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कुछ ही देर में रागनी ने पूरे लोले को चाट चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया।
अपनी माँ का ये रूप देख अमन के पूरे जिस्म का खून उसके लंड की तरफ दौड़ने लगा।
अब उनका वहाँ रुकना बेकार था कामनी अपने भतीजे का हाथ पकड़ कर उसे अपने रूम की तरफ ले गई।
अब आगे-
अमन कामनी के पीछे पीछे खिंचा जा रहा था पर उसकी आंखें अभी तक अपने मम्मी पापा के रूम की तरफ ही लगी थी।
कुछ ही सेकंड में दोनों बुआ भतीजा कामनी के रूम के अंदर थे।
अंदर रूम में एक बिस्तर पर अमन की छोटी बहन सोनम सो रही थी और उसके पास ही कामनी की बेटी सो रही थी।
घर का माहौल ऐसा था कि कोई किसी के रूम में बेवजह जाता नही था इसलिए सब पूरी बेफिक्री से अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िंदगी का मज़ा ले रहे थे।
जहाँ सोनम अपने अस्त-व्यस्त कपड़ो में एक और सोई पड़ी थी।
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वंही कामनी ने तो अपनी लाडली को फ्रॉक के नीचे कुछ पहना ही नही रखा था।
कमरे में आते ही कामनी को ज़ोर की पेशाब लग गई वो अमन को रुकने का बोल कर बाथरूम में चली गई।
अब अमन अपने खड़े लोले के साथ अकेला खड़ा था।
कमरे में नाईट बल्ब की अच्छी खासी रोशनी हो रही थी।
जिसमे उसकी नज़र सुकून से सोती सोनम पर गई
ऊपर सिर्फ एक शर्ट और नीचे सिर्फ एक लाल कलर की पैंटी जो बीच में से उसकी चूत के उभरते पपोटो के बीच घुसी पड़ी थी और उसकी चूत का हर कटाव और उभार आसानी से दिख रहा था।
अमन को सोनम की चूत का उभार अचंभित कर रहा था इस उम्र में भी उसकी चूत का उभार किसी चुदी-चुदाई चूत के उभार जैसा प्रतीत हो रहा था।
अपनी सबसे छोटी लाडली बहन को इस जानलेवा रूप में देखते ही अमन के माइंड में स्कूल वाली घटना चलने लगी।
उसकी मासूम सी दिखने वाली बहन स्कूल में कैसे अपनी चूत को उस लड़के से चटवा कर मज़े ले रही थी।
और बाद में अपने घुटनों पर बैठकर कैसे उसकी माध्यम साइज की नुंनी चूस रही थी।
अमन के दिमाग में दो बातें आ रही थी या तो सोनम किसी से चुद ली या फिर उसने लड़को को चुस्वा कर चूत को सूजा लिया।
अमन ने उस दिन स्कूल में दूर खिड़की पर खड़े होकर ही अपनी छोटी बहन की चूत के दर्शन किये थे वो भी कुछ पल ही बाद में तो उस लड़के ने चूत को अपने मुँह में भर लिया था और बाद में आइस्क्रीम पार्लर में प्रीति को नंगा देखने के बाद सोनम को नंगा करने का मौका नही मिल पाया था।
पर आज उसकी लाडली बहन उसके पास उसके सामने अपनी उभरी हुई चूत को परोसे सो रही थी
वो सोनम की चूत को और करीब से देखना चाहता था।उसे महसूस करना चाहता था।
उसे छुना चाहता उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से अपने होंठों से स्पर्श करना चाहता था।
जैसे वो स्कूल का लड़का उसकी चूत को पूरा अपने होंठों में भर कर चूस रहा था बिल्कुल ऐसे ही वो भी अपनी बहन की चूत को अपने होंठों में भींच कर मज़े लेना चाहता था।
अपनी संस्कारी माँ का रंडी रूप उसके गदराए जोबन
जानमारू गाँड़ और रस से भरपूर चूत को देखकर उसका दिमाग खराब था और अब ये कच्ची कली अनजाने में ही अपनी नाज़ुक चूत के दर्शन अपने भाई को करवा रही थी।
अमन ने एक नज़र बाथरूम का बंद दरवाज़ा देखा और अगले ही पल वो सोनम के बिस्तर के पास खड़ा था उसके हाथ अपनी बहन की नाज़ुक दरार की तरफ बढ़ रहे थे।
अमन के दिल में कोई डर भी नही था सोनम अगर जाग भी जाये तो भी अपने भाई को रोक नही पाती
क्योंकि उसके भइय्या ने उसको सब घर वालो से जो बचाया था।
और उसका सीक्रेट भी अमन के पास था पास में सोई कामनी की बेटी भी गहरी नींद में थी।बस अमन को थोड़ा डर बुआ की तरफ से था क्योंकि वो किसी भी वक़्त बाथरूम से बाहर आ सकती थी पर कहते है ना जिस काम में डर हो उसको करने भी उतना ही मज़ा आता है।
अमन बेखोफ भी था और उसे बुआ का डर भी था।
उसने हाथ बढ़ा कर सोनम की चूत को पैंटी के ऊपर से टच किया आआह कितनी मुलायम और फूली हुई चूत थी उसकी छोटी बहन की धीरे धीरे वो पूरी चूत पर अपनी उंगलियां से नाप-जोख करता रहा सोनम की फूली हुई चूत को अपने सामने बस एक छोटी सी कच्छी में देखकर उसका पहले से खड़ा लोड़ा झटके मारने लगा।
अमन का दिल अपनी छोटी बहन की चूत को नंगी देखने का करने लगा उसके लिए ये काम बहुत आसान था उसको बस चूत के होंठो से चिपकी कच्छी की पट्टी को पकड़ कर साइड करना था और कच्ची सोनम की गुलाबी फुलझड़ी उसकी आँखों के सामने होती।
अमन ने धीरे से अपनी उंगली को कच्छी और चूत के बीच घुसाया सोनम की नंगी चूत पर उंगली लगते ही उसे ऐसा लगा जैसे कच्छी के अंदर कोई धधकती हुई भट्टी जल रही हो।
उफ़्फ़ कितनी आग होती है इन ताज़ा जवान होती लड़कियों के जिस्म में।अमन ने अपनी उंगली को थोड़ा और अंदर घुसाया तो चूत के उभरे लिप्स ऐसे दब कर उंगली को जगह देने लगे जैसे नरम फोम का गद्दा।अमन ने पूरी उंगली को अंदर घुसा कर उसकी चढ्ढी को पकड़ा और साइड में खींच दिया उफ़्फ़ एक ही पल में उसकी छोटी बहन का खास खज़ाना उसकी आँखों के सामने था।
005-1पर अभी तो उसकी आंखें उसकी
छोटी बहन की चूत पर जम भी नही पाई थी कि उसे बाथरूम की सिटकनी नीचे होने की आवाज़ आई।
इस सब के लिए अमन पहले से तैयार था उसने एक ही पल में सोनम की चढ्ढी से वापस उसकी चूत के होंठो को छुपाया और सोनम की तरफ अपनी कमर करके बिस्तर पर बैठ गया।
अमन तो बैठ गया था पर उसका लोड़ा कैसे बैठ जाता वो एक ही पल पहले चंचल सी मासूम सी दिखने वाली बहन के उस ख़ज़ाने का दीदार कर रहा था जिसको देखने का सौभाग्य हर भाई को नही प्राप्त होता सिर्फ कुछ बिरले भाई ही ऐसे होते है जो खिलने को तैयार कली अपनी बहन की चूत को देखने का मौका पाते है।
अमन शायद उन बिरले लोगो की सूची में से था।
अमन तो बिस्तर पर बैठ गया था पर उसका मोटा लोड़ा झटके मार रहा था जो सामने खड़ी उसकी बुआ को साफ नजर आ रहा था कामनी ने अपने घुटनों को ज़मीन पर टिका दिया और अपने भतीजे के झटके मारते लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया।
"उफ़्फ़ अमन ऐसा क्या दिख गया इसको जो इतना गुस्सा दिखा रहा है।देखो तो ज़रा कितना लाल हो गया इसका टोप्ला।
"बुआ अपनी जीभ को बोलने में कम इस्तेमाल करो और चाटने में ज़्यादा।
अपने भतीजे के शब्दों से कामनी समझ गई कि इस वक़्त अमन का पारा हाई हुआ पड़ा है।
उसने अपनी जीभ को सही इस्तेमाल करने में देर करना उचित नही समझा।
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अपने हाथ में अपने भतीजे का मिसाइल पकड़ कर उसने अपनी जीभ को अपने भतीजे के मुताबिक़ उसके लंबे लंड को चाटना शुरू कर दिया।
गरम गरम लंड पर बुआ की नाज़ुक थूक में सनी जीभ लगते ही भांप उठने लगी।
"उफ़्फ़ कामनी मेरी जा जा जान खा जा अपने यार का लंड उफ़्फ़ ऐसे ही चाट रंडी बुआ।
अमन को पता था कामनी को वल्गर सेक्स पसंद है।
उसे अच्छा लगता है जब अमन उसे रंडी बुलाता है।
बस यही कर रहा था वो ताकि बुआ के जज़्बात को हवा लगे और उसका लंड बुआ के हलक तक पहुंच सके।
और ऐसा ही हुआ भी अमन के शब्द कामनी के कानों में शहद घोल गए और लंड पर चलती जीभ धीरे धीरे लिंग-मुंड तक आई और कामनी के होंठ गोल होते हुए मुंड को अपने अंदर ले गए।
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"उईईई बुआ हाय मेरी रांड आआह ऐसे ही।
कामनी के चुप्पो ने अमन को सिसयाने पर मजबूर कर दिया कामनी ने बड़ी मस्ती में पहाड़ी टमाटर के जैसे मोटे लाल लिंग-मुंड को एक ही झटके में अपने हलक तक फांस लिया था और अपने भतीजे को सिसयाने पर मजबूर कर दिया था।
एक पल को कामनी ने लंड को टोप्ले तक वापस निकाल कर अमन की आंखों में देखा।
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और अगले ही पल लंबे मूसल को फिरसे अपने गोल होंठो में घोट लिया कामनी जैसी पुरानी खिलाड़ी का मुंह भी अमन के लंड ने पूरा चीर दिया था।
कुछ ही सेकंड में कामनी के गालों में खिंचाव की वजह से दर्द होने लगा।
अब और ज़्यादा देर उस खतरनाक साइज के लौड़े को कामनी अपने मुँह में बर्दाश्त नही कर सकती थी।और वैसे भी लंड को चूसते चूसते उसकी चूत से भी नदी सी बहने लगी थी जो अब अपने अंदर कोई भारी सी चीज को लेना चाहती थी।
और वो भारी चीज़ क्या थी ये कामनी को बहुत अच्छे से मालूम था।
"अपनी रंडी बुआ को लंड चुस्वा कर मज़ा आया अमन देख अब तेरी बुआ इसको अपनी चूत में लेना चाहती है मेरा मुंह तो तूने फाड़ दिया बस अब अपनी रंडी की चूत को भी ऐसे ही फैला कर रख दे बेटा।
"जैसे मेरी रंडी चाहती है बिल्कुल वैसा ही होगा।
"बस अब तेरी रंडी बुआ तेरे इस मूसल को अपनी ओखली में लेकर अपनी चूत कुटवाना चाहती है।
बोल डालेगा न मेरी ओखली में अपना मूसल।
बोल चोदेगा न अपनी बुआ को।
"अगर बुआ की चूत की आग भतीजे के लौड़े से ही बुझेगी तो ज़रूर मेरी रंडी बुआ।
"देख अपने भतीजे का लोड़ा लेने के लिए कितनी गीली है तेरी बुआ की चूत मेरे राजा।
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कामनी ने अपनी बालो-रहित चूत की फाकों के बीच की लकीर में उंगली लगा कर अपनी चूत से रिसता पानी अमन को दिखाया।
अमन अपनी बुआ की चूत और उंगली के बीच बने धागे को देख कर समझ गया था कि बुआ की चूत लोड़ा घोटने के लिए पूरी तरह भीगी हुई है।
अमन ने कामनी के पैरों को पकड़ कर ऊपर उठाया और अपने कंधों पर रख लिया और बुआ को बिस्तर के किनारे पर खींच कर अपनी कमर को आगे बढ़ाया।
कामनी अपने भतीजे के बाज़ुओं की ताकत को देख मंत्र-मुग्ध थी अमन ने उसे किसी छोटी बच्ची के जैसे उठा कर बिस्तर के किनारे पर रख दिया था।
दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखने के कारण कामनी की चूत के होंठ आपस में सठ गए थे और ज़्यादा उभरे हुए दिख रहे थे।
अमन के मिसाइल ने जैसे ही उनको छुआ चूत के होंठो में कम्पन्न होने लगा और कामनी की चूत के होंठ अपने आप खुलने बंद होने लगे अमन भी शायद इसी का इंतज़ार कर रहा था अबकी बार जैसे ही संकुचन हुआ और चूत ने अपनी गीली दरार दिखाई अमन ने धीरे से अपनी कमर को आगे धकेला और लौड़े का टोप्ला चूत के खुले होंठो में फस गया।
"सीईईईई उईईई मेरे लाल ठोक दे अपना मूसल मेरी चूत में।
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अमन भी पूरा खिलाड़ी हो गया था वो ऐसे ही अपने लोले का कैप बुआ की चूत में डालकर रुक गया और बुआ की चूत में होते संकुचन का मज़ा लेने लगा।
और बुआ की जिस्म में आग लगाने के लिए नीचे झुक कर अपने होंठो को बुआ के निप्पल पर रखकर जीभ से इतनी जोर से चूसा की कामनी ने अपनी चूत में लौड़ा लेने के लिए अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाला पर अमन इस के लिए तैयार था कामनी के कमर उछालते ही अमन ने भी अपनी कमर को ऊपर उठा लिया।इस कारण कामनी का मिशन फैल हो गया।
"अमन मेरे राजा क्यों तड़पा रहा है कर दे न अंदर।
"क्या कर दु बुआ
"तू सता रहा है मुझे, अपना वो कर न अंदर।
"क्या वो बुआ ,तुम मेरी रंडी हो न तो रंडियों की तरह भीख मांगो अपने भतीजे से चुदने की।
"आआह में हूँ तेरी रंडी अपने भतीजे की रंडी अब अपनी रंडी बुआ की चूत में अपना मोटा मूसल डाल दे बेटा देख कैसे अपने होंठो को फैलाये तेरे लंड का इंतज़ार कर रही है।
अब अमन ने भी देर करना उचित नही समझा और धीरे धीरे अपने मूसल जैसे लौड़े को अपनी बुआ की फड़फड़ाती चूत में उतार दिया।
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पूरा मूसल चूत मैं घुसते ही कामनी के चेहरे पर कुछ पल के लिए दर्द के भाव आये पर कुछ ही पलों में उसके होंठो पर संतुष्टि की मुस्कान नाचने लगी।
"चल मेरे शेर अब चीर दे मेरी रंडी चूत को अपने लोले से।
"ठीक है मेरी रंडी कुतिया।
अमन ने अपनी बुआ की झाँघो को अपने हाथों से पकड़ा और अपना लंबा लिंग चूत से बाहर की तरफ खींचा और सिर्फ कैप तक खींच कर तीर्व गति आए अंदर की तरफ घुसेड़ दिया।
"आआह उईईई माँ ऐसे ही मेरे चोदू बालम चोदो अपनी रंडी बुआ को आआह आआह उईईई आआह।
अमन अब लगातार एक सी लय में अपने लिंग को बुआ की चिकनी चूत में मथ रहा था कुछ ही धक्कों में कामनी की चूत से निकलता सफेद पानी क्रीम की शक्ल में उसकी चूत के छल्ले के आस पास इखट्टा होने लगा।
लगातार चूत में घर्षण करते लंड के घिससो से पानी गाढ़ा होकर क्रीम बनता जा रहा था जो लंड के साथ बाहर आता और लौड़े के अंदर जाते समय चूत के कसे छल्ले पर ही रुक जाता।
क्योंकि कामनी की चूत ने अपने भतीजे के लौड़े को ऐसे भींच रखा था जैसे चूत की पकड़ ढीली पड़ते ही लोड़ा बाहर निकल जायेगा।
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कामनी की कसी हुई चूत को चोदने में जितना मज़ा अमन को आ रहा था उससे कही ज़्यादा कामनी अपने भतीजे के विकराल लौड़े से अपनी चूत की दीवारों को रागड़वाकर खुश थी।
अपनी बुआ की खुशी को अमन बुआ के चेहरे पर साफ देख रहा था।
अमन के मूसल से लगातार होते हमले के आगे पहले से गरम हुई पड़ी उसकी बुआ की चूत ने हथियार डाल दिये और कामनी भलभलाती हुई अकड़ती हुई झड़ने लगी।
अपने भतीजे के मजबूत लौड़े से अपनी चूत को चुदवाकर उसको इतना मज़ा आया कि उसने अपनी झड़ती हुई चूत को ऐसे भींच दिया कि अमन जैसे जवां पठ्ठे ने भी झड़ने में ही भलाई समझी।
पर समझदार अमन ने झड़ने से पहले ही घुर्राते हुए बुआ से पूछ लिया।
"आआह रंडी बुआ कहा लेना है अपने भतीजे का वीर्ये।आआह जल्दी बताओ बुआ में आ रहा हूँ।
आज कामनी भी अपने भतीजे पर पूरी मेहरबान थी।
"आआह अंदर डाल।
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