भाग 1
मेरा नाम सागर है, उम्र 19 साल | मैं और मेरा परिवार मुंबई में रहते हैं । पिताजी मुंबई में एक छोटा सा व्यवसाय करते हैं | माँ घर पर रहती हैं । मेरी एक बड़ी बहन है । उसका नाम संगीता है, उम्र 25 साल । मेरी बहन की शादी दो साल पहले हुई थी और अब वह अपने पति के साथ दिल्ली में रहती है । संगीता दी और मैं अपने माता-पिता के आँखों के तारे हैं । वे दोनों हमें खुद से ज्यादा प्यार करते हैं । जब दो साल पहले संगीता की शादी हुई और मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बैंगलोर चला गया तो मेरे माता-पिता बहुत अकेला महसूस करने लगे । माँ हमेशा रोती रहती थी | मुझे बहुत भावुक पत्र लिखती कि वह मेरे और संगीता के बिना कैसे ज़िन्दगी गुज़ार रही है और मेरे घर वापिस आने का इंतजार कर रही है | पिताजी भी दुखी थे लेकिन उन्होंने कभी इसे व्यक्त नहीं किया ।
जब मैं इस गर्मी की छुट्टी में घर आया तो माँ और पिताजी बहुत खुश थे । एक हफ्ते तक मस्ती और उत्साह के बाद हम सभी को संगीता की कमी खलने लगी । मेरी प्यारी, सुंदर और सेक्सी, संगीता दी ! मैंने पिछले दो सालों में संगीता दी को नहीं देखा था । लेकिन उसकी तस्वीरों को देख कर ये तो कह सकता था की संगीता दी पहले से अधिक सुंदर और सेक्सी हो गयी है । शादी से पहले भी संगीता दी काफी सूंदर लगती थी, मासूम ज़्यादा और सेक्सी कम | संगीता दी कि हाइट 5 फीट 6 इंच है, लंबे काले बाल, नशीली आँखें और गोरा-गोरा रंग, पतला शरीर, वजन में केवल 54 किलो। दुबले-पतले शरीर के बावजूद बड़े-बड़े चूतड़ और गोल-गोल भारी चूचे । भले ही मैंने संगीता दी को कभी पूरी तरह से नंगा नहीं देखा था, पर मुझे इस बात का अंदाजा था कि वो ड्रेस के अंदर कितनी आकर्षक और सेक्सी होगी ।
उसकी तस्वीरों को देखते हुए, अचानक से मेरा ध्यान उसकी छाती पर गया, उसकी बहुत ही बड़ी और भारी लग रही थीं । फोटो में संगीता के सुंदर चेहरे और सेक्सी शरीर को देखते-२ मेरा लौड़ा बुरी तरह से टन्ना गया | मैं वासना में इस बुरी तरह से चूर हो गया कि मुझे जल्दी से जाकर मुठ मारनी पड़ी | संगीता के नाम कि ये पहली मुठ नहीं थी, जब से मुझे सेक्स के बारे में पता चला था और ये भी समझ आया था कि संगीता दी कितनी सेक्सी माल हैं, तभी से मैंने उसके नाम पर मुठ मारना चालू कर दिया था | पूरी रात मैं ये सोचता रहा कि कैसे मैं होंठ चूमना चाहता हूँ, कैसे मैं उसकी छातियों का दबाऊंगा, कैसे उसके निपल्स को होंठों में लेके चबाऊँगा और कैसे उसकी रसीली चूत में ताबड़ तोड़ धक्के लगाऊंगा | उस रात, अपनी बड़ी बहन की याद में, मैंने दो से तीन बार मुठ मारी और हर बार इतना वीर्य निकला, इतना शक्तिशाली स्खलन हुआ जो जीवन में कभी नहीं हुआ | फोटो को देख के संगीता दी को देखने कि इतनी प्रबल इच्छा हुई कि मैंने अगले दिन ही दिल्ली जाने का फैसला कर लिया ।