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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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बहुत ही बढ़िया कहानी है एकदम मस्त। अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
 

karan77

Member
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

आगमन और परिचय


PART 1- परिचय




ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

भारत में सूरत में आप जानते हैं कि इतनी घनी आबादी है, और लोग मधुमखी के छत्ते में मधुमक्खियों के झुंड की तरह रहते है । अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवार भीड़भाड़ वाले इलाके में बहुमंजिला अपार्टमेंट में दो बेडरूम वाले छोटे फ्लैटों में रहते है ।

लेकिन इसी सूरत शहर में "ला-कासा" एक 4-मंजिला छोटा अपार्टमेंट था जिसमें 4 मंजिलें थीं, और प्रत्येक मंजिल में 3 फ्लैट थे जो सूरत के बीचो बीच एक व्यस्त और व्यावसायिक स्थान पर स्थित था। लेकिन यह अपार्टमेंट शर की पागल भीड़ से बस दूर था यूनिवर्सिटी के पास , आसपास काफी हरियाली थी और एक कोने में स्थित, मुख्य सड़क से दूर एक शांत जगह में था और इसमें मुख्यता मध्यम वर्ग के परिवार रहते थे । अपार्टमेंट में कुल 12 परिवारों, प्रत्येक मंजिल में 3 फ्लैटों में रहते थे। बड़े शहरों में प्रचलित रहने वाली संस्कृति केअनुसार , पड़ोसी शायद ही अपने पड़ोस में रहने वालों या एक दूसरे को जानते थे और न ही वे एक-दूसरे के बारे में परेशान थे क्योंकि हर कोई सूरत में व्यस्त था, किसी के पास एक-दूसरे के लिए समय ही नहीं था ।

लेकिन इसी अप्पार्टमेन्ट में पहली मंजिल पर 3 फ्लैटों में रहने वाले लोग एक करीबी परिवार की तरह रह रहे थे, एक-दूसरे की समस्याओं को साझा कर रहे थे और जरूरत और संकट के समय एक-दूसरे के लिए खड़े थे, उन बीच एक करीबी बंधन उनके बीच मौजूद और विकसित था ।

पहली मंजिल पर श्री सुरेश सिंह का फ्लैट फ्लोर के बीचो बीच था जो बाएं और दाएं हिस्से में स्थित अन्य दो फ्लैटों से थोड़ा बड़ा था। उनके फ्लैट में 3 बेडरूम थे और एक नौकर का कमरा भी था जबकि अन्य दो फ्लैटों में 2 बेडरूम थे। वह एक इंजीनियर थे पर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत 54 साल का एक वरिष्ठ व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रह रहे थे । उनका इकलौता शादीशुदा बेटा अमेरिका में रह रहा था और किस्मत से उन्हें NASA अमरीकी द्वारा उनके विशाल अनुभव और क्षेत्र में वरिष्ठता की देखते हुए और भारत सरकार के अनुशंसा के बाद NASA अमेरिका में 6 साल के लिए एक शोध कार्य के लिए आमंत्रित किया गया था, जो उनके लिए बड़ी गर्व की बात थी। इस शोध कार्य के लिए उन्हें भारत सरकार से तत्काल अनुमति भी मिल गई।

उनके बाएं फ्लैट पर श्री टेक चंद का परिवार रहता था , जिनकी उम्र 45 वर्ष के आसपास थी, जो कोलकाता के एक बड़े कॉर्पोरेट हाउस में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) थे। वो अपने ओफिस के काम में इतना व्यस्त थे कि उसे मेरे परिवार के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं मिलता था , और वह अक्सर अपने परिवार को देखने के लिए 4 महीने में एक बार ही सूरत आ पाते थे । उनके परिवार में 40 साल की उनकी पत्नी मानवी 18 साल का एक युवा लड़का उम्र का राजन , जो अभी कॉलेज में था, चंदा, मेरी सबसे छोटी बेटी अभी भी स्कूल में है, 9 वीं कक्षा में पढ़ती थी शामिल थे । टेक चंद की पहली नौकरी सूरत में ही लगी थी यही शादी हुई तो यही घर ले लिए था और अब चुकी बच्चे भी पढ़ने लग गए थे तो जब उन्हें कोलकत्ता में अच्छी नौकरी मिली उन्हें यही छोड़ टेक चंद अकेले ही कोलकत्ता चले गए ..

श्री सुरेश सिंह के दाहिने हाथ वाले फ्लैट में पर श्री सौरव मिश्रा का परिवार रहता था जिनकी उम्र 48 वर्ष थी, जो एक शिपिंग कंपनी के कर्मचारी थे। साल भर में, वह समुद्र में ही रहते ते क्योंकि उसका जहाज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, ज्यादातर समय सिंगापुर और हांगकांग में ही रहता था । वह साल में एक या दो बार ही घर आते थे। उनके परिवार में उनकी 36 साल की उम्र की पत्नी रूपाली , उनकी बड़ी बेटी काजल, 11 वीं कक्षा में पढ़ रही थी और 14 साल की उनकी सबसे छोटी बेटी दीप्ति, 9 वीं कक्षा में पढ़ रही, शामिल थी। दीप्ति (सौरव की बेटी) और चंदा (श्री टेक चंद की बेटी) एक ही स्कूल में थी इसलिए स्वाभाविक रूप से वे बहुत ही अच्छी दोस्त थी

काजल एक वयस्क किशोरी लड़की थी जो युवावस्था में कदम रखने जा रही थी, बस इन दोनों लड़कियों से थोड़ी दूरी बनाए हुए थी, लेकिन एक बड़ी बहन की तरह दीप्ति और चंदा का मार्गदर्शन करती रहती थी । राजन, 18 साल का वयस्क लड़का उन सब में सबसे बड़ा था और वे सभी उसका बड़े भाई के रूप में उसका मान सामान करते थे ।

चूंकि तीनो परिवार पूर्वांचल यूपी या आस-पास के बिहार से सम्बंधित हे , इसलिए उन्होंने एक-दूसरे के परिवार के लिए एक लगाव विकसित हो गया था ल चुकी दोनों की पहली नौकरी इसी शहर से शुरू हुई थी तो उनका परिवार यही बस गया था. बाद में श्री टेक चंद और श्री सौरव मिश्रा अपनी नौकरी के चक्कर में सूरत में नहीं रहते थे और पहली मंजिल में श्री टेक चंद और श्री सौरव मिश्रा की अनुपस्थिति में, श्री सुरेश सिंह एकमात्र पुरुष व्यक्ति थे। अन्य सभी परिवार के मुखिया और महिलाएं श्री सुरेश को मोटा भाई (गुजराती बोलचाल के अनुसार बड़े भाई) के रूप में संबोधित करते थे और बच्चे उन्हें मोटा पापा ( ताऊ या पिता का बड़ा भाई ) के रूप में बुलाते थे । श्री सुरेश इन दो परिवारों की तुलना में बहुत अमीर थे, वो एक ईमानदार और सरल व्यक्ति थे, और वे अन्य दो परिवारों के पुरुष प्रमुखों की अनुपस्थिति में एक संरक्षक व्यक्ति की तरह थे।

एक मध्यम-वर्गीय परिवार की विशिष्ट प्रकृति और विशेष रूप से परिवार की एक महिला की अवसर आने पर जितना संभव हो सके पैसा बचाने की प्रवृति के अनुसार माणवी और रूपाली माखन लगा कर मीठी मीठी बातो द्वारा सुरेश कुमार जैसे एक सीधे व्यक्ति से अधिकतम लाभ निकालने की कोशिश करती रहती थीl माणवी और रूपाली दोनों एक-दूसरे के साथ श्री सुरेश से लंच और डिनर के लिए आमंत्रित करने और हर दिन चाय के कप पेश करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा में रहती थी । सुरेश कुमार उन्हें अपने ही परिवार का हिस्सा मानते थे और इन दोनों परिवारों परिवारों को विभिन्न उपहार पेश करके और इन दोनों परिवारों को अपनी घरेलू सामग्री का उपयोग करने की अनुमति देकर भव्य रूप से खर्च करते थे । कभी-कभी, वह मानवी और रूपाली को पैसे भी उधार दे दिया करते थे जिसे वसूलना वो अक्सर भूल जाया करते थे क्योंकि वो कोई हिसाब नहीं रखते थे।

श्री सुरेश और उनकी पत्नी 6 साल के लिए यूएसए रवाना होने वाले थे। यह टेक चंद और सौरव के परिवार के सदस्यों के लिए एक चौंकाने वाला क्षण था।

उदास चेहरे और टूटे दिलों के साथ, हर किसी ने दयालु दंपत्ति को विदाई देने के लिए पहली मंजिल के खुले स्थान में इकट्ठा हुए । दोनों परिवार इस तथ्य से अवगत थे कि वे क्या खो रहे थे। वातावरण शांत, शांत और सबका मन अशांत था।

मानवी अपने बच्चों के साथ अपने पति श्री टेक चंद के साथ खड़ी थीं।

श्री टेक चंद ने बहुत नरम लहजे में कहना शुरू किया, "मोटा भाई, (बड़े भाई) आपको एक सुखद यात्रा की शुभकामनाएं। आप हमारी अनुपस्थिति के दौरान इस मंजिल के संरक्षक थे। हम आपको बहुत याद आएगी.

रूपाली, अपने पति श्री सौरव के पास खड़ी होकर रोते हुए बोलने लगी , "हम आपके बिना यहाँ रहने के बारे में नहीं सोच सकते, और हमारे पतियों की अनुपस्थिति के दौरान आपकी उपस्थिति सबसे अधिक महसूस होगी।"

मानवी ने पूछा, "मोटा भई, आपके खाली फ्लैट में कौन रहेगा?"

श्री सुरेश ने हर किसी को सहजता से देखा और अपने प्रति उनके दिल में दर्द, सम्मान और प्यार महसूस किया।

उन्होंने सभी को संबोधित किया, "सुनो, मेरे प्यारे प्यारे भाई लोगो भाभियो और बच्चो , मैं तुम्हारे प्यार और स्नेह की सराहना करता हूं, लेकिन चिंता मत करो। भगवान बहुत दयालु हैं । मेरे बचपन के दोस्त के पुत्र दीपक कुमार पंजाब से सूरत स्थानांतरित हो गए हैंl उत्तर भारत के एक परिधान निर्माता के कार्यालय में एक प्रबंधक के रूप में। वह मेरे दोस्त का बेटा है, बहुत अच्छा, सरल, विनम्र और मददगार सज्जन है। वह शादीशुदा नहीं है , वह पंजाब के एक बहुत अमीर परिवार से हैं और 6 साल बाद जब मैं यूएसए से लौटूंगा। तब तक, वह आपके साथ रहेगा। चूंकि वह मेरे फ्लैट में अकेला रहेगा। दोनों परिवारों की और महिलाएं की देखभाल वो कर लेगा । श्री चंद और श्री सौरव की अनुपस्थिति के दौरान, मेरे मित्र का पुत्र दीपक कुमार इन दोनों परिवारों के लिए सबसे अच्छे अभिभावक होंगे, और वे दोनों परिवारों के एक छोटे भाई के रूप में होंगे। "

आप उन्हें अपने परिवार का सदस्य ही मानियेगा और बिलकुल चिंता न करे आप उन्हें मुझ से भी बेहतर ही पाएंगे.

दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली।

उसके बाद जब सुरेश कुमार अमेरिका के लिए रवाना हुए और दोनों परिवार उन्हें छोड़ने के लिए हवाई अड्डे तक गए।

उनके जाने के बाद जल्द ही श्री चंद और श्री सौरव दोनों अपने-अपने कार्य स्थलों के लिए रवाना हो गए और दोनों के परिवार वही अकेले रह गए और नए रहने वाले के आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

दीपक कुमार (मैं ) एक जाट (भारत में पंजाब राज्य से एक समुदाय) थे। मुझे पंजाबी लोगों की आनुवंशिक गुणवत्ता विरासत में मिली थी। उसका कद लगभग 6 फीट, जिसकी उम्र 24 साल थी। वह शारीरिक रूप से बहुत मजबूत और मर्दाना था, और इस उम्र में, मेरे पास व्यापक कंधे और छाती, लंबी, चौड़ी भुजाएँ और हथेलियाँ थीं। वह रंग में गोरा था, मेरे चेहरे पर घने बाल और मूंछें थीं जो काले रंग की थी। मेरी शारीरिक बनावट 20 साल के यंगमैन खिलाडी की तरह थी।हमारा परिवार पंजाब के अपने गाँव में बहुत ज़मीन-जायदाद रखने वाले बहुत अमीर है. मैंने अपनी कुछ शिक्षा लंदन में रह कर भी पायी है । चंडीगढ़ में मेरी तीन इमारतें थीं जिनसे मुझे अच्छा किराया मिलता था । बस अपना समय गुजारने के लिए, मैं एक कंपनी में अधिकारी के रूप में शामिल हो गया था और अब मैं उस कंपनी में प्रबंधक के पद पर था और मेरा तबदला सूरत क्र दिया गया था । मैं सूरत में अपने पिता के बचपन के दोस्त श्री सुरेश के संपर्क में था। जब मैंने सुरेश जी को अपने सूरत स्थानांतरण के बारे में अवगत कराया और उनसे एक घर ढूंढने में मदद मांगी , तो सुरेशजी ने मुझे रहने के लिए अपने फ्लैट की पेशकश की क्योंकि वह स्वयं अपनी श्रीमती के साथ अमेरिका के लिए रवाना हो रहे थे।

मैं कुंवारा था,। मैं अपने सेक्स जीवन में बहुत जोश और जीवटता थी और साथ मैं मेंने योग और ध्यान के माध्यम से अपनी जैविक आवश्यकताओं को नियंत्रित किया था। मेरी सबसे अतिरिक्त साधारण गुणवत्ता यह थी कि मैं होम्योपैथी में डॉक्टर की उपाधि रखता था, होम्योपैथी उपचार में पारंगत था और इस उद्देश्य के लिए मेरे पास एक चमड़े की किट थी जिसमें सभी प्रकार की होम्योपैथी दवाएं थीं, दूसरी बात यह कि मेरे पास एक लम्बा मोटा बड़ा और भारी लंड था जो 8 इंच लंबा था ।

रविवार की दोपहर की तेज धूप थी। मैं "ला कासा" अपार्टमेंट पहुंचा तो मैं ऊपरी मंजिल की ओर जाने वाली सीढ़ी पर चढ़ गया। लिफ्ट का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि सुरेश जी का फ्लैट पहली मंजिल पर ही था और सीढ़ी पर चढ़कर आसानी से पहुंचा जा सकता था। जब मैं पहली मंजिल पर पहुंच गया और पहली मंजिल के प्रवेश द्वार पर एक लोहे की ग्रिल को सुरक्षित रूप से बंद पाया। मुझे सुरक्षा व्यवस्था बढ़िया लगी और मैंने मन हो मन उसकी सराहना की। मैंने बेल पर अपना अंगूठा लगाया।

जब घंटी बजी तो रूपाली, श्री सौरव की 36 वर्षीय गृहिणी इत्मीनान से बैठी थी और टीवी देख रही थी। वह इस विषम समय में आये हुए किसी अप्रत्याशित आगंतुक या घंटी बजाने वाले को देखने के लिए बाहर आई तो वहां अटैची लेकर मेरे रूप में एक सुन्दर व्यक्तित्व का लंबा, सज्जन व्यक्ति उसे बाहर खड़ा मिला ।

मैं भी अपने सामने एक खूबसूरत महिला को पाकर दंग रह गया। मैंने उसे भारत की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक पाया, मैंने पंजाब में, लंदन में और विश्व के अन्य कुछ सुंदरियों को देखा था, लेकिन आज, मैं उस सुन्दर महिला को बहुत करीब से देख रहा था ।

रुपाली अपने नाम के अनुसार रूप की मूर्त थी बहुत खूबसूरत थी, मेरी आकृति अद्भुत और आकर्षक थी गोरा रंग था, ऊँचाई लगभग 5'5 थी, और लंबे रेशमी बाल थे। मेरी पतली कमर थी, कूल्हे मोटे और गद्देदार थे उसको देखकर आपको ऐसा लगेगा जैसे कि इसे बनाने वाले द्वारा उसे संगमरमर से उकेरा गया और फिर बड़ी देखभाल से बाहर निकाला गया था, और मुझे उसकी चिकनी त्वचा देखकर ऐसा लगा कि चिकनी मिट्टी जैसी त्वचा जिससे कोई कुम्हार कच्चे बर्तन गढ़ता है ।

उसके कूल्हों का झुकाव, नितम्बो की परिपूर्णता और उन्नत वक्ष स्थल सब पूर्णता के विचार की याद दिलाते थे । जब वह अपने बालों को ठीक कर रही थी, उन लंबी पतली भुजाओं के साथ, उसकी नग्न नाभि मेरे देखने के लिए उजागर हो गयी , उसकी साड़ी उसके बदन पर इतनी समग्र रूप से लिपटी हुई थी, कि मेरे शरीर की बनावट और वक्र लाल और काले रंग की साड़ी में प्रमुखता से स्पष्ट हो गए , उसकी साडी के रंगो ने उसकी आकर्षक सफ़ेद क्रीम आधारित त्वचा के रंग को रेखांकित किया।

उसकी चमकती दमकती दूधिया सफ़ेद चिकनी त्वचा उसकी लाल साडी के कारण गुलाबी हो रही थी जो किसी को भी दिल का दर्द देने के लिए पर्याप्त था, और निश्चित रूप से मेरा दिल भी कुछ समय के लिए धड़कना भूल गया होगा ।उसकी सफ़ेद ब्रा के सफेद कप और पट्टियों को उसके काले पारदर्शी ब्लाउज के माध्यम से आसानी से दिख रहे थे , और उन्हें देख कर मैंने अनुमान लगाया कि मोहतरमा के गोल स्तन 36 साइज के होंगे।

फ़िलहाल मेरे दिमाग में उसके बाद इतना ही विचार आया - ओह! मेरे भगवान क्या सौंदर्य है ,मैं मंत्रमुग्ध था ।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
good
 

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

011


CHAPTER- 2

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे

मानवी- मेरी पड़ोसन

PART4


स्वपनदोष


पहली मंजिल पर अब सिर्फ हम दोनों ही थे और अगली सुबह किस्मत ने मेरा साथ दिया । उस सुबह मैं जल्दी उठ गया और फिर जब मानवी भाभी ने मेरे घर के मुख्य प्रवेश द्वार खोलने के धक्का दिया और उसके खुलने की आवाज आयी और मैंने देखा कि मानवी भाभी मेरे बिस्तर के पास आ रही थी। मैंने तुरंत, गहरी नींद में होने का नाटक किया ताकि पता चले मुझे रोज स्वपन दोष क्यों हो रहा है. मैं नकली खर्राटे लेने लगा ।

अगले कुछ ही सेकंड बाद मैंने लंड पर कुछ महसूस किया और मेरी अधखुली आँखों के कोने से, मैंने ध्यान से देखा कि मानवी भाभी के होंठ मेरे बड़े मोटे लंड के आस-पास तक फैले हुए थे उसके गर्म और नम मोटे होठों के बीच से मेरा लंड उसके मुँह के अंदर और बाहर हो रहा था हैं। क्योंकि मेरा लंड बहुत लंबा है (लगभग 8 इंच), और इसकी मोटाई के कारण जिसने मानवी का मुँह पूरा खुला हुआ था.

मैंने झूठे खर्राटे लेना शुरू कर दिया, और मानवी के सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे लंड की तरफ जोर से दबा दिया। एक सेकंड के लिए, मानवी भाभी को लगा मैं जाग गया हूँ वो घबराई, पर लेटी रही, लेकिन फिर मेरे खर्राटे की आवाज सुन उसे एहसास हुआ कि मैं गहरी नींद में सपने देख रहा था और ये एक्शन भी मैंने सपना देखते हुए ही किया था । वो मुझे गहरी नींद में देख आश्वस्त हो गयी.

दो तीन दिन से ऐसा करते हुए वो अभ्यस्त हो गयी थी इसलिए बहुत जल्द उसने मेरे लंड को अपने मुँह से अन्दर-बाहर करते हुए एक अच्छी गति विकसित कर ली. उसने देखा कि मैं भी सपने में अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर कर उसकी ताल से ताल मिला रहा था . वो साथ साथ मेरे अंडकोषों को अपने हाथ से सहला रही थी और लंड को चूस रही थी।

उसके ऐसा करने से मेरा लंड पूरा कठोर हो गया और और मेरे अंडकोषों पर मेरी पर त्वचा कस गयी। कुछ देर वो ऐसे ही चूसती रही और फिर मुझे लगा की मैंने अपने पैरों पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया क्योंकि वे बुरी तरह से हिलने लगे थे । जिस तरह से मानवी भाभी मेरे लंड पर अपने सिर को घुमा कर अपनी जीभ घुमा घुमा कर चूस रही थी उससे मेरा लंड का अगर भाग लंडमुंड बेहद संवेदनशील हो गया ।

फिर मेरा लंड उसके मुँह में धँसने और फूलने लगा और फिर अचानक ही लंड ने पिचकारी मार दी , मोटे, अकड़े हुए मेरे लंड ने वीर्य को इतने वेग से निकाल दिया गया की वीर्य सीधा मानवी भाभी के गले पे पहुँच गया. गले में जा लगी पहली धार से उबरने की कोशिश करते समय उसे घुटन और खांसी हो गई और इसके कारण मेरा वीर्य उसकी नाक से बाहर आ गया। यह बिलकुल नाक से पानी निकलने जैसा था।

मैंने एक बार फिर भाभी का सर पकड़ लिया तो उसने एक सेकंड के लिए सोचा मैं उसका सर लंड से हटाने वाला हूँ । पर मेरा सोने का नाटक यथावत चालू था इसलिए अपने स्खलित हो रहे लंड को उसके मुँह से बाहर निकालने के लिए मैंने कुछ नहीं किया ।

मानवी सोच रही थी आज से पहले तो मैंने कभी इतना वीर्य उत्सर्जित नहीं किया तो उसे समझ आया की आज से पहले तो केवल मेरे लंड से केवल उतसर्जन पूर्व चिकनाई ही निकली थी वीर्य तो आज ही निकला है और वो भी मोटी धार में इतना गाढ़ा. मुझे भी रोज हो रहे गीले सपनो का राज समझ आ गया था पर अभी खत्म नहीं हुआ था . वो पहले उत्सर्जन से उबर पाती इससे पहले ही लंड ने अगली धार मार दी और ये पहली से भी जोरदार थी.

इसी तरह, मानवी ने मेरी पिचकारी की अगली 2-३ शॉट को अपने मुँह ने लिया लेकिन यह अंतहीन लग रहा था। वो अपने हाथो से लंड को जोर जोर से हिला रही थी । मैं बस उसके मुँह में वीर्य डाल रहा था।

मनवी को आखिरकार एहसास हुआ कि वह अब वीर्य निगलने लगी है। उसे वीर्य निगलने से कोई समस्या नहीं थी लेकिन यहाँ मेरा वीर्य इतना गाढ़ा और इतना ज्यादा था कि उसे निगलना उसके लिए लगभग असंभव था। आखिरकार उसने नली को टटोलते हुए अपने सिर को इस तरह से मोड़ा की उसके मुँह से लंड की नली जहाँ खुलती है वो उसके मुँह से बाहर हो गया और फिर मैंने तीन चार शॉट और मारे , पहला उसकी आंख में सीधे गया उसके छींटे गाल पर पड़े और मेरा वीर्य उसकी आँखों नाक बालो और गालो पर फ़ैल गया। फिर मेरे लंड ने शुक्राणु को पंप करना बंद कर दिया।

मैंने भी उसका सर छोड़ दिया और मानवी तुरंत इस डर से उठी कि मैं किसी भी समय जाग सकता हूँ और फिर उसके चेहरे पर और उसके मुंह में शुक्राणु डा्लूँगा । मेरा गाढ़ा वीर्य उसके लिए निगलना असंभव था। यह उसके गले में ही रह गया था । यह उसके पूरे जीवन में सबसे रोमांचक अनुभवों में से एक था क्योंकि उसने मेरे स्खलन का आनंद लिया था

मुझे जगाने से पहले मनवी बाथरूम में भाग गई। मेरे गधा वीर्य उसके चेहरे पर फैला हुआ था और ऐसा चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे उसके मुँह पर गोंदड की शीशी गिर गयी हो और उसके बालो पर मेरा वीर्य सूख गया था और उसके बाल कड़े और नुकीले हो गयी थे । उसके मेरे वीर्य का हल्का नमकीन स्वाद पसंद आया था. उसका मुँह मेरे वीर्य से सना और भरा हुआ था जिसे वो निगल नहीं पा रही थी उसे लगा जैसे वह सुबह के बाकी समय में भी अपना गला साफ नहीं कर पाएगी । यह उसे अभी भी उसे चकित कर रहा था की मैंने कितना ज्यादा वीर्य छोड़ा और मेरा वीर्य कितना गाढ़ा था।

उसने किसी तरह खुद को साफ़ किया और फिर उसने मुझे उठाया l मैं उस सुबह रहस्यमय तरीके से बहुत खुश और मुस्कुरा रहा था।

"रात को फिर स्वपनदोष हो गया,

तुम्हारी भी इज्जत रह गयी,
हमारा भी काम हो गयाl"

अगले दिन, जो दूसरा शनिवार था, एक छुट्टी का दिन, इसलिए मैं अपने फ्लैट में रहा। मंजिल पूरी तरह से सुनसान थी। प्रवेशद्वार ग्रिल में सुरक्षित रूप से बंद था। हम दो हमारे संबंधित फ्लैटों में रहने वाले बाशिंदे थे।

मानवी सुबह की चाय ले कर आई और मैंने फिर से गहरी नींद में सोने का नाटक किया और उसने मेरे लंड को चूसा और मैंने इनाम के तौर पर उसे शुक्राणु की क्रीम दी। उसके बाद में मैं इत्मीनान से अपने बिस्तर पर लेट गया क्योंकि उस दिन छुट्टी थी। मानवी भाभी अपने फ्लैट में थी। अचानक, मुझे कॉफ़ी लेने की इच्छा हुई; मैं अपने फ्लैट से बाहर आया और मानवी के घर के दरवाजे को खटखटायाl

कहानी जारी रहेगी


दीपक कुमार
 
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CHAPTER- 2

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मानवी- मेरी पड़ोसन

PART4


स्वपनदोष


पहली मंजिल पर अब सिर्फ हम दोनों ही थे और अगली सुबह किस्मत ने मेरा साथ दिया । उस सुबह मैं जल्दी उठ गया और फिर जब मानवी भाभी ने मेरे घर के मुख्य प्रवेश द्वार खोलने के धक्का दिया और उसके खुलने की आवाज आयी और मैंने देखा कि मानवी भाभी मेरे बिस्तर के पास आ रही थी। मैंने तुरंत, गहरी नींद में होने का नाटक किया ताकि पता चले मुझे रोज स्वपन दोष क्यों हो रहा है. मैं नकली खर्राटे लेने लगा ।

अगले कुछ ही सेकंड बाद मैंने लंड पर कुछ महसूस किया और मेरी अधखुली आँखों के कोने से, मैंने ध्यान से देखा कि मानवी भाभी के होंठ मेरे बड़े मोटे लंड के आस-पास तक फैले हुए थे उसके गर्म और नम मोटे होठों के बीच से मेरा लंड उसके मुँह के अंदर और बाहर हो रहा था हैं। क्योंकि मेरा लंड बहुत लंबा है (लगभग 8 इंच), और इसकी मोटाई के कारण जिसने मानवी का मुँह पूरा खुला हुआ था.

मैंने झूठे खर्राटे लेना शुरू कर दिया, और मानवी के सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे लंड की तरफ जोर से दबा दिया। एक सेकंड के लिए, मानवी भाभी को लगा मैं जाग गया हूँ वो घबराई, पर लेटी रही, लेकिन फिर मेरे खर्राटे की आवाज सुन उसे एहसास हुआ कि मैं गहरी नींद में सपने देख रहा था और ये एक्शन भी मैंने सपना देखते हुए ही किया था । वो मुझे गहरी नींद में देख आश्वस्त हो गयी.

दो तीन दिन से ऐसा करते हुए वो अभ्यस्त हो गयी थी इसलिए बहुत जल्द उसने मेरे लंड को अपने मुँह से अन्दर-बाहर करते हुए एक अच्छी गति विकसित कर ली. उसने देखा कि मैं भी सपने में अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर कर उसकी ताल से ताल मिला रहा था . वो साथ साथ मेरे अंडकोषों को अपने हाथ से सहला रही थी और लंड को चूस रही थी।

उसके ऐसा करने से मेरा लंड पूरा कठोर हो गया और और मेरे अंडकोषों पर मेरी पर त्वचा कस गयी। कुछ देर वो ऐसे ही चूसती रही और फिर मुझे लगा की मैंने अपने पैरों पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया क्योंकि वे बुरी तरह से हिलने लगे थे । जिस तरह से मानवी भाभी मेरे लंड पर अपने सिर को घुमा कर अपनी जीभ घुमा घुमा कर चूस रही थी उससे मेरा लंड का अगर भाग लंडमुंड बेहद संवेदनशील हो गया ।

फिर मेरा लंड उसके मुँह में धँसने और फूलने लगा और फिर अचानक ही लंड ने पिचकारी मार दी , मोटे, अकड़े हुए मेरे लंड ने वीर्य को इतने वेग से निकाल दिया गया की वीर्य सीधा मानवी भाभी के गले पे पहुँच गया. गले में जा लगी पहली धार से उबरने की कोशिश करते समय उसे घुटन और खांसी हो गई और इसके कारण मेरा वीर्य उसकी नाक से बाहर आ गया। यह बिलकुल नाक से पानी निकलने जैसा था।

मैंने एक बार फिर भाभी का सर पकड़ लिया तो उसने एक सेकंड के लिए सोचा मैं उसका सर लंड से हटाने वाला हूँ । पर मेरा सोने का नाटक यथावत चालू था इसलिए अपने स्खलित हो रहे लंड को उसके मुँह से बाहर निकालने के लिए मैंने कुछ नहीं किया ।

मानवी सोच रही थी आज से पहले तो मैंने कभी इतना वीर्य उत्सर्जित नहीं किया तो उसे समझ आया की आज से पहले तो केवल मेरे लंड से केवल उतसर्जन पूर्व चिकनाई ही निकली थी वीर्य तो आज ही निकला है और वो भी मोटी धार में इतना गाढ़ा. मुझे भी रोज हो रहे गीले सपनो का राज समझ आ गया था पर अभी खत्म नहीं हुआ था . वो पहले उत्सर्जन से उबर पाती इससे पहले ही लंड ने अगली धार मार दी और ये पहली से भी जोरदार थी.

इसी तरह, मानवी ने मेरी पिचकारी की अगली 2-३ शॉट को अपने मुँह ने लिया लेकिन यह अंतहीन लग रहा था। वो अपने हाथो से लंड को जोर जोर से हिला रही थी । मैं बस उसके मुँह में वीर्य डाल रहा था।

मनवी को आखिरकार एहसास हुआ कि वह अब वीर्य निगलने लगी है। उसे वीर्य निगलने से कोई समस्या नहीं थी लेकिन यहाँ मेरा वीर्य इतना गाढ़ा और इतना ज्यादा था कि उसे निगलना उसके लिए लगभग असंभव था। आखिरकार उसने नली को टटोलते हुए अपने सिर को इस तरह से मोड़ा की उसके मुँह से लंड की नली जहाँ खुलती है वो उसके मुँह से बाहर हो गया और फिर मैंने तीन चार शॉट और मारे , पहला उसकी आंख में सीधे गया उसके छींटे गाल पर पड़े और मेरा वीर्य उसकी आँखों नाक बालो और गालो पर फ़ैल गया। फिर मेरे लंड ने शुक्राणु को पंप करना बंद कर दिया।

मैंने भी उसका सर छोड़ दिया और मानवी तुरंत इस डर से उठी कि मैं किसी भी समय जाग सकता हूँ और फिर उसके चेहरे पर और उसके मुंह में शुक्राणु डेल्ह लूँगा । मेरा गाढ़ा वीर्य उसके लिए निगलना असंभव था। यह उसके गले में ही रह गया ठगा । यह उसके पूरे जीवन में सबसे रोमांचक अनुभवों में से एक था क्योंकि उसने मेरे स्खलन का आनंद लिया था

मुझे जगाने से पहले मनवी बाथरूम में भाग गई। मेरे गधा वीर्य उसके चेहरे पर फैला हुआ था और ऐसा चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे उसके मुँह पर गोंड की शीशी गिर गयी हो और उसके बालो पर मेरा वीर्य सूख गया था और उसके बाल कड़े और नुकीले हो गयी थे । उसके मेरे वीर्य का हल्का नमकीन स्वाद पसंद आया था. उसका मुँह मेरे वीर्य से सना और भरा हुआ था जिसे वो निगल नहीं पा रही थी उसे लगा जैसे वह सुबह के बाकी समय में भी अपना गला साफ नहीं कर पाएगी । यह उसे अभी भी उसे चकित कर रहा था की मैंने कितना ज्यादा वीर्य छोड़ा और मेरा वीर्य कितना गाढ़ा था।

उसने किसी तरह खुद को साफ़ किया और फिर उसने मुझे उठाया l मैं उस सुबह रहस्यमय तरीके से बहुत खुश और मुस्कुरा रहा था।

"रात को फिर स्वपनदोष हो गया,

तुम्हारी भी इज्जत रह गयी,
हमारा भी काम हो गयाl"

अगले दिन, जो दूसरा शनिवार था, एक छुट्टी का दिन, इसलिए मैं अपने फ्लैट में रहा। मंजिल पूरी तरह से सुनसान थी। प्रवेशद्वार ग्रिल में सुरक्षित रूप से बंद था। हम दो हमारे संबंधित फ्लैटों में रहने वाले बाशिंदे थे।

मानवी सुबह की चाय ले कर आई और मैंने फिर से गहरी नींद में सोने का नाटक किया और उसने मेरे लंड को चूसा और मैंने इनाम के तौर पर उसे शुक्राणु की क्रीम दी। उसके बाद में मैं इत्मीनान से अपने बिस्तर पर लेट गया क्योंकि उस दिन छुट्टी थी। मानवी भाभी अपने फ्लैट में थी। अचानक, मुझे कॉफ़ी लेने की इच्छा हुई; मैं अपने फ्लैट से बाहर आया और मानवी के घर के दरवाजे को खटखटायाl

कहानी जारी रहेगी


दीपक कुमार
bahut badhiya
 
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