हेलो दोस्तों मैं रितेश आपके सामने एक मजेदार और रोमांटिक कहानी लिखने जा रहा हूं ।
दोस्तों यह कहानी मेरे और मेरे परिवार से संबंधित है इस कहानी में मैं अपनी बहन पर मोहित हो जाता हूँ।
दोस्तों मैं अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में रहता हूं मेरे परिवार में … . … . .
पापा रमेश
मम्मी सुजाता
बहन सानवी
मैं रितेश और
मामा सुरेश
दोस्तों मैं और मेरी बहन सानवी दोनों एक ही स्कूल और एक की क्लास 11वीं में पढ़ते थे |
मेरी बहन सानवी पढ़ाई में बहुत ही होशियार थी और मेरा ध्यान अधिकतर दोस्तों के साथ खेलकूद में लगा रहता था
जिस कारण से घर पर पापा सानवी का पूरा ध्यान रखते
मैं अपनी बहन से घर और स्कूल दोनों जगह दूरी बनाकर रखता था क्योंकि अगर हम दोनों के बीच कभी झगड़ा हो भी जाता चाहे उसने गलती मेरी बहन की क्यों ना हो तब भी डांट और मार दोनों मुझे ही पढ़ती थी क्योंकि मेरी बहन सानवी पापा की लाडली बेटी थी|
दोस्तों मेरा परिवार खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहा था कि अचानक एक दिन मेरे परिवार में एक दुखद घटना घटती है मेरे पिताजी रमेश का देहांत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाता है जिससे मेरा पूरा परिवार सुख सागर में डूब जाता है|
तभी मेरे मामा सुरेश मेरे परिवार का सहारा बनते हैं वह मेरे घर की हर जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करते हैं कुछ ही समय बाद मेरा परिवार फिर से खुशी से अपना जीवन व्यतीत करने लगा |
और हम दोनों भाई बहन भी अपनी उसी नोकझोंक में अपना जीवन व्यतीत करने लगे|
लेकिन इस बार हमेशा मैं अपनी बहन पर भारी रहता था|
क्योंकि अब मुझे पापा की डांट और मार की जगह अपने मामा का साथ मिलने लगा था |
मेरे मामा मेरा पूरा ध्यान रखते थे और वह घर की जरूरतों के साथ मेरी जरूरतों को भी पूरा करने की पूरी कोशिश करते थे|
जिस कारण से मेरी बहन अब मुझसे दूरी बनाकर रहने लगी थी |
दोस्तों एक दिन मेरी बहन घर में ही झूला डाल कर झूलने लगी और मैं भी ग्राउंड से घर पर आ गया था
फिर मेरा भी मन झूला झूलने का करने लगा तो मैंने अपनी बहन से रिक्वेस्ट की कि मुझे भी एक बार झूलने दे शायद वह मुझसे मेरी शरारतों का बदला लेना चाहती थी
इसलिए उसने मुझे साफ मना कर दिया और कहने लगी कि झूला मैंने डाला है और मैं नहीं झुकने दूंगी
जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैं खुद अपनी बहन को झूलाने लगा कुछ ही समय बाद मेरी बहन मुझे गालियां देने लगी और रोकने के लिए बोलने लगी कि मुझे चक्कर आ रहे है
लेकिन मैं नहीं माना और उसे तेज झूलाने लगा तभी वह अचानक की नीचे गिर जाती है |
उसके पैर पर चोट लग जाती है मैं बहुत घबरा जाता हूं और उससे सॉरी मांगता हूं और मम्मी और मामा को ना बताने के लिए कहता हूं|
और उसे अपनी गोद में उठाकर घर के अंदर ले आता हूं और खुद ही उसके पैर को दबाने लगता हूं फिर मैं फास्ट रिलीफ की ट्यूब उसके पैर पर लगाता हूं और उस पर गर्म पट्टी बान्धता हूँ|
मेरी बहन का तो गुस्सा सातवें आसमान पर था वह ना जाने मुझे क्या - क्या कह रही थी
अच्छा तो इस बात का था की मम्मी घर पर नही थी।
शाम को जब मम्मी आती है और जब उसको इन सब बातों का पता चलता है ।
कहती है कि लगता है तुम ज्यादा बिगड़ गए हो इसलिए तुम्हारी शिकायत तुम्हारे मामा को करनी पड़ेगी ।
मामा ने मुझे वार्निंग दी हुई थी कि अगर मैं कोई भी शरारत करूंगा मुझे बाइक नहीं मिलेगी ।
लेकिन मैंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह अपने आप ही गिरी
अब मेरी बहन मुझसे और ज्यादा चिड़ महसूस करने लगी ।
और मामा ने भी मुझे अंतिम चेतावनी दे दी थी कि अगर दोबारा ऐसा हुआ तो तुम्हारी कोई भी विश पूरी नही होगी ।
इसलिए मैं अपने दोस्तों में ही अधिक समय बिताने लगा अपने कमीने दोस्तों की वजह से या यह कहिए की बढ़ती उम्र के कारण मेरे अंदर बदलाव आने लगे जिस कारण से अब मैं अपने पड़ोस की भाभी व आंटी की हमारी भारी गांड और मोटे बूब्स को देखकर मुठ मारने लगा था।
जिस कारण से मेरे शरीर में भी बदलाव आया और मेरा शरीर पतला और लंबा होने लगा उधर मेरी बहन सानवी की भी बढ़ती उम्र के कारण उसके शरीर में बदलाव आने लगे उसका शरीर भारी होने लगा ।
मैं अपनी सेक्स भावना के कारण अधिक मुठ मारने लगा जिससे मेरा शरीर कमजोर होने लगा था ।
जिसका एहसास मुझे तब हुआ जब एक दिन अचानक मैं ग्राउंड घर पर आता हूं ग्राउंड से घर पर आता हूं ।
मेरी बहन सानवी बैठ कर अपना फेवरेट सीरियल देख रही थी तो मैं भी उसके पास बैठकर टीवी देखने लगा कुछ समय बाद अचानक मैंने सानवी को उसे किसी अच्छी मूवी पर लगाने की रिक्वेस्ट करी ।
लेकिन उसने मेरी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और एक नजर मुझ पर डाल कर दोबारा टीवी देखने लगी।
मैं भी टीवी देखने लगा कि अचानक ही फिर उसने मुझसे बोला कि आज तुम ग्राउंड में नहीं गए ।
मैंने भी जवाब दिया की ग्राउंड में पानी भरा हुआ है कुछ समय के लिए सन्नाटा सा छा गया ।
फिर हम दोनों टीवी देखने लगे दोबारा फिर मैंने अपनी बहन सानवी से किसी अच्छी मूवी पर लगाने की रिक्वेस्ट करी ।
लेकिन मेरी बहन नहीं झट से जवाब दे दिया चल अपना काम कर और मुझे सीरियल देखने दे ।
मैं भी चुपचाप टीवी देखने लगा और अचानक ही मैंने मौका देख कर अपनी बहन पर झपट पड़ा और उसके हाथों से रिमोट छीन लिया ।
मेरी बहन भी मुझसे उतनी ही फुर्ती से लिपटी और रिमोट छिनने की कोशिश करने लगी ।
हम दोनों बहन भाई रिमोट के लिए बराबर लिपटा लिपटी हुई ।
लेकिन कुछ समय बाद मेरी बहन मुझ पर भारी पड़ने लगी जब मुझे इस बात का एहसास हुआ तो मैंने गुस्से में उसकी निप्पल को पकड़कर जोर से बींच दिया।
जिससे वह बहुत जोर से चिल्लाई उसकी चिलाहट के कारण मैं डर गया और रिमोट को वहीं पर घिरा कर बाहर भागने लगा।
और वह मुझे तरह-तरह की गाली देने लगी साले….कुत्ते….बहन चोद …
बहन गालियों को सुनकर मेरी मम्मी जो दूसरे कमरे में सोई हुई थी वह उठ जाती है और बहन को डांटने लगती है।
तभी मेरी बहन मम्मी को उसके लाडले बेटे की हरकत बताती है मम्मी भी थोड़ा शौक हो जाती है और बहन को मेरे घर पर आने के बाद मुझे देखने की बात कहती है।
मेरा सारा दिन डर में इधर उधर और तरह-तरह के विचार में गुजर जाता है की मे आज अपनी बहन से पिट जाता । और सोचता हूँ कही ये सब मुठ मारने के कारण तो नही हुआ और मैंने मुठ छोड़ कर शरीर पर ध्यान देने की सोची।
लेकिन जब मैं शाम को घर आता हूं तो सीधा अपने कमरे में ऊपर जाने लगता है तभी मम्मी मुझे रोकती है और दिन में हुई हरकत के बारे में डांटने लगती है ।
मैं भी अपनी सफाई पेश करता हूं और सारी गलती बहन की निकाल देता हूं फिर भी मेरी मम्मी मुझे मेरी शिकायत मामा को करने के बारे में कहती है ।
और फिर से मुझे डर सा लगने लगता है जिस कारण से मैं अपनी बहन से दूर और मेरी बहन मेरी हरकतों के कारण मुझसे दूर रहने लगती है ।
अब मैं अपना ध्यान अपने शरीर पर देने लगा था और रनिंग व एक्सरसाइज करने लगा ।
फिर एक दिन अचानक मुझे सो रुपए की जरूरत पड़ जाती है और इसके लिए मै अपनी बहन से रिक्वेस्ट करता हूं ।
मेरी बहन को तो ना जाने क्या मिल गया था वह अब अपने आप को किसी रानी से कम नहीं समझ रही थी ।
और मुझे एक भिकारी…..मेरी बार-बार रिक्वेस्ट करने के बाद भी उसने मुझे पैसे देने से साफ मना कर दिया।
तब मैंने भी गुस्से में आकर उसको बोल दिया कि मेरी यहां पर कोई रिस्पेक्ट नहीं है ना ही मुझे कोई प्यार करता ना ही कोई मेरी जरूरतों को समझता है सब मुझसे नफरत करते हैं ।
मैं घर छोड़ कर चला जाऊंगा इस बात का भी मेरी बहन पर कोई फर्क नहीं पड़ता
वह मुझसे कहती है अच्छा होगा चला जाएगा तो कम से कम घर में शांति तो बनी रहेगी ।
मुझे गुस्सा आता है और मैं तैयार होकर चला जाता हूं
रात के करीब 10:00 बज चुके थे और मैं आज तक कभी भी इतना लेट नहीं हुआ था
मेरी मम्मी और बहन ने के मन में चिंता होने लगती है मेरी बहन को अपने आप पर बहुत गुस्सा आता है वह सोचने लगती है किस ₹100 की ही तो बात थी लेकिन वह इस बारे में मम्मी को कुछ नहीं बताती मम्मी बार-बार मेरी बहन सानवी को भी डांटती है
लगता है आज फिर तुमने उसके साथ झगड़ा किया है इसलिए वह है घर छोड़कर चला गया
मेरी बहन कुछ नहीं बोलती और चिंता में डूबी रहती है और भगवान से बार-बार मिन्नत करती है की वह दोबारा अपने भाई को कभी परेशान नहीं करेगी
करीब 11:30 बजे मैं घर पर आता हूं और सीधा ही अपने कमरे में ऊपर जाने लगता हूं मम्मी मुझे पूछती है……..
कम से कम बता देता अपने आप भी कुछ ना कुछ कहती रहती है।
लेकिन मैं उन सब को अनसुना कर देता हूं और सीधा अपने कमरे में जाकर लेट जाता हूं ।
थोड़े समय बाद मेरी बहन मेरे लिए खाना लेकर आती है मैं उसे देख कर मुंह फेर लेता हूं।
मेरी बहन चुपचाप मेरे पास आकर बैठ जाती है और खाना खाने के लिए रिक्वेस्ट करने लगती है।
और कहती है झगड़ा मुझसे है….खाने से नहीं … ..
खाना तो खा लो लेकिन मैं उससे कुछ नहीं बोलता और चुपचाप लेटा रहता हूं।
वह मुझे खाना खाने के लिए बार बार कहती है कि दुबारा कभी भी ऐसा नहीं करेगी और वह है फिर खाना रखकर जाने लगती है।
तभी वह अपना दाव खेलती है और अचानक ही मुड़कर मुझे कहती है यह लो सो रुपए जिसके लिए तुम इतने उदास हो जिसके लिए तुम दिन में इतनी मिन्नतें कर रहे थे ।
लेकिन मैं ना चाहते हुए भी उसकी तरफ देखता हूं तो उसके हाथ में सो रुपए की जगह पांच सौ का नोट था ।
और मेरे मन में अचानक एक खुशी सी होती है और मैं वह झट से पाँच सौ का नोट ले लेता हूं ।
जिससे मेरी बहन के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती है और कहती है खाना भी खा लेना।
तभी मैं कहता हूं कि मुझे भूख नहीं है ।
अच्छा…...मेरी बहन अच्छा भूख नहीं है क्या खाया है तुमने दिन में….
आज सारा दिन...और रात को इतनी लेट..आए हो कहां थे इतनी देर तक…
तब मैं उसको सारी बात बताता हूं
यार सानवी मेरे दोस्त के भतीजे का जन्मदिन था उसी ने मुझे इन्वीटे किया हुआ था।
इसके लिए ही आपसे सो रुपए मांग रहा था अगर मम्मी से मांगता तो केवल 20 रुपए ही मिलते ।