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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Prince_007

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सुरेश की मस्ती



सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।

सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
 

Prince_007

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Behtareen update bhidu......waise bhidu ye story only incent hi hai na...ya adultry bhi hi hai?...Bhai suresh se nidhi or Aarohi ko bhi thukwana...
Kahani ke Drishya ki maang ko dekhte hue kahani likhi jayegi aur jayda adultery mujhe thoda bor karne lagti hai vaise aapko pasand hai to main koshish karunga behatar likhne ki taki padne mein maza aayega
 
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Nasn

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सुरेश की मस्ती



सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।

सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
वाह ।गज़ब..

गरिमा अगर सुईश की पत्नी है
तो आरोही....और निधि......

साली आध घरवाली....
😉😉

खूब मज़े लेने दो सुरेश को...👌

गज़ब अपडेट था.......
गरिमा
आरोही
निधि....
Ahaa...Aha...

माल ही माल .
 

Malikboy07

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सुरेश की वापसी


राहुल की आँख एक आवाज़ से खुलती हैं।भैया दरवाजा खोलो ना ये आवाज़ आरोही की थी। क्या हैं आरोही सोने दे ।भैया खोलो तो सही पहले, मम्मी नास्ता करने के लिए बोला रही हैं। राहुल उठ कर दरवाजा खोल के सो जाता हैं आरोही अंदर आकर बोलती हैं उठो भैया सुबह कब की हो गयी है ।तभी उसकी नज़र उसके फोन जाती हैं वो उठकर देखती हैं।तो वो अभी भी लॉक था ।आरोही सोच रही थी की कैसे खोले और वो चुपके से राहुल की ऊँगली सेंसर पे लगती हैं और मोबाइल खुल जाता है।आरोही फोन लेकर अपने कमरे में भाग जाती हैं।और दरवाजा बंद करके फोन के गैलरी को खोलती हैं।जिसमे बहुत सी फोटो थी उसमे एक फोल्डर का नाम आरोही लिखा था ।जैसे ही वो फोल्डर खोलती है उसकी आँखें बड़ी हो जाती हैं।वो कुछ समझ नही पाती की ये सब क्या है। पर दूसरे ही पल वो मुस्कुरा देती हैं।और बोलती हैं।अच्छा तभी मेरे प्यारे भैया की नज़र मेरी गांड पे रहती हैं। एक एक कर के सारी फोटो देखती है।उसी फोटो में एक फोटो आयशा की आ जाती हैं।जिसमे आयशा के मोटे मोटे चुचे उसकी चोली से झाँक रहे थे ऐसी कई फोटो थी आयशा की वो देख चोंक जाती हैं और बोलती हैं मतलब भैया आयशा के भी दीवाने है । जैसे समय ठहर गया हो उसको कुछ होश ही नही था । ऐसे करके हो सारे फोटो देख लेती हैं ।
सुबह 10 बजे राहुल सो कर उठता है।और फोन ढूंढने लगता है।उसका फोन नही मिलता तभी उसको याद आता है की सुबह आरोही आयी थी ।कही वो तो फोन नही ले गयी।ये सोच के उसकी गांड फट जाती हैं। वो जल्दी से आरोही के कमरे में जाता हैं पर आरोही वहा नही थी । तभी एक आवाज़ उसके कानो में आती हैं।भाई नास्ता तो कर ले कितना सोता हैं ।ये आवाज़ गरिमा की थी।
हाँ दीदी अभी करता हूँ ,दीदी वो आरोही कही दिखाई नही दे रही कहा चली गयी ।
गरिमा - वो तो निधि के साथ छत पे गयी हैं।कपड़े सूखने के लिए । वो तुरंत छत पे जाने लगता हैं और मन में सोचता है कही आरोही ने उसके फोन से उसकी और आयशा की फोटो तो नही दे ली होगी। छत पहुंच के उसने देखा की निधि और आरोही हँस हँस के बाते कर रही थी।तभी राहुल को देख निधि बोलती हैं। गुड मॉर्निंग भाई।
राहुल - गुड मॉर्निंग दीदी ।
आरोही कुछ नही बोलती हैं।उसको कुछ ना बोलता देख राहुल परेशान हो जाता हैं और मन में सोचता है ,हे भगवान बचा लेना ।
राहुल - आरोही तुमने मेरा फोन देखा हैं क्या ?
आरोही कुछ नही बोलती उसके बदले निधि बोलती हैं।
भाई फोन तो देख लिया और उसके अंदर क्या था वो भी और हँसने लगती हैं।
राहुल - माफ़ कर दो मुझे गलती हो गयी है अब से कुछ भी नही करूंगा ऐसा वैसा प्लीज माफ़ कर दो।
निधि - मुस्कुराते हुए भाई माफ़ी मांगने से क्या होता हैं।भला बहन की ऐसी फोटो कोई लेता हैं क्या और लेना छोड़ो कोई बहन की वो चीज़ देखता हैं।
राहुल उदास मन से मुझे माफ़ कर दो मैं भूल गया था बहन के लिए ऐसा सोचना पाप होता हैं।उसकी ऑंखे नम हो चुकी थी । जब आरोही ने राहुल की आँखों में पानी देखा तो उसका दिल जल गया और वो एक दम से अपने भैया से लिपट गयी और बोली ।आप रो क्यों रहे हो ।
राहुल कुछ नही बोलता वो आरोही को अपनी बाहों में जोर से जकड़ लेता हैं। तभी निधि कहती हैं बस बस सारा प्यार छत पे ही कर लोगें क्या कुछ कमरे के लिए भी बचा के रखो और हँसने लगती हैं। इस बात पर आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। राहुल और आरोही अलग होते है और आरोही बोलती हैं आप बुद्दू हो पागल हो ।
इसमे रोने वाली क्या बात है ।राहुल बोला तुम बात नही करोगी तो रोना तो आएगा ही ना !
आरोही अच्छा जी बात नही की तो रोना आ गया और मेरी गंदी गंदी फोटो जो अपने फोन में छुपा के रखते हो उसका क्या ।इस बात पे राहुल कुछ नही बोल पाता । बोलो भैया क्यों खींची ऐसी गंदी फोटो बताओ मुझे तभी निधि बोली अब ये क्या बोलेगा ये तो कल रात ही हम दोनो को प्यार देने के लिए बेक़रार था और मुस्कुरा देती हैं। इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। तभी गरिमा आ जाती हैं और कहती है तुम लोगो को कोई काम धाम है या नही इतनी देर हो गयी हैं अब तक कपड़े नही डाले गये तुम दोनो से और ये राहुल घुटने पे क्यों बैठा हैं।
आरोही कुछ नही दीदी भैया को अपना फोन चाहिए था इसीलिये वो घुटने पे बैठ के माफ़ी मांग रहे हैं।
गरिमा - कुछ सोच के फोन के लिए माफ़ी कुछ समझ नही आया ।
निधि - दीदी फोन के लिए नही अपना माल गलत जगह उगलने के लिए और हँसते हुए निचे भाग जाती हैं साथ में आरोही भी ,गरिमा ये किस माल की बात कर रही हैं।राहुल समझी नही मैं ,राहुल अपने आप को सम्भलते हुए पता नही दीदी और वो भी निचे भाग जाता हैं।
सब नास्ता कर चुके थे। बरखा ,गरिमा और निधि दुकान जाने के लिए निकलने वाली थी ।तभी निधि आरोही के कान में बोलती हैं भाई को पहन के दिखा देना इतना सुनते ही आरोही मुस्कुरा देती हैं।
राहुल आरोही को बोल कर अपने कुछ दोस्तों के पास निकल जाता है ।आज आरोही घर में अकेली थी ।वो अपने कमरे में बैठ के सोच रही थी की वो कैसे भैया के सामने ब्रा और पैंटी में जाएगी । ऐसा ही सोच रही थी थी की उसका फोन की रिंग बजने लगती हैं।वो देखती हैं तो रोहिणी का कॉल हैं। वो उठती हैं और हेल्लों बोलती हैं।तभी उधर से एक आवाज़ आती हैं।आअह्ह.. मत करो प्लीज आह्ह्ह..
आरोही - रोहिणी ये आवाज़ कैसी हैं
- ये सुन उधर से एक आवाज़ आती हैं साली चुदवा रही हैं तो चिल्ला रही हैं।
आरोही - तुम कौन हो
- मैं तेरा आशिक हूँ जाने मन और तुझे भी समय आने पे ऐसे ही चोदेंगे और हँसते हुए कॉल कट हो जाता हैं।
आरोही परेशान हो जाती हैं ये किसकी आवाज़ दी और रोहिणी के साथ ऐसा कौन कर सकता हैं । वो दोबारा कॉल करती हैं तो नंबर बंद आ रहा था वो एक गहरी सोच में थी की तभी दरवाजे की घंटी बजी तो उसने जाकर दरवाजा खोला सामने राहुल खड़ा था ।उसने हाथ आगे करके आरोही को गुलाब के फूल देते हुए सॉरी बोला ।मुझे माफ़ कर दे बहन पता नही कैसे मैंने तेरी वो फोटो ले ली ।
आरोही इतना सुनते ही हँसने लगती हैं और बोलती हैं भैया आप सच में पागल हो मैं आप से नाराज़ नही हूँ आप पहले अंदर आओ ।दोनो हॉल में सोफे पे बैठ जाते हैं।आरोही भैया आप भी ना इसकी क्या ज़रूरत थी ।
राहुल मुझे लगा तुम को बुरा लगा होगा अपनी फोटो देख के ,आरोही मुस्कुरा देती हैं और कहती हैं हाँ बुरा लगा क्यों की आप चोर हो ।
राहुल - चोर ? मैंने क्या चुराया है
आरोही - अपने मेरा दिल चुराया हैं। इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राहुल - क्या...क्या बोला आरोही
आरोही मुस्कुराते हुए नही सुना तो मैं कुछ नही जानती अब मैं दोबारा नही बोलने वाली और जल्दी से अपने कमरे में भाग जाती हैं।
इधर राहुल सर खुजाते हुए ।क्या सच में आरोही मुझसे प्यार करती हैं। तभी दरवाजे पे घंटी बजती हैं। वो जाकर दरवाजा खोलता हैं तो सामने सुरेश खड़ा था
सुरेश अंदर आकर सोफे पे बैठ के आराम करते हुए राहुल बेटा पानी पिला दे ।राहुल तुरंत पानी लेकर अपने पापा को देता हैं। दोनो बैठ के बातें करने लगते हैं। इधर आरोही कमरे में अपनी नई ब्रा और कच्छी पहन के बहुत खुश हो रही थी की आज वो अपने भैया के सामने कैसे जाएगी शर्म की लाली उसके चेहरे पे थी। वो जैसे तैसे कमरे से बहार आयी तो उसको एक आवाज़ सुनाई दी वो छुप के देखी तो वहा राहुल के साथ उसके पापा बैठे थे वो अपने पापा को देख के घबरा जाती हैं। और अपने ही मन में कहती हैं।उफ़..ये पापा को भी अभी आना था ।और मन मार कर फिर से अपने पुराने कपड़े पहन के निचे आ जाती हैं।और बोलती हैं।पापा आप कब आये और अपने पापा के गले लग जाती हैं।वो इतनी जोर से गले लगती हैं की आरोही के चुचे सुरेश के सीने में दब जाते हैं।इस आनंदित सुख को अचानक पा के सुरेश के मुँह से बस इतना ही निकलता हैं उफ़..आरोही
ये आवाज़ सुन राहुल और आरोही दोनो ही समझ नही पाते की सुरेश ने ऐसा क्यों बोला । आज पहली बार सुरेश ने आरोही की जवानी का एहसास किया था ।थोड़ी देर बाद दोनो अलग होकर बैठ के बाते करने लगे । ऐसे ही बाते करते करते शाम हो जाती हैं। तब आरोही बोलती हैं पापा चाय बनती हूँ ।तभी सुरेश कहता हैं नही बेटा में थोड़ा आराम करने जा रहा हूँ अपने रूम में तुम दोनो पी लो चाय और बोलकर अपने कमरे में चला जाता हैं।
आरोही - भैया आप बना के पिलाओ मुझे चाय आपकी यही सजा हैं।
राहुल - सजा कैसी सजा आरोही ?
आरोही - अपने मेरी फोटो ली है बिना मेरे पूछे इसलिये वो और झूठ मुठ के गुस्सा होने का नाटक करने लगती हैं।
राहुल - ठीक ठीक में अभी बना देता हूँ और जल्दी से किचन में भाग जाता है ।।
इधर आरोही देख मुस्कुरा देती हैं और धीरे से बोलती हैं बुद्दू भैया और सोफे पे बैठने वाली होती ही है की दरवाजे की घंटी बाजी और वो खोलने चली गयी । सामने गरिमा खड़ी थी।गरिमा अंदर आकर बोली ज्यादा परेशान तो नही किया भाई ने तुझको ये सुन आरोही मन में बोली दीदी परेशान तो होना चाहती हूँ भैया करते ही नही हैं और मुस्कुरा देती हैं। गरिमा क्या सोच रही हैं तु ,आरोही कुछ नही दीदी आप बैठो आपके लिए चाय बनती हूँ ।और वो किचन में चली जाती हैं। राहुल ,गरिमा को देख के पहले ही उसकी
चाय बनाने लगता हैं। भैया दीदी की चाय भी बनानी हैं।
राहुल - हाँ हाँ सब का नौकर तो में ही हूँ । ये सुन आरोही मुस्कुरा के राहुल के गालो पे एक चूमा दे कर भाग जाती हैं । इस अचानक एहसास से राहुल खुश हो जाता हैं
इधर गरिमा और आरोही बैठ के बाते करने लगती हैं तभी आरोही बोलती हैं।की पापा आ गये हैं दीदी ,
ये सुन गरिमा की खुशी का ठिकना नही था उसके चेहरे से ज्यादा खुशी उसकी चूत को हो रही थी पता नही कब से चुदने के लिए तड़प रही थी।
गरिमा - सच में पापा आ गये हैं। क्या ?
आरोही - गरिमा की चेहरे की उत्सुकता देख हैरान थी की वो इतना खुश क्यों हो रही हैं। वो बोली दीदी अपने कमरे में आराम कर रहे हैं।
गरिमा और आरोही कुछ और बोलती इससे पहले ही राहुल चाय लेकर आता हैं और तीनो बैठ के चाय की चुस्की लगने लगते है।थोड़ी देर इधर उधर की बात होती हैं और गरिमा किचन में जाने लगती है खाना बनाने तभी आरोही बोलती हैं दीदी आज में भी आपकी सहायता करूँ खाना बनाने में ,इतना सुनते ही गरिमा बोली क्या बात हैं आज तु भी निधि बन रही हैं क्या, दोनो को आज हुआ क्या हैं कामचोर लोग भी आज काम करना चाहते हैं।आरोही थोड़ा मुँह बनाते हुए क्या दीदी कामचोर कौन हैं मै तो कब से काम करना चाहती हूँ आप लोग ही नही करने देती हो।
गरिमा - ठीक ठीक हैं ज्यादा नाटक मत कर समझी चल जल्दी से खाना बनाना हैं।
super update bro
 
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