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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
Last edited:

Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
3,825
4,849
144
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे- 300

VOLUME II-

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 84


कामुक डांस


बहुत बढ़िया!" एक गणिका ने पुकारा। "भारी स्तन," एक और चिल्लायी । एक या दो ने ताली बजाई। पूरे हॉल में स्वीकृति की फुसफुसाहट फैल गई।

मैंने कपड़े दूर फेंक यह सुनिश्चित किया कि वह अपने प्रदर्शन के लिए बिल्कुल चिकनी और नग्न हो। उसके बदन पर अब केवल आभूषण थे . मेरे मुँह से निकलहा "सुंदर" और "अद्भुत" ।

एक बार जब उर्वशी पूरी तरह से नग्न हो गई, तो उसने नृत्य शुरू किया और अब उसने एक पेशेवर की तरह नृत्य किया, घूमी और चली। मैं उत्तेजना से पागल हो गया । मैंने अपनी लुंगी में से अपना लिंग निकला और नग्न उर्वशी का नृत्य विस्मय से देखते हुए खुद को सहला रहा था ।

फिर रम्भा मेरे पास आयी और उसकी साथ सभी लड़किया थी वहीं पर उसने सबको मुझ से मिलवाया ।

अब मैंने सब लड़कियों को ध्यान से देखा तो उनमें से सबकी सब लम्बे कद काठी की थी और सभी गोरी , काफी सुन्दर और सुडौल शरीर की सुंदरियां थी। एक ख़ास बात जो मैंने नोट की, वो सब एक जैसी ही लम्बी थी, सबकी हाइट 5’6″ फ़ीट से ऊपर ही थी।

लड़किया मुझ से बार बार नज़र मिला रही थी और बाते करते करते एक दो से तो हाथ से हाथ टकराए भी।

फिर रम्भा ने मुझसे पूछा कुमार कौन सी पसंद आयी? जो तुम्हे पसंद आएगी वही तुम्हे मिलेगी चुदाई के लिए .

मैंने कहा सभी लाजावाब है एक को चुनना बहुत मुश्किल है ऐसा करते हैं जो लड़की सबसे अच्छा डांस करेगी, उससे शुरआत करेंगे ?

फिर गणिकाएं नाचने लगी ज़्यादातर लड़कियों ने लहंगा और बैकलेस चोली पहन रखी थी नाचते समय उन सबके मुम्मे खुले हुए थे

उनकी चोली में, उनका हिलना और उछलना डांस के स्टेप्स के साथ मुझ को बड़ा ही आनन्द दे रहा था।

उनमे से तीन धीरे मेरे सामने आकर खड़ी हो गई थी। मैंने कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया लेकिन जब वो आहिस्ता से मेरे नज़दीक आने लगी और उन्होंने ने अपने चूतड़ मेरे आगे जोड़ दिए थे और वो बहुत ही धीरे से मेरे लंड को टच करने की कोशिश कर रही थी।

अब मैं भी अपनी कमर को उनके चूतड़ों के साथ घिसने लगा और मेरा लंड जो पहले से खड़ा था वो उनको टच कर रहा था।

मैंने उन्हें गौर से देखा, दोनों ही काफी लम्बी और सुडौल शरीर वाली थी। उन्होंने भी वो डांस वाली ड्रेस पहन रखी थी पर उनकी को बहुत टाइट थी और लेहगा छोटा था उनमे से एक ने अपना लेहंगा ऊपर उठा कर अपनी गोरी चिकनी टाँगे मुझे दिखाई ।

मैं उनके चूतड़ों पर हाथ रख कर धीरे से उनको सहलाने लगा और वो यह देख कर और भी करीब आ गई। मैंने भी उनके कान के पास मुंह ले जाकर कह दिया- आप बहुत सुन्दर और काफी स्मार्ट लग रही हो।

वो बहुत ही खुश हो गई मेरी इस तारीफ से और ने एक दिल लूटने वाली मुस्कान मेरी तरफ बखेर दी। तभी उर्वशी ने उन दोनों को आवाज़ दी और दोनों जल्दी से जाकर नाचने लगी ।

तभी एक गणिका मेरे पास आयी मुझ से हाथ मिलाया और अपना नाम रीमा बताया और कहने लगी आईये कुमार आप भी साथ में नाचिये . रीमा देखने में बहुत खूबसूरत लग रही थी और उसने बड़े ही फैशनेबुल ढंग से साडी पहन रखी थी ।

मैं नाचना चाहता था बहुत उत्तेजित था पर मैंने कहा नहीं ?

"अरे क्यों कुमार तुमको डांस करना आता नहीं है क्या?"

मैं बोला- रीमा जी, मैंने कभी डांस नहीं किया।

रीमा बोली- अरे कुमार डांस में कुछ भी मुश्किल नहीं है, मैं सिखा दूंगी तुमको, इधर आओ मैं तुमको बताती हूँ कुछ स्टेप्स।

रीमा ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और दूसरा हाथ मेरी कमर में डाला और मुझको कमरे में गोल गोल घुमाने लगी और इसी चक्कर में मेरा हाथ दो तीन बार उसके गोल उभरे हुए स्तनों पर जा लगा और दो तीन बार उसका भी हाथ मेरे कड़े लंड पर लगा ।

32-28-३४ की फिगर वाली रीमा की हाइट थी 5.7 फ़ीट थी ऊपर दो इंच की हील और मेरी हाइट जो 6 फ़ीट. मैंने हाल में लगे शीशे में देखा हमारी जोड़ी जच रही थी।

हम दोनों थोड़ी देर हाथों में हाथ डाले नाचते हुए कमरे के चारों तरफ चक्कर काटते रहे और मैंने मौका देख कर उसकी पीठ कमर पर हाथ फिराया ओर उसके गोल चूतड़ों पर भी दो बार हाथ लगा दिया।

फिर नाचते नाचते चक्कर लगाते हुए रीमा का पैर मेरे पैरों से उलझा और वो गिरने लगी तो मैंने उसको अपनी बाहों में संभाल लिया और उस को अपनी छाती से लगा लिया।

कुछ समय वो मेरी छाती से ही चिपकी रही और मैं भी उसके सुडोल बूब्स के स्पर्श का आनन्द लेता रहा, फिर वो मुझसे अलग हुई और उसने अपने रस भरे होटों को मेरे होटों पर रख कर एक चुंबन कर दीया ।
मैं भी पक्का था इसलिए , झट से मैंने उसको अपनी बाँहों में भींच लिया और उसके गर्म लबों पर कई चुम्मियाँ कर दींऔर अपने लब चिका कर उसके लब चूसने लगा ।

इस जफ्फी के दौरान मेरा खड़ा लौड़ा उसकी साड़ी के बाहर से उसकी चूत पर लग रहा था और तभी मैंने महसूस किया कि उसका एक हाथ मेरे लंड के साथ मेरी लुंगी के ऊपर से खेल रहा था। उसने मेरी तरफ देखा और मैंने भी उसको एक हल्की सी आँख मार दी। जिस पर वो खिलखिला कर मुस्कुरा दी और मुझे फिर से चूमने लगी ।

अब मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर बहुत ज़ोर से जफ्फी डाल दी और फिर उसकी साड़ी को उतारने के लिए हाथ आगे बढ़ाया।

फिर मैं रिमा की साडी उतारने लगा और मैं एक फैशनेबुल लेडी के कपड़े उतार उसके हुस्ना का जलवा देखने लगा।

रीमा सबकी नजर के सामने सेक्सी स्टाइल में अपनी साड़ी उतरवाने लगी, मैंने जब थोड़ी सी उसकी हरे नीले रंग की साड़ी खोली और फिर एक चक्कर कमरे का और उसके इर्दगिर्द लगाया और उसके हुस्ना का दीदार हर कोण से किया और फिर धीर धीरे उसकी सारी साड़ी उतार दी और उसी कलर का सिल्क का पेटीकोट सामने आ गया जो बेहद सेक्सी लग रहा था और फिर एक चक्कर कमरे का और उसके इर्दगिर्द लगाया और उसके हुस्ना का दीदार हर कोण से किया ।

फिर उसका एक हाथ अपने ब्लाउज की तरफ बढ़ा और उसने मेरा कुर्ता उतारना शुरू कर दिया ।

मैंने रीमा के ब्लाउज़ की डोरी खींची और फिर मेरी कमीज और उसका ब्लाउज एक साथ उतरे और फिर माने उसकी अपनी रेशमी ब्रा के हुक्स को खोलने के लिए हाथ बढ़ाया तो उसने मेरी बनियान उतार दी और जैसे ही मेरी छाती नंगी हुई वैसे ही रीमा की ब्रा खुल कर नीचे गिरी और उसके मुम्मे उछल कर बाहर आ गए।

अब मैंने रीमा के सिल्क के चमकते हुए पेटीकोट में हाथ डाला और डोरी खींची और उसका पेटीकोट धीरे धीरे अपनी कमर से खिसकाना शुरू किया।

जैसे ही उसका पेटीकोट नीचे गिरा उसने मेरी लुंगी में बने टैंट को देखा !वो कराही आह ! मैंने देखा कि उसने सिल्क की पैंटी पहन रखी थी।

मैं रीमा के पास गया और पहले उसकी डोरी खिंच पैंटी उतार दी उसकी चूत सफाचट थी । मैंने फिर रीमा के गोरे शरीर को सहलाया और फिर चूमना और चाटना शुरू कर दिया, उसके उरोजों के चूचुक एकदम सख्त हो रहे थे, उनको चूसना शुरू कर दिया फिर उर्वशी जो पास ही खड़ी हमे देख रही थी उसे अपने पास खींचा उसे चूमा और मैं उनकी कमर में अपने दोनों हाथ डाले नाचने लगा और नाचते हुए उनके गोल चूतड़ों को भी सहलाता जाता था। उन दोनों ने भी मेरे लंड को मेरी लुंगी के ऊपर से अपने हाथों से सहलाना शुरु कर दिया था।



जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-301

VOLUME II

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 85

कामुक नृत्य, गणिकाओं से परिचय

मैं फिर डांस देखने खड़ा हो गया। मैं अभी बाक़ी गणिकाओं से परिचित नहीं था और मुझे उनके नाम इत्यादि उस समय पता नहीं थे पर सभी बहुत सुंदर थी । मैं जहाँ खड़ा था, वहाँ कुछ अन्य गणिकाएँ भी नाच रही थी और मैं उनके पीछे थोड़ा हट कर खड़ा हो गया। कुछ देर बाद वह लड़कियाँ भी नाचती हुई मेरे एकदम आगे आकर खड़ी हो गई।




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मैं चुपचाप खड़ा था और अपनी तरफ़ से कुछ भी नहीं कर रहा था लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने नीचे देखा तो उन लड़कियों में से एक नाचते-नाचते अपना बाए हाथ से मेरी लुंगी के ऊपर से मेरे लंड को ढूँढ रहीथी। जब उसको मेरे लंड का आभास मिल गया तो वह हाथ पहले धीरे-धीरे से उसको बाहर से फील कर रहा था, लेकिन जैसे ही मेरा लौड़ा अकड़ गया तो उसने अपना हाथ खींच लिया। जल्दी ही उस लड़की की जगह दूसरी आ गयी और उसके हाथ को रिप्लेस कर दिया और पहले वाली लड़की वहाँ से ज़रा हट कर नाचने लगी और वह दुसरे हाथ वाली ने उस की जगह ले ली और वहाँ नाचने लगी । फिर यही काम तीसरी लड़की ने किया और आगे खड़ी तीनो लड़कियाँ ने मिल कर एक दिवार-सी बना दी मेरे आगे ताकि कोई उन के हाथ की हरकत को ना देखा सके।

क्यूंकि मैं तो इस सारे कार्यक्रम में आनंद ले रहा था अब हाथ वाली लड़की ने मेरी लुंगी में हाथ डालने शुरू कर दिए और उस को कुछ मुश्कल होते देख कर मैं ने ही लुंगी के पल्लू अलग करने में उन को थोड़ी सहायता देनी शुरू कर दी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर लुंगी के अंदर कर दिया और उस लड़की के गोरे हाथ ने मेरा लंड को मेरी लुंगी के अंदर मेरे अंडरवियर के अंदर से निकाल कर उस को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था। यह देख कर मैं भी कुछ मज़ा लेने के खातिर उस के चूतड़ों को छूने लगा और फिर आहिस्ता से अपनी ऊँगली उस की गांड से होते हुए उस की उभरी हुई चूत में डालने की कोशिश करने लगा।

उस ने पैंटी पहन रखी थी सो ऊँगली ज़्यादा दूर तक चूत के अंदर नहीं जा सकी लेकिन मैं पैंटी के बाहर से ही मसलने लगा। दूसरा हाथ दूसरी लड़की के नितम्बों पर फेरने लगा।बारी बारी से तीनो ने मेरे लौड़े को फील किया और फिर मेरा लौड़ा अपने हाथ से दूसरी के हाथ में देने लगी कुछ समय उस के साथ खेल कर वह तीनो एक दुसरे के सुपर्द कर रही थी, बड़े ही संयम और यत्न से वह यह सेक्सी खेल मेरे लौड़े के साथ खेल रही थी।

मेरे मुंह अपने आप उस समय निकल गया-माशाल्लाह क्या आपसी तालमेल है । वाहा वाहा। हमारा यह खेल कुछ देर चला मेरी उत्तेजना बढ़ चली थी और मेरा लंड अब कड़क से पूरा कड़क और पहले से लम्बा और मोटा हो गया था लेकिन तभी रीमा ने उन तीनो लड़कियों को अपने पास बुला लिया। लेकिन मैं वाकये में उन तीनो से एक दम बहुत ही ज़्यादा प्रभावित हुआ जब वह तीनो ने मिल कर मेरी लुंगी के अंदर हाथ दाल कर मेरा लौड़ा मेरे अंडरवियर में डाल कर लुंगी के पट बंद कर दिए और फिर वह तीनो वहाँ से हटी!

लुंगी में बने तम्बू को देख रीमा का चुदवाने का मूड बन गया था और अपनी चूत खुजाती हुई बलखाती हुई मेरे पास आयी, जिसे रम्भा भांप गयी लेकिन रम्भा ने उन्हें याद दिलाया कि ये डांस का समय है।


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रीमा एकदम से संभल गई और मेरा हाथ पकड़ के उसने मुझको डांस स्टेप्स सिखाने शुरू कर दिए।

और कुदरत का खेल देखिये कि मैं बहुत जल्द ही सारे बेसिक स्टेप्स सीख गया।

अब रीमा ने एक डांसर को बुला लिया और मुझको उसके साथ डांस करने के लिए कहा।

डांस फिर शुरू हुआ और मैं उसके साथ नाचने लगा, रम्भा ने ताली बजा कर मुझको उस लड़की डांसर के स्टेप्स का अनुसरण करने के लिए कहा जो मैंने बिना किसी गलती के पूरा कर लिया।

इस पर रीमा इतनी खुश हुई कि उसने जोश में मुझे गले लगा लिया और मेरे लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी। फिर रीमा ने उस डांसर लड़की को भी घेर कर फिर हम तीन ने एक टाइट जफ्फी मारी।

मैंने मौका देख कर उस डांसर लड़की के नितम्बों पर हाथ फेर दिया और उसको अपने आगोश में ले लिया और साथ में रीमा और फिर उस डांसर के लबों पर एक कामुक चुम्मी कर दी।

फिर रीमा रम्भा से फ़ख्र से बोली-लीजिये रम्भा जी, आपके लिए कुमार अब डांसर के रूप में पेश है।

रीमा के इशारे पर और ताली की थाप पर डांसर लड़की और मैं दोनों डांस करने लगे जिसको देख कर रम्भा खुश और हैरान हो गई और ज़ोर से बोली-म्यूजिक चलाओ जल्दी से।

तब ग्रामोफ़ोन पर गाना बजने लगा और मैं और वह डांसर लड़की रीमा के सिखाये स्टेप्स पर डांस करने लगे। हम दोनों डांस में इतने मस्त हो गए थे कि अपनी सुध बुध भूल कर डांस करते ही रहे जबकि संगीत बंद हो चुका था। फिर रम्भा ने ज़ोर से तालियाँ बजाई और उनके साथ बाक़ी सब लड़कियों ने भी वाह-वाह की।

रम्भा बोली कुमार आपने कमाल कर दिया आप बहुत जल्दी सिख गए और बहुत अच्छे से आपने स्टेप किये अब मैं आपको इसका इनाम देती हूँ, पहले आपका आपकी सभी 10 गणिकाओं से परिचय करवा देती हूँ। जिन्हे आपके लिए चुना गया है और इन में से कुछ आपके विवाह और आपको कामशास्त्र का ज्ञान देने और काम में निपुण करने के लिए शुभकामना संदेश के साथ कई विदेशी राजाओं ने भेजी है और उपहार स्वरूप अपने देश की कामुक गणिकाएँ भी भेजी है जो की हर प्रकार की कामक्रीड़ा में निपुण है। इन्हे मैंने अप्सरा के नाम दिए हैं ।

G1
सबसे पहले हैं ब्राजील की लैटिन अमरीकी सुंदरी जिसे मैंने नाम दिया है "काम्या", काम्या काम कला में प्रशिक्षित है, उसके स्तन उन्नत, नितम्ब बृहद और वर्ण दूधिया है ।

G2
दूसरी है यूरोपियन सुंदरी जिसे मैंने नाम दिया है "सुगंधा" उन्नत उरोज गुलाबी वर्ण जैस्मिन गंध युक्त योनि हस्तमैथुन में प्रवीण कामसुंदरी गंधकी उत्तेजक वार्तालाप में दक्ष है ।


G6

तीसरी सुंदरी रूस देश की है बेहद मीठे स्वर वाली "मधुरस्वरा" जिसका बेहद गोरा शरीर, मखमली सुनहरे बाल है और ये मुखमैथुन विशेषज्ञ है ।


G5

चौथी सुंदरी अरब देश से है सुनहरी त्वचा चिकना बदन उन्नत उरोज यौन केश युक्त मादक गंध कुंभ योनि की स्वामिनी जिसे मैंने कु"म्भयोनि" नामांकन दिया है जिसकी कामवासना उच्च है और स्त्री प्रभुत्व का प्रदर्शन करती है अपनी योनि का मुखमैथुन करवाने की कला में सिद्ध हस्त है ।


G4

पांचवी सुंदरी है थाई देश से आयी पीली त्वचा चिकना बदन माध्यम परन्तु दृढ उरोज और यौन केश रहित योनि की स्वामिनी और सब प्रकार की मालिश में एक्सपर्ट और स्त्री सेवाभाव का प्रदर्शन कर स्वामी का मन जितने में सक्षम है जिसे मैंने नाम दिया है "मनोहरा " ।


G3

छठि सुंदरी मिस्र देश से आई गेहुआ रंग की काले केश वाली कामुक गणिका जिसे मैंने नाम दिया है "तिलोत्तमा" जो की कामुक नृतकी है संभोग के चौरासी आसनों में महारत है

G7A
सातवीं सुंदरी है फ़्रांस की अति सुंदर ग़ौर वर्णी सुनहरे केश वाली नर्तकी "उर्वशी", अति कामुक-कामुक नृत्यांगना जो पाश्चात्य नृत्यों में पारंगत और अपने चुंबन के द्वारा पुरुष को परमानद प्रदान करने में पूर्णतया सक्षम है ।

G8A

आठवीं सुंदरी उत्तर भारतीय ग़ौर वर्ण सुंदरी "मेनका" भरे बदन की कामुक नृत्यांगना है इसके विशेष उरोज द्वार लिंग मर्दन द्वारा पुरुष लिंग को सखलित कर देते है और

G9
नवमी विशेष सुंदरी अमेरिका से आई है जापानी माँ और अमरीकी के संगम से उतपन्न जिसे नाम दिया है "विद्युत्प्रभा" ये अद्भुत कामदेवी है जिसे विभिन प्रकार से लंड चूसने से अपार कामसुख मिलता है और अध्भुत कामसुख प्रदाति है ।

ये सभी कुंवारिया है और इन सब के साथ उपस्थित रहेगी नृत्य कला प्रशिखिका "रीमा" जो सभी तरह के नृत्य विधियों और कला की ज्ञाता और विशेषज्ञ है।


G0

तब रीमा बोली कुमार इन सब गणिकाओं की प्रधान है दसवीं सुंदरी बंग-बंग प्रदेश की और स्वर्ग की अप्सरा के समान सुंदर और कामुक उन्नत वक्ष "रम्भा", सम्पूर्ण कामकला विशेषज्ञ और दक्ष, कामवासना से पूर्ण शरीर गुदा और मैथुन विशेषज्ञ और कामरस युक्त चंदन सुगंधित योनि मृदु भाषी ।"

सब लड़कियों और गणिकाओं ने भी शोर मचा कर, तालिया बजा कर अपनी ख़ुशी जताई।



KS2B
इसके बाद डांस फिर से शुरू हुआ और काफ़ी देर तक चलता रहा और इस दौरान मैंने तकरीबन सब नर्तकियों के साथ डांस किया और डांस करते हुए कई मौके मिले जब उन लड़कियों ने मेरे लंड को पैंट के बाहर से छुआ और मैं भी हर लड़की के चूतड़ों और मुम्मों को छूने से बाज़ नहीं आया।

कई नर्तकियों ने आँखों-आँखों में ही चुदाई के लिए निमंत्रण दिया और मैंने भी उनकी सलवार के बाहर से चूत पर तेजी से हाथ लगा कर अपनी रज़ामंदी ज़ाहिर की। लगातार कामुक नृत्य देखते, करते और सुंदर लड़कियों के स्तन रगड़ते, चूतड़ छेड़ते और कमर में हाथ डाले रखने के कारण इस पूरे सत्र में मेरा लंड खड़ा ही रहा ।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-302

VOLUME II

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 86

कामुक नृत्य, स्नान


इसके बाद डांस फिर से शुरू हुआ और काफ़ी देर तक चलता रहा और इस दौरान मैंने तकरीबन सब नर्तकियों के साथ डांस किया और डांस करते हुए कई मौके मिले जब उन लड़कियों ने मेरे लंड को पैंट के बाहर से छुआ और मैं भी हर लड़की के चूतड़ों और मुम्मों को छूने से बाज़ नहीं आया।

कई नर्तकियों ने आँखों-आँखों में ही चुदाई के लिए निमंत्रण दिया और मैंने भी उनकी सलवार के बाहर से चूत पर तेजी से हाथ लगा कर अपनी रज़ामंदी ज़ाहिर की। लगातार कामुक नृत्य देखते, करते और सुंदर लड़कियों के स्तन रगड़ते, चूतड़ छेड़ते और कमर में हाथ डाले रखने के कारण इस पूरे सत्र में मेरा लंड खड़ा ही रहा ।

थोड़ी देर में सब डांसर वहाँ से चली गई तो रीमा ने एक और डांस का म्यूजिक लगा दिया और मुझको समझाने लगी कि मुझे परिवार के स्वागत और सम्मिलन समारोह में कैसे डांस करना है।

फिर रीमा ने मुझे अपने साथ एक डांस के स्टेप प्रैक्टिस के लिए कहा और मुझको अपने पीछे खड़े कर के मेरे आगे के हिस्से को उसकी कमर के साथ जोड़ कर डांस करने के स्टेप्स सिखाने लगी।

रीमा ने सिल्क की बड़ी पतली साड़ी पहन रखी थी और जैसे ही मैंने अपना आगे का हिस्से उसके चूतड़ों के साथ में जोड़ा तो टन से मेरा लंड मेरे अंडरवियर में खड़ा हो गया और उसकी चुभन रीमा को महसूस हुई हुआ लेकिन उसने भी कोई ऐतराज़ किये बगैर प्रैक्टिस जारी रखी और हमने 3-4 बार ये स्टेप्स दोहराये।

फिर रीमा ने अपनी जगह उर्वशी को खड़ा कर दिया और फिर हम दोनों ने यह स्टपेस कई बार दोहराये और हर बार मैंने जब अपना अगला हिस्सा उर्वशी के चूतड़ों के साथ जोड़ा तो उर्वशी के शरीर में एक सिहरन दौड़ जाती थी।

मेरा तो लंड तब से ही अकड़ा हुआ था जब से मैंने इस नृत्य का अभ्यास रीमा के साथ किया था और उसकी पतली रेशमी साड़ी के साथ लंड जब रगड़ खाता था तो मेरे को और रीमा के अंदर और अब मैंने महसूस किया की उर्वशी के अंदर भी बिजली का हल्का करेंट ज़रूर महसूस होता था क्योंकि वो भी अपना निचला हिंसा मेरे लंड से चिपका कर रगड़ रगड़ कर नाच रही थी ।

कुछ देर में मेरा हाल ऐसा हो गया की अगर मैंने ऐसा कुछ देर और जारी रखा तो मैं यही स्खलित हो जाऊंगा , तभी मेरी स्तिथि भाप कर रीमा ने डांस रोक कर अब मेरे साथ दो लड़कियों को इसी स्टेप के साथ नाचने के लिए बताया, कुछ देर बाद लड़किया तीन हुई और फिर चार और फिर ऐसे ही एक एक कर सभी लड़किया आगे बढ़ती गयी और मेरे साथ चिपक कर डांस करने लगी फिर रीमा ने ताली बजायी और सब लड़किया पीछे हुई और अब उर्वशी और मैं चिपक कर नाचने लगे फिर कुछ देर बाद संगीत रुक गया ।

रीमा ने मुझे बढ़िया डांस करने पर बधाई दी और मैंने भी सब लड़कियों की, उर्वशी और रीमा की तारीफ की उन्हें इनाम दिया सब लड़कियों और गणिकाओं ने भी शोर मचा कर, तालिया बजा कर अपनी ख़ुशी जताई।

फिर सब नर्तकियां को रीमा ने बिदा किया और अब रम्भा ने मुझे कुछ जलपान और राजवैध द्वारा त्यार कामवर्धक औषधियाँ और लिंग को पुष्ट करने वाला पेय दिया जिससे मेरी थकान गायब हो गयी और रम्भा ने कहा कुमार अब आप "केवल" सिंघचर्म धारण कीजिये, अब हम आपकी विशेष कामवर्धक औषधियाँ और लिंग को पुष्ट करने वाली औषधीय तेल से मालिश करेंगी और आपको इतना बलशाली बना दूंगी की आप कई बार अपना वीर्य स्खलित कर संकेंगे।

रम्भा कहने लगी कुमार जैसा की मैंने आपसे बताया था मेरे द्वारा चंयनित पांचवी सुंदरी थाई देश से आयी पीली त्वचा चिकना बदन मध्यम परन्तु दृढ उरोज और यौन केश योनि की स्वामिनी और सब प्रकार की मालिश में एक्सपर्ट और स्त्री सेवाभाव का प्रदर्शन कर स्वामी का मन जीतने में सक्षम है जिसे मैंने नाम दिया है "मनोहरा". अब सबसे पहले "मनोहरा" आपकी मालिश शुरू करेगी।

फिर मनोहरा एक मॉडल की तरह मेरे पास आई। मनोहरा थाईलैंड मूल की एक हॉट मसाज थेरेपिस्ट उसकी त्वचा पीली और चिकनी थी । उसका फिगर 34-26-34 का । उसकी गोल गांड बाहर निकली हुई थी । मनोहरा लगभग 5 फीट 6 इंच लंबी थी, उसका फिगर पतला था, छोटे स्तन और उसका सुंदर चेहरा था।

मनोहरा: नमस्ते, कुमार । मैं मनोहरा हूँ और मैं आपकी थेरेपिस्ट हूँ । क्या हम शुरू करें?

मैं बहुत उत्साहित था और मेरे चेहरे पर सबसे बड़ी मुस्कान था । अंदर से, मैं सिर्फ़ मसाज से कहीं ज़्यादा और सब कुछ चाहता था और अब तक जो कुछ भी मैंने किया था उसमे मुझे मजा आया था ।

मैं: हाँ, ज़रूर।

मनोहरा: इस तरफ़, कुमार।

फिर मैं उसके पीछे एक कमरे में गया जहाँ उसने मुझे बदलने के लिए सिंघचर्म जैसा कपड़ा दिया। उसने मुझसे सिर्फ पर जोर देते हुए कहा कि आप "सिर्फ" इसे पहने और जब मैं कपड़े बदल लूँ तो घंटी बजाऊँ । मैंने भी वैसा ही किया। वह एक परी की तरह अंदर आई।

हॉल में एक हलकी रोशनी वाला शीशे का कमरा था और बैकग्राउंड में बज रहा सुखदायक संगीत वाकई मूड सेट कर रहा था। वहाँ एक बढ़िया भाप स्नान ग्रह बन गया था । यह बहुत आरामदायक था। जब मैं अपने स्टूल पर बैठा, तो मैंने देखा पूरा कक्ष भाप से भर गया था, साँस लेते हुए। मैंने देखा कि मालिश करने मनोहरा: इस बीच कमरे में आ गयी थी । वह तेल तैयार कर रही थी। मैं कांच की दीवारों के माध्यम से ज्यादा कुछ नहीं देख पा रहा था क्योंकि कमरा संघन भाप से भरा हुआ था। वह अंदर आई और दरवाजा खोला। उसने मुस्कुराते हुए मेरा हाथ माँगा।

मुझे हमेशा पूर्वी एशियाई महिलाएँ भी पसंद रही हैं। ( आप पढ़ ही रहे है की मेरी पत्नी ज्योत्स्नाना भी पुर्वोत्तरर की ही है. ) उनके रेशमी बाल और चिकनी, दाग-धब्बे रहित त्वचा ने हमेशा मुझे आकर्षित किया है। जब वह मुझे बाथटब में ले गई और बैठने के लिए कहा, तो मैं मुस्कुरा दिया। उसने पहले से ही गर्म पानी तैयार कर रखा था।मैंने अपना सिंघचर्म जैसा अंडरवेअर निकाल दिया और मैं नंगा टब के अंदर गया और बस तब तक डूबा रहा जब तक कि पानी मेरी गर्दन तक नहीं पहुँच गया। यह गर्म और आरामदायक था। इस बीच उसने शैम्पू लिया और मुझे नहलाना शुरू कर दिया, मेरे बालों से शुरू करके मेरे कंधों की मालिश की। उसका स्पर्श कोमल था और वह धीरे-धीरे मेरे शरीर के हर हिस्से को ढक रही थी।

मैं इस लाड़-प्यार भरे स्नान सत्र का पूरा आनंद ले रहा था। मेरे शरीर से पसीना दूर हो गया था और उसके हाथ इतने मुलायम थे कि मेरे लिंग पानी के अंदर सख्त होने लगा। मेरा लिंग खड़ा था और पानी की हर लहर के साथ हिल रहा था।

वह मेरे पैरों को धोने के लिए आगे बढ़ी, मेरे पैरों से शुरू करके ऊपर की ओर बढ़ती हुई वह जांघों तक पहुँची। उसने एक हाथ सीधा मेरे अंडकोषों पर रखा और बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें सहलाया और धीरे से सहलाना शुरू कर दिया। मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने हल्की-सी कराह निकाली।

वह मेरी गर्दन को चूमते हुए दूसरे हाथ से मुझे सहलाने लगी। मैंने उससे पूछा कि क्या मैं उसे छू सकता हूँ, और उसने पलके झपका कर अनुमति दी । मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी पीठ और चेहरे पर फिराईं और उसकी ड्रेस की डोरी खींची तो वह नग्न हो गयी , फिर मैंने उसकी नंगी पीठ सहलाई और उसके माध्यम दृढ स्तनों को सहलाया। मैं उसकी कमर तक गया और उसकी जांघों को महसूस किया। उसके शरीर पर कोई बाल नहीं थे, और उसके शरीर का हर इंच छूने में बहुत चिकना और मुलायम था।

मैंने उसे टब में खिंच लिया और मेरे करीब आ गई, जबकि मैं उसके शरीर को टटोल रहा था,वो मेरी गर्दन के चारों ओर गर्म चुंबन दे रही थी । हम दोनों बाथटब में एक-दूसरे के सामने बैठे थे और एक-दूसरे की बाहों में उलझे हुए थे। मेरा लिंग उसकी गर्म योनि को छू रहा था और कभी-कभी उसके प्यूब्स को छू रहा था। वे कटे हुए नहीं थे, लेकिन वे बहुत लंबे भी नहीं थे। उसके प्यूब्स भी बहुत मुलायम थे, बिल्कुल उसके बालों की तरह नरम थे और लगभग आधा इंच लंबे थे। मुझे वास्तव में यह पसंद था क्योंकि अन्यथा, अगर उन्हें छोटा कर दिया जाता तो यह चुभते । अब तक, मेरा लिंग कठोर हो गया था और अंदर धड़क रहा था, पानी में स्वतंत्र रूप से तैर रहा था। वह मेरे कानों में धीरे से कराहते हुए मुझे सहलाती रही, उसके स्तन मेरी छाती से टकरा रहे थे।

इस प्रक्रिया में, उसने साबुन लगाया और मेरी गेंदों से लेकर मेरे गुदा तक साबुन लगाना शुरू कर दिया। उसने मुझे वहाँ अच्छी तरह से लेकिन बहुत धीरे से साफ किया। मेरा 8 इंच लंबा लिंग उस पर मिल रही सभी तरह के दुलार का आनंद ले रहा था।

मैं पीछे बैठा था, उसके खूबसूरत चेहरे को देखने का आनंद ले रहा था और उसके शरीर की प्रशंसा कर रहा था। उसने मेरे जननांगों के हर इंच पर ध्यान दिया। उसने मुझे उठने के लिए कहा, मुझे बहुत सावधानी से तौलिए से पोंछा और मेरा स्नान पूरा किया। मैं बहुत खुश था। मेरी मालिश अभी शुरू भी नहीं हुई थी, और मुझे पहले से ही बहुत मज़ा आ रहा था।

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-303

VOLUME II

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 87

कामुक मालिश और मुखमैथुन

उसने साबुन लगाया और मेरी गेंदों से लेकर मेरे गुदा तक साबुन लगाना शुरू कर दिया। उसने मुझे वहाँ अच्छी तरह से लेकिन बहुत धीरे से साफ़ किया। मेरा 8 इंच लंबा लिंग उस पर मिल रही सभी तरह के दुलार का आनंद ले रहा था।

मैं पीछे बैठा था, उसके खूबसूरत चेहरे को देखने का आनंद ले रहा था और उसके शरीर की प्रशंसा कर रहा था। उसने मेरे जननांगों के हर इंच पर ध्यान दिया। उसने मुझे उठने के लिए कहा, मुझे बहुत सावधानी से तौलिए से पोंछा और मेरा स्नान पूरा किया। मैं बहुत खुश था। मेरी मालिश अभी शुरू भी नहीं हुई थी और मुझे पहले से ही बहुत मज़ा आ रहा था।

हॉल में अब हल्की रोशनी थी और बैकग्राउंड संगीत वास्तव में मूड सेट कर रहा था। वहाँ एक मसाज टेबल और ज़रूरी सामान था। वह मसाज के लिए चीज़ें सजा रही थी। मेरा लिंग फिर से कठोर होने लगा था।

फिर उसने मुझे मालिश की मेज पर लेटने को कहा और तेल तैयार करने लगी।

मैं लेट गया और मसाज शुरू हो गई। उसने मेरे शरीर को एक तौलिये से ढक दिया और सिर्फ़ उस हिस्से पर तौलिया खोला जहाँ वह मसाज कर रही थी। उसका स्पर्श बहुत ही स्वर्गीय लगा। वह टेबल पर चढ़ गई और पूछा।

मनोहरा: आप कितना दबाव चाहेंगे, कुमार?

मैं: मध्यम।

उसने मेरी पीठ पर गुनगुना तेल डालकर मसाज शुरू की। मैं नीचे मुँह करके लेटे हुए अपनी पीठ पर रगड़ता हुआ उसका हाथ महसूस कर सकता था। मैं थोड़ा उलझन में था कि क्या वह मुझे कोई संकेत दे रही थी। फिर मैं मसाज में खो गया और यह आश्चर्यजनक रूप से अच्छा था।

जब उसने मेरी पीठ की मसाज की, तो वह टेबल के किनारे बैठ गई। उसने मेरी जांघों और नितंबों के पीछे मसाज करना शुरू किया। उसने मेरी जांघ की अंदरूनी मालिश करते हुए अपने हाथों को मेरे लिंग पर फेरा। मैं फिर से खो गया कि उसका स्पर्श कितना अच्छा था।

वह पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गई और गर्म तेल से मालिश करने लगी, मेरी पीठ से शुरू करके मेरे कंधों पर। उसके कोमल हाथ सही जगहों पर सही दबाव डाल रहे थे। उसने मेरी रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ़ लंबे स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए। मैं बहुत संतुष्टि और आराम महसूस कर सकता था। मुझे लगा कि नाच की सारी थकान मेरे शरीर से निकल गई है। उसने मेरी पीठ के निचले हिस्से की मालिश की, उसके बाद मेरे नितंब की। वह मेरे पैरों की मालिश करने से पहले दोनों हाथों से मालिश कर रही थी। मैं इस समय उत्तेजित नहीं था, लेकिन मैं पूरी तरह से शांत मन की स्थिति में था। मेरा शरीर हल्का महसूस कर रहा था और मेरी मांसपेशियाँ तैरने लगी थीं। फिर उसने मुझे कुछ अप्रत्याशित करने के लिए कहा।

उसने मुझे डॉगी स्टाइल में चारों पैरों पर खड़े होने का संकेत दिया। मैंने खुशी-खुशी ऐसा किया, उस प्यारे चेहरे को देखते हुए। उसने नीचे से मेरे अंडकोषों को सहलाना शुरू कर दिया और धीरे से मेरे नितंबों को चूमना शुरू कर दिया। यह नया था। मेरा लिंग नीचे लटक रहा था और वह मुझे सहलाने के लिए खींच रही थी, जिससे मैं फिर से कठोर हो गया। उसने मेरी गांड पर चूमना शुरू किया और सीधे मेरी गांड चाटने लगी!

मैंने कराह उठा, क्योंकि मेरा प्रीकम निकलने लगा था। मैं रिमजॉब करवा रहा था! वह अपनी जीभ से मेरे गुदा के चारों ओर चक्कर लगाती रही। मुझे ऐसी अनुभूति हुई जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं की थी।

वह मेरे लिंग को सहलाती रही और अपने हाथों से मेरे अंडकोषों को सहलाती रही, एक साथ कई काम करने का ऐसा पेशेवर स्तर! वह कुछ देर तक ऐसा करती रही। मेरे लिंग को सहलाने का यह तरीक़ा भी नया लगा। मेरा लिंग बहुत सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा था।

मैं हमेशा से ही यौन रूप से नई चीजों को आजमाने का शौकीन रहा हूँ। यह पूरी तरह से मेरी उम्मीदों पर खरा उतर रहा था। उसने मेरी गेंदों से लेकर गुदा तक गहराई से चाटी, मुझे जोश से सहलाते हुए उसे चूमा। आखिरकार वह उठी, मेरी तरफ़ मुस्कुराई और मुझे अंगूठा दिखाकर पूछा कि क्या मैं ठीक हूँ। मैंने भी मुस्कुराकर उसे दो अंगूठे दिखाए! इसके बाद उसने मुझे पलटने के लिए कहा।

मैं खुश था कि मैं उसका सुंदर शरीर देख सकूंगा, लेकिन उसने मेरी आँखों को तौलिये से ढक दिया। कामुक मालिश की मेरी उम्मीदें ख़त्म हो गईं। फिर, आखिरकार, वह मेरे सिर के ऊपर आई और तौलिया हटा दिया। वह मेरी छाती की मालिश कर रही थी।

उसने फिर से ऊपर से शुरू किया और मेरे माथे, कंधों और छाती की मालिश की। यह पूरा मालिश अनुभव विश्राम और उत्तेजना के बीच एक रोलर कोस्टर की तरह लग रहा था। मैं पूरी तरह से आनंद ले रहा था। वह मेरी छाती के बालों को देखकर हंस रही थी, क्योंकि मुझे लगता है की थाई पुरुषों की छाती पर होते। उसने मेरी छाती के बालों से खेलना शुरू कर दिया और अपनी कोमल उंगलियों से मेरे निप्पल को रगड़ा। वह मेरे पीछे खड़ी थी। हर बार जब वह मेरे पेट की मालिश करने के लिए आगे बढ़ती, तो उसके कोमल स्तन और उभरे हुए निप्पल मेरे चेहरे से टकराते।

मैं समय-समय पर चुपके से एक या दो चुम्बन ले लेता था। मैं देख सकता था कि वह भी इसका आनंद ले रही थी, फिर हमने चूमा और हमारे शरीर एक दूसरे से छू गए। उसके होंठ बहुत नरम थे और मुझे लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूँ। मेरा लिंग अब एक तम्बू बना रहा था और उसकी चूत से टकरा रहा था। मैंने उसे लिटाया और उसके सिर पर चूमना शुरू कर दिया। मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया और एक हल्की-सी कराह निकाली।

मैंने उसके कान काटे और उसने मेरे बाल पकड़े और धीरे-धीरे कराहने लगी। मैंने उसके निप्पल तक पहुँचने का प्रयास किया, जो एकदम सही आकार के और उभरे हुए थे। फिर मनोहरा मेरे निप्पल चाटने लगी फिर मनोहरा मेरा लंड अपने स्तनों की दरार में डाल कर विशेष कामवर्धक औषधियाँ और लिंग को पुष्ट करने वाली औषधीय तेल से मेरे लिंग की मालिश कर रही थी। कुछ देर मालिश करवाने के बाद जब मेरा लिंग बिलकुल पुष्ट हो सीधा हो तुनके मारने लगा, मैंने उसे ऊपर खींचा और उसने मुझे अपने स्तन चूसने के लिए दिए थे। मैं फिर से कठोर हो रहा था और अपने हाथों का उपयोग करके उन्हें धीरे से दबाने के लिए बाएँ और दाएँ के बीच बारी-बारी से कर रहा था।

मैं उसके उरोज़ों पर हाथ फेरता हुआ बोला, " वाह! भगवान् ने क्या फुर्सत के समय तुम्हारा शानदार बदन तराशा है और उसके उरोज़ों को मुंह में कर चूसने लगा।

मैंने मेरे खड़े लिंग को देखा और तभी मैंने महसूस किया की कोई पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गई है। अब हम 69 की स्थिति में थे, जिसमें मैं उसकी गांड की तरफ़ मुंह करके था जबकि दूसरी लड़की मेरे लिंग को सहलाने लगी और ऊपर से नीचे तक चाटने लगी। मैंने उसकी तरफ़ देखा की अमेरिका से आयी अमेरिका से आई जापानी माँ और अमरीकी के संगम से उतपन्न अद्भुत कामदेवी सुंदरी "विद्युत्प्रभा" जिसे विभिन प्रकार से लंड चूसने से अपार कामसुख मिलता है और अध्भुत कामसुख प्रदाति मेरा लंड चाट रही थी।

विद्युत्प्रभा की जिज्ञासु नीली आँखों और एक प्यारी-सी मुस्कान वाली 18 वर्षीय सुंदरी न केवल स्वाभाविक रूप से आकर्षक थी, बल्कि किसी भी तरह के कपड़ों उस पर बिलकुल फिट बैठते थे वह देखने लायक था। वह ऐसी युवती है जिसके स्तन 38डी-के थे और फिर भी उसका वज़न मात्र 50 किलोग्राम था। सुनहरे बालों और मोहक मुस्कान वाली जो वेगास में रहती थी और एक ब्यूटीशियन के रूप में काम करती थी। उसकी हाईट 5' 3″ के लगभग होगी, दिखने में वह स्टाइलिश थी, चलती भी अदा के साथ थी, उसकी कमर की लचक मादक लगती थी। चंचलता, शोखी भरी अदा, छरहरा बदन, आँखें सुनहरी, भूरे बाल बिखर कर खूबसूरती को और भी बढ़ा रहे थे। गर्दन सुराहीदार थी, गले में सोने की पतली-सी चैन थी। शरीर का सुनहरा रंग।

उसने भी मेरे लिंग की पहले अपने चूचक से स्पर्श किया फिर दरार के मध्य डाल लिंग की मालिश की और हर एक क्रिया सबसे कामुक तरीके से की गई थी। कोई जल्दबाजी नहीं थी, कोई बातचीत नहीं थी, केवल आनंद था। मेरे मोटे लिंग को समायोजित करने के लिए उसे अपना मुंह फ़ैलाना पड़ा क्योंकि उसने मेरी चमड़ी को बाहर निकाला। उसने मेरे लिंग के सिर को चाटना शुरू कर दिया और अपने पतले हाथों से मेरे लिंग को सहलाया। उसने धीमी, कोमल हरकतों से शुरुआत की और उसके बाद डीप-थ्रोट ब्लोजॉब किया। मैं अब कराह रहा था और फिर से उसके हाथों में कठोर हो गया था! उसने मेरे लिंग की लम्बाई को चाटा और साथ ही अपने कोमल स्पर्श से मेरे अंडकोषों को सहलाया। उसका मुखमैथुन अविश्वसनीय था।

वह जानती है कि क्या करना है। कब करना है, कब अपनी लय बदलनी है, कब उसे ज़ोर से दबाना है। वह एक प्रो थी! मैं उसकी चूत के करीब जाने की कोशिश कर रहा था जो मेरे चेहरे के ठीक ऊपर थी। मैं उसकी गंध से मदहोश हो रहा था। मैं साफ़ देख सकता था कि वह कितनी गीली थी।

मनोहरा मेरे निप्पल चूस रही थी फिर मैंने नीचे की ओर बढ़ना शुरू किया और उसकी चूत तक पहुँच गया। मैंने उसे चूमा। चूत के चारों ओर चाटना शुरू कर दिया। वह चिढ़ाना बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने मेरा सिर पकड़ लिया और उसे अपनी चूत पर धकेल दिया। मैंने अपनी जीभ से खेलना शुरू कर दिया, और वह इतनी जोर से कराह रही थी और मुझे देखा और घूम कर अपनी कमर नीचे कर ली, जिससे मैं उसका रस चूस सकूँ और उसकी भगशेफ चाट सकूँ। वह भी कराहने लगी। मैं उसकी भगशेफ के चारों ओर चक्कर लगा रहा था और कभी-कभी जीभ से उसे चोद रहा था। जैसे-जैसे उसकी कराह तेज होती गई।

इसने मुझे और भी तेज़ और कठोर बना दिया। एक मिनट के भीतर, वह हिल रही थी और मेरे चेहरे पर वीर्यपात हो गया। मैंने उसका अधिकांश हिस्सा पी लिया। वह पहले से ही थक चुकी थी।

मुझे पता था कि मैं ज़्यादा देर तक नहीं टिक सकता। एशियाई लड़कियाँ कराहते समय बहुत कामुक स्त्री लगती हैं।

मैं अब तक इतना उत्तेजित हो चुका था कि मेरा लिंग विद्युत्प्रभा के मुँह के अंदर धड़क रहा था। मैं मनोहरा को छू रहा था, उसे सूँघ रहा था, उसका स्वाद चख रहा था, जबकि व् के कोमल होंठ मेरे लिंग के चारों ओर लिपटे हुए थे, पूरी तरह से उत्तेजित हो रहे थे। उसका मुँह बहुत गर्म लग रहा था। एक ही समय में उसकी चूसने और मनोहरा के कराहने की आवाज़ मुझे पागल कर रही थी।

मनोहरा अपने खाली हाथ से मेरी आंतरिक जाँघों को महसूस कर रही थी और मेरे लिंग पर अपना मुँह चला रही थी। उसका स्पर्श मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था और मेरी कराहें भी तेज़ हो रही थीं। मैंने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाली, उसके जी स्पॉट को मालिश करने की कोशिश कर रहा था। मैं गीलापन महसूस कर सकता था और मैंने ऊँगली बाहर निकाली और उसका पूरा स्वाद चखा। मैंने आगे बढ़कर दो उंगलियाँ अंदर डालीं और उसने ज़ोर से कराह निकाली। मैंने अपनी उंगली और जीभ के बीच बारी-बारी से काम किया। मैंने उसे उसी तीव्रता से आनंद देना जारी रखा जिस तीव्रता से दूसरी गणिका विद्युत प्रभा मेरे लिंग पर अपना कौशल दिखा रही थी।

मैं विद्युत प्रभा को बहुत बुरी तरह से चोदना चाहता था। मैं चूसते हुए मनोहरा को सहते हुए भी महसूस कर सकता था। उसने एक नरम कराह निकाली और उसकी मांसपेशियाँ सिकुड़ गईं। उसे पता था कि मैं करीब था।
उसने मुझे लेटाया और अपने स्तनों को मेरे पूरे शरीर पर रगड़ने लगी। मेरा लिंग एक खंभे की तरह खड़ा था। उसने कुछ गर्म तेल लिया और इसे मेरे लिंग और अंडकोषों पर डाला और उन्हें मालिश किया। मैं स्वर्ग में था क्योंकि उसके कोमल हाथ मेरे अंडकोषों को मालिश कर रहे थे। उसने मेरे लिंग को अपने स्तनों के बीच में रखा और अपने स्तनों को चोदने दिया। यह स्वर्ग जैसा था।

विद्युत प्रभा ने अब सिर्फ़ अपने होंठों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, हाथों से मुक्त और अपने सिर को सिर्फ़ मेरे लंड के सिर के चारों ओर हिलाना, जो कि मेरा सबसे संवेदनशील अंग है। उसने लय को वापस अपने मुँह के अंदर लंबे, गहरे स्ट्रोक में बदल दिया। मेरा लिंग सिर बाहर आ गया था और वह पेशाब के छेद के चारों ओर चक्कर लगाने लगी। यह बहुत संवेदनशील था और मैं पागल हो रहा था। उसकी तकनीकें अनोखी और काफ़ी प्रभावी थीं।

विद्युत प्रभा फिर से लंड मुँह के अंदर ले गई और मुझे पता था कि यह आखिरी दौर था। उसने मुझे बहुत तेज़ी से सहलाना शुरू कर दिया, जबकि मेरा लिंग सिर उसके नरम और नम होंठों को छू रहा था। मेरे पास हार मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि मैं ज़्यादा देर तक नहीं टिक सकता था। मैं बहुत लंबे समय से उत्तेजित, खेला और आनंदित था। मैंने महसूस किया की मनोहरा भी कांप रही है और मेरे मुँह में उसके रस की बाढ़ आ गयी थी । फिर विद्युत प्रभा ने मेरे अंडकोषों को अपने मुँह में डाल लिया। उसके मुँह की गर्माहट ने मुझे खुश कर दिया। मैं धीरे-धीरे कराह रहा था।
फिर उसने मेरे अंडकोषों को अपने मुँह में डाल लिया। उसके मुँह की गर्माहट ने मुझे खुश कर दिया। मैं धीरे-धीरे कराह रहा था।

उसने मेरे लिंग के सिरे को चूमा। वह धीरे-धीरे मेरे लिंग को चाटने लगी और फिर उसे अपने मुँह में डाल लिया।


इसके साथ ही मैंने विद्युत प्रभा के मुँह के अंदर स्खलित होने ही वाला था कि उसने मेरा लिंग मुँह से निकाल दिया। उसने सुनिश्चित किया कि एक भी बूँद न गिरे। फिर कुछ देर बाद उसने उसे पूरा चूसा, जबकि मैंने एक बड़ी आह भरी। मैंने कुछ बहुत ज़रूरी हवा और मालिश की मेज पर वापस गिर गया, उसे देखकर मुस्कुराया। वह मेरे चेहरे पर नज़र डालकर जानती थी कि मैं संतुष्ट नहीं हूँ। उसने मुझे अपनी जीभ निकालकर से उससे खेलकर और ज़ोर से हँसकर चिढ़ाया। वह जानती है कि क्या करना है। कब करना है, कब अपनी लय बदलनी है, कब उसे जोर से दबाना है और कब रुकना है ।

जब मैंने उसकी प्यारी सी गांड पर हल्के से चुटकी काटी तो वह मुस्कुराई। फिर मनोहरा उसे चूमने लगी । वह मेरे पास वापस आई, मुझे एक गहरा चुंबन दिया और दोनों मेरे बगल में लेट गई, मुझे गले लगा लिया। हम ने कुछ देर आराम किया, एक दूसरे के शरीर को सहलाया।

फिर हम तीनो शॉवर में चले गए। एक मेरे सामने थी और दूसरी मेरी पीठ पर चिपक गयी मैं दोनों तरफ से नाजुक बदन के बीच आनंद ले रहा था. मेरे आगे छाती पर मनोहरा के स्तन थे और में मनोहरा को किस कर रहा था और विद्युत के स्तन मेरी पीठ को रगड़ रहे थे पी और उसका का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधो को सहला रहा था और मेरे हाथ मनोहरा की पीठ को सहला रहे थे और मनोहरा के हाथ विद्युत की पीठ को सहला रहे थे दोनों मुझे सैंडविच मसाज दे रही थी ।

मैं इन अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द…।

मैंने पीछे पलटने जैसा होकर गर्दन मोड़ कर विद्युत को चुम्बन दिया, और उसे पीछे से आगे खींच दिया, मेरा तना हुआ लौ इंच लंबा और तीन इंच का मोटा लिंग विद्युत के पेट के पास टकराया। अब मनोहरा मेरी पीठ की तरफ चली गयी।

मैंने हाथ पकड़ कर और कमर को पकड़ कर उसे किश किया, कुछ देर हम तीनो एक दुसरे को ऐसे ही प्यार करते रहे और मैं एक हाथ से कभी विद्युत कभी मनोहरा के स्तनों से खेलता रहा. और उन्हें बारी बारी किश करता रहा और वे मेरे लंड की मालिश करती रही।

उसने मुझे फिर से एक बच्चे की तरह नहलाया और मुझे सुखाया, मेरे जननांगों पर विशेष ध्यान दिया और अंत में उन्हें चूमा। मैंने फिर से अपना सिंघचर्म पहन लिया।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-304

VOLUME II

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 88

जैस्मिन सुंगंधा युक्त योनि हस्तमैथुन का नजारा

जब मैंने विद्युत्प्रभा गणिका की प्यारी-सी गांड पर हल्के से चुटकी काटी तो वह मुस्कुराई। फिर मनोहरा उसे चूमने लगी। फिर मनोहरा मेरे पास वापस आई, मुझे एक गहरा चुंबन दिया और दोनों मेरे बगल में लेट गई, मुझे गले लगा लिया। हम ने कुछ देर आराम किया, एक दूसरे के शरीर को सहलाया।

फिर हम तीनो शॉवर में चले गए। एक मेरे सामने थी और दूसरी मेरी पीठ पर चिपक गयी मैं दोनों तरफ़ से नाज़ुक बदन के बीच आनंद ले रहा था। मेरे आगे छाती पर मनोहरा के स्तन थे और में मनोहरा को किस कर रहा था और विद्युत के स्तन मेरी पीठ को रगड़ रहे थे पी और उसका का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधो को सहला रहा था और मेरे हाथ मनोहरा की पीठ को सहला रहे थे और मनोहरा के हाथ विद्युत की पीठ को सहला रहे थे दोनों मुझे सैंडविच मसाज दे रही थी।

मैं इन अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ़ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ़ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द।

मैंने पीछे पलटने जैसा होकर गर्दन मोड़ कर विद्युत को चुम्बन दिया और उसे पीछे से आगे खींच दिया, मेरा तना हुआ लौ इंच लंबा और तीन इंच का मोटा लिंग विद्युत के पेट के पास टकराया। अब मनोहरा मेरी पीठ की तरफ़ चली गयी।

मैंने हाथ पकड़ कर और कमर को पकड़ कर उसे किश किया, कुछ देर हम तीनो एक दुसरे को ऐसे ही प्यार करते रहे और मैं एक हाथ से कभी विद्युत कभी मनोहरा के स्तनों से खेलता रहा और उन्हें बारी-बारी किश करता रहा और वे मेरे लंड की मालिश करती रही।

उसने मुझे फिर से एक बच्चे की तरह नहलाया और मुझे सुखाया, मेरे जननांगों पर विशेष ध्यान दिया और अंत में उन्हें चूमा। मैंने फिर से अपना सिंघचर्म पहन लिया।

फिर तिलोत्तमा मनोहरा मेरा अंग-अंग सहलाती रही और अब मुझे रंगालय के अन्य-अन्य कक्ष में ले गयी । कक्ष को फूलों से सजाया गया था दीवारों पर कामसुंदरीय के मैथुनरत चित्र थे, कक्ष के बीच में शैय्या पर मुलायम रेशमी गद्दे बिछे हुए और दो गोल सिरहाने रखे हुए थे सुगंधित तेल स्नेहक और विभिन्न प्रकार के फल और शहद दूध भी रखे थे। कमरे में प्रकाश बढ़ गया था और ने मुझे एक आसान पर बैठने के लिए कहा । पूरा कक्ष पारदर्शी शीशे का बना था और मैं जानता था कि शीशे के दूसरी तरफ़ मुझे, संभवतः ये सभी गणिकाएँ, इस पूरे कोमार्या भंग उत्सव को देख रही है। केंद्रीय बिस्तर ऊंचे मंच पर था। कक्ष में कुछ बिस्तर सजे हुए थे और प्रत्येक बिस्तर के बरामदे में चाँदी के फ्रेम में जड़ा हुए बड़े दर्पण रखे हुए थे। फर्श बेहतरीन कालीनों से ढका हुआ था; दीवारों को रेशम पर बनी पेंटिंग से ढक दिया गया था, जिन पर कामदेव और रति के प्रेम की आकृतिया, स्नान करती हुई नग्न सुंदरियों की पेंटिंग उकेरी गयी थी, कमरे में कुर्सियों और सोफों पर मोतियों और कीमती पत्थरों से जड़े हुए तकिए रखे हुए थे।

तिलोत्तमा मनोहरा जैसे ही मैं एक आसान पर बैठा मैंने देखा की केंद्रीय बिस्तर पर प्रकाश बढ़ गया और बिस्तर पर मुझे रम्भा अनिंद्य सुंदरी नजय आयी लगभग अठारह वर्ष की, शादी के जोड़े में लिपटी वह कमसिन सुंदर रम्भा। रम्भा भरी पूरी परिपक्व परन्तु कमसिन जवान महिला थी और आभूषण और सुंदर साडी में उसका रूप छुपाये नहीं छुप रहा था। उसके कोमल उभरे होंठ लाल-लाल गुलाब की पंखुड़ियों से लग रहे थे। लाल साड़ी उसके बदन में लिपटी हुई थी, फिर भी उसमें से भी उसके वक्ष और नितम्ब का उभार, नहीं छुप रहे थे। हरी चूड़ियाँ पहने उसकी गोरी बाँहें देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा।

फिर जब वह थोड़ी-सी हिली उसकी साड़ी कमर से हट गयी थी और उस गोरी चिकनी कमर को देखकर और नितंब हिलने के अंदाज़ से ही मेरा लंड और कस कर खड़ा हो गया।

फिर तिलोत्तमा मनोहरा मेरा अंग-अंग सहलाती रही और ये सब देख, मेरे, "रम्भा" और साथ वाले बिस्तरो पर मौजूद गणिकाएँ, थाई सुंदरी "तिलोत्तमा:", जापानी गणिका "मनोहरा" सुंदरी, लैटिन अमरीकी सुंदरी "काम्या", यूरोपियन कामुक सुंदरी "सुगंधा" , मखमली सुनहरे बाल वाली रुसी सुंदरी "मधुरस्वरा", "कु"म्भयोनि" नामक सुनहरी त्वचा वाली अरबी सुंदरी मिस्र देश की कामुक नर्तकी "तिलोत्तमा" , फ़्रांस की अति सुंदर ग़ौर वर्णी सुनहरे केश वाली नर्तकी" उर्वशी " और भारतीय ग़ौर वर्ण सुंदरी" मेनका " इस विचार में मग्न हो गयी की अब ये कोमार्या भंग उत्सव आरभ हो गया है और मेरा लंड ये समझ तुनकने लगा की अब रम्भा सहित उसकी सहायक गणिकाओ से मुझे पूर्ण कामसुख प्रदान किया जाएगा।

रंगालय में बने इस विशेष कक्ष में लगे विशेष शीशे की दूसरी तरफ़ ये उत्सव देख रही भाई महाराज की प्रथम पत्नी रानी "ऐश्वर्या" सोचने लगी की उन्होंने ये स्पष्ट देखा था कि कुमार कामकला का ज्ञाता है और एक साथ कई स्त्रियों के साथ सम्भोग कर चुका है, एक अच्छे बड़े लंड का स्वामी है। अब इन गणिका के साथ कामकलाए सीख कर, जब वह सभोग करेगा तब सम्भोग में कितना आनंद आएगा।

ऐसा ही कुछ प्रधान गणिका रम्भा के साथ वाले बिस्तर पर उपस्थित यूरोपियन उन्नत उरोज गुलाबी वर्ण जैस्मिन गंध युक्त योनि हस्तमैथुन में प्रवीण कामसुंदरी "सुगंधा" सोच रही थी और ये सोच कर ही अपने हाथो को अपने उरोजो पर ले गई और उन्हें भींच कर आह भरने लगी। और उनकी चुत में खुजली होने लगी। उसके बिलकुल सामने तिलोत्तमा और मनोहरा मेरा अंग-अंग सहलाती रही मुझे चूमती रही और मैं उनके सुंदर कोमल आकर्षक अंगो को चूमता छेड़ता और सहलाता रहा ।

सुगंधा" को अपने सामने ये कामुक दृश्य देख अपनी टांगों के बीच का गीलापन महसूस हुआ जो उसे परेशान कर रहा था। उसकी इच्छा तुरंत उभर आई और उसकी आत्मा वासना मोड में बदल गई और उसके बदन से जैस्मिन की तेज सुगंधः निकलने लगी जो उसकी बढ़ती हुई कामुकता का स्पष्ट चिह्न था । पूरा कक्ष तेजी से इस तेज सुगंध से भर गया और ना केवल सुंगंधा के बदन से निकल रही ये सुगंध उसकी कामुकता चिन्हित कर रही थी बल्कि इसने अपने प्रभाव से मेरे और रम्भा सहित सभी गणिकाओं की कामुकता को कुछ ही क्षण में बढ़ा दिया ।

मैंने सुगंधा को हिलते हुए देखा। मैंने पहले तो अपना ध्यान तिलोत्तमा और मनोहरा पर बनाए रखा और उनसे खेलता रहा, लेकिन फिर मैंने ऊपर देखा, यह सोचते हुए कि क्या सुगंधा जाने के लिए उठ रही है। वह नहीं उठ रही थी, लेकिन वह अपने हाथ को अपने शरीर के किनारे, अपने पैर के नीचे, अपनी टांगो पर फिर अपनी छाती तक ऊपर-नीचे चला रही थी। अजीब था। शायद उसे खुजली हो रही हो? मैं अपने काम पर वापस लग गया और तिलोत्तमा और मनोहरा को चूमने लगा।

मैंने सुगंधा को फिर से हिलते हुए देखा। मैंने ऊपर देखा। अब उसका हाथ उसकी ब्लाउज के अंदर था और मैं बता सकता था कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मैंने उसे अनदेखा करने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर में मैंने फिर से ऊपर देखा। अब वह निश्चित रूप से अपने स्तनों को रगड़ रही थी, अपने निप्पलों से खेल रही थी।

मैंने देखा कि सुगंधा की आँखें बंद थीं शायद वह कल्पना कर रही थी, मैंने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए खाँसी की।

सुगंधा ने ऊपर देखा, लेकिन सुगंधा रुकी नहीं। उसकी उंगलियाँ उसकी स्कर्ट के नीचे घूमती रहीं। उसने मेरी आँखों में देखा। मैंने उसकी नज़रों से नज़रें मिलाईं। वह मुस्कुराई और सिर हिलाया और फिर कभी अपनी उँगलियों से अपनी योनि सहलाने लगी और उसने अपनी उँगलियाँ हिलाना बंद नहीं किया।

मुझे नहीं पता था कि इस पर क्या प्रतिक्रिया दूँ, इसलिए मैं बस एक पल के लिए उसे देखता रहा। मैंने अपनी नज़रें हटा लीं, लेकिन सुगंधा फिर से उसकी जांघों पर जा टिकी। मैं उसकी छोटी उंगली को उसकी स्कर्ट से बाहर निकलते हुए देख सकता था। उसने शायद पैंटी भी नहीं पहनी थी और उसके बदन से निकल रही गंध तेज हो गयी थी ।

सुगंधा का दूसरा हाथ उसकी शर्ट के नीचे था, उसकी छाती को ऊपर-नीचे सहला रहा था, उसके कूल्हे ज़ोर से हिल रहे थे। उसकी आँखें बंद थीं और उसका सिर पीछे की ओर झुका हुआ था। उसे पसीना आने लगा था और सुगंध मीठी लग रही थी ।।

फिर सुगंधा ने अपनी आँखें फिर से खोलीं, सीधे मेरी ओर देखते हुए और बहुत उत्तेजक मुस्कान के साथ मुस्कुराई। इस बार मैंने नज़रें नहीं हटाईं। मैं उसे देख रहा था और वह यह जानती थी।

मैं भी मुस्कुराया और बस देखता रहा, जैसे हिरण देखता है हेडलाइट्स में और देखता रहा। मैं और शायद सुगंधा इस बात से बेख़बर हो गये थे की कक्ष में और गणिकाएँ भी है ।

सुगंधा ने मुझे घूरकर देखा। हमारी आँखें काफ़ी देर तक एक-दूसरे से जुड़ी रहीं, उसका ज़ोर और उँगलियाँ गहरी और तीव्र होती जा रही थीं, उसकी टाँगें चौड़ी हो गई थीं।

सुगंधा ने अपने ब्लाउज के बटन खोले बड़े-बड़े डढ़िया उरोज बाहर उछले, उसने उन्हें सहलाया, लेकिन अपना ब्लाउज पहने रखा, अर्ध नग्नता पूर्ण नग्नता से भी अधिक कामुक लगती है। \ इस तरह उसे देख मुझे बहुत सेक्सी महसूस हुआ, उसने अपनी कसी हुई पेंसिल स्कर्ट को अपने कूल्हों के आसपास ऊपर उठाया और मैं बिस्तर के हेडबोर्ड के सामने बैठ गया और उसने अपनी पैंटीहोज और पैंटी को एक साथ नीचे खींच लिया, अपने नितंबों को ऊपर उठाकर उन्हें अपने घुटनों तक नीचे कर दिया।

मैंने कुछ गहरी साँसें लीं, उचित कामुक मनोदशा में आने की कोशिश की और प्रत्याशा को बढ़ने दिया, जिससे मैं काम इच्छा से भर गया।

जब सुगंधा की हरकतें अचानक बदल गईं। वह कुर्सी से थोड़ा उठी और अपनी स्कर्ट को नीचे सरका दिया। अब मुझे उसकी चूत और उस पर काम करने जा रही उसकी उंगलियों का पूरा नज़ारा दिख रहा था। उसने शेव नहीं की थी, लेकिन वह बड़े करीने से ट्रिम की हुई थी, इसलिए मुझे वाकई पूरा नज़ारा दिख रहा था।

सुगंधा बहुत गीली भी थी। कमरे की तीखी रोशनी में उसकी नमी चमक रही थी और मैं उसे रगड़ने की आवाज़ सुन सकता था। उसका चेहरा लाल होने लगा था।

बाहर से, मेरी अभिव्यक्ति एक खाली घूरने वाली बनी रही, लेकिन अंदर मुझे यह स्वीकार करना पड़ा कि यह वास्तव में मुझे उत्तेजित कर रहा था। मैंने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की, लेकिन मैंने देखा कि मेरा लंड कड़ा था फड़फड़ा रहा था। मैंने ख़ुद को छूना शुरू किया और मेरे साथ चिपकी थाई और जापानी सुंदरियाँ मेरी कठोरता को महसूस करने लगीं। मैंने उसने सहलाया और चूमा पर मेरी नजरे सुगनधा पर जमी हुई थी ।

तो मैं बस देखता रहा, एक जगह जम गया, सुगंधा की सुंदरता और ख़ुशबू से मंत्रमुग्ध।

सुगंधा अब पसीने से तर हो रही थी। वह वास्तव में कड़ी मेहनत कर रही थी। अपने खाली हाथ से उसने अपनी शर्ट निकाल दी। अब वह नंगी थी, सिवाय उसके मोज़ों के। गोरी चिकनी जाँघे और सुडोल सुंदर टाँगे और अपने आप को रगड़ते समय उसके बड़े स्तन उछल रहे थे। उसके भूरे निप्पल सीधे बाहर निकल आए।

अब सुगंधा के दोनों हाथ उसकी योनि पर काम करने लगे, एक अंदर काम कर रहा था, दूसरा उसकी भगशेफ पर। मैं अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था।

सुगंधा का चेहरा और उसकी ऊपरी छाती लाल हो रही थी। उसके सिर और शरीर से पसीना टपक रहा था। उसकी उंगलियाँ बहुत तेज़ी से काम कर रही थीं। उसके कूल्हे जोर-जोर से हिल रहे थे और घिस रहे थे। पसीने और रस से बिस्तर पर एक पोखर बन रहा था।

अचानक, सुगंधा की लय में बदलाव आया। उसकी आँखें कसकर बंद थीं। उसकी उंगलियाँ काम करती रहीं, लेकिन धक्के बंद हो गए। उसने अपनी पीठ को मोड़ा। मैंने उसकी जांघों की मांसपेशियों को देखा, फिर उसके पेट में ऐंठन होने लगी। परमानंद की ऐंठन उसके शरीर के ऊपर और नीचे लहरें मार रही थी। वह जोर से झड़ी, उसका शरीर हिल रहा था और ऐंठन हो रही थी, लेकिन कोई आवाज़ नहीं आ रही थी। पसीने और रस का पोखर अब कुर्सी को भिगो रहा था। उसका पूरा शरीर तनाव में आ गया. . . और फिर आराम से। वह कुर्सी पर पीछे की ओर झुक गई, छत को घूर रही थी। उसने आह भरी और कुछ गहरी साँसें लीं। फिर उसने ऊपर देखा। उसकी सुगनध कमरे में भरी हुई थी अब हलकी हो रही थी।

सुगंधा ने सीधे मेरी तरफ देखा। उसकी आँखें बड़ी और जंगली थीं, उसके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान थी, वह अभी भी भारी साँस ले रही थी, अपनी साँस को संभालने की कोशिश कर रही थी।

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-305

VOLUME II

विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 89

सुंगंधा - एफ़्रोडाइट


उत्तेजना से सुगंधा का चेहरा और उसकी ऊपरी छाती लाल हो रही थी। उसके सिर और शरीर से पसीना टपक रहा था। उसकी उंगलियाँ बहुत तेज़ी से काम कर रही थीं। उसके कूल्हे जोर-जोर से हिल रहे थे और घिस रहे थे। पसीने और रस से बिस्तर पर एक पोखर बन रहा था और जैस्मिन की सुगन्थ फैलती जा रही थी ।

अचानक, उसकी लय में बदलाव आया। उसकी आँखें कसकर बंद थीं। उसकी उंगलियाँ काम करती रहीं, लेकिन धक्के बंद हो गए। उसने अपनी पीठ को मोड़ा। मैंने उसकी जांघों की मांसपेशियों को देखा, फिर उसके पेट में ऐंठन होने लगी। परमानंद की ऐंठन उसके शरीर के ऊपर और नीचे लहरें मार रही थी। वह ज़ोर से झड़ी, उसका शरीर हिल रहा था और ऐंठन हो रही थी, लेकिन कोई आवाज़ नहीं आ रही थी। पसीने और रस का पोखर अब कुर्सी को भिगो रहा था। उसका पूरा शरीर तनाव में आ गया। । और फिर आराम से। वह कुर्सी पर पीछे की ओर झुक गई, छत को घूर रही थी। उसने आह भरी और कुछ गहरी साँसें लीं। फिर उसने ऊपर देखा। उसकी सुगंध कमरे में भरी हुई थी अब हलकी हो रही थी ।

उसने सीधे मेरी तरफ़ देखा। उसकी आँखें बड़ी और जंगली थीं, उसके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान थी, वह अभी भी भारी साँस ले रही थी, अपनी साँस को संभालने की कोशिश कर रही थी।

अरे मैं उसकी सुगंध याद कर में कुछ ऐसा खोया की सुगंधा के बारे में बताना ही रह गया । मैं यहाँ, अब तक देखी गई सबसे खूबसूरत रचना में से एक शानदार कृति देख रहा था। साक्षात काम देवी के समान रूपवान यह यूरोपियन सुंदरी, ग्रीक सेक्स देवी एफ़्रोडाइट जैसी दिखने वाली, जिसे रम्भा ने नाम दिया था "सुगंधा" उन्नत उरोज गुलाबी वर्ण जैस्मिन गंध युक्त योनि हस्तमैथुन में प्रवीण कामसुंदरी, शायद मुझसे कुछ इंच छोटी थी, मैं कहूँगा कि 5' 6 और उसकी आँखें सबसे शानदार हरी थीं। उसके बाल क्रीमी ब्राउन थे, उसके परफेक्ट बैंग्स के चारों ओर बैंगनी रंग की लकीर थी। उसकी सबसे प्यारी छोटी नाक थी और सबसे चूमने लायक गुलाब की पंखुरी होंठ। उसका चिकना शरीर भी देखने लायक था त्वचा गुलाबी। कमर पतली उसके 36बी साइज़ के गोल स्तन थे और उभरी हुई गांड और शानदार नितम्ब थे। जैसा की आप जानते ही है कि उसके नाम के अनुरूप उसके बदन और पसीने से जैस्मिन की मदहोश करने वाली नशीली सुगंध निकलती थी ।

सुगंधा ने मेरी तरफ़ देखा अपने निचले ओंठ को काटा और मुस्कुरायी ।

यह देखते हुए कि मैं उसे बहुत स्पष्ट देख रहा था। मुझे लगा कि यह मेरे लिए सुगंधा की और से अपने पास आने निमंत्रण था, लेकिन इससे पहले कि मैं हिलता और आगे बढ़ पाता, मैंने सुगंधा के पास के बिस्तर से एक महिला आकृति को आगे बढ़ते देखा उसकी आँखे बंद थी मानो वह गणिका किसी सपने में थी और उसने उसके पास पहुँचकर उसके चेहरे को पकड़ा और उसे चूमा और कहा कि मुझे पता है कि आपको इसकी ज़रूरत है और उसके स्तनों को दबाया।

जैसा की मैंने पहले भी कहा था कि मैं सुगंधा को और उसकी कामुक हरकते देख इतना मंत्रमुग्ध था कि ये ही भूल गया था कि हमारे आस पास और भी है जो उसे देख रही थी और शायद मैं अकेला नहीं था जो इस नशीली सुगंध से मन्त्र मुग्ध था मैंने अब चारो तरफ़ देखा सभी गणिकाएँ अभी भी सुगंधा से मंत्रमुग्ध लग रही थी ।

वो गणिका भी अपवाद नहीं थी क्योंकि पूरी सेटिंग बहुत कामुक थी जिसे देख कामुक हो उसने पता नहीं कब इस गणिका ने सुगंधा का कामुक हस्तमैथुन देखते हुए, उसने कब अपने कपड़े निकाल दिए थे। जब उसकी खुली त्वचा पर हवा की अचानक ठंडक ने उसे थोड़ा कांपने पर मजबूर कर दिया, लेकिन उसने इस सनसनी का स्वागत किया, उसे उम्मीद थी कि यह उसके भीतर की आग को ठंडा कर देगी। उसने अब सफ़ेद सूती पैंटी के अलावा कुछ नहीं पहना था, उसकी खुली खिड़की से हल्की हवा उसकी त्वचा पर सहला रही थी, एक छेड़खानी वाला स्पर्श जिसने उसके निप्पल को सख्त छोटी कलियों में कस दिया। पसीने की बूंदें उसके शरीर से नीचे बिस्तर की चादर में भीगने लगीं, उसके आस-पास की ठंडक का उसके बेचैन शरीर से निकलने वाली गर्मी पर कोई विशेष असर नहीं हुआ।

बिना सोचे-समझे, एक हाथ उस गणिका की अपनी अलग-अलग जाँघों के बीच चला गया और अपनी पैंटी के पतले सूती कपड़े के माध्यम से उसके दर्द भरी योनि को सहलाने लगा। पेंटी भीगी हुयी थी, लेकिन यह पसीने से था या उत्तेजना से, उसे नहीं पता था। हल्के से रगड़ते हुए उसके होठों से कराह निकली। उसे लगा वह कोई सपना देख रही थी, जिसमे उसने अपनी (पश्चिमी) इष्ट कामदेवी एफ्रोडाइट को देखा था और अब सपने से बचा हुआ दर्द बहुत तीव्र था, इसलिए हल्का-सा स्पर्श भी उसे ऐसा महसूस कराता था कि वह किसी भी क्षण फट सकती है। लेकिन वह अभी तक वीर्यपात के लिए तैयार नहीं थी। वह इस अत्यधिक कामुकता की भावना का आनंद लेना चाहती थी जो उसे इन सपनों के बाद हमेशा अनुभव होती थी।

गणिका की आँखें बंद हो गईं थी और उसकी उंगलियाँ उसकी संवेदनशील और सूजी हुई भगशेफ पर धीरे-धीरे, कोमल घेरे में रगड़ना जारी रखती थीं। उसके शरीर में धड़कती ज़रूरत ने उसे खा लिया, जिससे वह इच्छा से मदहोश हो गई। कुछ ही क्षणों में, उसका मन अपने सपनों की घटनाओं पर वापस आ गया। वह हमेशा इन पलों से नफ़रत करती थी जब वह जागती थी और उस प्यारी देवी की बाहों से अलग हो जाती थी जो हाल ही में उस सपने के दौरान उससे मिलने आई थी।

कभी-कभी उस गणिका के सपनों में, एफ़्रोडाइट (ग्रीक सेक्स देवी) उसकी कुंवारी गर्म ज़रूरतमंद योनि में उंगली करती, अपने आनंद को नियंत्रित और नियंत्रित करती। दूसरी बार, देवी उसे बिस्तर पर दबा देती और अपने मूल में एक साथ दब जाती, वे बार-बार आनंद पाने के लिए उन्मत्त आंदोलनों में एक दूसरे के खिलाफ रगड़ते। अब, सुंदर गणिका ने इस सुंदरता और कामुकता की देवी के सामने अपने घुटने टेकने और अपनी जीभ से पूजा करने की अनुमति दी थी, जबकि एफ़्रोडाइट का मीठा अमृत सुंदर नश्वर महिला के पीने के लिए बह रहा था।

सपना इतना स्पष्ट लग रहा था कि वह गणिका अभी भी देवी का स्वाद ले सकती थी; और शहद की हल्की-सी ख़ुशबू ने उसके होश उड़ा दिए, जब उसकी जीभ उसके खुले होंठों पर चाट रही थी। तभी उसके मुंह से एक कराह निकली, देवी को वास्तव में चखने की इच्छा किसी तरह संभोग की इच्छा से भी अधिक तीव्र थी। फिर भी उसकी उंगलियाँ उसकी खुली हुई जाँघों के बीच खेलती रहीं, उसकी पैंटी में घुसकर चिकनी पंखुड़ियों को सहलाती रहीं।

"ओह, देवी," वह अंधेरे कमरे में कराह उठी। "मुझे तुम्हारी बहुत ज़रूरत है। मैं तुम्हारे स्पर्श के लिए तड़प रही हूँ।"

गणिका ने अपनी दो उँगलियों को गीली तहों से आगे धकेलते हुए उन्हें अपने पिघले हुए दिल में गहराई तक डाला, उन्हें धीरे-धीरे अंदर-बाहर किया, भरे जाने की अनुभूति का आनंद लिया। अब उसकी कराहें गूंजने लगीं, जैसे ही वह ख़ुद को किनारे के करीब ले गई, शांत कमरे में चारों ओर आनंद की आवाज़ें गूंजने लगीं।

जैसे ही उसे अपने पैरों के बीच आनंद का एहसास हुआ, "कृपया, देवी," वह चिल्लाई, और अपनी विनती को रोक नहीं पाई।

"अभी नहीं, छोटी । जब तक मैं ऐसा न कहूँ।"

इस अप्रत्याशित आवाज़ में एक नरम, मधुर स्वर था। गणिका ने अपनी उँगलियों को अपनी योनि से खींचा और बिस्तर पर पीछे की ओर खिसक गई, तब तक नहीं रुकी जब तक कि उसकी पीठ हेडबोर्ड की ठंडी लकड़ी से दब नहीं गई और उसके घुटने उसकी छाती से सट नहीं गए।

गणिका ने अपने सपने में कुछ बार पलकें झपकाईं, अपनी दृष्टि को अच्छी तरह से साफ़ करने की कोशिश करते हुए ताकि वह महिला को अच्छी तरह से देख सके। यह सच था कि सुगंधा पेंटिंग में चित्रित अफ्रोडाइट देवी की कई विशेषताओं को साझा करती थी। अपने निचले होंठ को चबाते हुए, गणिका ने सुगंधा के लंबे लाल बालों को देखा, जो धीरे से कर्ल किए गए थे और महिला के कूल्हों तक लटक रहे थे। उसने पेंटिंग में पतली पट्टियों से बंधे हुए साधारण सफेद गाउन को देखा, लिनन उसके उदार स्तनों के नीचे इकट्ठा होकर उसके कर्व्स को उभारने के लिए, जांघ के बीच तक बहने से पहले। पोशाक ने पूरी तरह से कोमल त्वचा और शानदार कर्व्स को प्रदर्शित किया जो उसकी अपनी नश्वर आँखों को दिव्य लग रहे थे।

लेकिन सुगंधा इस कमरे में चमक रही थी जिसने इस गणिका को ये यक़ीन दिलाया कि यह वास्तव में-में देवी एफ़्रोडाइट ही है। उसकी इष्ट देवी की त्वचा से एक नरम गुलाबी रोशनी और दिव्य सुगंध निकल रही थी, जिससे उसकी सुंदरता और भी ज़्यादा अलौकिक लग रही थी।

कमरे के कोने से आने वाली अप्रत्याशित आवाज़ में एक नरम, मधुर स्वर था, गणिका ने अपनी उँगलियों को अपनी योनि से खींचा और बिस्तर पर पीछे की ओर खिसक गई, तब तक नहीं रुकी जब तक कि उसकी पीठ हेडबोर्ड की ठंडी लकड़ी से दब नहीं गई और उसके घुटने उसकी छाती से सट नहीं गए।

"तुम कौन हो?" उसने पूछा, उसकी आवाज़ काँप रही थी और साँस फूल रही थी।

और फिर दीवार पर लटकी तस्वीर की ओर इशारा किया। "क्या यह स्पष्ट नहीं है, मेरी प्यारी? मैं एफ़्रोडाइट हूँ। वह देवी जिसके बारे में तुम सपने देख रही थी। वह देवी जिसे तुम अभी अंधेरे में पुकार रही थी। मैं यहाँ हूँ।"

"ओह, देवी," उसने फुसफुसायी।

"तुम मेरे करीब क्यों नहीं आती, मेरी प्यारी? आओ मेरे पैरों पर बैठो।"

अब जब घबराहट दूर हो गई थी, तो गणिका ने महसूस किया की उसकी इष्ट एफ़्रोडाइट की आवाज़ कितनी सुखदायक और मधुर थी। नरम लगने वाले शब्दों में लगभग सम्मोहक गुण था और वह चाहकर भी देवी की आज्ञा का विरोध नहीं कर पाती।

एक सपने में, गणिका बिस्तर के किनारे से फिसलकर हाथों और घुटनों के बल नीचे आ गई। जैसे ही वह देवी की ओर रेंगती हुई आगे बढ़ी, उसका शरीर अपने आप हिलने लगा, उसके कूल्हे एक मोहक गति से हिल रहे थे। गणिका उसके सामने रुक गई, हाथों और घुटनों के बल पर अपनी स्थिति से एफ़्रोडाइट के चेहरे को देखती हुई।

"अच्छी लड़की। अब मेरे लिए घुटने टेको, मेरी प्यारी छोटी ।"

ठीक इसी समय सुगंधा ने मेरी तरफ़ देखा अपने निचले ओंठ को काटा और मुस्कुरायी । रसीले लाल होंठ एक व्यापक मुस्कान में बदल गए और गणिका को अचानक यह जानने की इच्छा हुई कि उसके होंठों से दबाने पर वे कितने नरम महसूस होंगे।

बस ठीक इसी समय मैंने उस मंत्रमुग्ध गणिका को आगे बढ़ते देखा था उसकी आँखे बंद थी मानो वह गणिका किसी सपने में थी और उसने उसके पास पहुँचकर उसके चेहरे को पकड़ा और उसे चूमा और कहा कि मुझे पता है कि आपको इसकी ज़रूरत है और उसके स्तनों को दबाया।

सुगंधा ने उस गणिका के चेहरे पर अपने हाथ रखे। उसके हाथ बहुत मुलायम थे... फिर उसने मुझे देखकर मुस्कुराई और लड़की के साथ एक चुंबन के लिए झुकी। सुगंधा बहुत उत्साहित थी और नई लड़की घबराई हुई थी, लेकिन किसी तरह उसने किसी भी तरह से गड़बड़ नहीं की। वह मुड़ी और घंटों तक उसे चूमती रही। उनके हाथ एक दूसरे के शरीर को टटोल रहे थे। अब मैंने दूसरी लड़की का चेहरा देखा, वह "मधुरस्वरा" थी। बेहद गोरी, मखमली सुनहरे बाल और मीठी आवाज़ का मालकिन मधुर्स्वारा, बेहद सुंदर रूसी माँ और ग्रीक पिता के मिलन का उत्पाद जिसकी इष्ट थी ग्रीक काम देवी अफ्रोडाइट ।

अफ्रोडाइट की पुय्जारिन बेहद खूबसूरत युवती, जिसने अभी कुछ सप्ताह पहले ही हाई स्कूल पास किया है। जिसे रम्भा ने उसकी मीठी आवाज़ सुन "मधुर्स्वारा" नाम दिया है सुंदरता से परिपूर्ण युवती है जो एक शरारती परियोजना में शामिल होने के लिए पूरी तरह से बहुत प्यारी साढ़े पांच फुट लम्बी और 34बी-22-32 की सेक्सी फिगर लंबे-लंबे सुनहरे बालों वाली बेहद गोरी सुंदरी। वह तुर्की में हाई स्कूल में भाग लेने के दौरान चीयरलीडर दस्ते की कप्तान थीं। उसने अपनी कुछ ज्वलंत कल्पनाओं से अभी-अभी सब को झकझोर दिया था।

उसकी मीठी आवाज सुन मैंने उसे प्यार से माधुरी कह कर पुकारा था और सुगंधा ने उसकी शर्ट उतार दी, और अपने निचले होंठ पर हल्का सा काट कर चुंबन को तोड़ दिया। माधुरी भी कुंवारी थी, उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन अन्य गणिकाओं की तरह प्रशिक्षित थी और जानती थी कि क्या करना है। माधुरी ने सुगंधा के गालों को चूमा, उसकी गर्दन से होते हुए उसकी छाती के बीच तक पहुँची। सुगंधा ने माधुरी की ब्रा उतारते हुए उसके स्तन के दिखने वाले हिस्से को धीरे से चूसा। उसके स्तन गुरुत्वाकर्षण को चुनौती दे रहे थे, वे इतने सेक्सी थे।

मैं उसने देख खुद को रोक नहीं सका मैंने अपने लिंग को सहलाया , और सुगंधा ने मधुर्स्वारा के निप्पल को चूसना शुरू कर दिया और सुगंधा ने अपना हाथ मधुर्स्वारा की पैंट के नीचे डालना शुरू कर दिया। सुगंधा ने मधुर्स्वारा को शुरू करने दिया, सुगंधा पहले से ही नंगी थी। उसकी खुशी की हल्की-सी कराह सुनने के बाद, मधुरस्वर उसके पेट पर गयी और उसे चूमा, चूसा और चाटा। उसका पेट बिल्कुल सपाट था, जिस पर गुलाबी रंग था जो बहुत आकर्षक था।


जारी रहेगी
 
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