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Incest पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी (completed)

Update kismain dun hindi yaa hinglish


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Ghost Rider ❣️

..BeLiEvE iN YoUrSeLf..
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Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



mumtahinaaa-27-07-2023-0001

जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


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"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
.
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To be continued.....
 

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RAJPUT CHAUHAN
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Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
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"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



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जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


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"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
.
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To be continued.....
Jabardast update owsome story❣️❣️❣️ :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
 

sunoanuj

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Wah ek dum mast or gajab ka tufaani update diya hai mitr… 👏🏻👏🏻
 

Sandeep parihar

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Jabardast update owsome story❣️❣️❣️ :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



mumtahinaaa-27-07-2023-0001

जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


naaginn-world-24-08-2023-0001

"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
.
.
.
.
To be continued.....
Bhai sexy update lao
 

Sandeep parihar

New Member
11
17
3
Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



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जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


naaginn-world-24-08-2023-0001

"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
.
.
.
.
To be continued.....
Ye achha tha lekin ab Jo update aayega Bo sexy hona chahiye kiyu ki ham adult story padh rahe hai
 

parkas

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Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



mumtahinaaa-27-07-2023-0001

जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


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"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
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To be continued.....
Bahut hi shaandar update diya hai Ghost Rider ❣️ bhai...
Nice and lovely update....
 

Ghost Rider ❣️

..BeLiEvE iN YoUrSeLf..
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Bahut khub , dost
Ek idea veer (Sid) ke liye
Uski dono wife(sakshi or tanu ) dono ke sath sambandh banane se mili sammohan or acche youn sharir ki shakti or age ruhi or Anu ke sath samband banane par mile sundarta
Or anjali ke sath sambandh par ek tej or chalak dimag
Thankyou sir for this review .... Is par jarur vichaar kiya jayga...
 
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