prasha_tam
Well-Known Member
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Hote hain bro bahut baar nahin milta waqtBhai ab btao ap esa konsa kam h jo 2 din se ek msg drop krne ka time ni mil rha...
Nice and superb update....Update 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
Bahut hi badhiya update diya hai Ghost Rider ❣️ bhai....Update 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
Nice update.....Update 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
Jmindaar ne jo bi kia aurto ko pese de ke sex kia ya mjboori ka fayda utha ke but kia to gltUpdate 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....