सुबह सुबह दोनो भाई अपने प्लान के हिसाब से आम के बगीचे के मे जाकर एक पेड के पीछे छुप गए. आम के बगीचे मे गाँव की कई औरते पैखाने के लिए आती थी और वहा खुले आम नन्गी होकर बैठती थी. सुधा काकी का भी वहा आना होता था. और हुआ भी कुछ ऐसेही.
जैसे ही बिल्ला और रवि पेड के पीछे छुप गए, कुछ समय मे सुधा काकी लोटा लेकर आ गई और उनसे कुछ ही दूरी पर आकर उनकी ओर अपनी मोटी गान्ड करके नन्गी बैठ गई. दोनो भाई उसके नन्गे और बडे बडे चुतड देख कर होश खो बैठे और अपना अपना लन्ड निकाल कर उसकी मोटी गान्ड देख देख कर अपना लन्ड हिलाने लगे. लन्ड हिलाकर मूठ मार कर दोनो जल्दी जल्दी अपने घर आ गए.
दोनो भाई हॅन्डपम्प पर बैठ कर दातुन करते हुए सुधा काकी की मोटी गान्ड के बारे मे बाते करने लगे. लेकिन उन्हे ध्यान नही रहा कि सुधा काकी आकर उनकी पीछे खडी उनकी बात सुनने लगी थी.
रवि- बिल्ला यार सुधा काकी के चुतड कितने भारी है मेरा तो उसकी गान्ड मारने का दिल कर रहा है.
तभी सुधा काकी जोरसे चिल्लाई,
सुधा- हराम के जनो, कुत्तो कमीनो शरम नही आती मेरी गान्ड मारने की बात करते हुए. हरामियो जाकर अपनी माँ की गान्ड मारो मादरचोदो. उसकी गान्ड तो पूरे गाँव मे सबसे मोटी है. जाओ जाकर अपनी माँ की गान्ड पर चढ जाओ हरामियो. तुम कमीने कभी नही सुधरोगे. आखिर हरामी अपने बाप पर गये हो. उसने भी अपनी माँ की गान्ड मारी थी. आखिर खूँन का असर है तो वह कहाँ जायेगा. नीच कही के.......
ऐसी गालिया देती हुई सुधा काकी बडबडाती हुई अपने घर मे घुस गई. दोनो भाईयो का मूड खराब हो गया.
रवि- यार बिल्ला इस मादरचोद की गान्ड तो अब किसी भी हालत मे मारनी ही पडेगी. साली बहुत बोलबचन देकर माँ चुदा रही है. अब हमे इसकी मोटी गान्ड मारे बिना चैन नही आयेगा. इस रन्डी की गान्ड अगर मार मार के फाड न दी तो हम भी अपने बाप की औलाद नही. कुतिया साली सुबह सुबह माँ चुदा के चली गई रन्डी.
दोनो भाई अपने घर मे वापस आ गए. कमला घर मे झाडू लगा रही थी. दोनो भाई चाय पीते हुए अपनी माँ के मोटे मोटे चुतडो को थिरकते देख देख कर मजा ले रहे थे. कमला भी समझ रही थी की उसके बेटे उसकी मोटी गान्ड को देख देख कर मजा ले रहे है. वह झुककर झाडू मारने लगी. दोनो भाईयो को लग रह था की अभी अपनी माँ का घागरा उठा कर उसकी गान्ड मे अपना मुँह भर दे. वह दोनो अपने लन्ड अपनी लुन्गी के उपरसे सहलाने लगे. तभी रविने खडे होकर अपने लन्ड को बाहर निकाल लिया. लेकिन बिल्लाने उसका हाथ पकड कर वापस उसे बैठने को कहा और खुसफुसाते हुए बोला,
बिल्ला- धीरे से, थोडा सबर कर यार. तू तो माँ की गान्ड मे लन्ड फसाने के लिये मरा जा रहा है. ये अपनी माँ है, ये इतनी आसानी से अपनी गान्ड नही मरवाएगी. इसकी मोटी गान्ड चोदने के लिये हमे बडे जटिल उपाय करने होन्गे. लेकिन तू चिन्ता मत कर, एक दिन इसकी मोटी गान्ड हम दोनो भाई ही चोदेन्गे.
कमला अपने बेटो की खुसफुसाहट भरी बाते सुन रही थी. झाडू लगाकर उसने अपनी चूत का छेद सहलाते हुए घर के बाहर कचरा फेन्कने चली गई.
बिल्ला- यार एक बात देखी है तूने. कुछ दिन से हमारी माँ की चूत कुछ ज्यादा ही खुजलाने लगी है. मुझे लगता है की हमारे मोटे काले लन्ड देख कर इसकी गान्ड और चूत मे खुजली बहुत बढ गई है. यदि हम थोडा सबर से काम ले तो यह हमे अपनी गान्ड और चूत बडे आराम से दे देगी. बस थोडा इसकी चूत का पानी हमे कैसे भी करके बहाना पडेगा.
रवि- मेरे दिमाग मे एक आयडिया आया है.
बिल्ला- बोल बोल कोन सा आयडिया आया है तेरे भेजे मे?
रवि- यार पहले एक बार यह पता चल जाये कि यह हमारे लन्ड के लिये तडप रही है. तभी मै अपने आयडिया के बारे मे आगे सोच सकता हूँ.
बिल्ला- अरे यह तो बडी आसान बात है.
रवि- वह कैसे?
बिल्ला- अगली बार जब हम जन्गल जायेगे तब मूतने के बहाने इसे फिर से लन्ड दिखाने की कोशिश करेन्गे. अगर यह हमारा लन्ड देखने की कोशिश करती है तो समझ लेना की यह हमसे अपनी चूत और मोटी गान्ड मरवाने के लिये तडप रही है.
तभी कमला घर के अन्दर आ गई और दोनो भाई चुप हो गए.
कमला- अरे बेटा, तुम्हारी बहन के गाँव से एक आदमी आया था. वह बता रह था की तुम्हारी बहन तुम्हारे जिजाजी के साथ शहर मे रहने लगी है. तुम्हारे जिजाजी को कोई नौकरी शहर मे लगी है. तुम दोनो ऐसा क्यो नही करते, शहर जाकर अपनी बहन की खैर खबर ले आओ. अगर तुम्हारे जिजाजी हा करे तो अपनी बहन को कुछ दिन के लिये लेते भी आना. काफी समय हो गया है उसे अपने ससुराल गये हुए. और वैसे भी आज मेरी तबियत कुछ ठीक नही लग रही है तो मे भी आज जन्गल नही जाना चाहती हूँ. तुम दोनो आज ही शहर चले जाओ और आज रात अपनी बहन के यही रुक जाना. सुबह अगर तुम्हारे जिजाजी कहे तो उन्हे भी साथ लेते आना.
रवि- ठीक है माँ तुम हमारे लिये रोटिया बान्ध दे, हम अभी चले जाते है.
दोनो भाई शहर की ओर चल दिए.