रेखा किशन हवलदार को ऑर्डर देती है कि भीमा को टॉर्चर रूम में लेकर आओ।
2-3 पुलिस वाले उसको जेल से बाहर लाते हैं और खिंचते हुए टॉर्चर रूम में घुस जाते हैं जहां रेखा पहले से मौजूद थी।
टार्चर रूम में 1 कुर्सी रखी थी उसके सामने 1 पुराना सा टेबल जिस पर एक मोटा सा डंडा रखा था। इस कमरे की दीवारों पर रंग काफी पुराना हो चुका था और जगह - जगह पर रंग की पपड़ीयां फटी हुई थी।
ऊपर एक बहुत ही पुराना पंखा लगा था जो कि चर - चर की आवाज के साथ बहुत धीरे - धीरे चल रहा था। फ़र्श कई जगहों से टूटा हुआ था और धूल से सना हुआ। पूरे कमरे से अजीब सी बदबू आ रही थी।
दीवारों में 3-4 लोहे के कुंडे लगे थे जिनसे की क़ैदी को बांधकर पिटाई की जाती थी। कुछ तो मई का महीना और कुछ सिर्फ़ 1 पुराने से पंखे के कारण वहां गर्मी बहुत थी।
भोला को अंदर लाया गया। उसके दोनों हाथों में हथकड़ी लगी हुयी थी। सिपाही बड़ी मुश्किल से उसको लेके आये क्योंकि 38 साल का भोला उन सब पुलिसवालों से मजबूत था। कद तो ठीक ठाक कोई 5'7" के आसपास मगर शरीर से बहुत हट्टा - कट्टा था। पेट थोड़ा सा बाहर की तरफ निकला हुआ और चौड़ी छाती पर घने बालों का गुच्छा दिखाई दे रहा था। घुंघराले और उलझे हुए बाल, मोटी नाक, और जब मुँह खोलता था तो पीले दांतो की बत्तीसी को देखके सामने वाले को उल्टी आ जाए। शर्ट के ऊपर के 2 बटन खींचतान में टूट चुके थे और पैंट पर जगह - जगह मिट्टी लगी हुई थी।
कुल मिलाकर भोला बदसूरती का बहुत अच्छा उदाहरण था।
उसको रेखा के सामने खड़ा किया जाता है और भोला के शरीर से आ रही बदबू से उसकी भौंहें सिकुड़ जाती हैं। इस से रेखा के मन में उसके लिए नफरत और बढ़ जाती है। वह बिना देरी किए मेज पर रखा डंडा उठा लेती है और पुलिस वालों की तरफ भोला को छोड़ने का इशारा करती है। किशन हवलदार जो कि रेखा का सबसे बड़ा विश्वास- पात्र है, को छोड़कर बाकी सभी सिपाही बाहर चले जाते हैं।
दूसरी तरफ रेखा के सामने आने पर भोला थोड़ा शांत हुआ लेकिन बिना किसी डर के वो रेखा को घूरने लगा। वो रेखा के बहुत नजदीक था जिस से रेखा के शरीर से आने वाली पसीने की भीनी - भीनी खुशबू को आराम से सूंघ सकता था। रेखा को देखकर यहाँ आने का उसको ज्यादा दुख नहीं हो रहा था। वो चुपचाप रेखा के सौंदर्य का मुआयना कर रहा था।
क्या औरत है यार? एकदम फाड़ू माल। साला आजतक ऐसी आइटम हाथ नहीं लगी। भेनचोद अगर इसकी चूत मिल जाए तो जिन्दगी बन जाए। वो लगातार रेखा को घूरना जारी रखता है और बेखबर था कि वह पुलिस के कब्जे में है और वो भी टॉर्चर रूम में। उसकी आँखों की हवस साफ देखी जा सकती थी। आखिर में उसकी नजर रेखा की भारी भरकम चूचियों पर टिक जाती है।
रेखा के साथ - साथ किशन भी ये सब देख रहा था। किशन की नजरें जब भोला की नजरों का पीछा करती है तो वह भी रेखा की छाती को देखने लगा। रेखा के साइड में खड़ा होने के कारण उसको तो वो और भी बड़ी लग रही थी। वो रेखा का जूनियर था मगर आखिर था तो एक मर्द। उसने पहली बार रेखा मैडम को इस तरीके से देखा था और वो भी एक गुंडे के सामने।
रेखा का पाला आजतक बहुत से गुंडों और बदमाशों से पड़ा था और उन सबको रेखा ने बिना किसी खास मुश्किल के हार मनवा दी थी। लेकिन भोला का उसको ऐसे घूरना, वो भी उसके जूनियर के सामने, उसके लिए एक नया अनुभव था। कुछ देर के लिए वो गुस्से के साथ - साथ थोड़ी शर्मिंदगी महसूस करती है और मुड़कर किशन का रिएक्शन देखने के लिए उस की तरफ़ देखती है और पाती है कि किशन भी उसकी ब्रेस्ट को घूर रहा है तो वो और भी शर्मिंदा होती है और गुस्से को भूलकर सोचती है कि ये सब क्या है? मगर वो अपनी खूबसूरती के बारे में भी अच्छे से जानती थी। उसे पता था कि उसके फ़िगर के कितने दीवाने हैं और थोड़ी देर पहले की घटना भी उसकी जहन में आई जब उसकी शर्ट का बटन खुला था। अंदर ही अंदर वो खुश हो जाती है जैसा कि हर औरत के साथ होता है। इस कमरे में दोनों मर्द कैसे उसकी जवानी में खो गए थे, ये सोचकर रेखा आनंदीत हो जाती है।
वो फिर से भोला को देखती है जोकि किशन को उसकी ब्रेस्ट घूरते हुए देख रहा था। जब भोला और रेखा की नजर भोला से मिलती हैं तो भोला के चेहरे पर एक कातिल मुस्कान फैल गई। रेखा भी झेंप जाती है।
लेकिन जल्द ही स्थिति को संभालने की कोशिश में वो उन दोनों को इग्नोर करते हुए अपने आप को नॉर्मल करती है और वापिस उसी कॉन्फिडेंस और गुस्से से बोलना शुरू करती है-
'देख भोला! सीधी तरह से बता दे कि वो ट्रक कहाँ लेकर गए हैं?
रेखा की आवाज से उन दोनों का ध्यान टूटता है और
किशन एकदम से डर से थोड़ा अलर्ट हो जाता है और सोचता है कि अच्छा हुआ मैडम ने कुछ नहीं देखा मगर हकीकत में ऐसा नहीं था।
लेकिन भोला ने रेखा की बात का कोई जवाब नहीं दिया। और वह रेखा की और देखता हुआ ज्यों का त्यों खड़ा रहा।
रेखा गुस्से से - 'बता ना हराम जादे वो ट्रक में क्या था और उसको कहां लेकर गए?
भोला -' बोला ना उसमे कुछ भी नहीं था ऐसा? '
रेखा -' मैं जानती हूँ तुमने उसमें नकली मेडिसिन डाल रखी थी क्योंकि हमारे पास इसकी पक्की खबर थी'
भोला(ऊंची आवाज में) -' किस चुतिए ने तुझे खबर दी थी। '
किशन के सामने गाली सुनकर रेखा फिर से शर्मिंदा हो गई लेकिन वो कुछ कहती उस से पहले ही किशन बोल पड़ा।
' गाली क्यों देता है बे? ढंग से जवाब नहीं दे सकता क्या?'
किशन की बात सुनकर भोला को गुस्सा आता है और वो चिल्लाता है -
'भो्सड़ी के। तू मुझे तमीज सिखाएगा मादरचोद! अभी थोड़ी देर पहले तू अपनी इस अम्मा की चूचियों को ताड़ रहा था तब तेरी तमीज गांड में घुस गई थी क्या?
यह सुनकर किशन भोंचक्का रह गया और उसे समझ ही नहीं आया कि वो सब उसने कब देख लिया। वो कभी भोला की तरफ देखता तो कभी रेखा की तरफ। रेखा का भी सारा गुस्सा फुर्र हो गया। उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया। इतनी गंदी गाली के लिए ना तो वो तैयार थी और ना ही किशन। मगर भोला के लिए ये आम बात थी।
'अ...अ..बे... क... क.. क्या ब.....क रहा है...?' जैसे तैसे किशन ने हिम्मत जुटाई और स्थिति को संभालने की कोशिश की।
'अरे किसे चुतिया बना रहा है भेनचोद! पूछ इस माल से। इसने भी तो देखा था तुझे' भोला ने विजयी मुस्कान के साथ रेखा को घूरते हुए कहा।
ये रेखा और किशन दोनों के लिए एक बहुत बड़ा झटका था। किशन बेचारा अब क्या जवाब देता? उसकी तो सिट्टी पीट्टी गुम हो गई। उसने एक नजर रेखा को देखा और नजरें नीची कर ली। रेखा जैसी रौबदार पुलिस वाली भी इस स्थिति में खुद को असहाय महसूस कर रही थी। एक तो भोला की गालियाँ और ऊपर से ये सब। वो भोला के केस को जितना आसान मान रही थी उतना था नही।
मगर वो भी कुछ कम नहीं थी। उसने आव देखा ना ताव और हाथ में डंडा लिए आगे बढ़ी और 2-3 भोला के पैरों पर रशीद कर दिए।
भोला को समझ नहीं आया कि ये सब क्या हुआ? वो जमीन पर गिर पड़ा और दर्द से कराहने लगा।
'तू क्या समझता है बे? तेरे ये बोलने से मै चुप रहूँगी? चुपचाप जो पूछती हूँ उसका जवाब दे दे वरना पुलिस के डंडे की ताकत को शायद तू नहीं जानता' - रेखा ने चिल्लाते हुए कहा।
'आआआआआआ............ हहहह.... मर गया.......। भेनचोद रांड साली। मार क्यों रही है? तू शायद मेरे बारे में जानती नहीं है! तेरे जैसी कितनियों को मैंने अपने लंड पर बिठाया है तुझे नहीं मालूम।
अबे ओ, हवलदार तू तो जानता है मुझे। समझा दे अपनी इस छिनाल को। नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा ' - भोला चिल्लाया।
भोला के मुँह से लंड शब्द सुनकर रेखा का गला मुँह को आ गया। उसका गुस्सा फिर से उड़ गया। और सारे बदन मे बिजली दौड़ गई। सोचने लगती है कि कोई इतना बेशरम कैसे हो सकता है? कैसे इतनी गंदी गाली दे रहा है? सबसे बड़ी बात उसके जूनियर के सामने। अकेली होती तो भी कोई बात नहीं थी। इतना तो वो समझ चुकी थी कि भोला को तोड़ना इतना आसान नहीं है और वो गाली भी जरूर देगा मगर किशन के सामने मैं ये सब संभाल नहीं सकती तो क्यों न किशन को बाहर भेज दिया जाए। हां ये ठीक रहेगा। उसने मन ही मन फैसला किया और बिना किशन की तरफ मुड़े बोली क्यों कि ये सब सुनकर वो किशन से आँख नहीं मिला सकती थी।
'किशन! तुम बाहर जाओ।मैं अकेले संभाल लूंगी इसे'
किशन को भोला के कारनामों के बारे में जानता था कि वो कितना खतरनाक है तो उसे रेखा की ये बात सही नहीं लगी उसने कहा -
'मगर मैडम, ये बहुत ही ख......'
रेखा (बीच में बात काटते हुए थोडी जोर से) - 'जो कहा गया है वो करो और मुझे बीच में कोई खलल नहीं चाहिए, समझे!'
किशन को पता था कि भोला जैसा शातिर रेखा मैडम के अकेले काबू नहीं आने वाला मगर उसकी अब मना करने की हिम्मत नहीं हुई और ' जी मैडम' कहते हुए बाहर चला गया।
रेखा नहीं जानती थी कि उसने कितनी बड़ी मुसीबत मोल ले ली थी। उसका अपने आप पर इतना ओवर कॉन्फिडेंस उस पर भारी पड़ने वाला था।
और भोला की कातिलाना मुस्कान से यह साफ पता चल रहा था।