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दिसंबर की भयंकर सर्दियां पड़ रही थी। २० दिसंबर की सुबह वातावरण में अन्य दिनों की भांति बहुत ज्यादा सर्दी थी और कोहरा भी घना था।
रुस्तम भाई का नियम था कि वह सुबह छः बजे अपना बिस्तर छोड़ देते थे। उनकी अत्यंत रूपवती पत्नी प्राय: सात बजे सोकर उठती थी।
अन्य दिनों की भांति उस दिन भी वे छ: बजे नींद से जागे।
उन्होंने धीरे से रजाई को हटाने का प्रत्यन किया ताकि उनकी पत्नी की नींद न खुल जाए तो उन्होंने रजाई में कुछ गीलापन महसूस किया।
रुस्तम भाई ने थोड़ा विचलित होकर टेबल लैंप का स्विच ऑन किया और रजाई को हटाकर अपनी पत्नी की ओर देखा तो चीख मार कर बेहोश हो गए।
रुस्तम भाई के निजी सेवक भवानी ने चीख सुनकर उनके कमरे में प्रवेश किया, तो पाया कि वे बेहोशी की हालत में है और उनके पास बिस्तर में किसी सुंदर नवयुवती की लाश पड़ी हुई है।
भवानी ने सबसे पहले रुस्तम भाई के फैमिली डॉक्टर रोहित सिंगला को फोन किया फिर पुलिस स्टेशन में फोन कर घटना की जानकारी दी।
रुस्तम भाई भारत के प्रमुख दस उद्योगपतियों में एक थे, केवल ३२ साल की उम्र में उन्होंने यह गौरव हासिल कर लिया था।
इतने बड़े उद्योगपति के घर से इस तरह के समाचार मिलने पर सभी जगह हड़कंप मच गया।
रुस्तम भाई के अनुसार वह रात को १० बजे अपनी पत्नी के साथ सोए थे। जब सुबह ६ बजे वह नींद से जागे तो रजाई में कुछ गीलापन महसूस किया। उन्होंने टेबल लैंप ऑन करके देखा तो उनकी पत्नी अपने स्थान पर नहीं थी वरन् उसकी जगह किसी अन्य महिला का शव पड़ा हुआ था और इसके बाद वह बेहोश हो गये।
उस महिला के शव और रुस्तम भाई की पत्नी के फोटोग्राफ्स दिल्ली स्थित क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो व पूरे भारत वर्ष की पुलिस को वितरित कर दिए गए।
शव की पहचान मधु दास नामक प्रयागराज निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता तौर पर हुई।
तीन दिन पहले वह प्रयागराज से अचानक लापता हो गई थी।
मधु दास की मृत्यु किसी तेज धार वाले औजार से उसका दिल निकाल लिए जाने के कारण हुई।
उसे मारने से पहले उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया था।
उसको रुस्तम भाई के बिस्तर में मौत के घाट नहीं उतारा गया था बल्कि किसी अन्य जगह उसका कत्ल करके लाश को वहां पहुंचा दिया गया था।
रुस्तम भाई की पत्नी कहां गायब हो गई यह नहीं पता चल सका।
अभी इस केस की जांच चल ही रही थी कि इसी प्रकार के अन्य मामले ने पूरे भारत में हंगामा कर दिया।
इस घटना के केवल तीन दिन पश्चात एक रात को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता दिवाकर अपनी बेहद खूबसूरत पत्नी के साथ अपने आवास पर सोए।
सुबह उनकी नींद खुली तो उन्हें बिस्तर में अपनी पत्नी के स्थान पर रुस्तम भाई की पत्नी का शव प्राप्त हुआ।
पुलिस ने इस घटना के जो परिणाम निकाले, वह किसी भी प्रकार से रुस्तम भाई के साथ घटित घटना से भिन्न नहीं थे।
इसके बाद तो ऐसी घटनाओं का तांता ही लग गया।
कई व्यक्तियों की पत्नियां गायब हो गई और उनकी लाश दूसरों के बिस्तर में पाई गई।
अब तो पूरे देश में कयास लगाए जाने लगे कि कौन सी महिला गायब होगी और उसका शव किसके बिस्तर में पाया जाएगा।
अब तक विभिन्न प्रदेशों में दसियों हत्याएं हो चुकी थी और मरने वाली सभी महिलाएं अत्यंत खूबसूरत और जवान थी।
केन्द्र सरकार ने मामले का संज्ञान लिया और इसे सीबीआई को सौंप दिया।
सीबीआई ने समस्त देश से १०० सर्वाधिक सुंदर युवतियों का चयन कर उनकी चौबीस घंटे निगरानी और सुरक्षा का प्रबंध किया। यहां तक कि उनके बैडरूम में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
इसके बाद जो अपहरण हुए, उनसे सीबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि अपहरणकर्ता सिर्फ एक ही व्यक्ति है। वह छ: फीट से ऊपर के कद का, सुंदर चेहरे वाला और मजबूत कद-काठी का इंसान है।
उसका पूरा शरीर पर एक विशेष प्रकार की आभा से चमकता है।
वह अचानक प्रगट होकर बहुत तेजी के साथ महिला को उठा लेता है और उसकी जगह किसी अन्य औरत की लाश को रख देता है।
वह उस जगह अचानक कैसे प्रगट हो जाता है, नहीं पता चला।
उसकी पहचान स्थापित नहीं हो सकी।
यह मालूम नहीं चल सका कि अपहरणकर्ता ही हत्यारा है या वह किसी अन्य व्यक्ति के लिए यह कार्य करता है।
हत्याओं के इस तरीके से यह समझ में आता था कि हत्यारा किसी मानसिक विकृति का शिकार है, परन्तु वह उन महिलाओं का दिल निकाल कर क्या करता है, यह भी नहीं मालूम हुआ।
अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ता उन युवतियों को कहां ले जाता है, नहीं पता चल सका।
हत्यारे का लक्ष्य केवल सुंदर युवतियां ही थी, चाहे वे शादीशुदा हो या कुंवारी।
सीबीआई अपहरण और हत्याओं को नहीं रोक सकी, क्योंकि अपहरणकर्ता अचानक प्रगट होकर इतनी तेजी के साथ कार्य करता था कि उसको रोका नहीं जा सका।
इसके अतरिक्त उसकी मौजूदगी में वातावरण में एक अजीब सा सम्मोहन पैदा हो जाता था, जिसकी वजह से सुरक्षाकर्मी कोई भी कार्यवाही करने में नाकाम रहेऔर वह बहुत ही आराम से युवतियों को लेकर गायब हो गया।
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक व्यक्ति को जिसका हुलिया अपहरणकर्ता से मिलता था, भारत-तिब्बत सीमा के पास गायब होते देखा।
सीमा के आस-पास कई किलोमीटर के इलाके में सुई को खोजने जैसी छानबीन की गई लेकिन उसका वहां भी कोई सुराग नहीं मिला।
अब यह समझा जाने लगा कि अपहरणकर्ता कोई परालौकिक सत्ता रखता है या किसी अन्य ग्रह का वासी है।
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इस कोण को ध्यान में रखकर मामले की जांच 'ब्लैक हॉक' (Black hawk) नामक भारत सरकार की एक विशेष संस्था को सौंपी गई।
यह संस्था केवल परालौकिक मामलों की ही जांच करती थी।
इसके एजेंट भारतीय प्राचीन विद्याओं जैसे योग, तंत्र, युद्ध कला तथा आधुनिक युद्ध कलाओं में भी पारंगत होते थे।
यह एक गोपनीय संस्थान था, जिसका पता देश में चुनिंदा अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को ही था।
इसके नई दिल्ली स्थित, हेडक्वार्टर का नाम 'हॉक हाउस' था।
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इस समय 'हॉक हाउस' में 'ब्लैक हॉक' संगठन के नम्बर वन एजेंट पिनाक, इस संस्था के प्रमुख अजय गुप्ता के सामने उनके कक्ष में बैठे हुए थे।
केस से संबंधित सभी सूचनाओं का पिनाक ने अध्ययन कर लिया था।
अजय गुप्ता ने पिनाक को संबोधित करते हुए कहा, "इतनी नवयुवतियों का अपहरण हो चुका, किंतु आज तक यह पता नहीं चल पाया कि अपहरणकर्ता कौन है?"
"अपहरण के बाद वह उनको कहां ले जाता है?"
"कौन उनका बलात्कार करने बाद उनका दिल निकाल लेता है और वह उस दिल का क्या करता है?"
"क्या अपहरणकर्ता एक मनुष्य है?"
"अगर वह मनुष्य है तो उसे क्या शक्तियां प्राप्त है जिससे वो अचानक प्रगट और गायब हो जाता है?"
"हत्यारा महिलाओं का दिल क्यों निकाल लेता है?"
"अगर वह मनुष्य नहीं है तो किस लोक का प्राणी है?"
अजय गुप्ता ने पिनाक को इस केस का कार्यभार सौंप कर कहा, "हमें इन सभी प्रश्नों के उत्तर तलाश करने है और दोषियों को गिरफ्तार या उनकी हत्या करनी है।
रुस्तम भाई का नियम था कि वह सुबह छः बजे अपना बिस्तर छोड़ देते थे। उनकी अत्यंत रूपवती पत्नी प्राय: सात बजे सोकर उठती थी।
अन्य दिनों की भांति उस दिन भी वे छ: बजे नींद से जागे।
उन्होंने धीरे से रजाई को हटाने का प्रत्यन किया ताकि उनकी पत्नी की नींद न खुल जाए तो उन्होंने रजाई में कुछ गीलापन महसूस किया।
रुस्तम भाई ने थोड़ा विचलित होकर टेबल लैंप का स्विच ऑन किया और रजाई को हटाकर अपनी पत्नी की ओर देखा तो चीख मार कर बेहोश हो गए।
रुस्तम भाई के निजी सेवक भवानी ने चीख सुनकर उनके कमरे में प्रवेश किया, तो पाया कि वे बेहोशी की हालत में है और उनके पास बिस्तर में किसी सुंदर नवयुवती की लाश पड़ी हुई है।
भवानी ने सबसे पहले रुस्तम भाई के फैमिली डॉक्टर रोहित सिंगला को फोन किया फिर पुलिस स्टेशन में फोन कर घटना की जानकारी दी।
रुस्तम भाई भारत के प्रमुख दस उद्योगपतियों में एक थे, केवल ३२ साल की उम्र में उन्होंने यह गौरव हासिल कर लिया था।
इतने बड़े उद्योगपति के घर से इस तरह के समाचार मिलने पर सभी जगह हड़कंप मच गया।
रुस्तम भाई के अनुसार वह रात को १० बजे अपनी पत्नी के साथ सोए थे। जब सुबह ६ बजे वह नींद से जागे तो रजाई में कुछ गीलापन महसूस किया। उन्होंने टेबल लैंप ऑन करके देखा तो उनकी पत्नी अपने स्थान पर नहीं थी वरन् उसकी जगह किसी अन्य महिला का शव पड़ा हुआ था और इसके बाद वह बेहोश हो गये।
उस महिला के शव और रुस्तम भाई की पत्नी के फोटोग्राफ्स दिल्ली स्थित क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो व पूरे भारत वर्ष की पुलिस को वितरित कर दिए गए।
शव की पहचान मधु दास नामक प्रयागराज निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता तौर पर हुई।
तीन दिन पहले वह प्रयागराज से अचानक लापता हो गई थी।
मधु दास की मृत्यु किसी तेज धार वाले औजार से उसका दिल निकाल लिए जाने के कारण हुई।
उसे मारने से पहले उसके साथ कई बार बलात्कार किया गया था।
उसको रुस्तम भाई के बिस्तर में मौत के घाट नहीं उतारा गया था बल्कि किसी अन्य जगह उसका कत्ल करके लाश को वहां पहुंचा दिया गया था।
रुस्तम भाई की पत्नी कहां गायब हो गई यह नहीं पता चल सका।
अभी इस केस की जांच चल ही रही थी कि इसी प्रकार के अन्य मामले ने पूरे भारत में हंगामा कर दिया।
इस घटना के केवल तीन दिन पश्चात एक रात को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता दिवाकर अपनी बेहद खूबसूरत पत्नी के साथ अपने आवास पर सोए।
सुबह उनकी नींद खुली तो उन्हें बिस्तर में अपनी पत्नी के स्थान पर रुस्तम भाई की पत्नी का शव प्राप्त हुआ।
पुलिस ने इस घटना के जो परिणाम निकाले, वह किसी भी प्रकार से रुस्तम भाई के साथ घटित घटना से भिन्न नहीं थे।
इसके बाद तो ऐसी घटनाओं का तांता ही लग गया।
कई व्यक्तियों की पत्नियां गायब हो गई और उनकी लाश दूसरों के बिस्तर में पाई गई।
अब तो पूरे देश में कयास लगाए जाने लगे कि कौन सी महिला गायब होगी और उसका शव किसके बिस्तर में पाया जाएगा।
अब तक विभिन्न प्रदेशों में दसियों हत्याएं हो चुकी थी और मरने वाली सभी महिलाएं अत्यंत खूबसूरत और जवान थी।
केन्द्र सरकार ने मामले का संज्ञान लिया और इसे सीबीआई को सौंप दिया।
सीबीआई ने समस्त देश से १०० सर्वाधिक सुंदर युवतियों का चयन कर उनकी चौबीस घंटे निगरानी और सुरक्षा का प्रबंध किया। यहां तक कि उनके बैडरूम में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।
इसके बाद जो अपहरण हुए, उनसे सीबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि अपहरणकर्ता सिर्फ एक ही व्यक्ति है। वह छ: फीट से ऊपर के कद का, सुंदर चेहरे वाला और मजबूत कद-काठी का इंसान है।
उसका पूरा शरीर पर एक विशेष प्रकार की आभा से चमकता है।
वह अचानक प्रगट होकर बहुत तेजी के साथ महिला को उठा लेता है और उसकी जगह किसी अन्य औरत की लाश को रख देता है।
वह उस जगह अचानक कैसे प्रगट हो जाता है, नहीं पता चला।
उसकी पहचान स्थापित नहीं हो सकी।
यह मालूम नहीं चल सका कि अपहरणकर्ता ही हत्यारा है या वह किसी अन्य व्यक्ति के लिए यह कार्य करता है।
हत्याओं के इस तरीके से यह समझ में आता था कि हत्यारा किसी मानसिक विकृति का शिकार है, परन्तु वह उन महिलाओं का दिल निकाल कर क्या करता है, यह भी नहीं मालूम हुआ।
अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ता उन युवतियों को कहां ले जाता है, नहीं पता चल सका।
हत्यारे का लक्ष्य केवल सुंदर युवतियां ही थी, चाहे वे शादीशुदा हो या कुंवारी।
सीबीआई अपहरण और हत्याओं को नहीं रोक सकी, क्योंकि अपहरणकर्ता अचानक प्रगट होकर इतनी तेजी के साथ कार्य करता था कि उसको रोका नहीं जा सका।
इसके अतरिक्त उसकी मौजूदगी में वातावरण में एक अजीब सा सम्मोहन पैदा हो जाता था, जिसकी वजह से सुरक्षाकर्मी कोई भी कार्यवाही करने में नाकाम रहेऔर वह बहुत ही आराम से युवतियों को लेकर गायब हो गया।
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक व्यक्ति को जिसका हुलिया अपहरणकर्ता से मिलता था, भारत-तिब्बत सीमा के पास गायब होते देखा।
सीमा के आस-पास कई किलोमीटर के इलाके में सुई को खोजने जैसी छानबीन की गई लेकिन उसका वहां भी कोई सुराग नहीं मिला।
अब यह समझा जाने लगा कि अपहरणकर्ता कोई परालौकिक सत्ता रखता है या किसी अन्य ग्रह का वासी है।
---
इस कोण को ध्यान में रखकर मामले की जांच 'ब्लैक हॉक' (Black hawk) नामक भारत सरकार की एक विशेष संस्था को सौंपी गई।
यह संस्था केवल परालौकिक मामलों की ही जांच करती थी।
इसके एजेंट भारतीय प्राचीन विद्याओं जैसे योग, तंत्र, युद्ध कला तथा आधुनिक युद्ध कलाओं में भी पारंगत होते थे।
यह एक गोपनीय संस्थान था, जिसका पता देश में चुनिंदा अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को ही था।
इसके नई दिल्ली स्थित, हेडक्वार्टर का नाम 'हॉक हाउस' था।
---
इस समय 'हॉक हाउस' में 'ब्लैक हॉक' संगठन के नम्बर वन एजेंट पिनाक, इस संस्था के प्रमुख अजय गुप्ता के सामने उनके कक्ष में बैठे हुए थे।
केस से संबंधित सभी सूचनाओं का पिनाक ने अध्ययन कर लिया था।
अजय गुप्ता ने पिनाक को संबोधित करते हुए कहा, "इतनी नवयुवतियों का अपहरण हो चुका, किंतु आज तक यह पता नहीं चल पाया कि अपहरणकर्ता कौन है?"
"अपहरण के बाद वह उनको कहां ले जाता है?"
"कौन उनका बलात्कार करने बाद उनका दिल निकाल लेता है और वह उस दिल का क्या करता है?"
"क्या अपहरणकर्ता एक मनुष्य है?"
"अगर वह मनुष्य है तो उसे क्या शक्तियां प्राप्त है जिससे वो अचानक प्रगट और गायब हो जाता है?"
"हत्यारा महिलाओं का दिल क्यों निकाल लेता है?"
"अगर वह मनुष्य नहीं है तो किस लोक का प्राणी है?"
अजय गुप्ता ने पिनाक को इस केस का कार्यभार सौंप कर कहा, "हमें इन सभी प्रश्नों के उत्तर तलाश करने है और दोषियों को गिरफ्तार या उनकी हत्या करनी है।