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Romance बुड्ढा पति ।

How is the starting of this story ?

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parkas

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बूढ़ा पति पार्ट 3
प्यार की दस्तक

वक्त बीतते बीतते १ साल हो गया। भीमा और निशा आज भी मन्नू को याद करते है। निशा जानती थी की मन्नू कैसे उसे प्यार करना चाहता था लेकिन हो न सका। दोनो पति पत्नी अपने चार बच्चो के साथ खुश थे।

रही बात श्वेता और नटवर को तो श्वेता ने दो हफ्ते पहले नटवर के बच्चे को जन्म दिया। श्वेता ने लड़के को जन्म दिया। दोनो बच्चे को लेकर खुश तो थे लेकिन मन्नू की याद उन्हे भी सता रही थी।

आज पूरी हवेली सजी हुई थी। वजह दो थी। एक श्वेता के बच्चे क्या जन्म। बच्चे का नाम किशन रखा गया। दूसरी वजह थी निशा को 60 करोड़ की डील मिली। इस डील में उसके कंपनी को साड़ी कई देशों में बेचे जानेवाली थी। श्वेता ने किशन को इस डील की सफलता का कारण बताया। हवेली में जश्न का माहोल था। हर तरफ शोर गुल चल रही थी।

उस्मान चाचा और उनकी बेगम अपने पांच बच्चो के साथ आए। निशा ने सभी का स्वागत किया। नटवर और श्वेता बच्चे के साथ लोगो से मुलाकात कर रहे थे।

निशा जरीन के साथ बगीचे में थी।

"बताओ जरीन कैसी कट रही है जिंदगी ?" निशा ने पूछा।

"सब अल्लाह का करम है। और तुम बताओ। कैसे है तुम्हारी टीम ? चार खिलाड़ी हैरान तो नही कर रहे न ?" जरीन ने छेड़ते हुए पूछा।

"और नही। उनके लिए आया है। तुम अपना हाल बताओ।" निशा ने हल्के से जरीन के कमर पर चिकोटी भरते हुए कहा।

"Aaahhhh। तुम भी ना। जेबा के बाद उस्मान ने मुझे पांच बच्चो की अम्मी बनाया। अब कहते है कि 3 और बच्चे कर ले तो हमारे 10 बच्चे हो जायेंगे।"

"और तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"बस अब और नहीं। अब मैं उन्हे एक और ही दे सकती हूं। आखिर सेहत भी तो कुछ होता है।"

"वो मान गए ?"

"हां मानना ही पड़ेगा।"

जरीन और निशा दोनो हंसने लगे।

"और निशा तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"भीमा और मेरे चार लड़के है। लेकिन सभी लड़के। मैने उनसे साफ साफ कह दिया। मुझे लड़की चाहिए। तो बस हम सोच रहे है एक और बार बच्चा कर ले।"

रात के अंधेरे में पटाको के शोर गुल के बीच लोगो का जश्न और खुशियां बस ऐसे ही खुशनुमार था हवेली का वातावरण। लेकिन को दिखाता है जरूरी नहीं वही सत्य हो। श्वेता और नटवर बच्चे को लेकर अपने घर वापिस आ गए।

पूरे जश्न को रात बीती और रात के 2 बजे सभी मेहमान अपने अपने घर को चल दिए। श्वेता बच्चे को दूध पिलाकर सुला दी। अपने कपड़े बदल रही श्वेता को अचानक से नटवर के आने की आवाज आई। आधे कपड़े में खड़ी श्वेता के सामने नटवर खड़ा हाथ में तकिया लिए खड़ा था।

"तुम पहन लो कपड़े और सुनो ये तकिया अपने पास रखो। सोने में आसानी होगी।"

बिना कुछ बोला मुस्कुराते हुए श्वेता ने कपड़े पहन लिया। नटवर बिस्तर पर लेटा हुआ पास में पड़े बच्चे को देख रहा था।

"क्या देख रहे हो इसे ?" श्वेता ने पूछा।

"बस एक सपने को पूरे होते हुए देखा।"

"कौन सा और कैसा सपना ?"

"यही कि मेरी भी कोई औलाद हो।"

"अब यही सच्चाई है कि आप मेरे बच्चे के पिता है। सच कहूं मुझे मां बनाकर आपने मेरी जिंदगी को पूरा कर दिया। " श्वेता ने हल्के से नटवर के गाल पर kiss करते हुआ कहा।

"श्वेता क्या तुम्हे मन्नू की याद नहीं आती ?" नटवर ने पूछा।

"क्या फायदा याद करके भी। अब वो चले गए है। अगर उन्हें वापिस आना होता तो आ जाते।"

"कभी कभी सोचता हूं कि मेरी वजह से वो आज हमसे दूर है।"

"बस भी करिए आप। कब तक ऐसी दुख भरी बाते करेंगे ?"

"सच कहूं श्वेता। बचपन से उसे अपने साथ रखा। पता नही इस बुढ़ापे में वो क्या कर रहा होगा ?"

रात के अंधेरे में ग़म के सहारे नटवर सो गया। नटवर से मिलो दूर मुंबई में एक झोपड़ी पर बुड्ढा आदमी शराब के नशे में लेटा हुआ था। वो बुड्ढा आदमी मन्नू था। मन्नू का कोई ठिकाना नहीं था। वो दिन में मजदूरी करता और रात में शराब पीता। मन्नू जैसे मरा हुआ आदमी बन गया।

71 साल का बुड्ढा मन्नू अपने झोपड़ी में था। थोड़ा सा नशा उतरा तो बाहर निकाला और शराब लेने। रात के सन्नाटे में उसके चलने की आवाज। जंगल के बीचों बीचों रहता मन्नू सड़क के पर शराब लेने जा रहा था। अभी जंगल से बाहर सड़क के पास आया तो देखा कि एक गाड़ी पेड़ से चिपकी हुई थी। वो गाड़ी काफी महंगी थी और उसमे एक जवान और खूबसूरत लड़की बेहोश पड़ी थी। ब्लैक कलर का sleveless ड्रेस और बेहद आकर्षण दिखनेवाली लड़की कोई ऐसी वैसी नहीं थी। वो एक बहुत बड़ी बिजनेस वूमन थी। उसका नाम अनामिका है। अनामिका की उमर 26 साल की है। अनामिका बहुत बड़े होटल की इकलौती मालकिन है। करीब 2 बड़े बड़े होटल की मालकिन है।

मन्नू को समझ में नही आ रहा था कि वो क्या करे ? कैसे भी करके मन्नू ने अनामिका को बाहर निकालकर अपने झोपड़ी में ले गया। जैसे तैसे करके उसे सहर देते हुए अपनी झोपड़ी में में ले आया। मन्नू ने देखा की अंधेरे में भी उसका गोरा जिस्म चमक रहा था। दूध जैसा सफेद रंग उसके शरीर का और खुशबू बदन से जो आ रही थी उसकी तो बात ही अलग थी। मन्नू ने सोचा कि क्यों न उसे आज रात इसी झोपड़ी में रख ले। ताकि वो आराम से सो जाए और होश आते ही अपने घर चली जाए। मन्नू ने उसे अपने खटिया पर लेटा दिया। उसका आधा पैर खुला और ऊपर sleveless कपड़े होने की वजह से आधा ऊपर का शरीर खुला था। मन्नू ने तुरंत रजाई से उसके शरीर को ढाक दिया।

अनामिका को देख मन्नू का नशा उतर गया। अब वो ये सोच रहा था कि उसके घरवाले को कैसे बताएं वापिस मन्नू गाड़ी को तरफ गया और कागजात ढूंढ रहा था। वहां उसे अनामिका के घर का नंबर मिला। फोन लगाया तो कोई उठाया नहीं। फिर उसने सोचा कि थोड़ी देर और उसके गाड़ी की तलाश करे। तलाश करने पर उसे एक डायरी मिली जिसमें इसके पहचान के लोगो का संपर्क सूत्र था। उसने देखा कि राहुल सक्सेना का नंबर था जो अनामिका का भाई है। राहुल वैसे 38 साल का है। नंबर कुछ अजीब सा था। बिना कुछ सोचे मन्नू ने फोन लगाया। फोन लगाते ही पता चला को ये नंबर अमेरिका का कोई नंबर है। मन्नू सोचा अनामिका के बारे में बताना सही नहीं वरना खामखां कोई परेशान हो जाएगा।

मन्नू वापिस अपने झोपडी में आ गया। रात काफी हो चुकी थी और अनामिका के सामने दरवाजे के पास बैठा मन्नू भी नींद में खो गया। सुबह सात बजे। चिड़िया की आवाजों ने अनामिका को नींद से जगाया। अनामिका की आँखें खुली तो खुद को अंजान जगह पाया। किसी खटिया में और उसका बदन रजाई से ढका हुआ था। अनामिका ने देखा तो एक बूढ़ा आदमी उसके सामने सोया हुआ पड़ा है। अनामिका जैसे ही खटिया से उठी तो आवाज से मन्नू भी उठा। मन्नू तुरंत खड़ा हो गया।

अनामिका थोड़े डर से बोली "मैं कहां हूं और आप कौन है ?"

मन्नू दिलासा देते हुए कहा "आपका हाइवे में accident हो गया था। और आपको मै यहां अपने झोपडी में लाया हूं। घबराइए मत आप सुरक्षित है।"

अनामिका को मन्नू की आंखों में सच्चाई दिखी और वो थोड़ा राहत को सांस लेते हुए वापिस खटिया में बैठी।

मन्नू पूछा "आप ठीक तो है न ? कोई कमजोरी तो नहीं आ रही आपको ?"

"नहीं मैं ठीक हूं। वैसे आपका नाम क्या है ? और आप करते क्या है ?"

"की मेरा नाम मन्नू है। मैं बस कुछ खास नहीं मजदूरी करता हूं। यहां वहां जो काम मिल जाए।"

अनामिका थोड़ा आराम से बोली "क्या मुझे मेरा फोन मिल सकता है ?"

"हां हां क्यों नहीं। आपके बगल ही रखा है।"

अनामिका ने झट से अपना फोन उठाया और अपनी भाभी को फोन किया।
वैसे आपको बता दूं। अनामिका को सिर्फ भाभी हो है इस दुनिया में उसके साथ। अनामिका का भाई 6 साल पहले दोनों को छोड़कर चला गया था अमेरिका। माता पिता के मरने के बाद बड़ी से बड़ी प्रॉपर्टी को हथियाकर विदेश चला गया और अपना बिजनेस चालू रखा। अनामिका के पास थोड़ी बहुत प्रॉपर्टी बची थी। जिसमें दो होटल और एक आलीशान घर था। अब आप सोचेंगे कि बड़े बड़े दो होटल कैसे छोड़ दिया राहुल ने। तो आपको ये बता दूं कि उस वक्त होटल घंटे में था और करोड़ों का कर्जा उसपर था। अनामिका पहले से ही अच्छे दिमागवली औरत है। अपने सहज स्वभाव और तेज दिमाग से पिछले साल ही दोनों होटल को कर्ज से मुक्त किया और बिजनेस को वापिस फायदे की तरफ लेकर आई। अनामिका का सब कुछ उसकी भाभी ही है। भाभी का नाम तनुजा है और उनकी उम्र 31 साल की है।

मन्नू से रहा नहीं गया और पूछ पड़ा "वैसे आपका ये हाल कैसे हुआ ?"

अनामिका लंबी सांस लेते हुए बोली "पिछले दो दिन से हमारे होटल में बहुत बड़ा फंक्शन था। एक बिजनेस मीटिंग थी। देश विदेश के लोगों ने इसमें भाग लिया। दो दिन तक मैं इस काम में लगी थी। एक मिनिट भी नहीं सोई। कल वापिस आते वक्त हल्के से नींद आ गई और बंद हो गई आंखें। इसीलिए ये सब हुआ।"


मन्नू थोड़ा गुस्से में बोल पड़ा "आजकल के लोग खुद को बड़े समझदार समझते है। आप भी उन में से एक। लेकिन सच कहूं आप बिल्कुल भी समझदार नहीं। अरे भला कोई ऐसी गलती करता है ? मान लो कुछ हो जाता तो ? मान लो कोई और आपके साथ बैठा होता तो ? सच में हर चीज को हल्के में आप बड़े घर के लोग क्यों लेते है ? आपका क्या ? आप तो मरकर ऊपर चले जायेंगे। लेकिन आपके अपनो का क्या ? खुदगर्जी की भी कोई मर्यादा होती है।"

मन्नू के गुस्से को शांत करते हुए अनामिका ने कह "आप सही कह रहे है। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।"

तभी एक गाड़ी झोपडी के पास आ पहुंची। उस गाड़ी से अनामिका की भाभी तनुजा बाहर निकली। तनुजा जो बहुत ही खूबसूरत और नम्र स्वभाव की महिला है। पीले रंग की साड़ी में वो बाहर आई और अनामिका को देख थोड़ा रो पड़ी। अनामिका अपने भाभी के गले लगी।

"माफ कर दो भाभी। मुझसे गलती हो गई।" अनामिका ने गले लगते हुए कहा।

"जैसे सासु मां और ससुर जी के बाद तुम्हारे भाई हमे छोड़कर चले गए वैसे तू भी चलो जा। अकेली कर दे मुझे। आखिर तुम्हे मेरी कोई परवाह भी है ?" तनुजा ने रोते हुए कहा।

अनामिका आंसू पोछते हुए कहा "अब से ऐसा नहीं होगा। I am sorry."

"कोई बात नहीं।"

तभी अनामिका ने तनुजा का परिचय मन्नू से करवाया। दोनों में थोड़ी बातचीत हुई और फिर दोनों भाभी ननद वहां से चले गए। मन्नू भी राहत की सांस ली।

अगले दिन मन्नू सुबह सुबह मजदूरी के लिए झोपडी से बाहर निकला कि वही गाड़ी उसके घर के पास आई। उस गाड़ी से एक ड्राइवर और 70साल का बूढ़ा निकला।

उस बुड्ढे ने मन्नू से पूछा "आप ही मन्नू है न ?"

मन्नू ने जवाब दिया "हां मैं ही हु। लेकिन आप कौन ?"

"जी मुझे वैसे मेरा नाम गुलाब है। मैं अनामिकाजी के घर 35 सालों से का करता हूं। मेमसाब ने आपको याद किया। आप हमारे साथ घर चलिए।"

मन्नू मान गया और फिर वो गाड़ी में बैठ गया। अनामिका का घर शहर से ३० किलोमीटर दूर था। वहां एक खाली वीराने से इलाके से गुजरकर गाड़ी एक आलीशान घर पर पहुंची। मन्नू को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। अब आगे क्या होगा बने रहिए इस कहानी के साथ।


अनामिका का घर

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अनामिका


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Bahut hi badhiya update diya hai Hills bhai...
Nice and beautiful update...
 

kas1709

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बूढ़ा पति पार्ट 3
प्यार की दस्तक

वक्त बीतते बीतते १ साल हो गया। भीमा और निशा आज भी मन्नू को याद करते है। निशा जानती थी की मन्नू कैसे उसे प्यार करना चाहता था लेकिन हो न सका। दोनो पति पत्नी अपने चार बच्चो के साथ खुश थे।

रही बात श्वेता और नटवर को तो श्वेता ने दो हफ्ते पहले नटवर के बच्चे को जन्म दिया। श्वेता ने लड़के को जन्म दिया। दोनो बच्चे को लेकर खुश तो थे लेकिन मन्नू की याद उन्हे भी सता रही थी।

आज पूरी हवेली सजी हुई थी। वजह दो थी। एक श्वेता के बच्चे क्या जन्म। बच्चे का नाम किशन रखा गया। दूसरी वजह थी निशा को 60 करोड़ की डील मिली। इस डील में उसके कंपनी को साड़ी कई देशों में बेचे जानेवाली थी। श्वेता ने किशन को इस डील की सफलता का कारण बताया। हवेली में जश्न का माहोल था। हर तरफ शोर गुल चल रही थी।

उस्मान चाचा और उनकी बेगम अपने पांच बच्चो के साथ आए। निशा ने सभी का स्वागत किया। नटवर और श्वेता बच्चे के साथ लोगो से मुलाकात कर रहे थे।

निशा जरीन के साथ बगीचे में थी।

"बताओ जरीन कैसी कट रही है जिंदगी ?" निशा ने पूछा।

"सब अल्लाह का करम है। और तुम बताओ। कैसे है तुम्हारी टीम ? चार खिलाड़ी हैरान तो नही कर रहे न ?" जरीन ने छेड़ते हुए पूछा।

"और नही। उनके लिए आया है। तुम अपना हाल बताओ।" निशा ने हल्के से जरीन के कमर पर चिकोटी भरते हुए कहा।

"Aaahhhh। तुम भी ना। जेबा के बाद उस्मान ने मुझे पांच बच्चो की अम्मी बनाया। अब कहते है कि 3 और बच्चे कर ले तो हमारे 10 बच्चे हो जायेंगे।"

"और तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"बस अब और नहीं। अब मैं उन्हे एक और ही दे सकती हूं। आखिर सेहत भी तो कुछ होता है।"

"वो मान गए ?"

"हां मानना ही पड़ेगा।"

जरीन और निशा दोनो हंसने लगे।

"और निशा तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"भीमा और मेरे चार लड़के है। लेकिन सभी लड़के। मैने उनसे साफ साफ कह दिया। मुझे लड़की चाहिए। तो बस हम सोच रहे है एक और बार बच्चा कर ले।"

रात के अंधेरे में पटाको के शोर गुल के बीच लोगो का जश्न और खुशियां बस ऐसे ही खुशनुमार था हवेली का वातावरण। लेकिन को दिखाता है जरूरी नहीं वही सत्य हो। श्वेता और नटवर बच्चे को लेकर अपने घर वापिस आ गए।

पूरे जश्न को रात बीती और रात के 2 बजे सभी मेहमान अपने अपने घर को चल दिए। श्वेता बच्चे को दूध पिलाकर सुला दी। अपने कपड़े बदल रही श्वेता को अचानक से नटवर के आने की आवाज आई। आधे कपड़े में खड़ी श्वेता के सामने नटवर खड़ा हाथ में तकिया लिए खड़ा था।

"तुम पहन लो कपड़े और सुनो ये तकिया अपने पास रखो। सोने में आसानी होगी।"

बिना कुछ बोला मुस्कुराते हुए श्वेता ने कपड़े पहन लिया। नटवर बिस्तर पर लेटा हुआ पास में पड़े बच्चे को देख रहा था।

"क्या देख रहे हो इसे ?" श्वेता ने पूछा।

"बस एक सपने को पूरे होते हुए देखा।"

"कौन सा और कैसा सपना ?"

"यही कि मेरी भी कोई औलाद हो।"

"अब यही सच्चाई है कि आप मेरे बच्चे के पिता है। सच कहूं मुझे मां बनाकर आपने मेरी जिंदगी को पूरा कर दिया। " श्वेता ने हल्के से नटवर के गाल पर kiss करते हुआ कहा।

"श्वेता क्या तुम्हे मन्नू की याद नहीं आती ?" नटवर ने पूछा।

"क्या फायदा याद करके भी। अब वो चले गए है। अगर उन्हें वापिस आना होता तो आ जाते।"

"कभी कभी सोचता हूं कि मेरी वजह से वो आज हमसे दूर है।"

"बस भी करिए आप। कब तक ऐसी दुख भरी बाते करेंगे ?"

"सच कहूं श्वेता। बचपन से उसे अपने साथ रखा। पता नही इस बुढ़ापे में वो क्या कर रहा होगा ?"

रात के अंधेरे में ग़म के सहारे नटवर सो गया। नटवर से मिलो दूर मुंबई में एक झोपड़ी पर बुड्ढा आदमी शराब के नशे में लेटा हुआ था। वो बुड्ढा आदमी मन्नू था। मन्नू का कोई ठिकाना नहीं था। वो दिन में मजदूरी करता और रात में शराब पीता। मन्नू जैसे मरा हुआ आदमी बन गया।

71 साल का बुड्ढा मन्नू अपने झोपड़ी में था। थोड़ा सा नशा उतरा तो बाहर निकाला और शराब लेने। रात के सन्नाटे में उसके चलने की आवाज। जंगल के बीचों बीचों रहता मन्नू सड़क के पर शराब लेने जा रहा था। अभी जंगल से बाहर सड़क के पास आया तो देखा कि एक गाड़ी पेड़ से चिपकी हुई थी। वो गाड़ी काफी महंगी थी और उसमे एक जवान और खूबसूरत लड़की बेहोश पड़ी थी। ब्लैक कलर का sleveless ड्रेस और बेहद आकर्षण दिखनेवाली लड़की कोई ऐसी वैसी नहीं थी। वो एक बहुत बड़ी बिजनेस वूमन थी। उसका नाम अनामिका है। अनामिका की उमर 26 साल की है। अनामिका बहुत बड़े होटल की इकलौती मालकिन है। करीब 2 बड़े बड़े होटल की मालकिन है।

मन्नू को समझ में नही आ रहा था कि वो क्या करे ? कैसे भी करके मन्नू ने अनामिका को बाहर निकालकर अपने झोपड़ी में ले गया। जैसे तैसे करके उसे सहर देते हुए अपनी झोपड़ी में में ले आया। मन्नू ने देखा की अंधेरे में भी उसका गोरा जिस्म चमक रहा था। दूध जैसा सफेद रंग उसके शरीर का और खुशबू बदन से जो आ रही थी उसकी तो बात ही अलग थी। मन्नू ने सोचा कि क्यों न उसे आज रात इसी झोपड़ी में रख ले। ताकि वो आराम से सो जाए और होश आते ही अपने घर चली जाए। मन्नू ने उसे अपने खटिया पर लेटा दिया। उसका आधा पैर खुला और ऊपर sleveless कपड़े होने की वजह से आधा ऊपर का शरीर खुला था। मन्नू ने तुरंत रजाई से उसके शरीर को ढाक दिया।

अनामिका को देख मन्नू का नशा उतर गया। अब वो ये सोच रहा था कि उसके घरवाले को कैसे बताएं वापिस मन्नू गाड़ी को तरफ गया और कागजात ढूंढ रहा था। वहां उसे अनामिका के घर का नंबर मिला। फोन लगाया तो कोई उठाया नहीं। फिर उसने सोचा कि थोड़ी देर और उसके गाड़ी की तलाश करे। तलाश करने पर उसे एक डायरी मिली जिसमें इसके पहचान के लोगो का संपर्क सूत्र था। उसने देखा कि राहुल सक्सेना का नंबर था जो अनामिका का भाई है। राहुल वैसे 38 साल का है। नंबर कुछ अजीब सा था। बिना कुछ सोचे मन्नू ने फोन लगाया। फोन लगाते ही पता चला को ये नंबर अमेरिका का कोई नंबर है। मन्नू सोचा अनामिका के बारे में बताना सही नहीं वरना खामखां कोई परेशान हो जाएगा।

मन्नू वापिस अपने झोपडी में आ गया। रात काफी हो चुकी थी और अनामिका के सामने दरवाजे के पास बैठा मन्नू भी नींद में खो गया। सुबह सात बजे। चिड़िया की आवाजों ने अनामिका को नींद से जगाया। अनामिका की आँखें खुली तो खुद को अंजान जगह पाया। किसी खटिया में और उसका बदन रजाई से ढका हुआ था। अनामिका ने देखा तो एक बूढ़ा आदमी उसके सामने सोया हुआ पड़ा है। अनामिका जैसे ही खटिया से उठी तो आवाज से मन्नू भी उठा। मन्नू तुरंत खड़ा हो गया।

अनामिका थोड़े डर से बोली "मैं कहां हूं और आप कौन है ?"

मन्नू दिलासा देते हुए कहा "आपका हाइवे में accident हो गया था। और आपको मै यहां अपने झोपडी में लाया हूं। घबराइए मत आप सुरक्षित है।"

अनामिका को मन्नू की आंखों में सच्चाई दिखी और वो थोड़ा राहत को सांस लेते हुए वापिस खटिया में बैठी।

मन्नू पूछा "आप ठीक तो है न ? कोई कमजोरी तो नहीं आ रही आपको ?"

"नहीं मैं ठीक हूं। वैसे आपका नाम क्या है ? और आप करते क्या है ?"

"की मेरा नाम मन्नू है। मैं बस कुछ खास नहीं मजदूरी करता हूं। यहां वहां जो काम मिल जाए।"

अनामिका थोड़ा आराम से बोली "क्या मुझे मेरा फोन मिल सकता है ?"

"हां हां क्यों नहीं। आपके बगल ही रखा है।"

अनामिका ने झट से अपना फोन उठाया और अपनी भाभी को फोन किया।
वैसे आपको बता दूं। अनामिका को सिर्फ भाभी हो है इस दुनिया में उसके साथ। अनामिका का भाई 6 साल पहले दोनों को छोड़कर चला गया था अमेरिका। माता पिता के मरने के बाद बड़ी से बड़ी प्रॉपर्टी को हथियाकर विदेश चला गया और अपना बिजनेस चालू रखा। अनामिका के पास थोड़ी बहुत प्रॉपर्टी बची थी। जिसमें दो होटल और एक आलीशान घर था। अब आप सोचेंगे कि बड़े बड़े दो होटल कैसे छोड़ दिया राहुल ने। तो आपको ये बता दूं कि उस वक्त होटल घंटे में था और करोड़ों का कर्जा उसपर था। अनामिका पहले से ही अच्छे दिमागवली औरत है। अपने सहज स्वभाव और तेज दिमाग से पिछले साल ही दोनों होटल को कर्ज से मुक्त किया और बिजनेस को वापिस फायदे की तरफ लेकर आई। अनामिका का सब कुछ उसकी भाभी ही है। भाभी का नाम तनुजा है और उनकी उम्र 31 साल की है।

मन्नू से रहा नहीं गया और पूछ पड़ा "वैसे आपका ये हाल कैसे हुआ ?"

अनामिका लंबी सांस लेते हुए बोली "पिछले दो दिन से हमारे होटल में बहुत बड़ा फंक्शन था। एक बिजनेस मीटिंग थी। देश विदेश के लोगों ने इसमें भाग लिया। दो दिन तक मैं इस काम में लगी थी। एक मिनिट भी नहीं सोई। कल वापिस आते वक्त हल्के से नींद आ गई और बंद हो गई आंखें। इसीलिए ये सब हुआ।"


मन्नू थोड़ा गुस्से में बोल पड़ा "आजकल के लोग खुद को बड़े समझदार समझते है। आप भी उन में से एक। लेकिन सच कहूं आप बिल्कुल भी समझदार नहीं। अरे भला कोई ऐसी गलती करता है ? मान लो कुछ हो जाता तो ? मान लो कोई और आपके साथ बैठा होता तो ? सच में हर चीज को हल्के में आप बड़े घर के लोग क्यों लेते है ? आपका क्या ? आप तो मरकर ऊपर चले जायेंगे। लेकिन आपके अपनो का क्या ? खुदगर्जी की भी कोई मर्यादा होती है।"

मन्नू के गुस्से को शांत करते हुए अनामिका ने कह "आप सही कह रहे है। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।"

तभी एक गाड़ी झोपडी के पास आ पहुंची। उस गाड़ी से अनामिका की भाभी तनुजा बाहर निकली। तनुजा जो बहुत ही खूबसूरत और नम्र स्वभाव की महिला है। पीले रंग की साड़ी में वो बाहर आई और अनामिका को देख थोड़ा रो पड़ी। अनामिका अपने भाभी के गले लगी।

"माफ कर दो भाभी। मुझसे गलती हो गई।" अनामिका ने गले लगते हुए कहा।

"जैसे सासु मां और ससुर जी के बाद तुम्हारे भाई हमे छोड़कर चले गए वैसे तू भी चलो जा। अकेली कर दे मुझे। आखिर तुम्हे मेरी कोई परवाह भी है ?" तनुजा ने रोते हुए कहा।

अनामिका आंसू पोछते हुए कहा "अब से ऐसा नहीं होगा। I am sorry."

"कोई बात नहीं।"

तभी अनामिका ने तनुजा का परिचय मन्नू से करवाया। दोनों में थोड़ी बातचीत हुई और फिर दोनों भाभी ननद वहां से चले गए। मन्नू भी राहत की सांस ली।

अगले दिन मन्नू सुबह सुबह मजदूरी के लिए झोपडी से बाहर निकला कि वही गाड़ी उसके घर के पास आई। उस गाड़ी से एक ड्राइवर और 70साल का बूढ़ा निकला।

उस बुड्ढे ने मन्नू से पूछा "आप ही मन्नू है न ?"

मन्नू ने जवाब दिया "हां मैं ही हु। लेकिन आप कौन ?"

"जी मुझे वैसे मेरा नाम गुलाब है। मैं अनामिकाजी के घर 35 सालों से का करता हूं। मेमसाब ने आपको याद किया। आप हमारे साथ घर चलिए।"

मन्नू मान गया और फिर वो गाड़ी में बैठ गया। अनामिका का घर शहर से ३० किलोमीटर दूर था। वहां एक खाली वीराने से इलाके से गुजरकर गाड़ी एक आलीशान घर पर पहुंची। मन्नू को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। अब आगे क्या होगा बने रहिए इस कहानी के साथ।


अनामिका का घर

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अनामिका


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Nice update....
 

dhparikh

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बूढ़ा पति पार्ट 3
प्यार की दस्तक

वक्त बीतते बीतते १ साल हो गया। भीमा और निशा आज भी मन्नू को याद करते है। निशा जानती थी की मन्नू कैसे उसे प्यार करना चाहता था लेकिन हो न सका। दोनो पति पत्नी अपने चार बच्चो के साथ खुश थे।

रही बात श्वेता और नटवर को तो श्वेता ने दो हफ्ते पहले नटवर के बच्चे को जन्म दिया। श्वेता ने लड़के को जन्म दिया। दोनो बच्चे को लेकर खुश तो थे लेकिन मन्नू की याद उन्हे भी सता रही थी।

आज पूरी हवेली सजी हुई थी। वजह दो थी। एक श्वेता के बच्चे क्या जन्म। बच्चे का नाम किशन रखा गया। दूसरी वजह थी निशा को 60 करोड़ की डील मिली। इस डील में उसके कंपनी को साड़ी कई देशों में बेचे जानेवाली थी। श्वेता ने किशन को इस डील की सफलता का कारण बताया। हवेली में जश्न का माहोल था। हर तरफ शोर गुल चल रही थी।

उस्मान चाचा और उनकी बेगम अपने पांच बच्चो के साथ आए। निशा ने सभी का स्वागत किया। नटवर और श्वेता बच्चे के साथ लोगो से मुलाकात कर रहे थे।

निशा जरीन के साथ बगीचे में थी।

"बताओ जरीन कैसी कट रही है जिंदगी ?" निशा ने पूछा।

"सब अल्लाह का करम है। और तुम बताओ। कैसे है तुम्हारी टीम ? चार खिलाड़ी हैरान तो नही कर रहे न ?" जरीन ने छेड़ते हुए पूछा।

"और नही। उनके लिए आया है। तुम अपना हाल बताओ।" निशा ने हल्के से जरीन के कमर पर चिकोटी भरते हुए कहा।

"Aaahhhh। तुम भी ना। जेबा के बाद उस्मान ने मुझे पांच बच्चो की अम्मी बनाया। अब कहते है कि 3 और बच्चे कर ले तो हमारे 10 बच्चे हो जायेंगे।"

"और तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"बस अब और नहीं। अब मैं उन्हे एक और ही दे सकती हूं। आखिर सेहत भी तो कुछ होता है।"

"वो मान गए ?"

"हां मानना ही पड़ेगा।"

जरीन और निशा दोनो हंसने लगे।

"और निशा तुम्हारा क्या इरादा है ?"

"भीमा और मेरे चार लड़के है। लेकिन सभी लड़के। मैने उनसे साफ साफ कह दिया। मुझे लड़की चाहिए। तो बस हम सोच रहे है एक और बार बच्चा कर ले।"

रात के अंधेरे में पटाको के शोर गुल के बीच लोगो का जश्न और खुशियां बस ऐसे ही खुशनुमार था हवेली का वातावरण। लेकिन को दिखाता है जरूरी नहीं वही सत्य हो। श्वेता और नटवर बच्चे को लेकर अपने घर वापिस आ गए।

पूरे जश्न को रात बीती और रात के 2 बजे सभी मेहमान अपने अपने घर को चल दिए। श्वेता बच्चे को दूध पिलाकर सुला दी। अपने कपड़े बदल रही श्वेता को अचानक से नटवर के आने की आवाज आई। आधे कपड़े में खड़ी श्वेता के सामने नटवर खड़ा हाथ में तकिया लिए खड़ा था।

"तुम पहन लो कपड़े और सुनो ये तकिया अपने पास रखो। सोने में आसानी होगी।"

बिना कुछ बोला मुस्कुराते हुए श्वेता ने कपड़े पहन लिया। नटवर बिस्तर पर लेटा हुआ पास में पड़े बच्चे को देख रहा था।

"क्या देख रहे हो इसे ?" श्वेता ने पूछा।

"बस एक सपने को पूरे होते हुए देखा।"

"कौन सा और कैसा सपना ?"

"यही कि मेरी भी कोई औलाद हो।"

"अब यही सच्चाई है कि आप मेरे बच्चे के पिता है। सच कहूं मुझे मां बनाकर आपने मेरी जिंदगी को पूरा कर दिया। " श्वेता ने हल्के से नटवर के गाल पर kiss करते हुआ कहा।

"श्वेता क्या तुम्हे मन्नू की याद नहीं आती ?" नटवर ने पूछा।

"क्या फायदा याद करके भी। अब वो चले गए है। अगर उन्हें वापिस आना होता तो आ जाते।"

"कभी कभी सोचता हूं कि मेरी वजह से वो आज हमसे दूर है।"

"बस भी करिए आप। कब तक ऐसी दुख भरी बाते करेंगे ?"

"सच कहूं श्वेता। बचपन से उसे अपने साथ रखा। पता नही इस बुढ़ापे में वो क्या कर रहा होगा ?"

रात के अंधेरे में ग़म के सहारे नटवर सो गया। नटवर से मिलो दूर मुंबई में एक झोपड़ी पर बुड्ढा आदमी शराब के नशे में लेटा हुआ था। वो बुड्ढा आदमी मन्नू था। मन्नू का कोई ठिकाना नहीं था। वो दिन में मजदूरी करता और रात में शराब पीता। मन्नू जैसे मरा हुआ आदमी बन गया।

71 साल का बुड्ढा मन्नू अपने झोपड़ी में था। थोड़ा सा नशा उतरा तो बाहर निकाला और शराब लेने। रात के सन्नाटे में उसके चलने की आवाज। जंगल के बीचों बीचों रहता मन्नू सड़क के पर शराब लेने जा रहा था। अभी जंगल से बाहर सड़क के पास आया तो देखा कि एक गाड़ी पेड़ से चिपकी हुई थी। वो गाड़ी काफी महंगी थी और उसमे एक जवान और खूबसूरत लड़की बेहोश पड़ी थी। ब्लैक कलर का sleveless ड्रेस और बेहद आकर्षण दिखनेवाली लड़की कोई ऐसी वैसी नहीं थी। वो एक बहुत बड़ी बिजनेस वूमन थी। उसका नाम अनामिका है। अनामिका की उमर 26 साल की है। अनामिका बहुत बड़े होटल की इकलौती मालकिन है। करीब 2 बड़े बड़े होटल की मालकिन है।

मन्नू को समझ में नही आ रहा था कि वो क्या करे ? कैसे भी करके मन्नू ने अनामिका को बाहर निकालकर अपने झोपड़ी में ले गया। जैसे तैसे करके उसे सहर देते हुए अपनी झोपड़ी में में ले आया। मन्नू ने देखा की अंधेरे में भी उसका गोरा जिस्म चमक रहा था। दूध जैसा सफेद रंग उसके शरीर का और खुशबू बदन से जो आ रही थी उसकी तो बात ही अलग थी। मन्नू ने सोचा कि क्यों न उसे आज रात इसी झोपड़ी में रख ले। ताकि वो आराम से सो जाए और होश आते ही अपने घर चली जाए। मन्नू ने उसे अपने खटिया पर लेटा दिया। उसका आधा पैर खुला और ऊपर sleveless कपड़े होने की वजह से आधा ऊपर का शरीर खुला था। मन्नू ने तुरंत रजाई से उसके शरीर को ढाक दिया।

अनामिका को देख मन्नू का नशा उतर गया। अब वो ये सोच रहा था कि उसके घरवाले को कैसे बताएं वापिस मन्नू गाड़ी को तरफ गया और कागजात ढूंढ रहा था। वहां उसे अनामिका के घर का नंबर मिला। फोन लगाया तो कोई उठाया नहीं। फिर उसने सोचा कि थोड़ी देर और उसके गाड़ी की तलाश करे। तलाश करने पर उसे एक डायरी मिली जिसमें इसके पहचान के लोगो का संपर्क सूत्र था। उसने देखा कि राहुल सक्सेना का नंबर था जो अनामिका का भाई है। राहुल वैसे 38 साल का है। नंबर कुछ अजीब सा था। बिना कुछ सोचे मन्नू ने फोन लगाया। फोन लगाते ही पता चला को ये नंबर अमेरिका का कोई नंबर है। मन्नू सोचा अनामिका के बारे में बताना सही नहीं वरना खामखां कोई परेशान हो जाएगा।

मन्नू वापिस अपने झोपडी में आ गया। रात काफी हो चुकी थी और अनामिका के सामने दरवाजे के पास बैठा मन्नू भी नींद में खो गया। सुबह सात बजे। चिड़िया की आवाजों ने अनामिका को नींद से जगाया। अनामिका की आँखें खुली तो खुद को अंजान जगह पाया। किसी खटिया में और उसका बदन रजाई से ढका हुआ था। अनामिका ने देखा तो एक बूढ़ा आदमी उसके सामने सोया हुआ पड़ा है। अनामिका जैसे ही खटिया से उठी तो आवाज से मन्नू भी उठा। मन्नू तुरंत खड़ा हो गया।

अनामिका थोड़े डर से बोली "मैं कहां हूं और आप कौन है ?"

मन्नू दिलासा देते हुए कहा "आपका हाइवे में accident हो गया था। और आपको मै यहां अपने झोपडी में लाया हूं। घबराइए मत आप सुरक्षित है।"

अनामिका को मन्नू की आंखों में सच्चाई दिखी और वो थोड़ा राहत को सांस लेते हुए वापिस खटिया में बैठी।

मन्नू पूछा "आप ठीक तो है न ? कोई कमजोरी तो नहीं आ रही आपको ?"

"नहीं मैं ठीक हूं। वैसे आपका नाम क्या है ? और आप करते क्या है ?"

"की मेरा नाम मन्नू है। मैं बस कुछ खास नहीं मजदूरी करता हूं। यहां वहां जो काम मिल जाए।"

अनामिका थोड़ा आराम से बोली "क्या मुझे मेरा फोन मिल सकता है ?"

"हां हां क्यों नहीं। आपके बगल ही रखा है।"

अनामिका ने झट से अपना फोन उठाया और अपनी भाभी को फोन किया।
वैसे आपको बता दूं। अनामिका को सिर्फ भाभी हो है इस दुनिया में उसके साथ। अनामिका का भाई 6 साल पहले दोनों को छोड़कर चला गया था अमेरिका। माता पिता के मरने के बाद बड़ी से बड़ी प्रॉपर्टी को हथियाकर विदेश चला गया और अपना बिजनेस चालू रखा। अनामिका के पास थोड़ी बहुत प्रॉपर्टी बची थी। जिसमें दो होटल और एक आलीशान घर था। अब आप सोचेंगे कि बड़े बड़े दो होटल कैसे छोड़ दिया राहुल ने। तो आपको ये बता दूं कि उस वक्त होटल घंटे में था और करोड़ों का कर्जा उसपर था। अनामिका पहले से ही अच्छे दिमागवली औरत है। अपने सहज स्वभाव और तेज दिमाग से पिछले साल ही दोनों होटल को कर्ज से मुक्त किया और बिजनेस को वापिस फायदे की तरफ लेकर आई। अनामिका का सब कुछ उसकी भाभी ही है। भाभी का नाम तनुजा है और उनकी उम्र 31 साल की है।

मन्नू से रहा नहीं गया और पूछ पड़ा "वैसे आपका ये हाल कैसे हुआ ?"

अनामिका लंबी सांस लेते हुए बोली "पिछले दो दिन से हमारे होटल में बहुत बड़ा फंक्शन था। एक बिजनेस मीटिंग थी। देश विदेश के लोगों ने इसमें भाग लिया। दो दिन तक मैं इस काम में लगी थी। एक मिनिट भी नहीं सोई। कल वापिस आते वक्त हल्के से नींद आ गई और बंद हो गई आंखें। इसीलिए ये सब हुआ।"


मन्नू थोड़ा गुस्से में बोल पड़ा "आजकल के लोग खुद को बड़े समझदार समझते है। आप भी उन में से एक। लेकिन सच कहूं आप बिल्कुल भी समझदार नहीं। अरे भला कोई ऐसी गलती करता है ? मान लो कुछ हो जाता तो ? मान लो कोई और आपके साथ बैठा होता तो ? सच में हर चीज को हल्के में आप बड़े घर के लोग क्यों लेते है ? आपका क्या ? आप तो मरकर ऊपर चले जायेंगे। लेकिन आपके अपनो का क्या ? खुदगर्जी की भी कोई मर्यादा होती है।"

मन्नू के गुस्से को शांत करते हुए अनामिका ने कह "आप सही कह रहे है। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।"

तभी एक गाड़ी झोपडी के पास आ पहुंची। उस गाड़ी से अनामिका की भाभी तनुजा बाहर निकली। तनुजा जो बहुत ही खूबसूरत और नम्र स्वभाव की महिला है। पीले रंग की साड़ी में वो बाहर आई और अनामिका को देख थोड़ा रो पड़ी। अनामिका अपने भाभी के गले लगी।

"माफ कर दो भाभी। मुझसे गलती हो गई।" अनामिका ने गले लगते हुए कहा।

"जैसे सासु मां और ससुर जी के बाद तुम्हारे भाई हमे छोड़कर चले गए वैसे तू भी चलो जा। अकेली कर दे मुझे। आखिर तुम्हे मेरी कोई परवाह भी है ?" तनुजा ने रोते हुए कहा।

अनामिका आंसू पोछते हुए कहा "अब से ऐसा नहीं होगा। I am sorry."

"कोई बात नहीं।"

तभी अनामिका ने तनुजा का परिचय मन्नू से करवाया। दोनों में थोड़ी बातचीत हुई और फिर दोनों भाभी ननद वहां से चले गए। मन्नू भी राहत की सांस ली।

अगले दिन मन्नू सुबह सुबह मजदूरी के लिए झोपडी से बाहर निकला कि वही गाड़ी उसके घर के पास आई। उस गाड़ी से एक ड्राइवर और 70साल का बूढ़ा निकला।

उस बुड्ढे ने मन्नू से पूछा "आप ही मन्नू है न ?"

मन्नू ने जवाब दिया "हां मैं ही हु। लेकिन आप कौन ?"

"जी मुझे वैसे मेरा नाम गुलाब है। मैं अनामिकाजी के घर 35 सालों से का करता हूं। मेमसाब ने आपको याद किया। आप हमारे साथ घर चलिए।"

मन्नू मान गया और फिर वो गाड़ी में बैठ गया। अनामिका का घर शहर से ३० किलोमीटर दूर था। वहां एक खाली वीराने से इलाके से गुजरकर गाड़ी एक आलीशान घर पर पहुंची। मन्नू को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। अब आगे क्या होगा बने रहिए इस कहानी के साथ।


अनामिका का घर

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अनामिका


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Nice update....
 

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आलीशान घर को देख मन्नू सोच में पड़ गया कि उसे यहां क्यों बुलाया गया। गाड़ी रुकी और गुलाब चाचा मन्नू को लेकर घर के अंदर पहुंचे। घर में एक नौकर से अनामिका के बारे में पूछा तो नौकर दोनों को लेकर घर के पीछे बगीचे में ले गया अनामिका उधर फोन में किसी से बात कर रही थी। बात पूरी होते हो अनामिका ने गुलाब चाचा को जाने को कहा।

फिर तनुजा भी आ पहुंची।

"कैसे है आप मन्नू ?" तनुजा ने पूछा।

"मैं ठीक हूं। एकेपी कैसी है ?"अन्नू ने पूछा।

"मैं ठीक हूं।"

"वैसे मेमसाब आप दोनों ने मुझे यहां क्यों बुलाया ? मेरे समझ में ये नहीं आ रहा।"

"बैठो पहले. सब समझाती हूँ। " तनुजा ने कहा।

मन्नू पास पड़े कुर्सी पर बैठा। वो बस अनामिका को देख रहा था। अनामिका जो इस वक्त व्हाइट शर्ट और ब्लैक स्कर्ट में थी।

तनुजा बात को आगे बढ़ाते हुए बोली "हम चाहते है कि तुम हमारे घर में काम करो।"

मन्नू बोला "माफ करना मेमसाब। लेकिन हम तो एक दूसरे को जानते भी नहीं। और भला एक अजनबी आदमी को घर का काम देना सही नहीं।

अनामिका बोली "देखो मन्नू। आपने जो मेरे लिए किया उसका एहसान मैं नहीं भूलूंगी। आपने मेरी मदद करके न सिर्फ अपने नेक दिल को दिखाया बल्कि एक ईमानदार इंसान खुद को साबित किया। आपने जो किया वो सच में किसी भी औरत के भरोसे को जीतने के लिए काफी है और हमारे घर में ऐसे ईमानदार लोगों को ही जगह दी जाती है। यहां सभी लोग ईमानदार और स्वाभिमान लोग है। आपने जरूर गुलाब चाचा से हमारे बारे में जान लिया होगा।"

मन्नू बोला "मुझपर भरोसा करने के लिए शुक्रिया। आपके बारे में सब जान गया हूं। लगी नसीबदार है कि गुलाब चाचा और उनके जैसे लोगों के साथ आप रहती है। आपके बुरे वक्त में जैसे उन्होंने साथ दिया सच में ईमानदारी आज भी दुनिया में कायम है। लेकिन एक बात बताएं मै यहां की काम कर सकता हूं ?"

"आप हमारे घर में चौकीदारी का काम करें।" अनामिका ने कहा।

"लेकिन वो काम तो cctv कैमरा कर रहा है। मैने सुना है कि अगर कोई मुसीबत आती है तो अलार्म चालू हो जाता है और दो मिनिट में पुलिस आपकी सुरक्षा में आ जाती है।"

"हमे चौकीदार के नाम पर एक ईमानदार आदमी मिल जाएगा। आप सिर्फ नाम के चौकीदार रहेंगे। जबकि आपका काम रहेगा हमारी देखभाल करना। आप घबराइए मत आप यहां सुरक्षित रहेंगे और घर के हर किसी कोने में आपको आने जाने की छूट रहेगी। लेकिन आपसे विनंती है, आप ना मत कहिए।" तनुजा ने कहा।

"मेमसाब घबराइए मत। हम आपके साथ रहेगें लेकिन इससे पहले मैं इस घर का हिस्सा बनू मुझे कोई इस घर कि पूरी जानकारी बता सकता है ?"

तनुजा ने गुलाम चाचा को आवाज दी। गुलाम चाचा को देख मन्नू समझ गया। मन्नू दोनों मेमसाब को नमस्कार किया और गुलाब चाचा के साथ चल दिया।

वैसे इस घर में नौकर कई सारे है लेकिन सिर्फ दो नौकर को हो पूरे घर में घूमने की छूट है

(1) गुलाब चाचा :- उमर 70 साल। दिखने में काले और पतले। वक़रीब 45 साल से ज्यादा इस घर में काम कर चुके है।

(2) कल्लन चाचा :- उमर 68 साल। गुलाब चाचा के गांव से हैऔर उसका दोस्त भी है। वो भी उतने साल से इस घर के वफादार कर्मचारी रहे। दिखने में थोड़े मोटे और तंदुरुस्त। सर पर एक भी बाल नहीं। और दाढ़ी काफी लंबी।

कल्लन और गुलाब चाचा नौकर जरूर है लेकिन वो हमेशा से अनामिका और तनुजा के खास रहे है। अब से मन्नू भी उन दो नौकर की तरह घर का खास बन गया।

गुलाब चाचा ने मन्नू का परिचय कल्लन से करवाया। दोनों में कुछ ही देर में जान पहचान हो गई।

मन्नू उसी दिन से घर में रहने लगा। कल्लन, गुलाब और मन्नू का कमरा घर के निचले हिस्से में है। तीनों का कमरा सुविधा से लैस था। मन्नू रोज सुबह उठाता, घर के चक्कर लगा और बड़े से मैदान में पेड़ पौधों को पानी देता फिर अनामिका का ख्याल रखता। अनामिका वैसे हफ्ते में सोमवार से गुरुवार ही होटल में जाती और बाकी के तीन दिन घर पर रहती। अनामिका घर से होटल का हिसाब किताब रखती। वो घर में हो रहती है। मन्नू को यहां अच्छा लगने लगा।

मन्नू के साथ हमेशा तनुजा अच्छा व्यवहार रखती और हमेशा उसका ख्याल भी रखती। तनुजा वक्त के साथ साथ मन्नू के जिंदगी के बारे में जाना है और उसी वजह से उसके मन में मन्नू के लिए काफी हमदर्दी भी थी। तनुजा ज्यादातर कल्लन चाचा के साथ रहती और खाना बनाना, और नाश्ता बनाने का काम करती।

मन्नू को जैसे शांति महसूस हो रहा था। रात के वक्त मन्नू की आदत रहती घर को अच्छे से देखकर फिर सोने की।

एक दिन की बात थी जब अनामिका को पार्टी में जाना था। तनुजा के कहने पर अनामिका मन्नू को अपने साथ ले गई। मन्नू इस वक्त पुराने कपड़े में था। अनामिका मन्नू को बोली कि वो गाड़ी में ही रहे और उसे वापिस आने में कुछ घंटे लगेंगे। मन्नू मान गया। मन्नू आस पास घूमने चला गया वो भी पैदल। अनामिका अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ पार्टी करने गई थी।

अनामिका का ब्वॉयफ्रेंड था विक्की मल्होत्रा। विक्की एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा हैं जिसको उमर 27 साल को है। अनामिका के साथ 7 साल से रिलेशनशिप में हैं। दोनों जल्द शादी करनेवाले थे। दोनों में शारीरिक संबंध भी लगी अच्छा था।

पार्टी का माहौल था। शराब और डांस में कोई सभी जवान लोग। अनामिका और विक्की दोनों एक दूसरे को बाहों में खोए थे। तभी विक्की के कुछ दोस्त आ गए जिसमें लड़कियां भी थी। विक्की उनके साथ व्यस्त हो गया। अनामिका जैसे अकेले पद गई। अपने फोन में अनामिका ध्यान दे रही थी लेकिन वह भी कुछ काम न आया। अनामिका ने जब फोन बंद किया तो देखा विक्की कहीं नहीं था। अनामिका विक्की को ढूंढते हुए यहां वहां भटकी लेकिन विक्की कहीं दिखा नहीं। आखिर में अनामिका लेडीज वॉशरूम को तरफ बड़ी। रस्ते में एक अंधेरा सा गली था। उस गली से किसी के हंसने की आवाज आई और उसमें विक्की नाम अनामिका को सुनाई दिया। अनामिका हैरत में आकर वहां पहुंचीं। जब अनामिका ने वहां का दृश्य देखा तो उसके जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई। अनामिका ने विक्की को दूसरी लड़की के साथ आपत्ती जनक स्थिति में देखा। दोनों को गलत अवस्था में देख अनामिका जैसे दंग रह गई। अनामिका को देख विक्की जैसे चौक गया। अपनी सच्चाई को रंगे हाथों अनामिका द्वारा पकड़े जाने पर वो डर गया।

अपना डर छुपाते हुए ऊंची आवाज में विक्की पूछा "तुम यहां क्या कर रही हो ? तुम्हे बाहर रहने के लिए कहा था न।"

अनामिका गुस्से से आग बबूला होते हुए बोली "shut up just shut up तो ये कर रहे हो तुम मेरे पीठ पीछे। You bastard."

गुस्से से आगे बढ़कर विक्की ने जोर का थप्पड़ अनामिका के गाल पर मारा और बोला "साली गाली किसको देती है। जानती है कौन हूं मैं।"

"How dare you. तुमने मुझे थप्पड़ मारा ?"

"हां तो ? क्या उखाड़ लेगी मेरा। साली सात साल तक तू मेरे नीचे बिस्तर पर रही। तेरे से ज्यादा दूसरी अच्छी लगी तो उसे भी ला दिया मैने। जवान हूं थोड़े मजे कर लिया तो उसमें क्या गलत है ?"

तभी पीछे से अनामिका को एक लड़के ने बाहों में जकड़ लिया और वो कोई और नहीं विक्की का दोस्त अब्दुल था। अनामिका के साथ जबरजस्ती करने लगा। जबरजस्ती उसे चूम रहा था। अनामिका दूर किया उस लड़के को और जोर का थप्पड़ मारते हुए कहा "तुम सब कितने बेशर्म हो।"

तभी विक्की के दोस्त इकट्ठा हुए और अनामिका पर गंदे गंदे comments डाल रहे थे। दो तीन लड़के उसे छेड़ने लगे। विक्की ने उन सभी को रोकते हुए कहा "अरे मेरी रानी थोड़ा अपनी रंगीन जवानी मेरे दोस्तो को भी दे दे। मजे कर तू। वैसे भी मेरा दोस्त अब्दुल कब से तेरा जवानी चखना चाहता था।"

अब्दुल पीछे से अनामिका के नितंब (ass) पर हाथ घुमाते हुए कहा "चल मेरे साथ। आज तो तुझे अपने farm house में ले जाऊंगा। और तेरी लेकर रहूंगा। साली कितने महीने से तेरी लेने का सोच रहा था। आज तुझे उठाकर ले जाऊंगा।" इतना कहकर अब्दुल अनामिका को उठा लिया और अपनी गाड़ी की तरफ दोस्तो के साथ ले गया। उसके साथ दो और थे। तीनों अनामिका को उठाकर ले जा रहे थे। अनामिका कैसे करके अपने आप को बचाकर बाहर निकली।

बाहर दौड़कर वो गाड़ी के पास आई और देखा मन्नू भी गाड़ी के पास था। मन्नू अनामिका के चेहरे को देखकर हैरान हो गया। आंखों में डर और आंसू दोनों झलक रहा था। अनामिका कांप रही थी। मन्नू ने इस डर का कारण पूछा। अनामिका ने रोते हुए सब कुछ बात दिया। अनामिका की बात सुनकर मन्नू को गुस्सा आया।

मन्नू ने तय कर कर लिया कि वो विक्की और अब्दुल को मरेगा। मन्नू बूढ़ा और वो दोनों जवान। ऐसे में मन्नू की जान को खतरा था। अपनी जान की परवाह किए बिना मन्नू हाथ में डंडा लेकर क्लब के अंदर घुसा। विक्की को सामने देख मन्नू ने जोर से विक्की के पैर पर डंडा मारा। डंडा इतना जोर से लगा कि विक्की जमीन पर गिर गया। मन्नू ने एक और बार जोर से उसी जगह डंडा मारा। दर्द से चिल्लाता विक्की डर गया। इससे पहले कोई कुछ करता कि मन्नू ने कांच की एक बोतल अब्दुल के सिर पर मार दिया। अब्दुल का सिर फटा और खून बहने लगा।

डंडा दिखते हुए मन्नू बोला "साले बड़े घर के छोटे लोग। ऐसे लोग हो तुम ? औरत की इज्जत नहीं करते। क्या सिखाया तुम्हारे मां बाप ने ? हमारी मेमसाब की इज्जत लूटोगे। उस मेमसाब की जिसने मुझे सहारा दिया। अपना माना और मुझे-सम्मान दिया उस मेमसाब के साथ गलत करोगे ? अरे कुत्तों मेरे होते हुए देखता हूं कौन इनके साथ गलत करेगा।"

मन्नू ने फिर दो बार डंडा जोर जोर से विक्की के पैर पर मारा। अब विक्की उठने के काबिल न रहा।

डंडा दिखते हुए मन्नू ने कहा "तुम पांच लड़के लोग उतारो अपने कपड़े। आज तुम्हारी इज्जत मै लौटूंगा। उतारो।" मन्नू जोर दे चिल्लाया।

विक्की और अब्दुल ने कपड़ा नहीं उतरा। गुस्से से मन्नू इन कांच का टुकड़ा अब्दुल के गले पर रखा और हल्के से चीरते हुए कहा "अब नहीं उतरा तो गला पूरी तरह से चीर दूंगा। उतार हरामखोर।"

डर से सभी लोगों ने कपड़े उतरे। मन्नू बची हुई 7 लड़कियों से हाथ जोड़कर कहा "आप लोग लड़की है। ऐसे नीच लोगों के साथ न रहे। ये लोग आपके साथ क्या क्या कर सकते है आपको पता नहीं। जाइए आप लोग अपने घर और इनका साथ छोड़ दीजिए।"

वह लड़कियां भाग गई। मन्नू ने सभी लड़कों को नंगा कर बाहर ले गया और अनामिका के आने खड़ा किया। अनामिका ने मन्नू की सारी बातें सुनी और वो मन्नू पर गर्व महसूस कर रही थी। मन्नू ने डंडा अनामिका को देते हुए कहा "उठाओ अनामिका और मरो सभी को।"

गुस्से से रोते हुए अनामिका ने सभी को जोर जोर से मारा। विक्की और अब्दुल का मार खाकर बुरा हाल हुआ। मन्नू ने सारे कपड़े इकट्ठा किया और जला दिया।

"उठो कुत्तों आज तुम्हारी इज्जत मैने लूट ली। कैसा लग रहा है इज्जत लूट चुकी है तुम्हारी कमीनो।"

मन्नू की बात सुनकर अनामिका हंस दी। मन्नू अनामिका को देखकर बोला "चलें मेमसाब ? लेकिन जाने से पहले इनकी तस्वीरें तो उतार लो।"

अनामिका ने उन लड़कों की नंगी तस्वीर उतारी। मन्नू बोला "अब जब भी कोई ऐसा गंदा खयाल आया तो याद रहे। पूरी दुनिया को ये तस्वीर दिखाऊंगा। चलो अपने मोबाइल फोन दो।"

मन्नू ने सभी के फोन को तोड़कर फेक दिया और कहा "अब ऐसे नंगे अपने घर जाओ।"

अनामिका मन्नू को लेकर घर की तरफ चल दी। घर पहुंचते ही अनामिका मन्नू से कहा "आपने मेरे लिए अपनी जान पर खेल गए ?"

"अरे मेमसाब। जो रोटी देता है उसकी सारी जिंदगी इज्जत करनी चाहिए। आपके लिए मेरी जान हमेशा हाजिर है। अब जाइए और आराम कीजिए।"

अनामिका रोते हुए बोली "आप हमेशा हमारे साथ रहिए। आपके होने से अब मैं खुद को सुरक्षित मानती हूं।"

"मेमसाब कल का क्या पता। लेकिन मेमसाब एक सलाह देता हूं। आप अच्छे बुरे का अच्छे से चुनाव करे। क्योंकि अब आप ही अपने भविष्य का निर्माता है। खुद का ख्याल रखे।"

"मैं इस बात को याद रखूंगी और इसपर काम करूंगी। Good night."

अनामिका अपने कमरे चली गई और मन्नू भी अपने कमरे चला गया।
 
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आलीशान घर को देख मन्नू सोच में पड़ गया कि उसे यहां क्यों बुलाया गया। गाड़ी रुकी और गुलाब चाचा मन्नू को लेकर घर के अंदर पहुंचे। घर में एक नौकर से अनामिका के बारे में पूछा तो नौकर दोनों को लेकर घर के पीछे बगीचे में ले गया अनामिका उधर फोन में किसी से बात कर रही थी। बात पूरी होते हो अनामिका ने गुलाब चाचा को जाने को कहा।

फिर तनुजा भी आ पहुंची।

"कैसे है आप मन्नू ?" तनुजा ने पूछा।

"मैं ठीक हूं। एकेपी कैसी है ?"अन्नू ने पूछा।

"मैं ठीक हूं।"

"वैसे मेमसाब आप दोनों ने मुझे यहां क्यों बुलाया ? मेरे समझ में ये नहीं आ रहा।"

"बैठो पहले. सब समझाती हूँ। " तनुजा ने कहा।

मन्नू पास पड़े कुर्सी पर बैठा। वो बस अनामिका को देख रहा था। अनामिका जो इस वक्त व्हाइट शर्ट और ब्लैक स्कर्ट में थी।

तनुजा बात को आगे बढ़ाते हुए बोली "हम चाहते है कि तुम हमारे घर में काम करो।"

मन्नू बोला "माफ करना मेमसाब। लेकिन हम तो एक दूसरे को जानते भी नहीं। और भला एक अजनबी आदमी को घर का काम देना सही नहीं।

अनामिका बोली "देखो मन्नू। आपने जो मेरे लिए किया उसका एहसान मैं नहीं भूलूंगी। आपने मेरी मदद करके न सिर्फ अपने नेक दिल को दिखाया बल्कि एक ईमानदार इंसान खुद को साबित किया। आपने जो किया वो सच में किसी भी औरत के भरोसे को जीतने के लिए काफी है और हमारे घर में ऐसे ईमानदार लोगों को ही जगह दी जाती है। यहां सभी लोग ईमानदार और स्वाभिमान लोग है। आपने जरूर गुलाब चाचा से हमारे बारे में जान लिया होगा।"

मन्नू बोला "मुझपर भरोसा करने के लिए शुक्रिया। आपके बारे में सब जान गया हूं। लगी नसीबदार है कि गुलाब चाचा और उनके जैसे लोगों के साथ आप रहती है। आपके बुरे वक्त में जैसे उन्होंने साथ दिया सच में ईमानदारी आज भी दुनिया में कायम है। लेकिन एक बात बताएं मै यहां की काम कर सकता हूं ?"

"आप हमारे घर में चौकीदारी का काम करें।" अनामिका ने कहा।

"लेकिन वो काम तो cctv कैमरा कर रहा है। मैने सुना है कि अगर कोई मुसीबत आती है तो अलार्म चालू हो जाता है और दो मिनिट में पुलिस आपकी सुरक्षा में आ जाती है।"

"हमे चौकीदार के नाम पर एक ईमानदार आदमी मिल जाएगा। आप सिर्फ नाम के चौकीदार रहेंगे। जबकि आपका काम रहेगा हमारी देखभाल करना। आप घबराइए मत आप यहां सुरक्षित रहेंगे और घर के हर किसी कोने में आपको आने जाने की छूट रहेगी। लेकिन आपसे विनंती है, आप ना मत कहिए।" तनुजा ने कहा।

"मेमसाब घबराइए मत। हम आपके साथ रहेगें लेकिन इससे पहले मैं इस घर का हिस्सा बनू मुझे कोई इस घर कि पूरी जानकारी बता सकता है ?"

तनुजा ने गुलाम चाचा को आवाज दी। गुलाम चाचा को देख मन्नू समझ गया। मन्नू दोनों मेमसाब को नमस्कार किया और गुलाब चाचा के साथ चल दिया।

वैसे इस घर में नौकर कई सारे है लेकिन सिर्फ दो नौकर को हो पूरे घर में घूमने की छूट है

(1) गुलाब चाचा :- उमर 70 साल। दिखने में काले और पतले। वक़रीब 45 साल से ज्यादा इस घर में काम कर चुके है।

(2) कल्लन चाचा :- उमर 68 साल। गुलाब चाचा के गांव से हैऔर उसका दोस्त भी है। वो भी उतने साल से इस घर के वफादार कर्मचारी रहे। दिखने में थोड़े मोटे और तंदुरुस्त। सर पर एक भी बाल नहीं। और दाढ़ी काफी लंबी।

कल्लन और गुलाब चाचा नौकर जरूर है लेकिन वो हमेशा से अनामिका और तनुजा के खास रहे है। अब से मन्नू भी उन दो नौकर की तरह घर का खास बन गया।

गुलाब चाचा ने मन्नू का परिचय कल्लन से करवाया। दोनों में कुछ ही देर में जान पहचान हो गई।

मन्नू उसी दिन से घर में रहने लगा। कल्लन, गुलाब और मन्नू का कमरा घर के निचले हिस्से में है। तीनों का कमरा सुविधा से लैस था। मन्नू रोज सुबह उठाता, घर के चक्कर लगा और बड़े से मैदान में पेड़ पौधों को पानी देता फिर अनामिका का ख्याल रखता। अनामिका वैसे हफ्ते में सोमवार से गुरुवार ही होटल में जाती और बाकी के तीन दिन घर पर रहती। अनामिका घर से होटल का हिसाब किताब रखती। वो घर में हो रहती है। मन्नू को यहां अच्छा लगने लगा।

मन्नू के साथ हमेशा तनुजा अच्छा व्यवहार रखती और हमेशा उसका ख्याल भी रखती। तनुजा वक्त के साथ साथ मन्नू के जिंदगी के बारे में जाना है और उसी वजह से उसके मन में मन्नू के लिए काफी हमदर्दी भी थी। तनुजा ज्यादातर कल्लन चाचा के साथ रहती और खाना बनाना, और नाश्ता बनाने का काम करती।

मन्नू को जैसे शांति महसूस हो रहा था। रात के वक्त मन्नू की आदत रहती घर को अच्छे से देखकर फिर सोने की।

एक दिन की बात थी जब अनामिका को पार्टी में जाना था। तनुजा के कहने पर अनामिका मन्नू को अपने साथ ले गई। मन्नू इस वक्त पुराने कपड़े में था। अनामिका मन्नू को बोली कि वो गाड़ी में ही रहे और उसे वापिस आने में कुछ घंटे लगेंगे। मन्नू मान गया। मन्नू आस पास घूमने चला गया वो भी पैदल। अनामिका अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ पार्टी करने गई थी।

अनामिका का ब्वॉयफ्रेंड था विक्की मल्होत्रा। विक्की एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा हैं जिसको उमर 27 साल को है। अनामिका के साथ 7 साल से रिलेशनशिप में हैं। दोनों जल्द शादी करनेवाले थे। दोनों में शारीरिक संबंध भी लगी अच्छा था।

पार्टी का माहौल था। शराब और डांस में कोई सभी जवान लोग। अनामिका और विक्की दोनों एक दूसरे को बाहों में खोए थे। तभी विक्की के कुछ दोस्त आ गए जिसमें लड़कियां भी थी। विक्की उनके साथ व्यस्त हो गया। अनामिका जैसे अकेले पद गई। अपने फोन में अनामिका ध्यान दे रही थी लेकिन वह भी कुछ काम न आया। अनामिका ने जब फोन बंद किया तो देखा विक्की कहीं नहीं था। अनामिका विक्की को ढूंढते हुए यहां वहां भटकी लेकिन विक्की कहीं दिखा नहीं। आखिर में अनामिका लेडीज वॉशरूम को तरफ बड़ी। रस्ते में एक अंधेरा सा गली था। उस गली से किसी के हंसने की आवाज आई और उसमें विक्की नाम अनामिका को सुनाई दिया। अनामिका हैरत में आकर वहां पहुंचीं। जब अनामिका ने वहां का दृश्य देखा तो उसके जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई। अनामिका ने विक्की को दूसरी लड़की के साथ आपत्ती जनक स्थिति में देखा। दोनों को गलत अवस्था में देख अनामिका जैसे दंग रह गई। अनामिका को देख विक्की जैसे चौक गया। अपनी सच्चाई को रंगे हाथों अनामिका द्वारा पकड़े जाने पर वो डर गया।

अपना डर छुपाते हुए ऊंची आवाज में विक्की पूछा "तुम यहां क्या कर रही हो ? तुम्हे बाहर रहने के लिए कहा था न।"

अनामिका गुस्से से आग बबूला होते हुए बोली "shut up just shut up तो ये कर रहे हो तुम मेरे पीठ पीछे। You bastard."

गुस्से से आगे बढ़कर विक्की ने जोर का थप्पड़ अनामिका के गाल पर मारा और बोला "साली गाली किसको देती है। जानती है कौन हूं मैं।"

"How dare you. तुमने मुझे थप्पड़ मारा ?"

"हां तो ? क्या उखाड़ लेगी मेरा। साली सात साल तक तू मेरे नीचे बिस्तर पर रही। तेरे से ज्यादा दूसरी अच्छी लगी तो उसे भी ला दिया मैने। जवान हूं थोड़े मजे कर लिया तो उसमें क्या गलत है ?"

तभी पीछे से अनामिका को एक लड़के ने बाहों में जकड़ लिया और वो कोई और नहीं विक्की का दोस्त अब्दुल था। अनामिका के साथ जबरजस्ती करने लगा। जबरजस्ती उसे चूम रहा था। अनामिका दूर किया उस लड़के को और जोर का थप्पड़ मारते हुए कहा "तुम सब कितने बेशर्म हो।"

तभी विक्की के दोस्त इकट्ठा हुए और अनामिका पर गंदे गंदे comments डाल रहे थे। दो तीन लड़के उसे छेड़ने लगे। विक्की ने उन सभी को रोकते हुए कहा "अरे मेरी रानी थोड़ा अपनी रंगीन जवानी मेरे दोस्तो को भी दे दे। मजे कर तू। वैसे भी मेरा दोस्त अब्दुल कब से तेरा जवानी चखना चाहता था।"

अब्दुल पीछे से अनामिका के नितंब (ass) पर हाथ घुमाते हुए कहा "चल मेरे साथ। आज तो तुझे अपने farm house में ले जाऊंगा। और तेरी लेकर रहूंगा। साली कितने महीने से तेरी लेने का सोच रहा था। आज तुझे उठाकर ले जाऊंगा।" इतना कहकर अब्दुल अनामिका को उठा लिया और अपनी गाड़ी की तरफ दोस्तो के साथ ले गया। उसके साथ दो और थे। तीनों अनामिका को उठाकर ले जा रहे थे। अनामिका कैसे करके अपने आप को बचाकर बाहर निकली।

बाहर दौड़कर वो गाड़ी के पास आई और देखा मन्नू भी गाड़ी के पास था। मन्नू अनामिका के चेहरे को देखकर हैरान हो गया। आंखों में डर और आंसू दोनों झलक रहा था। अनामिका कांप रही थी। मन्नू ने इस डर का कारण पूछा। अनामिका ने रोते हुए सब कुछ बात दिया। अनामिका की बात सुनकर मन्नू को गुस्सा आया।

मन्नू ने तय कर कर लिया कि वो विक्की और अब्दुल को मरेगा। मन्नू बूढ़ा और वो दोनों जवान। ऐसे में मन्नू की जान को खतरा था। अपनी जान की परवाह किए बिना मन्नू हाथ में डंडा लेकर क्लब के अंदर घुसा। विक्की को सामने देख मन्नू ने जोर से विक्की के पैर पर डंडा मारा। डंडा इतना जोर से लगा कि विक्की जमीन पर गिर गया। मन्नू ने एक और बार जोर से उसी जगह डंडा मारा। दर्द से चिल्लाता विक्की डर गया। इससे पहले कोई कुछ करता कि मन्नू ने कांच की एक बोतल अब्दुल के सिर पर मार दिया। अब्दुल का सिर फटा और खून बहने लगा।

डंडा दिखते हुए मन्नू बोला "साले बड़े घर के छोटे लोग। ऐसे लोग हो तुम ? औरत की इज्जत नहीं करते। क्या सिखाया तुम्हारे मां बाप ने ? हमारी मेमसाब की इज्जत लूटोगे। उस मेमसाब की जिसने मुझे सहारा दिया। अपना माना और मुझे-सम्मान दिया उस मेमसाब के साथ गलत करोगे ? अरे कुत्तों मेरे होते हुए देखता हूं कौन इनके साथ गलत करेगा।"

मन्नू ने फिर दो बार डंडा जोर जोर से विक्की के पैर पर मारा। अब विक्की उठने के काबिल न रहा।

डंडा दिखते हुए मन्नू ने कहा "तुम पांच लड़के लोग उतारो अपने कपड़े। आज तुम्हारी इज्जत मै लौटूंगा। उतारो।" मन्नू जोर दे चिल्लाया।

विक्की और अब्दुल ने कपड़ा नहीं उतरा। गुस्से से मन्नू इन कांच का टुकड़ा अब्दुल के गले पर रखा और हल्के से चीरते हुए कहा "अब नहीं उतरा तो गला पूरी तरह से चीर दूंगा। उतार हरामखोर।"

डर से सभी लोगों ने कपड़े उतरे। मन्नू बची हुई 7 लड़कियों से हाथ जोड़कर कहा "आप लोग लड़की है। ऐसे नीच लोगों के साथ न रहे। ये लोग आपके साथ क्या क्या कर सकते है आपको पता नहीं। जाइए आप लोग अपने घर और इनका साथ छोड़ दीजिए।"

वह लड़कियां भाग गई। मन्नू ने सभी लड़कों को नंगा कर बाहर ले गया और अनामिका के आने खड़ा किया। अनामिका ने मन्नू की सारी बातें सुनी और वो मन्नू पर गर्व महसूस कर रही थी। मन्नू ने डंडा अनामिका को देते हुए कहा "उठाओ अनामिका और मरो सभी को।"

गुस्से से रोते हुए अनामिका ने सभी को जोर जोर से मारा। विक्की और अब्दुल का मार खाकर बुरा हाल हुआ। मन्नू ने सारे कपड़े इकट्ठा किया और जला दिया।

"उठो कुत्तों आज तुम्हारी इज्जत मैने लूट ली। कैसा लग रहा है इज्जत लूट चुकी है तुम्हारी कमीनो।"

मन्नू की बात सुनकर अनामिका हंस दी। मन्नू अनामिका को देखकर बोला "चलें मेमसाब ? लेकिन जाने से पहले इनकी तस्वीरें तो उतार लो।"

अनामिका ने उन लड़कों की नंगी तस्वीर उतारी। मन्नू बोला "अब जब भी कोई ऐसा गंदा खयाल आया तो याद रहे। पूरी दुनिया को ये तस्वीर दिखाऊंगा। चलो अपने मोबाइल फोन दो।"

मन्नू ने सभी के फोन को तोड़कर फेक दिया और कहा "अब ऐसे नंगे अपने घर जाओ।"

अनामिका मन्नू को लेकर घर की तरफ चल दी। घर पहुंचते ही अनामिका मन्नू से कहा "आपने मेरे लिए अपनी जान पर खेल गए ?"

"अरे मेमसाब। जो रोटी देता है उसकी सारी जिंदगी इज्जत करनी चाहिए। आपके लिए मेरी जान हमेशा हाजिर है। अब जाइए और आराम कीजिए।"

अनामिका रोते हुए बोली "आप हमेशा हमारे साथ रहिए। आपके होने से अब मैं खुद को सुरक्षित मानती हूं।"

"मेमसाब कल का क्या पता। लेकिन मेमसाब एक सलाह देता हूं। आप अच्छे बुरे का अच्छे से चुनाव करे। क्योंकि अब आप ही अपने भविष्य का निर्माता है। खुद का ख्याल रखे।"

"मैं इस बात को याद रखूंगी और इसपर काम करूंगी। Good night."

अनामिका अपने कमरे चली गई और मन्नू भी अपने कमरे चला गया।
Nice update....
 

parkas

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आलीशान घर को देख मन्नू सोच में पड़ गया कि उसे यहां क्यों बुलाया गया। गाड़ी रुकी और गुलाब चाचा मन्नू को लेकर घर के अंदर पहुंचे। घर में एक नौकर से अनामिका के बारे में पूछा तो नौकर दोनों को लेकर घर के पीछे बगीचे में ले गया अनामिका उधर फोन में किसी से बात कर रही थी। बात पूरी होते हो अनामिका ने गुलाब चाचा को जाने को कहा।

फिर तनुजा भी आ पहुंची।

"कैसे है आप मन्नू ?" तनुजा ने पूछा।

"मैं ठीक हूं। एकेपी कैसी है ?"अन्नू ने पूछा।

"मैं ठीक हूं।"

"वैसे मेमसाब आप दोनों ने मुझे यहां क्यों बुलाया ? मेरे समझ में ये नहीं आ रहा।"

"बैठो पहले. सब समझाती हूँ। " तनुजा ने कहा।

मन्नू पास पड़े कुर्सी पर बैठा। वो बस अनामिका को देख रहा था। अनामिका जो इस वक्त व्हाइट शर्ट और ब्लैक स्कर्ट में थी।

तनुजा बात को आगे बढ़ाते हुए बोली "हम चाहते है कि तुम हमारे घर में काम करो।"

मन्नू बोला "माफ करना मेमसाब। लेकिन हम तो एक दूसरे को जानते भी नहीं। और भला एक अजनबी आदमी को घर का काम देना सही नहीं।

अनामिका बोली "देखो मन्नू। आपने जो मेरे लिए किया उसका एहसान मैं नहीं भूलूंगी। आपने मेरी मदद करके न सिर्फ अपने नेक दिल को दिखाया बल्कि एक ईमानदार इंसान खुद को साबित किया। आपने जो किया वो सच में किसी भी औरत के भरोसे को जीतने के लिए काफी है और हमारे घर में ऐसे ईमानदार लोगों को ही जगह दी जाती है। यहां सभी लोग ईमानदार और स्वाभिमान लोग है। आपने जरूर गुलाब चाचा से हमारे बारे में जान लिया होगा।"

मन्नू बोला "मुझपर भरोसा करने के लिए शुक्रिया। आपके बारे में सब जान गया हूं। लगी नसीबदार है कि गुलाब चाचा और उनके जैसे लोगों के साथ आप रहती है। आपके बुरे वक्त में जैसे उन्होंने साथ दिया सच में ईमानदारी आज भी दुनिया में कायम है। लेकिन एक बात बताएं मै यहां की काम कर सकता हूं ?"

"आप हमारे घर में चौकीदारी का काम करें।" अनामिका ने कहा।

"लेकिन वो काम तो cctv कैमरा कर रहा है। मैने सुना है कि अगर कोई मुसीबत आती है तो अलार्म चालू हो जाता है और दो मिनिट में पुलिस आपकी सुरक्षा में आ जाती है।"

"हमे चौकीदार के नाम पर एक ईमानदार आदमी मिल जाएगा। आप सिर्फ नाम के चौकीदार रहेंगे। जबकि आपका काम रहेगा हमारी देखभाल करना। आप घबराइए मत आप यहां सुरक्षित रहेंगे और घर के हर किसी कोने में आपको आने जाने की छूट रहेगी। लेकिन आपसे विनंती है, आप ना मत कहिए।" तनुजा ने कहा।

"मेमसाब घबराइए मत। हम आपके साथ रहेगें लेकिन इससे पहले मैं इस घर का हिस्सा बनू मुझे कोई इस घर कि पूरी जानकारी बता सकता है ?"

तनुजा ने गुलाम चाचा को आवाज दी। गुलाम चाचा को देख मन्नू समझ गया। मन्नू दोनों मेमसाब को नमस्कार किया और गुलाब चाचा के साथ चल दिया।

वैसे इस घर में नौकर कई सारे है लेकिन सिर्फ दो नौकर को हो पूरे घर में घूमने की छूट है

(1) गुलाब चाचा :- उमर 70 साल। दिखने में काले और पतले। वक़रीब 45 साल से ज्यादा इस घर में काम कर चुके है।

(2) कल्लन चाचा :- उमर 68 साल। गुलाब चाचा के गांव से हैऔर उसका दोस्त भी है। वो भी उतने साल से इस घर के वफादार कर्मचारी रहे। दिखने में थोड़े मोटे और तंदुरुस्त। सर पर एक भी बाल नहीं। और दाढ़ी काफी लंबी।

कल्लन और गुलाब चाचा नौकर जरूर है लेकिन वो हमेशा से अनामिका और तनुजा के खास रहे है। अब से मन्नू भी उन दो नौकर की तरह घर का खास बन गया।

गुलाब चाचा ने मन्नू का परिचय कल्लन से करवाया। दोनों में कुछ ही देर में जान पहचान हो गई।

मन्नू उसी दिन से घर में रहने लगा। कल्लन, गुलाब और मन्नू का कमरा घर के निचले हिस्से में है। तीनों का कमरा सुविधा से लैस था। मन्नू रोज सुबह उठाता, घर के चक्कर लगा और बड़े से मैदान में पेड़ पौधों को पानी देता फिर अनामिका का ख्याल रखता। अनामिका वैसे हफ्ते में सोमवार से गुरुवार ही होटल में जाती और बाकी के तीन दिन घर पर रहती। अनामिका घर से होटल का हिसाब किताब रखती। वो घर में हो रहती है। मन्नू को यहां अच्छा लगने लगा।

मन्नू के साथ हमेशा तनुजा अच्छा व्यवहार रखती और हमेशा उसका ख्याल भी रखती। तनुजा वक्त के साथ साथ मन्नू के जिंदगी के बारे में जाना है और उसी वजह से उसके मन में मन्नू के लिए काफी हमदर्दी भी थी। तनुजा ज्यादातर कल्लन चाचा के साथ रहती और खाना बनाना, और नाश्ता बनाने का काम करती।

मन्नू को जैसे शांति महसूस हो रहा था। रात के वक्त मन्नू की आदत रहती घर को अच्छे से देखकर फिर सोने की।

एक दिन की बात थी जब अनामिका को पार्टी में जाना था। तनुजा के कहने पर अनामिका मन्नू को अपने साथ ले गई। मन्नू इस वक्त पुराने कपड़े में था। अनामिका मन्नू को बोली कि वो गाड़ी में ही रहे और उसे वापिस आने में कुछ घंटे लगेंगे। मन्नू मान गया। मन्नू आस पास घूमने चला गया वो भी पैदल। अनामिका अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ पार्टी करने गई थी।

अनामिका का ब्वॉयफ्रेंड था विक्की मल्होत्रा। विक्की एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा हैं जिसको उमर 27 साल को है। अनामिका के साथ 7 साल से रिलेशनशिप में हैं। दोनों जल्द शादी करनेवाले थे। दोनों में शारीरिक संबंध भी लगी अच्छा था।

पार्टी का माहौल था। शराब और डांस में कोई सभी जवान लोग। अनामिका और विक्की दोनों एक दूसरे को बाहों में खोए थे। तभी विक्की के कुछ दोस्त आ गए जिसमें लड़कियां भी थी। विक्की उनके साथ व्यस्त हो गया। अनामिका जैसे अकेले पद गई। अपने फोन में अनामिका ध्यान दे रही थी लेकिन वह भी कुछ काम न आया। अनामिका ने जब फोन बंद किया तो देखा विक्की कहीं नहीं था। अनामिका विक्की को ढूंढते हुए यहां वहां भटकी लेकिन विक्की कहीं दिखा नहीं। आखिर में अनामिका लेडीज वॉशरूम को तरफ बड़ी। रस्ते में एक अंधेरा सा गली था। उस गली से किसी के हंसने की आवाज आई और उसमें विक्की नाम अनामिका को सुनाई दिया। अनामिका हैरत में आकर वहां पहुंचीं। जब अनामिका ने वहां का दृश्य देखा तो उसके जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई। अनामिका ने विक्की को दूसरी लड़की के साथ आपत्ती जनक स्थिति में देखा। दोनों को गलत अवस्था में देख अनामिका जैसे दंग रह गई। अनामिका को देख विक्की जैसे चौक गया। अपनी सच्चाई को रंगे हाथों अनामिका द्वारा पकड़े जाने पर वो डर गया।

अपना डर छुपाते हुए ऊंची आवाज में विक्की पूछा "तुम यहां क्या कर रही हो ? तुम्हे बाहर रहने के लिए कहा था न।"

अनामिका गुस्से से आग बबूला होते हुए बोली "shut up just shut up तो ये कर रहे हो तुम मेरे पीठ पीछे। You bastard."

गुस्से से आगे बढ़कर विक्की ने जोर का थप्पड़ अनामिका के गाल पर मारा और बोला "साली गाली किसको देती है। जानती है कौन हूं मैं।"

"How dare you. तुमने मुझे थप्पड़ मारा ?"

"हां तो ? क्या उखाड़ लेगी मेरा। साली सात साल तक तू मेरे नीचे बिस्तर पर रही। तेरे से ज्यादा दूसरी अच्छी लगी तो उसे भी ला दिया मैने। जवान हूं थोड़े मजे कर लिया तो उसमें क्या गलत है ?"

तभी पीछे से अनामिका को एक लड़के ने बाहों में जकड़ लिया और वो कोई और नहीं विक्की का दोस्त अब्दुल था। अनामिका के साथ जबरजस्ती करने लगा। जबरजस्ती उसे चूम रहा था। अनामिका दूर किया उस लड़के को और जोर का थप्पड़ मारते हुए कहा "तुम सब कितने बेशर्म हो।"

तभी विक्की के दोस्त इकट्ठा हुए और अनामिका पर गंदे गंदे comments डाल रहे थे। दो तीन लड़के उसे छेड़ने लगे। विक्की ने उन सभी को रोकते हुए कहा "अरे मेरी रानी थोड़ा अपनी रंगीन जवानी मेरे दोस्तो को भी दे दे। मजे कर तू। वैसे भी मेरा दोस्त अब्दुल कब से तेरा जवानी चखना चाहता था।"

अब्दुल पीछे से अनामिका के नितंब (ass) पर हाथ घुमाते हुए कहा "चल मेरे साथ। आज तो तुझे अपने farm house में ले जाऊंगा। और तेरी लेकर रहूंगा। साली कितने महीने से तेरी लेने का सोच रहा था। आज तुझे उठाकर ले जाऊंगा।" इतना कहकर अब्दुल अनामिका को उठा लिया और अपनी गाड़ी की तरफ दोस्तो के साथ ले गया। उसके साथ दो और थे। तीनों अनामिका को उठाकर ले जा रहे थे। अनामिका कैसे करके अपने आप को बचाकर बाहर निकली।

बाहर दौड़कर वो गाड़ी के पास आई और देखा मन्नू भी गाड़ी के पास था। मन्नू अनामिका के चेहरे को देखकर हैरान हो गया। आंखों में डर और आंसू दोनों झलक रहा था। अनामिका कांप रही थी। मन्नू ने इस डर का कारण पूछा। अनामिका ने रोते हुए सब कुछ बात दिया। अनामिका की बात सुनकर मन्नू को गुस्सा आया।

मन्नू ने तय कर कर लिया कि वो विक्की और अब्दुल को मरेगा। मन्नू बूढ़ा और वो दोनों जवान। ऐसे में मन्नू की जान को खतरा था। अपनी जान की परवाह किए बिना मन्नू हाथ में डंडा लेकर क्लब के अंदर घुसा। विक्की को सामने देख मन्नू ने जोर से विक्की के पैर पर डंडा मारा। डंडा इतना जोर से लगा कि विक्की जमीन पर गिर गया। मन्नू ने एक और बार जोर से उसी जगह डंडा मारा। दर्द से चिल्लाता विक्की डर गया। इससे पहले कोई कुछ करता कि मन्नू ने कांच की एक बोतल अब्दुल के सिर पर मार दिया। अब्दुल का सिर फटा और खून बहने लगा।

डंडा दिखते हुए मन्नू बोला "साले बड़े घर के छोटे लोग। ऐसे लोग हो तुम ? औरत की इज्जत नहीं करते। क्या सिखाया तुम्हारे मां बाप ने ? हमारी मेमसाब की इज्जत लूटोगे। उस मेमसाब की जिसने मुझे सहारा दिया। अपना माना और मुझे-सम्मान दिया उस मेमसाब के साथ गलत करोगे ? अरे कुत्तों मेरे होते हुए देखता हूं कौन इनके साथ गलत करेगा।"

मन्नू ने फिर दो बार डंडा जोर जोर से विक्की के पैर पर मारा। अब विक्की उठने के काबिल न रहा।

डंडा दिखते हुए मन्नू ने कहा "तुम पांच लड़के लोग उतारो अपने कपड़े। आज तुम्हारी इज्जत मै लौटूंगा। उतारो।" मन्नू जोर दे चिल्लाया।

विक्की और अब्दुल ने कपड़ा नहीं उतरा। गुस्से से मन्नू इन कांच का टुकड़ा अब्दुल के गले पर रखा और हल्के से चीरते हुए कहा "अब नहीं उतरा तो गला पूरी तरह से चीर दूंगा। उतार हरामखोर।"

डर से सभी लोगों ने कपड़े उतरे। मन्नू बची हुई 7 लड़कियों से हाथ जोड़कर कहा "आप लोग लड़की है। ऐसे नीच लोगों के साथ न रहे। ये लोग आपके साथ क्या क्या कर सकते है आपको पता नहीं। जाइए आप लोग अपने घर और इनका साथ छोड़ दीजिए।"

वह लड़कियां भाग गई। मन्नू ने सभी लड़कों को नंगा कर बाहर ले गया और अनामिका के आने खड़ा किया। अनामिका ने मन्नू की सारी बातें सुनी और वो मन्नू पर गर्व महसूस कर रही थी। मन्नू ने डंडा अनामिका को देते हुए कहा "उठाओ अनामिका और मरो सभी को।"

गुस्से से रोते हुए अनामिका ने सभी को जोर जोर से मारा। विक्की और अब्दुल का मार खाकर बुरा हाल हुआ। मन्नू ने सारे कपड़े इकट्ठा किया और जला दिया।

"उठो कुत्तों आज तुम्हारी इज्जत मैने लूट ली। कैसा लग रहा है इज्जत लूट चुकी है तुम्हारी कमीनो।"

मन्नू की बात सुनकर अनामिका हंस दी। मन्नू अनामिका को देखकर बोला "चलें मेमसाब ? लेकिन जाने से पहले इनकी तस्वीरें तो उतार लो।"

अनामिका ने उन लड़कों की नंगी तस्वीर उतारी। मन्नू बोला "अब जब भी कोई ऐसा गंदा खयाल आया तो याद रहे। पूरी दुनिया को ये तस्वीर दिखाऊंगा। चलो अपने मोबाइल फोन दो।"

मन्नू ने सभी के फोन को तोड़कर फेक दिया और कहा "अब ऐसे नंगे अपने घर जाओ।"

अनामिका मन्नू को लेकर घर की तरफ चल दी। घर पहुंचते ही अनामिका मन्नू से कहा "आपने मेरे लिए अपनी जान पर खेल गए ?"

"अरे मेमसाब। जो रोटी देता है उसकी सारी जिंदगी इज्जत करनी चाहिए। आपके लिए मेरी जान हमेशा हाजिर है। अब जाइए और आराम कीजिए।"

अनामिका रोते हुए बोली "आप हमेशा हमारे साथ रहिए। आपके होने से अब मैं खुद को सुरक्षित मानती हूं।"

"मेमसाब कल का क्या पता। लेकिन मेमसाब एक सलाह देता हूं। आप अच्छे बुरे का अच्छे से चुनाव करे। क्योंकि अब आप ही अपने भविष्य का निर्माता है। खुद का ख्याल रखे।"

"मैं इस बात को याद रखूंगी और इसपर काम करूंगी। Good night."

अनामिका अपने कमरे चली गई और मन्नू भी अपने कमरे चला गया।
Bahut hi shaandar update diya hai Hills bhai....
Nice and lovely update....
 

Hills

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अनामिका की भाभी तनुजा

उमर 31 साल


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अनामिका उमर 26 साल


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मन्नू
उमर 71 साल

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गुलाब चाचा

70 साल


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कल्लन चाचा

68 साल

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