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Incest पाण्डू का जन्म

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Sex is temporary pleasure & I love temporary thing
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पाण्डू का जन्म


मेरा नाम संगीत है और ये मेरी पहली कहानी है जो की काल्पनिक है इस कहानी की प्रत्येक घटना और कहानी के पात्र यदि किसी के जीवन की घटनाओं से मेल खाते है तो वो सिर्फ एक संयोग होगा।​

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***** गांव ये गांव उत्तर प्रदेश के ***** जिला में आता है इस गांव में कोई 30 35 ही परिवारों का घर है, ये गांव एक बहुत ही बड़े और घने जंगल से लगा हुआ है।​

जो की 15 किलोमीटर की रेंज में फैला हुआ है तो इस जंगल में जाना मतलब अपनी मौत को अपने गले लगाने जैसा होगा, इस जंगल के अंदर जाकर गांव के बहुत लोगो ने अपनी जान को अपने गले लगाया कुछ लोगो ने जानबूझकर आत्महत्या करने के कारण गए तो कुछ लोग अपने आप गायब हो गए जिनमें कुछ लोगो की तो लाशे मिल गई बाकी बहुत से लोगो की तो लाशे भी नहीं मिलती, और डर की वजह से ही लोग सूरज के डूबते ही अपने घर में आ जाते थे क्यूंकि बहुत से लोग अपने खेतों से भी गायब हो चुके थे।​


इस गांव में लोगो का जीवन यापन और उनकी रोजी रोटी मात्र उनकी अपनी खेती है 99.99% लोग यहां अपने खेतो से ही अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते है और जिनके पास अपने खेत नही है वो लोग दूसरे लोगो के खेत में मजदूरी करते है और उससे मिली मजदूरी से ही अपना जीवन यापन करते है, इन लोगो को इनकी मजदूरी भी आज के जैसी रोजाना नहीं मिलती थी इन लोगो को मजदूरी भी फसल के आ जाने के बाद जैसी फसल होती थी और फिर जितना बड़ा खेत होता था उसके एक नाप और मापन से ही इन सबको मजदूरी दी जाती थी।​


और उस मजदूरी के रूप में मिली फसल से ही पूरे साल भर घर के सारे खर्च चलाने पड़ते थे। ऐसा भी नहीं था की लोग शहर के बारे में नहीं जानते थे इस गांव से कई ऐसे भी परिवार थे जो अब इस गांव से पलायन कर गए थे और वो अब शहर में रहने चले गए थे जो की यहां से 10 कोश (30 किलोमीटर) की दूरी पर है। लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे परिवार थे जो इस गांव में मेहनत और मजदूरी के सहारे ही जीवन जी रहे थे, और इस वजह से उसके परिवार आज भी गरीबी में ही जी रहे थे।​


इसी गांव में मेरा भी एक घर था मेरे भी पिता इसी गांव में मेहनत और मजदूरी करके मेरा और मेरी मां का पालन पोषण करते थे मेरी मां पिता के साथ मिलकर उनका हाथ बटाया करती थी वो भी खेतो में मजदूरी किया करती थी और कभी कभी मेरी मां मुझे भी अपने साथ खेतों पर ले जाया करती थी मैं मेरी उम्र और शरीर की शक्ति के हिसाब से ही कार्य किया करती थी।​


ओ ओओ मैं अपना नाम बताना ही भूल गई मेरा नाम संगीत संजीत जो अपनी धुन में नाचने वाली चुलबुली सी लड़की और अपनी शरारतों से सभी को तंग करने वाली छैल छबीली बलखाती लहराती नटखट सी लड़की लोग मुझे लड़की नहीं आफत की पुड़िया कहते है।​

 

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आप सभी लोगो का मेरी इस हिंदी कथा में बहुत बहुत स्वागत है और ये हिंदी कथा पट मैने Fucker bhai se inspire होके लिखने की कोशिश कर रही हूं। ये कथा पट अभी तो शॉर्ट होगी लेकिन आप सबके प्यार और सुझाव से ही इसी कथा पट के लीड कैरेक्टर को लेते हुए आगे की भी स्टोरियां आप सबके समच्छ प्रस्तुत की जाएंगी।

धन्यवाद!!
 
Last edited:

sunoanuj

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Nayi kahani ke bahut shubkamnayen ...
 
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