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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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chusu

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145
251
63
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 67

नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग



फिर मेरे हाथ स्तनों पर से अपने हाथ नीचे की और बदाये और घाघरे पर पहुँच गए. मैंने घाघरे का नाडा ढीला कर दिया और हाथ अंदर सरका दिया। मेरी उँगलियों का उसकी पैंटी पर स्पर्श हुआ। वह गीली थी और मेरे बदन में सिरहन दौड़ गयी। मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे-धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया। मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी। जूही मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी। जूही का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक। मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरा तो उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था।

मैंने उसे खड़ा कर दिया फिर दुसरे हाथ से घाघरे के नाडा खोल कर उसे नितम्बो से नीचे सरका दिया तो उनका घाघरा फिसल कर रानी जूही की पतली कमर से नीचे सरकते हुए उनके पैरों पर गिर पड़ा। मेरी नज़र सीधे जूही कि नाभी के नीचे दोनों जाँघों के बीच गई, जूही ने अपनी कमर में सोने कि एक करधनी पहन रखी थी, जिससे झूलते हुए सफ़ेद चमकीले झालरदार मोतीयों और घंटिया चूत की पहरेदारी कर रही थी। फिर मैंने उसके नितम्बो को पकडा और उन्हें सहलाया और उसके घुटनो पर अटकी हुई पैंटी उतार डाली। उसकी चुत पर कोई बाल नहीं था अच्छी तरह से उसने अपने चूत साफ़ करि थी। वह थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी जूही की कमसिन कमर बल खा रही थी। मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी। मैं अब जूही को देखने लगा।

मेरी नजरे रानी जूही के वस्त्रहीन शरीर पर उनकी नज़रों का अवलोकन करने लगी और उसने लज्जा से अपनी नज़रें झुका ली। उसके बालो में मोतियों और रत्नो से जड़ी हुई स्वर्ण की रत्नावली थी जो उसके सिर के बालों पर आगे से पीछे तथा ललाट पर सामने से बालों को कसे हुई थी। सोने की लड़ी मांग के बीच में तथा दूसरी ललाट के बीच से दोनों तरफ थी। इसी से मांग-टीका लटक रहा था। बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि सजी हुई थी और बालो में गजरा और वेणी के छोर से शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण लटका हुआ था जिसमें छोटी घंटियाँ लटक रही थी। फिर नाक में बड़ी नथ थी जो उसके ओंठो को चूम रही थी। कान के झुमके उसकी सुराहीदार गर्दन के पास लटके हुए थे।

मेरी नजरे उनकी लम्बी सुराहीदार गर्दन पर गयी जिसमे उसने मोतियों और मणियों से जड़ा हुआ गले का हार पहना हुआ था जो उसकी चौड़े कंधो से होते हुए हुई उनकी उभरी हुई छाती तक था। हाथों में रत्नो और माणिक जड़ी स्वर्ण और कांच की चूड़ियाँ, भुजाओं में बाजूबंद थी और उनके कसे हुए वक्ष ऊपर कि ओर ही उठे हुए थे जिनपे सुशोभित थी मुक्ताकलाप की एक लड़ी की मोतियों की माला। ऊँचे वक्षस्थल नीचे की ओर पतली लचकदार कमर में परिवर्तित हो गई। उनकी नाभी गोल नहीं, बल्कि एक लम्बी संकरी छोटी-सी लकीर थी और कमर में नाभि के नीचे बहुत ही सुंदर कमरबंद, करधनी की चेन भी पहनी हुई थी जिससे झूलते हुए सफ़ेद चमकीले झालरदार मोतीयों और घंटिया उनकी नाभी के नीचे पेट की नीची ढलान से मुड़ कर उनकी योनि की पहरेदारी कर रही थी। पीछे की ओर जूही के गोल और सुडॉल नितंब बाहर की ओर निक्ले हुए थे। उनकी कोमल मांसल जांघे सटी हुई थी और पाओ में पायल और पैर की अंगुली के छल्ले पहने हुई थी।

उनका एक-एक बहुत सुन्दर वस्त्रहीन अंग देख कर मेरा लंड फटने को हो गया। उन्होंने अपने घाघरे और पैंटी से अपने पैर निकाल कर उसे वहीँ ज़मीन पर छोड़ दिया और धीरे-धीरे से वापस बिस्तर पर आ गयी। मैंने जूही का हाथ चूम लिया इस बीच मैंने मेरा उत्तेजित लंड रेशमी धोती से बाहर निकाल लिया और जूही का हाथ लंड पर रख दिया।

मेरे लण्ड को इस तरह से अनायास ही एकदम सामने देखकर जूही ने, शर्म के मारे झट से अपने अपनी आँखे ब्नद कर ली। लेकिन जूही ने मेरा कठोर लिंग पकडे रखा। अब मेरा 10 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में लपेट लिया। उस समय जूही मेरी शक्तिशाली कमर पर अपनी नजर गड़ाए हुए थी। फिर उसने फैसला किया कि मेरा लंड काफी बड़ा था। जूही बोली कुमार ये तो बहुत बड़ा है क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा। ये मेरी चूत फाड् तो नहीं देगा मैं बोला नहीं रानी साहिबा ये तो आशिक मिजाज हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलिंगे। वह सोच रही थी कि ऐसे लंड से चुदना काफी मजेदार होगा। मैंने उन्हें उसे प्यार करने को कहा पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि। फिर मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे। मैं खड़ा हुआ और अपनी धोती को निकाल दिया। जूही की साँसे अनियमित होकर तेज़ चलने लगीं तो उसकी गोल चूचियाँ उसकी छाती पर ऊपर-नीचे ऊपर-नीचे होने लगीं।

उसके बाद मैंने जूही को लेटा दिया और उनसे चिपट गया मेरा लंड उनकी चुत ढूंढ़ने लगा और उनकी छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उन्हें लिप किस करने लगा । मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे। जूही का हाथ मेरे लंड को सहला रहा था। हम दोनों पूरी तरह से वस्त्रहीन थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे।

उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट-सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी। उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत गीली होने लगी थी और मानो मुझे आवाज दे रही हो जल्दी चोदो मुझे। मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया। मैं उनकी चूत को चाटने लगा। उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था। जूही बोली बहुत अच्छा लग रहा है। फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी। मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया। मैंने धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की डाल दी, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता। प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी, ये क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है। अब वह ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी।

फिर मैंने जूही के स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। कभी मैं निप्पल को उमेठता तो कभी स्तनों को दबा देता मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया। जूही का बुरा हाल था। उनकी मुह से आहे निकल रही थी। वह मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी।

अब मैं उसको चोदना चाहता था। मैंने अपना लैंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत टाइट थी। मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लैंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया।

फिर जूही से बोला रानी साहिबा क्या आप तैयार हो।

" हूँ।

मैं बोला रानी साहिबा आप मेरी आँखों में देखो। मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया।

कमरे में तेल की रोशनी वाले दीयों से धीमी रोशनी थी और कक्ष के बाहर चांदनी रात के कारण दूधिया सफेद चांदनी छिटकी हुई थी।, जिसके ऊपर आकाश में तारो की सामूहिक चमक थी। इस शानदार सेटिंग में, मुझे रानी जूही को सहमति से चोदने का काम सौंपा गया था।

जिस तरह से राजमाता ने मुझे सब समझाया था वैसे ही राजमाता ने अपनी बहू को भी समझाया था और सम्भोग का आनंद लेने का निर्देश दिया था। हालाँकि इसमें मेरे लंड के आकार का विवरण शामिल नहीं था। परन्तु मुझे नहीं बताया गया था कि पूरे नियोग और गर्भादान की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक सम्पूर्ण करने के लिए और साथ में ये सुनिश्चित करने के कि सब कुछ स्क्रिप्ट के अनुसार हो, राजमाता एक शीशे के पीछे से सब देख रही थी।

मेरी छाती उसकी छाती को दबा रही थी। अब समय था लंड के योनी में प्रवेश करने का। अब उसे अपने पैरों को चौड़ा करना था ताकि उसकी जांघों के अंदर का नरम हिस्सा खुल जाए और मैं खुरदुरे, बालों वाले अपनी टांगो को उसमें धकेल दू।

जब उसका हाथ मेरे लंड को पकड़ने के लये मेरे लंड पर आया तो यह वास्तव में सहज प्रवृत्ति थी। लंड को अब प्रवेश के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता थी। जब उसने लंड की पकड़ा तो आगे क्या होने वाला है ये सोच कर वह घबराने और हाफने लगी। उसका हांफना अनैच्छिक था और मेरे लंड के विशाल आयाम इसका मुख्य कारण थे। यह बहुत हद तक उसकी कल्पना से बहुत बड़ा, गर्म और कड़ा था और वह तुरंत मेरे लिंग को अपने धड़कती हुई, खुली, गीली और प्रतीक्षारत योनी के में उसे लेना चाहती थी।

सतर्क राजमाता ने हांफने की आवाज सुनी और अपनी बहू का हाथ हमारे शरीरों के बीच गायब देखा।

"जूही, कुमार!" राजमाता ने जोर से कहा "क्या इस समय पर्याप्त स्तम्भन है कि आप प्रवेश कर सको" ?

रानी जूही ने स्पष्ट रूप से धड़कते हुए मेरे विशाल लिंग पर अपनी पकड़ ढीली की, लेकिन उसे छोड़ा नहीं। उसकी हथेली ने लिंग को पकड़कर महसूस किया उसका अंगूठा लंडमुंड पर घूम रहा है और वह मेरे लंग की बनावट और आकृति को महसूस कर रही थी।

मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि राजमाता इन अंतरंग पलो में हमें देख रही थी और मैंने चारो तरफ देखा की आवाज कहाँ से आयी, "रानी साहिबा" राजमाता को सुनाने के लिए मैं बड़बड़ाया।

जूही पुत्री तुम अपनी टांगो को फैलाओ और लिंग को योनि द्वार पर स्थापित करो और कुमार आपको स्मरण होगा जब लिंग योनि के द्वार पर स्थित हो तो आपको क्या करना है?

रानी जूही पर उनके शाही उपाधि के उपयोग का आवश्यक प्रभाव पड़ा और उन्होंने राजमाता के निर्देशानुसार अपने दोनों हाथों को अपने सिर के बगल में तकिए पर रख दिया और अपनी जांघों को फैलाकर मुझे अपनी योनि में प्रवेश की अनुमति दी। मैंने लंड को पकड़ लिया और कुछ बार उसकी चूत के होठों और भगशेफ पर रगड़ा। ये देख कर की हम ठीक रास्ते पर हैं राजमाता ने धीरे-धीरे अपनी सांसें छोड़ दीं।

उन्हें थोड़ी राहत महसूस हुईऔर अब वह आराम से बैठ गयी और अब उन्होंने पहली बार ये महसूस किया कि वह क्या देखने जा रही थी, उतेजक दृश्य देखने के प्रभाव से उन्होंने अपने भीतर तरल पदार्थ का स्राव महसूस किया। वह मेरे लंड के आकार को देख चुकी थी और अच्छी तरह से जानती थी साथ में गुप्त रूप से चिंतित भी थी कि क्या जूही को बहुत अधिक दर्द महसूस होगा और कहीं वह दर्द के कारण मुझे दूर तो नहीं धकेल देगी। वह यह भी जानती थी कि लिंग की मोटाई और लम्बाई सुखद भावनाओं प्रदान करेगी, लेकिन दर्द नहीं होगा इसका कोई आश्वासन नहीं था। इन परिदृश्यों को दोहराते हुए और अपने गुप्त कक्ष जो की उस विशेष रूप से निर्मित किया गया था जिसमे ये तो स्पष्ट दिख रहा था कि हम दोनों क्या कर रहे है लेकिन उस कक्ष में ऐसे शीशे लगे हुए थे की उनकी दूसरी और कौन बैठ हमे देख रहा है ये हमे बिलकुल नहीं मालूम था। उस अष्टकोणीय कक्ष में एक और शौचालय था और अन्य सात कोने में से तीन कोनो में कामुक पेंटिंग लगी हुई थी। राजमाता भारी सांस लेते हुए अपनी सीट पर बैठ गयी।

जूही ने मेरी आँखों में देखा। उसने अपनी टाँगें चौड़ी कर लीं और उसका सुहावना शरीर लहर में मेरे सामने था। ऐसा लगता था कि उसका शरीर मुझे निरोधक अनुबंधों के उल्लंघन के लिए आमंत्रित कर रहा था। मुझे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि उसने अपनी मुट्ठी बंद कर ली थी और वह मेरे कठोर लंड से सम्भोग सुख प्राप्त करने और अपनी प्रतिक्रियाओं को दबाने के लिए खुद को तैयार कर रही थी।

मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी रुई से भी मुलायम योनि के ओंठो को दोनों तरफ हटाया और उनके बीच का पतला नन्हा-सा लकीरनुमा छिद्र उदघाटित हो उठा। फिर मैंने लंड को उस छेद पर लगाया और फिर ऊपर उठ कर जूही के होंठों से अपने होंठ सटा दियें, मानो इतनी मनमोहक चूत भेंट करने हेतु उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज़ाहिर कर रहा हूँ। अपने शरीर पर मेरे शरीर का भार महसूस करते ही जूही चुम्बन में लिप्त धीरे-धीरे पीछे गिरते हुए अपने पीठ के बल लेट गई, तो मैं उसके शरीर के ऊपर आ गया। उन्होंने अपने होंठ जूही के होठों से अलग कियें और उनकी जाँघों के मध्य अपनी कमर धीरे-धीरे हिलाते हुए अपने लण्ड के नुकिले सुपाड़े से उनकी चूत का छेद को दबाने लगा! परन्तु जूही की योनि इतने कसी हुई थी की मेरा सुपाड़ा बस योनि के ऊपर-ऊपर ही रगड़ खाता रह गया!

उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने पूरे शरीर को जकड़ लिया क्योंकि उसने महसूस किया कि मेरे लंडमुंड उसकी चूत के होंठों से स्पर्श कर रहा है है। मैंने रानी की योनि के नरम रेशमी मुलायम होंठों को अपने लिंग के सिर महसूस किया और मैंने खुद को योनि में प्रवेश के लिए तैयार किया। मुझे आंशिक रूप से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उसके अक्षत योनि की पंखुड़ियाँ चिपकी हुई थी और मेरे लिंग का सर उसकी योनि के द्वार से थोड़ा चौड़ा था।

एक कर्तव्यबद्ध सिपाही के रूप में, मैंने दर्द या चोट की परवाह किए बिना, जो कि हो सकता है वह किया और अब ये आमने-सामने की लड़ाई थी और यह मेरे लिंग और-और रानी की योनि के बीच थी।

राजमाता की अनुभवी आँखे माजरा भांप गयी और बोली पुत्री आप सुनिश्चित करि की लिंग उचित स्थान पर हो। "। जूही ने तुरंत ने अपनी नंगी टांगें पूरी तरह से खोलकर फैला लिया और अपना हाथ नीचे अपने और मेरे चिपके हुए पेट के बीच से डाल कर अपनी चूत के छेद पर मेरे लण्ड का सुपाड़ा अपनी उंगलीयों से टटोल कर पकड़ लिया और अपनी चूत के छेद पर टिका लिया और बोली अब!

इशारा मिलते ही और नरम छेद का सुपाड़े पर स्पर्श पाते ही मैंने अब तनिक भी देर और प्रतीक्षा किये बिना ही एक धीमा, परन्तु सख़्त झटका लगाया और सुपाड़े को राजकुमारी जूही कि चूत में प्रवेश करा दिया!

"हाय कुमार मैं मर गयी!" जूही दर्द से बिलबिला उठी।

मैं घबरा कर रुक गया।

"मेरी पीड़ा कि चिंता ना कीजिये कुमार।" अनियमित रूप से साँस लेते हुए जूही बोली।

फिर मैंने धीरे-धीरे अन्दर डालना शुरू किया। फिर धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढे लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था। मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और अब लंड दो इंच अंदर चला गया। जूही चीखने चिलाने लगी। हा, राआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ,

जूही अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी।

यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। लिंग उसकी चिपकी हुई योनि की मांसपेशियों को बलात लाग कर आगे बढ़ रहा था। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया उठा और फिर से धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर एक इंच और अंदर चला गया था। अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बढ़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच चूका था मेरा लंड रानी साहिबा के कौमार्य की झिल्ली से टकरा रहा था।

इस बार मैंने थोड़ी ज़्यादा सख़्ती के साथ आगे कमर उचका कर धक्का लगाया, तो लण्ड का सुपाड़ा जूही रानी कि चूत कि नरम पतली झिल्ली को फाड़ कर सट से अंदर दाखिल हो गया। झिल्ली के फटते ही चूत से रक्त निकल पड़ा। असहनीय दर्द के मारे बेचारी चिंहुक उठी, परन्तु अपने दांतो से अपने होंठ दबाकर अपनी चीख रोके रखी, अपने लण्ड, अंडकोष और जाँघों पर कुछ गरम-गरम और गीला गीला-सा महसूस करते ही मैं समझ गया कि जूही भाभी का कौमार्य भंग हो गया है और उनकी क्षतिग्रस्त चूत से उनका कौमार्य भंग होने से खून गिरना शुरू हो चुका है।

प्रतिरोध केवल बाहरी और भौतिक था। जैसे ही बाहरी पहुँच बाधा बनी हुई कौमार्य की झिल्ली को भंग किया गया, पूरे मार्ग ने रास्ता दे दिया। आक्रमणकारी का स्वागत करने के लिए योनि में से स्नेहन की लहर आयी। रानी जूही के गर्म, गीले और स्वागत योग्य मार्ग ने उस रस को स्पंज की तरह चूस लिया, जिससे मेरी एक जोर से कराह निकली, जिससे मेरा पूरा लंड पूरा अंदर चला गया। राजकुमारी जूही कि चूत इतनी टाइट और चुस्त थी कि पूरे दस मिनट लग गए मुझे अपना पूरा लण्ड उनकी चूत कि गहराईयों में उतारने में!

फिर मैंने लंड थोड़ा पीछे किया और मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह माँ" जूही के मुह से निकला। जूही के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा 10 इंच अन्दर तक चला गया था। जूही की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था। अब दर्द बर्दाश्त के बाहर हो गया तो जूही दर्द के मारे चिलाने लगी आहहहहह आएीी उउउउउइइइइइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है और आँखों से आंसू निकल आये। जूही की चूत बहुत टाइट थी ।

उसने आखिरकार अपना कौमार्य खो दिया था। चुलबुली गर्माहट ने मुझे सम्मोहित कर लिया। फिर लंड और योनी के बीच की केमिस्ट्री हावी हो गई और योनि की मांसपेशिया लिंग के लिए समायोजित होने लगी। मासपेशियो के संयोजित होने की संवेदनाओं की विशालता को जूही ने मह्सूस किया।



कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

नयी भाभी की सुहागरात

CHAPTER-2

PART 13

नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी है



जब नीचे से मेरे और जूही के रस का आपस में मिलाप हुआ तो ऊपर से भी हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये। और फिर जूही चूतड़ ऊपर उठा कर ही लेटी रही। मेरे लंड से चुदवा कर जूही का प्यासा बदन बहुत ही संतुष्ट हो चुका था। इसीलिए अपनी चूत का पानी छोड़ने के बाद जूही अभी तक अपनी बिखरी सांसो को संभालने में लगी हुई थी।

जूही के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और बड़े-बड़े स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे । बिस्तर पर सजे हुए फूल अब फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और कमर से पास करघनी टूट कर बिखरी पड़ी हुई थी और मितियो के कमर के आस पास फैले हुए थे और कुछ मूर्ति टूट कर उसकी नाभि में चले गए थे । पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा क्षत विक्षत हो चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था । हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे एक भुजा का बाजूबंद गायब था कंठ में पहना हुआ सुवर्ण का हार और मंगल सूत्र एक साइड में पड़े हुए थे मोतियों और मणियों से झडा हुआ गले का हार टूट कर पता नहीं कब बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे नाक में बड़ी नथ उतर गयी थी और बालो के साथ लटकी हुई थी, माथे पर लाल सिंदूर फैला हुआ-हुआ था। ।

उसके सिर के बालों पर सजी हुई स्वर्ण रत्नावली खुल गयी थी सोने की लड़ी मांग के बीच से हट कर बायीं तरफ को लटकी हुई थी बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि भी अपना स्थान छोड़ चुकी थी और वेणी खुल गयी थी और शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण नीचे गिरा हुआ था।

चुदाई की मस्ती के दौरान कौन-सा आभूषण कब खुला और कब गिरा अब कुछ ध्यान नहीं था ।




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जब कि जूही की योनि मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर पहले से ज़्यादा फूल गई थी।

योनि को देख मेरी आँखे बड़ी हो गईं, मानो बाहर ही निकल आने को हो और मेरे दोनों होंठों का साथ छूटते ही मेरा मुँह अपने आप ही खुल गया! जूही के शरीर पर जहाँ तहँ कुछ पुष्पों की पंखुडिया चिपकी हुई थी और कुछ मेरे बाद से भी चिपकी हुई थी ।

सामने लेटी हुई अब रानी जूही की चौड़ी खुली जाँघों के मध्य अवस्थित उनकी चूत के होंठ दिखाई पड़ रहें थें हुए उनके बीच उसका छेद जो की अब चूडा हो चुकता और वह मेरे वीर्य और रानी जूही के चूतरस से लबालब भरा हुआ था! नवविवाहिता जूही की चुद चुकी के अनमोल चूत के दर्शन करने का सौभाग्य मिल गया था!

सुहाग की सेज पर पड़ी फूलों की पत्तियाँ इधर उधर बिखरी पड़ी थी और जब कि बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

मैंने बिस्तर पर बिखरी हुए गुलाब के फूल उठा कर कुछ फूल और फूलो की पत्तिया जूही के शरीर और कुछ जूही की योनि के ऊपर बिखेर दी।

जूही अभी तक अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूही की फूल जैसे कोमल और टाइट योनि की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है ।

अपनी इस गरम चुदाई से दोनों थक गए थे मगर इस के बावजूद मैं जानता था कि "पिक्चर अभी बाकी है।"

थोड़ी देर बाद अपनी सांसो को काबू करते हुए जूही ने अपनी गान्ड के नीचे रखा हुआ पिल्लो को निकाल कर अपनी गर्दन के नीचे रखा और जूही ने अब मेरी तरफ देखा।



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ज्यों ही दोनों की अपनी पहली चुदाई के बाद नज़रें मिलीं। तो मैंने बड़े प्यार भरे अंदाज़ में जूही को हल्की से आँख मारी और मेरे प्यार से इस अंदाज़ को देख कर जूही ने शरमाते हुए अपनी आँखे तुरंत बंद कर लीं।

जूही का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूही की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे । तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

मैं फुसफुसाया "अब तो हम दोनों एक जिस्म और एक जान हो चुके हैं, तो फिर ये शरमाना कैसा, आँखें खोल कर मेरी तरफ देखो मेरी जान।" जूही ने धीमे से आखे खोली और मेरी तरफ देखा और मुस्कुरायी और उसकी दृष्टि मेरे लंड पर पड़ी। लंड उस वक्त पूरी तरह से जूही की योनि के रस से भीगा हुआ था और स्खलन के बाद भी बिलकुल ढीला नहीं पड़ा था। बल्कि मेरा विशाल और मोटा लंड वीर्य स्खलन के निकालने के बावजूद पहले से ज़्यादा सख्ती के साथ अकड़ कर आकाश की तरफ देखते हुए तन कर इधर उधर उछल कूद कर रहा था। जूही मेरे लंड को लालची नजरो से देखने लगी क्योंकि उसे तुरंत ये ख्याल आया की उसे इस लंड का संयोग केवल नियोग के द्वारा गर्भधान के लिए प्राप्त हुआ है और इसलिए उसे इस अवसर का पूरा प्रयोग कर लेना चाहिए । मुझे जूही का इस तरह अपने लंड की तरफ लालची नज़र से देखना अच्छा लगा।

मैं धीरे-धीरे जूही के करीब हुआ और-और बड़े प्यार से जूही के बालों में हाथ डाल के उस का चेहरा अपने करीब किया और जूही के होंठो को बहुत ही कस के चूमा।

साथ ही मैंने अपना हाथ जूही की टाँगों के मध्य ले जा कर उसकी गरम योनि पर अपना हाथ कर चूत को ज़ोर से मसला।

"हाई! ऐसे ना दबाइये कुमार पीड़ा! हो रही है हाईई ईईई!" जूही की योनि में लंड से ताज़ा-ताज़ा चुदाई की बाद थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। इसीलिए मेरे हाथ की सख्ती को महसूस कर के जूही चिल्ला उठी। और फिर बोली मेरी आदत मत बिगाड़ो कुमार, हमारा ये संगम केवल राज्य को उत्तराधिकारी देने के लिए था। अगर मुझे इसकी आदत लग गयी तो बहुत मुश्किल हो जायेगी ।

फिर मैं उसे चूमते हुए बोला । जूही भाभीआप इसकी चिंता न कीजिये, आप बेहद सुन्दर, गोरी और मस्त माल हो । आपको योनि ने मुझे अद्भुत आनंद प्रदान किया है और आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है ।

" आपके मोटे और बड़े लंड ने मेरी कुंवारी चूत की बुरी हालत कर दी है देखिये कैसे सूज गयी है । जूही ने जवाब दिया।

मैंने पुछा रानी साहिबा! क्या आपको आंनद नहीं आया?

जूही बोली कुमार पहले तो जब आपने शुरू किया तो मजा आया। फिर जब आपने प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ । फिर आनंद आया । आप बहुत बेदर्द हो आपने मुझे बाहर बेदर्दी से चौदा । मुझे आपके साथ बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती । मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ ।

मैंने जूही को थोड़ा-सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो और तुम्हारी योनि भी तो इतनी कसी हुई थी । आपकी गोल-गोल रस भरी चूचियों, भरे-भरे गालों के साथ नशीली आंखें, आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले। लेकिन इस सब से बड़ा सत्य तो ये है रानी साहिबा मुझे इतना मजा आया की अब मैं आप से दूर रह ही नहीं पा रहा हूँl

चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा उसके बाद मैं उसके स्तन दबाने लगा और उसका निप्पल मुझे कड़ा-सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को जूही कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं। मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा।

अब जो जूही ने ये कहा कुमार हम फिर से करेंगे ना । ये सुन कर मुझ से रुका नहीं गया और मैं उसे पागलो की तरह चूमने लगा । सेक्स में सबसे महत्त्वपूर्ण यही है कि आप इसे दुबारा करना चाहते है बार-बार करना चाहते हैं और ये इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि आपको सेक्स पसंद आया और आपने इसका आंनद लिया ।

मैंने फिर उनको अपने से हल्का-सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की। उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो जूही ने आँखें खोली और मुस्करायी।

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा।

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।




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कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे। मैंने जूही की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ भाभी के स्तनों पर पहुँच गये। मेरा हाथ उनके स्तनों को दबा रहा था। जूही की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा। अब जूही भाभी सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गयी थी।

मेरा एक हाथ उनकी होनी पर चला गया तो योनि ने काफी वीर्य अपने अंदर सोख लिया था और बाहर जो भी चिपका हुआ था वह रस और वीर्य भी अब सुख चूका था ।

उसका चेहरा शर्म और शर्मिंदगी के साथ चुकंदर की तरह लाल हो गया था। उसका हाथ मेरे लंड पर था और फिर हांफते हुए उसने महसूस किया कि लिंग बढ़ रहा है;। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने पूर्णता महसूस की, वह मुस्कुरायी। उसे मालूम था की राजमाता, महाराज, मेरे पिताजी मेरी माताजी और अन्य रानिया उसे सहवास करते हुए देख रही थी लेकिन अब उसे दर्शकों को कोई परवाह नहीं थी। उसकी अपनी काम इच्छा की पूर्ती ही अब एकमात्र ऐसी चीज थी जो उसके लिए मायने रखती थी।

"कुमार मुझे फिर से चोदो! मेरे साथ पुनः सम्भोग करो । मुझे अपने आलिंगन में ले लो, हाँ! आप इसके और अधिक के लायक हैं। आपको किसी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने की ज़रूरत नहीं है। बस मुझे प्यार करो लो, नाह!" वह चिल्लाई।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो ... मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो भाभी कराह उठी आह यह आह भाभी कह रही थी धीरे कुमार धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा और तुम्हारे आने वाले भतीजे का ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी जूही मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी जूही का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत एक बार फिर गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया ।

मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, चुत सूजी हुई थी और ऊँगली भी बड़ी कठिनता से अंदर गयी तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वह मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर से हाथ आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे का तकिया ठीक किया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से चिल्लाने लगी कि ओह बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी।




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फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, ...हाईईईईई, म्‍म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी और निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला भाभी क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआ।

जूही भाभी बोली बहुत मजा आया।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। जूही भाभी भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिल्लाना बंद हो गया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके स्तनों को पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके स्तनों को दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह एक बार फिर झड़ चुकी थी।


मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार भाभी आप ऊपर आ जाओ । फिर मैं चौकड़ी मार कर बैठ गया, वह उठी और मेरे सामने आ गयी और फिर आगे बढ़ी। मेरा सिर उसके योनि के स्तर पर था। उसने अब अपनी आँखें बंद कर लीं। उसकी टखनों ने मेरे घुटनों को छुआ क्योंकि मैं टाँगे मोड़ कर क्रॉस लेग्ड बैठा था और मेरे घुटने बाहर की ओर थे। वह मेरे माथे को पकड़ कर करते हुए मेरे ऊपर खड़ी हो गई।

वह अब कांप रही थी। उसे पता था कि उससे क्या उम्मीद की जा रही थी। उसने महसूस किया कि रात की ठंडी हवा उसके सबसे निजी अंगों को सहला रही है। उसका चेहरा लाल था। उसने धीरे से मेरे अपने हाथो को मेरे कंधों पर दबाया, मैं उसका बैठने के लिए इंतजार कर रहा था ।

उसने अपने घुटनों को नीचे झुका दिया और जहाँ तक मैं बैठा था उसके स्तर तक नीचे आ गई। मैं अभी भी अडिग बैठा हुआ था। उसने जल्दी से अपनी पलकों हो थोड़ा-सा खोल दिया यह देखने के लिए कि मैं क्या कर रहा हूँ लेकिन उसने पाया की मैं कुछ नहीं कर रहा था।




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रानी ने अपने पैरों को मोड़ा और अपने शरीर को नीचे किया। राजमाता अपने गुप्त अवलोकन स्थल से रानी के पैरों को नाटकीय रूप से फैला हुआ देख सकती थीं। मेरी आंखें बंद थीं। जूही को मालूम था कि अगर मैंने आँखें खोल दी होती, तो मैं उसकी योनी की स्पष्ट सामने देख पाता। "

उसने अपने शरीर को नीचे करना जारी रखा। उसने मुझे संतुलन बनाए रखने के लिए पकड़ रखा था। इस बीच मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर और दूसरा उसके कंधे पर चला गया था। मेरा हाथ जो निष्क्रिय रूप से कंधे पर था, उससे रानी को धीरे से नीचे को दबाया और फिर धीरे से स्तन की बढ़ा। "

"वह जोर से हांफने लगी क्योंकि उसका योनि क्षेत्र ने मेरे लिंग के सुपांडे की रूपरेखा को सहलाया और उसकी योनि के द्वार को खोल दिया। मेरा लिंग मेरे पैरों के बीच से उठकर एक ऊपर की ओर इशारा करते हुए खड़ा फुफकार रहा था। सहज रूप से, उसने अपने घुटनों को ऊपर उठाया और नितम्बो को नीचे जाने दिया जिससे उसके नितम्बो का तल मेरी गोद में उतर गया। उसे ऐसा लगा था कि वह तलवार पर गिर गई थी और तलवार ने उसके अस्तित्व को चीर दिया था।"

" तेज गति में, उसकी गांड पूरी तरह से मेरी गोद में फिट हो गई थी। उसकी योनि खुली हुई थी और उसका लिंग उसके गर्भ तक घुसा हुआ था। मेरी और उसकी जांघों के कारण कोई रुकावट नहीं आई, जबकि मैं अभी भी क्रॉस लेग्ड बैठा था। उसके पैर उठे और मेरी कमर को पार कर गए थे। उसके हाथ अब मेरे कंधों पर टिके हुए थे।



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उसे ऐसा लगा जैसे प्रवेश करने के बाद लिंग का आकार बढ़ गया हो। उसने लंड को सुपाड़ी को फूलते हुए महसूस किया, जो कंपन जो उसके अंदर समाया हुआ था। ऐसा लगता था कि मांस का वह खंभा उस म्यान से बात कर रहा था जिसने उसे घेर लिया था। वह कांप उठी, वह उत्तेजना से संभोग सुख की कगार पर कांप रही थी!

" जैसे ही उसके अंदर कंपन पैदा हुआ, उसने अपने कूल्हों को हिलाया। वह घुड़सवारी करना चाहती थी।

फिर में उनके नीचे और भाभी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मुझे उस समय बहुत मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। भाभी बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे जूही उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी।

" वह शक्तिशाली कंधों को पकड़ कर एक जोर की प्रतीक्षा कर रही थी जिसे वह लगातार ऊपर और नीचे ले जाकर मुझे प्रेरित करती थी। मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया... जब मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों की आह निकलती थी ।

उसके गीले होंठ एक चुंबन के लिए अलग हो गए थे और उसने अपने होंठो को मेरे होंठों पर लगाया और हमारी जीभ आपस में गुथम गुथा हो गयी। उसके बाद जूही मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. उसके स्तन मेरी छाती को दबा रहे थे। उसका योनि की दीवारें, इस प्रकार खुली हुई, मेरे बड़े लिंग से अलग फैल गईं।

।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो जूही सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी ... मैं जूही को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने जूही भाभी की जम कर चुदाई की। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और उसने लिंग को अपना पानी पिलाया,। उसने एक अप्रत्याशित लेकिन अपरिहार्य यौन उत्कर्ष महसूस किया।

उसने अपने पैरों को मेरी पीठ के चारों ओर बंद कर दिया। उसकी बाहें मेरे कंधो के चारों ओर चली गईं और उसके हाथ मेरी गर्दन के चारों ओर लपेटे गए। उसने मेरे लिंग पर नियंत्रण के लिए अपने गहराई को छोड़कर खुद को ऊपर उठाया। वह जानती थी कि कैसे चुदाई करवानी है वह योनि और लिंग के बीच बातचीत नहीं बल्कि द्वंद्व चाहती थी। वह चोदना चाहती थी। वह चाहती थी की मैं एक बार फिर स्खलित होकर अपने वीर्य से उसकी योनि भर दू।

जूही ने आनद की तालाश में अपनी योनि को लंड पर घुमाया और आनंद की तलाश की ।

वह बहुत खुश हो गयी जब मेरे हाथों ने उसके नितम्बो को पकड़ लिया, और मेरी उंगलियों ने उसकी गांड के मांस को सहलाया। उसने विजय को अपनी पहुँच के भीतर महसूस कीया। लेकिन उसकी खुशी अल्पकालीन थी क्योंकि मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था, जिससे वह हिलने-डुलने में असमर्थ हो गई। ' महसूस करो। अनुभव करो और देखो, "मैंने उसे आज्ञा दी, अब मैंने अपनी का उपयोग किया और जो उसे अनुभव हुई और साथ में दिखाई दे रही थी, मेरी शक्ति स्पष्ट थी और वह अवज्ञा करने में असमर्थ महसूस कर रही थी।"

वह खुश थी कि लिंग बड़ा हो रहा है। उसके अंदर दबाव बढ़ रहा था। वह इसलिए भी खुश थी कि यह उसमे प्रवेश करने के बाद ही बढ़ रहा था। उसे मेरा लिंग जितना बड़ा लग रहा था उसे अंदर लेने का विचार डरावना था। वह मेरे साथ चिपकी हुई यह सुनिश्चित कर रही थी कि अगर वह हिल नहीं सकती, तो कम से कम वह मेरे साथ चिपक तो सकती है।

एक बार फिर लिंग ने अपने मांस की परिपूर्णता में स्पंदन और-और कंपन करना शुरू कर दिया। लुंड अपने शीर्ष पर एक गुब्बारे की तरह फूला हुआ था, ऐसा लगा जैसे लंड के हर बिंदु पर हर कोशिका योनि की दीवार पर हर कोशिका को सहला रही हो। मैंने रोजी के साथ अपने पहले सम्भोग के दौरान मानसिक सम्भोग का अनुभव किया था । किन्तु ये उससे भी आगे का अनुभव था और ये उसी अंगूठी की शक्तियों का कमाल था ।

जूही बोली कि वह मेरे लिंग को अपने गर्भ में महसूस कर सकती थी। ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। योनि की धड़कती सुरंग की मामंसपेशिया दृढ़ता से लिंग को पकड़ रही थी। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने महसूस किया कि उसकी योनि लिंग के साथ संकुचन करते हुए कंपन कर रही है।

अब लिंग और योनि एक हो एक गति से स्पंदन कर रहे थे ।

"मैं," उसने हांफते हुए कहा, "मैं कगार पर हूँ। ओह! आह! कुमार! मैं नहीं चाहती कि यह खत्म हो! नहीं! नहीं! नहीं! नहीं!" उसने भीख मांगी। दोनों एक-दूसरे से लिपट कर ऊपर नीचे हुए जिसमे प्रत्येक ढ़ाके के साथ दोनों 'नहीं' बोले। प्रत्येक 'नहीं' एक आक्षेप था।

अब यह अपरिहार्य था। रानी जूही ने अपने प्रेमी को सांत्वना दी। उसने मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ दौड़ाईं और कहा, "श! श! इट्स ओके," उसने अपनी एड़ियों को एक साथ पकड़े हुए मुझे शांत किया। मैंने उसके स्तनों के बीच हाथ फेर दिया और उसकी छाती को पकड़ लिया।




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"पीछे लेट जाओ! वापस लेट जाओ!" राजमाता से आग्रह किया। "कुमार उसे भर दो," सास ने प्रसन्नता व्यक्त की।

मैंनेउसके स्तनों को उसकी निर्दयता से पकड़ लिया और उसके शरीर को सहारा देकर लिटा दिया।

"लो सम्भालो!" मैं चिल्लाया, "मैं आ गया! मेरे प्रिय! मेरी जूही! मेरी रानी! याआआआह!"

"हाँ, हाँ, हाँ, मुझे भर दो, मुझे अपना प्यार दो" जूही ने कहा, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसके हाथ मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे बालों में दौड़े।

मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर नितम्ब उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लुंड फिर पूरा अंदर समां गया और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये।

तभी भाई महाराज ने राजमाता को सम्बोधन करते हुए बधाई दी और फिर भाई महाराज के पीछे-पीछे पिताजी माँ, महारानी और अन्य रानियों ने राजमाता और भाई महाराज को बधाई दी की गर्भधान का प्रथम प्रयास संपन्न हो गया है और फिर राजमाता ने बोलै इस बधाई की सबसे पहली पात्र तो रानी जूही और कुमार हैं ।

अब ये सुन कर एक बार फिर जूही ने शर्मा कर खुद को मेरे बदन में छुपा लिया । कुछ देर बाद मैं जूही से अलग हुआ और मैंने जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था और फिर मैं उसके साथ चिपक कर लेट गया और दोनों चुंबन करने लगे और फिर पता नहीं दोनों कब सो गए ।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

नयी भाभी की सुहागरात

CHAPTER-2

PART 14

भोर में आँख खुली




भोर में सुबह पांच बजे मेरी आँख खुली तो जूही भाभी मुझसे से चिपट कर सो रही थीं। वे मेरे सीने से लिपटी हुई सोते हुए बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थीं, उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया। सोते देख मुझे उन पर प्यार आ गया और धीरे से मैंने उनको चूम लीया। मेरे स्पर्श से वह जग गईं और बड़े प्यार से बोलीं-मेरी आँख लग गयी थी।

मैं उनके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं। मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीं। मैंने भी उनकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली, तो उनका शरीर सिहरने लगा और वे रिसने लगीं क्योंकि मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी। मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और उसके बाद मैं अपने हाथों से उनके मस्त मोमे दबाने लगा। एक पल बाद ही मुझे उनका निप्पल कड़ा होता-सा महसूस हुआ।

अपनी उंगलियों से मैंने निप्पल को खींचा तो जूही भाभी कराह उठीं-आआह मेरे राजा धीरे ... बहुत दुख रहे हैं।



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मैंने निप्पल को किस किया और फिर उनके होंठों को चूमा। मैंने पूछा-भाभी आपकी तबीयत कैसी है?

"जी खुद देख लो और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया। वह नग्न ही थी उनकी चुत एकदम सूजी हुई थी। मैंने प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया ..."

उसके नग्न पेट के निचले हिस्से पर अपना हाथ चलाते हुए अपने हाथ योनि पर ले गया मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी मैंने कांपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, मैंने धीरे से उसके निचले होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी के भीतर डाला।

मेरे स्पर्श पर रानी जूही कराह उठी, लेकिन मुझे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जैसे ही मेरी चुभती हुई उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, उसने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और खुद को दूर खींचने का प्रयास किया। मैंने उसकी दर्द और विस्मय भरी प्रतिक्रिया देखते हुए अपनी उंगली वापस निकाल ली और उसके स्तनों और पेट के साथ खिलवाड़ किया, अपनी उंगलियों के बीच स्तनों के नरम सफेद मांस को सहलाने के बाद और उसके प्रहरी जैसे निपल्स को तब तक सहलाया जब तक कि कठोर नहीं हो गए।

तो रानी जूही बोली मेरे राजा, पहले मुझे चोदो ... फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना ... लेकिन धीरे से चोदना ... ताकि दर्द न हो।




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मेरे ढीले लण्ड में आहिस्ते-आहिस्ते आ रहा तनाव जूही की आँखों से छुप ना पाया। देखते ही देखते उनकी आँखों के सामने मेरा लण्ड अपने आप ही ठनक कर खड़ा हो गया। लण्ड के अर्ध उत्तेजित हो गया और लंडमुंड कि चमड़ी खुद ब खुद मुड़ कर पीछे खिसक गई और बड़ा-सा गुलाबी सुपाड़ा एकदम से बाहर निकल आया। मेरे लण्ड के मोटे सुपाड़े को यूँ एकदम नज़दीक से देखकर जूही के गाल शर्म से सुर्ख लाल हो गएँ और शर्मा कर उसने अपनी पलकें एक क्षण के लिए नीचे झुका ली, फिर मुस्कुराते हुए नज़रें वापस से उठाई!

मेरे स्पर्शों और दुलार ने मुझ पर उत्तेजक प्रभाव किया; मेरे अंदर के जोशीले आदमी ने अब महसूस किया कि मेरी भावनाएँ तेजी से उत्तेजित हो कर उभरती हुई अवस्था में उठ रही है। मेरा औजार पूरी तरह से सूज गया और नीली नसें गुलाबी सफेद सतह पर मजबूती से उभर गयी थीं, मैं अत्यधिक उत्तेजित ही गया और मेरा लंड पूरा कठोर हो गया। रानी जूही को अपने पास खींचते हुए मैंने अपने बोल्ड हाथों को सुंदर रानी की फिगर के ऊपर बेतरतीब ढंग से फिरा दिया।

"नीचे, रानी और नीचे उस वस्तु को महसूस करो जो इस आनद का कारण है," मैंने उससे कहा। मेरी नब्ज आपकी प्रेम की गुफा में धड़क रही है। "इसे मेरे लिए निचोड़ो और इसे वैसे ही उछलो जैसे तुमने कल किया था। अब आओ, सुंदरी।"

अपने प्रेमी की इच्छाओं के अनुपालन में, उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँच गया और उसने मेरे खड़े हुए अंग की विशाल चौड़ाई को हाथ में पकड़ने की कोशिश की और मेरे अंडकोषों को निचोड़ा और मालिश की जिससे मुझे कामुक संवेदनाओं का अनुभव हुआ।

"अद्भुत, शानदार" मैंने फुसफुसाते हुए अपने चेहरे को उसके निप्पलो और-कठोर स्तन में दबा दिया और अपने होठों के भीतर स्तन के एक कट्टर प्रहरी को घेर लिया। "

जूही ने अपनी नंगी टांगें फैला दी, अपना हाथ नीचे डाल कर मेरा लंड पकड़ा सुपडे पर हाथ फिर्या और दबाया और फिर लण्ड का सुपाड़ा अपनी उंगलीयों से टटोल कर पकड़ लिया और अपनी चूत के छेद पर टिका लिया।




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नरम छेद का सुपाड़े पर स्पर्श पाते ही मैंने तनिक देर भी और प्रतीक्षा किये बिना ही एक तेज धक्का लगाया और सूजा हुआ लंड मुंड तेजी से रानी जूही की जांघो के बीच उसकी योनि में गायब हो गया और फिर मेरी गेंदे और नंगी जाँघे उसकी नंगी जाँघों से ऐंठने वाले झटके में टकरा रहे थी।

मैंने धक्का मारा तो वह ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया।

वह मुझे और अधिक देना चाहती थी, अधिक प्राप्त करना चाहती थी, अधिक लेना चाहती थी और वास्तव मेंखुद को मेरे प्रति समर्पण करना चाहती थी। मैं उसे बिना रुके चोदता रहा अनवरत चुदाई से आनंदविभोर हुई जूही अब अपने नितंब उछाल-उछाल कर मेरा लण्ड अपनी चूत में लेने लगी। मेरा अंडकोष फिर से वीर्य के गरम बुलबुलों से भर गया। चरमोत्कर्ष के अंतिम क्षणो में मैंने जूही को पूरी गति बढ़ा कर तेजी और पूरी शक्ति से चोदा और फिर जल्द ही जब पहला शॉट लंड से निकला और जूही जोर से चिल्ला पड़ी, "माँ! कुमार ने मुझे भर दिया है।"

मैं अब राजमाता के निर्देशों को लगभग भूल गया था। पहले शॉट के बाद, जिसके दौरान मेरा लिंग उसमें गहराई से समा गया था, मैं उस पर गिर पड़ा। ये जूही और मेरी पहली चुदाई की सुबह थी और फिर जूही की सुंदरता और योनि का कसाव पूरी तरह से अभिभूत कर देने वाला था। मैं उस पर लेट गया, उसके स्तन हमारे बीच दब गए और मेरा शरीर कांपने और ऐंठने लगा। मेरे वीर्य कई शॉट्स में निकला, कुछ कठोर, कुछ कमजोर, कुछ लम्बे और बहते हुए, अन्य मामूली ड्रिब्ल्स थे।

जूही ने मुझे सहलाया। वह मुस्कुराई और उसने महसूस किया कि मेरा प्रचुर वीर्य एक बार फिर उसके अंदर फैल गया है। काम तो हो गया, लेकिन उसे लगा अभी बहुत कुछ पूरा करना बाकी था।

उसने कुतरते हुए मेरे कान को चूमा। वह मेरे कान में फुसफुसाते हुए 'आयी लव यू' बोली और अपने कूल्हों और टांगो और बाजुओं को हिला कर मेरे शरीर को अपने आप में समेट लिया और दोनों चिपक कर लेट गए और मेरा लिंग उसकी योनि के अंदर ही था।

फिर कुछ देर बाद जैसे झटका लगा, हम दोनों के कंधे पर थपथपाया गया; मैंने आँखे खोल कर देखा तो सामने राजमाता थी। यह हमारे लिए अलग होने का संकेत था। हम दोनों और कस कर चिपक गए तो राजमाता ने पुनः थपथपाया और बोली कुमार उठो!




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और देखो तो... इतनी निर्दयता से कोई किसी स्त्री को भोगता है क्या? "। राजमाता ने जूही कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा तो जूही को अपनी नग्नता का एहसास हुआ और लज्जावश अपनी टांगों को एक दूसरे से चिपका कर अपनी फटी हुई चूत को उनके मध्य दबा लिया। राजमाता आगे बोली।" ये पुरुष भी ना। परस्त्री के साथ संसर्ग कि ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाला? "

जूही ने एक हाथ से किसी प्रकार अपनी नंगी चूचियों को ढंका तो दूसरे हाथ से अपनी खुली हुई चूत को ढकने का प्रयास करने लगी। "मैं आऊँगी," रानी जूही मेरे कान में फुसफुसायी। और मुझे चूमने लगी । मैंने खुद को रानी से अलग किया जो अब कुंवारी नहीं है। हम दोनों नग्न थे, मेरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था, रानी का शरीर भी मेरे पसीने से भीगा हुआ था। या यह उसका था? शायद दोनों का था।

जैसे ही उसने खुद को ऊपर उठाया, राजमाता ने अपने हाथ से मेरे लिंग को पकड़ लिया जी उसकी योनि के अंदर ही था और उसे देखकर मुस्कुरायी। मेरा हथियार ने कोई कठोरता नहीं खोई थी, वास्तव में यह फिर से कठोर हो गया था।

"हे भगवान!" रानी जूही फुसफुसाई मेरे स्तम्भन को राजमाता ने सहलाया। "उम्मम्म!" स्पर्श से रोमांच महसूस करते हुए रानी जूही कराह उठी।

तभी महाराजा और राजमाता के पीछे से दौड़ती हुई रानी जूही की प्रमुख अनुचर और सखी नैना ने कक्ष में प्रवेश किया। उसके के हाथों में एक ओढने के लिए उपयोग कि जाने वाली बड़ी-सी चादर थी। दौड़ कर बिस्तर तक पहुँची और अपने हाथों में लिए चादर को नंगी जूही के ऊपर और-और एक धोती को मेरे ऊपर फेंक दिया। जूही और मैंने तुरंत उस चादर अपने शरीर पर खींच कर समेट लिया और खुद को पूरी तरह से ढंकते हुए अपना सिर नीचे झुका लिया।




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राजमाता ने अपनी बहू के नाजुक स्तनों को ढंग से ढँक दिया और महाराज ने मुझे धोती पकड़ा दी।

मैं इशारा समझ गया और उठ खड़ा हुआ।

रानी जूही ने बेशर्मी से अपना हाथ मेरी टांगो के बीच में नीचे खिसका दिया और तर्जनी और मध्यमा उंगली से मेरे कड़े औजार की मोटाई को मापा।

"वास्तव में," जूही फुसफुसायी। "देखो माँ! वह हमेशा की तरह सख्त और मोटा है," उसने कहा, उसकी आवाज प्रशंसा से भरी हुई थी।

"कुमार अब आप जाओ!" राजमाता ने तेजी से आदेश दिया इस बीच उनकी निगाहें अपनी बहू की योनी से फिसलते हुए सह-लेपित लिंग पर टिकी हुई थीं। "भाग्यशाली कुतिया," उसने अपने बेटे की पत्नी के बारे में सोचा। जब मैंने "जी राजमाता!" बोल कर आदेश का जवाब दिया, तब तक दोनों महिलाओं ने अपने विवेक को त्याग दिया था और उनकी निगाहें मेरे कठोर लंड पर टिकी रहीं, क्योंकि उस समय मैं कमरे में इधर-उधर घूम का अपने वस्त्र एकत्रित कर रहा था।

रानी जूही ने अपनी उँगलियों को ढीला कर दिया और लंड धीरे से उनके हाथ से फिसल गया। राजमाता ने उस रात में मेरी 'उपलब्धता' के बारे में सोचते हुए मेरे लंड को एकटक देखती रही। जैसे ही उन्होंने अचंभित देखा मैंने लंड को धोती में ढक लिया और झटपट कमर में धोती लपेटकर रीति के अनुसार, पीछे हटाता हुआ कक्ष से बाहर चला गया और इस बीच कभी भी उनकी ओर पीठ नहीं की।

सास-बहू ने अंतिम क्षण तक मेरी टांगों के बीच मेरे अकड़े हुए लिंग का धोती बाँधे जाने के दृश्य का पूरा आनंद लिया।



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अगर संसेचन सफल रहा तो ये अब रानी माँ का काम था कि वह राज्य के वारिस के वाहक की संरक्षक हो और देखभाल को व्यवस्था करे। उन दोनों के द्वारा देखे गए पौरुष और ऊर्जावान प्रदर्शन के अनुसार यह प्रयोग सफल रहा था और उन्हें महाराज ने बधाई दी।

महाराज ने उसके बाद डॉक्टर को और रोजी को बुलवाया और जूही की जांच करने की आज्ञा दी ।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 69

नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी है



जब नीचे से मेरे और जूही के रस का आपस में मिलाप हुआ तो ऊपर से भी हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये। और फिर जूही चूतड़ ऊपर उठा कर ही लेटी रही। मेरे लंड से चुदवा कर जूही का प्यासा बदन बहुत ही संतुष्ट हो चुका था। इसीलिए अपनी चूत का पानी छोड़ने के बाद जूही अभी तक अपनी बिखरी सांसो को संभालने में लगी हुई थी।

जूही के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और बड़े-बड़े स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे । बिस्तर पर सजे हुए फूल अब फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और कमर से पास करघनी टूट कर बिखरी पड़ी हुई थी और मितियो के कमर के आस पास फैले हुए थे और कुछ मूर्ति टूट कर उसकी नाभि में चले गए थे । पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा क्षत विक्षत हो चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था । हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे एक भुजा का बाजूबंद गायब था कंठ में पहना हुआ सुवर्ण का हार और मंगल सूत्र एक साइड में पड़े हुए थे मोतियों और मणियों से झडा हुआ गले का हार टूट कर पता नहीं कब बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे नाक में बड़ी नथ उतर गयी थी और बालो के साथ लटकी हुई थी, माथे पर लाल सिंदूर फैला हुआ-हुआ था। ।

उसके सिर के बालों पर सजी हुई स्वर्ण रत्नावली खुल गयी थी सोने की लड़ी मांग के बीच से हट कर बायीं तरफ को लटकी हुई थी बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि भी अपना स्थान छोड़ चुकी थी और वेणी खुल गयी थी और शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण नीचे गिरा हुआ था।

चुदाई की मस्ती के दौरान कौन-सा आभूषण कब खुला और कब गिरा अब कुछ ध्यान नहीं था ।

जब कि जूही की योनि मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर पहले से ज़्यादा फूल गई थी।

योनि को देख मेरी आँखे बड़ी हो गईं, मानो बाहर ही निकल आने को हो और मेरे दोनों होंठों का साथ छूटते ही मेरा मुँह अपने आप ही खुल गया! जूही के शरीर पर जहाँ तहँ कुछ पुष्पों की पंखुडिया चिपकी हुई थी और कुछ मेरे बाद से भी चिपकी हुई थी ।

सामने लेटी हुई अब रानी जूही की चौड़ी खुली जाँघों के मध्य अवस्थित उनकी चूत के होंठ दिखाई पड़ रहें थें हुए उनके बीच उसका छेद जो की अब चूडा हो चुकता और वह मेरे वीर्य और रानी जूही के चूतरस से लबालब भरा हुआ था! नवविवाहिता जूही की चुद चुकी के अनमोल चूत के दर्शन करने का सौभाग्य मिल गया था!

सुहाग की सेज पर पड़ी फूलों की पत्तियाँ इधर उधर बिखरी पड़ी थी और जब कि बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

मैंने बिस्तर पर बिखरी हुए गुलाब के फूल उठा कर कुछ फूल और फूलो की पत्तिया जूही के शरीर और कुछ जूही की योनि के ऊपर बिखेर दी।

जूही अभी तक अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूही की फूल जैसे कोमल और टाइट योनि की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है ।

अपनी इस गरम चुदाई से दोनों थक गए थे मगर इस के बावजूद मैं जानता था कि "पिक्चर अभी बाकी है।"

थोड़ी देर बाद अपनी सांसो को काबू करते हुए जूही ने अपनी गान्ड के नीचे रखा हुआ पिल्लो को निकाल कर अपनी गर्दन के नीचे रखा और जूही ने अब मेरी तरफ देखा।

ज्यों ही दोनों की अपनी पहली चुदाई के बाद नज़रें मिलीं। तो मैंने बड़े प्यार भरे अंदाज़ में जूही को हल्की से आँख मारी और मेरे प्यार से इस अंदाज़ को देख कर जूही ने शरमाते हुए अपनी आँखे तुरंत बंद कर लीं।

जूही का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूही की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे । तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

मैं फुसफुसाया "अब तो हम दोनों एक जिस्म और एक जान हो चुके हैं, तो फिर ये शरमाना कैसा, आँखें खोल कर मेरी तरफ देखो मेरी जान।" जूही ने धीमे से आखे खोली और मेरी तरफ देखा और मुस्कुरायी और उसकी दृष्टि मेरे लंड पर पड़ी। लंड उस वक्त पूरी तरह से जूही की योनि के रस से भीगा हुआ था और स्खलन के बाद भी बिलकुल ढीला नहीं पड़ा था। बल्कि मेरा विशाल और मोटा लंड वीर्य स्खलन के निकालने के बावजूद पहले से ज़्यादा सख्ती के साथ अकड़ कर आकाश की तरफ देखते हुए तन कर इधर उधर उछल कूद कर रहा था। जूही मेरे लंड को लालची नजरो से देखने लगी क्योंकि उसे तुरंत ये ख्याल आया की उसे इस लंड का संयोग केवल नियोग के द्वारा गर्भधान के लिए प्राप्त हुआ है और इसलिए उसे इस अवसर का पूरा प्रयोग कर लेना चाहिए । मुझे जूही का इस तरह अपने लंड की तरफ लालची नज़र से देखना अच्छा लगा।

मैं धीरे-धीरे जूही के करीब हुआ और-और बड़े प्यार से जूही के बालों में हाथ डाल के उस का चेहरा अपने करीब किया और जूही के होंठो को बहुत ही कस के चूमा।

साथ ही मैंने अपना हाथ जूही की टाँगों के मध्य ले जा कर उसकी गरम योनि पर अपना हाथ कर चूत को ज़ोर से मसला।

"हाई! ऐसे ना दबाइये कुमार पीड़ा! हो रही है हाईई ईईई!" जूही की योनि में लंड से ताज़ा-ताज़ा चुदाई की बाद थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। इसीलिए मेरे हाथ की सख्ती को महसूस कर के जूही चिल्ला उठी। और फिर बोली मेरी आदत मत बिगाड़ो कुमार, हमारा ये संगम केवल राज्य को उत्तराधिकारी देने के लिए था। अगर मुझे इसकी आदत लग गयी तो बहुत मुश्किल हो जायेगी ।

फिर मैं उसे चूमते हुए बोला । जूही भाभीआप इसकी चिंता न कीजिये, आप बेहद सुन्दर, गोरी और मस्त माल हो । आपको योनि ने मुझे अद्भुत आनंद प्रदान किया है और आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है ।

" आपके मोटे और बड़े लंड ने मेरी कुंवारी चूत की बुरी हालत कर दी है देखिये कैसे सूज गयी है । जूही ने जवाब दिया।

मैंने पुछा रानी साहिबा! क्या आपको आंनद नहीं आया?

जूही बोली कुमार पहले तो जब आपने शुरू किया तो मजा आया। फिर जब आपने प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ । फिर आनंद आया । आप बहुत बेदर्द हो आपने मुझे बाहर बेदर्दी से चौदा । मुझे आपके साथ बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती । मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ ।

मैंने जूही को थोड़ा-सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो और तुम्हारी योनि भी तो इतनी कसी हुई थी । आपकी गोल-गोल रस भरी चूचियों, भरे-भरे गालों के साथ नशीली आंखें, आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले। लेकिन इस सब से बड़ा सत्य तो ये है रानी साहिबा मुझे इतना मजा आया की अब मैं आप से दूर रह ही नहीं पा रहा हूँl

चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा उसके बाद मैं उसके स्तन दबाने लगा और उसका निप्पल मुझे कड़ा-सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को जूही कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं। मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा।

अब जो जूही ने ये कहा कुमार हम फिर से करेंगे ना । ये सुन कर मुझ से रुका नहीं गया और मैं उसे पागलो की तरह चूमने लगा । सेक्स में सबसे महत्त्वपूर्ण यही है कि आप इसे दुबारा करना चाहते है बार-बार करना चाहते हैं और ये इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि आपको सेक्स पसंद आया और आपने इसका आंनद लिया ।

मैंने फिर उनको अपने से हल्का-सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की। उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो जूही ने आँखें खोली और मुस्करायी।

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा।

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे। मैंने जूही की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ भाभी के स्तनों पर पहुँच गये। मेरा हाथ उनके स्तनों को दबा रहा था। जूही की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा। अब जूही भाभी सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गयी थी।

मेरा एक हाथ उनकी होनी पर चला गया तो योनि ने काफी वीर्य अपने अंदर सोख लिया था और बाहर जो भी चिपका हुआ था वह रस और वीर्य भी अब सुख चूका था ।

उसका चेहरा शर्म और शर्मिंदगी के साथ चुकंदर की तरह लाल हो गया था। उसका हाथ मेरे लंड पर था और फिर हांफते हुए उसने महसूस किया कि लिंग बढ़ रहा है;। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने पूर्णता महसूस की, वह मुस्कुरायी। उसे मालूम था की राजमाता, महाराज, मेरे पिताजी मेरी माताजी और अन्य रानिया उसे सहवास करते हुए देख रही थी लेकिन अब उसे दर्शकों को कोई परवाह नहीं थी। उसकी अपनी काम इच्छा की पूर्ती ही अब एकमात्र ऐसी चीज थी जो उसके लिए मायने रखती थी।

"कुमार मुझे फिर से चोदो! मेरे साथ पुनः सम्भोग करो । मुझे अपने आलिंगन में ले लो, हाँ! आप इसके और अधिक के लायक हैं। आपको किसी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने की ज़रूरत नहीं है। बस मुझे प्यार करो लो, नाह!" वह चिल्लाई।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो ... मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो भाभी कराह उठी आह यह आह भाभी कह रही थी धीरे कुमार धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा और तुम्हारे आने वाले भतीजे का ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी जूही मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी जूही का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत एक बार फिर गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया ।

मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, चुत सूजी हुई थी और ऊँगली भी बड़ी कठिनता से अंदर गयी तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वह मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर से हाथ आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे का तकिया ठीक किया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से चिल्लाने लगी कि ओह बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी।

फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, ...हाईईईईई, म्‍म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी और निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला भाभी क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआ।

जूही भाभी बोली बहुत मजा आया।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। जूही भाभी भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिल्लाना बंद हो गया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके स्तनों को पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके स्तनों को दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह एक बार फिर झड़ चुकी थी।


मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार भाभी आप ऊपर आ जाओ । फिर मैं चौकड़ी मार कर बैठ गया, वह उठी और मेरे सामने आ गयी और फिर आगे बढ़ी। मेरा सिर उसके योनि के स्तर पर था। उसने अब अपनी आँखें बंद कर लीं। उसकी टखनों ने मेरे घुटनों को छुआ क्योंकि मैं टाँगे मोड़ कर क्रॉस लेग्ड बैठा था और मेरे घुटने बाहर की ओर थे। वह मेरे माथे को पकड़ कर करते हुए मेरे ऊपर खड़ी हो गई।

वह अब कांप रही थी। उसे पता था कि उससे क्या उम्मीद की जा रही थी। उसने महसूस किया कि रात की ठंडी हवा उसके सबसे निजी अंगों को सहला रही है। उसका चेहरा लाल था। उसने धीरे से मेरे अपने हाथो को मेरे कंधों पर दबाया, मैं उसका बैठने के लिए इंतजार कर रहा था ।

उसने अपने घुटनों को नीचे झुका दिया और जहाँ तक मैं बैठा था उसके स्तर तक नीचे आ गई। मैं अभी भी अडिग बैठा हुआ था। उसने जल्दी से अपनी पलकों हो थोड़ा-सा खोल दिया यह देखने के लिए कि मैं क्या कर रहा हूँ लेकिन उसने पाया की मैं कुछ नहीं कर रहा था।

रानी ने अपने पैरों को मोड़ा और अपने शरीर को नीचे किया। राजमाता अपने गुप्त अवलोकन स्थल से रानी के पैरों को नाटकीय रूप से फैला हुआ देख सकती थीं। मेरी आंखें बंद थीं। जूही को मालूम था कि अगर मैंने आँखें खोल दी होती, तो मैं उसकी योनी की स्पष्ट सामने देख पाता। "

उसने अपने शरीर को नीचे करना जारी रखा। उसने मुझे संतुलन बनाए रखने के लिए पकड़ रखा था। इस बीच मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर और दूसरा उसके कंधे पर चला गया था। मेरा हाथ जो निष्क्रिय रूप से कंधे पर था, उससे रानी को धीरे से नीचे को दबाया और फिर धीरे से स्तन की बढ़ा। "

"वह जोर से हांफने लगी क्योंकि उसका योनि क्षेत्र ने मेरे लिंग के सुपांडे की रूपरेखा को सहलाया और उसकी योनि के द्वार को खोल दिया। मेरा लिंग मेरे पैरों के बीच से उठकर एक ऊपर की ओर इशारा करते हुए खड़ा फुफकार रहा था। सहज रूप से, उसने अपने घुटनों को ऊपर उठाया और नितम्बो को नीचे जाने दिया जिससे उसके नितम्बो का तल मेरी गोद में उतर गया। उसे ऐसा लगा था कि वह तलवार पर गिर गई थी और तलवार ने उसके अस्तित्व को चीर दिया था।"

" तेज गति में, उसकी गांड पूरी तरह से मेरी गोद में फिट हो गई थी। उसकी योनि खुली हुई थी और उसका लिंग उसके गर्भ तक घुसा हुआ था। मेरी और उसकी जांघों के कारण कोई रुकावट नहीं आई, जबकि मैं अभी भी क्रॉस लेग्ड बैठा था। उसके पैर उठे और मेरी कमर को पार कर गए थे। उसके हाथ अब मेरे कंधों पर टिके हुए थे।

उसे ऐसा लगा जैसे प्रवेश करने के बाद लिंग का आकार बढ़ गया हो। उसने लंड को सुपाड़ी को फूलते हुए महसूस किया, जो कंपन जो उसके अंदर समाया हुआ था। ऐसा लगता था कि मांस का वह खंभा उस म्यान से बात कर रहा था जिसने उसे घेर लिया था। वह कांप उठी, वह उत्तेजना से संभोग सुख की कगार पर कांप रही थी!

" जैसे ही उसके अंदर कंपन पैदा हुआ, उसने अपने कूल्हों को हिलाया। वह घुड़सवारी करना चाहती थी।

फिर में उनके नीचे और भाभी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मुझे उस समय बहुत मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। भाभी बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे जूही उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी।

" वह शक्तिशाली कंधों को पकड़ कर एक जोर की प्रतीक्षा कर रही थी जिसे वह लगातार ऊपर और नीचे ले जाकर मुझे प्रेरित करती थी। मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया... जब मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों की आह निकलती थी ।

उसके गीले होंठ एक चुंबन के लिए अलग हो गए थे और उसने अपने होंठो को मेरे होंठों पर लगाया और हमारी जीभ आपस में गुथम गुथा हो गयी। उसके बाद जूही मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. उसके स्तन मेरी छाती को दबा रहे थे। उसका योनि की दीवारें, इस प्रकार खुली हुई, मेरे बड़े लिंग से अलग फैल गईं।

।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो जूही सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी ... मैं जूही को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने जूही भाभी की जम कर चुदाई की। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और उसने लिंग को अपना पानी पिलाया,। उसने एक अप्रत्याशित लेकिन अपरिहार्य यौन उत्कर्ष महसूस किया।

उसने अपने पैरों को मेरी पीठ के चारों ओर बंद कर दिया। उसकी बाहें मेरे कंधो के चारों ओर चली गईं और उसके हाथ मेरी गर्दन के चारों ओर लपेटे गए। उसने मेरे लिंग पर नियंत्रण के लिए अपने गहराई को छोड़कर खुद को ऊपर उठाया। वह जानती थी कि कैसे चुदाई करवानी है वह योनि और लिंग के बीच बातचीत नहीं बल्कि द्वंद्व चाहती थी। वह चोदना चाहती थी। वह चाहती थी की मैं एक बार फिर स्खलित होकर अपने वीर्य से उसकी योनि भर दू।

जूही ने आनद की तालाश में अपनी योनि को लंड पर घुमाया और आनंद की तलाश की ।

वह बहुत खुश हो गयी जब मेरे हाथों ने उसके नितम्बो को पकड़ लिया, और मेरी उंगलियों ने उसकी गांड के मांस को सहलाया। उसने विजय को अपनी पहुँच के भीतर महसूस कीया। लेकिन उसकी खुशी अल्पकालीन थी क्योंकि मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था, जिससे वह हिलने-डुलने में असमर्थ हो गई। ' महसूस करो। अनुभव करो और देखो, "मैंने उसे आज्ञा दी, अब मैंने अपनी का उपयोग किया और जो उसे अनुभव हुई और साथ में दिखाई दे रही थी, मेरी शक्ति स्पष्ट थी और वह अवज्ञा करने में असमर्थ महसूस कर रही थी।"

वह खुश थी कि लिंग बड़ा हो रहा है। उसके अंदर दबाव बढ़ रहा था। वह इसलिए भी खुश थी कि यह उसमे प्रवेश करने के बाद ही बढ़ रहा था। उसे मेरा लिंग जितना बड़ा लग रहा था उसे अंदर लेने का विचार डरावना था। वह मेरे साथ चिपकी हुई यह सुनिश्चित कर रही थी कि अगर वह हिल नहीं सकती, तो कम से कम वह मेरे साथ चिपक तो सकती है।

एक बार फिर लिंग ने अपने मांस की परिपूर्णता में स्पंदन और-और कंपन करना शुरू कर दिया। लुंड अपने शीर्ष पर एक गुब्बारे की तरह फूला हुआ था, ऐसा लगा जैसे लंड के हर बिंदु पर हर कोशिका योनि की दीवार पर हर कोशिका को सहला रही हो। मैंने रोजी के साथ अपने पहले सम्भोग के दौरान मानसिक सम्भोग का अनुभव किया था । किन्तु ये उससे भी आगे का अनुभव था और ये उसी अंगूठी की शक्तियों का कमाल था ।

जूही बोली कि वह मेरे लिंग को अपने गर्भ में महसूस कर सकती थी। ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। योनि की धड़कती सुरंग की मामंसपेशिया दृढ़ता से लिंग को पकड़ रही थी। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने महसूस किया कि उसकी योनि लिंग के साथ संकुचन करते हुए कंपन कर रही है।

अब लिंग और योनि एक हो एक गति से स्पंदन कर रहे थे ।

"मैं," उसने हांफते हुए कहा, "मैं कगार पर हूँ। ओह! आह! कुमार! मैं नहीं चाहती कि यह खत्म हो! नहीं! नहीं! नहीं! नहीं!" उसने भीख मांगी। दोनों एक-दूसरे से लिपट कर ऊपर नीचे हुए जिसमे प्रत्येक ढ़ाके के साथ दोनों 'नहीं' बोले। प्रत्येक 'नहीं' एक आक्षेप था।

अब यह अपरिहार्य था। रानी जूही ने अपने प्रेमी को सांत्वना दी। उसने मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ दौड़ाईं और कहा, "श! श! इट्स ओके," उसने अपनी एड़ियों को एक साथ पकड़े हुए मुझे शांत किया। मैंने उसके स्तनों के बीच हाथ फेर दिया और उसकी छाती को पकड़ लिया।

"पीछे लेट जाओ! वापस लेट जाओ!" राजमाता से आग्रह किया। "कुमार उसे भर दो," सास ने प्रसन्नता व्यक्त की।

मैंनेउसके स्तनों को उसकी निर्दयता से पकड़ लिया और उसके शरीर को सहारा देकर लिटा दिया।

"लो सम्भालो!" मैं चिल्लाया, "मैं आ गया! मेरे प्रिय! मेरी जूही! मेरी रानी! याआआआह!"

"हाँ, हाँ, हाँ, मुझे भर दो, मुझे अपना प्यार दो" जूही ने कहा, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसके हाथ मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे बालों में दौड़े।

मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर नितम्ब उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लुंड फिर पूरा अंदर समां गया और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये।

तभी भाई महाराज ने राजमाता को सम्बोधन करते हुए बधाई दी और फिर भाई महाराज के पीछे-पीछे पिताजी माँ, महारानी और अन्य रानियों ने राजमाता और भाई महाराज को बधाई दी की गर्भधान का प्रथम प्रयास संपन्न हो गया है और फिर राजमाता ने बोलै इस बधाई की सबसे पहली पात्र तो रानी जूही और कुमार हैं ।

अब ये सुन कर एक बार फिर जूही ने शर्मा कर खुद को मेरे बदन में छुपा लिया । कुछ देर बाद मैं जूही से अलग हुआ और मैंने जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था और फिर मैं उसके साथ चिपक कर लेट गया और दोनों चुंबन करने लगे और फिर पता नहीं दोनों कब सो गए ।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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Superb update raani juhi aur kumar ka garbhadhan ka pahla padav ab khatam hua ab aage aur raniyon ka kya haal hota fir kumar ki shaadi hone wali hai toh maje hi maje honge
 
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स्टोरी पढ़ने और तारीफ करने के लिए शुक्रिया
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II


विवाह

CHAPTER-1

PART 70

भोर में उठो




भोर में सुबह पांच बजे मेरी आँख खुली तो जूही भाभी मुझसे से चिपट कर सो रही थीं। वे मेरे सीने से लिपटी हुई सोते हुए बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थीं, उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया। सोते देख मुझे उन पर प्यार आ गया और धीरे से मैंने उनको चूम लीया। मेरे स्पर्श से वह जग गईं और बड़े प्यार से बोलीं-मेरी आँख लग गयी थी।

मैं उनके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं। मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीं। मैंने भी उनकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली, तो उनका शरीर सिहरने लगा और वे रिसने लगीं क्योंकि मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी। मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और उसके बाद मैं अपने हाथों से उनके मस्त मोमे दबाने लगा। एक पल बाद ही मुझे उनका निप्पल कड़ा होता-सा महसूस हुआ।

अपनी उंगलियों से मैंने निप्पल को खींचा तो जूही भाभी कराह उठीं-आआह मेरे राजा धीरे ... बहुत दुख रहे हैं।

मैंने निप्पल को किस किया और फिर उनके होंठों को चूमा। मैंने पूछा-भाभी आपकी तबीयत कैसी है?

"जी खुद देख लो और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया। वह नग्न ही थी उनकी चुत एकदम सूजी हुई थी। मैंने प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया ..."

उसके नग्न पेट के निचले हिस्से पर अपना हाथ चलाते हुए अपने हाथ योनि पर ले गया मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी मैंने कांपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, मैंने धीरे से उसके निचले होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी के भीतर डाला।

मेरे स्पर्श पर रानी जूही कराह उठी, लेकिन मुझे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जैसे ही मेरी चुभती हुई उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, उसने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और खुद को दूर खींचने का प्रयास किया। मैंने उसकी दर्द और विस्मय भरी प्रतिक्रिया देखते हुए अपनी उंगली वापस निकाल ली और उसके स्तनों और पेट के साथ खिलवाड़ किया, अपनी उंगलियों के बीच स्तनों के नरम सफेद मांस को सहलाने के बाद और उसके प्रहरी जैसे निपल्स को तब तक सहलाया जब तक कि कठोर नहीं हो गए।

तो रानी जूही बोली मेरे राजा, पहले मुझे चोदो ... फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना ... लेकिन धीरे से चोदना ... ताकि दर्द न हो।

मेरे ढीले लण्ड में आहिस्ते-आहिस्ते आ रहा तनाव जूही की आँखों से छुप ना पाया। देखते ही देखते उनकी आँखों के सामने मेरा लण्ड अपने आप ही ठनक कर खड़ा हो गया। लण्ड के अर्ध उत्तेजित हो गया और लंडमुंड कि चमड़ी खुद ब खुद मुड़ कर पीछे खिसक गई और बड़ा-सा गुलाबी सुपाड़ा एकदम से बाहर निकल आया। मेरे लण्ड के मोटे सुपाड़े को यूँ एकदम नज़दीक से देखकर जूही के गाल शर्म से सुर्ख लाल हो गएँ और शर्मा कर उसने अपनी पलकें एक क्षण के लिए नीचे झुका ली, फिर मुस्कुराते हुए नज़रें वापस से उठाई!

मेरे स्पर्शों और दुलार ने मुझ पर उत्तेजक प्रभाव किया; मेरे अंदर के जोशीले आदमी ने अब महसूस किया कि मेरी भावनाएँ तेजी से उत्तेजित हो कर उभरती हुई अवस्था में उठ रही है। मेरा औजार पूरी तरह से सूज गया और नीली नसें गुलाबी सफेद सतह पर मजबूती से उभर गयी थीं, मैं अत्यधिक उत्तेजित ही गया और मेरा लंड पूरा कठोर हो गया। रानी जूही को अपने पास खींचते हुए मैंने अपने बोल्ड हाथों को सुंदर रानी की फिगर के ऊपर बेतरतीब ढंग से फिरा दिया।

"नीचे, रानी और नीचे उस वस्तु को महसूस करो जो इस आनद का कारण है," मैंने उससे कहा। मेरी नब्ज आपकी प्रेम की गुफा में धड़क रही है। "इसे मेरे लिए निचोड़ो और इसे वैसे ही उछलो जैसे तुमने कल किया था। अब आओ, सुंदरी।"

अपने प्रेमी की इच्छाओं के अनुपालन में, उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँच गया और उसने मेरे खड़े हुए अंग की विशाल चौड़ाई को हाथ में पकड़ने की कोशिश की और मेरे अंडकोषों को निचोड़ा और मालिश की जिससे मुझे कामुक संवेदनाओं का अनुभव हुआ।

"अद्भुत, शानदार" मैंने फुसफुसाते हुए अपने चेहरे को उसके निप्पलो और-कठोर स्तन में दबा दिया और अपने होठों के भीतर स्तन के एक कट्टर प्रहरी को घेर लिया। "

जूही ने अपनी नंगी टांगें फैला दी, अपना हाथ नीचे डाल कर मेरा लंड पकड़ा सुपडे पर हाथ फिर्या और दबाया और फिर लण्ड का सुपाड़ा अपनी उंगलीयों से टटोल कर पकड़ लिया और अपनी चूत के छेद पर टिका लिया।

नरम छेद का सुपाड़े पर स्पर्श पाते ही मैंने तनिक देर भी और प्रतीक्षा किये बिना ही एक तेज धक्का लगाया और सूजा हुआ लंड मुंड तेजी से रानी जूही की जांघो के बीच उसकी योनि में गायब हो गया और फिर मेरी गेंदे और नंगी जाँघे उसकी नंगी जाँघों से ऐंठने वाले झटके में टकरा रहे थी।

मैंने धक्का मारा तो वह ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया।

वह मुझे और अधिक देना चाहती थी, अधिक प्राप्त करना चाहती थी, अधिक लेना चाहती थी और वास्तव मेंखुद को मेरे प्रति समर्पण करना चाहती थी। मैं उसे बिना रुके चोदता रहा अनवरत चुदाई से आनंदविभोर हुई जूही अब अपने नितंब उछाल-उछाल कर मेरा लण्ड अपनी चूत में लेने लगी। मेरा अंडकोष फिर से वीर्य के गरम बुलबुलों से भर गया। चरमोत्कर्ष के अंतिम क्षणो में मैंने जूही को पूरी गति बढ़ा कर तेजी और पूरी शक्ति से चोदा और फिर जल्द ही जब पहला शॉट लंड से निकला और जूही जोर से चिल्ला पड़ी, "माँ! कुमार ने मुझे भर दिया है।"

मैं अब राजमाता के निर्देशों को लगभग भूल गया था। पहले शॉट के बाद, जिसके दौरान मेरा लिंग उसमें गहराई से समा गया था, मैं उस पर गिर पड़ा। ये जूही और मेरी पहली चुदाई की सुबह थी और फिर जूही की सुंदरता और योनि का कसाव पूरी तरह से अभिभूत कर देने वाला था। मैं उस पर लेट गया, उसके स्तन हमारे बीच दब गए और मेरा शरीर कांपने और ऐंठने लगा। मेरे वीर्य कई शॉट्स में निकला, कुछ कठोर, कुछ कमजोर, कुछ लम्बे और बहते हुए, अन्य मामूली ड्रिब्ल्स थे।

जूही ने मुझे सहलाया। वह मुस्कुराई और उसने महसूस किया कि मेरा प्रचुर वीर्य एक बार फिर उसके अंदर फैल गया है। काम तो हो गया, लेकिन उसे लगा अभी बहुत कुछ पूरा करना बाकी था।

उसने कुतरते हुए मेरे कान को चूमा। वह मेरे कान में फुसफुसाते हुए 'आयी लव यू' बोली और अपने कूल्हों और टांगो और बाजुओं को हिला कर मेरे शरीर को अपने आप में समेट लिया और दोनों चिपक कर लेट गए और मेरा लिंग उसकी योनि के अंदर ही था।

फिर कुछ देर बाद जैसे झटका लगा, हम दोनों के कंधे पर थपथपाया गया; मैंने आँखे खोल कर देखा तो सामने राजमाता थी। यह हमारे लिए अलग होने का संकेत था। हम दोनों और कस कर चिपक गए तो राजमाता ने पुनः थपथपाया और बोली कुमार उठो!

और देखो तो... इतनी निर्दयता से कोई किसी स्त्री को भोगता है क्या? "। राजमाता ने जूही कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा तो जूही को अपनी नग्नता का एहसास हुआ और लज्जावश अपनी टांगों को एक दूसरे से चिपका कर अपनी फटी हुई चूत को उनके मध्य दबा लिया। राजमाता आगे बोली।" ये पुरुष भी ना। परस्त्री के साथ संसर्ग कि ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाला? "

जूही ने एक हाथ से किसी प्रकार अपनी नंगी चूचियों को ढंका तो दूसरे हाथ से अपनी खुली हुई चूत को ढकने का प्रयास करने लगी। "मैं आऊँगी," रानी जूही मेरे कान में फुसफुसायी। और मुझे चूमने लगी । मैंने खुद को रानी से अलग किया जो अब कुंवारी नहीं है। हम दोनों नग्न थे, मेरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था, रानी का शरीर भी मेरे पसीने से भीगा हुआ था। या यह उसका था? शायद दोनों का था।

जैसे ही उसने खुद को ऊपर उठाया, राजमाता ने अपने हाथ से मेरे लिंग को पकड़ लिया जी उसकी योनि के अंदर ही था और उसे देखकर मुस्कुरायी। मेरा हथियार ने कोई कठोरता नहीं खोई थी, वास्तव में यह फिर से कठोर हो गया था।

"हे भगवान!" रानी जूही फुसफुसाई मेरे स्तम्भन को राजमाता ने सहलाया। "उम्मम्म!" स्पर्श से रोमांच महसूस करते हुए रानी जूही कराह उठी।

तभी महाराजा और राजमाता के पीछे से दौड़ती हुई रानी जूही की प्रमुख अनुचर और सखी नैना ने कक्ष में प्रवेश किया। उसके के हाथों में एक ओढने के लिए उपयोग कि जाने वाली बड़ी-सी चादर थी। दौड़ कर बिस्तर तक पहुँची और अपने हाथों में लिए चादर को नंगी जूही के ऊपर और-और एक धोती को मेरे ऊपर फेंक दिया। जूही और मैंने तुरंत उस चादर अपने शरीर पर खींच कर समेट लिया और खुद को पूरी तरह से ढंकते हुए अपना सिर नीचे झुका लिया।

राजमाता ने अपनी बहू के नाजुक स्तनों को ढंग से ढँक दिया और महाराज ने मुझे धोती पकड़ा दी।

मैं इशारा समझ गया और उठ खड़ा हुआ।

रानी जूही ने बेशर्मी से अपना हाथ मेरी टांगो के बीच में नीचे खिसका दिया और तर्जनी और मध्यमा उंगली से मेरे कड़े औजार की मोटाई को मापा।

"वास्तव में," जूही फुसफुसायी। "देखो माँ! वह हमेशा की तरह सख्त और मोटा है," उसने कहा, उसकी आवाज प्रशंसा से भरी हुई थी।

"कुमार अब आप जाओ!" राजमाता ने तेजी से आदेश दिया इस बीच उनकी निगाहें अपनी बहू की योनी से फिसलते हुए सह-लेपित लिंग पर टिकी हुई थीं। "भाग्यशाली कुतिया," उसने अपने बेटे की पत्नी के बारे में सोचा। जब मैंने "जी राजमाता!" बोल कर आदेश का जवाब दिया, तब तक दोनों महिलाओं ने अपने विवेक को त्याग दिया था और उनकी निगाहें मेरे कठोर लंड पर टिकी रहीं, क्योंकि उस समय मैं कमरे में इधर-उधर घूम का अपने वस्त्र एकत्रित कर रहा था।

रानी जूही ने अपनी उँगलियों को ढीला कर दिया और लंड धीरे से उनके हाथ से फिसल गया। राजमाता ने उस रात में मेरी 'उपलब्धता' के बारे में सोचते हुए मेरे लंड को एकटक देखती रही। जैसे ही उन्होंने अचंभित देखा मैंने लंड को धोती में ढक लिया और झटपट कमर में धोती लपेटकर रीति के अनुसार, पीछे हटाता हुआ कक्ष से बाहर चला गया और इस बीच कभी भी उनकी ओर पीठ नहीं की।

सास-बहू ने अंतिम क्षण तक मेरी टांगों के बीच मेरे अकड़े हुए लिंग का धोती बाँधे जाने के दृश्य का पूरा आनंद लिया।

अगर संसेचन सफल रहा तो ये अब रानी माँ का काम था कि वह राज्य के वारिस के वाहक की संरक्षक हो और देखभाल को व्यवस्था करे। उन दोनों के द्वारा देखे गए पौरुष और ऊर्जावान प्रदर्शन के अनुसार यह प्रयोग सफल रहा था और उन्हें महाराज ने बधाई दी।

महाराज ने उसके बाद डॉक्टर को और रोजी को बुलवाया और जूही की जांच करने की आज्ञा दी ।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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Superb update 🙌 akhir suhagrat ka sukhad samapt shubah ke sambhog se hua ab aage kya hota hai ye dekhna dilchasp hoga
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

नयी भाभी की सुहागरात

CHAPTER-2

PART 15

रानी गर्भवती हुई है या नहीं?



महाराज ने डॉक्टर और रोजी को बुलवाया ताकि वह जांच करे की रानी गर्भवती हुई है या नहीं?

सबसे पहले रोजी राजमाता के कक्ष में उपस्थित हुई और फिर पूरी बात सुनकर रानी जूही की जांच की और बताया की सहवास के दौरान कौमार्य की झिल्ली क्षत विक्षत हो गयी है और योनि मार्ग खुल गया है, लिंग के प्रहारों से गर्भशय के द्वार पर और योनि में वीर्य के बहुत सारे अंश मौजूद है । लेकिन अभी ये पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी जूही गर्भवती हो गयी हैं व नहीं । ये बात चीत अभी हो ही रही थी की लेडी डॉक्टर भी आ गयी?

डॉक्टर साहिबा ने भी जूही रानी की जांच की और फिर यही सब दोहराया की अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी गर्भवती हो गयी है ।

तो राजमाता ने पुछा की इसकी पुष्टि कब होगी तो डॉक्टर बोली इसके लिए थोड़ा इन्तजार करना होगा और कुछ टेस्ट और करवाने होंगे

अधिकांश गर्भावस्था परीक्षण आपके मासिक धर्म के समय पर न होने पर पहले दिन ही किए जा सकते हैं। यदि ये सुनिश्चित नहीं हैं कि रानी साहिबा का मासिक धर्म कब हो रही है-या यदि उनकी अवधि अनियमित है-तो असुरक्षित यौन सम्बंध स्थापित होने के कम से कम 10 दिन बाद परीक्षण कर कुछ निश्चित तौर पर कहा जा सकता हैं।



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कुछ अतिरिक्त संवेदनशील गर्भावस्था परीक्षण हैं जो रानी साहिबा के पीरियड्स ना होने से पहले किए जा सकते हैं। इनमें से कुछ गर्भधारण के आठ दिन बाद ही पूरे किए जा सकते हैं। जिसके लिए योनि क्षेत्र और खून के टेस्ट करने होंगे और फिर उन्होंने रोजी की कुछ नमूने एकत्रित कर टेस्ट करवाने का निर्देश दिया

फिर डॉक्टर बोली राजमाता लेकिन यह एक अल्पज्ञात तथ्य है कि सेक्स करने के तुरंत बाद गर्भाधान हो जाए ये जरूरी नहीं है।

वास्तव में, शुक्राणु को एक अंडे को निषेचित करने में पांच दिन तक का समय लग सकता है। उसके बाद भी, अंडे को गर्भाशय तक जाने में कई दिन लगते हैं, जहाँ वह खुद को गर्भाशय में स्थापित कर लेता है। इस कारण अधिकतर मामलो में सेक्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक में दो से तीन हफ्ते का समय लग सकता है।

फिर गंभीरता के साथ बोली राजमाता अभी आप अति उत्सुक हैं । महराज का विवाह कुछ दिन पहले ही संपन्न हुआ है । अभी इन्हे थोड़ा समय और अवसर दीजिये ताकि रानी साहिबा आपको खुश खबरि सुना सके । राजमाता वैसे तो मैंने नमूने लेने का निर्देश दे दिया है और कौन से टेस्ट करवाने हैं ये भी लिख दिया है । परन्तु अभी राजमाता आपको थोड़ा इन्तजार और करना होगा, तथा इस बीच महाराज और महारानी को प्रयास जारी रखना होगा क्योंकि महारानी अभी अपने उर्वर काल में हैं । (लेडी डॉक्टर को नहीं मालूम था कि महाराज संतानोत्पाती करने में अक्षम हैं।)

जब डॉक्टर ने ये बात कही तो रानी जूही ने भी यही बात सुन ली थी और फिर डॉक्टर चली गयी। राजमाता और महाराज चुप चाप गंभीर मुद्रा में बैठे हुए सोच रहे थे की अब आगे क्या किया जाये तो जूही रानी उनके पास आयी और बोली राजमाता आप मुझे आज्ञा दे ।

राजमाता अब सोच में थी फिर भी उनहोने जुही को बुला कर अपने पास बिठाया सर पर हाथ फेरा माथा चूमा और बोली पुत्री तुम प्रस्थान करो । स्नान इत्यादि नित्य कर्म कर के शृंगार कर लो।

तो जूही रानी बोली महाराज आप और रानी माँ मुझे आज्ञा दे और अपने कक्ष में चली गयी ।

राजमाता ने फिर महाराज को बोला आप, जूही और कुमार दो दिन के लिए गुरु देव से आशीर्वाद लेने के लिए उनके आश्रम चले जाओ ।

मैं अपने कमरे में आ गया और स्नान किया थोड़ा बहुत नाश्ता किया और फिर विश्राम करने चला गया ।

मैं अद्भुत असौंदर्य की मलिका रानी जूही के सुंदर स्तनों, उसकी चूसने योग्य योनी, कोमल अंगो वक्रों के बारे में सोचकर अपने बिस्तर पर उछल पड़ा। रानी के बारे में सोच कर मेरा लिंग बिलकुल कठोर था और अब मैं हस्तमैथुन नहीं करना चाहता था। उसका क्या मतलब था जब उसने कहा कि वह मेरे पास आएगी? क्या वह आज रात? अगर हाँ, तो मैं हस्तमैथुन करके मौका गंवाना नहीं चाहता था। यह सब सोचते-सोचते मैं सो गया।

फिर जूही रानी ने एक लबादा ओढ़ा और चुपके से गुप्त मार्ग से मेरे कक्ष में आ गयी उसने लबादा उतारा और मेरे साथ लिपट गयी,

अपनी संपत्ति को महामहिम के छोटे हाथ में बंदी बनने पर मैं जाग गया। वह मेरे कान में फुसफुसायी। "अगर हम इस पर ध्यान देने जा रहे हैं," जूही ने विशाल लंड को प्यार करते हुए कहा, "यह मेरे कक्ष में होना चाहिए। मैं नहीं चाहती कि राजमाता मुझे गायब पाकर चिंतित हो और शोर मचा दे।"

विरोध करने में असमर्थ और विरोध करने के लिए अनिच्छुक मैंने उठने के लिए उनका हाथ दूर हटाने का प्रयास किया लेकिन रानी जूही ने मेरी धोती को एक तरफ खींच लिया और मेरे लंड को अपने मुंह से ढक लिया।

"रानी साहिबा! मैंने विरोध किया," यह क्या है? आप यह कैसे कर सकती हैं? "

"जूही," उसने उत्तर दिया, "रानी नहीं। जूही कहिये आप को जो चाहिए वह आपको केवल और केवल जूही ही प्रदान कर सकती है।"

उसका मुँह वापस काम करने के लिए लंड को फिर अंदर ले गया। उसने लंड को लार से ढँक दिया और मेरे लंड को अपने होठों से चोद दिया। मैंने रानी जूही को बेलगाम वासना में देखा क्योंकि रानी के बाल गिर गए थे और मैंने उसके फूले हुए गालों को अपने लंड में चूसते हुए देखा।

उसने धीरे-धीरे खुद को ऊपर खींच लिया और मेरे स्खलन पूर्व दर्व्य (प्रिकम) की लंबी धारियाँ उसके होठों से मेरे लंड तक थी। उसने जोर-जोर से सुपड सुपद की आवाजें निकालीं और मेरा लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। फिर वह चल पड़ी और मुझे अपने पीछे-पीछे चलने के लिए मजबूर कर दिया थी।

रानी इस समय एक कामुक वैश्या की तरह व्यवहार कर रही थी।

लेकिन तभी रोजी मेरे कक्ष में आ गयी और उसने रानी जूही के मेरे साथ नग्न हालत में देखा रोजी के सामने थोड़ा जूही रानी थोड़ा झिझक रही है, रोजी ने उसकी झिझक दूर करने के लिए मेरे होटों पर एक चुम्मी कर दी, फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी धोती खोलने लगी और फिर उसने धोती को भी उतार कर एक साइड में रख दिया और अंडरवियर को भी उतार दिया।



bbc

मेरे खड़े लंड को जूही हैरानी से देख रही थी।

फिर रोजी ने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया और मैं भी उसके स्तनों को ब्लाउज के बाहर से चूमने लगा।

रोजी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और वह मुझको धीरे से जूही के पास ले गई और जूही का हाथ उसने मेरे लिंग पर रख दिया।

जूही पहले तो शरमाई और फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसकी सख्ती से काफी खुश लगी।

तभी रोजी ने जूही का ब्लाउज उतारना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए।

जूही के उन्नत उरोज उछाल कर मेरे हाथ में आ गए और मैं उन सफ़ेद-सफ़ेद स्तनों को चूसने लगा।

रोजी जूही की साड़ी उतारने में लगी हुई थी और फिर उसने उसका पेटीकोट भी उतार दिया। उसकी चूत सफाचट थी।

मेरा एक हाथ अब जूही के चूतड़ों को हल्के-हल्के मसल रहा था और उन रेशमी गोल-गोल गुब्बारों को बड़े ही प्रेम से सहला रहा था।

जूही भी अपनी शर्म के ऊपर उठ चुकी थी और मेरे सख्त लंड के साथ खेल रही थी।

मैंने भी अब उसके रस भरे होटों पर अपने होटों को रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा और अपनी जीभ को भी उसके मुंह में डाल कर गोल-गोल घुमाने लगा।

रोजी ने भी अपनी साड़ी उतार दी और पूरी नंगी होकर हमको मदद कर रही थी।

मैंने अब जूही की चूत में हाथ डाला तो वह बेहद गीली हो चुकी थी।

रोजी जूही को धीरे से बेड पर ले गई और मुझको भी इशारा किया और मैं भी झट वहाँ पहुँच गया और उसकी संगमरमर जैसी जांघों के बीच में बैठ गया और अपने लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख दिया।

फिर मैंने झुक कर उसके लबों पर एक गरम चुम्मी की और फिर लंड को हल्का धक्का दिया और लंड काफी सारा अंदर चला गया। एक और धक्का और लंड पूरा का पूरा अंदर था।

रोजी जूही के साथ पूरा न्याय कर रही थी और उनको खूब चूस रही थी, जूही की आँखें बंद थी और वह चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी।

हल्के धक्कों के बाद मैंने अब तेज़ी दिखानी शुरू कर दी और थोड़े ही तेज़ धक्कों के बाद जूही छूटने लगी और वह ज़ोर-ज़ोर से हाय-हाय करने लगी और उसने मुझको कस कर अपनी बाहों में बाँध लिया।



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मैंने अपने लंड के हमले जारी रखे, कभी तेज़ और कभी आहिस्ता, कभी लंड को पूरा निकाल कर फिर पूरा डालना जारी रखा।

कुछ मिनटों में जूही फिर झड़ने की कगार पर पहुँच चुकी थी और इस बार उसने बहुत ही ज़ोर का स्खलन किया और चूत में से बहुत-सा रस भी बहा।

रोजी ने इशारा किया और मैं उसकी चूत के ऊपर से उतर गया, मेरा लंड से जूही का रस टपक रहा था।

मैं जूही के साथ लेट गया और उसके सिल्की स्तनों के साथ खेलने लगा, उसका भी एक हाथ मेरे खड़े लौड़े के साथ खेल रहा था।

मेरे दूसरी तरफ तो रोजी लेटी थी और वह मेरे अंडकोष के साथ खेल रही थी।

तभी जूही उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में खुद ही डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी।

मैं उसके मम्मों के चूचुकों को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा।

थोड़ी देर में ही जूही फिर झड़ गई।

मैंने अब अपनी चुदाई का स्टाइल और स्पीड सिर्फ अपना छुटाने के लिए शुरू की, उस घोड़ी बनी हुई संगमरमर की मूर्ति जूही को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।

अब मुझको जूही के छुटाने की फ़िक्र नहीं थी बस अपना वीर्य उस की चूत की आखिरी गहराई तक पहुँचाने की कोशिश थी।

कोई 10 मिन्ट तेज़ धक्के मारने के बाद मुझको लगा कि मेरा वीर्य के छूटने के कगार पर पहुँच रहा है तो मैंने जूही के मोटे चूतड़ों को अपने हाथों में उठा लिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से 4-5 धक्के मारे और अपने फव्वारे को छोड़ दिया।

ऐसा करते वक्त मेरा लौड़ा चूत की आखिरी गहराई में मैंने गाड़ दिया और जूही की फुदकती गांड को कस कर अपने हाथ में पकड़ कर रखा जब तक मेरा पूरा वीर्य नहीं छूट गया।

रोजी के इशारे से मैंने जूही की गांड को ऊपर ही उठाये रखा जब तक रोजी ने इशारा नहीं किया और मेरा लंड भी उसकी चूत में पड़ा रहने दिया और उसके ऊपर ही गिर गया ।

उधर राजमाता भी रात भर सो नहीं पायी थी इस लिए आराम करने चली गयी । बिस्तर पर लेती हुई राजमाता सोच रही थी की कल की रात एक अजीब-सा पागलपण लिए हुई रात थी। उन्होंने अपने दिवंगत पति के युवा भतीजे राजकुमार द्वारा अपने बेटे की पत्नी के संसेचन की देखरेख में रात बिताई थी। यह योजना के अनुसार यथोचित रूप से चला गया था लेकिन युवा बालक और रानी दोनों वासना में बह गए थे और ये कोई आश्चर्य की बात नहि थी क्योंकि दोनों युवा है, रानी बहुत सुंदर है और भतीजा भी स्मार्ट है और लम्बे और विशाल लंड का मालिक है।

राजमाता हम दोनों की भावनाओं की कद्र करती थीं, लेकिन उन्होंने हमे सख्त हिदायत दी थी की पूरी प्रक्रिया कैसे करनी है। एक मायने में, हम दोनों ने आंशिक रूप से उनकी अवज्ञा की थी, भले ही वह क्षण की गर्मी ही क्यों न हुआ हो लेकिन अवज्ञा तो हुई थी। वह मुझे रानी के शाही स्तनों से छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी। वह रानी को मेरे नितम्बो पर अपनी एड़ी कसने और रगड़ने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि उस समय हम दोनों सहवास कर रहे थे और वह खुद भी ये उत्तेजक दृश्य देख बेहद उत्तेजित हो गयी थी।

"ठीक है अभी तक तो सब कुछ ठीक ही हुआ है लेकिन क्या मुझे उसकी योनी को बहने से रोक रोकना चाहिए था या मझे रानी के साथ चुदाई करते हुए अतिरिक्त कठोर होने से रोकना चाहिए था!" उसने मन ही मन सोचा। ऐसी स्थितियों में हस्तक्षेप की सीमाएँ हैं। फिर भी, चीजें काफी अच्छी तरह से हो गईं थी। भतीजे और उनकी पुत्रवधु ने अपने लिए निर्धारित कर्म कर दिया था और जब उसने हमें रुकने और अलग होने का आदेश दिया था, तब हमने खुद को वापस खींच अलग कर लिया था।




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वासना कम होने के बाद, मैंने और रानी दोनों ने विवेक के साथ व्यव्हार किया था और उनके देशों का पालन किया था। और फिर उन्होंने मुझे रानी के साथ अधिक देर तक रहने का समय नहीं दिया था ताकि बाद में कोई अन्य समस्या उतपन्न न हो।

लेकिन मेरे पसीने से तर शरीर और चुदाई के बाद भी विशाल और कठोर लिंग की छवियाँ उनके दिमाग में बस गईं थी। सम्भोग के दौरान रानी जूही की जंगली प्रतिक्रिया ने उन्हें ईर्ष्यालु बना दिया था; रानी माँ ने कल्पना की कि उसकी बहू को अपने अंदर हमले का वह व्यापक हथियार कैसा लगा होगा कि वह आनंद के इतने प्रचंड प्रदर्शन के साथ व्यवहार करे। उनके दिमाग में ये सभी चित्र चल रहे थे और वह उनकी विवेचना कर रही थी और राजमाता का हाथ को नीचे गया और अपनी योनि की सिलवटों को उन्होंने निश्चित रूप से स्वता संभोग के लिए सहलाया और वासना उनके थके हुए शरीर पर हावी हो गयी थी।

जूही की चुदाई के दृश्य का समरण करते हुए राजमाता ने अपना दाहिना हाथ अपने स्तन पर रखकर स्तन को धीरे-धीरे दबाने लगी और अपनी एक उँगली से चुचक को हल्के-हल्के कुरेदने और सहलाने लगी । चुचक सहलाने से वह उत्तेजित हो गयी और अपना एक हाथ घाघरे के अंदर डाल कर अपनी योनि को सहलाने लगी । कई दिनों बाद आज वह अपने बदन से खेल रही थी। राजकुमार किस तरह से रानी जूही की धुआँधार चुदाई कर रहा था यही सोचते-सोचते रानी माँ का हाथ अपनी योनि पर चला जाता है और वह अपनी योनि को रगड़ते हुए हस्तमैथुन करने लगती है।

एक हाथ से वह अपने स्तन का मर्दन कर रही थी और दूसरे हाथ से योनि को तेजी से रगड़ रही थी। योनि रगड़ते-रगड़ते रानी माँ को मेरे लिंग की याद आयी और वह बड़बड़ाई है कितना बड़ा और विशाल लिंग है कुमार का ऐस लंड तो महाराज का भी नहीं था और जब ऐसा लिंग योनि के अंदर हलचल मचा देता है तो कितना आन्नद आएगा वह ये कल्पना करने लगी और इन खयालों से उसकी बुर एकदम गीली हो गई और योनि रस छोड़ने लगी। अब उसका योनि मार्ग एकदम चिकना हो गया और उसकी एक उँगली अंदर चली गई जिससे उसकी आह निकल गई. अब वह अपनी उँगली अंदर बाहर करने लगती है और साथ ही अपने चुचुको को भी मसलते हुए मदहोस होने लगी । अपनी बुर रगड़ते-रगड़ते वह मन में बुद्बुदाने लगती है कि हाँ मुझे भी ऐसे ही लंड का आनद लेना है उसे अपने हाथ में लेकर प्यार करना है। यह सोचते हुए राजमाता अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच जाती है और उसकी योनि पानी छोड़ गयी और रानी माँ निढाल हो कर बिस्तर पर गिर गयी

रानी माँ अभी जाग रही थी और उनकी प्रमुख दासी नीला आयी और उनकी टाँगें दबाने लगी । तो रानी माँ बोली नीला वहाँ से तेल की बोतल उठा ला और मेरे पैरो पर लगा के मालिश कर दे

नीला तेल उठा कर ले आयो और जब तेल लगा के मालिश कर रही थी तो उन्हो ने बोला के थोड़ा और ऊपेर तक कर और फिर इसी तरह से थोड़ा और ऊपेर थोड़ा औरऊपेर करते-करते मुझे महसूस हुआ के नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गये है और फिर नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गए और उसने रानी माँ की छूट को गीली पाया और फिर एक दम से रानी माँ ने नीला के हाथो को अपनी चूत से लगाए-लगाए ज़ोर से अपनी जाँघो से नीला के हाथो को दबा लिया और उनके मूह से बोहोत ज़ोर सेसस्स्स्स्स् स्सकी आवाज़ आईई और नीला को उनकी चूत में से रस्स की स्मेल आई और उनकी चूत का रस्स नीला की उंगलिओ पर लग गया

नीला ने कपडा उठा कर अच्छे से राजा माता की योनि को पोछने लगती है जिससे योनि की मादक गंध उसके नाक तक पहुँच जाती है। नीला राजमाता की अनुचर दासी और बाल सखी थी सो उसने पुछा कि रानी आपकी योनि से जबरदस्त गंध आ रही है। किसकी याद में सुबह-सुबह योनि रगड़ा है ।

बदमाश। तू बहुत शैतान है सब मेरे मुँह से सुन्ना चाहती है तुझे मालूम तो है कि कल रात जूही की सुहाग रात थी कुमार के साथ बस उन्ही को सम्भोग करते हुए देखकर और सोचकर अपनी बुर रगड़ी है और अपनी चुचियों को मसला है। आज उनकी चुदाई और नंगे बदन को देखकर महाराज की याद आ गई की कैसे मुझे वह रगड़-रगड़ के रोज चोदा करते थे और फिर मैं गरम हो गई और बुर मतलब योनि में उँगली करना पड़ा।

चल अब जा और मुझे आराम करने दे और फिर नीला चली गयी और रानी माँ लेट गयी ।



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a poem about life that rhymes

वहाँ आ आकर रानी जूही ने पहले स्नान किया और फिर शृंगार किया । और थोड़ा हल्का नाश्ता किया और अब बोली अब हम कुछ देर विश्राम करेंगे । और अपना कक्ष बंद कर लिया ।


कक्ष बंद करते ही जूही की बालसखी और अनुचर नैना जूही के पास आयी और उसके चेहरे के चाओ और देखा जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था । नैना ने जूही की चोली को उतार दिया जिससे उसके बड़े स्तन कैद से बाहर निकल आये । और नैना बोली कुमार ने तोआपके स्तनों पर कई जगह बहुत बेदर्दी से काटा है और चूसा है जिससे निशान और नील पड़ गए है । राजकुमारी आपको कितना दर्द हुआ होगा, तनिक देखिये तो सही और फिर जूही आदमकद आईने के सामने खड़ी होकर खुद अपने को ही निहारने लगी । उसके कंधो, स्तनों और गर्दन पर नील पड़ गए थे । और उनके गुलाबी चूचक भी फूल कर लाल फिर भूरे हो गए थे, । नैना ने अपना दाहिना हाथ उठाकर जूही के स्तन पर रखकर हौले से दबाया और जूही की दर्द भरी आह निकल गयी । फिर नैना ने घाघरे का नाडा खोल दिया। नाडा खोलते ही घाघरा सरसराते हुए उसके पैरों में गिर गया जिससे जूही पुरी नंगी हो गयी । अपने आप को शीशे में पुरी नंगी देखकर जूही फिर शर्मा गयी । उसकी योनि पर झांटे साफ़ की हुई थी और योनि सूज कर डबल रोटी बन गयी थी और जैसे ही नैना ने जूही की योनि को छुआ वह तड़प कर कराहने लगी ।

और देखो तो... कितनी निर्दयता से कोमल और कुंवारी राजकुमारी को भोगा है । कोई ऐसे भी चुदाई करता है क्या? "। नैना ने जूही कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा, हाय राजकुमारी के कोमल शरीर पर कैसे नील पड़ गए हैं फिर प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया और आगे बोली।" ये पुरुष भी ना।

निचले हिस्से पर अपना हाथ चलाते हुए अपने हाथ योनि पर ले गया मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी मैंने कांपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, मैंने धीरे से उसके निचले होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी के भीतर डाला।

योनि पर स्पर्श पर रानी जूही अकुला गयी और कराह उठी,। फिर नैना ने जूही को बिठा दिया और उसकी टांगो खोल दी और फिर जैसे ही उसकी उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, जूही ने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और उसने दोनों उंगलियों का प्रयोग कर योनि के द्वार को खोला और बोली जो योनि बड़ी मुश्किल से खुलती थी उसे चौद छोड़ कर अब इतनी चौड़ी कर दी है कि अब छेद दिखाई दे रहा है । संसर्ग कि में ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाला? देखो राजकुमारी आपकी योनि कैसे सूज गयी है ।

फिर नैना बोली सच बताओ रानी राजकुमार ने आपको कितनी बार भोगा । सोने दिया या नहीं और आपकी कैसा लगा?

जूही शर्माते हुए गिनने लगी और बोली पांच बार नहीं छे बार । और फिर दो घंटे सोये और जूही बोली कुमार पहले ने जब शुरू किया तो मजा आया। फिर जब उसने अपना लंड प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ। फिर आनंद आया। कुमार ने मुझे बहुत बेदर्दी से बार-बार चौदा। मुझे बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती। मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ।

फिर नैना बोली हम्म्म इतनी सुंदर योनि को सिर्फ पांच छे बार ही चौदा, मैं पुरुष होती तो रात भर चोदती रहती ।अच्छा बाताओ लिंग कैसा था?

जूही बोली उनका लिंग बहुत विशाल, बड़ा और कड़ा है और स्पंदन करता है और मैं लिंग को अपने गर्भ में महसूस करती थी। जब लिंग स्पंदन करता है तो ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। ये अध्भुत था ।

नैना जूही की चूत पर हाथ फेरने लगी उन्हें जैसे करंट-सा लगा और उन्होंने नैना को कस कर पकड़ लिया और उस से लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। चुदाई के पालो के आननद को समरण करने से जूही की चूत गीली होने लगी, नैना ने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने नैना को मदहोश कर दिया और वह जूही की चूत को चाटने लगी, उसकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था।

नैना बोली क्या आपको अच्छा लग रहा है ?आराम मिल रहा है? तो जूही बोली हम्म्म!



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फिर उसकी चूत पर मुँह रखते ही जूही जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी और फिर वह झड़ गयी।

अब नैना बोली मैं थोड़ी सिकाई कर देती हूँ आप अब आराम कर लो ।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार


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