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अगले दिन सुबह नासिर उठा और दुखी मन से ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गया। उसे इस बात का बेहद अफसोस था कि रात उसकी मौजूदगी में साजिया जोर जोर से सिसक कर साहिल से चुदी और वो जहर के घूंट पी कर चिप ढूंढता रहा लेकिन फिर भी उसे चिप नही मिली।
नाश्ता करने के बाद साहिल और नासिर ऑफिस के लिए निकल गए और साजिया घर के काम में लग गई। पूरे दिन ऑफिस के काम में नासिर का मन नही लगा और उल्टे सीधे ख्याल उसके मन में आते रहे। उसे लग रहा था कि अब साजिया उसके हाथ से निकल गई है और शायद ही अब कभी सही रास्ते पर आए।
खैर विचारो में डूबे हुए ही शाम हुई और नासिर और साहिल घर की तरफ चल पड़े। खाना खाकर सभी लोग लोग सो गए और रात को नासिर की आंख खुली तो साजिया उसके पास से गायब थी और हैरान करने वाली बात यह थी कि साहिल भी अपने कमरे मे नही था। नासिर का दिल अनहोनी की आंशका से भर उठा और पूरे घर में उन्हें ढूंढने लगा लेकिन किसी कहीं नजर नहीं आए उदास दुखी नासिर घर के पीछे की तरफ गया तो पीछे चांद की रोशनी में बिलकुल नंगी साजिया उसे साहिल के लंड पर उछलती हुई नजर आई जो पूरी तरह से मस्ती में डूबी हुई थी।
नासिर दुखी मन से वापिस लौट आया और सोने की कोशिश करने लगा। उसने अपने मन में पक्का इरादा कर लिया कि अब वो किसी भी कीमत पर साजिया को साहिल से चुदने नही देगा और उसके लिए साहिल को साजिया से दूर रखना पड़ेगा। उसने सोचा लिया कि अब किसी भी कीमत पर वो साहिल को घर से बाहर निकाल कर ही दम लेगा।
अगले दिन ऑफिस में नासिर ने साहिल को अपने ऑफिस में बुलाया और बोला:"
" साहिल मैं तुम्हे एक हफ्ते के लिए बिजनेस की ट्रेनिंग के लिया लंदन भेज रहा हु। इससे आगे तुम्हारे करियर को नई दिशा मिलेगी और तुम जल्दी ही कामयाबी के शिखर पर होंगे।
साहिल को समझ नही आया कि क्या करे। लंदन जाना उसका एक बहुत बड़ा सपना था और आखिरकार आज ये सपना पूरा हो रहा था तो उसने आखिकार हां कर दिया और अपने काम में लग गया। अपने कमरे में जाते ही साहिल ने साजिया को फोन किया और बोला:"
" साजिया मैं एक हफ्ते के लिए ट्रेनिंग के लिए लंदन जा रहा हूं। बिजनेस के लिए ट्रेनिंग हैं।
साजिया नासिर की सब चाल समझ गई और बोली:"
" ट्रेनिंग का बहाना और वो हम दोनो को अलग करना चाहता है। तुम जाने से मना कर दो उसे।
साहिल: जो भी हो लेकिन मुझे लंदन जाना हो होगा। मेरे करियर के लिए बेहद अच्छा होगा। तुम एक काम करो ना किसी तरह से नासिर को मनाओ कि तुम्हे भी मेरे साथ लंदन भेज दे।
साजिया को ये प्लान ठीक लगा और बोली:
" ठीक हैं मैं कोशिश करती हु। कुछ भी करके उसे मना ही लूंगी।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और खाना बनाने में जुट गई। शाम को करीब छह बजे नासिर और साहिल घर आ गए और साहिल अपने कपड़े पैक करने लगा तो साजिया बोली:"
" क्या हुआ ? कही जा रहे हो क्या साहिल ?
नासिर:" अरे मैं तुम्हे बताना ही भूल गया कि साहिल एक हफ्ते के लिए बिजनेस ट्रेनिंग के लिए लंदन जा रहा है।
साजिया:" ओह ये तो बहुत अच्छी बात है। चलो किसी को तो लंदन घूमना नसीब हुआ नही तो साहिल मैं तो इनसे कह कह कर थक गई हूं कि मुझे लंदन घुमा लाओ।
नासिर के दिमाग में आगे साजिया को साहिल से दूर रखने का प्लान आ गया और बोला:"
" अच्छा ठीक है। साहिल के आने के बाद दोनो एक महीने के लिए घूमने चलेंगे। बस अब खुश।
साजिया नासिर की चाल समझ कर अंदर ही अंदर जल उठी और उसे ताना मारती हुई बोली:"
" बस बस, ये सब तो मैं पिछले कई सालों से सुनती आ रही हु। बाद का किसने देखा एक काम करती हु मैं भी साहिल के साथ ही चली जाती हु। एक हफ्ते के बाद वापिस आ जाऊंगी।
साहिल मन ही मन साजिया की हिम्मत की दाद दे रहा था कि कितनी आसानी से उसने अपने शौहर के सामने मेरे साथ चलने के लिए बोल दिया। नासिर फंस गया था लेकिन बात को संभालते हुए बोला:"
" अच्छा इस बार पक्का चलेंगे हम दोनो। बस साहिल आकार घर पर रहेगा और हम दोनों निकल जायेंगे।
साजिया थोड़ा गुस्से से बोली:"
" बस अब मैं तुम्हारी बातो मे नही आने वाली। मैं अपने बैग पैक कर लेती हू। मेरी भी टिकट करा दो तुम आज ही। समझे वैसे भी साहिल का ध्यान रखने वाला भी तो वहां कोई होना चाहिए। मैं अपने भाई का ध्यान अच्छे से रख लूंगी।
नासिर ने मन ही मन सोचा साली कितनी गिर गई है मेरी बीवी। मेरे सामने भैया और जब चुदे तो सैयां। नासिर भी अब थोड़ा गुस्से में आते हुए बोला:" क्यों फालतू की जिद कर रही हो तुम। जब कह दिया तो कह दिया बस। जाओ अपना काम करो अब।
साजिया नासिर की ऊंची आवाज सुनकर थोड़ा गुस्से में आ गई और बोली:"
" नासिर अपनी आवाज को नीचे करके बात को करो। नही को मुझसे बुरा कोई नही होगा समझे तुम।
दोनो की तू तू मैं मैं शुरू हो गई और साहिल ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और छत पर चला गया। करीब के घंटे तक दोनो की बहस होती रही और इसी बीच टिकट का समय खत्म हो गया और साहिल अपना बैग लेकर नीचे आ गया और बोला:"
" आप दोनो अब लड़ाई बंद कीजिए। टिकट का समय खत्म। हो गया है और मुझे जाना होगा।
इतना कहकर साहिल बाहर निकल गया और ऑटो लेकर एयरपोर्ट की तरफ चल पड़ा। काफी लंबे समय के बाद अंततः आज नासिर की जीत हुई और उसने चैन की सांस ली कि कम से कम हफ्ता अब साजिया की उसे कोई चिंता नहीं होगी।
रात को साजिया बेड के एक तरफ लेटी रही और बोली:"
" नासिर तुमने आज अच्छा नहीं किया। तुमने साहिल के सामने मेरी बेइज्जती करी है। इसका तुम्हे नतीजा भुगतना पड़ेगा।
साहिल चुपचाप लेटा रहा और आज काफी दिन के बाद चैन की नींद सो गया। साजिया पूरी तरह से परेशान थी और उसे साहिल के लंड की आदत पड़ गई थी इसलिए पूरी रात करवट बदलती रही।
अगले दिन सुबह नासिर उठा और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा। साजिया बेड पर ही पड़ी रही और उससे कोई बात नही करी। नासिर खुशी खुशी ऑफिस चला गया और अपने काम में लग गया। नासिर ने एक हफ्ते के लिए तो अपनी समस्या का समाधान निकाल किया था। एक हफ्ता हल्दी ही बीत गया और नासिर और साजिया के बीच की लड़ाई भी खत्म हो गई क्योंकि अब साजिया उसे नाराज नहीं करना चाहती थीं। साजिया के बन बदन में पूरी गर्मी चढ़ गई थी और वो बस साहिल के वापिस आने का इंतजार कर रही थी। वही दूसरी तरफ साहिल ने घर का कोना कोना छान मारा लेकिन उसे चिप कहीं नहीं मिली तो उसने अंदाजा लगाया कि साहिल अपने साथ ले गया है और सच्चाई भी यही थी।
अगले दिन रविवार को दोपहर को करीब 2 बजे साहिल घर आया और उसे देखते ही साजिया फूल सी खिल उठी। नासिर से उसकी ये खुशी देखी नही गई और जल उठा।
नासिर:" कैसे हो साहिल ? कैसी रही ट्रेनिंग ?
साहिल: काफी अच्छी थी। बहुत कुछ सीखने को मिला मुझे।
साजिया:" बस भी करो, बेचारा इतने दिन थक कर आया होगा और आप आते ही शुरू हो गए। तुम अपने कमरे में आराम करो।
साहिल अपने कमरे मे चला गया और आराम करने लगा। साजिया चाह रही थी कि सफर से थका आया हुआ साहिल दिन में ही अच्छे से सो जाए और आराम कर ले ताकि रात को ठीक से उसके तड़पते हुए बदन को मसल सके।
नासिर भी उसकी चाल समझ रहा था और कुछ नही बोला। रात को करीब आठ बजे खाना बन गया था और साजिया फ्रेश होने के लिए चली गई। इसी बीच नासिर ने अपनी जेब से नींद की गोली निकाल कर खाने में मिला दिया और और उसके होंठो पर जहरीली मुस्कान आ गई। थोड़ी देर बस सभी ने खाना खाया और खाना खाने के बाद सभी नींद के आगोश में चले गए।
अगले दिन सुबह साजिया सोकर उठी तो अपने आप पर हैरानी हुई कि वो कैसे रात भर सोती रही। नासिर और साहिल ऑफिस चले गए और आज भी रात को नासिर ने फिर से नींद की गोली मिला दी तो सभी गहरी नींद में चले गए और अगले दिन सुबह साजिया को हैरानी हुई और वो समझ गई कि जरूर कुछ न कुछ गडबड हो रही है। अगले दिन उसने खाना बनाया और जैसे ही बाथरूम में गई तो नासिर किचन में घुस और नींद की गोली मिलाने लगा तो साजिया उसकी सारी चालाकी समझ गई और उसे अपनी नींद का अपनी कारण समझ मे आ गया। साजिया चाहती तो ड्रामा कर सकती थी लेकिन उसने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी और नींद की गोली वाला खाना खाकर सो गई।
नासिर अपने प्लान में कामयाब हो रहा था लेकिन उसे चिप नही मिल पा रही थी। अगले दिन शाम को साजिया पहले से ही तैयार थी और आज उसने कुछ खाना अलग निकाल लिया और नासिर उसकी ये चालाकी नही समझ पाया और साजिया ने नींद वाला खाना सिर्फ उसे ही खिला दिया और पूरी रात उसे जी भर कर चुदाई करी।
अगले दो से तीन दिन ऐसे ही चलता रहा। नासिर उसकी ये चाल एक दिन समझ गया और उसने गोली की पूरी शीशी को ही गायब कर दिया। अगले दो दिन तक साजिया खामोश रही लेकिन आज साजिया का चुदने का बड़ा ही मन था और उसने मन बना लिया कि आज वो साहिल से जरूर चुदेगी।
शाम को सबके खाना के बाद साजिया दूध का ग्लास लेकर साहिल के रूम में चल पड़ी तो नासिर बोला:"
" साजिया जल्दी वापिस आओ। मेरे सिर में दर्द हो रहा है आज बहुत।
साजिया बिना कुछ बोले बाहर निकल गई और उसने बाहर निकलते ही अपने कपड़ो को उतारा और और उन्हे अपने रूम से लेकर साहिल के रूम तक फैलाती चली गई। साहिल बिलकुल नंगी साहिल के रूम में पहुंची और साहिल के उपर टूट पड़ी। साजिया की चूत पूरी तरह से गीली थी और साजिया घुटनो के बाल अपनी चूत मसलते हुए बेड से नीचे उतरी और किसी कुतिया की तरह झुककर खड़ी हो गई और साहिल को कामुक इशारा करते हुए एक साथ दो उंगली अपनी चूत में घुसा कर सिसक पड़ी तो साहिल उसके पीछे आया और एक धक्के के साथ लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और उसकी सिसकियां नासिर के कानो में पड़ी तो नासिर को मानो यकीन ही नहीं हुआ और वो कमरे से बाहर निकला तो हॉल में लगी एलईडी पर उसकी नजर पड़ी तो उसे साजिया चुदती हुई नजर आई और उसका खून खौल उठा। तभी उसकी नजर दूसरी एलईडी पर पड़ी जो आज ही नई लगी थी और उसमे पर्दा दो भाग में था। एक में साजिया चुद रही थी और दूसरे में नासिर उसे चुदते हुए देख कर अपना लंड सहला रहा था।
नासिर का खून बर्फ की तरह जम सा गया और वही हाल में ही सिर पकड़ कर बैठ गया। तभी उसे साजिया की सिसकियां सुनी
" आह चोद साहिल, और तेज घुसा अपना मोटा लंड, उफ्फ नासिर कब से तड़प रहा था मुझे मोटे लंड से चुदवाने के लिए
साहिल भी उसका पूरा साथ दे रहा था और पूरी तरह से फकफक धक्के मार रहा था और नासिर के बाल पकड़ कर पीछे को खीच लिया और बोला:"
" आआआह्हह्ह्हह चुद साली, आआह्हह कितनी गर्म चूत है तेरी। नासिर चोदता नही क्या ?
साजिया बाल खींचे जाने से दर्द से कराह उठी और लंड पर चूत को धकेलते हुए बोली
" आआह्ह तेरी तरह नही चोदता। आ नासिर देख ना कैसे लंड घुस रहा हैं तेरी साजिया की चूत में मोटा सा
दोनो की मस्ती भरी सिसकारियां निकलती रही और नासिर की आंखों से आंसू। नासिर उठा और अपने कमरे में वापिस और बेड पर लेटकर रोने लगा। उसकी हल्की सी भूल ने उसका सब कुछ बरबाद कर दिया था। वो जानता था कि अब वो साजिया का कुछ नही बिगड़ पायेगा और साजिया उसे ब्लैक मेल करके रोज ऐसे ही चुदती रहेगी।
अगले दिन सुबह रोज की तरह नासिर साहिल के साथ ऑफिस चला गया। साजिया घर के काम में लगी हुई थी तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। साजिया ने दरवाजा खोला तो गेट पर एक करीब 32 साल के आस पास की उम्र का आदमी खड़ा हुआ था।
साजिया:" जी कहिए किससे मिलना हैं आपको ? कौन हैं आप ?
आदमी ने सिर से पांव तक साजिया को घूरा और बोला:"
" मुझे साजिया से मतलब आप ही से मिलना है।
इससे पहले की साजिया कुछ बोल पाती वो आदमी एक झटके के साथ घर के अंदर दाखिल हुआ और दरवाजे को फुर्ती से बंद कर दिया। साजिया को कुछ समझ नही आ रहा था कि ये कौन हैं और क्यों आया हैं ।।
साजिया घबरा सी गई और थोड़े गुस्से से बोली:"
" ये क्या बदतमीजी हैं आप कौन हैं जो इस तरह मेरे घर में घुस आए है।
आदमी ने साजिया का हाथ जोर से पकड़ा और अपने साथ लगभग खींचता हुआ अंदर ले गया। साजिया अपनी तरफ से बचने की कोशिश कर रही थी लेकिन फिर से उसकी ताकत के सामने खींची चली जा रही थी। उसने हॉल में सोफे पर साजिया को पटक दिया और उसके उसकी चूचियां मसलने लगा तो साजिया ने उस आदमी को एक थप्पड़ मार दिया तो वो आदमी गुस्से से भर उठा और उसने एक के बाद एक कई जोरदार थप्पड़ साजिया को जड़ दिए तो साजिया खौफ से भर गई।
आदमी:" साली नखरा करती है, साहिल से तो बड़े मजे से चुदती हैं तू। मुझमें कौन से कांटे लगे हैं
साजिया को काटो तो खून नहीं। उसका सारा विरोध खत्म सा हो गया। कौन हैं ये आदमी और इतना कैसे जानता है, कहीं ही नासिर ने तो भेजा है। साजिया को कुछ समझ नही आया और आदमी फिर से किसी भूखे जानवर की तरह उसकी चुचियों पर टूट पड़ा। साजिया दर्द से कराह उठी और उसके नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी तो वो आदमी साजिया की जांघो पर बैठ गया और एक झटके के साथ उसके सूट को फ़ाड़ दिया और देखते ही देखते उसकी ब्रा को धज्जियां उड़ा दी। साजिया को गोल गोल ठोस मस्ती भरी चूचियां उछल पड़ी और उसने दोनो चुचियों को जोर से अपनी बड़ी बड़ी हथेलियों में कस लिया और पूरी ताकत से मसलने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसे अपने ऊपर से धकेलने लगी लेकिन धकेल नही पाई। साजिया बुरी तरह से तड़प रही थी और आदमी बुरी तरह से उसे मसला रहा था। उसने अपने सिर को उसकी एक चूची पर झुका दिया और उसमे अपने दांत गडा दिए तो साजिया अपना गला फाड़कर चिल्ला पड़ी तो आदमी ने दो दिन थप्पड़ उसे जड़ दिए और बोला:"
" साली नखरा करती है। अभी सबक सिखाता हु तुझे।
इतना कहकर उसने उसकी सलवार को फाड़ दिया और उसकी सूखी पड़ी हुई चूत में एक साथ दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और आदमी ने तेजी से उसकी चूत को पेलना शुरु कर दिया। साजिया तड़प रही थी लेकिन कुछ कर नही पा रही थी। तभी वो आदमी खड़ा हुआ और नंगा होने लगा तो साजिया को मौका मिल गया और नंगी ही बाहर की तरफ भागी लेकिन उस आदमी ने किसी बाज की तरह उस पर झपट्टा मारकर पकड़ लिया तो साजिया फर्श पर गिर पड़ी और आदमी ने उसे नंगी की फर्श पर घसीट लिया और सोफे पर पटक दिया। साजिया का जिस्म छिल से गया और वो दर्द से कराह उठी।
उस आदमी ने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो साजिया दर्द से बिलख उठी। उसका बिलकुल सूखा हुआ आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। इससे पहले की साजिया संभलती आदमी ने एक और धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ सा दिया। साजिया को चूत की दीवार जल सी गई और वो तड़प उठी। आदमी ने ताबड़तोड़ धक्के जड़ने शुरू कर दिए और साजिया का दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसे न चाहते हुए भी मजा आने लगा और उसकी दर्द भरी कराह मस्ती भरी सिसकियां बन गई आदमी उसकी चुचियों को फिर से कस कर मसल दिया और बोला:"
" साली अब आई न लाइन पर, बड़े नखरे कर रही थी थोड़े देर पहले तो।
साजिया फिर से दर्द से कराह और बिना कुछ बोले अपनी चूत में लंड लेती रही। उसकी चूत पूरी चिकनी हो गई और आराम से लंड अंदर बाहर होने लगा तो साजिया ना चाहते हुए भी मस्ती से सिसक उठी और आदमी मस्ती से तेज तेज धक्के मारने लगा और बोला:"
" साली तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। ले और ले बेहंचोद।
साजिया मस्ती से पागल सी हो गई और सिसकते हुए बोली
" आआह्ह्ह्हह थोड़ा प्यार से, उफ्फ क्या दुश्मनी हैं तेरी मेरी चूत से!! कौन हो तुम ?
आदमी ने उसे सोफे पर उल्टा पटक दिया और फिर से चोदने लगा और बोला:"
" नासिर सच बोल रहा हूं कि तू पटक पटक कर चोदने लायक माल है। चुद साली और चुद।
इतना कहकर वो आदमी किसी पागल की तरह उसे चोदने लगा और साजिया सब सुध बुध खोकर चुदने लगी और उसकी चूत में तूफान सा आ गया और आदमी के भी धक्के तेज होने लगे और देखते ही देखते दोनो एक साथ झड़ते चले गए।
जोरदार चुदाई के बाद साजिया की आंखे बंद हो गई और साजिया अपनी सांसे ठीक करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने आंखे खोली तो देखा कि आदमी घर से बाहर निकल गया था और साजिया कुछ न कर सकी। साजिया को समझ नही आया कि ये कौन था जो आंधी की तरह आया और तूफान की तरह उसे चोद कर चला गया। तभी उसके दिमाग में आदमी की बात आई कि नासिर सच बोल रहा था कि तू पटक पटक कर चोदने लायक माल है। कहीं इसे नासिर ने ही तो नही भेजा था। नामर्द साला नासिर, अब इतनी नीचता पर उतर आया हैं मैं सोच भी नही सकती थी।
नाश्ता करने के बाद साहिल और नासिर ऑफिस के लिए निकल गए और साजिया घर के काम में लग गई। पूरे दिन ऑफिस के काम में नासिर का मन नही लगा और उल्टे सीधे ख्याल उसके मन में आते रहे। उसे लग रहा था कि अब साजिया उसके हाथ से निकल गई है और शायद ही अब कभी सही रास्ते पर आए।
खैर विचारो में डूबे हुए ही शाम हुई और नासिर और साहिल घर की तरफ चल पड़े। खाना खाकर सभी लोग लोग सो गए और रात को नासिर की आंख खुली तो साजिया उसके पास से गायब थी और हैरान करने वाली बात यह थी कि साहिल भी अपने कमरे मे नही था। नासिर का दिल अनहोनी की आंशका से भर उठा और पूरे घर में उन्हें ढूंढने लगा लेकिन किसी कहीं नजर नहीं आए उदास दुखी नासिर घर के पीछे की तरफ गया तो पीछे चांद की रोशनी में बिलकुल नंगी साजिया उसे साहिल के लंड पर उछलती हुई नजर आई जो पूरी तरह से मस्ती में डूबी हुई थी।
नासिर दुखी मन से वापिस लौट आया और सोने की कोशिश करने लगा। उसने अपने मन में पक्का इरादा कर लिया कि अब वो किसी भी कीमत पर साजिया को साहिल से चुदने नही देगा और उसके लिए साहिल को साजिया से दूर रखना पड़ेगा। उसने सोचा लिया कि अब किसी भी कीमत पर वो साहिल को घर से बाहर निकाल कर ही दम लेगा।
अगले दिन ऑफिस में नासिर ने साहिल को अपने ऑफिस में बुलाया और बोला:"
" साहिल मैं तुम्हे एक हफ्ते के लिए बिजनेस की ट्रेनिंग के लिया लंदन भेज रहा हु। इससे आगे तुम्हारे करियर को नई दिशा मिलेगी और तुम जल्दी ही कामयाबी के शिखर पर होंगे।
साहिल को समझ नही आया कि क्या करे। लंदन जाना उसका एक बहुत बड़ा सपना था और आखिरकार आज ये सपना पूरा हो रहा था तो उसने आखिकार हां कर दिया और अपने काम में लग गया। अपने कमरे में जाते ही साहिल ने साजिया को फोन किया और बोला:"
" साजिया मैं एक हफ्ते के लिए ट्रेनिंग के लिए लंदन जा रहा हूं। बिजनेस के लिए ट्रेनिंग हैं।
साजिया नासिर की सब चाल समझ गई और बोली:"
" ट्रेनिंग का बहाना और वो हम दोनो को अलग करना चाहता है। तुम जाने से मना कर दो उसे।
साहिल: जो भी हो लेकिन मुझे लंदन जाना हो होगा। मेरे करियर के लिए बेहद अच्छा होगा। तुम एक काम करो ना किसी तरह से नासिर को मनाओ कि तुम्हे भी मेरे साथ लंदन भेज दे।
साजिया को ये प्लान ठीक लगा और बोली:
" ठीक हैं मैं कोशिश करती हु। कुछ भी करके उसे मना ही लूंगी।
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और खाना बनाने में जुट गई। शाम को करीब छह बजे नासिर और साहिल घर आ गए और साहिल अपने कपड़े पैक करने लगा तो साजिया बोली:"
" क्या हुआ ? कही जा रहे हो क्या साहिल ?
नासिर:" अरे मैं तुम्हे बताना ही भूल गया कि साहिल एक हफ्ते के लिए बिजनेस ट्रेनिंग के लिए लंदन जा रहा है।
साजिया:" ओह ये तो बहुत अच्छी बात है। चलो किसी को तो लंदन घूमना नसीब हुआ नही तो साहिल मैं तो इनसे कह कह कर थक गई हूं कि मुझे लंदन घुमा लाओ।
नासिर के दिमाग में आगे साजिया को साहिल से दूर रखने का प्लान आ गया और बोला:"
" अच्छा ठीक है। साहिल के आने के बाद दोनो एक महीने के लिए घूमने चलेंगे। बस अब खुश।
साजिया नासिर की चाल समझ कर अंदर ही अंदर जल उठी और उसे ताना मारती हुई बोली:"
" बस बस, ये सब तो मैं पिछले कई सालों से सुनती आ रही हु। बाद का किसने देखा एक काम करती हु मैं भी साहिल के साथ ही चली जाती हु। एक हफ्ते के बाद वापिस आ जाऊंगी।
साहिल मन ही मन साजिया की हिम्मत की दाद दे रहा था कि कितनी आसानी से उसने अपने शौहर के सामने मेरे साथ चलने के लिए बोल दिया। नासिर फंस गया था लेकिन बात को संभालते हुए बोला:"
" अच्छा इस बार पक्का चलेंगे हम दोनो। बस साहिल आकार घर पर रहेगा और हम दोनों निकल जायेंगे।
साजिया थोड़ा गुस्से से बोली:"
" बस अब मैं तुम्हारी बातो मे नही आने वाली। मैं अपने बैग पैक कर लेती हू। मेरी भी टिकट करा दो तुम आज ही। समझे वैसे भी साहिल का ध्यान रखने वाला भी तो वहां कोई होना चाहिए। मैं अपने भाई का ध्यान अच्छे से रख लूंगी।
नासिर ने मन ही मन सोचा साली कितनी गिर गई है मेरी बीवी। मेरे सामने भैया और जब चुदे तो सैयां। नासिर भी अब थोड़ा गुस्से में आते हुए बोला:" क्यों फालतू की जिद कर रही हो तुम। जब कह दिया तो कह दिया बस। जाओ अपना काम करो अब।
साजिया नासिर की ऊंची आवाज सुनकर थोड़ा गुस्से में आ गई और बोली:"
" नासिर अपनी आवाज को नीचे करके बात को करो। नही को मुझसे बुरा कोई नही होगा समझे तुम।
दोनो की तू तू मैं मैं शुरू हो गई और साहिल ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और छत पर चला गया। करीब के घंटे तक दोनो की बहस होती रही और इसी बीच टिकट का समय खत्म हो गया और साहिल अपना बैग लेकर नीचे आ गया और बोला:"
" आप दोनो अब लड़ाई बंद कीजिए। टिकट का समय खत्म। हो गया है और मुझे जाना होगा।
इतना कहकर साहिल बाहर निकल गया और ऑटो लेकर एयरपोर्ट की तरफ चल पड़ा। काफी लंबे समय के बाद अंततः आज नासिर की जीत हुई और उसने चैन की सांस ली कि कम से कम हफ्ता अब साजिया की उसे कोई चिंता नहीं होगी।
रात को साजिया बेड के एक तरफ लेटी रही और बोली:"
" नासिर तुमने आज अच्छा नहीं किया। तुमने साहिल के सामने मेरी बेइज्जती करी है। इसका तुम्हे नतीजा भुगतना पड़ेगा।
साहिल चुपचाप लेटा रहा और आज काफी दिन के बाद चैन की नींद सो गया। साजिया पूरी तरह से परेशान थी और उसे साहिल के लंड की आदत पड़ गई थी इसलिए पूरी रात करवट बदलती रही।
अगले दिन सुबह नासिर उठा और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा। साजिया बेड पर ही पड़ी रही और उससे कोई बात नही करी। नासिर खुशी खुशी ऑफिस चला गया और अपने काम में लग गया। नासिर ने एक हफ्ते के लिए तो अपनी समस्या का समाधान निकाल किया था। एक हफ्ता हल्दी ही बीत गया और नासिर और साजिया के बीच की लड़ाई भी खत्म हो गई क्योंकि अब साजिया उसे नाराज नहीं करना चाहती थीं। साजिया के बन बदन में पूरी गर्मी चढ़ गई थी और वो बस साहिल के वापिस आने का इंतजार कर रही थी। वही दूसरी तरफ साहिल ने घर का कोना कोना छान मारा लेकिन उसे चिप कहीं नहीं मिली तो उसने अंदाजा लगाया कि साहिल अपने साथ ले गया है और सच्चाई भी यही थी।
अगले दिन रविवार को दोपहर को करीब 2 बजे साहिल घर आया और उसे देखते ही साजिया फूल सी खिल उठी। नासिर से उसकी ये खुशी देखी नही गई और जल उठा।
नासिर:" कैसे हो साहिल ? कैसी रही ट्रेनिंग ?
साहिल: काफी अच्छी थी। बहुत कुछ सीखने को मिला मुझे।
साजिया:" बस भी करो, बेचारा इतने दिन थक कर आया होगा और आप आते ही शुरू हो गए। तुम अपने कमरे में आराम करो।
साहिल अपने कमरे मे चला गया और आराम करने लगा। साजिया चाह रही थी कि सफर से थका आया हुआ साहिल दिन में ही अच्छे से सो जाए और आराम कर ले ताकि रात को ठीक से उसके तड़पते हुए बदन को मसल सके।
नासिर भी उसकी चाल समझ रहा था और कुछ नही बोला। रात को करीब आठ बजे खाना बन गया था और साजिया फ्रेश होने के लिए चली गई। इसी बीच नासिर ने अपनी जेब से नींद की गोली निकाल कर खाने में मिला दिया और और उसके होंठो पर जहरीली मुस्कान आ गई। थोड़ी देर बस सभी ने खाना खाया और खाना खाने के बाद सभी नींद के आगोश में चले गए।
अगले दिन सुबह साजिया सोकर उठी तो अपने आप पर हैरानी हुई कि वो कैसे रात भर सोती रही। नासिर और साहिल ऑफिस चले गए और आज भी रात को नासिर ने फिर से नींद की गोली मिला दी तो सभी गहरी नींद में चले गए और अगले दिन सुबह साजिया को हैरानी हुई और वो समझ गई कि जरूर कुछ न कुछ गडबड हो रही है। अगले दिन उसने खाना बनाया और जैसे ही बाथरूम में गई तो नासिर किचन में घुस और नींद की गोली मिलाने लगा तो साजिया उसकी सारी चालाकी समझ गई और उसे अपनी नींद का अपनी कारण समझ मे आ गया। साजिया चाहती तो ड्रामा कर सकती थी लेकिन उसने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी और नींद की गोली वाला खाना खाकर सो गई।
नासिर अपने प्लान में कामयाब हो रहा था लेकिन उसे चिप नही मिल पा रही थी। अगले दिन शाम को साजिया पहले से ही तैयार थी और आज उसने कुछ खाना अलग निकाल लिया और नासिर उसकी ये चालाकी नही समझ पाया और साजिया ने नींद वाला खाना सिर्फ उसे ही खिला दिया और पूरी रात उसे जी भर कर चुदाई करी।
अगले दो से तीन दिन ऐसे ही चलता रहा। नासिर उसकी ये चाल एक दिन समझ गया और उसने गोली की पूरी शीशी को ही गायब कर दिया। अगले दो दिन तक साजिया खामोश रही लेकिन आज साजिया का चुदने का बड़ा ही मन था और उसने मन बना लिया कि आज वो साहिल से जरूर चुदेगी।
शाम को सबके खाना के बाद साजिया दूध का ग्लास लेकर साहिल के रूम में चल पड़ी तो नासिर बोला:"
" साजिया जल्दी वापिस आओ। मेरे सिर में दर्द हो रहा है आज बहुत।
साजिया बिना कुछ बोले बाहर निकल गई और उसने बाहर निकलते ही अपने कपड़ो को उतारा और और उन्हे अपने रूम से लेकर साहिल के रूम तक फैलाती चली गई। साहिल बिलकुल नंगी साहिल के रूम में पहुंची और साहिल के उपर टूट पड़ी। साजिया की चूत पूरी तरह से गीली थी और साजिया घुटनो के बाल अपनी चूत मसलते हुए बेड से नीचे उतरी और किसी कुतिया की तरह झुककर खड़ी हो गई और साहिल को कामुक इशारा करते हुए एक साथ दो उंगली अपनी चूत में घुसा कर सिसक पड़ी तो साहिल उसके पीछे आया और एक धक्के के साथ लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और उसकी सिसकियां नासिर के कानो में पड़ी तो नासिर को मानो यकीन ही नहीं हुआ और वो कमरे से बाहर निकला तो हॉल में लगी एलईडी पर उसकी नजर पड़ी तो उसे साजिया चुदती हुई नजर आई और उसका खून खौल उठा। तभी उसकी नजर दूसरी एलईडी पर पड़ी जो आज ही नई लगी थी और उसमे पर्दा दो भाग में था। एक में साजिया चुद रही थी और दूसरे में नासिर उसे चुदते हुए देख कर अपना लंड सहला रहा था।
नासिर का खून बर्फ की तरह जम सा गया और वही हाल में ही सिर पकड़ कर बैठ गया। तभी उसे साजिया की सिसकियां सुनी
" आह चोद साहिल, और तेज घुसा अपना मोटा लंड, उफ्फ नासिर कब से तड़प रहा था मुझे मोटे लंड से चुदवाने के लिए
साहिल भी उसका पूरा साथ दे रहा था और पूरी तरह से फकफक धक्के मार रहा था और नासिर के बाल पकड़ कर पीछे को खीच लिया और बोला:"
" आआआह्हह्ह्हह चुद साली, आआह्हह कितनी गर्म चूत है तेरी। नासिर चोदता नही क्या ?
साजिया बाल खींचे जाने से दर्द से कराह उठी और लंड पर चूत को धकेलते हुए बोली
" आआह्ह तेरी तरह नही चोदता। आ नासिर देख ना कैसे लंड घुस रहा हैं तेरी साजिया की चूत में मोटा सा
दोनो की मस्ती भरी सिसकारियां निकलती रही और नासिर की आंखों से आंसू। नासिर उठा और अपने कमरे में वापिस और बेड पर लेटकर रोने लगा। उसकी हल्की सी भूल ने उसका सब कुछ बरबाद कर दिया था। वो जानता था कि अब वो साजिया का कुछ नही बिगड़ पायेगा और साजिया उसे ब्लैक मेल करके रोज ऐसे ही चुदती रहेगी।
अगले दिन सुबह रोज की तरह नासिर साहिल के साथ ऑफिस चला गया। साजिया घर के काम में लगी हुई थी तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। साजिया ने दरवाजा खोला तो गेट पर एक करीब 32 साल के आस पास की उम्र का आदमी खड़ा हुआ था।
साजिया:" जी कहिए किससे मिलना हैं आपको ? कौन हैं आप ?
आदमी ने सिर से पांव तक साजिया को घूरा और बोला:"
" मुझे साजिया से मतलब आप ही से मिलना है।
इससे पहले की साजिया कुछ बोल पाती वो आदमी एक झटके के साथ घर के अंदर दाखिल हुआ और दरवाजे को फुर्ती से बंद कर दिया। साजिया को कुछ समझ नही आ रहा था कि ये कौन हैं और क्यों आया हैं ।।
साजिया घबरा सी गई और थोड़े गुस्से से बोली:"
" ये क्या बदतमीजी हैं आप कौन हैं जो इस तरह मेरे घर में घुस आए है।
आदमी ने साजिया का हाथ जोर से पकड़ा और अपने साथ लगभग खींचता हुआ अंदर ले गया। साजिया अपनी तरफ से बचने की कोशिश कर रही थी लेकिन फिर से उसकी ताकत के सामने खींची चली जा रही थी। उसने हॉल में सोफे पर साजिया को पटक दिया और उसके उसकी चूचियां मसलने लगा तो साजिया ने उस आदमी को एक थप्पड़ मार दिया तो वो आदमी गुस्से से भर उठा और उसने एक के बाद एक कई जोरदार थप्पड़ साजिया को जड़ दिए तो साजिया खौफ से भर गई।
आदमी:" साली नखरा करती है, साहिल से तो बड़े मजे से चुदती हैं तू। मुझमें कौन से कांटे लगे हैं
साजिया को काटो तो खून नहीं। उसका सारा विरोध खत्म सा हो गया। कौन हैं ये आदमी और इतना कैसे जानता है, कहीं ही नासिर ने तो भेजा है। साजिया को कुछ समझ नही आया और आदमी फिर से किसी भूखे जानवर की तरह उसकी चुचियों पर टूट पड़ा। साजिया दर्द से कराह उठी और उसके नीचे से निकलने की कोशिश करने लगी तो वो आदमी साजिया की जांघो पर बैठ गया और एक झटके के साथ उसके सूट को फ़ाड़ दिया और देखते ही देखते उसकी ब्रा को धज्जियां उड़ा दी। साजिया को गोल गोल ठोस मस्ती भरी चूचियां उछल पड़ी और उसने दोनो चुचियों को जोर से अपनी बड़ी बड़ी हथेलियों में कस लिया और पूरी ताकत से मसलने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसे अपने ऊपर से धकेलने लगी लेकिन धकेल नही पाई। साजिया बुरी तरह से तड़प रही थी और आदमी बुरी तरह से उसे मसला रहा था। उसने अपने सिर को उसकी एक चूची पर झुका दिया और उसमे अपने दांत गडा दिए तो साजिया अपना गला फाड़कर चिल्ला पड़ी तो आदमी ने दो दिन थप्पड़ उसे जड़ दिए और बोला:"
" साली नखरा करती है। अभी सबक सिखाता हु तुझे।
इतना कहकर उसने उसकी सलवार को फाड़ दिया और उसकी सूखी पड़ी हुई चूत में एक साथ दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और आदमी ने तेजी से उसकी चूत को पेलना शुरु कर दिया। साजिया तड़प रही थी लेकिन कुछ कर नही पा रही थी। तभी वो आदमी खड़ा हुआ और नंगा होने लगा तो साजिया को मौका मिल गया और नंगी ही बाहर की तरफ भागी लेकिन उस आदमी ने किसी बाज की तरह उस पर झपट्टा मारकर पकड़ लिया तो साजिया फर्श पर गिर पड़ी और आदमी ने उसे नंगी की फर्श पर घसीट लिया और सोफे पर पटक दिया। साजिया का जिस्म छिल से गया और वो दर्द से कराह उठी।
उस आदमी ने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो साजिया दर्द से बिलख उठी। उसका बिलकुल सूखा हुआ आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। इससे पहले की साजिया संभलती आदमी ने एक और धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ सा दिया। साजिया को चूत की दीवार जल सी गई और वो तड़प उठी। आदमी ने ताबड़तोड़ धक्के जड़ने शुरू कर दिए और साजिया का दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसे न चाहते हुए भी मजा आने लगा और उसकी दर्द भरी कराह मस्ती भरी सिसकियां बन गई आदमी उसकी चुचियों को फिर से कस कर मसल दिया और बोला:"
" साली अब आई न लाइन पर, बड़े नखरे कर रही थी थोड़े देर पहले तो।
साजिया फिर से दर्द से कराह और बिना कुछ बोले अपनी चूत में लंड लेती रही। उसकी चूत पूरी चिकनी हो गई और आराम से लंड अंदर बाहर होने लगा तो साजिया ना चाहते हुए भी मस्ती से सिसक उठी और आदमी मस्ती से तेज तेज धक्के मारने लगा और बोला:"
" साली तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। ले और ले बेहंचोद।
साजिया मस्ती से पागल सी हो गई और सिसकते हुए बोली
" आआह्ह्ह्हह थोड़ा प्यार से, उफ्फ क्या दुश्मनी हैं तेरी मेरी चूत से!! कौन हो तुम ?
आदमी ने उसे सोफे पर उल्टा पटक दिया और फिर से चोदने लगा और बोला:"
" नासिर सच बोल रहा हूं कि तू पटक पटक कर चोदने लायक माल है। चुद साली और चुद।
इतना कहकर वो आदमी किसी पागल की तरह उसे चोदने लगा और साजिया सब सुध बुध खोकर चुदने लगी और उसकी चूत में तूफान सा आ गया और आदमी के भी धक्के तेज होने लगे और देखते ही देखते दोनो एक साथ झड़ते चले गए।
जोरदार चुदाई के बाद साजिया की आंखे बंद हो गई और साजिया अपनी सांसे ठीक करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने आंखे खोली तो देखा कि आदमी घर से बाहर निकल गया था और साजिया कुछ न कर सकी। साजिया को समझ नही आया कि ये कौन था जो आंधी की तरह आया और तूफान की तरह उसे चोद कर चला गया। तभी उसके दिमाग में आदमी की बात आई कि नासिर सच बोल रहा था कि तू पटक पटक कर चोदने लायक माल है। कहीं इसे नासिर ने ही तो नही भेजा था। नामर्द साला नासिर, अब इतनी नीचता पर उतर आया हैं मैं सोच भी नही सकती थी।