Update 01
" भावेश ! ओ भावेश तू तैयार हुआ की नही ? "
भावेश तैयार बैठा था । लेकिन बिस्तर पर बैठ कर मुंह लटका कर बैठा था नजाने किस सोच में इतना खोया हुआ था उसे पुकारे जाने का जारा भी उसे सुनाई नही दे रहा था ।
कमरे के दरवाजे पे खट खट हुई फिर किसी की आने की आवाज हुई लेकिन भावेश को भनक भी नहीं लगा । जब किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर हिला के पुकारा भावेश ।
तब जा के उसकी तंद्रा टूटी और नजर उठा कर उसने देखा कि सामने उसकी बुआ नीलम खड़ी हे जो उसे देख कर कर कुछ समझने की कशिश कर रही हे ।
" भावेश क्या हुआ आज के दिन तू ऐसे मुंह लटका के बैठा हे । क्या हुआ तुझे कोई परेशानी है क्या ? "
" हूं ! नही नहीं कोई परेशानी नही हे । मुझे क्या परेशानी होगी । आप लोग तैयार हुऐ ? " भावेश ने फिकी मुस्कान दे कर बोला और उठ खड़ा हुआ ।
" नही मुझसे झूठ मत बोल बुआ हूं तेरी सब समझती हूं । बोल क्या बात हे क्या परेशानी है तुझे बोल "
" अरे नही बुआ ऐसी कोई बात नही है । में बस काम की बातों में कुछ सोच रहा था । चलिए आप लोग तैयार हुए तो । "
भावेश अपनी बुआ की बातों से बचने के लिए जल्दबाजी में कमरे से निकल गया । उसकी बुआ समझ गई थी भावेश किस बात से परेशान है लेकिन वक्त की नजाकत देख कर उसने भी ताल दिया और भावेश के पीछे पीछे चल दी ।
कूची वक्त में भावेश के परिवार वाले घर के बहार खड़ी इनोवा कार में खासा खस बैठ कर कही चले गए । कुछ आधे पौने घंटे भर में वो लोग गंतव्य स्थान पर पोहोच गए ।
भावेश और उनके परिवार वाले कार से उतरे सामने एक खूबसूरत सा घर था जिसमे फूलों बागिसा सौन्दर्य को बढ़ा रही थी । और घर के द्वार में ही एक अधेड़ उम्र की आदमी और एक अधेड़ उम्र की औरत खड़ी थी जिनके चेहरे पे अभ्यर्थना मुस्कान थी ।
" आईए आईए हम लोग आप लोगो का ही राह देख रहे थे ।" आदमी ने हाथ जोड़ कर नमस्कार देते हुऐ बोला ।
" भाई साहब बुरा मत मानिएगा हम भी आने में जल्दबाजी कर दी काल रात को ऐसे ही फोन पर सुसना दे के चले आए " भावेश की मां उमा ने नमस्कार देती हुई मुस्कुराते हुए बोली ।
" आरे बहन जी इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है आप हमारे मेहमान है । आईए ना अंदर । " सामने खड़ी औरत ने कहा
उन दोनो ने अंदर जाने का रास्ता दिया और भावेश के परिवार वाले अंदर चले गए फिर अनलोगो को एक रूम में तसरीफ जमाने को दिया गया । भावेश को एक सुगंध आया सायेद रूम फ्रेशनार की मेहेक थी जो उसे भा गया ।
शुरुवात हुई परिशय से । जिसमे दोनो परिवारो की औरते बातों बातों में बातों खींचते हुए बक बक शुरू कर दिए । तभी एक औरत सबके लिए पानी पी कर आई ।
" जी आप लोग पानी लीजिए " उसने पानी का ट्रे टेबल पर रख कर बोली । और पास ही के काऊस पर बैठ गई ।
" ये मेरी छोटी बहन है कामिनी । " आदमी ने परिशय करवाया गया ।
और ऐसे ही बातें शुरू हुई । कुछ देर बाद भावेश की भी सथिक से परिशय करवा दिया गया सामने वाले परिवार से । और कुछ देर बाद कामिनी अंदर चली गई ।
भावेश का दिल जोरो से धड़कने लगा । वो समझ गया वो लम्हा आखिर आ ही गया । उसके मन में व्हाटचैप पर देखी फोटो की खयाल आने लगा और एक दर भी जो हमेशा से होते आया है । और जैसे जैसे वक्त गुजरता गया उसकी दिल की धड़कन बढ़ते गया ।