Waiting for update bhai..thanks.Dhanyavaad Bhai..
tharkiman
Waiting for update bhai..thanks.Dhanyavaad Bhai..
Superb updateअपनी साँसे दुरुस्त होते ही लता ने अनुराग से कहा - अभी और सोयेगा या फ्रेश होगा ?
अनुराग - तुम साथ सो लो तो और सोऊंगा।
लता - धत्त। चल उठ। बेटू भी उठ गया है। जाकर उसके साथ खेल मैं कमरा सही करती हूँ। कोई देखेंगे तो कहेगा यहाँ तूफ़ान आया हुआ था।
अनुराग - तूफ़ान ही तो था।
अनुराग बाथरूम में चला गया और लता ने अपने कपडे पहन लिए। पहना क्या लपेट लिया। उसे चेंज करना पड़ेगा। उसने जमीन पर और बिस्तर पर पड़े कपड़ों को एक तरफ किया और चादर में ही बाँध दिया। बिस्तर पर नया चादर डाल कर वो कमरे से निकल पडी।
उसे देखते ही वर्षा का बीटा बोला - अरे बुआ नानी आप कब आई ?
लता - तू इतना सोयेगा तो पता कैसे चलेगा। नाश्ता कर लिया ?
बच्चा - हाँ। पर मम्मी बहुत बुरी है।
लता - क्या हुआ ?
बच्चा - मुझे दूध नहीं दे रही।
लता - वर्षा , पीला दे न।
वर्षा - बुआ , दे रही हूँ। पर इन्हे बोतल का नहीं चाहिए। मेरा चाहिए।
लता - बेटू तू अब बड़ा हो गया है ना।
बच्चा - तुम सब गंदे हो।
लता - पीला दे इसे। मत परेशान कर।
वर्षा - आप ने ही बिगाड़ रखा है। आ जा।
लता फिर बाथरूम की तरफ चली गई। इधर वर्षा सोफे पर अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। उसने एक टी शर्ट और शार्ट डाल रखा था। अंदर ब्रा नहीं था। कल रात और सुबह के बाद से अब घर में कोई पर्दा भी नहीं रहने वाला था। कुछ देर में अनुराग बाहर आये। सोफे का नज़ारा देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। अनुराग को देख वर्षा को याद आया की अनुराग को उसने सुबह दूध नहीं दिया है।
अनुराग को देखते ही वर्षा का बच्चा उठ कर बैठ गया और बोला - आज मैं फर्स्ट आ गया। आप सबसे पहले उठा हूँ।
अनुराग ने उसे गोद में ले लिया और बोला - हां। अब तू राजा बीटा हो गया है।
फिर उसने वर्षा से कहा - मुझे भी कुछ मिलेगा ?
अंदर से लता भी तब तक बाहर आ गई थी। वस्रहा ने अपना टी शर्ट नीचे नहीं किया था। उसके स्तन दिख रहे थे।
लता वर्षा के बेटे से बोली - चल बच्चा , हम बाहर से घूम कर आते हैं। मम्मी तब तक पापा के लिए कुछ पीने का बना देगी।
फिर वो उसे लेकर बाहर चली गई। उसके जाते ही वर्षा अनुराग से बोली - आइये। अपना हिस्सा भी ले लीजिये।
अनुराग कुछ नहीं बोला बस उसके स्तन देखता रहा।
वर्षा - क्या हुआ पीना नहीं है ?
अनुराग - ठीक से बुलाओ।
वर्षा ने बाहर निकला स्तन पकड़ा और कहा - पापा , दुद्धू पियोगे ? देखो न कितने भरे हुए हैं।
अनुराग - ऐसे नहीं
वर्षा - अले मेरा सोना अनु। भुखु लगी है। मम्मा का दुद्धू पिएगा ?
अनुराग अब उसके गोद में सर रख कर लेट गया। वर्षा ने अपना स्तन उसके मुँह में दे दिया और बोली - बच्चा कितना भूखा है। पी लो।
अनुराग एक बच्चे के तरह उसके स्तन से दूध पीने लगा। कुछ देर एक स्तन से पीने के बाद वर्षा ने उसे दूसरा स्तन दे दिया। अनुराग अब उसके एक स्तन से खेल रहा था और दुसरे से दूध पी रहा था।
वर्षा - पापा, पेट अभी भरा नहीं क्या ?
अनुराग ने सर उठाकर देखा और कहा - ना ही पेट भरा है न मन।
वर्षा - आपका मन कहाँ भरने वाला।
अनुराग कभी उसके निप्पल चूसता तो कभी उन्हें दांतो के बीच फंसा लेता। वर्षा की हालत खराब हो रही थी। उसके स्तनों से दूध तो कबका ख़त्म हो चूका था पर अनुराग तो एकदम पागल हो रखा था। वो स्तनों को दबाता , चूसता और कभी कभी काट भी लेत।
वर्षा ने कहा - बस पापा । अब रहने दीजिये। बुआ भी बेटू को लेकर आती ही होंगी।
अनुराग - बस थोड़ी देर और।
वर्षा - बहुत हुआ। आपको चाटना ही है तो कुछ और भी है आपके लिए।
अनुराग समझ गया। व्ो अब सोफे से उतर कर वर्षा के पैरों के बीच आ गया। उसके पेंट के आगे का हिस्सा गिला रखा था। अनुराग पागलों की तरह उसके छूट पर झपट पड़ा।
वर्षा - अरे, पैंटतो उतार लेने दीजिये।
उसके बोलते ही अनुराग ने उसका पैंट उतार दिया और उसके चूत पर झपट पड़ा। उसने चूत को अपने जीभ से निचे से ऊपर तक चाटना शुरू कर दिय। वर्षा अब आनंद के सागर में गोते लगाने लगी।
वर्षा - आह आह पापा चाट लो मेरी चूत को। खा जाओ। निगोड़ी बहुत तंग करती है। इस्स्स्सस आअ। हाँ ऐसे ही।
अनुराग एकदम कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था। वर्षा की चूत भी अब नदी की तरह बह रही थी।
वर्षा - पापा थोड़ा ऊपर चाटो। क्लीट को चूसो न। वो भी तो है प्यार करने को।
उसके ऐसा बोलते ही अनुराग ने उसके क्लीट को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। उसने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में डाल दी। ऊँगली जाते ही वर्षा जोर से बोल पड़ी - बस पापा , ऐसे ही। काट लो मेरे क्लीट को। काट कर खा जाओ। बस आह आह आह। मैं गई। माँ बचाओ मुझे।
उसने अनुराग के सर को पकड़ कर अपने पैरों के बीच में बालों से पकड़ कर जकड लिया और अपने कमर को आगे पीछे करने लगी। वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। कुछ ही पल में उसका सारा शरीर कांपने लगा और वर्षा ने अनुराग को एकदम से अपने चूत पर चिपका लिया। वो स्खलित हो रही थी। उसके चूत से लगातार पानी गिर रहा था जिसे अनुराग चाट रहा था। कुछ देर में वर्षा ने कांपना बंद किया और अनुराग को अपने ऊपर कर लिया। अनुराग ने सोफे पर आते ही पलट कर उसे अपने गोद में बिठा लिया। अब वर्षा अनुराग को लगातार चूम जा रही थी। उसे अपने ही चूत का पानी पीने में मजा रहा था। कभी वो अनुराग के जीभ को चाटती कभी अनुराग उसके। ऐसे ही किस करते करने वर्षा ने हलके से अपना कमर उठाया और अपनी चूत को उसके लैंड पर सेट कर दिया। अब वो अपने कमर को आगे पीछे करके अनुराग से चुदने लगी। अनुराग ने भी वर्षा के गांड पर हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा। दोनों वासना में डूबे हुए थे।
तभी वर्षा का फ़ोन बज उठा। उसने देखा लता का फ़ोन था। उसने फ़ोन उठा लिया और स्पीकर पर करके बोली - पापा जल्दी चोद डालो मुझे। बस मेरा होने वाला है। मेरे बाद तुम्हारी बहन का भी नंबर आएगा। चुड़क्कड़ बुआ एकदम तैयार है। आह आह पापा। क्यों बुआ , लोगी न अपने भाई का लंड ? मस्त मजे देता है। आह आह। पापा मैं आने वाली हूँ।
अनुराग भी स्खलित होने वाला था। कुछ ही देर में दोनों एक साथ ही स्खलित हो गए। वर्षा अनुराग के ऊपर झूल गई।
उधर से लता बोली - हो गया हो तो आऊं ?
वर्षा - दो मिनट बुआ। सांस तो लेने दो। हाँ अपने भाई का लंड चाट लेना। मेरा और उनका दोनों का माल लगा हुआ है।
अपनी साँसे सीधी करने के बाद उसने अपने कपडे उठाये और कमर मटकाते हुए कमरे में चली गई। बोली - लुंगी पहन कर दरवाजा खोल दो। तुम्हारी बहन बाहर है।
अनुराग ने बाहर जाकर दरवाजा खोला। अंदर आते ही लता वर्षा के बेटे से बोली - बेटा तुम टीवी देखो मैं जरा नाना से बात करके आती हूँ।
लता ने अनुराग का हाथ पकड़ा और उसके कमरे में लेकर चली गई। अंदर घुसते ही उसने कमरा लॉक किया और उसकी लुंगी खींच कर फेंक कर बोली - बेटीचोद बर्दास्त नहीं हुआ। दूध पीने खो छोड़ा था तूने उसे चोद डाला।
अनुराग ने भी उसके कंधे से पकड़ कर निचे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह में डाल कर बोला - पहले इसे साफ़ करो।
लता ने भी तुरंत मुँह में लिया और लंड को एकदम से चाटने और चूसने लगी।
अनुराग - मस्त चूसती हो लंड तुम भी। कैसा लगा स्वाद अपनी भतीजी का ?
लता ने लंड बाहर निकाला और बोली - मस्त स्वाद है उसका भी और तुम्हारा भी।
लता फिर से उसका लंड चूसने लगी।
कुछ देर बाद पूरा चाट कर वो बोली - मजा आ गया। आज तूने बहुत मेहनत कर ली। अब तेरे लिए कुछ अच्छा बनाना पड़ेगा। वार्ना फिर से बीमार हो जायेगा।
अनुराग - ऐ ये क्या दीदी। मुझे लगा तुम्हारी एक बार और लूंगा पर तुम तो ~~
वर्षा - इतना स्टेमिना तो तेरे जीजा में भी नहीं है। तू संभाल अपने आपको। अभी खूब चुदाई करनी है सबकी।
वर्षा ये कहकर बाहर चली गई। अनुराग को अब जाकर थोड़ी कमजोरी महसूस हुई। वो बिस्तर पर लेट गया।
Yu hi mahol banaye rakhiyega . Ab naina ko bhi add kare.अपनी साँसे दुरुस्त होते ही लता ने अनुराग से कहा - अभी और सोयेगा या फ्रेश होगा ?
अनुराग - तुम साथ सो लो तो और सोऊंगा।
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अनुराग - तूफ़ान ही तो था।
अनुराग बाथरूम में चला गया और लता ने अपने कपडे पहन लिए। पहना क्या लपेट लिया। उसे चेंज करना पड़ेगा। उसने जमीन पर और बिस्तर पर पड़े कपड़ों को एक तरफ किया और चादर में ही बाँध दिया। बिस्तर पर नया चादर डाल कर वो कमरे से निकल पडी।
उसे देखते ही वर्षा का बीटा बोला - अरे बुआ नानी आप कब आई ?
लता - तू इतना सोयेगा तो पता कैसे चलेगा। नाश्ता कर लिया ?
बच्चा - हाँ। पर मम्मी बहुत बुरी है।
लता - क्या हुआ ?
बच्चा - मुझे दूध नहीं दे रही।
लता - वर्षा , पीला दे न।
वर्षा - बुआ , दे रही हूँ। पर इन्हे बोतल का नहीं चाहिए। मेरा चाहिए।
लता - बेटू तू अब बड़ा हो गया है ना।
बच्चा - तुम सब गंदे हो।
लता - पीला दे इसे। मत परेशान कर।
वर्षा - आप ने ही बिगाड़ रखा है। आ जा।
लता फिर बाथरूम की तरफ चली गई। इधर वर्षा सोफे पर अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। उसने एक टी शर्ट और शार्ट डाल रखा था। अंदर ब्रा नहीं था। कल रात और सुबह के बाद से अब घर में कोई पर्दा भी नहीं रहने वाला था। कुछ देर में अनुराग बाहर आये। सोफे का नज़ारा देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। अनुराग को देख वर्षा को याद आया की अनुराग को उसने सुबह दूध नहीं दिया है।
अनुराग को देखते ही वर्षा का बच्चा उठ कर बैठ गया और बोला - आज मैं फर्स्ट आ गया। आप सबसे पहले उठा हूँ।
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अंदर से लता भी तब तक बाहर आ गई थी। वस्रहा ने अपना टी शर्ट नीचे नहीं किया था। उसके स्तन दिख रहे थे।
लता वर्षा के बेटे से बोली - चल बच्चा , हम बाहर से घूम कर आते हैं। मम्मी तब तक पापा के लिए कुछ पीने का बना देगी।
फिर वो उसे लेकर बाहर चली गई। उसके जाते ही वर्षा अनुराग से बोली - आइये। अपना हिस्सा भी ले लीजिये।
अनुराग कुछ नहीं बोला बस उसके स्तन देखता रहा।
वर्षा - क्या हुआ पीना नहीं है ?
अनुराग - ठीक से बुलाओ।
वर्षा ने बाहर निकला स्तन पकड़ा और कहा - पापा , दुद्धू पियोगे ? देखो न कितने भरे हुए हैं।
अनुराग - ऐसे नहीं
वर्षा - अले मेरा सोना अनु। भुखु लगी है। मम्मा का दुद्धू पिएगा ?
अनुराग अब उसके गोद में सर रख कर लेट गया। वर्षा ने अपना स्तन उसके मुँह में दे दिया और बोली - बच्चा कितना भूखा है। पी लो।
अनुराग एक बच्चे के तरह उसके स्तन से दूध पीने लगा। कुछ देर एक स्तन से पीने के बाद वर्षा ने उसे दूसरा स्तन दे दिया। अनुराग अब उसके एक स्तन से खेल रहा था और दुसरे से दूध पी रहा था।
वर्षा - पापा, पेट अभी भरा नहीं क्या ?
अनुराग ने सर उठाकर देखा और कहा - ना ही पेट भरा है न मन।
वर्षा - आपका मन कहाँ भरने वाला।
अनुराग कभी उसके निप्पल चूसता तो कभी उन्हें दांतो के बीच फंसा लेता। वर्षा की हालत खराब हो रही थी। उसके स्तनों से दूध तो कबका ख़त्म हो चूका था पर अनुराग तो एकदम पागल हो रखा था। वो स्तनों को दबाता , चूसता और कभी कभी काट भी लेत।
वर्षा ने कहा - बस पापा । अब रहने दीजिये। बुआ भी बेटू को लेकर आती ही होंगी।
अनुराग - बस थोड़ी देर और।
वर्षा - बहुत हुआ। आपको चाटना ही है तो कुछ और भी है आपके लिए।
अनुराग समझ गया। व्ो अब सोफे से उतर कर वर्षा के पैरों के बीच आ गया। उसके पेंट के आगे का हिस्सा गिला रखा था। अनुराग पागलों की तरह उसके छूट पर झपट पड़ा।
वर्षा - अरे, पैंटतो उतार लेने दीजिये।
उसके बोलते ही अनुराग ने उसका पैंट उतार दिया और उसके चूत पर झपट पड़ा। उसने चूत को अपने जीभ से निचे से ऊपर तक चाटना शुरू कर दिय। वर्षा अब आनंद के सागर में गोते लगाने लगी।
वर्षा - आह आह पापा चाट लो मेरी चूत को। खा जाओ। निगोड़ी बहुत तंग करती है। इस्स्स्सस आअ। हाँ ऐसे ही।
अनुराग एकदम कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था। वर्षा की चूत भी अब नदी की तरह बह रही थी।
वर्षा - पापा थोड़ा ऊपर चाटो। क्लीट को चूसो न। वो भी तो है प्यार करने को।
उसके ऐसा बोलते ही अनुराग ने उसके क्लीट को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। उसने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में डाल दी। ऊँगली जाते ही वर्षा जोर से बोल पड़ी - बस पापा , ऐसे ही। काट लो मेरे क्लीट को। काट कर खा जाओ। बस आह आह आह। मैं गई। माँ बचाओ मुझे।
उसने अनुराग के सर को पकड़ कर अपने पैरों के बीच में बालों से पकड़ कर जकड लिया और अपने कमर को आगे पीछे करने लगी। वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। कुछ ही पल में उसका सारा शरीर कांपने लगा और वर्षा ने अनुराग को एकदम से अपने चूत पर चिपका लिया। वो स्खलित हो रही थी। उसके चूत से लगातार पानी गिर रहा था जिसे अनुराग चाट रहा था। कुछ देर में वर्षा ने कांपना बंद किया और अनुराग को अपने ऊपर कर लिया। अनुराग ने सोफे पर आते ही पलट कर उसे अपने गोद में बिठा लिया। अब वर्षा अनुराग को लगातार चूम जा रही थी। उसे अपने ही चूत का पानी पीने में मजा रहा था। कभी वो अनुराग के जीभ को चाटती कभी अनुराग उसके। ऐसे ही किस करते करने वर्षा ने हलके से अपना कमर उठाया और अपनी चूत को उसके लैंड पर सेट कर दिया। अब वो अपने कमर को आगे पीछे करके अनुराग से चुदने लगी। अनुराग ने भी वर्षा के गांड पर हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा। दोनों वासना में डूबे हुए थे।
तभी वर्षा का फ़ोन बज उठा। उसने देखा लता का फ़ोन था। उसने फ़ोन उठा लिया और स्पीकर पर करके बोली - पापा जल्दी चोद डालो मुझे। बस मेरा होने वाला है। मेरे बाद तुम्हारी बहन का भी नंबर आएगा। चुड़क्कड़ बुआ एकदम तैयार है। आह आह पापा। क्यों बुआ , लोगी न अपने भाई का लंड ? मस्त मजे देता है। आह आह। पापा मैं आने वाली हूँ।
अनुराग भी स्खलित होने वाला था। कुछ ही देर में दोनों एक साथ ही स्खलित हो गए। वर्षा अनुराग के ऊपर झूल गई।
उधर से लता बोली - हो गया हो तो आऊं ?
वर्षा - दो मिनट बुआ। सांस तो लेने दो। हाँ अपने भाई का लंड चाट लेना। मेरा और उनका दोनों का माल लगा हुआ है।
अपनी साँसे सीधी करने के बाद उसने अपने कपडे उठाये और कमर मटकाते हुए कमरे में चली गई। बोली - लुंगी पहन कर दरवाजा खोल दो। तुम्हारी बहन बाहर है।
अनुराग ने बाहर जाकर दरवाजा खोला। अंदर आते ही लता वर्षा के बेटे से बोली - बेटा तुम टीवी देखो मैं जरा नाना से बात करके आती हूँ।
लता ने अनुराग का हाथ पकड़ा और उसके कमरे में लेकर चली गई। अंदर घुसते ही उसने कमरा लॉक किया और उसकी लुंगी खींच कर फेंक कर बोली - बेटीचोद बर्दास्त नहीं हुआ। दूध पीने खो छोड़ा था तूने उसे चोद डाला।
अनुराग ने भी उसके कंधे से पकड़ कर निचे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह में डाल कर बोला - पहले इसे साफ़ करो।
लता ने भी तुरंत मुँह में लिया और लंड को एकदम से चाटने और चूसने लगी।
अनुराग - मस्त चूसती हो लंड तुम भी। कैसा लगा स्वाद अपनी भतीजी का ?
लता ने लंड बाहर निकाला और बोली - मस्त स्वाद है उसका भी और तुम्हारा भी।
लता फिर से उसका लंड चूसने लगी।
कुछ देर बाद पूरा चाट कर वो बोली - मजा आ गया। आज तूने बहुत मेहनत कर ली। अब तेरे लिए कुछ अच्छा बनाना पड़ेगा। वार्ना फिर से बीमार हो जायेगा।
अनुराग - ऐ ये क्या दीदी। मुझे लगा तुम्हारी एक बार और लूंगा पर तुम तो ~~
वर्षा - इतना स्टेमिना तो तेरे जीजा में भी नहीं है। तू संभाल अपने आपको। अभी खूब चुदाई करनी है सबकी।
वर्षा ये कहकर बाहर चली गई। अनुराग को अब जाकर थोड़ी कमजोरी महसूस हुई। वो बिस्तर पर लेट गया।
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अनुराग - तुम साथ सो लो तो और सोऊंगा।
लता - धत्त। चल उठ। बेटू भी उठ गया है। जाकर उसके साथ खेल मैं कमरा सही करती हूँ। कोई देखेंगे तो कहेगा यहाँ तूफ़ान आया हुआ था।
अनुराग - तूफ़ान ही तो था।
अनुराग बाथरूम में चला गया और लता ने अपने कपडे पहन लिए। पहना क्या लपेट लिया। उसे चेंज करना पड़ेगा। उसने जमीन पर और बिस्तर पर पड़े कपड़ों को एक तरफ किया और चादर में ही बाँध दिया। बिस्तर पर नया चादर डाल कर वो कमरे से निकल पडी।
उसे देखते ही वर्षा का बीटा बोला - अरे बुआ नानी आप कब आई ?
लता - तू इतना सोयेगा तो पता कैसे चलेगा। नाश्ता कर लिया ?
बच्चा - हाँ। पर मम्मी बहुत बुरी है।
लता - क्या हुआ ?
बच्चा - मुझे दूध नहीं दे रही।
लता - वर्षा , पीला दे न।
वर्षा - बुआ , दे रही हूँ। पर इन्हे बोतल का नहीं चाहिए। मेरा चाहिए।
लता - बेटू तू अब बड़ा हो गया है ना।
बच्चा - तुम सब गंदे हो।
लता - पीला दे इसे। मत परेशान कर।
वर्षा - आप ने ही बिगाड़ रखा है। आ जा।
लता फिर बाथरूम की तरफ चली गई। इधर वर्षा सोफे पर अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। उसने एक टी शर्ट और शार्ट डाल रखा था। अंदर ब्रा नहीं था। कल रात और सुबह के बाद से अब घर में कोई पर्दा भी नहीं रहने वाला था। कुछ देर में अनुराग बाहर आये। सोफे का नज़ारा देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। अनुराग को देख वर्षा को याद आया की अनुराग को उसने सुबह दूध नहीं दिया है।
अनुराग को देखते ही वर्षा का बच्चा उठ कर बैठ गया और बोला - आज मैं फर्स्ट आ गया। आप सबसे पहले उठा हूँ।
अनुराग ने उसे गोद में ले लिया और बोला - हां। अब तू राजा बीटा हो गया है।
फिर उसने वर्षा से कहा - मुझे भी कुछ मिलेगा ?
अंदर से लता भी तब तक बाहर आ गई थी। वस्रहा ने अपना टी शर्ट नीचे नहीं किया था। उसके स्तन दिख रहे थे।
लता वर्षा के बेटे से बोली - चल बच्चा , हम बाहर से घूम कर आते हैं। मम्मी तब तक पापा के लिए कुछ पीने का बना देगी।
फिर वो उसे लेकर बाहर चली गई। उसके जाते ही वर्षा अनुराग से बोली - आइये। अपना हिस्सा भी ले लीजिये।
अनुराग कुछ नहीं बोला बस उसके स्तन देखता रहा।
वर्षा - क्या हुआ पीना नहीं है ?
अनुराग - ठीक से बुलाओ।
वर्षा ने बाहर निकला स्तन पकड़ा और कहा - पापा , दुद्धू पियोगे ? देखो न कितने भरे हुए हैं।
अनुराग - ऐसे नहीं
वर्षा - अले मेरा सोना अनु। भुखु लगी है। मम्मा का दुद्धू पिएगा ?
अनुराग अब उसके गोद में सर रख कर लेट गया। वर्षा ने अपना स्तन उसके मुँह में दे दिया और बोली - बच्चा कितना भूखा है। पी लो।
अनुराग एक बच्चे के तरह उसके स्तन से दूध पीने लगा। कुछ देर एक स्तन से पीने के बाद वर्षा ने उसे दूसरा स्तन दे दिया। अनुराग अब उसके एक स्तन से खेल रहा था और दुसरे से दूध पी रहा था।
वर्षा - पापा, पेट अभी भरा नहीं क्या ?
अनुराग ने सर उठाकर देखा और कहा - ना ही पेट भरा है न मन।
वर्षा - आपका मन कहाँ भरने वाला।
अनुराग कभी उसके निप्पल चूसता तो कभी उन्हें दांतो के बीच फंसा लेता। वर्षा की हालत खराब हो रही थी। उसके स्तनों से दूध तो कबका ख़त्म हो चूका था पर अनुराग तो एकदम पागल हो रखा था। वो स्तनों को दबाता , चूसता और कभी कभी काट भी लेत।
वर्षा ने कहा - बस पापा । अब रहने दीजिये। बुआ भी बेटू को लेकर आती ही होंगी।
अनुराग - बस थोड़ी देर और।
वर्षा - बहुत हुआ। आपको चाटना ही है तो कुछ और भी है आपके लिए।
अनुराग समझ गया। व्ो अब सोफे से उतर कर वर्षा के पैरों के बीच आ गया। उसके पेंट के आगे का हिस्सा गिला रखा था। अनुराग पागलों की तरह उसके छूट पर झपट पड़ा।
वर्षा - अरे, पैंटतो उतार लेने दीजिये।
उसके बोलते ही अनुराग ने उसका पैंट उतार दिया और उसके चूत पर झपट पड़ा। उसने चूत को अपने जीभ से निचे से ऊपर तक चाटना शुरू कर दिय। वर्षा अब आनंद के सागर में गोते लगाने लगी।
वर्षा - आह आह पापा चाट लो मेरी चूत को। खा जाओ। निगोड़ी बहुत तंग करती है। इस्स्स्सस आअ। हाँ ऐसे ही।
अनुराग एकदम कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था। वर्षा की चूत भी अब नदी की तरह बह रही थी।
वर्षा - पापा थोड़ा ऊपर चाटो। क्लीट को चूसो न। वो भी तो है प्यार करने को।
उसके ऐसा बोलते ही अनुराग ने उसके क्लीट को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। उसने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में डाल दी। ऊँगली जाते ही वर्षा जोर से बोल पड़ी - बस पापा , ऐसे ही। काट लो मेरे क्लीट को। काट कर खा जाओ। बस आह आह आह। मैं गई। माँ बचाओ मुझे।
उसने अनुराग के सर को पकड़ कर अपने पैरों के बीच में बालों से पकड़ कर जकड लिया और अपने कमर को आगे पीछे करने लगी। वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। कुछ ही पल में उसका सारा शरीर कांपने लगा और वर्षा ने अनुराग को एकदम से अपने चूत पर चिपका लिया। वो स्खलित हो रही थी। उसके चूत से लगातार पानी गिर रहा था जिसे अनुराग चाट रहा था। कुछ देर में वर्षा ने कांपना बंद किया और अनुराग को अपने ऊपर कर लिया। अनुराग ने सोफे पर आते ही पलट कर उसे अपने गोद में बिठा लिया। अब वर्षा अनुराग को लगातार चूम जा रही थी। उसे अपने ही चूत का पानी पीने में मजा रहा था। कभी वो अनुराग के जीभ को चाटती कभी अनुराग उसके। ऐसे ही किस करते करने वर्षा ने हलके से अपना कमर उठाया और अपनी चूत को उसके लैंड पर सेट कर दिया। अब वो अपने कमर को आगे पीछे करके अनुराग से चुदने लगी। अनुराग ने भी वर्षा के गांड पर हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा। दोनों वासना में डूबे हुए थे।
तभी वर्षा का फ़ोन बज उठा। उसने देखा लता का फ़ोन था। उसने फ़ोन उठा लिया और स्पीकर पर करके बोली - पापा जल्दी चोद डालो मुझे। बस मेरा होने वाला है। मेरे बाद तुम्हारी बहन का भी नंबर आएगा। चुड़क्कड़ बुआ एकदम तैयार है। आह आह पापा। क्यों बुआ , लोगी न अपने भाई का लंड ? मस्त मजे देता है। आह आह। पापा मैं आने वाली हूँ।
अनुराग भी स्खलित होने वाला था। कुछ ही देर में दोनों एक साथ ही स्खलित हो गए। वर्षा अनुराग के ऊपर झूल गई।
उधर से लता बोली - हो गया हो तो आऊं ?
वर्षा - दो मिनट बुआ। सांस तो लेने दो। हाँ अपने भाई का लंड चाट लेना। मेरा और उनका दोनों का माल लगा हुआ है।
अपनी साँसे सीधी करने के बाद उसने अपने कपडे उठाये और कमर मटकाते हुए कमरे में चली गई। बोली - लुंगी पहन कर दरवाजा खोल दो। तुम्हारी बहन बाहर है।
अनुराग ने बाहर जाकर दरवाजा खोला। अंदर आते ही लता वर्षा के बेटे से बोली - बेटा तुम टीवी देखो मैं जरा नाना से बात करके आती हूँ।
लता ने अनुराग का हाथ पकड़ा और उसके कमरे में लेकर चली गई। अंदर घुसते ही उसने कमरा लॉक किया और उसकी लुंगी खींच कर फेंक कर बोली - बेटीचोद बर्दास्त नहीं हुआ। दूध पीने खो छोड़ा था तूने उसे चोद डाला।
अनुराग ने भी उसके कंधे से पकड़ कर निचे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह में डाल कर बोला - पहले इसे साफ़ करो।
लता ने भी तुरंत मुँह में लिया और लंड को एकदम से चाटने और चूसने लगी।
अनुराग - मस्त चूसती हो लंड तुम भी। कैसा लगा स्वाद अपनी भतीजी का ?
लता ने लंड बाहर निकाला और बोली - मस्त स्वाद है उसका भी और तुम्हारा भी।
लता फिर से उसका लंड चूसने लगी।
कुछ देर बाद पूरा चाट कर वो बोली - मजा आ गया। आज तूने बहुत मेहनत कर ली। अब तेरे लिए कुछ अच्छा बनाना पड़ेगा। वार्ना फिर से बीमार हो जायेगा।
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उसे देखते ही वर्षा का बीटा बोला - अरे बुआ नानी आप कब आई ?
लता - तू इतना सोयेगा तो पता कैसे चलेगा। नाश्ता कर लिया ?
बच्चा - हाँ। पर मम्मी बहुत बुरी है।
लता - क्या हुआ ?
बच्चा - मुझे दूध नहीं दे रही।
लता - वर्षा , पीला दे न।
वर्षा - बुआ , दे रही हूँ। पर इन्हे बोतल का नहीं चाहिए। मेरा चाहिए।
लता - बेटू तू अब बड़ा हो गया है ना।
बच्चा - तुम सब गंदे हो।
लता - पीला दे इसे। मत परेशान कर।
वर्षा - आप ने ही बिगाड़ रखा है। आ जा।
लता फिर बाथरूम की तरफ चली गई। इधर वर्षा सोफे पर अपने बेटे को दूध पिलाने लगी। उसने एक टी शर्ट और शार्ट डाल रखा था। अंदर ब्रा नहीं था। कल रात और सुबह के बाद से अब घर में कोई पर्दा भी नहीं रहने वाला था। कुछ देर में अनुराग बाहर आये। सोफे का नज़ारा देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। अनुराग को देख वर्षा को याद आया की अनुराग को उसने सुबह दूध नहीं दिया है।
अनुराग को देखते ही वर्षा का बच्चा उठ कर बैठ गया और बोला - आज मैं फर्स्ट आ गया। आप सबसे पहले उठा हूँ।
अनुराग ने उसे गोद में ले लिया और बोला - हां। अब तू राजा बीटा हो गया है।
फिर उसने वर्षा से कहा - मुझे भी कुछ मिलेगा ?
अंदर से लता भी तब तक बाहर आ गई थी। वस्रहा ने अपना टी शर्ट नीचे नहीं किया था। उसके स्तन दिख रहे थे।
लता वर्षा के बेटे से बोली - चल बच्चा , हम बाहर से घूम कर आते हैं। मम्मी तब तक पापा के लिए कुछ पीने का बना देगी।
फिर वो उसे लेकर बाहर चली गई। उसके जाते ही वर्षा अनुराग से बोली - आइये। अपना हिस्सा भी ले लीजिये।
अनुराग कुछ नहीं बोला बस उसके स्तन देखता रहा।
वर्षा - क्या हुआ पीना नहीं है ?
अनुराग - ठीक से बुलाओ।
वर्षा ने बाहर निकला स्तन पकड़ा और कहा - पापा , दुद्धू पियोगे ? देखो न कितने भरे हुए हैं।
अनुराग - ऐसे नहीं
वर्षा - अले मेरा सोना अनु। भुखु लगी है। मम्मा का दुद्धू पिएगा ?
अनुराग अब उसके गोद में सर रख कर लेट गया। वर्षा ने अपना स्तन उसके मुँह में दे दिया और बोली - बच्चा कितना भूखा है। पी लो।
अनुराग एक बच्चे के तरह उसके स्तन से दूध पीने लगा। कुछ देर एक स्तन से पीने के बाद वर्षा ने उसे दूसरा स्तन दे दिया। अनुराग अब उसके एक स्तन से खेल रहा था और दुसरे से दूध पी रहा था।
वर्षा - पापा, पेट अभी भरा नहीं क्या ?
अनुराग ने सर उठाकर देखा और कहा - ना ही पेट भरा है न मन।
वर्षा - आपका मन कहाँ भरने वाला।
अनुराग कभी उसके निप्पल चूसता तो कभी उन्हें दांतो के बीच फंसा लेता। वर्षा की हालत खराब हो रही थी। उसके स्तनों से दूध तो कबका ख़त्म हो चूका था पर अनुराग तो एकदम पागल हो रखा था। वो स्तनों को दबाता , चूसता और कभी कभी काट भी लेत।
वर्षा ने कहा - बस पापा । अब रहने दीजिये। बुआ भी बेटू को लेकर आती ही होंगी।
अनुराग - बस थोड़ी देर और।
वर्षा - बहुत हुआ। आपको चाटना ही है तो कुछ और भी है आपके लिए।
अनुराग समझ गया। व्ो अब सोफे से उतर कर वर्षा के पैरों के बीच आ गया। उसके पेंट के आगे का हिस्सा गिला रखा था। अनुराग पागलों की तरह उसके छूट पर झपट पड़ा।
वर्षा - अरे, पैंटतो उतार लेने दीजिये।
उसके बोलते ही अनुराग ने उसका पैंट उतार दिया और उसके चूत पर झपट पड़ा। उसने चूत को अपने जीभ से निचे से ऊपर तक चाटना शुरू कर दिय। वर्षा अब आनंद के सागर में गोते लगाने लगी।
वर्षा - आह आह पापा चाट लो मेरी चूत को। खा जाओ। निगोड़ी बहुत तंग करती है। इस्स्स्सस आअ। हाँ ऐसे ही।
अनुराग एकदम कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था। वर्षा की चूत भी अब नदी की तरह बह रही थी।
वर्षा - पापा थोड़ा ऊपर चाटो। क्लीट को चूसो न। वो भी तो है प्यार करने को।
उसके ऐसा बोलते ही अनुराग ने उसके क्लीट को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। उसने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में डाल दी। ऊँगली जाते ही वर्षा जोर से बोल पड़ी - बस पापा , ऐसे ही। काट लो मेरे क्लीट को। काट कर खा जाओ। बस आह आह आह। मैं गई। माँ बचाओ मुझे।
उसने अनुराग के सर को पकड़ कर अपने पैरों के बीच में बालों से पकड़ कर जकड लिया और अपने कमर को आगे पीछे करने लगी। वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। कुछ ही पल में उसका सारा शरीर कांपने लगा और वर्षा ने अनुराग को एकदम से अपने चूत पर चिपका लिया। वो स्खलित हो रही थी। उसके चूत से लगातार पानी गिर रहा था जिसे अनुराग चाट रहा था। कुछ देर में वर्षा ने कांपना बंद किया और अनुराग को अपने ऊपर कर लिया। अनुराग ने सोफे पर आते ही पलट कर उसे अपने गोद में बिठा लिया। अब वर्षा अनुराग को लगातार चूम जा रही थी। उसे अपने ही चूत का पानी पीने में मजा रहा था। कभी वो अनुराग के जीभ को चाटती कभी अनुराग उसके। ऐसे ही किस करते करने वर्षा ने हलके से अपना कमर उठाया और अपनी चूत को उसके लैंड पर सेट कर दिया। अब वो अपने कमर को आगे पीछे करके अनुराग से चुदने लगी। अनुराग ने भी वर्षा के गांड पर हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा। दोनों वासना में डूबे हुए थे।
तभी वर्षा का फ़ोन बज उठा। उसने देखा लता का फ़ोन था। उसने फ़ोन उठा लिया और स्पीकर पर करके बोली - पापा जल्दी चोद डालो मुझे। बस मेरा होने वाला है। मेरे बाद तुम्हारी बहन का भी नंबर आएगा। चुड़क्कड़ बुआ एकदम तैयार है। आह आह पापा। क्यों बुआ , लोगी न अपने भाई का लंड ? मस्त मजे देता है। आह आह। पापा मैं आने वाली हूँ।
अनुराग भी स्खलित होने वाला था। कुछ ही देर में दोनों एक साथ ही स्खलित हो गए। वर्षा अनुराग के ऊपर झूल गई।
उधर से लता बोली - हो गया हो तो आऊं ?
वर्षा - दो मिनट बुआ। सांस तो लेने दो। हाँ अपने भाई का लंड चाट लेना। मेरा और उनका दोनों का माल लगा हुआ है।
अपनी साँसे सीधी करने के बाद उसने अपने कपडे उठाये और कमर मटकाते हुए कमरे में चली गई। बोली - लुंगी पहन कर दरवाजा खोल दो। तुम्हारी बहन बाहर है।
अनुराग ने बाहर जाकर दरवाजा खोला। अंदर आते ही लता वर्षा के बेटे से बोली - बेटा तुम टीवी देखो मैं जरा नाना से बात करके आती हूँ।
लता ने अनुराग का हाथ पकड़ा और उसके कमरे में लेकर चली गई। अंदर घुसते ही उसने कमरा लॉक किया और उसकी लुंगी खींच कर फेंक कर बोली - बेटीचोद बर्दास्त नहीं हुआ। दूध पीने खो छोड़ा था तूने उसे चोद डाला।
अनुराग ने भी उसके कंधे से पकड़ कर निचे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह में डाल कर बोला - पहले इसे साफ़ करो।
लता ने भी तुरंत मुँह में लिया और लंड को एकदम से चाटने और चूसने लगी।
अनुराग - मस्त चूसती हो लंड तुम भी। कैसा लगा स्वाद अपनी भतीजी का ?
लता ने लंड बाहर निकाला और बोली - मस्त स्वाद है उसका भी और तुम्हारा भी।
लता फिर से उसका लंड चूसने लगी।
कुछ देर बाद पूरा चाट कर वो बोली - मजा आ गया। आज तूने बहुत मेहनत कर ली। अब तेरे लिए कुछ अच्छा बनाना पड़ेगा। वार्ना फिर से बीमार हो जायेगा।
अनुराग - ऐ ये क्या दीदी। मुझे लगा तुम्हारी एक बार और लूंगा पर तुम तो ~~
वर्षा - इतना स्टेमिना तो तेरे जीजा में भी नहीं है। तू संभाल अपने आपको। अभी खूब चुदाई करनी है सबकी।
वर्षा ये कहकर बाहर चली गई। अनुराग को अब जाकर थोड़ी कमजोरी महसूस हुई। वो बिस्तर पर लेट गया।