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Adultery बीवी के आशिक(Completed)

Chutiyadr

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Update 6
पूरी केस फाइल पढ़ने के बाद मै गहरे सोच में डूबा हुआ था…

‘मल्टी नेशनल कंपनी को टेंडर ,1500 आदिवासी विस्थापित लेकिन कई मौतें,कई पुलिस के जवान शाहिद ,”मैंने एक गहरी सांस ली और वो आने लगा जो हमेशा ही फसने पर मैं करता हु ,आंखे बंद कर अपने को ढीला छोड़ दिया,मन में एक एक कर विचार आने लगे और कई आवाजे एक साथ गूंजने लगी …

‘मैं आपकी मदद करूंगा…..हाई प्रोफ़ाइल केस है…..JS ग्रुप ऑफ कंपनी…...मंत्री जी का अकाउंट कैसे चेक कर सकते हो ...क्या माल है ना यार मोना..ऐसे वो हैंडसम तो है…….नही राज आह...राज मैं तुम्हारी हु….साली साड़ी में तो बवाल लगती है,पिछवाड़ा तो देख इसका ……...आई लव यू जान…….अभी...अभी...तुम ठीक तो हो ना …”

मुझे किसी ने झकझोरा ..वो मोना थी...जो अभी अभी ऑफिस से आयी थी …

“हम्म ठीक हु …”मेरे माथे पर पसीना था…

“चलो छोड़ो आज तुम्हे एक मस्त बात बताऊंगी की तुम्हारा मूड बन जाएगा ..”

उसके चहरे में लालिमा खिल गई लेकिन मेरे चहरे को देखकर फिर से उड़ गई,

“क्या हुआ तुम्हे ..”

“कुछ नही यार आज मूड ठीक नही है ..”

“कुछ दिनों से बहुत परेशान दिख रहे हो,पहले तो मेरे ऊपर खुद ही पड़ते थे और अब देखते भी नही ,”

वो थोड़ी गंभीर हो गई थी ऐसे उसे पता था की जब मैं किसी केस में बहुत ही बिजी हो जाता हु या फंस जाता हु तो बहुत ही टेंसन में रहता हु लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी ,पहले मैं कुछ ही दिनों में नार्मल हो जाया करता था लेकिन इस बार पूरा महीना हो चुका था,हमारी सेक्स लाइफ भी इससे प्रभावित होने लगी थी ,पूरे महीने में मैं 15 दिन तो बाहर ही रहा और बाकी के दिनों में 3-4 दिन ही हमारे बीच कुछ हुआ था,अब तो राज का नाम भी मेरे मन में उत्तेजना नही जगा पा रहा था,मोना मुझे खुश रखने की कोशिस तो कर रही थी लेकिन इस बार वो भी चिंता में पड़ गई थी …

“कुछ नही जान जानती हो ना केस के कारण परेशान हु ..’वो मेरी गोद में आकर बैठ गई ..

“साला ये भी क्या केस है मेरे ठरकी पति की पूरी ठरक ही मिटा दिया इसने “

मोना के बोलने का अंदाज ही ऐसा था की मेरे चहरे में एक मुस्कान उभर आयी,मैंने हल्के से उसके होठो को किस किया,मुझे भी इस चीज का अहसास था की मेरा काम हमारे बीच के संबंधों पर भी असर डाल रहा है और मैं ऐसा होने नही देना चाहता था…

“अच्छा बताओ क्या बताना चाहती हो …”

“छोड़ो आप थके हुए लग रहे हो ,..”

“अरे बता भी दो ..”

“जब मूड अच्छा होगा तो बताऊंगी,क्या मतलब की बात का कोई असर ही नही होगा तो ..”

“अरे यार तुम भी ..”

वो हँसी और अपना मोबाइल मेरे हाथो में पकड़ा दिया,

“इसका पासवर्ड तो आप जानते ही हो ना ,जासूस हो अब खुद ही पता कर लेना की क्या बताना चाहती थी ..”

वो हंसते हुए मेरे गोद से उठी और कपड़े चेंज कर बाथरूम में चली गई ,मैं थोड़ी देर तक सोचता रहा फिर अपना मूड बदलने के लिए मोना का मोबाइल उठाया ,मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर वो मुझे क्या दिखाना चाहती थी की अचानक ही एक वाट्सप के मेसेज में मेरा ध्यान खिंचा ,राज के नाम से मेसेज आया था,उसकी dp में वो खुले बदन अपने 6 पैक दिखाते हुए फ़ोटो डाल कर रखा था,मैंने देखा की उन दोनो में बहुत सारी बाते हुई है ,अभी तुरंत का मेसेज था..

‘उस शर्मा को मैं मार डालूंगा साला कैसे घूरता है तुम्हे ..’

मेरा मूड थोड़ा खराब था इसलिए मैंने चुपचाप ही फिर से रख दिया और बाकी के मेसेज को पढ़ने की भी जहमत नही उठाई,इतना तो पता चल चुका था की इस एक महीने में दोनो काफी पास आ चुके थे,उनके बीच रोज बात भी होती थी लेकिन वो कहा तक पहुचे थे ये मुझे नही पता था ना ही जानने का ही मन हुआ,लेकिन फिर भी था तो मैं जासूस ही ,एक साफ्टवेयर मोना के मोबाइल में इंस्टाल कर दिया ताकि अपने मोबाइल में उस मोबाइल की गतिविधियों को देख सकू,मैं मोना को आजादी तो देना चाहता था और मेरी तमन्ना भी थी की उसके पीछे लड़के आशिकों की तरह घूमे लेकिन मैं उससे इस वफ़ा की आशा जरूर करता था की वो मेरे प्रति पारदर्शी रहे ….

मोना जब किचन से बेडरूम में आयी तो उसने अपना मोबाइल बिस्तर में रखे हुए देखा,मेरी इस उपेक्षा से उसका चहरा फिर से उदास हो गया,उसने तो सोचा होगा की उन दोनो की बात पढ़कर मैं हमेशा की तरफ उत्तेजित हो जाऊंगा ..

उसका चहरा देखकर मैं उसके पास जा खड़ा हुआ,और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया,

“आई लव यू जान ,लेकिन मेरी भी मजबूरी है,मेरी थोड़ी भी गलती से कई जान जा सकती है ,और मैंने देखा की तुम राज के साथ खुल रही हो,और वो भी तुम्हारी केयर करने लगा है,लेकिन अब अभी खुलो कुछ खोलना मत ..”मेरे अधरों में आयी मुस्कान से उसका चहरा भी खिल गया,वो मेरे गले में झूल गई .

“आपकी ऐसी कामिनी बातो को मैं मिस करती हुई जान ,ये साले मेरे आशिक तो मुझसे ही इतना डरते है की कुछ गंदा नही बोलते,और अपने इसकी आदत डाल दी है ..”

वो खिलखिलाई वही स्वकच्छन्द हँसी जिसमे कोई राग द्वेष नही था,बिल्कुल निर्मल ..मैंने उसे अपने से सटा लिया ..

मेरे दिमाग में आया की मैं अपनी प्यारी बीवी के साथ ये क्या कर रहा हु ,मेरी चाहत को पूरा करने के लिए ही वो ये सब कर रही है..???

“तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है,हा किसी दूसरे के साथ तुम्हे देखकर मैं उत्तेजित हो जाता हु लेकिन इसके लिए। मैं तुम्हे किसी शारीरिक और मानसिक या इमोशनल तकलीफ में नही डाल सकता...किसी के साथ संबंध बनाना सिर्फ शारीरिक नही होता,मानसिक और इमोशनल जुड़ाव भी आ ही जाता है,तुम कोई पेशे वाली नही हो जो बस देह का सौदा कर जाओ,मेरे कारण तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है …”

मेरी बात सुनकर उसके आंखों में भी थोड़ा पानी आया और वो मेरे आंखों को ध्यान से देखने लगी ,वो हल्के से मुस्कुराई ,वो प्यार से भरी ही मुस्कान थी ,उसने अपने हाथो से मेरे गालो को सहलाया,..

“जानते हो मैं कभी इतनी खुस नही थी जितना की अपने मुझे शादी के बाद बना दिया,मैं एक पढ़ाकू और अंतर्मुखी लड़की थी जिसे अपने इतनी आजादी दी की मैं अपने आप को एक्सप्लोर कर सकू,आप ने मुझे इतना बदला है,आपने ही सिखाया की कैसे मैं किसी मर्द को अपने बस में कर सकू...कितने अजीब चीज है ना की जो ताकत मेरे पास हमेशा से थी उसे मैं ही नही जानती थी ,अपने ही बतलाया की मैं कितनी सुंदर हु ,और चाहूं तो क्या कर सकती हु,अपने मुझे जीवन में वो सम्मान दिया और दिलवाया जो मैं अपने बूते पर शायद कभी नही पा सकती थी,मैं उस ऑफिस में बस एक वर्कर बनकर रह जाती जिस ऑफिस में आज बॉस से लेकर चपरासी तक मेरे इशारे में कोई भी कदम उठाने से नही हिचकिचाते...जान आप इन सबकी वजह से खुद को मत कोसो अपने मुझे ताकत दी है,सम्मान दिलवाया है,वो आजादी दी है जिसकी कल्पना कोई लड़की अपने पति से करती है,और सबसे बड़ी बात इतना प्यार दिया है,आई लव यू जान,मैं आपके बिना अधूरी ही रहूंगी,और आपके सिवा किसी पर दिल आ जाए ये हो नही सकता,और बात जिस्मानी रिस्तो की है तो आज तक आपके सिवा किसी की नही हो पाई ,और बात अगर उत्तेजना की है तो हा ये बात की मैं किसी और के साथ जिस्मानी हो जाऊ ये सिर्फ आपको नही मुझे भी उत्तेजित कर देता है ,तो खुद को ग्लानि में मत डालिये ,आपका काम बहुत ही प्रेशर वाला है और मैं आपको खामखा का कोई और प्रेशर नही देना चाहती,”

वो मुझसे लिपट गई और मैं उससे,जिस्म में कोई आग तो नही थी बस अहसास था एक दूसरे के होने का अहसास...मैं उसके बालो को हल्के हल्के ही सहला रहा था वही वो आंखे बंद किये मेरे कंधे पर ही लेटी थी...हमारे रिश्ते में आगे क्या होने वाला था इस बात की गारेंटी दोनो में कोई नही दे सकता था,मैंने उसे आजादी दी थी और उसने उस आजादी का सही उपयोग अपने केरियर को आगे बढ़ाने के लिए किया था,लेकिन मेरे मन में आने वाली भविष्य को लेकर कई दुविधा थी,क्योकि मैं कही ना कही ये जानता था की हमारे रिश्ते का ये नजरिया मोना को शिखर में भी पहुचा सकता है या एक रंडी की उपाधि भी दिला सकता है,क्योकि मेरे दिमाग में कल होने वाली पार्टी की बाते चल रही थी जिसमे मंत्री जी द्वारा मुझे इनवाइट किया गया था,आउर मैं जानता था की ये ना सिर्फ मेरे केस के लिए बल्कि हमारे रिश्ते के लिए भी एक टर्निंग पॉइंट होगा,अगर हम सम्हाले तो जीत सकते है वरना मैं सब कुछ हार भी सकता हु………

जासूस होने का यही फायदा था और यही नुकसान की आपको कई ऐसी चीजे भी पता होती है जो की पता होनी नही चाहिए…...
 

Chutiyadr

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Update 7
मोना को सुबह ही मैंने जल्दी आने को कहा और मंत्री जी की पार्टी की बात बतलाई ,

वो बहुत एक्साइटेड थी ,वैसे भी मैं काम में इतना मसरूफ था की उसे कही घूमने भी नही ले जा पाता था,

शाम उसने एक नील रंग की साड़ी पहनी ,उसकी जवानी उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेकरार लग रही थी और नीला रंग उसके गोरी त्वचा पर बेहद फब रहा था,माथे में लगा गहरा सिंदूर उसके सुहाग की निशानी थी और हाथो की घनी चूड़ियां उसे और भी प्यारा बना रहे थे,,उसने अपने घने वालो को खुला ही रखा और जो उसके कमर को छू रहे थे,कमर में उसने मेरी सुहागरात में दिया हुआ पतला चांदी का करधन पहना,जो की उसके पतले और साड़ी से झांकते पेट को और भी मादक बना रहा था,..

कुल मिलाकर वो किसी भी मर्द को आकर्षित कर देने को तैयार थी,हल्की गंध वाली परफ्यूम से महकती हुई वो मेरे पास आयी …

“किस पर जादू चलाने वाली हो “

उसकी आंखे चंचलता में मचली ..

“सभी पर “वो खिलखिलाई और मैंने उसे जोरो से जकड़ लिया उसके होठो को चूसने लगा,थोड़ी देर के बाद ही उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा

“पूरी लिपिस्टिक ही खराब कर दी “

वो फिर से टचअप करने लगी,मैं भी अपनी तैयारी करने लगा,मैंने वो फाइल उठा ली और एक बार फिर से उसे सरसरी निगाहों से पढ़ा..और फिर अपने बेग में डालकर चलने लगा..

“इतना काम मत किया करो “

वो फिर से मेरे गले लग गई..

“बस थोड़ी और जानकारी फिर काम हो गया,लेकिन सबसे मुश्किल काम यही है “

वो मुस्कुराई

“आप पर मुझे पूरा भरोषा है ..”



*************

पार्टी एक होटल के गार्डन में रखी गई थी, मेरे सभी ऑफिसर वँहा मौजूद थे ,मुझे मंत्री ने इस्पेसली बुलाया था ,

मैं जानता था की क्यो,शायद मुझे धमकाने के लिए या सौदा करने के लिए …?

हम सभी से मिल रहे थे,सभी मुझसे ज्यादा तज्जवो मोना को दे रहे थे,

“आओ अभी केस कैसा चल रहा है”

SP साहब भी मिल गए..उन्होंने भी मोना को ऊपर से नीचे तक देखा लेकिन मेरा लिहाज रखा ..उसे बस हाय बोलकर मेरी ओर देखने लगे..

“बस नजदीक हु सर ,लेकिन मंत्री जी ..”

sp साहब ने आंखों में ही मुझे चुप करा दिया ..

“पागल हो गए हो क्या ,ये उनकी ही पार्टी है भूलो मत ...मुख्यमंत्री भी आये हुए है ,कुछ उल्टा सीधा का तो तुम सीधे सस्पेंड समझे,सम्हाल कर बोलना जो भी बोलना है “

मोना उनकी बातो से जरा सहमी लेकिन मेरे लिए ये कोई नई बात तो नही थी ..

आखिर मंत्री साहब भी मिल ही गए ,

“आओ आओ अभिषेक कैसे हो ,ओह हाय ये हसीना कौन है “

उन्होंने मेरी ओर बढ़ रहे अपने हाथो को मोना की ओर बड़ा दिया,मोना के चहरे में मुस्कान खिल गई लेकिन मेरी गांड ही जल गई,उन्होंने मोना का हाथ पकड़ा और एक हल्की सी किस उसके हाथो में किया ,

“ये इनकी बेगम साहिबा है हुजूर …”

एक जानी पहचानी आवाज मेरे कानो में पड़ी,और उसे देखते ही मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..

“तू यंहा ..”मेरी आवाज में थोड़ा क्रोध था ,

अब्दुल में मोना को नमस्ते किया ,दोनो की आंखे मिली लेकिन अचानक मोना की आंखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दी ,वही चमक अब्दुल की आंखों में भी था ..वो मेरी ओर मुड़ा

“क्या करे अभिषेक साहब मंत्री जी ने आपसे ज्यादा अच्छा ऑफर दे दिया “वो हंसा लेकिन मेरे चहरे में बस गुस्से का भाव था वही मंत्री के चहरे में भी एक कुटिल मुस्कान थी ..

वो मुझे मोना से थोड़ा अलग ले गया..

“बेटा जो खेल तुम खेल रहे हो ना हमे उस खेल में महारत हासिल है,तुम्हारे जैसे कितने पुलिस वाले आये और गए हमारा कुछ भी नही उखाड़ पाए ,हा किया है घोटाला,खाया है पैसा मल्टीनेशनल वालो से ,मरवाये है कई पुलिस वाले और आदिवासी ..उखाड़ ले जो उखाड़ना है,तेरे सभी सबूतों की कागज पर मैं भजिया रख कर खाऊंगा और तू कुछ भी नही कर पायेगा,अच्छा है की मेरे साथ मिल जा ,थोड़ा पैसा भी मिल जाएगा,ऐसे भी मेरा झांट भी तो नही उखाड़ सकता तू,इतनी हसीन बीवी है खुदा ना करे की उसे कुछ हो जाए ,तू सस्पेंड हो जाएगा बीवी किसी और की हो जाएगी तो क्या रह जाएगा तेरे जीवन में ,मेरी बात को सोचना आज फोकट की दारू पी और खाना खाकर घर जा …”

वो शैतानी मुस्कान के साथ मुझे देखता हुआ पलटा,मेरे पंजे बंधे हुए थे,मन कर रहा था की उसे अभी एक घूंसा मार दु..

वो फिर से मेरी ओर पलटा इस बार उसकी वही शैतानी मुस्कान और भी ज्यादा थी ..

“ऐसे तेरी बीवी पर मेरा दिल आ गया है,बचा के रखना “

वो अब जोरो से हंसा और वँहा से चला गया,मेरा चहरा गुस्से से लाल हो चुका था…

“क्या हुआ जान आप ठीक तो हो ना “मोना मेरे पास आ चुकी थी..

“कुछ नही बेबी बस ..ठीक हु ,तुम कुछ लोगी ..”

“एक दो ड्रिंक हो जाए ..”वो मुस्कुराई और हम ड्रिंक्स के पास चले गए दो पैक हम दोनो ने लगा लिया था ,मेरा ध्यान पूरे समय बस मंत्री और अब्दुल पर ही था,उन दोनो में कुछ बात हुई और वो होटल की ओर बड़े ,मैं भी मोना से थोड़ा बिदा लेकर उनके पीछे गया,

“साहब क्या करना है उसका ..”

“उसकी चिंता मत कर ,जब तक वो फाइल मेरे पास है हमे कोई चिंता नही है ,वो कुछ भी नही कर सकता,लेकिन मैंने तुझे दूसरे काम से बुलाया है ..”

“क्या ..”

वो दोनो ज्यादा दूर नही गए थे,थोड़े अकेले वाले जगह में पेड़ो के पास ही खड़े थे,मैं दोनो की बातो को पेड़ की ओढ़ लेकर सुन रहा था ..

“वो साली उसकी बीवी कमाल की है ,और तुझे देखकर वो अजीब सा एक्सप्रेशन क्यो दे रही थी “

अब्दुल हंसा

“बस साहब है कुछ पुराना “

“वाह साले तू तो खिलाड़ी निकला बे,हमारा कुछ जुगाड़ कर “

दोनो ही हंसे और मेरी अंदर तक जल गई

“आप पहुँचो वही कमरा नंबर 144 में मैं कुछ जुगाड़ चलाता हु “

“ये हुई ना बात “

दोनो ही फिर से चले गए ,कमरा नंबर 144 मैंने कई लोगो से इसके बारे में सुन रखा था ,मैं जल्दी से भागा और अपने कार तक पहुचा तुरंत ही फाइल निकाली और उसे अपने कोट में डाल कर वापस आया ,लेकिन ये क्या मोना कही भी दिखाई नही दे रही थी …………..
 

SKYESH

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Sunil Ek Musafir

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Kuchh samjh raha hun .... Kuchh nahin bhi samajh raha hun....

Thoda intjaar karna theek rahega.... Wo kahte hain na... Tel dekho... Tel ki dhaar dekho....
 

Sunil Ek Musafir

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