• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica बर्बादी को निमंत्रण

क्या इस कहानी के आगामी एपिसोड का आपको इंतजार है?

  • हाँ

    Votes: 5 100.0%
  • नहीं

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    5
  • Poll closed .

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,007
173
अपडेट - 28





थोड़ी देर बाद सभी मर्द घेरा बना लेते है उस घेरे के बीच मे सभी औरतें थी। अचानक एक गुलाबी कलर की लेज़र लाइट सभी औरतों पर घूमने लगती है। करीब 30 से 40 सेकंड बाद वो लाइट एक औरत पर रुकती है इसका मतलब था कि उस औरत को अपने पति को या फिर बॉय फ्रेंड या फिर जिसके साथ वो आयी थी उसे चुनना था।

वो औरत आगे बढ़ती है और बारी सभी मर्दों के पास जाकर अपने वाले मर्द को ढूंढने की कोशिश करती है लेकिन उसे समझ नहीं आता कि वो उसे कैसे ढूंढे। अचानक से एक काउंटडाउन स्टार्ट होता है जिसका सीधा सा अर्थ था कि उस औरत को अगले 10 सेकंड में किसी को चुनना होगा। वो औरत जल्दी से सबको पहचानने की कोशिश करती है अचानक से उसकी नज़र एक मर्द के जूतों पर पड़ती है । उसे याद आता है कि ये जूते तो उसके पति के है वो तुरंत उस आदमी को चुन लेती है।




अब आगे......




औरत ने जैसे ही उस आदमी को चुना वो आदमी उस औरत की पकड़ कर उसी कांच के कमरे की और ले जाने लगा जिसके बारे में समीर ने बताया था। चंचल एक टक समीर को पहचानने की कोशिश कर रही थी। लेकिन समीर अंधेरे में मास्क लगाया हुआ 10 से 15 लोगों के बीच गुम था। चंचल चाहकर की इतनी दूरी से समीर को नहीं पहचान सकती थी।।


हालांकि चंचल कोई ज्यादा दूर नहीं थी लेकिन अंधेरे और अंधे बना देनी वाली तेज तर्रार लेज़र लाइट से चंचल को फिलहाल समीर की सिनाख़्त करने में दिक्कत हो रही थी। अचानक से चंचल की नज़र उस कांच के कमरे पर पड़ती है। क्योंकि उस कमरे में हल्की लाइट जल उठी थी।


जैसे ही चंचल की नज़र उस कमरे पर पड़ती है। चंचल के शरीर में एक मीठी सी लहर दौड़ पड़ती है। वो मास्क के पीछे पीछे छिपे अनजान मर्द और औरत दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे। अचानक से उस कमरे में एक हल्का सा धुंआ फैल जाता है।


करीब 5 मिनट बाद वो मर्द उस औरत को नीचे अपने घुटनों पर बैठ देता है। और वो औरत समझ जाती है कि ये मर्द क्या चाहता है। वो औरत तुरंत उस आदमी की पेंट की ज़िप खोल कर उसके लन्ड को बाहर निकाल लेती है।




वो औरत उस मर्द के चेहरे की तरफ बड़े ही कामुक अंदाज़ से देखती है। वो औरत अपने हाथ से उस आदमी के लन्ड को पकड़ कर बहुत ही हल्के से यूँ समझ लीजिए जैसे स्लो मोशन्स मे ऊपर नीचे करती है । तकरीबन 2-3 मिनट बाद वो औरत बिल्कुल स्लो मोशन्स में ही उस आदमी का लन्ड नीचे की तरफ करते हुए उसके लन्ड का सूपड़ा बाहर निकालती है।




जिस तरह से वो औरत कर रही थी उस की हर अदा को देख कर उस मर्द के पसीने छूट गए और तो और बाहर खड़ा हर मर्द अपना लन्ड भी खड़ा कर रखा था।

वो मर्द उस औरत के सर पर अपना हाथ रखने ही वाला था कि औरत ने तुरंत उस मर्द के लन्ड को अपने मुंह मे ले लिया। औरत के अचानक हुए हमले से मर्द एक दम से बौखला जाता है। दोनों के चेहरे पर इस वक़्त असीम आनंद के भाव थे।

बाहर खड़ा हर एक मर्द और औरत उन दोनों को देख कट गर्म हो रहे थे तभी चंचल के पीछे कोई खड़ा होकर चंचल के हाथों पर अपने हाथ रख देता है। चंचल एक पल को चोंक जाती है लेकिन तुरन्त उसके कानों में किसी की आवाज आती है। उस आवाज को सुनकर चंचल को एक सुकून सा आता है। ये आवाज समीर की थी।

चंचल: (बिना पीछे मुड़े) समीर ये सब क्या है?



समीर: तुम्हे इन सब मे शामिल नहीं होना है। चुपचाप राइट साइड वाली सीढ़ियों से तुम ऊपर कमरे में चली जाओ।

चंचल: लेकिन...?

समीर: ईश्sssssकोई लेकिन वेकीन नहीं जाओ।

चंचल बिना कुछ कहे चुपचाप सबसे बचते हुए ऊपर सीढ़ियों से चढ़ते हुए एक कमरे में चली जाती है।

वहीं समीर भी हल्की रोशनी से अचानक दो या तीन कदम पीछे की तरफ चलता है जिससे वो अंधेरे में कहीं गुम हो जाता है।

तकरीब पांच मिनट बाद समीर ऊपर कमरे में चंचल के पास चला जाता है।

चंचल: समीर आखिर ये सब....

समीर: ईशssssss अब से मेरा नाम मत लेना और जो होता है उसे होने दो। ये कमरा मैजिक मिरर से बना है इसके अंदर से बाहर तो हम देख सकते है लेकिन बाहर से अंदर की तरफ हमे कोई नहीं देख सकता।

चंचल: लेकिन मुझे यहां क्यों बुलाया है।

समीर: ताकि जो तड़प तुम्हारे लिए मेरे दिल मे है उसे मिटा सकूँ एक नए अंदाज में।

समीर हौले से चंचल के पीछे जाकर उसकी कमर में हाथ डालता है और धीरे धीरे डांस करने लगता है। एक बहुत ही धीमी आवाज में इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक बज रहा होता है। चंचल के लिए ये एक तरह से रोमांटिक भी था और थोड़ा स्ट्रेंज भी। क्योंकि चंचल उस कमरे के बाहर देख रही थी कि काफी लोग कुर्सियों पर बैठे है लेकिन अंधेरे के कारण से सिर्फ उनके सफेद शर्ट दिख रहा है।

समीर हौले से चंचल के गाउन की स्ट्रेप्स को उसके कंधे से नीचे करते हुए उसके कंधे को चूमता है। जैसे जैसे गाउन चंचल के कंधे के नीचे आता जाता है वैसे वैसे समीर चंचल को चूमते हुए नीचे आता जाता है।


कुछ ही पल में चंचल का गाउन उसकी छातियों तक आ जाता है। अब उस गाउन को और नीचे करने के लिए समीर को चंचल की कमर के पीछे उस गाउन की चैन खोलनी थी।

समीर बहुत ही हॉउले से उस गाउन की चैन को आने मुह से खोलता है। समीर के ऐसा करते ही चंचल की आह निकल जाती है। चंचल घूम कर समीर में होंटों को अपने मुह में ले लेती है और बहुत ही बेसब्री से चूमने लगती है।

समीर भी अब चंचल का किश में साथ देते हुए उसके गाउन को उसके बदन से अलग करने के लिए चंचल के पैरों में उतार देता है। चंचल अब बहुत ही गर्म हो चुकी थी इसलिए चंचल समीर का साथ इस मास्क को हटा कर देना चाहती थी। चंचल जैसे ही मास्क को हटाने के लिए ऊना हाथ ऊपर ले जाती है समीर चंचल को रोक लेता है और मास्क उतारने से मना करता है।

समीर: अगर ये मास्क तुम अपने चेहरे से उतारोगी तो जो बाहर लोग है वो तुम्हे पहचान जाएंगे।

चंचल: तो क्या हुआ?

समीर: इनमे से कुछ लोग तुम्हारे पति के दोस्त है तो कुछ लोग तुम्हारे आफिस से भी है।

अब चंचल का दिल जोरों से धड़कने लगता है।

समीर: घबराओ मत इन सबके लिए तुम बस एक रंडी हो। इन्हें क्या पता तुम उनकी बॉस हो, या भाभी हो या पत्नी हो।

चंचल: पत्नी...?

समीर: मेरा मतलब अगर इस वक़्त तुम्हारा पति भी यहां हो तो उसे भी मालूम नहीं चलेगा कि तुम ही हो इस कमरे में

चंचल: समीर तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? क्या मेरा बदन इस तरह से सरेआम करोगे।

समीर: हाँ... तुम्हे देख कर लोग लचाएँगे मगर तुम्हे भोगने का अधिकार सिर्फ मेरा होगा। इसमे मुझे मज़ा आता है चंचल। और अगर तुम्हे मेरे मज़े पर एतराज है तो तुम जा सकती हो।

चंचल: नहीं... मुझे अब कहीं भी नही जाना... अब जो होगा देखा जाएगा।

इन सब बातों के दौरान समीर ने चंचल को पूरी तरह से गर्म कर दिया था साथ ही चंचल का गाउन उसके बदन से अलग कर देने से इस वक़्त चंचल ब्रा और पेंटी में खड़ी थी।



अचानक से समीर और चंचल जिस कमरे में थे उसमे बहुत ही हल्के रंग की रोशनी रह जाती है। और इस रौशनी के होते ही चंचल को एहसास होता है कि समीर ने उसे स्पेशल कपड़े क्यों दिए थे।

चंचल की ब्रा और पेंटी इस अंधेरे में चमक रही थी।







चंचल एक बार खुद को देख कर शर्मा जाती है लेकिन अब ये हर बार का नयापन चंचल को भी अच्छा लगने लगा था।

समीर बहुत ही रोमांटिक अंदाज़ में चंचल के एक एक कपड़े को उसके बदन से अलग करता है चंचल को उसी कमरे में पूरी तरह से बे आबरू करने बाद समीर चंचल को उसी बैड पर लिटा देता है।

चंचल को जैसे कुछ करना ही नहीं था। समीर बिना चंचल से कुछ कहे चंचल की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर अपना मुंह चंचल की दोनों टांगों के बीच....




थोड़ी देर बाद चंचल बहुत उत्तेजित हो जाती है जिसके चलते चंचल की कमर धनुष के समान मुड़ने लगती है। इतना उत्तेजक दृश्य देख कर बाहर बैठे लोगों ने तालियां बजा दी। तालियों की आवाज चंचल तक भी जा रही थी जिससे चंचल और भी शर्म से पानी पानी हो जाती है।

अब समीर चंचल को उसी बिस्तर पर एक विशेष एंगल में मोड़ कर घोड़ी बना देता है और पीछे से अपने लन्ड को चंचल की चूत पर धीरे धीरे रगड़ता है। चंचल आंखें बंद किये इस लम्हे को भरपूर तरह से जी रही थी कि बाहर की तरफ लाइट जल जाती है।

अब आलम ये था कि चंचल अंदर से बाहर सब कुछ देख सकती थी। और बाहर वाले भी अंदर सब कुछ देख सकते थे। बस समीर और चंचल इस वक़्त चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। करीब 5 मिनट बाद समीर अपने लन्ड का टोपा चंचल की चूत में घुसा देता है जिससे चचंल की हल्की सी आह निकल जाती है।

तभी चंचल पीछे मुड़ कर समीर की तरफ देखती है और हल्के से मुस्कुरा देती है। ये एक तरह से इशारा था समीर को की वो अब पूरी तरह से चंचल में समा जाए। समीर भी बिना देर किये हल्के हल्के धक्कों के साथ ओरी तरह से चंचल में समा जाता है। अचानक से चंचल की आंखें खुलती है। वो देखती है कि उसके सामने तकरीबन 10 से 20 लोग है क्या बुड्ढे क्या जवान सभी उसे देख रहे है।

सबके पेंट में तंबू बना हुआ है। तभी दूसरी लाइन में बैठे एक शख्स पर चंचल की नज़र जाती है तो चंचल की हवाईयां उड़ जाती है।

चंचल: सुरेश.....?

समीर: क्या....... कुछ बोला


चंचल: हटो समीर...


समीर लगातार चंचल की चूत में धक्के मारते हुए...


समीर: चंचल अगर इस वक़्त मैं हटा या हम लोग रुक गए तो मुझे 390 करोड़ का नुकसान होगा।

चंचल:(हौले से) मेरे पति....

समीर: कौन सुरेश... ???? यहां??? हो ही नही सकता.. और वैसे भी तुमने मास्क पहना है वो हो भी तो पहचान नही सकता।

चंचल: आह समीर..... प्लीज..... मैं......


समीर काफी तेज धक्के मारने लगता है....

तभी सुरेश एक बोर्ड उठाता है और उस पर तकरीबन 2.60 लाख रुपये लिखे थे.. एक आदमी जी उस कमरे के। भाहर था एक बजर बजा देता है उसके तुरंत बाद समीर और चंचल वाले कमरे में लाइट ऑफ हो जाती है... समीर अभी भी चंचल की चुदाई कर ही रह था कि चंचल तुरंत समीर को धक्का देकर अपने कोड़े पहनने लगती है।। करीब 7.30 मिनट में चंचल तैयार होकर अपने घर की तरफ़ निकल जाती है।


समीर जो कुछ देर पहले तक चंचल के सामने बहुत गंभीर था उसके पति को लेकर अब होले होले से मुस्कुरा रहा था।
kaamuk update
 

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,007
173
अपडेट- 29



तभी सुरेश एक बोर्ड उठाता है और उस पर तकरीबन 2.60 लाख रुपये लिखे थे.. एक आदमी जी उस कमरे के। भाहर था एक बजर बजा देता है उसके तुरंत बाद समीर और चंचल वाले कमरे में लाइट ऑफ हो जाती है... समीर अभी भी चंचल की चुदाई कर ही रह था कि चंचल तुरंत समीर को धक्का देकर अपने कोड़े पहनने लगती है।। करीब 7.30 मिनट में चंचल तैयार होकर अपने घर की तरफ़ निकल जाती है।


समीर जो कुछ देर पहले तक चंचल के सामने बहुत गंभीर था उसके पति को लेकर अब होले होले से मुस्कुरा रहा था।



अब आगे.......


चंचल घबराते हुए डरी हुई हालत में अपने घर पहुंच जाती है जहां हर बार की तरह सरिता चंचल का स्वागत करती है। सरिता को आज पहली बार चंचल इतनी सीरियस दिख रही थी। एक बार तो सरिता का मन हुआ कि चंचल से पूछ लें लेकिन अगले ही पल सरिता ने ये बात सुबह पूछने का निर्णय लिया। दरअसल सरिता चंचल को और परेशान नहीं करना चाहती थी। और अभी पूछती तो हो सकता है चंचल उस पर गुस्सा हो जाये। बस यही सोच कर सरिता चंचल से कुछ नहीं पूछती।

वहीं दूसरी और रिया और सोनिया थोड़ी देर बेड पर आराम करती है। तकरीबन आधे पौन घण्टे बाद रिया की मम्मी घर आ जाती है। मैरी के घर आते ही रिया थोड़ी डर जाती है। लेकिन सोनिया रिया को समझती है।

सोनिया: ओफ हो रिया , तुम्हारे सामने हद ही हो गयी यार आज नही तो कल जब तुम नामचीन मशहूर मॉडल बन जाओगी तब भी तुम्हारी मम्मा को सब पता चलेगा तब भी तो ये सब फेस करोगी ना। ज्यादा से ज्यादा डांटेगी। मेरे सामने तुम्हे शायद डांटे नहीं रुको मैं भी ऐसे ही कपड़े पहन कर चलती हूँ।


थोड़ी देर बाद सोनिया भी रिया की तरह कपड़े पहन लेती है।




सोनिया: तो अब तो चले....

रिया घबराते हुए हल्के से सर हाँ में हिलाती है।
तभी समीर का कॉल सोनिया के पास आ जाता है।


सोनिया: लो समीर सर का फ़ोन आ गया।


रिया:( चोंकते हुए) अभी??? लेकिन क्यों?


सोनिया : यही पूछने की मैंने ट्रैनिंग शुरू की या नहीं।


रिया: ओके मैं नीचे जाती हूँ।


सोनिया: नहीं अगर अभी गयी तो मैरी आंटी डांटेंगी, मेरे साथ चलना।


रिया चुप चाप बेड पर बैठ जाती है और सोनिया फ़ोन उठाती है।


सोनिया: हेलो सर्, जी सर


समीर: सुनो , वो मैरी को आज ही काम पर लगा दो।


सोनिया: लेकिन इतनी जल्दी कैसे...?


समीर: वो सब तुम जानो और रिया को चुदाई का चस्का लगाओ।


सोनिया : लेकिन किस से? कौन करेगा?


समीर: मैं करूँगा। तब तक उसका ब्रेन वाश करती रहो। और उसकी माँ मैरी का भी। उसे भी तैयार करो। तुम्हारे भाई को बुला लेना वहां ।तीन दिन बाद। इन्ही तीन दिन में रिया का काम करना है और अगले तीन दिन मैं उसकी माँ का। अब समय नही बचा।


सोनिया: लेकिन रिया सुनती नही है।

(रिया की तरफ देखते हुए, और रिया सोनिया की तरफ आंख दिखाते हुए)

लो आप ही बात करके समझा दो।


समीर: हेलो...


(सोनिया रिया को फ़ोन देती है)


रिया: हेलो सर्, नहीं सर् ऐसा कुछ नहीं है।


समीर: देखो रिया सोनिया कुछ ही दिनों के लिए है तुम्हारे पास, उसके सारे गुण सिख लो। कहीं ऐसा ना हो आगे जा कर तुम्हे काम ना मिले।


रिया: जी सर्...


समीर : ठीक है मैं रखता हूँ ।


फ़ोन कट...


सोनिया: तो अब तो मानोगी ना मेरा कहा...

रिया: तुम्हारा ही तो कहा मान रही थी.. वो तो मैं बस...


रिया ओ रिया ( रिया की मम्मी मैरी की आवाज)


सोनिया : चल आंटी बुला रही है।


सोनिया बिना कुछ सुने रिया का हाथ पकड़ कर नीचे ले जाने लगती है। रिया बहुत कोशिश करती है लेकिन सब नाकाम हो जाती है सोनिया के जोर के आगे। कुछ ही देर में दोनों मैरी के सामने....


(मैरी कुछ बोलना चाहती थी कि उससे पहले ही सोनिया बोल पड़ती है)


सोनिया: देखो ना आंटी ये रिया ना आपको ओल्ड फैशन्ड बोल रही थी। मैंने अपने कपड़े रिया को पहन कर दिखाने को बोला तो नही तैयार हुई। बड़ी मुश्किल से फ्रेंडशिप और आपकी क़सम दिलाई तब जा कर पहनी है ये कपड़े। देखो ना आंटी रिया मुझसी भी कहीं ज्यादा हॉट एंड सेक्सी लग रही है ना। और ये पागल न इन कपड़ों को पहन कर आपको दिखाना भी नहीं चाहती थी। कौन माँ अपनी बेटी को खूबसरत देखना नहीं चाहेगी।.....


अभी सोनिया बोल ही रही थी कि रिया बीच में बोल पड़ती है....


रिया: तुमसे भी ज्यादा...? हॉट एंड सेक्सी...? दुनिया में मैं ही अकेली हूँ ओके...


सोनिया तुरंत दौड़ कर मैरी के कंधों को पीछे जाकर प्यार से पकड़ लेती है।


सोनिया: आंटी देखो ना.... वैसे आंटी मैं हॉट हूँ ना???


मैरी को तो कुछ समझ ही नही आया कि वो क्या बोले.... एक बार तो वो रिया को डांटना चाहती थी लेकिन सोनिया के मुँह से ओल्ड फैशन्ड वाली बात सुन कर मैरी को बुरा लगा। किसी भी औरत को लगता जो कि, दूसरी बात ये कपड़े सोनिया ने अपने बताये। और तीसरी बात कौन माँ अपनी बेटी को सबसे ज्यादा खूबसूरत नहीं देखना चाहेगी।


रही सही मैं रिया और सोनिया की अपनी नोक झोंक...


मैरी बस मुस्कुराते हुए सोनिया के गालों पर हाथ फेरते हुए।।। अरे नही बेटा तुम भी बहुत खूबसूरत हो।


रिया: मम्मी क्या मैं इन कपड़ों में अजीब नहीं लग रही।


मैरी: (जो रिया को रोकना चाहती थी ऐसे कपड़े पहन ने से वो ब अजीब मुसीबत में थी।) नहीं तो बिल्कुल नहीं। बस थोड़े से ज्यादा ही छोटे है।


सोनिया: जाने दो न आंटी घर मे अपन सब लड़कियां है क्या फर्क पड़ता है। वैसे आंटी यु नो यु लुक्स सो ब्यूटीफुल....


मैरी:(शर्माते हुए) अरे मैं कहाँ... मेयो तो अब बूढ़ी हो गयी हूँ।


सोनिया: बस आंटी ये पुराने ज़माने वाली औरतों की तरह डायलॉग मत मारो... आप बूढ़ी हो गयी है। तो कल आप को जो मैं कहूंगी वही करना होगा ।


मैरी: क्या???


सोनिया: वो तो मैं आपको कल ही बताऊंगी...


मैरी: अच्छा बाबा ठीक है लेकिन फिलहाल तो खाना खा लो।


सोनिया: आंटी एक बात और है... अगर आपको परेशानी ना हो तो...


(रिया चोंकते हुए देखती रहती है)


मैरी: अरे नहीं बेटा परेशानी कैसी ... क्या बात है बोलो?


सोनिया: आंटी वो मेरा एक भाई है छोटा वो भी जिद्द कर रहा है मेरे पास आने की... और आप तो जानती ही है ना मैं तो खुद आपके यहाँ रुकी हुई हूँ। और पापा ने बोला है कि उन्हें 10 से 15 दिन लग जाएंगे... अगर आप रुकने की परमिशन देती है तो उसे बुला लूँ.... वरना तो मुझे अर्जेंट में होटल बुक करवाना पड़ेगा।


मैरी: अरे नहीं बेटा ऐसी कोई बात नहीं है। और तुम्हारा भाई ही है ना तो बुला लो उसे। अपना ही घर समझो...


सोनिया:(कुर्सी से उठ कर मेरी के गालों को चूम लेती है) थैंक यू आंटी...


कुछ देर बाद सभी खाना खा कर सोने के लिए अपने कमरों की तरफ रुख कर लेते है...

मैरी अपने कमरे में और रिया और सोनिया अपने कमरे में...


रिया जैसे ही सोने के लिए बेड पर लेटती है....


सोनिया: रुको रिया... तुम ये मेडिसिन लो...


रिया: ये क्या है?


सोनिया: इस दवा से हमारे बॉडी पार्ट इम्प्रूव होते है। हालांकि ये दावा बहुत देर से काम करती है इससे अलग एक और दवा है जिसके लिए मैं अपने छोटे भाई को बुला रही हूं।


रिया: दवा के बीच मे भाई कहाँ से आ गया।


सोनिया: अरे पागल वो दावा केवल एक लड़का ही बना सकता है तू नही समझेगी। फिलहाल ये गोली ले और सो जा।


रिया: पिंक गोली....??


सोनिया: तुझे नाम से नही काम से मतलब रखना चाहिए।


रिया सोनिया के कहे अनुसार वो गोली खा कर सोने लगती है। सोनिया भी रिया के दवा लेने के बाद मुस्कुराते हुए आंखें बंद कर सोने लगती है। करीब आधी रात को 1 या 2 बजे के करीब रिया को ऐसा महसूस होता है जैसे उसके निप्पल फट जाएंगे। और उसका क्लीट बुरी तरह से फड़फड़ा रहा होता है। रिया नींद में ही अपनी उंगली से अपनी चूत को सहलाती रहती है। इसी तरह दूसरे दिन की सुबह हो जाती है।



वहीं दूसरी और चंचल घर आकर बहूत डरी हुई और गुस्से में थी।


चंचल: (सोच रही थी कि ) आखिर समीर ने क्यों नही बताया की सुरेश आया हुआ है। और सुरेश ने भी कोई सूचना नही दी। एक कॉल तक नहीं किया। और ये सुरेश अभी तक घर क्यों नहीं आया। कहीं सुरेश ने मुझे पहचान तो नही लिया। और वो क्या था सुरेश के हाथ में 2लाख का बोर्ड ... क्या सुरेश मेरी बोली लगा रहा था। सुरेश कब से ऐसे काम करने लग गया। मुझे सुरेश से ही बात करनी पड़ेगी।।


चंचल तुरन्त सुरेश को कॉल करती है। करीब तीन बार फ़ोन काटने के बाद सुरेश फ़ोन उठाता है।


सुरेश: हेलो डार्लिंग...


चंचल: हेलो सुरेश... कहाँ हो तुम...


सुरेश: (हड़बड़ाते हुए) वो डार्लिंग कहीं नही बस मीटिंग में बिजी हूँ।


चंचल: सुरेश तुम कब वापस आ रहे हो।


सुरेश: डार्लिंग फिलहाल तो अपनी ही शहर में हूँ। लेकिन मेरे पार्टनर्स के लिए एक मीटिंग का काम कर रहा हूँ ये हो गया तो रॉयल्टी मिल जाएगी। सच कहूं तो मैं ना अब बिज़नेस मैन से दलाल बन रहा हूँ जान...


अब चंचल को कुछ कुछ समझ आने लगता है।


चंचल: ओके सुरेश काम हो जाये तो इन्फॉर्म करना।


सुरेश: ओके डार्लिंग। बाद में बात करता हूँ फ़ोन कट.…
jaljala update
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Rocksanna999

Member
443
1,915
139
प्रिय पाठकों आप सभी से निवेदन है कि मेरी कहानी Hawas Ka Ghulam में अपनी प्रतिकिया ज़रूर दें और उस कहानी को पढ़े। इस कहानी के आगामी अपडेट देने से पूर्व मुझे इस कहानी को एक बार फिर से पढ़ना होगा। तब तक आप सभी मेरी नई कहानी को पढ़े। हवस का ग़ुलाम कहानी को मेरा प्रयास रहेगा कि 2 हफ्तों में खत्म कर दूँ ताकि बर्बादी को निमंत्रण कहानी के आगे के उपडेट जल्द से जल्द आप तक पहुंच सके। आप सभी सहयोग करेंगे तो मेरी कहानी ज़रूर अपने उचित अंत तक पहुंचेगी।।
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Rocksanna999

Member
443
1,915
139
Bhai agla part kab likhoge
Hawas ka ghulam kahani ko khatm hote hi yahi kahani chalegi... Andaaje me agar samay bataun to takreeban 2 hafte ...
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Sanjay kawase

New Member
55
61
18
भाई इसकी आगे की स्टोरी डालो मैं दूसरी कोनसी भी स्टोरी नही पढ रहा हु please भाई जल्दी स्टोरी डालो
 

Rocksanna999

Member
443
1,915
139
भाई इसकी आगे की स्टोरी डालो मैं दूसरी कोनसी भी स्टोरी नही पढ रहा हु please भाई जल्दी स्टोरी डालो
Zarur bhai bus thoda sa waqt de do taaki dusri kahani hawas ka ghulam ko pura kar saku...
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Rocksanna999

Member
443
1,915
139
Hello my dear readers...
I want to ask some questions.... And trust me your answer make this stroy future updates more errotics....
So my question is...
Give the name and photos of female ass/butt as par their shape ??
I mean i want you guys to share some of your erotic mind.... So let me know what shape of ass/ butt you guys like...
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Sanjay kawase

New Member
55
61
18
प्रिय पाठकों आप सभी से निवेदन है कि मेरी कहानी Hawas Ka Ghulam में अपनी प्रतिकिया ज़रूर दें और उस कहानी को पढ़े। इस कहानी के आगामी अपडेट देने से पूर्व मुझे इस कहानी को एक बार फिर से पढ़ना होगा। तब तक आप सभी मेरी नई कहानी को पढ़े। हवस का ग़ुलाम कहानी को मेरा प्रयास रहेगा कि 2 हफ्तों में खत्म कर दूँ ताकि बर्बादी को निमंत्रण कहानी के आगे के उपडेट जल्द से जल्द आप तक पहुंच सके। आप सभी सहयोग करेंगे तो मेरी कहानी ज़रूर अपने उचित अंत तक पहुंचेगी।।
Bhai abhi to 2 mahine ho gaye ye story age badao ge ki nahi ya fir dusri story padi kitna time intjar kare ak bar dusri story paani chalu ki to ye story fir nahi padunga agar age ki story nahi dal rahe to bata do diary story padna start kare
 
Top