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Erotica फागुन के दिन चार

komaalrani

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फागुन के दिन चार भाग ४७

वापस बनारस --- रीत और दुष्ट दमन पृष्ठ ४७३

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
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Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
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Aapne kahani likhi thi bahut pehle ,maza pehli holi ka sasural me aur lalla phir khelna holi ( something like that) . Iska kahani sequel ka naam kya hai ?? Shayad chhutki wali ?? Ya ye fagun k din char . Yaa ye dono complete thi khud me hi
 
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komaalrani

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रीत की बल्कि उसके कम्युनिकेशन नेट वर्क की सेफ्टी का, अगर गलती से भी मेरे मुंह से निकला जाता की मैं रीत की सेफ्टी के लिए कुछ कर रहा हूँ तो हँसते हँसते गुड्डी और रीत की हालत खराब हो जाती, जिसको बनारस में घर की छत पे कपडे उतरवा के नचाया, साडी ब्लाउज पहना के वीडियो बनाया और पीछे उस की बहन की रेट लिस्ट चिपका के पूरे शहर में घुमाया

वो और रीत की, सेफ्टी!!!

फील्ड आपरेशन सिर्फ रीत ही सम्हाल सकती थी और बनारस पर मंडरा रहे खतरे को रीत के अलावा और किसी के लिए रोक पाना सम्भव नहीं था और बाकी लोग सहायक भूमिकाओं में थे , इस कहानी में सस्पेंस, थ्रिल और एक्शन काफी है
 
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Bohot achhi tarah se varnan ki hai aapne.

Ab lagta hai sonam ke dwara mr.z ka pata jalega.

Par sonam milegi kahan

सोनल दालमंडी ( बनारस का एक पुराना रेड लाइट एरिया ) में मिलेगी लेकिन उसे ढूंढना, उससे जेड के बारे कुछ उगलवा पाना रीत के ही बस की बात है
 
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komaalrani

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वाह कोमल जी...मज़ा आ गया ये अपडेट पढ़ के। आनंद बाबू और गुड्डी के बीच का ये मिलन का दृश्य बहुत ही सुंदर और प्रेम रस से परिपूर्ण था। और एक बात जो मुझे सबसे अच्छी लगी के दो प्रेमियो ने बीच ना नुकर अच्छा बुरा इसके लिए कोई जगह नहीं। प्यार और युद्ध में सब जायज है। मुझे ये अच्छा नहीं लगता या मैं ये नहीं कर सकती...सब का प्रेम मिलन में कोई जगह नहीं है। सेक्स तो संपूर्ण तन और मन का मिलन है। एक दूसरे की इच्छा का सम्मान करने से प्रेम और बढ़ता है

गागर में सागर भरने की कला तो कोई आपसे सीखे

और उत्तर देर से देने का कारण यह है की जैसे किसी भूखे को बहुत दिन बाद खाने को मिले तो वो बहुत कंट्रोल करके धीरे धीरे स्वाद ले ले कर खायेगा, अगला भोजन कब मिले कोई भरोसा नहीं तो इस कहानी में भी कमेंट्स की हालत यही है

और आपने जो दो बातें कहीं एकदम सही, दो प्रेमियो ने बीच ना नुकर अच्छा बुरा इसके लिए कोई जगह नहीं।
और दूसरी बात सेक्स तो संपूर्ण तन और मन का मिलन है

और यहाँ तो मन न जाने कबसे मिले थे लेकिन तन तक पहुँचने में जो देरी हुयी उनमे आनंद बाबू के मध्यमवर्गीय संस्कार, 'शादी के पहले ये सब गलत तो नहीं ', फिर से सेक्स से जुडी एक गिल्ट फीलिंग ओर एक डर जो लाख पोर्न देखें पर ज्यादातर मरदो के मन में रहता है ओर आंनद बाबू ऐसे इंट्रोवर्ट लड़को के मन तो ओर ज्यादा, ' कहीं हो पायेगा की नहीं, कहि ऐन मौके पे गड़बड़ न हो जाये, कहीं तुरंत न निकल जाए "
ओर वो तो चंदा भाभी ने थ्योरी प्रैक्टिकल सब कर के अपनी खुद की केस स्टडी से ' मैंने पहली बार अपने पड़ोस के जीजू से दर्जा आठ में ही " उस पर संध्या भाभी ने अगले दिन बाथरूम में सब कुछ फिर से चेक कर लिया ओर सबसे बढ़ कर गुड्डी खुद उन्हें खिंच के बाजार ले गयी, यही के पैसे से आई पिल से लेकर वैसलीन तक ख़रीदा ओर बता भी दिया की उसकी पांच दिन की छुट्टी कल ख़तम हो रही है

लेकिन गुड्डी से भी आगे थीं गुड्डी की मम्मी जिन्होंने साफ़ साफ़ आंनद बाबू को बता भी दिया ग्रीन सिंग्नल भी दे दिया,
" पटाओ मत पटक के पेल दो '

ओर अब मेरी कहानी के आंगन में आयीं, स्वागत ओर आभार

बस कभी जब भी टाइम मिले सांकल खटका दीजियेगा, बल्कि दरवाजा खोल के अंदर आ जाइएगा, दरवाजा मैं बंद नहीं रखती।


Alice In Wonderland Thank You GIF
 
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