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Incest बहन का लौड़ा (Incest + Adultery)

A.A.G.

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Episode - 9

अभी तक आपने पढ़ा..

राधे- अरे मीरा.. फुद्दी से ज़्यादा चूत बोलना अच्छा लगता है.. चल अब ये नाईटी निकाल दे और अपनी राधा का कमाल देख। मीरा- दीदी आप भी नंगी हो जाओ ना.. प्लीज़ हमें ज़्यादा मज़ा आएगा। राधे- ओके हो जाऊँगी.. मगर एक शर्त पर.. तुमको अपनी आँखों पर पट्टी बांधनी होगी।

मीरा- नहीं दीदी.. ये क्या बात हुई..? ऐसे में मैं आपको कैसे देख पाऊँगी? राधे- अरे पूरी बात तो सुनो.. पहले तुम पट्टी बाँध लो.. मैं नंगी होकर तुमसे चिपक जाऊँगी.. तुम्हें मज़ा दूँगी.. उसके बाद तुम आँखें खोल लेना और मुझे देख लेना।

मीरा- ओके दीदी.. ये सही रहेगा.. मज़ा आएगा.. मैं अभी आई मेरे पास अलमारी में काली पट्टी है.. मैं लेकर आती हूँ..

उप्स्स… आपका मज़ा खराब करने बीच में आ गई.. मगर क्या करूँ आदत से मजबूर हूँ.. कुछ लोग ईमेल करके कहेंगे.. ऐसा कभी होता है क्या.. कोई बहन अपनी बहन के सामने ऐसे नंगी होती है क्या..? तो दोस्तों ये 2015 की कहानी है.. कोई 60 के जमाने की नहीं.. आजकल तो सब खुला खुला है.. समझे.. चलो वापस मज़ा लो कहानी का..

अब आगे..

मीरा पट्टी ले आई राधे ने अच्छी तरह उसकी आँखें बन्द की और उसे इन्तजार करने को कहा। थोड़ी ही देर में राधे ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. उसका 8″ का लौड़ा तनकर एकदम फुंफकार मार रहा था।

मीरा सीधी लेटी हुई थी.. राधे उस पर सवार हो गया और मीरा के होंठों को चूसने लगा। उसने अपना बदन ऐसे मोड़ा हुआ था कि उसका लौड़ा मीरा के जिस्म से दूर रहे ताकि उसको शक ना हो और मीरा तो वैसे भी होंठ चुसवाने में बिज़ी थी.. उसको इतना ध्यान कहाँ था।

राधे मीरा के होंठ चूस रहा था और हाथों से उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे मम्मों को सहला रहा था, मीरा जल बिन मछली की तरह छटपटा रही थी। अब राधे होंठों से गर्दन पर आ गया और चुम्बन करता हुआ नीचे आने लगा।

मीरा- आह्ह.. आईई.. दीदी आह.. आप तो बहुत मज़ा दे रही हो.. आह्ह.. ऐसे साइड में क्यों लेटी हो.. आह्ह.. आ जाओ मेरे ऊपर.. आ जाओ.. अपने बड़े मम्मों को और मेरे मम्मों का मिलन करवा दो.. आह्ह.. अपनी चूत से मेरी चूत टकरा दो.. आह्ह..

राधे- आऊँगी मेरी जान.. जरा सब्र कर.. पहले तुझे बराबर गर्म तो कर दूँ.. उसके बाद मेरे जिस्म का मिलन तेरे जिस्म से करवा दूँगी।

राधे उसके मम्मों को बड़े प्यार से दबा रहा था और चूस रहा था। मैंने आपको पहले भी बताया था कि मीरा दिखने में एकदम आलिया भट्ट जैसी दिखती है.

वही शक्ल.. वही फिगर.. सब उसके जैसा.. फ़र्क बस ये है.. आपने आलिया को नंगा नहीं देखा और मीरा को मैं आपको नंगा दिखा रही हूँ।

राधे कभी ये निप्पल चूसता.. तो कभी दूसरा.. मीरा की साँसें तेज़ होने लगी थीं।

मीरा- आह्ह.. आह.. दीदी प्लीज़ आह्ह.. कुछ करो उइ.. मेरा पूरा जिस्म जल रहा है.. आह्ह.. कभी सोचा ना था.. आह्ह.. अपनी दीदी के साथ ऐसा करूँगी..

राधे कुछ ना बोला और बस अपना काम करता रहा। उसका लौड़ा अकड़ कर दुखने लगा था.. किसी भी पल वो पानी की धार मार सकता था।

राधे अब नीचे आ गया.. गुलाब की पंखुड़ी जैसी गुलाबी चूत की फाँकें खोल कर वो उसे चाटने लगा।

मीरा- आह दीदी आह्ह.. अपने ये क्या कर दिया आह.. उईईइ..

राधे ने अपनी जीभ चूत में पेल दी और बेसब्रों की तरह उसे चाटने लगा।

मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसका बाँध टूट गया और राधे ने पूरा पानी चाट लिया।

मीरा कमर को उठा-उठा कर झड़ रही थी.. ऐसे तो कई बार नहाते समय वो झड़ी होगी.. मगर आज तो उसे कुछ अलग ही मज़ा मिला.. वो सुकून की लंबी साँसें लेने लगी।

मीरा तो ठंडी हो गई थी.. मगर राधे का हाल बुरा था.. वो चाहता था कि एक ही झटके में पूरा लौड़ा मीरा की चूत में घुसा दे मगर वो जल्दबाज़ी करके मीरा को दुखी नहीं करना चाहता था।

मीरा- दीदी अब पट्टी निकाल दूँ क्या.. आपने सच में मुझे बड़ा मज़ा दिया.. अब मैं आपको देखना चाहती हूँ.. प्लीज़ दीदी ना मत कहना.. राधे- हाँ रूको.. देख लेना बस दो मिनट रुक जाओ..

राधे बिस्तर पर लेट गया और कंबल अपने ऊपर डाल लिया।

राधे- हाँ अब आँख खोल लो। मीरा ने पट्टी हटाई और राधे को देख कर थोड़ा गुस्सा हो गई। मीरा- ये क्या दीदी.. आपने तो सब छुपा लिया.. मैं कैसे देखूँगी? राधे- मीरा मुझे देख कर तुम गुस्सा हो जाओगी.. इसलिए पहले 5 मिनट मेरी बात सुन लो.. उसके बाद ये कंबल हटा देना..

मीरा को कुछ समझ नहीं आया.. मगर उसने राधे की बात मान ली।

राधे- अच्छा मीरा ये बताओ इस वक़्त कोई लड़का यहाँ आ जाए और तुमको ऐसे नंगी देख ले तो तुम क्या करोगी? मीरा- अरे ऐसे-कैसे कोई यहाँ आ जाएगा.. आप भी ना कुछ भी बोल देती हो?

राधे- अरे मान लो आ गया तो?

मीरा- ओके अगर आ गया तो मुझे ऐसे देख कर ‘उसका’ खड़ा हो जाएगा और मेरी तमन्ना पूरी हो जाएगी कि ‘किसी का’ मैं भी देखूँ बस.

राधे- ‘उसका’ क्या.. सीधे बोल ना लंड खड़ा हो जाएगा.. तुम बस देखोगी उसको.. अरे लौड़े को चूसने में बड़ा मज़ा आता है। मीरा- छी: छी:.. दीदी आप कितने गंदे शब्द बोल रही हो.. वैसे मैंने फिल्म में देखा है उसको चूसने में लड़की को बड़ा मज़ा आता है। राधे- हाँ मीरा उसको मज़ा आता है.. तभी तो कह रही हूँ.. तुम भी मज़ा लोगी क्या?

मीरा- दीदी आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे कई बार चूस चुकी हो और मैं कहाँ से मज़ा लूँगी.. कौन सा सही में कोई लड़का यहाँ आने वाला है?

राधे- हाँ आने वाला है.. बस तुम प्लीज़ चिल्लाना मत.. नहीं तो पापा जाग जाएँगे उनकी तबियत ठीक नहीं है ना.. समझी.. मीरा- ओह माय गॉड.. सच्ची..! कौन आने वाला है दीदी.. आप मरवाओगी क्या.. प्लीज़ बताओ.. कौन आने वाला है?

राधे- अच्छा मीरा ये बताओ तुम पापा को कितना चाहती हो.. उनके लिए क्या कर सकती हो?

मीरा- अरे यह कोई पूछने की बात है.. क्या पापा के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ मगर इस वक़्त आप ये क्यों पूछ रही हो और कौन आने वाला है? बताओ ना प्लीज़ प्लीज़?

राधे का लौड़ा अब भी खड़ा था और राधे को अब लगा कि मीरा को सच बताने का..यही सही मौका है..

राधे- ओके सब बताती हूँ.. यहाँ मेरे पास आओ।

मीरा जब राधे के एकदम करीब हो गई तो राधे ने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया ताकि वो शोर ना मचा सके।

राधे- हिलो मत.. मैंने तुम्हारा मुँह बस सेफ्टी के लिए बन्द किया है ताकि शॉक के कारण तुम चिल्लाओ नहीं.. अब अपने हाथ से कंबल हटाओ।

मीरा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था.. हाँ वो थोड़ा डर जरूर गई थी।

उसने जब कंबल को पकड़ कर खींचा.. तो राधे ने पैर सीधे कर दिए उसका 8″ लंबा और काफ़ी मोटा लौड़ा मीरा की आँखों के सामने आ गया। उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसकी साँसें तेज हो गईं।

राधे- मीरा प्लीज़ चीखना मत.. पहले मेरी पूरी बात सुन लो.. मैं लड़की नहीं लड़का हूँ प्लीज़ प्लीज़.. मैं मुँह से हाथ हटा रहा हूँ ज़ोर से बोलने से पहले अपने पापा के बारे में सोच लेना.. उनको ये सदमा बर्दास्त नहीं होगा.. डॉक्टर ने कहा था वो मर भी सकते हैं।

मीरा को राधे की बात समझ आ गई… उसने गर्दन हिला कर ‘हाँ’ में इशारा किया तब जाकर राधे ने हाथ हटाया।

मीरा एकदम नंगी एक लड़के के साथ बैठी हुई थी और अभी कुछ देर पहले अपने जिस्म को वो उस लड़के से चुसवा रही थी। इस अहसास से वो सिहर गई.

उसने जल्दी से कंबल अपने ऊपर डाला और रोने लगी।

राधे- मीरा प्लीज़ रो मत.. प्लीज़.. आई एम सॉरी.. प्लीज़ मेरी बात तो सुनो प्लीज़..।

मीरा- चुप रहो.. तुम बहुत गंदे हो.. मुझे और मेरे पापा को धोखा दिया है.. हमारे पैसे ले लिए.. मेरी इज़्ज़त खराब कर दी..

राधे- अरे प्लीज़ चुप हो जाओ.. मैंने क्या किया है.. तुम ऐसी बात मत करो.. मेरी पूरी बात सुनो.. तुम्हारी इज़्ज़त वैसी की वैसी है मैंने क्या किया है?

To be continued .........
nice update..!!
radhe ne achha kiya jo meera ko sachhayi bata di lekin meera ka gussa hona bhi sahi hai kyunki aise dhoka dekar kisike feelings ke sath khelna bahot galat hai..!!
 
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A.A.G.

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Episode - 10

अभी तक आपने पढ़ा..

राधे- मीरा प्लीज़ चीखना मत.. पहले मेरी पूरी बात सुन लो.. मैं लड़की नहीं लड़का हूँ प्लीज़ प्लीज़.. मैं मुँह से हाथ हटा रहा हूँ ज़ोर से बोलने से पहले अपने पापा के बारे में सोच लेना.. उनको ये सदमा बर्दास्त नहीं होगा.. डॉक्टर ने कहा था वो मर भी सकते हैं।

मीरा को राधे की बात समझ आ गई… उसने गर्दन हिला कर ‘हाँ’ में इशारा किया तब जाकर राधे ने हाथ हटाया।

मीरा एकदम नंगी एक लड़के के साथ बैठी हुई थी और अभी कुछ देर पहले अपने जिस्म को वो उस लड़के से चुसवा रही थी। इस अहसास से वो सिहर गई.. उसने जल्दी से कंबल अपने ऊपर डाला और रोने लगी।

राधे- मीरा प्लीज़ रो मत.. प्लीज़.. आई एम सॉरी.. प्लीज़ मेरी बात तो सुनो प्लीज़..। मीरा- चुप रहो.. तुम बहुत गंदे हो.. मुझे और मेरे पापा को धोखा दिया है.. हमारे पैसे ले लिए.. मेरी इज़्ज़त खराब कर दी..

राधे- अरे प्लीज़ चुप हो जाओ.. मैंने क्या किया है.. तुम ऐसी बात मत करो.. मेरी पूरी बात सुनो.. तुम्हारी इज़्ज़त वैसी की वैसी है मैंने क्या किया है?

अब आगे..

मीरा ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा- शर्म करो.. एक लड़की को नंगा कर दिया.. उसके पूरे जिस्म पर अपने होंठ घुमा दिए और कहते हो ‘क्या किया है?’

राधे- देखो मीरा मैं ऐसा करना नहीं चाहता था। तुम ठंडे दिमाग़ से सोचो तुमने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया। अब मैं जवान हूँ लड़की ऐसा मौका देगी तो मेरा मन तो मचलेगा ही ना..

मीरा- चुप रहो.. मैंने अपनी दीदी समझ कर ये सब करने दिया.. मगर तुम तो लड़के हो और देखो अब भी बेशर्मों की तरह नंगे बैठे हो.. अपने ‘उस’ को तो ढक लो..

मीरा बात के साथ-साथ लगातर लौड़े को देख रही थी। हाँ अभी उसका कड़कपन कुछ कम हो गया था.. मगर अब भी उसमें जान थी.. वो हल्की झाँटों के पास एक डंडा जैसा लग रहा था।

राधे ने अपने लौड़े को सहलाया और होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- देखो मीरा तुम्हारी इच्छा आज पूरी कर लो.. लौड़ा ऐसा होता है प्लीज़.. बुरा मत मानो.. तुम आज के जमाने की मॉर्डन लड़की हो.. जो हुआ उसे भूल जाओ.. माना मैंने पैसे के लालच में तुम्हें धोखा दिया है मगर मेरा इरादा उस समय भी गलत नहीं था.. अब भी नहीं है.. सुबह होते ही मैं चुपचाप चला जाऊँगा। तुम अपने कपड़े पहन लो.. मैं ऐसा लड़का नहीं हूँ जो किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दे.

हाँ जाने से पहले मेरी बात जरूर बता कर जाऊँगा ताकि तुम समझ सको कि ऐसा करना मेरी मजबूरी थी।

मीरा- ओ हैलो.. माना कि मैं इस जमाने की लड़की हूँ.. मगर अपनी मान-मर्यादा जानती हूँ और ऐसी क्या मजबूरी थी जो तुम्हें ऐसा करना पड़ा? ये जानना जरूर चाहूँगी।

राधे ने अपनी दु:ख भरी कहानी सुनाना शुरू की। अब राधे ने भी लौड़े पर कंबल डाल लिया था.. वो बस बोल रहा था और मीरा सुन रही थी।

दोस्तों राधे को अपनी कहानी सुनाने दो.. चलो हम ज़रा नीरज का हाल जान लेते हैं.. वो इस वक़्त कहाँ है और क्या कर रहा है।

सॉरी आपको गुस्सा आ रहा होगा कि ऐसे मौके पर मैं कहाँ कहानी को दूसरी जगह ले जा रही हूँ.. मगर मेरा स्टाइल आप जानते ही हो.. अब मीरा चुदेगी या नहीं.. ये आकर बताऊँगी.. चलो नीरज को देख लेते हैं।

नीरज वापस चला गया था और अपनी मंडली वालों को कह दिया कि राधे कुछ दिनों बाद आएगा.. अब जब तक वो नहीं आता.. उसका यहाँ क्या काम है.. तो वो भी कहीं और काम ढूँढने जा रहा है। यह बोल कर उसने एक झोपड़पट्टी में अलग जगह ले ली। अभी वो एक कोठे पर बैठा शराब पी रहा था।

शीला- अरे मेरे राजा शराब ही पीता रहेगा या कुछ करेगा भी.. तेरा दोस्त कहाँ है?

नीरज- हट साली.. पीने दे.. आज यहाँ मैं तुझे चोदने नहीं आया हूँ। अब मैं लखपति बन गया हूँ.. तुझसे एक काम है वो कराने आया हूँ.. तू बता यहाँ कोई कच्ची कली आई है क्या? और उसका दाम क्या होगा? साला बहुत मन हो रहा है.. कोई कच्ची चूत मारने का.. साली वो मीरा को देख कर लौड़ा बेकाबू हो गया है.. साला राधे तो उसको चोद कर मज़ा ले लेगा.. मेरा भी कुछ करवा दे ना..

शीला- मेरे राजा यहाँ नई लड़कियाँ जब आती हैं तो उनकी बोली लगती है.. तुम जानते नहीं ये मुंबई है.. बड़े-बड़े पैसे वाले बूढ़े ठरकी यहाँ आते हैं सालों को कच्ची चूतों का शौक है.. एक रात के लिए लाखों देते हैं तुम दे पाओगे?

नीरज- अबे साली.. मैंने कहा ना.. अब मैं कंगला नहीं हूँ.. लखपति बन गया हूँ.. दे दूँगा मैं.. तू बस बता कोई नई लड़की आई है क्या?

शीला- अरे राजा कहाँ हाथ मारा है.. बता तो मुझे?

नीरज ने नशे की झोंक में उसे सारी बात बता दी तो शीला यह सुनकर खुश हो गई।

शीला- देख राजा यहाँ की लड़की का ख्वाब जाने दे.. एक रात के लिए मिलेगी और लाख रुपये गए चूत में.. ये काम बड़े पैसे वालों का है.

तू एक काम कर बाहर किसी छोटी लड़की को फँसा उस पर थोड़ा खर्चा कर.. उसके बाद उसकी चूत और गाण्ड का महूरत कर.. वो भी जब तक तेरा मन ना भरे.. तब तक.. सही कहती हूँ एक लाख से कम खर्चा होगा और तू रोज उसको चोद सकेगा।

नीरज- साली तेरी बात में दम तो है.. यहाँ तो रात भर के लिए लड़की मिलेगी.. और वो तो रोज मुझे मिलेगी.. मगर मुझे ऐसी लड़की कहाँ मिलेगी?

शीला- अरे राजा ये सपनों का शहर है.. यहाँ रोज हजारों कमसिन लड़कियाँ अपने सपने लेकर आती हैं। तू किसी फिल्म स्टूडियो के बाहर तलाश कर या फिर किसी स्कूल के बाहर तलाश कर.. वहाँ भी कमसिन लड़कियाँ होती हैं.. उनको किसी तरह पटा ले.. बस तेरा काम बन जाएगा।

नीरज- मगर कैसे और कहाँ.. कुछ तो आइडिया दे।

शीला ने उसको आराम से आइडिया समझाया कि करना क्या है और कैसे करना है। उसकी बातें सुनकर नीरज की आँखों में चमक आ गई।

नीरज- साली तू कमाल की है.. अच्छा आइडिया दिया.. कल ही काम पर लग जाऊँगा.. चल अब मेरे लौड़े को चूस कर ठंडा कर दे.. शीला- राजा बस चुसवाएगा.. क्या मुझे चोदेगा नहीं.. नीरज- नहीं.. अब तो ये लौड़ा कुँवारी चूत में ही जाएगा.. आजा चल चूस कर ठंडा कर दे।

शीला ने नीरज का लौड़ा पैन्ट से बाहर निकाल लिया.. जो सोया हुआ था। शीला उस पर जीभ फेरने लगी।

थोड़ी देर तक शीला कभी जीभ से लौड़े को चाटती.. तो कभी उसको मुँह में लेकर चूसती.. लौड़ा अपने आकार में आने लगा और 5 मिनट में वो तनकर 7″ का हो गया.. मोटा भी ठीक-ठाक था.. शीला बड़े प्यार से लौड़े को चूसने लगी।

नीरज- आह्ह.. चूस साली.. आह्ह.. कुछ दिन तू और चूस ले उसके बाद तो किसी कमसिन के होंठों से ही आह्ह.. चुसवाऊँगा.. आह.. साली एक तो वो नीतू रंडी मिली आह्ह.. जो चूत चटवा कर लात मार दी.. आह दूसरी मीरा आ.. जिसको बस देख ही पाया.. आह्ह.. साला राधे.. उसको बड़ा तड़पा कर चोदेगा.. आह्ह.. चूस आह्ह.. चूस आह्ह…

शीला ने होंठ भींच लिए और ज़ोर-ज़ोर से मुँह हिलाने लगी.. फच फच की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी।

नीरज- आह्ह.. ज़ोर से कर माँ की लौड़ी.. आईई.. आह्ह.. मेरा निकलने वाला है आह्ह.. आह्ह..

नीरज अकड़ने लगा.. उसका लौड़ा फूलने लगा और कुछ देर बाद उसके लौड़े ने पानी की धार शीला के मुँह में मारनी शुरू कर दी। शीला का तो काम यही था.. पूरा पानी गटक गई और जीभ से लौड़े को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

To be continued ...........
nice update..!!
dhoka toh diya hai radhe aur kuchh galti nahi hai bol raha hai..ab meera aur radhe me pyaar hojaye..meera aise hi sex na kare radhe ke sath..pyaar hone ke baad kare..yeh neeraj bada harami hai isko bas meera se dur rakho..yeh radhe ko jarur dhoka dene ki sochega ya fir sare paise ayyashi me uda dega..!!
 
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abmg

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Episode - 11

अभी तक आपने पढ़ा..

नीरज- आह्ह.. चूस साली.. आह्ह.. कुछ दिन तू और चूस ले उसके बाद तो किसी कमसिन के होंठों से ही आह्ह.. चुसवाऊँगा.. आह.. साली एक तो वो नीतू रंडी मिली आह्ह.. जो चूत चटवा कर लात मार दी.. आह दूसरी मीरा आ.. जिसको बस देख ही पाया.. आह्ह.. साला राधे.. उसको बड़ा तड़पा कर चोदेगा.. आह्ह.. चूस आह्ह.. चूस आह्ह…

शीला ने होंठ भींच लिए और ज़ोर-ज़ोर से मुँह हिलाने लगी.. फच फच की आवाज़ कमरे में गूंजने लगी। नीरज- आह्ह.. ज़ोर से कर माँ की लौड़ी.. आईई.. आह्ह.. मेरा निकलने वाला है आह्ह.. आह्ह..

नीरज अकड़ने लगा.. उसका लौड़ा फूलने लगा और कुछ देर बाद उसके लौड़े ने पानी की धार शीला के मुँह में मारनी शुरू कर दी। शीला का तो काम यही था.. पूरा पानी गटक गई और जीभ से लौड़े को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

अब आगे..

दोस्तो, नीरज का तो हो गया.. चलो अब अपने हीरो के पास चलते हैं। अब तक तो उसकी कहानी पूरी हो गई होगी। अब देखते हैं.. क्या होता है..।

राधे की बात मीरा बड़े ध्यान से सुन रही थी जब राधे चुप हो गया तो..

मीरा- हूँ.. तो यह बात है.. लड़का होते हुए भी तुमको लड़की बनकर जीना पड़ता है.. सही है.. ऐसी जलालत भरी जिंदगी से कौन पीछा छुड़ाना नहीं चाहता.. मगर हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था.. जो हमें धोखा दिया.. ये कौन सा इंसाफ़ हुआ?

राधे- देखो मीरा.. मैं ज़्यादा पढ़ा-लिखा तो नहीं हूँ.. मगर इतना जानता हूँ कि भगवान जो भी करता है.. अच्छे के लिए करता है। अब देखो उसकी लीला कैसे मेरे हाथ पर वो निशान बना दिया.. जो तुम्हारी खोई बहन के हाथ पर था.. और मेरा जिस्म ऐसा बनाया कि लड़की हो.. तुम जरा इस बात को भी समझो..

मीरा इस जमाने की मॉर्डन लड़की ज़रूर थी मगर दो बातों ने उसे राधे की बात मानने पर मजबूर कर दिया था।

एक तो वो अपने पापा से बहुत प्यार करती थी.. वो जानती थी.. कि अगर पापा को इस बात का पता लग गया.. तो वो असमय ही मर जाएँगे.. और दूसरी बात आप जानते ही हो.. राधे ने जिस तरह उसके जिस्म को चूसा.. और चूत को चाटा था.. और अपना बंबू नुमा लौड़ा उसे दिखाया था.. बस वो पिघल गई.. या यूं कहो लौड़े की चाहत में राधे की हो गई..

मीरा- चलो ठीक है.. मान लेती हूँ कि तुम सही बोल रहे हो.. मगर अब ये नाटक चलता रहने दो.. मेरे पापा बरसों बाद खुश हुए हैं.. अब मैं उनको दु:खी नहीं कर सकती और ‘हाँ’ मेरी दीदी बनकर ही रहना.

कुछ गलत करने की सोचना भी मत..

राधे- मीरा तुम बेफिकर रहो.. तुम्हारे पापा अब मेरे पापा जैसे ही हैं.. मैं उनको कभी पता नहीं चलने दूँगा.. मगर तुम मेरी भावनाओं को समझो.. तुम्हारे मादक जिस्म को देखने और चूसने के बाद अब मुझसे रहा नहीं जाएगा.. देखो मेरे लौड़े का क्या हाल हो गया है.. देखो ना.. इसे…

राधे के मीरा के जिस्म की बात करते ही लौड़ा वापस उफान पर आ गया।

मीरा बस टकटकी लगाए उसको देखने लगी और इसी मौके का फायदा उठा कर राधे उसके पास चिपक कर बैठ गया। उसने धीरे से कंबल को मीरा के जिस्म से हटा दिया।

मीरा तो लौड़े को देखने में इतनी खो गई थी.. कि उसे पता भी नहीं चला कि कब राधे ने उसका हाथ पकड़ा और लौड़े पर रख दिया।

जैसे ही मीरा की नाज़ुक उँगलियाँ राधे के गर्म लौड़े से टकराईं.. उसको होश आ गया। उसने जल्दी से अपना हाथ पीछे खींच लिया.. जैसे उसको 440 वोल्ट का झटका लगा हो।

मीरा- यह क्या बदतमीज़ी है.. मैंने मना किया था ना.. तुम कुछ नहीं करोगे..! राधे- अरे तो मैं कहाँ कुछ कर रहा हूँ.. तू तुम बहुत अच्छी लड़की हो.. बस तुम्हारी इच्छा पूरी कर रहा था.. लो छू कर देख लो लौड़े को.. माँ कसम.. मैं कुछ नहीं करूँगा।

मीरा थोड़ी शर्मा गई.. जब उसको अहसास हुआ कि उसका कंबल एक तरफ़ पड़ा है.. और राधे उसके मम्मों को देख रहा है। मीरा- न..नहीं देखना मुझे.. तत..तुम जाओ यहाँ से.. मुझे कपड़े पहनने दो..

राधे- अब इस हाल में कहाँ जाऊँ.. अच्छा तुमको देखने में शर्म आ रही है.. लो मैं आँख बन्द करके सो जाता हूँ.. तुम देखना चाहो तो देख लो.. मैं सो रहा हूँ गुड़नाईट..

इतना कहकर राधे आँख बन्द करके सीधा सो गया.. उसने अपनी टाँगें फैला ली थीं और उसका लौड़ा कुतुबमीनार की तरह सीधा खड़ा होकर मीरा को सलामी दे रहा था।

काफ़ी देर तक मीरा लौड़े को एकटक देखती रही.. वो जानती थी कि राधे सोया नहीं है.. बस आँख बन्द करके पड़ा है.. मगर उसके आँख बन्द कर लेने से मीरा की शर्म कुछ कम हो गई थी, वो आराम से लौड़े को देख सकती थी।

दस मिनट तक मीरा वैसी की वैसी बैठी रही.. राधे ने भी कोई हरकत नहीं की.. अब लौड़ा भी धीरे-धीरे बैठने लगा था। थोड़ी देर में ही लौड़ा पूरी तरह मुरझा सा गया था.. जिसे देख कर मीरा ने मन ही मन कहा- अरे ये तो मुरझा गया.. लगता है राधे सच में सो गया है.. तभी तो लौड़ा भी सो गया.

अब मैं इसको टच करके देख सकती हूँ..

मीरा ने डरते-डरते राधे को आवाज़ दी.. मगर उसका कोई जबाव नहीं आया तो मीरा लौड़े को काँपते हाथों से छुआ.. उसको बड़ा अच्छा लगा.. अब वो थोड़ा खुलकर लंड को सहलाने लगी। उसकी चूत में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी।

मीरा के कोमल हाथ का कमाल था कि लौड़ा फिर तन कर उसको सलामी देने लगा। मीरा का मन ललचा रहा था.. दिल कर रहा था उसको छू लें.. मगर डर भी लग रहा था.. अब ये डर किस बात का था.. ये आप अंदाज़ा लगा सकते हो।

थोड़ी देर लौड़े को सहलाने के बाद मीरा से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने हल्के से अपने सुलगते नर्म होंठ लौड़े पर रख दिए और बस जीभ से सुपारे को पहले चूमा फिर चाटने लगी।

राधे बहुत हरामी था.. वो सोया नहीं था.. और सच भी है कि ऐसी क़यामत पास में नंगी बैठी हो.. तो कोई नामर्द ही सो सकता है। वो तो बस मीरा के खुलने का इन्तजार कर रहा था.. मगर अब भी वो चुप था, उसने भी ठान लिया था कि जब तक मीरा खुलकर पूरा लौड़ा ना चूस ले.. वो चुप ही पड़ा रहेगा।

जैसा राधे ने सोचा.. वैसा ही हुआ.. मीरा को लौड़े का स्वाद अच्छा लगने लगा, उसने सुपारे को पूरा मुँह में भर लिया। अब वो चुदासी हो उठी थी और मज़े से लौड़ा चूसने लगी थी।

राधे ने आँखें खोल दीं और मीरा को देखने लगा.. उसका लौड़ा कब से इसी लम्हे का इन्तजार कर रहा था.. अब उसको सुकून मिल रहा था..

मीरा को अपनी चुदास के चलते इस बात का होश ही नहीं था कि राधे उसको देख रहा है.. वो तो बस लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी।

लौड़ा मोटा होने के कारण उसको तकलीफ़ तो हो रही थी.. मगर लौड़े का स्वाद ही ऐसा था कि वो पूरा जड़ तक अन्दर लेकर मज़ा ले रही थी। अब उसकी चूत में भी करंट पैदा हो गया था.. उसकी चूत भी रिसने लगी थी। उधर राधे के लौड़े से भी हल्का पानी आना शुरू हो गया था.. उसका लौड़ा फूलने लगा था.. अब किसी भी पल वो झड़ सकता था।

बस यही वो पल था.. जब राधे झटके से बैठ गया और मीरा के सर पर हाथ रख कर नीचे से दो-तीन तगड़े झटके मीरा के मुँह में मारे.. उसके लौड़े से तेज़ गर्म वीर्य की धार.. सीधे मीरा के गले में जा लगी.. मजबूरन मीरा को पानी गटकना पड़ा..

एक मिनट तक राधे ने उसके सर को लौड़े पर दबा कर रखा.. जब तक की पूरा लौड़ा झड़ ना गया.. राधे अपने लण्ड को मीरा के हलक में फंसाए रहा।

जब राधे ने हाथ हटाया
तो मीरा की जान में जान आई। मीरा- उहह.. उहहुउ.. पागल हो क्या.. ओह्ह.. पानी मेरे पेट में चला गया..

राधे- जानेमन.. अब बस भी करो.. मैं सोया हुआ था.. तब तो बड़े प्यार से लौड़ा चूस रही थीं.. अब जब मेरा पानी निकलने का टाइम आया तो मुझसे रहा ना गया.. सॉरी.. अब ये लौड़े पर थोड़ा बचा हुआ पानी भी साफ कर दो ना.. प्लीज़..

मीरा के होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई.. उसने जीभ से चाट कर लौड़े को साफ कर दिया।

दरअसल उसकी उत्तेजना भी भड़क गई थी उसकी चूत में आग लगने लगी थी। अब नाराज़गी बनाए रखने में.. उसको अपना नुकसान दिखाई दे रहा था..

मीरा- लो.. मैंने तुमको माफ़ भी कर दिया और तुम्हारा लौड़ा साफ भी कर दिया.. अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है.. कल बात करेंगे।
 
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