Update 35
दिमाग की बत्ती जब गुल हो जाती है और शराब भी कोई सहारा ना दे तो क्या किया जाए,
इस एक डील की वजह से मैंने कई रिस्क लिए थे ,कई जगह गैर कानूनी काम भी कर रखे थे,कई सेटिंग्स किये थे,सब कुछ एक ही झटके में कैसे बदल जाने दे सकता था…..
अंत में जब कुछ समझ नही आया तो मैं घर को निकल गया,मुझे सोचने के लिए थोड़ा आराम भी चाहिए था…
मैं फ्रेश होकर ध्यान करने बैठ गया शायद जब कुछ समझ ना आये तो सब कुछ छोड़कर अपने अंदर झांकना चाहिए,कई रास्ते दिखाई देने लगते है ……
मेरे दिमाग में कई सवाल घूमने लगे ,कई विचार मेरे सामने लेकिन मैंने किसी भी विचार को नही पकड़ा,मैंने पहले भी मेडिटेशन की प्रैक्टिस की हुई थी मुझे पता था की दिमाग को शांत कैसे किया जाय,विचार आते है और चले जाते है ,मुझे बस दृष्टा होकर बैठना था और मैं बैठा था,मन के अंदर की कोलाहल और भी ज्यादा बढ़ने लगी यही समय था जब मुझे शांति से सब कुछ देखना था,फिर अचानक एक पल आया और सभी कुछ खत्म ….
मन शांति की एक अलग ही आनन्द को महसूस करने लगा,आधे घण्टे हो चुके थे फिर से विचार आने शुरू हुए लेकिन इस बार सभी बेहद ही सलीके से थे कोई कौतूहल नही हो रहा था,इसीलिए ध्यान में बैठने का समय कम से कम एक घंटा होना चाहिए आधे घंटे तो बस स्थिर होने में ही लग जाते है ,जैसे जैसे समय बढ़ता गया शांति में फिर से हलचल हुई इस बार मेरे मन के सामने सभी कुछ आ चुका था अब बस वो आश थी जिसमे मुझे कोई ऐसा हिंट मिल जाए जिससे मेरा काम बन जाए ,मैं बस देख रहा था देख रहा था…
मन की थकान इतनी थी की मन जैसे ही ज्यादा शांत होने लगा मैं कही खो गया और फिर नींद के आगोश में चला गया…..
दरवाजा खुलने के आभास से मेरी तंद्रा टूटी मैं फिर से अकड़ कर बैठ गया पता नही कितने समय तक मैं सोया हुआ था,..
मोना के मेरे कमरे में आने का आभास हुआ,हम दोनो में ये करार था की अगर मैं ध्यान में बैठा हु तो मुझे डिस्टर्ब ना किया जाए …
कुछ देर मैं मोना की गतिविधियों के बारे में ही सोचता रहा ,मन जब शांत हो तो आप एक ही चीज को कई तरीके से सोचने और समझने की योग्यता पा लेते है,मेरे सामने कुछ तथ्य ऐसे आये जिसे मैंने अभी तक सोचा ही नही था और साथ ही आया मेरे होठो में एक मुस्कान ,मुझे अपने सवाल का हल मिल चुका था……
मैं उठा और सीधे मोना को जकड़ लिया उसके गाल पर एक पप्पी दे दी ..
वो अपने कपड़े निकाल कर अपनी नाइटी पहन चुकी थी ,वो हल्के से हँसी ..
“लगता है काम का बहुत प्रेशर है ,आज कितने दिनों बाद तुम्हे ध्यान करते देख रही हु ..”
“हा जान पता नही कौन ऐसा चुतिया है जो मंन्त्री जी को मारने का प्लान कर रहा है ,सभी अधिकारी मेरे ही पीछे पड़े रहते है हर समय साला परेशान कर रखा है लोगो ने,बस ये शादी अच्छे से हो जाए फिर हम दोनो फुर्र हो जायेगे,सीधे स्विटीजरलैंड..
उसके होठो में मुस्कान तो थी लेकिन ऐसा लगा की कुछ जानने की कोशिस कर रही है …
“क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही हो ..”
“कुछ नही सुबह 3 बजे की फ्लाइट है ,रात भर शादी में बिजी रहेंगे ,एक दिन अगर ये फ़्लाइट पास्पोण्ड हो जाती तो ठीक रहता ना थोड़ा आराम भी कर लेते..”
मैंने गहरी सांस ली ,
“यार अब ये तो नही हो सकता जाना तो उसी दिन पड़ेगा,चलो कोई नही रात फ्लाइट में ही सो जाएंगे और क्या ..ऐसे भी उसके बाद तो आराम ही आराम है 15 दिन का पूरा पैकेज दिया है मंन्त्री जी ने …”
मोना के चहरे में आश्वस्त होने का भाव आया,लगा जैसे वो ये जानना चाहती थी की हम उसी दिन जा रहे है की नही …
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सुबह उठते ही मैंने कुछ फोन किये जिसमे एक था डॉ चुतिया को ...मैंने अपने प्लान में कुछ बदलाव लाया था जो उन्हें पता होनी जरूरी थी …….
शादी का दिन आ चुका था …
लोग शादी में मस्त थे और मैं अपने काम में ,डॉ साहब ,और विक्रम भी वँहा आये हुए थे..
मोना ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी थी ,स्लेवलेस ब्लाउज बेहद ही सेक्सी लग रहा था ,ब्लाउज में कई तरह से सितारे जैसे मोती चमक रहे थे,कंधा तो खुला था ही बल्कि गला भी बहुत खुला हुआ था,एयरकंडीशन होटल के बड़े से हाल में शादी की रस्म होनी थी ,एक ही दिन हल्दी से लेकर बारात तक का कार्यक्रम रखा गया था ,पूरा दिन मैं और मोना दोनो ही व्यस्त रहे थे,मैं अपने काम में और मोना तो थी दूल्हा और दुल्हन की सबसे अच्छी दोस्त…
शाम की पार्टी में मोना का सेक्सी रूप देखकर एक बार तो मेरे मुह से भी आह सी निकल गई थी …
वही शराब के काउंटर में बैठा विक्रम भी मोना को घूरे जा रहा था ,वो साला मुझे ऐसे इग्नोर कर रहा था जैसे मुझे जानता ही नही हो,वैसे भी वो डयूटी में था,दो पैक लगा कर उसने फिर से अपना वाकीटोकि सम्हाल लिया..
“विक्रम ..”
मैंने ही उसे आवाज लगाई …पहले तो वो मुझे थोड़ा घूरा फिर मेरे पास आया
“जी सर कहिए..”
“साले अभी तक गुस्सा है ..”
“मैं होता कौन हु आपसे गुस्सा होने वाला आप तो बड़े अधिकारी है ..”
मैं उसे कुछ कहने ही वाला था की मेरे दिमाग ने मुझे मनाकर दिया ,वो साला बेहद ही सेंटी आदमी था,
“ह्म्म्म तो मोना के साथ कितना आगे पहुचा ..”मैंने एक ग्लास उठा लिया था ,उसने मुझे और भी घृणा से घूरा ..
“सर ये मेरा पर्सनल मेटर है ,और अभी मैं डयूटी पर हु तो एक्सक्यूज़ मि ..”
वो जा ही रहा था की मैंने उसे फिर से टोका ..
“मैं तुम्हारा इंजार्च हु ..और मैं जंहा कहु वही तुम्हे डयूटी करनी पड़ेगी ..”
वो मुझे गुस्से से घूरने लगा
“और मैं चाहता हु आज मोना के साथ ही रहे उसे भी तो खतरा है…”उसने मुझे घूरा
“ओके सर ..अगर आप यही चाहते है तो आज कुछ करके ही रहूंगा …...”
“साला गांडू ..”वो जाते जाते फुसफुसाया और जाकर स्टेज के पास खड़ा हो गया,और मैं अपना पैक लेकर डॉ के पास जाकर बैठ गया…
“सुना है तुम आज रात ही स्विटीजरलैंड निकलने वाले हो ..”
“सही सुना है ,यंहा सब कुछ आपको ही देखना पड़ेगा ,मैं ऑफिशल छुट्टी पर हु तो मुझे कोई प्रॉब्लम नही है ..”
“ह्म्म्म बेटा तुम तो निकल जाओगे और हम फंस जाएंगे …”
हम दोनो ही थोड़े हंसे ,
“ऐसे ये इंस्पेक्टर तो तुम्हारा दोस्त है ना “
“हा ..”
“मोना को पता है की नही ..”
“नही ..”
“तो दोनो ये इशारे में क्या बात कर रहे है …”
मैंने ध्यांन नही दिया था लेकिन डॉ ने इसे पकड़ लिया था ..
“मोना को नही पता की वो मेरा दोस्त है लेकिन दोनो एक दूसरे को जानते तो है …”
डॉ ने बार मुझे घूरा …
“यार कभी कभी तो मुझे तुम पर भी शक होता है ,”
मैं हँस पड़ा…
“होना भी चाहिए ..लेकिन ये याद रखियेगा की मैं कमीना तो हु लेकिन नियत मेरी हमेशा से साफ ही रही है …”
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शाम रात में बदलने लगी थी ,10 बज चुके थे ,लेकिन अभी भी दूल्हा दुल्हन स्टेज में ही थे साथ ही मोना भी ,
मैं बार बार समय देख रहा था और कभी कभी स्टेज में भी जा रहा था,..
“यार मोना हमे पेकिंग भी तो करनी है ..”
“अरे ये चले जाना थोड़ी देर तो रुको ,12 बजे तक साथ खाना खा कर जाना ..”रोहित बोल पड़ा ..
“ओके..”मैं फिर से अपने काम में लग गया..
“मेहमान कम होते जा रहे थे और मोना के चहरे में एक बेचैनी आ रही थी,विक्रम उसे बार बार इशारा कर रहा था,विक्रम स्टेज के पास से निकल कर होटल के कमरों की तरफ चला गया,5 मिनट भी नही बीते थे की मोना ने भी उधर का रुख कर लिया,मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई थी….
लगभग 12:30 हो रहे थे जब हम सबने खाना खाया और घर को निकल गए ,शादी बड़े ही आराम से निपट गया था,मैं बहुत ही रेलेस्क्स दिख रहा था वही मोना थोड़ी बेचैन..
“ऐसे क्यो बेचैन हो “
मैंने कर में ही उसे कहा..
“कुछ नही सब पेकिंग भी तो करनी है ..और थोड़ा आराम भी करना है ..”
“हा बात तो सही है ..घर जाकर थोड़ा पी के सोते है जल्दी उठाकर तैयारी कर लेंगे “
“हा ये सही रहेगा ..”
मोना थोड़ा चहक कर बोली लेकिन मेरे होठो में अनजाने ही एक मुस्कान आ गई थी ..
घर जाकर मोना ने ही दो पैक बनाये तब मैं बाथरूम में था,दोनो ने चेयर किया..
“अब जाकर मुझे थोड़ी शांति मिली कल से आराम ही आराम ..”मैं अपना पैक खत्म करते कहा..
मोना के होठो में एक फीकी मुस्कान थी ,वो भी एक ही झटके में पूरा पैक खत्म कर मेरे साथ ही सो गई ……...