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Incest बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाडीन (Completed)

Rakesh1999

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रमेश मन ही मन सोचता है ‘रन्डी तुझे झूठी कसम खाने की कोई जरूरत नहीं, मैं तुम दोनों सहेलियों के रन्डीपन को जान गया हूँ।’

तभी रेहाना बोली- अंकल मुझे माफ़ कीजिये. मैं जा रही हूँ. यह बात आप किसी को नहीं बताइयेगा।

रेहाना का हाथ पकड़ कर खींचते हुए रमेश बोला- अरे कहाँ चली, जिस काम के लिए पैसे लिये हैं उसे पूरा तो करती जा?
रेहाना- नहीं अंकल, यह गलत है. मैं आपके पैसे लौटा दूंगी।

रमेश- तुम पैसे तो लौटा दोगी, मगर मेरा मूड जो अभी किसी को चोदने का कर रहा है उसका क्या?
रेहाना- अंकल मैं आपकी बेटी की सहेली हूँ, बिल्कुल आपकी बेटी की ही तरह!

हंसते हुए रमेश बोला- हां, मगर करती तो तू भी धंधा ही है ना!
रेहाना- अंकल, मैं आपके साथ कैसे … नहीं … अंकल।
रमेश- कैसे मतलब? मैं यहाँ तुम्हारा कस्टमर हूँ. तुम मेरे साथ भी वैसा ही रेस्पोन्स दो।
रेहाना- मगर अंकल?

रमेश ने रेहाना के होंठों पर अपनी उँगली रखते हुए कहा- श्श्शस् स… सोचो मत रेहाना. यह तुम्हारा काम है और एक अच्छी रंडी को किसी के बारे में ज्यादा सोचने की कोई जरूरत नहीं होती।
रेहाना- मगर अंकल!

रमेश- अगर मगर कुछ नहीं. अब मान भी जाओ ना डार्लिंग।
रेहाना- ठीक है अंकल जैसी आपकी मर्ज़ी. मैं अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करूंगी. ऊपर वाला मुझे माफ करे।

रमेश- अरे इतना अच्छा काम करती हो, ऊपर वाला नाराज़ होगा भी क्यों? वह तो तुम्हें माफ़ करेंगे ही।
रमेश की बात पर रेहाना जोर-जोर से हंसने लगी.

रमेश- हां … हंसी तो फँसी।
रेहाना- आप जैसा तजुरबे वाला आदमी हो तो कोई भी लड़की पट जाए. फिर मैं कैसे ना फंसती?

रेहाना को अपनी ओर खींचते हुए रमेश बोला- आ जा आज तेरी इस चूत और गांड का स्वाद भी चख लूँ।
रेहाना- एक बार चख कर तो देख लो अंकल, कसम से बार-बार इस लड़की को याद करोगे।

रमेश- अच्छा तो यह बात है।
रमेश ने रेहाना की कुर्ती को उपर उठा कर उसके बदन से निकाल दिया और सीधे उसकी ब्रा में कसे बूब्स को अपने हाथ में ले कर दबाने लगा।

फिर रमेश अपना हाथ रेहाना के आगे ले गया और उसके ब्रा के हुक को खोल दिया. रेहाना के बूब्स आजाद हो गये. रमेश ने उसे सोफे पर पटक दिया.

रेहाना सोफे पर बैठ गयी. रमेश ने उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया और उसके बूब्स को सहलाते दबाते हुए उसको चूसने लगा. दोनों एक दूसरे में खो गये.

कुछ देर होंठों को चूसने के बाद रमेश नीचे खिसक गया और उसके चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा- उम्म … पुच … पुच … आह्ह … ऊंह … हम्म … आह्ह … क्या बूब्स हैं तेरे रेहाना. बहुत मस्त चूची हैं यार।

रमेश के हाथ रेहाना की सलवार को खोल कर उसकी पैंटी को खींचने लगे. रेहाना ने गाडं उठा कर पैंटी निकालने में मदद की. रेहाना नंगी हो गयी. रमेश ने उसे उठाया और सोफे पर झुका लिया.
 

Rakesh1999

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रेहाना की गांड रमेश के सामने थी. रमेश ने अब रेहाना की गांड पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा कर चाटता हुआ उसकी Xxx बूर को भी चाटने लगा.

चूसने चाटने की आवाजें होने लगीं- ऊम्म … हम्म … ऊउहह … याल्ला … चाटो अंकल, आह्ह मजा आ रहा है. हाह … और चाटो अंकल … आई लव यू अंकल … मेरी चूत आह्ह … चूस लो इसे.

रेहाना बेकाबू हो चली थी. फिर रमेश उठा और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
रमेश के लंड को देख कर रेहाना हैरानी से बोली- बाप रे! इतना बड़ा और मोटा! इस उम्र में भी इतना टाइट खड़ा है?

रमेश- रंडी तू भी पड़ गयी न हैरत में? अरे मैं तो अभी भी तेरी जैसी रंडियों को पानी पिला दूं।
रेहाना- क्यों और कौन हैरत में पड़ गयी आपके करारे लंड को देख कर?
रमेश- थी एक तेरी ही जैसी रंडी … साली कुतिया। चल यह सब छोड़ और इसे चूसना शुरू कर!

रेहाना रमेश को देख कर मुस्कराई और सोफे से नीचे आकर अपने घुटनों पर बैठ गयी. रमेश का लंड हाथ में लेकर उसने मुंह में भर लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद रमेश ने उसे गोद में उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया. उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ कर उसने अपने लंड को रेहाना की Xxx बूर पर लगा दिया और धीरे धीरे घुसाते हुए पूरा लंड उसकी चूत उतार कर धक्के मारने लगा.

रेहाना मजे में सिसकारियां लेने लगी- आह्ह अंकल … ऊउउ … आह्ह … हम्म … फक मी … आह्ह … चोद दो अंकल।
कई मिनट तक वो रेहाना की चूत में धक्के लगाता रहा और फिर उसने लंड निकाल लिया. लंड को उसने रेहाना के मुंह के सामने कर दिया और रेहाना उसको मुंह में लेकर चूसने लगी.

फिर रमेश ने रेहाना को लिटा कर उसके दोनों पैरों को हवा में उठा कर उसके सिर के ऊपर मोड़ दिया और रेहाना की गांड अपने आप हवा में उठ गयी. अब रमेश खड़ा हो गया और अपना लंड रेहाना की गांड के छेद पर लगा कर पूरा उसकी गांड में उतार दिया. वो बिना देर किये धक्के मारने लगा.

रेहाना अब मजे से रमेश के लंड से अपनी गांड चुदाई का मजा लेने लगी. रमेश रगड़ रगड़ कर रेहाना की गांड मारता रहा और रेहाना चिल्ला चिल्ला कर मजा लेती रही.

वो इतनी चुदासी हो गयी कि उसने रमेश को नीचे पटक लिया और खुद ही उसके लंड के ऊपर बैठ कर उसके लंड पर कूद कूद कर चुदने लगी- आह्ह … ओह्ह यस बेबी … आह्ह फक मी … आह्ह उम्म … आह्ह … मर जाऊंगी मैं … हह याल्ला।

उसका ऐसा रूप देख कर रमेश भी अपने वीर्य वेग को नहीं रोक सका और उसने पांच मिनट में ही अपना सारा वीर्य रेहाना की गांड में खाली कर दिया. रेहाना अपनी उंगली से रमेश के वीर्य को गांड से निकाल निकाल कर चाटने लगी.

रेहाना- उम्म … बहुत टेस्टी है अंकल.
रमेश- और पीना चाहोगी?
रेहाना- बेशक।
रमेश- उसके लिए तुम्हें मुझसे दोबारा चुदने के लिए आना होगा।

वो बोली- अंकल मैं तो आपकी दीवानी बन गयी हूँ. जब बुलाओगे चली आऊँगी।
रमेश- अच्छा इतना पसंद आया मेरा लंड तुम्हें?
रेहाना- बिल्कुल।

उस रात रमेश ने रेहाना को किसी गली की कुतिया की तरह रात 3 बजे तक चोदा और अलग अलग पोजीशन में उसकी गांड मारी. उसके बाद वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
 

Rakesh1999

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सुबह ही दोनों की आंख खुली. रेहाना बाथरूम से फ्रेश होकर आयी और अपने कपड़े पहनने लगी.
रमेश- अपनी ब्रा और पैंटी रहने देना यहीं पर।
रेहाना- मतलब?

रमेश- मुझे चुदाई के बाद तुम जैसी रंडियों की ब्रा और पेंटी कलेक्ट करने की आदत है. एक बार मेरे सामने अगर किसी औरत की ब्रा और पैंटी खुल गयी तो खुल गयी। फिर वो मेरी हो जाती है.

रेहाना- अच्छा तो यह बात है, मगर मैं घर कैसे जाऊँगी?
रमेश- घर क्या तुम ब्रा और पेंटी में जाओगी? चुपचाप अपने ऊपर के कपड़े पहनो और चली जाओ।

वो मुस्करा कर उसके पास आई और उसका फोन उठा कर नम्बर लगाने लगी.

रमेश- किसको फोन लगा रही हो?
रेहाना केवल मुस्करा दी.

तभी रेहाना के फोन पर रिंग बजी और रमेश से बोली- यह मेरा नम्बर है. जब भी आप मुझे बुलाना चाहो, मुझे डायरेक्ट फोन कॉल कर देना. मैं चली आऊंगी.

रमेश भी मुस्करा दिया.
फिर रेहाना ने रमेश को उसका फोन वापस किया और कपड़े पहन कर जाने लगी और जाते हुए बोली- ये बात किसी को बताना नहीं.
फिर वो रूम से निकल गयी.

फिर रमेश भी कपड़े पहन कर वहां से निकल गया और घर पहुंचा.
दरवाजा रिया ने ही खोला.

रमेश ने रिया को देख कर एक शैतानी मुस्कान दी और उसके गले लगाते हुए बोला- गुड मॉर्निंग डार्लिंग!
रिया- गुड मॉर्निंग।

रमेश- पता है आज मैं बहुत खुश हूँ. मुझे कुछ नया मिला है।
रिया रमेश की बात सुनकर उलझन में पड़ गयी और बोली- क्या?
रमेश- यह तो सरप्राइज है. मैं आकर बताऊंगा. तब तक इंतज़ार करो।
रमेश मुस्कराते हुए अपने कमरे में चला गया.

रिया रमेश की बातें सुन कर सोच में पड़ गयी.

तभी उसका फ़ोन बजा.
रिया- हाँ बोल रेहाना, इतनी सुबह-सुबह कैसे याद किया?
रेहाना- मुझे तुझसे मिलना है।
रिया- ठीक है 1 घंटे में आती हूँ तेरे घर पर!

रेहाना- मुझे तुझसे अभी मिलना है।
रिया- अभी?
रेहाना- हाँ अभी, बहुत ही अर्जेंट काम है।
रिया- अब इतना भी अर्जेंट क्या है, तू मुझे फ़ोन पर ही बता दे।
रेहाना- अरे यार, यह फ़ोन पर बताने वाली बात नहीं है।

रिया- ऐसा भी क्या है जो तू मुझे फ़ोन पर नहीं बता सकती. जब हम फ़ोन पर अपने बिज़नेस की बातें कर सकते हैं तो फिर उससे बड़ी और क्या बात हो सकती है?
रेहाना- उससे भी बड़ी बात है।
रिया- अच्छा तब तो मुझे अभी जानना है कि ऐसा क्या है?

रेहाना- नहीं, तू मुझसे मिल पहले, तभी बताऊंगी।
रिया- नहीं, तू अभी बता।
रेहाना- नहीं, तू मिल तो सही।
रिया- रेहाना, तुझे तेरी बिज़नेस की कसम तू अभी बता।

खीझकर रेहाना बोली- साली तू बहुत ज़िद्दी है. ऐसे नहीं मानेगी. ठीक है अभी तू कहाँ है?
रिया- घर में।
रेहाना- पहले तू घर से कहीं बाहर निकल तब बताऊँगी।
रिया- ओहो! यार क्या ड्रामा है ये, लोचा क्या है बताएगी मुझे? चल ठीक है आती हूं. रुक।

रति को आवाज देते हुए रिया बोली- मां, मैं गार्डन में हूं.
रति- ठीक है बेटा।
रिया गार्डन में गयी और फिर से रेहाना से बात करने लगी.
रिया- हां अब बोल, क्या बात है?
 

Rakesh1999

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रेहाना- पहले तू प्रोमिस कर मेरी बात का बुरा नहीं मानेगी.
रिया- नहीं मानूंगी. अब बतायेगी भी कि क्या बात है?
रेहाना- वह तो तुझे पता है ना कि कल रात रत्न लाल ने मुझे किसी कस्टमर के पास भेजा था।

रिया- हाँ तो क्या?
रेहाना- रिया वह कस्टमर कोई और नहीं, तेरे डैड रमेश अंकल ही थे।
रिया यह सुन कर चौंक गयी और नाटक करते हुए बोली- रेहाना, तू होश में है ना?

रेहाना- मैं सच बोल रही हूँ, कसम से!
रिया- रेहाना, कहीं तू डैड से चुदी तो नहीं?
रेहाना- सॉरी यार, रमेश अंकल की बातों में आकर मैं उनसे चुद गयी।

रिया- रेहाना, यह तू क्या बोल रही है?
रेहाना- हाँ रिया, उन्होंने मुझे जमकर चोदा और तो और सुबह मेरी ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनने दी और मेरी ब्रा और पैंटी उन्होंने खुद ही रख ली।
रिया-क्या? अच्छा, ऐसा क्या?

रेहाना- वह तेरे बारे में भी पूछ रहे थे।
रिया- क्या? तो फिर तूने उन्हें कुछ बताया तो नहीं?
रेहाना- नहीं रिया, मगर अब तू ज़रा संभल कर रहना और कहीं भी जाने से पहले अपने कस्टमर के बारे में जान लेना।

रिया- हे भगवान! यह तूने क्या कर दिया?
रेहाना- अब जो होना था सो हो चुका. मगर एक बात तो है. अंकल बूढ़े जरूर हो गए हैं लेकिन उनके लंड में आज भी इतनी ताक़त है कि जवान लड़कियों को भी पानी पिला दें। हाय कितना मोटा था उनका लंड!

रेहाना की बात पर रिया खुश हो गयी और नाटक करते हुए बोली- तू पागल हो गयी है क्या?
रेहाना- हाय … अगर ऐसा लंड तुझे भी मिलता ना, तो तू भी पागल हो जाती।
रिया- चुप साली रंडी!

रेहाना- अब जो भी बोल ले तू, मुझे तो बहुत मजा आया. मैंने तो उन्हें अपना नम्बर भी दे दिया. जब चाहे बुला लें।
रिया- छी …

रेहाना- चल मेरा काम था तुझे बताना सो मैंने बता दिया. तू ज़रा ध्यान देना. बाय. अब रखती हूँ।
रिया- बाय!
इतना कह कर रेहाना ने फोन रख दिया.
 

Rakesh1999

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रिया गार्डन की बेन्च पर बैठ कर सोच में पड़ी गयी- हे भगवान, डैड रेहाना तक भी पहुँच गए। यह तो बहुत बुरा हुआ। रेहाना जैसी मिडिल क्लास रंडियों पर डैड कहीं अपनी सारी दौलत ही ना लुटा दें। हे भगवान अब मैं क्या करूं, कैसे डैड को रोकूँ?

उधर रमेश अपने कमरे से फ्रेश होकर निकला. वो सीधे किचन में जा कर रति से बोला- जानू, रिया बेटी किधर है?
रति- वह गार्डन में है।
रमेश- गार्डन में! जरा मैं भी गार्डन की फ्रेश हवा लेकर आता हूँ।

रमेश गार्डन में जा पहुँचा. रिया की नज़र अचानक रमेश पर गयी.
रमेश रिया के पास जाकर बोला- क्यों री रंडी? सुबह-सुबह गार्डन की हवा खा रही है।

रिया सीधे मुद्दे पर आते हुए बोली- पापा तुमने रेहाना से भी Xxx कर लिया?
रमेश हँसता हुआ बोला- ओह … तो उस रंडी ने तुझे सब पहले ही बता दिया?
रिया- हाँ डैड, मगर आप ऐसा क्यों कर रहे हो? वह अच्छी लड़की नहीं है।

रमेश- तो क्या तू है अच्छी लड़की?
रिया- वह बात नहीं है डैड, वह एक मिडल क्लास लड़की है. वह आपसे आपके पैसे पाना चाहती है।

रमेश- मेरे पैसे हैं. मैं चाहूं जिस पर उन्हें लुटाऊँ, तुझे उससे क्या? हां, अगर तुझे मेरी दौलत पानी है तो तू हाँ बोल दे और चुद जा मुझसे. बोल पापा Xxx करेगी?
रिया- नहीं।

रमेश- ठीक है मैं तुझे मालामाल कर दूंगा. मुंह मांगी रकम दूंगा, मगर 10 दिन तक तुझे दिन रात चोदूंगा, बोल चुदेगी?
रिया- नहीं।
रमेश- 10 लाख दूंगा। चुदेगी?

इस बार रिया सोच में पड़ गयी- क्या करूं? हां कर दूं? नहीं नहीं … एक ना एक दिन यह सारी दौलत मेरे ही नाम होने वाली है। मगर कहीं डैड ने सारी दौलत रेहाना जैसी रंडियों के आगे लुटा दी तो? नहीं नहीं … वे ऐसा नहीं कर सकते।

रमेश- बोल, चुप क्यों हो गयी?
अचानक ही रिया के मुंह से निकला- हां, मैं तैयार हूं.
रमेश खुश हो गया और बोला- ठीक है, मगर मेरी एक शर्त भी होगी.
रिया- कैसी शर्त?

वो बोला- तुझे पूरे समय घर पर नंगी ही रहना होगा. तू कभी भी, किसी भी समय बिना मेरी मर्जी के एक भी कपड़ा नहीं पहन सकती और तुझे मेरा एक काम भी करना होगा।

जिस दिन मेरा काम पूरा कर देगी उसी दिन तेरा 10 लाख वाला चेक पास हो जाएगा और तू इस ड्यूटी से भी आज़ाद हो जाएगी।
रिया- मुझे क्या करना होगा?

रमेश- तू एक रंडी है तो तुझे रंडी वाला ही काम करना होगा। तुझे एक लड़की को रंडी बनाना होगा और तुझे आज के बाद सिर्फ मेरी रंडी बन के रहना पड़ेगा। तेरे सारे खर्च मैं दूँगा।
रिया- क्या?
रमेश- हां, ठीक सुना तूने। तुझे एक लड़की को रंडी बनाना होगा।
 

Rakesh1999

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रिया- लेकिन आपकी उस लड़की से क्या दुश्मनी है? इससे आपको क्या फायदा होगा?
रमेश- मेरी उससे कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन अगर हम लोगों को इस शहर में रहना है तो तुझे ये काम करना ही पड़ेगा. नहीं तो हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ जाएंगी।

वो बोली- ठीक है, लेकिन आप ठीक से बताओ. आपकी बात मेरी समझ में नहीं आ रही?
रमेश- ठीक है। देखो मेरे दोस्त से तुम मिल ही चुकी हो, लेकिन उसे पता नहीं है कि तू मेरी बेटी है. जिस दिन उसे पता चल गया और उसने किसी को बता दिया तो हमारा इस शहर में रहना मुश्किल हो जाएगा।

आगे बताते हुए रमेश बोला- उसकी एक ही बेटी है रश्मि। बस तुझे अपनी साथी रंडियों और दलालों से मिलकर रश्मि को एक रंडी बनाना है और मेरे लिए बुक करना है। जिस दिन ये लड़की मेरी बांहों में होगी उस दिन तू फ्री हो जाएगी।

रिया- ठीक है. मुझे मंज़ूर है।
रमेश- आज से ही शुरू करते हैं। चल रूम में चल साली रंडी और नंगी हो जा।

रिया- नहीं यह नहीं हो सकता।
रमेश- तो फिर 10 लाख भूल जा।

रमेश को समझाते हुए वो बोली- मगर मैं घर में नंगी कैसे रह सकती हूं? मां भी तो है!
रमेश- तू उसकी फिक्र मत कर. मैं संभाल लूंगा।

रिया फिर बहाना बनाते हुए बोली- मगर मेरे पीरियड्स के टाइम?
समस्या देख कर रमेश बोला- हम्म … उस समय तू सिर्फ एक छोटी सी पैंटी पहन लेना और उन दिनों की भरपाई तू अगले कुछ दिनों में कर देना। वैसे भी तेरे पास तेरा मुंह और गांड भी तो है, मैं उससे भी काम चला लूंगा.

रिया- अगले कुछ दिनों में से क्या मतलब है आपका? मतलब टाइम से ज़्यादा?
रमेश- हाँ बस तीन चार दिन।
रिया- नहीं, उसके अलग से चार्ज लगेंगे।

रमेश- देख रंडी, यह पीरियड्स तेरी प्रॉब्लम है. तू ही इसे समझ. मैं तुझे पूरे दिनों के पैसे दे रहा हूँ. अगर सिर्फ तीन चार दिनों के लिए तू 10 लाख ठुकरा रही है तो तेरी मर्जी।

रिया डर गयी और बोली- ठीक है, ठीक है, मुझे मंजूर है. मगर मां का क्या?
हंसते हुए रमेश ने कहा- मैंने बोला ना … तू फिक्र मत कर।

फिर रमेश ने अपने फोन में एक नम्बर डायल किया.
रिया सोचने लगी कि कहीं डैड मेरी मां का मर्डर तो नहीं करवाना चाहते! नही-नहीं ऐसा नहीं हो सकता. मेरे डैड इतने जालिम नहीं हो सकते.

तभी दूसरी ओर से किसी ने फोन उठा लिया.
रमेश- हैलो डॉक्टर राकेश।
राकेश- हाँ रमेश, बोल।
रमेश- अरे यार तुझसे कुछ काम है।
राकेश- हाँ बोल यार।

रमेश- यार मैं चाहता था कि रति दिन भर काम करती रहती है. मेरे कितना भी कहने पर वह कोई नौकर भी नहीं रखती। अकेले बहुत थक जाती है यार मुझसे यह देखा नहीं जाता।
राकेश- तो अब क्या मैं तुम्हारे लिए नौकर ढूंढ दूं?
रमेश- अरे नहीं यार, पहले पूरी बात तो सुन।

राकेश- हाँ तो बोल।
रमेश- मैं चाहता हूँ कि वह कुछ दिनों के लिए अपने भाई के पास रानीखेत घूम आये. उसका भी जरा मन बहल जाएगा और आराम भी हो जाएगा।
राकेश- ग्रेट आईडिया … तो भेज दे।
 

Rakesh1999

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रमेश- मगर वह मानेगी नहीं। यार मेरे दिमाग में एक आईडिया है उसमें मुझे तेरी हेल्प चहिये।
राकेश- हाँ बोल।
रमेश- मैं सोच रहा था क्यों न मैं उसकी चाय में नींद की गोली मिला दूं और जब वह बेहोश हो जाए तो तुझे बुला कर उसका झूठा चेकअप करवा दूं।

राकेश- उससे क्या होगा?
रमेश- अरे यार, तू उसे किसी हिल स्टेशन जाने की सलाह दे डालना और मेरा काम बन जाएगा.
राकेश हँसते हुए बोला- साला तू बहुत बड़ा कमीना है. कहीं तू रति भाभी को बाहर भेज कर खुद के मज़े की तो नहीं सोच रहा?

रमेश- यार, बात तो कुछ वैसी ही है।
राकेश- ठीक है, मैं तेरा काम कर दूंगा मगर बदले में मुझे तेरी सेक्रेटरी रीता चाहिए। बहुत दिन हो गए साली को चोदे हुए।
रमेश- डन! तो कल सुबह?
राकेश- ओके डन! बाय।
रमेश- बाय।

रिया मुस्करा कर बोली- वाह क्या आइडिया है!
रमेश- चल रंडी बेटी पहले अपनी मां को नींद की गोली तो दे दे।
रिया- डैड, मगर डॉक्टर अंकल तो कल आयेंगे ना?
रमेश- मेरी रांड बिटिया, पहले माहौल तो बनाना पड़ेगा ना?

रमेश अपने कमरे से नींद की गोली ले आया और बाप-बेटी दोनों ड्राइंग रूम में आकर बैठ गये.
रमेश ने रति को आवाज लगा कर कहा- जानू, चाय ले आना.
रति- जी अभी लायी।

थोड़ी देर के बाद रति दो कप चाय ले कर आई और रमेश और रिया को दे दी.
रमेश- अरे तुम अपने लिए नहीं लायी?
रति- आप लोग पीजिये. मैं बाद में पी लूंग़ी।
रमेश- नहीं, जाओ और अपने लिए भी ले कर आओ।

रमेश के बार-बार ज़िद करने पर रति अपने लिए भी चाय ले आई और बैठ गयी. तभी रिया ने रति को अपनी बातों में उलझा कर उसका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. रमेश ने चुपके से दो गोली रति की चाय में डाल दीं.

फिर चाय पीते हुए तीनों बातें करने लगे. रमेश और रिया दोनों ही रति की ओर देख रहे थे कि क्या रिएक्शन होने वाला है.
रति बोली- मुझे बहुत काम है. मैं जा रही हूं.
वो उठ कर जाने लगी.

रमेश और रिया हैरान हो रहे थे कि प्लान तो कामयाब होता नहीं दिख रहा. तभी किचन की ओर जाते जाते रति बेहोश होकर नीचे गिर गयी.
थोड़ी देर बाद रति को होश आया और उसने देखा कि वह अपने रूम में अपने बेड पर लेटी है.

रमेश- तुम ठीक तो हो ना? मैं अभी डॉ. राकेश को फ़ोन लगाता हूँ।
रमेश फोन लगाने ही वाला था कि रति ने उसका हाथ पकड़ कर कहा- नहीं, डॉक्टर की जरूरत नहीं है, मैं ठीक हूं.
रमेश- नहीं, मैं तुम्हारी कोई बात नहीं सुनूंगा. आखिर तुम बेहोश कैसे हो गयी?

रति- अरे कुछ नहीं हुआ मुझे. मैं बिल्कुल ठीक हूँ. जाने दो।
रमेश- जाने कैसे दूं?
रति- जानू प्लीज … तुम्हें मेरी कसम।

रमेश रुक गया.
रिया रमेश की ओर देखने लगी.
दोनों ही मंद मंद मुस्करा रहे थे.
 

Rakesh1999

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वो दिन ऐसे ही गुजर गया लेकिन अगले दिन भी यही वाकया हुआ. आज रिया खुद चाय बना कर लाई. उसने खुद ही गोली चाय में डाल दीं. रति फिर से बेहोश हो गयी.

जब उसकी नींद खुली तो उसने खुद को बेड पर पाया मगर इस बार डॉ. राकेश भी वहां मौजूद थे.
रमेश रति से बोला- तुम ठीक तो हो ना?
रति- हाँ मै ठीक हूँ लेकिन पता नहीं मुझे क्या हो जा रहा है कल से!

डॉ राकेश- भाभी जी, मैं तो राय दूँगा कि आप 10-15 दिन किसी हिल स्टेशन पर जाकर रेस्ट कर लीजिए। आपको आराम की जरूरत है।

रमेश- अगर ऐसा है तो फिर ठीक है. मैं कॉल कर देता हूं. तुम्हारे भाई आकर तुम्हें ले जाएंगे क्योंकि उनका घर रानीखेत में है इसलिए तुम्हारी छुट्टी भी हो जाएगी और तुम्हें रेस्ट भी मिल जाएगा. फिर 10 दिनों के बाद मैं तुम्हें बुला लूंगा।

डॉक्टर राकेश अपने घर चला गया और रमेश ने रति के भाई को कॉल कर दिया. रिया के मामा आये और अपनी बहन रति का हालचाल पूछने लगे. सारी बता पता चलने पर वो रति को रानीखेत ले गये.

अब घर पर रिया और रमेश ही रह गये.

रमेश रिया से बोला- देख ले, अब से तू सिर्फ एक रंडी है और तेरा काम मेरी सेवा करना है. इन 10 दिनों में मैं जो कहूंगा वह तुझे करना होगा क्योंकि मैंने तुझे 10 लाख रुपये दिए हैं. जब 10 दिन तू मुझे खुश कर देगी तभी तेरा 10 लाख का चेक पास होगा.

यह कहते हुए उसने चेक रिया को दे दिया और एक एग्रीमेंट भी साइन करवा दिया जिसमें बहुत सारी शर्तें लिखी हुई थीं. रिया ने एग्रीमेंट पेपर पढ़ा जिसमें बहुत सारी गंदी गंदी शर्तें भी लिखी हुई थी.

उसे देख कर रिया ने रमेश से कहा- इसमें तो बहुत सारी गंदी गंदी शर्तें लिखी हुई हैं।
रमेश- देख साली रंडी, तू एक रांड है. तुझे मेरी सारी गंदी गंदी फेंटेसी पूरी करनी पड़ेंगी। मैं फ्री में तुझे 10 लाख नहीं दे रहा. इसके लिए तुझे दुनिया की सबसे बड़ी रंडी भी बनना पड़ सकता है। तुझे ऐसे ऐसे काम भी करने पड़ेंगे जो रंडी भी नहीं कर सकती है। मैं तुझे बताऊंगा कि रंडी की औकात क्या होती है, तुझे रंडी बनने का बहुत शौक है ना? मैं तुझे ऐसी रंडी बनाऊंगा जैसी आज तक किसी ने नहीं बनाई होगी।

रिया- मुझे मंजूर है। मैं आपकी सभी फैंटेसी पूरा करूँगी लेकिन मुझे टाइम चाहिए।
रमेश- ठीक है। अब से तेरा काम शुरू हो जाता है. तुझे धीरे धीरे एक-एक करके अपने कपड़े उतारने हैं और मैं तेरा वीडियो बनाऊंगा. मेरा जब मन करेगा, जैसे मन करेगा वैसे तुझे चोदूंगा और उसका वीडियो भी बना सकता हूं. मैं तुझसे जो बोलूंगा वह तुझे करना पड़ेगा।

रमेश- चल अपने कपड़े उतार और कुतिया बन जा. फिर कुतिया की तरह चलकर इधर आ।
रिया कुतिया की तरह चलकर रमेश के पास आ गयी. रमेश ने अपने दोनों पैर जूते समेत रिया की पीठ पर रख दिये. कुछ देर रेस्ट करने के बाद रमेश ने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और रिया को अपना लंड चूसने का इशारा किया.
 

Rakesh1999

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रिया कुतिया बने हुए ही अपने बाप का मोटा लंड अपने मुँह में भरकर चूसने लगी.
रमेश- आह साली रंडी … चूस साली कुतिया. आह्ह कितना गर्म मुंह है तेरा … चूस साली रांड.. कितना मस्त लंड चूसती है तू … आह्ह चूस जा पूरा.
रिया- आह डैड … तुम्हारा लंड कितना मस्त है! बहुत मजा आता है मुझे इसे चूसने में … आह्ह … उम्म … मच … मच … अम्म … आह्ह।

रमेश रिया के पास गया और उसके बालों को आगे से खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिये और उनको किस करने लगा. थोड़ी देर चूमने के बाद रमेश ने रिया को अलग किया और आगे से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा. फिर झुक कर उसके बूब्स चूसने लगा.

फिर रमेश ने सीधे रिया को बेड पर झुका दिया. रिया ने झुक कर अपनी गांड को रमेश के सामने कर दिया और गांड का छेद खोल कर रमेश को दिखाने लगी. रमेश रिया की गांड को चाटने लगा. फिर अपनी जीभ निकाल कर रिया की गांड और चूत को चाटने लगा.

अपनी गांड और चूत चटवाते हुए रिया भी मज़े में सिसकारी लेने लगी- आह्हम … आआ … डैड … ओह्ह … माय गॉड … आआऊ … अम्म … ओह्ह जोर से।

कुछ देर ऐसे ही चाटने के बाद रमेश खड़ा हुआ और अपने लंड पर थूक लगा कर उसने रिया की गांड में लंड को लगा दिया और एक धक्के के साथ अपना लंड रिया की गांड में पेल दिया.

अचानक लगे धक्के से रिया दर्द से चीख पड़ी और कराहने लगी- आईई या … मर गयी … ऊईई मां … आह्ह डैड आराम से करना था. एक ही बार में पूरा घुसा दिया.

रमेश- साली ज्यादा नाटक मत कर. तेरी ये गाडं पूरे लंड के लंड खा जाती है. चुपचाप चुद मेरे लंड से। मैं तुझे फ्री में नहीं पेल रहा हूं. तुझे पूरी कीमत दे रहा हूं. इसलिए अपनी गांड को थोड़ी ढीली रख.

वो जोर जोर से धक्के लगाते हुए रिया की गांड को चोदने लगा. रिया भी अब मजे से सिसकारियां लेते हुए चुद रही थी. कुछ देर ऐसे ही अपनी बेटी की गांड चुदाई करने के बाद उसने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके मुंह में लंड दे दिया. रिया अपने घुटनों पर होकर उसके लंड को जोर जोर से चूसने लगी.

रमेश ने रिया के बाल पकड़ कर उसको ऊपर उठाया और फिर उसे धकेल कर नीचे फर्श पर गिरा दिया. फिर वो खुद भी नीचे लेट गया. रिया अब उसके तोप की तरह खड़े लंड पर बैठ गयी और उसने अपनी गांड में उसका लंड पूरा का पूरा अंदर ले लिया.

बाप का लंड गांड में लेकर वो उस पर जोर जोर से उछलने लगी और मस्त सिसकारियां लेने लगी- आह्ह यसस्स डैडी … उफ्फ तुम्हारा लंड डैडी, मुझे चुदने में बहुत मजा आ रहा है … आह्ह ओहह् याहहह … हम्म … वाह्हह … फक मी हार्ड डैडी।

रमेश- हां साली कुतिया … क्या मस्त गांड है तेरी … आह्ह चोद चोद कर गुफा कर दूंगा इसकी … आह्ह चुद साली रांड।
रिया लगातार रमेश के लंड पर उछलती रही और ऐसे ही 15 मिनट तक ये चुदाई चली.
 

Rakesh1999

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अब रमेश झड़ने के करीब पहुंच गया. उसने लंड को निकाला और रिया को नीचे पटक कर उसके मुंह के पास लंड को लाकर जोर जोर से मुठ मारने लगा- आह्ह साली कुतिया … आह्ह ये ले रंडी … आह्ह सस्स … आह स्स्स … करके वो तेज तेज मुठ मारने लगा.

कुछ पल बाद रमेश के लंड से वीर्य छूटने को हुआ तो उसने रिया के मुंह में लंड दे दिया और सारा माल उसके मुंह में भर दिया जिसे रिया गटक गयी. रमेश रिया के बदन पर ही ढेर हो गया.

रिया- डैड, बहुत ही टेस्टी है आपका वीर्य।
रमेश- तुझे पसंद आया?
रिया- अरे ऐसे कैसे पसंद नहीं आएगा? क्या मॉम को पसंद नहीं है?

रमेश- अरे उसे तो बहुत पसंद है मेरा वीर्य. पूरा पी जाती है. मगर साली गांड नहीं मारने देती है.
रिया- कोई बात नहीं डैड … आपकी बेटी है न? जितना मन करे उतना मेरी गांड मारो। माँ की कमी मैं पूरी करूँगी।

रिया- डैड, अपनी बेटी रिया को चोद कर कैसा लगा?
रमेश- यह भी कोई पूछने वाली बात है? तेरे जैसी बेटी भगवान सबको दे।
उस रोज रमेश ने चार बार रिया को अपने मनचाहे पोज में चोदा. रिया की चूत और गांड को चोद चोद कर उसने सुजा दिया.

फिर दोनों थक कर एक दूसरे से लिपट कर सो गये.
 
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