Update 11
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
अब आगे
लड़की - अंजली मेम
अंजली - क्या है
लड़की - ये हमारी इस महीने का टूर का प्रॉफिट है।
अंजलि - ठीक है
अंजली किसी को कॉल लगती है और कहती है " पता करो रमेश कहा है और उसकी बेटी आज कल कहा रहती है"
इधर वीर भी तेजी से सास लेते हुऐ आज जो जो उसने देखा था उससे उसका दिमाग जो हिल गया था।
तभी वो ऊपर आता है तो उसके सामने से कोई जा रहा होता है वो समझ जाता है ये उसकी ही वाइफ है।
तभी वो नज़र डालता है तो देखता ही रह जाता है।
उसकी वाइफ इतनी सजी हुई थी ऊपर से इतनी सुंदर ऊपर से गदराया हुआ बदन, ऊपर से वीर अभी भी वर्जिन वो बहक गया उसने बिना जाने समझें की वो कोन है उसने उसको पीछे से अपने बाहों में समेट लिया।
वीर ने अपने हाथ उसकी कमर पर लोक कर के, उससे पीछे से चिपक जाता है और अपने होठों को उसके पीठ पर रख देता है।
वही वीर उसकी कमर पर हाथ सहलाते हुए बोलता है आई लव यू
तभी किसी की खांसने की आवाज़ आती है।
तभी वीर को तनु धकेल देती है
जिससे देख कर निधि बोलती है ओए होए दीदी रोमांस हा।
निधि - इसी लिए आपने काव्या को तनु और साक्षी के साथ भेज दिया बाग हा अब आम तो एक बहाना है असली मकसद तो प्यार को पाना है क्या जीजू
तभी राखी हस्ते हुआ निधि को जबरदस्ती नीचे ले कर चली जाती है।
राखी - तुम दोनो आराम करो बेटा, दामाद जी बहुत प्यारे है।
बेचारी तनु का पारा चढ़ गया ये देख कर वो गुस्से मैं वीर को देखती है जिससे वीर सहम जाता है और कहता है मत मारो वो बहुत अच्छी लग रही थी।
तनु - ऐसी हरकतें क्यो करते हो जिससे मैं मारू तुमको, कितना भी सोच लूं तुमको ना मारू, लेकिन नही बिना लात खाए दिमाग नही चलता तुम्हारा ।
वीर चुप चाप सर नीचे झुकाए सुन रहा था वो इतने प्यार से मुंह बना कर सुन रहा था ।
तनु - घर में एक बेटी है, चैन नहीं है तुम्हें कभी भी कुछ भी कर देते हो।
तनु - मूड खराब मत करो अब वर्ना सीधा सैंडल उतारूंगी, चुप चाप बोलते हो या नहीं।
वीर - क्या बोलूं
तनु - कल रात से देख रही हूं, हरकते तुम्हारी सब सच सच बोलते हो दूसरा तरीका है मेरे पास किसके साथ मुंह काला कर रहे हो।
वीर - मतलब
तनु - अब सैंडल उतारती है अपनी
तभी वीर जल्दी से कुद पड़ता है और बोलता है अरे मैने कुछ नहीं किया सच्ची मैं कल रात को बस पानी पीने उठा था तभी कुछ शोर सुन तो नीचे गया तो देखा राज निधि प्यार कर रहा था और फिर मैं ऊपर चला आया और आज काम पर गया तो जमीदार ने एक औरत को कार मैं चोदा और वो रो रही थी तभी मैं उसको चुप कराने के लिए गले लगा दिया वो मां की उम्र थी।
(एक तरफ से वीर सब कुछ बक दिया तनु को)
वीर - में अपनी बेटी की कसम खाता हूं मैं बस तुम्हारे और अपनी पत्नियों के अलावा किसी को भी गलत नजर से नहीं देखा।
तनु फिर उसको घूरती है
वीर - तुम्हारी कसम मेरे दिल में ज़रा भी उनको ले कर हवस नही आई ।
तनु - वो तो घर आते ही दिख रहा था।
तभी तनु वीर को पास बुलाती है।
वीर स्माइल करते हुआ जाता है उसके पास तभी तनु उसका हाथ पकड़ कर पास मैं गरम गरम चूल्हे से लकड़ी उठा लेती है।
ये देख कर वीर की गांड़ फट कर हाथ मैं आ जाती है और वो जल्दी से कुद कर बेड पर आ जाता है।
तनु - रुको बहुत देखने का नासा चढ़ा हुआ है ना उतरती हूं अभी आओ नीचे, आओ आज हग
करवाती हूं बहुत दुसरे का हिम्मत देना है ना आओ दिलवाती हूं।
वीर - नी नी अब से कसम से अब नही होगा।
तनु - घर में तीन तीन को दिन भर ताड़ते हो हवासी कहीं के रुको तुम आज
वीर - रे मैं जल जाऊंगा उससे , मेरी नियत खराब नहीं थी।
तनु - नियत खराब नहीं थी तो हो जाएंगी, तुमने उनको छूआ कैसे।
तनु को इतना गुस्सा मैं देख कर वीर की गांड़ फटी हुई थी
तनु - तुम्हारी नियत सही हो या नहीं आज के बाद किसी को भी नहीं छूना नौकरी करने भेजती हूं हिम्मत देने नहीं।
वीर - हा हा पक्का
तनु - और ये झांकने की आदत कहा से सीख रहे हो घर में।
वीर - अब से पक्का तुम सब के अलावा किसी को नहीं झकुंगा मैने तो वैसे भी कुछ गलत नहीं किया।
तनु - गलत किया या नहीं किया मुझसे नहीं मतलब अब से अगर किसी और को छुआ हम तीनो के अलावा गलती से भी, तो तुम देखना क्या करती हूं मैं।
वही साक्षी अंदर आती है और उसके हाथ से लकड़ी ले लेती है और कहती है वो समझ गया।
वीर - बाहरी वाले से क्या मतलब मैं तो छूता तो छोड़ो देखता भी नहीं, मेरी खुद तीन पटाका पत्नियां है मुझे दूसरे की क्या जरुरत छुने की, मैं तो तुमसे सारी बात शेयर करता हूं।
वीर तभी जाने लगता है तो कहता है बाहरी को क्या छूना घर वाली को छूता हूं तो गांड़ फाड़ देती है।
तभी तनु वापिस से लड़की उठा लेती है और कहती है रुको आओ प्यार करती हूं
लेकिन वीर लकड़ी देख कर भाग जाता है बाथरूम और भागते हुए बोलता है जल्दी भाग वर्ना लोड़ा जला देगी, साले जमीदार तेरी मां की साला कुत्ता।
तनु - अरे आओ ना कपड़े उतार दूं
वही ये देख कर साक्षी हस्ते हुआ लड़की छीन लेती है और और तनु के सर पर मारती है।
साक्षी - क्या करती रहती है तू।
तनु - देखा नी तूने उस बुढ़िया से तो मैं मिलूंगी तब बतुंगी मेरे सीधे साधे पति को बहला रही है ना जो रुको
साक्षी हस रही थी अरे वो बस उसका रोना चुप करा रहा था।
तनु - मेरे पति है बस मेरा ऐसे सब का रोना चुप कराने के लिए नहीं है वो, बस हमारा रोना चुप कराए और बस हमारी डॉट खाए बस किसी और ने ये हक लेने की कोशिश की तो जान ले लुंगी।
तभी साक्षी कहती है चलो कम से कम पति तो माना तुमने।
साक्षी - तू भी अच्छी तरह जानती है, वो हम दोनो के होते हुए कही नहीं जा सकता उसके दिल पर हमारा कब्जा है।
साक्षी - भाभी वाला फिगर और थोड़ा अच्छा फेस इसी पर तो वो फिदा रहता है वैसे भी वो हम तीनो से प्यार करता है।
तनु अब खाने बनाने लग जाती है और साक्षी भी बनाने में लग जाती है।
साक्षी - तनु
तनु - अब क्या है
साक्षी - वैसे हम दोनो ऐसे साड़ी लपेट लेते है तो इससे कंट्रोल नही होता, जिस दिन सज धज जाएंगे क्या होगा।
तनु - इसी लिए जरा भी मेकअप नहीं करती, ऊपर से डर लगता है मेरी बेटी भी है इसीलिए मार भी नहीं सकती।
तभी साक्षी कहती है वैसे अब हम दोनो की लाइफ सेट हो गई है ना।
तनु - हा
तभी काव्या अंदर आती है और बोलती है मम्मी आपकी पीट पर ये रेड रेड क्या है।
जिससे अनु देख कर हैरान रह जाती है क्युकी वो अच्छा से पहचानती थी इस निशान को ये लव बाइट के था।
तभी वीर जो अभी अभी अंदर आया था वो वापिस जाने लगता है।
अनु - वो एक चिटी ने काट लिया था इनको।
काव्या - ओ मम्मी ध्यान रखा करो ना इस चिटी ने कल बड़ी मम्मी को भी कटा था।
ये सुन कर साक्षी और तनु एक साथ अटक जाती है।।
तभी अनु बाहर चली जाती है किसी काम से।
और वीर रूम में चुप चाप बैठा था दोनो पत्नी को ताड़ रहा था अपनी।
तभी उसे किसी के डाट खाने की आवाज़ आती है जिससे वो उठ कर बाहर आता है तो देखता है सीधी के पास खड़ी अनु थोड़ा उदास हो कर बैठी हुई है।
वीर पास से देखता है तो पता है उसकी आंखे नम थी।
वीर - क्या है क्यो रो रही हो आप हा
अनु आसू पोछते हुए तुमसे मतलब मैं चाहे जो करू।
वीर - मतलब है तुम मेरी हो तुम्हे रुलाने का हक बस मेरा है आज तक तुम्हारे पति ने तुम्हे नी रुलाया तो किसकी हिम्मत हो गई तुम्हें रुलाने की।
अनु वीर की बात सुन कर अब थोड़ा चुप हो जाती है और कहती है मेरी सहेली की शादी है लेकिन मुझे कोई जाने नी दे रहा।
वीर - कोन नी जाने दे रहा।
अनु - कोई नी जाने देगा मैं बाहर जा रही थी तो पापा ने डाट कर ऊपर फेक दिया वापिस कहता है बाहर गई तो मुंह तोड़ दूंगा।
वीर - बाहर क्या करने जा रही हो।
अनु - तो क्या करू दिन भर दीदी लोग भी ऊब जाती है और मेरी फ्रेंड की शादी में भी नी जाने देंगी।
वीर - अगर मैं तुम्हे ले चलू शादी मैं और घूमने तो ?
अनु - सच्ची ? लेकिन तनु दीदी नी मानेगी।
वीर - वो में देख लूंगा अभी चलो मेरे साथ
वीर उसको ले कर बाहर चल देता है और बाग मैं आ जाता है ।
जहा वो अनु का हाथ पकड़ कर चल रहा था।
और रास्ते में उसको सब देख रहा था और अब उसके पापा ने भी नी डाटा उसको।
वीर के साथ बाग आ कर वो बहुत खुश थी वो उछल उछल कर आम तोड़ थी और वीर उसको देख रहा था।
वीर उसके पास आ कर खड़ा हो जाता है और कहता है मुझे पता है तुम मुझसे नफ़रत करती हो शायद इस शरीर ने तुम्हरे साथ भी कुछ गलत किया लेकिन तुम उदास मत होया करो तुम हस्ती हुई प्यारी लगती हो।
उसकी ये बात सुन कर अनु उसको देखती है और अब वीर उसको ले कर घर चल देता है।
अनु - इतनी जल्दी क्यों है चलने की मेरे साथ रहना तो तुम्हे जरा भी पसन्द है नही क्यों।
वीर उसको कुछ नहीं कहता है और अनु कहती है मैं सही थी तुम हो ही ऐसे हू ।
अनु - इतनी जल्दी मेरे दिल नी पिघलेगा।
तभी घर आ जाता है और वो दोनो खाना खाते है और वीर नोटिस करता है अब तनु उसे इग्नोर कर रही थी।
वही साक्षी हस रही थी।
वीर - अभी भी गुस्सा है क्या
साक्षी - हा मना लेना रात को में।
तभी वीर कहता है बाहर घूमने चले मॉल।
साक्षी - पागल हो तुम तनु मार डालेगी
तभी वीर हस्त है और काव्या को इशारा कर देता है।
थोड़ी देर बाद
साक्षी और तनु मॉल में साडी ले रहे होता है और दूसरे तरफ अनु वीर के पास खड़ी थी।
वीर - अब सुनो मेरी बात शादी कब है।
अनु - 5 दिन बाद
वीर - ठीक है तुम अच्छी सी ड्रेस ले लो
अनु और वीर ड्रेस लेने लगते है।
अनु - ये कैसी है
वीर - कलर अच्छा नहीं है।
अनु - ये
वीर - ये ठीक है
अनु - रुको मैं ट्राय कर के आती हूं।
अनु ड्रेस पहन कर आती है और जिससे वो बहुत प्यारी लग रही थी और वीर अनु के लिए बहुत सी जींस लेता है क्युकी उसे बहुत पसन्द थी।
वही अब अनु वीर को घूर रही थी उसने कभी नी सोचा था कि वीर उसके लिया ये सब करेगा।
अनु मन मैं कहती है थैंक्यू वीर
वही वीर उसको खोया हुआ देख कर उसके पास आता है और कहता है क्या हुआ और कुछ चाहिए।
अनु - नहीं पागल इतना बहुत है
तभी वीर अनु के हाथों मैं 2000 रख देता है और कहता है मेरी वाइफ हो ये तुम्हरे खर्चे के लिया।
अब अनु की आंखे नम हो गईं आज पहली बार किसी ने उसे इतना प्यार दिया था।
वही फिर वो सीधा भाग गई सीधा साक्षी के पास।
वही साक्षी कब से देख रही थी की वीर अनु को संभाल रहा है आज साक्षी बहुत खुश थी एक तरफ आज वीर ने थोड़ा ही सही तनु के करीब आया और अब अनु के लिए इतना कुछ।
तभी वीर तनु के पास जाता है लेकिन तभी वो ट्राय रूम मैं चली जाती है।
और इधर से शॉपिंग कर के वो सब घर चल देते है और वीर ने सब के लिए बहुत कुछ लिया था और आते आते रात हो गई थी इसलिए उन सब ने बाहर से खाना खा लिया।
फिर आते ही काव्या सो गई और आज उसने बहुत खेला था वो बहुत खुश थी और उसकी खुशी देख कर तनु।
तभी सोने का टाइम हुआ और एकदम कोने काव्या उसके बगल तनु और फिर वीर और फिर साक्षी और अनु।
जैसे ही वीर ने देखा काव्या सो गई वीर ने तनु के पैर के ऊपर पैर लाद दिए और उसे अपनी तरफ खींच लिया।
लेकिन तनु ने जरा भी करवट नहीं लिया।
तो वीर ने धीरे से उसके बाल को सहलाया और उसको बोलो नाराज हो हमसे।
तनु - नाराज़ क्यों होंगी तुमने तो बहुत अच्छा किया आज मेरी बेटी खुश है देखो सो गई।
वीर - और मेरी पत्नी खुश नहीं है क्या।
तभी वीर ने उसको पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया, अब तनु का फेस वीर की तरफ था।
वीर - माफ कर दो अब से कभी नहीं करूंगा ऐसा पक्का।
तनु - नही जाओ सपोर्ट करो ना
वीर - प्रोमिस नहीं होगा ऐसा दुबारा मैं तो बस तुम्हारा हूं ना तुम्हारी डाट सुनुगा दिन भर और मार खाऊंगा दिन भर और ये हक तो बस तुम्हरा है।
उसकी ये बात सुन कर तनु भी हल्का हस देती है।
तनु - अच्छा ठीक है अब सो जाओ लेकिन अब से नही होना चाहिए।
वीर - पक्का कभी नहीं होगा।
तनु वापिस अपनी बेटी को देखती है और उसे गले लगा कर लेट जाती है।
तभी वीर वापिस साक्षी को देखता है जो अनु को गले लगा कर सो रही थी।
वीर वापिस तनु को सीधा करता है और कहता है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुं तनु तुमने मुझे मारा पीटा मुझे फरक नही पड़ा, क्योंकि तुम जैसी भी हो मेरी हो मेरी पत्नी तुम्हरा गुस्सा भी प्यारा होता हैं ही ही ही ही
वीर - तनु
तनु - हम्म्म
वीर - मैं कोशिश कर रहा हूं तुम्हारा दिल जीतने की तुमको खुश करने की, तुम देखना तुम्हारा दिल जीत लूंगा मैं।
तनु - इतना ही प्यार था तो पहले छोड़ क्यो दिया, और अब प्यार आ रहा है जब सब बदल गया मेरी फीलिंग,
वीर - क्या सच्ची तुम्हें मुझसे प्यार नहीं है
तनु कुछ नही बोलती और करवट बदल लेती है
तभी वीर उसकी कमर पकड़ कर डरते हुआ उसके ऊपर आता है जो अब उसके ऊपर आने मात्र से काप रहा था।
वही तनु अब वीर को कटीली नज़र से देखती है।
वीर - नहीं करती प्यार मुझसे
तनु - हा नही करती क्यो करू तुमसे प्यार हां बंदर कही के।
वीर - मैं तुमसे प्यार करता हूं सबसे करता हूं, तुम मुझसे गुस्सा मत होया करो, मार दिया करो मुझे जब गुस्सा आया करे तो लेकिन इग्नोर करती हो तो दिल में दर्द होता है नही बरदाश होता।
तनु - और जो दिमाग चलाते हो आज कल जायदा मुझे सब पता है समझे।
वीर - क्या मतलब
तनु - काव्या से क्या क्या कहलवाते हो ये करो वो करो कही भी चलना हो तो काव्या का सहारा ले लेते हो।
तनु - और रहते रहते तुम्हारा दिमाग काम करना बंद कर देता है क्या, क्या जरुरत थी इतने पैसे खर्चे करने की मॉल में सारे पैसे लगा दिए हम सब के कपडे मैं।
वीर - मुझे अच्छा लगता है तुम सब के ऊपर खर्चा करना वैसे भी तुम्हारी स्माइल से बड़ कर थोड़ी कुछ है।
अब वीर तनु के उपर लेता था जिससे उसका लन्ड टाइट हो गया था लेकिन वो कुछ कह नी रही थी और वीर एक नज़र देखता है तो तनु सच मैं किसी चांद जैसी है रूप रंग ऊपर से उसकी चूचियां में ऊबार।
वीर - मेरा साथ दोगी, मेरा हाथ थामोगी, पक्का कुछ भी उल्टा सीधा नहीं करूंगा।
तनु - नहीं
वीर - हा कर दो ना रोज तुम्हारे पैर दबा दिया करूंगा।
वही तनु उसकी बात सुन कर मन ही मन हस देती है और ना चाहते हुए भी उसके होठ खिल उठते है नन्ही सी स्माइल के साथ, जो तनु वीर को नही दिखाना चाहती थी इसलिए वो अपना सर पलट देती है दूसरी तरफ।
लेकिन वीर ने देख लिया और कहता है धीरे से ओय मेरी बच्चो की मम्मी आपकी स्माइल बहुत लाजवाब है।
तनु की स्माइल बड़ी हो जाती है अब वीर उसके ऊपर चढ़ कर उसको छेड़ रहा था, जिसे वो ना चाहते हुआ भी बहुत पसन्द आ रही थी।
तनु वही मन मैं वो सब बात याद करती है की जब वो वीर को डाट देती थी, तो भी वो चुप चाप सुनता रहता है हमेशा उसकी डाट सुन लेता है एक बार भी नज़र ऊपर कर के नहीं देखता है, उसका चुपके चुपके उसे घूरना उसकी डाट और मार के बाद भी वो बस तनु को प्यार की नज़र से ही देखता।
वही ये सब सोच कर उसकी स्माइल बड़ी जा रही थी और वीर को देखती है जो उसकी स्माइल को बस प्यार से देख रहा था उसे।
वीर - क्या तुम मुझसे नफ़रत करती हो।
तनु - पहले तुमने मेरे सथ
वीर उसके मुंह पर हाथ रख देता है और कहता है मत याद करो उसे मुझे खुद वो सब बात याद नहीं क्या पता मैं कोई दूसरा सक्स हूं, वो कहानी तो खत्म हो चुकी है उसे सोच कर मूड मत खराब करो अपना बहुत मेहनत करी है मैने ये स्माइल वापिस लाने मैं।
और जब वो हाथ हटाता है तो तनु कहती है मेहनत कैसी मेहनत हा
वीर - क्यो हरदम मार खाता रहता हूं तब जा कर अपनी तनु की हसी देखी है मैने, और वैसे भी सुबह तो जलने वाला था मैं।
वीर की बात सुन कर फिर ना चाहते हुए भी तनु का चहरा खिल जाता है और धीरे से कहती है अच्छा ठीक है नहीं सोचती वो सब बात।
वीर - ही ही ही तो आपको हमसे प्यार हो गया ना
तनु - गधे ऐसे ही मार खाओ, फिर सोचूंगी।
वीर अब ना चाहते हुए भी तनु को देखता है उसकी कमर उसके चूंचे अब बेचारा के नीचे इतनी प्यारी वाइफ हो तो कोन नही बहकेगा।
वीर धीरे धीरे उसके होठ की ओर बढ़ने लगता है लेकिन तनु उसको रोक देती है और कहती है मैने तुम्हे थोड़ा क्या भाव दिया तुम तो सर पर चढ़े जा रहा हो हा, मैने कब कहा कि मेरे दिल पिगल गया।
वीर तेजी से सास लेते हुआ कहता है प्लीज़ मैं जानता हूं तुम्हरा दिल भी प्यार करता है
तनु - बड़े आए मेरे दिल की जानने वाली
वीर - करती हो ना प्यार मुझसे
तनु - रात को तुम्हे क्या हो जाता है दिन भर तो चुप चाप सर झुकाए रहते हो और रात को हरकतें देखो अपनी।
वीर - में क्या करू ऐसा की तुम्हे मुझसे प्यार हो जाए तुम्हारा दिल पिघल जाए, तुम्हारी हसी वापिस आ जाए।
वही ये सुन कर तनु हस देती है और कहती है बस करो सब जाग गए अगर तो मैं बहुत मरूंगी कसम से कह रही।
तनु का दिल भी जनता था की अब वो कितनी खुश रहने लगी है।
तभी वीर फिर आगे आता है और तनु फिर रोक देती है।
वीर अब उदास हो जाता है और चुप चाप ऊपर से हट जाता है।
तनु ये देख कर बहुत हस्ती है और उसकी हसी रुक ही नहीं रही थी वो किसी तरह अपनी हसी रोकती है और वीर की सारी बात याद करती है जो उसे बहला रहा था उसे मना रहा था।
तनु मन मैं कहती है प्यार करते हो ना मुझसे गधे और फिर वो हस्ती रहती है तभी वो कहती है वैसे झूठ भी नहीं कह रहा था थोड़ा ही सही लेकिन प्यार तो है।
तनु अपनी बेटी को देखती है जो बहुत गहरी नींद में सोई थी और वो कहती है अब सब अच्छा चल रहा है अब आदत डालनी पड़ेगी ऐसे ही खुशी की।
तनु वापिस से वीर की तरफ मुंह करती है और उसे अपनी तरफ मुंह करने को कहती है
तनु - उदास मत हो एक बात बताऊं
वीर - हा
तनु - मैने ये नी कहा की प्यार करती हुं लेकिन मैने ये भी नही कहा की प्यार नहीं करती हुं।
वीर इतना सुनता ही पागल हो गया लेकिन उसने कंट्रोल रखा तो वापिस तनु ने बोला अब मैं बहुत खुश हूं तुम्हारे वजह से।
वीर - तो मुझे एक्सेप्ट करने में क्या दिक्कत है
तनु फिर हस्ती है अच्छा बच्चू मेरा मन नहीं है जो दिन भर उठ पटांग हरकतें करते हो इसीलिए बहक रहे हो क्यो करते हो ऐसी हरकते ।
वीर - बस थोड़ा सा
तनु - अच्छा ठीक है प्यार है तुमसे तुम बहुत प्यारे हो बस
वीर - बस एक किस करने दोगी
तनु - वादा करो उससे आगे नहीं बढ़ोगे
वीर - वादा
तनु - किसी और की तरफ़ नहीं देखोगे
वीर - पक्का बस तुम तीनो को देखूंगा
तनु - ठीक है फिर एक किस कर लो
तनु का इतना सुनते ही वीर उसके ऊपर कुद पड़ा और उसके होठ मैं होठ मिला दिया और काटने लगा पहली बार अपनी वाइफ को थोड़ा ही सही प्यार कर रहा था इसीलिए खुश था।
वीर तनु के होठ को चूम रहा था काट रहा था उसे बहुत प्यार आ रहा था तनु पर।
तनु - उम्मम्म्म उम्म्म
तनु फिर वीर को हटा देती है जिससे वीर का मुंह बच्चे जैसा हो गया जैसे वीर का पसंदीदा चीज छीन लिया गया हो।
तनु - पागल हो क्या खा जाओगे 1 घंटे हो गया है हटो मेरे ऊपर से और तुम्हारे हाथ कहा है ।
वीर - हल्दी से अपना हाथ उसकी चूची पर से हटा लेता है
वीर - मेरी नियत जरा भी खराब नहीं थी।
तनु - अच्छा तो मुझे गड़ क्या रहा है नीचे
ये सुन कर वीर के गाल ही लाल हो गए था।
तनु - हटो अब एक ही बात हुई थी।
वीर - क्या एक ही किस बस और अब मैं कभी नहीं कर सकता
तनु - नहीं कभी नहीं।
वीर वापिस उदास हो जाता है और तनु हस रही थी।
तभी तनु बहुत देर तक हसी फिर वापिस से कहती है अच्छा सुनो
वीर - हा
तनु - आई लव यू, अब खुश हा प्यार करती हूं तुमसे बहुत ज्यादा तुमरे आने से सब बदल गया। एक दिन मैं तो प्यार जाग नही जाएगा, एक दिन मैं इतना क्लोज आई बात की ये काफी नहीं है क्या।
वीर अब खुश हो जाता है और तनु फिर बोलती है याद रहे मैने बस एक किस बोला था।
वीर - और आगे का
तनु ये सुन कर गुस्सा हो जाती है और कहती है क्या आगे का जरा बोलो तो
वीर अब चुप हो जाता है तभी तनु कहती है अब सो जाओ जरा भी इधर उधर का ख्याल आया तो जान ले लुंगी समझे हवासी कही के।
वही वीर अब सो जाता है और तनु वापिस पलट कर देखती है उसे तो हसी आ जाती है और कहती है कामिने ने प्यार तो करवा दिया।
तनु - साक्षी सही कहती थी प्यार तो खुद बा खुद हो जाएगा अब इतनी मार खा कर भी केयर करेगा तो आएगा ही ना।
तनु - कामिना कही का पूरा होठ दर्द कर रहे है किस कम किया लेकिन काट डाला पूरा।
वीर बहुत खुश था उसके लाइफ की फर्स्ट किस जो मिली थी तनु से।
वीर - तनु को पहले जैसा खुश कर दिया धीरे धीरे ही सही वो एक दम खुश रहने लगेगी।
इधर तनु ये सुन कर स्माइल करती है तनु भी जान रही थी वीर क्या चाह रहा है और वो मन मैं कहती है ऐसे ही नही होगा वीर बहुत प्यार जताना पड़ेगा बहुत मेहनत करवाऊंगी लेकिन प्रोमिस अगर तुम दिल जीत लिया तो पक्का खुद साडी उतारूंगी और किस करना भी सिकाऊंगी, और वादा तुम्हारी साक्षी को भी तैयार कर दूंगी।
इधर तभी तनु को वापिस वीर बुलाता है
तनु - अब क्या है
वीर कुछ नही बोलता बस उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट जाता है और कब भी तनु सो गई उसे पता ही नहीं चला
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Ab dhere dhere romance hoga fir chodam patti hogi
... ... Like toh barsha hi doge....