड साफ महसूस हो रहा था चुत के दाने पर । अमित ने लॅंड सेट नहीं किया और प्यार से अपनी मम्मी के दूध चूस रहा था । दोनों गरम होते जा रहे थे । अनीता अमित का सर पकड़ कर अपने मम्मो पर दबाने लग गई और साथ साथ कर रही थी सस् आह्ह आह्ह ऊफफ ऊहह ऊहह चूसो अमित और प्यार से चूसो , मेरा बेटा मेरा दूध पी रहा है आज इतने सालों बाद । आह्ह आह्ह ओह्ह ईसशह ,,, उफ्फ़ , इतने मे अनीता की चुत ने पनि छोड़ दिया और वो पेन्टी मे से बाहर आ कर अमित की निकर पर लग गया और कुछ चादर भी गीली हो गई । अमित को निकर पर गीला महसूस हुआ और वो संह गया की मम्मी की चुत का पानी है । अमित अनीता के ऊपर आ कर चूस रहा था जिससे की उसका लॅंड अंदर घुसने को हो गया था , अनीता ने बोल चल बस बेटा अब देर बहुत हो गई है हम सो जाते हैं । दोनों एक दूसरे से चिपक कर सोने लगे तो अनिल का लॅंड ठोकर मार रहा था । अनीता ने कहा : बेटा ये तो मुझे सोने नहीं दे गया , इसको शांत कर ले । अमित ने कहा : अपने भी कर लो , आपको भी कुछ हो रहा है मम्मी। दोनों सीधे लेट गए और अमित ने कंबल के अंदर ही अपना लॅंड निकर से निकाल और मूठ मारने लग गया , उधर अनीता ने अपनी हाथ पेन्टी में दल और चुत को सहलाने लग गई । दोनों मन बेटा सिसकारियाँ ले रहे थे कमरा गूंज रहा था ऊहह…. आह्ह ……ऊफफ….. ऊहह….. फक्क ……फक्क, अमित बुदबुदा रहा था मम्मी आपने मम्मे क्या रसीले हैं मजा आ गया चूस कर , अनीता भी बोल रही थी – हाँ मेरा बेटा , तेरी माँ के मम्मे हमेशा तेरे लिए है , जब मन करे चूस लेना इनको आज के बाद ।। और फिर ……ऊफफ …..आह्ह ,,,,ऊहह की आवाजों से जो की माँ बेटे के मुंह से निकल रही थी । दोनों एकसाथ झड़े और अपने अपने निकर को ऊपर छड़ाया और फिर अमित ने पास आ कर आँखें बंद करके अनीता के होंठों से अपने होंठ लगा लिए, दोनों ने 15-20 मिनट तक जबरदस्त किस किया , किस करते वक्त अमित के हाथ उसके मम्मो को सहल रहे थे और अनीता के हाथ अमित की छातियों पर , दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसे और चबाए और एक दूसरे की तरफ , एक दूसरे से चिपक गए, अमित का लॅंड अनीता ने अपनी टांगों मे ले लिया और दोनों अनगिनत बार झड़ कर थक कर सुकून की नींद सो गए .. .. .. .. .. .. .. ..
Update 13 amit ओर अनिता मेरे verision में
 

2000yuvaan

Night king
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Update 13 amit ओर अनिता मेरे verision में
update 13
Subhah hui amit utha or dekhata h ki uski mom abhi bhi so rhi h
Vo use bina jagae socha ab aram se jakeke naha lu varna is kaach ke bathroom me sab aar paar dikhega to me jake bathroom me nahane chala gya
Mene sare kapade utare or nanga bathroom me naha rha tha aram se

or ab anitaa bhi uth chuki thi lekin vo uthi to dekha rhi thi lete lete ki uske betw ka land kitna bada h andaza lagate hue hue sochati h 12 inch ka to hoga kitna bada h bc kafi badaa h iske papa ka to 8 ka hi h ..
mere to muh me pani aa gyaa 💦 kaash ye mujhe mil jata to me kabhi ise nikalti hi nhi

Udhar amita naha ke dekhata h Ki vo bathroom me na to tolia lekw aya na hi chaddi .. to socha koi na mom to so rhi h ab jake bahar ata h nanga hi or anita sochati h is moke ka fayada uthaya jae taki uska betha khul jae usake same apna hatiyar dikhane ko jese hi vo samne se ata h anita uth jati h or anita dekhati or amit ek doosre ko dekhate h
Amit shocked aab.
Amit abne bade se land ko harho se chhupane ki nakam kosis karta h lekin usta land itna bada hota h chhupta nhi h
Anita tabhi bol adti h
Koi bat nhi beta mene tujhe bachapan me nanga dekha h koi bat nhi
Amit bolta h lekin mom ab me chhota nhi hu
Anita - haa pata h tera ye hatiyar bahut bada ho gyaa h
Amit sarma jata h
Anita beta achhi bat h ye itna bada h meri bahu bahut khush rahati hogii ise apni us me leke
Amit - mummyyyh kya ap bhi naa
Papa ka nhi h itna bada
Bol ke apna hath hata leta h
Anita ab amit ke pas thi
Amit pas aa gya tha
Anita ka muh khula ka khula 👄 rah jata h
Or bolti h nhi h beta
Amit - achha
Anita vese 12 invh la hoga na ye
Amit - mom apko abhi lag rha h jab me or apki bahu karte h tab ye 16.5 ka ho jata h
Anita - kyaaaa itna bada mota bhi ho jata hoga h anita ki chut subah subah pani bahane lagti h or amit dekh rha hota h kyu ki iski panty itni chhoti thi ki usme se uska pani 💧 tapakne lagta h
Amit -sorry mom mujhe lagta h apki halat shi nhi h subhah subhah apko dikha dia
Anita - halat to meri bahu ki kharab hoti hoga beta
Amit - haa mummy bahut agale din chalna muskil ho jata h uska
Anita - sochate hue kaash mere din bhi aae
Or haste hue bolti h
Achha h tere papa ka itna bada nhi h nhi to me mar hi jati
 

Pal bhai

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हैलो दोस्तों , आज मैं आपके सामने एक कहानी लेके आने वाला हूँ । मैं इस वेबसाईट पर नया हूँ और इससे पहले कई कहानियाँ पढ़ी हैं । तो मैंने सोचा मैं भी कोशिश करू कोई कहानी लिखने की । ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक रहेगी । इसका किसी भी घटना या इंसान से कोई लेना देना नहीं है और परिवार पर आधारित ये कहानी रहेगी । अगर किसी को परिवारिक सेक्स में कोई रुचि नहीं है तो वो लोग कृपया करके इस कहानी को न पढ़ें । कोशिश करूंगा की काम के बीच मे से टाइम निकाल कर अपडेट देता रहु , पर फिर भी अगर किसी कारणवश पूरी नहीं हो पाए तो गुस्सा न करना । और मेरी ये भी कोशिश रहेगी की कहने पढ़ने वाले मेरे सभी भाइयों के लौड़े कडक जो जायेगे , सभी लड़कियों और भाभियों की चूतें लबालब भीग जाएंगी, चूचियाँ सख्त हो जाएगी और हाथ उँगलियाँ अपने आप चलने लगेंगे ।

परिवार का परिचय : ये कहानी है एक बड़े अमीर खानदान की है, वो कहते हैं न जहां पैसा बढ़ता जाता है वहाँ साथ साथ सेक्स चुदासी अश्लीलता भी बढ़ती है और बस कम होते है तो सिर्फ कपड़े । काफी खुला महोल है इस घर का और परिवार मे 6 सदस्य हैं :

  • अनिल : इस घर के मालिक । इनका अच्छा बिजनस चलता है और बहुत पैसा है इनके पास। ये खुले विचारों वाले इंसान हैं । अपने ऑफिस मे , अपनी विदेशी क्लाइंट , और कई लड़कयों औरतों के साथ मजे लेते हैं और शादी के बाद एक दिन नहीं गया जब इन्होंने अपनी पत्नी को नया चोदा हो । इनके हथियार मे बहुत दम है तभी तो पत्नी हमेशा तैयार रहती है चुदने को ।
  • अनीता : अनिल की पत्नी , जो की साथ मे बिजनस करती है और महारानी जैसा जीवन है इनका । देखने मे एकदम जवान लगती है और हो भी क्यू ना , खुद की इतनी संभाल जो करती हैं । इनका शरीर देख कर एस लगता है की जैसे कोई अप्सरा हो , इनकी मोटी मोटी मुलायम चूचियों को देख कर हर कोई इनको चूसने को पीने को दीवाना हो जाता है , अनिल को जब भी टाइम लगता है अनीता की चुत मे अपना पानी निकाल देता है , अनीता भी कोई मौका नहीं छोड़ती अनिल के साथ अपनी प्यास बुझाने का । इनकी चूत हमेशा रस से भरी रहती है और चुदने को तैयार रहती है । अनिल भी दिन मे कभी किचन में, कभी हाल मे , काभी ऑफिस मे सुबह शाम जब भी मौका लगता है चोद देता है ।
  • अमित : अनिल और अनीता का बड़ा बेटा , जो की साथ मे ही बिजनस करता है, विदेश के सारे काम यही देखता है । हट्टा कट्टा नौजवान जो अभी तक बहुत सारी चूतों के मजे ले चुका था, बस शादी के बाद से बाहर मुंह मारन छोड़ दिया क्यूंकी इतनी बीवी किसी भी पॉर्न स्टार से कम नहीं है , इसको पूरे मजे देती हैं हर रोज और जब इसका मन करता है तभी तैयार हो जाती है ।
  • अनु : अमित की पत्नी । जैसे स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा , अभी हुई चूचियाँ , गांड मलाई जैसा सफेद बदन , किसी का भी मन मे लालच आ जाए उसे देखते ही उसके ऊपर चढ़ने का । अमित ने खूब मेहनत करी है इसके शरीस पर जिससे की आज भी ये पूरी कसी हुई है हर तरफ से । उनके बूब्स का साइज 36B और उसका पिछवाड़ा बहुत भारी है. उनकी कमर बिल्कुल पतली सी है. ज्यादा से ज्यादा 28 ही होगा भाभी की कमर का माप। रात मे कई बार अनीता ने अपने बेटे बहु की चुदाई की आवाजें भी सुनी हैं , कई बार उसका मन हुआ उनका कार्यक्रम देखने का और अपने बेटे का हथियार देखने का कि इतना कितना तगड़ा है जो बहु की चीखें निकलवा रहा हैं । अनिल भी कई बार अपनी बहु की आधी नंगी क्लीवेज चूचियों को देख कर मूठ मार चुका है ।
  • रुही : इस घर की बेटी है रुही , दिखने मे एकदम बॉलीवुड की हीरोइन जैसे, मोटे चुचे , बाहर को निकले हुए चूतड़ , रसीली चुत । यह अमेरिका मे पढ़ रही है और वहाँ पर बहुत सारे लंडों का स्वाद ले चुकी है , इसको मोटे मोटे हथियार अंदर लेना चूसना उनसे खेलना बहुत पसंद है । पैसे की वजह से कोई टेंशन तो है नहीं खुला खाती है खूब उड़ाती है। कपड़े इतने छोटे पहनती है की किसी को भी शर्म आजाये। कई बार घर पर जब विडिओ काल करती है तो इसके आधे से ज्यादा चुचे दिख रहे होते है और अपने घर वालों के सामने ऐसे ही बात करती है । अनिल और अमित का बहुत बार इसके सामान को देख कर खड़ा भी हुआ है और इनकी बीवियों ने टोका भी है की यह बेटी है घर की ।
  • अमन : इस घर का छोटा बेटा , बड़े हथियार का मालिक । जो भी इसको देखती है एक बार देने का मन जरूर करता है । बड़े बाप का बेटा , खूब ऐश करता है लड़कियां चोदता है , अभी पढ़ाई कर रहा है । इसका बौट मन होता है अपनी मम्मी , भाभी , दीदी को नंगा देखने का उनके साथ खेल खेलने का ।
अब देखते है कैसे ये परिवार आपस मे खुलते हुए उस हद तक पहुँच जाता है जहां अंत मे सारे लोग घर मे नंगे घूमने लग जाते हैं ।
Nice story
 

ashik awara

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Update 9:

उधर घर में शाम को जब अमन घर पर आया तो उसने देखा की भाभी की सहेलियाँ बैठी हुई थी । भाभी की सब फ्रेंड्स भी उनकी तरह सेक्सी थी और एक ने तो इतनी बोल्ड ड्रेस पेहनी थी की उसके मोटे मम्मे सबसे ज्यादा दिख रहे थे वो थी नैना। मैंने सबको हैलो किया और नैना को उनके मम्मो की तरफ देखते हुए स्माइल पास कर दी और उन्होंने भी हल्का सा मुस्कुरा दिया । नैना समझ गई की मैं उनके मम्मे और जांघ देख रहा हु पर उन्होंने कोई रीऐक्ट नहीं किया । मैं सब से मिलकर ऊपर अपने कमरे में चल गया ।

तभी उसने भाभी को कहा : यार अनु , तेरा देवर तो बड़ा मस्त है । इसको भी कोई चांस दे दिया कर कभी ।

भाभी : क्या एर तुम भी , मेरा तो पति ही इतनी सेवा कर देता है कि और कहीं जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती ।

नैना : यार कुछ भी हो , जो मजा देवर के साथ सेक्स करने में है न वो कहीं भी नहीं है ।

भाभी : हाँ करने वाले करते होंगे , पर मुझे जरूरत नहीं है । हाँ वो देखता जरूर है मेरी तरफ जैसे की अभी पटक कर मेरी चुत में अपना लॅंड डाल देगा, पर एस काभी कुछ किया नहीं हमने । (भाभी अंदर ही अंदर हस रही थी की क्या बताऊँ तुमको , मैंने और अमन ने तो लॅंड चुत का खेल कब का शुरू कर रखा है )

नैना : मैं तो अपने देवर को फ़र सवारी करती हूँ अपनी, पति कई बाहर होते हैं तो मेरा देवर या मेरा ससुर ही मेरी इस चुत की सेवा करते हैं।

उसके मुंह से ससुर सुन कर अनु भाभी चोंक गई , और बोली : क्या? तुम अपने ससुर से भी सेक्स करती हो ।

नैना : अरे इसमे क्या है, जब पति घर पर न हो तो ये चुत कहाँ मानती है सेक्स किये बिना । बाकी ससुर लोगों को तो एक बार मम्मे के दर्शन करवा दो तो वो पागल ही हो जाते हैं , फिर उनका सीधा निशान अपनी बहु की चुत ही होता है ।

ये सब सुनकर सभी हसने लग गईं और नैना को छेड़ने लग गईं की , इसके तो मजे हैं इतने लॅंड में से कोई भी लॅंड ले लेती है । इसकी चुत कभी खाली नहीं रहती ।

भाभी ये सोच कर हैरान थी की ससुर कोई कैसे चोदने दे सकता है । भाभी के अंदर अब एक अजीब सी आग लग गई , की अगर इस परिवार में खुला महोंल बनाना है तो मुझे पापा जी से चुदना ही पड़ेगा।

यही सब बातें करते करते भाभी की फ्रेंड्स ने उनसे इजाजत मांगी और अपने अपने घर चली गई । भाभी ऊपर मेरे कमरे में आई और मैं तब गाने सुन रहा था । सब की बातें सुन कर भाभी की चुत भीगने लगी थी । भाभी आ कर पेरी गोदी में बैठ गई और मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया उर उनकी गर्दन पर किस करने लगा । फिर मैं और भाभी बातें करने लगे ।

भाभी बोली : आज रात को मेरे पास ही सो जाना ।

मैं : भाभी पापा घर पर हैं , मैं ऐसे कैसे सो सकता हूँ ।

भाभी : वो सब मैं देख लूँगी , तुम बस आज रात के लिए तैयार रहना , आज सोना नहीं है जागन है सारी रात । ये बोलते हुए भाभी ने मेरा लॅंड मसल दिया और फिर बोली –आज तो फिर मम्मी जी जगाने आई थी तुमको, उनकी चुची और होंठ तो चूस लिए होंगे तुमने ।

मैं : कहाँ भाभी , बस चुची को तो ऊपर से ही चूस था जितनी बाहर थी । और होंठों पर तो एक वो हल्का सा किस किया था ।

भाभी : मन नहीं किया उनको चूसने का ?

मैं : मन तो बहुत था भाभी की अभी बस , वहीं बेड पर उनकी चूचियाँ बाहर निकाल कर नंगी करके चुसूँ । पर मम्मी अभी इतनी आपके जैसी खुली नहीं हैं न मुझ से । आपको तो जब मन करता है चोद देता हूँ , वो तो मम्मी है फिर , पापा को न बता दें मेरी हरकतें ।

भाभी : अच्छा आज रात को रोलप्ले करके चोदना मुझे ?

मैं : वो कैसे ?

भाभी : बस ये समझ लेना की मेरी जगह मम्मी जी हैं , और वैसे ही चोदना जैसे तुम मम्मी जी को चोदना चाटे हो , फिर देखती हूँ की क्या क्या दिल में है अपनी माँ के लिए ।

मैं भाभी की बातें सुन कर जोश से भर गया । और उनके पेन्टी में हाथ डाल कर चुत को सहलाने लगा । फिर मैंने भाभी का टॉप उतार दिया और उनको ऊपर से नंगी करके अपनी गोद में अपनी तरफ मुंह करके बीठा लिया । फिर मैं भाभी के मम्मो के साथ खेलने लगा और उनको दबाने और चूसने लगा । भाभी भी मेरा साथ दे रही थी । फिर हम साथ साथ रोमांटिक सी मूवी देखने लगे ऐसे ही हम कुछ घंटे एक दूसरे के साथ छेड़खानी करते रहे , हमने तब सेक्स नहीं किया बस खेल ही रहे थे ।

इतने में शाम हो गई और पापा घर आ गए । पापा को भी बेचैनी थी की आज अनीता तो है नहीं, रात को कैसे करेंगे । मैं अपने कमरे में ही था भाभी पापा के आने से पहले नीचे चली गई थी । भाभी कमरे मे से बाहर आई और पापा को पानी देने की लिए किचन में चली गई । उस टाइम भाभी ने एक खुला सा टॉप और पजामा पहन हुआ था सफेद रंग का टॉप , जिसमे से भाभी की लाल ब्रा साफ दिख रही थी । वो ब्रा भी जाली वाली थी जिसमे निपल और सब दिखता था वो बस चूचों को सपोर्ट करने के लिए थी न की ढकने के लिए । पापा आ कर सोफ़े पर बैठ गए । भाभी जब पानी लेकर आई तो झुक कर पनि देने लगी, भाभी का टॉप गला खुला होने के कारण नीचे हो गया और पापा के सामने भाभी की लाल ब्रा मे कैद मम्मे साफ दिखने लगे । पापा की आँखें फिर फटी रह गईं, पापा भाभी की चूचियाँ घूरे जा रहे थे , मोटी मोटी चुची और निपल साफ दिख रहे थे पर फरक यही था की वो ब्रा मे थे । अगर ब्रा न होती तो टॉप के अंदर से ही भाभी के पके पपीते लटकते हुए रहे दिख रहे । पापा का तो ये देख कर लॅंड खड़ा होने लगा । भाभी को पता चल गया की उनके ससुर उनके मम्मे देख रहे है और उनका लॅंड खड़ा हो रहा है , भाभी की चुत में भी हलचल हुई पेंट के ऊपर से उनका खड़ा लॅंड देख कर । भाभी सीधी हो गई और हाथ से ससुर जी को पानी का ग्लास दे दिया । पापा पानी पीने लगे , पापा ने सोचते सोचते आधा ग्लास पानी का पीकर जब ट्रे में रखने लगे तो बच हुआ पानी भाभी पर गिर गया । भाभी का सफेद टॉप में से सब दिखने लग गया और वो चिपक कर ब्रा के साथ लग गया और ब्रा जाली वाली, उस मे भी पानी लगने की वजह से भाभी की चूचियाँ और निपल साफ दिखने लग गईं। पापा के ससमने भाभी के मामे मोठे मोठे गोल गोल साफ जैसे बे एक हल्के परदे का फाँसला होता है , भाभी और पापा की नजरें मिल गई , पापा बोले सॉरी बहु , वो गलती से पानी गिर गया तुमरे टॉप पर । भाभी ने कोई भी जल्दबाजी न दिखते हुए आराम से बोल – कोई बात नहीं पापा जी , आपने जन बुझ कर थोड़े न किया, गलती से हो जाता है कई बार। अभी भी भाभी पापा से सामने अपनी गीली रसीली चूचियाँ लेकर खड़ी हुई, है ये सब देख के गरम होने लगे थे और उनका मन कर रहा था की अभी नंगी करके बहु की जवानी का रस चूस लूँ , फिर भाभी ने पुचः पापा जी कहाँ खो गए , पापा बोले- कुछ नहीं बेटा वो बस ऐसे ही । भाभी ने पुछ लिया- कुछ और चाहिए आपको , पापा भाभी के मम्मो की तरफ देखते हुए बोले – मेरा दूध पीने का मन हो रहा है, एक ग्लास ले आओगी जरा , भाभी बोली अभी लाती हूँ आप तब तक फ्रेश हो जाइए , भाभी को पता चल गया था की ससुर जी उनके मम्मो की तरफ देखते हुए दूध मांग रहे हैं और वो भी शरमा कर ग्लास ले कर किचन में दूध बनाने चली गई। और भाभी ने अपने कमरे में जाकर कपड़े बदल लिए ।

कुछ देर बाद भाभी दूध लेकर आई , और पापा ने को ग्लास दे दिया , पापा एक शर्ट और निक्कर मे थे , भाभी के मोटे मम्मे उनकी आँखों के सामने घूम रहे थे । भाभी ने दूध का ग्लास आगे देते हुए कहा, पापा जी दूध पी लीजिए । पापा ने फिर से भाभी के मम्मो की तरफ देखते हुए ग्लास पकड़ लिया और भाभी सामने बैठ गई । पापा की पहली घूंट पर भाभी ने पूछा की कैसा लगा दूध ?

पापा मम्मो की तरफ देख कर बोले : एकदम बढ़िया है , मीठा और स्वाद ।

भाभी : चलो अच्छा है की आपको मेरा दूध पसंद तो आया ।

पापा : क्या ?

भाभी : मतलब मेरा बनाया हुआ दूध पापा जी ।

पापा : कैसी बातें करती हो बहु , इतनी होनहार बहु है हमारी , तमहार दूध क्यों नहीं पसंद आएगा ।

भाभी : नहीं वो आप तो मम्मी जी से ही दूध पीते हो न, इसलोए , आज वो है नहीं तो सोच पता नहीं ये दूध पसंद आएगा या नहीं।

पापा : पसंद आया बेटा बहुत । तुमको तो पता ही है की मुझे दूध पीना कितना अच्छा लगता है ।

भाभी : तभी तो ससुर जी के लिए मैंने दूध बनाया,, की आपको तो दूध पसंद है ।

दोनों लोग गरम होने लगे थे , इतने मे मैं नीचे आ गया । और पापा आने कमरे मे रेस्ट करने चले गए । पापा बोले खाने बनवा दो , फिर हम लोग खा लेते हैं । भाभी बोली बस आप रेस्ट करो, मैं अभी लगवाती हु ।

भाभी ने मेड को बुलाया और किचन मे डिनर की तयारी करवाने लगी , मैं और पापा बैठे इधर उधर की बातें करने लगे । पापा का ध्यान बार बार भाभी की चूचियों पर जा रहा था और मेरा भी । हम दोनों के लॅंड उनको देख देख कर खड़े हो रहे थे ।

इतने में भाभी ने डिनर लगवा दिया और मेड चली गई, हम तीनों लोग खाना खाने लगे । और मम्मी और भैया की मीटिंग की बातें करने लगे । फिर खाना खा कर जब पापा आने कमरे में जाने लगे तो भाभी ने मौका देख कर मुझे बोल दिया : की अमन आज नीचे मेरे कमरे में सो जाना , मैं अकेली हु ।

मैंने जन बुझ कर बोल दिया : नहीं भाभी आप सो जाना न अकेले, मैं अपने कमरे मे ही सो जाऊंगा ।

पापा बोले : बेटा भाभी की बात मान ले और यहीं सो जा । वो अकेली है उनका भी मन लग जाएगा ।

फिर मैं अगले ही पल मान गया और अपने कमरे मे गया , निकर और बनियान पहन कर नीचे आ गया जो की बाद में तो निकालनी ही थी ।

भाभी बोली : आ गया मेरा बेटा अमन ,

मैं : हाँ माँ आ गया मैं (आज रोल प्ले लरने वाले थे हम माँ बेटे का )

भाभी : आज मेरा बेटा, मैं कब से प्यासी हूँ तुझसे प्यार करने को , जल्दी आओ

हम दोनों बेडरूम में आ गए. जैसे ही हम बेडरूम में पहुंचे, मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया और उनके गले पर चूमने लगा. मुझे रुका नहीं जा रहा था, तो भाभी बोलीं- थोड़ा रुको तो सही. पर मैं कहां रूकने वाला था. मैं लगातार भाभी को किस करता रहा और उनको दरवाजे से ही अपनी बांहों में उठा कर बेड पर ले गया. भाभी को बिस्तर पर लिटा कर मैं उनको किस करने लगा. जिससे वो और भी ज्यादा गर्म हो गईं. उनके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

भाभी- आह्ह आह्ह ओओह्ह ओअह … उम्म्ह … अहह … हय … याह … मज़ा आ रहा है … ऊह और करो.

मैंने भाभी को किस करते करते उनका टॉप खोल दिया. उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी, जिसे मैंने निकाल फेंका. आह भाभी के चुचे मस्त कडक हो चुके थे. मैं भाभी के दूध पीने लगा और दबाने लगा. शायद मैंने जोश मे जोर से दबा दिया जिससे शायद भाभी को दर्द हो रहा था.

भाभी बोलीं कि आह … प्यार से दबाओ न मेरा बेटा … अब मैं तुम्हारी ही हूँ पूरी रात … मैं भी तुम से चुदाने को बेकरार हूँ.

मैं : हाँ मम्मी , आज मैं तुम्हारी चुत की पूरी सेवा करुग मेरी मम्मी , आपको चोदना है मम्मी ।

भाभी : हाँ मेरा बेटा , अब हुई न बात । पीओ मेरा दूध , चाट लो मेरी चुत ।

मैंने ब्रा भी निकाल फेंकी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पेन्टी में पड़ी थीं. मैं पेन्टी के ऊपर से भाभी की चूत को मसलने लगा, जिससे वो और गर्म हो गईं. भाभी की पेन्टी गीली होने लगी थी. मैंने अपने पैरों से उनकी पेन्टी भी निकाल दी और मैंने उनको पूरी तरह से नंगा कर दिया.

अब मैं भाभी की खूबसूरत फिगर को निहार रहा था और एकदम से मारते हुए मैं उन पर चढ़ गया. मैं भाभी के गले पर किस करने लगा. ऐसे ही किस करते हुए मैं नीचे आता गया और उनकी नाभि पर किस करने लगा. इससे भाभी इतना ज्यादा उत्तेजित हो गईं कि मेरे सिर को पकड़ कर दबाने लगीं और उत्तेजित होकर ‘शीईईईई उईईई … आह ओऊऊ …’ करने लगीं. चाट मेरी चुत मेरे बचे चाट आणि माँ की चुत , मैं आंखे बंद करके उनकी चुत चाटने लगा और सोचने लगा जैसे मेरी मम्मी मेरे सामने लंगी लेती हुई है और मैं उनकी चुत में जीभ घूम रहा हूँ । फिर 15-20 मिनट चुत चाटने के बाद जब भाभी ने रस छोड़ दिया और मैंने उनका सर पानी पी लिया , फिर मैं मैंने नीचे खड़े होकर अपना लंड उनको हाथ में दे दिया. मैंने भाभी से लंड को किस करने को बोला. वो मेरे लौड़े को मुँह में ले कर चूसने लगीं.

फिर मैं 69 की पोजीशन में आ गया. मैं उनकी टांगों के बीच में आकर उनकी चूत को किस करने लगा, जिससे भाभी और भी ज्यादा उत्तेजित हो गईं और बोलने लगीं- अमन बेटा, अब और मत तड़पाओ … अपना लंड अपनी प्यासी माँ की चूत में डाल दो … आआहह उईईईई … शीई … मेरी चूत को चोद चोद कर फाड़ दो.

मैंने भाभी के दूध दबाते हुए कहा- माँ , आज मैं आपकी चुत के चिथड़े उड़ा दूँगा.
भाभी हंस कर बोलीं- फिर इसके बाद क्या अपनी भाभी को चलने लायक भी नहीं रखोगे ?
मैंने भी हंस कर भाभी को चूम लिया.

भाभी- यार तेरे भैया के बिना मैं तो पागल हो जाती हूँ बिना चुदाई के । .
मैंने कहा- कोई दिक्कत नहीं है भाभी. आपका देवर तो आपकी सेवा के लिए आ गया है.

फिर मैंने भी भाभी की टांगें फैला कर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया. अभी मेरा आधा लंड ही अन्दर गया था कि भाभी की चीख से कमरा भर गया.
भाभी दर्द से तड़फते हुए बोलने लगीं- आह मार दिया … हरामजादे मेरी चूत फाड़ दी. धीरे कर ले पापा जग जाएंगे ।

मेरा लंड भाभी की चूत में आधा चला गया था. मैंने उनकी चीख पुकार पर कोई ध्यान नहीं दिया. बल्कि फिर से एक और धक्का दे मारा.

मैंने भाभी की जोरदार चुदाई चालू कर दी. अपने लंड के लम्बे लम्बे धक्के भाभी की चुत में देता रहा.

थोड़ी देर उनके मुँह से कामुक आवाजें आने लगीं- इश यस्स आह आह. वो ‘आह ओन्हन्न यस … और ज़ोर से चोदो मुझे … आह! चुदाई की मस्ती छाने लगी थी. मैं अपने पूरे जोश से उनकी चुदाई करने लगा.

कुछ देर बाद वो अकड़ने लगीं, शायद वो झड़ गई थीं … पर मेरा अभी बाकी था. मैं पूरे जोश से लगा रहा.

थोड़ी देर बाद भाभी भी दुबारा से तैयार हो गईं और मेरा साथ देने लगीं. वो अब पूरे जोश के साथ थीं, उनके मुँह से कामुक आवाजें कमरे के माहौल को और भी मस्त कर रही थीं- अह्ह्ह्ह … सस्स … सस सस् आह्ह आह्ह … चोद दे मुझे … और ज़ोर से चोद मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … मैं अपने जोश में लगा था. बीस मिनट की चुदाई में वो दूसरी बार झड़ने वाली थीं. अभी मेरा भी होने वाला था. मैंने कहा- रुको यार … मेरा भी होने वाला है … जल्दी बोलो … कहां निकालूं?
भाभी बोलीं- अन्दर ही निकाल दो … मुझे तुम्हारा वीर्य अन्दर महसूस करना है. मैं गोली कहा लूँगी ।
मैंने भाभी की चूत के अन्दर ही रस निकाल दिया. वो मुझसे किसी बेल की तरह लिपट गईं. थोड़ी देर हम ऐसे ही नंगे पड़े रहे. कोई दस मिनट बाद हम दोनों अलग हो गए.

भाभी बोलीं- तुमने तो मुझे संतुष्ट कर दिया, अब मुझसे दिन में भी रहा नहीं जाएगा चुदाई के बिना , अपना लॅंड तगड़ा कर लो इसको अपनी माँ भाभी की बहुत सेवा करनी हैं . वो मुझे किस करने लगीं. मैंने भी उनको चूमा.

फिर हमने अपने अपने कपड़े पहने और कुछ देर हम इधर उधर की बातें करने लगे. और सो गए ।

(उम्मीद करते हैं की आपको हमारी ये कहानी पसंद आ रही होगी , कमेन्ट करके जरूर बताया करें और सुझाव भी दे दिया करें । अपडेट में टाइम इसलिए लगता है की हमें पूरा सीन बना कर सोच कर लिखना पड़ता है की पढ़ने वाले के सामने पूरी फिल्म चले जैसे रियल स्टोरी चल रहा हो , बोर होने की गुंजाइश न रहे । कोई श्री मति जी यहाँ हो तो कृपया करके अपना अनुभव शेयर करें चुदने का त की कहानी के लिए और भी बढ़िया कंटेन्ट मिल जाए , आपके प्यार के लिए आभारी रहेंगे , ऐसे ही प्यार देते रहें , अनुभव बताते रहें , धन्यवाद )
दोस्त आप आराम से समय लेकर लिखें कोई जल्दी नहीं हे , और फिर कामुक और मदहोश कर देने वाली कहानी लिखने में समय लगता हे आप सही कह रहे हें सीन सोचकर फिर उसके अनुरूप लिखना कोई आसान काम नही हे , एक एक अपडेट को पढना कोई मजेदार काम नही हे , जब तक ५, ६ अपडेट एक साथ न पढ़े जाएँ कहानी का मजा ही नही आता न ही कहानी की लय बन पाती हे बाकि आप आराम से लिखिए और कम से कम ४, ५ अपडेट एक साथ दें धन्यवाद
 
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