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अपडेट 37
आयेशा और सुरेश दोनों ही बातों की आड़ में अपने जिस्म की आग को बता रहे थे । तभी सुरेश ने एक और सवाल किया ?
" ये अली बाबा दिखता कैसा हैं ।
" अली बाबा तो गांजा हैं गुफा में जाता हैं और थूक के आ जाता हैं ऐसा सुना है मैंने पर कभी खेला नही ये खेल ।
अब सुरेश को पुरा यकीन हो गया की आयेशा किस गुफा और कौन से अली बाबा की बात कर रही हैं । उसका लंड अकड़ने लगा था ।उसने एक दम से आयेशा को दबोच लिया और बोला मेरा अली बाबा तेरी गुफा में थूकेगा ।और आयेशा के होठों पे होंठ रख दिये । अपने होठों पे सुरेश के होंठों को महसूस करते ही आयेशा ने आँखे बंद कर ली और दोनों ही बेशर्म होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे । आग दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी । दोनों ही एक दूसरे के होठों को चूसने में लीन हो चुके थे उनको कोई होश नही था की घर के और सदस्य उनकी ये लीला देख सकते हैं। सुरेश के हाथ आयेशा के गोल गोल उभारों पे चलने लगे वो आहिस्ते आहिस्ते आयेशा कि चूचियों को दबा रहा था और उसके गुलाबी होठों का रसपान किये जा रहा था ।
सुरेश की जीभ आयेशा के मुँह में घूमे जा रही थी दोनों ही इस खेल का आनंद ले रहे थे ।सुरेश कभी आयेशा के मुँह में जीभ घूमता हैं कभी उसकी जीभ से जीभ लगा के उसके लार का स्वाद लेता हुआ आनंद लूटने में लगा हुआ था ।
आयेशा भी बहुत गरम हो चुकी थी वो मस्ती में सुरेश का लिंग अपनी मुट्ठी में भर ली और हलके से सहलाते हुए अपने फूफ़ा जी के होठो के चूसे जा रही थी ।दोनों का बदन अब काम लीला खेलने को उतारू हो चुका था ।
सुरेश ने चूमना छोड़ के जल्दी से आयेशा की चूची को दबोच लिया और मसलने लगा जिससे आयेशा सिसकने लगी । आह्ह्ह...फूफ़ा जी आराम से आह्ह्ह्ह... आयेशा सिसकियाँ लेते हुए हॉल में फूफ़ा जी से अपनी जवानी मसलवा रही थी ।
" तु कितनी मस्त माल है साली हम्म्म...आयेशा के होठों को चूसता हुआ सुरेश बोला ।
सुरेश ने आयेशा के चुतरों पे हाथ रख के अपने तरफ खिंचा और गांड की गोलाईओ को सहलाते हुए उसकी गांड की दरार में ऊँगली घुसा दी ।जिससे आयेशा मचल उठी ।
" आउच...फूफ़ा जी....
सुरेश ने आयेशा को उठाया और उसको किचन में ले जाने लगा आयेशा भी अपने फूफ़ा जी की बाहों में शर्म की लाली लिए हुए सुरेश के छाती से लगी हुए थी ।
" अब सिखाता हूँ तुझको कैसे खेलते हैं चुदाई का ये खेल सुरेश ने आयेशा की आँखों में देख के बोला ।
किचन में जाते ही सुरेश ने अपने कपड़े उतर दिये और इधर आयेशा भी नग्न होने लगी दोनों का जिस्म मिलन करने को बेताब था ।सुरेश ने जैसे ही अपना कच्छा उतर के निचे किया उसका मोटा लंड फंफाना के बहार को आया जिसे देख आयेशा की आँखों में चमक आ गयी और दूसरे ही पल सुरेश की आँखें में देख मे शर्म से गर्दन निचे कर ली । आयेशा अभी भी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी ।
" देख मेरा अली बाबा गुफा तक जाने को तैयार हो गया हैं सुरेश ने अपने लंड को हाथ में लेकर आयेशा को दिखाते हुए बोला ।
सुरेश आयेशा के पास गया और बोला जान इंतज़ार मत करवा कोई आ गया तो मेरा अली बाबा गुफा तक नही जा पायेगा और आयेशा की ब्रा का हुक खोल के उतरने लगा और देखते ही देखते ब्रा उतार के सुरेश ने फेंक दी और आयेशा की चूची हवा में लहराने लगी ।जिसे देख सुरेश ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने और चाटने लगा ।इस मधुर एहसास से आयेशा की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...फूफ़ा जी....
आयेशा ने मस्ती में सुरेश के सर को पकड़ लिया और अपनी चूची चुसाई का आनंद लेने लगी । सुरेश बड़े मज़े से निप्पल को मुँह भरकर चूस रहा था । आज वो आयेशा का यार बन चुका था ।
आयेशा घुटनों के बल बैठ गयी और सुरेश का काला नाग अपने मुँह के करीब लेकर आयी और अपनी जीभ से लिंग के अग्र भाग पे जीभ घुमा दी जिससे सुरेश की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...चुदड़कड़.... रंडी....
आयेशा थोड़ी देर लिंग के टोप्पे पे जीभ घूमती रही और फिर मुँह में भर के चूसने लगी ।आयेशा बहुत मज़े से लंड को चूसे जा रही थी ।कभी चुस्ती तो कभी पूरे लंड पे जीभ घूमती । तो कभी आण्ड को चाट के उनसे खेलती पुरा लिंग आयेशा के थूक से गीला हो चुका था जिससे लंड में एक चमक आ गयी थी ।
सुरेश ने देर ना करते हुए आयेशा को किचन में ही लिटा दिया आयेशा के चुतर जैसे ही ज़मीन से छुआ उसकी गांड को ठंडा सा महसूस हुआ । पर लंड की भूख के आगे ये तो छोटी चीज़ थी वो आराम से लेट गयी और सुरेश ने उसकी टाँगे फैला के उठा दी और अपने होठों को उसकी चूत पे टिका दिया और लगा चूत को चूमने वो चूत को ऐसे चूम रहा था जैसे दो होठों के बीच चुंबन हो रहा हो ।
कभी जीभ घूमता तो कभी चूत की फांकों को खोल के उसमे थूक देता और चाटने लगता । ऐसे मधुर एहसास से आयेशा मदहोश हो चुकी थी ।वो सुरेश के सर को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी और गरम सिसकियों से किचन गूँज रहा था ।
" आह्ह्ह्हह...फूफ़ा जी उफ्फ्फ्फ़...ऐसे ही चाटो आह्ह्ह..
सुरेश पुरी सिद्ददत से आयेशा की बूर को चाट रहा था ।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोद दीजिये...आह्ह्ह...अब रहा नही जाता ...आह्ह्ह..
सुरेश भी बहुत दिनों से गरम था उसने भी चोदने में ही भलाई समझी और अपने लिंग को आयेशा की योनि पे रख के सरका दिया । आयेशा की बूर गीली थी जो गप से सुरेश के लिंग को अंदर ले लि । एक अजीब से आनंद से दोनों मचल उठे।
दोनों ही मस्ती में चूर होकर हिलने लगे सुरेश भी जोर जोर से झटके मार के आयेशा की बूर का भोसड़ा कर रहा था इधर आयेशा भी निचे से गांड उचका के साथ दे रही थी दोनों ही चुदाई के इस अदभूत खेल का आनंद उठा रहे थे ।
किचन में हवस का ये नंगा खेल खेला जा रहा था तो दूसरी तरफ आरोही अपने प्यारे भईया के छुवान को याद करके अपनी बूर को सहला रही थी उसे एक अजीब सी मस्ती ने घेर लिया था वो क्यों अपने भईया के लिए ये सब सोच रही थी पता नही तभी उसको ख़याल आया की आयेशा को गये बहुत देर हो गयी है वो अभी तक आयी क्यों नही वो उठी और पहले अपनी बूर वाली जगह को देखी जो हलकी गीली हो चुकी थी ।वो मुस्कुरा के रह गयी और निचे जाने लगी । दूसरी तरफ रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने राहुल को देखा फिर उठ के मूतने चल दिया जैसे ही दरवाजे से बहार आया उसको आरोही जाती हुई दिखाई दी । इधर किचन में आयेशा अपने फूफ़ा जी से मज़े लूटने में व्यस्त है।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदो...चोदो...आह्ह्ह...बेटी चोद फाड़ दे मेरी बूर को उफ्फ्फ....माँ....
" ले साली चुदड़कड़ माँ की लोड़ी आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली...छिनाल....
किचन से आती हुई आवाज़ से आरोही एक दम से चौंक गयी और वो चुपके से किचन में देखने लगी ।उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी आँखों पे की किचन में ऐसा हवस का नंगा नाच चल रहा हैं । सुरेश का लंड आयेशा की बूर की गहराई नाप के बहार आता फिर अंदर समा जाता । आरोही की आँखें बड़ी हो कर ये खेल देख रही थी और वो सुरेश के लंड को भी आँखें गाड़ा के देख रही थी ।दूसरी तरफ दूर से ही रोहन आरोही को देख रहा था की ये क्या देख रही हैं ।
ये चुदाई का खेल देख आरोही की बूर रिसने लगी। उसका हाथ ना चाहते हुए चूत पे चला गया और वो अपनी चूत को मसलने लगी और हलके हलके सिसकियाने लगी ।
" आअह्ह्ह...फूफ़ा जी...मेरा होने वाला है आह्ह्ह...बेटीचोद उम्म्म....
दोनों ही चुदाई के इस खेल के समापन के करीब पहुंच गये थे दोनों कभी भी झाड़ सकते थे ।इधर आरोही का भी बुरा हाल हो गया था । तभी उसकी नज़र रोहन पे गयी जो उसको देख के अपने लंड को हिला रहा था ये सब देख आरोही शर्मा गयी और वो तुरंत वहा से अपने कमरे की तरफ भागी । रोहन उसको रोकना चाहता था पर कुछ बोल नही पाया ।तभी वो पलट के किचन की तरफ चल दिया ।
इधर सुरेश मे अपने आखिरी धक्के मारे और झड़ने लगा
" आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली....आह्ह्ह्ह...आयेशा...
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी आअह्ह्ह...फूफ़ा जी .....
सुरेश को झड़ता हुआ महसूस करके आयेशा की बूर भी अपना चिपचिपा पानी उगलने लगी ।
सुरेश का लंड सफ़ेद माल आयेशा की बूर में फेंकने हुआ। उधर से आयेशा भी झटके मार मार के अपना पानी फेंक रही थी। इधर उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर गयी । सुरेश ने अपना सारा वीर्य आयेशा की योनि में उगल दिया और लंड बहार करके उसके बगल में ही लेट गया । ये सब देख रोहन का खून खौल गया उसकी सगी बहन आधी रात को अपने फूफ़ा से चुद रही हैं उसका खड़ा लंड सो गया उसने सोच लिया की कल किसी भी कीमत पे निधि या आरोही में से कोई एक को चोद के ही दम लेगा । और गुस्से से चल दिया ।
" इधर आयेशा मुस्कुरा के सुरेश को देखी और बोली फूफ़ा जी खेल अच्छा खेल लेते हो और अपनी बूर से वीर्य लेकर चाटने लगी ।
" सुरेश हँसने लगा और बोला जब माल तेरी जैसी हो तो खेल खेलने का मज़ा ही अलग है ।
कुछ देर के बाद दोनों सोने चले गये ।इधर आरोही की आँखों में अपने ही पापा का मोटा लंड घूम रहा था उससे वो काला नाग याद आ रहा था । जो आयेशा के बिल में घुसे जा रहा था । यही सब सोचते सोचते वो भी सो गयी ।
To Be Continued by prince...
आयेशा और सुरेश दोनों ही बातों की आड़ में अपने जिस्म की आग को बता रहे थे । तभी सुरेश ने एक और सवाल किया ?
" ये अली बाबा दिखता कैसा हैं ।
" अली बाबा तो गांजा हैं गुफा में जाता हैं और थूक के आ जाता हैं ऐसा सुना है मैंने पर कभी खेला नही ये खेल ।
अब सुरेश को पुरा यकीन हो गया की आयेशा किस गुफा और कौन से अली बाबा की बात कर रही हैं । उसका लंड अकड़ने लगा था ।उसने एक दम से आयेशा को दबोच लिया और बोला मेरा अली बाबा तेरी गुफा में थूकेगा ।और आयेशा के होठों पे होंठ रख दिये । अपने होठों पे सुरेश के होंठों को महसूस करते ही आयेशा ने आँखे बंद कर ली और दोनों ही बेशर्म होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे । आग दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी । दोनों ही एक दूसरे के होठों को चूसने में लीन हो चुके थे उनको कोई होश नही था की घर के और सदस्य उनकी ये लीला देख सकते हैं। सुरेश के हाथ आयेशा के गोल गोल उभारों पे चलने लगे वो आहिस्ते आहिस्ते आयेशा कि चूचियों को दबा रहा था और उसके गुलाबी होठों का रसपान किये जा रहा था ।
सुरेश की जीभ आयेशा के मुँह में घूमे जा रही थी दोनों ही इस खेल का आनंद ले रहे थे ।सुरेश कभी आयेशा के मुँह में जीभ घूमता हैं कभी उसकी जीभ से जीभ लगा के उसके लार का स्वाद लेता हुआ आनंद लूटने में लगा हुआ था ।
आयेशा भी बहुत गरम हो चुकी थी वो मस्ती में सुरेश का लिंग अपनी मुट्ठी में भर ली और हलके से सहलाते हुए अपने फूफ़ा जी के होठो के चूसे जा रही थी ।दोनों का बदन अब काम लीला खेलने को उतारू हो चुका था ।
सुरेश ने चूमना छोड़ के जल्दी से आयेशा की चूची को दबोच लिया और मसलने लगा जिससे आयेशा सिसकने लगी । आह्ह्ह...फूफ़ा जी आराम से आह्ह्ह्ह... आयेशा सिसकियाँ लेते हुए हॉल में फूफ़ा जी से अपनी जवानी मसलवा रही थी ।
" तु कितनी मस्त माल है साली हम्म्म...आयेशा के होठों को चूसता हुआ सुरेश बोला ।
सुरेश ने आयेशा के चुतरों पे हाथ रख के अपने तरफ खिंचा और गांड की गोलाईओ को सहलाते हुए उसकी गांड की दरार में ऊँगली घुसा दी ।जिससे आयेशा मचल उठी ।
" आउच...फूफ़ा जी....
सुरेश ने आयेशा को उठाया और उसको किचन में ले जाने लगा आयेशा भी अपने फूफ़ा जी की बाहों में शर्म की लाली लिए हुए सुरेश के छाती से लगी हुए थी ।
" अब सिखाता हूँ तुझको कैसे खेलते हैं चुदाई का ये खेल सुरेश ने आयेशा की आँखों में देख के बोला ।
किचन में जाते ही सुरेश ने अपने कपड़े उतर दिये और इधर आयेशा भी नग्न होने लगी दोनों का जिस्म मिलन करने को बेताब था ।सुरेश ने जैसे ही अपना कच्छा उतर के निचे किया उसका मोटा लंड फंफाना के बहार को आया जिसे देख आयेशा की आँखों में चमक आ गयी और दूसरे ही पल सुरेश की आँखें में देख मे शर्म से गर्दन निचे कर ली । आयेशा अभी भी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी ।
" देख मेरा अली बाबा गुफा तक जाने को तैयार हो गया हैं सुरेश ने अपने लंड को हाथ में लेकर आयेशा को दिखाते हुए बोला ।
सुरेश आयेशा के पास गया और बोला जान इंतज़ार मत करवा कोई आ गया तो मेरा अली बाबा गुफा तक नही जा पायेगा और आयेशा की ब्रा का हुक खोल के उतरने लगा और देखते ही देखते ब्रा उतार के सुरेश ने फेंक दी और आयेशा की चूची हवा में लहराने लगी ।जिसे देख सुरेश ने अपने मुँह में भर लिया और चूसने और चाटने लगा ।इस मधुर एहसास से आयेशा की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...फूफ़ा जी....
आयेशा ने मस्ती में सुरेश के सर को पकड़ लिया और अपनी चूची चुसाई का आनंद लेने लगी । सुरेश बड़े मज़े से निप्पल को मुँह भरकर चूस रहा था । आज वो आयेशा का यार बन चुका था ।
आयेशा घुटनों के बल बैठ गयी और सुरेश का काला नाग अपने मुँह के करीब लेकर आयी और अपनी जीभ से लिंग के अग्र भाग पे जीभ घुमा दी जिससे सुरेश की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह्ह...चुदड़कड़.... रंडी....
आयेशा थोड़ी देर लिंग के टोप्पे पे जीभ घूमती रही और फिर मुँह में भर के चूसने लगी ।आयेशा बहुत मज़े से लंड को चूसे जा रही थी ।कभी चुस्ती तो कभी पूरे लंड पे जीभ घूमती । तो कभी आण्ड को चाट के उनसे खेलती पुरा लिंग आयेशा के थूक से गीला हो चुका था जिससे लंड में एक चमक आ गयी थी ।
सुरेश ने देर ना करते हुए आयेशा को किचन में ही लिटा दिया आयेशा के चुतर जैसे ही ज़मीन से छुआ उसकी गांड को ठंडा सा महसूस हुआ । पर लंड की भूख के आगे ये तो छोटी चीज़ थी वो आराम से लेट गयी और सुरेश ने उसकी टाँगे फैला के उठा दी और अपने होठों को उसकी चूत पे टिका दिया और लगा चूत को चूमने वो चूत को ऐसे चूम रहा था जैसे दो होठों के बीच चुंबन हो रहा हो ।
कभी जीभ घूमता तो कभी चूत की फांकों को खोल के उसमे थूक देता और चाटने लगता । ऐसे मधुर एहसास से आयेशा मदहोश हो चुकी थी ।वो सुरेश के सर को पकड़ के अपनी चूत पे रगड़ रही थी और गरम सिसकियों से किचन गूँज रहा था ।
" आह्ह्ह्हह...फूफ़ा जी उफ्फ्फ्फ़...ऐसे ही चाटो आह्ह्ह..
सुरेश पुरी सिद्ददत से आयेशा की बूर को चाट रहा था ।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोद दीजिये...आह्ह्ह...अब रहा नही जाता ...आह्ह्ह..
सुरेश भी बहुत दिनों से गरम था उसने भी चोदने में ही भलाई समझी और अपने लिंग को आयेशा की योनि पे रख के सरका दिया । आयेशा की बूर गीली थी जो गप से सुरेश के लिंग को अंदर ले लि । एक अजीब से आनंद से दोनों मचल उठे।
दोनों ही मस्ती में चूर होकर हिलने लगे सुरेश भी जोर जोर से झटके मार के आयेशा की बूर का भोसड़ा कर रहा था इधर आयेशा भी निचे से गांड उचका के साथ दे रही थी दोनों ही चुदाई के इस अदभूत खेल का आनंद उठा रहे थे ।
किचन में हवस का ये नंगा खेल खेला जा रहा था तो दूसरी तरफ आरोही अपने प्यारे भईया के छुवान को याद करके अपनी बूर को सहला रही थी उसे एक अजीब सी मस्ती ने घेर लिया था वो क्यों अपने भईया के लिए ये सब सोच रही थी पता नही तभी उसको ख़याल आया की आयेशा को गये बहुत देर हो गयी है वो अभी तक आयी क्यों नही वो उठी और पहले अपनी बूर वाली जगह को देखी जो हलकी गीली हो चुकी थी ।वो मुस्कुरा के रह गयी और निचे जाने लगी । दूसरी तरफ रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने राहुल को देखा फिर उठ के मूतने चल दिया जैसे ही दरवाजे से बहार आया उसको आरोही जाती हुई दिखाई दी । इधर किचन में आयेशा अपने फूफ़ा जी से मज़े लूटने में व्यस्त है।
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी चोदो...चोदो...आह्ह्ह...बेटी चोद फाड़ दे मेरी बूर को उफ्फ्फ....माँ....
" ले साली चुदड़कड़ माँ की लोड़ी आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली...छिनाल....
किचन से आती हुई आवाज़ से आरोही एक दम से चौंक गयी और वो चुपके से किचन में देखने लगी ।उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी आँखों पे की किचन में ऐसा हवस का नंगा नाच चल रहा हैं । सुरेश का लंड आयेशा की बूर की गहराई नाप के बहार आता फिर अंदर समा जाता । आरोही की आँखें बड़ी हो कर ये खेल देख रही थी और वो सुरेश के लंड को भी आँखें गाड़ा के देख रही थी ।दूसरी तरफ दूर से ही रोहन आरोही को देख रहा था की ये क्या देख रही हैं ।
ये चुदाई का खेल देख आरोही की बूर रिसने लगी। उसका हाथ ना चाहते हुए चूत पे चला गया और वो अपनी चूत को मसलने लगी और हलके हलके सिसकियाने लगी ।
" आअह्ह्ह...फूफ़ा जी...मेरा होने वाला है आह्ह्ह...बेटीचोद उम्म्म....
दोनों ही चुदाई के इस खेल के समापन के करीब पहुंच गये थे दोनों कभी भी झाड़ सकते थे ।इधर आरोही का भी बुरा हाल हो गया था । तभी उसकी नज़र रोहन पे गयी जो उसको देख के अपने लंड को हिला रहा था ये सब देख आरोही शर्मा गयी और वो तुरंत वहा से अपने कमरे की तरफ भागी । रोहन उसको रोकना चाहता था पर कुछ बोल नही पाया ।तभी वो पलट के किचन की तरफ चल दिया ।
इधर सुरेश मे अपने आखिरी धक्के मारे और झड़ने लगा
" आह्ह्ह...रंडी...भोसड़ीवाली....आह्ह्ह्ह...आयेशा...
" आह्ह्ह...फूफ़ा जी आअह्ह्ह...फूफ़ा जी .....
सुरेश को झड़ता हुआ महसूस करके आयेशा की बूर भी अपना चिपचिपा पानी उगलने लगी ।
सुरेश का लंड सफ़ेद माल आयेशा की बूर में फेंकने हुआ। उधर से आयेशा भी झटके मार मार के अपना पानी फेंक रही थी। इधर उसकी बूर सुरेश के वीर्य से भर गयी । सुरेश ने अपना सारा वीर्य आयेशा की योनि में उगल दिया और लंड बहार करके उसके बगल में ही लेट गया । ये सब देख रोहन का खून खौल गया उसकी सगी बहन आधी रात को अपने फूफ़ा से चुद रही हैं उसका खड़ा लंड सो गया उसने सोच लिया की कल किसी भी कीमत पे निधि या आरोही में से कोई एक को चोद के ही दम लेगा । और गुस्से से चल दिया ।
" इधर आयेशा मुस्कुरा के सुरेश को देखी और बोली फूफ़ा जी खेल अच्छा खेल लेते हो और अपनी बूर से वीर्य लेकर चाटने लगी ।
" सुरेश हँसने लगा और बोला जब माल तेरी जैसी हो तो खेल खेलने का मज़ा ही अलग है ।
कुछ देर के बाद दोनों सोने चले गये ।इधर आरोही की आँखों में अपने ही पापा का मोटा लंड घूम रहा था उससे वो काला नाग याद आ रहा था । जो आयेशा के बिल में घुसे जा रहा था । यही सब सोचते सोचते वो भी सो गयी ।
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