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Fantasy परिवार हो तो ऐसा (दूध के दीवानों के लिए खास कहानी)

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
अपडेट २

मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो चुके थे। उनकी कुछ बचकानी हरकतों के चलते उनको बहुत साल तक कोई लड़की देने को तैयार नही था। फिर दादाजी ने ही उसके लिए एक दूर दराज गांव से रिश्ता लाया था। लड़की भी चाचा से कम उम्र की थी। उनकी शादी होने के बाद मेरी माँ चल बसी। अब इस बात को 2 साल पूरे हो गए है। मेरे पिताजी और चंदू चाचा उनके पिताजी जैसे ही खेती करते है। अब दादाजी खेत मे नही जाते है पर उनके अनुभव का फायदा दोनों को होता है। शीतल चाची भी उनको खेत मे मदद करती है। हमारा खेत भी बहुत बड़ा है। सिसन के अनुसार हमारे खेती में अलग अलग फसल बोनी जाती है।
हमारा घर भी काफी बड़ा है । पर रात को सब हॉल में सोना ही पसंद करते है। मुझे तो शीतल चाची को सोते हुए देखना बहुत अच्छा लगता है। कभी कभी वो पल्लू से अपना ब्लाउज ठीक से ढकना भूल जाती है और उसका मुम्मा मुझे साइड से दिखाई देता है। कभी कभी मैंने नोटिस किया है कि मेरे पिताजी भी उसके मुम्मो को घूरते रहते है।

अब प्रेजेंट टाइम की बात आपको बताता हूँ। एक रात को हम सब खाना खाके सो रहे थे। मुझे कभी भी जल्दी नींद नही आती है। हॉल का लाइट तो बंद होता है पर खिड़की से थोड़ा रास्ते के लाइट के खंबे का उजाला अंदर आता है। तो मुझे थोड़ा बहुत दिख जाता है। मैं ऐसेही आँखे खुली रखकर सोने की कोशिश कर रहा था। मैं , पिताजी और चाचा - चाची जमीन पर बिस्तर पे सोते है और दादाजी खटाई पर सोते है। मैंने चाचा चाची की तरफ देखा । चाची मेरे पास थी और चाचा उसके उस पर सोया था। चाची का मुँह चाचा की तरफ था। थोड़ी देर बार मैंने देखा तो शीतल चाची उसका एक हाथ चंदू चाचा के पीठ पर फिरा रही थी। मुझे लगा कि चाचा को इसकी आदत होगी। मैने और अच्छी तरह से देखा तो चाचा भी हलचल कर रहा था। मुझे समझ मे आगया की चाची चाचा को सुला रही थी। थोड़ी देर बाद चाची हलकी आवाज में चाचा को बोली,
"सो जाओ ना जल्दी।"
चाचा ने कुछ कहा पर वो मुझे सुनाई नही दिया।
चाची ने हँसते हुए एक हाथ से कुछ किया और चाचा की हलचल धीरे धीरे बंद हो गई। मैं सोच में पड़ गया कि शीतल चाची ने ऐसा क्या किया कि चाचा एकदम शांत हो गए?

सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 6 बजे हुए थे। सब सो रहे थे। सिर्फ शीतल चाची ही इतने जल्दी उठ जाती है। और थोड़ी ही देर में वो सचमुच उठ गई। चाची थोड़ी देर बैठी रही। उसको पता नही था कि मेरी आँख खुली है। मैंने गौर से देखा कि उसका ब्लाऊज और पल्लू ठीक नही था। चाची ने पहिले अपने ब्लाउज के कूछ बटन जो खुले थे वो लगा लिए और फिर अपना पल्लू ठीक कर लिया। मैं बहुत अचंभित हो गया कि चाची रात में ये क्या कर रही थी। चाची अपने काम करने चली गयी। मैं थोड़ी देर और सोया रहा।
ये काहणी का अगला update कब आयेगा?
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
अपडेट २

मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो चुके थे। उनकी कुछ बचकानी हरकतों के चलते उनको बहुत साल तक कोई लड़की देने को तैयार नही था। फिर दादाजी ने ही उसके लिए एक दूर दराज गांव से रिश्ता लाया था। लड़की भी चाचा से कम उम्र की थी। उनकी शादी होने के बाद मेरी माँ चल बसी। अब इस बात को 2 साल पूरे हो गए है। मेरे पिताजी और चंदू चाचा उनके पिताजी जैसे ही खेती करते है। अब दादाजी खेत मे नही जाते है पर उनके अनुभव का फायदा दोनों को होता है। शीतल चाची भी उनको खेत मे मदद करती है। हमारा खेत भी बहुत बड़ा है। सिसन के अनुसार हमारे खेती में अलग अलग फसल बोनी जाती है।
हमारा घर भी काफी बड़ा है । पर रात को सब हॉल में सोना ही पसंद करते है। मुझे तो शीतल चाची को सोते हुए देखना बहुत अच्छा लगता है। कभी कभी वो पल्लू से अपना ब्लाउज ठीक से ढकना भूल जाती है और उसका मुम्मा मुझे साइड से दिखाई देता है। कभी कभी मैंने नोटिस किया है कि मेरे पिताजी भी उसके मुम्मो को घूरते रहते है।

अब प्रेजेंट टाइम की बात आपको बताता हूँ। एक रात को हम सब खाना खाके सो रहे थे। मुझे कभी भी जल्दी नींद नही आती है। हॉल का लाइट तो बंद होता है पर खिड़की से थोड़ा रास्ते के लाइट के खंबे का उजाला अंदर आता है। तो मुझे थोड़ा बहुत दिख जाता है। मैं ऐसेही आँखे खुली रखकर सोने की कोशिश कर रहा था। मैं , पिताजी और चाचा - चाची जमीन पर बिस्तर पे सोते है और दादाजी खटाई पर सोते है। मैंने चाचा चाची की तरफ देखा । चाची मेरे पास थी और चाचा उसके उस पर सोया था। चाची का मुँह चाचा की तरफ था। थोड़ी देर बार मैंने देखा तो शीतल चाची उसका एक हाथ चंदू चाचा के पीठ पर फिरा रही थी। मुझे लगा कि चाचा को इसकी आदत होगी। मैने और अच्छी तरह से देखा तो चाचा भी हलचल कर रहा था। मुझे समझ मे आगया की चाची चाचा को सुला रही थी। थोड़ी देर बाद चाची हलकी आवाज में चाचा को बोली,
"सो जाओ ना जल्दी।"
चाचा ने कुछ कहा पर वो मुझे सुनाई नही दिया।
चाची ने हँसते हुए एक हाथ से कुछ किया और चाचा की हलचल धीरे धीरे बंद हो गई। मैं सोच में पड़ गया कि शीतल चाची ने ऐसा क्या किया कि चाचा एकदम शांत हो गए?

सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 6 बजे हुए थे। सब सो रहे थे। सिर्फ शीतल चाची ही इतने जल्दी उठ जाती है। और थोड़ी ही देर में वो सचमुच उठ गई। चाची थोड़ी देर बैठी रही। उसको पता नही था कि मेरी आँख खुली है। मैंने गौर से देखा कि उसका ब्लाऊज और पल्लू ठीक नही था। चाची ने पहिले अपने ब्लाउज के कूछ बटन जो खुले थे वो लगा लिए और फिर अपना पल्लू ठीक कर लिया। मैं बहुत अचंभित हो गया कि चाची रात में ये क्या कर रही थी। चाची अपने काम करने चली गयी। मैं थोड़ी देर और सोया रहा।
इसके अपडेट कब आयेगी
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
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अपडेट २

मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो चुके थे। उनकी कुछ बचकानी हरकतों के चलते उनको बहुत साल तक कोई लड़की देने को तैयार नही था। फिर दादाजी ने ही उसके लिए एक दूर दराज गांव से रिश्ता लाया था। लड़की भी चाचा से कम उम्र की थी। उनकी शादी होने के बाद मेरी माँ चल बसी। अब इस बात को 2 साल पूरे हो गए है। मेरे पिताजी और चंदू चाचा उनके पिताजी जैसे ही खेती करते है। अब दादाजी खेत मे नही जाते है पर उनके अनुभव का फायदा दोनों को होता है। शीतल चाची भी उनको खेत मे मदद करती है। हमारा खेत भी बहुत बड़ा है। सिसन के अनुसार हमारे खेती में अलग अलग फसल बोनी जाती है।
हमारा घर भी काफी बड़ा है । पर रात को सब हॉल में सोना ही पसंद करते है। मुझे तो शीतल चाची को सोते हुए देखना बहुत अच्छा लगता है। कभी कभी वो पल्लू से अपना ब्लाउज ठीक से ढकना भूल जाती है और उसका मुम्मा मुझे साइड से दिखाई देता है। कभी कभी मैंने नोटिस किया है कि मेरे पिताजी भी उसके मुम्मो को घूरते रहते है।

अब प्रेजेंट टाइम की बात आपको बताता हूँ। एक रात को हम सब खाना खाके सो रहे थे। मुझे कभी भी जल्दी नींद नही आती है। हॉल का लाइट तो बंद होता है पर खिड़की से थोड़ा रास्ते के लाइट के खंबे का उजाला अंदर आता है। तो मुझे थोड़ा बहुत दिख जाता है। मैं ऐसेही आँखे खुली रखकर सोने की कोशिश कर रहा था। मैं , पिताजी और चाचा - चाची जमीन पर बिस्तर पे सोते है और दादाजी खटाई पर सोते है। मैंने चाचा चाची की तरफ देखा । चाची मेरे पास थी और चाचा उसके उस पर सोया था। चाची का मुँह चाचा की तरफ था। थोड़ी देर बार मैंने देखा तो शीतल चाची उसका एक हाथ चंदू चाचा के पीठ पर फिरा रही थी। मुझे लगा कि चाचा को इसकी आदत होगी। मैने और अच्छी तरह से देखा तो चाचा भी हलचल कर रहा था। मुझे समझ मे आगया की चाची चाचा को सुला रही थी। थोड़ी देर बाद चाची हलकी आवाज में चाचा को बोली,
"सो जाओ ना जल्दी।"
चाचा ने कुछ कहा पर वो मुझे सुनाई नही दिया।
चाची ने हँसते हुए एक हाथ से कुछ किया और चाचा की हलचल धीरे धीरे बंद हो गई। मैं सोच में पड़ गया कि शीतल चाची ने ऐसा क्या किया कि चाचा एकदम शांत हो गए?

सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 6 बजे हुए थे। सब सो रहे थे। सिर्फ शीतल चाची ही इतने जल्दी उठ जाती है। और थोड़ी ही देर में वो सचमुच उठ गई। चाची थोड़ी देर बैठी रही। उसको पता नही था कि मेरी आँख खुली है। मैंने गौर से देखा कि उसका ब्लाऊज और पल्लू ठीक नही था। चाची ने पहिले अपने ब्लाउज के कूछ बटन जो खुले थे वो लगा लिए और फिर अपना पल्लू ठीक कर लिया। मैं बहुत अचंभित हो गया कि चाची रात में ये क्या कर रही थी। चाची अपने काम करने चली गयी। मैं थोड़ी देर और सोया रहा।
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जल्दी से इसका का नया अपडेट देदो
 

Vivekdaware

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अपडेट २

मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो चुके थे। उनकी कुछ बचकानी हरकतों के चलते उनको बहुत साल तक कोई लड़की देने को तैयार नही था। फिर दादाजी ने ही उसके लिए एक दूर दराज गांव से रिश्ता लाया था। लड़की भी चाचा से कम उम्र की थी। उनकी शादी होने के बाद मेरी माँ चल बसी। अब इस बात को 2 साल पूरे हो गए है। मेरे पिताजी और चंदू चाचा उनके पिताजी जैसे ही खेती करते है। अब दादाजी खेत मे नही जाते है पर उनके अनुभव का फायदा दोनों को होता है। शीतल चाची भी उनको खेत मे मदद करती है। हमारा खेत भी बहुत बड़ा है। सिसन के अनुसार हमारे खेती में अलग अलग फसल बोनी जाती है।
हमारा घर भी काफी बड़ा है । पर रात को सब हॉल में सोना ही पसंद करते है। मुझे तो शीतल चाची को सोते हुए देखना बहुत अच्छा लगता है। कभी कभी वो पल्लू से अपना ब्लाउज ठीक से ढकना भूल जाती है और उसका मुम्मा मुझे साइड से दिखाई देता है। कभी कभी मैंने नोटिस किया है कि मेरे पिताजी भी उसके मुम्मो को घूरते रहते है।

अब प्रेजेंट टाइम की बात आपको बताता हूँ। एक रात को हम सब खाना खाके सो रहे थे। मुझे कभी भी जल्दी नींद नही आती है। हॉल का लाइट तो बंद होता है पर खिड़की से थोड़ा रास्ते के लाइट के खंबे का उजाला अंदर आता है। तो मुझे थोड़ा बहुत दिख जाता है। मैं ऐसेही आँखे खुली रखकर सोने की कोशिश कर रहा था। मैं , पिताजी और चाचा - चाची जमीन पर बिस्तर पे सोते है और दादाजी खटाई पर सोते है। मैंने चाचा चाची की तरफ देखा । चाची मेरे पास थी और चाचा उसके उस पर सोया था। चाची का मुँह चाचा की तरफ था। थोड़ी देर बार मैंने देखा तो शीतल चाची उसका एक हाथ चंदू चाचा के पीठ पर फिरा रही थी। मुझे लगा कि चाचा को इसकी आदत होगी। मैने और अच्छी तरह से देखा तो चाचा भी हलचल कर रहा था। मुझे समझ मे आगया की चाची चाचा को सुला रही थी। थोड़ी देर बाद चाची हलकी आवाज में चाचा को बोली,
"सो जाओ ना जल्दी।"
चाचा ने कुछ कहा पर वो मुझे सुनाई नही दिया।
चाची ने हँसते हुए एक हाथ से कुछ किया और चाचा की हलचल धीरे धीरे बंद हो गई। मैं सोच में पड़ गया कि शीतल चाची ने ऐसा क्या किया कि चाचा एकदम शांत हो गए?

सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 6 बजे हुए थे। सब सो रहे थे। सिर्फ शीतल चाची ही इतने जल्दी उठ जाती है। और थोड़ी ही देर में वो सचमुच उठ गई। चाची थोड़ी देर बैठी रही। उसको पता नही था कि मेरी आँख खुली है। मैंने गौर से देखा कि उसका ब्लाऊज और पल्लू ठीक नही था। चाची ने पहिले अपने ब्लाउज के कूछ बटन जो खुले थे वो लगा लिए और फिर अपना पल्लू ठीक कर लिया। मैं बहुत अचंभित हो गया कि चाची रात में ये क्या कर रही थी। चाची अपने काम करने चली गयी। मैं थोड़ी देर और सोया रहा।
Chapter 3 कब आयेगा?
 

Funlover

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Muje lagta hai ullu banaya sab ko
ek uupdate likh diya baat khatam hui
chalo koi bat nahi ek achchhi kahani ki shuruat garbh me hi death ho gai
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
New update please
 

sunoanuj

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Mitr kahani khatam ya or update aayenge abhi …
 
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