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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 6


चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगार



मैंने जोश में आकर उसे अपने बाहुपाश में भींच कर अपने साथ चिपकाया तो वो थोड़ी असहज हुई और मैंने महसूस किया उसके हाथो के हथफूल उसे चुभ रहे थे . मैंने कहा इन्हे निकाल दो और हाटःफूलो को धीरे धीरे निकाल दिया और उसे असहज देख कर फिर मैं बोला आप घबराओ मत । मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा जो आपको अच्छा ना लगे!’

‘म… मैं ठीक हूँ!’ उसके थरथराते होंटों से बस इतना ही निकला।

इससे पहले कि वो कुछ और बोलती मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे उस पर गज़रा बांधने लगा उसने अपनी कलाइयों में कोहनी से थोड़ी नीचे तक तो लाल चूड़ियाँ पहन रखी थी सो उन्होंने मेरी दोनों बाजुओं पर गज़रे बाँध दिए और मुझे कालिदास के दुष्यंत की शकुंतला याद हो आई। और मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और होले से उन पर अपने होंठ लगा दिए।



FLOWER

फिर कुछ देर बाद उसकी कमर पर गज़रा बांध दिया और नाभि के नीचे एक चुम्बन लेते हुए बोला ‘ तुम्हारी पतली कमर और नाभि के नीचे गज़रे की यह लटकन बहुत खूबसूरत लग रही है । मैं उसके पैरों के पास बैठ गया और फूलों से मुकुट बना कर उसके सिर पर रख दिया। वह निश्चित रूप से बहुत आकर्षक लग रही थी, और फिर मैंने उसके पैरो में, गले में भी हार दाल दिए और इस तरह उसे मुकुट और माला के साथ सजाया । और मैं बोला आप इन फूलो में बहुत सुंदर लग रही हो .

’ वो शर्मा गयी और उसने लाज के मारे अपना एक हाथ वक्ष पर रख लिया और दूसरा हाथ अपने अनमोल खजाने पर रख कर घूम सी गई।

जैसे ही वो घूमी तो उसके उसे पूरी तरह से आकार के बड़े विकसित और , गोल नितम्ब मेरे सामने आ गए, जैसे ही वह हाथ फ़ूलों को साइड में रखने के लिए थोड़ा आगे झुकी, उसकी योनि के होंठों की रूपरेखा दिखने लगी जो उसके गोल नितम्बो के गालों के ठीक नीचे उसके पैरों के बीच से नजर आ रहे थे .



round1

अब उसके बड़े दृढ़ गोल नितम्ब और गांड देख कर मेरे मुँह से बस एक ही शब्द निकला चक्रनितम्बा . लाजवाब शारीरिक सौंदर्य, वाणी की मधुरता यौवन की मस्ती, ताजगी, उल्लास और उमंग भरी यौवन भार से लदी अप्सरा को सुंदर वस्त्रालंकारों से सुसज्जित, मनमोहक अंदाज में ज्योत्सना मेरे सामने थी ।



CHAKRA2
चक्रनितम्बा

मुझे नहीं पता कि यह डर से था, या शर्म से, चाहे उसने जानबूझकर या बस हो गया था लेकिन उसके कपडे उतारने की और अनावरण की धीमी गति मेरे लिए इतनी कामुक थी, मुझे अपनी सारी ताकत उसके पास नहीं जाने के लिए इस्तेमाल करनी पड़ी

ज्योत्सना एक पल के लिए वहीं रुकी रही, और उसके दोनों हाथ उसके सिर के पीछे पहुंच गये और अपने बालों को खोल दिया । फिर उसने अपने स्तनों को छुपाने के लिए उन्हें अपने कंधों पर खींच लिया और धीरे-धीरे मेरी ओर मुड़ने लगी।

अपने पूरे कपड़े उतारने के दौरान, उसने एक शब्द भी नहीं कहा। अपने सिर और आँखों को नीचे करके, शर्म के कारण, वह धीरे-धीरे मेरी ओर मुड़ रही थी और फिर मेरे सामने सीधी हो गई जहाँ उसने अपने हाथों से अपने सबसे कीमती गहने को छुपाना शुरू किया ।

जैसे ही वह मेरे सामने हुई , मैंने उसके निहरते हुए उसके हर एक इंच में पिया, उसके सुंदर, मेंहदी से रंगे हुए पैरों से शुरू होकर और धीरे-धीरे उसके पतले, सुडौल पैरों को ऊपर की ओर ले गया। उसकी जाँघें पतली थीं, लेकिन अच्छी तरह से आकार की थीं ;

उसके सपाट, चिकने पेट में एक डिंपल, था . जैसे-जैसे मेरी निगाह ऊपर की ओर बढ़ी, मैंने देखा की उसके सुनहरे बालों ने उसके धड़ और छाती को पूरी तरह से ढक लिया। फिर मैंने उसके पतले कंधे और फिर उसका चेहरा देखा। वह मेरी ओर देखकर मुस्कुराई, उसकी आँखों में लालसा थी, मानो वो मेरी प्रतीक्षा कर रही हो, देख रही हो, और यहाँ तक कि मेरी स्वीकृति की भी आवश्यकता हो।

मैं उसकी ओर धीरे से मुस्कुराया और कहा, "ज्योत्सना, मैं तुम्हें पूरे दिल से प्यार करता हूँ! मैंने आपसे सुंदर लड़की को नहीं है! आप बहुत पप्यारी और सुंदर हो, ज्योत्सना!"


वह धीरे से मुस्कुराई और उसने धीरे से कहा, "कुमार, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, और मैं तुम्हारे लिए तैयार हूँ, लेकिन मैं डरी हुई हूँ। मुझे नहीं पता कि क्या करना है मैं आपके सामने पूरी तरह से उजागर हूं, मुझे पता है कि मैं अभी भी एक लड़की हूं, और आप मुझसे बहुत खुश होना चाहते हैं। और मुझे आशंका है कि क्या मैं आपको खुश कर पाऊंगी । "

मैंने उसका हाथ अपने में लिया और अपने कंधों पर रख लिया। फिर मैंने अपने हाथों को उसके कूल्हों पर रखा, उसे धीरे से अपनी ओर खींचा और फिर अपने हाथों को उसकी चिकनी पीठ के ऊपर ले गया जैसे वह पास आई। जैसे ही मैंने अपना सिर उसके बालों से ढके स्तनों के बीच रखा, उसने अपनी बाहें मेरे सिर के चारों ओर लपेट लीं। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया।

एक बार उसे गले लगाने के बाद, मैंने उसके बालों से ढके स्तन को एक तरफ से चूमा और कहा, "तुम मेरे लिए एक लड़की से ज्यादा मेरा प्यार हो। मैंने तुम्हारे लिए अपने मन में बेहद लगाव और प्यार अनुभव किया है और यह हर गुजरते पल के साथ बढ़ता जा रहा है।" मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा , "चिंता मत करो, मेरी प्यारी, मैं तुमसे केवल इतना ही चाहता हूँ कि आप मुझसे कुछ भी मत छिपाओ ।



आप मुझे बताएं कि आप क्या महसूस कर रही हैं, आप क्या चाहती हैं और आपको क्या पसंद है। आप जो भी महसूस करते हैं उसे बिना किसी झिझक के मुझे बताये और अपने आप को बिना किसी संयम के चीजों का अनुभव करने के लिए स्वतंत्र कर दे । आज की रात आपकी रात है मैं आपको खुश और प्रसन्न करना चाहता हूँ । यदि आप मेरे लिए ऐसा कर सकती हैं, तो आप जितना सोच सकती हैं तो मैं आपको उससे बहुत अधिक आनंद दूंगा । "

"मेरे प्रियतम! मुझे आप पर भरोसा है, और मैं वादा करती हूं कि मैं आपके कहने के अनुसार करने की कोशिश करूंगी," उसने एक मुस्कान के साथ मेरी ओर देखते हुए जवाब दिया।
"क्या मैं तुम्हारे स्तन देख सकता हूँ?"

कहानी जारी रहेगी


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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 6


वासना के ज़्वार-भाटे



उसके कुंवारे. अनभोगे शरीर , सुडौल, बेहद कड़े और भरपूर उभार और गर्म चूचियों के देखने के ख्याल मात्र से मेरा मन वासना के ज़्वार-भाटे में डगमगा उठा। हमारे होंठ एक बार फिर से मिले और मैं उसके होंठो के कस कस के चुंबन ले रहा था और फिर मैं धीरे से उनको अलग हुआ हालाँकि मैं उनकी एक झलक अभी थोड़ी देर पहले ही देखि थी लेकिन अब दुबारा देखने के ख्याल से मैं रोमांचित था और मैंने धीरे से उसे दूर धकेलते हुए, अपने हाथों को उसके कंधों तक उठाया, उसके बालों को उसकी पीठ पर वापिस डालने के और उसकी छाती को उजागर करने के लिए जैसे ही मैंने उसके बालों को धीरे-धीरे पीछे करना शुरू किया तो वो शर्म और उत्तेजना से लाल हो गयी , मैंने देखा उसके स्तन एकदम सही थे, गोल, सुडौल, बेहद कड़े और भरपूर उभार और बीच में गहरी घाटी । मैंने उसके स्तनों के आकार और रंग के बारे में जैसी भी कल्पना की थी वे उससे बढ़ कर थे । मैंने जो देखा उसने मुझे आश्चर्य में डाल दिया और मेरे होठों से एक कम कराह निकल गई।

लम्बी गर्दन, छाती पर सख्ती से सर ऊंचा कर खड़े और फुले हुए उसके स्तन मंडल जिसकी चोटी पर फूली हुई गुलाबी चेर्री निप्पलेँ ऐसे कड़ी खड़ी थीं जैसे वह मुझे आमंत्रित कर रही थीं, "आओ और मुझे मसल कर, दबा कर, चूस कर अपनी और मेरी बरसों की प्यास बुझाओ।" वो मेरे तफ लजा कर ऐसे देख रही थी मानो पूछ रही हो कैसे लगे ?

उसके स्तन गोल और दृढ़ थे और सीधे खड़े थे। स्तनों के शंक्वाकार रूप पर बल्बनुमा, फूला हुआ, गहरा गुलाबी घेरा जो गोल शीर्ष पर आकार में थोड़ा लम्बा था और निप्पल उसके इरोला की सतह पर गहरे गुलाबी चेरी की तरह लग रहे थे। मैंने हाथ से उसके पूरे स्तन को ढक लिया और जब मैंने अपनी उँगलियों को उसके घेरे में फैलाया, तो दो छोटे, पेंसिल इरेज़र के आकार के निप्पल तुरंत सख्त हो गए और बाहर निकल गए।

मैंने कहा, "आपके पास जो है वह काफी है। मैं तुम्हें वैसे ही स्वीकार करता हूं जैसी तुम हो और मैं तुमसे प्यार करता हूं।"

और उसकी छातियों को हाथों से पकड़ लिया और प्यार से सहलाने लगा , दोनों बूब्स एकदम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और सहलाने लगा ., जिन उभारो को देख के, मैं उसे पहली बार देखने से ही बेचैन था अब मैं उन्हे छू रहा था और सहला रहा था .


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जिस क्षण मेरी उँगलियों ने उसके निप्पल से संपर्क किया, वह सहज रूप से मेरे हाथों की तरफ झुक गई और नीचे की ओर देखते हुए कारः उठी , "ओह!" मैंने अपनी उंगलियों को उसके निप्पल पर कुछ देर और घुमाया और उसकी सांसें तेज हो गईं। जैसे ही मैं अपना मुँह उसके बायें स्तन के पास लाया, उसने मेरे सिर को अपनी बाँहों में लपेट लिया और मुझे अपने पास खींच लिया। मैंने उसके स्तन को कई बार चाटा . पहले उसके इरोला के चारों ओर, फिर निप्पल के पार, उसके पूरे स्तन को अपने मुंह में डालने से पहले, अपनी जीभ को उसके पूरे स्तन के चारों ओर घुमाते हुए मैंने उसके स्तन को चाटा चूमा और चूसा ।

वह चिल्लाई "ओह!" और फिर मैंने उसके दूसरे स्तन के पास जाकर कुछ और दावत उड़ाई । उसने मेरे सिर को अपने सीने से लगा लिया और उसके बाल पूरी तरह से मेरे सिर को ढँक रहे थे । वह बार-बार कांपते हुए जोर से सांस ले रही थी और मुझे लगा कि उसके घुटने कमजोर होने लगे हैं।

कुछ देर बाद मैंने उसके स्तनों को छोड़ दिया और उसे बिस्तर पर अपनी दाहिनी ओर खींच लिया और उसे जोश से चूमा। मैंने चुम्बन तोड़ा और उसकी आँखों में देखा। और हंसते हुए कहा, हो सकता है कि आपके स्तन अभी बड़े हो जाए , लेकिन वे निश्चित रूप से संवेदनशील हैं! क्या आप इसे जारी रखने के लिए तैयार हैं?"

वो केवल शर्मायी और मैं एक बार फिर ज्योत्सना को निहारने लगा और मैं बस उसे देखते ही रह गया । लजाती हुई ज्योत्सना का नग्न रूप एक रोमांचकारी नजारा था। उसका दमकता हुआ चेहरा, उसकी शानदार आकृति, उसकी लजाने के अदाए, उसके अद्भुत स्तन, उसकी शानदार गोल जांघें और टाँगे, उसके भव्य गोल और बड़े कूल्हे और नितम्ब सब कुछ सुंदर शानदार और गौरवशाली .

उसकी अंग भंगिमा देख कर उन्हें ऐसा लगा जैसे उसे जगत के विश्वकर्मा ने न बना कर स्वयं कामदेव ने बनाया हो . और अपनी सबसे ज्यादा खूबसूरत कला के नमूने को इस धरती पर मेरे लिए भेजा हो। ज्योत्सना के खुले, घने बाल उसके नितम्बो तक पहुँच रहे थे। ज्योत्सना का सुंदर लम्बी नाक, उसके रसीले होँठ, उसके सुबह की लालिमा के सामान गुलाबी गाल उसके ऊपर लटकी हुई एक जुल्फ और लम्बी गर्दन ज्योत्सना की जवानी को पूरा निखार दे रही थी।


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इस जवानी के रूप पर सोने पर सुहागा था की वो इस समय सिर्फ गहने और फूलो का श्रृंगार किये हुए थी .



लम्बी सुराहीदार गर्दन, छाती पर सख्ती से सर ऊंचा कर खड़े और फुले हुए उसके गोल सुदृढ़ गर्वित स्तनों के साथ तीखे निप्पल और पतली कमर पर बिलकुल केंद्र बिंदु में स्थित गहरी नाभि जिसके निचे थोड़ा सा उभरा हुआ पेट और जाँघ को मिलाने वाला उरुसंधि भाग , नशीली साफ़ गुलाबी चूत के निचे गोरी चिकनी जाँघें और पीछे की और लम्बे बदन पर उभरे हुए ज्योत्सना के गोल कूल्हे देख कर मेरे जैसे व्यक्ति की जिसने पहले कई खूब सूरत स्त्रियों को भली भाँती नंगा देखा था और भोगा था , के मुंह से भी आह निकल गयी।


मैंने ज्योत्सना को अपनी बाँहों में लिया और उसे पलग पर हलके से बिठाकर कर ज्योत्सना के सर को अपने हाथों में पकड़ कर उसके होँठों पर अपने होँठ रख दिए। ज्योत्सना ने अपने होँठ खोल दिए और मेरी जीभ अपने मुंह में चूस ली। काफी अरसे तक हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसते रहे और एक दूसरे की लार आपने मुंह में डाल कर इस काम रस का आनंद लेते रहे।

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 8


अध्भुत नजारा



मैं उसे बार बार थोड़ा दूर करता उसे देखता और फिर चूमने लगता . मेरी नजरे के सामने क्या अध्भुत नजारा था . वह उस समय प्रेम की देवी लग रही थी।




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मुझे इस सुंदर प्रेम गुफा क्षेत्र को देख बहुत आनंद आया। प्रेम द्वार के पहरेदार उसके ओंठ कितने मोटे थे और उन को कितनी मधुरता से उसे संभाला हुआ था । सुंदर गुलाबी सुनहरी योनि के ओंठ त्वचा की सफेदी को सुनहरी बना रहे थे, और उसकी गहरी और परिपूर्ण रेखा जैसी लग रही थी और उस शानदार पहाड़ी की ढलान दिव्य और चिकनी थी जो की पठार की तरह जो उसकी जांघों के बीच की गहरी घाटी तक गयी और उस प्रेम की गुफा में समाप्त हो गयी और जिसमें प्रेम प्रसन्नता, आनद और मजो का खजाना भरा हुआ था . आज इस बेशकीमती खजाने को वो हर्ष के अतिरेक के साथ मेरे ऊपर खुले मन से लुटाने वाली है ।


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मैंने उसके चेहरे पर छोटे-छोटे किस करना शुरू किया: उसकी आँखें, माथा, उसकी नाक का सिरा और गाल। जैसे ही मैंने उसकी ठुड्डी को चूमा, ज्योत्सना ने अपनी बाहें ऊपर उठाईं और उन्हें मेरे कंधे पर रख दिया । फिर मैं उसके गले के नीचे और उसकी गर्दन के आधार के चारों ओर चुंबन और छोटे प्यार के निशान छोड़ता चला गया। मैंने अपनी जीभ को हल्के से उसकी गर्दन के पास से उसके कान के पिछले हिस्से तक पहुँचाया, और फिर उसके कान के लोब को चूम लिया । ज्योत्सना ने नरम, गहरे "हम्म" के साथ जवाब दिया।

जब मैं चुंबन कर रहा था, मेरा हाथ धीरे से उसके कंधों, और उसके छाती क्षेत्र के ऊपरी हिस्से को और उसके स्तनों के ऊपर सहला रहा था। उसके बायी कांख के नीचे से अपना हाथ घुमाते हुए मैं उसके बाएं स्तन के नीचे की ओर गया और उसे अपने हाथ से लपेट लिया। जैसे ही मैंने उसके स्तन को अपने हाथ की हथेली से एक गोलाकार गति में दबाया, उसने "मम्मम्म, ओह्ह " के साथ संवेदनाओं को बढ़ाने के लिए खुद को थोड़ा ऊपर उठाया। मैं उसके इरोला और निप्पल को ट्रेस करते हुए उसके दाहिने स्तन के पास गया और उसकी सांस तेज हो गई। अपनी पहली और मध्यमा उंगलियों से उसके निप्पल से शुरू करते हुए, मैंने हल्के से उसकी स्तनों की दरार की सीधी रेखा का पता लगाया और उसकी नाभि को कई बार सहलायाऔर फिर , उसे जोश से चूम लिया और फिर से उसके पूरे बाएं स्तन को अपने मुंह में चूसने लगा । मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे की ओर ले गया।

मेरा एक हाथ उसके जांघो पर गया और मैंने उसे सहलाना शुरू कर दिया और उसकी मुलायम जाँघो के बीच, आगे बढ़ता गया और फिर जांघो के अंदरूनी हिसे को सहलाया और जब तक वो अपनी जाँघे दुबारा भींचती मेरी उंगलिया उसकी चिकनी जांघो को सहलाने लगी और इस बीच मेरा दूसरा हाथ उसकी जवानी के कलशो पे था और उनके दृढ और गोलाकार स्तनों को सहला और चुचकों को छेड़ रहा था।

जब मेरा हाथ उसके योनि क्षेत्र तक पहुंचा, तो मेरी मध्यमा उंगली के आगे का किनारा उसकी मांसल गद्देदार योनि क्षेत्र में फिसल गया और वह स्वाभाविक रूप से उसकी योनि के पास गया तो उसने तुरंत अपने कूल्हों को बिस्तर पर टिका दिया, अपने पैरों को एक साथ जोड़कर आश्चर्यचकित हो कर भींच दिया और कराह उठी "ओह! " मैंने फिर से उसके ओंठो पर गहराई से चूमा और वो थोड़सा रिलैक्स हुई , और अब जब मैंने नीचे हाथ हिलाया तो उसने अपने पैरों को इतना खोल दिया कि मेरे हाथ आगे जा सके । मैंने उसकी पूरे योनी को अपने हाथ में ले लिया और वह मेरे मुँह में कराह उठी। वह अब तेज, गहरी साँसे ले रही थी। फिर मैंने अपनी मध्यमा उँगली को उसकी योनि के ओंठो के बीच में और अपनी अगली और अनामिका को उसके बाहरी होंठों पर दबाते हुए उसकी पूरी योनी के ऊपर-नीचे करना शुरू किया। ज्योत्सना ने तुरंत चुंबन तोड़ दिया औरवो धीमी गति से धीमी कामुक कराहे लेने लगी ओर जैसे ही मेरी ऊँगली उसकी योनि के प्रवेश द्वार पर गयी और मैंने ऊँगली धीरे से अंदर की ओर दबायी तो उसने अपनी छोटी सी भगशेफ पर दबाव बढ़ाने के लिए अपने योनि क्षेत्र को नीचे की ओर हिलाया।




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पहले तो मेरी अंगुली योनि सहलाती रही. फिर उसकी कुँवारी, किशोर गुलाबी पंखुड़ियो को मैंने हल्के से छेड़ दिया और 'प्रेम के इस द्वार' को छूने से मेरी अंगुली पर गिलापण महसूस किया और मैंने हलके से ऊँगली को अंदर धकेला तो मुझे उसकी योनि की कसावट महसूस हुई मैंने कुछ बार ऊँगली फिराई और हलके से अंदर डाला तो अंगुली गई तो उसकी गुलाबी पंखुड़ियो ने ऊँगली को कस के भींच लिया. मैंने ऊँगली को धीरे से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. उसके बदन का कम्पन और उसके मुँह से निकली मीठी और हलकी कराह बता रही थी की उसे कितना अच्छा लग रहा था पर लाज के बंधन अभी तक पूरी तरह शिथिल नही हुए थे. मैं नीचे हुआ और उसकी योनि के ओंठो को चूम लिया और उसे उठा कर बिठा दिया और फिर जैसे कोई बहुत दिनो तक बिछूड़ कर मिला हो. वो मेरे साथ लिपट गयी .


मैंने उसे चूमा और पीठ के ऊपर से देखा तो मैंने देखा एक थाल में तेल, घी , दही , दूध , शहद और नारियल का पानी रखा था . मैंने कटोरी उठा कर एक ऊँगली में थोड़ा घी लगा कर उसकी योनि में हलके से घुसाई तो वो थोड़ी से अंदर गयी . एक दो बार ऊँगली अंदर बाहर की तो नतीजा ये हुआ कि वो अच्छी तरह गीली और चिकनी हो गयी. और उसकी थोड़ी देर मे दही लगी दो उंगलियाँ अंदर गयी और दोनो एक साथ थोड़ी देर तक अंदर बाहर होती रही फिर बाहर निकाल के कभी उसकी योनि के पंखुड़ियों जैसे ओंठो को छेड़ती. फिर मेरे हाथ की उंगलिया शहद से भीगी और वही क्रिया मैंने दोहराई और इस बीच उसके योवन के कलश मेरे प्यासे होंठो के हवाले थे.

फिर मैं ने तकिया लगा कर उसे थोड़ा ऊँचा किया और फूलो के बिछाया और उसे उस आसन पर उसे बिठाया और अब उसकी गुलाबी खूबसूरत कुंवारी योनि , नमि और चिकनाई से भरपूर योनि की चमकदार त्वचा मेरे सामने ऐसे छिटक रही थीं जैसे कोई स्वादिष्ट व्यंजन चखने और खाने का इंतज़ार कर रहा हो।

मुझे नहीं पता कि मै अपने आप को उसकी योनि क्षेत्र में में अपना चेहरा घुसाने से कैसे रोक पाया। मैं अपनी जीभ को उन स्वादिष्ट सिलवटों के बीच चलाने और उसके स्त्री सार का स्वाद लेने के लिए अपने मुंह में लार को महसूस कर सकता था।

जैसे ही मैं करीब आया और उसकी योनी की शानदार सुगंध को सूंघा जिससे मेरे नथुने भड़क गए और मेरा मुंह सूख गया और मेरा लंड बिलकुल कड़ा हो गया । मैंने इस शानदार अवसर के लिए अपने भाग्य के सितारों को धन्यवाद देते हुए गहरी सांस ली और उसके करीब आ गया।


मेरी कांपती उँगलियों नीचे गयी और उसकी चिकनी योनि की मालिश करने लगी । अपनी उँगलियों को आपस में मिला मैंने उसकी योनि की गोलाकार मालिश की, अपनी उँगलियों को घुमाते हुए उसकी चूत के शीर्ष पर दबाव बनाए रखते हुए और उन्हें उसके प्रवेश द्वार से थोड़ा सा अंदर ले गया । फिर मैंने इसे धीमी लयबद्ध गति से कुछ देर करता रहा और बीच बीच में मैं उसकी उसकी और देख रहा था और वो गहरी धीमी सांसों ले रही थी।


जैसे ही मैंने अपनी अंगुलि को उसके योनि होंठों की लंबाई में सरकायी उन्हें अंदर रुई की तरह नरम महसूस हुआ ! वह अपने रस से लबालब थी , मेरी मध्यमा उंगली आसानी से उसकी सिलवटों में फिसल गई। उसने हांफते हुए कहा ओह ! यह अच्छा लगता है।"



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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 9


पहला ओर्गास्म अनुभव


जैसे ही मैंने अपनी अंगुलि को उसके योनि होंठों की लंबाई में सरकायी उन्हें अंदर रुई की तरह नरम महसूस हुआ ! वह अपने रस से लबालब थी , मेरी मध्यमा उंगली आसानी से उसकी सिलवटों में फिसल गई। उसने हांफते हुए कहा ओह ! यह अच्छा लगता है।"

मैंने फिर अपनी ऊँगली उसकी गांड के पास ले गया और ऊँगली को गांड के छेद पर थोड़ा नीचे की ओर दबाया और फिर ऊँगली से गांड के छेद की परिक्रमा की। उसने एक हांफते हुए कहा और फिर कहा "ओह यहाँ भी अच्छा लगता है।"

मैंने उसकी गुदा की कुछ और बार परिक्रमा की।"अपनी उँगली को उसकी योनि पर वापस लाकर योनि के प्रवेश द्वार तक ट्रेस किया और धीरे से दबाया। उसने एक छोटी से "ओउ" की । मैंने फिर उसके प्रवेश द्वार के अंदर ऊँगली सरका कर लगभग एक चौथाई इंच के उसके हाइमन को महसूस किया और धीरे से उसके ऊपर ऊँगली को दबाया। वह कराह उठी और मैंने सोचा कि अब ये जल्द हो टूटने वाला है और दो उंगलियियो और अंगूठे की मदद से थोड़ा छेद खोला , उसे एक बार देखा और जीभ से चोमा । मैं फिर पीछे हट गया, उसका रस जो नीचे बह रहा था उसे खींचकर उसकी योनि तक ले गया। जब मैं अपनी उंगली को उसकी भगशेफ के पार लाया और उसके चारों ओर वृत्त बनाना शुरू किया, तो उसने कांपते हुए। अपने कूल्हों को उठा लिया । उसकी सांसें अब छोटी, गहरी, हांफते हुए आ रही थीं और वह पसीने की चमक से ढकी हुई थी वह बोली हाय मैं गयी !"

उसने अपने दोनों हाथों से मेरा हाथ पकड़ लिया, और एक "उउह" बोलते हुए कांपने लगी और फिर बदन अकड़ा । मैंने उसकी योनि को सहलाया और धीरे से एक गोलाकार रबिंग मोशन में दबाया। अभी भी पैरों की अकड़न के कारण, वह "उउह" ाः ओह्ह करती हुई फड़फड़ायी ,हुए मेरे साथ चिपक गयी । मैंने अपनी दुल्हन को उसका पहला ओर्गास्म दिया था।

ज्योत्सना ने मेरा हाथ छोड़ दिया और मेरी पीठ पर लेजा कर चिपक गयी और उसका दूसरा हाथ उसकी जाँघों पर टिका हुआ था। वह अपने होठों को चाट रही थी और हांफ रही थी और आंखें अभी भी बंद थीं, और अपने पहले संभोग के आनंद के पहले स्वाद से उबरने की कोशिश कर रही थीं। जैसे ही उसकी साँसे ठीक हुई वो शांत होने लगी, वह बहुत कम नरम स्वर में असमिया भाषा में कुछ कह रही थी। मैंने उसका सिर उठाया और उसे दो घूंट पानी पिलाया। उसने फिर अपनी आँखें खोलीं और मेरी ओर देखा, , और कहा, "ये क्या था? क्या मेरा पेशाब निकल गया ? मैं वहाँ बहुत गीली हो गयी हूँ और लथपथ हूँ! मैंने रोशनी देखी और फिर ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर की हर चीज फट गई हो!"

मैंने उससे कहा, "नहीं, जानेमन, तुमने पेशाब नहीं किया, तुम्हारा गीलापन दिखाता है कि तुम बहुत उत्तेजित हो और संभोग के लिए तैयार हो। वह, मेरे प्रिय, इसे संभोग सुख, या स्खलन कहा जाता था। अब तक का हमारी मुहब्बत आपको कैसी लगी?"

एक हंसी के साथ, ज्योत्सना ने कहा, "कुमार मैंने ऐसा कुछ महसूस करने की उम्मीद नहीं की थी! मुझे बहुत अच्छा लगा !" और वो मेरे साथ कस कर चिपक गयी तभी उसने महसूस किया होगा कि लोहे की छड़ उसके पैरों के बीच में चुभ रही है और फिर उसने अ खुद को मुझसे दूर धकेल दिया और कोहनी पर हो गयी और , नीचे देखा और कहा "ओह! कुमार ! कुछ चुभा ! मैंने जो सोचा है क्या यह वही है?"

मैं मुस्कुराया और कहा, "बिल्कुल सही है! मुझे लगता है कि वो भी आपका कुछ ध्यान चाहता है!"

अब उसने मुझे ऊपर से नीचे देखा वो मेरे सख्त नग्न बदन से रूबरू हुई तो उसे अपनी पसंद पर गर्व हुआ। मेरी मजबूत बाजुओं के डोले, मरदाना घने बालों से आच्छादित चौड़ा सीना और सीने की सख्त माँस पेशियाँ, कंधो का आकार, चौड़ी छाती के तले छोटी पतली कमर और अंडरवियर का उभार स्पष्ट संकेत दे रहा था की अंदर कुछ बड़ा हथियार छुपा हुआ है

जिज्ञासा के साथ, ज्योत्सना ने मेरी ओर देखा और कहा, "क्या मैं इसे देख सकती हूँ?"

मैंने कहा बिलकुल ये तुम्हारा आशिक है

उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और अपना सिर अपनी बांह पर टिका लिया। उसने मेरे नीचे टेंट वाले अंडरवियर को देखा और अपने हाथ को अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को ऊपर-नीचे करने लगी।

"इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, मुझे लगता है कि अब जब हम शादीशुदा हैं, तो हम इस बारे में बात कर सकते हैं और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो बेडरूम के बाहर बोले जाने पर गंदे या अश्लील लग सकते हैं, लेकिन प्रेमियों के साथ ये शब्द स्वीकार्य हैं।"

"ओह, आपका मतलब चुदाई जैसे गंदे शब्दों से है?"

"हाँ, यह उनमें से एक है, लेकिन कुछ अन्य भी हैं जो शरीर के अंगों का वर्णन करते हैं। जैसे कि स्तन या उरोज या बूब्स , आपकी योनि जिसे चूत , बुर या बिल्ली कहा जाता है। और तुम्हारा पिछला दरवाजा जिसे गांड बोलते हैं है।
"मुझे लगता है कि मुझे योनि या चूत सबसे अच्छा लगा ।"

"ठीक। एक आदमी के लिंग को चुभन, लंड, मुर्गा लौड़ा और अन्य नामों से पुकारा जाता है।

वो बोली "मुझे वो लिंग या हथियार ..."

प्लीज ज्योत्स्ना उसका नाम लो !

ठीक है वो कुछ देर बार शर्माते हुए बोली "मुझे लंड नाम पसंद आया ।"

फिर मैं आगे बोला "विभिन्न यौन क्रियाओं के लिए भी शब्द हैं जैसे कि मुख मैथुन । जब कोई महिला किसी पुरुष का डिक चूसती है, तो इसे फेलैटियो या ब्लोजोब कहा जाता है। जब कोई पुरुष किसी महिला को चाटता है, तो इसे योनिलिंगस या ईटिंग पुसी या लिकिंग कहते हैं।

"क्या हम, मेरा मतलब है, क्या मैं आपसे इस तरह बात कर सकती हूँ?"

"ज़रूर, आपके और मेरे बीच जो बाते होंगी वह सब निजी है और एक बात और .. ।"

मैं कुछ बोलता उससे पहले ही वो अधीरता से बोली "ओ-के ... कुमार , क्या मैं अब तुम्हारा ... वो
देख सकती हूँ?"

मैं बस मुस्कुराया और बोला "पहले वो नाम लो जो तुम्हे पसंद आया था ।"

उसे सर सिर हिलाया और शर्माते हुए बोली "ओ-के ... क्या मैं अब तुम्हारा ... वो लंड! देख सकती हूँ?"

जिज्ञासु दुल्हन को नकारने वाला मैं कौन था?

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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 10


पहला लंड दर्शन

ज्योत्सना ने अपने घुटनों के बल हुई और उसने मुझे मुस्कान के साथ देखा और फिर धीरे से अपने हाथ मेरे अंडरवेअर के कमर पर इलास्टिक पे ले गई। मैंने अपने कूल्हों को ऊपर उठा और उसने धीरे-धीरे अंडरवियर नीचे खींच लिया, और जैसे ही लखदा हुआ लंड आजाद हुआ एक दम उछाल कर सीखा हुआ और उसे हलके से लंड के सिर को पकड़ लिया। और अब जब उसने मेरे लंड को पूरा देखा, तो वह रुक गई. अचम्भा और विस्मयाकुल पैदा करने वाला मेरा लंबा, मोटा, छड़ के सामान खड़ा हुआ लण्ड देख कर ज्योत्सना की सिट्टीपिट्टी गुम हो गयी। ज्योत्सना ने जो कुछ भी मेरे बारे में अपनी सखी जूही से सुना था उसने उससे कहीं ज्यादा पाया था ।

मेरे लण्ड देख कर ज्योत्सना समझ नहीं पायी की कोई भी लड़की या स्त्री कैसे ऐसे कड़े, मोटे, लम्बे और खड़े लण्ड को अपनी छोटी सी चूत में ले सकती है और वो कैसे अंदर घुसेगा ? कुछ अरसे तक चुदवाने के बाद तो शायद यह संभव हो सके, पर ज्योत्स्ना तो अभी कुंवारी थी और उसका तो यह पहला मौक़ा था। मैंने जब उसको अपने लण्ड को ध्यान से ताकतें हुए देखा तो समझ गया की मेरे लण्ड की लम्बाई और मोटाई देख कर वो परेशानी महसूस कर रही थी। मेरे लिए लड़कियों की ऐसी प्रतिक्रिया कोई पहली बार नहीं थी।

उसने कहा, "ओह जूही गलत थी! वह मेरी तो बहुत छोटी -सी है उसमे कैसे फिट होगा? तुम तो मुझे फाड़ दोगे!"

"ज्यादा चिंता मत करो, सब ठीक रहेगा।"

उसने मुझे 'हाँ ... वाले भाव ' से देखा और मेरे अंडरवियर को पूरा निकाल कर एक तरफ रख दिया। वह फिर धीरे से थोड़ा घबराहट के साथ मेरे लंड पर अपना हाथ ले गयी और उसे अपनी छोटी उंगलियों से घेर लिया।वो कुछ मिनट इसके साथ खेली , मेरी गेंदों के चारों ओर महसूस किया, उन्हें उठाकर उनका वजन महसूस किया और फिर धीरे-धीरे लंड के ऊपर और नीचे सहलाने लगी ।

"मुझे नहीं लगता कि यह मेरे अंदर फिट होगा ," उसने चिंताजनक स्वर के साथ कहा।

"आपको आश्चर्य होगा ," मैंने कहा।

उसके स्पर्श से और प्रतिक्रिया ने मेरी उत्तेजना बढ़ा दी और लंड ने भी कुछ तुनके मार दिए .

इसमें से वह क्या निकल रहा है?"

"यह प्रीकम की चिकनाई है। यह संभोग को सुगम करने के लिए लुब्रिकेट करने में मदद करता है।"

उसके साथ, वह आगे झुक गई, और अपनी जीभ के साथ, प्रीकम की बूँद को उसने चाट लिया। मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी की वो आज पहली ही रात लंड को मुँह ,में ले लेगी लड़किया लंड मुँह में लेने में अक्सर समय लगाती हैं और इसकी इस हरकत ने मुझे चकित कर दिया था

उसने कहा, "थोड़ा नमकीन , लेकिन अच्छा है।" ज्योत्सना ने मेरी ओर देखा और कहा, " अब मुझे बताओ ! मैं अब क्या करूँ? ।"

मैंने उससे कहा, “ लॉलीपॉप की तरह सिर के चारों ओर चाटो; उस रिज का निचला भाग जो "V" है, वो बहुत संवेदनशील होता है। जब आप इसे अपने मुंह में डालो , तो अपने दांतों से सावधान रहना और ध्यान रखना दांत न लगें और अपने दांतों को अपने होठों से ढक लेना ।

ज्योत्सना ने फिर अपनी जीभ बाहर निकाल ली और धीरे से सिर के चारों ओर चाटा, और प्रीकम की एक और बूंद को चाट लिया। मेरी 8" लंबाई के बीच में लंड को पकड़े हुए, उसने धीरे से लंड अंदर लेने के लिए अपना मुंह खोला। जब उसका खुला मुंह तो मुँह सीधे मेरे लंड के सिर पर था, तो मुझे उसकी सांस गर्माहट मेरे लंड पर महसूस हुई

उसने अपने होठों के बीच में लंडमुंड रखा और फिर धीरे से अपने मुंह में ले लिया और मुझे लगा कि जैसे ही उसके होंठ मेरे लंडमुंड की ग्रंथियों पर सरक रहे हैं, वह रुक गयी । मैं संवेदी सदमे में था! ज्योत्सना के गर्म मुँह ने लंड को अपनी चपेट में ले लिया, और मैं यह सोचकर अचम्बे में था कि यह कुंवारी राजकुमारी द्वारा किया जा रहा है!

ज्योत्सना को अंदाजा हो गया कि लंड उसके छोटे से मुंह में कितना फिट बैठा सकती है क्योंकि उसने अपना मुंह लंड के लगभग तीन इंच नीचे कर लिया था, और उसे जीभ से थोड़ा थपथपाया। मैंने उससे कहा, “पहली बार बहुत ज्यादा अंदर मत लो; ज्यादा लेने में समय और अभ्यास लगता है।" उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिए हुए स्वीकृति में सिर हिलाया और धीरे-धीरे अपनी जीभ को सिर के चारों ओर घुमाने लगी और मुँह को ऊपर नीचे करने लगी। मैंनेमहसूस किया की वो इसे चूस भी रही थी । जब मैंने धीरे से कहा, "थोड़ा तेज," और उसने थोड़ी गति बढ़ा दी । मुझे लगा कि मेरी गेंदों में तनाव आने लगा है और गेंदे कसने लगी हैं और मैं उसे चेतावनी देने ही जा रहा था कि मैं स्खलित होने ही वाला हूँ कि वह अचानक रुक गई और उसने मेरे लंड से मुँह से बाहर निकाल लिया!

उसने गीले होंठों के साथ ऊपर देखा और कहा, "मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे कब तक चूसना है ?"

मेरा स्खलन बहुत बहुत करीब था!

हांफते हुए, मेरी सांस को पकड़ने की कोशिश करते हुए, मैंने कहा, "लंड का सिर आपके मुंह में थोड़ा बड़ा हो जाएगा और अगर आप मेरी गेंदों को सहला रही है , तो आप महसूस करोगी कि वे कस गयी है । जब आपको ऐसा लगे, तो मैं स्खलित होने वाला हूँ और अपना वीर्य शूट करने वाला हूंउस समय आप जीभ को सिर के चारों ओर घुमाते हुए, लंड को मुँह में रखते हुए मुँह को बस पीछे की ओर खींच लेना ।”

खैर, हर चीज का एक अच्छा पक्ष और एक बुरा पक्ष होता है। बुरा हिस्सा था, मैं स्खलन के करीब था और अच्छा पक्ष था, अब मुझे यह सब फिर से करना है !


मैंने ज्योत्स्ना को अपनी बाँहों में लिया और उसे पलग पर हलके से बिठाकर कर ज्योत्स्ना के सर को अपने हाथों में पकड़ कर उसके होँठों पर अपने होँठ रख दिए। ज्योत्स्ना को जैसे स्वर्ग का सुख मिल गया। उसने अपने होँठ खोल दिए और मेरी जीभ अपने मुंह में चूस ली। काफी अरसे तक दोनों एक दूसरे की जीभ चूसते रहे और एक दूसरे की लार आपने मुंह में डाल कर उसका आस्वादन करते रहे।


कहानी जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 11

अच्छा पक्ष

अच्छे मजेदार सेक्स की यही खासियत है की आप इसी मजे को बार बार करना और दोहराना चाहते है और मैंने भी वही किया

मैंने अपने लंड के नमकीन स्वाद को उसके होठों पर चखा और एक दूसरे को चूम रहे थे। मैं उसकी पीठ सहला रहा था और मेरे हाथ उसके बाएं नितम्ब गाल पर चला गया।

जैसे ही मैं उसके गोल नितम्ब गाल को सहलाया तो मेरी उँगलियाँ उसकी चूत के होठों के संपर्क में आ गयी और वो कराह उठी । मैं अचानक और शक्तिशाली रूप सम्भोग करने की लालसा से भर गया और फिर यह मेरे लिए बहुत स्पष्ट हो गया हालाँकि मैं ज्योत्सना को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था, लेकिन अब मैं उसे दर्द देने जा रहा था। मैं उसके एक-एक इंच का स्वाद चखना चाहता अब मैं उसके कौमार्य को भंग करने वाला था और इस रात के समाप्त होने से पहले मैं उसके दो शेष कौमार्यों में से एक को भंग करने वाला था । ( उसके मुझ का कौमार्य मैंने अभी कुछ देर पहले ही भंग किया था ) उस पल में, मुझे लगा कि मैं कभी भी उसके शारीरिक प्यार के बिना नहीं रहना चाहूंगा। जब ज्योत्सना बूढी हो जायेगी तो क्या उसके मेरे प्यार के एहसास का क्या होगा ?

फिर मुझे लगा अच्छा हुआ मैं पहले ही दूसरी पत्नी लिए तैयार हो गया था? और फिर तीसरी ? पर नहीं ! ज्योत्सना के बिना मैं नहीं रहना चाहूंगा। अब मेरे पास तो वो अनूठी अंगूठी है . मैंने ीआँखे बंद की और इच्छा की देवी को याद किया और मेरी आँखे बंद ही गयी और मुझे महसूस हुआ एक ऊर्जा का भण्डार मेरे अंदर समाहित हो मेरे ह्रदय में स्तिथ हो गया है और मेरे ह्रदय प्रकाशमय हो गया। फिर धीरे-धीरे वह सारा प्रकाश मेरे ह्रदय में समा गया।

मैंने आँखे खोली और मैंने एक बार फिर उस दिव्य युगल को प्रणाम किया और उनके सामने झुक कर उन्हें इस दिव्य शक्ति को मुझे प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया मैंने उन से प्राथना की के हमारे परिवार को उस श्राप से मुक्ति दे और साथ में मेरी पत्नी ज्योत्सना को भी चिरयौवन प्रदान करें .

तो मेरे अंदर आवाज गूंजी इस कमरे में भी सूरत के कमरे जैसा ही लाकर हैं उसमे जो अंगूठी है वो अपनी और उस दूसरी अंगूठी को छू कर अपनी कुल की अंगूठी ज्योत्स्ना को पहना दो . तुम्हारी पत्नी चिरयौवना हो जायेगी . और फिर वो दिव्य रौशनी गायब हो गयी और मेरी आँखे खुली तो मैंने देख ज्योत्स्ना मुझे जोर से चूम रही थी .

मैंने कहा एक मिनट रुकना और कमरे में से अलमारी खोली तो उसमे लाकर था जिसका पासवर्ड मुझे याद था मैंने वो डाला तो लाकर खुल गया . लाकर में बस केवल एक मूर्ति थी l मुझे याद आया हमारे घर की ही तरह उस मूर्ति में ही आगे का राज है" l मैंने मूर्ति के चरण छुए तो मूर्ति घूम गयी वहां एक तरफ एक बड़ी और कुछ छोटी अंगूठीया रखी थी मैंने अपने कुल की निशान वाली अँगूठिया में से एक अंगूठी उठा कर अपनी अंगूठी से और दुसरी अंगूठी से छुआ कर ज्योत्स्ना के पास ले आया और उसका हाथ पकड़ कर उसे चूमा और उसे अंगूठी पहना दी और बोला जानू इसे हमेशा पहन कर रखना और किसी को मत देना .

मैंने महसूस किया कुछ ही क्षणों में ज्योत्स्ना के बाल और लम्बे हो गए हैं। दांत और सफेद और सख्त हो गए पेट का छोटा उभार गायब हो गया और स्तन थोड़े बड़े और दृढ हो ऊपर को उठ गए और कमर थोड़ी और संकरी हो गयी और नितम्ब बड़े और गोल हो गए और जाँघे चिकनी हो गयी है उसका आकर्षण निश्चित तौर पर बढ़ गया था।

मैंने एक बार फिर ज्योत्स्ना को अपनी बाँहों में लिया और उसे पलग पर हलके से बिठाकर कर उसके सर को अपने हाथों में पकड़ कर उसके होँठों पर अपने होँठ रख दिए। ज्योत्स्ना ने अपने होँठ खोल दिए और मेरी जीभ अपने मुंह में चूस ली। काफी अरसे तक दोनों एक दूसरे की जीभ चूसते रहे और एक दूसरे की लार आपने मुंह में डाल कर उसका आस्वादन करते रहे।

मैंने ज्योत्सना को उसकी पीठ पर लिटाया और उसके मुंह पर जोश से चूमा। मेरे आंशिक रूप से जुदा होठों से मेल खाने के लिए उसका मुँह लगभग खुला हुआ था। उसकी जीभ मेरी जीभ के साथ नाच रही थी क्योंकि हम एक-दूसरे का स्वाद चख रहे थे। मैंने उसे दाहिने कंधे पर चूमना शुरू कर दिया और उसकी ऊपरी छाती पर गीली जीभ के निशान छोड़ते हुए तब तक चला गया जब तक कि मैंने फिर से उसके बाएं स्तन को नहीं छुआ।

वह मेरे सिर को अपने हाथों में सहला रही थी क्योंकि मैंने पहले बाएं स्तन पर दावत उड़ाई , उसके निप्पल को चूस, चाटा और थपथपाया, और फिर दाईं ओर चला गया। साथ साथ मैं अपने हाथों से ज्योति के दोनों स्तनों को सहलाने और दबाने लगा । उसकी निप्पलोँ को अपनी उँगलियों के बिच दबाते हुए मैंने चूँटी भरी तो ज्योत्स्ना दर्द और उन्माद से कराह उठी । काफी देर तक चुम्बन करने के बाद मैंने दोनों चूँचियों पर अपने होँठ चिपका दिए। और ज्योत्स्ना के निप्पलोँ को अपने दांतो से कुतरने लगा जो की ज्योत्स्ना को पागल करने के लिए पर्याप्त था। ज्योत्स्ना उन्माद के कारण कराहती रही। उसके दोनों स्तन दो उन्नत टीलों के सामान थे जिन पर प्रहरी तैनात थे।

मैंने उसकी चूँचियों को इतना कस के चूसा की ज्योत्स्ना के स्तन चूसने के कारण लाल हो गए और मेरे दांतों के निशान स्तनों की गोरी गोलाईयो पर साफ़ दिख रहे थे। ऐसी प्रेमक्रीड़ा से ज्योत्स्ना को गजब का मीठा दर्द हो रहा था। जब मैं स्तनों को चूस रहे थे तब ज्योत्स्ना की उंगलियां मेरे बालों को संवार रही थी।

मेरे हाथ ज्योत्स्ना की पीठ पर घूमता रहे और उसके टीलों और खाईयोँ पर मेरी उंगलयां फिरती रहीं। मैंने उसके कूल्हों को दबा कर और उसकी दरार में उंगलियां डाल कर उसे उन्मादित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। थोड़ी देर तक चूसने और चूमने के बाद मैंने उसे बड़े प्यार से पलंग पर लिटाया .

फिर मैंने उसके धड़ से उसके पेट तक अपना रास्ता चूमना शुरू किया, और उसकी नाभि को अपनी जीभ से घुमाया, अपनी जीभ को अंदर दबा लिया और उसे चाट लिया, और वह हँस पड़ी। मैंने उसे एक सीधी रेखा में चूमना शुरू कर दिया जब तक कि मैं उसकी योनि क्षेत्र तक नहीं पहुँच गया और मैंने उसकी योनि के निचले होंठ पर आ एक चुंबन दिया। उसने एक कररह निकाली, और संपर्क बढ़ाने के लिए अपने कूल्हों को ऊपर की ओर घुमाया।

मैं फिर उसके दाहिने कूल्हे के पास गया और उसे बीच में और उसकी जांघ के अंदर चूमने लगा। ज्योत्सना ने अपने पैर खोले, मुझे उम्मीद थी कि मैं उसके केंद्र में जाऊँगा, और मैंने देखा कि उसकी योni भीगी हुई थी। मैंने उसका पैर उठा लिया और उसकी पिंडली को तब तक चूमा जब तक कि मैं उसके टखने तक नहीं पहुंच गया । मैंने उसके टखनों के चारों ओर चूमा और उसकी मेंहदी के ऊपर पैर को चाटा और पैर की उंगलियों को अपने मुंह में ले लिया, और उनके बीच बारी-बारी से चूसने और चाटने लगा। जब मैंने उसके पैर के तलवे को चाटा, तो उसने थोड़ा हंसते हुए कहा, "ohh! गुदगुदी!" फिर मैंने उसका दाहिना पैर नीचे किया और उसके बाएं पैर को भी चूमा और चाटना शुरू किया। मैंने उसके बायी पिंडली को चूमा और अपनी जीभ से उसके घुटने को घेर कर चाट लिया, और फिर उसकी जांघ के ऊपर से अंदर तक एक ज़िग ज़ैग चुंबन और चाटना शुरू किया, उसके बाएं योनी होंठ के साथ उसकी जांघ को चूमते हुए मैं उसकी टांगो के केंद्र पर वापस आ गया ।

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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 12

कौमार्य भेदन


उसने धीरे से अपने कूल्हों को ऊपर उठा लिया। मुझे उसका योनि क्षेत्र दिखाई दिया,जो पूरी तरह से चिकना और बाल विहीन था .

फिर उसकी योनी दिखाई देने लगी । उसका मांसल योनि क्षेत्र पैरों के बीच चिकना , बाल रहित, और योनि के होंठ जो की नीचे की ओर झुके हुए थे जो उसके आसपास की त्वचा के रंग की तुलना में थोड़े गहरे गुलाबी रंग के थे। उसके योनि के शीर्ष पर एक स्पष्ट गुलाबी मूंगा था, मैंने धीरे से उसके पैरों को खोल दिया और उसने उन्हें अपने पैरों के तलवों को लगभग छूते हुए बगल में बिस्तर पर टिकने दिया। उसके योनि के मोटे होंठ आपस में चिपके हुए और बंद थे और मेरे हाथों से उसकी जाँघों के अंदर, ऊपर की ओर मालिश की और क्रीज के साथ ऊपर और नीचे रगड़ा गया जहाँ उसकी जांघें उसके योनि के होंठों से मिल रही थी ।

और उसकी खूबसूरत जॉंघों को चौड़ा करके खुद टाँगों के बीच आ गया और ज्योत्स्ना की खूब सूरत चूत पर अपने होँठ रख दिए।

अब मैंने बड़े प्यार से ज्योत्स्ना की चूत को चूमना और चाटना शुरू किया। ज्योत्स्ना का हाल बदल गया । जैसे ही मेरी जीभ चूत के संवेदनशील कोनों और दरारों को छूने लगी की उस का बदन पलंग पर मचलने लगा और उसके मुंह से कभी दबी सी तो कभी उच्च आवाज में कराहटें और आहें निकलने लगीं।

ज्योत्सना अब जोर से सांस ले रही थी अपनी जीभ के साथ, मैंने उसे उसके पेरिनेम से उसके चिकने, मुलायम योनि के होंठों से लेकर उसके भगनासा को चाटा। वो आह करती हुई कराह दी और जब मैंने अपनी जीभ से उसके भगशेफ की नोक को छुआ, तो ज्योत्सना हांफ गई, सिहर उठी और उसी समय कहा, "हे हाँ! ठीक वहीं!"

उसके यौवन का केंद्र उसकी योनि एक कश्मीरी पश्मीना के साथ गुलाबी आड़ू की तरह लग रही थी! अपने अंगूठे के साथ, मैंने ए चमकीले मूंगा गुलाबी इंटीरियर को प्रकट करने के लिए उसके योनि के फूल की पंखुड़ियों को खोल दिया। उसके भीतर के होंठ पतले थे और बिना किसी अतिरिक्त त्वचा के उसके कुंवारी उद्घाटन के किनारों गुलाबी थे। मैंने उसके पेरिनेम को चाटा और उसके छोटे से छेद पर रुकते हुए ऊपर की ओर चलने लगा। यह लगभग एक चौथाई इंच व्यास का एक गुलाबी लाल रंग का छेद था और उसमे से दूधिया सफेद, स्पष्ट अमृत बह रहा था, जो उसकी गांड पर रिस रहा था। मैंने पकहले गांड पर बह रहे इस अमृत को चाटा, फिर योनि से बह रहे अमृत को और अपनी जीभ अंदर दबाई और उसका अमृत चूस लिया और धीरे से जीब से उसके हाइमन पर जोर दिया। उसने धीरे से कहा "आउच, आह यहाँ थोड़ा दर्द होता है।"


फिर उसने अपने हाथो को मेरी गर्दन के चारों ओर लपेट लिया और अपने पैरों को मेरी पीठ के पीछे लपेट लिया। मैंने उसके क्लिट को चाटना जारी रखा और उसके नन्हे क्लिट के चारों ओर जीभ को घुमाना और ट्रेस करना शुरू कर दिया। उसने गहरी साँस छोड़ी और अपने कूल्हों को ऊपर की ओर घुमाया ताकि वह मेरे मुँह में समा जाए। ज्योतसना के लिए यह उसके उन्माद की सीमा को पार करने के लिए पर्याप्त था। वो मारे उन्माद के पलंग पर मचल रही थी और अपने कूल्हे उठा कर अपनी उत्तेजना ज़ाहिर कर रही थी। उसका उन्माद उसके चरम पर पहुँच चुका था। अब वह ज्यादा बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं थी। उसने मेरा हाथ पकड़ा और उसे जोरों से दबाया। के रोंगटे रोमांच से खड़े हो गए थे। ज्योति ने अपनी गाँड़ ऊपर उठायी और एक बड़ी सुनामी की लहर जैसे उसके पुरे बदन में दौड़ पड़ी। फिर मैंने उसके पूरे भगशेफ को चूसा, मेरी जीभ ने उसके भगशेफ पर फड़फड़ाना शुरू कर दिया। अपने हाथों से मेरे बालों में मुझे खींचकर, वह हांफने लगी, ऊपर की ओर झुकी, और एक गहरी कराह के साथ, उसने कहा, "हे भगवान, मैं गयी !" जैसे ही वह ऊपर की ओर उठी , काम्पी और उसका बदन ऐंठा और प्रत्येक कंपकंपी के साथ "उउह" का उच्चारण करते हुए बिस्तर पर लेट गई.

ज्योत्सना अपनी आँखें बंद करके लेटी हुई थी, उसके स्तन मेरे सहलाने से गर्म हो रहे थे, जबकि वह अभी भी अपने मुँह से गहरी साँसे ले रही थी। उसने अभी भी अपने पैरों को खुला रखा था और उसकी योनि मेरे मौखिक कारनामो से गीली थी और उसका रस अभी भी उसकी योनि से बह रहा था।

मैंने देखा की ज्योत्सना अब मानसिक रूप से चुदवाने के लिए बिलकुल तैयार थी तो मैं ज्योत्सना की दोनों टाँगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड ज्योत्स्ना के छोटे से छिद्र के केंद्र बिंदु पर रखा। वह पहली बार किसी का लण्ड अपनी चूत में डलवा रही थी। और पहली ही बार उसे महसूस हुआ की उसे इतने मोटे लण्ड को अपनी छोटी सी चूत में डलवाना पड़ रहा था। डर के मारे उसकी जान निकली जा रही थी।

और धीरे-धीरे लंड उसकी योनि के ऊपर और नीचे स्लाइड करना शुरू कर दिया, कूल्हों को नीचे घुमाया और फिर मेरे लंड के सिर के साथ उसके क्लिट को उत्तेजित करने के लिए चूत की गीली सतह पर रगड़ने लगा ताकि जब लंड उसकी चूत के अंदर घुसे तो उसे कम कष्ट हो। । ज्योत्सना ने मेरे कमर के चारों ओर अपने पैरों को लपेटकर जवाब दिया, मेरे कंधो को पकड़ लिया और दबाव बढ़ाने के लिए अपने कूल्हों को मेरे पर ऊपर की ओर घुमाया। वह भारी सांस ले रही थी. मैंने कहा आप त्यार हो ?

वो कुछ नहीं बोली अपनी पलके झपका दी . लण्ड अपने ही पूर्व रस से चिकनाहट से सराबोर लिपटा हुआ था। जैसे ही ज्योत्सना की चूत के छिद्र पर उसे निशाना बना कर रख दिया गया की तुरंत उसमें से पूर्व रस की बूंदें बन कर टपकनी शुरू हुई। ज्योत्सना ने अपनी आँखें मूँद लीं और मेरे लण्ड के घुसने से जो शुरुआती दर्द होगा उसका इंतजार करने लगी।

मैंने चिकनाई की ट्यूब लो और हालांकि वह पूरी गीली थी फिर भी मैंने अपने लंड को चिकनाई में लपेटा और लंडमुंड को उसके प्रवेश द्वार पर रखा ज्योत्सना की चूत पर अपना लण्ड थोड़ा सा रगड़ कर फिर चिकना किया और धीरे धीरे ज्योत्सना की चूत के छेद पर रख दिया ।। मैंने उससे फिर पूछा, "क्या तुम तैयार हो, मेरे प्रिय?"

उसने थोड़ी सी आशंका के साथ मेरी ओर देखा, अपने होंठों को काटा और अपनी आँखें बंद करते हुए सिर हिलाया। जैसे ही मैंने धीरे से आगे बढ़ाया, लण्ड हलके से चूत में थोड़ा घुसेड़ा। चिकनाई और उत्तेजना के कारण ज्योत्सना को कुछ ख़ास महसूस नहीं हुआ। मैंने थोड़ा और धक्का दिया और अंदर डाला। अब ज्योत्स्ना के मुंह से आह निकली। उसके चेहरे से लग रहा था की उसे दर्द महसूस हुआ होगा।


ज्योत्सना ने अपने पैरों को मेरे पीछे बंद कर लिया और अचानक अपने कूल्हों को आगे की ओर उछाला मैंने थोड़ा प्रतिरोध महसूस किया, फिर मैंने भी थोड़ा जोर लगा कर लंड लगभग दो इंच अंदर दबा दिया। और लंड उसकी कौमार्य की झिल्ली चीरते हुए नादर गया वह फड़फड़ाई और उसके मुंह से लम्बी ओह्ह्ह निकल ही गयी। उसकेगालो पर आंसू की बूँदें लुढ़क गयी थीं। जाहिर था उसे काफी दर्द महसूस हो रहा था। पर ज्योत्सना ने अपने होँठ भींच कर और आँखें मूँद करन केवल उसे सहन किया था बल्कि अपने कूल्हे ऊपर उठाकर मुझे लण्ड और अंदर डालने के लिए बाध्य किया था । फिर उसने फुसफुसाते हुए कहा, " प्लीज रुको दर्द हो रहा है !"

मैंने अपने दाहिने हाथ से उसके बाएं स्तन को रगड़ा और उससे पूछा, "क्या तुम ठीक हो? अपने गालो पर में आंसू बहाते हुए, ज्योत्सना ने नीचे की और देखा तो पाया उसकी चूत के होंठ लगभग अश्लील रूप से चौड़े और पतले थे, जिसमें मेरा लंड उसके अंदर दबा हुआ था। उसने अपना सिर पीछे कर लिया और कहा, " मैं महसूस कर रही हूं कि आप वास्तव में मेरे अंदर हो! मुझे लगता है कि मैं अब ठीक हूँ, बस धीरे करो , ठीक है?" मैंने धीरे-धीरे वापस खींच लिया, बस सिर को अंदर छोड़ दिया और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा। उसके अंदर होने के कारण, वह गर्म थी: बहुत गर्म और इतनी अवर्णनीय रूप से मखमली मुलायम। वह अविश्वसनीय रूप से तंग थी! यह एक चिकने, गीली गुफा की तरह था!

अपने दोनों हाथों से मैंने उसके उरोजों को पकड़ा और प्यार से दबाना और मसलना शुरू किया। अपनी ज्योत्सना की नग्न छबि देखकर मेरे लण्ड की नर्सों में वीर्य तेज दबाव से नर्सों को फुला रहा था। मैंने एक धक्का और जोर से दिया और उस बार चूत में आधे से भी ज्यादा लण्ड घुस गया।

सब धीमी गति से चल रहा था, लेकिन लगभग पांच मिनट के धीरे-धीरे आगे-पीछे हिलने के बाद, उसने बेहतर महसूस किया और अपने बहते रस के साथ मेरे लंड को ढीला करना शुरू कर दिया, मैंने लगभग दो इंच के छोटे-छोटे धक्के दे रहा था और मेरा लंड उसके अंदर लगभग पांच इंच भी नहीं था। . मैं हर धक्के के साथ थोड़ा थोड़ा अंदर जाता रहा और इंच दर इंच और फिर मैंने उसके गर्भाशय ग्रीवा को टक्कर मार दी, और रुक गया । ज्योत्सना ने भी इसे महसूस किया और चिल्लायी "ओउ।" मैंने थोड़ा पीछे खींच लिया और फिर आगे-पीछे हिलना शुरू कर दिया, जबकि वह फिर से अपने कूल्हों को ऊपर की ओर उठा कर मेरा साथ देने लगी ताकि मेरे धीमे धक्कों को अब तेज किया जा सके।


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VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-4

सुहागरात

PART 13

प्रथम सम्भोग


मैंने लंड पीछे किया और एक तेज धक्के के साथ पूरा लंड आगे धकेल दिया तो ज्योत्सना ने एक दर्दनाक कराह भरी और उसका हाइमन टूट चूका था , मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था । ज्योत्सना की चूत बहुत टाइट थी अब, उसकी चूत से खून बहने लगा था ।

वो कराह रही थी आह ईईई दर्द उउउउइई ईईईई हो रहा है! उउउईईईई आहहहाँ!ओह ..." ज्योत्सना के मुख से निकला, स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गयी . मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, वो दर्द के मारे चिललाने लगी- आहह कुमार उउइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज बाहर निकाल लो, निकालो इसे! बहुत दर्द हो रहा है, मैं दर्द से मर जाऊँगी. प्लीज निकालो इसे!

मैंने कहा- मैं 2 मिनट के बाद बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा! और धीरे से उसे सहलाने और चूमने लगा . मैं उसके ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो थोड़ी शांत हुई.

कुछ देर बाद मैंने प्यार भरे स्वर में पूछा, "ज्योत्सना, आधा लंड अंदर है। अब आपको कैसा लग रहा है? क्या मुझे इसे बाहर निकाल लेना चाहिए, अगर आपको बहुत दर्द हो रहा है? आप मेरी प्यारी पत्नी हैं, और मैं आपको आपकी इच्छा के विरुद्ध नहीं चोदूंगा या अगर यह आपको दर्द देता है। कृपया बताएं कि आप कैसा महसूस कर रही हैं?"

वह दर्द से कराह रही थी । मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला तो वह चूतरस और खून से भीगा हुआ था . बेड शीट खून से सन चुकी थी. मैंने फिर उसे चूमा और उनके बदन को सहलाया और उसे दिलासा दिया कि यह ठीक है और मैंने अपना रुमाल ले कर लंड साफ़ किया। मेरे लिए यह कोई बार पहली बार नहीं था। पर ज्योत्स्ना खून देखकर थोड़ी सहम गयी। हालांकि उसे भी यह पता था की कँवारी लडकियां जब पहली बार चुदती हैं तो अक्सर यह होता है। मैंने फिर उसकी चूत का खून पोंछ दिया। मैंने उनकी चूत पर क्रीम लगाई. वह बेचैन थी पर फिर कुछ देर बाद उसने कहा, " कुमार आप ने आज मुझे एक लड़की से औरत बना दिया है । मैंने प्यार से उसके दोनों स्तनों को अपने हाथों में लिया और धीरे से निचोड़ा, उसके कोमल होठों पर अपना मुंह रखा, और उसे जोश से चूमने लगा। साथ ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ रहा था और अपने अंगूठे और उंगलियों से निप्पल को रगड़ रहा था।

इससे उसे कुछ राहत मिली। उसके दर्द को कम करने के कुछ पल बीतने के बाद, मैंने प्यार भरे स्वर में पूछा, "ज्योत्सना, अब तुम कुंवारी नहीं हो क्योंकि तुम्हारी योनी का रास्ता अब मेरे लंड को समायोजित करने के लिए स्वतंत्र है। क्या मुझे अब अपना लंड तुम्हारे अंदर डालना चाहिए ? अगर आपको अभी भी दर्द होता है तो हम आज और चुदाई करना बंद कर देंगे। हम इसे किसी और दिन करेंगे। क्या आप समझते हैं कि मैं क्या कह रहा हूँ?" उसने सहमति से सिर हिलाया।

मैंने उससे पूछा, "क्या तुम ठीक हो?" मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठों को चूमते हुए पूछा- क्या आपको अच्छा नहीं लगा?

वे धीरे से बोलीं- अच्छा तो लगा ... मजा भी बहुत आया ... पर दर्द बहुत हुआ. "हाँ, यह बहुत बड़ा और थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन मैं ठीक हूँ।"

मैंने उनकी चूची मसल दी तो कराहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया- आराम से करो न ... मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

फिर मैंने लगभग आधे के हलके धक्के से शुरू कीया , अपने लंड की गहराई को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए, पूरे समय उसकी योनि को रगड़ते हुए पोछा कैसा लग रहा है ?"

वह जोर से हांफ रही थी और हांफते हुए बोली, " यह बहुत भरा हुआ लग रहा है, जैसे मेरे अंदर एक खंभा हो लेकिन यह बहुत अच्छा लगता है!"

इतना कहकर मैंने की चूत के ऊपर फैले हुए खून को रुमाल अंदर डाल कर उससे खून साफ़ किया। मैंने फिर ज्योत्सना की चूत पर अपना लण्ड थोड़ा सा रगड़ कर फिर चिकना किया और धीरे धीरे ज्योत्सना की खुली हुई चूत में डाला। अपने दोनों हाथों से उज्योत्सना के दोनों उरोजों को पकड़ा और प्यार से दबाना और मसलना शुरू किया। मैंने फिर से उसके होठों पर किस किया और अपना बड़ा लंड धीरे से उसके अंदर डाला। ज्योत्सना को थोड़ा दर्द हो रहा था, लेकिन हर गुजरते पल के साथ वह कम हो रहा था और चमत्कारिक रूप से कुछ सेकंड के बाद, उसे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था, जबकि इस बीच मेरा बड़ा लंड आधे से ज्यादा अंदर चला गया था। उसे अब मेरे बड़े लंड का बड़ा सुख मिल रहा था, तो उसने शरमाते हुए अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया और फुसफुसायी , "कुमार, तुम्हारा लंड मेरे लिए बहुत बड़ा है। तुमने मेरी योनी को उसकी हद तक बढ़ा दिया है। तुम्हारा लंड मेरी योनी की गहराई में पूरा अंदर पहुँच रहा है।। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी योनी इतने बड़े आकार के लंड को समायोजित करने के लिए इतना फ्लेक्स कर सकती है। कृपया इसे बाहर न निकालें, लेकिन केवल कुछ समय के लिए स्थिर रहें, और मुझे इस के लिए समायोजित होने का मौका दें ।"

मैं मुस्कुराया और उसके स्तनों को चूमता और रगड़ता रहा, लेकिन अपना लंड नहीं हिलाया। 5 मिनट के भीतर, ज्योत्सना ठीक महसूस कर रही थी, और जोर-जोर से और चोदना जारी रखने के लिए उसे संकेत देने के लिए अपनी श्रोणि को ऊपर धकेलना शुरू कर दिया, लेकिन मुस्कुराते हुए मैंने उसकी आँखों में देखा और उससे पूछा, "ज्योत्सना, अब कैसी है? मुझे अब क्या मुझे करना चाहिए?"

ज्योत्सना जानती थी कि मैं उसकी स्थिति जानता हूं, लेकिन उसे चिढ़ा रहा था तो, उसने अपनी नन्ही मुट्ठियों से मेरी छाती पर वार किया, और फिर उसे कसकर गले लगाया, और फुसफुसायी , "कुमार, अब सब ठीक है। अब आप मुझे अपनी ताकत दिखाओ। मैं देखना चाहती हूं कि आप किस तरह की चुदाई कर सकते हैं, और क्या आपके पास चुदाई की कैसी महान शक्ति है या आपके पास केवल एक बड़ा शरीर या लंड है। कुमार, अब कृपया मुझे अपनी पूरी ताकत से चोदो और मुझे एक असली आदमी के साथ चुदाई का मजा महसूस करने दो। कृपया अभी कुछ मत बोलो, यह कार्रवाई का समय है। कृपया करें तेज़ करे और जोर से करे ।"

यह मुझे उकसाने और जगाने के लिए काफी था।

मैंने कहा, "रुको, मेरी प्यारी और देखो। मैं आपको जीवन का अधिकतम आनंद देना चाहता हूं जिसे आप हमेशा याद रखेंगई ।" फिर मैंने कहा, " याद रखना मेरी जान , तुम एक ऐसे आदमी से गुहार लगा रहे हो, जिसके लंड ने बहुत लंबे समय से तुम्हारी चुत का इन्तजार किया है .

मैं उसकी ओर मुड़ा, उसके मुंह पर एक लंबा चुंबन लगाया। "चलो अब चुदाई शुरू करते हैं," मेरा लंड फिर से प्रवेश करने के लिए बहुत उत्सुक था। मैंने चुंबन को तोड़ते हुए अपनी लंबी सेक्स तलवार के सिर पर थोड़ा सा थूक लगाते हुए, मैंने उसे उसकी बाल रहित योनि के होठों के बीच में फसाया और एक लंबे तेज झटके में पूरा अंदर डाल दीया । अब केवल एक इंच लंड बाहर था ज्योत्सना ने अपने अंदर आखिरी इंच तक धक्के को महसूस किया और मजे से कराह उठी और उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा कर अपनी योनि क्षेत्र को मेरे पेट के साथ चिपका दिया । उसकी योनि की मांसपेशिया और संवेदनशील सतेहे समायोजित हुई और उन्होंने मेरे लंड को जकड़ लिया।

आश्चर्यजनक रूप यह मुझे बहुत अच्छा लगा, मुझे पता था कि अब मैं लंबे समय तक चुदाई करने वाला था। मैंने अब कुछ देर रुकना उचित समझा ताकि उसकी योनि की मांसपेशिया मेरे लंड के लिए समायोजित हो जाए . तभी वो बोली पूरा अंदर है क्या .. तो मैंने नीचे देखा और बोला . अभी एक इंच बाहर है . वो बोली बीएस कुछ देर रुको तो कुछ देर मैं ऐसे ही लेटा रहा और उसे चूमता रहा . कुछ देर बाद वो बोली आप ने आगे धक्का क्यों दिया मुझे लगा आपका लंड आगे हुआ है

मैंने कहा नहीं आगे ढाका नहीं दिया . देखो अभी भी एक इंच बाहर है

उसने हाथ लगा कर देखा एक इंच बाहर था

मुझे याद आया ये उसी अनूठी का प्रभाव था जिससे मेरा लंड योनि के आकार के अनुसार बड़ा होकर योनि में समा रहा था . . मैंने कहा ज्योत्सना आपकी योनि और लंड समायोजित हुए है इसलिए आपको ऐसा लगा . उसने मेरे कूल्हों पर पैरो का दबाब बढ़ाया और अब लंड पूरा अंदर चला गया और वो कराह उठी .. हाय .. आह ! हाआअ... कुमार आईई आह ईईई दर्द उउउउइई ईईईई हो रहा है! उउउईईईई माँ, आहहहाँ!

मैंने उसे अपने लंड की पूरी लंबाई से चोदना शुरू कर दिया। ज्योत्सना ने अपनी टांगों को मेरी कमर में लपेट लिया और मुझे कसकर गले लगा लिया।

"चलो कुमार, मुझे और ज़ोर से चोदो। ज्योत्सना ने कहा।

उसके कूल्हों को पकड़कर, मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपने लंड को उसकी भीगी हुई गीली योनी की गहराई तक धकेलना शुरू कर दिया।

मैं उनकी चुचियों को बेरहमी से मसलने लगा और वो मादक आवाजें निकालने लगीं- उम्म्ह... अहह... हय... याह...

जितना हो सके उसे पीछे धकेलते हुए मैंने उसकी मखमली सुरंग को सहलाया। हम दोनों घुरघुराहट में सांस ले रहे थे और किसिंग कर रहे थे, थप् ठप की आवाजें बेडरूम में भर गईं। चोदने के दौरान, मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से उनको चूमने लगा. चूमते वक्त हमारे मुँह खुले हुए थे ... जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं ... और हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था. मैं कम से कम 15 मिनट तक उनके होंठों का किस लेता रहा. साथ मेरे हाथ उनके मम्मों को दबाने में लगे हुए थे, वो भी मेरा साथ देने लगी थीं. इस बीच मेरा लंड उसकी तंग, गर्म, चूत से अंदर और बाहर फिसल रहा था ।

वह इसके हर मिनट को प्यार कर रही थी। ज्योत्सना उम्म्ह... अहह... हय... याह... करती हुई लगातार झड़ रही थी, उसकी योनि संकुचन कर रही थी और उसके संकुचन मेरे पिस्टन की कठोरता की लंबाई को ऊपर-नीचे कर रहे थे।


कहानी जारी रहेगी
 
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