उसकी बात सुन कर खलीफा भी उसे देखने लगता है।
*********
एक प्लेन में बैठा रोहित और उसकी गोद मैं बैठी लड़की दोनो ऑडियो पर रचना की बात सुन रहे थे," और रोहित स्माइल करते हुए बोलता है " इट्स माय टर्न सर खलीफा"
अब आगे --
खलीफा - बिल्कुल रचना मुझे पक्का यकीन है, सारी गल्फ कंट्री मैं हमारा ही नाम होगा।
रचना - उससे भी आगे सर
खलीफा - मुझे उम्मीद नहीं थी, तुम इतनी जल्दी इस मुकाम पर आ जाओगी।
रचना - उम्मीद तो हमे भी नही थी, सर लेकिन आप धीरे धीरे जान जाएंगे after all अब हम पेट्नर हैं।
खलीफा - मेरे बारे मैं तो तुम जानती होगी, पूरे अमेरिका मैं और गल्फ कंट्री मैं मेरी एयरलाइंस और वाटरलाइंस चलती है।
रचना - हा खलीफा मैं जानती हूं, और इसे गल्फ कंट्री से पूरे वर्ल्ड में करने के लिए तो मैं आई हूं।
खलीफा - i hope you dont regret me
रचना - यू ऑलवेज रिमेंबर me सर।
**************
इधर एक प्लेन में एक लड़की बैठी थी जो ड्रिंक बना रही थी, और लैपटॉप चला रही थी।
तभी वो लैपटॉप पटक देती है और कहती है," अब तुम मुझे सब बता रहे हो या नही , वर्ना अच्छा नही होगा"
रोहित - अरे अरे गुस्सा क्यो करती हो।
"गुस्सा ना होय तो क्या करू, तुम एशिया के सबसे बड़े डॉन हो और कोई तुम्हारे साथ खेल के चला जा रहा है"
रोहित - देखो सोनाली मेरी वाइफ हो ऐसे गुस्सा नही करते , और तुम्हे क्या लगता है मैं सब कुछ ऐसे कर रहा हूं, ये खलीफा ही है पुरे यूरोप का सबसे बड़ा डॉन है, और यही एयरलाइंस और वाटरलाइंस से इसकी इनकम आती है, जिससे लीगल तरीके से ये मजबूत है"
सोनाली - तुम क्या करोगे
रोहित - खेल का मजा लो अब तक खलीफा खेल रहा था अब हम खेलेंगे और उसे इंडिया में दिलचस्पी नहीं है , वो रूही को भारत लाना चाहता था, कुछ तो बड़ा झोल है, बस अब खेल शुरू होगा , लेकिन उसके पहले खलिफा की सारी डिटेल मुझे चहिए।
****************
तनु - साक्षी तू चाय चढ़ा और मैं जरा अपनी बेटी के पास जा रही, कल से नही खेली उसके साथ बहुत माया लग रही है।
तनु चली जा रही थी की साक्षी उसे रोकती है
"क्या बात है", तनु ने तपाक से उतर दिया
साक्षी - अरे बन्नो तुम्हारा फिगर हाय वीर इसी पर तो फिदा है, वैसे अब समझ आया की उसे तुम मैं इतना मजा क्यो आता है।
तनु - कामिनी सबका फिगर सेम टू सेम ही तो है, अब काम कर अपना हट कुछ भी बोलती रहती है।
इधर तनु बाहर आती है तो लड़कियों का एक झुंड बात कर रहा था, जिसमें रूही, अंजली, राखी और अंजू होती है और ये सब तनु को देख कर उसे ही देखने लगती है और फिर सब जाने लगती है।
राखी - जाने का मन नही है
अंजली - तो मत जाओ मां,
मंजू - फिर खाना कौन बनाएगा।
ऐसा कह कर वो हस्ते हुए जाने लगती है और तनु को गले लगा कर चली जाती है और साक्षी भी बाहर आती है।
इधर जैसे ही उन सब की नज़र अनु पर पड़ती है तो रूही हस देती है और कहती है ," दीदी ये ऐसे ही रहती है, इसका ये रूप तो देख कर ही समझ नी आ रहा"
तभी साक्षी देखती है तो वीर ने अनु को जकड़ रखा है और उसकी कमर पर वीर का हाथ होता है और सलवार के अंदर हाथ एक हाथ से अनु वीर का हाथ पकड़े रहती है और दूसरे हाथ से काव्या को जकड़े रहती है, और खुद वीर के सीने मैं घुसी रहती है
इधर वीर के पास आ कर सब खड़ी हो कर उसे ही घुर रही थी तभी अनु की नींद खुल जाती है और वीर को बाहों मैं पड़ी थी , तभी उसकी नज़र रूही अनु, और साक्षी और तनु पर पड़ी जो उसे देख कर हस रही थी, और वो ये देख कर हड़बड़ा जाती है और खड़ी हो जाती है जल्दी से और जींस और सलवार सही करने लगती है।
जिससे सब हसने लगती है और अनु साक्षी को पीछे से पकड़ कर के कहती है ऐसे क्या देख रहे हो सब, जान है वो मेरी।
साक्षी उसे गले लगा लेती है और कहती है अरे पागल लड़की ये बता नहा धो कर कौन सोता है।
अनु - ही ही ही ही मैं मुंह धो कर आती हूं।
तभी अनु जाते हुए देखती है की सब उसे घूर रहे है तो वो कहती है ऐसे क्या देख रहे हो मुझे।
तभी सभी हसने लगती है , और अनु चली जाती है और जाते हुए कहती है ,"सारी की सारी पागल लाया है वीर, बस भरा हुआ शरीर है सबका,एक मैं ही हूं सेक्सी मॉडर्न हू"
"बिल्लोटी भी" पीछे से किसी ने ये आवाज़ दी और अनु कहती है "अच्छी चीजों की नखरे भी बहुत है"
उसकी ये बात सुन कर सब हसने लगती है और अंजली चाय लाने चली जाती है, और तनु वीर के बाल सहलाती है और काव्या को आवाज लगती है।
तभी साक्षी कहती है तू वीर को उठा मैं चाय लाती हूं, जेसे ही वीर की नज़र खुलती है तो वो तनु को अपने सामने देखता है जिसकी गोद मैं वीर का सर होता है, तभी वीर आगे बड़ता है लेकिन तनु उसे इशारे से काव्या की तरफ़ दिखाती है ।
वीर उठ के बैठ जाता है तभी साक्षी वायग्रा सब वापिस आ जाती है और वीर मुंह धुलने चला जाता है।
वीर जैसे ही आता है उसे सामने रूही खड़ी मिलती है जो उसे देख रही थी।

उसे देख कर वीर कही खो सा गया था।
वीर मन ही मन सोचता है," मैं ही मेडरचोद हूं, ऐसी लड़की से शादी से मना कर दिया"
वीर - तुम यह क्या कर रही हो , अंदर जाओ।
रूही - नही जाऊंगी तुमसे क्या अपना काम करो ,समझे वैसे भी शादी तो मुझसे करना नही था तुम्हे तो इतना भाव मत खाओ
वीर रूही की बात सुन कर चुप हो जाता है और कहता है प्लीज़ अंदर चलो, में नही चाहता आपके गुलाब जैसे होठ पर मेरे आलावा किसी और की नज़र पड़े ,
रूही उसकी बात सुन कर हस देती है और कहती है थैंक्स आज के लिए वीर।
तभी रूही कुछ और कहती तभी उसे अंजली की आवाज आती है जो उसे अंदर ले कर चली जाती है और अंजली जाते टाइम वीर को गुस्से से देख कर चली जाती है, उसकी नज़रे बहुत कुछ बोले रही थी।
वही अंजली का गुस्सा देख कर साक्षी और तनु हस रही थी।
अनु - दीदी , एंट्री तो वाइफ वाली मारी है दोनो ने फुल गुस्से मैं है।
अनु - दीदी आप दोनो इतनी लुंज पुंज क्यो है।
तनु साक्षी को देखती है और साक्षी तनु को।
तभी अनु की नज़र दोनो के जख्मों पर पड़ जाती है और वो कहती है ," रहने दो समझ गई मैं रात भर गाड़ी चली है लगता है"
इधर इसके बाद वीर अंदर आता है और काव्या के साथ खेलने लगता है और उसे खेलते देख अंजली की आंखे फटी की फटी रह गई जैसे उसने किसी भूत को देख लिया।
इधर वीर काव्या के साथ खेल कर वापिस आ कर चाय पीने लगता है और सब की नज़र टीवी पर होती है, और वीर चुपके चुपके रूही को देख रहा था।
रूही वीर को देख कर अंजली की ओर इसारे करती है और हसने लगती है ।
तभी वीर समझ जाता है अगर अभी बात करने की कोशिश की तो अंजली जान निकल कर बहार कर देगी।
तभी वीर की नज़र अकेली बैठी अनु पर पड़ती है जो कोने में अकेले बैठी थी, तभी वीर को बुरा लगने लगता है की अनु बेचारी इतना अकेले फील करती है।
तभी वो अनु को देखता है जो जींस और रेड हूड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी, जो उसे देख कर स्माइल पास करती है
वीर - उसके बाजू में आ कर, बैठ जाता है और उसका हाथ पकड़ कर कहता है चलो ना बाहर बागीचे में चले।
अनु - हा चलो मजा आएगी, रुको दीदी को बुला लेती है।
वीर - नही बस हम और तुम।
अनु - ओए
वीर उसका हाथ पकड़ कर कहता है प्लीज़ ना।
अनु - ठीक है दीदी की परमीशन ले लो फिर तुम्हारी wifuuuu मना नही करेगी।
वीर उसकी बात सुन कर हस देता है और तनु के बगल आ कर लेट जाता है।
तनु - क्या बात है।
वीर - कुछ भी तो नही।
तनु - अच्छा जी मैं वाइफ हूं, आपकी समझे बच्चू, मुझे अच्छे से पता है कब आपको क्या चाहिए , वैसे भी तुम्हारी favorite ऐसे ही थोड़ी हूं।
वीर - अनु के साथ टाइम स्पेंट करना है वो अकेली फील कर रही है, इसलिए उसे बहार ले जाना चाहता हूं।
तनु - नही अकेले जाने की परमीशन नही है, चुप चाप घर में चाहे जहा जाओ।
वीर - अपने बाग मैं जाऊंगा बस
तनु - एक बार मैं सुनाई नही देता तुम्हे, हा बार बार बोलना पड़ेगा, नही जाना मतलब नही जाना।
वीर उसकी बात सुन कर चुप हो जाता है और तनु को करवट ले कर लेटी थी, वो उसको सीधा कर देता है, और उसके ऊपर लेट जाता है।
वीर तनु की आंखो में देखता है और उसके होठ पर अपने होठ राख देता है और तुरंत हटा देता है और कहता है बस थोड़ी देर , पक्का थोड़ी देर में आ जाऊंगा।
तनु वीर की इस हरकत से उसे ही देख रही थी, तभी वो कहती है " 1 घंटे मैं वापिस आना पड़ेगा"
वीर एक बार और उसे किस करता है और कहता है गुस्सा हो क्या , बोलो गुस्सा हो गई इसलिए कह रही हो।
तनु कुछ नही बोलती और दूसरी तरफ करवट ले लेती है , सो रही साक्षी को गले लगा लेती है।
फिर वीर उसे सीधा करता है ,"उसके ऊपर लेट जाता है और उसकी जुल्फे सही करने लगता है, और तनु का अब पारा अब बहुत चढ़ा हुआ था"
वीर - मुझे पता है तुम्हारा दिमाग अब हिला हुआ है, गुस्सा हो ना तुम।
तनु बस वीर को घूर रही थी कही न कही उसे वीर की ये बचकानी हरकते अच्छी लगी रही थी।
तभी वीर फिर से उसे किस करता है और कहता है उसके गाल खींचने लगता है और कहता है अकेले नही जाना मुझे , सब के साथ चला जाऊंगा लेकिन तुम गुस्सा मत हो प्लीज़।
तनु - अच्छा ठीक है, जाओ मैं गुस्सा नही हूं, अंजली और रूही को लेटे जाओ और काव्या को भी लेते जाओ।
वीर - तुम चलो ना।
तनु - जी नहीं हमे सोना है, वैसे भी हम दोनो बहुत थक गए है, और साक्षी को मत जगाओ और जाओ चुप चाप 1 घंटे मैं आ जाना।
वीर - अब अंजली को मनाऊं
तनु - मेरी परमीशन मिल गई अब तुम जानो और तुम्हारा काम hehehe
वीर - तुम हेल्प कर दो ना
तनु - नही अब मुझे सोने दो।
वीर एक चादर उठा कर दोनो को उड़ा देता है और तनु के जिस्म को लपेट लेटा है।
तनु - क्या है जाओ ना
वीर - तुम्हे सोना है ना, नींद आ रही है तो फिर तुम्हे सुला दूं पहले।
तनु - अरे मैं सो जाऊंगी पागल तुम जाओ
वीर - हमे मत बताओ मुझे अच्छा से पता हैं तुम्हे तब तक नींद नही आती जब तक तुम्हे मैं सुला ना दूं, और तुम्हे सुला कर चला जाऊंगा प्रोमिस बस अपनी बाग मैं रहुंगा।
इधर वीर तनु की साड़ी की अल्पीन हटा कर पल्लू नीचे कर देता है और उसके पेट को लपेट कर उसको अपने सीने से लगा लेटा है।
और तनु उसके सीने में घुस जाती है और उसे छपता लेती है और कब उसे नींद आ जाती है पता ही नही चलता।
तभी वो तनु को छोड़कर साक्षी की तरफ देखता है और हस्ते हुए उसके माथे पर टुनकी मारता है और कहता है " मुझे अच्छे से पता है, एक बार आप सोती हो तो नींद खत्म करने के बाद ही उठोगी, बचपन से देख रहा मेरी साक्षी सो जाओ"
तभी वीर जैसे ही दोनो को सुला कर उठ जाता है देखता है तो रूही उसे ही दोनो को प्यार करता देख रही थी और अंजली उसे घूर रही थी।
तभी वीर बाहर जाने लगता है, और अंजली को भी बाहर बुला लेता है।
अंजली बहार आ जाती है और वीर को देख कर गुस्से मैं कहती है " तुम वो घटिया इंसान हो, वीर जिसका मैं कभी चहरा नही देखना चाहती थी"
वीर - मुझे पता है ," तुम मुझसे नफ़रत करती हो घिन आती है तुम्हे "
अंजली - इतने सालो में मैने हर दिन ये सोचा वीर की तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, क्यो इस्तेमाल किया तुमने मेरा क्यो किया ये सब, तुम चाहे जितना बदल जाओ वीर मेरी नज़र में तुम वही पुराने वीर रहोगे।
अंजली ये कह कर जाने के लिए मुड़ जाती है और वीर उसका हाथ पकड़ लेता है, जिससे अब अंजली का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वो बहुत जोर जोर से वीर को तमाचे मारती है"
अंजलि - तुमने क्यू किया मेरा साथ ऐसा , क्यो किया बोलो , तुम्हे कुछ पता है मैं बस यही सोचती थी मेरे साथ ऐसा क्यो किया तुमने
ये कह कर अंजली जोर जोर से रोने लगती है
और वीर उसका हाथ पकड़ कर कहता है मत रो चाहो तो और मार लो मुझे , लेकिन ऐसे दर्द मत दो , तुम मत रो प्लीज़।
अंजली वीर को देखती है जो उसके आसू पोंछ रहा होता है और अंजली कहती है " दर्द देने वाले आसू पोछते हुए अच्छे नही लगते वीर"
अंजली को रोता देख वीर उसे गले लगा लेता है और अंजली रोते हुए, उसे गले लगा लेती है।
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वीर - तुम रोया मत करो।
अंजली अपने आसू पोंछ लेती है और वीर से अलग हो जाती है तभी वीर आजू बाजू देखता है और धीरे से कहता है डरो मत किसी ने गले लगते नही देखा।
वीर की बात सुन कर अंजली रो रही थी उसे हसी आ जाती है और तभी वीर कहता है क्या तुम रूही को ले कर बाग मैं चलोगी प्लीज़ मना मत करना।
अंजली कुछ नही कहती और पलट जाती है और जैसे ही अंदर जाती है अनु और रूही गेट पर से भाग कर बेड के कोने में बैठ जाती है
तभी अंजलि कहती है ," चलो बाग चलते है, थोड़ा बाहर की हवा खा कर मूड फ्रेश हो जाएगा"
अनु उठ जाती है और रूही का हाथ थाम कर चलने लगती है और पीछे पीछे वीर चल रहा था काव्या को ले कर"
तभी अनु पलट कर वीर को देखती है और रूही भी हल्की सी स्माइल पास कर के अंजली को और फिर वीर को देखती है।
तभी रूही अंजली से कहती है " वीर उतना भी बुरा नही है ना"
उसकी बात सुन कर अंजली कुछ नहीं कहती और रूही हसने लगती है।
तभी अनु और रूही बाग मैं खेलने लगती है और अंजली कोने में खड़ी वीर को देखने लगती है।
वीर - काव्या की बच्ची रुक तू
काव्या - hehehe पापा इतनी जल्दी हाथ में नही आऊंगी मैं, ही ही ही ही
वीर - काव्या रुक
काव्या - ही ही पकड़ के दिखाओ पापा।
तभी वीर और काव्या भागते भागते थक जाते है और अंजली के पास आ कर दोनो लुड़क जाते है।
इधर रूही और अनु भी उन्हें देख रही थी , और रूही वीर को चुपके से नज़रे बचा कर पूछती है क्यू हुआ।
वीर इशारे से सब ठीक है का इशारा करता है।
इधर वीर जैसे ही हल्का लेटा था की काव्या उठ कर पत्थर फेखना शुरू कर देती है ताकि फल नीचे गिर जाए।
तभी वीर एक टक काव्या को निहार रहा था, और बगल में बैठी अंजली को देखने लगता है जो तब एक एकदम चुप चाप बैठी थी।
तभी वीर उसके सर पर एक तापली मार देता है जिससे अंजली का सर फिर से घूम जाता है और उसने वीर को घुर कर देखा और उसकी आंखे बता रही थी की वो कितना गुस्सा मैं है।
तभी वीर उसको घूरता देख एक और टपली मार कर दूर चला जाता है और हसने लगता है।
तभी अंजलि गुस्सा मैं कहती है मैं चुप हूं, इसका मतलब ये नही की तुम कुछ भी करोगे।
अंजली अपना वाक्य पूरा करती उसके पहले एक बार और वीर टपली मार देता है और इस बार अंजली वीर को दौड़ा लेती है , " रुको तुम एक बार बहुत हाथ चल रहा तुम्हारा तुमने समझ क्या रखा है"
" इतनी हिम्मत कभी तनु ने नही की मुझे टपली मार कर भाग जाए"
वीर - तुम्हारे पति हूं इसमें और क्या समझने वाली बात है
वीर और अंजली को ऐसे भागते देख रूही दूर खड़ी हसने लगती है और कहती है , अगर मैं यह नहीं आती तो तुम्हारा ये रूप मुझे नही दिखता अंजली, हमेशा चुप रहने वाली लड़की वीर के सामने शेरनी कैसे बन गई"
अनु - क्युकी वो उसका पति है रूही , हम बहने ऐसी ही है वीर से बहुत लड़ती है, जितनी भी बहने आई है वो सभी वीर से बस लड़ती थी , क्युकी हमारा प्यार जताने का तरीका दूसरा है वैसे भी एक लड़की के लिए उसका पति बहुत कुछ होता है, वो उससे लड़ती है, मारती है, प्यार जताती है वैसे भी ये उसका हक है।
अनु - वीर को इतने थप्पड़ मारने के बाद उसका गुस्सा उतर गया कही ना कही उसे रियलाइज हुआ होगा कुछ।
रूही - ये तो गलत बात है ना हमेशा उसे डांटना ,मारना चुप करा देना इससे कल को वो कुछ फील करेगा तो क्या उसकी कोई वाइफ ऐसी है जिससे जो दिल की बात शेयर करे, और वो उसका साथ दे।
अब दोनो चुप थी और अनु के पास रूही की चीजों का उतर नही था तभी रूही आगे बोलती है हा मुझे पता है तुम और बाकी सभी उससे बहुत प्यार करती हो, लेकिन उसे स्पेशल फील करवाना क्या ये सही नही।
तभी अनु एक स्माइल करती है और कहती है हर किसी का अपना नेचर है, साक्षी दीदी मस्ती करती रहती है , तनु दीदी बहुत गुस्सैल है, दोनो वीर को बेशक बहुत डाटती है लेकिन तुमने आज देखा ना वीर के आलावा और किसी मैं हिम्मत है उन्हे ऐसे निशान देने की।
और वीर के साथ हम खुश है वीर खुद अंजली को ऐसे भागा रहा क्युकी इसी बहाने अंजली भाग रही और मस्ती कर रही चुप रहने से अच्छा है गुस्सा मैं मस्ती कर लो।
तभी उन दोनो की नज़र वीर पर लड़ती है जो अंजली के पास से भाग रहा था और कहता है " अच्छा सॉरी माफ कर दो वाइफ"
अंजली - तुमने मुझे छुआ कैसे
तभी वीर का पैर पर एक पत्थर लग जाता है और वो गिर पड़ता है उसे ऐसे गिरते देख अंजली हसने लगती है और कहती है आ गया स्वाद बहुत उड़ रहे थे ना भाग रहे थे ना।
तभी वीर चुप चाप बैठ जाता है और अपने पैर सहलाने लगता है
तभी अंजलि उसके पास बैठ जाती है और उसका पैर सही करने लगती है, देखने के लिए।
और उनकी ये हरकते देख कर रूही को कहती है अनु ," देखा पहली बार दीदी हसी ना जब से आई"
रूही - पहले तो नही पता था अनु वीर कैसा है, जिससे शादी हो रही वो मुझसे एक्सपेट करेगा भी या नही या केवल मेरे जिस्म से प्यार करेगा, लेकिन अब अच्छा लग रहा है मुझे एक ऐसा लाइफ पार्टनर मिला जैसा मैं चाहती थी देखना वीर तुम्हारी रूही तुम्हे वो अहसास दिलाएगी जो तुमने कभी फील नही किया होगा।
अनु ये देख कर हसने लगती है और मन मैं सोचती है बेशक तनु तुम हम सब मैं सबसे सुंदर हो, और खास हो लेकिन याद रखना एक बात।
रूही - क्या बताओ हमेशा याद रखूंगी।
अनु - मेरे जितनी सुंदर तो हो लेकिन भाभी हो
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
जीरो फिगर तो मैं ही हूं, और इसी बात का तो घमंड है पगलिया।
रूही - रुको तुम्हे बताती हूं मैं।
*" ही ही ही ही ही*" ,"अरे रुक ना"
तभी वीर खड़ा हो जाता है और कहता है अब चलो सब घर बहुत लेट हो रहा है।
अंजली - नही चलूंगी , जो करना है कर लो।
वीर अंजली के पास आता है और उसे पीछे से तपली मार कर भाग जाता है और कहता है मोटी भाग पाती नही और बोलती इतना है।
उसकी बात सुन कर अंजली भड़क उठती है और वीर के पास आने लगती है और वीर भाग जाता है घर की ओर।
और पीछे पीछे सभी आ जाती है।
और दोपहर का टाइम था सब थके होने की वजह से सोने चली जाती है और वीर चुप चाप बाहर आ जाता है छत पर।
" यहां अकेले क्या कर रहे हो" वीर के कान में ये लफ्ज़ पड़ते ही वीर पलट कर के देखता है तो उसे अनु खड़ी मिलती है।
अनु - बोलो यह क्या कर रहे हो , अकेले।
वीर - कुछ नही बस बोर हो रहा था।
अनु - अगर पांच पांच पत्नी होने के बाद भी पति बोर हो तो धिकार है उसकी पत्नी पर।
वीर - नही ऐसा नही है , तुम हस्ते हुए अच्छी लगती हो an
अनु - अच्छा जी , वैसे शर्म नही आती।
वीर - क्यो
अनु - अच्छा कोई मुझे बगीचे में चेक आउट कर रहा था।
वीर - अरे मेरी एक वाइफ ही तो ऐसी है तो वो मैं
अनु - क्या
वीर - क क क कुछ नही
अनु - ही ही ही उल्लू अब मैं सब को बताऊंगी ,
वीर - नही, वैसे सोरी
अनु - किस लिए सॉरी, क्युकी चेकआउट तो रोज करते हो अब बताओ, क्यो सॉरी।
वीर - वो मैने आपकी फ्रेंड की शादी मैं आपको नही ले जा पाया
अनु - कोई बात नही , मुझे पता है कुछ बड़ी बात है जो तुम सब मूझे नही बताओगे , मेरी सेफ्टी के लिए तो कोई बात नही तुमने कोशिश किया ना तो छोड़ो।
वीर - लेकिन मुझे अच्छा नही लगा ना।
अनु - क्यू किस नही ले पाए।
वीर - धत
अनु - मेरे लिए इतनी मार खाए, ताकि मुझे बाग ले जा सको।
वीर - आप स्माइल करिए बस।
तभी अनु उसे कस के गले लगा लेती है
अनु - थैंकयू
वीर - वेलकम मिसेज वीर
तभी पहली बार दोनो गले लगे थे तो अनु की सास बहुत तेज चलने लगी थी, तभी अनु को अपने पेट पर कुछ एहसास होता है और वो चिहुंक कर हट जाती है और लाल गाल कर के दूसरी तरफ मुड़ जाती है।
तभी वीर उसका हाथ पकड़ लेता है और हर तरफ देखने लगता है, जब उसे अहसास होता है की कोई नही देख रहा तो वो अनु का हाथ पकड़ कर के रूम के पास ले आता है और रूम को बाहर से लॉक कर देता है।
तभी रूम के बंद होने के अहसास से अनु सिहर उठी थी उसे अजीब सी फीलिंग आने लगी थी।
तभी वीर तेजी से सास लेते हुए अनु को दिवाल से सटा देता है और अनु की सास बहुत तेज तेज चलने लगी थी और उसकी आंखे खुद ब खुद बंद हो गई थी।
अनु को आज एक पत्नी होने का अहसास हो रहा था।
तभी वीर का एक हाथ उसकी कमर पर आ गया, और दूसरा हाथ उसके गले पर अगले ही पल वीर अपने होठ अनु के होठ पर ले जाता है और अनु के तेज सास और और कापते हुए होठ वीर के सामने थे।
वीर अपने होठ अनु के होठ पर रख कर उसके ऊपरी होठ को चूमने लगता है
और कब अनु के हाथ खुद ब खुद वीर की पीठ पर चलने लगे उसे पता ही नही चला और और अनु वीर का साथ देने लगी।
आज पहली बार कोई अनु के जिस्म का मजा लूट रहा था और ये कोई और नही उसका खुद का उसका प्यार और पति था जिसके अहसास से वो सिहर उठ रही थी।
तभी अनु की सास रुकने लगती है और वो वीर से दूर हट जाती है
और अनु की आंखे बंद थी और वीर वापिस उसे पकड़े खड़ा था।
अनु और वीर दोनो कुछ नही बोल रहे थे अनु की फूलती हुई सास वो कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी बेचारी को आज कोई मसल रहा था, जिससे कभी कोई बोलता नही था।
वीर - क्या हुआ अच्छा नही लगा क्या।
अनु - नही, हा
वीर - पहली बार मैं ऐसे होता है रुको मैं दुबारा करता हूं फिर कन्फर्म हो जाएगा
अनु - ओए तीस मार खान मार खाओगे अब समझे
वीर - अरे ये कौन सी बात हुई।
अनु - हमारे यहां ऐसा ही होता है समझे, ना इजहार ना कुछ सीधे शुरू हू हटो।
तभी वीर उसे चिड़ते हुए बोलता है हा हा मुझे छोटे छोटे पसन्द नही।
ये सुन कर अनु के गाल लाल के साथ मुड़ती है और अपनी hoodie उतार कर फेकते हुए, वीर को बिल्ली जैसी नज़र से देखती है।
वीर की नज़र अब अनु के ऊपर नीचे हो रहे सीने उसकी पतली कमर, लाल लिपस्टिक जो अब गायब हो चुकी थी उस पर टिकी हुई थी।
और वीर को ऐसे घूरते देख अनु कहती है शो खत्म हुआ , और मेरे छोटे नही है समझे उल्लू की दुम हू।
वीर आगे बड़ता है तभी अनु भाग कर रूम का दूर ओपन कर देती है और वीर धीरे से कहता है ड्रेस तो लेती जाओ।
अनु बिना कुछ सुने बस रूम में घुस जाती है और तनु के बगल चुप चाप लेटे हुए तेज तेज सास ले रही थी।
और आज उसकी फर्स्ट किस हुई थी जिसके एहसास से उसका पूरा बदन कप जा रहा था और वो कहती है "उल्लू कही का "
तभी तनु पलट जाती है और अनु को कपते हुए देख कर पूछती है क्या हुआ।
रूही - अनु तू ठीक है ना।
अनु - हा हा मुझे क्या होगा, ये तो बस यू ही।
अंजली - पानी पियोगी सास क्यो फूल रही है।
तभी तनु कहती है अरे कुछ नही हुआ अंजू समझो यार वो शादी सौदा लड़की है अगर शादी सुदा लड़की हापे और कापे ना तो मतलब वो शादी शुदा नही।
ये सुन कर साक्षी जो सो रही थी वो हसने लगती है।
फिर अंजली वीर को तिरछी नजर से देखती है और वीर गाभरा जाता है।
************
To be continued

anu ke sath bond kamjor ho rha tha ... Isliya reader ko jodna jaruri tha....
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Aur waise bhi abhi toh party shuru hui hai.....bahut time se ramesh aur rajesh nhi dikh rhe kyu...
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...kuch bda hone waala hai..........
Like thokne ka ....revos likhne ka.........
Milte hai next update main seee youuuu tata tata.... soch rha agala update bhi jaldi de dun ... Ready toh wo bhi hai ... Bas thoda kaam baaki hai... Toh jaldi se like karwa do.....20 tak