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Incest बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाडीन (Completed)

Rakesh1999

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Kahani pasand karne ke liye sabhi pathkon ko thanks.kahani ke baare me apne vichar awasya likhe.
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Kahani pasand karne ke liye sabhi pathkon ko thanks.kahani ke baare me apne vichar awasya likhe.
राकेश जी आपकी कहानी एकदम नशीली है.............. आपका तो शुरू से ही फ़ैन रहा हूँ में.............
रिया ने अपने बाप को एक और मोहरा दे दिया........... सिर्फ चुदाई ही नहीं... और भी फाइदा उठा सकता है वो........... अपने दोस्त की बेटी रश्मि के द्वारा

लेकिन आपकी कहानी थ्रिलर नहीं....... सिर्फ चुदाई तक ही सीमित है शायद

ऐसे ही मदमस्त अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी
 

Rakesh1999

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राकेश जी आपकी कहानी एकदम नशीली है.............. आपका तो शुरू से ही फ़ैन रहा हूँ में.............
रिया ने अपने बाप को एक और मोहरा दे दिया........... सिर्फ चुदाई ही नहीं... और भी फाइदा उठा सकता है वो........... अपने दोस्त की बेटी रश्मि के द्वारा

लेकिन आपकी कहानी थ्रिलर नहीं....... सिर्फ चुदाई तक ही सीमित है शायद

ऐसे ही मदमस्त अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी


Kamdev ji kahani pasand karne ke liye aapko bahut bahut bahut thanks.
 

Rakesh1999

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Awesome Update


Thanks bhai.
 

Rakesh1999

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रमेश ने रश्मि का हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और उसकी चूचियों को भींचने लगा.
वो सिहर उठी- आह्ह … आराम से अंकल … दर्द हो रहा है. आपका ये भी बहुत बड़ा है.

वो उसकी चूचियों के निप्पलों को खींचते हुए बोला- क्या बड़ा है मेरा?
रश्मि- आपका ये हथियार काफी बड़ा है.
रमेश- इसको नाम लेकर बुलाओ ना एक बार!
रश्मि ने शरमाते हुए कहा- आपका ये … ये लंड बहुत बडा़ है अंकल।

रमेश- हां बेशक … जब ये तुम्हारी चूत में जायेगा तो ये तुम्हें परम सुख देगा. मगर उससे पहले तुम्हें इसको अपनी चूत चुदाई के लिए उकसाना होगा. आओ मैं तुम्हें इसको उकसाने का तरीका बताता हूं.
अपने कदम बढ़ा कर रमेश बेड के एक छोर पर बैठ गया और उसने अपनी जांघें फैला लीं.

बेड पर बैठ कर रमेश ने कहा- आओ रश्मि, तुम्हारा परिचय अपने लंड से करवाता हूं. तुम्हें लंड को चूसना सिखाता हूं. एक बार तू सीख गयी तो तेरे ग्राहक तेरे आगे पीछे घूमा करेंगे. हमेशा तुझसे खुश रहेंगे. लड़की के मुंह का कमाल मर्द को बहुत पसंद आता है.

रमेश के कहने पर रश्मि शरमाती हुए उसके सामने अपने घुटनों पर बैठने लगी।
रमेश- पैंटी उतार कर बैठ बेटी!

न जाने रमेश के मुंह से कैसे ये ‘बेटी’ शब्द निकल गया. शायद अपने दोस्त रवि की बेटी में उसको अपनी बेटी रिया ही नजर आ रही थी.
मगर उसने तुरंत बात को बदलते हुए कहा- मेरा मतलब है पैंटी उतार कर बैठो रश्मि।

बात पलट कर रमेश ने खुद उसकी पैंटी को नीचे खिसका दिया और बोला- हां अब बैठ जा और जैसा मैं कहूं करना। शुरुआत में थोड़ा गंदा लगेगा मगर तू सही ढंग से कोशिश करेगी तो कामयाब हो जाएगी.

रमेश की बात सुन कर वो वापस अपने घुटनों पर बैठ गयी. अपने सिर को नीचे झुकाते हुए उसने लंड की एक्सट्रा लेंग्थ पर गौर किया. जिसे देख कर रश्मि के मन में एक ही बात आई- अद्भुत!

रश्मि- अंकल पहले क्या करूं?
उसने अपने होंठ लंड के सुपारे पर टिकाते हुए पूछा।
रमेश- पहली बात तो ये कि तू मुझे अंकल बोलना छोड़ दे. और इस तपते हुए लौड़े को मुंह खोल कर अपने मुंह में भर ले. स्सस … इतनी देर से अपने होंठ मेरे लंड के टोपे पर छुआ कर बैठी है, जान निकालेगी क्या? फटाफट चूस इसे.

बार-बार अंकल शब्द सुन कर रमेश खीजने लगा था. उसे रश्मि के बचपने पर भी गुस्सा आया कि साली यहां पर रंडी बन कर चुदने आई है और इसे लंड चूसना भी नहीं आता. या तो ये लड़की बहुत ही शातिर है या फिर मुझे ही चूतिया बना रही है.
 

Rakesh1999

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अपनी जीभ बाहर निकाल कर रश्मि लंड के टोपे पर गोल-गोल घुमाने लगी. वैसे थी तो वो भी चालू लेकिन रमेश की बातों में खो कर उसे बचपना सूझ रहा था।

कुछ देर टोपे पर अपनी जीभ का खुरदरा अहसास दे कर वो लंड की टिप से चाटती हुई टट्टों की तरफ बढ़ने लगी. एकदम स्लो मोशन से उसने रमेश की गांड का छेद सिकुड़वा दिया. टट्टों पर उगे बालों को दाँत में भींच कर उसने टट्टों में गुदगुदी पैदा की और बारी बारी दोनों बॉल्स को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.

रमेश सिसकार उठा- आह्हह … साली रांड … तू तो सब जानती है, मेरे सामने नाटक कर रही थी? नौटंकी कहीं की! आह्ह .. चुसाई की असली शुरूआत तो जड़ से ही शुरू होती है.
रमेश की बात का मतलब साफ था कि रश्मि लंड चूसने में एक्सपर्ट थी.

सूजे सुपारे को होंठों में जकड़ कर रश्मि ने तेज़ी से उसे चूसना चालू कर दिया. लंड की जड़ उसके हाथ में थी जिसे ऊपर नीचे हिला-हिला कर वो सुपाडे़ की खाल को बंद-खोल रही थी.

रमेश को देख कर वो मुस्कराती हुई अपने घुटनों पर बैठी हुई उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी और फिर एकदम से पूरा का पूरा लंड मुंह में भर कर चूसने लगी- आउमम … म्म … हम्म … उम्म मच … पुच … आह्ह … म्मम … आ … करते हुए वो मस्ती में उसके लौड़े को चूसने लगी.

मस्ती में आकर वो उसके लंड पूरा मुंह में भर रही थी. उसका लंड अब बेहद टाइट होकर एकदम से रॉड बन गया था. फिर रमेश ने रश्मि को अपनी गोद में उठा लिया. फिर उसे ले जाकर बेड पर पटक दिया.

फिर रमेश ने उसकी दोनों टाँगों के बीच में बैठ कर अपने लंड को रश्मि की चूत पर लगा दिया और धीरे-धीरे दबाव देने लगा. रश्मि के चेहरे पर मादकता बिखर रही थी. लंड की छुअन चूत पर पाकर वो अपना सब कुछ रमेश को सौंप देने के लिए उतारू हो रही थी.

रमेश ने उसके चेहरे को देखा और एकदम से धक्का लगाते हुए लंड को झटके के साथ उसकी चूत में घुसा दिया. ऐसे प्रहार से रश्मि का सारा मजा खराब हो गया क्योंकि इतना मोटा और लम्बा लंड चूत में देने के लिए एक टेकनीक की जरूरत होती है.

रश्मि की चूत दर्द से बिलबिला उठी जिसके भाव रश्मि के चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे. रश्मि की आंखों में पानी आ गया और वो रोने लगी. माना कि वो एक बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी थी मगर उसकी चूत की झिल्ली फटते ही उसने लौड़े को बाहर निकलवा दिया था.
 

Rakesh1999

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उसके बाद से लेकर और आज तक रश्मि ने फिर कभी अपनी चूत में लंड नहीं लिया था. वो केवल अपने बॉयफ्रेंड के लंड की चुसाई करके ही उसको खुश करती आ रही थी.

रमेश ने रश्मि की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये थे. वो उस पर रहम नहीं कर रहा था और रश्मि के मुंह से दर्द भरी चीखें निकल रही थीं- आह्ह आईई … अंकल … नो … प्लीज … स्टॉप … आईई मां … आह्ह निकाल लो प्लीज।

मगर रमेश उसकी नहीं सुन रहा था और लगातार उसकी चूत में धक्के लगाये जा रहा था. चुदाई ऐसे ही 10 मिनट तक चलती रही और इन दस मिनटों में रश्मि की चूत को रमेश के लंड ने खोल कर रख दिया.

अब जो धक्के उसकी चूत में लग रहे थे उनमें अब दर्द की जगह कामुक सिसकारियां उतर आई थीं- आह्ह अंकल … य्सस … हम्म … वाहह … ओह्ह … अंकल … आह्ह अंकल … गुड … आह्ह … फास्ट।

रमेश ऐसे ही चोदता रहा और फिर उसने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह के सामने कर दिया. रश्मि ने उठ कर उसके लंड को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी.

कुछ देर लौड़ा चुसवाने के बाद रमेश उठा और उसने रश्मि को लिटा कर उसके दोनों पैरों को हवा में उठा कर उसके सर के उपर मोड़ दिया. इससे रश्मि की गांड अपने आप ही हवा में उठ गयी.

अब रमेश रश्मि की गांड के छेद को उंगली से फैलाते हुए चाटने लगा।
वो सिसकारते हुए बोली- उफ्फ … यह क्या कर रहे हो? रतनलाल ने कहा था कि आप गांड नहीं मारोगे?

रमेश- चुप कर साली रंडी … पूरे पचास हज़ार दिए हैं मैंने तुझे. तेरी गांड नहीं लूँगा तो क्या तेरी माँ की गांड मारूंगा बहन की लौड़ी?
रश्मि रमेश की डांट से थोड़ा सहम गई और उसने टांगें खोल दीं और दर्द सहने के लिए खुद को तैयार करने लगी।

मस्त कुँवारी गांड देख रमेश का लंड फड़फड़ा उठा. करीब 9 इंच का लोहे के सरिया के जैसा था.
रश्मि- अंकल … यह तो बहुत बड़ा और मोटा है. ये मेरी गांड में नहीं जा पाएगा.
रमेश- रश्मि तू फिक्र मत कर. मैं आराम से करूँगा. तुझे कुछ नहीं होने दूँगा।

उसने अपना लंड रश्मि की छोटी सी गांड की तरफ बढ़ाया लेकिन पहली बार में जरा सा भी अंदर नहीं जा पाया.
तभी रमेश बोला- रश्मि … थोड़ा चूसकर और गिला कर न इसे?

रश्मि ने अपने हाथों से रमेश के लंड को मुँह में लिया और उसके आंड सहलाने लगी।
रमेश- आह्ह्ह ,.. साली दिल कर रहा है कि तुझे पट्टा डालकर अपने पास ही पालतू कुतिया बनाकर रखूँ. आह्ह्ह … सेक्स की गुड़िया है रे तू … मेरी रानी।

उसके बाद रमेश ने रश्मि को आराम से बेड पर लिटा दिया। रश्मि सोच रही थी कि जो हालत पिछली बार चूत की हुई थी, फिर से वही हालत अब मेरी गांड की होने वाली है। रश्मि अपने बाप की उम्र के अंकल से गांड मरवाने जा रही थी।
 

Rakesh1999

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रमेश के लंड के टच करते ही रश्मि की गांड में सिरहन होने लगी। रश्मि बुरी तरह तड़प रही थी। रमेश दो मिनट तक रश्मि की गांड को अपने लंड से सहलाता रहा. फिर उसने रश्मि की गांड पर थूक लगा कर हल्का सा ज़ोर लगाया.

रश्मि- आहह्ह्ह … मम्मी … उफ्फ्फ … अंकल … प्लीज़ … धीरे धीरे!
उसकी चीख निकल गई.

रमेश का लंड अन्दर नहीं जा रहा था। उसने कहा- शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन फिर ठीक हो जाएगा।
रश्मि- ओके. लेकिन अंकल प्लीज़ आराम से करना।

रमेश ने ज़ोर से अन्दर डाला तो उसका आधा लंड रश्मि के अन्दर जैसे कुछ चीरते हुए अन्दर घुसता चला गया.
रश्मि की आँखों में आँसू आ गए- आह … मैं मर जाऊँगी अंकल … प्लीज़ निकालो … बहुत दर्द हो रहा है … उम्म्ह … अहह… हह … याह … ओफ्फ.. मम्माआ.. आहह … मम्मी … आइई.. सीईईई।

दर्द में कराहते हुए रश्मि गिड़गिड़ाने लगी मगर रमेश नहीं माना. उसने रश्मि के मम्मों पर अपने होंठ लगा दिये और धक्के मारने लग गया. रश्मि छटपटाते हुए रोने लगी.

वो दर्द में कराहते हुए बोल रही थी- आआआ अंकल … बहुत मोटा है आपका लं. लंड.. आआ … ओह्ह … मेरी तो गां.. गांड फट ही जायेगी … आईई मां … फट गयी … ऊह्हह आह्ह … ईईस्सस … स्सस।

रमेश रगड़ रगड़ कर रश्मि की गांड मारता रहा. रश्मि उसका लंड अपनी गांड में लेते हुए चिल्लाती रही. कुछ देर की गांड चुदाई के बाद रश्मि को भी अच्छा लगने लगा.

अब रश्मि भी मस्ती में आकर अपनी गांड को उठा उठा कर चुदवाना शुरू कर चुकी थी. रमेश को भी अब उसका साथ मिलने के बाद उसकी गांड चुदाई करने में और ज्यादा मजा आ रहा था.

कुछ देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद रमेश ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया. उसने लंड को निकाल कर रश्मि के मुंह में ठूंस दिया. रश्मि ने आनंद लेते हुए उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया.

उसके बाद रमेश सीधा होकर बेड पर लेट गया और रश्मि ने उठ कर अपनी गांड का छेद रमेश के तने हुए लौड़े के टोपे पर अच्छी तरह से रख कर सेट कर लिया.

धीरे धीरे वो अपना भार उसके लंड पर बढ़ाने लगी और सरक सरक कर रमेश का लंड रश्मि की गांड को चौड़ी फाड़ता हुआ अंदर घुसने लगा. रश्मि ने बैठते हुए पूरा लंड अपनी गांड में समा लिया.
 

Rakesh1999

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अब वो खुद ही रमेश के लंड पर कूदते हुए चुदने लगी. अपनी चूचियों को मसलते हुए वो सिसकारने लगी- आह्ह … यस्सस … आह्ह … ओह्ह … याहह … आह्ह … वाऊ … अम्म … ओहह … करते हुए वो चुदने लगी.

कुछ ही देर के बाद अब रमेश का वीर्य निकलने को हो गया.
रमेश सिसकारते हुए बड़बड़ाया- आह्ह साली कुतिया … ओह्ह … यस्स … आह्ह और चुद … पूरी चुद जा साली रंडी … आह्ह … आ रहा हूं मैं।

इतनी ही देर में रमेश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी. उसके पूरे जिस्म में झटके लगने लगे और उसने कई पिचकारी अपने वीर्य की छोड़ते हुए रश्मि की गांड को अपने वीर्य से भर दिया.

रश्मि अपने हाथ को अपनी गांड पर ले गयी और उंगली से रमेश का वीर्य निकाल कर चाटने लगी.
वो बोली- हम्म … टेस्टी है. बहुत टेस्टी है आपका माल तो अंकल।

रमेश- हम्म … लौड़े को माल भी तो खिलाता हूं मैं. फिर इसका माल कैसे टेस्टी नहीं होगा! तेरे जैसी चूत पाकर तो ये पूरा बेकाबू हो जाता है और ऐसा ही गाढ़ा गाढ़ा मजेदार माल फेंकता है. बोल रंडी.. और पीना चाहेगी क्या इसका माल?
रश्मि- बेशक़।

वो बोला- तो फिर ठीक है. तुम्हें दोबारा से मेरे पास चूत और गांड चुदवाने के लिए आना होगा.
रश्मि- अंकल मैं तो आपकी दीवानी बन गयी हूँ. जब बुलाओगे मैं चली आऊंगी.
रमेश- अच्छा इतना पसंद आया मेरा लंड तुम्हें?
रश्मि- बिल्कुल अंकल।

उस रात रमेश ने रश्मि को किसी गली की कुतिया की तरह रात 3 बजे तक अलग अलग पोजीशन में चोदा. उसकी चूत और गांड का बाजा बजा दिया. फिर दोनों एक दूसरे के साथ लिपट कर सो गये.

सुबह ही दोनों की आंख खुली. रश्मि फ्रेश होने गयी और कुछ देर के बाद बाहर आयी. वो अपने कपड़े पहनने लगी.
रमेश- अपनी ये ब्रा-पैंटी यहीं पर छोड़ देना.
रश्मि- क्यों? आप क्या करोगे मेरी ब्रा-पैंटी का?

रमेश- मुझे चुदाई के बाद तुम जैसी रंडियों की ब्रा और पेंटी कलेक्ट करने की आदत है. एक बार मेरे सामने अगर किसी औरत की ब्रा और पैंटी उतर जाती है तो फिर उस पर मेरा अधिकार हो जाता है.
 
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