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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 18

यहाँ कोई नहीं है



मैंने गौर से देखा दोनों उत्तर पूर्व के तो नहीं लग रहे थे और शायद टूरिस्ट थे या फिर हमारी तरह के हनीमून कपल जो यहाँ घूमने आये थे

"देखो, यहाँ कोई नहीं है," छोटी झील और झरने का सर्वेक्षण करते हुए उस महिला ने कहा। "मैंने जब यहाँ देखा की आज यहाँ भीड़ बहुत कम है तो मैंने तुमसे तुमसे कहा था, उस तरफ बिलकुल निर्जन लग रहा है और लगता नहीं वहां कोई और होगा ।" उसके साथ का आदमी इधर-उधर देखने लगा पर वो अभी थोड़ा घबराया हुआ लग रहा था। पानी के पीछे हम चुपचाप खड़े रहे और देखा कि महिला धीरे-धीरे अपने कपड़े उतारने लगी, और कपड़े उतारते समय अपनी साथी पुरुष के सामने जितना हो सके उतना कामुक रूप से झुकी और उसने अपने कपड़ो को बगल की झाड़ी में फेक दिया। ज्योत्सना और मैंने नज़रों का आदान-प्रदान किया, हम जो कुछ भी देख रहे थे उस पर विश्वास करने में असमर्थ थे , जबकि वो महिला फिर अपने घुटनों पर गिर गई और अपनी साथी पुरुष की बेल्ट को खोलना शुरू कर दिया और उसकी पैंट और अंडरवियर को नीचे खींच लिया।

जल्द ही उनके सारे कपड़े बगल की झाड़ी में एक ढेर बन गया , और महिला पानी में कूदने से पहले उस आदमी पर जोर से हँसी और उसके तुरंत बाद उसके साथ पानी में कूद गई। ज्योत्सना ने इसके कुछ देर बाद हांफना शुरू कर दिया क्योंकि अब वे दोनों झरने के ठीक दूसरी तरफ उसी चट्टान के आधार पर आ गए जिस पर हम कुछ देर पहले खड़े हुए थे । शायद ज्योत्स्ना इसीलिए हांफ रही थी की उसे लगा की अगर वो जोड़ा हम्मारी तरफ आया तो क्या हम इस दुबले-पतले जोड़े द्वारा पकड़े जाने वाले थे? झरने के पार दृश्य थोड़ा विकृत था क्योंकि झरने के बीच से उनको देखना ऐसा था जैसे लहराते पारदर्शी कांच के आरपार देखना।


JHARNA

"अब जब तुम मुझे यहाँ ले आयी हो, तो तुम मेरे साथ क्या करने जा रही हो?" उस पुरुष ने मुस्कराहट के साथ उस महिला से कहा। वह स्पष्ट रूप से अभी भी यहाँ नग्न होने को लेकर थोड़ा नर्वस था।

उस महिला ने उसका हाथ थाम लिया और उसे अपने ऊपर की चट्टान पर खींच लिया। "यह," उसने लेटते हुए कहा, और उसका सिर अपनी टांगो के बीच में कर दिया। वह इशारा समझ रहा था, क्योंकि उसकी जीभ उसकी चूत को जल्दी से चाटने लगी थी । बस उस जोड़े से कुछ ही फुट दूर, पानी की दीवार के पीछे, ज्योत्सना उनको करीब से देख रही थी और झरने के पार कुछ अँधेरा सा था और उसका हाथ अंधेरे में मेरे बदन के चारों ओर महसूस हो रहा था और उसका हाथ तब तक चला जब तक कि उसे मेरी पैंट के सामने का टीला नहीं मिला। इससे पहले कि वह अपने हाथों को मेरे लिंग के चारों ओर लपेटने की कोशिश कर पाती, उसने महसूस किया कि मेरी पैंट और अंडरवियर नीचे की ओर खिसक रही है थी क्योंकि मैं अपने नीचे के वस्त्रो को नीचे को और खींच रहा था,और मेरा लिंग मुक्त हो कर , ठीक उसके हाथ के सामने ऊपर की ओर तन रहा था ।

जैसे ही पानी के दूसरी ओर की महिला जोर से कराहने लगी, 'ज्योत्सना की कोमल उंगलियां मेरे मोटे लंड के चारों ओर लिपटी हुई थीं, और वो धीरे-धीरे उसे सहलाने लगी आर अब हम दोनों उस जोड़ी को पानी के परदे में से देख रहे थे। .

"ओह्ह! हाँ, मेरी योनि को चाटो," को लड़की कराह उठी लड़की इसलिए की वो काफी युवा थी । उसके पैर पुरुष के पेशीय कंधों पर लिपटे हुए थे। उसकी उंगलियां उसके काले बालों में मजबूती से फंसी हुई थी । उसने अपने छोटे स्तनों को ठंडी गीली हवा में धकेलते हुए अपनी पीठ को झुका लिया। चट्टान से टकराने वाले झरने का पानी उसके शरीर पर छलक रहा था और वो कांपने लगी। पानी के इस पार ज्योत्स्ना के हाथ तेजी से चलने लगे थे। मैंने अपनी पत्नी कयोतना को अपने करीब खींच लिया था, और उसकी योनि को रगड़ने के लिए मेरा हाथ उसकी टांगों तक पहुंच गया था। देखते-देखते उसका हाथ जोर से और तेज गति से चलने लगा । मैं उसके कंधे पर झुक गया और फुसफुसाया। "यह बहुत गर्म है। काश आप अभी उसके पैरों के बीच होती ?"

उसे किसी दूसरी औरत के साथ देखना मेरी कल्पना थी। तो उसे लगा कि इसने मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर दिया है। और निश्चित रूप से वह मेरी बढ़ती हुई उत्तेजना को महसूस कर सकती थी क्योंकि मेरा लंड उसके हाथ में थोड़ा बड़ा और सख्त हो गया था । "ज़रा सोचिए कि मैं यहाँ खड़ा हुआ मेरे इस बड़े सख्त लंड को सहला रहा हूँ, जबकि मैं आपको अपने सामने उसकी चूत को चूमते और चाटते हुए देख रहा हूँ ।"


महिला की आवाजें अचानक बंद हो गईं, और हम रुक गए, हिलने की हिम्मत नहीं हुई। क्या उन्होंने उसे सुना? हम वहाँ चुपचाप खड़े रहे, उसका हाथ मेरे लंड के चारों ओर मजबूती से लिपटा हुआ था, उसे चंचलता से निचोड़ रहा था। उसकी क्लिट मेरी दो अंगुलियों के बीच फंस गई। लेकिन दंपति ने हमें नहीं सुना था क्योंकि हमारे फुसफुसाहट झरने की आवाज़ से दब गयी थी


जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 19

कोई है

हमने अपने छिपे हुए स्थान से उन्हें हिलते हुए देखा, उनकी अस्पष्ट आकृति से ऐसा लग रहा था, वे उसी जगह में एक नयी स्थिति में आगे बढ़ रहे थे। वो जोड़ा एक-दूसरे से अलग हुए बिना आगे को लुढ़क गए, और अब वो आदमी उसकी पीठ पर नहीं बल्कि उस लड़की के सिर के ऊपर बैठा हुआ था । वो कराह रही थी और उसने अपनी पीठ को झुकाया और पीछे को तरफ झुक गई। एक हाथ चट्टान पर उसकी बगल में टिका हुआ था, दूसरे हाथ से उसने उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी । हमने पुरष की जीभ को उसकी योनि के खिलाफ अंदर और बाहर होते हुए हुए देखा और वो उसकी योनि पर जीभ जोर से मार रहा था।

ज्योत्सना ने अपनी सांस रोक रखी थी और उसे लगा कि मेरी उंगलियाँ फिर से उसकी चूत से अंदर-बाहर होने लगी हैं। यह देखकर कि दूसरा जोड़ा पूरी तरह से अपने कार्यों में लीन था, ज्योत्सना ने फिर से सुरक्षित महसूस किया। "फिर हम दोनों ने देखा कि महिला हिल रही है, और घूम गई। अब वह दूसरी दिशा का सामना कर रही थी, और हमने देखा कि वह झुकी हुई थी और उसने अपने पुरुष साथी का लंड अपने मुँह में ले लिया। उस आदमी का लिंग औसत था, शायद पांच इंच, और उसने कुशलता से उसके हर इंच को अपने गले में भर लिया। इधर मेरी उँगलियाँ मेरी पत्नी ज्योत्स्ना की चूत से अंदर और बाहर हो रही थी और मेरी हथेली उसकी योनि को रगड़ रही थी । उसके घुटने कमजोर होने लगे। देखने के सारे उत्साह के साथ-साथ प मेरी उँगलियों ने उसे स्खलित होने के लिए तैयार कर दिया था। तभी हमने सुना "भा .... यी ... भाई ...." हमारे सामने मुखमैथुन में रत वह महिला हांफने हकलाने लगी। हाँ हाँ बोलो भाई के लिए आ जाओ ।" वह अब अपने घुटनों पर स्थिर थी, और उसका भाई उठ खड़ा हुआ। जैसे ही वह संभोग में चीखने लगी, उसने अपना लंड उसके खुले मुंह में धकेल दिया और उसके सिर को मजबूती से पकड़ लिया। फिर वह धीरे-धीरे उसका मुंह चोदने लगा, उसकी चीखें उसके लंड के चारों ओर दब गईं। "हाँ मेरी अच्छी प्यारी छोटी बहन। तुम जब ऐसे चिल्लाओजो तो भाई का लंड तुम्हें चुप करा देगा।"

पानी के दूसरी ओर,हम उन्हें स्पष्ट देख रहे थे और उसकी चीखें वास्तव में दबी हुई थीं, लेकिवो युगल अपने स्वयं के संभोग सुख में स्खलन वाले समय में था और किसी भी तरह से कुछ भी सुनने की स्थिति में नहीं था। जैसे ही उस भाई ने अपनी बहन के चेहरे पर पिचकारी मारी लड़की की गांड बेतहाशा कांपने लगी।




सह की मोटी धाराएं लड़की के मुँह के कोनों से बाहर निकल रही थीं क्योंकि वह इसे अंदर रखने के लिए संघर्ष कर रही थी। वह बैठ गई, वीर्य की धार उसके लंड से उसके मुँह तक आ रही थी। लड़के ने लड़की को आपने पास खींचा . वह धीरे-धीरे अपने कूल्हों को आगे-पीछे हिलाने लगी। उसके हाथ उसकी कमर तक पहुँच गए और उसे अपने लंड के ऊपर और नीचे मार्गदर्शन करने लगा । वह उस पर सवार हो ग ई, वो ठीक उसके सामने जलप्रपात को देख रही थी।वो यह नहीं जानते थी कि पानी के दूसरी तरफ, बस कुछ फीट दूर ज्योत्स्ना और मैं उन्हें देख रहे थे ज्योत्स्ना अभी भी एक संभोग सुख से बाहर आ रही थी, और वह कराह रही थी और उसकी उंगलिया मेरे बड़े लंड के चारों ओर घूम रही थी।




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अंत में मैंने अपना लंड उसके मुँह से खींच लिया। "मुझे लगता है कि हमे भी उनकी तरह हो करना चाहिए । मेरा लिंग भी अपनी साथिन की चूत को अपने चारों ओर लपेटे हुए महसूस करना चाहता हैं।" इसके साथ, मैंने उसे उठा लिया, और उसे कमर पर झुका दिया, जल्दी से उसकी बची हुई ड्रेस को किनारे कर दिया। उसके मुंह से निकलने वाली लार में मेरा लंड अच्छा और गीला था, और वह भी काफी गीली थी, इसलिए मेरा लिंग आसानी से उसमें फिसल गया। "उन्हें देखो बेबी । भाई ने अपनी छोटी प्यारी बहन को चोदने के दौरान उसे अपनी ऊपर सवारी प्रदान की हैं ।" वह वापस पहुंची और उसने लिंग को अपने हाथों में पकड़ लिया, और मैंने उसे अपनी बाहों से कसकर पकड़ लिया, और उसे अपने लंड पर चढ़ा लिया । उसने बेहतर स्थिरता के लिए अपने पैरों को फैलाया यदि मैं चाहता तो पानी की दीवार के बीच में से थोड़ा सा आगे बढ़कर, उन्हें बेनकाब कर सकता है। लेकिन अभी के लिए, मैंने ज्योत्स्ना को बस कस कर पकड़ रखा था, और फिर उसे चोदना शुरू कर दिया।

तरल पर्दे के दूसरी तरफ, वो लड़की अब अपने भाई की सवारी कर रही थी । ऊपर और नीचे झुकते हुए, उसके स्तन उछल रहे थे और वो स्तनों छवि तालाब के पानी में ऐसे देख रही थी, जैसे कि एक दर्पण में झाँक रही हो। यह लगभग ऐसा था जैसे वह दूसरी तरफ अपनी दर्पण छवि, ज्योत्सना के साथ सीधे आँख से संपर्क कर रही थी। वे दोनों एक ही बात महसूस कर रही थी थे। मानो इस तरह के संबंध की पुष्टि करने के लिए, ज्योत्स्ना की हरकतें उस पार उस लड़की की हरकतों से मेल खाने लगीं और जल्द ही दोनों जोड़े एक ही गति और लय में चुदाई करने लगे।

कोई आस पास होता तो शायद हमे और उन्हें चिंता होती कि कुदरत की आवाज़ों से चुभती गूँजती आवाज़ों के साथ लोगों का झुण्ड उधर आ जाता लेकिन उस समय चुदाई की कराहे भी झरने की गर्जना के साथ पानी के कोलाहल में डूब रही थी । दो जोड़े जल प्रपात के दोनों तरफ सम्भोग कर रहे थे । उस लड़की ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना सिर वापस पीछे फेंक दिया और संभोग सुख में कररहने लगी जो शायद ज्योत्स्ना द्वारा देखे गए सबसे कामुक प्रदर्शनों में से एक था।

मैंने यहां अपना मौका लिया, और अपनी पत्नी ज्योत्स्ना के चेहरे और छाती को गिरते पानी के बीच में से धकेलते हुए, उसे पहली बार बाहरी दुनिया में उजागर किया,। जैसा कि उसने महसूस किया कि क्या हो रहा था, उसने अपनी खुद की कामोत्तेजक चीख को रोकने की पूरी असफल कोशिश की, और उसका पूरा शरीर ऐंठ गया और जोर से हिलने लगा था। यदि मेरी मजबूत बाहें उसके पकड़े न होती और मेरा कठोर लंड उसके अंदर और बाहर पिस्टन न कर रहा होता, तो वह शायद झरने के बीच से उस चुदाई कर रहे जोड़े पर गिरती। लेकिन इसके बजाय,मैने उसे मजबूती से पकड़ रखा था लेकिन ज्योत्स्ना की चीख सुन वो लड़की चौंकी , इससे पहले वो लड़की आँखे खोलती और ज्योत्स्नाऔर मुझे देख पाती मैंने उसे वापिस अपने ऊपर खींच लिया ।

चीख सुन वो लड़की हैरान रह गयी और एक स्वाभिक प्रतिक्रिया में वो लड़की भी जोर से चिल्ला पड़ी . कोई है !!!!


और फिर उसने चारो तरफ देखा पर कोई नजर नहीं आया और फिर किसी तरह उस लड़की ने अपने संयम को फिर से हासिल करना शुरू किया, मैंने ज्योत्सना को पानी के पानी के बीच से वापस खींच लिया गया, वह अभी भी कामोत्तेजना में काँप रही थी।

जब मैंने उससे खुद को अचानक दूर कर लिया तब जटाटस्ना ने खुद को खाली महसूस किया और उसकी योनि कांप रही थी। मैंने उसे घुमाया और उसे घुटनों पर घोड़ी बना दिया । वह अभी भी स्खलित हो रही थी , उसका रस उसकी चूत से बह रहा था । जैसे ही उसके घुटनों ने उसके नीचे गीली चट्टान को छुआ, उसने प्रत्याशा में अपना मुँह खोल दिया। उसने विस्मय में मुझे देखा और मेरा लंड उसकी योनि से बाहर देख मेरा लंड लिया, उसके मीठे अमृत से भीग कर चमकते हुए, अपनी मुट्ठी में लिया , और अपने हाथ को तेजी से लंड पर आगे पीछे करना शुरू कर दिया। मैंने उसके सिर के पीछे से उसके बालों को पकड़ लिया।

दोनों में से किसी ने भी यह नहीं देखा कि पानी के दूसरी तरफ का जोड़ा अपनी चरम पर पहुंचने के बाद उनका वो सत्र समाप्त हो गया और वो पानी में वापस जाने और तैरने के लिए तैयार हो रहे थे । दूसरा जोड़ा अब वहां मौजूद नहीं था। अब बस भाई था , और उसकी सुंदर अच्छी छोटी बहन अपने घुटनों पर भाई का वीर्य लेने के लिए तैयार थी। और हमे भी इसमें ज्यादा समय नहीं लगा। जल्द ही एक घुरघुराहट के साथ मैंने ज्योत्स्ना के चौड़े खुले मुंह, में वीर्य की पिचकारी की पहली मोटी सफेद धार की उसके गले के भीतर निशाना बनाया। मेरा निशाना सही जगह लगा और वह उसके गले से लेकर धार उसकी फैली हुई जीभ पर लगी । और दूसरी पिचकारी पहली से बड़ी थी और उसकी ठुड्डी पर लगी, जिससे उसकी गर्दन के नीचे उसके स्तनों की रार तक सफेद रंग की एक रेखा बन गई।


जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 20

हम गीले थे

अगली दो पिचकारियाँ सीधे उसके प्रत्येक निप्पल पर लगी । वीर्य की धराये पतली होने लगीं, और कम प्रभावशाली होने लगीं, मैंने अपना हथियार वापस उसके मुँह की ओर तान दिया और उसे अपने पास खींच लिया। उसने उत्सुकता से मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और वो अब एक बूंद भी नहीं छोड़ना चाहती थी, उसने अब लिंग छोस्ना और मेरा वीर्य निगलना शुरू कर दिया । जैसे वो चाट रही थी उससे स्पष्ट था की उसे मेरे वीर्य का नमकीन स्वाद पसंद आया था।

CUM3
कुछ पलों के बाद, ज्योत्स्ना ने महसूस किया कि मेरे लंड पर अब वीर्य का कोई अंश नहीं बचा है। लिंग अभी भी कठोर था . उसने इसे एक नरम पॉप के साथ जाने दिया, और अपनी एड़ी पर वापस बैठ गई, उसने अपने बदन पर, थोड़ी नाक और स्तनों औअर गर्दन छाती पर लगे मेरे वीर्य को चाट लिया और वीर्य के स्वाद का आनंद लिया।

उसका शरीर अभी भी काँप रहा था, और वह जानती थी कि वह थोड़ी देर के लिए नहीं चल पाएगी। उसके पैर कमजोर पड़ गए । इसलिए, वो थोड़ा और पीछे हुई और थोड़ी सूखी जगह देख कर लेट गई, जहाँ मैं उसके साथ ही लेट गया । हम कुछ मिनटों के लिए एक साथ लेटे रहे जब तक कि हमें भरोसा नहीं हो गया किअब हम फिर चल सकते हैं। मैं सबसे पहले खड़ा हुआ मैंने उसकी खड़े होने में मदद की, वह अभी भी अपने पैरों पर थोड़ी अस्थिर थी। मैंने झरने के बाहर चारों ओर देखा, अब वहां कोई नहीं था और और अभी भी आसपास भी कोई नहीं था। "यहाँ कोई नहीं है।" मैं मुस्कराया। " आप वीर्य में लिपटी बहुत सेक्सी लग रही हैं।



CUM-SHOWER

वो बोली , बहुत चिपचिपा लग रहा है ।

चलिए आपको साफ करते हैं।" उसके साथ, हम दोनों ने झरने में कदम रखा, और झरने के पानी से एक दुसरे के नग्न शरीर को धोने लगे । मेरे हाथ उसके शरीर पर उन सभी जगहों पर दौड़े जहाँ मैंने वीर्य की पिचकारियां मारी थी और धीरे से उसके शरीर से सह को साफ़ कर रहा था।

जल्द ही जब हम उतने ही स्वच्छ थे जितने जलप्रपात में हम हो सकते थे, हम एक बार फिर उस जलप्राप्तप्त के पीछे गए । मैंने उसकी आँखों में देखा . वो खुश लग रही थी और मुस्कुरा रही थी . हम अभी भी गीले थे और अब सूखना चाहते थे ताकि हम अब अपने कपड़े पहन ले लेकिन हमने इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर दिया था थे कि एक-दूसरे को धोने से दोनों स्पष्ट रूप से उत्साहित थे। मैंने अपने सख्त लंड को अपने अंडरवियर में फिट करने के लिए संघर्ष किया, उसने अपने पैरों के बीच बढ़ते गीलेपन को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की क्योंकि उसने मुझे संघर्ष करते हुए देखा था।

उसकी आँखों में देखते हुए मैं उसके होठों पर छोटे-छोटे चुंबन करते हुए थोड़ा आगे बढ़ा, फिर धीरे-धीरे उसके चेहरे, गालों और माथे पर चुंबन करता हुआ और फिर उसके होठों पर वापस आ गया। इससे पहले कि हम दोनों में से कोई भी अपनी सांसें पकड़ पाता, मैंने उसे और अधिक जोश के साथ चूमा। फिर मैंने अपने हाथों को उस शरीर के चारों ओर घूमने के लिए छोड़ दिया ।

ज्योत्सना ने अंततः हमारे चुंबन को तोड़ दिया लेकिन फिर हल्के से मेरे चेहरे को मेरी गर्दन को चूमना शुरू किया और फिर मेरे होठों पर चूमने लगी । लेकिन वह वहाँ नहीं रुकी, चुंबन बढ़ गया क्योंकि उसके हाथो ने धीरे-धीरे मेरे शरीर के नीचे अपना रास्ता बना लिया, आखिरकार उसके हाथ मेरे लंड पर चले गए ।

लिंग को अपने हाथ में पकड़कर उसने मेरी तरफ देखा और नीचे बैठी और अपनी जीभ से मुझे छत्ते हुए नीचे गयी . मेरे होश उड़ गए और मेरे लिंग को उसने फिर से अपने मुँह में ले लिया। हमारे आस-पास के गीले और ठंडेपन का मिश्रण और उसके मुंह की गर्म कोमल अनुभूति ने मुझे पूरा उत्तेजित कर दिया । मैं पहले से ही अपने उत्साह को महसूस कर रहा था और अपनी गेंदों को कस रहा था और उसने चूस कर मेरे लंड को पूरा कठोर कर दिया।



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मैंने उसे अपने पास खींच लिया। धीरे-धीरे मैंने उन चुंबनों को वापस करना शुरू किया जो उसने मेरे शरीर को प्रदान किए थे। उसके शरीर को चूमते हुए मैंने सुनिश्चित किया कि मैं कुछ प्रमुख क्षेत्रों में रुक जाऊं, मुख्य रूप से उसके निपल्स को चूमना; चूसना; और उन पर तब तक काटता रहा जब तक मुझे यकीन नहीं हो गया कि अगर मैं जारी रहा तो वह चिल्लाएगी। फिर उसके निप्पल को छोड़कर मैंने उसके शरीर को चूमना शुरू कर दिया और उसकी ओंठो को चूमने लगा ।

अपनी उँगलियों को धीरे-धीरे उसकी योनि के चारों ओर घुमाते हुए मैं महसूस कर सकता था कि उसकी गर्मी निकल रही है। मैं उसके कराहों को सुन रहा था और उसकी सांस अधिक से अधिक तीव्र हो जाती थी। मैंने उसे तब तक चूमा और ऊँगली से उसकी भगनासा को तब तक छेड़ा जब तक कि वह अच्छी तरह से नम न हो गई, मैंने उसके होंठों को अलग कर दिया, और मुझे लगा कि वह अविश्वसनीय रूप से गीली थी, मैं उसके स्वाद के बारे में सोचकर लार टपकाने लगा। जैसे ही मैंने उसके गीले होठों को चाटना शुरू किया और उसके मीठे स्वाद को चूस रहा था, मेरी उंगली उसके क्लिट से थोड़ा ऊपर थी।

मैं ऊँगली और अंगूठे से उसके भगशेफ को आगे-पीछे कर रहा था, जबकि मैं भूख से अपनी जीभ को उसके मुँह में अंदर ऊपर और नीचे स्लाइड कर रहा था। उसकी जीभ को चूस रहा था , वो मेरे जीभ को चूस रही थी और मैं उसकी भारी सांस मैं सुन सकता था कि वह बहुत गर्म हो रही थी इसलिए मैंने उसके अंदर एक फिर दो अंगुलियों को सरका दिया और उसके जी-स्पॉट को छुआ ।

सही जगह पर स्पर्श के कुछ ही क्षणों में। उसकी टाँगे मेरे हाथ के चारों ओर कस गयी और मैं महसूस कर सकता था कि मेरी उंगलियाँ उसके तीव्र संभोग से भीग रही थी और उसके मुंह से छोटे-छोटे कराह निकल रहे थे।


मैंने खुद को उसके पास किया और मेरी बाहें उसके शरीर के दोनों ओर फैली हुई थीं। नीचे की ओर देखते हुए उसके चेहरे की ओर देखते हुए, जबकि उसकी आँखें बंद थीं, मैंने उसके होठों पर एक हल्का सा चुम्बन किया उसने मेरे लिंग को उसके सेक्स के द्वार पर रख दिया और खुद मेरे से चिपक गयी और मैंने हल्का सा धक्का मारा । उसकी आँखें तेजी से खुल गईं और मुझे लगा कि मैं उसमें प्रवेश कर गया था और उसके होंठों से एक हल्की सी कराह निकल गई।

धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए मैंने अपने कूल्हों को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया, और उसके मुंह से कराहे निकल रही थी और मैं साथ साथ अपने हाथो से उसका एक नितम्ब और एक स्तन दबा रहा था क्योंकि मैं उसे जोर से दबा रहा था। आखिरकार वो उछली और उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया और जैसे ही मैंने लिंग पूरा अंदर डाला, उसने मुझे अपने अंदर खींचना शुरू कर दिया। मैं महसूस कर सकता था कि उसका रस उसकी योनि से रिस रहा था मैं उसके अंदर उठती गर्मजोशी को महसूस कर रहा था ।



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मैंने अपने धक्के मारने की गति को धीमा कर दिया और उसके शरीर पर टिकी हुई सांस को पकड़ते हुए मैं उसके ऊपर झुक गया और धीरे से उसके होठों को चूमा। और मैंने उस झरने के पीछे एक गुफा देखी और उसमें से कुछ रोशनी आ रही थी। जैसे ही हम झरने के पीछे गुफा में गए तो हमने देखा कि वहां एक हवन कुंड था और ताई जी एक पुजारी के साथ बैठी हुई थी ।

जारी रहेगी
 
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Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
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CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 21


योनि पूजा

मैंने ताई जी को देखा, उनके सामने हम दोनों बिलकुल नग्न थे तो मुझे बहुत शर्म आयी । एक सेविका ने आकर हमे तौलिया दिया जिससे हमने खुद की सुखाया। मैंने और ज्योत्स्ना ने अपना-अपना तौलिया अपने बदन पर लपेट लिया । हालाँकि उनकी उपस्थिति ने मुझे चौंका दिया था। फिर ताई जी बोली बच्चो शर्माओ मत यहाँ आओ और आसान ग्रहण करो ।

मैंने और ज्योत्स्ना ने उन्हें शर्माते हुए प्रणाम किया तो देखा वह साडी ओढ़ कर बैठी हुई हैं । हम दोनों उनके गए । एक दासी आयी और ज्योत्स्ना को ले गयी ।

पुत्र महाराज की नयी महारानी को आपने वीर्यदान दिए हुए काफी समय हो गया है फिर भी हमे अभी तक रानी के गर्भवती होने का शुभ समाचार नहीं मिला है । हम इसके लिए बहुत चिंतित हैं इसलिए हमने गुरूजी से इसके उपाय की प्राथना की है और उन्होंने परम शक्तिशाली योनि पूजा करने का आदेश दिया है और राजमाता ताई जी बोली पुत्र तुम जानते हो हम सब एक श्राप से ग्रसित हैं और उस श्राप के उपाय के तौर पर हमे ये उपाय करना होगा की आपको परिवार में माँ समान स्त्रियों से सम्बन्ध बनाना होगा, तब ये शाप समाप्त हो जाएगा और फिर कई संताने होंगी।

मैंने धीरे से कहा ताई जी इसमें कई बार समय लग जाता है ।

ताई जी बोली पुत्र पूज्य गुरु अमरमणि जी के आदेश से हमे पहले यहाँ योनि पूजा करनी होगी । हमे शक्ति मंत्र के साथ योनी की पूजा करनी होगी यह पूजा इतनी शक्तिशाली हैं कि ये नर्क से भी मनुष्य का उद्धार करती है और बहु तुम्हे इसी काम के लिए यहाँ पर लायी है । फिर उन्होंने मुझे योनि पूजा कैसे करनी है इस बारे में बारे में विस्तार से समझाया ।

क्योंकि उसने अपने कंधे के ऊपर से मुझे देखा, उसका चेहरा अचानक लाल हो गया था और वह थोड़ी घबराई हुई और खुद को लेकर अनिश्चित लग रही थी। उसे बेचैनी में देखना प्यारा था। उन्हें इतना असहज महसूस करते हुए देखकर मुझे थोड़ा रोमांच महसूस हुआ क्योंकि हमारा ताई और भतीजे का रिश्ता पल भर के लिए बदल गया था और वह मुझसे दिशा मांग रही थी। उन्होंने शर्माते हुए इधर-उधर देखा और जिससे सभी सेवक वहाँ से चले गए और फिर वह लगभग चीखते स्वर में आगे बोली। "योनि का पूजा कर्म है। गुरु साहब ने कहा... हमें योनी पूजा अनुष्ठान करने की आवश्यकता है। गुरु ने कहा कि।"

राजमाता ताई जी ने घबराकर अपना पल्लू ठीक किया, फिर अपने बाल, फिर अपना पल्लू फिर से ठीक किया, स्पष्ट रूप से असहज और मुझसे ऐसा कुछ बोलने में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।

"गुरु साहब ने कहा हैं सबसे पहले तुम्हे म... योनि की पूजा करनी है ..."

मैंने उस पल के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि मैं भी चकित था ।

उन्होंने घबराकर अपना पल्लू फिर से ठीक किया, स्पष्ट रूप से असहज और मुझसे ऐसा कुछ पूछने में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। उसने मुड़कर मुझे अपनी आँखों के कोने से देखा। निस्संदेह वह यह देखने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी कि मैं क्या कहूँगा।

"गुरु साहब ने कहा हैं सबसे पहले तुम्हे मेरी योनि की पूजा करनी है क्योंकि श्राप के अनुसार आपको परिवार में माँ समान स्त्रियों से सम्बन्ध बनाना होगा और ताई भी माँ समान होती है ।"

मैंने उस पल के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि मैंने उन्हें थोड़ा असहज महसूस करते हुए देखने का विकल्प चुना। मुझे उन्हें असहज देखना अच्छा लग रहा था और उन्हें देख कर मुझे लगा कि मातृ अधिकार के साथ जीवन जीने वाली राजमाता का इस तरह घबराये हुए मुझे चोरी-चोरी देखना मुझे थोड़ा अजीब और रोमांचकारी महसूस हुआ, वह एक सर्व शक्तिशाली राजमाता से इस कांपती हुई छोटी लड़की में इतनी आसानी से बदल गयी थी। उन्होंने मुझे चुप देखकर कहा: बेटा अब हमें गुरूजी के निर्देश का पालन करना है और आप स्मरण करो आपने इस कार्य को संपन्न करने का संकल्प लिया है और मुझे पूरी योनि पूजा की विधि समझायी और बोली पुत्र अब हमे ये अनुष्ठान करना होगा। "

जी. ताई जी! मैंने कहा, आखिर में उन्हें जवाब दे रहा था। उन्होंने मुझे नजरे उठाकर देखा और पाया कि मेरी निगाहें उन पर टिकी हैं और वह और भी शरमा गई, उसका चेहरा रमणीय गुलाबी हो गया। उन्होंने फिर से अपने आप को सचेत महसूस करते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया।

मैंने बोला । " तो ताई जी जैसा गुरूजी ने बोला है हम वैसा ही करेंगे!

"लेकिन पुत्र तुमने अभी तक भोजन नहीं किया है।" राजमाता की आवाज अस्थिर थी और मुश्किल से फुसफुसा रही थी।

"हम पहले योनि पूजा कर ले। मैं बाद में खा सकता हूँ, पहले पूजा करते हैं।" मैंने स्पष्ट रूप से कहा, मैं उनपर उस नियंत्रण का आनंद ले रहा था जो उन्होंने अनजाने में मुझे सौंप दिया था। दरअसल अब मैं ही उन्हें बता रहा था कि हमें योनि पूजा अनुष्ठान अभी करना चाहिए। यह अजीब था, कुछ देर पहले वह इस बात को लेकर चिंतित थी कि उन्हें मेरे साथ योनि पूजा करनी होगी और क्या मैं ये सब करने के लिए त्यार होऊंगा लेकिन यहाँ मैं राजमाता से कह रहा था कि अब हम इसे करने जा रहे हैं। अजीब बात है कि चीजें कैसे बदल जाती हैं।

"शायद, योनी का आशीर्वाद ही हमे उस शाप से मुक्ति दिला सकता है?" मैंने तनाव को थोड़ा कम करने की कोशिश करते हुए मुस्कुराते हुए जोड़ा। राजमाता के साथ थोड़े चुटीले मजाक करना थोड़ा जोखिम भरा था। राजमाता अभी भी योनी पूजा अनुष्ठान को एक धार्मिक कार्य के रूप में देखती थीं,

पुत्र हमे ये कार्य हमे अनुष्ठान की तरह ही करना होगा। ये बोलते हुए राजमाता पहले तो घबराहट के साथ मुस्कुरायी और मुझे लगा घबराहट से उनका शरीर शिथिल होने लगा है,

मैंने कहा ताई जी आप चिंता मत करे । हम गुरूजी के आदेश का पालन कर, ये कार्य अवश्य मिल कर करेंगे और आप थोड़ा सहज हो जाईये और मुस्कुराईये ।

मैंने मजाक-मजाक में उनके नाक पर चिकोटी काटी और उन्हें गुदगुदाने का नाटक किया जिससे वह थोड़ा सहज महसूस करें। मैं उनकी आज्ञा मान कर उनके मनोरथ पूरा करने के लिए तत्पर हो गया था ये सोच कर वह अब खुश दिख रही थी । वह मेरे साथ थोड़ी खिलखिलाती हँसी में शामिल हो गई। हम कुछ देर साथ में हँसे, हम दोनों सहज हो गए और आपसी तनाव को दूर करने का आनंद लिया।

"बस, बस पुत्र" उन्होंने मुझसे निवेदन किया और उनकी प्यारी-प्यारी हँसी धीमी हो गई और उनके गर्म और सुंदर चेहरे पर एक विस्तृत मुस्कान आ गई। उन्होंने मुझसे कहा कि जाओ और अपनी आंखों में उत्साह और आराधना के मादक संकेत के साथ अपने प्रार्थना के कपड़े पहन लो।

मैंने वहीँ रखे अपने कपड़े पहने तो उस समय मेरे दिमाग में राजमाता की सेक्सी छवियों घूम रही थी मेरा लंड मेरी धोती के भीतर धड़क रहा था, कड़ा हो रहा था और दर्द कर रहा था। क्षणों में मैं तैयार हो गया था और अपनी पहले से ही योनि मुद्रा में बैठी राजमाता के पास उस गया और वह मौन प्रार्थना कर रही थी।

वहाँ एक योनि आकार का गोला बना हुआ था वह आकर उस चक्र में बैठ गयी और में उनके पास बैठ गया । जो तांत्रिक पुजारी वहाँ उपस्थित था उसने कुछ मन्त्र पढ़े और अग्नि में कुछ सामग्रियाँ डाली और उसके बाद मैंने और ताई जी ने मिल कर इस पूजा के सफल होने की प्राथना की। और फिर वह तांत्रिक और अन्य सभी लोग उस स्थान से दूर चले गए । तांत्रिक के जाने पर उस स्थान पर केवल मैं और ताईजी रह गए. मैंने ताई के माथे पर तिलक लगाया और उनहे सुंदर कपडे और गहने पहनाये । अब हम पूजा कर रहे थे और उनका राज्य के लिए वारिस का मनोरथ पूरा होने वाला था ये सोच कर वह खुश दिख रही थी ।


जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 22


नग्न योनि पूजा


राजमाता ने कहा बेटा! अब हम नग्न योनि पूजा करेंगे!"

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने सुना। मैंने उनसे पूछा "क्या? फिर से कहिये!"

उन्होंने बताया " हम-हम अब नग्न योनी पूजा करेंगे। आप जानते हैं कि आपके पूर्वजों और परिवार श्रापग्रसित है। अब परिवार का उस श्राप से मुक्ति का समय आ गया है और श्राप की समाप्ति के लिए परिवार के सभी पुरुषो को अपने सम्बन्धियों के साथ अनाचार करना होगा। गुरु साहब ने कहा... हमें इसके साथ योनी पूजा अनुष्ठान करने की भी आवश्यकता है। ताई जी बोली पुत्र पूज्य गुरु अमरमणि जी के आदेश से हमे पहले यहाँ योनि पूजा करनी होगी। हमे शक्ति मंत्र के साथ योनी की पूजा करनी होगी यह पूजा इतनी शक्तिशाली हैं कि ये नर्क से भी मनुष्य का उद्धार करती है और बहु तुम्हे इसी काम के लिए यहाँ पर लायी है। फिर उन्होंने मुझे योनि पूजा कैसे करनी है इस बारे में बारे में विस्तार से समझाया।

गुरूजी के अनुसार इसके साथ-साथ आपको सबसे पहले मेरे साथ योनि पूजा करनी चाहिए। आप जानते हैं कि 10 कुंवारी लड़कियाँ होंगी जो हमें योनी पूजा करते हुए देखेंगी। मेरे बाद आज यहाँ आपको उनमें से किसी एक से योनि पूजा करनी है।

फिर वह पुत्र बोली योनि साधना का नियम जो गुरुदेव ने बताये हैं उनमे से कुंवारीयो में कुंवारी कपालिका या कुंवारी राजकुमारी या कुंवारी राजकुमारी, कुंवारी वेश्या, कुंवारी वस्त्र धोने वाली कन्या, कुंवारी बहीचे में काम करने वाली मलिन, कुंवारी अभिनेत्री, कुंवारी सौंदर्य पारलर वाली कन्या, कुंवारी ब्राह्मण कन्या, कुंवारी सफाई कर्मी कन्या, कुंवारी गौ-सेविका ये 9 कन्याये योनि पूजा के लिए सर्वाधिक उचित हैं। अन्यथा कोई भी कन्या यदि वह सुंदर और चंचल दृष्टि वाली है जो योनि पूजा के लिए उपलब्ध हो योनि पूजा के लिए उचित हैं। आपको उसके साथ योनि की पूजा के साथ सम्भोग भी करना होगा। पुत्र स्मरण रखना ये अनुष्ठान है इसमें तुम्हारे साथ तुम्हारी पत्नी ज्योत्स्ना भी पूजा में मौजूद होंगी।

राजमाता की ये बात सुन कर मुझे शर्म आयी और मैंने कहा " जैसी आपकी आज्ञा होगी मैं वैसा ही करूँगा: जल्द ही शर्मिंदगी रोमांचक विचारों में बदल गयी।

उन्होंने मुझे चुप देखकर कहा: बेटा अब हमें गुरूजी के निर्देश का पालन करना है और आप स्मरण करो आपने इस कार्य को संपन्न करने का संकल्प लिया है और मुझे पूरी योनि पूजा की विधि समझायी और बोली पुत्र अब हमे ये कार्य अनुष्ठान की ही तरह करना होगा। "

मुझे नहीं पता था कि क्या कहना है लेकिन किसी तरह कहा "कोई बात नहीं, राजमाता मुझे वहाँ नग्न होने में शर्म नहीं है ... आखिर आप मेरे लिए मेरी माँ जैसी ही हैं"

वो हँसी और बोली "बेटा......तुम्हें मेरे सामने शर्म नहीं आती।लेकिन याद रखो पूजा कक्ष में 10 लड़कियाँ ...सभी की उम्र 18-20के बीच में है और तुम्हारी पत्नी ज्योत्स्ना भी तुम्हारे साथ होंगी-" ूर कुछ विश्वासपात्र सेविकाएँ भी उपस्थित रहेंगी ।

वाह।न्यूड पूजा की बातो ने मुझे रोमांचित कर दिया था । तो अब ताईजी राजमाता और करीब एक दर्जन कुंवारी लड़कियों के सामने नग्न होने की बात ने... मुझे और उत्साहित कर दिया। वैसे भी मैं तैयार था और मेरा लिंग कड़ा हो रहा था।

देख बेटा, शुरू में वह लड़कियाँ तेरे साथ रस्मों में शामिल होने के खिलाफ थीं...कह रही थी कि तुम शहर से हो और बदतमीजी कर सकते हो, शरारत कर सकते हो ...लेकिन उनसे लंबी बातचीत के बाद मैंने उन्हें यकीन दिलाया कि तू सभ्य हैं, जो होगा अनुशासित होगा। नियमानुसार और जो कुछ भी यहाँ होगा सब गुप्त रहेगा! अब बेटा, मुझसे वादा करो कि तुम अनुशासित रहोगे और गोपनीयता बना कर रखोगे! ... मुझे पता है कि मैं तुम पर भरोसा कर सकती हूँ। लेकिन जब आप पूजा कक्ष में नग्न लड़कियाँ देखेंगे और आप शहर से हो इसलिए । मुझे लड़कियों से कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए"।

मैंने उनसे वादा किया कि मैं कोई दुर्व्यवहार नहीं करूंगा और उनकी और अपनी प्रतिष्ठा खराब नहीं करूंगा और अनुशासित रहूँगा और गोपनीयता बना कर रखूँगा।

उसके बाद मैंने लड़कियों की आवाजें सुनीं। तभी अचानक ज्योत्स्ना भगवा कपड़े में लिपटी हुई 12-13 लड़कियाो के साथ उस पूजा कक्ष के अंदर आईं... उन 12-13 लड़कियों में एक मेरी पत्नी ज्योत्सना की बहन राजकुमारी अजंता थी।

पहले तो मुझे लगा कि ये लड़कियाँ मुझे लुंगी में देखकर सिर्फ खिलखिलाएंगी, या शरारती टिप्पणी करेंगी लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ की वह अत्यधिक अनुशासित थी। उन्होंने अंदर आ कर राजमाता के पैर छुए और जब उन्होंने मुझे उनसे मिलवाया तो उन्होंने मेरा अभिवादन किया और मेरे सामने झुककर प्रणाम भी किया।

फिर सभी लड़कियों ने पूजा काश में दीपक, मोमबत्तियाँ जलानी शुरू कर दी और ...फूलों की सजावट में राजमाता और ज्योत्सना की मदद की। आधे घंटे में गुफा में स्तिथ वह पूजा कक्ष रोशन हो गया था और अब लग रहा था कि वहाँ एक उत्सव होने वाला है ... यह स्वर्ग जैसा सुंदर लग रहा था।

तब ज्योत्सना मुझे ले कर वेदी पर चढ़ गई। बाकी सब वहीं नीचे इकट्ठे हो गए। वेदी पर योनि की आकृति की एक मूर्ति थी। मैंने और ज्योत्सना ने योनि पूजा से शुरुआत की। उसने योनि के आकृति पर फूल बरसाए। उसने मंत्र जाप किया। उसके पीछे-पीछे कन्याएँ और राजमाता भी मंत्र जाप करने लगीं। आरती करने के बाद, ज्योत्सना ने लगभग 10 मिनट तक हमें योनी पूजा के बारे में बताया। चूँकि उसने असमी भाषा में भी कुछ कहा था, लेकिन फिर उसने योनि पूजा पर एक अच्छा स्पष्टीकरण दिया, वह नग्न क्यों है, राजमाता के स्तन और योनी क्यों खुली हुई है ... और जब ज्योत्स्ना ये बोल रही थी तो राजमाता ने अपने पहने हुए कपड़े को खोल दिया और उसे नीचे गिरा दिया। वह अब हमारे सामने पूर्णतया नग्न थी कोई वस्त्र नहीं, केवल पुष्पों की माला और गहने पहने हुई थी। जल्द ही लड़कियों ने नग्न राजमाता के सामने दंडवत प्रणाम किया और "मां राजमाता की जय ... योनि माँ की जय"।

ओह वाह।कितनी खूबसूरत लग रही थी वो...राजमाता पूरी तरह नग्न...उसकी दूधिया गोरी बॉडी, उसके गोल-मटोल गाल, सुर्ख लाल होंठ, उसके शानदार बड़े स्तन, उसके भूरे निप्पल, उसकी अच्छी तरह से छंटी हुई चूत, जिन पर हलकी-हलकी झांटे थी। गड़गड़ाती जांघें...ओह वाह ...लेकिन अचानक मुझे एहसास हुआ कि यह एक रस्म थी और मैं होश में आ गया।

तभी ज्योत्सना ने मेरी लुंगी हटा दी और अब मैं भी नग्न। मुझे अब होश आया और इससे पहले राजमाता ने मुझे अपनी लुंगी उतारने का इशारा किया था लेकिन । वास्तव में मैं राजमाता ताईजी के नग्न शरीर को निहारने में इतना मग्न था कि मैं भूल ही गया कि मुझे भी नग्न होना है। इतने में मेरी लुंगी हटा दी गयी और फिर उन सभी लड़कियों ने अपने ऊपर लपेटा हुआ कपड़ा उतार दिया और पूरी तरह नंगी हो गईं। ओह मेरे सामने थे ...उस कमरे में 24 नग्न स्तन।

वाह...कुछ लड़कियों के बड़े-बड़े स्तन थे, कुछ के मध्यम आकर से गोल और सुडोल स्तन थे, कुछ के नींबू के आकार के। लेकिन राजमाता और मेरी पत्नी ज्योत्सना के स्तन सहित सभी स्तन दृढ़ थे। कोई भी स्तन शिथिल नहीं हो रहा था किसी के स्तनों में ढलकाव का कोई नामोनिशान नहीं था। उम्मीद के मुताबिक मेरा लंड खड़ा हो गया।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 23


योनि पूजा- योनि दर्शन


मैंने अपने जीवन में जितनी खूबसूरत महिलाओं को देखा है, रानी माँ या राजमाता व ताई जी उनमें से एक हैं। 42 की उम्र में भी वह 20-25 वर्ष के आसपास की लड़की लगती हैं। उनके सुव्यवस्थित में 36D 32 36 का फिगर है और उनकी गोरी त्वचा उनके आकर्षण का मुख्य केंद्र है। ताईजी इस अवसर पर भी हमेशा की तरह सामान्य लग रही थीं और मुझे उनके चेहरे पर कोई झिझक या डर नहीं दिख रहा था। कुछ चिंता की लकीरे थी जो मुख्य रूप से वारिस पाने के लिए अपनी बहुओं को गर्भवती करने की उनकी चिंता के कारण थी। मुझे और उन्हें दोनों को भोजन की अनुमति नहीं मिली और इसके बदले हमें फलो, चरणामृत और प्रसाद ग्रहण करना था।

"अब आपको लड़कियों और अपनी ताई की 'कन्या पूजा' करनी होगी।" ज्योत्सना ने कहा।

मैं चकित था कि सीधी साडी दिखने वाली ज्योत्स्ना ये सब कैसे जानती है । मुझे हैरान देख तायी जी मुस्कुरायी और मानो मेरे मन की दुविधा जान कर बोली कुमार ये कामरूप देश है । यहाँ योनि पूजा करना काफी आम है और इसी कारण गुरदेव ने राजकुमारी को तुम्हारी दुल्हन बनने का सुझाव दिया था ।

इसके बाद ज्योत्स्ना बोली कन्या का अर्थ है कुंवारी लड़की और उस समय आपको अपनी ताई राजमाता रानी माँ को उसी कन्या रूप में देखना है। उन्होंने कहा "यह पूजा स्थान में एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने और आगामी पूजा के दौरान आत्म नियंत्रण हासिल करने के लिए की जाती है।"

ज्योत्सना ने वहाँ सब के सामने एक थाली राखी और लड़कियों और ताईजी से कहा कि वे अपना पैर सामने थाली में रखें। जैसे ही उन्होंने अपने चरण रखे तो ज्योत्स्ना और-और कन्याएँ मंत्र जाप करने लगीं। मुझे पैर धोने के लिए निर्देशित किया गया। मैंने हाथ में पानी लिया और मैंने ताईजी से शुरूकर र धीरे-धीरे जल उनके पैरों पर डाला और मेरे काँपते हाथ उनके पैरों की उँगलियाँ साफ करने लगे।

उनके चरण धोने के बाद मैंने उनके पैर एक कपड़े के टुकड़े से पोंछे और फिर मैंने अन्य लड़कियों के पैर धोए और पूंछे । फिर कुछ मंत्रों के जाप के दौरान मैंने हल्दी, करकम और फूलों से सभी चरणों की पूजा की, मुझे पता है कि यह केवल शुरुआत थी।

चरणों की पूजा समाप्त करने के बाद ज्योत्स्ना ने कहा "पतिदेव अब ताईजी एक कन्या हैं और आप भक्त हैं, ताईजी अब आप अपने आप को खोल दें और उन्हें एक पवित्र 'दर्शन' दें। ..."

फिर ज्योत्सना ने घोषणा की "अब हम योनी पूजा करेंगे। आइए हम योनी के प्रति अपना आभार व्यक्त करें जो हमे इस दुनिया में लायी है। अगले 15 मिनट कृपया योनि की ओर देखें और अपना आभार दिखाएँ"। इतना कहकर वह मन्त्रों का जाप करने लगी और हम सब तयै जी की योनि को देखने लगे।

मेरा दिल उसकी बातों से धड़कने लगा फिर राजमाता ने ज्योत्स्ना की बात सुन कर विचार किया मैं अभी युवा हूँ और वह मुझे वह इस काम के लिए प्रशिक्षित कर सकती है। राजमाता ने जैसे ही ऐसा सोचा उन्हें अपनी टांगो पैरों के बीच गर्माहट महसूस की, जिसने उन्हें हिला दिया और ताई जी ने धीरे-धीरे अपने टाँगे खोलना शुरू किया और ताई जी-जी वेदी पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ गईं।

मैं घुटने टेक बैठा रहा। "जैसी आपकी आज्ञा" और मैंने ताईजी की योनि की और देखा ।

दीपक के प्रकाश में उसके अंगों के जगमगाने से पहले मुझे योनि के पवित्र दर्शन हुए उसके बाद उनकी मांस से भरी रेशमी जांघें। अंधेरे और मंद प्रकाश में कमरा उनकी नग्न उपस्थिति से रोमांटिक फील दे रहा है। पल भर के लिए मैंने आंखें बंद कर लीं और एक मिनट बाद जब मैंने आँखे खोली तो मैं हमारे जन्मस्थान को चमकते हुए देख रहा था।

उसकी पवित्र योनी के होंठ अबाधित लग रहे हैं और योनि के होंठो के बीच में कड़ा हो चूका असली मर्द का स्वागत करता हुआ क्लिट और चांटे हुए बालों की झाड़ी जिस पर हलके-हलके घुंघराले बाल थे।

। इस सब दृष्टि से मेरा लिंग कड़ा मेरी स्वस्थ मर्दानगी की उपस्थिति दर्शा रहा था। बाकी लड़किया हालाँकि नग्न थी पर टाँगे जोड़े हुए अपने योनि को छुपा कर बैठी हुई थी।

इस अनुष्ठान में हम योनी की पूजा कर रहे थे और गुरुदेव के न अनुसार यह हमारे परिस्तिथियों में एक सही विकल्प था। मेरे मन में विचार आ रहे थे इस महान छिद्र को भेदने के लिए एक आदमी के लिंग की जरूरत है और यह लगभग दो दशको से अकेलेपन से पीड़ित है। यह योनि आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। राजमाता ने सर नीचे झुका कर आँखे नीचे झुकाई हुई थी ।

एक बार जब ताई जी ठीक से बैठ गयी तो वह मेरी और देखने लगी। उनके चेहरे पर अब कोई अभिव्यक्ति नहीं थी, जो मुझे थोड़ी अचंभित करने वाली लगी। वह सोच में खोई हुई लग रही थी, थोड़ी देर बाद मुझे घूरने से पहले वह अपने होश में आई और मुझे देककर बस गर्मजोशी से मुस्कुराई-वह शानदार मातृ मुस्कान जिसने मेरे दिल को गर्म कर दिया और मेरी आत्मा को सुकून दिया।

"पुत्र। यह एक सबसे उच्च अनुष्ठान है और इसे करने से आपको महान शक्ति प्राप्त होगी और साथ ही वह श्राप भी नष्ट होगा।" उन्होंने गुरु के शब्दों को दोहराया जैसे कि मुझे अभी भी इसके लिए मनाने की आवश्यकता हो। बदले में मैंने सिर हिलाया और थोड़ा चिंतित होने का नाटक किया। उसे यह महसूस कराने के लिए काफी था कि मैं थोड़ा अनिश्चित था लेकिन इतना भी नहीं कि उसे यह महसूस कराऊँ कि मैं इसमें भाग लेने के लिए तैयार नहीं हूँ। हम दोनों एक दुसरे को देख मुस्कुरा दिए।

पुत्र आपको गुरीजी का आदेश याद रखना है कि ये अभीशाप कैसे समाप्त होगा। इसके लिए बंशजों शब्द का इस्तेमाल किया गया है। अब इस समय हमारे परिवार में सब को प्रयास करना होगा और इस समय हमारे वंश का आगे बढ़ना आप पर ही निर्भर है।

मैं घुटने टेक बैठा रहा और बस इतना हो बोल पाया "जी रानी माँ!"

"वहाँ एक कटोरा है, कृपया उसे मुझे दे दे। पास ही नारियल के दूध भी रखा है उसे आप कुमार को दे दीजिये" ज्योत्स्ना ने उम्मीद भरी मुस्कान के साथ कहा पास ही खड़ी राजमाता और अपनी की परिचारिका नीला और नैना से कहा।

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वास्तव में होने जा रहा है। मैंने अपने कांपते पैरों को जोड़ कर अपने इरेक्शन को छुपाने का प्रयास किया। रानी माँ मुझे नई रानी जूही के साथ सम्भोग करते हुए देख चुकी थी और मुझे मालूम था इसे छुपाने का प्रयास व्यर्थ है और बाकी लड़किया भी मेरा लिंग चोरी-चोरी देख रही थी और ये निश्चित रूप से इस शुरुआती चरण में उत्तेजना का कारण था!

परिचारिकायें नीला और नैना बिजली की गति से नारियल जल और कटोरा लेकर आगे आयी। ज्योत्सना ने उन्हें माँ और मेरे बीच फर्श पर रख दिया और एक स्टूल भी आगे रख दिया फिर से मैं अपने हथियार को छुपाने के लिए प्रयास कर रहा था। मैं फिर चुपचाप रानी माँ की ओर देखता रहा, आगे के निर्देश की प्रतीक्षा करता रहा।

रानी माँ फिर से योनि की मूर्ति की ओर मुड़ीं और ऐसा लगा जैसे वे अपनी साँसों के नीचे एक प्रार्थना फुसफुसा रही हों। फिर उसने जोर से सांस निगल लि मानो भीतर से कुछ शक्ति और संकल्प ले लिया हो। फिर, आश्चर्यजनक रूप से रानी माँ तेज़ गति से स्टूल को खींच कर ठीक उसी जगह रख दिया जहाँ वह बैठी थी और वह उस स्टूल पर चढ़ गई। उन्होंने फिर अपनी गांड को आगे की ओर हिलाया ताकि स्टूल उसकी पीठ के छोटे हिस्से के नीचे हो और उसकी गांड ज्यादातर सीट पर रहे और योनि आगे की स्टॉल से आगे निकल आयी। इस कम आरामदायक स्थिति में अपने वजन का समर्थन करने में सहायता करने के लिए उसने अपने हाथों को अपने दोनों ओर रखा। उसने खुद को दो बार स्टूल से उठाया और जब तक वह संतुष्ट नहीं हो गई की वह सुरक्षित बैठी हुई हैं तब तक उन्होंने अपनी स्थिति को समायोजित किया।

फिर मैंने राजमाता ताई जीँ को देखा, मेरे सामने अपनी टाँगे और पैरर खोल कर बैठी हुई थी उनके पैर आराम से फर्श पर सपाट टिके हुए थे और उनकी खूबसूरत योनि, स्त्री रस की नमी से सराबोर, हलके छटे हुए घुंघराले बालो में छुपी हुई गुलाबी-भूरे रंग की दमकती त्वचा, मेरे सामने चखने और भस्म होने की प्रतीक्षा में ऐसे थी मानो कोई विशेष व्यजन उपभोग के लिए सजा कर पेश किया गया हो।

"ठीक है नारियल का दूध एकत्रित करने के लिए कटोरा मेरे नीचे रखो।" उन्होंने मेरी दिशा में सिर हिलाते हुए कहा।


जारी रहेगी
 
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VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 23


योनि पूजा- योनि दर्शन- योनि स्नान


मुझे नहीं पता कि कैसे मैंने अपने आप को छलांग लगाने और उस गुफा में अपना चेहरा दफनाने से रोक लिया। मैं अपने मुंह में लार के निर्माण को महसूस कर सकता था मैं अपनी जीभ को उन स्वादिष्ट सिलवटों के बीच चलाने और उसके स्त्री सार का स्वाद लेने के लिए तरस रहा था और मेरा लिंग उस गुफा में जाने के लिए उत्सुक हो गया था और लगभग बिलकुल सीधा हो गया था ।

मैं अपने को किसी तरह शांत रखने में कामयाब रहा और आगे की ओर हिलाया और कटोरे कोस्टूल के नीचे-नीचे धकेल दिया-यह जानकर कि मेरा हाथ शानदार सेक्स के केंद्र से केवल इंच की दूरी पर था मेरा लिंग और कड़ा हो गयाऔर अब दर्द कर रहा था।

जैसे ही मैं करीब आया मैं उसकी योनी को सूंघ सकता था। समृद्ध कस्तूरी इत्र मेरे नथुने को भड़का रहा था और मेरे मुंह से लार टपक रही थी। मैंने इस शानदार दिन के लिए अपने भाग्यशाली सितारों को धन्यवाद देते हुए गहराई से लेकिन सावधानी से सांस ली और उनके करीब उस गोले में आ गया।

यह पूरी स्थिति जितनी अजीब थी, रानी माँ ( राजमाता ताई जी) असाधारण रूप से शांत लग रही थी और पूजा पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। उन्होंने मुझे यह निर्देश देना शुरू किया कि मुझे कैसे अनुष्ठान करना है। प्रार्थनाओं के माध्यम से बात करते हुए मुझे कहना था, मुझे जो कार्य करने थे, जो विचार मुझे करने थे वह सब वह मुझ को समझा रही थी। मैंने ध्यान से सुना, उसकी बातों पर ध्यान केंद्रित करने की पूरी कोशिश कर रहा था, पर मेरा ध्याननबीच बीच में उस खूबसूरत गुफा पर भी जा रहा था जो वह इतनी खुलकर मेरे सामने पेश कर रही थी।

ज्योत्स्ना बोली अब योनि स्नान!

और फिर मैं अनुष्ठान के साथ आगे बढ़ा। मैंने स्पष्ट रूप से अपना समय लिया, हर पल का स्वाद चखते हुए कि यह शानदार महिला, राज्य में कितने ही पुरुषो की सेक्सी कल्पनाओं का स्रोत, मुझे अपने सेक्स के इतने करीब होने की अनुमति दे रही थी। मैंने जैसे उन्होंने मुझे समझाया था वैसे थोड़ी मात्रा में नारियल का दूध उसकी चूत पर डाला। उनके झांटो के बालों के प्यारे छोटे पैच पर नारियल का दूध डाला। सीधे उसकी क्लिट पर नारियल का दूध डाला। फिर योनि के-के ऊपर गोल और चारों ओर डाला। मैंने देखा कि पीला तरल पदार्थ उनके योनि के होठों से नीचे की ओर टपक रहा था, नीचे बह रहा था और दरारों में डूब रहा था और नीचे की ओर निकल रहा था और फिर नीचे चीनी मिट्टी के कटोरे में टपक रहा था।

मैंने एक-दो बार ऊपर देखा कि क्या वह मेरे साथ इस रमणीय दृश्य को देख रही है, लेकिन वह बस छत की ओर ताक रही थी—इसमें कोई शक नहीं कि वह इस प्रार्थना कक्ष में बैठी अपनी चूत को उजागर कर रही थी और उनके के समान मैंउनके पति का भतीजा जो अब उनकी योनि को नारियल के दूध से धो रहा था।

मुझे परवाह नहीं थी कि वह स्पष्ट रूप से इससे असहज थी। यह मेरा क्षण था। उसकी चूत के साथ मेरा पल और मैं एक सेकंड के लिए भी नहीं हिलने वाला था।

मुझे प्रार्थनाओं की फुसफुसाहट याद आई और फिर ज्योत्सना और लड़किया मन्त्र बोलने लगी । मैं कांपती उँगलियों के साथ नीचे पहुँचा और उनकी चिकनी योनी को सहलाने लगा। अपनी उँगलियों को एक साथ दबाकर मैंने उनकी योनि की गोलाकार गति में मालिश की, अपनी उँगलियों के सिरों को घुमाते हुए उनकी चूत के ऊपर दबाव बनाए रखा और उन्हें उसके प्रवेश द्वार पर थोड़ा-सा अंदर जाने दिया। मैंने इसे धीमी लयबद्ध गति में किया और कभी-कभी यह देखने के लिए ऊपर देखा कि रानी माँ की छाती गहरी धीमी साँसों के साथ उठ रही थी।

मैंने अपनी उँगलियों को उसकी चूत के ऊपर रखा और ज़ोर से दबाया और कुछ तेज़ी से गोल-गोल घुमाते हुए। मुझे लगा कि मैंने उनके होठों से एक कोमल कराह सुनी है और जब मैंने ऊपर देखा तो मैंने देखा कि वह अपने होंठ काट रही थी। मैंने इसे दूसरी बार किया और वह हांफने लगी और मैंने उन्हें रे पैर की उंगलियों को घुमाते हुए देखा।

तीसरी बार उनकी कराह तेज थी क्योंकि उसकी योनी से साफ तरल पदार्थ का एक झोंका निकला, मेरी उंगलियों के खिलाफ छींटे लगे जो उनकी योनि के ओंठो पर फ़ैल गए और उनकी जांघों के अंदर बूंदे बहने लगी। मुझे मेरे सम्भोग अनुभवों से पर्याप्त ज्ञान था कि महिला कब स्खलित होती है। हांफते और हांफते हुए कामोत्तेजना से सुन्न करने वाला यह बड़ा भारी स्खलन नहीं था। यह एक छोटा, बेकाबू, क्यों-क्या-क्या-क्या-क्या-अरे-अब-में-मेरे-पुत्र फुसफुसाते हुए शां ये उनका शांत संभोग था। उनकी उसकी चूत उत्तेजना को और अधिक देर तक सहन नहीं कर सकी और पीछे हटने की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी उत्तेजना बाहर छलक पड़ी और उन्होने एक छोटा प्यारा, संभोग सुख अनुभव किया।

रानी माँ ( राजमाता ताई जी) अब तेजी से सांस ले रही थी और जल्दी ही उनकी साँसे ठीक हो गई थी। मैं उन्हें फिर से परमानंद के उस बिंदु पर लाने के लिए और उन्हें उनके चरमोत्कर्ष पर देखने के लिए लालची हो गया।

मैंने अंततः अपनी उंगलियाँ खींचीं और उन्हें एक-दो बार ऊपर-नीचे किया। उसका शरीर ऐंठता रहा।

"नहीं बेटा, बस। बस इतना ही है बेटा और नहीं। कृपया।" वह हाँफने लगी। उसने अपना सिर उठाया और थकी आँखों के माध्यम से उन्होंने मन पर नियंत्रण किया और मुझे अपनी चिकनी उँगलियों को नारियल के दूध में धोने का निर्देश दिया।

फिर ज्योत्स्ना ने मुझे कच्चे दूध, दही, घी, शहद और जल के मिश्रण का एक कटोरा पकड़ाया और मुझे एक बार इस पञ्चमृत दूध से योनि को स्नान करवाने का निर्देश दिया । थोड़ी मात्रा में दूध चूत पर डाला। उनके झांटो के बालों के प्यारे छोटे पैच क्लिट पर योनि केे ऊपर गोल और चारों दूध डाला। मैंने देखा कि दूध उनकी योनि के होठों से नीचे की ओर टपक रहा था, नीचे बह रहा था और दरारों में डूब रहा था और नीचे की ओर निकल रहा था और फिर नीचे चीनी मिट्टी के कटोरे में टपक रहा था।

मैंने एक बार योनि के अंदर भी मिश्रण उंगलियों में भर कर दाल कर उंगलियों से योनि पर डाला और योनि की हलकी मालिश ही उसके बाद ज्योत्स्ना ने मुझे वापिस नारियल का दूध दिया और मुझे अब योनि को पुनः धोने का संकेत किया ।

मैंने अपनी उँगलियों को पीली सफेद फील में डुबोया और उसके पानी जैसे स्खलन और फिसलन भरे योनीरस और दूध के मिश्रण को नारियल के दूध से धो दिया।


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VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 24


योनि स्नान, नग्न पूजा, लिंगम पूजा, आरती, अभिषेकम, प्रसादम, स्तनपान

मैंने अपनी उँगलियों को पीली सफेद फील में डुबोया और उसके पानी जैसे स्खलन और फिसलन भरे योनी ग्रीस के मिश्रण को धो दिया। जब मैंने ऐसा किया मैंने देखा कि राजमाता रिलैक्स कर रही थी। वह स्टूल पर से उठी और जाकर घेरे में नीचे बैठ गई। रानी माँ ने अपने घुटनों को अपनी छाती से लगा लिया और अपना चेहरा छिपा लिया। जैसे ही उनका चरमोत्कर्ष समाप्त हुआ उनकी श्वास धीरे-धीरे सामने हो गयी।

आखिरकार उसने मेरी तरफ देखा, पसीने की चमक से टिमटिमाता उनका दमकता चेहरा और उलझे हुए झुरमुटों के बीच उनकी आँखों में काम लालसा दिख रही थी। उन्होंने नीचे मेरा कड़ा लिंग देखा और ने शर्म से अपना मुँह फेर लिया। "

बाद में ज्योत्सना ने "योनी की नग्न पूजा" की घोषणा की। एक लड़की वेदी पर चढ़ गई और मंत्रोच्चारण करते हुए रानी माँ के सिर पर तिलक लगाया। राणिमा की योनि पर तिलक लगाया और मौसी के सिर पर फूल बरसाए; उसके स्तनों पर फूल बरसाए, उसकी योनि पर फूल बरसाए, फिर अपने दोनों हाथों को ताईजी के नंगे स्तनों पर रख दिया और फिर हाथों को योनि पर रख दिया। अंत में उसने रानी माँ के सामने दंडवत प्रणाम किया। इसी तरह सभी लड़कियों ने इसका पालन किया... वेदी पर चढ़कर एक-एक कर रानी माँ की पूजा की।

जब मेरी बारी आई... चूंकि मैं मंत्र नहीं जानता था तो एक लड़की ने मंत्रों का जाप किया जबकि मैंने रानी माँ को तिलक किया और फिर उनके सिर, स्तनों और योनि पर फूलों की वर्षा की। लेकिन मैं अपने हाथ उसके स्तनों और योनी पर रखने से डर रहा था। तो ज्योत्स्ना बोली अब आप रानी माँ के स्तनों और योनि की मालिश करो मैंने भी अपने दोनों हाथों को आंटी के नंगे स्तनों पर रख दिया और उनके हाथों को योनि पर रख उसकी हलकी मालिश की और फिर वापस अपने स्थान पर आ गया।

तब ज्योत्सना ने "लिंगम पूजा" की घोषणा की। इस अवस्था में, मुझे स्टूल दिया गया लिंग स्नान क्रिया ताई जी ने दोहराई। उन्होंने मेरे लिंग और मेरी गेंदों को पहले नारियल के दूध से धोया और फिर पंचामृत से धोया और फिर नारियल के दूध और पवित्र जल के मिश्रण से धो दिया। फिर ताई जी ने लिंग पर चंदन का तिलक लगाया और हलके हाथ से मेरे स्तनों काउ लिंग की मालिश की और फिर सभी लड़कियाँ वेदी पर एक-एक कर चढ़ गईं और चंदन का तिलक लगाया और मेरे सिर और लिंग पर फूल बरसाए ... या मुझे लिंगम कहना चाहिए और मेरे शांति और मेरे लिंग की मालिश की। एक लड़की ने लिंग और मेरी गेंदों को जोर से दबा दिया और मैं कराह उठा। मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे उनमे मेरे लिए कामुकता और लालसा नज आयी और उसकी आँखे बहुत चंचल थी औरउसके ओंठो पर मुस्कान थी।

फिर ज्योत्स्ना ने "योनी आरती" की घोषणा की। ताई जी उठ खड़ी हुईं और एक लड़की ने मंत्रोच्चारण करते हुए डीप और धुप जला कर आंटी की योनि की आरती की। वाह... उनकी योनि के पास आरती की थाली और उनकी योनि पर पड़ने वाली पीली-नारंगी रोशनी... ...यह कितना दिव्य लग रहा था। इसी तरह अन्य लड़कियों ने उनके चेहरे, स्तन, योनी की आरती की।

लेकिन हास्यपूर्ण क्षण तब आया जब मेरे लिंग की आरती करते हुए। उसी नटखट लड़की ने आरती की थाली मेरे लंड के इतने पास ले ली थी कि मैंने कहा "सावधान... ये इतनी पास है कि मेरा लंड जल सकता है"। जिस पर सभी लड़कियाँ ठहाके लगाकर हंस पड़ीं।

लेकिन जल्दी ही ताई जी ने मुझे सुधरने के लिए कहा " यह एक रस्म है... लिंगा कहो लिंगा... दुसरे अशिष्ट शब्दों का प्रयोग न करें... ओके गर्ल्स...हंसना बंद करो...गंभीर बनो। ये गंभीर मसला है सावधानी से। '

तब ज्योत्सना ने "लिंग और योनी अभिषेकम" की घोषणा की ... मुझे समझ नहीं आया कि यह क्या है। ज्योत्सना ने बताया " यहाँ लिंग पिता हैं। मेरी योनी माँ है ... तो उन दोनों को अभिषेकम '।

ज्योत्स्ना ने मुझे स्टूल पर बैठने का इशारा किया मैं स्टूल पर बैठा और ताई जी उठकर मेरी गोद में बैठ गईं। तभी 5 लड़कियों ने हाथों में पात्र लेकर हमें घेर लिया। उस पात्र में नारियल पानी, सुगंधित पानी, दूध, घी दही और शहद इत्यादि का मिश्रण था। ताईजी मेरे साथ चिपक कर मुझ पर झुक गईं। बहुत खूब! क्या परिदृश्य था। योनि मुद्रा में उनके गाल मेरे गालों पर, उनके नग्न नंगे स्तन मेरे नग्न शरीर से चिपके हुए थे, उसके नग्न चूतड़ मेरी नग्न गोद में। हमारे नीचे एक पात्र था फिर जैसे ही ज्योत्सना ने मंत्र जाप करना शुरू किया, सभी लड़कियों ने आंटी और मुझ पर पवित्र जल से भरे बर्तनों से द्रव्य की बौछार कर दी। द्रव्य बह कर नीचे के पात्र में एकत्रित हो गया। इसके बाद फिर 5 और लड़कियों ने ऐसा ही किया... अंत में ज्योत्सना ने हम पर पवित्र जल की बौछार की, दोनों भीग गए। असल में, भीगी और नंगी राजमाता कितनी हॉट लग रही थीं-।

कुछ मिनटों के ब्रेक के बाद, ज्योत्सना ने घोषणा की, प्रसादम "माँ योनी के स्तन नग्न है। वह माँ है। वह अपने स्तनों से मनुष्यों का पोषण करती है। वैसे ही अब माँ हम सबका पालन पोषण करेगी।"

इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता कि क्या हो रहा है...राजमाता जो पूजा के कमरे के बीच में नंगी बैठी थीं। उन्होंने कहा "आओ मेरे बच्चों ... जैसे एक माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती है और उसका पालन पोषण करती है। वैसे ही मैं तुम्हारी माँ हूँ। तुम मेरे बच्चे हो...आओ मेरे बच्चे...स्तनपान करो आओ मेरे स्तनों को चूसो"। मैं बडा आश्चर्यचकित था। की राजमाता जो इतने वर्ष पहले स्तन पान करवा चुकी है अब कैसे स्तनपान करवाएंगी।

स्तनपान! एक लड़की राजमाता की गोद में लेटी। ज्योत्सना दूध का बर्तन और गिलास लेकरराजमाता के पीछे चली गई। धीरे से राजमाता ने उस कन्या के सर के पिछले हिस्से को उठा लिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि उस कन्या का मुँह उनके स्तनों के पास हो। फिर उन्होंने कहा "फ़ीड ऑन, मेरी बाची स्तनपान करो"। धीरे-धीरे लड़की ने राजमाता के स्तनों को अपने मुँह में ले लिया और उन्हें चूसने ने लगी। पीछे से ज्योत्सना ने दूध से भरे गिलास को राजमाता के स्तनों पर डाल दिया। दूध धीरे-धीरे स्तनों से टपकने लगा... एरोला में... और फिर उस कुंवारी लड़की के मुंह में। इसी तरह आंटी ने सभी लड़कियों को ब्रेस्ट फीड कराया... किसी ने राइट ब्रेस्ट लिया तो किसी ने लेफ्ट।

राजमाता बोली "पुत्र तुम भी आओ प्रसादम! नारियल और दूध का मिश्रण तुम्हें ताकत देगा"।


जारी रहेगी
 
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