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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

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कुछ देर और हल्की फुल्की बात होती रही फिर सब उठकर अपने अपने रूम की तरफ जाने लगे।

अब आगे-

सब लोग अपने अपने कमरों की तरफ बढ़ गए थे पर सबके मन में अपने अलग ही विचारों की आंधी आई पड़ी थी।
रागनी के मन में के ये विचार थे कि आज की रात को कैसे रंगीन बनाया जाए।
उधर अमन ये सोच कर खुश था कि उसने एक तीर से दो शिकार कर लिए थे।
अल्हड़ सोनम अपने भइय्या के द्वारा अपने आप को बचाने की वजह से खुश थी।
कामनी की आज अपने भतीजे के द्वारा दमदार चुदाई उसकी खुशी का कारण थी।
कोमल कल उस अजनबी का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार कर रही थी।
और अंत में अपनी रिया जल्दी से रात होने का इंतज़ार कर रही थी।

दोस्तो अब इस राज़ के खुलने का टाइम आ गया है कि रागनी और राज की चुदाई जो साया छुप कर देख रहा था वो थी जासूस रिया।

जी हाँ इसलिए रागनी से ज़्यादा सबके सोने की जल्दी रिया को थी क्योंकि राज और रागनी तो अपने रूम में जाकर अपना काम शुरू कर सकते थे पर बेचारी रिया को तो खुले में खड़े होकर देखना था जंहा कभी भी कोई भी आ सकता था।
रिया की नज़र बार बार घड़ी की तरफ जा रही थी।

इधर रागनी ने रूम में आते ही अपने आप को बाथरूम में बंद कर लिया और तसल्ली से अपनी टंकी को खाली करने लगी जिसकी मधुर ध्वनि बाहर बैठे राज को भी सुनाई दे रही थी।

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राज ने उठकर बाथरूम का दरवाजा खोलने की कोशिश की पर वो अंदर से लॉक था वो मन मसोस कर दरवाज़े से कान लगाकर ही अपनी पत्नी की चूत से बजता वायलन सुनता रहा।
ब्लैडर में भरा पूरा गोल्डन पानी निकालने के बाद रागनी ने एक एक कर अपने सारे कपड़ो को अपने गोरे जिस्म से अलग कर दिया और पहले से बाथरूम में रखी गुलाबी रंग की नाइटी को अपने गोरे जिस्म पर पहन लिया टाइट नाइटी उसके गोरे जिस्म पर खूब जंच रही थी।
उसके दोनों बड़े स्तन उस झीने कपड़े की नाइटी में पूरे समा नही पा रहे थे आधे से ज़्यादा बाहर झांक रहे थे और जितने समा रहे थे पारदर्शी झीने कपड़े में वो भी आराम से देखे जा सकते थे।

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उसने एक बार अपने आपको आदम-कद आईने में देखा हाय कयामत लग रही थी रागनी इतनी छोटी नाइटी में अपने आप को देखकर वो खुद शर्मा गई।

ये नाइटी उसको कोमल ने गिफ्ट की थी रागनी के काफी बार ना कहने पर भी कोमल नही मानी थी।
रागनी ने तो इसका साइज देखकर ही कोमल को ना कह दिया था।
पर कोमल ने ये कह कर की आप को घर में ही तो पहननी है और घर में तो सब घर वाले ही है कोई पराया थोड़ी है अपनी माँ को मना लिया था।

कोमल का दिया ये गिफ्ट काफी टाइम से रागनी ने कबर्ड में रख रखा था पर आज जब उसने कबर्ड की सफाई की तो इस नाइटी को उठाकर आज बाथरूम में रख दिया था और रात को अपने पति को खुश करने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

शीशे के सामने घूम घूम कर रागनी ने अपने आप को चारों तरफ से देखा अपने आधे से ज़्यादा बाहर निकले पड़े स्तनों को देखकर ख़ुद अपने शरीर में गर्मी बढ़ने लगी और जब उसने घूम कर देखा तो जो हाल उज़के स्तनों का था वहीं हाल उसकी गदराई फैली हुई गाँड का था।
वो नाइटी उसकी कमर से थोड़ा सा नीचे आते ही खत्म हो गई थी जंहा से उसकी गाँड का ढाल शुरू होता था नाइटी मानो गाँड को छुपाने के लिए बनाई ही नही गई थी।बल्कि गाँड को ज़रा सा छुपा कर और भड़काऊ बनाने के लिए बनाई गई थी।
रागनी ने अपने आप को आखिरी बार आईने में देखा और अपने जिस्म पर नाइटी के ऊपर एक चादर लपेट ली जिसमे उसका पूरा जिस्म ढक गया।
धीमे से उसने बाथरूम का गेट खोला और बिना अपने पति पर नज़र डालें वो ड्रेसिंग के सामने जाकर बैठ गई और आंखों को काजल से सजा कर अपने होंठो पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक को लगाया और हल्का फुल्का मेकअप कर के अपने आप को आईने में निहारने लगी।

अपने आप से संतुष्ट होकर उसने एक नज़र आईने में अपने पति राज को देखा।
राज अपने लैपटॉप में खोया हुआ था शायद ऑफिस का बचा काम पूरा कर रहा था।
रागनी अपना मेकअप करके उठी और जाकर सीधी राज के सामने खड़ी हो गई।

"हेलो पति देव आपको पता है आज क्या डेट है।

राज ने उसको एक नज़र देखा अपनी पत्नी को चादर में लिपटा देख उसने बुरा सा मुँह बनाया और हल्के से बोला।

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"वो तो मुझे भी पता है पर आज स्पेशियल क्या है।

"राज लैपटॉप की स्क्रीन में नज़र गड़ाए ही बोला।

"आज क्या स्पेशियल होगा ये दिन तो हर साल आता है।

"ज़रा लैपटॉप से नज़र हटाओ और ध्यान दो पति-देव आज कुछ स्पेशियल है।

राज ने रागनी को नज़र उठाकर देखा।

"ओ शायद आज चादर डे है इसलिए तुम चादर लपेट कर आई हो।

राज की बात सुनकर रागनी को बहुत गुस्सा आया वो चादर लपेटे ही बिस्तर पर लेट गई और राज की तरफ से अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया।
और सोंचने लगी।

कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है जो अपनी शादी की तारीख भूल जाय रागनी ने आज रात अपने पति को खुश करने के लिए क्या क्या तैयारी की थी।
उसने सुबह उठते ही पूरा घर साफ कर दिया था।
अपने पूरे रूम को अच्छे से साफ किया था सब पर्दे चादर बदल कर नई लगा दी थी उज़के बाद दोपहर तक ये सारा काम करके अपने आप को साफ किया अपनी चूत को अपने पति के लिए पूरा चिकना किया अपने जिस्म के सारे अनचाहे बालों को हटा दिया और खुलाब कि तरह खिल गई।
पर उसका पति उसको तो ये भी ध्यान नही है कि आज क्या है।

रागनी की आंखों में नमी आने लगी और सब कुछ सोंचते सोंचते वो अपने तकिए को भिगोने लगी।
धीरे धीरे उसकी सुबकियां राज के कानों तक पहुंची।
राज ने अपना लैपटॉप बंद किया और उठकर रूम में जलती लाइट को बंद किया और रूम से बाहर निकल गया।

ये सब देखकर रागनी की रुलाई फुट पड़ी और उसने अपने चेहरे को तकिए में घुसा दिया ताकि उसके रोने की आवाज़ कोई और न सुन सके।

राज 5 मिनट में रूम में आया और सपाट शब्दो में रागनी से बोला।

"सुनो ज़रा मेरे लिए मेरे लिए एक गिलास दूध ले आओगी।

रागनी ने अपनी सिसकियों को अपने मुँह में कैद किया और बिस्तर से उठकर रूम की लाइट जलाई।
और रूम का दरवाजा खोलकर चादर लपेटे हुए ही किचन मैं जाकर दूध गरम करने लगी।
उसे आज राज पर इतना गुस्सा आ रहा था जितना अपनी ज़िंदगी में शायद किसी पर ना आया हो।
दूध गरम करते हुए ही उसने सोंच लिया की अगर इनको याद नही है तो ठीक है में भी याद नही दिलाऊंगी।
और दूध देकर सीधा बिस्तर में जाकर सो जाऊंगी।

गरम दूध को उसने गिलास में किया और रूम में जाकर दरवाजा बंद किया और राज के हाथ में दूध का गिलास देकर लाइट बंद करने के लिए बढ़ी।तभी राज की आवाज़ सुनकर ठिठक गई।

"सुनो ज़रा टेबल पर से एक पैन-किलर और देदो।

रागनी टेबल की तरफ बढ़ गई और टेबल के पास जाते ही उसकी आंखे चमक उठी और पूरा शरीर खुशी से झूम उठा।
टेबल पर एक सुंदर गुलाबी केक रखा था जिसपर लिखा था हैप्पी एनिवर्सरी और एक दिल बना था जिसके अंदर राज और रागनी लिखा था।

उसने मुड़कर राज की तरफ देखा वो एक कमीनी हँसी हस रहा था रागनी दौड़कर उसके पास पहुंची और उसके सीने पर मुक्के मारने लगी।

"अरे अरे रुको दूध गिर जायेगा।
अमन ने दूध का गिलास साईड में रखा।

"मुझे इतना परेशान क्यों किया।

कामनी फिरसे उससे झगड़ने लगी और उसको इधर उधर प्यार से मारने लगी।

"उईईईई देखो तो मेरी जंगली बिल्ली का चेहरा है है है है।
राज ने बिस्तर से उठकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और अपने मज़बूत हाथों से उसे उपर उठा लिया।
रागनी के हाथ-पैर अब भी चल रहे थे।

इतनी हाथा-पाई में रागनी के जिस्म पर बंधी चादर ढीली हो गई और जैसे ही उसे राज ने उसे नीचे उतारा वो चादर चिकनी नाइटी से फिसलकर ज़मीन पर गिर गई।
चादर के अंदर हज़ार बार अपने द्वारा नंगे देखे जिस्म को आज देखकर राज की आंखे चोंधिया गई।

"उफ्फ्फ रागनी तुम्हारी उम्र बढ़ रही है या घट रही है।
कितनी सुंदर हो तुम मेरी जान आज भी।

राज के मुँह से निकले शब्द रागनी के कानों में शहद घोलते चले गए।उसकी पूरे दिन की गई मेहनत अब जाकर रंग लाई थी।अपने पति के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर रागनी को बहुत अच्छा लगा।

रागनी ने आगे बढ़कर राज के होंठो को चूम लिया।

"कितने कमीने हो तुम तुम्हे सब कुछ याद था तो फिर मुझे परेशान क्यों किया।

"हाय मेरी जान तुम्हारा रिएक्शन देखना चाहता था।
राज ने रागनी को अपने सीने से लगाते हुए कहा।

रागनी ने राज की टी-शर्ट को उपर करके निकाल कर उसको बिस्तर पर धक्का देकर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर बैठ गई।


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"तो क्या देखा तुमने।
रागनी ने सीधा सवाल किया।

राज ने अपने हाथों को उठाकर रागनी के गुदाज़ स्तनों को अपने हाथों में भींच कर कहा।

"मेने देखा कि मेरी जान मुझसे बहुत प्यार करती है।

"सीईईई आराम से साजन बहुत भारी हो रहे है ये।
और थैंक्स मुझे इतना प्यार देने के लिए।
रागनी अपनी नंगी गाँड को लोवर के ऊपर से ही राज के लंड पर रगड़ती हुई बोली।

"और तुमको भी थैंक्स मुझे इतना प्यारा गिफ्ट देने के लिए।
राज ने उसके दोनों चुचो को नाइटी से बाहर निकालते हुए कहा।

"ये तो तुम अपनी बेटी को थैंक्स बोलना उसी का गिफ्ट है ये।
रागनी ने राज का लोवर नीचे खींचा जिसमे राज ने अपनी गाँड को हवा में उठाकर निकालने में उसकी मदद की।

"मेरी कौनसी बेटी इतनी समझदार हो गई जो अपने मम्मी पापा की इन बातों का ध्यान रखने लगी।
राज ने रागनी के स्तन पकड़ कर अपनी तरफ खींचे जिससे रागनी की कमर झुकती चली गई और दोनों गुदाज़ स्तन राज के चेहरे के सामने आ गए राज ने एक लटकते हुए स्तन को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा।

"उईईईई आराम से जानू ये तुम्हारी बड़ी बेटी कोमल का गिफ्ट है।
कोमल का नाम सुनते ही राज की आंखों में अपनी बेटी का भरावदार जिस्म घूम गया और उसको लगा कि रागनी की जगह उसकी बेटी कोमल उसके ऊपर झुक कर उसको अपना दूध पिला रही है।
राज के लंड ने एक तेज़ झटका लिया जिसकी चोट रागनी को अपने गुदा-द्वार पर महसूस हुई।
और अपने पति के दांतों की पकड़ को उसने अपने निप्पल पर बढ़ता महसूस किया।

"आआह आराम से जानू कंही निप्पल को उखाड़ मत देना उईईईई मम्मी सीईईई।

राज लगातार बदल बदल कर रागनी की गुदाज़ छातियों में से दूध निकालने का प्रयास कर रहा था लेकिन बच्चा होने के इतने समय के बाद ये मुमकिन ना था।अब तो रागनी के द्वारा जने हुए बच्चों की छातियां इतनी बड़ी हो गई थी कि उनसे दूध निकल जाये।
राज अच्छी तरह जानता था कि अगर फिरसे उसे रागनी के दूध का स्वाद चखना है तो पहले अपने लौड़े के दूध से रागनी की बच्चेदानी को भरना पड़ेगा तब कंही नो महीने में जाकर उसकी छातियों से दूध का रिसाव शुरू होगा।
पर कहते है ना मर्द ज़िद्दी होते है तो मर्द ज़ात की मर्यादा रखते हुए राज दूध निकालने के लिए लगातार रागनी के चुचो को कभी भींच रहा था कभी खींच रहा था कभी दबा रहा था कभी चूस रहा था।

जिसका परिणाम ये हुआ कि रागनी की छातियों से तो दूध नही निकला पर उसकी चूत से पानी टपकने लगा जो बून्द बून्द करके राज के झटके मारते लौड़े को भिगो कर चिकना कर रहा था।

बाहर खिड़की में खड़े दो जवान नैन ये सब नज़ारा देख कर खुश थे।
रिया ने अपने आप को अपने कमरे में रोकने की काफी कोशिश की।अपने मन को समझाया कि खतरा है कोई भी देख सकता है पर जवान जिस्म एक बार जो चुदाई देखी थी उसको अपने मन मस्तिष्क से निकाल नही पा रही थी।
आखिर अपनी चूत के आगे घुटने टेक कर अपने आप को फिर अपने मम्मी पापा की खिड़की तक ले आआई थी और शुरू से सारा नज़ारा देख रही थी।बस थोड़ा दूर होने के कारण मम्मी पापा के बीच होती बाते नही सुन पा रही थी।

"तो ये गिफ्ट कोमल ने दिया है मम्मी को काफी समझदार हो गई है हमारी बेटी।
राज ने दूसरे निप्पल को मुँह में भरते हुए कहा।

आम तौर पर राज छातियों को इतनी देर तक नही चूसता था पर आज कोमल का नाम आने से उसे अपने मुँह में भरा स्तन अपनी बड़ी बेटी कोमल का ही महसूस हो रहा था जो उसके जिस्म में चिंगारिया भर रहा था।
अपनी छातियों को इतना चूसे जाने से रागनी की चूत भी कावरी-बावरी हो रही थी अब उससे भी सबर नही हो रहा था।रागनी ने अपनी गाँड को उठाकर रॉकेट की नोक को अपनी चूत पर लगाया और अपनी कमर को नीचे दबाती चली गई।पत्थर की तरह सख्त हुए लौड़े को भी जब कच्ची ज़मीन महसूस हुई तो वो भी अंदर घुसता चला गया।

लौड़े के बिना बालो वाली चिकनी चूत में घुसते ही दोनों के मुँह से एक सुकून भारी सिसकी निकली।

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राज के हाथ आटोमेटिक तरीके से रागनी की गाँड पर पहुंच गए निप्पल को मुँह में दबाए हुए ही राज ने अपने हाथों से रागनी की गाँड को नीचे की तरफ दबाया और अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाला चूत के पानी में चिकना हुआ पड़ा लौड़ा दो तरफा दबाव के कारण रागनी की चूत में घुसता चला गया और तब जाकर
रुका जब राज के आंड रागनी की गाँड से चिपक गए।
लंड की चोट सीधी रागनी की बच्चेदानी पर पड़ी एक ही चोट ने रागनी के जिस्म को झटके खाने पर मजबूर कर दिया अगले ही पल अमन की उंगली रेंगती हुई रागनी को अपनी गाँड के छल्ले पर महसूस हुई।
जैसे ही रागनी ने अपनी गाँड को थोड़ा ऊपर उठाया खड़ा लौड़ा टोप्ले तक ही आया था कि राज ने अपनी उंगली को गाँड के छेंद में धकेला और अपनी कमर को उपर उछाला तीन तरफ से हमला रागनी को एक ही पल में जन्नत की सैर पर ले गया
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चुचो पर गड़े राज के दाँत गाँड में घुसी उंगली और चूत को चीरता हुआ राज का मोटा बम्बू।
आज एनिवर्सरी की खुशी में राज फ्रंट-फुट पर खेल रहा था एक कदम आगे बढ़ कर।
अपनी बच्चेदानी पर अगले दो झटके पड़ते ही रागनी का जिस्म अकड़ता चला गया उसकी चूत ने लौड़े को ऐसा भींचा की जैसे अब कभी छोड़ेगी नही राज जैसे मज़बूत मर्द ने भी रागनी की चूत में होते संकुचन के आगे हथियार डाल दिये और एक बार पूरा लौड़ा बाहर खींचकर राज ने अपने लौड़े को झटके से पूरा चूत में घुसाया और अपना प्रेम रस चूत को अर्पित करने लगा।

बाहर खड़ी रिया की चूत भी अपने मम्मी पापा के इस गरम मिलन को बर्दाश्त ना कर पाई और खड़े खड़े उसके पैर भी कांपने लगे उसने अपनी चूत को अपनी जांघो में भींच लिया और खिड़की में लगी लोहे की जाली पकड़कर सहारा लिया और कुछ पल अपनी गाँड वंही खड़ी हिलाती रही।
चूत के पानी से पजामी को भिगोते ही रिया के पैरों ने और वंहा खड़े रहने से इनकार कर दिया और वो भागकर अपने रूम में पहुंच कर बिस्तर पर लेटकर लंबी लंबी सांस लेने लगी।
उसकी सांसे धौकनी की तरह चल रही थी ऐसा लगता था जैसे वो कई किलोमीटर दौड़ कर आई हो।
रिया ने एक तकिए को अपने सिर के नीचे लगाया और एक तकिए को अपनी जांघो मैं भींच कर लेट गए।
उसकी चूत की खुमारी ने कब उसे नींद में पहुंचा दिया उसको पता नही चला।




दोस्तो अपडेट कैसा लगा अपना कीमती समय निकालकर ज़रूर बताए।
Badhiya anniversary manai bhai👍👍
 

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रिया ने एक तकिए को अपने सिर के नीचे लगाया और एक तकिए को अपनी जांघो मैं भींच कर लेट गई।
उसकी चूत की खुमारी ने कब उसे नींद में पहुंचा दिया उसको पता नही चला।

अब आगे-

परदों के बीच की झिर्रियों से आती सूरज की किरणों ने रागनी को आँख खोलने पर मजबूर कर दिया।
उसने मोबाइल उठाकर टाइम देखा 7 बजने को थे।
अपने ऊपर रखे अपने पति के हाथ को हटाकर वो उसकी आगोश से निकल गई।

बिस्तर से उठकर वो नंगी ही शीशे के सामने जाकर खड़ी हो गई चूत के होंठो पर अभी भी चिपकन महसूस हो रही थी।
रात हुई धमाकेदार चुदाई से उसका अंग अंग खिल उठा था अपने आप को शीशे में देखकर खुद ही शर्मा गई।
पलट कर राज की तरफ देखा वो रागनी के बांहों से निकलने के बाद सीधा लेट गया था और उसकी जांघो के बीच में सोया पड़ा नाग इस वक़्त इतना मासूम लग रहा था जैसे वो काटना तो छोड़ो अभी जागना भी नही सीखा हो।
उसको देखकर रागनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई उसका रात का भयानक रूप आंखों के सामने आते ही रागनी के पैर कांपने लगे।
कांपते पैरों के साथ वो बाथरूम में चली गई नित्यकर्म से निपटकर वो शावर के नीचे खड़ी हो गई और अपने चिकने बदन पर साबुन रगड़ने लगी जैसे ही हाथ जांघो के बीच पहुँचे अपनी चूत पर आई सूजन महसूस करके उसकी आँखों के सामने रात हुई चुदाई घूमने लगी।
अपनी निगोड़ी चूत को वो मुठ्ठी में भरने वाली थी पर जाने क्या सोचकर वो रुक्क गई और जल्दी जल्दी नहाकर बाथरूम से बाहर आ गई।
कपड़े पहन कर पूजा-पाठ में लग गई पूजा करने के बाद वापस कमरे में आकर राज को जगाया फिर सीधी किचन में जाकर नाश्ता तैयार करने लगी।

रागनी गुनगुनाती हुई नाश्ता तैयार कर रही थी जब राज ने उसे पीछे से आकर अपनी बांहों में कैद कर लिया।

"क्या कर रहे हो छोड़ो जाकर बच्चों को उठाओ।

"अपनी बीवी को प्यार कर रहा हूँ।

"रात को इतना प्यार किया था आपका दिल नही भरा।
रागनी नखरा दिखा कर बोली।

"मेरी जान तू दिल भरने की चीज़ नही है।
राज रागनी की गर्दन को चूमता हुआ बोला।

"बस बस रहने दो जाओ कोमल को उठाकर आओ।

"अच्छा ठीक है मेरी जान जाता हूँ।

राज किचन से निकलकर कोमल के रूम की तरफ बढ़ गया कुछ ही देर में वो कोमल के रूम के दरवाजे पर खड़ा था आमतौर पर राज बाहर से आवाज़ लगाकर कोमल को जगाता था पर जाने क्या सोच कर उसने धीरे से गेट खोला और दबे कदमो से अंदर चला गया।
कोमल को भी पता था कि उसके कमरे में उसको जगाने उसकी माँ या रिया ही आती थी इसलिए वो आराम से किसी भी स्तिथि में सोती रहती थी।
अभी भी वो ऐसे ही अपने पैर फैलाये पड़ी सो रही थी
सीधे लेटे होने के कारण उसकी टी-शर्ट में कसी मोटी छातियां उसकी सांसों के साथ उपर नीचे हो रही थी
उसकी शर्ट फोल्ड होकर उसकी कमर के ऊपर सिकुड़ गई थी और उसके जिस्म से चिपकी गुलाबी पैंटी से उसकी चूत का उभार साफ दिखाई पड़ रहा था।
चूत के होंठो का उभार और बीच के चीरे में पैंटी हल्की सी अंदर की तरफ दबी थी जिसके कारण उसकी चूत का चीरा भी पारदर्शी होकर दिख रहा था।

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अपनी बेटी को इस अवस्था में सोया देख राज के जिस्म में आग लग गई राज की आंखे उसकी उभरी हुई चूत के होंठो से फिसलती हुई उपर नीचे होती छातियों पर पड़ी टाइट टी-शर्ट में कसी उसकी छातियों के निप्पल मॉर्निंग ईरेक्शन की वजह से खड़े हुए थे।
(दोस्तो सुबह को जैसे लड़को का लंड खड़ा मिलता है वैसे ही लड़कियों के निप्पल खड़े हो जाते है।)
अपनी बेटी के तने हुए अकड़े निप्पल देखकर राज के मुँह में पानी आ गया।
राज का दिल इन अकड़े हुए निपल्स को नंगा देखने का करने लगा।
इधर रागनी ने राज को कोमल को जगाने तो भेज दिया पर उसको पता था ये पागल लड़की उल्टी सीधी पड़ी रहती है और कभी कभी तो सिर्फ ब्रा पेंटी मैं सो जाती है उसको चिंता होने लगी किचन से निकलकर अपने आप उसके कदम कोमल के रूम की तरफ चल दिये।

इधर राज अपना लालच नही छोड़ पा रहा था उसको कोमल के अकड़े हुए निप्पल को नंगा देखना था उसने एक बार इधर उधर देखा और कोमल की टी-शर्ट को गले से पकड़ कर उपर खींचा।
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टी-शर्ट के ऊपर खींचते ही कोमल के कोमल उभार नंगे नज़र आने लगे मोटी छातियों पर अंगूर की तरह खड़े निप्पलों को देख राज के मुँह में पानी आने लगा।
अपनी आंखों को अच्छे से सेकने के बाद राज अपनी जवान बेटी के खुले हुए पैरों की तरफ बढ़ा और उसकी चूत को पास जाकर देखने लगा।
"उफ्फ्फ कोमल कितना हसीन जिस्म है बेटी तेरा
काश मेरी किस्मत में इसको भोगना लिखा होता।
पैंटी में कसी लगभग पूरी तरह अपना आकार दिखाती अपनी बेटी की चूत को छूने के लालच में राज के हाथ आगे बढ़े और राज ने कोमल की चूत पर कसी पैंटी के मुलायम रेशमी कपड़े पर अपने हाथ को धीरे से रखा
उफ्फ्फ कितना मुलायम सॉफ्ट कपड़ा था।
राज के दिमाग में खयाल आया जब ये कपड़ा इतना सॉफ्ट और चिकना है तो जिस चूत को इसने छुपा रखा है वो कितनी चिकनी और सॉफ्ट होगी।
राज की उंगलियों ने पैंटी के कपड़े को हटाने की कोशिश की पर पैंटी बुरी तरह से चूत से चिपकी हुई थी सिर्फ उपर से कपड़ा पकड़कर उसको नही हटाया जा सकता था इसके लिए उसको एक उंगली को साइड से अंदर डालना पड़ता जो सीधा उसकी नंगी चूत को छूती इसमें कोमल के जागने का रिस्क था।

अभी राज इसी उधेड़-बुन मैं था कि क्या रिस्क लेना सही है उसे सीढ़ियों पर किसी के आने की आहट हुई।
राज रूम ने रूम से बाहर निकलकर दरवाजा बंद किया और बाहर से कोमल को आवाज़ लगाने लगा।
तभी उसे सीढ़ियों पर रागनी दिखाई दी जो धीरे धीरे उसके करीब आ रही थी।
अपनी बीवी को पास आता देख राज की हवा निकल गई उसकी धड़कने धौकनी की तरह चल रही थी।
पास आ कर रागनी बोली।

"आप चलकर बैठो कोमल को में उठा देती हूँ।

"ठीक है।
अपने धड़कते दिल को काबू में करके राज किसी तरह सीढ़ियों से नीचे आया।उसकी आँखों में कोमल की चूत के उभरे होंठ नाच रहे थे।
नीचे आते आते उसको कोमल के कड़क निप्पल याद आने लगे
"उफ्फ कितने कड़क है अगर सीने से लग जाये तो छाती में छेंद कर दे।
राज का लौड़ा झटके मार रहा था वो उसे बार बार दबाकर शांत करने की कोशिश कर रहा था।
पर कहते है ना निप्पल;लौड़ा;और जज़्बात इनको जितना दबाने की कोशिश करो ये उतना ही उभरते है।
राज जितना अपने लंड को दबाता वो उतनी ही तेज़ी से झटका लेता।

इधर रागनी कोमल के रूम में आती है कोमल का यह रूप देखकर कुछ देर तो वो भी उसकी चूत के उभरे हुए होंठो को देखती रह जाती है।
देखो कैसे बेफिक्री से सो रही है महारानी नंगी पूंगी होकर।
"कोमल ओ कोमल चल उठजा बेशर्म घोड़ी।
कुछ पहन कर सो जाया कर घर में दो जवान मर्द भी घूमते फिरते है।

रागनी कोमल का बिस्तर ठीक कर रही थी और लगातार उसको आवाज़ लगा रही थी।
पर कोमल तो जैसे गहरी नींद में थी उसको कोई आवाज़ आ ही नही रही थी।

कोमल को इतनी गहरी नींद में सोता देख रागनी के मन में अपनी बेटी की जवानी को अपने हाथों से महसूस करने की इच्छा होने लगी।
कोमल को देख वो अपनी जवानी के दिनों में खो गई थी अपनी बेटी की जवानी को देख वो मन ही मन अपनी बेटी की तुलना अपने आप से करने लगी।
रागनी पर भी जवानी टूट कर आई थी जिस गली से निकल जाती थी वंहा सीटियां बजनी शुरू हो जाती थी।कुछ लड़के तो उसके इंतज़ार में खड़े रहते और रागनी के आते ही उसके गरम जिस्म से अपनी आंखों को सेकते रहते।

रागनी सोचने लगी क्या मेरी बेटियों को भी बाहर लोग हवस भरी नजरों से देखते होंगे जैसे मुझे देखते थे
बल्कि अभी भी देखते है।

रागनी अपनी सोंच से बाहर आई पर बाहर आते ही उसकी आँखों के सामने अपनी बेटी की जवान चूत थी।

रागनी ने एक हाथ बढ़ा कर अपनी बेटी की चूत पर रख दिया।
उफ्फ्फ रागनी को ऐसा लगा जैसे उसने अपना हाथ तपती हुई भट्टी पर रख दिया हो चूत से निकलती गर्मी से उसको अपने हाथ पर गर्मी महसूस होने लगी।

पर अगले ही पल कोमल की जाँघे भींच गई और रागनी का हाथ उसकी जांघो में फस गया पहले तो रागनी डर गई पर अगले ही पल कोमल के मुख से आती आवाज़ ने उसको सब कुछ समझा दिया।

"आआह आराम से जानू ऊईईई आराम से।

रागनी समझ गई कि कोमल सपना देख रही है।

"आआह प्यार से दबाओ जानू।

अपनी बेटी की सीत्कार सुनकर रागनी को उसपर तरस आने लगा।
उसने अपनी बेटी की चूत को अपनी मुट्ठी में दबा लिया अपनी चूत पर दबाव महसूस करते ही कोमल की जाँघे खुल गई अब रागनी की पूरी हथेली उसकी चूत पर सही से कस गई दो तीन बार चूत को दबाते ही कोमल की चूत ने रस की गंगा बहा दी पर इसबार रागनी ने उसकी जाँघे बंद होने से पहले ही अपने हाथ को वापस खींच लिया था।
कुछ देर रागनी कोमल के जिस्म को लगते झटकों को देखती रही फिर अपनी बेटी के माथे को चूम कर वापस किचन में आ गई।
किचन में खड़ी रागनी सोच रही थी अगर राज अंदर कोमल के रूम में चला जाता तो कोमल को इस हालत में देख पक्का इनका लौड़ा खड़ा हो जाता।
कुतिया कैसे पैरों को खोल कर सो रही थी और उसकी चूत का उभार उफ्फ कितना प्यारा था।
रागनी को एहसास था की उसकी बेटी जवान हो चुकी है।
तभी रागनी को अपनी गाँड पर किसी भारी चीज़ का एहसास हुआ और अगले ही पल वो राज की बांहों में थी।

"उफ्फ्फ क्या कर रहे हो छोड़ो बच्चे आ जायंगे।

"बस थोड़ी देर तुम्हे प्यार करलूँ अभी चला जाऊँगा।
राज अपने खड़े लौड़े को रागनी की गाँड में दबाता हुआ बोला।

"उफ्फ्फ हटो ना रात को इतनी चुदाई की थी ना'अब क्यों खड़ा कर रखा है इसको।

"ओह पीछे से तुम्हारी ये मस्तानी गाँड देख कर खड़ा हो गया।
राज ने अपने लौड़े को आगे धकेला।

रागनी को राज के लंड का तनाव देख उसपर शक होने लगा।अगली बार राज के धक्का मारने से पहले रागनी मुड़ गई और उसने सीधे हाथ को राज के लौड़े पर रखकर पकड़ लिया।

"कही किसी और को देख कर तो झटके नही मार रहा ये।
रागनी ने लौड़े को अपने हाथ से हिलाते हुए बोला।

"अरे और किसको देखेगा ये ये तो बस तुम पर मरता है मेरी जान।

"सही सही बताओ ये इतना सख्त क्यों हो रहा है।
रागनी अपने घुटनों पर बैठती हुई बोली।

"मेरी जान ये जो तुम्हारी गाँड है ना ये इसकी गलती है इसको देखते ही ये झटके मारने लगता है।
राज अपना लौड़ा रागनी के होंठो पर रगड़ता हुआ बोला।

"चलो तो फिर इसकी अकड़ निकालते है लेकिन जल्दी करना कोई भी जाग सकता है।
रागनी ने लंड के टोप्ले को अपने होंठो में दबाते हुए कहा।

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"ससससस मेरी जान खा जाओ इसको।
लंड के होंठो की पकड़ में आते ही राज की सिसकारियां निकलने लगी।

"बिल्कुल मेरे राजा खा जाऊंगी इसको छोडूंगी नही।
रागनी ने अपने होंठो को गोल करते हुए चुप्पा लगाया।

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"आआह ऐसे ही रानी चूस मेरा लौड़ा।
बिल्कुल रंडी की तरह चूस रही है।

"तुमने रंडी ही तो बना दिया है 'मुझे रात भर चोद कर भी तुम्हारा लंड खड़ा रहता है।लगता है इसके लिए किसी और चूत का भी इंतजाम करना पड़ेगा।
मेरे अकेली के अंदर अब इतनी हिम्मत नही।अब किसी जवान चूत का जुगाड़ करती हूं इसके लिए।

जवान चूत का नाम सुनते ही राज की आंखों में अपनी बेटी कोमल की गदराई हुई चूत घूमने लगी और उसका लौड़ा रागनी के मुँह में फूल कर और भी मोटा हो गया।

जो रागनी को भी महसूस हुआ जैसे जैसे राज के लंड के साइज बढ़ रहा था रागनी के होंठ उसपर सख्त हो रहे थे।
रागनी के मुँह से अब सिर्फ गूँ गूँ की आवाज़ ही निकल पा रही थी राज ने उसके बालो को पकड़ कर अपने लौड़े की तरफ धकेला तो पूरा लौड़ा जड़ तक रागनी के हलक में उतार दिया।
लंबा लंड हलक में फसते ही रागनी की आंखे बाहर को उबल पड़ी।

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अपनी बीवी की हालत पर तरस आ गया राज को उसने धीरे धीरे अपने लिंग को रागनी के हलक से वापस खींच लिया।

"आआह मार ही डालोगे एक दिन मुझे।
लिंग के बाहर निकलते ही रागनी ने कहा।

"आआह मेरी जान थोड़ी देर के लिए झुक जाओ ना
बस मुझे रिलैक्स कर दो।

"चलो रूम में चलते है।
रागनी ने चूल्हा बंद करते हुए कहा।
खड़े लौड़े को चूसते चूसते उसकी चूत भी टपकने लगी थी।

राज और रागनी अपने रूम की तरफ बढ़े राज का लंबा लौड़ा अभी भी बाहर लटक रहा था जिसे छुपाने की उसने बिल्कुल भी कोशिश नही की थी।

ठीक इसी समय कामनी अपने रूम से बाहर आई।
राज के साथ अपनी भाभी को इस रूप में रूम में जाता देख सबकुछ समझ गई।ये लोग अपने रूम में गए और कामनी भागती हुई अमन के रूम में।

"अमन अमन उठो अमन जल्दी करो।

"क्या हुआ बुआ क्यों शोर मचा रही हो।

"चलो तुम्हे एक चीज़ दिखानी है चलो चलो जल्दी
कामनी अमन का हाथ पकड़ कर खींचती हुई उसे नीचे लाई और अपने होंठो पर उंगली रखकर उसे चुप रहने का इशारा किया।
कामनी ने देखा राज के रूम की एक खिड़की जो हमेशा खुली रहती थी अभी भी खुली थी कामनी राज को पकड़ कर उस खिड़की के सामने ले गई।

अंदर का नज़ारा देखते ही अमन की आंखों से नींद गायब हो गई।रूम के अंदर उसकी सती सावित्री माँ अपने गोरे जिस्म से अपनी साड़ी को खोल रही थी
अमन अपनी जननी की हरकतों को बड़े ध्यान से देख रहा था अपनी साड़ी को खोल कर रागनी ने एक तरफ रखा और जैसे ही खिड़की की तरफ मुड़ी तो अमन गले में लटके मंगलसूत्र और मांग में ताजा लगे सिंदूर को देखते ही समझ गया कि उसकी माँ नहा धोकर तैयार हो गई थी फिर सुबह सुबह चूत की आग इतनी भड़क गई उफ्फ्फ अमन की नज़र अपनी माँ के स्तनों की तरफ गई जो नई स्टाइल की जालीदार ब्रा में कसे हुए थे सफेद दूध काले रंग की जालीदार ब्रा से बाहर झांकते ऐसे लग रहे थे मानो कोयले के पहाड़ से सोना चमक रहा हो।
कितना चूसा है मेने इनको बचपन में हाय अब जवानी में भी चूसने को मिल जाये तो कितना मज़ा आयेगा।
तभी अंदर से राज की आवाज़ आई।
"इनको भी उतारो ना।

"नही बच्चे आ सकते है ऐसे ही करलो जल्दी से।
रागनी ने अपने पैरों को खोल कर अपने साए को अपनी कमर पर खींच लिया।

और उसके ऐसा करते ही अमन के मुंह से आआह निकलते निकलते बची।
उसकी माँ की गोरी गुलाबी चूत उसकी जन्म-स्थली
उसका जन्म-स्थान उसकी आँखों के सामने था जो हल्की काली झांटो के बीच से झांकता बहुत गोरा लग रहा था।

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अपनी माँ का ये रूप अमन देखता रह गया हाय कितनी संस्कारी लगती है उसकी माँ और इस वक़्त एक रंडी की तरह व्यवहार कर रही है।
संस्कारी रंडी शायद ऐसी ही महिला को कहते है
अमन अपने जन्म-स्थान को आंखे फाड़े देख रहा था।

"हाय बुआ ये क्या दिख दिया आपने।
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कपड़े उठाकर नवयौवना गलियारे के अंधेरे में चली गई।

अब आगे-

गलियारे में छाए अंधेरे का फायदा उठाते हुए वो दीवार से लगी आने वाले को देख रही थी।
सीढ़ियों से एक जवान हट्टा-कट्टा युवक नीचे आ रहा था उसके बलिष्ट जिस्म को देखकर ही लगता था कि ये जिम का दीवाना होगा उसके माँसल जिस्म पर एक स्पोर्ट्स बनियान और नीचे हाफ केपरी थी।

सीढ़ियों से उतरकर वो फ्रिज की तरफ बढ़ा और उसमें से एक पानी की बोतल निकालकर वापस सीढ़ियों से चढ़ता हुआ गायब हो गया।

नाज़ुक कली कुछ देर तक अंधेरे गलियारे में खड़ी रही पर उसको अब नंगा रोशनी में जाने से डर लग रहा था।
उसने अंधेरे में ही अपना नाईट सूट पहन लिया जो बिना ब्रा और पैंटी के ही उसको पूरा कवर दे रहा था।

और वो जिग्यासा वष कमरे का नज़ारा देखने के लिए खिड़की की तरफ बढ़ी।

कमरे में राज धीरे धीरे रागनी की गाँड सहला कर उसको तसल्ली दे रहा था।

"सॉरी यार जानू माफ करदो ना गलती से हो गया।

रागनी ने आंखे चौड़ी करके उसकी तरफ देखा।

"गलती से हाँ।तुम्हारी तो कबसे मेरी गाँड पर नियत है अब मैं प्यार से नही दे रही तो इसलिए ज़बरदस्ती करना चाहते थे।

"नही यार ऐसी बात नही है मुझे पता है जब भी में प्यार से बोलूंगा तुम मना नही करोगी गॉड कसम गलती से हुआ है।
राज ने अपने गले पर हाथ रखकर शपत ली।
अब नही होगी गलती अब आराम से करूंगा देखो इसका क्या हाल है बेचारा बिल से निकलकर कितना परेशान है।

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राज का खड़ा लौड़ा देखकर रागनी की हँसी निकल गई।
"देखो अभी इसने कितना दर्द दिया है और इसपर ज़रा भी फर्क नही पड़ा अभी भी खड़ा है बेशर्म।

"अब इसको जल्दी से ठंडा करदो न जानू
राज ने मिन्नत की।

"ठंडा तो करदुंगी लेकिन पहले वादा करो कि अबकी बार ये गलत दरवाज़े पर दस्तक नही देगा।जब मेरी मर्ज़ी होगी तब मैं ख़ुद इसे उस महल की सैर करवाऊंगी वो भी प्यार से।
रागनी ने अपनी शर्त रखी।
बेचारा राज इस वक़्त तो किसी भी शर्त पर राज़ी होता वो जल्दी से बोला।

"मंज़ूर है जहाँपनाह जैसा आप कहो।

और राज ने रागनी की गाँड पकड़ कर उसको वापस कुतिया बना दिया।

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"अबकी बार इसको हाथ से पकड़ कर सही छेंद पर लगाना।
रागनी ने मुस्कुराते हुए पीछे देखकर कहा।

राज ने उत्तर देना उचित नही समझा क्योंकि उसके लंड के सामने फिरसे एक गदराई हुई पावरोटी की माफिक फुली हुई चूत थी जो चीख चीख कर कह रही थी कि आओ घुस जाओ मुझमे और रगड़ रगड़ कर चोदो मुझे।
राज भला चूत की इस मनुहारी गुहार को कँहा नज़र अंदाज़ करने वाला था।
उसने अपनी कमर को धीरे से आगे बढ़ाया लंड पूरा तनाव में होने के कारण फिर गाँड के छल्ले पर जा लगा ।
रागनी ने तुरंत अपनी गाँड को भींच कर पीछे देख आंखे निकाली।
राज ने तुरंत उसको हाथ से पकड़ कर चूत के चीरे पर लगाया और इससे पहले की रागनी कुछ बोलती उसने अपनी कमर को एक करारा झटका दिया।
मोटा लंड सुखी चूत को छिलता हुआ तीन इंच तक अंदर था रागनी की गर्दन दर्द और मज़े के मील-जुले भाव ने आगे को झुका दी।

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"उईईईई माँ आराम से जान सूखा ही डाल रहे हो।छिल गई मेरी गुलाबों इसपर कुछ लगा लो प्लीज्।

"रुको तो ज़रा अभी गीला हो जायेगा कुवाँरी लड़कियों की तरह चिल्ला रही हो।
राज ने लंड को वापस खींच कर फिरसे एक करारा धक्का मारा।
अभी बार चूत में जमा क्रीम ने दर्द को थोड़ा कम कर दिया।
"लंड देखा है अपना उईईईई आआह आराम से।किसी कुँवारी की चूत में आआह आआह ऐसे सूखा डाल दिया न आआह हाय हाय मर जायगी वो।उईईईई सीईईई आआह चोदो आआह आराम से।

लंड के चूत के पानी में भीगते ही रागनी की चीखों की जगह सिस्कारियों ने लेली थी।

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राज अब एक लय में धक्के मार रहा था। धीरेधीरे
रागनी की चूत ने राज के लंड को फिरसे भिगो दिया था।अब चुदाई के लिए पर्याप्त लुब्रिकेंट मिल रहा गया था।
रागनी की चूत अब लंड को और गहराई तक फील करना चाहती थी।
उसने अपनी जांघो के बीच हाथ डाल कर लंड और चूत के बीच चेक किया कितना बाहर है।
राज अभी लगभग एक चौथाई लंड को चूत से बाहर रखकर धक्के लगा रहा था।

"अंदर करो न पूरा इसे बाहर क्यों छोड़ा है रागनी ने बाकी बचे लंड को अपने नाखूनों से रगड़ते है राज को छेड़ा।

"कर तो रहा हुँ जानू अभी तो आधा लेने से ही फट रही थी।राज धक्के लगाता हुआ बोला।
राज रागनी को चिड़ा रहा था।पर रागनी भी पूरी वाली थी।उसने बाहर बचे लंड को पकड़ कर कहा।

"इतना बाहर क्यों रखा है इसको अपनी माँ की चूत में डालोगे या बहन की।
रागनी अक्सर सेक्स के बीच में राज को जोश दिलाने के लिए गंदी गंदी बाते करती थी ताकि वो जोश मैं उसकी मस्त चुदाई करे।अक्सर ये बाते रिश्तों में फोरप्ले तक चली जाती थी।
पर ये सब सिर्फ बिस्तर पर ही निपट जाता था बाद में दोनों में से कोई इस टॉपिक पर कभी बात नही करते थे।
"तू बता किसकी चूत में डालना चाहिए वैसे तेरी बहन भी कम छिनाल नही है।साली एक बार कहने भर में गाँड भी देदेगी।
राज ने भी रागनी को चिढ़ाया।

"हाँ चोद लो आआह उईईईई मेने कब आआह मना किया है आआह सीईईई।और अंदर राजा।

"आआह ले ले अंदर और उसकी आआह बेटी भी तो कड़क है चुदने लायक हो गई है अब साली के छोटे छोटे निम्बूओ में भी रस भर गया होगा।

"आआह बेशर्म अभी उसको हाई-स्कूल आआह तक तो जाने दो।आआह।
हमारी सोनम की बराबर है अभी वो जब रिया जितनी हो जायेगी तब चोद लेना पर पहले मुझे चोदो कस कस कर आआह उईईईई ऐसे ही आआह हाय।

अंदर अपने बारे में होती गंदी बाते सुनकर बाहर खड़ी कच्ची कली की जांघो के बीच चींटिया रेंगने लगी।


दोस्तो अनुमान लगाओ बाहर खड़ी नवयौवना कौन है।

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उस कमसिन कन्या का गोरा बदन देख रिया के जिस्म में भी हलचल होने लगी।
हालांकि रिया इस सब से अनजान भी नही थी पर अपनी आंखों से पहली बार ही इस तरह की मूवी देख रही थी।

अब लड़की चारो तरफ घूम कर अपना शरीर सामने बैठे लड़के को दिखा रही थी।कभी अपनी नंन्ही चुचियों को उभार कर दिखाती तो कभी अपनी गाँड बाहर निकाल कर दिखाती।

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जैसे जैसे मूवी आगे बढ़ रही थी।ठीक उसी लय के साथ रिया की धड़कने और साँसे चल रही थी।

अपना जिस्म की नुमाइश लड़के के सामने करने के बाद लड़की धीरे धीरे सोफे पर बैठे लड़के की तरफ गई और जाकर उसकी गोद में बैठ गई।
लड़की अभी नई उम्र की थी उसको देखकर ही लग रहा था जैसे वो पहली बार ये एक्सपीरियंस कर रही हो।
लड़के ने उसे गोद में बिठाकर अपने होंठो को उसकी तरफ बढ़ाया और कुछ ही देर में दोनों एक गहरे चुम्बन में डूब गए।

तभी कैमरामैन ने कैमरे को लड़की की चूत की तरफ घुमाया।
उसकी साफ सुथरी चूत एकदम क्लीन थी जैसे आज ही चुदने के लिए उसको साफ किया गया हो चूत की दोनों पुट्टीया आपस में मिली हुई थी जैसे आज तक उसके अंदर एक उंगली भी ना गई हो।
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इतनी क्लीन चूत को देखकर रिया का दिल और चूत भी मचल गई उसके मन में हसरत होने लगी कि काश वो भी इतनी प्यारी चूत को छू कर देख पाती।
मगर अफसोस ये संभव नही था।
पर ये हसरत वो अपनी चूत को छूकर तो पूरी कर ही सकती थी जैसी चूत फ़िल्म वाली लड़की की थी ऐसी तो नही मगर किसी तरह से उससे कम भी नही थी रिया की छोटी सहेली।
फ़िल्म देखते देखते कब उसके हाथ अपने नन्हे अनारो पर चले गए उसको खुद पता नही चला।
अपने नाखूनों से वो अपने निप्पलों को खरोंच रही थी।और बिना पलके झपकाए लैपटॉप की स्क्रीन में चलती फ़िल्म को देखती जा रही थी।
अब फ़िल्म वाली लड़की को का जिस्म पूरी तरह से लड़के की बांहों में झूल रहा था उसके हाथ धीरे धीरे लड़की की शहद-कुप्पी रूपी स्तनों को दबा रहे थे।
और लैपटॉप से लड़की की उत्तेजित आवाज़ भी तेज आने लगी थी।

रिया भी अपने हाथों से अपने स्तनों को मसल रही थी।उसे आज अपने स्तनों को दबाने में अभूतपूर्व सुखद अनुभूति हो रही थी।उसको एहसास हो रहा था जैसे उसके निप्पल भाले की नोक की तरह तन गए हो वो जितना उनको दबाने की कोशिश करती वो उतना ही उभरते जा रहे थे।
अब उसको अपने जिस्म पर कपड़े भारी महसूस हो रहे थे उसका दिल कर रहा था कि इन कपड़ो से जितनी जल्दी आज़ाद हो जाये उतना अच्छा है।
मन में ये खयाल आते ही वो कूद कर बिस्तर से नीचे उतर गई और अपनी पजामी के इलास्टिक में दो उंगलियां फाँस कर उसको नीचे करती चली गई।
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जैसे जैसे पजामी नीचे आ रही थी उसकी दिलकश हसीन बिना बालों वाली गोरी चूत सामने आती जा रही थी।
पजामी निकालते वक़्त उसकी नज़र अपनी छोटी सहेली पर ही टिकी थी।
बालों रहित गोरी चूत को देखकर वो अपनी चूत की तुलना फ़िल्म वाली लड़की की चूत से करने लगी।
अभी पजामी घुटनो से नीचे भी नही आई थी कि उसे किसी के कदमो की आहट अपनी तरफ बढ़ती हुई सुनाई दी।
जिस गति से उसकी पजामी नीचे हुई थी उसकी दुगनी गति से वो वापस ऊपर चढ़ गई।
उसने जल्दी से लैपटॉप में चलती फ़िल्म को पॉज़ किया और उसे मिनीमाइज कर दिया।
तभी हाथ में ट्रे लिए रागनी उसके रूम के दरवाजे पर नज़र आई।
"लो बेटी ये गर्म चाय पियो और कुछ देर आराम करलो और हाँ ये गोली भी खा लेना जल्दी ही तुमको बेहतर महसूस होगा।अब बुखार कैसा है तुम्हारा।"
रागनी अपनी बेटी के माथे पर हाथ रखती हुई बोली।

"कुछ नही है माँ बस मुझे आराम की ज़रूरत है।

"अरे तुमको तो वाकई बहुत तेज़ बुखार है में अभी अमन को बुलाती हूँ वो तुमको डॉक्टर के पास ले जायेगा।"
रागनी चिंतित स्वर में बोली।
अब बेचारी रागनी को कौन बताए ये बुखार डॉक्टर से नही ठीक होगा।
बल्कि उसकी बेटी को अब एक लंबे लंड की ज़रूरत है।एक ऐसा लंड जो उसकी छोटी सहेली को रगड़ कर मस्त कर दे और अपना गर्म पानी उसकी गर्म गुफा में डाल दे।उसके बाद ही ये बुखार उतर सकता है।
अमन का नाम सुनते ही रिया को सारा प्लान चौपट होता महसूस हुआ।
"अरे नही माँ उसकी जरूरत नही है।आपने चाय बना दी है और में गोली भी खा लेती हूँ।शाम को सोकर उठूंगी तो ठीक हो जाऊंगी आप भैया को परेशान नही करो।"
रिया को ज़िंदगी में पहली बार अपनी माँ का साथ भी अच्छा नही लग रहा था वो चाहती थी कि रागनी जल्दी से कमरे से चली जाए।

"ओके बेटा चलो फिर तुम ये दवाई खा लेना पर पहले ये चाय और बिस्किट खा लेना।में चलती हूँ।

रागनी के कमरे से निकलते ही रिया ने अपने कमरे का गेट बंद कर लिया।
अब उसने चेन की सांस ली अब उसको परेशान करने वाला कोई नही था।

वो वापस लैपटॉप की तरफ बढ़ी और फ़िल्म को फिरसे शुरू किया।

फ़िल्म में अब धीरे धीरे लड़का अपने कपड़े निकाल रहा था।
कुछ ही देर में लड़के के शरीर पर अंडरवियर को छोड़कर कोई भी कपड़ा नही था।
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अंडरवेअर के अंदर से भी उसका तना हुआ लंड अपना पूरा आकार प्रदर्शित कर रहा था।
उधर फ़िल्म वाली लड़की की सिसकारी निकली और इधर रिया की आंखों के सामने ये नज़ारा आते ही उसके मुख से भी लंबी आआह निकली।

उसका हाथ अपने आप अपनी पजामी के इलास्टिक पर पहुंच गया और पजामी ने कब उसकी गोरी जांघो का साथ छोड़ दिया उसको खुद भी पता नही चला।

धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उसके बदन का साथ छोड़ते जा रहे थे और एक समय ऐसा आया जब रिया पूरी तरह नंगी खड़ी थी उसके नज़रे अब भी लगातार लैपटॉप की स्क्रीन से चिपकी हुई थी।

फ़िल्म में लड़के ने लड़की को इशारा किया वो उसकी तरफ बढ़ी और उसके अंडरवियर को धीरे धीरे नीचे कर दिया लड़के का लंबा लौड़ा झटके के साथ बाहर आ गया अब लड़की और अपनी रिया भी उसके लौड़े को ऐसे देख रही थी जैसे आठवें अजूबे को देख रही हो।

4k अल्ट्रा एच्-डी में चलती फ़िल्म में लौड़े की फूली हुई सारी नसे भी दिख रही थी।

रिया लड़की की चूत की तुलना उस लंड से करने लगी और इस नतीजे पर पहुंची की इतना बड़ा लौड़ा इस लड़की की छोटी सी चूत में किसी भी तरह नही जा पायेगा।

फिर यही तुलना वो अपनी चूत से करने लगी इस तरह की बात दिमाग में आते ही उसकी चूत में चींटिया रेंगने लगी।लेकिन नतीजा फिर भी वही था।
रिया की कलाई से भी मोटा वो लौड़ा तो शायद उसके मुंह में भी ना जा पाए तो फिर चूत में तो शायद ही जायेगा।

वो लहराता हुआ मोटा सांप घुटनो पर बैठी लड़की के चेहरे के ठीक सामने झूल रहा था।

लड़के ने उसको अपने हाथ से पकड़ा और बोला।
"डू यु लाइक इट बेबी।"
लड़की ने सहमति में अपना सिर हिलाया।
"डू यु वांट टू लिक इट बेबी"
लड़की ने अपने हाथों से उसके नाग को थाम लिया और अपने होंठो को उसके मुंड पर चिपका दिया।

इस किर्या से एक आआह लड़के के मुख से बरामद हुई और रिया की भी सीटी बज गई।
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लड़की ने अपनी जीभ से पूरे लंड को चाटना शुरू कर दिया।वो अंडों से लेकर लिंगमुंड तक अपनी जीभ से चाट रही थी।

फ़िल्म की प्रितिकिर्या रिया पर भी सकारात्मक थी।
उसको अपने निप्पल अकड़ते हुए और अपनी छोटी सहेली भीगती हुई महसूस हो रही थी।उसके हाथ धीरे धीरे अपने स्तनों से खिलवाड़ कर रहे थे।
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वो कभी अपने हाथों से अपने स्तनों को दबा रही थी और कभी अपने चूचक को खींच रही थी।तभी फ़िल्म में चलते सीन को देखकर उसके हाथ अपने चुचको पर कसते चले गए।

लड़की ने अपने होंठो को खोल कर लिंगमुंड को अपने होंठो में कैद कर लिया था।

रिया की आंखे फेल गई उसकी ये कला देखकर लड़की के गालों के चीरे को देखकर पता चल रहा था कि उसने अपना मुँह ज़बरदस्ती फैलाया हुआ है मगर फिर भी वो तन्मयता से लंड को अंदर और अंदर लेती जा रही थी।
आधे से ज़्यादा लंड उसके मुख के भीतर घुस चुका था और लड़की की आंखे बाहर निकली हुई थी।
कुछ ही सेकंड में उसने अपने मुँह से लंड को बाहर उगल दिया लंड के बाहर आते ही लड़की खांसने लगी लंड से लड़की का थूक टपक रहा था।

रिया उसकी हिम्मत को सलाम कर रही थी अपने आप को संयत करने के बाद लड़की अपने थूक में चमकते हुए लौड़े को अपने दोनों हाथों से मसलने लगी।
ऐसा प्रतीत होता था जैसे वो थूक को पूरे लंड पर पेंट कर रही हो।उसने फिर से हिम्मत की और सामने झूलते लंड को फिरसे अपने होंठों के हवाले कर दिया।
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अबकी बार लड़की ने दोनों हाथों से लड़के की जांघो को पकड़ रखा था और लड़का अपनी कमर को ऐसे हिला रहा था जैसे वो लड़की के मुंह को चोद रहा हो।
इस बार थूक में चिकना हुआ लौड़ा आसानी से लड़की के मुँह में अंदर बाहर हो रहा था।

कहते है ना प्रेक्टिस मेक परफैक्ट बस उसका जीता जागता उदाहरण था रिया की आंखों के सामने।

लड़की को लॉलीपॉप की तरह लौड़ा चूसते देख रिया का एक हाथ फिसलकर अपनी जांघो के बीच पहुंच चुका था और वो अपने नाखून से अपने भग्नासे को खरोंच रही थी भग्नासे पर रगड़ लगते ही रिया का शरीर झनझना गया।

वो कहते है ना परिस्तिथियों के अनुसार शरीर अपने आप को ढाल लेता है वैसे ही रिया के साथ हो रहा था उसकी चूत ने अपने होंठो को ऐसे खोल लिया था जैसे फ़िल्म में लंड को चिकना रिया को चोदने के लिए किया जा रहा हो।
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जैसे अभी ये लड़की चिकने लौड़े को अपने हाथों से पकड़ कर रिया की चूत पर रखने वाली हो।
रिया लगातार अपनी चूत का मर्दन अपनी उंगलियों से करती जा रही थी।

उधर फ़िल्म में अब लड़के ने लड़की को उठाकर कुछ देर थूक में भीगे लड़की के होंठो को चूसा और फिर आराम से उसको बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर झुक कर उसके नन्हे चूचक को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा।
तने हुए चुचको पर गर्म जीभ लगते ही लड़की सिसकियां लेने लगी उसके मुँह से निकलती आंहे और सिसकारियां रिया के कानों में शहद घोल रही थी रिया उस लड़की की जगह पर अपने आप को लेटा हुआ महसूस कर रही थी।
आहिस्ता आहिस्ता लड़का उसके स्तनों से नीचे की तरफ बढ़ रहा था और अब उसकी आँखों के सामने दुनिया की सबसे खूबसूरत आकृति थी।डबल रोटी के जैसे फूले हुए होंठो के बीच की वो गहरी खाई जिसमे दुनिया का हर मर्द डूबना चाहता है।
लड़के ने पहले दिल भर कर उस गुलाबी कुंवारी चूत को देखा और फिर उसपर अपने होंठो को सजा दिया।
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"ओ माय गॉड सक माय पुसी लाइक देट।।
बस इतने ही शब्द निकले लड़की के मुँह से और उसकी कमर कमान की तरह उठती चली गई।
इस वक़्त लड़की के चेहरे पर बिखरी खुशी देखते ही बनती थी।
इधर रिया के हाथ ने स्पीड पकड़ ली थी।
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रिया को अपनी चूत में कुछ उबलता हुआ महसूस हो रहा था जो बाहर आने के लिए बेताब था।
वो अपनी चूत को ऐसे रगड़ रही थी जैसे अभी इसको रगड़ रगड़ कर इसमें से जिन निकाल देगी।

इधर फ़िल्म में लड़के ने चूत को पूरा अपने थूक से भिगो दिया था उसने अपना चेहरा ऊपर उठाया और लड़की से पूछा।
"डिअर आर यु रेड्डी।"
लड़की ने जवाब में सिर्फ अपनी गर्दन को सहमति में हिलाया।
फ़िल्म में चलती वार्तालाप सुनकर रिया के दिल की धड़कने धौकनी कि तरह चलने लगी आगे क्या होने वाला है।
लड़का लड़की की खुली हुई जांघो के बीच खुद को एडजस्ट करता है पर्याप्त मात्रा में चिकनाई होने के बाद भी लड़की अपने हाथ पर थूक निकाल कर उसको अपनी चूत पर लगाती है।

लड़का उसकी चूत पर अपना लंबा लौड़ा रखता है और उसका केप चूत पर नीचे से ऊपर की तरफ रगड़ने लगता है।
रिया आंखे फाड़े स्क्रीन की तरफ देख रही थी सामने चलता मंज़र देख कर अपनी चूत पर फिसलता उसका हाथ भी रुक गया था और आंखे बाहर आने को तैयार थी।
इतनी छोटी सी चूत में इतना मोटा लौड़ा घुसना उसके हिसाब से इम्पॉसिबल था।
मगर फ़िल्म के पात्रों की मंशा तो शायद यही थी।

लड़के ने अपने लौड़े को बिल्कुल छेंद पर लगाया और एक बार लड़की की आंखों में देखा।
"फ़क मी"
इतना ही बोल पाई थी लड़की की अगले ही पल उसके मुँह से एक लंबी दर्द भरी चीख बरामद हुई।

लड़की की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिलते ही लड़के ने अपनी कमर को चूत की दिशा में धकेल दिया था जिसका परिणाम ये हुआ कि लौड़ा चूत को ककड़ी की तरह चीरता हुआ आधा चूत में घुस गया।
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रिया ने उस लड़की के चेहरे पर सारे ज़माने का दर्द देखा।
इस वक्त रिया को उस लड़के पर इतना गुस्सा आया कि शायद ही उसे अपनी ज़िंदगी में किसी पर इतना गुस्सा आया हो।
चूत में लौड़ा डलवाये लड़की से ज़्यादा इस टाइम रिया ये चाहती थी कि वो जल्दी से उसकी चूत से लौड़े को बाहर निकाल ले।
पर लड़का आराम से आधा लौड़ा चूत में घुसाए लड़की के सुकून से होने का वैट कर रहा था।वो उसकी जांघो पर प्यार से हाथ फेर रहा था।
"रिलेक्स बेबी वी हैव डन।
और उसको दिलासा दे रहा था कभी प्यार से उसके चुचको को मरोड़ता तो कभी निप्पलों को खींचता।

धीरे धीरे लड़की नार्मल होती जा रही थी और कुछ ही देर में लड़की के मुख से कुछ बोल बरामद हुए।
"ओके बेबी नाउ आई फील बेटर फ़क मी बेबी।
लड़की के ये शब्द सुनकर जैसे रिया को झटका लगा।
अभी कुछ मिनट पहले ये लड़की दुनिया भर के दर्द से गुज़र रही थी और ये फिरसे उसी दर्द को झेलने की हामी भर रही थी।

लड़की की चूत में फसा हुआ लड़के का मोटा लौड़ा थोड़ा ढीला हो गया था उसने लड़की की आंखों में देखते हुए अपनी कमर को थोड़ा पीछे किया कैप तक लंड को बाहर निकालकर उसने वापस उसे अंदर की तरफ पुश किया फिर वो बार बार यही किर्या दोहराने लगा।कुछ ही देर की चुदाई से लड़के का लौड़ा फिर से सख्त हो गया।
लड़की की चूत से भी लौड़े की रगड़ से अब पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेंट निकल रहा था जो इस चुदाई को आसान बना रहा था।

रिया के देखते देखते ही अब लड़की भी अपनी कमर उठा कर लड़के का साथ दे रही थी और उसे तेज़ चोदने का अनुरोध कर रही थी धीरे धीरे लंड चूत में अपनी जगह बनाता जा रहा था।
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रिया अपनी आंखें फाड़े देख रही थी अब वो छोटी सी चूत पूरे लौड़े को अपने अंदर जगह दे रही थी।
और लड़की को अब दर्द की जगह मज़ा आ रहा था।
ये मज़े की ही इंतहा थी कि लड़की अब लड़के को गहरे धक्के लगाने की उकसा रही थी।
जैसे ही लड़का अंदर की तरफ धक्का लगाता लड़की भी अपनी चूत को लंड की तरफ धकेलती।
चूत और लंड के मिलान से लड़की की चूत के होंठो पर काफी ज्यादा क्रीम इखट्टा हो गई थी।

तभी लड़के ने चूत से लंड को बाहर निकाल लिया।
लड़की अजीब नज़रों से उसकी तरफ देखने लगी।
लड़के ने उसको कुतिया बनने को कहा लड़की ने तुरंत उसकी आज्ञा का पालन किया और बिस्तर पर कुतिया की तरह झुक गई।

अब लड़का उसके पीछे आया और उसकी कमर पर हाथ लगाकर उसकी कमर को नीचे की तरफ दबाया।
कमर के नीचे दबते ही लड़की की गाँड पूरी तरह से बाहर निकल आई।
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और साथ ही उसकी चूत के सुजे हुए होंठ भी दिखने लगे वाकई लड़की की चूत में कुछ तो बात थी कि रिया के मुंह में भी उसको देखकर पानी आ रहा था।
अब रिया चुदाई के दूसरे चेप्टर से परिचित होने वाली थी।
लड़के ने नीचे झुक कर अपनी जीभ को उसकी नाज़ुक चूत पर नीचे से ऊपर की तरफ चाट लिया फिर दुबारा उसने ऐसे ही किया इस बार उसकी जीभ गांड के छल्ले को भी चाट गई।
गाँड के छल्ले पर जीभ की नोक लगते ही लड़की के साथ रिया के मुंह से भी सिसकी निकली।
उसकी समझ में नही आ रहा था कि कोई गाँड को भी चाट सकता है।पर यंहा तो सबकुछ उसकी आँखों के सामने हो रहा था।
कुछ देर तक लड़का लड़की की चूत और गाँड को चाटता रहा फिर उसने अपने लौड़े को चूत के होंठो पर लगाया और एक करारा झटका दिया लंड के अंदर घुसते हि चूत के होंठ खुलते चले गए।

लड़के ने अपने हाथों से गाँड को पकड़ा और फिर चूत में लंड का आवागमन निर्बाध रूप से होने लगा
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इतनी बेदर्दी से चूत को चुदता हुआ देखकर रिया का हाथ अपनी चूत को पर फिसलता जा रहा था।
ऐसा लगता था जैसे रिया की चूत की टंकी खराब हो गई थी उससे लगातार पानी टपक रहा था।
उसके अंदर का लावा उबलने लगा था।
इधर फ़िल्म में लड़का अपना मुँह ऊपर उठाएं लगातार लड़की को चोदता जा रहा था उसकी स्पीड को देखकर उसके चरम पर पहुंचने का अंदाज़ा हो रहा था।
कुछ और तेज़ झटके मारकर लड़के ने अपने लौड़े को चूत से बाहर खींच कर अपने हाथ से पकड़ लिया इतनी देर में लड़की भी पलट कर बैठ गई और लंड के सामने अपना मुँह खोल दिया।
रिया की समझ नही आ रहा था कि ये क्या करने वाले है।पर कुछ ही पलों में उसकी आंखें चौड़ी होती चली गई।
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लड़के के लंड से निकलने वाला वीर्ये लड़की बड़े चाव से चाटती जा रही थी।
इतना कामुकता भरा दृश्ये रिया की चूत भी बर्दाश्त ना कर पाई और भलभला कर झड़ती चली गई रिया ने पूरी ताकत से अपनी चूत को अपनी मुट्ठी में कस लिया था रह रह कर उसका जिस्म झटके खा रहा था।
वो जैसे बैठी थी वैसे ही पीछे को लुढ़कती चली गई।

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Desi lugai

Mujhe mote lund acche lagte he🍌🍌🍌🍌🍌🍌🍌
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Kamni ko pet se Kara do

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Desi lugai

Mujhe mote lund acche lagte he🍌🍌🍌🍌🍌🍌🍌
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अपने स्तन अपने भतीजे को चुस्वाती हुई ये निर्लज नारी अपने भतीजे की रंडी बनने को भी तैयार थी उससे अपनी चूत को चुदवा कर अपनी बच्चेदानी में अपने भतीजे का वीर्ये ले कर उसका बच्चा जनने को भी तैयार थी।हाय काम तृप्ति की खातिर इंसान क्या कुछ नही कर जाता।

अब आगे-

अपने मोटे स्तनों का मर्दन अपने भतीजे से करवाती हुई कामनी ने अपने हाथ को नीचे करके अमन के लौड़े को पकड़ लिया जो थोड़ी देर पहले ढीला होकर लटक गया था अब अपनी बुआ का दूध पीकर फिरसे फौलाद की तरह सख्त हो गया था और अपनी नोंक उठाए किसी भी क़िले को फतह करने के लिए फिरसे तैयार था।

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जवान पठ्ठा कामनी बुआ के उरोज़ो का मर्दन बड़े जोर शोर से कर रहा था जैसे ही अमन पूरे चूचक को मुंह से पकड़ कर खींचता बुआ के चुचो में तीखे दर्द के साथ मस्ती की लहर उठती जो उसको अपनी चूत तक जाती महसूस होती।
जितनी तेज़ी से अमन बुआ के निप्पलों को खींच रहा था ठीक उतनी ही तेज़ी से कामनी अमन के लौड़े को भींच रही थी कामनी अमन के लौड़े को गाड़ी के गियर की तरह इस्तेमाल कर रही थी।

अमन ने कामनी के दूध तब तक नही छोड़े जब तक वो लाल नही हो गए अमन ने जब उनको अपने मुँह से आज़ाद किया तो कामनी अपने चूचक को देखती रह गई।

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उसके चूचक लाल गुलाबी होकर चमक रहे थे जो कामनी की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।

अपने भतीजे की कलाकारी देख कामनी उसकी दीवानी हो गई अमन ने अपना काम कर दिया था अब कामनी की बारी थी कामनी ने उसको बिस्तर पर धक्का दिया और उसके मदमस्त झटके मारते लौड़े को अपने हाथ से पकड़ कर उसपर झुकती चली गई और अपनी जीभ निकाल कर अपने भतीजे के लौड़े को चाटने लगी।

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बुआ की गरम जीभ का स्पर्श अमन को होश खोने पर मजबूर करने लगा।
अभी अपने दूध चुसवाते हुए जो मज़ा कामनी को मिल रहा था अब वो मज़ा कामनी अपने भतीजे को दे रही थी पूरे लंड पर अपनी जीभ से चाटने के बाद कामनी पहाड़ी आलू की तरह सूजे अपने भतीजे के मोटे सुपाड़े
को देखने लगी जिसपर लंड से निकले पानी की बूँद चमक रही थी कामनी ने अपनी जीभ से उस बूँद को चाट लिया और बूँद का स्वाद लेने के बाद उसने और क्रीम की चाहत में अपना मुँह खोल कर पूरा सुपाड़ा अपने होंठो में भर लिया।
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"आआह रंडी बुआ।
बस इतना ही निकल पाया अमन के मुंह से और उसकी गर्दन उपर उठती चली गई।

और ये वो शब्द था जो कामनी को बहुत पसंद था "रंडी"

बिल्कुल रंडी ही बनना चाहती थी वो अपने भतीजे की आने बालम की अपने साजन की अपने चोदू की।

इस छोटे से शब्द ने वाकई कामनी में छुपी रंडी को जगा दिया फिर जो उसने अमन के लंड पर चुप्पा लगाना शुरू किया तो उसको चीखने पर मजबूर कर दिया।

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कामनी अमन के लंड को जितना संभव था मुँह मैं खींचती और पूरा बाहर निकाल देती साथ ही अंदर लेकर अपनी जीभ से पेशाब के छेंद को ऐसे चाटती की अमन के अण्डों में भरा लावा उबल पड़ता।
अमन को महसूस होने लगा कि बुआ को अगर नही रोक पाया तो अपना वीर्ये उसकी चूत में भरने की बजाय उसके मुँह में भर देगा।

"आआह मम्मी बुआ बस करो आआह नही बुआ आआह नही बुआ छोड़ दो।

अमन ने कामनी के बाल पकड़ कर उसको अपने लौड़े से दूर किया पर कामनी किसी भूखी शेरनी की तरह बार बार अपना मुँह लंड की तरफ ले जा रही थी किसी तरह अमन ने अपने लौड़े को अपनी बुआ के मुख से आज़ाद करवाया मुँह से आज़ाद होते ही लंड ऐसे झटके मारने लगा जैसे अभी पिचकारी मार देगा पर अमन ने उसको कंट्रोल किया।

और कुछ समय अपनी आंखों को बंद करके अपने आप को नियंत्रित करने लगा।
कुछ देर में लंड के झटके कम होने पर उसने आंखे खोल कर देखा तो सामने बुआ उसके लौड़े को देख अपनी गुदाज़ छातियों को अपने ही हाथों से दबा कर मज़े ले रही थी।
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"आआह बुआ क्या हो गया था तुमको बिल्कुल भूखी शेरनी लग रही हो।

"सीईईई मेरे लाल अब मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल है जल्दी से चढ़ जा अपनी घोड़ी पर।

"अरे बुआ घोड़ा घोड़ी पर पीछे से चढ़ता है सोच लो कंही लेने के देने ना पड़ जाए।

"कमीने चढ़ता तो पीछे से ही है पर अपने हथियार को डालता तो चूत में ही है ना तू भी चढ़ जा पीछे से बस अपने इस सिपाही को सही जगह डालना।

"ठीक है बुआ चलो फिर बन जाओ अपने घोड़े के लिए घोड़ी।

अमन के फूले हुए लौड़े को देख कर कामनी अपने घुटनों पर झुक गई।

"ले बन गई तेरी घोड़ी पर ध्यान रखना चूत में ही डालना।
कामनी ने एक बार फिरसे चेताया अपने भतीजे को।

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कामनी की चूत के होंठ लौड़ा लेने के लिए फूले पड़े थे अमन ने पीछे से एक बार फिरसे अपनी बुआ की मस्तानी चौड़ी गाँड को देखा।
हाय क्या मस्तानी गदराई गाँड थी उसकी बुआ की एकदम मस्त भूरा छेंद गोरे चूतड़ और गाँड के छेंद से सिर्फ एक इंच नीचे पाव रोटी की तरह फूली हुई उसकी गोरी चूत।
उसकी मस्तानी गाँड देखकर अमन का मन डोलने लगा

"बुआ में आपकी गाँड चोद तो नही सकता पर आपको बुरा ना लगे तो क्या इसको प्यार कर सकता हूँ।

"मेरे लाल तू मेरी गाँड के साथ सब कुछ कर लेना पर पहले एक बार मेरी चूत को चौद दे बेटा देख केसी आग लगाई है तेरे लौड़े ने इसमें।
देख बेचारी कैसे गीली होकर तेरे लौड़े के अंदर आने का इंतज़ार कर रही है।

"बस थोड़ी देर बुआ।
इतना कह कर अमन बुआ की गाँड पर झूक कर उसके एक चूतड़ पर अपने होंठो से चुम्बन लेता है।
अमन को पता था कि चूत का पानी निकलते ही बुआ फिर अपने होश खो देगी।
अमन ने दोनों चूतड़ पकड़ कर विपरीत दिशा में फैलाये तो कामनी की गाँड के छेंद के आस पास की सिलवटे दिखने लगी जो ठीक गाँड के छेंद पर जाकर खत्म हो रही थी।
घबराहट में कामनी ने अपनी गाँड को ज़ोर से भींच लिया था इसलिए उसका गुदा-द्वार अमन के द्वारा चूतड़ फैलाने पर भी पूरी तरह बंद था।
अमन को अपनी बुआ की स्थिति का एहसास था इसलिए उसने अपनी जीभ को बाहर निकालकर गाँड के छेंद पर रख दिया।

अपनी ज़िंदगी में पहली बार कामनी के साथ ये हो रहा था कि कोई मर्द उसकी गाँड के छल्ले को अपनी जीभ से चाट रहा था इतना सुखद एहसास भी उसको उसका भतीजा करवा रहा था।
आम तौर पर इंसान लंड और चूत को तो चाट लेता है पर गुदा-द्वार को गंदा समझा जाता है इस कारण कुछ विरले लोग ही इस सुखद अनुभव को प्राप्त कर पाते है।
जब कि औरत हो या मर्द उसकी गाँड एक सेंसेटिव पॉइंट होता है।
मेने कहा था कि कुछ विरले लोग ही ये सुखद अनुभव ले पाते है उन्ही विरले लोगो में आज कामनी का नाम भी लिखा जा चुका था।

अपने भतीजे की जीभ अपनी गाँड के छल्ले पर लगते ही कामनी को ऐसा मज़ा आया कि उसकी कमर और भी ज़्यादा झुकती चली गई और कमर के झुकते ही गाँड खुलकर सामने आती चली गई।

पर अमन ने अपनी जीभ से सिर्फ एक बार गाँड के छल्ले को छुआ और अपनी जीभ को हटा लिया अब वो अपनी बुआ का रेस्पॉन्स देख रहा था।

कैसे उसकी बुआ ने अपनी गाँड को खोलकर उसके आगे परोस दिया था।अमन ने फिर एक बार अपनी जीभ को छिद्र तक पहुंचाया और चाट कर वापस हटा लिया।
गाँड के छिद्र पर जीभ लगते ही कामनी के पूरे जिस्म में कंपन होने लगा।

"आआह मेरे लाल कर ना

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कामनी ने अपनी गाँड को और बहार की और धकेला।
पर अमन अपनी बुआ से खेल रहा था वो अपनी जीभ गाँड के छल्ले पर लगाता और हटा लेता पर जितनी देर उसकी जीभ कामनी के गुदा-द्वार पर होती कामनी का पूरा जिस्म कांपता रहता।

"आआह अमन चाट ना बेटा मज़ा आ रहा है सीईईई।

"बुआ सोंचो जब आपको गाँड चटवाने में इतना मज़ा आ रहा है तो इसको चुदवाने में कितना मज़ा आएगा।

अमन ने अब अपनी बुआ के जिस्म के साथ साथ उसके जज़्बात से भी खेलना शुरू कर दिया था।
अमन कामनी को गाँड चुदाई पर मजबूर कर देना चाहता था और उसके तरकश से निकला हुआ तीर निशाने पर भी लगा था कामनी सोंचने पर मजबूर हो गई थी अमन की कही बात में उसको सच्चाई नज़र आने लगी थी।
पर इन सब चीज़ों से परे जैसे ही कामनी अमन के लंड के साइज के बारे में सोचती उसकी हिम्मत टूट जाती।

"अमन मेरे लाल मेरा वादा है तुझसे की तेरी बुआ जल्दी ही ये गाँड तेरे लौड़े के नाम कर देगी पर अभी तू जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे।

"ठीक है बुआ जैसी आपकी मर्जी।

अमन ने भी अब ज़्यादा देर करना सही नही समझा क्योंकि उसका लौड़ा भी अब फटने को तैयार था

वो उठकर अपनी बुआ के पीछे आया और अपने गरम मोटे लौड़े को हाथ से पकड़ कर अपनी बुआ की चूत के चीरे पर उपर से नीचे की और रगड़ा चूत के होंठो के बीच रगड़ते ही लौड़े का टोप्ला कामनी की चूत के पानी से भीग गया इसका मतलब अमन को अच्छे से पता था कि उसकी बुआ की चूत अंदर से भट्टी की तरह तप रही है।

"तैयार हो बुआ।

"बिल्कुल मेरे राजा जल्दी से कर।

"क्या करूँ बुआ।
अमन अब भी अपनी हरकतों से बाज़ नही आ रहा था।

"वो कर ना जो करने के लिए खड़ा है।

"क्या करना है बुआ साफ साफ बोलो वरना में कपड़े पहनता हूँ।

"नही नही वो कर ना अपने उस को मेरे अंदर।

"ठीक है में कपड़े पहन रहा हुँ।

"ओऊऊ कितना गंदा हो गया है तू कमीने बोलती हूँ सुन सिर्फ एक बार बोलूंगी।

"सुन रहा हूँ।

"मेरी च च चूत में अपना लौड़ा डाल कर च च चोद।

"आआह मेरी जान ये हुई ना बात तो ये लो।

अमन ने अपने लौड़े को चूत के छेंद पर लगाया और एक करारा झटका मारा जिससे एक ही बार मैं उसका आधा लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।

"आआह मेरे लाल आराम से उईईईई रागनी भाभी कैसा सांड बेटा पैदा किया है आपने।

"अच्छा मम्मी को भी ले आई आप बीच मैं अब तो आपकी खेर नही।

अमन ने अपने लौड़े को कैप तक वापस खींच कर अबकी बार और ज़ोर का झटका मार कर अपने लौड़े को सीधा बुआ की बच्चेदानी से सटा दिया।

"उईईईई मम्मी आआह हाय मार डाला कुत्ते आराम से कर आआह आआह।

"अच्छा आपकी चूत तो ज़ोर ज़ोर से करने को बोल रही है और आप आराम से।लो बुआ लो अंदर और अंदर आआह।

अमन पर शायद इस बात का गुस्सा था कि बुआ ने उसे गाँड के लिए टाल दिया था इसलिए वो अपना पूरा गुस्सा कामनी की चूत पर निकाल रहा था।

"लो बुआ लो अपने भतीजे का लौड़ा अपनी चूत में मेरी रंडी बुआ आआह लो लो पूरा बच्चेदानी तक आआह है मेरी रंडी ले अपने यार का लौड़ा साली चुद्दो ले।

"आआह अमन आराम से फाड़ देगा क्या चूत को ओऊऊ मेरे लाल आराम से।

कामनी को अमन का ये जल्लाद रूप पसंद तो आ रहा था पर मज़े के साथ साथ उसको तेज़ झटकों से दर्द भी हो रहा था।वो बस ये सोंच रही थी कि अगर उसकी चूत सुखी होती तो क्या होता।
जब पूरी तरह से गीली चूत में अमन का लौड़ा पूरा फ़स कर अंदर बाहर हो रहा है।
अमन जैसे ही अंदर झटका मारता कामनी की चूत की बाहरी खाल भी उसके लंड के साथ अंदर की तरफ दबती और लौड़ा बाहर खींचते हुए चूत की अंदरूनी गुलाबी खाल भी बाहर की तरफ खिंचती।

अमन अपने दोनों हाथों से कामनी के गोल मटोल चूतड़ पकड़ कर दनादन उसकी चूत में अपने लौड़े को अंदर बाहर कर रहा था पूरे कमरे में कामनी की आआह और सिसकियां गूंज रही थी।

इस प्रकार की बलपूर्वक चुदाई कामनी के साथ पहली बार हो रही थी यंहा तक कि कभी उज़के पति ने भी उसको इस तरह कुतिया बना कर नही चोदा था।

"आआह मेरे लाल चोद मेरी चूत को अपने लंबे लौड़े से आआह ऊईईई उईईईई आआह आआह अमन आज तो तूने वाकई मुझे सीईईई रंडी बना डाला रे उईईईई मम्मी आआह आआह।

ताबड़तोड़ चुदाई ने कुछ ही देर में कामनी की चूत को झड़ने पर मजबूर कर दिया कामनी का पूरा जिस्म कांप रहा था पर अमन रुकने को तैयार ना था वो अपना लौड़ा लगातार झरती चूत में अंदर बाहर कर रहा था।
लंड चूत से बाहर आते हुए अपने साथ चूत का पानी भी खींच कर बाहर लाता पर अंदर जाते हुए चूत का छल्ला उस पानी को बाहर ही रोक लेता इस कारण घोड़ी की तरह झुकी कामनी की चूत से पानी ऐसे टपक रहा था जैसे टूटी खराब होकर टपकने लगती है।

"आआह अमन उईईईई रुक्क जा उईईईई सीईईई अब मुझसे सहन आआआई सहन नही हो रहा।

कामनी की चूत झरने के बाद काफी सेंसेटिव हो गई थी अब लंड के आवागमन से उसको अत्यधिक गुदगुदी हो रही थी जिसको बर्दाश्त करना अब कामनी के बस में ना था।
बार बार अंदर बाहर होता अमन का लौड़ा चूत के दाने को रगड़ जाता था जिसकी वजह से कामनी को बहुत तीर्व पेशाब आता महसूस हो रहा था पर अमन रुकने को तैयार ना था।

""सीईईई अमन रुक्क जा मेरे लाल उईईईई माँ मेरा पेशाब सीईईई निकल जायेगा उईईईई मेरे लाल आआह सीईईई।

पर अमन इस वक़्त कुछ भी सुनने को तैयार ना था वो लगातार अपने लौड़े को चूत में ठोक- जी ठीक पढ़ा आपने वो कामनी की चूत में लौड़ा ठोक ही रहा था और कामनी का पेशाब बस लबों पर आ गया था जब मसाने ने ज़्यादा ज़ोर मारा तो कामनी से बर्दाश्त ना हुआ वो जिस्म में बची कूची ताकत समेट कर आगे हुई।
और चूत से लौड़ा बाहर फिसलते ही कामनी की चूत से पेशाब की मोटी धार निकलकर सोफे को भिगोने लगी।
जिसको कामनी ने बहुत रोकने का प्रयास किया पर उसकी चूत पर उसका बस ना चला और झटकों के साथ पेशाब निकलता चला गया।

मज़ा तो तब आया जब अमन ने आगे बढ़कर फिरसे अपने लौड़े को चूत में ठोक दिया लौड़ा चूत में घुसते ही पेशाब की धार बंद हो गई अगले ही पल अमन ने लौड़ा चूत से वापस बाहर खींच लिया लंड के बाहर आते ही पेशाब की धार फिरसे निकलने लगी और सीधा अमन के खड़े लौड़े को भिगोने लगी।
अमन ने फिरसे लौड़ा चूत में भर दिया पेशाब फिरसे बंद हो गया बाहर निकलते ही पेशाब की धार फिरसे लौड़े को भिगोने लगी।
अमन बार बार यही किर्या दोहराता रहा जब तक कामनी की चूत से पेशाब निकलता रहा इस सब में कामनी के जिस्म को ऐसे झटके लग रहे थे जैसे उसने 440 वाल्ट के नंगे तारो को पकड़ लिया हो।
कामनी की टंकी खाली होते ही उसके जिस्म की सारी ताकत खत्म हो गई पर अमन के धक्के अभी भी जारी थे।
कामनी का जिस्म निढाल होकर अमन के हाथों में झूल रहा था जब अमन को अपने लौड़े में लावा उबलता हुआ महसूस हुआ उसने कस कस कर आखिरी कुछ झटके मारे और अपने लौड़े को बुआ की बच्चेदानी तक घुसेड़ कर अपना प्रेम-रस बुआ की चूत को अर्पित करने लगा।
लंड के खाली होते ही अमन के हाथों की पकड़ कामनी के चूतड़ों पर हल्की हुई और अमन भी बुआ के साथ साथ उसके जिस्म पर लुढ़कता चला गया।



दोस्तो आपकी प्रितिकिर्या लिखने का साहस देती है।
तो साथ बने रहे।और अपनी प्रितिकिर्या देते रहे।
Mast update 💓 💓 💓 💓 likha he ji
 

sabbisaab

New Member
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Nhi bhai aap link type kr sakte hai vo Sayad yha show Ho jaye varna yha ke upload image option ka sahara le sakte hai
Kya gand hai
 

Happyraj74

New Member
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Kahani khatam ho gayi kya...
 
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