• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


  • Total voters
    28
  • Poll closed .

Punnu

Active Member
1,087
2,148
143
Waiting Bhidu
 
Last edited:
  • Like
Reactions: kamdev99008

Prince_007

Member
105
889
94
अपडेट 18


ट्रेन तेज़ गति से भागे जा रही थी की राहुल की आँख अचानक ही खुल जाती हैं। वो आँखों को मलता हुआ अपनी कलाई को देखता हैं तो सुबह के 6:17 हो रहे थे ।
वो उठकर बैठता हैं और जैसे ही दूसरी तरफ देखता हैं तो वह अपनी नज़र नही हटा पाता उफ्फ्फ..ये निशा भी ना कोई होश नही हैं वो जल्दी से उठकर निशा को ढकने ही वाला होता हैं की एक हलचल से वो ऊपर की तरफ देखता हैं जैसे ही उसकी नज़र निधि की चूचियों पे जाती हैं उसका मुँह खुला का खुला रह जाता हैं आज भी निधि को कोई होश नही था उसकी चूची उसके टॉप से झाँक रही थी। राहुल ये देख के जल्दी से निशा की तरफ पलटा तो निशा अभी भी सो रही थी ।दोनो तरफ गजब का नज़रा उसको मदहोश करने लगा। उसने बिना कुछ सोचे समझे निशा की बूर के हिस्से को कपड़े के ऊपर से ही चूमने लगा वो लगातार निशा की बुर को उसकी शॉर्ट्स के ऊपर से चूम रहा था जिससे निशा कुछ बढ़बढ़ई हम्म्म...ये देख राहुल ने निशा को देखा तो वो अभी भी सो रही थी ।उसने तुरंत निधि के चुचों को ऊपर से ही चूम के मसल दिया जिससे निधि की एक आह्ह .. निकल गयी ।और उसकी आँख खुल गयी।ये देख राहुल तुरंत ही पलट गया और बर्थ के ऊपर देखा तो उसकी गांड ही फट गयी ।वह एक लड़की जो शायद विवाहित थी उसकी मांग का सिन्दूर देख के राहुल समझ गया था। वो राहुल को ही घूर घूर के देखे जा रही थी ।ये सब देख राहुल जल्दी से बाथरूम की तरफ भाग गया । निधि उठी और अपने आप को ठीक किया और निशा को देख मुस्कुरा गयी आज निशा दोनो टाँगें खोले सो रही थी जिससे वो कामुक लग रही थी।निधि उठी और निशा को चादर से ढक दिया और अपने भाई की बर्थ पे बैठ गयी तभी वो सोची की उसकी चूची में दर्द कैसे हुआ उसने इतना ही सोचा की उसके दिमाग़ में एक बात आयी कही राहुल भैया ने तो नही किया ।तभी ऊपर की बर्थ पे लेती हुई औरत बोली की वो लड़का कौन हैं आपके साथ हैं क्या ? हाँ वो मेरे साथ ही हैं क्या हुआ । उसी ने तुम्हारे वक्षों को मसल दिया था ।इतना सुनते ही निधि चौंक गयी और दूसरे ही पल मुस्कुरा भी दी ।और मन में बोली भैया कितने कमीने हैं कम से कम ट्रेन में तो नही करना चाहिए ।-
क्या हुआ क्या सोच रही हो
निधि - कुछ नही धन्यवाद बताने के लिए वो मेरे होने वाले पति हैं । ये सुन वो लड़की मुस्कुरा दी और उठकर निचे उतर आयी और निधि के साथ बैठ के बोली अच्छा अच्छा तब तो कोई बात ही नही हैं और दोनो मुस्कुरा दी ।
दोनो बैठ के बातें करने लगी ही थी की निशा की आँख खुल गयी और वो भी उस औरत का परिचय लेने लग गयी ।आपका नाम क्या हैं निशा बोली ,जी मेरा नाम सलोनी हैं ।
आप के पति कहा हैं तो उस लड़की ने बर्थ के ऊपर इशारा किया तो निशा और निधि दोनों ने देखा तभी निधि बोली आपकी शादी कब हुई हैं ।
सलोनी- अभी 2 महीने ही हुए हैं ।
निशा- अच्छा तो आप गोवा में हनीमून मानने जा रहे हैं
ये सुन सलोनी मुस्कुरा देती है ।इधर राहुल बेचारा अपनी गलती पे पचता रहा था की उसने हवस में क्या कर दिया शर्म के मारे वो अपनी सीट पे नही जा पा रहा था ।
इधर आरोही उठते के साथ अपने भैया को ढूढ़ने लगी तो निधि बोली वो बाथरूम गये हैं ।
इस बात पे सलोनी बोली ये कौन हैं और ये आपके होने वाले पति को क्यों ढूढ़ रही हैं ।ये सुनते ही निशा और आरोही आचंभित हो जाती हैं दोनो ही आँखे बड़ी करके एक दूसरे के चेहरे को देख रही थी की तभी निधि बोली ये मेरी होने वाली नंद हैं ।ये उससे भी बड़ा बम निधि ने फिर दे मारा था ।आरोही बोली नंद कैसी नंद और किसकी नंद दीदी आप पागल हो गयी हैं क्या ।तभी निशा भी बोली हाँ निधि ये सब क्या हैं।और राहुल को ये तुम्हारा पति क्यों बता रही हैं । इधर निधि भी डर रही थी की कही सलोनी को पता ना चल जाये।तभी सलोनी बोली निधि ही तो बोली की वो इनके होने वाले पति हैं ।निशा और आरोही का चेहरा अब देखने लायक था वो पुतले के माफिक एक दूसरे को देखे जा रही थी तभी निधि बोली अरे सलोनी ये लोग मज़ाक बहुत करती हैं ।ये मेरी नंद आरोही हैं और ये मेरी बहन निशा और जल्दी से दोनो को लेकर बाथरूम की तरफ भाग जाती हैं जहाँ राहुल काफी देर से खड़ा था । तीनों ने राहुल को देखा और आरोही बोली भैया आप यहाँ क्या कर रहे हो और ये निधि दीदी पता नही क्या क्या बोले जा रही हैं ।तभी निधि बोली इसमे मेरी कोई गलती नही है सारी गलती भैया की हैं ।ये सुन के निशा और आरोही के साथ साथ राहुल भी सोचने लगा की ये किस बारे में बोल रही हैं ।तभी निशा बोली कैसी गलती और सलोनी से इसका क्या मतलब ,हाँ हाँ दीदी बताओ क्या बात हैं ये आवाज़ आरोही की थी । निधि सारी बात बता देती हैं जिसे सुन कुछ देर कोई नही बोलता हैं तभी तीनों जोर से हँसने लगती हैं और राहुल शर्म के मारे गर्दन झुका लेता हैं ।अब बेचारा बोलता भी क्या ।
निशा - राहुल ये सब क्या किया तुमने और कोई बहन का वो मसलता हैं क्या ??
आरोही थोड़े ग़ुस्से और खुशी में बोली भैया आप को शर्म नही आयी दीदी के साथ ये सब किया ।
तभी निधि बोली इसीलिए मैं सलोनी को झूठ बोली ताकि वो ये ना बोले के मेरे सागे भाई ने मेरी चूची पकड़ के मसल दिया और वो मुस्कुरा दी ।ये सब सुन राहुल की आँखें नम हो गयी थी वो माफ़ी मांगने लगा और उसकी आँख से आँसू निकलने लगे ।ये देख तीनों का ही दिल जल गया और उनको अपनी गलती का आभास हुआ की वो कुछ ज़्यादा ही बोल गयी इतने में आरोही राहुल से लिपट गयी और बोली सॉरी भैया मैंने तो मज़ाक में बोला था मुझे माफ़ कर दो । तीनों ने राहुल से माफ़ी मांगी और वो अपनी सीट पे जाकर बैठ गये । तब तक सलोनी का पति भी उठ गया था । सलोनी आप लोग कहाॅं चले गये थे ।
निधि - कुछ नही वो मेरे होने वाले पति देव के देखने गये थे की कहाॅं रहे गये अभी तक नही आये ।
ये सुन निशा और आरोही मन ही मन मुस्कुरा दी और राहुल बेचारा शर्म से कुछ नही बोल पा रहा था
सलोनी - ये मेरे पति राज हैं। और राज ये निधि और ये उनके होने वाले पति हैं ,
राज - हेल्लों जी और ये लोग कौन हैं ।
सलोनी - ये आरोही हैं निधि की होने वाली नंद और ये निशा निधि जी को बहन इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राज दोनों को हेल्लों जी बोलता हैं आरोही और निशा भी हेल्लों बोलती हैं ।
तभी राज बोला की और राहुल जी क्या करते हैं आप और आपकी होने वाली पत्नी तो बहुत ही खूबसूरत हैं ।राहुल जैसे तैसे बोला धन्यवाद राज जी आपकी पत्नी भी बहुत खूबसूरत हैं वो सलोनी को देखते हुए बोला
राज - मेरी सलोनी एक पुलिस वाली हैं और में एक टीचर हूँ थोड़ा अजीब हैं ना टीचर और पुलिस वाली की जोड़ी और हँसने लगता हैं ।
राहुल जब सुनता हैं की सलोनी पुलिस वाली हैं तो उसकी गांड और फट जाती हैं ।इधर सलोनी राहुल को ही देखे जा रही थी जब राहुल की नज़र उसकी नज़र से मिली तो एक हलकी मुस्कान से दोनों मुस्कुरा दिये जिसे तीनों ने देख लिया और वो भी मंद मंद मुस्कुरा दी ।
राहुल - निधि जी एक सोशल वर्कर है और साथ साथ जिम ट्रेनर भी हैं और मेरा खुद का बिज़नेस हैं ये सुन निधि मुस्कुरा दी ।
राज - अच्छा क्या बिज़नेस हैं और ये लोग कुछ करते हैं की नही ।
राहुल - जी मेरी दो दुकाने हैं लेडीज़ कपड़ों की और ये आरोही कॉलेज जाती हैं और निशा जी फिलहाल कुछ नही करती ।
राज - वाह क्या बात हैं होने वाली साली को जी लगा के बोला मज़ा आ गया आप से बात करके इतनी इज़्ज़त तो कोई अपनी पत्नी को भी नही देता जितना साली को दे दिया ।ऐसे ही बातों का दौर चल पड़ा।राहुल तो सलोनी को ही देखे जा रहा था सच में सलोनी गजब की माल थी उसकी चूची निधि ,निशा और आरोही तीनों से बड़ी दी । और होती भी क्यों ना विवाहित लड़की की चूची तो फूलती ही हैं ।इधर सलोनी भी राहुल की नज़रों को अच्छे से समझ रही थी ।कुछ देर बातें करते हुए नास्ता करने लगे ।
इधर गाँव में आयशा अपना आधा काम ख़तम कर चुकी थी की रोहन उठता हैं और बिना कुछ बोले ही घर से बहार निकल जाता हैं ।ये सब आयशा देख के मुस्कुरा देती हैं और मन में बोलती हैं अच्छा जी इतना ही डर हैं तो रात में दबाने से पहले सोचना था ।और अपने काम में लग जाती हैं ।
गरिमा की गांड में आज भी दर्द था पर थोड़ा राहत भी मिली थी।तो वो जल्दी से नास्ता करके ऑफिस के लिए निकल जाती हैं इधर सुरेश और बरखा भी कुछ देर के बाद घर पे ताला लगा के निकल जाते हैं ।
विक्की और अजय कॉलेज में निधि को ढूढ़ रहे थे पर ना निधि मिली ना आरोही और ना ही निशा ।
अजय - ये साली रंडिया आज भी नही आयी ये चक्कर क्या हैं कही किसी से चुदवा के चूत में दवाई तो नही लगा रही हैं ।
विक्की - नही नही ये बात कुछ और ही हैं पता करना पड़ेगा ये चक्कर क्या हैं और वो मादरचोद भी तो नही दिखाई दिया ।तभी विक्की अपने कुछ टट्टो को कॉल करके बोलता हैं ...पता लगाओ वो रंडिया कॉलेज क्यों नही आ रही हैं ।
दोपहर हो चली पर रोहन खाना खाने नही गया तो आयशा परेशान हो गयी ।वो अपनी मम्मी को बोल के खेत की तरफ चल दी कुछ ही देर में खेत में पहुंची पर रोहन वहा भी नही था । वो थोड़ा और परेशान हो कर अपने आप में ही बोलती हैं क्या ज़रूरत थी तुझको चिल्लाने की आयशा पता नही भैया कहाॅं होंगे ।तभी कुछ सोच के मन में बोलती हैं कही नदी किनारे तो नही गाये। और अपने आप में ही बोलती हैं इस से आगे तो जाने को मना किया हैं क्या करूँ ।कुछ सोच के वो चल देती हैं काफी दूर निकल आयी थी आज आयशा उसके मन में एक उमंग भी था बहुत सालों के बाद वो घर से इतने दूर घूम रही थी और दोपहर की धूप और पेड़ो से घिरा हुआ माहौल और हलकी हलकी हवा जो उसके बदन को ठंढक दे रही थी आज उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था खुली हवा में साँस लेने मे ,वो ये आनंद तो भूल ही गयी थी जब से गुड्डू ने उसकी चूचियों को मसल दिया था । वो अपनी ही दुनिया में मगन हुए जा रही थी। की तभी एक आवाज़ उसको सुनाई देती हैं रुक आयशा कब तक अपनी जवानी बचा के रखेगी । कभी तो लूटने दे हमें भी मज़ा । वो रूक कर इधर उधर देखने लगती हैं की उसको एक पेड़ के पास गुड्डू खड़ा दिखाई देता हैं । साथ में दो और लड़के थे ।उनको देख के वो घबरा जाती हैं। हाथ पैर फूलने लगते हैं। साँसे तेज़ हो जाती हैं इधर गुड्डू को अपनी तरफ आता देख वो पीछे की तरफ भागने का सोचने लगी ।तभी गुड्डू बोला देख साली ये वही जगह हैं जहाँ तेरी चूची को मसल मसल के फुला दिया था और आज ये दोनो भी मज़े लेंगे तेरे ,और हँसने लगता हैं । तभी आयशा को याद आता हैं की यहा से नदी काफी पास हैं पर उसके मन में एक शंका भी थी की कही रोहन भैया वहा नही हुए तो वो इतना ही सोची और तेज़ी से नदी की तरफ भागने लगी ।उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी गाला तेज़ी से सांस लेने से सुख रहा था उसके मन में एक लड़ाई भी चल रही थी की कही रोहन भैया नही हुए तो क्या होगा पर दूसरे ही पल उसका विश्वास और शायद रोहन के लिए उसका प्यार उसको एहसास दिला रहा था की रोहन नदी किनारे ही हैं । तेज़ी से भागने से उसकी चूचियाँ मस्ती में उछाल मार रही थी।गुड्डू और उसके दो दोस्त भी तेज़ी से आयशा की तरफ भाग रहे थे गुड्डू ने आयशा को धक्का मार दिया और वो लड़खड़ाते हुए जैसे तैसे अपने आप को संभलने का प्रयत्न करते हुए जा गिरी ।इधर गुड्डू और उसके दोस्त रुक के जोर जोर से साँसे भर रहे थे ।की आयशा ने नज़र घुमा के देखा तो नदी बिल्कुल ही पास में थी उसने आस पास देखा तो कोई नही दिखाई दिया वो एक निराशा के साथ उसकी आँख भर आयी और वो रोने लगी ।गुड्डू ने आयशा की चोली को पकड़ फाड़ देता है आयशा की पीठ पुरी तरह नग्न हो चुकी थी आयशा रोने लगी और रोते हुए ही बोली मुझे छोड़ से कुत्ते मेरी इज़्ज़त मत लूट मुझे छोड़ दे उसको रोता देख गुड्डू और उसके दोस्त हँसने लगे ।गुड्डू बोला साली रंडी 2 साल पहले ही तुझे चोद देता और तु प्यार से चोदवा लेती तो दोनो को मज़ा आता, उस दिन तूने हल्ला नही मचाया होता तो ना मैं जेल जाता ना ही गाँव वाले मुझे मरते अब तुझको चोदूंगा भी और चोदवाऊंगा भी साली सस्ती छिनाल और उसके दोस्त आयशा की टांग पकड़ लेते हैं आयशा का रो रो के बुरा हाल हो रहा था वो अपनी पुरी ताकत लगा रही थी पर उन तीनों के सामने वो कमज़ोर ही थी ।तभी गुड्डू आयशा की फटी हुई चोली उतर के फेंक देता हैं और उसकी पीठ को चूमने लगता हैं वो रोते हुए बोली साले भड़वे मुझे छोड़ वरना अच्छा नही होगा ।गुड्डू बोला माँ की लोड़ी रस्सी जल गयी पर बल नही गया ।और
उसकी ब्रा का हुक खोलने ही वाला होता हैं की आयशा जोर से चिल्लाने लगती हैं भैया बचाओ भैया बचा लो मुझे, आज उसको अफ़सोस हो रहा था की वो क्यों घर से इतनी दूर आयी ।गुड्डू ने ब्रा का हुक दिया और उसकी पीठ के बेतहसा चूमने लगा उधर वो दोनों लड़के भी आएशा का घाँघरा ऊपर करके उसकी टाँगे चूमने लगे वो रोते बिलकते हुए उनसे रहम की भीख मांग रही थी । गुड्डू ने आयश को पलट के उसके गाल पे तीन थप्पड़ दे मारे वो बिल्कतें हुए बोली मुझे मत मारो मत मारो मुझे दर्द हो रहा हैं ।तभी गुड्डू बोला मादरचोद रंडी तु चुप चाप से चोदवा ले और उसकी ब्रा को उतरने ही वाला था।
 
Last edited:

Prince_007

Member
105
889
94
Agar aaki story me sab female ka pic dal de to aur achha rahega.
भाई फोटो तो मुश्किल हैं पर आप पढ़ते समय इसी नाम की लड़की को याद कर लो या किसी और की कल्पना कर लो ।
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma

Avi Goswami

Well-Known Member
2,054
4,097
158
Nice update bhai
 
  • Like
Reactions: Guri006

KhanPra

New Member
50
153
33
mja aa gya bro nidhi, aarohi or nisha ki opning rahul se krbaba......with group sex baki aap jaisa likho aapki maji......
 
  • Like
Reactions: Guri006

Sanju@

Well-Known Member
4,835
19,514
158
अपडेट 13
सुरेश की मस्ती



सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।

सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
Ek dam mast and hot update
 
  • Like
Reactions: Guri006
Top