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Incest बेटी का हलाला अपने ही बाप के साथ

Ting ting

Ting Ting
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हेलो दोस्तों
मैं एक नयी कहानी शुरू करने जा रहा हूँ. ऊपर नाम से ही आप जान गए होंगे की यह एक incest कहानी होगी.
इस कहानी का मकसद सिर्फ और सिर्फ मनोरजन है. आशा करता हूँ की आप सब लोग इसे इसी नजरिये से पढ़ेंगे और यह कहानी आप सब को बहुत पसंद आएगी
शुक्रिया
 

Ting ting

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दोस्तों मैं एक नई कहानी शुरू कर रहा हूँ. यह कहानी हमारे समाज में व्याप्त एक प्रथा यानि हलाला की है.

इस कहानी का मुख्य पात्र अब्बास अली खान है .और उंसकी आयु 53 साल है। वह पेशे से एक मौलवी है और उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहता है. कद 5 फीट 6 इंच और रंग गेहूंआ है। जिस्म बहुत ही तगड़ा है और चेहरा पर हम मौलवी वाली दाढ़ी है। दिखने में वो एक पहलवान की तरह लगता है. उसके पास पैसा काफ़ी है। आंखों का रंग काला है और बाल सफेद हैं। अब्बास के घर में उसकी बेटी ही हैं। क्योंकि उसकी बीवी एक दुर्घटना में देहांत हो गया था और खुदा का बंदा होने के कारण उसने शादी नहीं की। वो दिन में ५ बार का नमाज़ी है और उसका काम मस्जिद मैं ५ बार नमाज अदा करवाना और किसी की शादी या मौत आदि मैं मौलवी का दाम करना है ।

अब थोड़ा सा उसकी बेटी के बारे मैं भी बता देते हैं.

अब्बास की बेटी का नाम ज़ैनब है. उसकी उम्र लगभग २२ साल की है। वो बहुत ही सुन्दर है और उसका बदन बहुत गोरा और शरीर थोड़ा मोटा और भरा पूरा है. अल्लाह ने उसको बहुत प्यार से बनाया है। खूब मोटे मोटे मुम्मे और बड़े बड़े चूतड़. जिन्हे देख कर तो शायद किसी मुर्दे का भी लौड़ा खड़ा हो जाये। वो दिखने में एकदम मस्त माल है और बहुत नमकीन है। उसका कद 5 फीट 4 इंच है। और होंठ लाल एवं रसीले हैं। उसका बदन भरा हुआ और सेक्सी है। उसके बूब्ज़ और चूतड़ काफ़ी बड़े-बड़े और उभरे हुए हैं। अगर कोई उसको देखता है तो उसके नाम की मुठ जरूर मारेगा और उसको चोदने केलिए तड़पेगा।

अब्बास ने कपड़े पहनने के मामले में कोई पाबंदी नहीं लगाई। वो ज्यादातर जींस टॉप या जींस शर्ट पहनती है और एमए दूसरे साल की छात्रा है। जींस के साथ जब हाई हील के सैंडिल पहनती है तो एक दम सेक्सी माल लगती है। उसकी मोटी गांड, बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ और भरी हुई जांघों को देखकर मुंह से लार टपकने लगती है। उसकी फिगर का साईज 36-30-36 है और बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का गुलाबी है। उसकी गांड और बूब्ज़ काफ़ी भारी हैं और चलते हुए तो उसकी गांड कहर ढाती है। उसके बूब्ज़ और गांड काफ़ी बड़ी है।



अब्बास को उसकी बीवी की मोत के बाद से सेक्स की बहुत कमी हो रही थी.

उसके शरीर में खूब ताकत थी हर रोज उसका लौड़ा खड़ा हो जाता. तो रात कटनी उसे मुश्किल हो जाती थी,

गांव का मौलवी होने के कारण गांव के लोग उसकी बहुत इज्जत करते थे, पर इस कारण वो बेचारा किसी औरत को चोद भी नहीं पाता था।

बस उसके जीवन में एक चुदाई की ही कमी थी।
 
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Napster

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दोस्तों मैं एक नई कहानी शुरू कर रहा हूँ. यह कहानी हमारे मुस्लिम समाज में व्याप्त एक प्रथा यानि हलाला की है.

इस कहानी का मुख्य पात्र अब्बास अली खान है .और उंसकी आयु 53 साल है। वह पेशे से एक मौलवी है और उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहता है. कद 5 फीट 6 इंच और रंग गेहूंआ है। जिस्म बहुत ही तगड़ा है और चेहरा पर हम मुस्लिम मौलवी वाली दाढ़ी है। दिखने में वो एक पहलवान की तरह लगता है. उसके पास पैसा काफ़ी है। आंखों का रंग काला है और बाल सफेद हैं। अब्बास के घर में उसकी बेटी ही हैं। क्योंकि उसकी बीवी एक दुर्घटना में देहांत हो गया था और खुदा का बंदा होने के कारण उसने शादी नहीं की। वो दिन में ५ बार का नमाज़ी है और उसका काम मस्जिद मैं ५ बार नमाज अदा करवाना और किसी की शादी या मौत आदि मैं मौलवी का दाम करना है ।

अब थोड़ा सा उसकी बेटी के बारे मैं भी बता देते हैं.

अब्बास की बेटी का नाम ज़ैनब है. उसकी उम्र लगभग २२ साल की है। वो बहुत ही सुन्दर है और उसका बदन बहुत गोरा और शरीर थोड़ा मोटा और भरा पूरा है. अल्लाह ने उसको बहुत प्यार से बनाया है। खूब मोटे मोटे मुम्मे और बड़े बड़े चूतड़. जिन्हे देख कर तो शायद किसी मुर्दे का भी लौड़ा खड़ा हो जाये। वो दिखने में एकदम मस्त माल है और बहुत नमकीन है। उसका कद 5 फीट 4 इंच है। और होंठ लाल एवं रसीले हैं। उसका बदन भरा हुआ और सेक्सी है। उसके बूब्ज़ और चूतड़ काफ़ी बड़े-बड़े और उभरे हुए हैं। अगर कोई उसको देखता है तो उसके नाम की मुठ जरूर मारेगा और उसको चोदने केलिए तड़पेगा।

अब्बास ने कपड़े पहनने के मामले में कोई पाबंदी नहीं लगाई। वो ज्यादातर जींस टॉप या जींस शर्ट पहनती है और एमए दूसरे साल की छात्रा है। जींस के साथ जब हाई हील के सैंडिल पहनती है तो एक दम सेक्सी माल लगती है। उसकी मोटी गांड, बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ और भरी हुई जांघों को देखकर मुंह से लार टपकने लगती है। उसकी फिगर का साईज 36-30-36 है और बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का गुलाबी है। उसकी गांड और बूब्ज़ काफ़ी भारी हैं और चलते हुए तो उसकी गांड कहर ढाती है। उसके बूब्ज़ और गांड काफ़ी बड़ी है।



अब्बास को उसकी बीवी की मोत के बाद से सेक्स की बहुत कमी हो रही थी.

उसके शरीर में खूब ताकत थी हर रोज उसका लौड़ा खड़ा हो जाता. तो रात कटनी उसे मुश्किल हो जाती थी,

गांव का मौलवी होने के कारण गांव के लोग उसकी बहुत इज्जत करते थे, पर इस कारण वो बेचारा किसी औरत को चोद भी नहीं पाता था।

बस उसके जीवन में एक चुदाई की ही कमी थी।
कहानी का प्रारंभ बहुत ही मस्त और बढिया हैं भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ting ting

Ting Ting
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रात को खाना खाकर अब्बास अपने रूम में बैठा कोई मजहबी किताब पढ़ रहा था और ज़ैनब रूम में दूध लेकर आ गई। उसने अपनी अम्मी की लाल साड़ी पहनी हुई थी जो अब्बास को बहुत पसंद थी। वो हमारी शादी की पहली सालगिरह पहन कर मेरे सामने आई थी। वो साड़ी बहुत झीनी है और उसके पल्ले से पेट साफ दिखाई देता है। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला है और आगे से गला बहुत गहरा है. (हालाँकि हम मुसलमान लोग साड़ी नहीं पहनते पर बंगाल के उस इलाके में सभी लोग साड़ी पहनते हैं.

ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं और आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। ज़ैनब को उस साड़ी में देख कर एक बार तो अब्बास को लगा कि सामने उसकी बीवी खड़ी है। उस दिन अब्बास ने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ उसकी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। वो सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। ज़ैनब सामने खड़ी थी लेकिन अब वो उसे अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।

उसका मन कर रहा था की काश वो अपनी बेटी को चोद पाता।

पर उसे पता था की वो दोनों बाप बेटी हैं और इस तरह का सम्बन्ध उन दोनों के बीच में संभव ही नहीं है. अब्बास सोचने लगा की इस से पहले की उसका खड़ा लौड़ा उसके दिमाग को हरा दे और वो कोई गलत कदम उठा न बैठे, इस लिए उसे अपनी बेटी की शादी कर देनी चाहिए.

अगले दिन से उसने बेटी के लिए लड़का देखने का काम शुरू कर दिया.

किस्मत से उसी गांव में एक दूसरी मस्जिद थी जिस में उस्मान नाम का एक नौजवान लड़का मौलवी का काम करता था. उस्मान काफी शरीफ था और दीन की भी अच्छा जानकर था. मौलवी होने के कारण उसे मस्जिद की तनखाह के इलावा लोगे की मौत, शादी आदि का भी काम मिल जाता था जिस से उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी.

अब्बास को लगा की उस्मान उसकी बेटी के लिए एक अच्छा वर हो सकता है. क्योंकि एक तो वो उसी गांव में था उसे अपनी बेटी को भी देखने मिलने में आसानी होगी क्योंकि आखिर बीवी की मोत के बाद उसका दुनिया में कोई था तो उसकी जैनब बेटी ही थी.

हालाँकि उस्मान शरीर से कोई ख़ास तगड़ा नहीं था , वो काफी पतला सा था पर ऊपर वाली सारी बातें सोच कर , उसने उस्मान से अपनी बेटी जैनब की शादी कर दी,

ज़ैनब की शादी के बाद कुछ दिन तो ठीक ठाक बीते , पर अब्बास और ज़ैनब को यह पता नहीं था की उन का दामाद मौलवी उस्मान चोरी छुपे शराब पीने का शौकीन है.

एह बात तो ज़ैनब को अपनी सुहागरात के दिन ही पता चल गयी जब उस का शौहर उस्मान शराब के नशे में उस से सुहागरात मनाने आया.
 

Motaland2468

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रात को खाना खाकर अब्बास अपने रूम में बैठा कोई मजहबी किताब पढ़ रहा था और ज़ैनब रूम में दूध लेकर आ गई। उसने अपनी अम्मी की लाल साड़ी पहनी हुई थी जो अब्बास को बहुत पसंद थी। वो हमारी शादी की पहली सालगिरह पहन कर मेरे सामने आई थी। वो साड़ी बहुत झीनी है और उसके पल्ले से पेट साफ दिखाई देता है। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला है और आगे से गला बहुत गहरा है. (हालाँकि हम मुसलमान लोग साड़ी नहीं पहनते पर बंगाल के उस इलाके में सभी लोग साड़ी पहनते हैं.

ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं और आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। ज़ैनब को उस साड़ी में देख कर एक बार तो अब्बास को लगा कि सामने उसकी बीवी खड़ी है। उस दिन अब्बास ने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ उसकी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। वो सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। ज़ैनब सामने खड़ी थी लेकिन अब वो उसे अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।

उसका मन कर रहा था की काश वो अपनी बेटी को चोद पाता।

पर उसे पता था की वो दोनों बाप बेटी हैं और इस तरह का सम्बन्ध उन दोनों के बीच में संभव ही नहीं है. अब्बास सोचने लगा की इस से पहले की उसका खड़ा लौड़ा उसके दिमाग को हरा दे और वो कोई गलत कदम उठा न बैठे, इस लिए उसे अपनी बेटी की शादी कर देनी चाहिए.

अगले दिन से उसने बेटी के लिए लड़का देखने का काम शुरू कर दिया.

किस्मत से उसी गांव में एक दूसरी मस्जिद थी जिस में उस्मान नाम का एक नौजवान लड़का मौलवी का काम करता था. उस्मान काफी शरीफ था और दीन की भी अच्छा जानकर था. मौलवी होने के कारण उसे मस्जिद की तनखाह के इलावा लोगे की मौत, शादी आदि का भी काम मिल जाता था जिस से उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी.

अब्बास को लगा की उस्मान उसकी बेटी के लिए एक अच्छा वर हो सकता है. क्योंकि एक तो वो उसी गांव में था उसे अपनी बेटी को भी देखने मिलने में आसानी होगी क्योंकि आखिर बीवी की मोत के बाद उसका दुनिया में कोई था तो उसकी जैनब बेटी ही थी.

हालाँकि उस्मान शरीर से कोई ख़ास तगड़ा नहीं था , वो काफी पतला सा था पर ऊपर वाली सारी बातें सोच कर , उसने उस्मान से अपनी बेटी जैनब की शादी कर दी,

ज़ैनब की शादी के बाद कुछ दिन तो ठीक ठाक बीते , पर अब्बास और ज़ैनब को यह पता नहीं था की उन का दामाद मौलवी उस्मान चोरी छुपे शराब पीने का शौकीन है.

एह बात तो ज़ैनब को अपनी सुहागरात के दिन ही पता चल गयी जब उस का शौहर उस्मान शराब के नशे में उस से सुहागरात मनाने आया.
Congratulations for new story.bhai story me usmaan ki maa or shadishuda behan bhi add karo plz
 

Napster

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रात को खाना खाकर अब्बास अपने रूम में बैठा कोई मजहबी किताब पढ़ रहा था और ज़ैनब रूम में दूध लेकर आ गई। उसने अपनी अम्मी की लाल साड़ी पहनी हुई थी जो अब्बास को बहुत पसंद थी। वो हमारी शादी की पहली सालगिरह पहन कर मेरे सामने आई थी। वो साड़ी बहुत झीनी है और उसके पल्ले से पेट साफ दिखाई देता है। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला है और आगे से गला बहुत गहरा है. (हालाँकि हम मुसलमान लोग साड़ी नहीं पहनते पर बंगाल के उस इलाके में सभी लोग साड़ी पहनते हैं.

ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं और आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। ज़ैनब को उस साड़ी में देख कर एक बार तो अब्बास को लगा कि सामने उसकी बीवी खड़ी है। उस दिन अब्बास ने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ उसकी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। वो सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। ज़ैनब सामने खड़ी थी लेकिन अब वो उसे अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।

उसका मन कर रहा था की काश वो अपनी बेटी को चोद पाता।

पर उसे पता था की वो दोनों बाप बेटी हैं और इस तरह का सम्बन्ध उन दोनों के बीच में संभव ही नहीं है. अब्बास सोचने लगा की इस से पहले की उसका खड़ा लौड़ा उसके दिमाग को हरा दे और वो कोई गलत कदम उठा न बैठे, इस लिए उसे अपनी बेटी की शादी कर देनी चाहिए.

अगले दिन से उसने बेटी के लिए लड़का देखने का काम शुरू कर दिया.

किस्मत से उसी गांव में एक दूसरी मस्जिद थी जिस में उस्मान नाम का एक नौजवान लड़का मौलवी का काम करता था. उस्मान काफी शरीफ था और दीन की भी अच्छा जानकर था. मौलवी होने के कारण उसे मस्जिद की तनखाह के इलावा लोगे की मौत, शादी आदि का भी काम मिल जाता था जिस से उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी.

अब्बास को लगा की उस्मान उसकी बेटी के लिए एक अच्छा वर हो सकता है. क्योंकि एक तो वो उसी गांव में था उसे अपनी बेटी को भी देखने मिलने में आसानी होगी क्योंकि आखिर बीवी की मोत के बाद उसका दुनिया में कोई था तो उसकी जैनब बेटी ही थी.

हालाँकि उस्मान शरीर से कोई ख़ास तगड़ा नहीं था , वो काफी पतला सा था पर ऊपर वाली सारी बातें सोच कर , उसने उस्मान से अपनी बेटी जैनब की शादी कर दी,

ज़ैनब की शादी के बाद कुछ दिन तो ठीक ठाक बीते , पर अब्बास और ज़ैनब को यह पता नहीं था की उन का दामाद मौलवी उस्मान चोरी छुपे शराब पीने का शौकीन है.

एह बात तो ज़ैनब को अपनी सुहागरात के दिन ही पता चल गयी जब उस का शौहर उस्मान शराब के नशे में उस से सुहागरात मनाने आया.
बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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