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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 40 44.4%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 25 27.8%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 25 27.8%

  • Total voters
    90

pussylover1

Milf lover.
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लता - सोच ले।
रूबी - अब कितनी बार बोलू। बताइये क्या करना है।
अभी ये सब बातें चल ही रही थी की अंदर बच्चे की रोने की आवाज आई अउ रूबी को अंदर जाना पड़ा। दोनों बच्चे जाग गए थे। रूबी के जाते ही शेखर भी कुछ देर बाद चला गया। उसे डर था कुछ देर और रुका तो गड़बड़ हो जाएगी। रूबी उसका इन्तेहाँ ले रही थी और अभी वो कुछ करना नहीं चाह रहा था। शेखर के जाते ही लता और वर्षा खाने की तैयारी में लग गए। घर का काम होने के बाद और दोपहर का खाना खाने के बाद अनुराग अपने कमरे में आराम करने चला गया।


लता ने रूबी से कहा - क्या तू सचमुच में रेडी है ?
रूबी - आपको , मजाक लग रहा है क्या ?
वर्षा - बुआ , आप जिस रूबी को जानती थी वो कही और चली गई है। ये एक नंबर की चुदक्कड़ और वहसि है।
लता - लग रहा है। अभी तक मेरे साथ तो खुली थी पर अब पूरी नंगी होने को तैयार है। यही नहीं समझ आ रहा है।
वर्षा - ये बचपन से ऐसी है। मुझे लगा था शादी के बाद बदल गई है। पर लग रहा है वहां भी इसने सबको काबू में कर लिया है।
लता - लग तो ऐसा ही रहा है। क्यों री, क्या किया है वहां ?
रूबी - अब तुम पूछ रही हो तो सुनो। ये जो दो स्तन है ऐसे ही नहीं बड़े हुए हैं। तुम्हारे दामाद और समधी को पिए बिना नींद नहीं आती है । और सास तो मेरी नमकीन पानी से ही नींद खोलती है। और मुझे सैंडविच बनकर चुदे बिना आराम नहीं मिलता। अगर हफ्ते में दोनों बाप बेटे सैंडविच बनाकर मालिश ना करें तो बदन अजीब सा दुखता है।
वर्षा हसंते हुए - सैंडविच बनकर चुदने में तो बुआ को भी मजा आता है। बुआ भतीजी को जोड़ी सही रहेगी। पापा और फूफा की तो मौज हो गई।
लता - ऑफर तो तुझे भी था।
वर्षा - मुझे माफ़ कर दीजिये अब। आपका साथ देने के लिए रूबी है न।
लता - हम्म।
वर्षा - वैसे जाइये देखिये अपने भाई साहब को। रूबी ने उनकी हालत ख़राब कर रखी है। थोड़ा आराम पहुंचाइये।
लता - रूबी तू ही चली जा।
रूबी - आप चलिए। मुझे थोड़ा समय दीजिये।
लता - चल आज अनु को सैंडविच बनाते हैं।
रूबी - आप चलि। मुझे पता है , वैसे वो कुछ नहीं करेंगे।
लता - तेरी मर्जी।

लता उठ कर अनुराग के कमरे में जाने लगी। उसके कमरे में पहुँच कर उसने दरवाजा हलके से बंद कर दिया पर लॉक नहीं किया। अनुराग बिस्तर पर लेता रूबी की हरकतों के बारे में ही सोच रहा था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। दरवाजे के खटकने की आवाज से अनुराग ने आँखे खोल दी और बिस्तर पर सहारा लेकर बैठ गया।

लता - नींद नहीं आ रही है ?
अनुराग - आओ दीदी। नहीं , कोशिश कर रहा था।
लता उसके पास जाकर बैठ गई। अनुराग ने उसे जगह दे दी थी।
लता ने अनुराग का हाथ अपने हाथ में लेते हुए पुछा - रूबी के बारे में सोच रहा था क्या ?
अनुराग चुप ही रहा। लता - अब मुझसे क्या शर्मा रहा है। आज तो कसम से उसने जो हालत की है। मन कर रहा है उसका रेप कर दूँ। साली की क्या मस्त गांड और चुचे हैं।

अनुराग का लंड पहले से अंगड़ाई ले रहा था। लता की बातें सुनकर और अकड़ने लगा था। अनुराग ने अपना हाथ लता के गर्दन के पीछे से लेजाकर उसके कंधे पर से लटका लिया। उसका पंजा लता के मुम्मे के ऊपर था। लता थोड़ा और नजदीक आई और अनुराग के सीने पर सर रखते हुए उसके हाथ को अपने स्तनों पर पूरा दबा दिया। अनुराग की धड़कन तेज हो गई थी। लता उसके धकधक की आवाज सुन रही थी। रूबी की वजह से लता भी गरम हो चुकी थी और उसकी धड़कन भी तेज थी। अनुराग अभी चुप था।

लता ने उसके हाथों को अपने स्तनों पर जोर से दबाते हुए कहा - बोल ना , शर्मा क्यों रहा है ? रूबी के बारे में ही सोच रहा था न।
अनुराग ने अब उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया और बोला - हाँ। पर समझ नहीं आ रहा है की चाहती क्या है ?
लता - चुदना चाहती है। तेरी ख्याल रखना चाहती है जैसे मैं और वर्षा रखते हैं। दुध तो पीला ही रही है। बस ग्लास की जगह सीधे उसके मस्त गोल गोल कटोरे से पी।
अब लता सीधी हो गई थी और अनुराग के चेहरा उसके स्तनों पर था। उसने उसके ब्लॉउज के ऊपर से ही मुँह लगाना चाहा था तो लता ने रोक दिया।
लता - ब्लॉउज मत खराब कर। वैसे कह तो रूबी को बुला दूँ।
अनुराग ने उसके साडी के पल्लू को हटा दिया और बलौद खोलने लगा। अब वो लता के गोद में था लता ने अपना ब्लॉउज उतार कर फेंक दिया और बोली उसके मुँह में स्तनों को घुसाते हुए बोली - तूने घर में डेयरी बना रखी है। दो दो गाय हैं पर मेरे थान से लटका हुआ है। उफ्फ्फ आराम से। नोच मत। रूबी के नहीं हैं , इनमे से दूध नहीं निकलेगा।
अनुराग रूबी का नाम सुनकर उसके मुम्मे को एकदम अंदर तक खींचने लगा। लता ने हाथ बढ़ा कर उसके लंड को लुंगी से निकाल दिया और हाथों में भर कर हिलाते हुए बोली - रूबी के नाम पर खड़ा है न ?
अनुराग ने हामी भर दी। वो सोचने लगा - उसके मुम्मे कितने बड़े हैं। निप्पल तो लगता है कपडे फाड़ के बाहर चले आएंगे।
अनुराग ने अब अपने हाथों से लता के पेटीकोट के गाँठ को खोल दिया था और उसके मुम्मे छोड़ कर पेट और नाभि को चूमने लगा था। पर लता एकदम छुडास हो रखी थी। उसने तुरंत पेटीकोट उतार दिया और अनुराग के तरफ मुँह किया और अपने दोनों पैर उसके पैरों के दोनों तरह करके उसके गोद में बैठ गई। उसने अनुराग के लंड को चूत में नहीं लिया बल्कि अपने चूत के होठो के बीच में लंड फंसा कर कमर आगे पीछे करने लगी।
लता - इस्सस तेरा लंड कितना मजा देता है रे।
अनुराग उसके मुम्मे दबाता हुआ बोला - क्यों जीजा का लंड मजा नहीं देता।
लता - तेरे जीजा तो हब्सी हैं। पर भाई से चुदने का एहसास ही अलग होता है।
अनुराग - सच में दीदी। जब तुम सवारी करती हो तो अलग मजा आता है।
लता - उफ़ , झूठी तारीफ करना बंद कर। मुझे पता है अभी तू रूबी की सवारी करना चाहता है। बता चाहता है न ?
अनुराग - दीदी , सुनना चाहती हो तो सुनो। सच में उसकी की गांड बहुत मस्त है। आज सुबह जब नाइटी में घूम रही थी तो मन कर रहा था की गांड में घुस जाऊं।
लता अब पीछे घूम गई। उसने अपनी पीठ अनुराग की तरफ किया और अबकी उसके लंड को चूत में डाल लिया और खुद कूदने लगी।
अनुराग अब सातवें आसाम पर था। लता की गांड देख उसे रूबी की याद आ गई। उसने लता के गांड को सहलाना शुरू किया।
लता - आआह , भाई रूबी के गांड ज्यादा गोल है न ?
अनुराग - हाँ दीदी। उफ़ उनकी गोलाई देख कर तो मजा आ जाता है। सुबह बिना पैंटी के ऐसे थिरक रहे थे जैसे किसी पतले कपडे में दो बलून रखे हों।
लता - और तेरा मन उन बलून्स को दबाने का कर रहा था ना।
अनुराग - हां , मन कर रहा था उन्हें जोर से दबाऊं। उन्ही में घुस जाऊं।

अनुराग ने उसके मुम्मे पीछे से पकड़ लिए थे और उन्हें दबा रहा था। लता कभी उसके लंड को लेकर ऊपर निचे होती तो कभी पूरा लीले हुए कमर को आगे पीछे करती। दोनों मस्ती में डूबे हुए थे।
तभी कमरे का दरवाजा खुला और रूबी अंदर आटे हुए बोली - बुआ कुछ कर तो नहीं रही।
बोलते बोलते रूबी अंदर तक आ गई थी। पर अंदर चुदाई का घमासान देख कर लौटने लगी। उसने अपने मुँह पर हाथ रखा और बोली - सॉरी।
अनुराग का लौड़ा रूबी को देखते एकदम से शांत पड़ गया पर लता तो अपने चरम पर थी।
लता ने जोर से कहा - बहनचोद रुक क्यों गया ? चोद। और तू साली रंडी जाना ही था तो आई क्यों थी ? बहन की लौड़ी तुझे पता नहीं था कि मैं यहाँ भाई के साथ इतने देर से हूँ तो क्या कर रही होउंगी।
गाली सुन कर रूबी रुक गई और घूम कर भी गाली देते हुए बोली - रंडी तो तुम हो बुआ। घर में सबके होते हुए अपने भाई के लंड की सवारी कर रही हो।
लता और रूबी की बातें सुनकर अनुराग के लंड ने वापस से अंगड़ाई ले ली थी। लता ने उसके लंड को अपने चूत में घिसते हुए कहा - तो तू कौन सी शरीफ है। बहनचोद सुबह तो अपने चुचे और गांड हिलाती फिर रही थी। वो तो तेरे फूफा और बाप शरीफ हैं जो रुके हुए हैं वरना अब तक पेल के तेरे दोनों छेदों को किवाड़ बना देते।
रूबी - शराफत तो दिख रही है इनकी भी। साला रात को को बेटी चोदते हैं और दिन में बहन। और फूफा की बात तो कर मत।
अनुराग दोनों की गाली गलौच सुनकर गुस्से में आ गया। उसने लता को कुतिया बनाया और उसे चोदते हुए बोला - अब तुम दोनों अपना रंडीपना। और रूबी तुझे रुकना है तो रुक वार्ना भाग यहाँ से।
लता - उफ्फ्फ रुक जा रे। तेरे नाम की ही मार रहा है। रुकेगी तो मुझे मस्त चोद लेगा।
रूबी - और तुम्हारे चक्कर में मैं चुद गई तो ?
अनुराग - तू क्या चाहती है ये बता ?
रूबी अब उन दोनों के नजदीक आ गई और बोली - आप क्या चाहते हैं ?
अनुराग - तुझे क्या लगता है , मुझे क्या चाहिए ?
लता जो अब तक कुतिया बनी चुद रही थी उसने रूबी को अपने पास बुलाया और उसके नाइटी को पाकर कर खींचते हुए कहा - रंडी , अभी उसे तेरा दूध चाहिए। चूत तो मेरी ले ही रहा है।
लता के खींचने से उसके दोनों मुम्मे बाहर आ गए। रूबी ने अपने मुम्मे पूरी तरह से बाहर कर दिए और अनुराग के पास जाकर बोली - पापा को दूध चाहिए ?
अनुराग ने हाँ में अपना सर हिला दिया। रूबी अनुराग के बगल में बैठ गई और उसने अनुराग का सर अपने गोद में ले लिया और बोली - पी लीजिये पापा। पीजिये अपनी बेटी का दूध। सब आपके लिए है।

अनुराग चुदाई छोड़ रूबी के बड़े बड़े स्तनों के बीच में खो गया। लता की चुदाई में खलल हो गई थी पर वो खुश थी। वो अब सीधी हो गई। अब स्थिति ये थी की रूबी की नाइटी कमर पर थी और वो ऊपर से पूरी तरह नंगी थी। अनुराग उसके गोद में पीठ के बल लेटा हुआ बच्चों की तरह दूध पी रहा था। उसका लंड एकदम नब्बे डिग्री पर खड़ा था। लता मुश्कुराते हुए वापस उसके लंड पर बैठ गई। अबकी उसका मुँह रूबी और अनुराग की तरफ था। उसने अपने दोनों टैंगो को घुटने से पीछे की तरफ मोड़ दिया और दोनों हाथो को अनुराग के कन्धों के दोनों तरफ बिस्तर पर रख कर आगे की तरफ झुक गई। ऐसा करने से उसका चेहरा रूबी के चेहरे के नजदीक आ गया। रूबी समझ गई। उसने अपने होठ लता के होठों से सटा दिए। अनुराग के लिए इतना ही काफी था। उसके लंड ने तेजी पकड़ ली और लता के चूत में धक्के लगाने लगा। लता समझ गई अब कुछ ही देर में अनुराग स्खलित हो जायेगा। उसके भी अपने कमर की गति बढ़ा दी। कमरे में सिसकारियां गूँज रही थी। तीनो पसीने से भींगे हुए थे। कुछ ही देर में तीनो स्खलित हो गए। जी हाँ , रूबी इस एहसास से ही स्खलित हो गई कि उसका बाप उसके स्तनों से डाइरेक्ट दूध पी रहा है।
Shandaar
 

Enjoywuth

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Bahut gajab ka update...dunsu tha..ab rubi khul ke maza le sakti hai
 
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