अपडेट 17 (तनु कौन है, रमेश क्यो पड़ा है पीछे)
(ये अपडेट मैं मैने बताया है तनु कौन है , और रमेश क्यो पीछे पड़ा है बाकी बातें टाइम के साथ अपडेट के साथ क्लियर हो जाएगी, और अपडेट लेट है क्युकी आप सब लाइक ही नहीं करते
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तभी तनु अपने शरीर पर नज़र डालती है जिसे वीर ने जगह कटा था दातों के निशान थे।
तनु - कल क्या मुंह दिखाऊंगी साक्षी को उस दिन इतनी बात बोल रही थी।
तभी तनु देखती है अभी भी वो वीर के नीचे सो रही है, तो अब ऐसा सीधा और मासूम से प्यार नहीं होगा तो क्या होगा।
फिर तनु भी वीर को दुपका कर सो जाती है बिना कपड़ो के ही।
अब आगे -------
तनु - एक तो ये कामिना पागलों जैसा नोचता है।
तभी उसके दिल से आवाज आती है प्यार भी तो करता है।
तभी तनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसकी क़मर को पकड़ कर के उसके सीने पर सर रख कर के सो रहा था।
ये देख कर किसी भी पत्नी का दिल पिघल जाए तो उसके नीचे ही सो जाती है।
इधर सुबह साक्षी की नींद खुलती है तो वो देखती है की उसके बगल तनु और वीर दोनो गायब है।
तभी साक्षी अजीब तरह से हस्ती है और रूम की तरफ़ बड़ जाती है।
तभी वो देखती है की रूम लॉक है।
साक्षी - तनु रूम खोलो, जल्दी।
तभी तनु जो वीर के नीचे सो रही थी उसकी नींद खुल जाती है।
*ठक* *ठक*
तभी तनु वीर को देखती है जो नींद मैं भी तनु को पकड़ के सोया हुआ था जकड़ के।
तभी तनु धीरे से उसका सर सहलाती है और कहती है इतने दिन से दूर था इसलिए नींद मैं भी नहीं छोड़ रहा।
तनु - वीर उठो , वीर वीर
वीर - उम्ह सोने दो ना, बाद में किया जाएगा ना अभी नींद आ रही है।
तनु - मैं दुबारा नही बोलूंगी , एक बार मैं समझ नहीं आता।
वीर अब जल्दी से उठ जाता है और बैठ जाता है।
तनु - मुंह क्या देख रहे हो मेरा कपड़े पहनो, सुबह हो गई है भूल जाते हो क्या घर में बच्ची भी है तुम्हारी।
सुबह सुबह डाट पड़ गई और सब याद आ गया।
तभी तनु ये सुन कर उसे घूर के देखती है।
वीर जल्दी से कपड़े पहनता है और तनु अब ब्लाउज पहन चुकी थी।
तभी तनु अपनी ब्रा का हुक बंद करने की कोशिश करती है और वीर उसके पीछे आ जाता है और हुक बंद करने लगता है और ब्लाउज का हुक भी बंद करने लगता है।
तभी तनु कहती है तुमने पहन लिया,
वीर कहता है हा, तनु फिर जल्दी से बेड शीट हटा दो और में साडी पहनती हूं।
तनु इतनी तेज साड़ी पहन रही थी की चूड़ियों की छन छन साक्षी को साफ साफ सुनाई पड़ रही थी।
तभी साक्षी कहती है कुछ तो कांड किया है दोनो ने, कही वीर को चोट तो नहीं लग गई , मेरी ही गलती है जब मुझे पता है की उसे ऊपर चढ़ कर सोने की आदत है तो भी मैं दुसरे तरफ मुंह कर के सोती हूं।
तभी तनु देखती है वीर का मुंह लटका हुआ है तो वीर गेट खोलता उसके पहले वो एक हाथ उठा कर उसकी तरफ देखते हुए , अपने एक हाथ से अपने कान पकड़ लेती है।
वीर उसकी ये हरकत देख कर के उसे गले लगा लेटा है।
तनु सुबह सुबह वीर के गले लगी तो उसे बहुत अच्छा लग रहा था।
तनु - चलो अब जल्दी से किस कर लो मार्निंग वाली , और गेट खोलो।
वीर - बहुत मन कर रहा है प्लीज़।
तनु - आई लव यू , मेरा बच्चा बाहर आपकी साक्षी खड़ी है।
वीर - कुछ करो ना।
तनु - अभी नही , अभी गेट खोलो बाद मैं पक्का मैं कुछ करूंगी, अभी गेट खोलो।
तभी वीर तनु के होठ चूसने लगता है।
उम्मम्मम उम्मम्मम्म
तनु - अब बस इतना , इतना भी नहीं डाटा था जितना तुमने उसूल लिया।
वीर - तो मेरी वाइफ हो , प्यार हो मेरी।
तनु - अच्छा बच्चू मस्का , फिर भी नही दूंगी।
वीर - वैसे कुछ भी कहो तुमरी गांड़ सच्ची बहुत प्यारी है।
ये सुन कर तनु का गाल पूरे लाल हो जाते है और वीर को धकेल देती है और कहती है गंदे कही के।
वीर हस्त है तभी बहुत तेज़ी से गेट नॉक होता है।
तभी तनु धीरे से कहती है जल्दी गेट खोलो वर्ना साक्षी तोड़ देगी।
जैसे ही वीर ने गेट खोला साक्षी उसे देख कर उसके गले लग जाती है।
साक्षी - थैंक गॉड , मैं डर गई थी मुझे लगा क्या हो गया।
साक्षी - क्या है हा , गेट क्यो नहीं खोल रही थी इतना टाइम लगता है , क्या कर रही थी तू।
वही ये सब सुन कर वीर चुप चाप खड़ा था।
तभी उसके बगल अनु खड़ी हो जाती है जो इतना हल्ला सुन कर आ गई थी।
तभी साक्षी की नज़र तनु पर पड़ती है तो वो तनु को देखती है तो उसकी हसी निकल जाती है।
साक्षी - अनु जा कर काव्या के साथ सो जा।
अनु - दीदी ठीक है, सब ठीक है ना?
साक्षी - हा सब ठीक है , तुझे बाद मैं सब बता दूंगी।
वीर - मैं भी अनु के साथ जाता हूं , बेचारी काव्या अकेले सो रही है
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तभी साक्षी वीर का हाथ पकड़ लेती है और कहती है अरे आप कहा आप भी रुकिए जरा।
तभी साक्षी तनु को देखती हैं , बिखरे हुए बाल लाल लाल दातों के निशान से सजे हुए गले, बेड शीट जमीन पर कमर पर दातों के निशान।
तभी साक्षी वीर को देखती है जिसके गले पर दातों के निशान थे।
तभी साक्षी हस्ते हुआ कहती है वीर ज़रा शर्त उतारो अपनी।
वीर को ना चाहते हुए भी, शर्त उतारनी पड़ी।
जैसे साक्षी वीर की पीठ देखती है।
उसकी पीठ पर नाखून से नकोटे जाने के निशान थे और पीठ के ऊपर साइड दातों के निशान थे।
साक्षी - वाह जी आप दोनो तो फॉरवर्ड निकले, आप जाइए अब वीर सो जाइए जरा मैं अपनी बहन से बात तो कर लूं , बचपन से इंतजार में थी।
तभी वीर वहा से चुप चाप जाने लगता है लेकिन तभी वो आगे बडकर पीछे से साक्षी की कमर पकड़ के खड़ा हो जाता है।
और साक्षी कुछ नहीं कहती , और वीर को देखती है और वो समझ जाती है।
वीर साक्षी के बिना ज्यादा टाइम नही रह पता था ये उसकी बचपन की आदत थी।
तभी साक्षी हस्ते हुए कहती है , जाओ और बाहर मेरा वेट करो मैं आती हूं बस 10मिनट।
तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है अजीब लड़का है डाट भी खाता रहता है लेकिन हम दोनो से दूर भी नही रह पता ज्यादा टाइम।
तभी उसे गला खखारने की आवाज़ आती है।
साक्षी - वो गया तनु जी , हा तो आप क्या कहा करती थी पहले कोई मेरे आगे टिक सके, इतनी किसी की औकात नहीं
तनु - वो वो
साक्षी - हा याद आया , प्यार अलग होता है चुटियापा अलग, दातों से काटना गले में ये कैसा प्यार है नोचना।
साक्षी - कोई आपके गुस्से के आगे टिक नही सकता , आज देखो आपको जगह जगह से नोचा है उसने और वो भी प्यार से, और सोया भी आपके ऊपर है, तो कहा गया गुस्सा।
तनु - गुस्सा तो वैसा का वैसा है, गुस्सा मैं नो बदलाव, सुबह सुबह ही डाटा मैने उसको।
साक्षी - अच्छा और सुबह सुबह डाटा आपने।
तनु - हा तो करती हूं, प्यार उससे बस नही रह पाती उसके बिना पता नहीं कैसे इतना प्यार करने लगी, वो सब कुछ कर रहा बस मेरी खुशी के लिया तो आता है उसपर प्यार।
साक्षी - पागल ही ही ही ही, वैसे वो सब से ऐसे ही प्यार करता है, लेकिन अच्छा है तुम्हारा गुस्सा सहने वाला आ गया।
तनु - पता नही कैसा लड़के पर दिल आ गया।
साक्षी - कुछ भी कहो , जान है वो हम सब की।
तनु थोड़ा आगे होती है तो लड़खड़ा जाती है।
साक्षी - आराम से मैडम चल नहीं पा रही आप, चलो थोड़ा सो जाओ, दर्द कम हो जाएगा।
तनु - पूरे शरीर से उसकी खुशबु आ रही।
साक्षी - हा पहले नहा लो , अब उसकी ही खुसबू आएगी , अब तो कभी भी साड़ी उतारनी पड़ेगी।
तनु कुछ नहीं बोलती चुप चाप जाने लगती है और साक्षी हंसते हुए सहारा देती है।
साक्षी - awwww मेरी प्यारी से नागिन।
तनु - ये सुन कर हड़बड़ा जाती है और कहती है क्या बकवास कर रही है सुबह सुबह।
साक्षी - सहारा चाहिए या नहीं वर्ना जाऊ मैं, नागिन कही की।
तनु - मेरा भी टाइम आएगा बेटा , तब तू देखना मैं तेरी कैसी क्लास लेती हूं , डायन।
साक्षी - मैं तेरी तरह इतना नही काटने दूंगी , संभाल लुंगी उसे।
तभी वो दोनो अनु के पास आ जाती है और दोनो अनु को देखती है और दोनो एक दूसरे को देखती है और वही गिर पड़ती है हस्ते हस्ते।
अनु - क्या हुआ हस क्यों रही हो।
तनु और साक्षी बहुत जोर से हस रही होती है।
तभी अनु की नज़र वीर पर पड़ती है जो उसे ही तिरछी नज़र से घूर रहा था।
साक्षी - तू तो भाभी भी है और मॉडर्न भी है, तेरा क्या होगा
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तभी अनु समझ जाती है की क्या बात हो रही है, वो कहती है मैं जा रही टीवी देखने आप लोग करो नाटक।
तभी वो दोनो जोर से हसने लगती है।
इधर इन दोनो की हसी की आवाज़ नीचे राखी के कानो मैं सुकून डालती है और निधि और बाकी सब हसने लगते है।
इधर साक्षी अनु को परेशान देख कर उसके पास जाती है।
अनु - क्या है, क्यो परेशान कर रही हो मुझे, जाओ और काम करो, मुझे समझ नहीं आ रहा कुछ।
तभी साक्षी कहती है हमारा वो मतलब नही था तू आराम कर।
तभी वहा पर तनु आती है और कहती है हमारा मतलब वही था बन्नो जो तुम समझ रही हो हम दोनो तो बीच की हो एकदम परफेक्ट तुम्हरा क्या हाल होगा
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तभी अनु वापिस दूसरी तरफ चली जाती है और कहती है खुद को देखो जगह जगह दात के निशान है।
इधर साक्षी कहती है चल जल्दी नहाने चले वर्ना काव्या उठ जाएगी।
इधर वीर भी चुप चाप काव्या को जकड़ के सो रहा होता है वो कुछ बोलता तो अनु उसकी खोपड़ी फोड देती।
इधर अनु उसके बाद अपना शरीर देखने लगती है
अनु - यार कुछ ज्यादा सेक्सी कपड़े पहन लिया है क्या, एक तो पता नहीं दीदी जैसी मोटी क्यो नहीं हूं।
इधर दूसरी तरफ सीन चेंज होता है।
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रमेश - बहन के लोड़े वीर का गेम क्यों नहीं बजाया।
"देख बे चमन झंडू मैं काम पैसे के लिया करता हूं समझा बे सीधे लन्ड चल पैसे दे आज ही गेम बज जाएगा"
रमेश - ये ले पैसे गांड़ में डाल ले लेकिन काम आज ही होना मांगता
"ठीक है , बोल किसका काम बजाने का है"
रमेश - वीर का
"काम हो जाएगा "
"हा बे वीर पे नज़र रख और मौका मिलते ही पेल डाल"
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अंजलि - अच्छा जी मेरे पति पर डाका डाला जाएगा,
अंजलि किसी को कॉल करती है और कहती है रमेश की बेटी का एड्रेस देना तो जरा
अंजलि फिर उसकी बताई जगह निकल जाती है।
अंजलि - बेटा मुझे इतना तो पता था , तू इतनी आसानी से वीर को जाने नही देगा , मुझे अच्छा से पता है तेरा निशाना वीर क्यो है, लेकिन वो कौन है जो वीर को मारना चाहता है, आखिर क्या राज है, जो वीर से जुड़ा है आखिर है कौन है इन सब का मास्टरमाइंड रोहित।
वो सीधे हॉस्टल में चली जाती है, जहा एक लड़की बैठी होती है , एक रूम में।
वो दरवाज़ा खटखटाती उसके पहले उसका फोन बज जाता है।
अंजलि - हा रूही बोल(रूही अंजली की पर्सनल हैकर)
रूही - जिससे तू मिलने जा रही है उसे कभी लडको के पास नहीं रखा गया, जिस वजह से वो अब लडकियों के साथ रहते रहते उसे लडको से इंटरेस्ट खतम हो गया तो एक तरह से उसे लेस्बियन मान, लेकिन याद रहे बहुत रोती है।
रूही - इसके थ्रू तू रमेश के बारे में हर एक डिटेल जान सकती है, बहुत सीधी लड़की है कभी स्कूल और हॉस्टल के आलावा कहीं नहीं गई।
अंजलि - इंटरस्टिंग
रूही - प्लीज़ इससे दूर रहो, हमेशा रोती रहती है, कभी इसका दोस्त तक नहीं बना क्युकी इसके साथ हमेशा सिक्योरिटी रहती है बस हॉस्टल का रूम छोड़ कर, अपने पापा कि हर बात मानती है, यानी रमेश की , बहुत अकेली लड़की है इसका कोई नही सभालने वाला, जो लड़की इसको बहार ले जाती अगले दिन रमेश उसको गायब करवा देता, बस हॉस्टल में जिससे बात करतीं है बस वही।
फिर फोन काट जाता है।
और अंजली दरवाजा नॉक करती है।
लडकी - क्या है , किससे मिलना है आपको।
अंजलि - जी रचना है।
रचना - हा मैं ही हूं, बताइए।
अंजलि - अंदर आने को नही बोलोगी।
रचना - नहीं क्यो आना है अंदर आपको जाइए यहां से बिना मतलब मेरे पास टाइम नहीं है, समझी।
अंजलि वही रचना को धकेल कर दरवाजे पर किस करने लगती है।
रचना आचनक हुए इस हमले से घबरा जाती है आज पहली बार किसी ने उसके होठ को छुआ था।
रचना जल्दी से घबरा कर अंजली को अंदर धकेल देती है और आंखो में आसू आ जाते है , रचना नहीं चाहती थी की उसकी बाकी सहेली की तरह ये भी गायब हो।
इधर रचना रोना स्टार्ट करती उसके पहले अंजली फुट फूट के रोने लगती है।
इधर अंजली को रोता देख, रचना के आसू रुक जाते है और वो खुद अंजली को देखने लगती है।
रचना - शर्म नहीं आती ऐसी हरकतें करते है हुए और रो क्यों रही हो।
अंजलि - तुमने मुझे किस क्यो किया, तुमने मेरा फायदा क्यो उठाया, मैं तुमसे प्यार करती हूं तो मतलब कुछ भी करोगी मेरे साथ।
रचना - मैने कब किस किया , तुमने किया मुझे।
अंजली - अच्छा मैने किया (एक दम मासूम सी सकल बना कर वो कहती है)
रचना - हा तुमने किया और मुझ पर ब्लेम लगा रही हो।
अंजलि - हा मैने किया किस तुम झूठ तो नहीं बोल रही।
रचना - मैं झूठ नही बोल रही तुम बेशर्म हो ऐसे करते टाइम शर्म नहीं आई , कोई देख लेता तो।
अंजलि - तो क्या बोल देती मेरी हो तुम सिंपल।
रचना - मैं कब तुम्हारी हो गई , और जाओ से यह से में लेस्बियन नहीं हूं, समझी।
इसके पहले की रचना कुछ और कहती वो देखती है की अंजली उसका छोड़ा हुआ झूठा खाना खा रही थी।
रचना बस आंखे फाड़े देखे जा रही थी।
जैसे ही रचना घूरती है अंजली फिर रोना स्टार्ट कर देती है।
रचना - अब क्या हुआ रो क्यों रही हो, हल्ला मत करो वर्ना दिक्कत हो जायगी प्लीज़।
अंजलि - *स्निफ* तुम मुझे घूर क्यो रही हो, और इतनी दूर से तुम्हारे लिए आई हु।
रचना - खाओ खाओ , तुम।
जैसे ही रचना अब देखती है की अंजली का चहरा बहुत खिला हुआ है।
अंजलि - तुम इतना डरती क्यो हो, और ये मुझे चुप क्यों कर रही थी।
रचना - कुछ नहीं
उसकी बात सुन कर अंजली फिर रोने लगती है।
रचना उसके पास बैठ कर कहती है कितना रोटी हो तुम , तुमने तो मेरा भी रिकॉर्ड तोड दिया 1 महीने में जितना रोती हूं उतना तुम एक दिन मैं रो दी।
तभी अंजलि उसको खूब टाइट हग कर लेती है और रचना को अंजली का भरा हुआ शरीर बहुत अच्छा लग रहा था।
तभी अंजलि कहती है भाभी जैसा शरीर है ना , अच्छी लगी मैं तुम्हे ।
रचना कुछ सोचती है तभी वो देखती है की अंजली का मुंह बन गया तो वो रचना कहती हैं अरे बहुत अच्छी हो रोना मत।
फिर अंजली चुप हो जाती है और हस्ते हुए उसे अपने हाथ से मैगी खिलाती है और कहती है अपने हाथ से बनाया तुम्हारे लिए खाओ।
रचना - वो खा लेती है और
अंजली बहुत बात करती है।
रचना - तुम मुझसे मिलने क्यो आई थी।
अंजलि - बुधु बचपन से प्यार करती हूं तुमसे अब मैं तुम्हारे पास रहूंगी।
रचना - कितना बोलती हो तुम।
अंजलि - रचना ये बताओ ये राज कौन है, जो अक्सर दिखता रहता है।
रचना - दूर रहना इससे , बहुत गंदा इंसान है ये लोगो को मारता है पैसे के लिए , तुम दूर रहना प्लीज़ और मुझसे बात मत करना।
अंजलि - लेकिन ये क्यों करता है और इससे रोकने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।
रचना - बस पैसे के लिए काम करता है।
अंजलि - सुनो एक और किस कर लूं।
रचना - अब निकालो मेरे रूम से बाहर मुझे कॉलेज जाना है मेरा हिस्सा का खाना खा गई और ऊपर लेट भी हो रहा गर्ल कॉलेज में बहुत स्टिक रूल होते है बेशरम लड़की।
अंजलि - प्यार करोगी हमसे।
रचना - bye बेशरम और घटिया लड़की अब मत आना दुबारा वर्ना मुंह तोड़ दूंगी।
इधर रचना हस्ते हुए चुप चाप कार मैं बैठ जाती है।
और उसके जाते ही अंजली रूही को कॉल करती है।
रूही - हा बोल।
अंजलि - मेरा सामन रचना के रूम में भिजवा दो , और सुनो कुछ भी कर के बगल वाला रूम मुझे चाहिए, बैकअप के लिया और राज को पैसे दे कर रमेश पर ही गोली चलवाओ, और रोहित के नाम से कॉन्टेक्ट करना उसी के नंबर से ये जब तक आपस में लड़ेंगे तब तक मेरी बहने सेफ रहेंगी।
रूही - सावधान रहना पता नही ये रोहित कौन है, जहा तक मुझे शक है , अनु को छेड़ने के लिए लड़के थिएटर में रोहित ने ही भेजा था।
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इधर अनु अपने आप को ही निहारे जा रही थी तभी वीर उठ के आता है तो उसके सामने अनु की उभरी हुई गांड़ और चूची होती है।
वीर - अनु गुड मार्निंग।
अनु - गुड मॉर्निंग, तुमने बात करी दीदी से मेरे लिए।
वीर - यार वो नही मानेगी तुम्हे पता है ना।
अनु - तुम ट्राय तो करो।
वीर - किसके लिए मार खाऊं मैं बड़ी आई तुम
अनु - अपनी छोटी सी वाइफ के लिए, जिस हक से गोद मैं बैठाया उस हक से मैं भी तो वाइफ हो हा कभी कभी गुस्सा आ जाता है।
वीर - मुझे हग करने दोगी और किस जितना मैं चाहूं।
अनु - अच्छा बच्चू ठीक है मैं एक किस करने दूंगी, लेकिन मानने के बाद और एक रात मेरे बगल सोना पड़ेगा।
अनु - ठीक है लेकिन केवल एक रात।
अनु - मुझे एक किस करने के लिए इतनी मेहनत।
वीर - बात एक किस की नहीं है , मुझे तुम पसंद हो तुमसे डर लगता है क्युकी तुम हमसे नफ़रत करती हो।
अनु - में नफरत मृत करती वीर कभी थी बट अब नहीं है , तुम खुद मेरे पास नहीं आते, तो मैं कैसे तुमसे प्यार कर सकती हूं।
वीर - ये क्या इज़हार है।
अनु - नही पास आना पड़ता है , तब कोई अपना बनता है , वैसे तुम एक अच्छे पर्सन हो , मुझे अच्छा लगता है तुम्हारी वाइफ होना, तुमने कभी हर्ट नहीं किया।
अब अनु टीवी ऑन कर देती है और अब साक्षी और तनु और काव्या भी आ गए साथ मैं रूम में।
तभी न्यूज की हेड लाइन आई
अब तक की सबसे ताजा ख़बर सिनेमा हॉल में मूवी देखने गए 4 युवक की मौत साप के जहर से हुई मौत।
अनु - दीदी ये तो वही है जिसने मेरे पर कमेंट किया था।
तनु - चैनल बदलो और ढंग कर लगाओ गलत आदमी के साथ गलत ही होता है।
अनु - ही ही ही ही मर गया मदरचोद।
तभी वीर की नज़र तनु पर जाती है तो उसका लोड़ा ही खड़ा हो जाता है और वो तनु से इशारे करता है.
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To be continued ........
Give your valuable review like toh karoge hi..... Next update bahut pyar hoga romantic sa....
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like kar dena...........