Hoshizaki
Nudes not allowed as AV
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kahani to waise nhi lambi ho jayegi updates bas zyada der se mila karegiकहानी जल्दी खत्म मत करना,मस्ती लंबी और धीरे धीरे चले।हवस की आग में भुने और खुलकर संभोग करें।
बबिता का इंतजार खत्म हुआ पंकज घर के दरवाजे पर दस्तक देता है और डोर बेल बजाता है डोर बेल की आवाज सुन कर बबिता भागती हुई दरवाजे के पास जाती है और दरवाज़ा खोल देती है सामने पंकज खड़ा हुआ था पर पंकज को डर सा लगा रहा था कि उसकी दीदी उसपर गुस्सा होगी पर ये क्या बबिता ने अपने भाई को देखते ही अपने गले से लगा लिया पंकज तो हैरान ही हो गया था
बबिता ने अपने भाई को जोर से गले लगा लिया था जैसे दो प्रेमी बहुत सालो बाद मिले हैं बबिता के दूध पंकज की छाती पे धसे हुए थी अपनी दीदी का इतने जोर से गले लगना पंकज को एक अलग ही आनंद दे रहा था और उसका असर ये हुआ कि पंकज का लन्ड उसके लोवर में खड़ा होने लगा और बबिता की चुत से रगड़ने लगा चुत पर लन्ड की रगड़ लगते ही बबिता के जिस्म में गर्माहट पैदा हो गई और उसकी गान्ड अपने आप अपने भाई के लन्ड पर हिलने लगी बबिता के ऐसा करने से पंकज तो सातवे आसमान में उड़ ने लगा और वो भी अपनी गान्ड हिलाने लगा दोनो भाई बहन अपनी गान्ड ऐसे हिला रहे थे जैसे खड़े खड़े ही चुदाई चल रही हो 10 से 15मिनट ऐसा करने से बबिता कि चुत ने अपना पानी छोड़ दिया और वो अब अपने भाई की बाहों में ढीली पड़ने लगी पंकज का भी अब लन्ड पानी छोड़ ने वाला था इसलिए वो जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा और वहां अपना लन्ड हिलाने लगा कुछ देर में उसका पानी निकल गया और वो हाथ मुंह धोकर खाने के लिए बैठ गया बबिता किचन से खान ले कर आई उसके चहरे पर सन्तुष्ट के भाव थे दोनो भाई बहन के बीच कोई बात नहीं हुई बस दोनो एक दूसरे को देख कर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे खाना खत्म कर के दोनो भाई बहन सोने चाले गए अपने रूम में पहुंच कर बबिता ने जैसे ही फैन ऑन कर ना चाहा तो उसके रूम का फैन खराब हो गया था बबिता को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करे तो वो वैसे ही अपने बेड पर लेट गई कुछ देर लेटे रहने के बाद उसे बेचैनी होने लगी बबिता को बहुत गर्मी लगने लगी उसको पसीना आने लगा बिना फैन चलाए उस नींद नहीं आ रही थी कुछ देर यूंही लेट ने बाद उसने सोचा ऐसे तो उसे नींद नहीं आएगी तो वो पंकज के रूम में जाने लगी सोने पंकज अपने रूम में सिफ अंडरवियर में सोया हुआ था बबिता ने पंकज का दरवाज़ा खट खटाया तो पंकज दरवाज़ा खोल ने के लिए आगया उसने बिना लाइट ऑन किए ही दरवाज़ खोल दिया दरवाज़ा खुलते ही बबिता अपने भाई से बोली भाई मेरे रूम का फैन शायद खराब हो गया है और मुझे बिना फैन के नींद नहीं आ रही है क्या में आज रात तेरे रूम में सो सकती हु पंकज थोड़ा नींद में था तो उसने ज्यादा सोचा नही और वो बोला हा दीदी सो लो फ़िर दोनों भाई बहन बेड पर लेट गए बेड पर दोनो के बीच थोड़ा गैप था और दोनो को ही नींद आ गई सुबह दोनो के जिस्म एक दुसरे से चिपके हुए थे बबिता की गांड़ अपने भाई के लन्ड से लगी हुई थी और इस टाइम पंकज का लन्ड अपने अंडरवियर में खड़ा था जो की अपनी दीदी की गांड़ से चिपका हुआ था और उसका एक हाथ अपनी दीदी के बूब्स पर रख हुआ था
लन्ड का सेस्पर्स होते ही बबिता कि गान्ड अपने आप ही नींद में पंकज के लन्ड पर हिलने लगी अपने लन्ड पर गरम चुत का अहसास होते ही पंकज की नींद खुल गई
अच्छी कहानी, थोड़ा और कामुक और नैचरल या ऐक्सिडेंटल बनाओ तो झाड़ा मज़ा आयेगाबबिता का इंतजार खत्म हुआ पंकज घर के दरवाजे पर दस्तक देता है और डोर बेल बजाता है डोर बेल की आवाज सुन कर बबिता भागती हुई दरवाजे के पास जाती है और दरवाज़ा खोल देती है सामने पंकज खड़ा हुआ था पर पंकज को डर सा लगा रहा था कि उसकी दीदी उसपर गुस्सा होगी पर ये क्या बबिता ने अपने भाई को देखते ही अपने गले से लगा लिया पंकज तो हैरान ही हो गया था
बबिता ने अपने भाई को जोर से गले लगा लिया था जैसे दो प्रेमी बहुत सालो बाद मिले हैं बबिता के दूध पंकज की छाती पे धसे हुए थी अपनी दीदी का इतने जोर से गले लगना पंकज को एक अलग ही आनंद दे रहा था और उसका असर ये हुआ कि पंकज का लन्ड उसके लोवर में खड़ा होने लगा और बबिता की चुत से रगड़ने लगा चुत पर लन्ड की रगड़ लगते ही बबिता के जिस्म में गर्माहट पैदा हो गई और उसकी गान्ड अपने आप अपने भाई के लन्ड पर हिलने लगी बबिता के ऐसा करने से पंकज तो सातवे आसमान में उड़ ने लगा और वो भी अपनी गान्ड हिलाने लगा दोनो भाई बहन अपनी गान्ड ऐसे हिला रहे थे जैसे खड़े खड़े ही चुदाई चल रही हो 10 से 15मिनट ऐसा करने से बबिता कि चुत ने अपना पानी छोड़ दिया और वो अब अपने भाई की बाहों में ढीली पड़ने लगी पंकज का भी अब लन्ड पानी छोड़ ने वाला था इसलिए वो जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा और वहां अपना लन्ड हिलाने लगा कुछ देर में उसका पानी निकल गया और वो हाथ मुंह धोकर खाने के लिए बैठ गया बबिता किचन से खान ले कर आई उसके चहरे पर सन्तुष्ट के भाव थे दोनो भाई बहन के बीच कोई बात नहीं हुई बस दोनो एक दूसरे को देख कर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे खाना खत्म कर के दोनो भाई बहन सोने चाले गए अपने रूम में पहुंच कर बबिता ने जैसे ही फैन ऑन कर ना चाहा तो उसके रूम का फैन खराब हो गया था बबिता को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करे तो वो वैसे ही अपने बेड पर लेट गई कुछ देर लेटे रहने के बाद उसे बेचैनी होने लगी बबिता को बहुत गर्मी लगने लगी उसको पसीना आने लगा बिना फैन चलाए उस नींद नहीं आ रही थी कुछ देर यूंही लेट ने बाद उसने सोचा ऐसे तो उसे नींद नहीं आएगी तो वो पंकज के रूम में जाने लगी सोने पंकज अपने रूम में सिफ अंडरवियर में सोया हुआ था बबिता ने पंकज का दरवाज़ा खट खटाया तो पंकज दरवाज़ा खोल ने के लिए आगया उसने बिना लाइट ऑन किए ही दरवाज़ खोल दिया दरवाज़ा खुलते ही बबिता अपने भाई से बोली भाई मेरे रूम का फैन शायद खराब हो गया है और मुझे बिना फैन के नींद नहीं आ रही है क्या में आज रात तेरे रूम में सो सकती हु पंकज थोड़ा नींद में था तो उसने ज्यादा सोचा नही और वो बोला हा दीदी सो लो फ़िर दोनों भाई बहन बेड पर लेट गए बेड पर दोनो के बीच थोड़ा गैप था और दोनो को ही नींद आ गई सुबह दोनो के जिस्म एक दुसरे से चिपके हुए थे बबिता की गांड़ अपने भाई के लन्ड से लगी हुई थी और इस टाइम पंकज का लन्ड अपने अंडरवियर में खड़ा था जो की अपनी दीदी की गांड़ से चिपका हुआ था और उसका एक हाथ अपनी दीदी के बूब्स पर रख हुआ था
लन्ड का सेस्पर्स होते ही बबिता कि गान्ड अपने आप ही नींद में पंकज के लन्ड पर हिलने लगी अपने लन्ड पर गरम चुत का अहसास होते ही पंकज की नींद खुल गई
Awesome update bhaiजैसे ही पंकज की नींद खुली उसने महसूस किया की उसका लन्ड उसकी दीदी की चुत पर लगा हुआ है और उसकी दीदी की चुत नंगी है पंकज जैसे तेलमिला उठा उसका एक हाथ अपनी दीदी के मोटे चूची पर रखा हुआ था पंकज को जैसे स्वर्ग के द्वार देख गए हो उसे ऐसा महसूस होने लगा बबिता की गांड़ हिल रही थी और पंकज की बेचैनी बड़ रही थी पंकज ने अपने हाथ से अपना अंडरवीयर नीचे को किया तो उसका लन्ड झटके से बाहर निकल गया और बबिता की चुत पर चटाक से लगा नंगे लन्ड की मार अपनी नंगी चुत में पड़ते ही बबिता कि आंख खुल गई और उसको महसूस हुआ की उसकी नंगी चुत उसके भाई के लन्ड से चिपकी हुई हैं और उसकी गान्ड आगे पीछे हो रही है ये सब महसूस करते हुए बबिता अपने होठों पर अपनी जीभ फेरने लगती है दोनो भाई बहन को ये लग रहा था की वो सोए हुए है बबिता अपनी गान्ड को आगे पीछे कर रही थी तो पंकज अपने लन्ड को अपनी दीदी की चुत और टांगें के बीच अपना लन्ड गुसाए आगे पीछे करने लगा बबिता कि चुत बहुत पानी छोड़ रही थी जिस से पंकज का लन्ड अपनी दीदी की जांघो के बीच चुत में रगड़ते हुए आगे पीछे होने लगा इस परमसुख का आनंद दोनो ही भाई बहन बड़े मजे से ले रहे थे धीरे धीरे पंकज अपने लन्ड गति बढ़ा ने लगा और बबिता को बहुत ही मजा मिलने लगा पंकज ने धीरे से अपनी दीदी को गुमा के उटा लेटा दिया पेट के बल और उसके उपर चढकर अपना लन्ड उसकी जांघो के बीच चुत में रगड़ने लगा बबिता के मुंह से सिसकियां लगी वो आहे भरने लगी पर उसका मुंह तकिया से दबा हुआ था तो उसकी सिसकियां उसके भाई पंकज को सुनाई नहीं दे पा रही थी और सुनाई भी कैसे देती पंकज तो बस अपनी ही मस्ती में था वो तो जोर जोर से अपना लन्ड आगे पीछे करने में लगा हुआ था 25से 30मिनट के इस कार्यक्रम के बाद दोनो भाई बहन ने अपना अपना पानी छोड़ दिया पंकज का पानी निकलने के बाद वो कुछ देर अपनी दीदी के उपर ही पड़ा रहा फिर कुछ देर बाद हटकर साइड में थक कर लेट गया कमरे में अभी भी अंधेरा था पंकज के हटने के बाद बबिता को अहसास हुआ कि उसकी जांघो के बीच कुछ गर्म मलाई जैसा कुछ है बबिता ने अपने हाथ से उसे निकाला और सुने लगी और फिर चाटने लगी एक बार फिर वो अपने भाई की दीवानी हो गई कुछ देर बाद दोनो भाई बहन एक एक कर के उठे और बार्थरूम जाकर नहा धोकर आ गए बबिता किचन में नसाता बनाने लगी और पंकज अपने कालेज के लिऐ तैयार होने लगा कुछ देर बाद दोनो भाई बहन नसाता करने बैठ गए पर दोनो के बीच कोई बात नहीं हुई और फिर पंकज अपने कालेज को निकल गया और बबिता किचन में काम करने लगी किचन का काम खत्म कर के बबिता थोड़ा आराम करने पंकज के रूम में चली गई क्योंकि उसके रूम का फैन खराब पड़ा था कुछ देर लेटने के बाद उसे नींद आ गई नींद में उसे सुबह वाली घटना दिखाई देने लगी कैसे उसके भाई का लन्ड उसकी चुत से रगड़ रहा था ये सब देख कर वो एक बार फिर गर्म हो गई और वही अपने भाई के बिस्तर पर नंगी हो कर अपनी चुत में ऊंगली करने लगी वो पूरे बिस्तर पर लोट पोट होकर अपनी चुत में ऊंगली डाल रही थी बबिता को ऐसा करने में बहुत मजा आ रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे अभी भी उसका भाई अपना लन्ड उसकी चुत में रगड़ था इस अहसास से वो और भी कामुक हो गई और तेज तेज अपनी ऊंगली चुत में डाल कर अंदर बाहर करते हुऐ सिसकियां लेने लगी आह आह आह ओह आह आह ओह आह ऐसे कुछ देर करने के बाद वो झड़ गई और वही बिस्तर में सो गई दिन में 1बजे उसकी नींद खुली तो देखा टाईम बहुत होगया 2बजे उसका भाई घर आजाएगा तो वो जल्दी जल्दी किचन मैं गई और खाना बनाने लगी तेजी से काम करने से उसे गर्मी लगने लगी और पसीना आने लगा तो उसने अपनी कुर्ती निकला दी अब बबिता सिर्फ नीचे एक लोवर में थी और ऊपर एक पतली समीज में बाबिता में आधा खाना बना दिया था इतने में डोर बेल बजी तो वो जल्दी से दरवाज़ा खोल ने चली गई उसे ध्यान ही नही था की उसने ऊपर कुर्ती नही पहनी है वो वैसे ही दरवाज़ा खोने चली गई दरवाज़ा खुलते ही पंकज कि नजर अपनी दीदी पर गई और वो अपनी दीदी को देखता ही रह गया उसकी दीदी ऊपर सिफ एक पतली सी समीज थी और वो भी पूरी पसीने से भीग हुई जिसमे उसकी दीदी के बूब्स लगभग साफ ही देख रहे थे और उसके निपल भी
ये देख पंकज का लन्ड उसकी पैन्ट के अंदर फरफड़ाने लगा वो सीधे अंदर आया और अपने रूम में चला गया रूम में पहुंचा तो यहां का नजारा देख कर चोक गया उसके बिस्तर पर चादर बिखरी पड़ी थी उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था की अचानक उसकी नजर चादर पर एक जगह पड़ी जहां कुछ गीला गीला सा उसने उस गीली जग पर अपना हाथ फिरा तो कुछ चिप चिपा लगा उसने उसको सुघना चाहा और फ़िर जैसे ही उसके नाक में उस की महक गई तो उसका पूरा शरीर झांना गया उसका लन्ड झटके मारने लगा और जैसे ही उसनेमुंह में लगाया तो उसके साथ भी वही हुआ जो उसकी दीदी बबिता के साथ हुआ था अपनी दीदी के चुत के पानी का स्वाद चख कर वो अपनी दीदी की ओर आकर्षित होगया दरअसल बबीता जल्दी वाजी में पंकज के रूम की चादर सही करना ही भूल गई थी और उसकी चुत का पानी चादर में ही गिरा पड़ा था अपनी दीदी की चुत का पानी मुंह में लगते ही पंकज अपनी दीदी ओर आकर्षित होने लगा और उसकी तरफ खींचा जाने लगा इस टाईम पंकज सिफ एक निकर पहने हुए था वो सीदा किचन मैं चला जाता है जहां बबिता खाना बना रही होती है पंकज अपनी दीदी के पीछे खड़े होकर अपनी दीदी को ऊपर से नीचे एक बार देखता है अपनी दीदी का बदन देख वो बेकाबू हो जाता है और अपनी दीदी को पीछे से पकड़ लेता पंकज के इस अचानक हमले से बबिता डर जाती है और उसके मुंह से आह निकल पड़ ती है
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पंकज पीछे से अपनी दीदी को अपने बाहों में समा लेता है और उसके गले को चूमने लगता है पंकज का खड़ा लन्ड पीछे से बबिता कि चुत पर रगड़ खा रहा था पंकज के ऐसा करने से अब बबिता गर्म होने लगी थी और उसे बहुत मजा आ रहा था पंकज अब अपनी दीदी के बूब्स को दबाने लगता तो बबिता की सिसकियां निकलने लगती है पंकज अपने हाथो से अपनी दीदी के बूब्स दबा रहा था और पीछे से अपनी गांड़ हिलाकर अपना लन्ड अपनी दीदी की चुत में रगड़ रहा था साथ ही अपनी दीदी का पसीना उसके गले और पीठ पर जो था उसे चाट रहा था बबिता भी अपनी गान्ड पीछे को करते हुऐ अपने भाई के लन्ड से रगड़ रही थी ऐसा करने से दोनों भाई बहन बहुत ही जोश में आ गए थे दोनो के ऊपर उनकी कामवासन हावी होती जा रहीं थीं और अब उनसे ये बर्दास्त नहीं हो रही थी और फ़िर पंकज ने अपना लन्ड अपने नेकर से बाहर निकाला और अपनी दीदी का लोवर नीचे कर दिया और उसकी नंगी चुत में अपना लन्ड गिसने लगा बबिता का तो बहुत बुरा हाल होगया था उससे भी अब बर्दास्त नहीं हो रहा था उसका दिल चाह रहा की उसका भाई जल्दी से उसकी चुत में अपना लन्ड डाल दे पर पंकज से बबिता की चुत में लन्ड जा नही रहा था क्योंकि एक तो बबिता की चुत टाईट थी और दूसरा पंकज का लन्ड थोड़ा मोटा था पंकज कोशिश कर रहा था पर उसे हो नही पा रहा था तो उसने सामने रखी तेल की बोतल उठाई और बहुत सारा तेल अपने लन्ड पर और फ़िर अपनी दीदी बबिता की चुत पर डाला और अपना लन्ड बबिता दीदी की चुत के मुंह में रख कर डाल ने ही वाला था कि डोर बेल बजने लगी डोर बेल की आवाज सुन कर दोनों भाई बहन होश में आए और दोनो ने अपने लोवर और नेकर ऊपर की बबिता दरवाज़ा खोल ने जा ही रही थी की पंकज ने उसे पीछे से आवाज दे कर इसरा किया दीदी और उसकी कुर्ती की तरफ देखा बबिता समझ गई और फिर बबिता ने अपनी कुर्ती पहनी और अपने बाल ठीक कर के अपना मुंह साफ किया फिर अपनी हालत ठीक कर के दरवाज़ा खोल ने चली गई और पंकज अपने रूम में पहुंच गया जैसे ही बबिता ने दरवाज़ा खोला तो बाहर एक पुलिस का सिपाई खड़ा था उसने बबिता को सलाम किया बबिता ने उसे अंदर आने को बोला अन्दर आकर उसने बताया कि उसको अभी थाने पहुंचना है थाने में बड़े साहब ने उनको तुरन्त पहुंचने को बोला है ये सब बोल के सिपाई चला जाता है और फिर बबिता अपने रूम में जा कर अपनी वर्दी पहन के तयार हो जाती है और जाते हुऐ पंकज को रूम के बाहर से ही आवाज लगा के बोल देती है भाई मुझे थाने जाना है मैं जा रही हूं तुम खाना खा लेना ये बोल कर बबिता थाने के लिए निकल जाती है रूम में पंकज चुदाई ना हो पाने से बेचैन हो रहा होता तो वो अपना लन्ड हिलाने की सोचता है और बार्थरुम में चला जाता है और अपना लन्ड निकाल कर हिलाने लगता है तो सामने उसे अपनी दीदी की समीज और लोवर नजर आता वो उनको तुरन्त ही पकड़ कर अपने मुंह में लेकर चूसने शुगन लगता है बबिता की समीज से उसके पसीने की महक आ थी और लोवर में उसके चुत का रस लगा हुआ था पंकज पागलों की तरह अपनी दीदी की समीज और लोवर अपने मुंह में रगड़ता हुआ चूसने लगता और उनको अपने लन्ड पर लपेट कर मुट्ठ मरता है फिर उन पर ही अपना माल छोड़ देता है फिर हाथ मुंह धोकर खाना खा लेता है और आराम करने अपने रूम मे चला जाता है बबिता रास्ते में बेचैन हो कर थाने जा रही होती है क्यों उसकी प्यास बुझ नही थी उसका मन उदास हो जाता और वो उदास मन से थाने पहुंच जाती हैं थाने में बड़े सहाब उसे बोलते हैं की ऑफिसर बबिता तुम्हारे ड्रग्स वाले मिशन की जीत को देखते हुए तुमको एक दूसरे मिशन पर भेजा जा रहा है