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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 39 44.3%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 25 28.4%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 24 27.3%

  • Total voters
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Lord xingbie

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कुछ देर वैसे ही अनुराग के बाँहों में लेते रहने के बाद वर्षा उठी और बोली - बेटू को देख कर आती हूँ। चुदाई के चक्कर में अकेले जी चूड रखा है। वो उठ कर बीएड के किनारे जैसे ही कड़ी हुई , अनुराग ने उसके मस्त गांड पर एक हल्का सा थप्पड़ मारा।

वर्षा - आउच , क्या करते हो पापा। लगती है।
अनुराग - कितने मस्त गांड है तुम्हारी। लग रहा है दो चिकने घड़े सटा कर रख दिए हैं।
वर्षा जान बूझ कर कमर को लचकाते हुए चलने लगी और बोली - बुआ के भी तो मस्त हैं। कल आये तो मार लेना।
अनुराग - पहले तेरी मरूंगा।
वर्षा - सपने हैं।
अनुराग - चूत के भी तो सपने देखे थे।

वर्षा यूँही बिना कपड़ो के अपने अंग लहराते हुए कमरे से चली गई। तभी अनुराग के साइड टेबल पर रखे मोबाईल ने ब्लिंक किया। अनुराग ने मोबाईल उठा कर देखा तो नैना का मसाज आया हुआ था - कॉन्ग्रैचुलेसन।
अनुराग ने मैसेज देखा तो उसे आश्चर्य हुआ। पर जैसे ही उसने रीड किया तभी दूसरा मिसेज आया - लगता है अभी तक काम चल रहा है। जगे हो आप लोग।
अनुराग ने उसे कॉल किया। उधर से धीरे से आवाज आई - बधाई हो। आज आप बेटीचोद बन गए।
अनुराग - तुम्हे वर्षा ने बताया ?
नैना - वो आपके साथ नहीं है ?
अनुराग - नहीं। वो अभी अभी बेटू को देखने गई है। फिर तुम्हे कैसे मालूम हुआ ?
नैना - आपको क्या लगता है वर्षा का ब्रैस्ट पंप ऐसे ही खराब हो गया क्या ?
अनुराग को साड़ी बात समझ में आ गई। बोला - बड़ी कमीनी हो तूम।
नैना - थैंक यू बोलने के बजाय कमीनी बोल रहे हैं।
अनुराग - वो कमीनी भी तारीफ वाला ही था।
नैना - ये सब छोड़िये ये बताइये , पेल लिए ?
अनुराग - हाँ।
नैना - कितने राउंड?
अनुराग - अभी तो पहला हुआ है ?
नैना - तो तब से फोरप्ले चल रहा था ?

अनुराग ने उसे सारी बात बता दी की कैसे पहली बार वर्षा लौट गई थी और दोबारा फिर आई। वो अभी नैना से बात कर ही रहा था की वर्षा कमरे में आई। उसने फ़ोन पर बात करते देखा तो थोड़ा आश्चर्य हुआ। उसने इशारे से पुछा कौन है ?
अनुराग ने फ़ोन स्पीकर पर डाला और कहा - तेरी सौतन।
वर्षा - ओह्ह नैना। बड़ी कमीनी है तू।
नैना - साले तुम बाप बेटी एक जैसे हो। थैंक यू बोलने के बजाये गाली दे रहे हो।
वर्षा - थैंक यू ही था ये।
अब नैना और अनुराग दोनों हंसने लगे।
कुछ देर बाद बात करने के बाद नैना बोली - रखती हूँ। तुम लोग अगला राउंड करो।
वर्षा - तू कब उद्घाटन करवाएगी ?
नैना - देखते हैं। गुड नाइट।
वर्षा अनुराग के बगल में बिस्तर पेट के बल लेटी थी। अनुराग ने उसे अपने तरफ खींच लिया।
वर्षा - आपका मन नहीं भरा या फिर नैना के याद में दोबारा खड़ा कर लिया।
अनुराग - नैना के याद में तो नैना की लूंगा । अभी तुम हो सामने ।
वर्षा उठ गई उसने अनुराग के कमर के दोनों तरफ पैर किया और उसके लंड को चूत में लेते हुए बोली - अबकी मैं आपकी लुंगी।
अनुराग ने उसके स्तन दबाते हुए कहा - तुम लो , मैं लू फर्क क्या पड़ता है। मजा तो हर हाल में मिलेगा।
वर्षा ने अपने कमर को ऊपर निचे करते हुए कहा - आह आह , मजा मिलता है पर अलग अलग।

अब वर्षा कभी उसके ऊपर से छुड़ा करने लगती तो कभी कमर रख आगे पीछे करने लगती। अनुराग उसके स्तनों से निकले दूध की धार को पीना काम उससे भींगने की कोशिश ज्यादा कर रहा था।
उस रात अनुराग और वर्षा ने कई बार अलग अलग आसनों में चुदाई की। वो लगभग सुबह उजाला होने तक एक दुसरे से लिपटे रहे। तड़के वर्षा अपने बेटे के रोने पर उसके पास गई। फिर दोनों काफी देर तक सोते रहे।
nice update
varsha hi pehli bani jise anurag ka pyar mila
ab dekhte bakiyo ko kaise milta hai
keep writing
 
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Lord xingbie

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सुबह लता के बेल बजाने पर अनुराग की नींद खुली। उसे होश भी नहीं था। उसने बस लुंगी लपेटी और दरवाजा खोलने कला गया। वो इतने नींद में था की लता को नमस्ते करके वापस सोने चला गया। लता को बहुत आश्चर्य हुआ। उसने वर्षा को भी नहीं देखा तो सीधे उसके कमरे में पहुँच गई। देखा वो नंगे बिस्तर पर लेटी है। वो भाग के अनुराग के कमरे में पहुंची तो वहां अनुराग खर्राटे भर रहा था। पुरे कमरे में अजीब सी गंध फैली हुई थी। अनुराग और वर्षा दोनों के कपडे बिखरे हुए था। उसे समझने में देर नहीं लगी की यहाँ हुआ क्या है।

उसने जोर की चीख लगाई - अनुउउउउ , वर्षाआआआ

लता की आवाज सुन अनुराग जाग गए। अनुराग ने उसके हाथ में कपडे देखे तो माजरा समझ आ गया। अब उसे होश आया की गलती क्या हुई है। उधर लता की आवाज सुन वर्षा भी जग गई। उसने खुद को देखा तो एकदम नंग धडंग सोइ हुई थी। उसे भी झटका लगा लता कब घर में आई। क्या उसने इस हालात में देख लिया है। उसने झट से एक छोटी नाइटी निकाली और आवाज के तरफ चल पड़ी जो अनुराग के कमरे से आ रही थी। उसकी हालत खराब हो गई।

पहुंची तो देखा उसके पिता लता के सामने खड़े थे और समझा रहे थे - दीदी रहने दो न। चुप हो जाओ। अब जो होना था वो तो हो गया।
लता ने वर्षा को देखा तो बोली - तो रात भर चुदी है। कर ली न अपनी वाली तुम दोनों ने ?
अब वर्षा को समझ आ गया की बहाने बनाने से कुछ नहीं होगा। उसने बेशर्मी से कहा - कल आप चुद गई होती तो शायद ये नहीं हुआ होता।
लता - क्या बकवास कर रही है।
वर्षा - बुआ , जाने दो न। अब दो दो गदराई औरतें इनके सामने ऐसे घूमेंगी तो क्या होगा ? मैं तो दूध पीला ही रही थी। तुमने भी तो काम काम नहीं किया था। अब क्या करते ये ?
लता गुस्से में थी। बोली - तो कोई भी देख लेगा तो चोद देगा उसे ? अभी रूबी आएगी या तृप्ति आएगी तो क्या उन्हें भी ?
वर्षा - बुआ , वो मान जाएँगी तो उन्हें भी चोद लेने दो। मैं तो कहती हूँ , नैना भी चुद जाए। पता नहीं क्यों कुँवारी बैठी है ? उसके अंदर भी तो आग है।

अब लता का गुस्सा और बढ़ गया और वो कमरे से जाने लगी। वर्षा ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा - कहाँ जा रही हो छम्मक छल्लो। इतना गुस्सा ठीक नहीं है।
कह कर उसने लता को अपने तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिए।

लता को ना क्यों उसका विरोध नहीं कर पाई। शुरू में तो उसने उसका साथ नहीं दिया पर बाद में वो भी उसे किस करने लगी। दोनों को किस करता देख अनुराग का लंड टाइट होने लगा। पर वो संकोच में था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा। लता फिर से गुसा न हो जाये। अभी वो सोच ही रहा था की वर्षा ने कहा - क्या सोच रहे हैं पापा। देखो आपकी बहन एकदम गरम हो रखी है। छोड़ने को तैयार है। चोद लो।

लता ने वर्षा से हाथ छुड़ाते हुए कहा - क्या बकवास कर रही है। तेरे चुम्मे से मेरा गुस्सा नहीं जायेगा। ना ही तुम दोनों के काण्ड को माफ़ करुँगी।
वर्षा ने बेशर्मी से लता के साडी के आँचल को हटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तनों से उभरे निप्पल पकड़ कर बोली - अच्छा तो ये ऐसे ही कड़क हो रखे हैं।
लता ने वर्षा से कहा - हाथ हटा। मैं तेरी तरह बेशरम नहीं हूँ।
वर्षा ने तभी अपने एक हाथ से साडी के ऊपर से ही लता के चूत दबा दिया। बोली - खोल कर दिखाऊं की कैसी धार निचे बाह रही है।
लता अब हार मान चुकी थी। विरोध बस दिखाने भर का ही था।
बोली - लगता है रात भर छोड़ने के बाद भी तेरा मन नहीं भरा है।

लता ने उसकी नाइटी के अंदर हाथ दाल कर सीधे चूत पर रखा। वर्षा तो पहले से पनिया गई थी। लता का हाथ गिला हो गया।
उसने हाथ निकाल कर अनुराग को दिखाते हुए कहा - देख ये फिर से तैयार है।
अब अनुराग से नहीं रहा गया। वो लता के पास आया और उसके पीछे से जाकर उसके गांड पर अपना लंड सटा दिया और दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तन पकड़ लिए।
अनुराग - वो तो तैयार है ही। पर आज तुम्हारी लूंगा पहले। कल तुमने मेरे साथ केएलपीडी कर दी थी। आज नहीं।
लता - तू बेवक़ूफ़ है। तेरी बहन गांड खोल कर खड़ी थी और तू शराफत दिखा रहा था। कोशिश करता तो कल ही चुद जाती।
अनुराग - कोई बात नहीं। अच्छा हुआ। अब दोनों मिल गई मुझे।

ये दोनों बातों में लगे थे। उधर वर्षा ने लता के साडी को खोल दिया था और पेटीकोट के डोरी को खोलने में लगी थी। अनुराग भी उसके ब्लाउज के हुक खोल रहा था।
कुछ ही देर में लता सिर्फ पैंटी में दोनों के बीच खड़ी थी। एक तरफ अनुरा पीछे से उसके स्तनों से खेल रहा था तो दूसरी तरफ वर्षा लता के पैरों के बीच बैठ गई थी। उसने पैंटी के ऊपर से ही लता की चूत पर जीभ रख दिया। लता ने अपने बाल नहीं काटे थे। उसकी झांटे बढ़ी हुई थी। वर्षा ने लता से कहा - क्या बुआ झांटे क्यों बढ़ा रखी है? इन पर तो कंघी हो जाएगी।

लता - उफ्फ्फ , क्या करु तेरे फूफा को बहुत पसंद हैं। पर साफ़ रखती हूँ। नहाते समय प्रॉपर शैम्पू करती हूँ।
वर्षा - हम्। तभी खुशबु आ रही है।
अनुराग ने आज गौर किया लता के बगलों के भी बाल थोड़े बढे हुए थे। अनुराग - लगता है जीजा को साइड के भी बाल पसंद हैं।
लता - मत पूछ धुलवाते हैं और जब पसीने से गीले होते हैं तो सूंघते हैं।
अनुराग - बड़े शौक़ीन हैं जीजा। पर आश्चर्य है अभी तक गांड नहीं मारी।
लता - तू कहेगा तो साफ़ कर लुंगी। गांड तो बहुत कोशिश की लेने की पर नहीं दी। रोज मनाते हैं।
अनुराग - तुम्हारी गांड है ही ऐसी।
अब अनुराग ने अपना लंड उसके गांड के फैंको के बीच फंसा लिया था और लंड राहडने लगा था। उधर वर्षा ने उसकी पैंटी उतार दी थी और उसके चूत चाट रही थी।
कुछ देर ऐसी चटाई के बाद लता बोली - आज भी गांड में ही निकालेगा क्या ?
वर्षा बोली - नहीं पापा। बुआ की चूत तैयार है। मस्त पानी बहाई हैं। अब पेल लो इन्हे।
अनुराग - थोड़ा मुझे भी तो टेस्ट करा।
वर्षा ने उठ कर अनुराग के होठों से अपने होठ लगा दिए। लता अब बिस्तर पर पहुँच कर अपनी टाँगे फैलाई लेटी थी। दोनों बाप बेटी को चूमा चाटी करते देख लता बोली - मुझे गरम करके दोनों आपस में लग गए। मेरी चूत की आग कौन बुझायेगा।
वर्षा - पेल दो पापा। बेटीचोद तो कल रात हो गए थे। आज बहन पेल के बहनचोद हो जाओ।

अनुराग बिस्तर पर पहुँच गया लता के दोनों तंग अपने कंधे पर रख कर उसके चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने अब लता की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। उन दोनों की चुदाई देख वर्षा का भी मन छोड़ने को कर रहा था। पर उसका बीटा काफी देर से सोया हुआ था। उसे उसकी चिंता हुई। वो कमरे से बाहर आ गई। अपने कमरे में देखा तो उसका बेटा सोया हुआ था। उसने उसे जगा दिया।
उधर अनुराग - आह दीदी। मजा आ रहा है , भाई से चुद कर ? जीजा से ज्यादा मजा आता है या मुझसे आ रहा है।
लता - आह आह। जो मजा तुझमे है तेरे जीजा में कहाँ। तू प्यार करता है। उनमे हवस है। तेरे प्यार के लिए कब से तरस रही ठगी। आज मिला है।
अनुराग - हमम, उफ़ , आह। मुझे तो पता ही नहीं था। वार्ना पहले चोद दिया होता।
लता - तू भोला है। तेरे सामने इतनी औरतें थी तूने कभी कुछ भी नहीं किया। तू क्या मुझे चोदता। आह आह। बस मेरा होने वाला है। बस कर।
अनुराग - मेरा भी होने वाला है। आह आह। अब मैं रोज तुम्हे प्यार करूँगा। सबको करूँगा।
लता - वर्षा प्यासी है। उसे प्यार चाहिए।
अनुराग - इस घर की सब औरतें और लड़कियों को मेरा प्यार चाहिए। सबको दूंगा। किसी को नहीं छोडूंगा। आह आह आह।
ये बोलते बोलते अनुराग ने अपना माल लता की चूत में दाल दिया और वहीँ निढाल हो गया।

लता उसके बालों को सहलाते हुए सोचने लगी - ये इतने साल से प्यासा था। मिला तो एक साथ इतना प्यार। उसे पता था की घर की साड़ी औरतें चुदेंगी। पर क्या ये नैना को भी चोदना चाहता है ? कहीं नैना तो अपने मामा से छोड़ना नहीं चाहती। ये सोच उसे थोड़ा अजीब लगा। उसने फिर मन ही मन सोचा - जो होगा देखा जायेगा। अभी तो अनुराग को खुश करना है। वो उससे नैना या किसी और बात से दुखी नहीं करना चाहती थी। वो उससे प्यार करना चाहती थी। लड़ना नहीं।
mast update
lata bhi chud hi gayi subah suabha

keep writing
 
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Dharmendra Kumar Patel

Nude av or dp not allowed. Edited
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बहुत ही शानदार कामुक अपडेट
 
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Motaland2468

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सुबह लता के बेल बजाने पर अनुराग की नींद खुली। उसे होश भी नहीं था। उसने बस लुंगी लपेटी और दरवाजा खोलने कला गया। वो इतने नींद में था की लता को नमस्ते करके वापस सोने चला गया। लता को बहुत आश्चर्य हुआ। उसने वर्षा को भी नहीं देखा तो सीधे उसके कमरे में पहुँच गई। देखा वो नंगे बिस्तर पर लेटी है। वो भाग के अनुराग के कमरे में पहुंची तो वहां अनुराग खर्राटे भर रहा था। पुरे कमरे में अजीब सी गंध फैली हुई थी। अनुराग और वर्षा दोनों के कपडे बिखरे हुए था। उसे समझने में देर नहीं लगी की यहाँ हुआ क्या है।

उसने जोर की चीख लगाई - अनुउउउउ , वर्षाआआआ

लता की आवाज सुन अनुराग जाग गए। अनुराग ने उसके हाथ में कपडे देखे तो माजरा समझ आ गया। अब उसे होश आया की गलती क्या हुई है। उधर लता की आवाज सुन वर्षा भी जग गई। उसने खुद को देखा तो एकदम नंग धडंग सोइ हुई थी। उसे भी झटका लगा लता कब घर में आई। क्या उसने इस हालात में देख लिया है। उसने झट से एक छोटी नाइटी निकाली और आवाज के तरफ चल पड़ी जो अनुराग के कमरे से आ रही थी। उसकी हालत खराब हो गई।

पहुंची तो देखा उसके पिता लता के सामने खड़े थे और समझा रहे थे - दीदी रहने दो न। चुप हो जाओ। अब जो होना था वो तो हो गया।
लता ने वर्षा को देखा तो बोली - तो रात भर चुदी है। कर ली न अपनी वाली तुम दोनों ने ?
अब वर्षा को समझ आ गया की बहाने बनाने से कुछ नहीं होगा। उसने बेशर्मी से कहा - कल आप चुद गई होती तो शायद ये नहीं हुआ होता।
लता - क्या बकवास कर रही है।
वर्षा - बुआ , जाने दो न। अब दो दो गदराई औरतें इनके सामने ऐसे घूमेंगी तो क्या होगा ? मैं तो दूध पीला ही रही थी। तुमने भी तो काम काम नहीं किया था। अब क्या करते ये ?
लता गुस्से में थी। बोली - तो कोई भी देख लेगा तो चोद देगा उसे ? अभी रूबी आएगी या तृप्ति आएगी तो क्या उन्हें भी ?
वर्षा - बुआ , वो मान जाएँगी तो उन्हें भी चोद लेने दो। मैं तो कहती हूँ , नैना भी चुद जाए। पता नहीं क्यों कुँवारी बैठी है ? उसके अंदर भी तो आग है।

अब लता का गुस्सा और बढ़ गया और वो कमरे से जाने लगी। वर्षा ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा - कहाँ जा रही हो छम्मक छल्लो। इतना गुस्सा ठीक नहीं है।
कह कर उसने लता को अपने तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिए।

लता को ना क्यों उसका विरोध नहीं कर पाई। शुरू में तो उसने उसका साथ नहीं दिया पर बाद में वो भी उसे किस करने लगी। दोनों को किस करता देख अनुराग का लंड टाइट होने लगा। पर वो संकोच में था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा। लता फिर से गुसा न हो जाये। अभी वो सोच ही रहा था की वर्षा ने कहा - क्या सोच रहे हैं पापा। देखो आपकी बहन एकदम गरम हो रखी है। छोड़ने को तैयार है। चोद लो।

लता ने वर्षा से हाथ छुड़ाते हुए कहा - क्या बकवास कर रही है। तेरे चुम्मे से मेरा गुस्सा नहीं जायेगा। ना ही तुम दोनों के काण्ड को माफ़ करुँगी।
वर्षा ने बेशर्मी से लता के साडी के आँचल को हटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तनों से उभरे निप्पल पकड़ कर बोली - अच्छा तो ये ऐसे ही कड़क हो रखे हैं।
लता ने वर्षा से कहा - हाथ हटा। मैं तेरी तरह बेशरम नहीं हूँ।
वर्षा ने तभी अपने एक हाथ से साडी के ऊपर से ही लता के चूत दबा दिया। बोली - खोल कर दिखाऊं की कैसी धार निचे बाह रही है।
लता अब हार मान चुकी थी। विरोध बस दिखाने भर का ही था।
बोली - लगता है रात भर छोड़ने के बाद भी तेरा मन नहीं भरा है।

लता ने उसकी नाइटी के अंदर हाथ दाल कर सीधे चूत पर रखा। वर्षा तो पहले से पनिया गई थी। लता का हाथ गिला हो गया।
उसने हाथ निकाल कर अनुराग को दिखाते हुए कहा - देख ये फिर से तैयार है।
अब अनुराग से नहीं रहा गया। वो लता के पास आया और उसके पीछे से जाकर उसके गांड पर अपना लंड सटा दिया और दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तन पकड़ लिए।
अनुराग - वो तो तैयार है ही। पर आज तुम्हारी लूंगा पहले। कल तुमने मेरे साथ केएलपीडी कर दी थी। आज नहीं।
लता - तू बेवक़ूफ़ है। तेरी बहन गांड खोल कर खड़ी थी और तू शराफत दिखा रहा था। कोशिश करता तो कल ही चुद जाती।
अनुराग - कोई बात नहीं। अच्छा हुआ। अब दोनों मिल गई मुझे।

ये दोनों बातों में लगे थे। उधर वर्षा ने लता के साडी को खोल दिया था और पेटीकोट के डोरी को खोलने में लगी थी। अनुराग भी उसके ब्लाउज के हुक खोल रहा था।
कुछ ही देर में लता सिर्फ पैंटी में दोनों के बीच खड़ी थी। एक तरफ अनुरा पीछे से उसके स्तनों से खेल रहा था तो दूसरी तरफ वर्षा लता के पैरों के बीच बैठ गई थी। उसने पैंटी के ऊपर से ही लता की चूत पर जीभ रख दिया। लता ने अपने बाल नहीं काटे थे। उसकी झांटे बढ़ी हुई थी। वर्षा ने लता से कहा - क्या बुआ झांटे क्यों बढ़ा रखी है? इन पर तो कंघी हो जाएगी।

लता - उफ्फ्फ , क्या करु तेरे फूफा को बहुत पसंद हैं। पर साफ़ रखती हूँ। नहाते समय प्रॉपर शैम्पू करती हूँ।
वर्षा - हम्। तभी खुशबु आ रही है।
अनुराग ने आज गौर किया लता के बगलों के भी बाल थोड़े बढे हुए थे। अनुराग - लगता है जीजा को साइड के भी बाल पसंद हैं।
लता - मत पूछ धुलवाते हैं और जब पसीने से गीले होते हैं तो सूंघते हैं।
अनुराग - बड़े शौक़ीन हैं जीजा। पर आश्चर्य है अभी तक गांड नहीं मारी।
लता - तू कहेगा तो साफ़ कर लुंगी। गांड तो बहुत कोशिश की लेने की पर नहीं दी। रोज मनाते हैं।
अनुराग - तुम्हारी गांड है ही ऐसी।
अब अनुराग ने अपना लंड उसके गांड के फैंको के बीच फंसा लिया था और लंड राहडने लगा था। उधर वर्षा ने उसकी पैंटी उतार दी थी और उसके चूत चाट रही थी।
कुछ देर ऐसी चटाई के बाद लता बोली - आज भी गांड में ही निकालेगा क्या ?
वर्षा बोली - नहीं पापा। बुआ की चूत तैयार है। मस्त पानी बहाई हैं। अब पेल लो इन्हे।
अनुराग - थोड़ा मुझे भी तो टेस्ट करा।
वर्षा ने उठ कर अनुराग के होठों से अपने होठ लगा दिए। लता अब बिस्तर पर पहुँच कर अपनी टाँगे फैलाई लेटी थी। दोनों बाप बेटी को चूमा चाटी करते देख लता बोली - मुझे गरम करके दोनों आपस में लग गए। मेरी चूत की आग कौन बुझायेगा।
वर्षा - पेल दो पापा। बेटीचोद तो कल रात हो गए थे। आज बहन पेल के बहनचोद हो जाओ।

अनुराग बिस्तर पर पहुँच गया लता के दोनों तंग अपने कंधे पर रख कर उसके चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने अब लता की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। उन दोनों की चुदाई देख वर्षा का भी मन छोड़ने को कर रहा था। पर उसका बीटा काफी देर से सोया हुआ था। उसे उसकी चिंता हुई। वो कमरे से बाहर आ गई। अपने कमरे में देखा तो उसका बेटा सोया हुआ था। उसने उसे जगा दिया।
उधर अनुराग - आह दीदी। मजा आ रहा है , भाई से चुद कर ? जीजा से ज्यादा मजा आता है या मुझसे आ रहा है।
लता - आह आह। जो मजा तुझमे है तेरे जीजा में कहाँ। तू प्यार करता है। उनमे हवस है। तेरे प्यार के लिए कब से तरस रही ठगी। आज मिला है।
अनुराग - हमम, उफ़ , आह। मुझे तो पता ही नहीं था। वार्ना पहले चोद दिया होता।
लता - तू भोला है। तेरे सामने इतनी औरतें थी तूने कभी कुछ भी नहीं किया। तू क्या मुझे चोदता। आह आह। बस मेरा होने वाला है। बस कर।
अनुराग - मेरा भी होने वाला है। आह आह। अब मैं रोज तुम्हे प्यार करूँगा। सबको करूँगा।
लता - वर्षा प्यासी है। उसे प्यार चाहिए।
अनुराग - इस घर की सब औरतें और लड़कियों को मेरा प्यार चाहिए। सबको दूंगा। किसी को नहीं छोडूंगा। आह आह आह।
ये बोलते बोलते अनुराग ने अपना माल लता की चूत में दाल दिया और वहीँ निढाल हो गया।

लता उसके बालों को सहलाते हुए सोचने लगी - ये इतने साल से प्यासा था। मिला तो एक साथ इतना प्यार। उसे पता था की घर की साड़ी औरतें चुदेंगी। पर क्या ये नैना को भी चोदना चाहता है ? कहीं नैना तो अपने मामा से छोड़ना नहीं चाहती। ये सोच उसे थोड़ा अजीब लगा। उसने फिर मन ही मन सोचा - जो होगा देखा जायेगा। अभी तो अनुराग को खुश करना है। वो उससे नैना या किसी और बात से दुखी नहीं करना चाहती थी। वो उससे प्यार करना चाहती थी। लड़ना नहीं।
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Incestlala

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सुबह लता के बेल बजाने पर अनुराग की नींद खुली। उसे होश भी नहीं था। उसने बस लुंगी लपेटी और दरवाजा खोलने कला गया। वो इतने नींद में था की लता को नमस्ते करके वापस सोने चला गया। लता को बहुत आश्चर्य हुआ। उसने वर्षा को भी नहीं देखा तो सीधे उसके कमरे में पहुँच गई। देखा वो नंगे बिस्तर पर लेटी है। वो भाग के अनुराग के कमरे में पहुंची तो वहां अनुराग खर्राटे भर रहा था। पुरे कमरे में अजीब सी गंध फैली हुई थी। अनुराग और वर्षा दोनों के कपडे बिखरे हुए था। उसे समझने में देर नहीं लगी की यहाँ हुआ क्या है।

उसने जोर की चीख लगाई - अनुउउउउ , वर्षाआआआ

लता की आवाज सुन अनुराग जाग गए। अनुराग ने उसके हाथ में कपडे देखे तो माजरा समझ आ गया। अब उसे होश आया की गलती क्या हुई है। उधर लता की आवाज सुन वर्षा भी जग गई। उसने खुद को देखा तो एकदम नंग धडंग सोइ हुई थी। उसे भी झटका लगा लता कब घर में आई। क्या उसने इस हालात में देख लिया है। उसने झट से एक छोटी नाइटी निकाली और आवाज के तरफ चल पड़ी जो अनुराग के कमरे से आ रही थी। उसकी हालत खराब हो गई।

पहुंची तो देखा उसके पिता लता के सामने खड़े थे और समझा रहे थे - दीदी रहने दो न। चुप हो जाओ। अब जो होना था वो तो हो गया।
लता ने वर्षा को देखा तो बोली - तो रात भर चुदी है। कर ली न अपनी वाली तुम दोनों ने ?
अब वर्षा को समझ आ गया की बहाने बनाने से कुछ नहीं होगा। उसने बेशर्मी से कहा - कल आप चुद गई होती तो शायद ये नहीं हुआ होता।
लता - क्या बकवास कर रही है।
वर्षा - बुआ , जाने दो न। अब दो दो गदराई औरतें इनके सामने ऐसे घूमेंगी तो क्या होगा ? मैं तो दूध पीला ही रही थी। तुमने भी तो काम काम नहीं किया था। अब क्या करते ये ?
लता गुस्से में थी। बोली - तो कोई भी देख लेगा तो चोद देगा उसे ? अभी रूबी आएगी या तृप्ति आएगी तो क्या उन्हें भी ?
वर्षा - बुआ , वो मान जाएँगी तो उन्हें भी चोद लेने दो। मैं तो कहती हूँ , नैना भी चुद जाए। पता नहीं क्यों कुँवारी बैठी है ? उसके अंदर भी तो आग है।

अब लता का गुस्सा और बढ़ गया और वो कमरे से जाने लगी। वर्षा ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा - कहाँ जा रही हो छम्मक छल्लो। इतना गुस्सा ठीक नहीं है।
कह कर उसने लता को अपने तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होठ रख दिए।

लता को ना क्यों उसका विरोध नहीं कर पाई। शुरू में तो उसने उसका साथ नहीं दिया पर बाद में वो भी उसे किस करने लगी। दोनों को किस करता देख अनुराग का लंड टाइट होने लगा। पर वो संकोच में था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा। लता फिर से गुसा न हो जाये। अभी वो सोच ही रहा था की वर्षा ने कहा - क्या सोच रहे हैं पापा। देखो आपकी बहन एकदम गरम हो रखी है। छोड़ने को तैयार है। चोद लो।

लता ने वर्षा से हाथ छुड़ाते हुए कहा - क्या बकवास कर रही है। तेरे चुम्मे से मेरा गुस्सा नहीं जायेगा। ना ही तुम दोनों के काण्ड को माफ़ करुँगी।
वर्षा ने बेशर्मी से लता के साडी के आँचल को हटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तनों से उभरे निप्पल पकड़ कर बोली - अच्छा तो ये ऐसे ही कड़क हो रखे हैं।
लता ने वर्षा से कहा - हाथ हटा। मैं तेरी तरह बेशरम नहीं हूँ।
वर्षा ने तभी अपने एक हाथ से साडी के ऊपर से ही लता के चूत दबा दिया। बोली - खोल कर दिखाऊं की कैसी धार निचे बाह रही है।
लता अब हार मान चुकी थी। विरोध बस दिखाने भर का ही था।
बोली - लगता है रात भर छोड़ने के बाद भी तेरा मन नहीं भरा है।

लता ने उसकी नाइटी के अंदर हाथ दाल कर सीधे चूत पर रखा। वर्षा तो पहले से पनिया गई थी। लता का हाथ गिला हो गया।
उसने हाथ निकाल कर अनुराग को दिखाते हुए कहा - देख ये फिर से तैयार है।
अब अनुराग से नहीं रहा गया। वो लता के पास आया और उसके पीछे से जाकर उसके गांड पर अपना लंड सटा दिया और दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपर से ही उसके स्तन पकड़ लिए।
अनुराग - वो तो तैयार है ही। पर आज तुम्हारी लूंगा पहले। कल तुमने मेरे साथ केएलपीडी कर दी थी। आज नहीं।
लता - तू बेवक़ूफ़ है। तेरी बहन गांड खोल कर खड़ी थी और तू शराफत दिखा रहा था। कोशिश करता तो कल ही चुद जाती।
अनुराग - कोई बात नहीं। अच्छा हुआ। अब दोनों मिल गई मुझे।

ये दोनों बातों में लगे थे। उधर वर्षा ने लता के साडी को खोल दिया था और पेटीकोट के डोरी को खोलने में लगी थी। अनुराग भी उसके ब्लाउज के हुक खोल रहा था।
कुछ ही देर में लता सिर्फ पैंटी में दोनों के बीच खड़ी थी। एक तरफ अनुरा पीछे से उसके स्तनों से खेल रहा था तो दूसरी तरफ वर्षा लता के पैरों के बीच बैठ गई थी। उसने पैंटी के ऊपर से ही लता की चूत पर जीभ रख दिया। लता ने अपने बाल नहीं काटे थे। उसकी झांटे बढ़ी हुई थी। वर्षा ने लता से कहा - क्या बुआ झांटे क्यों बढ़ा रखी है? इन पर तो कंघी हो जाएगी।

लता - उफ्फ्फ , क्या करु तेरे फूफा को बहुत पसंद हैं। पर साफ़ रखती हूँ। नहाते समय प्रॉपर शैम्पू करती हूँ।
वर्षा - हम्। तभी खुशबु आ रही है।
अनुराग ने आज गौर किया लता के बगलों के भी बाल थोड़े बढे हुए थे। अनुराग - लगता है जीजा को साइड के भी बाल पसंद हैं।
लता - मत पूछ धुलवाते हैं और जब पसीने से गीले होते हैं तो सूंघते हैं।
अनुराग - बड़े शौक़ीन हैं जीजा। पर आश्चर्य है अभी तक गांड नहीं मारी।
लता - तू कहेगा तो साफ़ कर लुंगी। गांड तो बहुत कोशिश की लेने की पर नहीं दी। रोज मनाते हैं।
अनुराग - तुम्हारी गांड है ही ऐसी।
अब अनुराग ने अपना लंड उसके गांड के फैंको के बीच फंसा लिया था और लंड राहडने लगा था। उधर वर्षा ने उसकी पैंटी उतार दी थी और उसके चूत चाट रही थी।
कुछ देर ऐसी चटाई के बाद लता बोली - आज भी गांड में ही निकालेगा क्या ?
वर्षा बोली - नहीं पापा। बुआ की चूत तैयार है। मस्त पानी बहाई हैं। अब पेल लो इन्हे।
अनुराग - थोड़ा मुझे भी तो टेस्ट करा।
वर्षा ने उठ कर अनुराग के होठों से अपने होठ लगा दिए। लता अब बिस्तर पर पहुँच कर अपनी टाँगे फैलाई लेटी थी। दोनों बाप बेटी को चूमा चाटी करते देख लता बोली - मुझे गरम करके दोनों आपस में लग गए। मेरी चूत की आग कौन बुझायेगा।
वर्षा - पेल दो पापा। बेटीचोद तो कल रात हो गए थे। आज बहन पेल के बहनचोद हो जाओ।

अनुराग बिस्तर पर पहुँच गया लता के दोनों तंग अपने कंधे पर रख कर उसके चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने अब लता की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। उन दोनों की चुदाई देख वर्षा का भी मन छोड़ने को कर रहा था। पर उसका बीटा काफी देर से सोया हुआ था। उसे उसकी चिंता हुई। वो कमरे से बाहर आ गई। अपने कमरे में देखा तो उसका बेटा सोया हुआ था। उसने उसे जगा दिया।
उधर अनुराग - आह दीदी। मजा आ रहा है , भाई से चुद कर ? जीजा से ज्यादा मजा आता है या मुझसे आ रहा है।
लता - आह आह। जो मजा तुझमे है तेरे जीजा में कहाँ। तू प्यार करता है। उनमे हवस है। तेरे प्यार के लिए कब से तरस रही ठगी। आज मिला है।
अनुराग - हमम, उफ़ , आह। मुझे तो पता ही नहीं था। वार्ना पहले चोद दिया होता।
लता - तू भोला है। तेरे सामने इतनी औरतें थी तूने कभी कुछ भी नहीं किया। तू क्या मुझे चोदता। आह आह। बस मेरा होने वाला है। बस कर।
अनुराग - मेरा भी होने वाला है। आह आह। अब मैं रोज तुम्हे प्यार करूँगा। सबको करूँगा।
लता - वर्षा प्यासी है। उसे प्यार चाहिए।
अनुराग - इस घर की सब औरतें और लड़कियों को मेरा प्यार चाहिए। सबको दूंगा। किसी को नहीं छोडूंगा। आह आह आह।
ये बोलते बोलते अनुराग ने अपना माल लता की चूत में दाल दिया और वहीँ निढाल हो गया।

लता उसके बालों को सहलाते हुए सोचने लगी - ये इतने साल से प्यासा था। मिला तो एक साथ इतना प्यार। उसे पता था की घर की साड़ी औरतें चुदेंगी। पर क्या ये नैना को भी चोदना चाहता है ? कहीं नैना तो अपने मामा से छोड़ना नहीं चाहती। ये सोच उसे थोड़ा अजीब लगा। उसने फिर मन ही मन सोचा - जो होगा देखा जायेगा। अभी तो अनुराग को खुश करना है। वो उससे नैना या किसी और बात से दुखी नहीं करना चाहती थी। वो उससे प्यार करना चाहती थी। लड़ना नहीं।
Superb update
 
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Rajm1990

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Behtreen update
 
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The pirate

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Absolutely superb update!
Absolutely mind blowing writings!
 
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