इधर नैना और लता के जाने बाद अनुराग थोड़ा आराम करते हैं और लता के साथ किचन में किये काम को याद करने लगते है।
शाम को जब खाना पीना हो गया तो अनुराग वर्षा से बोला - आज भी मालिश करोगी न ?
वर्षा को अब बोलना ही पड़ - आपका मन नहीं भरता। किचन में सगी बहन चोद ली फिर भी बेटी चाहिए ?
अनुराग पहले तो सकपकाए पर उसकी अनुभवी आँखों ने दिन में ही अंदाजा लगा लिया था की नैना और वर्षा को पता चल गया है।
अनुराग बोले - कहा चोद पाया था। तुम दोनों आ गए।
वर्षा - ओह्हो , तो हम कबाब में हड्डी बन गए।
अनुराग - अरे नहीं। । वैसे भी लता दी ने चूत देने से इंकार कर दिया था।
वर्षा - तो बुआ सही कह रही थी की सिर्फ उनके पिछवाड़े में घिस्सा मार माल निकाला था।
अनुराग मुश्कराते हुए बोला - हाँ पर उनका पिछवाड़ा भी मस्त मुलायम है।
वर्षा - आप भी न एकदम बहनचोद हो।
अनुराग - अभी कहा।
वर्षा - चलो आप कमरे में। मैं बेटु को सुलाकर आती हूँ। दूध भी ले आउंगी।
अनुराग - ठीक है।
वर्षा अपने बेटे को लेकर कमरे में चली जाती है। कुछ देर टहलाने और खेलने के बाद उसका बेटा सो जाता है तो वो कपडे बदल कर किचन की तरफ बढ़ती है। उसने फिर से वही छोटी सी नाइटी पहल ली थी। उसने किचन के शेल्फ से ब्रैस्ट पंप निकला और नाइटी के डोरी को कंधे से गिराकर अपने मुम्मे से पंप लगाया। पर पंप का लीवर दबाने से कुछ भी नहीं हुआ। उसने पंप को ठीक से देखा तब उसे समझ आया वो तो खराब हो चूका है। उसे कुछ समझ नहीं आया की अभी सुबह तक तो ये ठीक था। वो ये सोच रही थी अब क्या करे ? उसे लगा नैना को शायद पता हो डॉक्टर है वो। उसने नैना को फ़ोन मिलाया - हेलो नैना ?
नैना - हाँ बोलो दी।
वर्षा - बो ब्रैस्ट पंप ~~
वर्षा ने अभी बात पूरी भी नहीं की थी की नैना खिलखिलाते हुए बोली - ख़राब हो गया ? मेरी गैया अब क्या करेगी ? डायरेक्ट पीला दे न।
वर्षा को सारा माजरा समझ आ गया। उसने गुस्से से कहा - तो ये तेरी बदमाशी है। तूने ये क्यों किया ?
नैना - अरे मेरी जान , आपके भले के लिए ही किया है। अब मेरी अम्मा यानी की आपकी बुआ जी आपके पापा के लौड़े पर झूला झूले इससे पहले आप झूल लो।
वर्षा - गररररर , तुझे पता है ये क्या किया तूने ? इतना ही अपने मामा की चिंता है तो खुद ही क्यों नहीं झूला झूल ले रही। दिन में तो बड़ा चुम्मा चाटी कर रही थी।
नैना - उस तक लाने का श्रेय तो आपको ही है। इस लिए मामा पर आपका पहला हक़ है। मेरी माँ से भी पहले। वैसे भी आपकी शक्ल मामी से मिलती है। झलक देती हो आप उनकी।
वर्षा लाचार थी। उसे आश्चर्य हो रहा था की नैना ऐसा क्यों कर रही है। अब जबकि पापा ने उससे इजहार कर ही दिया है तो वो पहले सब कर सकती थी। पर अब भी वो मुझे और अपनी माँ को चांस क्यों दे रही है। वो उधेड़बुन में थी।
तभी नैना उधर से बोली - यही सोच रही हो न की मैं पहले तुम्हे क्यों ऐसा करने दे रही हूँ?
वर्षा - हां
नैना - मामी ने मुझसे मरते वक़्त वादा लिया था आप सबको खुश रखने का। अपनी जगह दी थ। आज मामा ने भी मुझे मालकिन बोल दिया। अब उस नाते मैं माँ हुई आपकी। अब एक माँ के लिए अपने पति और बच्चो की खुशियों से बढ़कर तो कुछ भी नहीं है। जीतन कष्ट मामा में सही हैं आपने भी काम नहीं सहे। पति का प्यार आपको भी नाह मिल रहा। तो आप दोनों की खुशियां पहले। बाकी मेरा हक़ तो मैं ले ही लुंगी।
वर्षा के आँख में ये सुन आंसू आ गए। सुबकते हुए बोली - कितना त्याग करेगी तू ?
नैना हँसते हुए बोली - अब ये ड्रामा बंद करो। मेरे स्वामी का ख्याल रखो। दूध का इंतजार कर रहे हैं वो।
स्वामी शब्द सुन वर्षा को हंसी आ गई। बोली - स्वामी ?
नैना – हाँ, स्वामी, अब जाओ भी।
वर्षा - जो हुकुम मालकिन।
नैना हंस पड़ी।
वर्षा जा पहुंची अनुराग के कमरे में। उसने कहा - आज आपको दूध शायद न मिले।
अनुराग - क्यों ? सब ठीक है न ? तेरी तबियत तो ठीक है ?
वर्षा - हाँ सब ठीक है। वो दरअसल पंप ख़राब हो गया है।
अनुराग पहले तो ये सुन दुखी हो गए। पर अचानक से चेहरे पर चमक आ गई। बोले - अच्छा है तेरी मेहनत बच गई। सीधे ताजा ताजा पीला दे।
वर्षा ने मुँह बनाते हुए कहा - वाह जी वाह, आपको शर्म भी नहीं आती।
अनुराग - शर्म की क्या बात है। दूध ही तो माँगा है।
वर्षा - अच्छा , दूध पीते पीते फिर कुछ और मांग लोगे। वैसे भी टांगो के बीच सर उठाते महोदय की भी डिमांड बढ़ ही रही है।
अनुराग - मन करे तो उसकी भी डिमांड पूरी कर देना।
वर्षा - उसके लिए बुआ हैं न।
अनुराग - पर तेरी बात अलग है।
वर्षा - अच्छा ? रुकिए बुआ को बताउंगी कल।
अनुराग - तू भी न किस बहस में पड़ी है। आजा दूध दे दे, रात बहुत हो रही है।
वर्षा - नहीं हो पायेगा। मुझे शर्म आ रही है। आज आज की बात है। कल दूसरा पंप माँगा लुंगी। बुआ को बोल दूंगी आते वक़्त लेती आएंगी।
अनुराग ने एकदम उदास सा चेहरा बना लिया और कहा - ठीक है। तुझे मेरी फिक्र नहीं तो कोई बात नहीं। अनुराग ने चादर ओढ़ ली और कहा - जाओ सो जाओ। गुड नाइट।
वर्षा ने पीछे मुड़ी और कमरे की लाइट बंद करते हुए बोली - गुड नाइट।